Students can benefit from Sarangi Hindi Book Class 2 Solutions Chapter 24 गिरे ताल में चंदा मामा by practicing regularly and seeking help when needed.
NCERT Solutions for Class 2 Hindi Sarangi Chapter 24 गिरे ताल में चंदा मामा
शब्दों का खेल :
प्रश्न 1.
कविता में ‘अचंभा’ शब्द आया है। कविता पढ़कर अनुमान लगाइए कि इस शब्द का अर्थ क्या हो सकता है?
उत्तर :
‘अचंभा’ का अर्थ हैरान हो जाना हो सकता है।
प्रश्न 2.
नीचे दिए हुए किस वाक्य में ‘अचंभा’ शब्द का सही प्रयोग हुआ है?
यह देखकर अचंभा हुआ कि सूरज प्रकाश देता है।
यह देखकर अचंभा हुआ कि चाँद रात में दिखता है।
यह देखकर अचंभा हुआ कि आधे मैदान में बारिश हुई और आधा मैदान सूखा था।
उत्तर :
यह देखकर अचंभा हुआ कि आधे मैदान में बारिश हुई और आधा मैदान सूखा था।
प्रश्न 3.
इस कविता में चंदा मामा की जगह पर सूरज दादा कहकर इस कविता को पढ़िए। अपनी नई कविता को कॉपी में लिखिए।
उत्तर :
गिरे ताल में सूरज दादा,
सबने देखा सबने देखा,
फँसे जाल में सूरज दादा,
सबने देखा सबने देखा।
सबने देखा एक अचंभा,
मछुआरे ने जाल समेटा,
कहीं नहीं थे सूरज दादा,
कहाँ गए जी सूरज दादा।
मिलकर पढ़िए :
सोचिए और लिखिए-
प्रश्न 1.
चाँद की रोटी किसे कहा गया है?
उत्तर :
चाँद की परछाई को।
प्रश्न 2.
मछली चाँद की रोटी क्यों नहीं खा पाई होगी?
उत्तर :
वह रोटी नहीं चाँद की परछाई थी।
Sarangi Class 2 Hindi Chapter 24 गिरे ताल में चंदा मामा Summary
Sarangi Hindi Book Class 2 Chapter 24 गिरे ताल में चंदा मामा कहानी का सार
यह कविता कवि राजेश जोशी जी द्वारा लिखी गई है। वे कहते हैं कि सबने देखा कि चंदा मामा ताल में गिरे और मछुआरे के जाल में फँस गए। सबने एक और हैरानी वाली बात देखी कि जब मछुआरे ने अपना जाल समेटा तब उसमें चंदा मामा कहीं नहीं थे। आखिर चंदा मामा कहाँ चले गए?
शब्दार्थ :
- ताल – तालाब, सरोवर।
- अचंभा – हैरानी वाली बात, आश्चर्य।
- मछुआरे – मछली पकड़ने वाला।
- समेटा – इकट्ठा करना।