Students can benefit from Sarangi Hindi Book Class 2 Solutions Chapter 17 बरसात और मेंढक by practicing regularly and seeking help when needed.
NCERT Solutions for Class 2 Hindi Sarangi Chapter 17 बरसात और मेंढक
बातचीत के लिए :
प्रश्न 1.
आपको ये कहानी कैसी लगी?
उत्तर :
मुझे ये कहानी बहुत अच्छी लगी।
प्रश्न 2.
मेंढक सोमारू और कमली की बात क्यों मान गया? क्या आप होते तो मान जाते?
उत्तर :
दोनों ने मेंढक से माफ़ी माँगी थी और कहा था कि उन्हें बच्चे पत्थर नहीं मारेंगे। हाँ, मैं भी मान जाती/जाता।
प्रश्न 3.
कहानी से लिए इन वाक्यों को पढ़िए। क्या आपने कभी किसी मित्र के साथ ऐसा कुछ किया है जिससे उन्हें चोट लगी हो या बुरा लगा हो?
उत्तर :
नहीं, मैंने अपने मित्र के साथ कभी ऐसा कुछ नहीं किया जिससे उन्हें चोट लगी हो या बुरा लगा हो।
शब्दों का खेल :
प्रश्न :
‘ढ’, ‘ड’, ‘ड़’, और ‘द’ वाले शब्द बनाइए। फिर सभी शब्दों को ज़ोर से पढ़िए। क्या ‘ढ’, ‘ड’, ‘ड़’ और ‘द’ की ध्वनियाँ बोलने-सुनने में अलग लगती हैं?
उत्तर :
चित्रकारी और लेखन :
प्रश्न :
कमली और सोमारू ने घर जाकर क्या किया होगा? चित्र बनाइए और कहानी को आगे बढ़ाइए-
उत्तर :
दोनों ने घर आकर सबसे पहले हाथ-मुँह धोए।
कमली और सोमारू ने भरपेट खाना खाया।
खाना खाते-खातेमाँको जंगलकी बातें सुनाई।
दोनों बैठकर लूडो खेला।
थके होने के कारण दोनों जल्द ही सो गए।
Sarangi Class 2 Hindi Chapter 17 बरसात और मेंढक Summary
Sarangi Hindi Book Class 2 Chapter 17 बरसात और मेंढक कहानी का सार
यह कहानी सोमारू और कमली नाम के दो बच्चों की है। एक बार वे दोनों जंगल में घूमने गए। लौटते समय उन्हें ज़ोर की भूख लगी। उन्हें एक गाय दिखी। उन्होंने गाय से भूख मिटाने के लिए उसका दूध माँगा। गाय ने उनसे कहा कि मुझे पहले हरी-हरी घास खिलाओ तब मैं दूध दूँगी। वे दोनों घास के पास गए तो घास सूखकर पीली हो गई थी। घास ने उनसे कहा कि मुझे पहले पानी दो तो मैं खाने लायक बनूँगी। वे दोनों फिर पानी लाने नदी पर गए तो देखा कि नदी तो पूरी तरह सूखी पड़ी थी। नदी ने बोला कि बरसात हो तो मुझे पानी मिले।
कमली और सोमारू फिर बादल के पास गये पर देखा कि बादल भी बिन बरसे ही टँगे थे। बादल ने कहा कि अगर मेंढक टर्र-रर्र बोले तो हम बरसें। वे दोनों मेंढक के पास गए तो मेंढक बोले कि हम बाहर निकलते हैं तो बच्चे हमें पत्थर मारते हैं। इस पर दोनों ने मेंढकों से माफ़ी मांगी और कहा कि अब तुम्हें कोई पत्थर नहीं मारेगा। मेंढक मान गए और टर्र-टर्र करने लगे। बादल झूमकर बरसे। नदी पानी से भर गई। दोनों बच्चों ने नदी से पानी लाकर घास को दिया। घास हरी हो गई। उन्होंने घास गाय को खिलाई। गाय ने घास खाकर दूध दिया। कमली और सोमारू ने दूध पिया और अपने घर की ओर चल दिए।
शब्दार्थ :
- जंगल – ऐसी जगह (स्थान) जहाँ बहुत से पेड़-पौधे अपने आप उग आए हो, वन।
- बरसात – पानी बरसने के दिन, वर्षा ऋतु!
- टंगे – लटके।