Students must start practicing the questions from CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A with Solutions Set 5 are designed as per the revised syllabus.
CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A Set 5 with Solutions
निर्धारित समय: 3 घण्टे
पूर्णांक: 80
सामान्य निर्देशः
1. इस प्रश्नपत्र में दो खण्ड हैं- खण्ड ‘अ’ और ‘ब’ । खण्ड-अ में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खण्ड-ब में वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
2. प्रश्नपत्र के दोनों खण्डों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
3. यथासम्भव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए ।
4. खण्ड ‘अ’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 44 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
5. खण्ड ‘ब’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
खण्ड – ‘अ’ (बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्न)
अपठित गद्यांश व काव्यांश (10 अंक)
1. निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
जैसा कि उनके प्रवचनों में था, , दयानंद जी ने अपनी पुस्तक में भी विभिन्न धार्मिक संप्रदायों और मतों में पाए जाने वाले कपोल-कल्पित आख्यानों का, जिन्होंने भारत की जनता को विभाजित कर रखा था, तर्कपूर्ण विवेचन कर, एक-एक करके उन्हें नष्ट कर दिया। स्वामीजी के तर्क सटीक और प्रहारक होते थे । स्वामी दयानंद पुस्तक के उपसंहार में कहते हैं, “मैं ऐसे धर्म में विश्वास करता हूँ जो सार्वभौमिक सिद्धान्तों पर आधारित हो और जो समय की कसौटी पर खरा उतरे। इसी कारण यह धर्म बाकी सभी संकीर्ण धर्मों की कमज़ोरियों व अवगुणों से परे है। किसी भी धर्म में जो कुछ भी आपत्तिजनक या झूठ है वह वैसा ही रहेगा।”
आदर्श मानव के विषय में स्वामी जी का दृष्टिकोण था कि केवल उसे ही मनुष्य कहा जा सकता है जो विचारशील हो व दूसरे के प्रति भी वैसा ही महसूस करे जैसा वह अपने लिए करता है, जो अन्याय का अनुमोदन न करता हो एवं केवल सद्गुणों व सत्य का सम्मान करता हो।
(1) स्वामी जी के तर्क कैसे होते थे ?
(क) अस्पष्ट और उलझे हुए
(ख) जनता को भ्रमित करने वाले
(ग) सटीक और प्रहारक
(घ) कपोल कल्पित
उत्तर:
(ग) सटीक और प्रहारक
व्याख्या – स्वामी दयानंद जी के तर्क सटीक और प्रहारक होते थे ।
(2) स्वामी दयानंद जी किस धर्म में विश्वास रखते थे?
(क) जटिल सिद्धांतों से युक्त हो ।
(ख) जो सार्वभौमिक सिद्धांतों पर आधारित हो ।
(ग) जो समय की कसौटी पर खरा उतरे ।
(घ) (ख) और (ग) दोनों सही हैं।
उत्तर:
(घ) (ख) और (ग) दोनों सही हैं।
व्याख्या – स्वामी विवेकानन्द जी ऐसे धर्म में विश्वास करते थे जो सार्वभौमिक सिद्धान्तों पर आधारित हो और जो समय की कसौटी पर खरा उतरे ।
(3) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उचित विकल्प चुनिए-
कथन (A): स्वामी दयानंद ऐसे धर्म में विश्वास करते थे जो सार्वभौमिक सिद्धांतों पर आधारित हो ।
कारण (R): स्वामी दयानंद के तर्क सटीक और प्रहारक होने थे ।
(क) कथन (A) गलत है, किन्तु कारण (R) सही है ।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) सही है, किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(घ) कथन (A) सही है, किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(4) ‘स्वामी दयानंद जी के व्याख्यानों और उनकी पुस्तक का मूल विषय विभिन्न धार्मिक संप्रदायों द्वारा उल्लिखित मतों का खंडन करना था’ – उपर्युक्त कथन के पक्ष में निम्नलिखित तर्कों पर विचार कीजिए-
1. स्वामी जी के तर्क सटीक और प्रहारक होते थे ।
2. भारतीय जनता को विभाजित करने वाले सिद्धांतों का खंडन करना
3. भारतीय जनता को विभाजित करने वाले सिद्धांतों का प्रचार करना
(क) 1 सही है।
(ख) 2 सही है।
(ग) 3 सही है।
(घ) 1 और 2 सही हैं ।
उत्तर:
(ख) 2 सही है।
(5) स्वामी जी आदर्श मानव किसे मानते थे ?
(क) जो विचारशील हो ।
(ख) जो सद्गुणों और सत्य का सम्मान करता हो ।
(ग) जो अन्याय का समर्थन न करता हो।
(घ) जिसमें उपर्युक्त सभी गुण हों ।
उत्तर:
(घ) जिसमें उपर्युक्त सभी गुण हों ।
2. निम्नलिखित काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए । (1 × 5 = 5)
छोड़ो मत अपनी आन, सीस कट जाए।
मत झुको अनय पर भले व्योम फट जाए।
दो बार नहीं यमराज कंठ धरता है,
मरता है जो एक ही बार मरता है।
तुम स्वयं मरण के मुख पर चरण धरो रे !
जीना हो तो मरने से नहीं डरो रे !
स्वातंत्र्य जाति की लगन व्यक्ति की धुन है,
बाहरी वस्तु यह नहीं भीतरी गुण है।
नत हुए बिना जो अशनि – घात सहती है,
स्वाधीन जगत में वही जाति रहती है।
वीरत्व छोड़ पर का मत चरण गहो रे ।
जो पड़े आन खुद ही सब आग सहो रे ।
(1) ‘जीना है तो मरने से नहीं डरो रे’ पंक्ति का क्या आशय है ?
(क) डर कर जीना जीवन नहीं है
(ख) डर-डर कर आदमी हर पल मरता है
(ग) निर्भीक जीवन में मृत्यु का डर नहीं
(घ) वही सच्चा जीवन है जिसमें मृत्यु तक का भय न हो ।
उत्तर:
(घ) वही सच्चा जीवन है जिसमें मृत्यु तक का भय न हो ।
(2) स्वतंत्रता व्यक्ति का आंतरिक गुण है क्योंकि-
(क) यह बाहर से सीखा नहीं जा सकता
(ख) यह व्यक्ति के चरित्र का हिस्सा है
(ग) स्वतंत्रता का धुनी अत्याचारों की परवाह नहीं करता
(घ) स्वतंत्रता की धुन केवल आंतरिक होती है, बाहरी नहीं ।
उत्तर:
(घ) स्वतंत्रता की धुन केवल आंतरिक होती है, बाहरी नहीं ।
व्याख्या- स्वतंत्रता व्यक्ति का आन्तरिक गुण है क्योंकि स्वतंत्रता की धुन केवल आन्तरिक होती है, बाहरी नहीं ।
(3) ‘अशनि – घात’ शब्द का अर्थ है-
(क) कोड़े की मार
(ख) घाव
(ग) तलवार का प्रहार
(घ) बिजली का गिरना ।
उत्तर:
(क) कोड़े की मार
(4) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उचित विकल्प चुनिए-
कथन (A) : मौत एक समझौता है ।
कारण (R) : मौत के डर से अपना लक्ष्य नहीं छोड़ना चाहिए ।
(क) कथन (A) सही है, किन्तु कारण (R) गलत है।
(ख) कथन (A) गलत है, किन्तु कारण (R) सही है ।
(ग) कथन (A) व (R) सही हैं और कथन (A), (R) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) व (R) सही हैं और कथन (A), (R) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(ख) कथन (A) गलत है, किन्तु कारण (R) सही है ।
(5) उपर्युक्त कविता का उपयुक्त शीर्षक है-
(क) मृत्यु का भय
(ख) स्वतंत्रता की धुन
(ग) छोड़ो मत अपनी आन
(घ) अन्याय-अत्याचार ।
उत्तर:
(घ) अन्याय-अत्याचार ।
व्याख्या – उपर्युक्त कविता का शीर्षक ‘अन्याय-अत्याचार’ सबसे उपयुक्त है।
व्याकरण (16 अंक)
3. निर्देशानुसार ‘उपसर्ग और प्रत्यय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए । (1 × 4 = 4)
(1) ‘परा’ उपसर्ग से बना शब्द नहीं है-
(क) पराभव
(ख) पराग
(ग) पराजय
(घ) पराक्रम
उत्तर:
(ख) पराग
व्याख्या-‘पराग’ शब्द ‘परा’ उपसर्ग से नहीं अपितु ‘प’ उपसर्ग से बना शब्द है।
(2) ‘अपनापन’ शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय है-
(क) न
(ख) पन
(ग) अपन
(घ) आपन
उत्तर:
(ख) पन
व्याख्या-‘अपनापन’ शब्द में ‘पन’ प्रत्यय का प्रयोग किया गया है।
(3) ‘त्व’ प्रत्यय से बना शब्द है-
(क) गुरुत्व
(ख) कत्व
(ग) जमीत्व
(घ) अजत्व
उत्तर:
(क) गुरुत्व
व्याख्या- ‘गुरुत्व’ शब्द ‘त्व’ प्रत्यय से मिलकर बना है।
(4) ‘निर्मल’ शब्द में प्रयुक्त उपसर्ग है-
(क) नि
(ख) निर्
(ग) निः
(घ) निर्म
उत्तर:
(ख) निर्
(5) ‘बद’ उपसर्ग है-
(क) अंग्रेज़ी उपसर्ग
(ख) संस्कृत उपसर्ग
(ग) आगत उपसर्ग
(घ) हिंदी उपसर्ग
उत्तर:
(ग) आगत उपसर्ग
व्याख्या-आगत उपसर्ग विदेशी भाषाओं से हिंदी में आए हैं।
4. निर्देशानुसार ‘समास’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(1) ‘वीणापाणि’ का विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) वीणा है पाणि में जिसके – बहुव्रीहि समास
(ख) वीणा की पाणि- तत्पुरुष समास
(ग) वीणा और पाणि- द्वंद्व समास
(घ) वीणारूपी पाणि-कर्मधारय समास
उत्तर:
(क) वीणा है पाणि में जिसके – बहुव्रीहि समास
व्याख्या- ‘वीणापाणि’ समस्त पद में कोई भी पद प्रधान नहीं है, अपितु यह समस्त पद ‘सरस्वती’ के विशेषण का कार्य कर रहा है, अत: यह बहुव्रीहि समास है।
(2) ‘आना-जाना’ का विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) आना है जो जाना – कर्मधारय समास
(ख) आना का जाना – तत्पुरुष समास
(ग) आना जाना का समाहार – द्विगु समास
(घ) आना और जाना – द्वंद्व समास
उत्तर:
(घ) आना और जाना – द्वंद्व समास
व्याख्या-‘ आना-जाना’ समस्त पद में दोनों पद प्रधान हैं, अतः जिस समस्त पद के दोनों पद प्रधान होते हैं, उसे द्वंद्व समास कहते हैं।
(3) ‘ऋण मुक्त’ का विग्रह कर समास का भेद बताइए-
(क) ऋणरूपी मुक्त – कर्मधारय समास
(ख) ऋण से मुक्त – तत्पुरुष समास
(ग) ऋण के लिए मुक्त – तत्पुरुष समास
(घ) ऋण और मुक्त – द्वंद्व समास
उत्तर:
(ख) ऋण से मुक्त – तत्पुरुष समास
(4) ‘पंचनद’ का विग्रह कर समास का भेद बताइए –
(क) पंच है जो नद – कर्मधारय समास
(ख) पंच नद है जो – बहुव्रीहि समास
(ग) पाँच नदों का समाहार – द्विगु समास
(घ) पंच के लिए नद – तत्पुरुष
उत्तर:
(ग) पाँच नदों का समाहार – द्विगु समास
व्याख्या-‘पंचनद’ समस्त पद का पूर्व पद संख्यावाची है तथा दूसरा पद विशेष्य है, इसलिए यह द्विगु समास है।
(5) ‘बीचों-बीच ‘ का विग्रह कर समास का भेद बताइए-
(क) बीच और बीच- द्वंद्व समास
(ख) बीच के बीच – तत्पुरुष समास
(ग) कर्म बीचों का समाहार – द्विगु समास
(घ) ठीक बीच में – अव्ययीभाव समास
उत्तर:
(घ) ठीक बीच में – अव्ययीभाव समास
5. निर्देशानुसार ‘अर्थ के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(1) ‘क्या राकेश आ गया ?’ अर्थ के आधार पर वाक्य है-
(क) संदेहवाचक वाक्य
(ख) प्रश्नवाचक वाक्य
(ग) संकेतवाचक वाक्य
(घ) इच्छावाचक वाक्य
उत्तर:
(ख) प्रश्नवाचक वाक्य
व्याख्या-प्रश्नवाचक वाक्य में क्या, कहाँ, कौन, कैसे आदि शब्दों का प्रयोग होता है तथा वाक्य के अंत में प्रश्नवाचक चिह्न का प्रयोग किया जाता है ।
(2) ‘राम गाना गा रहा है। ‘ संदेहवाचक वाक्य में बदलिए-
(क) शायद राम गाना गा रहा है।
(ख) शायद राम गाना गाए।
(ग) शायद राम गाना नहीं गा रहा है।
(घ) शायद राम गा रहा है गाना ।
उत्तर:
(क) शायद राम गाना गा रहा है।
(3) ‘मनोज मुझसे डरता है । ‘ प्रश्नवाचक वाक्य में बदलिए-
(क) मनोज क्या मुझसे डरता है ?
(ख) क्या मनोज मुझसे डरता है ?
(ग) क्या मनोज डरता है मुझसे ?
(घ) मनोज मुझसे क्या डरता है ?
उत्तर:
(ख) क्या मनोज मुझसे डरता है ?
(4) ‘वर्षा होती, तो फ़सल अच्छी होती ।’ अर्थ के आधार पर वाक्य भेद बताइए-
(क) विधानवाचक वाक्य
(ख) संदेहवाचक वाक्य
(ग) संकेतवाचक वाक्य
(घ) विस्मयवाचक वाक्य
उत्तर:
(ग) संकेतवाचक वाक्य
व्याख्या-‘वर्षा होती, तो फ़सल अच्छी होती । ‘ वाक्य में आई एक क्रिया दूसरी क्रिया पर निर्भर होने के कारण यह संकेतवाचक वाक्य है।
(5) ‘वह मुझसे थोड़े ही डरता है । ‘ वाक्य को प्रश्नवाचक वाक्य में परिवर्तित कीजिए-
(क) क्या वह मुझसे डरता है ?
(ख) संभव है वह मुझसे डरता हो ।
(ग) क्या वह मुझसे डरा ?
(घ) वह किससे डरता है ?
उत्तर:
(क) क्या वह मुझसे डरता है ?
6. निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(1) ‘किसान किसबी कुल बनिक भिखारी भाट’ में अलंकार है-
(क) उपमा अलंकार
(ख) रूपक अलंकार
(ग) यमक अलंकार
(घ) अनुप्रास अलंकार
उत्तर:
(घ) अनुप्रास अलंकार
व्याख्या – दी गई काव्य पंक्ति में ‘क’ और ‘भ’ वर्णों की बार-बार आवृत्ति की गई है, अतः यह अनुप्रास अलंकार है।
(2) ‘शशि- मुख पर घूँघट डाले अंचल में दीप छिपाए । ‘ में अलंकार है-
(क) रूपक अलंकार
(ख) यमक अलंकार
(ग) उपमा अलंकार
(घ) अनुप्रास अलंकार
उत्तर:
(क) रूपक अलंकार
व्याख्या – यहाँ मुख पर राशि का आरोप होने से रूपक अलंकार है ।
(3) ‘नभ मंडल छाया मरुस्थल – सा बाँध के अँधड़ आवै चला’ में अलंकार है-
(क) उपमा अलंकार
(ख) रूपक अलंकार
(ग) अनुप्रास अलंकार
(घ) यमक अलंकार
उत्तर:
(क) उपमा अलंकार
(4) ‘पीपर पात सरिस मन डोला । ‘ में अलंकार है-
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) उपमा अलंकार
(ग) यमक अलंकार
(घ) अनुप्रास अलंकार
उत्तर:
(घ) अनुप्रास अलंकार
व्याख्या-‘प’ वर्ण की आवृत्ति के कारण अनुप्रास अलंकार है तथा मन की उपमा पात से होने के कारण उपमा अलंकार भी है।
(5) ‘चारु चन्द्र की चंचल किरणें’ में अलंकार है-
(क) रूपक अलंकार
(ख) उपमा अलंकार
(ग) रूपक अलंकार
(घ) (क) और (ख) दोनों
उत्तर:
(घ) (क) और (ख) दोनों
पाठ्य पुस्तक क्षितिज भाग-1 (14 अंक)
गद्य खण्ड (7 अंक)
7. निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
फ़ोटो खिचाना था तो ठीक जूते पहन लेते या न खिचाते । फ़ोटो न खिचाने से क्या बिगड़ता था? शायद पत्नी का आग्रह रहा हो और तुम अच्छा, चल भई’ कह कर बैठ गए होंगे। मगर यह कितनी बड़ी ट्रेजडी है कि आदमी के पास फ़ोटो खिचाने को भी जूता न हो। मैं तुम्हारी यह फ़ोटो देखते-देखते, तुम्हारे क्लेश को अपने भीतर महसूस करके जैसे रो पड़ना चाहता हूँ, मगर तुम्हारी आँखों का यह तीखा दर्द भरा व्यंग्य मुझे एकदम रोक देता है।
(1) किसके फोटो खिचाने के बारे में बात की गई है ?
(क) हरिशंकर परसाई के
(ख) प्रेमचंद के
(ग) श्यामसुंदर दास के
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) प्रेमचंद के
व्याख्या – लेखक प्रेमचंद को नहीं बल्कि उनके (चित्रों) को देखता है अतः प्रेमचंद के फोटो खिंचाने के बारे में बात हो रही है।
(2) लेखक के अनुसार फ़ोटो खिचाने का आग्रह किसने किया होगा?
(क) प्रेमचंद के मित्र ने
(ख) प्रेमचंद के भाई ने
(ग) प्रेमचंद की बहन ने
(घ) प्रेमचंद की पत्नी ने
उत्तर:
(घ) प्रेमचंद की पत्नी ने
(3) लेखक ने ट्रेजडी किसे कहा है?
(क) किसी आदमी के पास कपड़े न हों
(ख) किसी आदमी के पास जूते न हों
(ग) किसी आदमी के पास इत्र न हो
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) किसी आदमी के पास जूते न हों
व्याख्या-साधारण व्यक्ति के पास भी जूते होते हैं जबकि प्रेमचंद एक प्रसिद्ध साहित्यकार थे । उनके पास जूते न होना एक ट्रेजडी ही कहा जा सकता है।
(4) प्रेमचंद की फ़ोटो देखकर लेखक का अंतर्मन क्या करने को करता है?
(क) रोना चाहता है
(ग) प्रेमचंद का उपहास उड़ाना चाहता है
(ख) हँसना चाहता है
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(क) रोना चाहता है
व्याख्या-लेखक की आर्थिक स्थिति भी प्रेमचंद जैसी है इसलिए प्रेमचंद की दशा की कल्पना कर उसका अंतर्मन रोना चाहता है।
(5) लेखक को कैसे पता लगता है कि प्रेमचंद के जूते फटे हुए हैं?
(क) प्रेमचंद को देखकर
(ख) फ़ोटोग्राफर को देखकर
(ग) प्रेमचंद की फ़ोटो को देखकर
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) प्रेमचंद की फ़ोटो को देखकर
8. ‘क्षितिज भाग- I ‘ के गद्य पाठों पर आधारित निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 2 = 2)
(1) ‘ल्हासा की ओर’ पाठ के अनुसार कुची-कुची का क्या अर्थ है ?
(क) दया- दया
(ख) दूर रहो-दूर रहो
(ग) जल्दी भागो-जल्दी भागो
(घ) डाकू-डाकू
उत्तर:
(क) दया- दया
(2) सालिम अली की मृत्यु से उत्पन्न दुःख और अवसाद को लेखक ने किस रूप में अभिव्यक्त किया है?
(क) गहरे दुःख से उपजी पीड़ा के रूप में
(ख) सतरंगे इंद्रधनुषी सपनों के रूप में
(ग) साँवले सपनों की याद में
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) साँवले सपनों की याद में
व्याख्या – लेखक जाकिर ने पक्षी – विज्ञानी सालिम अली की मृत्यु से उत्पन्न दुःख और अवसाद को ‘साँवले सवनों की याद ‘ के रूप में व्यक्त करते हुए उनका व्यक्ति – चित्र प्रस्तुत किया है।
काव्य खण्ड (7 अंक)
9. निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
आई सीधी राह से, गई न सीधी राह ।
सुषुम – सेतु पर खड़ी थी, बीत गया दिन आह !
जेब टटोली, कौड़ी न पाई ।
माझी को दूँ, क्या उतराई ?
(1) सुषुम सेतु पर खड़ी कवयित्री का दिन (जीवन) किस प्रकार बीत गया ?
(क) हठ योग साधना करते-करते अंत हो गया ।
(ख) प्रभु की प्राप्ति न होने पर जीवन व्यर्थ चला गया।
(ग) पुल पर खड़े-खड़े कवयित्री थक गई ।
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) प्रभु की प्राप्ति न होने पर जीवन व्यर्थ चला गया।
(2) ‘गई न सीधी राह’ के माध्यम से कवयित्री क्या कहना चाहती हैं ?
(क) प्रभु की प्राप्ति के लिए हठयोग का मार्ग अपनाना
(ख) अच्छे कर्म करने की अपेक्षा छल-कपट पूर्ण कार्य करना
(ग) कवयित्री टेढ़े-मेढ़े रास्ते से गई
(घ) (क) और (ख) दोनों कथन सही हैं
उत्तर:
(घ) (क) और (ख) दोनों कथन सही हैं
व्याख्या – कवयित्री के अनुसार मनुष्य प्रभु की प्राप्ति के लिए हठयोग का मार्ग अपनाता है वह अच्छे कर्म करने की अपेक्षा छल-कपट पूर्ण कार्य करते हुए अपना जीवन व्यर्थ गँवा देता है।
(3) कवयित्री उतराई के रूप में माझी को क्या देना चाहती है ?
(क) अपनी सारी धन-संपत्ति
(ख) माझी की मेहनत का पूरा फल
(ग) अपने कर्मों का लेखा-जोखा
(घ) सद्कर्म और सच्ची भक्ति की पूँजी
उत्तर:
(घ) सद्कर्म और सच्ची भक्ति की पूँजी
(4) ‘जेब टटोली कौड़ी न पाई’ के माध्यम से कवयित्री कहना चाहती हैं कि-
(क) लोभ, छल-कपट, द्वेष में फँसकर वह जीवन में सत्कर्म करना भूल गई।
(ख) उसने आत्मालोचन किया तो स्वयं को खाली हाथ पाया ।
(ग) कवयित्री की जेब में एक भी पैसा नहीं था
(घ) (क) और (ख) दोनों कथन सही हैं
उत्तर:
(घ) (क) और (ख) दोनों कथन सही हैं
व्याख्या – मनुष्य लोभ, छल-कपट, द्वेष में फँसकर सत्कर्म भूल जाता है। जीवन के अंत में जब उसके कुछ हाथ में नहीं होता तो व्यक्ति पछताता है।
(5) ‘सुषुम – सेतु पर ‘ में अलंकार बताइए –
(क) अनुप्रास और श्लेष अलंकार
(ख) रूपक और यमक अलंकार
(ग) अनुप्रास और रूपक अलंकार
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) अनुप्रास और रूपक अलंकार
व्याख्या – प्रश्नानुसार ‘स’ वर्ण की आवृत्ति होने के कारण अनुप्रास और ‘सुषुम-सेतु’ अर्थात नाड़ी रूपी सेतु में रूपक अलंकार है ।
10. पाठ्यपुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 2 = 2)
(1) ‘काले संकट – सागर ” से कवि का क्या अभिप्राय है?
(क) काला सागर
(ख) काला रंग
(ग) अंग्रेज़ों की जेल
(घ) काला पानी
उत्तर:
(ग) अंग्रेज़ों की जेल
व्याख्या–‘काले संकट- सागर’ से तात्पर्य है-अंग्रेज़ों की जेल में कवि को अनंत दुःख दिए जाते थे। लगता था कि कष्ट कभी दूर नहीं होंगे ।
(2) सुबह सूर्य की किरणें किसके समान लग रही हैं?
(क) चाँदी की जाली
(ख) सोने की जाली
(ग) हीरे की जाली
(घ) रेशम की जाली
उत्तर:
(क) चाँदी की जाली
खण्ड – ‘ब’ (40)
(वर्णनात्मक प्रश्न)
पाठ्य पुस्तक क्षितिज भाग-1 व पूरक पाठ्य पुस्तक कृतिका भाग-1 (20 अंक)
11. गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए – 2×3=6
(1) किन घटनाओं से पता चलता है कि हीरा और मोती में गहरी दोस्ती थी ?
उत्तर:
प्रस्तुत कहानी में ऐसी अनेक घटनाएँ हैं जो हीरा – मोती की गहरी दोस्ती को प्रकट करती हैं-
(i) दोनों बैल एक-दूसरे की भावनाओं को अच्छी तरह से समझते थे ।
(ii) गाड़ी खींचते समय दोनों यही चाहते थे कि अधिक-से-अधिक भार उसके कंधों पर रहे।
(iii) दोनों एक साथ नाँद में मुँह डालते और हटाते थे ।
(iv) गया के घर से भी दोनों बैल एक साथ रस्सियाँ तोड़कर भागे और झूरी के पास वापस आ गए।
(v) दोनों बैल कभी-कभी आपस में सींग मिलाकर गहरी दोस्ती वाले मित्रों की तरह धौल – धप्पा भी करते थे ।
(2) “साँवले सपनों की याद” शीर्षक की सार्थकता पर टिप्पणी करते हुए सालिम अली के व्यक्तित्व की विशेषताएँ लिखिए ।
उत्तर:
डायरी शैली में लिखे इस संस्मरण में सालिम अली की मृत्यु से उत्पन्न दुःख और अवसाद को लेखक ने “साँवले सपनों की याद” के रूप में व्यक्त किया है। उनकी दु:खद स्मृति अब धुंधले सपने के समान है। सालिम अली प्रकृति तथा पक्षी – विज्ञानी थे । वे सरल हृदय एवं करुणा के पुजारी थे। उनके हृदय में पक्षियों के प्रति अथाह स्नेह था ।
(3) लेखक को प्रेमचंद समाज के घृणित लोगों की ओर पैर की अंगुली से इशारा करते क्यों प्रतीत हो रहे हैं ? बताइए ।
उत्तर:
फटे जूते में से निकलने वाली अंगुली को देखकर लेखक को लगता है जैसे अँगुली लेखक और समाज पर व्यंग्य कर रही है और संकेत द्वारा उनके प्रति अपनी घृणा को प्रकट कर रही है। इस घृणा का कारण था कि समाज के लोग परिस्थितियों से जूझने के बदले उनसे समझौता करते रहे जबकि प्रेमचंद ने रास्ते में आने वाली बाधा रूपी चट्टानों से निरंतर संघर्ष किया, उन्हें लगातार ठोकर मारी। इसी प्रयास में उनके जूते भी फट गए। उन्होंने कभी भी झूठी मान्यताओं और आडम्बरों के प्रभाव में आकर समझौता नहीं किया। तभी वे हाथ की अँगुली की अपेक्षा पैर की अंगुली से इशारा करना पसंद करते हैं।
(4) थोङ्ला के पहले के आखिरी गाँव पहुँचने पर भिखमंगे के वेश में होने के बावजूद लेखक को ठहरने के लिए उचित स्थान मिला जबकि दूसरी यात्रा के समय भद्र वेश भी उन्हें उचित स्थान नहीं दिला सका, क्यों ?
उत्तर:
(i) लेखक का मानना है कि यह लोगों की उस वक्त की मनोवृत्ति पर निर्भर होता था । थोङ्ला के पहले के आखिरी गाँव में सुमति की जान-पहचान के बहुत लोग रहते थे, अतः भिखमंगे के वेश में होने पर भी उन्हें ठहरने के लिए अच्छी जगह मिल गई।
(ii) जबकि पहली बार भद्र वेश में होने पर भी उन्हें ठहरने का अच्छा स्थान नहीं मिला और वे एक गरीब के झोंपड़े में ठहरे, क्योंकि शाम के समय वे लोग छंग (एक प्रकार की शराब) पीकर अपने होश – हवास में नहीं रहते हैं ।
12. निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए- (2 × 3 = 6)
(1) ‘कैदी और कोकिला’ कविता में वर्णित विषय-वस्तु में हमें किस संघर्ष की झलक मिलती है ? बताइए कि कवि माखनलाल चतुर्वेदी का उससे क्या सम्बन्ध रहा था
उत्तर:
कैदी और कोकिला कविता की विषयवस्तु हमें भारत के स्वतन्त्रता – संग्राम (संघर्ष) की याद दिलाती है । कवि माखनलाल चतुर्वेदी एक स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी थे । स्वतन्त्रता आन्दोलन के दौरान उन्हें कई वर्ष जेल में व्यतीत करने पड़े।
(2) किस प्रकार का आकर्षण इन बच्चों को शिक्षा की ओर खींच सकता है ? आस-पास के परिवेश के अनुरूप बताइए।
उत्तर:
काम पर जाने वाले इन बच्चों को स्कूल की शिक्षा अपनी ओर तभी खींच सकती है जब स्कूल में उन्हें अच्छा भोजन मिले, उत्तम पुस्तकों की व्यवस्था हो, ड्रेस बनवाकर दी जाए तथा शिक्षा पूरी तरह से मुफ़्त हो ।
(3) कवि किन कष्टों में रातभर कहाँ जागता था और कोयल से वह क्या जानना चाहता था ? ‘कैदी और कोकिला’ कविता के आधार पर उत्तर दीजिए ।
उत्तर:
कवि को कारागार में भरपेट भोजन नहीं मिलता था, कोल्हू में बैल की जगह जुतना पड़ता था, गालियाँ और अपमान मिलता था । इन कष्टों के कारण वह रात-रात भर जागता था । कवि कोयल से यह जानना चाहता है कि वह क्या संदेशा लाई है, उसकी कूक में वेदना का भाव क्यों है ?
(4) आपके विचार से बच्चों को काम पर क्यों नहीं भेजा जाना चाहिए ? उन्हें क्या करने के मौके मिलने चाहिए ?
उत्तर:
‘ग्राम श्री’ कविता में कवि ने वसन्त ऋतु का वर्णन किया है। इस ऋतु में पूर्व पेड़ों से पुराने पत्ते झर जाते हैं, इन पर नई पत्तियाँ, कोयले, फूल, फल इत्यादि आनी प्रारम्भ हो जाते हैं ।
13. पूरक पाठ्यपुस्तक कृतिका भाग- I के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए- (4 × 2 = 8)
(1) डराने, धमकाने, उपदेश देने या दबाव डालने की जगह सहजता से किसी को भी राह पर लाया जा सकता है । पाठ के आधार पर तर्क सहित उत्तर दीजिए ।
उत्तर:
मात्र दण्ड द्वारा हम किसी को नहीं सुधार सकते। भावनात्मक प्रेम से व समझाकर किसी को सही रास्ते पर लाया जा सकता है। अपराधी को दण्ड देने से पहले उसके सभी पहलुओं पर विचार कर लेना चाहिए साथ ही उसकी परिस्थिति को भी नज़र अंदाज नहीं किया जाना चाहिए। प्रेम बहुत बड़ी शक्ति है। प्रेम द्वारा माफ़ करके हम किसी को सही रास्ते पर ला सकते हैं जैसा कि लेखिका की परदादी ने किया। एक चोर को उन्होंने भावनात्मक रिश्ते द्वारा नेक इंसान बना दिया।
(2) ‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी का उद्देश्य अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी का उद्देश्य है-
(i) स्त्रियों के प्रति व्याप्त रूढ़िवादी मानसिकता पर प्रहार करना । कन्या को हीन मानने की सामाजिक कुरीति को दूर करने का प्रयास करना ।
(ii) लड़कियों के स्वतंत्र व्यक्तित्व की रक्षा करना ।
(iii) दो मुँह व्यक्तित्व वाले व्यक्तियों का पर्दाफाश करना ।
(iv) स्त्रियों की शिक्षा और उससे उत्पन्न आत्मविश्वास और साहस को उभारना ।
(v) नारी के प्रति होने वाले अत्याचारों से संघर्ष करना ।
(3) ‘गरीब आदमी का श्मशान नहीं उजड़ना चाहिए।’ इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
‘गरीब आदमी का श्मशान नहीं उजड़ना चाहिए’ – इस कथन में लेखक ने गहरा व्यंग्य दर्शाया है। किसी भी गरीब का घर नहीं उजड़ना चाहिए क्योंकि जब किसी का घर छिनता है या उजड़ता है या वह विस्थापित किया जाता है तो उसे बहुत पीड़ा महसूस होती है। उसके लिए तो घर और शमशान एक जैसे प्रतीत होने लगते हैं। जैसे एक दिन घर पहुँचने पर माटीवाली को पता चलता है कि उसके पति की मृत्यु हो चुकी है तो उसे उसके अंतिम संस्कार की चिंता होती है क्योंकि बाढ़ के कारण शमशान पानी में डूब चुके थे और उसे अपना घर ही शमशान की तरह लग रहा था।
लेखन (20 अंक)
14. निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए- (6 × 1 = 6)
(1) होली
[ संकेत बिंदु – कब मनाया जाता है, होली मनाने का ढंग, गुलाल और रंगों का खेल, मस्ती ही मस्ती ]
उत्तर:
कब मनाया जाता है – होली का पवित्र त्योहार बसंत ऋतु के आगमन का संदेशवाहक बनकर आता है। यह त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। खेतों में पकी फ़सल देखकर किसान खुश होकर इस मस्ती के त्योहार को मनाते हैं ।
होली मनाने का ढंग – होली का त्योहार धार्मिक दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि दानव राजा हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र ईश्वर भक्त प्रह्लाद को मारने के लिए अपनी बहन होलिका को बुलाया था। होलिका प्रह्लाद को गोदी में लेकर आग में बैठ गई परन्तु प्रह्लाद बच गया और होलिका जल गई। इसी खुशी में प्रति वर्ष होली का पर्व मनाया जाता है। गाँव-गाँव एवं मुहल्ले – मुहल्ले में होली रखी जाती है और शुभ मुहूर्त में जलाई जाती है। जौ एवं गेहूँ की बालियाँ जलती हुई होली में भूनकर आपस में बाँटते हैं व गले मिलते हैं।
गुलाल और रंगों का खेल – अगले दिन एक-दूसरे पर रंग, अबीर, गुलाल आदि डालते हैं तथा गले मिलते हैं।
मस्ती ही मस्ती – यह पर्व मस्ती का पर्व है। इस दिन लोग रंगों की मस्ती में डूबकर नाच-गाना करते हैं और एक-दूसरे को बधाइयाँ देते हैं। यह त्योहार परस्पर प्रेम और सौहार्द की भावना को बढ़ाता है । यह त्योहार परस्पर अमीर एवं गरीब के भेद को समाप्त करता है इसलिए आपस के भेद-भाव भुलाकर सभी को होली का पर्व पवित्र भावना से मनाना चाहिए ।
इन दिनों चारों ओर मस्ती का आलम छाया रहता है। मौसम न अधिक गर्म रहता है और न अधिक ठण्डा । वृक्षों पर नए पत्ते आ जाते हैं। किसानों की फ़सल पककर तैयार हो जाती है। सर्वत्र खुशहाली का वातावरण रहता है।
(2) हिन्दी साहित्य की उपेक्षा
[ संकेत बिंदु – हमारी मातृभाषा, पाठकों का घटता रुझान और कारण, उपेक्षा भाव दूर करने के उपाय ]
उत्तर:
हमारी मातृभाषा – किसी देश की वह भाषा जिसका प्रयोग उस देश के लगभग सभी राज्यों, क्षेत्रों, नगरों और गाँव के लोगों के द्वारा किया जाता है वह मातृभाषा कहलाती है । हिन्दी भाषा भारत की मातृभाषा व राष्ट्रभाषा दोनों पदों पर आसीन है । इसे भारतीय संविधान में भारत की आधिकारिक राष्ट्रभाषा का स्थान प्राप्त है।
पाठकों का घटता रुझान और कारण – स्वतंत्रता के पश्चात् इस भाषा के साहित्यिक पक्ष की लोग उपेक्षा कर रहे हैं। वर्तमान समय में भी इसके साहित्य के प्रति लोगों का रुझान घटता जा रहा है। लोग हिन्दी साहित्य को छोड़कर विदेशी साहित्य व मनोरंजन के प्रधान साधन सिनेमा की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं। उन्हें कविताओं के स्थान पर फ़िल्मी गानों की धुनें अधिक याद रहती हैं। इसकी उपेक्षा के मूल कारण हैं – हिन्दी साहित्य के प्रचार-प्रसार में कमी, दूरदर्शन पर प्रसारित कार्यक्रमों में इससे संबंधित कार्यक्रमों का अभाव व विद्यालयों में हिन्दी पर कम ध्यान दिया जाना । यदि यही स्थिति रही तो एक दिन हिन्दी साहित्य अपना अस्तित्व खो देगा ।
उपेक्षाभाव दूर करने के उपाय – इसके अस्तित्व को बचाने व लोगों में इसके प्रति रुचि बढ़ाने के लिए इसके प्रचार-प्रसार पर अधिक बल देना होगा। दूरदर्शन के कार्यक्रमों में इससे सम्बन्धित कार्यक्रमों को स्थान देना होगा । काव्य गोष्ठियों का आयोजन करना होगा । कवि सम्मेलनों का आयोजन करना होगा व इन सबसे ऊपर कवियों का सम्मान करना होगा तभी हिन्दी साहित्य को पुनः अपना स्थान प्राप्त होगा।
(3) देश में बढ़ता भ्रष्टाचार
[संकेत बिंदु- भ्रष्टाचार का अर्थ, कारण और स्वरूप, समाधान]
उत्तर:
भ्रष्टाचार का अर्थ – भ्रष्टाचार का तात्पर्य है – भ्रष्ट व्यवहार या अनैतिक व्यवहार । दुर्भाग्य से आज सारे भारतवर्ष में भ्रष्टाचार व्याप्त है। जीवन का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं रह गया है जिसमें ईमानदारी से कार्य होता है । आज विद्यालय में प्रवेश का मामला हो या नौकरी मिलने का सब जगह भ्रष्टाचार व्याप्त है। सरकारी कार्यालयों में तो काम तभी हो पाता है जब उन्हें घूस मिल जाती है। पुलिस के भ्रष्टाचार का तो कहना ही क्या? जब अपराधी निकल जाता है, तब पुलिस हवा में डंडे चलाती हुई आती है और ग़रीब बेकसूरों को पकड़कर ले जाती है।
भ्रष्टाचार का कारण और स्वरूप – भारत में भ्रष्टाचार इसलिए पनपता है क्योंकि यहाँ के नेता स्वयं भ्रष्ट हैं। इसलिए वह भ्रष्ट लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही नहीं करते । यहाँ की न्याय प्रणाली भी भ्रष्टाचार की लपेट में आ गई है। यदि हम भ्रष्टाचार के मूल में जाएँ तो उसका मूल कारण मानव का स्वार्थ, उसकी लिप्सा तथा धन लोलुपता दिखाई देती है । आज प्रत्येक व्यक्ति उचित तथा अनुचित साधनों द्वारा धन प्राप्त करने में लगा दिखाई देता है। मनुष्य की बढ़ती हुई आवश्यकताएँ हैं तथा उन्हें पूरा करने के लिए अपनाए जा रहे साधन, अनियंत्रित होती महँगाई तथा अमीर-गरीब के बीच का बढ़ता अंतर ही भ्रष्टाचार को जन्म देता है।
समाधान-यदि हम भ्रष्टाचार को समाप्त करना चाहते हैं तो हमें प्रत्येक व्यक्ति के मनोबल को ऊँचा उठाना होगा तथा शिक्षक, साहित्यकार, पत्रकार, कवि, कलाकार एकजुट होकर नवयुवाओं में आचरण की शुद्धता के संस्कार भरें और भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई छेड़ दें। यदि भ्रष्ट राजनेता अपने आचरण को सुधार लें तो भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त किया जा सकता है। साथ ही हमें न्यायिक व्यवस्था को मजबूत बनाना होगा। नई तकनीक भी भ्रष्टाचार को समाप्त करने में अपना योगदान दे सकती है।
15. किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए- (5 × 1 = 5)
अपने विद्यालय की विशेषताएँ बताते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए ।
अथवा
बढ़ती हुई महँगाई पर चिंता प्रकट करते हुए किसी दैनिक समाचार पत्र के प्रधान संपादक को पत्र लिखिए ।
उत्तर:
परीक्षा-भवन,
अ.ब. स. विद्यालय
अ.ब. स. नगर
दिनांक- ………
प्रिय मित्र अ.ब.स.,
नमस्ते,
मैं.यहाँ कुशल हूँ विश्वास है कि आप भी सकुशल होंगे। आपने अपने पत्र में मेरे विद्यालय के विषय में जिज्ञासा व्यक्त की है। मित्र! मेरा विद्यालय नगर के प्रतिष्ठित विद्यालयों में से है । विद्यालय में बहुत बड़ा खेलने का मैदान है। सभी कक्षाएँ हवादार हैं। विद्यालय में प्रायोगिक कक्षाओं की प्रयोगशालाएँ भी बनी हैं। मेरे विद्यालय का परीक्षा परिणाम लगभग शत-प्रतिशत रहता है। निर्धन छात्रों को प्रतिवर्ष छात्रवृत्ति भी उपलब्ध कराई जाती है । मेधावी छात्रों का प्रतिवर्ष सम्मान भी किया जाता है। खेल – कूद में भी हमारा विद्यालय अपने नगर में अव्वल आता है।
शेष अगले पत्र में। परिवार में सबको यथायोग्य अभिवादन।
आपका प्रिय मित्र,
अ.ब.स.
कक्षा IX
अथवा
सेवा में,
संपादक महोदय,
नवभारत टाइम्स, नई दिल्ली।
मान्यवर,
मैं आपके लोकप्रिय व प्रतिष्ठित – पत्र के माध्यम से बढ़ती महँगाई की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ। आशा है आप हमारी आवाज़ को पत्र में छापकर सरकार तक पहुँचाने की कृपा करेंगे।
उत्तरमाला 115 आजकल दिन-प्रतिदिन खाद्य पदार्थों के मूल्यों में वृद्धि होती जा रही है, उसे रोकने में अधिकारीगण कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं । बेचारी जनता हाथ-पर-हाथ रखे बैठी रह जाती है, वह अपने को लाचार महसूस कर रही है। इस बढ़ती हुई महँगाई से चारों ओर त्राहि-त्राहि मच रही है, सरकार भी खामोश है, विरोधी पक्ष की आवाज़ को भी वह दबाए बैठी है। ऐसी स्थिति में आप हमारी कठिनाई को ध्यान में रखते हुए हमारी चिन्ता को सरकार तक पहुँचाने की कृपा करें। मैं आपका अत्यन्त आभारी रहूँगा।
भवदीय,
कपिल सिंघल
पाकेट E-27, सेक्टर-7, रोहिणी
दिल्ली
दिनांक : ……….
16. ‘परिश्रम का महत्व’ पर अपने विचार व्यक्त करते हुए लगभग 100 शब्दों में लघुकथा लिखिए । (5 × 1 = 5)
अथवा
दूरदर्शन अधिकारी को कार्यक्रमों में सुधार हेतु सुझाव के लिए लगभग 100 शब्दों में ई-मेल लिखिए।
उत्तर:
परिश्रम का महत्त्व
एक बार एक लड़का था गगन । वह कक्षा 9 में पढ़ता था अचानक ही उसे पढ़ाई से अरुचि हो गई। वह स्कूल से आता, खाना खाता और दोस्तों के पास खेलने भाग जाता । माँ पीछे से आवाज़ देती तो जल्दी वापस आने की बात कहकर टाल देता। वापस आता तो थकान के कारण खाकर सो जाता। सुबह स्कूल का बैग उठाकर फिर स्कूल चला जाता। अध्यापक मित्र परिजन सभी देख रहे थे कि वह पढ़ाई पर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहा। समझाने-बुझाने व पिटाई किसी का उस पर असर न हुआ। धीरे-धीरे परीक्षाएँ नज़दीक आने लगीं तब उसे कुछ डर सताने लगा। किसी भी कॉपी में काम पूरा न था । समझ में नहीं आ रहा था कि पढ़ाई कहाँ से शुरू करे। मित्रों ने परीक्षा नज़दीक होने के कारण साथ और समय न दे पाने के लिए क्षमा माँग ली। वह कभी एक विषय उठाता और कभी दूसरा ।
धीरे-धीरे परीक्षा का दिन भी आ गया। वह दुःखी और परेशान होकर परीक्षा देने गया। प्रश्न-पत्र देख उसके होश उड़ गए। जो थोड़ा-बहुत याद था वह भी घबराहट में याद नहीं आ रहा था। सभी साथी प्रश्न-पत्र हल करने में जुटे थे। वह इधर-उधर झाँकने लगा । फिर उसने अपने आप कुछ लिखना शुरू कर दिया यद्यपि वह सब गलत था । एक-एक करके सारे पेपर खत्म हो गए। घर पर नाराज़गी के कारण किसी ने परीक्षा के विषय में कोई बात नहीं की । उसे बहुत पछतावा हो रहा था लेकिन अब पछताए होत का जब चिड़ियाँ चुग गई खेत । परीक्षा का परिणाम आया, वह सभी विषयों में फेल था । गगन ने अपनी लापरवाही व गलती की सभी अध्यापकों और माता-पिता से क्षमा माँगी । वह परिश्रम का महत्त्व समझ चुका था। उसने जीवन में कभी परिश्रम से मुँह न मोड़ने का वादा किया।
अथवा
From : [email protected]
To : [email protected]
Cc: [email protected]
BBC: …………..
दिनांक : 22-04- XX
विषय : दूरदर्शन कार्यक्रमों हेतु सुझाव
महोदय,
दूरदर्शन देश के लाखों लोगों के मनोरंजन व ज्ञान का स्रोत है, किन्तु बच्चों और युवा वर्ग के लिए जो कार्यक्रम ज्ञानवर्धक हो सकते हैं, ऐसे कार्यक्रम दूरदर्शन पर न के बराबर दिखाए जाते हैं। यदि रविवार को प्रातः या दोपहर के समय विज्ञान या जनरल नॉलेज से सम्बन्धित कोई कार्यक्रम प्रसारित किया जाए तो यह विद्यार्थियों के लिए लाभदायक व रुचिकर सिद्ध होगा ।
अतः आपसे अनुरोध है कि विद्यार्थी व युवा वर्ग को ध्यान में रखते हुए दूरदर्शन पर ज्ञानवर्धक कार्यक्रमों का प्रसारण करें।
धन्यवाद
माधुरी
Mob : 8447070XXX
17. विद्यालय में स्वच्छता अभियान को लेकर दो मित्रों का संवाद लगभग 80 शब्दों में लिखिए । (4 × 1 = 4)
अथवा
विद्यालय के सचिव की ओर से ‘समय-प्रबंधन’ के विषय पर आयोजित होने वाली कार्यशाला के लिए लगभग 80 शब्दों में एक सूचना तैयार कीजिए ।
उत्तर:
दो मित्रों के बीच संवाद
सुशील : क्या तुम्हें मालूम है कि हमारे प्रधानमंत्री जी ने स्वच्छ भारत अभियान चलाया है ?
सुमन : हाँ, मैंने उसके बारे में सुना है और आज हमारे विद्यालय में भी इसके बारे में एक सभा का आयोजन किया जाएगा।
सुशील : हाँ, सभा के बाद हम लोग अपने विद्यालय को एक पूर्ण स्वच्छ विद्यालय बना देंगे।
सुमन : अच्छा, क्या हम लोगों को भी उसमें भाग लेना है ?
सुशील : हाँ, प्रत्येक विद्यार्थी को इसमें योगदान करना है।
सुमन : वह कैसे ?
सुशील : हमें अपने आस-पास की जगहों की सफाई की देखभाल करनी है ।
सुमन : ठीक है, मैं अपनी कक्षा में सहपाठियों से सफाई रखने के लिए कहूँगा ।
सुशील : केवल दूसरों को ही नहीं, स्वयं भी सफ़ाई पर ध्यान देना होगा।
सुमन : हाँ! आज से मैं अपने बैग, अपने जूते की सफ़ाई स्वयं करूँगा ।
सुशील : सही कहते हो । कक्षा में ध्यान रखना पड़ेगा कि किसी प्रकार की बेकार चीजें इधर-उधर न बिखरी हुई हों ।
सुमन : चलो, अब चलते हैं । नमस्ते !
सुशील : नमस्ते !
अथवा
क. ख.ग. विद्यालय, क.ख. ग. नगर, उ. प्र.
आवश्यक सूचना
समय प्रबंधन के विषय पर कार्यशाला
तिथि-00.00.20
विदित हो कि दिनांक 00.00.20…. (बुधवार) को सुबह 11 बजे विद्यालय के सभागृह में ‘समय प्रबंधन’ विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। कार्यशाला में मुख्य वक्ता प्रधानाचार्या जी रहेंगी। इसमें 9वीं से लेकर 12वीं कक्षा के छात्र ही भाग ले सकेंगे, अत: अपना नामांकन अधोहस्ताक्षरी के पास उक्त तिथि से दो दिन पूर्व तक अवश्य करा दें ।
निवेदक
सचिव
क.ख.ग. विद्यालय ।