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हार की जीत Class 6th Hindi Malhar Chapter 4 Question Answer
हार की जीत Class 6 Question Answer
पाठ से
मेरी समझ से
आइए, अब हम ‘हार की जीत’ कहानी को थोड़ा और निकटता से समझ लेते हैं।
(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (★) बनाइए—
प्रश्न 1.
सुलतान के छीने जाने का बाबा भारती पर क्या प्रभाव हुआ?
• बाबा भारती के मन से चोरी का डर समाप्त हो गया।
• बाबा भारती ने गरीबों की सहायता करना बंद कर दिया।
• बाबा भारती ने द्वार बंद करना छोड़ दिया।
• बाबा भारती असावधान हो गए।
उत्तर:
• बाबा भारती असावधान हो गए।
प्रश्न 2.
“बाबा भारती भी मनुष्य ही थे।” इस कथन के समर्थन में लेखक ने कौन-सा तर्क दिया है?
• बाबा भारती ने डाकू को घमंड से घोड़ा दिखाया।
• बाबा भारती घोड़े की प्रशंसा दूसरों से सुनने के लिए व्याकुल थे।
• बाबा भारती को घोड़े से अत्यधिक लगाव और मोह था।
• बाबा भारती हर पल घोड़े की रखवाली करते रहते थे।
उत्तर:
• बाबा भारती ने डाकू को घमंड से घोड़ा दिखाया।
(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तर:
विद्यार्थी अपने अध्यापक / मित्रों की सहायता से चर्चा करें।
शीर्षक
(क) आपने अभी जो कहानी पढ़ी है, इसका नाम सुदर्शन ने ‘हार की जीत’ रखा है। अपने समूह में चर्चा करके लिखिए कि उन्होंने इस कहानी को यह नाम क्यों दिया होगा? अपने उत्तर का कारण भी लिखिए।
उत्तर:
सबकी सहायता करने तथा समाज में भाईचारा व सौहार्द बने रहने के उद्देश्य से इस कहानी का नाम ‘हार की जीत’ रखा होगा |
(ख) यदि आपको इस कहानी को कोई अन्य नाम देना हो तो क्या नाम देंगे? आपने यह नाम क्यों सोचा, यह भी बताइए ।
उत्तर:
डाकू का हृदय परिवर्तन ।
कारण- बाबा भारती ने कहा था कि इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना। लोगों को यदि इस घटना का पता चला तो वे किसी गरीब पर विश्वास न करेंगे। तभी खड्गसिंह का हृदय परिवर्तन हुआ और पुन: घोड़े को बाबा भारती को वापस दे दिया।
(ग) बाबा भारती ने डाकू खड्गसिंह से कौन-सा वचन लिया?
उत्तर:
बाबा भारती ने डाकू खड्गसिंह से यह वचन लिया कि इस घटना को वह किसी के सामने प्रकट न करेगा।
पंक्तियों पर चर्चा
कहानी में से चुनकर कुछ वाक्य नीचे दिए गए हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार लिखिए-
- “भगवत भजन से जो समय बचता, वह घोड़े को अर्पण हो जाता।”
- “बाबा ने घोड़ा दिखाया घमंड से, खड्गसिंह ने घोड़ा देखा आश्चर्य से । “
- “वह डाकू था और जो वस्तु उसे पसंद आ जाए उस पर अपना अधिकार समझता था।”
- “बाबा भारती ने निकट जाकर उसकी ओर ऐसी आँखों से देखा जैसे बकरा कसाई की ओर देखता है और कहा, यह घोड़ा तुम्हारा हो चुका है।”
- “उनके पाँव अस्तबल की ओर मुड़े। परंतु फाटक पर पहुँचकर उनको अपनी भूल प्रतीत हुई।”
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
सोच-विचार के लिए
कहानी को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित पंक्ति के विषय में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।
“दोनों के आँसुओं का उस भूमि की मिट्टी पर परस्पर मेल हो गया।”
(क) किस-किस के आँसुओं का मेल हो गया था?
उत्तर:
बाबा भारती और खड्गसिंह के आँसुओं का मेल हो गया था।
(ख) दोनों के आँसुओं में क्या अंतर था ?
उत्तर:
दोनों के आँसुओं में यह अंतर है कि बाबा भारती के आँसू खुशी के आँसू थे और खड्गसिंह के आँसू दुख के आँसू थे।
दिनचर्या
(क) कहानी पढ़कर आप बाबा भारती के जीवन के विषय में बहुत कुछ जान चुके हैं। अब आप कहानी के आधार पर बाबा भारती की दिनचर्या लिखिए। वे सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक क्या-क्या करते होंगे, लिखिए। इस काम में आप थोड़ा-बहुत अपनी कल्पना का सहारा भी ले सकते हैं।
उत्तर:
बाबा भारती सुबह – सुबह जग जाते होंगे। स्नान आदि करने के उपरांत मंदिर में जाकर भगवत भजन करते होंगे। उसके बाद वे अपने घोड़े की देखभाल करते होंगे। वे अपने हाथ से घोड़े को खरहरा करते और दाना खिलाते होंगे। रात के समय वे जागकर घोड़े की रखवाली करते होंगे। रात काफी बीतने पर वे सो जाते होंगे। पुनः सुबह जगकर अपनी दिनचर्या में लग जाते होंगे।
(ख) अब आप अपनी दिनचर्या भी लिखिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
कहानी की रचना
(क) इस कहानी की कौन-कौन सी बातें आपको पसंद आई? आपस में चर्चा कीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
(ख) कोई भी कहानी पाठक को तभी पसंद आती है जब उसे अच्छी तरह लिखा गया हो । लेखक कहानी को अच्छी तरह लिखने के लिए अनेक बातों का ध्यान रखते हैं, जैसे- शब्द, वाक्य, संवाद आदि। इस कहानी में आए संवादों के विषय में अपने विचार लिखें।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
मुहावरे कहा
(क) कहानी से चुनकर कुछ मुहावरे नीचे दिए गए हैं— लट्टू होना, हृदय पर साँप लोटना, फूले न समाना, मुँह मोड़ लेना, मुख खिल जाना, न्योछावर कर देना। कहानी में इन्हें खोजकर इनका प्रयोग समझिए।
उत्तर:
- होना लट्टू – बाबा भारती घोड़े की चाल पर लट्टू थे।
- हृदय पर साँप लोटना – घोड़े की चाल देखकर खड्गसिंह के हृदय पर साँप लोट गया ।
- फूले न समाना – घोड़े के शरीर तथा उसके रंग को देखकर बाबा भारती फूले न समाते थे।
- मुँह मोड़ लेना – बाबा भारती ने सुलतान की ओर से इस तरह मुँह मोड़ लिया जैसे उनका उससे कोई संबंध ही न रहा हो।
- मुख खिल जाना – घोड़े को देखकर बाबा भारती का मुख फूल की नाईं खिल जाता था ।
- न्योछावर कर देना – बाबा भारती ने अपना सब कुछ घोड़े पर न्योछावर कर दिया।
(ख) अब इनका प्रयोग करते हुए अपने मन से नए वाक्य बनाइए।
उत्तर:
- लट्टू होना (कायल होना) – मेरा मित्र फिल्म की कहानी से तो प्रभावित हुआ ही वह उस अभिनेत्री पर भी लट्टू हो गया।
- हृदय पर साँप लोटना (ईर्ष्या करना) – साथी की सफलता से शेखर के हृदय पर साँप लेटने लगा ।
- फूले न समाना (बहुत खुश होना ) – बहुत दिनों के बाद अपने अंतरग मित्र को देखते ही हरि फूला न समाया ।
- मुँह मोड़ लेना ( साथ छोड़ देना ) – श्याम को व्यापार में घाटा हुआ तो उसके सभी परिवारवालों ने मुँह मोड़ लिया।
- मुख खिल जाना ( प्रसन्न होना ) – बेटे का रिजल्ट देखकर पिताजी का मुख खिल गया ।
- न्योछावर कर देना ( अर्पण करना) – सैनिक अपने प्राण भारतमाता पर न्योछावर कर देते हैं।
कैसे-कैसे पात्र
इस कहानी में तीन मुख्य पात्र हैं— बाबा भारती, डाकू खड्गसिंह और सुलतान घोड़ा। इनके गुणों को बताने वाले शब्दों से दिए गए शब्द चित्रों को पूरा कीजिए—
आपने जो शब्द लिखे हैं, वे किसी की विशेषता, गुण और प्रकृति के बारे में बताने के लिए उपयोग में लाए जाते हैं। ऐसे शब्दों को विशेषण कहते हैं।
उत्तर:
पाठ से आगे
सुलतान की कहानी
मान लीजिए, यह कहानी सुलतान सुना रहा है। तब कहानी कैसे आगे बढ़ती ? स्वयं को सुलतान के स्थान पर रखकर कहानी बनाइए ।
(संकेत- आप कहानी को इस प्रकार बढ़ा सकते हैं – मेरा नाम सुलतान है। मैं एक घोड़ा हूँ…..)
उत्तर:
परीक्षोपयोगी नहीं।
मन के भाव
(क) कहानी में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। बताइए, कहानी में कौन, कब, ऐसा अनुभव कर रहा था—
- चकित
- अधीर
- डर
- प्रसन्नता
- करुणा
- निराशा
उत्तर:
- चकित-खड्गसिंह ने जब घोड़े को देखा तो वह चकित रह गया।
- अधीर – बाबा भारती और खड्गसिंह के बीच संवाद के दौरान इसे बाबा भारती अनुभव कर रहे थे।
- डर – जब खड्गसिंह ने बाबा भारती से कहा कि घोड़ा आपके पास न रहने दूँगा, तब बाबा भारती इसे अनुभव कर रहे थे।
- प्रसन्नता – जब बाबा भारती सुलतान की पीठ पर सवार होकर घूमने जा रहे थे तो उस समय उनके मुख पर प्रसन्नता थी।
- करुणा – सहसा एक आवाज़ आई। उस आवाज़ में करुणा थी।
- निराशा-फाटक पर पहुँचकर बाबा भारती को अपनी भूल प्रतीत हुई।
(ख) आप उपर्युक्त भावों को कब-कब अनुभव करते हैं? लिखिए।
(संकेत – जैसे गली में किसी कुत्ते को देखकर डर या प्रसन्नता या करुणा आदि का अनुभव करना)
उत्तर:
- चकित – आश्चर्यजनक कार्य को देखकर ।
- अधीर- किसी कहानी या घटना सुनने के लिए।
- डर – गली में कुत्ते को देखकर |
- प्रसन्नता – अतिथि के आने पर ।
- करुणा-किसी अपाहिज को देखकर |
- निराशा – किसी कार्य की असफलता पर ।
झरोखे से
आप जानते ही हैं कि लेखक सुदर्शन ने अनेक कविताएँ भी लिखी हैं। आइए, उनकी लिखी एक कविता पढ़ते हैं—
उत्तर:
वह चली हवा
वह चली हवा,
वह चली हवा |
ना तू देखे
ना मैं देखूँ
पर पत्तों ने तो देख लिया
वरना वे खुशी मनाते क्यों?
वह चली हवा,
वह चली हवा |
– सुदर्शन
साझी समझ
आपको इस कविता में क्या अच्छा लगा ? आपस में
चर्चा कीजिए और अपनी लेखन – पुस्तिका में लिखिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
खोजबीन के लिए
सुदर्शन की कुछ अन्य रचनाएँ पुस्तक में दिए गए क्यू.आर. कोड या इंटरनेट या पुस्तकालय की सहायता से पढ़ें, देखें व समझें।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 4 चाँद से थोड़ी सी गप्पे (Old Syllabus)
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
कविता से
प्रश्न 1.
‘आप पहने हुए हैं कुल आकाश’ के माध्यम से लड़की कहना चाहती है कि-
(क) चाँद तारों से जड़ी हुई चादर ओढ़कर बैठा है।
(ख) चाँद की पोशाक चारों दिशाओं में फैली हुई है।
आप किसे सही मानते हो ?
उत्तर-
लड़की यह बताना चाहती है कि संपूर्ण आकाश तुम्हारे चारों ओर है ऐसा लगता है जैसे यह संपूर्ण आकाश ही तुम्हारा वस्त्र है, जिस पर सितारे जड़े हैं।
प्रश्न 2.
कवि ने चाँद से गप्पें किस दिन लगाई होंगी? इस कविता में आई बातों की मदद से अनुमान लगाओ और उसका कारण भी बताओ।
दिन – कारण
पूर्णिमा – ………
अष्टमी से पूर्णिमा के बीच – ………..
प्रथमा से अष्टमी के बीच – ……….
उत्तर-
दिन कारण
पूर्णिमा चाँद पूरी तरह गोल नजर आता है।
अष्टमी से पूर्णिमा के बीच चाँद तिरछा नजर आता है।
प्रथमा से अष्टमी के बीच चाँद बहुत पतला नजर आता है।
मेरे विचार से कवि ने चाँद से अष्टमी से पूर्णिमा के बीच गप्पें लगाई होगी।
प्रश्न 3.
नई कविता में तुक या छंद के बदले बिंब का प्रयोग अधिक होता है। बिंब वह तसवीर होती है जो शब्दों को पढ़ते समय हमारे मन में उभरती है। कई बार कुछ कवि शब्दों की ध्वनि की मदद से ऐसी तसवीर बनाते हैं और कुछ कवि अक्षरों या शब्दों को इस तरह छापने पर बल देते हैं कि उनसे कई चित्र हमारे मन में बनें। इस कविता के अंतिम हिस्से में चाँद को एकदम गोल बताने के लिए कवि ने बि ल कु ल शब्द के अक्षरों को अलग-अलग करके लिखा है। तुम इस कविता के और किन शब्दों को चित्र की आकृति देना चाहोगे? ऐसे शब्दों को अपने ढंग से लिखकर दिखाओ।
उत्तर-
चाँद, गोल-मटोल, तिरछे।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
कुछ लोग बड़ी जल्दी चिढ़ जाते हैं। यदि चाँद का स्वभाव भी आसानी से चिढ़ जाने का हो तो वह किन बातों से सबसे ज्यादा चिढ़ेगा? चिढ़कर वह उन बातों का क्या जवाब देगा? अपनी कल्पना से चाँद की ओर से दिए गए जवाब लिखो।
उत्तर-
यदि चाँद का स्वभाव आसानी से चिढ़ जाने का हो तो वह तिरछे कहे जाने पर जरूर चिढ़ेगा। घटने-बढ़ने की बीमारी की बात सुनकर भी उसे बहुत गुस्सा आएगा। वह चिढ़कर यही जवाब देगा कि वह तिरछा नहीं है और ना ही उसे घटने-बढ़ने की बीमारी है, यह हमारी नजर का फेर है कि वह हमें तिरछा नजर आता है। शायद वह हमें यह भी कहेगा कि अपनी नजर ठीक करवाने के लिए डॉक्टर के पास जाकर चश्मा लगवा लो।
प्रश्न 2.
यदि कोई सूरज से गप्पें लगाए तो वह क्या लिखेगा? अपनी कल्पना से गद्य या पद्य में लिखो। इसी तरह की कुछ और गप्पें निम्नलिखित में से किसी एक या दो से करके लिखो-
पेड़ बिजली का खंभा सड़क पेट्रोल पंप
उत्तर-
(क) सूरज से गप्पें-
अरे सूरज भाई,
इतने क्यों नाराज हो,
पता नहीं तुम
सभी को जलाए जाते हो
तपाते हो दुनिया को जी भर,
झुलसा देते हो, पेड़ से गप्पेंऐ!
कभी लाल तो कभी सफ़ेद चाँदी से
नज़र आते हो।
तुम सदा ऊपर जाने देते हो
बड़े-बड़े वाहने
क्या तुम कैसे इतना
पीड़ा सहते हो?
(ख) पेड़ से गप्पो-
ए! पेड़ तुम हो
कितने कल्याणकारी! छाया देते हो,
भोजन देते हो, वर्षा का हो आधार।
(ग) सड़क-
हे सड़क!
तुम कितनी शक्तिशाली हो? तुममें इतनी सहनशीलता
कहाँ से आई है।
(घ) पेट्रोल पंप
हे पेट्रोल पंप! तुम्हारे अंदर कितना तेल समाया है?
यह कभी खत्म होने का नाम नहीं लेता।
तेरे कारण सारी दुनिया सड़कों पर दौड़ रही है।
तुममें यह शक्ति कहाँ से आई है?
(ङ) बिजली का खंभा-
हे बिजली के खंभे।
सिर पर तारों का जाले
तुम क्यों लंबे खड़े हो
करंट मारते खूब हो।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
चाँद संज्ञा है। चाँदनी रात में चाँदनी विशेषण है।
नीचे दिए गए विशेषणों को ध्यान से देखो और बताओ कि-
(क) कौन-सा प्रत्यय जुड़ने पर विशेषण बन रहे हैं।
(ख) इन विशेषणों के लिए एक-एक उपयुक्त संज्ञा भी लिखो-
गुलाबी पगड़ी
मखमली घास
कीमती गहने
ठंडी रात
जंगली फुल
कश्मीरी भाषा
उत्तर-
ये सभी विशेषण ‘ई’ प्रत्यय जुड़ने से बने हैं। गुलाबी पगड़ी, मखमली घास, कीमती गहने, ठंडी खीर, जंगली जानवर, कश्मीरी कन्या।
प्रश्न 2.
गोल-मटोल,
गोरा – चिट्टा
कविता में आए शब्दों के इन जोड़ों में अंतर यह है कि चिट्टा का अर्थ सफ़ेद है और गोरा से मिलता-जुलता है, जबकि मटोल अपने-आप में कोई शब्द नहीं है। यह शब्द ‘मोटा’ से बना है। ऐसे चार-चार शब्द-युग्म सोचकर लिखो और उनका वाक्यों में प्रयोग करो।
- खाना-वाना
- चाय-वाय
- पानी-वानी
- मोल-तोल
उत्तर-
- खाना-वाना- खाना-वाना तो अच्छा ही बना है।
- चाय-वाय- यहाँ चाय-वाय का प्रबंध नहीं है।
- पानी-वानी- उसने मुझे पानी-वानी भी नहीं पिलाया।
- मोल-तोल- दुकानदार से मोल-तोल करके ही सौदा लेना।
प्रश्न 3.
‘बिलकुल गोल’–कविता में इसके दो अर्थ हैं-
(क) गोल-आकार का,
(ख) गायब होना!
ऐसे तीन और शब्द सोचकर, उनसे ऐसे वाक्य बनाओ जिनके दो-दो अर्थ निकलते हों।
उत्तर-
(क) पत्र – (i) (पत्ता) वसंत में वृक्षों से पत्र झरने लगते हैं।
(ii) (चिठ्ठी) आज दादी जी का पत्र आया था।
(ख) अंबर – (i) (वस्त्र) विष्णु भगवान पीतांबर धारण करते हैं।
(ii) (आकाश) चाँदनी रात में अंबर की शोभा निराली होती है।
(ग) कनक – (i) (सोना) यह हार कनक से बना है।
(ii) (धतूरा) कनक खाने से आदमी पागल हो जाता है।
प्रश्न 4.
तांकि, जबकि, चूँकि, हालाँकि-कविता की जिन पंक्तियों में ये शब्द आए हैं, उन्हें ध्यान से पढ़ो। ये शब्द दो वाक यों को जोड़ने का काम करते हैं। इन शब्दों का प्रयोग करते हुए दो-दो वाक्य बनाओ।
उत्तर-
(क) ताकि – (i) आयुष मेहनत कर रहा है ताकि परीक्षा में प्रथम आ सके।
(ii) तुम दवाई खा लो ताकि सुबह स्कूल जा सको।
(ख) जबकि – (i) मदन ने राजेश की मदद की जबकि दोनों में शत्रुता थी।
(ii) राजा भागा हुआ आया जबकि काफ़ी धूप हो रही थी।
(ग) चूँकि – (i) चूंकि मैं बीमार हूँ इसलिए काम पर नहीं आ सकता।
(ii) चूँकि उसे विद्यालय जाना था इसलिए वह जल्दी घर चला गया।
(घ) हालाँकि – (i) हालाँकि इस साल वर्षा कम हुई परंतु फ़सल फिर भी अच्छी हुई।
(ii) हालाँकि तुम ठीक कहते हो परंतु लोग नहीं मानते।
प्रश्न 5.
गप्प, गप-शप, गप्पबाजी-क्या इन शब्दों के अर्थों में अंतर है? तुम्हें क्या लगता है? लिखो।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।
कुछ करने को
प्रश्न 1.
क्या आप जानते हैं कि दुनियाभर में कई प्रकार के कलेंडरों का इस्तेमाल होता है। नीचे दो प्रकार के कलेंडर दिए गए हैं। इन्हें देखकर प्रश्नों के उत्तर दीजिएसंवत् 2063 सन 2006
- इन कलेंडरों में से कौन-सा कलेंडर चंद्रमा के अनुसार है?
- क्या आपके आसपास इन दोनों कलेंडरों का इस्तेमाल होता है? यदि हाँ तो किन-किन मौकों पर।
- कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष का क्या अर्थ होता है?
उत्तर-
- इन कलेंडरों में संवत् 2063 वाला कलेंडर चंद्रमा के अनुसार है।
- हाँ, हमारे आसपास दोनों कलेंडरों का इस्तेमाल अंग्रेज़ी महीने की तारीख देखने के लिए होता है।
- कृष्ण पक्ष को अर्थ है महीने का वह पक्ष (पंद्रह दिन) जो पूर्णिमा के अगले दिन से लेकर अमावस्या तक होता है तथा शुक्ल पक्ष अमावस्या के अगले दिन यानी प्रतिपदा से लेकर पूर्णिमा तक होता है।
प्रश्न 2.
चाँद और सूरज से संबंधित कुछ कविताओं के बारे में जानकारी संग्रह करके कक्षा में शिक्षक को सुनाइए।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।
अन्य पाटोतर हल प्रश्न
बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर
(क) चाँद से गप्पें कौन लड़ा रहा है?
(i) लड़का
(ii) तारे
(iii) लड़की
(iv) आसमान
(ख) चाँद ने क्या पहना है?
(i) सफ़ेद वस्त्र
(ii) नीले रंग का पूरा आकाश
(iii) सारा आकाश वस्त्र की भाँति जो तारों से जड़ित है।
(iv) सफ़ेद रंग का वस्त्र तारों से जड़ित
(ग) चाँद को कैसी बीमारी है?
(i) घटने की
(ii) बढ़ने की
(iii) दोनों की
(iv) इनमें से कोई नहीं
(घ) “चाँद से थोड़ी-सी गप्पें’ कविता के कवि कौन हैं?
(i) केदारनाथ अग्रवाल
(ii) शमशेर बहादुर सिंह
(iii) सुमित्रानंदन पंत
(iv) विनय महाजन
(ङ) बालिका ने चाँद को क्या बीमारी बताई है?
(i) क्रोध करने की
(ii) लाल-पीला होने की
(iii) घटने-बढ़ने की
(iv) भूलने की
उत्तर-
(क) (iii)
(ख) (iii)
(ग) (iii)
(घ) (ii)
(ङ) (iii)
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
चाँद की पोशाक की क्या विशेषता है?
उत्तर-
आकाश के चारों तरफ फैली हुई है।
प्रश्न 2.
कवि के अनुसार चाँद को क्या बीमारी है?
उत्तर-
तिरछे रहने की।
प्रश्न 3.
लड़की चाँद के घटने बढ़ने का क्या कारण बताती है।
उत्तर-
लड़की कहती है कि चाँद किसी बीमारी से ग्रस्त होने के कारण घटता-बढ़ता है।
प्रश्न 4.
यह ‘मरज़’ आपको अच्छा ही नहीं होने में आता है, का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
चाँद पंद्रह दिन अमावस्या के अगले दिन से लेकर पूर्णिमा तक बड़ा होता है। पूर्णिमा के अगले दिन से अमावस्या तक फिर छोटा होता चला जाता है। चाँद को यह क्रम निरंतर चलता रहता है?
प्रश्न 5.
“हमको बधू ही निरा समझा है।’ कहकर लड़की क्या चाहती है?
उत्तर-
लड़की यह कहना चाहती है कि सारा आकाश तुम्हारे चारों ओर है ऐसा लगता है जैसे यह संपूर्ण आकाश ही तुम्हारे वस्त्र हैं।