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सत्रिया और बिहू नृत्य Class 6th Hindi Malhar Chapter 8 Question Answer
सत्रिया और बिहू नृत्य Class 6 Question Answer
पाठ से
आइए, अब हम इस पाठ को थोड़ा और निकटता से समझ लेते हैं। आगे दी गई गतिविधियाँ इस कार्य में आपकी सहायता करेंगी।
मेरी समझ से
(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन – सा है? उसके सामने तारा (★) बनाइए—
प्रश्न 1.
माँ एलेसेंड्रा के बारे में कौन- -सा कथन सत्य है?
• वे असम के जीवन के बारे में बहुत-कुछ जानती थीं।
• उन्हें असम, बिहू और सत्रिया नृत्य से बहुत प्रेम था।
• उन्होंने एंजेला को कुछ असमिया शब्द भी सिखाए।
• वे अपने कार्य में सहायता के लिए बेटी को लाई थीं।
उत्तर:
• वे असम के जीवन के बारे में बहुत-कुछ जानती थीं।
प्रश्न 2.
“अनु और एंजेला ने तुरंत एक दूसरे की तरफ़ देखा।” क्यों?
• अनु के पास खिलौने थे।
• दोनों की आयु एक समान थी।
• दोनों को अंग्रेज़ी भाषा आती थी।
• एंजेला अनु से असमिया भाषा सीखना चाहती थी।
उत्तर:
• दोनों की आयु एक समान थी।
(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए और कारण बताइए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करे
मिलकर करें मिलान
पाठ में से कुछ शब्द चुनकर स्तंभ 1 में दिए गए हैं। उनसे संबंधित वाक्य स्तंभ 2 में दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और रेखा खींचकर शब्दों का मिलान ‘उपयुक्त वाक्यांशों से कीजिए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।
स्तंभ 1 | स्तंभ 2 |
1. सत्र | 1. ग्रेगरी कैलेंडर के अनुसार 1 जनवरी 1901 से 31 दिसंबर 2000 तक का समय। |
2. बोहाग बिहू | 2. ‘यूनाइटेड किंगडम’ और ‘इंग्लैंड’ की राजधानी । |
3. लंदन | 3. ‘यूनाइटेड किंगडम’ देश की एक सरकारी संस्था |
4. गुवाहाटी | 4. असम में मनाया जाने वाला एक त्योहार। यह असम में नए साल की शुरुआत और बसंत के आगमन का प्रतीक है। |
5. ब्रिटिश अकादमी | 5. भारत के असम राज्य का एक प्राचीन और सबसे बड़ा नगर है। |
6. बीसवीं शताब्दी | 6. ये असम के मठ हैं। इनकी संख्या पाँच सौ से भी ज्यादा है। ये पूजा-पाठ और धार्मिक गतिविधियों के स्थान हैं। सत्रिया नृत्य की उत्पत्ति इन्हीं सत्रों में हुई है। |
उत्तर:
1. → 6
2. → 4
3.→ 2
4. → 5
5. → 3
6. → 1
पंक्तियों पर चर्चा
पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपनी कक्षा में साझा कीजिए और लिखिए।
(क) “असम, भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में है, जिसे अपने वन्य-जीवन, रेशम और चाय के बागानों के लिए जाना जाता है। इसके साथ असम में नृत्य की भी एक समृद्ध परंपरा है।”
उत्तर:
असम पूर्वोत्तर भारत का प्रवेश द्वार है। असम राज्य अपनी प्राकृतिक सुंदरता, वनस्पति, चाय के बागानों और समृद्ध नृत्य परंपरा के लिए जाना जाता है। प्रकृति ने असम को मनोहर भव्यता और वन्य जीवों की प्रचुरता का वरदान दिया है। असम के चाय के बागानों में देश के आधे से ज़्यादा चाय का उत्पादन होता है। असम में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहार हैं – बिहू – भोगली – बोहग-बिहू और कोंगाली जिन्हें पूरे असम में धूमधाम से मनाया जाता है।
(ख) “पूरी दुनिया की संस्कृतियों में लोग नृत्य और संगीत से अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं।”
उत्तर:
नृत्य और संगीत का संस्कृति से गहरा संबंध होता है। ये जीवन जीने के तरीके हैं। नृत्य और संगीत में संस्कृतियों के समान विविधता है। इन कलाओं का प्रयोग पूरे इतिहास में सुख-दुख, प्रेम और अन्य भावनाओं को व्यक्त करने के लिए होता रहा है। विभिन्न संस्कृतियों और समाजों की विकास यात्रा में नृत्य और संगीत की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।
सोच-विचार के लिए
निबंध को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए—
(क) “एंजेला के मन में कई तरह के विचार चल रहे थे।”
उसके मन में कौन-कौन से विचार चल रहे होंगे?
उत्तर:
मलंग गाँव में उत्सव का माहौल देखकर एंजेला हैरान रह गई थी। उसने इतने लोगों को एक साथ पहले कभी नहीं देखा था। सुंदर पोशाकों में लड़के-लड़कियों का आकर्षक नृत्य देख वह मंत्रमुग्ध थी। उसके मन में भी बसंत के आगमन पर नृत्य करने की इच्छा हुई। एंजेला भारतीय नृत्य परंपरा, मनमोहक संगीत और भारतीय समाज पर इसके प्रभावों पर सोच रही थी ।
(ख) “बिहू एक कृषि आधारित त्योहार है।” कैसे?
उत्तर:
असम का बिहू नृत्य ग्रामीण जनजीवन के साथ-साथ फसल लगाने से लेकर बसंत के आगमन तक से जुड़ा हुआ है। भारत में जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा किसानों का है। असम में बिहू साल में तीन बार मनाया जाता है। सबसे पहले किसान बीज बोते हैं, फिर जब वे धान रोपते हैं और फिर अनाज तैयार हो जाने पर बिहू उत्सव आनंद से मनाया जाता है।
(ग) ऐसा लगता है कि भारत से जाने के बाद भी एंजेला के मन में असम ही छाया हुआ था। पाठ इस कथन के समर्थन के लिए कुछ उदाहरण खोजकर लिखिए।
उत्तर:
लंदन लौटने के बाद भी एंजेला असम राज्य के सत्रिया और बिहू नृत्य से अत्यधिक प्रभावित रही। वह हर पल भारतीय नृत्य का अभ्यास कर रही थी । खाने-पीने, चलने और यहाँ तक कि खेलने के दौरान भी वह नृत्य करती रही। एंजेला ने लंदन में अपने स्कूल की कक्षा में स्वयं किए गए रंग-बिरंगे ‘सत्रिया’ और आनंदित करने वाले ‘बिहू’ नृत्य को वीडियो रिकार्डिंग के साथ प्रदर्शित किया।
(घ) समय के बदलने के साथ-साथ सत्रिया नृत्य की परंपरा में क्या बदलाव आया है?
उत्तर:
सत्रिया नृत्य भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैलियों में से एक है। ‘सत्रिया’ नाम असम के मठों से आया है। उन्नीसवीं सदी तक सत्रिया नृत्य केवल पुरुष नर्तक ही समर्पित और आध्यात्मिक तरीके से प्रस्तुत करते थे। आगे चलकर सत्रिया नृत्य मठों से बाहर निकला और महिलाएँ भी सत्रिया सीखने लगीं। आधुनिक दौर में महिला सत्रिया कलाकारों के लिए मंच पर नृत्य करना आम बात हो गई है।
निबंध की रचना
“गुवाहाटी के एक होटल में सामान्य होने के बाद वे उसी शाम पा के एक
गाँव मलंग में गए। गाँव पहुँचने पर माँ ने एंजेला को बताया कि बिहू एक कृषि
आधारित त्योहार है। असम में बिहू साल में तीन बार मनाया जाता है।”
इन वाक्यों में बिहू और असम का ऐसा रोचक और सरस वर्णन किया गया है कि लगता है मानो हम कोई कहानी पढ़ रहे हैं।
इस निबंध में वस्तु, घटना, प्रदेश आदि का वर्णन किया गया है। इसमें जो कुछ भी स्वयं देखा गया है, उसका वर्णन किया गया है। इस प्रकार के निबंधों में घटनाओं का एक क्रम होता है। इनमें आम जीवन की बातें होती हैं। इनकी भाषा सरल होती है। उदाहरण के लिए होली, दीपावली आदि के बारे में बताना।
इस पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और इसकी बनावट पर ध्यान दीजिए। इस पाठ की विशेषताएँ पहचानिए और अपनी कक्षा में साझा कीजिए और लिखिए, जैसे इस पाठ में लंदन से यात्रा शुरू करने से लेकर वापस लंदन पहुँचने तक के अनुभवों का वर्णन किया गया है।
उत्तर:
निबंध रचना गतिविधि विद्यार्थी स्वयं अभ्यास करेंगे। इसके लिए अपने अध्यापक की सहायता ले सकते हैं।
अनुमान या कल्पना से
अपनी कक्षा में चर्चा कीजिए-
(क) “बिहू नृत्य और इसके उत्सव से अचंभित एंजेला और उसके परिवार ने इसके साथ-साथ लजीज पकवानों का पूरा आनंद लिया।”
एंजेला और उसका परिवार बिहू नृत्य और उसके उत्सव को देखकर अचंभित क्यों हो गया?
उत्तर:
भारत के असम राज्य के लोक नृत्य ‘बिहू’ त्योहार से संबंधित है। समूह में नाचते स्त्री-पुरुष अत्यंत उत्साहित थे। लड़के वाद्ययंत्र बजा रहे थे और लड़कियों ने लाल और बादामी रंग की डिज़ाइन वाली खूबसूरत पोशाक धारण करी हुई थी। मौज-मस्ती से भरे नृत्य, स्वादिष्ट पकवान और मनोरंजन से भरपूर बिहू उत्सव से एंजेला और उसका परिवार अचंभित था।
(ख) “जब तक एंजेला कुछ समझ पाती, तब तक वह लंदन से नई दिल्ली होते हुए गुवाहाटी की उड़ान पर थी।”
एंजेला और उसकी माँ एलेसेंड्रा ने भारत की यात्रा से पहले कौन-कौन सी तैयारियाँ की होंगी?
उत्तर:
माँ एलेसेंड्रा के पास एक महीने का वक्त था। उन्होंने स्कूल प्रशासन को इसकी जानकारी दी होगी और एंजेला के स्कूल से उसकी छुट्टियों की अनुमति ली होगी। उन्होंने यात्रा के लिए जरूरी दस्तावेज़ संभाले होंगे। डॉक्यूमेंट्री से संबंधित उपकरणों और वस्तुओं को ध्यान से पैक किया होगा। इसके अलावा व्यक्तिगत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु सामान रखा होगा। माँ ने भारत के असम राज्य में रहने के स्थान और शूटिंग के समय और स्थान की भी उचित जानकारी इकट्ठा की होगी। इससे समय की बचत होती है और डॉक्यूमेंट्री निर्माण भी सुचारू रूप से होने में मदद मिली होगी।
(ग) “वहाँ एक बड़े से बरगद के पेड़ के नीचे मंच बनाया गया था।”
बिहू नृत्य के लिए बरगद के पेड़ के नीचे मंच क्यों बनाया गया होगा?
उत्तर:
हिंदू ग्रंथों में बरगद के पेड़ को पूजनीय माना जाता है। भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से बरगद के पेड़ को पूजा जाता है। यह विशाल वृक्ष होता है और फैलाव के कारण काफ़ी लोग इसके नीचे व आस-पास एकत्रित हो सकते हैं। बिहू नृत्य के लिए बरगद के पेड़ रूपी प्राकृतिक मंच से बेहतर और क्या हो सकता था। साथ ही इस पेड़ का सांस्कृतिक महत्त्व भी है।
शब्दों की बात
नीचे शब्दों से जुड़ी कुछ गतिविधियाँ दी गई हैं। इन्हें करने के लिए आप शब्दकोश, अपने शिक्षकों और मित्रों की सहायता भी ले सकते हैं।
असम से जुड़े शब्द
इस पाठ में अनेक शब्द ऐसे हैं जो असम से विशेष रूप से जुड़े हैं। अपने समूह में मिलकर उन शब्दों की पहचान कीजिए। इसके बाद उन्हें नीचे दिए गए स्थान पर लिखिए—
(संकेत—– असम के नृत्य, त्योहार, भाषा आदि।)
तीन बिहू
“असम में बिहू साल में तीन बार मनाया जाता है।”
(क) एंजेला और उसकी माँ एलेसेंड्रा कौन-से बिहू के अवसर पर भारत आए थे? लिखिए।
उत्तर:
एंजेला और उसकी माँ एलेसेंड्रा अप्रैल के महीने में भारत पहुँचे थे। यह अवसर रोंगाली या बोहाग का था। इसे बैसाख में मनाया जाता है, जिसमें किसान बीज बोते हैं।
(ख) तीनों बिहू के लिए लिखिए कि उस समय किसान खेतों में क्या कर रहे होते हैं?
उत्तर:
असम में बिहू साल में तीन बार मनाया जाता है। सबसे पहले किसान बीज बोते हैं और इसे रोंगाली या बोहाग कहते हैं। दूसरी बात धान रोपने पर जिसे भोगाली या माघ कहते हैं। तीसरा, जब खेतों में अनाज तैयार हो जाता है। इसे कार्तिक यानि अक्तूबर से मनाया जाता है और इसे कोंगाली या काटी कहते हैं।
पाठ से आगे
आपकी बात
अपने समूह में चर्चा कीजिए—
(क) “रीना आंटी की एक बिटिया थी— अनु”
‘बिटिया’ का अर्थ है ‘बेटी’। बेटी को प्यार से बुलाने के लिए और स्नेह जताने के लिए ‘बिटिया’ शब्द का प्रयोग भी किया जाता है। ‘बिटिया’ जैसा ही एक अन्य शब्द ‘बिट्टो ‘ भी है।
आपके घर में आपको प्यार से किन-किन नामों से पुकारा जाता है?
(ख) आपके नाम का क्या अर्थ है? आपका नाम किसने रखा? पता करके बताइए।
(ग) “वे एक साथ खेल रहे थे”
आप कौन-कौन से खेल अपने मित्रों के साथ मिलकर खेलते हैं? बताइए ।
(घ) “असम में नृत्य की भी एक समृद्ध परंपरा है।”
आपने इस पाठ में बिहू और सत्रिया नृत्यों के बारे में तो पढ़ा है। आपके प्रांत में कौन-कौन से नृत्य प्रसिद्ध हैं? आपको कौन-सा नृत्य करना पसंद हैं?
पूर्वोत्तर की यात्रा
असम भारत के पूर्वोत्तर भाग में स्थित है। असम के अतिरिक्त पूर्वोत्तर भारत में सात अन्य राज्य भी हैं। आपको अवसर मिले तो इनमें से किसी राज्य की यात्रा कीजिए। आठ राज्यों के नाम हैं- अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा, नागालैंड, मणिपुर और असम।
मानचित्र के लिए देखें: https://surveyofindia.gov.in/pages/political-map-of-india
उत्तर:
टाइम मशीन
“उसे ऐसा लग रहा था, जैसे वह आश्चर्यजनक रूप से किसी टाइम मशीन में आकर बैठ गई हो!” क्या आपने पहले कभी ‘टाइम मशीन’ का नाम सुना है? टाइम-मशीन ऐसी काल्पनिक मशीन है, जिसमें बैठकर बीते हुए या आने वाले समय की दुनिया में पहुँचा जा सकता है। ‘टाइम-मशीन’ को अभी तक बनाया नहीं जा सका है। लेकिन अनेक लेखकों ने ‘टाइम मशीन’ के बारे में कहानियाँ लिखी हैं, अनेक फ़िल्मकारों ने इसके बारे में फ़िल्में बनाई हैं।
(क) यदि आपको टाइम-मशीन मिल जाए तो आप उसमें बैठकर कौन-से समय में और कौन-से स्थान पर जाना चाहेंगे? क्यों?
(ख) आपको यदि कोई ऐसी वस्तु बनाने का अवसर मिले जो अभी तक नहीं बनाई गई है तो आप क्या बनाएँगे? क्यों बनाएँगे?
(ग) क्या आपने कभी किसी संग्रहालय की यात्रा की है? संग्रहालय ऐसा स्थान होता है जहाँ विभिन्न कालों की प्राचीन वस्तुएँ देखने को मिलती हैं। कभी-कभी संग्रहालय की यात्रा भी ‘टाइम मशीन’ की यात्रा जैसी लगती है।
अवसर मिले तो आप भी किसी संग्रहालय की यात्रा अवश्य कीजिए और उसके बारे में कक्षा में बताइए।
खिलौने विभिन्न प्रकार के
“एंजेला को अनु के खिलौने बहुत अच्छे लगे, जो थोड़े अलग तरह के थे।”
(क) अनु के खिलौने कैसे थे? लंदन में एंजेला के खिलौने कैसे रहे होंगे?
(ख) आप घर पर कौन-कौन से खिलौनों से खेलते रहे हैं? उनके नाम बताइए।
(ग) भारत के प्रत्येक प्रांत में हाथ से बच्चों के अनोखे खिलौने बनाए जाते हैं। आपके यहाँ बच्चों के लिए हाथ से बने कौन-कौन से खिलौने मिलते हैं?
(घ) भारत के बच्चे स्वयं भी अपने लिए अनोखे खिलौने बना लेते हैं। आप भी तो कागज़, मिट्टी आदि से कोई न कोई खिलौना बनाना जानते होंगे? आप अपने हाथों से बनाए किसी खिलौने को कक्षा में लाकर दिखाइए और उसे बनाने का तरीका सबको सिखाइए।
पत्र
(क) मान लीजिए आप एंजेला हैं। आप लंदन लौट चुकी हैं और आपको भारत की बहुत याद आ रही है। अपनी सखी को पत्र लिखकर बताइए अनु कि आपको कैसा अनुभव हो रहा है।
(ख) आप जानते होंगे कि पत्र लिखने के लिए आवश्यक सामग्री, जैसे— पोस्टकार्ड, अंतर्देशीय लिफाफे आदि डाकघर से खरीदे जा सकते हैं। संभव हो तो आप भी अपने घर के पास के डाकघर में जाइए और एक पोस्टकार्ड खरीदकर पत्र लिखने के लिए उसका उपयोग कीजिए।
(ग) क्या आपने कभी डाक टिकट देखा है? संसार के सभी देश डाक टिकट जारी करते हैं। भारत का डाक विभाग भी समय- समय पर डाक-टिकट जारी करता है। डाक टिकट किसी देश की संस्कृति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी भी उपलब्ध कराते हैं। इसलिए अनेक लोग देश-विदेश के डाक-टिकटों को एकत्रित करना पसंद करते हैं।
नीचे भारत के विभिन्न लेखकों के सम्मान में जारी किए गए
कुछ डाक–टिकटों के चित्र दिए गए हैं। इन्हें ध्यान से देखिए-
(क) आपको इनमें से कौन-सा डाक टिकट सबसे अच्छा लगा और क्यों?
(ख) डाक टिकटों पर लेखकों के बारे में कौन-कौन सी जानकारी दी गई है?
आज की पहेली
आज हम आपके लिए लाए हैं कुछ असमिया पहेलियाँ। हो सकता है इनमें से कुछ पहेलियों को पढ़कर आपको लगे, अरे! ये पहेली तो मेरे घर पर भी बूझी जाती है ! तो कुछ पहेलियाँ आप पहली बार बूझेंगे। तो आइए, आनंद लेते हैं इन रंग-बिरंगी पहेलियों का—
झरोखे से
“असम, भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में है, जिसे अपने वन्य-जीवन, रेशम और चाय के बागानों के लिए जाना जाता है।”
आपने पढ़ा है कि असम का रेशम (जिसे मूँगा सिल्क भी कहा जाता है) बहुत प्रसिद्ध है। क्या आप जानना चाहते हैं, यह क्या है, कैसे बनता है और क्यों प्रसिद्ध है? हाँ? तो पढ़िए आगे—
असम का सुप्रसिद्ध मूँगा सिल्क
कुछ वर्ष पूर्व मेरी नियुक्ति गुवाहाटी हवाई अड्डे पर हुई थी। वहाँ पर प्रायः मैं महिलाओं को एक विशेष प्रकार की आकर्षक साड़ी पहने देखता था। यह साड़ी सदैव भूरे-सुनहरे रंग की झिलमिली- सी होती थी। उस पर अधिकतर पारंपरिक ढंग से लाल या काली बार्डर तथा हरे, लाल अथवा पीले रंग से बूटों आदि की कढ़ाई रहती थी। कुछ समय पश्चात जब मैं असम के एक विवाह समारोह में गया, तो वहाँ भी अधिकतर महिलाएँ उसी प्रकार की अन्य चमकीली भूरी-सुनहरी साड़ियाँ पहन कर आई थीं। अनेक पुरुषों ने भी उसी प्रकार के भूरे-सुनहरे रंग के कुर्ते पहने हुए थे। बस केवल रंगों में हल्के या गहरे का अंतर था। मैंने अपने एक असमी मित्र से छ कि यह कैसा भूरा-चमकीला कपड़ा है।
मित्र ने बताया कि यह भूरा नहीं बल्कि सुनहरा है। यह असम का सुप्रसिद्ध मूँगा सिल्क है जो सभी प्रकार के रेशमों में सबसे महँगा होता है। मूँगा का असमिया भाषा में अर्थ है पीला या गहरा भूरा। और इसकी सबसे बड़ी विशेषता है कि सम्पूर्ण विश्व में यह केवल असम तथा देश के पूर्वोत्तर राज्यों में ही तैयार होता है। यह असम को प्रकृति द्वारा दिया गया अनमोल और अद्वितीय उपहार है।
मित्र ने यह भी बताया कि मूँगा सिल्क की साड़ियों की एक खूबी यह है कि अन्य रेशमी कपड़ों के विपरीत इनको ‘ड्राई क्लीन’ कराने की आवश्यकता नहीं होती है, बल्कि उन्हें घर पर ही धोया जा सकता है। हर धुलाई के बाद इनका निखार बढ़ता ही जाता है। एक साड़ी औसतन 50 वर्ष तक खराब नहीं होती है। ऐसा माना जाता है कि
मूँगा रेशम सभी प्रकार के प्राकृतिक रूप से तैयार किए जाने वाले कपड़ों में सबसे मज़बूत होता है। इसके अलावा इसे गर्मी या सर्दी किसी भी मौसम में पहना जा सकता है। असम के लोगों का मानना है कि मूँगा सिल्क के कपड़ों में अनेक औषधीय गुण भी होते हैं।
बिमल श्रीवास्तव, स्रोत पत्रिका, अप्रैल 2008
साझी समझ
आपको इस लेख में दी गई कौन-सी जानकारी सबसे अच्छी लगी? क्यों? अपने समूह में बताइए ।
खोजबीन के लिए
असम सहित पूर्वोत्तर भारत के बारे में आप और जान सकते हैं और भारत के पारंपरिक लोक संगीत का आनंद भी ले सकते है, जिन्हें इंटरनेट कड़ियों तथा क्यू. आर. कोड की सहायता से पढ़ें, देखें व समझें-
- असम-बिहू लोकगीत
- सत्रिया नृत्य
- मणिपुरी नृत्य
- भारत के लोक नृत्य
- पूर्वोत्तर राज्यों के लोक नृत्य
- भाषा संगम असमिया
- मुकोली बिहू
NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 8 ऐसे – ऐसे (Old Syllabus)
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
एकांकी से
प्रश्न 1.
‘सड़क के किनारे एक सुंदर फ्लैट में बैठक का दृश्य। उसका एक दरवाज़ा सड़क वाले बरामदे में खुलता है… उस पर एक फ़ोन रखा है। इस बैठक की पूरी तसवीर बनाओ।
उत्तर-
बैठक में फ़र्श पर कालीन बिछा है। इसके ऊपर सोफा सेट रखा है। कोने में तिपाही पर फूलदान सज़ा है। दूसरे कोने में टेबल लैंप रखा है। कमरे के बीच में शीशे की मेज़ रखी है। मेज़ पर अखबार और पत्रिकाएँ रखी हैं। दीवार पर दो सुंदर पेंटिंग टॅगी हुई है।
छात्र दिए गए विवरण के आधार पर चित्र बनाएँ।
प्रश्न 2.
माँ मोहन के ‘ऐसे-ऐसे’ कहने पर क्यों घबरा रही थी?
उत्तर-
माँ का घबराना स्वाभाविक था क्योंकि मोहन कुछ बताता ही नहीं था बस ऐसे-ऐसे किए जा रहा था। माँ ने सोचा पता नहीं यह कौन-सी बीमारी है और कितनी भयंकर है। इसलिए मोहन की माँ घबरा गई थी।
प्रश्न 3.
ऐसे कौन-कौन से बहाने होते हैं जिन्हें मास्टर जी एक ही बार सुनकर समझ जाते हैं? ऐसे कुछ बहानों के बारे में लिखो।
उत्तर-
पेट दर्द, सिर दर्द, बुखार, माता-पिता के साथ कहीं जाना, माता-पिता द्वारा किसी काम के लिए कहा जाना, शादी में जाना, बस छूट जाने का बहामा, माँ की बीमारी का बहाना इत्यादि।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
स्कूल के काम से बचने के लिए मोहन ने कई बार पेट में ऐसे-ऐसे’ होने के बहाने बनाए। मान लो, एक बार उसे सचमुच पेट में दर्द हो गया और उसकी बातों पर लोगों ने विश्वास नहीं किया, तब मोहन पर क्या बीती होगी?
उत्तर-
स्कूल के काम से बचने के लिए मोहन ने कई बार पेट में ऐसे-ऐसे’ होने के बहाने बनाए। यदि किसी दिन मोहन को सचमुच पेट में दर्द हो गया तो कोई भी उसकी बात को नहीं मानेगा तथा उसका दर्द बढ़ता जाएगा जो कि परेशानी का कारण बन सकता है। यदि किसी दिन मोहन के पेट में सचमुच दर्द हुआ होगा तो लोगों ने उस पर विश्वास नहीं किया हो और यही समझा होगा कि वह बहाने बना रहा है। ऐसे में वह तड़पा होगा और सबको बार-बार कहा होगा कि उसके पेट में सचमुच दर्द हो रहा है। तब जाकर मोहन को पता चला होगा कि झूठ बोलने से क्या नुकसान होता है। उसे अपनी आदत पर पछतावा होगा और संभवतः वह भविष्य में कभी झूठ बोलने से तौबा कर ले।
प्रश्न 2.
पाठ में आए वाक्य ‘लोचा-लोचा फिरे है, के बदले ढीला-ढाला हो गया है या बहुत कमज़ोर हो गया है-लिखा जा सकता है लेकिन, लेखक ने संवाद में विशेषता लाने के लिए बोलियों के रंग-ढंग का उपयोग किया है। इस पाठ में इस तरह की अन्य पंक्तियाँ भी हैं; जैसे-
इत्ती नई-नई बीमारियाँ निकली हैं,
राम मारी बीमारियों ने तंग कर दिया,
तेरे पेट में तो बड़ी दाढ़ी है।
अनुमान लगाओ, इन पंक्तियों को दूसरे ढंग से कैसे लिखा जा सकता है।
उत्तर-
इतनी नयी-नयी बीमारियाँ निकली हैं।
– इन बीमारियों ने परेशान कर दिया है।
– तुम तो बहुत चालाक हो।
प्रश्न 3.
मान लो कि तुम मोहन की तबीयत पूछने जाते हो। तुम अपने और मोहन के बीच की बातचीत को संवाद के रूप में लिखो।
उत्तर-
में-अरे मोहन ! कैसे हो? क्या हुआ है तुम्हें?
मोहन-कुछ नहीं भाई। बस पेट में ऐसे-ऐसे हो रहा है।
मैं-ऐसे कैसे?
मोहन-बस ऐसे-ऐसे।
मैं-डॉक्टर को दिखाया?
मोहन-डॉक्टर को भी दिखाया और वैद्य की भी दवा मिली है खाने को।
मैं-क्या कहा उन्होंने?
मोहन-उन्होंने कब्ज और बदहजमी बताया है।
मैं-ठीक है, दवा खाओ और जल्दी ठीक होने की कोशिश करो। कल से स्कूल खुल रहा है, याद है न।।
मोहन-हाँ, हाँ, याद है।
मैं-अब मैं चलता हूँ। कल स्कूल जाते समय आऊँगा। अगर पेट ठीक हो जाए तो तुम भी तैयार रहना।
मोहन-अच्छा भाई ! धन्यवाद ।
प्रश्न 4.
संकट के समय के लिए कौन-कौन से नंबर याद रखे जाने चाहिए? ऐसे वक्त में पुलिस, फायर ब्रिगेड और डॉक्टर से तुम कैसे बात करोगे? कक्षा में करके बताओ।
उत्तर-
संकट के समय पुलिस, फायर ब्रिगेड और हॉस्पिटल एवं चिकित्सक के नंबर याद रखे जाने चाहिए। पुलिस की नंबर-100, फायर ब्रिगेड की-101, एंबुलेंस की-102
यदि कोई वारदात होती है तो पुलिस को जानकारी देंगे। यदि आग लगती है तो फायर ब्रिगेड को खबर देंगे। यदि कोई बीमारे है तो डॉक्टर को फ़ोन करेंगे।
हम इनसे नम्र स्वभाव में प्रार्थना करते हुए बातें करेंगे।
हम उन्हें घर का पता बता देंगे।
उनसे शीघ्र आने के लिए कहेंगे। डॉक्टर को मरीज़ की बीमारी के लक्षण बता देंगे ताकि वह आवश्यक दवा साथ ला सके।
ऐसा होता तो क्या होता…
मास्टर- स्कूल का काम तो पूरा कर लिया है?
(मोहन हाँ में सिर हिलाता है।)
मोहन- जी, सब काम पूरा कर लिया है।
इस स्थिति में नाटक का अंत क्या होता? लिखो।
उत्तर-
ऐसी स्थिति में मास्टर जी समझ जाते कि सचमुच दर्द है। वह मोहन के माता-पिता को उसका ठीक से इलाज कराने की सलाह देते हैं।
भाषा की बात
(क) मोहन ने केला और संतरा खाया।
(ख) मोहन ने केला और संतरा नहीं खाया।
(ग) मोहन ने क्या खाया?
मोहन केला और संतरा खाओ।
उपर्युक्त वाक्यों में से पहला वाक्य एकांकी से लिया गया है। बाकी तीन वाक्य देखने में पहले वाक्य से मिलते-जुलते हैं, पर उनके अर्थ अलग-अलग हैं। पहला वाक्य किसी कार्य या बात के होने के बारे में बताता है। इसे विधिवाचक वाक्य कहते हैं। दूसरे वाक्य का संबंध उस कार्य के न होने से है, इसलिए उसे निषेधात्मक वाक्य कहते हैं। (निषेध का अर्थ नहीं या मनाही होता है।) तीसरे वाक्य में इसी बात को प्रश्न के रूप में पूछा जा रहा है, ऐसे वाक्य प्रश्नवाचक कहलाते हैं। चौथे वाक्य में मोहन से उसी कार्य को करने के लिए कहा जा रहा है। इसलिए उसे आदेशवाचक वाक्य कहते हैं। आगे एक वाक्य दिया गया है। इसके बाकी तीन रूप तुम सोचकर लिखो।
बताना- रूथ ने कपड़े अलमारी में रखे।
नहीं/मना करना : ……….
पूछना : ………
आदेश देना : ……….
उत्तर-
नहीं/मना करना : रुथ ने कपड़े अलमारी में नहीं रखे।
पूछना : क्या रुथ ने कपड़े अलमारी में रखे ?
आदेश देना : रुथ कपड़े अलमारी में रखो।
कुछ और करने के लिए
प्रश्न 1.
क्या तुम स्कूल का काम न करने पर उल्टे-सीधे बहाने बनाते हो?
उत्तर-
नहीं, मैं स्कूल का काम नहीं कर पाने पर कोई बहाना नहीं बनाता। मैं माँ को साफ़-साफ़ बता देता हूँ कि आज मैं स्कूल न जाकर गृह कार्य पूरा करूंगा। तभी अगले दिन स्कूल जाऊँगा। मुझे झूठ बोलना कतई पसंद नहीं है।
एकांकी का मंचीकरण
बच्चे इस एकांकी को बाल सभा के मंच पर प्रस्तुत करेंगे।
पात्रों को चुनाव कर उन्हें संवाद याद करने के लिए दिए जाएँगे। अध्यापक/अध्यापिका दो दिनों तक रिहर्सल कराने के उपरांत प्रस्तुतीकरण के लिए कहेंगे। अभिनय कौशल को परखा जाएगा।
इससे बच्चों की अभिव्यक्ति का विकास होगा तथा मंच भय से मुक्ति मिलेगी।
अन्य पाठेतर हल प्रश्न
बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर
(क) ‘ऐसे-ऐसे’ एकांकी के लेखक कौन हैं?
(i) जयंत विष्णु
(ii) विष्णु प्रभाकर
(iii) गुणाकर मुले
(iv) अनुबंधोपाध्याय
(ख) मोहन ने पिता के दफ़तर में क्या खाया था?
(i) बर्गर
(ii) समोसे
(iii) फल
(iv) मिठाई
(ग) किन बहानों को मास्टर जी समझ जाते हैं?
(i) पेट दर्द
(ii) सिर दर्द
(iii) चक्कर आना
(iv) उपर्युक्त सभी
(घ) वैद्य जी को बुलाकर कौन लाया?
(i) मोहन की माँ
(ii) मोहन के पिता
(iii) मोहन के पड़ोसी दीनानाथ
(iv) मोहन का मित्र
(ङ) मोहन कैसा लड़का था?
(i) कमज़ोर
(ii) कम बुद्धिवाला
(iii) भला
(iv) शरारती
उत्तर-
(क) (ii)
(ख) (iii)
(ग) (iv)
(घ) (i)
(ङ) (iv)
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
मोहन ने पिता के दफ़तर में क्या खाया था?
उत्तर-
मोहन ने पिता के दफ़तर में एक केला और एक संतरा खाया था।
प्रश्न 2.
वैद्य जी को बुलाकर कौन लाया?
उत्तर-
मोहन के पड़ोसी वैद्य जी को बुलाकर लाए थे।
प्रश्न 3.
वैद्य जी ने मोहन को देखने के बाद क्या कहा?
उत्तर-
वैद्य जी मोहन को देखकर कहते हैं कि घबराने की कोई बात नहीं। मामूली बात है, पर इससे कभी-कभी बड़े भी तंग आ जाते हैं।
प्रश्न 4.
मोहन ने क्या बहाना बनाया?
उत्तर-
मोहन ने स्कूल न जाने के लिए बहाना बनाया कि उसके पेट में ऐसे-ऐसे’ दर्द हो रहा है।
प्रश्न 5.
क्या मोहन के पेट में सचमुच दर्द था?
उत्तर-
नहीं, मोहन के पेट में कोई दर्द नहीं था। वह केवल बहाना कर रहा था।
लघुउत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
मोहन की हालत देख माँ क्यों अधिक परेशान थी?
उत्तर-
मोहन की हालत देखकर मोहन की माँ ने मोहन को हींग, चूरन, पिपरमेंट आदि दिया था, पर मोहन ठीक नहीं हुआ था। वह बार-बार कहता था कि उसके पेट में ऐसे-ऐसे हो रहा है। माँ उसकी हालत देखकर परेशान थी क्योंकि मोहन को क्या हो रहा है, यह पता नहीं चल रहा था। उसने ‘ऐसे-ऐसे’ की बीमारी का नाम न सुना था। वह सोच में पड़ गई थी कि उसे कोई नई बीमारी तो नहीं हो गई है इसीलिए वह मोहन की हालत देखकर परेशान थी।
प्रश्न 2.
मोहन की माँ क्यों कहती है-हँसी की हँसी, दुख का दुख?
उत्तर
मोहन की माँ बार-बार मोहन से उसके पेट-दर्द के बारे में पूछती है। वह बस यही कहता है कि पेट में ऐसे-ऐसे’ हो रहा है। उसकी बात सुनकर माँ हँस पड़ती है और परेशान भी होती है। वह बेटे के दुख से दुखी होती है। इसी | मनः स्थिति में वह कहती है की हँसी की हँसी दुख का दुख। यह उसे अजीब बीमारी लगती है।
प्रश्न 3.
ऐसे कौन-कौन से बहाने होते हैं जिन्हें मास्टर जी एक ही बार में सुनकर समझ जाते हैं। ऐसे कुछ बहानों के बारे में लिखो।
उत्तर
ऐसे अनेक बहाने होते हैं; जैसे-आज स्कूल में कुछ नहीं होगा, बस सफ़ाई कराई जाएगी। कुछ छात्र कहते हैं कि मैं रात में पढ़ाई कर रहा था मेरी किताब और कॉपी वहीं छूट गई। कभी-कभी छात्र दूर के रिश्तेदार की बीमारी का बहाना बना लेते हैं। इसके अलावे छात्र पेट दर्द, सिर दर्द, माता-पिता के साथ कहीं जाना, जिन्हें एक ही बार सुनकर मास्टर जी समझ जाते हैं।
प्रश्न 4.
वैद्य जी मोहन को क्या बीमारी बताते हैं? वह उसे क्या दवा देते हैं।
उत्तर-
वैद्य जी मोहन के पेट-दर्द का कारण बताते हैं वात का प्रकोप है, कब्ज़ है। पेट साफ़ नहीं हुआ है। मल रु क जाने से वायु बढ़ गई है। वह मोहन को दवा की पुड़िया हर आधे-आधे घंटे बाद गरम पानी से लेने को कहते हैं।
प्रश्न 5.
डॉक्टर मोहने को क्या बीमारी बताते हैं और ठीक होने का क्या आश्वासन देते हैं?
उत्तर
डॉक्टर मोहन की जीभ देखकर कहते हैं कि उसे कब्ज़ और बदहजमी है। फिर वह बताते हैं कि कभी-कभी हवा रु क जाती है और फंदा डाल लेती है। मोहन के पेट में बस उसी का ऐंठन है। वह मोहन को आश्वासन देते हैं कि दवा की एक खुराक पी लेने के बाद तबियत ठीक हो जाएगी।