पेड़ की बात NCERT Class 6 Hindi Chapter 13 Extra Question Answer
Class 6 Hindi Chapter 13 Extra Questions पेड़ की बात अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
बीज से अंकुर कब निकलता है ?
उत्तर:
बहुत दिनों तक मिट्टी के नीचे बीज दबा रहता है। तत्पश्चात सर्दियों के बाद वसंत आता है। वर्षा की शुरुआत में एक दो दिन पानी बरसता है तो बीज से अंकुर निकलता है।
प्रश्न 2.
गमले के पौधे को खिड़की के पास क्यों रखा जाता है?
उत्तर:
गमले के पौधे को खिड़की के पास इसलिए रखा जाता है, ताकि वह सूर्य की रोशनी पा सके और फलता-फूलता रहे।
प्रश्न 3.
पौधे हमें कौन-सी वायु प्रदान करते हैं ?
उत्तर:
पौधे हमें जीवित रहने के लिए प्राणवायु प्रदान करते हैं।
प्रश्न 4.
सूखा पेड़ क्यों गिर जाता है ?
उत्तर:
सूखा पेड़ हवा का आघात सहन न करने के कारण गिर जाता है।
Class 6 Hindi Chapter 13 Extra Question Answer पेड़ की बात लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
जड़ और तने से आप क्या समझते हो ?
उत्तर:
अंकुरण के पश्चात पौधे का जो भाग जमीन के अंदर रहता है वह ‘जड़’ तथा जो भाग भूमि के ऊपर बढ़ता है, वह तना कहलाता है। जड़ का कार्य भूमि से पानी तथा मिट्टी से द्रव्यों को लेकर पौधे को पहुँचाना है। तने पर पत्ते, फूल तथा फल लगते हैं।
प्रश्न 2.
सूर्य का प्रकाश पौधों के लिए क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
सूर्य का प्रकाश पौधों के लिए अत्यावश्यक है। सूर्य के प्रकाश की मदद से ही पौधे अपना भोजन बनाते हैं। इस प्रक्रिया में वे वातावरण में उपस्थित कार्बन डाईऑक्साइड को लेकर बदले में वातावरण में ऑक्सीजन छोड़ते हैं।
प्रश्न 3.
पेड़ों के लिए फूलों की क्या भूमिका है?
उत्तर:
पेड़ों पर मुस्कुराते फूल अत्यंत सुंदर व सुशोभित होते हैं। फूलों की बहार आने पर वे अपने बंधु-बांधवों को बुलाते हैं। रंग-बिरंगे फूलों पर मधुमक्खियाँ व तितलियाँ आकर्षित होती हैं। वे अपने दल-बल के साथ फूलों पर मंडराती हैं। पराग कणों के स्थानांतरण में मधुमक्खियाँ सहयोग देती हैं।
प्रश्न 4.
वृक्ष बीजों का पोषण किस प्रकार करते हैं?
उत्तर:
फूल में बीज फलता है। अपने शरीर का रस पिलाकर वृक्ष बीजों का पोषण करता है। अब अपनी जिंदगी के लिए मोह-माया का लाभ वृक्षों को नहीं है। वृक्ष अपना तिल-तिल अपनी संतान की खातिर सब कुछ लुटा देता है। एक दिन सूखकर पेड़ अपना जीवन समाप्त कर लेता है।
Class 6 Hindi Chapter 13 Extra Questions पेड़ की बात दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
बीज से बीज तक की यात्रा अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
नन्हे नन्हे बीज जब धरती में बोये जाते हैं तो काफी समय तक मिट्टी के नीचे अँधेरे में दबे रहते हैं। पर्याप्त वर्षा होने पर जब मिट्टी गीली हो जाती है तो बीज के अंकुरण का समय आ जाता है। बीज धरती को चीर कर अपना अंकुर बाहर निकालता है। कुछ ही दिनों में एक नन्हा-सा हरा-सा पौधा अपना सुंदर रूप दिखाता है। ऐसा नहीं है कि पूरा बीज अंकुरित होकर बाहर आ जाता है। इसका कुछ हिस्सा जमीन में रहकर पौधे को मज़बूती प्रदान करता है। यही भाग जड़ है। पौधा धीरे-धीरे बड़ा होने लगता है। जड़ पौधे को मिट्टी से पानी व द्रव्य प्रदान करती है।
सूरज की रोशनी में पौधे अपना भोजन तैयार करते हैं। वे मनुष्यों द्वारा छोड़ी गई विषाक्त वायु ग्रहण कर लेते हैं। जिन पौधों को सूर्य का प्रकाश नहीं मिलता वे जल्दी ही सड़कर सूख जाते हैं। धीरे-धीरे पौधों पर कलियाँ आती हैं। बड़ी होकर वे फूलों में परिवर्तित हो जाती हैं। फूलों में पराग-कण होते हैं। मधुमक्खियाँ पराग कणों को दूसरे फूलों पर ले जाकर प्रजनन में सहायक होती हैं। तत्पश्चात फल बनता है। इसी फल के अंदर बीज होते हैं। यही बीज धरती में जाकर पुनः अंकुरित होते हैं। यही है बीज से बीज तक की कहानी।
Class 6 Hindi Chapter 13 Extra Question Answer पेड़ की बात वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
1. सही वाक्यों के सामने सही (✓) तथा गलत वाक्यों के सामने गलत (✗) का चिह्न लगाइए।
(क) पेड़ पौधों को प्रकाश की आवश्यकता नहीं होती। ______
(ख) विषाक्त वायु ही अंगारक वायु है। _________
(ग) पौधे का धरती के अंदर का भाग तना कहलाता है। ________
(घ) सब पेड़ मरने से पहले संतान छोड़ जाने के लिए व्यग्र हैं। ______
(ङ) मधुमक्खियाँ पराग कण स्थानांतरण करती हैं। ________
2. शब्दों को शुद्ध करके लिखिए-
(क) पल्लवीत ……………………
(ख) विशाक्त ……………………
(ग) न्यौछावर ………………
(घ) वसंत ……………….
(ङ) सूक्ष्म …………..
(च) परिक्षण …………..
3. दिए गए प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प चुनिए-
(क) अंकुरण किसका होता है?
(i) पत्ता
(ii) जड़
(iii) तना
(iv) बीज
(ख) गमले को औंधा लटकाने पर पौधा बढ़ेगा-
(i) नीचे
(ii) ऊपर
(iii) दाएँ
(iv) बाएँ
(ग) अंगारक वायु है-
(i) कार्बन डाईऑक्साइड
(ii) ऑक्सीजन
(iii) प्राणवायु
(iv) सभी उत्तर सही हैं।
(घ) बीज होता है-
(i) फल में
(ii) पत्ते में
(iii) फूल में
(iv) टहनी में
(ङ) पुराना पेड़ हो जाता है-
(i) सूखा
(ii) क्षीण
(iii) हरा
(iv) कमज़ोर
(च) मधुमक्खी का आगमन करता है-
(i) उपकार
(ii) अपकार
(iii) विनाश
(iv) इनमें से कोई नहीं
Class 6 Hindi Chapter 13 Extra Question Answer पेड़ की बात मूल्यपरक / व्यावहारिक प्रश्न
प्रश्न.
क्या वृक्षों के बिना इस धरती पर मानव जीवन संभव है? यदि नहीं तो कारण बताइए ।
उत्तर:
नहीं, वृक्षों से ही इस धरती पर मानव का अस्तित्व संभव है। वृक्ष यदि नहीं होंगे तो हमें जीवित रहने के लिए प्राणवायु नहीं मिलेगी और हमारी श्वास-प्रश्वास की प्रक्रिया रुक जाएगी। इस धरती पर वृक्षों के न होने से प्रदूषण की मात्रा बढ़ जाएगी। जितने वृक्ष अधिक होंगे उतना ही प्रदूषण कम होगा। प्राकृतिक संतुलन में बनाए रखने में भी पौधों का बहुत बड़ा हाथ है। हम सभी जानते हैं कि वर्षा का होना अत्यावश्यक है। यदि वर्षा न हो तो धरती सूखी बंजर बन जाएगी। वृक्षों के होने से ही वर्षा का होना संभव है। हमारे दैनिक प्रयोग की अनेक वस्तुएँ हमें पेड़ ही प्रदान करते हैं। जैसे फल-फूल, सब्जियाँ, दवाइयाँ, रुई, लकड़ी इत्यादि । इसलिए हम कह सकते हैं। कि वृक्षों के बिना मानव जीवन का अस्तित्व असंभव है।
Class 6 Hindi Chapter 13 Extra Questions अर्थग्रहण संबंधी एवं बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर
नीचे लिखे गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर उन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
[1]
वृक्ष का अंकुर निकलने पर जो अंश माटी के भीतर प्रवेश करता है, उसका नाम जड़ है और जो अंश ऊपर की ओर बढ़ता है, उसे तना कहते हैं। सभी पेड़-पौधों में ‘जड़ व तना’ ये दो भाग मिलेंगे। यह एक आश्चर्य की बात है कि पेड़-पौधों को जिस तरह ही रखो, जड़ नीचे | की ओर जाएगी व तना ऊपर की ओर उठेगा। एक गमले में पौधा था। परीक्षण करने के लिए कुछ दिन गमले को औंधा लटकाए रखा।
पौधे का सिर नीचे की तरफ़ लटका रहा और जड़ ऊपर की ओर रही। दो-एक दिन बाद क्या देखता हूँ कि जैसे पौधे को भी सब भेद मालूम हो गया हो । (पृष्ठ 145-146 )
प्रश्न.
(क) अंकुर का वह भाग जो माटी के भीतर प्रवेश करता है, क्या कहलाता है?
उत्तर:
अंकुर का वह भाग जो माटी के भीतर प्रवेश करता है, जड़ कहलाता है।
(ख) पौधे का तना किस तरफ़ जाता है?
उत्तर:
पौधे का वह भाग जो ऊपर की तरफ़ बढ़ता है, वह तना कहलाता है।
या
पौधे का तना सदैव ऊपर की ओर बढ़ता है।
(ग) पौधे को कौन – सा भेद मालूम हो गया था ?
उत्तर:
(ग) पौधे का सिर नीचे की तरफ़ लटका रहा और जड़ ऊपर की ओर रही। दो-एक दिन बाद क्या देखता हूँ कि जैसे पौधे को भी सब भेद मालूम हो गया हो ।
पौधे का सिर नीचे की तरफ़ लटका रहा और जड़ ऊपर की ओर रही। दो-एक दिन बाद क्या देखता हूँ कि जैसे पौधे को भी सब भेद मालूम हो गया हो ।
[2]
सूक्ष्मदर्शी से अत्यंत सूक्ष्म पदार्थ स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं। पेड़ की डाल अथवा जड़ का इस यंत्र द्वारा परीक्षण करके देखा जा सकता है कि पेड़ में हज़ारों-हजार नल हैं। इन्हीं सब नलों के द्वारा माटी से पेड़ के शरीर में रस का संचार होता है।
इसके अलावा वृक्ष के पत्ते हवा से आहार ग्रहण करते हैं। पत्तों में अनगिनत छोटे-छोटे मुँह होते हैं। सुक्ष्मदर्शी के जरिए अनगिनत मुँह पर अनगिनत होंठ देखे जा सकते हैं। जब आहार करने की ज़रूरत न हो तब दोनों होंठ बंद हो जाते हैं। जब हम श्वास-प्रश्वास ग्रहण करते हैं तब प्रश्वास के साथ एक प्रकार की विषाक्त वायु बाहर निकलती है, उसे ‘अंगारक’ वायु कहते हैं। अगर यह ज़हरीली हवा पृथ्वी पर इकट्ठी होती रहे तो तमाम जीव-जंतु कुछ ही दिनों में उसका सेवन करके नष्ट हो सकते हैं। ज़रा विधाता की करुणा का चमत्कार तो देखो, जो जीव-जंतुओं के लिए जहर है, पेड़-पौधे उसी का सेवन करके उसे पूर्णतया शुद्ध कर देते हैं। (पृष्ठ 146 )
प्रश्न.
(क) सूक्ष्मदर्शी यंत्र का क्या उपयोग है?
उत्तर:
सूक्ष्मदर्शी यंत्र अत्यंत सूक्ष्म पदार्थों को स्पष्ट रूप से देखने के काम आता है। इस यंत्र द्वारा परीक्षण करके देखा जा सकता है कि पेड़ में हज़ारों हज़ार नल हैं। इन सब नलों के द्वारा ही माटी से पेड़ के शरीर में रस का संचार होता है।
(ख) ‘अंगारक वायु’ किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब हम श्वास-प्रश्वास ग्रहण करते हैं तब प्रश्वास के साथ एक प्रकार की विषाक्त वायु बाहर निकलती है, उसे ही ‘अंगारक वायु’ कहते हैं। यह दूषित वायु है।
(ग) वृक्ष अपना आहार किस प्रकार ग्रहण करते हैं?
उत्तर:
वृक्ष के पत्ते हवा से आहार ग्रहण करते हैं। पत्तों में अनगिनत छोटे-छोटे मुँह (छेद) होते हैं। ये मुँह केवल आहार लेने के समय ही खुलते हैं, अन्यथा बंद रहते हैं।
[3]
अब तो समझ गए होंगे कि प्रकाश ही जीवन का मूलमंत्र है। सूर्य – किरण का स्पर्श पाकर ही पेड़ पल्लवित होता है। पेड़-पौधों के रेशे रेशे में सूरज की किरणें आबद्ध हैं। ईंधन को जलाने पर जो प्रकाश व ताप बाहर प्रकट होता है, वह सूर्य की ही ऊर्जा है। पेड़-पौधे व समस्त हरियाली प्रकाश हथियाने के जाल हैं। पशु-डाँगर, पेड़-पौधे या हरियाली खाकर अपने प्राणों का निर्वाह करते हैं। पेड़-पौधों में जो सूर्य का प्रकाश समाहित है वह इसी तरह जंतुओं के शरीर में प्रवेश करता है। अनाज व सब्ज़ी न खाने पर हम भी बच नहीं सकते हैं। सोचकर देखा जाए तो हम भी प्रकाश की खुराक पाने पर ही जीवित हैं। (पृष्ठ 147)
बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
पेड़ पल्लवित कैसे होता है?
(क) वायु से
(ख) प्रकाश से
(ग) सूर्य किरण का स्पर्श पाकर
(घ) नमी से
उत्तर:
(ग) सूर्य किरण का स्पर्श पाकर
प्रश्न 2.
जीवन का मूलमंत्र है-
(क) पानी
(ग) मिट्टी
(ख) वायु
(घ) प्रकाश
उत्तर:
(घ) प्रकाश
प्रश्न 3.
ईंधन जलने पर प्रकाश व ताप कहाँ से आता है?
(क) लकड़ी गरम हो जाती है।
(ख) उसमें सूर्य की ऊर्जा है।
(ग) लकड़ी नमी खो देती है।
(घ) इनमें से कोई नहीं है।
उत्तर:
(ख) उसमें सूर्य की ऊर्जा है।
प्रश्न 4.
प्रकाश हथियाने का जाल कौन है?
(क) मानव जाति
(ख) पेड़-पौधे
(ग) हरियाली
(घ) पेड़-पौधे व हरियाली ।
उत्तर:
(घ) पेड़-पौधे व हरियाली ।
[4]
वृक्ष अपने फूलों में शहद का संचय करके रखते हैं। मधु मक्खी व तितली बड़े चाव से मधुपान करती हैं। मधु-मक्खी के आगमन से वृक्ष का भी उपकार होता है । तुम लोगों ने फूल में पराग कण देखे होंगे। मधुमक्खियाँ एक फूल के पराग कण दूसरे फूल पर ले जाती हैं। पराग कण के बिना बीज पक नहीं सकता।
इस प्रकार फूल में बीज फलता है। अपने शरीर का रस पिलाकर वृक्ष बीजों का पोषण करता है। अब अपनी जिंदगी के लिए उसे मोह-माया का लोभ नहीं है। तिल-तिल कर संतान की खातिर सब कुछ लुटा देता है। जो शरीर कुछ दिन पहले हरा-भरा था, अब वह बिल्कुल सूख गया है। अपने ही शरीर का भार उठाने की शक्ति क्षीण हो चली है। (पृष्ठ 148 )
बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
फूलों में उपस्थित शहद का पान कौन करता है?
(क) तितली
(ख) मधुमक्खी
(ग) दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) दोनों
प्रश्न 2.
मधुमक्खियाँ पराग-कण में क्या मदद करती हैं?
(क) पराग कण उनका भोजन है।
(ख) पराग कण को गिरा देती हैं।
(ग) एक फूल से दूसरे फूल तक ले जाती हैं।
(घ) सभी उत्तर सही हैं।
उत्तर:
(घ) सभी उत्तर सही हैं।
प्रश्न 3.
बीज कहाँ पलता है?
(क) पत्तों में
(ख) फल में
(ग) तने में
(घ) जड़ में
उत्तर:
(घ) जड़ में
प्रश्न 4.
हरा-भरा पेड़ धीरे-धीरे सूख जाता है क्योंकि-
(क) उसकी शक्ति क्षीण हो जाती है।
(ख) संतान के लिए स्वयं को बलिदान कर देती है।
(ग) पेड़ बूढ़ा होने लगता है।
(घ) पेड़ तिल-तिल कर अपना सब कुछ लुटा देता है
उत्तर:
(ख) संतान के लिए स्वयं को बलिदान कर देती है।
परीक्षोपयोगी अन्य आवश्यक प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
लेखक ने अंकुरण का किस प्रकार मानवीकरण किया है?
उत्तरः
बीज धरती में ऐसे ही छिपा रहता है जैसे शिशु माँ के गर्भ में। उपयुक्त अवसर पाकर बीज का अंकुरण होता है और पृथ्वी को फोड़कर बाहर निकल आता। शिशु भी माँ के गर्भ से बाहर की दुनिया में आ जाता है। दोनों बाहर निकलकर सूरज की रोशनी को देखते हैं। बीज का अंकुरण मानो शिशु का सिर उठाना है।
प्रश्न 2.
पौधे का जड़ और तना भाग कहाँ रहता है?
उत्तर:
पौधे के दो भाग होते हैं-जड़ और तना। जड़ सदैव नीचे की ओर रहती है और तना ऊपर की ओर। यदि हम गमले के पौधे को औंधा भी लटका दें तब भी जड़ नीचे की ओर ही जाती है तथा तना ऊपर की ओर।
प्रश्न 3.
पौधे भोजन कैसे करते हैं?
उत्तरः
पेड़-पौधों के दाँत नहीं होते अतः वे भोजन तरल द्रव्य या वायु से ग्रहण करते हैं। पेड़-पौधे जड़ों के द्वारा मिट्टी से रस-पान करते हैं। मिट्टी में पानी डालने पर उसके भीतर के द्रव्य गल जाते हैं। पेड़-पौधे उन तमाम द्रव्यों को सोखकर अपना भोजन करते हैं। पेड़ों में हजारों नल होते हैं। इन नलों के द्वारा ही पेड़ों के शरीर में रस का संचार होता है। वे हवा से भी आहार ग्रहण करते हैं।
प्रश्न 4.
वृक्ष किस प्रकार अंगारक वायु को शुद्ध कर देते हैं?
उत्तर:
वृक्ष के पत्तों में अनगिनत छोटे-छोटे मुँह होते हैं। इन मुँहों पर होंठ होते हैं। जब आहार ग्रहण की आवश्यकता न हो तब ये होंठ बंद रहते हैं। हमारे साँस छोड़ने के कारण अंगारक हवा (जहरीली हवा) पृथ्वी पर इकट्ठी हो जाती है। पेड़-पौधे उसी अंगारक वायु का सेवन करके उसे पूर्णतया शुद्ध कर देते हैं। उसी को हम ग्रहण करते हैं।
प्रश्न 5.
पेड़-पौधे कैसे अंगारक वायु को शुद्ध करते हैं?
उत्तरः
जब पेड़ों के पत्तों पर सूर्य का प्रकाश पड़ता है तब पत्ते सूर्य-ऊर्जा के सहारे ‘अंगारक’ वायु से अंगार को नष्ट कर देती है। यही अंग्र वृक्ष के शरीर में प्रवेश करके उसका संवर्द्धन करते हैं।
प्रश्न 6.
पेड़-पौथे क्या चाहते हैं और क्यों?
उत्तर:
पेड़-पौधे प्रकाश चाहते हैं। प्रकाश न मिलने पर ये बच नहीं सकते। पेड़-पौधों की यही कोशिश रहती है कि किसी तरह उन्हें थोड़ा-सा प्रकाश मिल जाए। प्रकाश के अभाव में ये मर जाते हैं।
प्रश्न 7.
मरने से पहले पेड़ क्या करते हैं?
उत्तर:
मरने से पहले पेड़ अपनी संतान छोड़ जाते हैं। बीज ही उनकी संतान होती है। इस बीज की सुरक्षा के लिए वे फूल की पंखुड़ियों से घेरा एक छोटा-सा घर बनाते हैं। फूल में बीज फलता है। वृक्ष अपने शरीर का रस पिलाकर बीजों का पोषण करते हैं। वृक्ष बीज रूपी अपनी संतान के लिए सब कुछ लुटा देता है फिर एक अचानक सूंख कर भूमि पर गिर जाता है और अपना जीवन संतान के लिए न्योछावर कर देता है।
भाषा की बात
1. उपसर्ग-प्रत्यय अलग करो-
- सुकोमल ………….
- पल्लवित ………….
- मजबूती ………….
- जहरीली ………….
- सचेष्ट ………….
- हरियाली ………….
2. शब्द भेद (तत्सम-तद्भव) बताइए-
- पल्लवित ………….
- सूरज ………….
- आच्छादित ………….
- होंठ ………….
- स्पर्श ………….
- दाँत ………….
- संवर्द्धन ………….
- माटी ………….
3. ‘औधंधा’ शब्द कैसा है? ऐसा एक अन्य शब्द भी लिखिए। ‘नन्हा-सा’ शब्द को स्पष्ट कीजिए।
चित्र वर्णन
ऊपर बने चित्र को ध्यानपूर्वक देखो और इसका वर्णन अपने शब्दों में करो।