NCERT Solutions for Class 11 Hindi Antral Chapter 1 अंडे के छिलके
Class 11 Hindi Chapter 1 Question Answer Antral अंडे के छिलके
प्रश्न 1.
“पराया घर तो लगता ही है, भाभी” अपनी भाभी-भाई के कमरे में श्याम को पराएपन का अहसास क्यों होता है ?
उत्तर :
श्याम गोपाल के कमरे के बाहर से वीना भाभी को आवाज लगाता है। वीना उसे कहती है कि वह पराए की तरह क्यों आवाज लगा रहा है। उस समय श्याम कहता है कि उसे उनका कमरा पराया लगता है क्योंकि वीना ने आते ही कमरे का नक्शा बदल दिया है जिससे उसकी कमरे में पैर रखने की हिम्मत नहीं होती। पहले इस कमरे की स्थिति ऐसी थी जैसे आजकल उसके कमरे की है। सब चीज़ बिखरी रहती है। अब इस कमरे में केवल एक वह कोना गोपाल भैया का नजजर आता है जहाँ पतलूनें और कोट एक-दूसरे के ऊपर टेंग है। अब इस कमरे की सरकार बदल चुकी है। सभी चीज़ें ऐसे चमक रही हैं जैसे नई-नई पालिश होकर आई हों। बह सब देखकर उसे अपने भाभी-भाई के कमरे में पराएपन का अहसास होता है।
प्रश्न 2.
एकांकी में अम्माँ की जो तस्वीर उभरती है, अंत में वह बिलकुल बदल जाती है-टिप्पणी कीजिए।
उत्तर :
एकांकी में अम्माँ जी की तसवीर परंपरावादी विचारोंवाली महिला के रूप में उभरती है। घर में परिवार के सभी सदस्यों में कुछ ऐसी आदतें हैं जो उनके अनुसार अम्माँ जी को बुरी लगती हैं, जैसे-वीना, गोपाल, श्याम का अंडे खाना और राधा भाभी का रामायण-महाभारत की बजाय ‘चंद्रकांता संतति’ पढ़ना। एकांकी में एक स्थान पर वीना अपने कमरे में गोपाल और श्याम के लिए अंडों का हलुआ बना रही है, तभी कमरे में अम्माँ जी आ जाती हैं और सभी लोग गुमसुम हो जाते हैं। गोपाल अंडों के छिलकों पर वीना का कुरता डाल देता है।
हलुआ ढककर रख देते हैं। सभी घबराए हुए हैं कि अम्माँ को पता चला गया तो अंत में अम्माँ की तसवीर बिल्कुल बदल जाती है। वे परिवार के सदस्यों द्वारा अंडे रगने और चंद्रकांता स्मृति पढ़े जाने की बात को जानते हुए भी नज़रअंदाज करती हैं। और सबको छाँट पड़ सकती हैं। इसलिए सभी सदस्य एक-दूसरे की गलती छुपाते हुए अम्पाँ की बातों को सफ़ाई से टाल देते हैं, इससे पता चलता है कि अम्माँ एक परंपरावादी विचारों की महिला है।
वह सब जानते हुए भी चुप है। इससे पता चलता है कि घर के बुजुर्ग घर में शांति और प्यार बनाए रखने के लिए समय के अनुसार अपने विचार बदल लेते हैं और बच्चों की छोटी-छोटी गलतियों को देखकर भी अनदेखा कर देते हैं। इससे पता चलता है कि पुराने विचारों की अम्माँ ने भी नए समय के अनुसार चलना सीख लिया है।
प्रश्न 3.
अंडे खाना, ‘चंद्रकांता संतति’ पढ़ना आदि किन्हीं संद्रीं में गलत नहीं हैं, फिर भी नाटक के पात्र इन्हें छिपकर करते हैं। क्यों ? आप उनकी जगह होते तो क्या करते ?
उत्तर :
अंडे खाना, ‘चंद्रकांता संतति’ पढ़ना गलत नहीं है, फिर भी लेखक ने एकांकी में पात्रों के द्वारा यह कार्य छिपकर करते हुए दिखाया है। इसका कारण यह है कि घर के सभी सदस्य अम्माँ से डरते हैं। अम्माँ पुराने विचारों की धार्मिक प्रवृत्ति की महिला हैं। वे अंडे को जीव का रूप मानती है और’ं चंधकांता संतति’ को बेकार के किस्से कहानियाँ मानती हैं जिससे मनुष्य बिगड़ जाता है। अम्माँ की भावना को वेस न लगे, इसलिए सभी लोग अंडे खाना और ‘चंद्रकांता संतति’ पढ़ना अम्माँ से छिपाते हैं।
यदि हम उन पात्रों के स्थान पर होते तो यह कार्य छिपकर नहीं करते, क्योंकि घर के बुजुगों को किसी और से पता चलने पर या फिर चोरी पकड़े जाने पर मन में अपराध-बोध की भावना पैदा हो जाती है। ऐसी बातों से हम अपने बड़ों का विश्वास भी खो बैठते हैं। हम घर के बुजुर्गों को अंडे की उपयोगिता के विषय में बताते कि इसमें प्रोटीन होते हैं। यह बच्चों और बड़ों की सेहत के लिए लाभकारी है। चंद्रकांता संतति जैसा साहित्य पढ़ने से बच्चे खराब नहीं होते बल्कि उनका ज्ञान बढ़ता है। घर के बड़ों का विश्वास जीत कर सभी कार्य उनके सामने करते।
प्रश्न 4.
राधा के चरित्र की ऐसी कौन-सी विशेषताएँ हैं जिन्हें आप अपनाना चाहेंगे ?
उत्तर :
एकांकी ‘अंडे के छिलके’ में राधा का विशेष स्थान है। राधा माधव की पत्नी है। वह घर की बड़ी बहू है। वह घर में एकता और प्यार को बनाए रखने के लिए ऐसा कोई काम नहीं करना चाहती, जिससे किसी को ठेस लगे। राधा भाभी अवसर पड़ने पर छोटों की गलतियों को अपनी बुद्धिमत्ता से छिपा जाती हैं। राधा के चरित्र में ऐसी कई विशेषताएँ हैं, जिन्हें हम अपनाना चाहते हैं-
(i) कुशल गृहिणी – राधा एक कुशल गृहिणी है। वह खाने की हर चीज को सूँघकर पहचान लेती है। राधा वीना से कहती है कि उसे पता है कि उनके कमरे में हर-रोज अंडे से कुछ न कुछ बनाया जाता है। उसने अंडा कभी खाया नहीं हैं, परंतु वह उसकी खुशबू से पहचान लेती है कि क्या बन रहा है।
(ii) व्यवहार कुशल – राधा में व्यवहार कुशलता का गुण है। वह अपने व्यवहार के कारण सबमें प्रिय है। वह ऐसा कोई व्यवाहर नहीं करती जिससे किसी को ठेस लगे। वह सभी की भावनाओं का ध्यान रखती है।
(iii) संस्कारशील – राधा संस्कारशील स्त्री है। वह अम्माँ के विचारों का ध्यान रखते हुए घर में रामायण, महाभारत पढ़ती है। वह घर की एकता को बनाए रखने के लिए गोपाल और श्याम की गलतियों को अनदेखा कर देती है। यह सब वह अपने संस्कारों के कारण करती है।
(iv) जिज्ञासु – राधा में स्त्री-सुलभ जिज्ञासा की भावना है। वह ‘चंद्रकांता संतति’ पढ़ती है। जब उसे बता चलता है कि वीना ने चंद्रकांता संतति पहले से ही पढ़ रखी है तो राधा वीना से आगे की कहानी जानने के लिए तरह-तरह के प्रश्न पूछती है जिससे पता चलता है कि वह जिज्ञासु प्रवृत्ति की महिला है।
(v) बुद्धिमान – राधा व्यवहार कुशल के साथ-साथ बुद्धिमान है। वीना अपने कमरे में श्याम के लिए अंडे का हलुआ बना रही थी कि अचानक अम्माँ आ जाती हैं। अम्माँ के बह पूछने पर कि इस समय कमरे में क्या बनाया जा रहा है, उस समय राधा अपनी युद्धिमत्ता से काम लेती हुई कहती है कि श्याम के टखने में चोट लगी है, इसलिए वीना से कहकर पुलटिस बनवाई है। राधा की बुद्धिमत्ता से ही अम्माँ के सामने सबकी पोल खुलने से बच जाती है।
(vi) ममतामयी-राधा का चरित्र एकांकी में ममतामयी स्त्री के रूप में उभरकर आता है। वह गोपाल, श्याम और वीना से स्नेह की भावना रखती है। राधा अम्माँ के सामने सबकी गलतियों को छिपा लेती है। वह किसी को भी दुखी नहीं देखना चाहती, इसलिए अम्माँ के सामने झुठ का सहारा लेती है जिससे उसके ममतामयी होने का पता चलता है।
(vii) सहयोग की भावना – घर को बनाए रखने के लिए सहयोग की भावना का होना आवश्यक है। राधा में सहयोग की भावना है। राधा जानती है कि गोपाल सिगरेट पीता है, तथा और वीना, श्याम और गोपाल अंडे खाते हैं। वह यह बात किसी से नहीं बताती। यहाँ तक कि अपने पति से भी सब कुछ छिपाकर रखती है। वह गोपाल, वीना और श्याम को उनकी कमियाँ छिपाने में सहयोग देती है।
(viii) धार्मिक – विचार-राधा धार्मिक-विचारों वाली स्त्री है। वह घर के काम से बचे समय में रामायण-महाभारत पढ़ती है। उसने अपने धार्मिक विचारों के कारण कभी अंडे नहीं खाए हैं। चंद्रकाता संतति भी वह कौशल्या भाभी की जिद्द के पढ़ती है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि एकांकी में राधा के चरित्र में एक ऐसी स्त्री की छवि उभरकर सामने आती है, जो घर में एकता और प्यार बनाए रखने के लिए सभी से सहयोग करती है।
प्रश्न 5.
(क) सरकार की धूम्रपान न करने की वैधानिक चेतावनी और बड़े-बुजुर्गों की धूम्रपान की मनाही के पीछे कौन-से कारण हैं?
(ख) यदि आप अपने घनिष्ठ मित्र को चोरी-छिपे सिगरेट पीते देखें, तो आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी ?
उत्तर :
(क) सरकार की धूमपान न करने की वैधानिक चेतावनी और बड़े-बुजुगों की धूम्रपान की मनाही के पीछे निम्न कारण हैं-
(i) धुग्रपान मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
(ii) धुम्रपान करने से फेफड़े खराब हो जाते हैं। सिगरेट का विषैला धुआँ साँस के साथ अंदर जाता है जिससे फेफड़े में खराबी और साँस संबंधी बीमारी होने का डर रहता है। यह फेफड़ों के केंसर का बड़ा कारण है।
(iii) धूम्रपान के धुएँ से पीने वाले के साथ-साथ रहने वालों के स्वास्थ्य को भी हानि पहुँचती है।
(iv) धुम्रपान वायु प्रदूषण का भी एक बड़ा कारण है।
(ख) मैंने एक दिन अपने घनिष्ठ मित्र को चोरी-छिपे सिगरेट पीते देखा, तो मुझे बहुत आश्चर्य हुआ। आज के युग में युवा पीढ़ी का सिगरेट पीना आश्चर्य नहीं है परंतु उसे सिगरेट पीते देखकर आश्चर्य इसलिए हुआ, क्योंकि वह नशे संबंधी जन चेतना अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लेता है। लोगों को सिगरेट के धुएँ से उत्पन्न होने वाली व्यक्तिगत और सामाजिक हानियों से अवगत कराता है। सभी लोग उसे देश का जागरूक नागरिक समझते हैं। उसे मुझे देखकर शर्मिदगी अनुभव हुई। मैने उसे समझाया तो उसने आगे कभी भी सिगरेट न पीने का प्रण लिया।
Class 11 Hindi NCERT Book Solutions Antral Chapter 1 अंडे के छिलके
प्रश्न 1.
वीना का अंडे का नाम लिए जाने पर श्याम की क्या प्रतिक्रिया होती है ?
उत्तर :
वीना श्याम को समोसे और कचौरी लाने को मना करती है। वह उसे चार-छह अंडे लाने को कहती है जिनसे वह श्याम के लिए अंडे का हलुआ बना सके। वीना के मुँह से अंडों का नाम सुनकर श्याम कहता है कि इस घर में अंडों का नाम लेने से मुँह भ्रष्ट हो गया है, इसलिए पहले कुल्ला करके आओ। वह वीना से संयम से काम लेने के लिए कहता है क्योंकि यदि अम्माँ को पता चल गया तो इस बरसात में सारे घर का गंगा-स्नान करवाना पड़ेगा।
प्रश्न 2.
वीना श्याम को बिजली का स्टोव लाने के पीछे क्या कारण बताती है ?
उत्तर :
श्याम की बात सुनकर वीना उसे बताती है कि वह और गोपाल हर रोज़ सुबह अंडों का नाश्ता करते हैं, इसलिए उसने गोपाल से कहकर अपने कमरे में बिजली का स्टोव मँगवा लिया है। वीना ने अम्माँ से स्टेव मँगाने के पीछे यह कारण बताया कि सुबह बेड-टी लेनी होती है। रसोई घर से बेड-टी बनाकर लाने में ठंडी हो जाती है। अम्माँ जी ने उसकी बात मान ली। अब वह अपने कमरे में हर रोज्ज अंडे बनाकर खाती है।
प्रश्न 3.
वीना और श्याम में किस बात को लेकर समझौता होता है ?
उत्तर :
श्याम वीना को बताता है कि वह भी सुबह दूध के साथ कच्चा अंडा अपने कमरे में खाता है। वीना कहती है कि इस प्रकार तो वह रसोई के बरतन हर रोज़ भ्रष्ट करता है। वह अम्माँ जी से कहकर उसका गिलास अलग रखवा देगी। श्याम वीना से कहता है कि वह भी अम्मां को बता देगा कि वह अपने कमरे में अंडे खाती है। दोनों एक-दूसरे का भेद न खोलने पर समझौता कर लेते हैं। समझौता करने की खुशी में श्याम अंडे के पैसे भी अपने पास से देता है।
प्रश्न 4.
राधा ‘चंद्रकांता संतति’ क्यों नहीं पढ़ना चाहती ?
उत्तर :
राधा चंदकांता संतति अम्माँ के डर से नहीं पढ़ना चाहती क्योंकि यदि अम्माँ ने देख लिया तो यह सोचेंगी कि रामायण-महाभारत छोड़कर दिनभर किस्से-कहानियाँ पढ़ती है। यह किताब उसे कौशल्या भाभी ने जबरदस्ती पकड़ा दी थी इसलिए वह पढ़ने बैठ गई थी, नहीं तो वह समय मिलने पर अपनी ‘गुटका रामायण’ पढ़ती है।
प्रश्न 5.
राधा और वीना ‘चंद्रकांता संतति’ की कहानी की तुलना किस कहानी से करती है ?
उत्तर :
राधा वीना से कहती है कि ‘चंद्रकांता संतति’ में शूरवीरता की ही कहानी है जिस तरह भगवान राम सीता के लिए वन-वन में घूमते-फिरते थे उसी तरह कुँअर वीरेंद्र सिंह चंद्रकांता के लिए तिलिस्म के अंदर घूमता-फिरता है। वीना कहती है कि जिस प्रकार भगवान राम समुद्र लांघकर सीता का उद्धार करते हैं, उसी तरह कुँअर वींंद्र सिंह तिलिस्म तोड़कर चंदकांता का उद्धार करता है।
प्रश्न 6.
गोपाल किस प्रकार राधा को आदर देता है ?
उत्तर :
गोपाल वीना से कहता है कि राधा भाभी एक देवी हैं। वह वीना की तरह ‘संज एडं लवर्ज’ नहीं पढ़ती। उनके पास गुटका रामायण है। इससे उनके मन में कम-से-कम रामायण पढ़ने की भावना बनी रहती है। वीना को भी राधा से अच्छी बातें सीखनी चाहिए। उसे राधा से ऐसी विद्या मिल सक्ती है जो स्कूल-कॉलेजों में नहीं सिखाई जाती। राधा उसकी बात सुनकर कहती है कि वह वीना को क्या सिखा सकती है। वह स्वयं तो वीना से सीखने आई है। गोपाल कहता है कि भाभी उलटी रीत नहीं चलानी चाहिए। बड़ा बड़े की जगह होता है और छोटा छोटे की जगह होता है। इससे पता चलता है कि गोपाल के मन में अपनी भाभी के प्रति बहुत आदर है।
प्रश्न 7.
राधा को कैसे पता है कि गोपाल के कमरे में हर रोज्ञ सुबह अंडे बनते हैं?
उत्तर :
गोपाल राधा के सामने अंडे खाने और बनाने की बात स्वीकार करने से हिचकिचाता हैं। राधा उसे कहती है कि उसे पता है कि उसके कमरे में प्रतिदिन सुबह अंडे बनते हैं। अंडे बनाने की गंध उनके कमरे तक जाती है तो वह पहचान जाती है कि उनके कमरे में क्या बन रहा है। आज सुबह वीना ने आमलेट बनाया था। यदि उसने कभी अंडे खाए नहीं, फिर भी वह सूँषकर चीज़ की खुशबू पहचान लेती है। इस कारण उसे प्ता है कि गोपाल और वीना हर रोज़ अंडे खाते हैं।
प्रश्न 8.
परिवार के सदस्य अम्माँ से अंडे खाने की बात क्यों छिपाते हैं ?
उत्तर :
परिवार के सभी सदस्यों में एक-दूसरे के प्रति प्यार और आदर की भावना है। सभी लोग अम्माँ से बहुत प्यार करते है। अम्माँ पुरानी मान्याताओं को माननेवाली स्ती हैं। यदि उन्हें पता चल गया कि घर में अंडे बनते हैं तो उन्हें दुख होगा। अम्माँ के अनुसार धर्म भी भ्रष्ट हो जाएगा। इसी कारण परिवार के सदस्य अपने-अपने ढंग से अम्माँ से अंडे खाने की बात छिपाते है।
प्रश्न 9.
अंडे के छिलके एकांकी से क्या शिक्षा मिलती है ?
उत्तर :
‘अंडे के छिलके’ एकांकी में परिवार के सदस्य एक-दूसरे की भावनाओं की परवाह करते हुए अपने शौक सबसे छ्छिपकर पूरा करते हैं। इस एकांकी में यह दिखाया है कि बच्चे घर के बड़ों का ध्यान रखते हैं। उनके सामने ऐसा कोई काम नहीं करते जिससे उनकी भावनाओं को ठोस लगे। घर के बुजुर्ग भी अपने बच्चों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए उनके शौक को जानते हुए भी अनदेखा कर देते हैं। इससे घर में आत्मीयता का वातावरण बना रहता है तथा घर की एकता और शाति भंग नहीं होती।
प्रश्न 10.
पराया घर तो लगता ही है, भाभी। तुमने आते ही वह नक्शा बवला है इस कमरे का, कि मेरा अंदर पैर रखने का हौसला ही नहीं पड़ता।
(क) कमरे की पहले और अब की दशा में क्या अंतर है?
(ख) हमें अपना कमरा कैसा और क्यों रखना चाहिए?
उत्तर :
(क) पहले कमरा अत्यंत अस्त-व्यस्त रहता था। कहीं जूते तो कहीं वस्व, पुस्तरें आदि बिखरी रहती थीं। पलंग और मेज़ व्यर्थ की चीजों से भरे रहते थे। अब कमरा व्यवस्थित है। प्रत्येक वस्तु अपने सही स्थान पर है। मेज़, पलंग आदि सभी साफ़-सुथरे हैं। जूते अपने स्थान पर तथा पुस्तर्के रैक में हैं।
(ख) हमें अपना कमरा साफ़-सुथरा तथा व्यवस्थित रखना चाहिए। वस्त्र, पुस्तकें, जूते आदि अपने सही स्थान पर रखने चाहिए। पलंग साफ़ चादर से सुसज्जित होना चाहिए। पढ़ने की मेज़ पर ढंग से पुस्तके सजी होनी चाहिए। वस्त्र खँंटी अथवा अलमारी में होने चाहिए। इससे हमारी हर वस्तु हमें सही स्थान पर मिल जाती है।
प्रश्न 11.
अम्माँ के कान में भनक पड़ गई़ तो सारे घर का गंगा इश्नान हो जाएगा।
(क) ‘गंगा इश्नान’ क्यों होगा?
(ख) क्या घर के बुत्तुर्गों से कुछ छिपा रहता है? वे उनका विरोध क्यों नहीं करते?
उत्तर :
(क) अम्माँ यदि घर के बच्चों के अंडे खाने की बात जान लेगी तो सब को शुद्ध होने के लिए गंगा-स्नान करना पड़ेगा, क्योंकि वे शुद्ध शाकाहारी हैं। उन्हें अंडे आदि का सेवन करना पसंद नहीं है। वे इन्हें अस्पर्शी मानती हैं।
(ख) घर के बड़े-बुजुर्गों से कोई बात छिपी नहीं रहती है। वे अपनी संतान की सभी हरकतों से परिचित होते हैं, परंतु उनकी उन्हें नापसंद आनेवाली हरकतों को भी वे नजरअंदाज़ कर जाते हैं। उन्हें अपने बच्चों की खुशी में ही खुशी मिलती है।
प्रश्न 12.
इज्ञाज़त हो तो..अ…अ..यह जरा…यह सिगरेट सुलगा लूँ।
(क) धूम्रपान की आज्ञा देना कहाँ तक उचित है?
(ख) धूम्रपान से क्या हानियाँ हैं?
उत्तर :
(क) धूम्रपान की आश्चा देना बिलकुल अनुचित है क्योंकि इससे धूम्रपान की आदत बन जाती है। इससे वह इस लत का बुरी तरह से शिकार बन जाता है तथा आजा न मिलने पर छिपकर धूम्रपान करता है।
(ख) धूम्रपान से कैंसर, दमा जैसी बीमारियाँ हो जाती है। इससे धूम्रपान न करने वालों पर भी बुरा असर पड़ता है। पैसों का अपव्यय होता हैं तथा व्यक्ति की सोचने-समझने की शक्ति भी क्षीण हो जाती है।
निबंधातमक प्रश्नोत्तर –
प्रश्न 1.
‘अंडे के छिलके’ एकांकी का उद्रेश्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘मोहन राकेश’ द्वारा लिखित एकांकी ‘अंडे के छिलके’ में एक परिवार के सदस्यों की एक-दूसरे के प्रति भावनाओं को व्यक्त किया है। सभी सदस्य एक-दूसरे से छिपाकर अपने वे शौक पूरा करते हैं जिन्हें समाज तथा पुराने विचारों के लोगों में बुरा समझा जाता है, जैसे सिगरेट पीना, अंडे खाना, और ‘चंद्रकांता संतति’ जैसा साहित्य पढ़ना। एकांकी के माध्यम से यह भी दिखाया है कि घर के बुजुर्ग भी बच्चों के लिए अपने पुराने विचारों को छोड़कर नए जमाने की चाल के साथ चलने लगते हैं।
गोपाल, वीना और श्याम घर के अन्य सदस्यों से छिपकर अंडे खाते हैं। राधा ‘चंड्रकांता संतति’ किताब सबके सो जाने पर रात को मोमबत्ती जलाकर पढ़ती है। घर के सभी लोग एक-दूसरे की कमज़ोरी को जानते हैं परंतु किसी को बताते नहीं। इसके पीछे कारण यह है कि घर में सबसे बड़ी अम्माँ पुराने विचारों की हैं। उनको पता चल गया तो उनके मन को डेस लगेगी। एक डिन वीना श्याम के
लिए अंडों का हलुआ बना रही थी। वहाँ पर गोपाल और राधा भी बैंठे थे। अचानक वहाँ अम्माँ आ जाती है। सभी उनसे अंडे का हलुआ बनाने की बात छिपाते हैं। राधा अम्माँ से कहती है कि वीना श्याम के लिए पुलटिस बना रही है, क्योंकि उसके टखने में चोट लगी है। अम्माँ के जाने के बाद वहाँ पर माधव भैया आते हैं, वह सबकी बाते जानते हैं और बताते है कि अम्माँ भी सब कुछ जानती हैं।
वह अपने बच्चों से प्यार करती हैं इसलिए उनकी बार्तों को अनदेखा कर देती हैं। इससे पता चलता है कि घर की एकता और प्यार को बनाए रखने के लिए सभी सदस्य सब कुछ जानते हुए भी चुप रहते हैं। इससे सभी में एक-दूसरे के प्रति घनिष्ठता और आत्मीयता दिखाई देती है। अम्माँ भी अपने प्रति बच्चों की भावनाओं को समझते हुए सब कुछ अनदेखा कर देती है। इन्हीं छोटी-छोटी बातों को अनदेखा करने से घर के सदस्यों में एकता बनी रहती है।
प्रश्न 2.
अम्माँ के बीच के कमरे में आ जाने से सब लोग ‘अंडे के हलुए’ को अम्माँ से क्या कहकर छिपाते हैं?
उत्तर :
वीना के कमरे में अम्माँ से छिपकर अंडे का हलुआ बनाया जा रहा था। अचानक अम्माँ वीना के कमरे में आती हैं। श्याम उन्हें दरवाजे पर रोकता है परंतु श्याम को धकेलकर अम्माँ अंदर आ जाती हैं। गोपाल जल्दी से मेज़ पर पड़े अंडों के छिलकों पर वीना का कुरता डाल देता है और फ्राइंग-पैन पर चीनी की प्लेट रख देता है। अम्माँ को देखकर सब घबराकर अपने-अपने स्थान पर गुम-सुम से खड़े हो जाते हैं। वीना के हाथ में चम्मच देखकर अम्माँ को पूछती है कि इस समय वह क्या बना रही है और गोपाल कोने-में क्यों खड़ा है।
गोपाल बताता है कि श्याम के लिए चाय बनाते समय वीना का हाथ जल गया था। वह उसके लिए मरहम ढूँढ रहा है। अम्माँ स्टोव पर फ्राइंग-पैन रखा हुआ देखती है तो पूछती है कि इसमें वीना क्या बना रही थी। राधा झुठ का सहारा लेती हुई कहती है कि श्याम के टखने पर किक्रेट खेलते समय चोट लगी थी इसलिए वीना ने फ्राइंग-पैन में पुलटिस बनाई है। अम्मौं की सभी बातों का सभी लोग चतुराई से जवाब देते है। श्याम राधा की चंद्रकांता संतति को रमायण का नया एडीशन बताता है। अम्माँ सबकी बातों पर विश्वास करती हुई वापस अपने कमरे में चली जाती है। राधा, वीना और श्याम राहत की साँस लेते हैं।
प्रश्न 3.
एकांकी के आधार पर वीना के चरित्र की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर :
एकांकी ‘अंडे के छिलके’ में वीना गोपाल की पत्नी है। वह शिक्षित तथा नाए विचारों की युवती है। वीना का चरित्रांकन निम्नलिखित शीर्षकों के अंतर्गत किया जा सकता है –
(i) सुशिक्षित – वीना बी० ए० तक पढ़ी है। वह हर कार्य सोच-समझकर करती है। वह ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहती जिसे दूसरों से छिपाना पड़े, इसलिए वह चाहती है कि उसके और गोपाल के अंडे खाने का पता घर के अन्य सदस्यों को भी होना चाहिए।
(ii) सफ़ाई-पसंद – वीना सफाई-पसंद् स्त्री है। शादी से पहले गोपाल का कमरा बिखरा रहता था परंतु शादी के बाद गोपाल का कमरा साफ-सुथरा रहता है। सभी वस्तुएँ ठीक ढंग से कमरे में लगी हुई हैं।
(iii) साहित्य में रुचि-वीना की हर प्रकार के साहित्य में रुचि बचपन से ही है। उसने ‘चंद्रकांता संतति’, ‘भूतनाथ’ जैसी पुस्तकें पढ़ रखी है। वह राधा को भी रामायण, महाभारत के साथ-साथ ‘चंद्रकांता संतति’ पढ़ने के लिए प्रेरित करती है।
(iv) आधुनिक विचार – बीना नए विचारों की युवती है। उसे अंडे खाने और ‘चंद्रकांता संतति’ जैसी किताबें पढ़ने से परहेज़ नहीं है। उसे दूध और अंडों में कोई अंतर नहीं लगता है। उसके अनुसार कोई भी कार्य छिपकर नही करना चाहिए।
(v) संस्कारशील – वीना नए विचारों की पढ़ी-लिखी संस्कारशील युवती है। वह अंडे खाती है। उसकी इस बात से अम्माँ की भावना को ठेस न लगे इसलिए वह अपने कमरे में अलग बर्तन में बनाकर खाती है। वह भी घर के अन्य सदस्यों से प्यार करती है इसलिए घर की एकता और शांति बनाए रखने के लिए अपने पति का सहयोग देती है। वह अम्माँ से ‘चंद्रकांता संतति’ को ‘गुटका रामायण’ बताती है, जिससे अम्माँ से राधा की किस्से कहानी पढ़ने की बात छुपी रहे।
(vi) हास – परिहास में निपुण-वीना हास-परिहास में निपुण है। वह सबकी बातों को हैसी में लेती है। गोपाल के यह कहने पर कि वह आजकल श्याम पर बहुत मेहरबान है तो वह राधा की ओर संकेत करके कहती है, “जीजी बैठी हैं, ये तो मुझसे ज्यादा जानती होंगी।” गोपाल वीना को राधा से रामायण पढ़ना सीखने की बात कहता है तो वह कहती है कि बह आज राधा की गुटका रामायण (चंद्रकांता संतति) अपने कमरे में ले आई है।
प्रश्न 4.
आपको एकांकी का अंत कैसा लगा? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
मोहन राकेश लिखित एकांकी “अंडे के छिलके एक ऐसे परिवार की कहानी है, जिसके सदस्य एक-दूसरे की भावनाओं का ध्यान रखते हुए अपने-अपने शौक सबसे छिपकर पूरा करते है। इस एकांकी का अंत हमारे लिए ही नहीं अपितु एकांकी के पात्रों के लिए आश्चर्यजनक और सुखद अनुभव होता है। वीना, गोपाल, राधा और क्याम अम्माँ से छिपाकर जिस प्रकार अंडे खाते है और चंद्रकाता संतति पढ़ते है, उससे पता चलता है कि वे अम्माँ की पुरानी और धार्मिक मान्यताओं को ठेस नहीं पहुँचाना चाहते क्योंकि वे लोग अम्माँ से बहुत प्यार करते हैं। परंतु वे लोग यह नहीं जानते अम्माँ भी उनकी सभी बातों की जानकारी रखती है।
इस बात से पर्दा राधा का पति माधव उठाता है कि अम्माँ को सब पता है कि गोपाल और वीना ने अपने कमरे में बिजली का स्टोव क्यों रखा हुआ है। उसके कमरे में हर-रोज सुबह क्या बनता है, श्याम अपने कमरे में ही सुबह का दूध क्यों लेता है, और उसकी बीवी रात को सबके सो जाने पर मोमबत्ती जलाकर क्या पढ़ती है, इसलिए गोपाल को अब अंडे के छिलके कोट की जेब में छिपाकर रखने की आवश्यकता नहीं है। अम्माँ सब कुछ जानते हुए भी कुछ नहीं देखती है। अब आगे से किसी को छिपाकर कुछ भी करने की आवश्यकता नहीं है।
एकांकी के इस प्रकार के अंत से ऐसा लगता है कि अम्माँ ने अपने परिवार को बनाए रखने के समय के अनुसार स्वयं को बदल लिया है। जिस प्रकार बच्चे उनकी भावनाओं का ध्यान रखते हैं, उसी प्रकार अम्माँ उनकी कमियों को अनदेखा करके घर में आत्मीयता का वातावरण बनाए रखती है।