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हिंद महासागर में छोटा-सा हिंदुस्तान Class 6th Hindi Malhar Chapter 12 Question Answer
हिंद महासागर में छोटा-सा हिंदुस्तान Class 6 Question Answer
पाठ से
आइए, अब हम इस पाठ को थोड़ा और निकटता से समझ लेते हैं। आगे दी गई गतिविधियाँ इस कार्य में आपकी सहायता करेंगी। आइए इन गतिविधियों को पूरा करते हैं।
मेरी समझ से
(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (★) बनाइए-
प्रश्न 1.
हिरण समूह में क्यों खड़े थे?
• भागने पर उन्हें सिंह के आक्रमण का डर था।
• वे भाग चुके हिरणों के लौटने की प्रतीक्षा में थे।
• वे बीच खड़े असावधान जिराफ की रक्षा कर रहे थे।
• सिंह उनसे उदासीन थे अतः उन्हें कोई खतरा नहीं था।
उत्तर:
• भागने पर उन्हें सिंह के आक्रमण का डर था।
प्रश्न 2.
मॉरिशस छोटे पैमाने पर भारतवर्ष ही है। कैसे ?
• गन्ने की खेती अधिकतर भारतीयों द्वारा की जाती है।
• अधिकतर जनसंख्या भारत से जाने वालों की है।
• सभी भारतवासी परी – तालाब पर एकत्रित होते हैं।
• भारत की बहुत सी विशेषताएँ वहाँ दिखाई देती हैं।
उत्तर:
• भारत की बहुत-सी विशेषताएँ वहाँ दिखाई देती हैं।
(ख) अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए और कारण बताइए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तर:
छात्र / छात्राएँ स्वयं उत्तर दे।
पंक्तियों पर चर्चा
“ भारत में बैठे-बैठे हम यह नहीं समझ पाते कि भारतीय संस्कृति कितनी प्राणवती और चिरायु है। किंतु, मॉरिशस जाकर हम अपनी संस्कृति की प्राणवत्ता का ज्ञान आसानी से प्राप्त कर लेते हैं। ”
उत्तर:
छात्र / छात्राएँ अपने शिक्षक की मदद से साझा करते हुए अपना लेखन पुस्तिका में लिखिए।
सोच-विचार के लिए
इस यात्रा-वृत्तांत को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन-पुस्तिका में लिखिए—
(क) “नैरोबी का नेशनल पार्क चिड़ियाघर नहीं है। ”
नेशनल पार्क और चिड़ियाघर में क्या अंतर है?
उत्तर:
“नैरोबी का नेशनल पार्क चिड़ियाघर नहीं है। ”
नेशनल पार्क और चिड़ियाघर में अंतर- नेशनल पार्क शहर से बाहर बहुत बड़े जंगल में होता है जिसमें घास बहुत अधिक तथा पेड़ बहुत कम होते हैं। नेशनल पार्क में सर्वत्र अच्छी सड़कें बनी हुई होती हैं तथा उस पर पर्यटकों की गाड़ियाँ दौड़ती रहती हैं। नेशनल पार्क में शेर और हिरणों का समूह स्वतंत्र रूप से विचरण करता रहता है।
चिड़ियाघर में पशु-पक्षी तथा शेर, हिरण अन्य जानवर एक सीमित क्षेत्र में ही रहते हैं। जिसके लिए कुछ निर्धारित स्थान निवास के लिए बनाए जाते हैं जो कि एक सीमित दायरा होता है।
(ख) “हम लोग पेड़-पौधे और खरपात से भी बदतर समझे गए।”
वे कौन थे जिन्होंने लेखक और अन्य लोगों को पेड़-पौधों और खरपात से भी बदतर समझ लिया था ? उन्होंने ऐसा क्यों समझ लिया था?
उत्तर:
“हम लोग पेड़-पौधे और खरपात से भी बदतर समझे गए।”
लेखक और अन्य लोग जब दस-बीस मील के भीतर हर सड़क छान लेने के बाद उस स्थान पर पहुँचे जहाँ सात-आठ सिंह लेटे या सोए हुए थे। उन सिंहो को पूछ जानने की इच्छा नहीं थी कि उन्हें देखने को आने वाले लोग कौन हैं। उन सिंहों ने कभी भी दृष्टिपात नहीं किया मानो ये लोग (लेखक और अन्य लोग) तुच्छातितुच्छ हो और उनकी नजर में आने के योग्य बिल्कुल नहीं है। एक सिंह ने उठकर जम्हाई ली दूसरे ने देह को ताना, मगर उनकी और नजर नहीं उठाई। तब उन लोगों को लगा कि- हम लोग पेड़-पौधे और खरपात से भी बदतर समझे गए।
(ग) “ मॉरिशस की असली ताकत भारतीय लोग ही हैं।”
पाठ में इस कथन के समर्थन में कौन-सा तर्क दिया गया है?
उत्तर:
“मॉरिशस की असली ताकत भारतीय लोग ही हैं। ”
मॉरिशस वह देश है जहाँ की जनसंख्या के 67 प्रतिशत लोग भारतीय खानदान के हैं तथा जहाँ 53 प्रतिशत लोग हिंदू ही हैं। मॉरिशस में ऊख की खेती और उसके व्यवसाय को जो सफलता मिली है, भारतीयों के कारण मिली है। मॉरिशस की असली ताकत भारतीय लोग ही हैं।
(घ) “उस द्वीप को उन्होंने छोटा-सा हिंदुस्तान बना डाला। ”
भारत से गए लोगों ने मॉरिशस को हिंदुस्तान जैसा कैसे बना दिया है?
उत्तर:
” उस द्वीप को उन्होंने छोटा-सा हिंदुस्तान बना डाला ”
मॉरिशस वह देश है जिसकी राजधानी पोर्टलुई की गलियों के नाम- कलकत्ता, मद्रास, हैदराबाद और बंबई हैं तथा जिसके एक मोहल्ले का नाम काशी है। मॉरिशस वह देश है, जहाँ बनारस भी है, गोकुल भी है और ब्रह्म स्थान भी है। मॉरिशस जाकर हम अपनी संस्कृति की प्राणवत्ता का ज्ञान आसानी से प्राप्त कर लेते हैं। मालिकों की इच्छा तो पूछी थी कि भारतीय लोग भी क्रिस्तान हो जाएँ किंतु भारतीयों ने अत्याचार तो सहे, लेकिन पूलोमनो को ठुकरा दिया। वे अपने धर्म पर डटे रहे और जिस द्वीप में भगवान ने उन्हें भेज दिया था, उस द्वीप को उन्होंने छोटा-सा हिंदुस्तान बना डाला।
मिलकर करें मिलान
इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट, पुस्तकालय या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।
स्तंभ 1 | स्तंभ 2 |
1. अफ्रीका | 1. यह अफ़्रीका महाद्वीप के एक देश ‘केन्या’ की राजधानी है। |
2. नैरोबी | 2. यह श्रीराम के जीवन पर आधारित अमर ग्रंथ ‘रामचरितमानस’ लिखने वाले कवि का नाम है। |
3. रक्तचाप | 3. यह एशिया के बाद दुनिया का सबसे बड़ा महाद्वीप है। |
4. बी.ओ.ए.सी. | 4. यह रक्त वाहिनियों अर्थात नसों में बहते रक्त द्वारा उनकी दीवारों पर डाले गए दबाव का नाम है। |
5. भूमध्य रेखा | 5. यह दो भाषाओं के मिलने से बनी नई भाषा का नाम है। |
6. देशांतर रेखा | 6. यह ‘ब्रिटिश ओवरसीज एयरवेज कॉरपोरेशन’ नाम का छोटा रूप है। यह एक बहुत पुरानी विदेशी विमान कंपनी थी। |
7. तुलसीदास | 7. यह पृथ्वी के चारों ओर एक काल्पनिक वृत्त है जो पृथ्वी को दो भागों में बाँटता है- उत्तरी भाग और दक्षिणी भाग । |
8. क्रेयोल | 8. यह बाँस का एक मज़बूत डंडा होता है। जिसे काँवड़ या बहंगी भी कहा जाता है, जिसके दोनों सिरों पर बँधी हुई दो टोकरियों या छीकों में यात्री गंगाजल या अन्य वस्तुएँ भरकर ले जाते हैं। |
9. काँवर | 9. ये ग्लोब पर उत्तर से दक्षिण की ओर खींची जाने वाली काल्पनिक रेखाएँ हैं। ये उत्तरी ध्रुव को दक्षिणी ध्रुव से मिलाती हैं। |
उत्तर:
1. → 3
2. → 1
3. → 4
5. → 7
6. → 9
8. → 5
9. → 8
यात्रा – वृत्तांत की रचना
” इतने में कोई मील-भर की दूरी पर हिरनों का एक झुंड दिखाई पड़ा। अब दो जवान सिंह उठे और दो ओर को चल दिए। एक तो थोड़ा-सा आगे बढ़कर एक जगह बैठ गया, लेकिन दूसरा घास के बीच छिपता हुआ मोर्चे पर आगे बढ़ने लगा।”
इन वाक्यों को पढ़कर ऐसा लगता है मानो हम लेखक की आँखों से स्वयं वह दृश्य देख रहे हैं। मानो हम स्वयं भी उस स्थान की यात्रा कर रहे हैं, जहाँ का वर्णन लेखक ने किया है। यह इस यात्रा – वृत्तांत की एक महत्वपूर्ण विशेषता है। यदि आप इस यात्रा – वृत्तांत को थोड़ा और ध्यान से पढ़ेंगे तो आपको और भी बहुत-सी विशेषताएँ पता चलेंगी।
उत्तर:
छात्र / छात्राएँ स्वयं उत्तर दें।
अनुमान या कल्पना से
अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए-
(क) “मॉरिशस वह देश है, जहाँ बनारस भी है, गोकुल भी है और ब्रह्मस्थान भी । ”
मॉरिशस में लोगों ने गली-मोहल्लों के नाम इस तरह के क्यों रखे होंगे?
(ख) “कोई सात-आठ सिंह लेटे या सोए हुए और उन्हें घेरकर आठ-दस मोटरें खड़ी थीं । ”
आपने पढ़ा कि केन्या का राष्ट्रीय पार्क पर्यटकों से भरा रहता है। पर्यटक जंगली जानवरों को घेरे रहते हैं। क्या इसका उन पशुओं पर कोई प्रभाव पड़ता होगा ? अपने उत्तर के कारण भी बताइए ।
(संकेत- राष्ट्रीय पार्क के बंदरों, सिंहों का व्यवहार भी बदल गया है। )
(ग) “हिरनों का एक झुंड दिखाई पड़ा, जिनके बीच एक जिराफ बिल्कुल बेवकूफ की तरह खड़ा था ।”
सिंहों के आस-पास होने के बाद भी जिराफ क्यों खड़ा रहा होगा?
(घ) “मॉरिशस के मध्य में एक झील है, जिसका संबंध हिंदुओं ने परियों से बिठा दिया है और उस झील का नाम अब परी – तालाब हो गया है।”
उस झील का नाम ‘परी – तालाब’ क्यों पड़ा होगा?
(ङ) आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि लगभग 50 साल पहले ‘परी – तालाब’ का नाम बदलकर ‘गंगा – तालाब’ कर दिया गया है। मॉरिशस के लोगों ने यह नाम क्यों रखा होगा?
उत्तर:
छात्र/छात्राएँ अपने समूह में मिलकर चर्चा करें।
शब्दों की बात
नीचे शब्दों से जुड़ी कुछ गतिविधियाँ दी गई हैं। इन्हें करने के लिए आप शब्दकोश, पुस्तकालय, अपने शिक्षकों और साथियों की सहायता भी ले सकते हैं।
संज्ञा के स्थान पर
(क) “ हिरनों ने ताड़ लिया कि उन पर सिंहों की नज़र पड़ रही है। अतएव वे चरना भूलकर चौकन्ने हो उठे।”
इन पंक्तियों में रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए। इन वाक्यों में ये शब्द किनके लिए उपयोग किए गए हैं? ये शब्द ‘हिरनों’ के लिए उपयोग में लाए गए हैं। आप जानते ही हैं कि ‘हिरन’ यहाँ एक संज्ञा शब्द है। जो शब्द संज्ञा शब्दों के स्थान पर उपयोग में लाए जाते हैं, उन्हें ‘सर्वनाम ‘ कहते हैं।
अब नीचे दिए गए वाक्यों में सर्वनाम शब्दों को पहचानिए और उनके नीचे रेखा खींचिए –
1. “हाँ, बच्चे हाफ पैंट पहन सकते हैं, लेकिन गांधी टोपी उस दिन उन्हें भी पहननी पड़ती है ।”
2. “भारतीयों ने अत्याचार तो सहे, लेकिन प्रलोभनों को ठुकरा दिया। वे अपने धर्म पर डटे रहे और जिस द्वीप में भगवान ने उन्हें भेज दिया था, उस द्वीप को उन्होंने छोटा-सा हिंदुस्तान बना डाला ।”
(ख) ऊपर दिए गए दोनों वाक्यों को सर्वनाम की जगह संज्ञा शब्द लगाकर लिखिए ।
उत्तर:
छात्र / छात्राएँ स्वयं करें।
पहचान पाठ के आधार पर
आपने इस यात्रा वृत्तांत में तीन देशों के नाम पढ़े हैं- भारत, केन्या और मॉरिशस पुस्तकालय या कक्षा में उपलब्ध मानचित्र पर भारत को तो आप सरलता से पहचान ही लेंगे। पाठ में दी गई जानकारी के आधार पर बाकी दोनों देशों को पहचानिए ।
उत्तर:
छात्र/छात्राएँ पुस्तकालय पर कक्षा में उपलब्ध मानचित्र पर पाठ में दी गई जानकारी के आधार पर भारत केन्या और मॉरिशस देशों की पहचान करें।
पाठ से आगे
आपकी बात
(क) – “वहाँ जो कुछ देखा, वह जन्मभर कभी नहीं भूलेगा।”
क्या आपने कभी ऐसा कुछ देखा, सुना या पढ़ा है जिसके बारे में आपको लगता है कि आप उसे कभी नहीं भूल सकेंगे? उसके बारे में अपने समूह में बताइए |
(ख) “हमें अफ़्रीका के शेरों से मुलाकात कर लेनी चाहिए।”
‘मुलाकात’ शब्द का अर्थ है ‘मिलना’। लेकिन यहाँ ‘मुलाकात’ शब्द का भाव है- शेरों को पास से देखना । इसके लिए ‘अपनी आँखों से देखना’, ‘सजीव देखना’ ‘भेंट ‘करना’ आदि शब्दों का प्रयोग भी किया जाता है। अपनी बात को और अधिक सुदंर और अनोखा रूप देने के लिए शब्दों के इस प्रकार के प्रयोग किए जाते हैं।
आपने अब तक किन-किन पशु-पक्षियों से ‘मुलाकात’ की है? वह मुलाकात कहाँ हुई थी? बताइए ।
(ग) “ यह ऐसी सफलता की बात है, जिस पर सभी भारतीयों को गर्व होना चाहिए। ”
आपको किन-किन बातों पर गर्व होता है? बताइए ।
(संकेत- ये बातें आपके बारे में हो सकती हैं, आपके परिवार के बारे में हो सकती हैं और किसी अन्य व्यक्ति, वस्तु, स्थान, प्राणी आदि के बारे में भी हो सकती हैं।) उत्तर- छात्र / छात्राएँ स्वयं करें।
कक्षा और घर की भाषाएँ
“प्रायः सभी भारतीय भोजपुरी बोलते अथवा उसे समझ लेते हैं। यहाँ तक कि भारतीयों के पड़ोस में रहने वाले चीनी भी भोजपुरी बखूबी बोल लेते हैं। ”
भारत एक बहुभाषी देश है। भारत में लगभग सभी व्यक्ति एक से अधिक भाषाएँ बोल या समझ लेते हैं। आप कौन-कौन सी भाषाएँ बोल – समझ लेते हैं? आपके मित्र कौन-कौन सी भाषाएँ बोल – समझ लेते हैं? इसके बारे में यहाँ दी गई तालिका को पूरा कीजिए-
क्रम संख्या | मैं जिन भाषाओं को बोल समझ लेता / लेती हूँ | मेरे मित्र जिन भाषाओं को बोल- समझ लेते हैं | मेरे परिजन जिन भाषाओं को बोल समझ लेते हैं |
कुल संख्या |
(संकेत- इस तालिका को पूरा करने के लिए आपको अपने मित्रों और परिजनों से पूछताछ करनी होगी। पहले भाषाओं के नाम लिखने हैं, बाद में उन नामों को गिनकर उनकी कुल संख्या लिखनी है ।)
उत्तर:
छात्र / छात्राएँ स्वयं करें।
प्रशंसा या सराहना विभिन्न प्रकार से
“ यह द्वीप हिंद महासागर का मोती है, भारत – समुद्र का सबसे खूबसूरत सितारा है। ”
इस पाठ में लेखक ने मॉरिशस की सराहना में यह वाक्य लिखा है | सराहना करने के लिए ‘दिनकर’ ने द्वीप की तुलना मोती और तारे से की है।
किसी की सराहना अनेक प्रकार से की जा सकती है। आप आगे दी गई तालिका को पूरा कीजिए। पहले नाम लिखिए, फिर इनकी प्रशंसा में एक-एक वाक्य लिखिए । शर्त यह है कि प्रत्येक बार अलग तरह से प्रशंसा करनी है-
सराहना की तालिका
नाम | प्रशंसा या सराहना का वाक्य | |
स्वयं | ||
परिजन | ||
शिक्षक | ||
मित्र | ||
पशु | ||
स्थान | ||
सब्जी | ||
पेड़ |
उत्तर:
छात्र/छात्राएँ सराहना की तालिका स्वयं पूरा करें।
चित्रात्मक सूचना (इंफोग्राफिक्स)
नीचे दिए गए चित्र को देखिए। इसमें चित्रों के साथ-साथ बहुत कम शब्दों में कुछ जानकारी दी गई है । इसे ‘चित्रात्मक सूचना’ कहते हैं।
(क) इस ‘चित्रात्मक सूचना के आधार पर मॉरिशस के बारे में एक अनुच्छेद लिखिए।
(ख) अपनी पसंद के किसी विषय पर इसी प्रकार की ‘चित्रात्मक सूचना’ की रचना कीजिए, जैसे- आपका विद्यालय, कोई विशेष दिवस, आपके जीवन की कोई विशेष घटना आदि ।
(संकेत- यह कार्य आप अपने समूह में मिलकर कर सकते हैं। इसके लिए आप किसी कागज़ पर चित्र चिपका सकते हैं और सूचना को कलात्मक रूप से कम शब्दों में लिख सकते हैं। चित्र बनाए भी जा सकते हैं। आप यह कार्य कंप्यूटर या मोबाइल फोन की सहायता से भी कर सकते हैं।)
उत्तर:
छात्र / छात्राएँ स्वयं करें।
हस्ताक्षर
आप जानते ही हैं कि यह पाठ हिंदी के प्रसिद्ध लेखक रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ने लिखा है। वे अपने कुछ इस प्रकार लिखते थे-
अपनी पहचान प्रकट करने के लिए अपने नाम को किसी विशेष प्रकार से लिखने को हस्ताक्षर कहते हैं। हस्ताक्षर का प्रयोग व्यवति को जीवनभर अनेक कार्यों के लिए करना होता है। आपके विद्यालय में भी आपसे हस्ताक्षर करवाए जाते होंगे। आप प्रार्थना पत्रों के अंत में भी अपने हस्ताक्षर करते होंगे।
हो सकता है अभी आपने अपने हस्ताक्षर निर्धारित न किए हों। यदि नहीं भी किए हैं तो कोई बात नहीं। आप चाहें तो आज भी अपने हस्ताक्षर निर्धारित कर सकते हैं।
नीचे दिए गए स्थान पर अपने हस्ताक्षर पाँच बार कीजिए। ध्यान रखें कि आपके हस्ताक्षर एक जैसे हों, अलग-अलग न हों।
नोट- नीचे दिए गए स्थान पर छात्र / छात्राएँ पाँच बार अपने हस्ताक्षर करें जो एक ही जैसे हों।
पत्र
यहाँ ‘दिनकर’ का लिखा एक पत्र दिया जा रहा है। इसे पढ़िए और प्रश्नों के उत्तर लिखिए। पत्र पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर अपने समूह में मिलकर खोजिए –
नई दिल्ली
8-7-67
मान्यवर चतुर्वेदी जी,
आपका कृपा-पत्र मिला। मेरा स्वास्थ्य इधर बहुत गिर गया है और संयम के बावजूद तेज़ी से सुधर नहीं रहा है। मेरा चित्त अभी भी दबा हुआ है। ऐसी अवस्था में मैंने दो सप्ताह के लिए मॉरिशस जाना स्वीकार कर लिया है। 15 जुलाई को प्रस्थान करना है। लौटना शायद 5 अगस्त तक हो ।
आपके आशीर्वाद की कामना करता हूँ।
आपका दिनकर
सफ़दरजंग लेन, नई दिल्ली
(क) पत्र किसने लिखा है?
उत्तर:
पत्र रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ने लिखा है।
(ख) पत्र किसे लिखा गया है?
उत्तर:
पत्र चतुर्वेदी जी को लिखा गया है।
(ग) पत्र किस तिथि को लिखा गया है?
उत्तर:
पत्र 8-7-67 को लिखा गया है।
(घ) पत्र किस स्थान से लिखा गया है ?
उत्तर:
पत्र सफ़दरजंग लेन, नई दिल्ली से लिखा गया है।
(ङ) पत्र पाने वाले के नाम से पहले किस शब्द का प्रयोग किया गया है?
उत्तर:
पत्र पाने वाले के नाम से पहले ‘मान्यवर’ शब्द का प्रयोग किया गया है।
(च) पत्र-लेखक ने अपने नाम से पहले अपने लिए क्या शब्द लिखा है?
उत्तर:
पत्र – लेखक ने अपने नाम से पहले अपने लिए ‘आपका’ शब्द लिखा है।
उलझन सुलझाओ
(क) “जहाज़ नैरोबी से चार बजे शाम को उड़ा और पाँच घंटों की निरंतर उड़ान के बाद जब वह मॉरिशस पहुँचा, तब वहाँ रात के लगभग दस बज रहे थे।”
नोट – छात्र / छात्राएँ इसका कारण पता करने के लिए अपने शिक्षकों या इंटरनेट की सहायता ले सकते हैं।
जहाज नैरोबी से शाम 4 बजे उड़ा तो उसे 5 घंटों की उड़ान के बाद रात 9 बजे मॉरिशस पहुँचना चाहिए था। लेकिन वह पहुँचा लगभग दस बजे । क्यों?
आप इसका कारण पता करने के लिए अपने शिक्षकों या इटरनेट की सहायता ले सकते हैं।
(ख) नीचे दो घड़ियों के चित्र दिए गए हैं। एक घड़ी भारत के समय को दिखा रही है। दूसरी घड़ी दिखा रही है कि उसी समय मॉरिशस में कितने घंटे और मिनट हुए हैं।
इन घड़ियों के अनुसार नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
- भारत में क्या समय हुआ है ?
- मॉरिशस में घड़ी
- मॉरिशस में क्या समय हुआ है?
- मॉरिशस और भारत के समय में कितने घंटे और मिनट का अंतर है?
- सूर्योदय भारत में पहले होगा या मॉरिशस में?
- जिस समय भारत में दोपहर के 12 बजे होंगे, उस समय मॉरिशस की घड़ियाँ कितना समय दिखा रही होंगी?
उत्तर:
- भारत में पाँच बजकर बीस मिनट (5:20) हुआ है।
- मॉरिशस में तीन बजकर पचास मिनट (3:50) का समय हुआ है।
- मॉरिशस और भारत के समय में एक घंटे और 30 (1:30 ) मिनट का अंतर है।
- सूर्योदय भारत में पहले होगा ।
- जिस समय भारत में दोपहर के 12 बजे होंगे, उस समय मॉरिशस की घड़ियाँ दस बजकर तीस मिनट (10:30) का समय दिखाएगी।
आज की पहेली
आज हम आपके लिए एक अनोखी पहेली लाए हैं। यहाँ एक वाक्य दिया गया है। आपको पता करना है कि इसका क्या अर्थ है-
येला मालथ येला घौलशं ।
नोट – छात्र / छात्राएँ दी गई पहेली को स्वयं बूझें ।
खोजबीन के लिए
नीचे दी गई रचनाओं को पुस्तक में दिए गए क्यू. आर. कोड की सहायता से पढ़ें, देखें व समझें-
- चाँद का कुर्ता
- मिर्च का मज़ा
- राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की जीवनी
- हिमालय के पर्वतीय प्रदेश की मनोरम यात्रा
उत्तर:
छात्र / छात्राएँ क्यू. आर. कोड (QR Code) की सहायता से स्वयं करें।
NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 12 संसार पुस्तक है (Old Syllabus)
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
पत्र से
प्रश्न 1.
लेखक ने ‘प्रकृति के अक्षर’ किन्हें कहा है?
उत्तर-
लेखक ने पेड़-पौधों, पत्थरों, नदियों, जंगलों, हड्डियों आदि प्राकृतिक चीजों को प्रकृति के अक्षर कहा है।
प्रश्न 2.
लाखों-करोड़ों वर्ष पहले हमारी धरती कैसी थी?
उत्तर-
लाखों-करोड़ों वर्ष पूर्व हमारी धरती बहुत गर्म थी। इस पर कोई जीव जीवित नहीं रह सकता था।
प्रश्न 3.
दुनिया का पुराना हाल किन चीज़ों से जाना जाता है? कुछ चीज़ों के नाम लिखो।
उत्तर-
दुनिया का पुराना हाल पहाड़, समुद्र,नदियाँ, जंगल के जानवरों की पुरानी हड्डियों, पत्थर के टुकड़ों से जाना जाता है।
प्रश्न 4.
गोल, चमकीला रोड़ा अपनी क्या कहानी बताता है?
उत्तर-
गोल और चमकीला दिखाई देने वाला रोड़ा पहले ऐसा नहीं था। पहले वह चट्टान का टूटा हुआ नोकीला खुरदरा टुकड़ा था। बारिश के पानी में बहकर वह छोटी घाटी तक आया। पानी के साथ निरंतर ढकेले जाने के कारण उसके कोण घिसकर गोल और चमकदार बन गए।
प्रश्न 5.
गोल, चमकीले रोड़े को यदि दरिया और आगे ले जाता तो क्या होता? विस्तार से उत्तर लिखो।
उत्तर-
गोल, चमकीले रोड़े को अगर दरिया और आगे ले जाता तो वह छोटा होते-होते अंत में बालू का एक कण बन जाता और समुद्र के किनारे पहुँच कर अपने जैसे ही रेत के अन्य कणों में मिल जाता। जहाँ एक सुंदर बालू का किनारा बन जाता जिस पर छोटे-छोटे बच्चे खेलते और बालू के घरौंदे बनाते। लोग उस रेत को विभिन्न कामों में प्रयोग करते।
प्रश्न 6.
नेहरू जी ने इस बात का हलका-सा संकेत दिया है कि दुनिया कैसे शुरू हुई होगी? उन्होंने क्यों बताया है? पाठ के आधार पर लिखो।
उत्तर-
नेहरू जी ने बताया है कि यह पृथ्वी लाखों-करोड़ों वर्ष पुरानी है। यह पृथ्वी बहुत गरम थी। इस पर कोई जानदार चीज़ नहीं रह सकती थी। पहले यहाँ न कोई आदमी था, न जानवर। करोड़ों वर्षों में जाकर धरती ठंडी हुई फिर धीरे-धीरे इस पर वनस्पतियाँ पैदा होने लगीं। फिर छोटे-छोटे जीव-जंतु पैदा हुए और फिर मनुष्य। इस तरह दुनिया की शुरुआत हुई।
पत्र से आगे
प्रश्न 1.
लगभग हर जगह दुनिया की शुरुआत को समझाती हुई कहानियाँ प्रचलित हैं। तुम्हारे यहाँ कौन-सी कहानी प्रचलित है?
उत्तर-
हमारे यहाँ यह कहानी प्रचलित है कि यह धरती पहले सूर्य का ही अंग थी। अंतरिक्ष में आए किसी परिवर्तन के कारण यह सूर्य से अलग हो गई। यह भी सूर्य की तरह आग का गोला था। करोड़ों वर्षों में जाकर यह ठंडी हुई फिर इस पृथ्वी पर वनस्पतियाँ पैदा होने लगीं। इसके बाद ही जानवर और इंसान अस्तित्व में आए। दूसरी कहानी प्रचलित है कि इस दुनिया की शुरुआत ईश्वर ने की। उसी ने सृष्टि के क्रम को आगे बढ़ाया।
प्रश्न 2.
तुम्हारी पसंदीदा किताब कौन सी है और क्यों?
उत्तर-
हमारी पसंदीदा किताब ‘रामचरित मानस’ है जो गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई है। इस ग्रंथ में नीति, धर्म, व्यवहार, कर्तव्य अकर्तव्य आदि के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है।
प्रश्न 3.
मसूरी और इलाहाबाद भारत के किन प्रांतों के शहर हैं?
उत्तर-
मसूरी उत्तराखंड प्रांत का और इलाहाबाद उत्तर प्रदेश प्रांत का शहर है।
प्रश्न 4.
तुम जानते हो कि दो पत्थरों को रगड़कर आदि मानव ने आग की खोज की थी। उस युग में पत्थरों का और क्या-क्या उपयोग होता था?
उत्तर-
आदि मानव पत्थरों का इस्तेमाल आग जलाने के अलावा मकान बनाने, हथियार व औजारों के रूप में एवं जानवरों का शिकार करने के लिए करते थे। इसके अलावा मांस काटने और चमड़ा या वृक्ष की छाल छीलने वाले औजार के रूप में इसके प्रयोग किए जाते थे।
अनुमान और कल्पना
हर चीज़ के निर्माण की एक कहानी होती है, जैसे मकान के निर्माण की कहानी-कुरसी, गद्दे, रजाई के निर्माण की कहानी हो सकती है। इसी तरह वायुयान, साइकिल अथवा अन्य किसी यंत्र के निर्माण की कहानी भी होती है। कल्पना करो यदि रसगुल्ला अपने निर्माण की कहानी सुनाने लगे कि पहले दूध था, उसे दूध से छेना बनाया गया, उसे गोल आकार दिया गया। चीनी की चाशनी में डालकर पकाया गया। फिर उसका नाम पड़ा रसगुल्ला।
तुम भी किसी चीज़ के निर्माण की कहानी लिख सकते हो, इसके लिए तुम्हें अनुमान और कल्पना के साथ उस चीज़ के बारे में कुछ जानकारी एकत्र करनी होगी।
उत्तर-
रोटी की कहानी
मैं हूँ रोटी, सो, मैं अपने बारे में तुम्हें कहानी सुनाती हूँ। मुझे पहले खेतों में गेहूँ के रूप में बोया गया। फिर मैं पौधे के रूप में अंकुरित हुआ। फिर मुझमें अनाज़ की बालियाँ लगीं। बालियों को पकने पर काट लिया गया। साफ़-सफ़ाई कर मेरा नाम गेहूँ पड़ गया। मुझे दुकानदारों को बेचा गया। जब मुझे चक्की में पीसो गया तो मेरा नया नाम आटा रखा गया। इसके बाद लोगों ने मुझे खरीदा। घर से जाकर मुझे आवश्यकतानुसार पानी के साथ गुँथा गया। फिर गोले बनाकर, बेलकर मुझे तवे पर या किसी तंदूर में सेका। उसके बाद मैं फूल कर कुप्पा हो गई। फिर यहाँ मेरा नाम रोटी पड़ा।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
इस बीच वह दरिया में लुढ़कता रहा।’ नीचे लिखी क्रियाएँ पढ़ो। क्या इनमें और ‘लुढ़कना’ में तुम्हें कोई समानता नज़र आती है?
- ढकेलना
- गिरना
- खिसकना
इन चारों क्रियाओं का अंतर समझाने के लिए इनसे वाक्य बनाओ।
उत्तर-
इन चारों क्रिया शब्दों के अर्थ में बहुत अंतर है।
लुढ़कना – दवा की शीशी अलमारी से लुढ़क गई।
ढकेलना – राघव ने मोहन को सीढ़ियों से ढकेल दिया।
गिरना – किताब टेबल से नीचे गिर गई।
खिसकना – माधव ने खिसककर मुझे बैठने की जगह दी।
प्रश्न 2.
चमकीला रोड़ा-यहाँ रेखांकित विशेषण ‘चमक’ संज्ञा में ‘ईला’ प्रत्यय जोड़ने पर बना है। निम्नलिखित शब्दों में यही प्रत्यय जोड़कर विशेषण बनाओ और इनके साथ उपयुक्त संज्ञाएँ लिखो-
पत्थर ………
काँटा ……..
रस ………
ज़हर ………….
उत्तर-
पथरीला रास्ता
कॅटीला पौधा
रसीला आम
जहरीला साँप
प्रश्न 3.
‘जब तुम मेरे साथ रहती हो, तो अकसर मुझसे बहुत-सी बातें पूछा करती हो।’
यह वाक्य दो वाक्यों को मिलाकर बना है। इन दोनों वाक्यों को जोड़ने का काम जब-तो (तब) कर रहे हैं, इसलिए | इन्हें योजक कहते हैं। योजक के रूप में कभी कोई बदलाव नहीं आता, इसलिए ये अव्यय का एक प्रकार होते हैं। नीचे वाक्यों को जोड़ने वाले कुछ और अव्यय दिए गए हैं। उन्हें रिक्त स्थानों में लिखो। इन शब्दों से तुम भी एक-एक वाक्य बनाओ-
बल्कि / इसलिए / परंतु / कि / यदि / तो / न कि / या / ताकि।
- कृष्णन फ़िल्म देखना चाहता है ………….. मैं मेले में जाना चाहती हूँ।
- मुनिया ने सपना देखा ………….. वह चंद्रमा पर बैठी है।
- छुट्टियों में हम सब …………… दुर्गापुर जाएँगे ………….. जालंधर।
- सब्ज़ी कटवा कर रखना …………. घर आते ही मैं खाना बना लें।
- ………… मुझे पता होता कि शमीना बुरा मान जाएगी …………… मैं यह बात न कहती।
- इस वर्ष फ़सल अच्छी नहीं हुई है ………… अनाज महँगा है।
- विमल जर्मन सीख रहा है …………….. फ्रेंच।
उत्तर-
- कृष्णन फ़िल्म देखना चाहता है परंतु मैं मेले में जाना चाहती हूँ।
- मुनिया ने सपना देखा कि वह चंद्रमा पर बैठी है।
- छुट्टियों में हम सब या तो दुर्गापुर जाएँगे या जालंधर।
- सब्ज़ी कटवाकर रखना ताकि घर आते ही मैं खाना बना लें।
- यदि मुझे पता होता कि शमीना बुरा मान जाएगी तो मैं यह बात न कहती।
- इस वर्ष फ़सल अच्छी नहीं हुई इसलिए अनाज महँगा है।
- विमल जर्मन सीख रहा है न कि फ्रेंच।
कुछ करने को
- पास के शहर में कोई संग्रहालय हो तो वहाँ जाकर पुरानी चीजें देखो। अपनी कक्षा में उस पर चर्चा करो।
सुननी और देखना
- एन०सी०ई०आर०टी० की श्रव्य श्रृंखला ‘पिता के पत्र पुत्री के नाम’।
- एन०सी०ई०आर०टी० का श्रव्य कार्यक्रम ‘पत्थर और पानी की कहानी’।
- ‘पिता के पत्र पुत्री के नाम’ पुस्तक पुस्तकालय से लेकर पढ़ो।
अन्य पाठेतर हल प्रश्न
बहुविकल्पी प्रश्न
(क) “संसार पुस्तक है’ पाठ के लेखक कौन हैं?
(i) प्रेमचंद
(ii) विनय महाजन
(iii) पं० जवाहरलाल नेहरू
(iv) कृष्णा सोबती
(ख) नेहरू जी ने यह पत्र किसको लिखा था?
(i) भारत के बच्चों को
(ii) अपनी पुत्री इंदिरा को
(iii) भारत के साहित्यकारों को
(iv) धार्मिक नेताओं को
(ग) लेखक के पत्रों का संकलन किस नाम से है?
(i) भारत एक खोज
(ii) संसार पुस्तक है।
(iii) संसार एक रंग-मंच
(iv) पिता के पत्र पुत्री के नाम
(घ) लेखक ने प्रकृति के अक्षर किसे कहा है?
(i) पहाड़ों को
(ii) नदी और मैदानों को
(iii) पक्षियों और पेड़ों को
(iv) उपर्युक्त सभी
(ङ) किसी भाषा को सीखने के लिए सबसे पहले क्या सीखना होता है?
(i) वर्ण
(ii) शब्द
(iii) वाक्य
(iv) शब्दांश
उत्तर
(क) (ii)
(ख) (ii)
(ग) (iv)
(घ) (iv)
(ङ) (iv)
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
हम इतिहास में क्या पढ़ते हैं?
उत्तर-
हम इतिहास में विभिन्न देशों के बीते हुए समय की जानकारी पढ़ते हैं, जैसे-हिंदुस्तान और इंग्लैंड का इतिहास।
प्रश्न 2.
लेखक ने संसार को पुस्तक क्यों कहा है?
उत्तर-
जैसे पुस्तक पढ़कर बहुत-सी जानकारी प्राप्त की जा सकती है, वैसे ही संसार में रहकर भी हमें बहुत-सी जानकारियाँ प्राप्त हो सकती हैं। इसलिए लेखक ने संसार को पुस्तक कहा है।
प्रश्न 3.
दुनिया का हाल जानने के लिए किस बात का ध्यान रखना पड़ेगा?
उत्तर-
दुनिया का हाल जानने के लिए दुनिया के सभी देशों और यहाँ बसी सभी जातियों का ध्यान रखना होगा। केवल एक देश जिसमें हम पैदा हुए हैं, की जानकारी प्राप्त कर लेना काफ़ी नहीं है।
प्रश्न 4.
एक रोड़ा दरिया में लुढ़कता-लुढ़कता किस रूप में बदल जाता है?
उत्तर-
रोड़ा दरिया में लुढ़कते-लुढ़कते छोटा होता जाता है और अंत में रेत का कण बन जाता है।
प्रश्न 5.
पत्थर अपनी कहानी हमें कैसे बताते हैं?
उत्तर-
पत्थरों की कहानी उनके ऊपर ही लिखी हुई है। यदि हमें उसे पढ़ने और समझने की दृष्टि हो तो हम यह कहानी जान सकते हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
नेहरू जी ने पुत्री को क्या सलाह दी?
उत्तर-
नेहरू जी ने पुत्री को कहा कि इंग्लैंड केवल एक छोटा-सा टापू है और हिंदुस्तान, जो एक बहुत बड़ा देश है, फिर भी दुनिया का एक छोटा-सा हिस्सा है। अगर तुम्हें इस दुनिया का कुछ हाल जानने का शौक है, जो तुम्हें सब देशों को और उन सब जातियों का जो इसमें बसी हुई हैं, का ध्यान रखना पड़ेगा, केवल उस एक छोटे-से देश का नहीं जिसमें तुम पैदा हुई हो।
प्रश्न 2.
गोल-चमकीला रोड़ा अपनी क्या कहानी बताता है?
उत्तर-
गोल और चमकीला दिखाई देने वाला रोड़ा पहले ऐसा नहीं था। एक समय यह रोड़ा एक चट्टान का टुकड़ा था, जिसमें किनारे और कोने थे। वह किसी पहाड़ के दामन में पड़ा था। जब पानी के साथ बहकर वह नीचे आ गया और घाटी तक पहुँच गया। वहाँ से एक पहाड़ी नाले ने ढकेल कर उसे एक छोटे-से दरिया में पहुँचा दिया। पानी के साथ निरंतर ढकेले जाने के कारण उसके कोने घिस गए। दरिया उसे और आगे बहाकर ले गई। इस प्रकार की निरंतर प्रक्रिया के साथ वह गोल, चमकदार और चिकना हो गया।
प्रश्न 3.
लेखक ने इस दुनिया की और इस दुनिया के छोटे-बड़े देशों की छोटी-छोटी कथाएँ लिखने का इरादा क्यों किया?
उत्तर-
जब लेखक और उनकी पुत्री साथ-साथ रहते थे तो लेखक की पुत्री नेहरू जी से कई प्रश्न पूछा करती थी। नेहरू जी तब उसके प्रश्नों और बातों का उत्तर दिया करते थे। जब लेखक की पुत्री अपने पिता से दूर मसूरी में थी तो उन दोनों की बातचीत नहीं हो सकती थी। अतः लेखक ने बड़े सरल सहज तरीके से कई दुर्लभ जानकारियाँ देने के लिए इस दुनिया की और इस दुनिया के छोटे-बड़े देशों की छोटी-छोटी कथाएँ पत्रों के माध्यम से लिखने का इरादा किया।