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कितने पैर? NCERT Class 3rd Hindi Veena Chapter 3 Question Answer
कितने पैर? Class 3 Question Answer
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास (पृष्ठ 19-23)
बातचीत के लिए
प्रश्न 1.
कुछ अन्य जीवों के नाम बताइए, जिनका उल्लेख इस पाठ में नहीं है और साथ ही उन जीवों के पैरों की संख्या भी बताइए।
उत्तर-
- केकड़ा – इसके पैरों की संख्या 10 होती है।
- मच्छर – इसके पैरों की संख्या 06 होती है।
- मगरमच्छ – इसके पैरों की संख्या 04 होती है।
- हाथी – इसके पैरों की संख्या 04 होती है।
प्रश्न 2.
शरीर के कौन-से अंग इधर-उधर आने-जाने में सहायता करते हैं?
उत्तर-
पैर हमें इधर-उधर आने-जाने में सहायता करते हैं।
प्रश्न 3.
क्या पशु-पक्षियों और छोटे-छोटे कीटों को भी इधर-उधर जाने में पैर सहायता करते हैं?
उत्तर-
हाँ, पशु-पक्षियों और छोटे-छोटे कीटों को भी इधर-उधर जाने में पैर सहायता करते हैं।
प्रश्न 4.
केंचुए के अतिरिक्त आप कोई और जीव बता सकते हैं, जिसके पैर नहीं होते हैं?
उत्तर-
केंचुए के अतिरिक्त साँपों के पैर भी नहीं होते हैं।
प्रश्न 5.
पैरों के अतिरिक्त, हमारे शरीर में और कौन-कौन से अंग दो की संख्या में होते हैं?
उत्तर-
हाथ, कान और आँख ये सारे अंग दो की संख्या में होते हैं।
आपका पैर
अपने पैर और हाथ की बनावट को ध्यान से देखिए। आपके पैर और हाथ की बनावट में क्या समान है और क्या भिन्न है, पहचानिए और लिखिए-
उत्तर-
पैर | हाथ |
1. अँगूठे हैं। | अँगूठे हैं। |
2. अंगुलियाँ हैं। | अंगुलियाँ हैं। |
3. नाखून हैं। | नाखून हैं। |
4. तलवे हैं। | हथेली हैं। |
5. एड़ी हैं। | एड़ी नहीं हैं, कलाई हैं। |
पाठ के भीतर
प्रश्न 1.
सही कथन के आगे (✓) का चिह्न लगाएँ-
(क) सभी जीवों के केवल दो ही पैर होते हैं।
(ख) केंचुए अपने पेट के बल सरकते हैं, क्योंकि उनके पैर नहीं होते।
(ग) दो पैर वाले जीवों को द्विपाद कहते है।
(घ) गाय, भैंस, बकरी आदि चतुष्पाद हैं।
(ङ) जीवों के पैरों की संख्या शून्य से लेकर कई सौ तक हो सकती है।
उत्तर-
(क) सभी जीवों के केवल दो ही पैर होते हैं। [✗]
(ख) केंचुए अपने पेट के बल सरकते हैं, क्योंकि उनके पैर नहीं होते। [✓]
(ग) दो पैर वाले जीवों को द्विपाद कहते है। [✓]
(घ) गाय, भैंस, बकरी आदि चतुष्पाद हैं। [✓]
(ङ) जीवों के पैरों की संख्या शून्य से लेकर कई सौ तक हो सकती है। [✓]
प्रश्न 2.
नीचे दी गई तालिका में पैरों की संख्या के अनुसार जीवों के नाम लिखिए-
उत्तर-
आठ से अधिक पैर वाले – कनखजूरा।
प्रश्न 3.
कैसे रखें पैरों का ध्यान
अपने सहपाठियों से चर्चा करें कि हम अपने पैरों का ध्यान कैसे रख सकते हैं-
उत्तर-
(क) नाखूनों को नियमित रूप से काटना चाहिए।
(ख) बाहर जाते समय पैरों में जूते या चप्पल पहनने चाहिए।
(ग) बाहर से आने के बाद पैरों को अच्छे से धोना चाहिए।
(घ) अपने पैरों को रात को धोकर कोई भी अच्छी-सी क्रीम या तेल लगाना चाहिए ताकि पैर मुलायम रहें।
भाषा की बात
‘चार पैर वाले जीवों को चतुष्पाद कहते हैं।’ चतुष्पाद का प्रचलित शब्द चौपाया है, जिसका अर्थ है-चार पैर वाला।
प्रश्र्न 1.
इसी प्रकार, चार की संख्या बताने वाले कुछ और शब्द खोजकर लिखिए-
उत्तर-
प्रश्न 2.
नीचे दिए गए उदाहरण के अनुसार तालिका पूरी कीजिए-
उत्तर-
सोचिए और लिखिए
कल्पना कीजिए कि एक दिन किसी स्थान पर कनखजूरा, केंचुआ, चिड़िया और आप एक साथ मिलते हैं। कनखजूरा अपने पैरों की बात शुरू करता है। सोचकर लिखिए कि आप सब के बीच क्या-क्या बातें होंगी।
उत्तर-
पहेली से पहले
प्रश्न 1.
आपने देखा कि एक खेत में कुछ भैंसें चर रही हैं। आपने गिना तो उनके कुल मिलाकर बत्तीस (३२) पैर निकले। बताइए कितनी भैंसें हैं?
उत्तर-
32 ÷ 4 = 8 (कुल आठ भैंसें हैं।)
[आपने कुल बत्तीस पैर देखे और आप जानते हैं कि एक भैंस के चार पैर होते हैं। अब आप 32 को 4 से भाग दे देंगे तो आप जान जाएँगे कि कुल आठ (08) भैंसे हैं।]
प्रश्न 2.
आपने देखा कि एक स्थान पर कई मकड़ियाँ चल रही हैं। आपने गिनकर देखा तो फिर से कुल बत्तीस (३२) पैर निकले। बताइए कितनी मकड़ियाँ हैं?
उत्तर-
32 ÷ 8 = 4 (कुल चार मकड़ियाँ हैं।)
[आपने कुल बत्तीस पैर देखे और आपको पता है कि एक मकड़ी के आठ पैर होते हैं। अब आप बत्तीस (32) को आठ (08) से भाग दे देंगे तो आप जान जाएँगे कि कुल 4 मकड़ियाँ हैं।]
प्रश्न 3.
अब, एक और स्थान पर आपने देखा कि कई चींटियाँ और मकड़ियाँ चल रही हैं। आपने गिनकर देखा कि उनके कुल मिलाकर चौंतीस (३४) पैर हैं। बताइए कितनी चींटियाँ और कितनी मकड़ियाँ हैं?
उत्तर-
34 – कुल पैर = कुल चीटियाँ = 3
= कुल मकड़ियाँ = 2
आइए उत्तर समझें- एक चींटी के कुल पैर 6 होते हैं। हमने 6 को 3 से गुणा किया तो 18 आया (6 × 3 = 18)।
अब 18 को हम 34 में से घटा देंगे तो 16 बचेगा (34 – 18 = 16)।
अब हमें पता है कि एक मकड़ी के कुल आठ पैर होते हैं।
तो हमने 8 को दो गुना किया और उत्तर आया = 16 (8 × 2 = 16) यानि कुल 2 मकड़ियाँ।
बूझो तो जानें
प्रश्न 1.
लालटेन ले पंखों में,
उड़े अँधेरी रात में।
जलती बाती बिना तेल के,
ठंड और बरसात में।
उत्तर-
जुगनू।
प्रश्न 2.
तीतर के दो आगे तीतर, तीतर के दो पीछे तीतर।
आगे तीतर, पीछे तीतर, बोलो कितने तीतर?
उत्तर-
तीन।
Class 3 Hindi Chapter 3 कितने पैर? कविता का सार (Summary of the Chapter)
यह पाठ मञ्जुल भार्गव जी द्वारा लिखा गया है। इस पाठ से बच्चे जीव जगत का ज्ञान प्राप्त करेंगे। इसमें एक अध्यापिका व बच्चों का वार्तालाप है। अध्यापिका बच्चों को बताती हैं कि आज वे जीवों के पैरों की संख्या की बात करेंगे। वे बताती हैं कि जीवों के पैरों की संख्या शून्य से लेकर कई सौ तक हो सकती हैं। फिर वे बच्चों से प्रश्न करती हैं कि क्या कोई ऐसा जीव बता सकता है जिसके पैर नहीं होते? इस पर एक विद्यार्थी जिसका नाम श्याम है वह बताता है कि उसने बरसात में केंचुए देखे हैं जिनके पैर नहीं होते हैं, वे अपने पेट के बल सरकते हैं।
ऐसे ही फिर अध्यापिका दो पैरों वाले जीवों की बात करती हैं। वे बच्चों को बताती हैं कि इनके दो पैर होते हैं इसलिए इन्हें द्विपाद भी कहते हैं। मनुष्य भी द्विपाद होते हैं। फिर वे बच्चों से पूछती हैं कि वे अगर किसी अन्य द्विपाद के बारे में जानते हैं तो बताएँ। इस पर रमेश कहता है कि सभी चिड़ियाँ द्विपाद होती हैं। अध्यापिका कहती हैं कि उसने बिलकुल सही उत्तर दिया है। फिर वे पशुओं की बात करती हैं जिनके दो पैर होते हैं। उनके पूछने पर सविता नाम की लड़की बताती है कि उसकी माँ ने उसे बताया था कि आस्ट्रेलिया नाम के देश में एक द्विपाद पशु रहता है जो कूद-कूदकर चलता है।
उसकी माँ ने उसे उस पशु का चित्र भी दिखाया था किंतु सविता तो उसका नाम भूल गई है। इस पर रजनी नाम की एक अन्य विद्यार्थी कहती है कि उसने भी पुस्तकालय की एक पुस्तक में इस पशु के बारे में पढ़ा था। इस पशु को कंगारू कहते हैं। इसके पेट पर एक थैली होती है जिसमें यह अपने बच्चे को रखता है। अध्यापिका बच्चों को कंगारू के बारे में और बताते हुए कहती हैं कि वह तेजी से दो पैरों पर चलता है लेकिन जब धीरे चलता है तो चार पैरों पर चलता है इसलिए इसे चतुष्पाद भी कहते हैं।
कभी-कभी आगे बढ़ने के लिए यह अपनी पूँछ का भी उपयोग करता है, इसलिए इसे पंचपाद भी कहते हैं। फिर वे कहती हैं कि अधिकतर पशुओं के चार पैर ही होते हैं, जैसे- गाय, भैंस उनके ऐसा बोलते ही बच्चे भी चार पैर वाले पशुओं के नाम बोलने लग जाते हैं। समीर कुत्ता, बिल्ली और घोड़ा बोलता है तो वीणा बकरी, गधा और बंदर का नाम लेती है। रफ़िया भी मेंढक, उद्धबिलाव, घड़ियाल बताती है। रमेश शेर और चीता बोलता है और बिपिन ज़ेबरा और जिराफ़ के बारे में बोलता है। अध्यापिका उन्हें शाबाशी देती हैं। वे कहती हैं कि अब वे सब अलग-अलग कीटों के पैरों के बारे में जानेंगे। वे बच्चों से पूछती हैं कि चींटी या चींटे को तो देखा ही होगा। क्या कोई बता सकता है कि उनके कितने पैर होते हैं? इस पर मीना बताती है कि उसे चींटों को देखने में बहुत मज़ा आता है और उसने कई बार इनके पैर गिने हैं जो कि छह होते हैं।
अध्यापिका प्रसन्न हो जाती है और बताती है कि इसी प्रकार मक्खी और भँवरे के भी छह पैर होते हैं। इस पर रमेश और सिमरन भी तितली और झींगुर का नाम लेते हैं। फिर अध्यापिका उनसे छह से अधिक पैर वाले कीट के विषय में पूछती हैं। रमेश हँसकर मकड़ी बोलता है । सविता भी उसकी हाँ में हाँ मिलाकर बताती है कि जब मकड़ी जाले पर चलती है तब उसके आठ पैर दिखाई देते हैं। अध्यापिका कक्षा में बताती हैं कि अब वे उन्हें ऐसे कीट के बारे में बताएँगी जिसके तीस (30) से लेकर तीन सौ बयासी (382) तक पैर हो सकते हैं अर्थात् पंद्रह (15) जोड़ी से लेकर एक सौ इक्यानवे (191) जोड़ी तक पैर हो सकते हैं।
इसका नाम कनखजूरा होता है। वे पूछती हैं कि क्या किसी ने इसे देखा है? सभी नहीं में उत्तर देते हैं। तब वे बताती हैं कि कनखजूरा अक्सर सीलन और अँधेरे वाले स्थानों पर मिलता है। घरों में इनका मिलना कठिन होता है। यह गीले पेड़ों के तनों में अंदर या गीली घास या पत्तों के ढेर के नीचे मिलता है। फिर वे कहती हैं कि सोचने वाली बात यह है कि इतने सारे पैरों वाला कनखजूरा चलता कैसे होगा?
शब्दार्थ : शून्य – जीरो। बरसात – बारिश का मौसम। द्विपाद-दो पैर वाले। आस्ट्रेलिया – एक देश का नाम। पुस्तकालय – जहाँ अनेकों पुस्तकें रखी जाती हैं। चतुष्पाद – चार पैर वाला। पंचपाद – पाँच पैर वाला। अतिरिक्त – अलावा।
- इस पाठ के माध्यम से बच्चे जीव जगत के रुचिपूर्ण संसार के बारे में जान पाएँगे।
- भिन्न-भिन्न पशु-पक्षियों के पैरों की संख्या के अतिरिक्त उनकी कुछ स्वभावगत विशेषताएँ भी जान सकेंगे।
- बच्चों को भारत के अतिरिक्त दूसरे देशों का भी ज्ञान प्राप्त होगा, जैसे-आस्ट्रेलिया आदि।
- इस पाठ के ज़रिए बच्चों को हिंदी – गणना भी बड़ी ही सरलता व सुगमता से सिखाई जा सकती है। उनको अंक-ज्ञान भी इसके द्वारा बढ़ेगा।
- अभ्यास में दी गई पहेलियाँ उनके मन जिज्ञासा भर देगी।
- बच्चे अपने आस-पास के परिवेश, पुस्तकालय, जीव-जंतुओं, मौसम-ज्ञान तथा हिंदी भाषा के नए-नए शब्दों को भी सीख पाएँगे।