Download Solved CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Set 5 2019 PDF to understand the pattern of questions asks in the board exam. Know about the important topics and questions to be prepared for CBSE Class 9 Hindi B board exam and Score More marks. Here we have given Hindi B Sample Paper for Class 9 Solved Set 5.
Board – Central Board of Secondary Education, cbse.nic.in
Subject – CBSE Class 9 Hindi B
Year of Examination – 2019.
Solved CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Set 5
हल सहित
सामान्य निर्देश :
- इस प्रश्न-पत्र में चार खण्ड है – क, ख, ग, घ ।
- चारों खण्डों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव प्रत्येक खण्ड के क्रमशः उत्तर दीजिए |
खण्ड ‘क’ : अपठित बोध
1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
पश्चिमी दृष्टिकोण वाले लोग सह-शिक्षा के प्रबल समर्थक हैं। पश्चिमी शिक्षाशास्त्रियों का कहना है, “ठीक है, हम मानते हैं कि छात्र-छात्राओं में यौन आकर्षण होता है, किन्तु वह कोई बुरी बात नहीं। वह तो एक महान शक्ति है, जिसका सदुपयोग कर छात्र-छात्राओं में स्पर्धा उत्पन्न करके शिक्षा के श्रेष्ठतर परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। विशेषकर इसलिए कि विद्यार्थी जीवन में स्पर्धा भावना उग्र होती है। इसी का उपयोग करके हम परीक्षा प्रतियोगिता, भाषा-प्रतियोगिता, खेलकूद-प्रतियोगिता का आयोजन करते हैं। निस्संदेह प्रतियोगिता के जोश में विद्यार्थी जितनी शानदार सफलताएँ प्राप्त करते हैं, साधारण स्थिति में उससे बहुत कम ही प्राप्त करते हैं। कई बार लड़के-लड़कियों के लिए तथा लड़कियाँ-लड़कों के लिए अधिक सहायक व लाभकारी सिद्ध होती हैं। इस दृष्टि से भी सहशिक्षा लाभकारी है। लड़के और लड़कियों के हृदय में कभी कभी नकारात्मक भावनाएँ भी होती हैं, जो स्वस्थ समाज के लिए हानिकारक हो सकती हैं। सहशिक्षा से इससे बचा जा सकता हैं।”
(क) सहशिक्षा का समर्थन कौन करते हैं?
(ख) शिक्षा के बेहतर परिणाम कैसे प्राप्त किये जा सकते हैं?
(ग) विद्यार्थी सफलताएँ कब प्राप्त करते हैं?
(घ) स्वस्थ समाज के लिए हानिकारक क्या हो सकता है?
(ड) ‘सहशिक्षा’ का क्या अर्थ है?
उत्तर-
(क) पशिचमी विचारधारा के लोग सह-शिक्षा का समर्थन करते हैं।
(ख) छात्र-छात्राओं में स्पर्धा उत्पन्न करके शिक्षा के बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।
(ग) प्रतियोगिता के जोश में विद्यार्थी शानदार सफलताएँ प्राप्त करते हैं।
(घ) लड़के-लड़कियों के हृदय में कभी-कभी नकारात्मक भावनाएँ भी होती हैं, जो स्वस्थ समाज के लिए हानिकारक हो सकती हैं।
(इ) लड़के लड़कियों का साथ-साथ पढ़ना।
2. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
एक दिन नारद
गए विष्णु लोक,
बोले भगवान से,
देखा किसान को
दिन भर में तीन बार
नाम उसने लिया है।”
बोले विष्णु-“नारद जी,
आवश्यक दूसरा
एक काम आया है,
तुम्हें छोड़कर कोई
और नहीं कर सकता।
साधारण विषय यह
बाद को विवाद होगा,
तब तक यह आवश्यक कार्य पूरा कीजिए,
तेल पात्र यह
लेकर प्रदक्षिणा कर आइए भूमंडल की।
ध्यान रहे सविशेष
एक बूंद भी इससे
तेल न गिरने पाए।
(क) नारद जी कहाँ गए थे?
(ख) विष्णु जी ने नारद को क्या काम सौंपा?
(ग) विष्णु जी ने नारद जी को क्या आगाह किया?
उत्तर-
(क) नारद जी विष्णु लोक गए थे।
(ख) विष्णु जी ने नारद जी को तेल का पात्र लेकर भूमण्डल की प्रदक्षिणा करके आने को कहा।
(ग) विष्णु जी ने नारद जी को आगाह किया कि तेल-पात्र में से एक बूंद भी न गिरने पाए।
3. (क) निम्नलिखित शब्दों का वर्ण-विच्छेद कीजिए-
(i) विज्ञापित
(ii) उज्ज्वल
(ख) निम्नलिखित शब्दों में से अनुस्वार के उचित प्रयोग वाले शब्द छाँटकर लिखिए- 1
(i) चंचल
(ii) वीरांगना
(iii) कहा
(iv) पडितं
(ग) निम्नलिखित शब्दों में उचित स्थान पर लगे अनुनासिक चिह्नों के प्रयोग वाले शब्द छाँटिए-
(i) वस्तुएँ
(ii) आँख
(iii) गगाँ
(iv) दिनार्को
(घ) निम्न शब्दों में उचित स्थान पर लगे नुक्तों के प्रयोग वाले शब्द लिखिए-
(i) शराफ़त
(ii) चीजें
(iii) काफिला
(iv) चीजें
उत्तर-
(क) (i) व् + इ + ज् + उ + आ + प् + इ + त + अ
(ii) उ + ज् + ज् + व् + अ + ल् + अ
(ख) चंचल, वीरांगना
(ग) वस्तुएँ, आँख।
(घ) काफ़िला, चीजें।
4. (क) निम्नलिखित शब्दों में से उपसर्ग व मूलशब्द को अलग-अलग कीजिए-
(i) अनाधिकार
(ii) प्रत्यक्ष
(ख) निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त प्रत्यय व मूलशब्द को अलग-अलग कीजिए-
(i) खटास
(ii) पंजाबी
उत्तर-
(i) प्रति + अक्ष
(क) (i) अन + अधिकार
(ख) (i) मूलशब्द-खट्टा प्रत्यय-आस
(ii) मूलशब्द-पंजाब प्रत्यय-इ
5. (क) निम्नलिखित शब्दों का संधि-विच्छेद कीजिए-
(i) सचिवालय
(ii) महाशय
(ख) निम्नलिखित शब्दों में संधि कीजिए
(i) वयः + वृद्ध
(ii) वधू + ऊर्मि।
(ग) निम्नलिखित वाक्यों में उचित विराम चिह्न लगाकर लिखिए-
(i) देखा मैंने हाथ पाँव मारे तो डूबने से बच गया
(i) भई वाह इस बार तो तुम बी एस सी में प्रथम आ गए
(ii) क्या पियोगे चाय या ठंडा शरबत
उत्तर-
(क) (i) सचिव + आलय
(i) महा + आशय
(ख) (i) वयोवृद्ध
(ii) वधूर्मि
(ग) (i) देखा, मैंने हाथ-पाँव मारे तो डूबने से बच गया।
(ii) भई वाह! इस बार तो तुम बी. एस-सी. में प्रथम आ गए।
(iii) क्या पियोगे-चाय या ठंडा शरबत?
खण्ड ‘ग’ : पाठ्यपुस्तक व पूरक पाठ्यपुस्तक
6. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) गाँधी जी से ‘यंग इण्डिया’ के सम्पादक बनने की प्रार्थना क्यों की गयी थी?
(ख) कीचड़ की सुन्दरता का वर्णन कीजिए।
(ग) गोधूलि किस धूल को कहते हैं?
उत्तर-
(क) गाँधी जी से ‘यंग इण्डिया’ के सम्पादक बनने की प्रार्थना इसलिए की थी, क्योंकि हानीमैन को देश-निकाला देने के बाद साप्ताहिक के लिए निकालने वालों की कमी रहने लगी थी। गाँधी जी भी अंग्रेजों के विरुद्ध लिखना चाहते थे। इसलिए उन्होंने इस प्रार्थना को स्वीकार कर लिया।
(ख) नदी के किनारे कीचड़ सूखकर उसके टुकड़े हो जाते हैं। टेढ़े होने पर सुखाए हुए खोपरे जैसी नदी होती है। नदी किनारे मीलों तक एक-सा फैला हुआ चिकना कीचड़। सूख जाने पर बगुले व अन्य पक्षियों के उस पर चलने के कारण उनके पद चिहन उस पर अंकित हो जाते हैं।
(ग) गाय और ग्वालों के पैरों से उड़ने वाली धूल को गोधूलि कहते हैं।
7. इस कहानी (दुःख का अधिकार) में लेखक ने हमारी किन कुरीतियों और कुसंस्कारों की ओर संकेत किया है?
उत्तर-
लेखक ने इस कहानी में समाज की कुछ कुरीतियों की ओर संकेत किया है। जैसे-यदि किसी के यहाँ मृत्यु का सूतक (पातक) हो तो उसे काम नहीं करना चाहिए। उसके हाथ से चीज भी नहीं खरीदनी चाहिए क्योंकि उसके स्पर्श से वस्तु दूषित हो जाती है, और खाने वाले का ईमान-धर्म नष्ट हो जाता है। लेखक ने समाज के इस कुसंस्कार का भी संकेत किया है कि झाड़-फूक करने वाले। ओझा को पूजा के नाम पर बहुत दान-दक्षिणा दे दी जाती है, भले ही घर में कुछ भी शेष न रहे। इसी प्रकार हाथ के गहने तक बेचकर मुर्दे के लिए कफन खरीदना पड़े इसे भी लेखक कुरीति मानता है वैसे गरीब विवश लोगों के प्रति घृणा की भावना और उन्हें नीच या कमीना कहना स्वयं में एक बहुत बड़ा कुसंस्कार है। लेखक ने इसका संकेत भी दिया
अथवा
“देश और दुनिया को मुग्ध करके शुक्र तारे की तरह अचानक अस्त हो गए।” का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
आकाश में अगणित तारे होते हैं, पर उनके बीच शुक्र तारा अलग ही अपनी चमक बिखेरता है। इसे चन्द्रमा का साथी माना गया है। शुक्र तारे की चमक का वर्णन कवियों द्वारा भी किया गया है। यह तारा कुल मिलाकर सुबह शाम में घंटे-दो-घंटे ही दिखता है, ठीक इसी तरह महादेव भाई भी स्वतंत्रता की प्रभात बेला में अपने कार्य एवं मधुर व्यवहार से लोगों के बीच लाड़ले बन गए थे। गाँधी जी के लिए वे सारे कार्य करते रहते थे। वे गाँधी जी तथा लोगों के दिलों में अपनी जगह बना चुके थे। उनकी असमय मृत्यु से विशेषकर गाँधी जी दुःखी थे। शुक्र तारे की तरह कम समय में ही अपने व्यवहार से सबको प्रभावित करते हुए अस्त हो गए।
8. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) नए बसते इलाके में कवि रास्ता क्यों भूल जाता है?
(ख) रहीम ने सागर जल की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है?
(ग) एक को साधने का क्या अर्थ है? रहीम के दोहे के अनुसार लिखिये।
उत्तर-
(क) नए निर्माण होते इलाके में कवि के रास्ता भूलने का कारण है-इन इलाकों में हर रोज नए-नए निर्माण होना, नए इलाके बसना तथा बनाए गए निशानों का न मिलना। अर्थात् कवि नए परिवर्तन के कारण रास्ता भूल जाता है।
(ख) रहीम ने सागर के जल को व्यर्थ इसलिए कहा है, क्योंकि यह पीने के काम नहीं आता। सागर में अथाह जल होने पर भी लोग प्यासे मरते हैं। इसकी तुलना में पंकजल गंदा होते हुए भी इसलिए धन्य है, क्योंकि इसे पीकर छोटे-छोटे जीवों की प्यास बुझती है। इस प्रकार यह जल उपयोगी है जबकि सागर के जल का कोई उपयोग नहीं
(ग) एक को साधने का अर्थ है किसी एक पर विश्वास करके कार्य करना अर्थात् ईश्वर को मूल मानकर उनकी साधना करना।
9. ‘खूशबू रचते हैं हाथ’ कविता को लिखने का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर-
सौंदर्य की सृष्टि करने वालों का अभावग्रस्त जीवन, खुशबू रचने वाले हाथ गंदी बस्तियों में रहने पर मज़बूर, समाज निर्माण में योगदान देने वाले लोग उपेक्षित। –
व्याख्यात्मक हल : इस कविता को लिखने का कवि का मुख्य उद्देश्य है-निम्न वर्ग की सामाजिक व्यवस्था की दयनीय दशा को उभारना। इस वर्ग की विशेष देखभाल हो, उपेक्षा नहीं होनी चाहिए। सबका ध्यान इस ओर आकर्षित किया जाए, ठोस सरकारी कदम उठाने चाहिए, ताकि यह वर्ग भी स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सके।
अथवा
प्रसाद लेकर मंदिर के द्वार पर पहुँचने पर सुखिया के पिता को क्या सुनाई दिया?” एक फूल की चाह’ कविता के आधार पर लिखिए।
उत्तर-
सुखिया की इच्छा को पूरा करने के लिए उसका पिता पुजारी से प्रसाद लेकर जैसे ही मंदिर के द्वार पर पहुँचा उसे कुछ लोगों ने पहचान लिया। उसे अपशब्द कहे, मारापीटा और सात दिन जेल की सजा भी दिलवाई। यह कविता भारत में व्याप्त छुआछूत, अस्पृश्यता ‘ की समस्या को उजागर करती है। सुखिया मर गई और उसका पिता अंतिम समय अपनी बेटी को गोद में भी न ले सका।
10. “मैं चलता हूँ अब आपकी बारी है” सरदार पटेल के इस कथन का पाठ के सन्दर्भ में आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
पटेल को साबरमती जेल ले जाया जा रहा था। सत्याग्रह कर वह जेल जा रहे हैं। सभी को सत्याग्रह के मार्ग पर चलने की प्रेरणा ।
व्याख्यात्मक हल :
पटेल को अंग्रेज सरकार ने कानून तोड़ने के अपराध में तीन माह की सजा सुनाई। पटेल दांडी मार्च कार्यक्रम के प्रमुख नेताओं में से थे। वे सक्रिय कार्यकर्ता थे। गिरफ्तारी के कारण उनका जन अभियान रुक गया था। अब यह काम आश्रमवासियों तथा गाँधी को करना था। इसलिए पटेल ने ऐसा कहा।
अथवा
लेखक को दयानंद के जीवन की कौन-सी घटनाएँ रोमांचक लगती थीं?
उत्तर-
जब लेखक दयानन्द के जीवन से सम्बन्धित पुस्तकें पढ़ते थे तो भावविभोर हो जाते थे। उनके जीवन की दो रोचक घटनाओं को पढ़कर काफी प्रभावित हुए, जैसे-चूहे को। भगवान का भोग खाते देखकर मान लेना कि मूर्तियाँ भगवान नहीं होतीं, घर छोड़कर भाग जाना, जगह-जगह साधु बनकर घूमना, तीर्थ यात्रा के बहाने ईश्वर की खोज में भटकना। उन्होंने सामाजिक रूढ़ियों (रीति रिवाजों) का भारी विरोध किया। सत्य की खोज आदि बातों ने लेखक को बहुत प्रभावित किया।
अथवा
हामिद खाँ लेखक की बातों से क्यों प्रभावित हुआ? आपने दोनों के परस्पर प्रेम प्रदर्शन से क्या शिक्षा ग्रहण की है? ‘हामिद खाँ’ पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर-
लेखक एक हिन्दू होकर मुसलमान के ढाबे में खाना खाने को तैयार था, जिससे हामिद प्रभावित हुआ। जब लेखक ने बताया कि उसके यहाँ हिन्दू-मुसलमान में कोई अन्तर नहीं है तथा सभी मिलजुल कर रहते हैं, तो और स्नेह दिखाने लगा। (शेष छात्र स्वयं)
व्याख्यात्मक हल :
लेखक के हिन्दू होकर मुसलमान ढावे में खाना खाने के लिए आने से हामिद प्रभावित था तथा जब लेखक ने बताया कि उनके यहाँ हिन्दू-मुसलमान मिल-जुलकर रहते हैं। और बढ़िया चाय या बढ़िया पुलाव के लिए मुसलमानी होटल में खाना खाते हैं। वे एक-दूसरे के तीज-त्यौहार में शामिल होते हैं और उनमें दंगे न के बराबर होते हैं तथा भारत में मुसलमानों द्वारा पहली मस्जिद का निर्माण भी उनके राज्य में ही हुआ, तो यह सब सुनकर वह और स्नेह दिखाने लगा। उसने लेखक को प्रेमपूर्वक खाना खिलाया तथा खाने के पैसे भी लेखक को यह कहकर लौटा दिए कि वह अपने मुल्क जाकर किसी मुसलमानी होटल में इन पैसों का पुलाव खा लें। इस तरह उन दोनों के प्रेम प्रदर्शन से हमें यह शिक्षा मिलती है, कि हिन्दू मुसलमान सब एक हैं, हमें आपस में प्रेम और भाईचारे की भावना के साथ मिलजुल कर रहना चाहिए। सभी धर्मों का आदर करना चाहिए।
खण्ड ‘घ’ : लेखन
11. दिए गए संकेत बिन्दुओं के आधार पर किसी एक विषय पर लगभग 80 से 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए-
(क) प्रात:कालीन भ्रमण
(i) सैर करना शारीरिक व मानसिक रूप से स्वास्थ्यवर्धक
(ii) पेड़-पौधों द्वारा शुद्ध वायु प्राप्त (ऑक्सीजन) प्राप्त होना
(iii) भ्रमण द्वारा कई बीमारियाँ दूर होना
(iv) प्रकृति की सुंदरता को महसूस करना
(ख) परीक्षा के कठिन दिन
(i) परीक्षा-सुन्दर भी, कठिन भी
(ii) परीक्षार्थी के योग्यता स्तर की जाँच करने वाला प्रत्यक्ष प्रमाण
(iii) समय का सदुपयोग करना
(iv) लक्ष्य की प्राप्ति
(ग) मेट्रो रेल-महानगरीय जीवन का सुखद सपना
(i) यातायात व्यवस्था में क्रांति
(ii) मेट्रो रेल का विस्तार
(iii) भारत का विश्वस्तरीय पब्लिक सिस्टम
उत्तर
(क) प्रात:कालीन भ्रमणा
प्रात:काल की सैर शरीर में नवचेतना व स्फूर्ति का संचार करती है। शारीरिक व मानसिक दोनों ही रूपों में यह स्वास्थ्यवर्धक है। चिकित्साशास्त्रियों की राय है कि बीमार, वृद्ध तथा अन्य लाचार व्यक्ति यदि व्यायाम के अन्य रूपों को नहीं अपना पाते हैं तो वे प्रात: काल की सैर कर अपना काम चला सकते हैं। इस सैर से शरीर के बिगड़े हुए आन्तरिक अवयवों को सही ढंग से कार्य करने में बहुत मदद मिलती है। शहरों एवं महानगरों में सुबह सवेरे की सैर के लिए जगह-जगह पर हरे-भरे पेड़-पौधों से युक्त पार्क बनाए गए हैं। जहाँ पर पार्क की सुविधा नहीं होती है वहाँ लोग सड़कों के किनारे पर लगे वृक्षों के समीप से होकर टहलते हैं। गाँवों में इस प्रकार की समस्या नहीं होती है। वहाँ शहरों की भाँति मोटरगाड़ियाँ नहीं होतीं; अत: जिस ओर निकल जाएँ, उधर ही शुद्ध वायु प्राप्त होती है।
सभी जानते हैं कि हमारे लिए ऑक्सीजन बहुत महत्वपूर्ण है। दिन के समय तो मोटरगाड़ियों आदि के धुएँ से मिलकर वायु प्रदूषित हो जाती है। दोपहर व अन्य समय में शुद्ध ऑक्सीजन का मिलना दुष्कर होता जा रहा है। अत: प्रात:काल सर्वथा उपयुक्त होता है। प्रातः भ्रमण से मनुष्य अधिक मात्रा में शुद्ध ऑक्सीजन ग्रहण करता है। इससे शरीर में उत्पन्न अनेक विकार स्वत: ही दूर हो जाते हैं। साथ-ही-साथ शरीर की माँसपोशियाँ भी कार्यरत हो जाती हैं तथा रक्त का संचार सामान्य हो जाता है। इसके फलस्वरूप मनुष्य आंतरिक रूप से अच्छे स्वास्थ्य एवं स्फूर्ति का अनुभव करता है। उच्च रक्तचाप, पेट की समस्याएँ, मधुमेह आदि रोगियों को चिकित्सक खूब सैर करने या पैदल चलने की सलाह देते हैं। मधुमेह को नियंत्रित करने की तो यह रामबाण दवा है।
सुबह के समय प्रकृति की सुन्दरता देखते ही बनती है। उगते हुए सूरज की लालिमा समस्त अंधकार को मिटा देती है। पेड़ों पर बैठी कोयल का मधुर गान सभी के मन को मोह लेता है। आकाश में स्वच्छंद गति से उड़ते एवं चहचहाते पक्षियों का समूह नवीनता का सन्देश देता है। सुबह के समय हरी-भरी घास पर ओस की बूंदें ऐसी । लगती हैं जैसे प्रकृति ने उन बूंदों के रूप में मोती बिखेर दिए हों। सुबह की मंद-मंद बहती सुगन्धित हवा शरीर को नई ताज़गी देती है।
(ख) परीक्षा के कठिन दिन
वास्तव में परीक्षा के दिन कठिन उन विद्यार्थियों के लिए होते हैं, जो परीक्षा से जूझने के लिए, परीक्षा में खरा उतरने के लिए, पहले से ही समय के साथ-साथ तैयारी नहीं करते। जो विद्यार्थी प्रतिदिन की कक्षाओं के साथ-साथ परीक्षा की तैयारी भी करते जाते हैं, उन्हें परीक्षा का सामना करने से डर नहीं लगता। वे तो परीक्षा का इंतजार करते हैं। उन्हें परीक्षा के दिन कठिन नहीं, सुखद लगते हैं। वे परीक्षा की कसौटी पर खरा उतरना चाहते हैं और खरा उतरना जानते भी हैं, क्योंकि जिस प्रकार सोने को कसौटी पर परखा जाता है, उसी प्रकार विद्यार्थी की योग्यता की परख परीक्षा की। कसौटी पर होती है। यही एक प्रत्यक्ष प्रमाण या मापदण्ड होता है, जिससे परीक्षार्थी के योग्यता-स्तर को जाँच कर उसे अगली कक्षा में प्रवेश के लिए या नौकरी के योग्य समझा जाता है। परीक्षा तो विद्यार्थियों को गंभीरतापूर्वक अध्ययन करने के लिए कहती है। परीक्षा में अधिकाधिक अंक प्राप्त करने के लिए प्रतिभाशाली विद्यार्थी परीक्षा की इटकर तैयारी करते हैं, उन्हें परीक्षा से डर नहीं लगता। परीक्षा विद्यार्थियों में स्पर्धा की भावना भरती है तथा उनकी आलसी प्रवृत्ति को झकझोर कर परिश्रम करने में सहायक बनती है। परीक्षा तो परीक्षा ही होती है। पर जो समय व्यतीत हो गया वह लाख कोशिश करने पर भी वापस नहीं आता। समय अनमोल है, उचित समय पर उचित कार्य कर लेना चाहिए। जो आज का काम कल पर टालते हैं वह जीवन भर पछताते हैं। जो समय का सदुपयोग नहीं करते समय उनको नष्ट कर देता है। समय का सदुपयोग किया जाए तो समय मानव के लिए वरदान है। वह सनुष्य के लिए सफलता और खुशियों के द्वार खोल देता है। समय का दुरुपयोग मनुष्य को अवनति के गर्त में फेंक देता है, जहाँ से निकलना लगभग असंभव होता है। समय वह चक्र है जो कभी नहीं रुकता। जिसे उससे लाभ उठाना है, उसे समय की पूर्व में ही तैयारी कर लेनी चाहिए। जो समय का सम्मान करते हैं समय उनको सम्मान देता है।
जो राष्ट्र समय का सम्मान करना जानता है वह शक्तिशाली बन जाता है। जो विद्यार्थी समय से पढ़ाई पूरी कर लेता है वही परीक्षा में प्रथम आता है। जीवन में लक्ष्य की प्राप्ति समय पर किए गए कार्य के द्वारा ही प्राप्त की जा सकती है। सृष्टि का चक्र समयानुसार ही चलता है। आदि काल में महापुरुषों ने समय की महत्ता को समझकर उसकी उपयोगिता के उपदेश दिए हैं।
(ग) मेट्रो रेल-महानगरीय जीवन का सुखद सपना
दिल्ली की यातायात व्यवस्था में क्रांति लाने का श्रेय मेट्रो रेल सेवा को है। 24 दिसम्बर, 2002 को दिल्लीवासियों के सुखद स्वप्न का साकार होना प्रारम्भ हुआ। इसी दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दिल्ली की पहली मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर इस बहुप्रतीक्षित परियोजना का शुभारम्भ किया। इस मेट्रो रेल का विस्तार बरवाला तक हो गया है अर्थात् शाहदरा से चलकर तीसहजारी, शास्त्री नगर, इन्द्रलोक, रोहिणी, रिठाला होती हुई यह ट्रेन बरवाला तक सेवा प्रदान कर रही है। 19 दिसम्बर, 2004 को दिल्ली मेट्रो ने एक नया इतिहास रचा। इस दिन कश्मीरी गेट से दिल्ली विश्वविद्यालय तक विश्व की सबसे सुरक्षित और प्रौद्योगिक रूप से उन्नत भूमिगत मेट्रो ट्रेनों का शुभारम्भ हुआ। 4 किमी. की यह दूरी 6 मिनट में तय हो जाती है।
मेट्रो ट्रेन का तीसरा खंड कस्तूरबा गाँधी मार्ग (कनॉट प्लेस) से द्वारका तक है। इसके द्वारा, उत्तम नगर, जनकपुरी, तिलक नगर, राजौरी गार्डन, कीर्ति नगर, पटेल नगर, करोलबाग आदि क्षेत्र कनॉट प्लेस से जुड़े हैं। कश्मीरी गेट से चावड़ी बाजार होते हुए नई दिल्ली को भूमिगत ट्रेन के द्वारा जोड़ा गया है। दिल्ली के उपराज्यपाल के अनुसार दिल्ली मेट्रो ने 2021 तक 245 किमी. लम्बे मेट्रो रेल लाइनें बिछाने का। मास्टर प्लान तैयार किया है। इस योजना के पूरा होने के बाद दिल्ली ऐसा शहर हो गया है जहाँ न सिर्फ खंभों पर बल्कि जमीन के नीचे सुरंगों में मेट्रो रेल चलती है। 21 वीं सदी में भारत को विश्व स्तर का पब्लिक सिस्टम उपलब्ध हो रहा है। इससे पर्यावरण और लोगों की जरूरतें पूरी होने के साथ-साथ दूसरे देशों से आयात होने वाले ईंधन पर भी देश की निर्भरता कम होती चली जाएगी।
12. नवीं कक्षा में हिन्दी विषय के चयन के कारणों तथा आज के युग में हिन्दी की उपयोगिता बताते हुए विदेश में रहने वाले मित्र को पत्र लिखिए।
उत्तर-
मित्र को पत्र
6/82, पनकी
कानपुर (उ.प्र.)
दिनांक : 16 मार्च, 20……….
प्रिय मित्र सचिन,
तुम्हें यह जानकर प्रसन्नता होगी कि मैंने नवीं कक्षा में हिन्दी विषय का चयन कर लिया है। आज के युग में हिन्दी की विशेष उपयोगिता है। हिन्दी हमारी राजभाषा है, सभी कार्यालयों तथा संस्थाओं में भी हिन्दी भाषा में कार्य होता है। हमारी राष्ट्रभाषा भी हिन्दी है और उसे ही लोगों ने विदेशी बना दिया था। हमें अपनी हिन्दी भाषा का सम्मान करना चाहिए, तुम विदेश में रहकर अपनी मातृभाषा हिन्दी मत भुला देना। मुझे तो अपनी हिन्दी भाषा व भारतीय संस्कृति पर गर्व है। अपने मम्मी व पापा को मेरा चरण स्पर्श कहना।
तुम्हारा मित्र
राजीव
अथवा
अपनी बुआ जी को पत्र लिखकर पिताजी के स्वास्थ्य सुधार की सूचना दीजिए।
उत्तर-
बुआ जी को पत्र
• विषय-वस्तु
• भाषा
• प्रस्तुति
व्याख्यात्मक हल :
मकान नं. 756, स्वरूप नगर
कानपुर।
दिनांक : 10.09.20xx
पूजनीय बुआ जी,
सादर चरण वंदना ।
हम यहाँ सकुशल हैं। आशा है आपका स्वास्थ्य भी ठीक होगा। आपका भेजा हुआ पत्र प्राप्त हुआ जिसमें आपने पिताजी के स्वास्थ्य के विषय में पूछा था। आपको यह जानकर अति प्रसन्नता होगी कि पिताजी के स्वास्थ्य में अब पहले से बहुत सुधार है। अब वह ठीक प्रकार उठ-बैठ और चल रहे हैं। आप चिन्ता न करें और अपने भी स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
आदरणीय फ्फाजी के चरणों में मेरा प्रणाम और भाई साहब को नमस्कार आपका आज्ञाकारी भतीजा अश्विन
13. दिए गए चित्र को देखिए और उसका वर्णन 20-30 शब्दों में कीजिए।
उत्तर-
(i) यह चित्रकला की प्रतियोगिता को दर्शाने वाला चित्र है।
(ii) चित्र में अनेक विद्यार्थी ध्यानमग्न होकर चित्र बना रहे हैं।
(i) कुछ विद्यार्थी चित्र बनाने में संलग्न है।
(iv) कुछ विद्यार्थी चित्र के संबंध में चिंतन कर रहे हैं।
(v) एक शिक्षक उनके कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं।
14. भारत में बढ़ते भ्रष्टाचार पर दो मित्रों में संवाद को 50 शब्दों में लिखिए।
उत्तर-
दो मित्रों में संवाद
कार्तिक – इतनी सुबह-सुबह कहाँ जाने की तैयारी है, मित्र?
मयंक – अरे भई! अपने क्षेत्र के विधायक के यहाँ जा रहा हूँ।
कार्तिक – क्यों क्या हुआ, खैरियत तो है ?
मयंक – क्या बताऊँ मित्र, पिछले एक हफ्ते से बिजली नहीं आ रही है, इसलिए उनके यहाँ जा रहा हूँ।
कार्तिक – तो इसमें विधायक जी क्या करेंगे?
मयंक – मैं तो बिजली विभाग के चक्कर लगा लगाकर हार गया, अब विधायक जी से ही सिफारिश करवाऊँगा, तभी काम बनेगा।
कार्तिक – क्या समय आ गया है बात-बात में सिफारिशे और रिश्वत के बिना काम ही नहीं चलता। मैंने भी अपना टेलीफोन इसी तरह ठीक करवाया है।
मयंक – ऊपर से नीचे तक सभी भ्रष्टाचार में लिप्त होंगे, तो आम गरीब जनता की कौन सुनेगा? जबकि प्रभावशाली लोगों के काम चुटकी बजाते ही हो जाते हैं।
कार्तिक – सरकार भी तो कुछ सख्ती नहीं करती।
मयंक – सरकार भी किस-किस को पकड़ेगी, बड़े-बड़े अधिकारी भी तो भ्रष्ट हैं।
15. आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित घर किराए पर देने के लिए विज्ञापन तैयार कीजिए। 5
उत्तर
• विषय-वस्तु
• प्रस्तुति
• भाषा
व्याख्यात्मक हल :
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