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पहली बूँद Class 6th Hindi Malhar Chapter 3 Question Answer
पहली बूँद Class 6 Question Answer
पाठ से
मेरी समझ से
(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (★) बनाइए-
प्रश्न 1.
कविता में ‘नव-जीवन की ले अँगड़ाई’ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
• बादल
• अंकुर
• बूँद
• पावस
उत्तर:
• अंकुर
प्रश्न 2.
‘नीले नयनों-सा यह अंबर, काली पुतली से ये जलधर’ में ‘काली पुतली’ है-
• बारिश की बूँदें
• वृद्ध धरती
• नगाड़ा
• बादल
उत्तर:
• बारिश की बूँदें
(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर क्यों चुने?
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
मिलकर करें मिलान
कविता की कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन पंक्तियों में कुछ शब्द रेखांकित हैं। दाहिनी ओर रेखांकित शब्दों के भावार्थ दिए गए हैं। इनका मिलान कीजिए।
कविता की पंक्तियाँ | भावार्थ |
1. आसमान में उड़ता सागर, लगा बिजलियों के स्वर्णिम पर | 1. मेघ गर्जना |
2. बजा नगाड़े जगा रहे हैं, बादल धरती की तरुणाई | 2. बादल |
3. नीले नयनों सा यह अम्बर, काली पुतली-से ये जलधर । | 3. हरी दूब |
4. वसुंधरा की रोमावलि -सी, हरी दूब पुलकी-मुसकाई। | 4. आकाश |
उत्तर:
1 → 2
2 → 1
3→ 4
4 →3
पंक्तियों पर चर्चा
कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार कक्षा में अपने समूह में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-
• “आसमान में उड़ता सागर, लगा बिजलियों के स्वर्णिम पर,
जा नगाड़े जगा रहे हैं, बादल धरती की तरुणाई । ”
उत्तर:
आसमान में जल रूपी बादलों में बिजली चमक रही है। जैसे सागर बिजलियों के सुनहरे पंख लगाकर आसमान में उड़ रहा है। बादलों की गर्जन सुनकर ऐसा आभास होता है कि वे नगाड़े बजा-बजाकर धरती की यौवनता को जगा रहे हैं।
• “नीले नयनों-सा यह अंबर, काली पुतली-से ये जलधर।
करुणा-विगलित अश्रु बहाकर, धरती की चिर-प्यास बुझाई।”
उत्तर:
नीला आसमान नीली आँखों के समान है और काले बादल उन नीली-नीली आँखों की काली पुतली के समान है। मानो बादल धरती के दुःखों से दुखित होकर वर्षा रूपी आँसू बहा रहा हो। इस प्रकार धरती की प्यास बुझ जाती है।
सोच-विचार के लिए
कविता को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित के बारे में पता लगाव पुस्तिका में लिखिए अपनी लेखन –
• बारिश की पहली बूँद से धरती का हर्ष कैसे प्रकट होता है?
उत्तर:
धरती के सूखे होंठों पर बारिश की बूँद अमृत के समान गिरती है, मानो वर्षा होने से बेजान और सूखी पड़ी धरती को नवीन जीवन ही मिल गया हो। इस प्रकार बारिश की पहली बूँद से धरती का हर्ष प्रकट होता है।
• कविता में आकाश और बादलों को किनके समान बताया गया है?
उत्तर:
प्रस्तुत कविता के अनुसार, नीले आकाश को नीली आँखों के समान और काले बादल को उन नीली-नीली आँखों की काली पुतली के समान बताया गया है।
कविता की रचना
‘आसमान में उड़ता सागर, लगा बिजलियों के स्वर्णिम पर कविता की इस पंक्ति का सामान्य अर्थ देखें तो समुद्र का आकाश में उड़ना असंभव होता है। लेकिन जब हम इस पंक्तिका भावार्थ समझते हैं तो अर्थ इस प्रकार निकलता है— समुद्र का जल बिजलियों के सुनहरे पंख लगाकर आकाश में उड़ रहा है। ऐसे प्रयोग न केवल कविता की सुंदरता बढ़ाते हैं बल्कि उसे आनंददायक भी बनाते हैं। इस कविता में ऐसे दृश्यों को पहचानें और उन पर चर्चा करें।
उत्तर:
विद्यार्थी अध्यापक की सहायता से करें ।
शब्द एक अर्थ अनेक
‘अंकुर फूट पड़ा धरती से, नव-जीवन की ले अँगड़ाई’ कविता की इस पंक्ति में ‘फूटने’ का अर्थ पौधे का अंकुरण है। ‘फूट’ का प्रयोग अलग-अलग अर्थों में किया जाता है, जैसे— फूट डालना, घड़ा फूटना आदि। अब फूट शब्द का प्रयोग ऐसे वाक्यों में कीजिए जहाँ इसके भिन्न-भिन्न अर्थ निकलते हों, जैसे— अंग्रेज़ों की नीति थी फूट डालो और राज करो।
उत्तर:
- दोस्तों में फूट पड़ गई।
- उसका सिर फूट गया।
- धरती से जल की धारा फूट पड़ी।
- दीवार से टकराते ही उसकी एक आँख फूट गई।
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
‘नीले नयनों-सा यह अंबर, काली पुतली से ये जलधर’ कविता की इस पंक्ति में ‘जलधर’ शब्द आया है। ‘जलधर’ दो शब्दों से बना है, जल और धर इस प्रकार जलधर का शाब्दिक अर्थ हुआ जल को धारण करने वाला। बादल और समुद्र; दोनों ही जल धारण करते हैं। इसलिए दोनों जलधर हैं। वाक्य के संदर्भ या प्रयोग से हम जान सकेंगे कि जलधर का अर्थ समुद्र है या बादल। शब्दकोश या इंटरनेट की सहायता से ‘धर’ से मिलकर बने कुछ शब्द और उनके अर्थ ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
शब्द – अर्थ
चक्रधर – चक्र को धारण करने वाला अर्थात विष्णु
हलधर – हल को धारण करने वाला अर्थात बलराम
गिरिधर – पर्वत को धारण करने वाला अर्थात कृष्ण
मुरलीधर – मुरली को धारण करने वाला अर्थात कृष्ण
शब्द पहेली
दिए गए शब्द – जाल में प्रश्नों के उत्तर खोजें-
क. एक प्रकार का वाद्य यंत्र …………………
उत्तर:
नगाड़ा
ख. आँख के लिए एक अन्य शब्द ……………..
उत्तर:
नयन
ग. जल को धारण करने वाला ………………
उत्तर:
जलधर
घ. एक प्रकार की घास …………….
उत्तर:
दूब
ङ. आँसू का समानार्थी …………….
उत्तर:
अश्रु
च. आसमान का समानार्थी शब्द …………
उत्तर:
अंबर
पाठ से आगे
आपकी बात
• बारिश को लेकर हर व्यक्ति का अनुभव भिन्न होता है। बारिश आने पर आपको कैसा लगता है ? बताइए |
उत्तर:
विद्यार्थियों के स्वयं करने योग्य ।
• आपको कौन-सी ऋतु सबसे अधिक प्रिय है और क्यों? बताइए।
उत्तर:
वर्षा ऋतु मुझे बहुत प्रिय है। वर्षा ऋतु के दिनों में बारिश में भीगने में बहुत मज़ा आता है। भीगकर घर पहुँचने के बाद गर्म-गर्म चाय और पकौड़ों के साथ बहुत मज़ा आता है।
समाचार माध्यमों से
प्रत्येक मौसम समाचार के विभिन्न माध्यमों (इलेक्ट्रॉनिक या प्रिंट या सोशल मीडिया) के प्रमुख समाचारों में रहता है। संवाददाता कभी बाढ़ तो कभी सूखे या भीषण ठंड के समाचार देते दिखाई देते हैं। आप भी बन सकते हैं संवाददाता या लिख सकते हैं समाचार |
• अत्यधिक गर्मी, सर्दी या बारिश में आपने जो स्थिति देखी है का आँखों देखा हाल अपनी कक्षा में प्रस्तुत कीजिए ।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
सृजन
नाम देना भी सृजन है। ऊपर दिए गए चित्र को ध्यान से देखिए और इसे एक नाम दीजिए ।
उत्तर:
रेगिस्तानी लिली ।
इन्हें भी जानें
इस कविता में नगाड़े की ध्वनि का उल्लेख है- “बजा नगाड़े जगा रहे हैं, बादल धरती की तरुणाई ।” नगाड़ा भारत का एक पारंपरिक वाद्ययंत्र है। कुछ वाद्ययंत्रों को उन पर चोट कर बजाया जाता है, जैसे— ढोलक, नगाड़ा, डमरू, डफली आदि । नगाड़ा प्रायः लोक उत्सवों के अवसर पर बजाया जाता है। होली जैसे लोकपर्व के अवसर पर गाए जाने वाले गीतों में इसका प्रयोग होता है। नगाड़ों को जोड़े में भी बजाया जाता है जिसमें एक की ध्वनि पतली तथा दूसरे की मोटी होती है।
उत्तर:
परीक्षोपयोगी नहीं ।
खोजबीन
आपके यहाँ उत्सवों में कौन-से वाद्ययंत्र बजाए जाते हैं? उनके बारे में जानकारी एकत्र करें और अपने समूह में उस पर चर्चा करें।
उत्तर:
ढोलक, नगाड़ा, डमरू, डफली, तबला, हारमोनियम, गिटार आदि ।
आइए इंद्रधनुष बनाएँ
बारिश की बूँदें न केवल जीव-जंतुओं को राहत पहुँचाती हैं बल्कि धरती को हरा-भरा भी बनाती हैं। कभी-कभी ये बूँदें आकाश में बहुरंगी छटा बिखेरती हैं जिसे ‘इंद्रधनुष’ कहा जाता है। आप भी एक सुंदर इंद्रधनुष बनाइए और उस पर एक छोटी-सी कविता लिखिए | इसे कोई प्यारा सा नाम भी दीजिए।
उत्तर:
कितना प्यारा है इंद्रधनुष
आशाओं का संचार करता है
खुशियों का विस्तार करता है
कितना प्यारा है इंद्रधनुष,
जो प्रेम की पुकार बनता है।
वर्षा के बाद आकाश को सजाता है
बचपन के किस्सों को फिर से दोहराता है
रंग-बिरंगे रंगों से रंगकर सारा संसार,
इंद्रधनुष समृद्धि के गीत गुनगुनाता है,
प्रकृति का महिमामंडन करता है
निराशाओं का खंडन करता है
कितना प्यारा है इंद्रधनुष,
जो जीवन के हर पल का उत्सव बनाता है।
वीरता के किस्सों को सुनाता है
प्रेम का उत्सव मनाता है
कितना प्यारा है इंद्रधनुष
जो हमें आशावादी रहना सिखाता है।
झरोखे से
एक बूँद
ज्यों निकल कर बादलों की गोद से
थी अभी एक बूँद कुछ आगे बढ़ी
सोचने फिर-फिर यही मन में लगी
आह! क्यों घर छोड़कर मैं यों बढ़ी।
– अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 3 नादान दोस्त (Old Syllabus)
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
कहानी से
प्रश्न 1.
अंडों के बारे में केशव और श्यामा के मन में किस तरह के सवाल उठते थे? वे आपस ही में सवाल-जवाब करके अपने दिल को तसल्ली क्यों दे दिया करते थे?
उत्तर-
बालमन जिज्ञासाओं से भरा होता है। उन्होंने पहले कभी अंडे नहीं देखे थे। उनके घरवालों ने भी उनको अंडों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी। उनको पता नहीं था कि अंडों का आकार कितना बड़ा होता है ? अंडे किस रंग के होते हैं? उनमें बच्चे कैसे पैदा होते हैं? वे क्या खाते हैं? उनका घोसला कैसा होता है ? बच्चों के मन में इस तरह के सवाल स्वाभाविक ही थे।
प्रश्न 2.
केशव ने श्यामा से चिथड़े, टोकरी और दाना-पानी मँगाकर कार्निस पर क्यों रखे थे?
उत्तर-
कार्निस पर चिड़िया के अंडे थे। केशव और श्यामा ने सोचा कि अंडों से बच्चे निकल आए होंगे। उन्हें धूप से बचाने के लिए छत बनाना था इसलिए टोकरी मँगाई गई। चिथड़ों से उनके लिए गद्दी बनाई गई। दाना-पानी मँगाकर उनकी भूख मिटाने का प्रबंध किया गया। प्याली में खाने के लिए दाना और पानी रख दिया।
प्रश्न 3.
केशव और श्यामा ने चिड़िया के अंडों की रक्षा की या नादानी?
उत्तर-
केशव और श्यामा ने अपनी ओर से तो उन अंडों की रक्षा करनी चाही, पर यह उनकी नादानी सिद्ध हुई। चिड़िया अपने अंडों की रक्षा स्वयं कर सकती थी। बच्चे ने अंडों की रक्षा करने के प्रयास में उन्हें छूकर गंदा कर दिया। उन्हें नहीं मालूम था कि यदि वे अंडों को छू लेंगे तो चिड़िया उन्हें छोड़ ही देगी। वास्तव में वे तो उन अंडों की रक्षा करना चाहते थे लेकिन नादानी में रक्षा में हत्या हो गई।
कहानी से आगे
प्रश्न 1.
केशव और श्यामा ने अंडों के बारे में क्या-क्या अनुमान लगाए? यदि उस जगह तुम होते तो क्या अनुमान लगाते और क्या करते?
उत्तर-
केशव और श्यामा ने अनुमान लगाया कि अब उन अंडों से बच्चे निकल आए होंगे। चिड़िया इतना कहाँ से लाएगी। गरीब बच्चे इस तरह चूं-चू करके मर जाएँगे। उन्हें धूप से भी कष्ट होगा। यदि केशव और श्यामा की जगह हम होते तो हम अनुमान लगाते कि कोई जानवर या अन्य जीव-जंतु तो अंडों तक नहीं पहुँच जाएगा कार्निस तक कोई जानवर न पहुँचे, मैं इसका प्रयास करता। हम अंडों के साथ छेड़-छाड़ नहीं करते। चिड़ियों के लिए दाना हम कार्निस पर रखने की जगह नीचे जमीन पर बिखेर देते।
प्रश्न 2.
माँ के सोते ही केशव और श्यामा दोपहर में बाहर क्यों निकल आए? माँ के पूछने पर भी दोनों में से किसी ने किवाड़ खोलकर दोपहर में बाहर निकलने का कारण क्यों नहीं बताया?
उत्तर-
क्योंकि वही समय ऐसा था जब वे बाहर आकर चुपचाप चिड़िया के बच्चे को देख सकते थे। माँ उनको देख लेती तो अंडों को हाथ न लगाने देती। माँ के पूछने पर पिटाई के डर से दोनों में से किसी ने बाहर निकलने का कारण नहीं बताया।
प्रश्न 3.
प्रेमचंद जी ने इस कहानी का नाम ‘नादान दोस्त’ रखा। आप इसे क्या शीर्षक देना चाहोगे?
उत्तर-
हम इसका दूसरा अन्य शीर्षक ‘रक्षा में हत्या या बच्चों की नादानी’ देना चाहेंगे।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
इस पाठ में गरमी के दिनों की चर्चा है। अगर सरदी या बरसात के दिन होते तो क्या-क्या होता? अनुमान करो और अपने साथियों को सुनाओ।
उत्तर-
अगर सर्दी के दिन होते तो केशव और श्यामा अंडों को ठंड से बचाने की व्यवस्था करते। उनकी माँ उन्हें इतनी सर्दी में बाहर निकलने के लिए डाँटती। अगर बरसात का मौसम होता तो वे अंडों को पानी से बचाने के लिए चिंतित रहते। उस समय उन्हें पानी में बाहर निकलने के लिए माँ से डाँट सुननी पड़ती।
प्रश्न 2.
पाठ पढ़कर मालूम करो कि दोनों चिड़ियाँ वहाँ फिर क्यों नहीं दिखाई दीं? वे कहाँ गई होंगी? इस पर अपने दोस्तों के साथ मिलकर बातचीत करो।
उत्तर-
चिड़ियों के सारे अंडे फूट गए, इसलिए दोनों वहाँ से चली गईं और फिर कभी वापस नहीं आईं। वे दोनों वहाँ से किसी दूसरी सुरक्षित जगह पर गई होंगी, वहाँ घोंसला बनाया होगा और फिर समय आने पर अंडे दिए होंगे।
प्रश्न 3.
केशव और श्यामा चिड़िया के अंडों को लेकर बहुत उत्सुक थे। क्या तुम्हें भी किसी नई चीज, या बात को लेकर कौतूहल महसूस हुआ है? ऐसे किसी अनुभव का वर्णन करो और बताओ कि ऐसे में तुम्हारे मन में क्या-क्या सवाल उठे?
उत्तर-
मुझे अपने घर में पैदा हुए बिल्ली के नवजात बच्चों के प्रति कौतूहल बना रहता था। एक बार मेरे घर के पिछले हिस्से में एक बिल्ली ने तीन बच्चे दिए थे। उन्हें देखकर मुझे बहुत कौतूहल हुआ। बिल्ली अपने बच्चों को मुँह में दबाकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाती थी। उन्हें देखना मुझे बहुत अच्छा लगता था। मैं माँ से छुपा कर कटोरी में दूध रख आया करती थी और कभी कभी अपने हिस्से की रोटी भी उन्हें खिला देती थी। मेरे मन में अक्सर यह सवाल उठता था कि बिल्ली अपने बच्चों को मुँह में दबाती है, तो क्या उन्हें दर्द नहीं होता है।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
श्यामा माँ से बोली, “मैंने आपकी बातचीत सुन ली है।”
ऊपर दिए उदाहरण में मैंने का प्रयोग ‘श्यामा’ के लिए और आपकी का प्रयोग ‘माँ’ के लिए हो रहा है। जब सर्वनाम का प्रयोग कहने वाले, सुनने वाले या किसी तीसरे के लिए हो, तो उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। नीचे दिए गए वाक्यों में तीनों प्रकार के पुरुषवाचक सर्वनामों के नीचे रेखा खींचो-
उत्तर-
एक दिन दीपू और नीलू यमुना तट पर बैठे शाम की ठंडी हवा का आनंद ले रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि एक लंबा आदमी लड़खड़ाता हुआ उनकी ओर चला आ रहा है। पास आकर उसने बड़े दयनीय स्वर में कहा, “मैं भूख से मरा जा रहा हूँ। क्या आप मुझे कुछ खाने को दे सकते हैं?”
प्रश्न 2.
तगड़े बच्चे
मसालेदार सब्ज़ी
बड़ा अंडा
यहाँ रेखांकित शब्द क्रमशः बच्चे; सब्ज़ी और अंडे की विशेषता यानी गुण बता रहे हैं, इसलिए विशेषणों को गुणवाचक विशेषण कहते हैं। इसमें व्यक्ति या वस्तु के अच्छे बुरे हर तरह के गुण आते हैं। आप चार गुणवाचक विशेषण लिखो और उनके वाक्य बनाओ।
उत्तर-
गुणवाचक विशेषण – वाक्य
ईमानदार – आयुष एक ईमानदार लड़का है।
नीला – आसमान का रंग नीला है।
मोटी – रीना मोटी है।
मीठा – सेब मीठा है।
प्रश्न 3.
(क) केशव ने झुंझलाकर कहा ……..
(ख) केशव रोनी सूरत बनाकर बोला …………
(ग) केशव घबराकर उठा
(घ) केशव ने टोकरी को एक टहनी से टिकाकर कहा ………..
(ङ) श्यामा ने गिड़गिड़ाकर कहा …………
ऊपर लिखे वाक्यों में रेखांकित शब्दों को ध्यान से देखो। ये शब्द रीतिवाचक क्रियाविशेषण का काम कर रहे हैं, क्योंकि ये बताते हैं। कि कहने, बोलने और उठने की क्रिया कैसे क्रिया हुई। ‘कर’ वाले शब्दों के क्रियाविशेषण होने की एक पहचान यह भी है कि ये अकसर क्रिया से ठीक पहले आते हैं। अब तुम भी इन पाँच क्रियाविशेषणों का वाक्यों में प्रयोग करो।
उत्तर-
(क) झुंझलाकर = मोहन की बात सुन नेहा झुंझलाकर चली गई।
(ख) बनाकर = माँ खाना बनाकर चली गई।
(ग) घबराकर = दुर्घटना की खबर सुन वह घबराकर उठा।
(घ) टिकाकर = अर्जुन ने नजरें टिकाकर निशाना साधा।
(ङ) गिड़गिड़ाकर = राजीव ने गिड़गिड़ाकर श्याम से माफी माँगी।
प्रश्न 4.
नीचे प्रेमचंद की कहानी ‘सत्याग्रह’ का अंश दिया गया है। आप इसे पढ़ोगे तो पाओगे कि विराम चिह्नों के बिना यह अंश अधूरा-सा है। तुम आवश्यकता के अनुसार उचित जगहों पर विराम चिह्न लगाओ।
उसी समय एक खोमचेवाला जाता दिखाई दिया 11 बज चुके थे चारों तरफ़ सन्नाटा छा गया था पंडित जी ने बुलाया खोमचेवाले खोमचेवाला कहिए क्या हूँ भूख लग आई न अन्न-जल छोड़ना साधुओं का काम है हमारा आपका नहीं मोटेराम अबे क्या कहता है। यहाँ क्या किसी साधु से कम हैं चाहें तो महीनो पड़े रहें और भूख न लगे तुझे तो केवल इसलिए बुलाया है कि जरा अपनी कुप्पी मुझे दे देखें तो वहाँ क्या रेंग रहा है मुझे भय होता है।
उत्तर-
उसी समय एक खोमचेवाला जाता दिखाई दिया। 11 बज चुके थे। चारों तरफ सन्नाटा छा गया था। पंडित जी ने बुलाया, “खोमचेवाले !” खोमचेवाला-“कहिए, क्या हूँ? भूख लग आई न। अन्न-जल छोड़ना साधुओं का काम है, हमारा-आपका नहीं।’ मोटेराम- “अबे, क्या कहता है? यहाँ क्या किसी साधु से कम हैं। चाहें तो महीनों पड़े रहें और भूख न लगे। तुझे तो केवल इसलिए बुलाया है कि जरा अपनी कुप्पी मुझे दे। देखें तो, वहाँ क्या रेंग रहा है। मुझे भय होता है।”
अन्य पाठेतर हल प्रश्न
बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर
(क) चिड़िया ने अंडे कहाँ दिए थे?
(i) छत पर
(ii) कार्निस पर
(iii) खिड़की पर
(iv) पेड़ पर
(ख) ‘नादान दोस्त’ पाठ के लेखक कौन हैं?
(i) कृष्णा सोबती
(ii) प्रेमचंद
(iii) विनय महाजन
(iv) विष्णु प्रभाकर
(ग) श्यामा ने माँ को यह क्यों नहीं बताया कि दरवाज़ा केशव ने खोला था?
(i) क्योंकि इससे केशव नाराज़ हो जाता
(ii) यह सुनकर माँ पीट देती
(iii) यह सुनकर माँ दोनों की पिटाई करती
(iv) इनमें से कोई नहीं।
(घ) बच्चों के मन में क्या जिज्ञासा थी?
(i) अंडों को देखने की
(ii) चिड़िया को उड़ाने की
(iii) चिड़िया के लिए सभी प्रबंध करने की
(iv) चिड़िया के अंडों से बच्चे बनने की प्रक्रिया देखने की
(ङ) केशव और श्यामा ने चिड़ियों के खाने के लिए क्या बिखेरा?
(i) गेहूँ
(ii) मक्का
(iii) चावल
(iv) जौ
उत्तर-
(क) (ii)
(ख) (ii)
(ग) (ii)
(घ) (iv)
(ङ) (iii)