Students can benefit from Sarangi Hindi Book Class 2 Solutions Chapter 4 माँ by practicing regularly and seeking help when needed.
NCERT Solutions for Class 2 Hindi Sarangi Chapter 4 माँ
शब्दों का खेल :
चंद्रबिंदु का कमाल
‘मा’ के ऊपर चंद्रबिंदु लगाने से ‘माँ’ हो गया। आइए, कुछ्छ और शब्द देखते हैं।
प्रश्न 1.
नीचे दिए गए चित्रों को देखिए, शब्दों को पढ़िए और उन्हें लिखने का प्रयास कीजिए-
उत्तर :
प्रश्न 2.
‘माँ’ कविता में से कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। उनका प्रयोग करते हुए अपने परिवार के सदस्यों के लिए दो-चार पंक्तियाँ लिखिए
भोली-भाली, प्यारी-प्यारी, दिल से सच्ची, जग से न्यारी
उत्तर :
- मेरी माँ बहुत ही भोली-भाली हैं।
- मेरी छोटी बहन बहुत प्यारी-प्यारी सी बाते करती है।
- मेरी दादी दिल से सच्ची हैं।
- मेरी बुआ जग से न्यारी हैं।
Sarangi Class 2 Hindi Chapter 4 माँ Summary
Sarangi Hindi Book Class 2 Chapter 4 माँ कविता का सार
यह कविता माँ के ऊपर लिखी गई है। इसमें कवि ने माँ के गुणों के बारे में लिखा है। कवि कहता है कि माँ बहुत ही भोली-भाली और प्यारी हैं। माँ का दिल मिसरी जैसा सच्चा और प्यार की मिठास से भरा है। माँ सारे जग से न्यारी हैं। कवि कहता है कि उनके दिल में माँ के कारण ही जोश और प्रकाश (उजाला) है और माँ से ही उन्हें साहस और विश्वास प्राप्त होता है।
Sarangi Hindi Book Class 2 Chapter 4 माँ काव्यांशों की व्याख्या
1. माँ तुम कितनी भोली-भाली
कितनी प्यारी-प्यारी हो
दिल से सच्ची मिसरी जैसी
सारे जग से न्यारी हो।
व्याख्या – कवि कहता है कि माँ तुम कितनी भोली और कितनी प्यारी हो। तुम दिल से मिसरी जैसी मीठी और सच्ची हो। तुम सारी दुनिया से न्यारी हो।
2. मेरे मन में जोश तुम्हीं से
तुमसे ही प्रकाश
मुझमें साहस तुमसे आता
तुमसे ही विश्वास।
व्याख्या – कबि कहता है कि माँ, तुम्हीं से मेरे मन में जोश उत्पन्न (पैदा) होता है और तुम्हीं से मेरे मन में उजाला है। तुम्हीं से मेरे मन में कुछ करने का साहस और विश्वास आता है।