Click here to access the best NCERT Solutions Class 6 Hindi Malhar Chapter 9 Question Answer मैया मैं नहिं माखन खायो textbook exercise questions and answers.
मैया मैं नहिं माखन खायो Class 6th Hindi Malhar Chapter 9 Question Answer
मैया मैं नहिं माखन खायो Class 6 Question Answer
पाठ से
मेरी समझ से
(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर न-सा है? उसके सामने तारा (★) बनाइए-
प्रश्न 1.
मैं माखन कैसे खा सकता हूँ? इसके लिए श्रीकृष्ण ने क्या तर्क दिया?
• मुझे तुम पराया समझती हो ।
• मेरी माता, तुम बहुत भोली हो ।
• मुझे यह लाठी-कंबल नहीं चाहिए ।
• मेरे छोटे-छोटे हाथ छींके तक कैसे जा सकते हैं?
उत्तर:
• मेरे छोटे-छोटे हाथ छींके तक कैसे जा सकते हैं?
प्रश्न 2.
श्रीकृष्ण माँ के आने से पहले क्या कर रहे थे?
• गाय चरा रहे थे।
• माखन खा रहे थे।
• मधुबन में भटक रहे थे।
• मित्रों के संग खेल रहे थे।
उत्तर:
माखन खा रहे थे।
(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए और कारण बताइए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने ?
उत्तर:
- माँ यशोदा जब कृष्ण के मुँह पर माखन लगा देखकर उन्हें डाँटने लगती है तो वे छींके तक हाथ न पहुँचने का बहाना बनाते हैं।
- माखन खा रहे थे यह विकल्प सही है क्योंकि पद्यांश की शुरुआत ही इस पंक्ति से हुई है- ‘मैया मैं नहिं माखन खायो’ अर्थात कृष्ण माँ से माखन न खाने की बात कर रहे हैं।
मिलकर करें मिलान
पाठ में से चुनकर यहाँ कुछ शब्द दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही अर्थ या संदर्भ से मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।
शब्द | अर्थ या संदर्भ |
1. जसोदा | 1. समय मापने की एक इकाई (तीन घंटे का एक पहर होता है। एक दिवस में आठ पहर होते हैं)। |
2. पहर | 2. एक वट वृक्ष (मान्यता है कि श्रीकृष्ण जब गाय चराया करते थे, तब वे इसी वृक्ष के ऊपर चढ़कर वंशी की ध्वनि से गायों को पुकारकर उन्हें एकत्रित करते।) |
3. लकुटि कमरिया | 3. गोल पात्र के आकार का रस्सियों का बुना हुआ जाल जो छत या ऊँची जगह से लटकाया जाता है ताकि उसमें रखी हुई खाने-पीने की चीजों (जैसे- दूध, दही आदि) को कुत्ते, बिल्ली आदि न पा सकें। |
4. बंसीवट | 4. यशोदा, श्रीकृष्ण की माँ, जिन्होंने श्रीकृष्ण को पाला था। |
5. मधुबन | 5. जन्म देने वाली, उत्पन्न करने वाली, जननी, माँ। |
6. छीको | 6. गाय पालने वालों के बच्चे, श्रीकृष्ण के संगी साथी । |
7. माता | 7. मथुरा के पास यमुना के किनारे का एक वन। |
8. ग्वाल-बाल | 8. लाठी और छोटा कंबल, कमली (मान्यता है कि श्रीकृष्ण लकुटि-कमरिया लेकर गाय चराने जाया करते थे) |
उत्तर:
1. → 4
2. → 1
3. → 8
4. → 2
5. → 7
6. → 3
7. → 5
8. → 6
पंक्तियों पर चर्चा
पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपनी कक्षा में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।
(क) “ भोर भयो गैयन के पाछे, मधुबन मोहि पठायो ”
उत्तर:
श्रीकृष्ण माँ यशोदा से कहते हैं कि प्रात: होते ही तुम मुझे मधुबन में गौओं को चराने के लिए भेज देती हो ।
(ख) “सूरदास तब बिहँसि जसोदा, लै उर कंठ लगायो ” ।
उत्तर:
सूरदास कहते हैं कि माँ यशोदा कृष्ण की बाते सुनकर हँस पड़ी और उन्हें गले से लगा लिया।
सोच-विचार के लिए
पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर ढूँढ़कर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-
(क) पद में श्रीकृष्ण ने अपने बारे में क्या-क्या बताया है?
उत्तर:
पद में श्रीकृष्ण ने माता यशोदा से अपने बारे में सफ़ाई देते हुए कहा कि-
मैया मैंने माखन नहीं खाया। प्रातः होते ही मैं गौओं को चराने वन में चला जाता हूँ और सुबह से शाम तक वन में ही रहता हूँ। शाम को ही घर आता हूँ। मैं तो छोटा – बालक हूँ, मेरे हाथ भी छोटे ही हैं। मेरे हाथ किस प्रकार छींके तक पहुँच सकते हैं। ये सभी ग्वाल-बाल तो मेरे बैरी (शत्रु, दुश्मन) हैं, ये मेरे मुँह पर जबरदस्ती माखन लगा देते हैं। माता आप बहुत ही भोली हो जो इनके कहने में आ जाती हो। आपके हृदय में मेरे प्रति कुछ संदेह है तभी आप मुझे पराया समझती हो। आप ये अपनी लाठी और कंबल ले लो। ये मुझे बहुत नाच नचाते हैं।
(ख) यशोदा माता ने श्रीकृष्ण को हँसते हुए गले से क्यों लगा लिया?
उत्तर
माता यशोदा श्रीकृष्ण के इस मासूमियत भोलेपन पर (रीझकर) प्रसन्न होकर उन्हें अपने गले लगा लेती हैं।
कविता की रचना
‘भोर भयो गैयन के पाछे, मधुबन मोहि पठायो ।
चार पहर बंसीवट भटक्यो, साँझ परे घर आयो ।।
इन पंक्तियों के अंतिम शब्दों को ध्यान से देखिए ।
‘पठायो’ और ‘आयो’ दोनों शब्दों की अंतिम ध्वनि एक जैसी है। इस विशेषता को ‘तुक’ कहते हैं। इस पूरे पद में प्रत्येक पंक्ति के अंतिम शब्द का तुक मिलता है। अनेक कवि अपनी रचना को प्रभावशाली बनाने के लिए तुक का उपयोग करते हैं।
(क) इस पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और अपने – अपने समूह में मिलकर इस पाठ की विशेषताओं की सूची बनाइए, जैसे इस पद की अंतिम पंक्ति में कवि ने अपना नाम भी दिया है आदि ।
(ख) अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए ।
उत्तर:
छात्र/छात्राएँ स्वयं करें।
अनुमान या कल्पना से
अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए-
(क) श्रीकृष्ण अपनी माँ यशोदा को तर्क क्यों दे रहे होंगे?
उत्तर:
इस पद में कृष्ण के बाल स्वरूप का चित्रण है। प्रत्येक बच्चा गलती करने के बाद, उस गलती को छिपाने के लिए तर्क देता है। ऐसे ही श्रीकृष्ण भी माँ को तर्क दे रहे हैं। कि उन्होंने माखन नहीं खाया। ग्वाल-बालों ने उनके मुख पर लगा दिया है ताकि माँ यशोदा उन्हें डाटें।
(ख) जब माता यशोदा ने श्रीकृष्ण को गले से लगा लिया, तब क्या हुआ होगा?
उत्तर:
माता यशोदा ने श्रीकृष्ण को जब गले से लगाया होगा तो उनका सारा क्रोध समाप्त हो गया होगा और कृष्ण के प्रति प्रेम उमड़ आया होगा।
शब्दों के रूप
नीचे शब्दों से जुड़ी कुछ गतिविधियाँ दी गई हैं। इन्हें करने के लिए आप शब्दकोश, अपने शिक्षकों और साथियों की सहायता भी ले सकते हैं।
(क) “ भोर भयो गैयन के पाछे”
इस पंक्ति में ‘पाछे’ शब्द आया है। इसके लिए ‘पीछे’ शब्द का उपयोग भी किया जाता है। इस पद में ऐसे कुछ और शब्द हैं जिन्हें आप कुछ अलग रूप में लिखते और बोलते होंगे। नीचे ऐसे ही कुछ अन्य शब्द दिए गए हैं। इन्हें आप जिस रूप में बोलते लिखते हैं, उस प्रकार से लिखिए ।
• परे ……………………
उत्तर:
• परे होने पर
• छोटो …………….
उत्तर:
• छोटो छोटा
• बिधि ……………
उत्तर:
• बिधि प्रकार
• भोरी ………………..
उत्तर:
• भोरी प्रातःकाल
• कछु ……………
उत्तर:
• कछु कुछ
• लै लेना ……………
उत्तर:
• लै लेना
• नहिं नहीं
उत्तर:
• नहिं नहीं
(ख) पद में से कुछ शब्द चुनकर नीचे स्तंभ 1 में दिए गए हैं और स्तंभ 2 में उनके अर्थ दिए गए हैं। शब्दों का उनके सही अर्थों से मिलान कीजिए-
स्तंभ 1 | स्तंभ 2 |
1. उपजि | 1. मुसकाई, हँसी |
2. जानि | 2. उपजना, उत्पन्न होना |
3. जायो | 3. जानकर, समझकर |
4. जिय | 4. विश्वास किया, सच माना |
5. पठायो | 5. बाँह हाथ, भुजा |
6. पतियायो | 6. प्रकार, भाँति, रीति |
7. बहियन | 7. मन, जी |
8. बिधि | 8. जन्मा |
9. बिहँसी | 9. मला लगाया, पोता |
10. भटक्यो | 10. इधर-उधर घूमा या भटका |
11. लपटायो | 11. भेज दिया |
उत्तर:
1. → 2
2. → 3
3. → 8
4. → 7
5. → 11
6. → 4
7. → 5
8. → 6
9. → 1
10. → 10
11. → 9
वर्ण-परिवर्तन
“तू माता मन की अति भोरी‘
‘भोरी’ का अर्थ है ‘भोली’। यहाँ ‘ल’ और ‘र’ वर्ण परस्पर बदल गए हैं। आपने ध्यान दिया होगा कि इस पद में कुछ और शब्दों में भी ‘ल’ या ‘ड़’ और ‘र’ में वर्ण परिवर्तन हुआ है। ऐसे शब्द चुनकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।
उत्तर:
जैसे- ‘पड़े’ के स्थान पर ‘परे’ का प्रयोग । छात्र / छात्राएँ स्वयं भी करें।
पंक्ति से पंक्ति
नीचे स्तंभ 1 में कुछ पंक्तियाँ दी गयी हैं और स्तंभ 2 में उनके भावार्थ दिए गए हैं। रेखा खींचकर सही मिलान कीजिए।
स्तंभ 1 | स्तंभ 2 |
1. भोर भयो गैयन के पाछे, मधुबन मोहि पठायो । | 1. मैं छोटा बालक हूँ, मेरी बाँहें छोटी हैं, मैं छीकें तक कैसे पहुँच सकता हूँ? |
2. चार पहर बंसीवट भटक्यो, साँझ परे घर आयो । | 2. तेरे हृदय में अवश्य कोई भेद है, जो मुझे पराया समझ लिया । |
3. मैं बालक बहिंयन को छोटो, छीको केहि बिधि पायो । | 3. माँ तुम मन की बड़ी भोली हो, इनकी बातों में आ गई हो । |
4. ग्वाल-बाल सब बैर परे हैं, बरबस मुख लपटायो । | 4. सुबह होते ही गायों के पीछे मुझे मधुबन भेज दिया। |
5. तू माता मन की अति भोरी, इनके कहे पतियायो । | 5. चार पहर बंसीवट में भटकने के बाद साँझ होने पर घर आया। |
6. जिय तेरे कछु भेद उपजि है, जानि परायो जायो । | 6. ये सब सखा मुझसे बैर रखते हैं, इन्होंने मक्खन हठपूर्वक मेरे मुख पर लिपटा दिया। |
उत्तर:
1. → 4
2. → 5
3. → 1
4. → 6
5. → 3
6. → 2
पाठ से आगे
आपकी बात
” मैया मैं नहिं माखन खायो ”
यहाँ श्रीकृष्ण अपनी माँ के सामने सिद्ध करने का प्रयास कर रहे हैं कि उन्होंने माखन नहीं खाया है। कभी-कभी । हमें दूसरों के सामने सिद्ध करना पड़ जाता है कि यह कार्य हमने नहीं किया। क्या आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है? कब ? किसके सामने ? आपने अपनी बात सिद्ध करने के लिए कौन-कौन से तर्क दिए? उस घटना के बारे में बताइए ।
उत्तर:
छात्र / छात्राएँ स्वयं करें।
घर की वस्तुएँ
“मैं बालक बहियन को छोटो, छीको केहि बिधि पायो । ” ‘छींका’ घर की एक ऐसी वस्तु है जिसे सैकड़ों वर्ष से भारत में उपयोग में लाया जा रहा है।
नीचे कुछ और घरेलू वस्तुओं के चित्र दिए गए हैं। इन्हें आपके घर में क्या कहते हैं? चित्रों के नीचे लिखिए। यदि किसी चित्र को पहचानने में कठिनाई हो तो आप अपने शिक्षक, परिजनों या इंटरनेट की सहायता भी ले सकते हैं।
उत्तर:
मटका, प्रेस (इस्तरी), चौपाया, सिलाई मशीन, चारपाई, मर्तबान, सूप, सिल- लोढ़ा ( पट्टा), जाँत, बेना (पंखा), मथानी, चलनी, कटोरदान, ओखली, मथानी – मटका
आप जानते ही हैं कि श्रीकृष्ण को मक्खन बहुत पसंद था। दूध से दही, मक्खन बनाया जाता है और मक्खन से घी बनाया जाता है। नीचे दूध घी बनाने की प्रक्रिया संबंधी कुछ चित्र दिए गए हैं। अपने परिवार के सदस्यों, शिक्षकों या इंटरनेट आदि की सहायता से दूध से घी बनाने की प्रक्रिया लिखिए ।
उत्तर:
सर्वप्रथम दूध को जामन लगाकर दही बनाया जाता है। दही को मथने से माखन बनता है। माखन को हांड़ी या किसी बड़े बर्तन में डालकर गर्म किया जाता है। धीरे-धीरे वह घी में परिवर्तित होने लगता है। हांडी मैं बने घी को छान लिया जाता है और बची ‘करोनि’ को भी खा सकते हैं।
समय का माप
” चार पहर बंसीवट भटक्यो, साँझ परे घर आयो।।”
(क) ‘पहर’ और ‘साँझ’ शब्दों का प्रयोग समय बताने के लिए किया जाता है। समय बताने के लिए और कौन-कौन से शब्दों का प्रयोग किया जाता है? अपने समूह में मिलकर सूची बनाइए और कक्षा में
साझा कीजिए ।
(संकेत- कल, ऋतु, वर्ष, अब पखवाड़ा, दशक, वेला अवधि आदि )
उत्तर:
अभी, प्रात: सांय, दोपहर, रात, कल, आज, परसो, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, त्रैमासिक, छमाही वार्षिक आदि।
(ख) श्रीकृष्ण के अनुसार वे कितने घंटे गाय चराते थे?
उत्तर:
दस से बारह घंटे ।
(ग) मान लीजिए वे शाम को छह बजे गाय चराकर लौटे। वे सुबह कितने बजे गाय चराने के लिए घर से निकले होंगे?
उत्तर:
पाँच-छह बजे के बीच में।
(घ) ‘दोपहर’ का अर्थ है ‘दो पहर’ का समय। जब दूसरे पहर की समाप्ति होती है और तीसरे पहर का प्रारंभ होता है। यह लगभग 12 बजे का समय होता है, जब सूर्य सिर पर आ जाता है। बताइए दिन के पहले पहर का प्रारंभ लगभग कितने बजे होगा?
उत्तर:
सुबह के छह बजे से नौ बजे तक पहला पहर होता है।
हम सब विशेष हैं
(क) महाकवि सूरदास दृष्टिबाधित थे। उनकी विशेष क्षमता थी उनकी कल्पना शक्ति और कविता रचने की कुशलता ।
हम सभी में कुछ न कुछ ऐसा होता है जो हमें सबसे विशेष और सबसे भिन्न बनाता है।
नीचे दिए गए व्यक्तियों की विशेष क्षमताएँ क्या हैं, विचार कीजिए और लिखिए-
आपकी………………………………………….
आपके …………………………………..
आपके शिक्षक की ……………………….
आपके मित्र की ……………………..
उत्तर:
• किसी को भी मुश्किल में देखकर सहायता करने की चाह उठना ।
• मेरे पिताजी हर बात व्यावहारिक रूप में समझाते हैं।
• पाठ को भली भाँति समझना, मार्ग निर्देशन करना ।
• सच्ची मित्रता निभाना, मित्र के गलत होने पर उसे प्यार से अहसास दिलाना ।
(ख) एक विशेष क्षमता ऐसी भी है जो हम सबके पास होती है। वह क्षमता है सबकी सहायता करना, सबके भले के लिए सोचना । तो बताइए, इस क्षमता का उपयोग करके आप इनकी सहायता कैसे करेंगे-
- एक सहपाठी पढ़ना जानता है और उसे एक पाठ समझ में नहीं आ रहा है।
- एक सहपाठी को पढ़ना अच्छा लगता है और वह देख नहीं सकता।
- एक सहपाठी बहुत जल्दी-जल्दी बोलता है और उसे कक्षा में भाषण देना है।
- एक सहपाठी बहुत अटक अटक कर बोलता है और उसे कक्षा में भाषण देना है।
- एक सहपाठी को चलने में कठिनाई है और वह सबके साथ दौड़ना चाहता है।
- एक सहपाठी प्रतिदिन विद्यालय आता है और उसे सुनने में कठिनाई है।
उत्तर:
- उसे समझाना।
- उसे पढ़कर समझाना एवं ब्रेल लिपि से पढ़ने हेतु प्रेरित करना ।
- उसे अभ्यास करवाना कि सहजता से बोले ।
- बार-बार अभ्यास करवाना।
- उसका साहस बढ़ाना, हाथ पकड़कर दौड़ने में मदद करना या स्वयं धीरे-धीरे उसके साथ दौड़ना ।
- उसे लिखकर समझाना।
आज की पहेली
दूध से मक्खन ही नहीं बल्कि और भी बहुत कुछ बनाया जाता है। नीचे दूध से बनने वाली कुछ वस्तुओं के चित्र दिए गए हैं। दी गई शब्द पहेली में उनके नाम के पहले अक्षर दे दिए गए हैं। नाम पूरे कीजिए-
उत्तर:
खोवा, दही, मलाई, मिठाई, छाछ, मट्ठा, लस्सी, घी, पनीर, आईसक्रीम।
खोजबीन के लिए
सूरदास द्वारा रचित कुछ अन्य रचनाएँ खोजें व पढ़ें।
उत्तर:
छात्र / छात्राएँ स्वयं करें। पुस्तकालय अथवा इंटरनेट की सहायता से खोजकर सूरदास की अन्य रचनाएँ खोजकर पढ़ें।
NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 9 टिकट अलबम (Old Syllabus)
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
कहानी से
प्रश्न 1.
नागराजन ने अलबम के मुख्य पृष्ठ. पर क्या लिखा और क्यों ? इसका असर कक्षा के दूसरे लड़के-लड़कियों पर क्या हुआ?
उत्तर-
नागराजन के अलबम के मुख्य पृष्ठ पर लिखा था-ए. एम. नागराजन और नीचे की पंक्तियों में लिखा था—‘इस अलबम को चुराने वाला बेशर्म है। ऊपर लिखे नाम को कभी देखा है? यह अलबम मेरा है। जब तक घास हरी है और कमल लाल, सूरज जब तक पूर्व से उगे और पश्चिम में छिपे, उस अनंत काल तक के लिए यह अलबम मेरा है, रहेगा।’ ऐसा इसलिए लिखा था ताकि उसे कोई चुराने की कोशिश न करे। यह अलबम हमेशा-हमेशा के लिए नागराजन के पास रहे। कक्षा के दूसरे लड़के-लड़कियों पर इसका यह असर हुआ कि उन्होंने इसे अपने अलबम और कॉपी में उतार लिया।
प्रश्न 2.
नागराजन के अलबम के हिट हो जाने के बाद राजप्पा के मन की दशा क्या हुई?
उत्तर-
नागराजन का अलबम हिट हो जाने के बाद राजप्पा मन ही मन कुढ़ने लगा और अपने फालतू टिकटों के बदले नागराजन से कुछ अच्छे टिकट लेने की सोचने लगा ताकि उसका अलबम और अच्छा हो जाए, लेकिन उसने मौका देखकर नागराजन का अलबम चोरी कर लिया।
प्रश्न 3.
अलबम चुराते समय राजप्पा किस मानसिक स्थिति से गुजर रहा था?
उत्तर-
अलबम चुराते समय राजप्पा का दिल बहुत तेज़ी से धड़क रहा था। वह बहुत घबरा रहा था कहीं कोई देख न ले। घर जाकर भी उसको ऐसा लग रहा था जैसे उसका सारा शरीर जल रहा हो। उसने रात में खाना भी नहीं खाया। उसका चेहरा भयानक हो गया था। घर के लोग उसे देखकर चिंतित हो गए थे। रात में उसे ठीक से नींद भी नहीं आई। अलबम को तकिए के नीचे रखकर ही वह सो गया।
प्रश्न 4.
राजप्पा ने नागराजन का टिकट-अलबम अँगीठी में क्यों डाल दिया?
उत्तर-
राजप्पा ने सोचा कि नागराजन के पिता पुलिस में शिकायत करेंगे और पुलिस आकर उसे पकड़ लेगी। ‘अप्पू’ ने राजप्पा को बहुत डरा दिया था। जब राजप्पा की माँ ने किवाड़ खटखटाया तो राजप्पा ने समझा कि पुलिस आ गई है। उसने हड़बड़ाहट में वह अलबम अंगीठी में डाल दिया जिससे पुलिस को अलबम का पता न चले।
प्रश्न 5.
लेखक ने राजप्पा के टिकट इकट्ठा करने की तुलना मधुमक्खी से क्यों की?
उत्तर-
जिस प्रकार मधुमक्खी सारा दिन दूर-दूर घूम-घूमकर फूलों से मकरंद चूसती है और शहद की एक-एक बूंद इकट्ठा करती है, उसी प्रकार राजप्पा भी सारा दिन मेहनत करके दूर-दूर से, एक-एक टिकट इकट्ठा करके लाता था। इस प्रकार राजप्पा का टिकटों का संग्रह मधुमक्खी द्वारा विभिन्न फूलों से रस लेने के समान था। इसी समानता के कारण लेखक ने उसकी तुलना मधुमक्खी से की है।
कहानी से आगे
प्रश्न 1.
टिकटों की तरह ही बच्चे और बड़े दूसरी चीजें भी जमा करते हैं। सिक्के उनमें से एक हैं। तुम कुछ अन्य चीजों के बारे में सोचो जिन्हें जमा किया जा सकता है। उनके नाम लिखो।
उत्तर-
टिकटों और सिक्कों के अतिरिक्त पेंटिंग्स, बैग, जूते, या कुछ अनमोल कलाकृतियाँ जमा की जा सकती हैं।
प्रश्न 2.
टिकट-अलबम का शौक रखने के राजप्पा और नागराजन के तरीके में क्या फ़र्क है? तुम अपने शौक के लिए कौन सा तरीका अपनाओगे?
उत्तर-
राजप्पा ने टिकट एकत्र करने में जी-जान लगा दिया था। उसे टिकट इकट्ठा करने की धुन थी। बड़ी मेहनत से उसने अपना अलबम तैयार किया था। परंतु नागराजन को बैठे-बिठाए सुंदर-सा अलबम मिल गया। उसके मामाजी ने सिंगापुर से उसके लिए टिकट अलबम भेज दिया था। उसे टिकट जुटाने में कोई परेशानी नहीं हुई। यदि मुझे टिकट अलबम बनाना हो, तो मैं राजप्पा का तरीका अपनाऊँगा क्योंकि अपनी मेहनत से कुछ बनाने और बिना मेहनत के पा लेने में फर्क होता है।
प्रश्न 3.
इकट्ठा किए हुए टिकटों का अलग-अलग तरह से वर्गीकरण किया जा सकता है, जैसे-देश के आधार पर। ऐसे और आधार सोचकर लिखो।
उत्तर-
टिकटों का वर्गीकरण निम्न आधार पर किया जा सकता है-पशु-पक्षियों के आधार पर, महापुरुषों के आधार पर, सामाजिक समस्याओं के आधार पर, ऐतिहासिक घटनाक्रम के आधार पर, स्वतंत्रता संग्राम के आधार पर, इत्यादि।
प्रश्न 4.
कई लोग चीजें इकट्ठी करते हैं और ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाते हैं। इसके पीछे उनकी क्या प्रेरणा होती होगी। सोचो और अपने दोस्तों से इस पर बातचीत करो।
उत्तर-
चीजें इकट्ठा करने का शौक जब चरम सीमा तक पहुँच जाता है और वह दुनिया के बाकी लोगों को पीछे छोड़ देता है, तब नाम गिनीज बुक में दर्ज होता है। अकसर प्रसिद्ध पाने की लालसा में लोग इस तरह के काम करते हैं।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
राजप्पा अलबम के जलाए जाने की बात नागराजन को क्यों नहीं कह पाता है? अगर वह कह देता तो क्या कहानी के अंत पर कुछ फ़र्क पड़ता? कैसे?
उत्तर-
अगर राजप्पा अलबम जलाए जाने की बात नागराजन को कहती, तो नागराजन उसे ईष्यालु और चोर समझती और दोनों में शत्रुता हो जाती। नागराजने उससे लड़ सकता था। उसे माता-पिता से डाँट भी सुननी पड़ती। हो सकता है, नागराजन स्कूल में भी सबको बता देता और राजप्पी को शरमिंदगी झेलनी पड़ती।
प्रश्न 2.
कक्षा के बाकी विद्यार्थी स्वयं अलबम क्यों नहीं बनाते थे? वे राजप्पा और नागराजन के अलबम के दर्शक मात्र क्यों रह जाते हैं? अपने शिक्षक को बताओ।
उत्तर-
कक्षा में बस एक राजप्पा ही था, जिसे टिकट इकट्ठा करने की धुन थी। वह एक-एक टिकट इकट्ठा करने के लिए मित्रों के घर के कई चक्कर लगाती थी लेकिन बाकी छात्र इतना परिश्रम नहीं करना चाहते थे। इसको बनाने में काफ़ी परिश्रम, समय और रुपए खर्च भी करना पड़ता था। बाकी छात्र दूसरों के अलबम को देखकर खुश हो जाते थे। कक्षा में राजप्पा ही ऐसा छात्र था जो बड़े मेहनत के साथ टिकटें जमा करता था। सभी विद्यार्थियों को नया काम करने का शौक नहीं होता। वे अधिक परिश्रम नहीं करना चाहते। वे दूसरों की वस्तुओं को देखकर ही खुश हो जाते हैं।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों को कहानी में हूँढ़कर उनका अर्थ समझो। अब स्वयं सोचकर इनसे वाक्य बनाओ-
- खोंसना
- जमघट
- टटोलना
- कुढना
- ठहाका
- अगुआ
- पुचकारना
- खलना
- हेकड़ी
- तारीफ़
उत्तर
प्रश्न 2.
कहानी से व्यक्तियों या वस्तुओं के लिए प्रयुक्त हुए ‘नहीं’ का अर्थ देने वाले शब्दों (नकारात्मक विशेषण) को छाँटकर लिखो। उनका उलटी अर्थ देने वाले शब्द भी लिखो।
उत्तर
कुछ करने को
प्रश्न 1.
मान लो कि स्कूल में तुम्हारी कोई प्रिय चीज़ खो गई है। तुम चाहते हो कि जिसे वह चीज़ मिले वह तुम्हें लौटा दे। इस संबंध में स्कूल के बोर्ड पर लगाने के लिए एक नोटिस तैयार करो निम्नलिखित बिंदु हों
(क) खोई हुई चीज़।
(ख) कहाँ खोई ?
(ग) मिल जाने पर कहाँ लौटाई जाए?
(घ) नोटिस लगाने वाले/वाली का नाम और कक्षा।
उत्तर-
नोटिस
सूचनापट
कल दिनांक 5-4-20xx को मेरी छठी कक्षा की विज्ञान की पुस्तक विद्यालय के कंप्यूटर लैब में छूट गई थी। यदि किसी को यह मिली हो, तो छठी कक्षा में आकर मुझे देने का कष्ट करें।
नेहा तिवारी
छठी ‘ब’, क्रमांक-02
प्रश्न 2.
डाक टिकटों के बारे में और जानना चाहते हो तो नेशनल बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली से प्रकाशित पुस्तक ‘डाक टिकटों की कहानी पढ़ो।
उत्तर-
निर्देश-छात्र विद्यालय के पुस्तकालय से इस पुस्तक को लेकर पढ़े।
सुनना-सुनाना
प्रश्न 1.
राजप्पा और नागराजन की तरह क्या तुम भी कोई शौक रखते हो? उससे जुड़े किस्से सुनाओ।
उत्तर-
नागराजन और राजप्पा की भाँति मुझे भी सिक्के इकट्ठे करने का शौक है। पुराने सिक्के को अधिक मूल्य देकर खरीद लेता हूँ। आज मेरे पास दुर्लभ सिक्के करीब 200 मेरे पास हैं। मैं यह इसलिए रखता हूँ ताकि ये सुरक्षित रहें और आने वाले अन्य बच्चे इसके बारे और अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त कर सकें। छात्र इस प्रकार के अनेक अनुभव कक्षा में सुना सकते हैं।
प्रश्न 2.
कुछ कहानियाँ सुखांत होती हैं और कुछ कहानियाँ दुखांत। इस कहानी के अंत को तुम दुखांत मानोगे या सुखांत? बताओ।
उत्तर-
कहानियाँ प्रायः आमतौर पर सुखांत और दुखांत दो प्रकार की होती हैं। ऐसी कहानियाँ जिसका अंत सुखद होता है, सुखांत कहलाती हैं। जिन कहानियों का अंत किसी दुखद घटना से होता है, वे दुखांत कहलाती हैं। इस कहानी का अंत राजप्पा के फूट-फूटकर रोने से होता है। अतः यह कहानी दुखांत है।
बोलते-चेहरे
कुढ़ता चेहरा
ईष्र्यालु चेहरा
घमंडी चेहरा
अपमानित चेहरा
भूखा चेहरना
चालबाज़ चेहरा
भयभीत चेहरा
आँसा चेहरा
उपरोक्त चेहरे के भावों को अभिव्यक्त करके दिखाओ।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।
अन्य पाटोतर हल प्रश्न
बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर
(क) ‘टिकट-अलबम’ पाठ के लेखक कौन हैं?
(i) सुंदरा रामस्वामी
(ii) भगवत शरण उपाध्याय
(iii) जया विवेक
(iv) अनुबंधोपाध्याय
(ख) नागराजन को अलबम किसने भिजवाया था?
(i) उसके ताऊ ने
(ii) उसके चाचा ने
(iii) उसके मामा जी ने
(iv) उसके दादा जी ने
(ग) नागराजन को लड़के क्यों घेरे रहते थे?
(i) वह अच्छे-अच्छे चुटकुले सुनाता था।
(ii) उसके पास सुंदर खिलौने थे।
(iii) उसके पास काफ़ी मिठाई थी।
(iv) उसके पास टिकट-अलबम था।
(घ) नागराजन के मामा कहाँ रहते थे?
(i) सिंगापुर
(ii) त्रिवेंद्रम
(iii) तिरुचिरा पल्ली
(iv) चेन्नई।
(ङ) नागराजन का अलबम किसने चुराया?
(i) पार्वती ने
(ii) उसके मित्र ने
(iii) राजप्पा ने
(iv) किसी पड़ोसी ने।
उत्तर-
(क) (i)
(ख) (iii)
(ग) (iv)
(घ) (i)
(ङ) (iii)
अतिलघु उत्तरीय प्रशनोत्तर
प्रश्न 1.
आजकल लड़के किसे घेरे रहते थे और क्यों?
उत्तर-
आजकल नागराजन को घेरे रहते थे क्योंकि उसके पास बढिया अलबम था।
प्रश्न 2.
अब किसके अलबम की पूछ नहीं रह गई थी?
उत्तर-
अब राजप्पा के अलबम की पूछ लड़कों में नहीं रह गई थी।
प्रश्न 3.
लड़कियों ने नागराजन से अलबम किसे माँगने भेजा और क्यों?
उत्तर-
लड़कियों ने नागराजन से अलबम माँगने के लिए पार्वती को अपना अगुआ बनाकर भेजा क्योंकि वही सबसे तेज़-तर्रार थी।
प्रश्न 4.
राजप्पा ने सरपंच के लड़के से क्या कहा?
उत्तर-
राजप्पा ने सरपंच के लड़के से कहा-तुम्हारे घर में जो प्यारी बच्ची है उसे तीस रुपए में दोगे।
प्रश्न 5.
राजप्पा ने अलबम क्यों छिपा दिया?
उत्तर-
राजप्पा ने नागराजन की अलबम चुराई थी, इसलिए वह नहीं चाहता था कि किसी को इसके बारे में कुछ पता चले।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
राजप्पा को अब कोई क्यों नहीं पूछता था?
उत्तर-
राजप्पा के पास अलबम था। उस अलबम के कारण उसे लड़के घेरे रहते थे, पर अब नागराजन के मामा ने उसे सिंगापुर से एक अलबम भेजा था। उस अलबम के कारण नागराजन को सभी घेरे रहते और राजप्पा को कोई नहीं पूछता था।
प्रश्न 2.
नागराजन अपना अलबम सबको कब-कब और कैसे दिखाता था।
उत्तर
नागराजन सुबह की पहली घंटी बजने तक, दोपहर की आधी छुट्टी के समय और शाम को अपने घर पर सबको अलबम दिखाता था। वह अपना अलबम किसी को हाथ नहीं लगाने देता था। उसे अपने गोद में लेकर बैठ जाता, लड़के उसे शॉतिपूर्वक घेरकर खड़े रहते और उसका अलबम देखकर खुश होते थे।
प्रश्न 3.
राजप्पा के अलबम को किसने, कितने में खरीदना चाहा था? राजप्पा ने क्या उत्तर दिया?
उत्तर
स्कूल भर में राजप्पा का अलबम सबसे बड़ा और सुंदर था। सरपंच के लड़के ने उसके अलबम को खरीदना चाहा था। पर राजप्पा नहीं माना। राजप्पा ने उसे घमंडी कहा और फिर उसने उससे कहा, क्या तुम अपने घर की प्यारी बच्ची को तीस रुपए में बेच सकते हो? इस बात को सुनकर सारे बच्चे ठहाका मारकर हँस पड़े।
प्रश्न 4.
अलबम चुराते समय राजप्पा किस मानसिक स्थिति से गुज़र रहा था?
उत्तर-
अलबम चुराते समय राजप्पा का दिल तेज़ी से धड़क रहा था। उस समय उसके दिमाग में बस अलबम चुराने की बात थी। इसलिए अलबम चुराकर तुरंत चला गया।
प्रश्न 5.
राजप्पा को अपने अलबम से चिढ़ क्यों हो गई थी?
उत्तर-
राजप्पा को अपना अलबम कूड़ा प्रतीत होने लगा था। अब उसके अलबम को कोई नहीं पूछता सब नागराजन के अलबम की तारीफ़ करते थे। राजप्पा के अलबम की शान घट गई। लड़के उसके अलबम को फिसड्डी और कूड़ा कहने लगे थे। उसके अलबम को कोई पसंद नहीं करता था। यही कारण है कि राजप्पा को अपने अलबम से चिढ़ होने लगी। वह उसे सचमुच कूड़ा लगने लगा।