Students must start practicing the questions from CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A with Solutions Set 4 are designed as per the revised syllabus.
CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A Set 4 with Solutions
निर्धारित समय: 3 घण्टे
पूर्णांक: 80
सामान्य निर्देशः
1. इस प्रश्नपत्र में दो खण्ड हैं- खण्ड ‘अ’ और ‘ब’ । खण्ड-अ में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खण्ड-ब में वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
2. प्रश्नपत्र के दोनों खण्डों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
3. यथासम्भव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए ।
4. खण्ड ‘अ’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 44 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
5. खण्ड ‘ब’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
खण्ड – ‘अ’ (बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्न)
अपठित गद्यांश व काव्यांश (10 अंक)
1. निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
किसी भी राष्ट्र की सभ्यता एवं संस्कृति के निर्माण तथा विकास में नारी का योगदान महत्त्वपूर्ण होता है । युगों-युगों का इतिहास अपने किसी- -न-किसी अंश में नारी के गौरव को प्रतिष्ठित करता रहा है। मानव जीवन का प्रत्येक क्षेत्र नारी के अभाव में अपूर्ण है। नारी शक्ति है, प्रेरणा है और जीवन की आवश्यक पूर्ति है। नारी गृहस्थी का केन्द्र – बिन्दु तथा परिवार की आधारशिला है। समाज का महत्त्वपूर्ण अंग है, अत: नारी को महत्ता देने के लिए सन् 1818 में 8 मार्च को पहली बार इस दिन को ‘महिला दिवस’ के रूप में स्वीकार किया गया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1975 को ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला वर्ष’ और 1980 को ‘महिला विकास वर्ष’ घोषित किया। यही नहीं, 1975 से 85 का दशक ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दशक’ घोषित कर एक ऐसे समाज के रूपायन का प्रयास किया जिसमें महिलाएँ आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक जीवन में सही और पूर्ण अर्थों में सहभागी हों ।
(1) किस दशक को अंतर्राष्ट्रीय महिला दशक घोषित किया गया ?
(क) सन् 1975 से 85 के दशक को
(ख) सन् 1977 से 87 के दशक को
(ग) सन् 1965 से 75 के दशक को
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) सन् 1975 से 85 के दशक को
(2) सन् 1818 में 8 मार्च का दिन किस रूप में स्वीकार किया गया ?
(क) मातृ दिवस के रूप में
(ख) बाल दिवस के रूप में
(ग) महिला दिवस के रूप में
(घ) साक्षरता दिवस के रूप में
उत्तर:
(ग) महिला दिवस के रूप में
व्याख्या-नारी की महत्ता को पहचान देने हेतु 1818 में 8 मार्च को महिला दिवस के रूप में घोषित किया गया।
(3) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उचित विकल्प चुनिए-
कथन (A) : किसी भी राष्ट्र की सभ्यता एवं संस्कृति के निर्माण तथा विकास में नारी का योगदान महत्त्वपूर्ण होता है।
कारण (R) : नारी शक्ति और प्रेरणा का स्रोत तथा समाज का महत्त्वपूर्ण अंग है।
(क) कथन (A) गलत है, किन्तु कारण (R) सही है।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) सही है, किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(4) सन् 1975 से 85 तक के दशक को संयुक्त राष्ट्र संघ ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दशक घोषित किया । – उपर्युक्त कथन के पक्ष में निम्नलिखित तर्कों पर विचार कीजिए-
1. जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए
2. घर-गृहस्थी के केंद्र-बिंदु में महिला को स्थापित करने के लिए
3. नारीको कार्य करने के लिए बाध्य करने के लिए
(क) 1 सही है।
(ग) 3 सही है।
(ख) 2 सही है।
(घ) 2 और 3 सही हैं ।
उत्तर:
(क) 1 सही है।
(5) गद्यांश का उचित शीर्षक होगा-
(क) राष्ट्र-निर्माण में नारी की भूमिका
(ख) राष्ट्र और नारी
(ग) नारी की महत्ता
(घ) नारी ने बदला समाज
उत्तर:
(क) राष्ट्र-निर्माण में नारी की भूमिका
2. निम्नलिखित काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
जो नहीं हो सके पूर्ण-काम
मैं उनको करता हूँ प्रणाम
कुछ कुंठित और कुछ लक्ष्य-भष्ट
जिनके अभिमंत्रित तीर हुए
रण की समाप्ति के पहले ही
जो वीर रिक्त तूणीर हुए। – उनको प्रणाम !
दृढ़ व्रत और दुर्दम साहस के
जो उदाहरण थे मूर्ति- मंत;
पर निरवधि बंदी जीवन ने
जिनकी धुन का कर दिया अंत ! – उनको प्रणाम !
जो छोटी-सी नैया लेकर
उतरे करने को उदधि-पार;
मन की मन में ही रही, स्वयं
हो गए उसी में निराकार – उनको प्रणाम !
जिनकी सेवाएँ अतुलनीय
पर विज्ञापन से रहे दूर
प्रतिकूल परिस्थिति ने जिनके
कर दिए मनोरथ चूर-चूर ! – उनको प्रणाम !
(1) ‘पूर्ण काम’ से कवि का क्या आशय है?
(क) सफ़ल
(ख) इच्छा की पूर्ति
(ग) पूरा काम
(घ) जिनकी सभी कामनाएँ पूर्ण हो गई हैं।
उत्तर:
(घ) जिनकी सभी कामनाएँ पूर्ण हो गई हैं।
(2) ‘स्वयं हो गए उसी में निराकार’ पंक्ति का क्या आशय है?
(क) आकार रहित हो गए
(ख) कर्त्तव्य के समुद्र में डूब गए
(ग) नाव लेकर वापस आ गए
(घ) दुस्साहस भरी यात्रा करते रहे।
उत्तर:
(ख) कर्त्तव्य के समुद्र में डूब गए
(3) विज्ञापन से दूर रहने वालों को क्या नहीं मिलता ?
(क) सफ़लता
(ख) पैसा
(ग) लोकप्रियता
(घ) सही मार्ग ।
उत्तर:
(ग) लोकप्रियता
व्याख्या-विज्ञापन से दूर रहने वालों को लोकप्रियता नहीं मिलती है।
(4) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उचित विकल्प चुनिए- कथन (A) : कवि असफल व्यक्तियों को प्रणाम करता है।
कारण (R) : असफ़ल व्यक्ति लक्ष्य प्राप्ति की क्षमता नहीं रखते हैं ।
(क) कथन (A) सही है, किन्तु कारण (R) गलत है।
(ख) कथन (A) गलत है, किन्तु कारण (R) सही है ।
(ग) कथन (A) व (R) सही हैं और कथन (A), (R) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) व (R) सही हैं और कथन (A), (R) की सही व्याख्या नहीं है ।
उत्तर:
(क) कथन (A) सही है, किन्तु कारण (R) गलत है।
(5) ‘छोटी-सी नैया’ का आशय है-
(क) नाव का छोटा आकार
(ख) संसाधनों की कमी
(ग) कम उत्साह
(घ) इच्छा न होना
उत्तर:
(ख) संसाधनों की कमी
व्याकरण (16 अंक)
3. निर्देशानुसार ‘ उपसर्ग और प्रत्यय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए ।
(1) ‘अनुपस्थित’ शब्द में उपसर्ग और मूलधातु है-
(क) अनु + पस्थित
(ख) अन + उपस्थित
(ग) अन् + उपस्थित
(घ) अना + स्थित
उत्तर:
(ख) अन + उपस्थित
(2) ‘प्र’ उपसर्ग का उदाहरण नहीं है-
(क) प्रयोग
(ख) प्रणाम
(ग) प्रदान
(घ) प्रमोद
उत्तर:
(ख) प्रणाम
व्याख्या-प्रयोग, प्रदान और प्रमोद इन तीनों शब्दों में मूल शब्द योग, दान और नोद हैं तथा ‘प्र’ उपसर्ग है। लेकिन प्रणाम में ‘प्र’ उपसर्ग नहीं है।
(3) ‘दैनिक’ शब्द में प्रत्यय है-
(क) क
(ख) इक
(ग) निक
(घ) अक
उत्तर:
(ख) इक
व्याख्या-‘दैनिक’ शब्द मूल शब्द ‘दिन’ और ‘ इक’ प्रत्यय के योग से बनता है। इसलिए ‘ इक’ प्रत्यय सही है।
(4) ‘ईय’ प्रत्यय से बना शब्द नहीं है-
(क) भारतीय
(ख) नमनीय
(ग) रचनीय
(घ) करणीय
उत्तर:
(ग) रचनीय
(5) ‘दुर्’ उपसर्ग का उदाहरण है-
(क) दुर्जन
(ख) दुराग्रह
(ग) दुर्बुद्धि
(घ) ये सभी
उत्तर:
(घ) ये सभी
व्याख्या-दुर + जन, दुर + आग्रह तथा दुर + बुद्धि ये तीनों शब्द दुर्जन, दुराग्रह तथा दुर्बुद्धि ‘दुर ‘ उपसर्ग से बने शब्द हैं।
4. निर्देशानुसार ‘समास’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए । (1 × 4 = 4)
(1) ‘त्रिभुवन’ का समास विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) तीन भुवन है जहाँ – बहुव्रीहि समास
(ख) तीन भुवनों का समाहार – द्विगु समास
(ग) त्रिरूपी भुवन – कर्मधारय समास
(घ) त्रि का भुवन – तत्पुरुष समास
उत्तर:
(ख) तीन भुवनों का समाहार – द्विगु समास
व्याख्या-‘त्रिभुवन’ समस्त पद का पहला पद ‘त्रि’ संख्यावाचक है, इसलिए यह द्विगु समास है।
(2) ‘कृष्णसर्प’ का समास विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) कृष्ण और सर्प – द्वंद्व समास
(ख) कृष्ण के लिए सर्प – तत्पुरुष समास
(ग) कृष्ण है जो सर्प – कर्मधारय समास
(घ) कृष्ण रूपी सर्प – कर्मधारय समास
उत्तर:
(ग) कृष्ण है जो सर्प – कर्मधारय समास
(3) ‘स्नानगृह’ का समास विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) स्नान और गृह – द्वंद्व समास
(ख) स्नान के लिए गृह-तत्पुरुष समास
(ग) गृह में स्नान – तत्पुरुष समास
(घ) स्नान से गृह – तत्पुरुष समास
उत्तर:
(ख) स्नान के लिए गृह-तत्पुरुष समास
व्याख्या- ‘स्नानघर’ समस्तपद का पहला पद ‘स्नान’ गौण है और दूसरा पद ‘घर’ प्रधान है। इसमें कारक चिह्न का लोप हो जाता है इसलिए यह तत्पुरुष समास है।
(4) ‘गजानन’ का समास विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) गजों के आनन – तत्पुरुष समास
(ख) गज और आनन – द्वंद्व समास
(ग) गज के लिए आनन – तत्पुरुष समास
(घ) गज के समान आनन है जिसका अर्थात् गणेश – बहुव्रीहि समास
उत्तर:
(घ) गज के समान आनन है जिसका अर्थात् गणेश – बहुव्रीहि समास
व्याख्या-‘गजानन’ समस्त पद में कोई भी पद प्रधान नहीं है बल्कि समस्त पद ‘गणेश’ के विशेषण का कार्य कर रहा है, अतः यह बहुव्रीहि समास है।
(5) ‘नवनिधि’ का समास विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) नव निधियों का समाहार – द्विगु समास
(ग) नव के लिए निधि – तत्पुरुष समास
(ख) नव और निधि – द्वंद्व समास
(घ) नव निधि – अव्ययी भाव समास
उत्तर:
(क) नव निधियों का समाहार – द्विगु समास
5. निर्देशानुसार ‘अर्थ के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(1) ‘तुम अच्छे इंसान बन सकते हो ।’ इच्छावाचक वाक्य में बदलिए-
(क) तुम चाहो तो अच्छे इंसान बन सकते हो ।
(ख) भगवान करे, तुम अच्छे इंसान बनो ।
(ग) तुम अच्छे इंसान नहीं बन सकते ।
(घ) तुम भला अच्छे इंसान कैसे बन सकते हो ?
उत्तर:
(ख) भगवान करे, तुम अच्छे इंसान बनो ।
व्याख्या-इच्छावाचक वाक्य में इच्छा, शुभकामना तथा आशीर्वाद व्यक्त किया जाता है। इस वाक्य में भी अच्छा इंसान बनने की इच्छा व्यक्त की गई है।
(2) ‘राजीव विद्यालय जाता है।’ आज्ञावाचक वाक्य में बदलिए-
(क) राजीव विद्यालय जाओ ।
(ग) राजीव कब विद्यालय जाता है ?
(ख) राजीव को विद्यालय रोज़ जाना चाहिए।
(घ) शायद राजीव विद्यालय जाता है ।
उत्तर:
(क) राजीव विद्यालय जाओ ।
(3) ‘राधा गाती तो पार्टी जम जाती ।’ अर्थ के आधार पर वाक्य है-
(क) विधानवाचक वाक्य
(ख) संदेहवाचक वाक्य
(ग) संकेतवाचक वाक्य
(घ) इच्छावाचक वाक्य
उत्तर:
(ग) संकेतवाचक वाक्य
व्याख्या-‘राधा गाती तो पार्टी जम जाती’ वाक्य में शर्त के आधार पर एक क्रिया दूसरी क्रिया पर निर्भर है। इसलिए यह संकेतवाचक वाक्य है।
(4) ‘अध्यापक जी पढ़ा रहे हैं।’ अर्थ के आधार पर वाक्य है।
(क) इच्छावाचक वाक्य
(ख) विधानवाचक वाक्य
(ग) आज्ञावाचक वाक्य
(घ) विस्मयवाचक वाक्य
उत्तर:
(ख) विधानवाचक वाक्य
(5) ‘तुम बाज़ार जाओ।’ अर्थ के आधार पर वाक्य भेद बताइए –
(क) विधानवाचक वाक्य
(ख) संकेतवाचक वाक्य
(ग) इच्छावाचक वाक्य
(घ) आज्ञावाचक वाक्य
उत्तर:
(घ) आज्ञावाचक वाक्य
6. निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(1) ‘तरनि- तनूजा – तट तमाल तरुवर बहु छाए’ में अलंकार है-
(क) रूपक अलंकार
(ख) यमक अलंकार
(ग) श्लेष अलंकार
(घ) अनुप्रास अलंकार
उत्तर:
(घ) अनुप्रास अलंकार
व्यख्या-दी गई काव्य-पंक्ति में ‘त’ वर्ण की बार-बार आवृत्ति के कारण यह अनुप्रास अलंकार है।
(2) ‘भजन कह्योताते भज्यौ, भज्यौ न एको बार।
दूर भजन जासो कयो, सो तू भज्यौ गँवार ॥ ‘ में अलंकार है-
(क) रूपक अलंकार
(ख) यमक अलंकार
(ग) अनुप्रास अलंकार
(घ) श्लेष अलंकार
उत्तर:
(ख) यमक अलंकार
व्याख्या-दिए गए पद में ‘ भज्यौ’ शब्द का प्रयोग बार-बार किया गया है। परंतु हर बार इसका अर्थ भिन्न होने के कारण यह यमक अंलकार है। जैसे-भज्यौ-भजन करना, भाग जाना।
(3) ‘दीपक – सा जलना होगा’ में अलंकार है-
(क) श्लेष अलंकार
(ख) अनुप्रास अलंकार
(ग) उपमा अलंकार
(घ) रूपक अलंकार
उत्तर:
(ग) उपमा अलंकार
(4) ‘आए महंत बसंत’ में निम्न में से कौन-सा अलंकार है ?
(क) उपमा अलंकार
(ख) रूपक अलंकार
(ग) उत्प्रेक्षा अलंकार
(घ) यमक अलंकार
उत्तर:
(ख) रूपक अलंकार
व्याख्या-यहाँ बसंत पर महंत का आरोप होने से रूपक अलंकार है।
(5) ‘मन का मनका फेर’ में अलंकार है-
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) यमक अलंकार
(ग) उपमा अलंकार
(घ) उत्प्रेक्षा अलंकार
उत्तर:
(ख) यमक अलंकार
पाठ्य पुस्तक क्षितिज भाग – 1 (14 अंक)
गद्य खण्ड (7 अंक)
7. निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
जानवरों में गधा सबसे ज़्यादा बुद्धिहीन समझा जाता है। हम जब किसी आदमी को पहले दर्जे का बेवकूफ़ कहना चाहते हैं तो उसे गधा कहते हैं। गधा सचमुच बेवकूफ़ है, या उसके सीधेपन, उसकी निरापद सहिष्णुता ने उसे यह पदवी दे दी है, इसका निश्चय नहीं किया जा सकता। गायें सींग मारतीं हैं, ब्याई हुई गाय तो अनायास ही सिंहनी का रूप धारण कर लेती है। कुत्ता भी बहुत ग़रीब जानवर है, लेकिन कभी-कभी उसे भी क्रोध आ ही जाता है, किन्तु गधे को कभी क्रोध करते नहीं सुना, न देखा । जितना चाहो ग़रीब को मारो, चाहे जैसी खराब, सड़ी हुई घास सामने डाल दो, उसके चेहरे पर कभी असंतोष की छाया भी न दिखाई देगी। बैशाख में चाहे एकाध बार कुलेल कर लेता हो; पर हमने तो उसे कभी खुश होते नहीं देखा। उसके चेहरे पर एक विषाद स्थायी रूप से छाया रहता है। सुख-दुःख, हानि-लाभ, किसी भी दशा में उसे बदलते नहीं देखा ।
(1) किसी मनुष्य को ‘गधा’ कब कहा जाता है ?
(क) उसे बहुत सीधा सिद्ध करने के लिए
(ख) उसे परले दर्जे का बेवकूफ़ सिद्ध करने के लिए
(ग) उसे चालाक सिद्ध करने के लिए
(घ) कामचोर सिद्ध करने के लिए
उत्तर:
(ख) उसे परले दर्जे का बेवकूफ़ सिद्ध करने के लिए
(2) लेखक के अनुसार गधे को पशुओं में सबसे ज़्यादा बुद्धिहीन समझे जाने का क्या कारण रहा होगा ?
(क) उसके सचमुच बेवकूफ़ होने के कारण
(ख) उसके क्रोध न करने के कारण
(ग) उसके सीधेपन या निरापद सहिष्णुता के कारण
(घ) (क) और (ग) दोनों
उत्तर:
(ग) उसके सीधेपन या निरापद सहिष्णुता के कारण
व्याख्या-उसके सीधेपन और सहनशीलता के कारण बुद्धिहीन समझे जाने का कारण यह है कि वह कभी किसी बात पर प्रतिक्रिया नहीं करता। उसे चाहे मारो या खराब घास खिलाओ, वह कभी क्रोध नहीं करता।
(3) गाय और कुत्ता गधे से किस प्रकार भिन्न हैं?
(क) दोनों बहुत सीधे हैं।
(ख) दोनों जंगली जानवर हैं।
(ग) दोनों सींग मारते हैं ।
(घ) दोनों को क्रोध आ जाता है।
उत्तर:
(घ) दोनों को क्रोध आ जाता है।
(4) गधे के चेहरे पर कौन-सा भाव स्थायी रूप से छाया रहता है?
(क) विषाद का
(ख) उल्लास का
(ग) हर्ष का
(घ) उत्सुकता का
उत्तर:
(क) विषाद का
व्याख्या – गधे को न कभी क्रोध आता है और न ही कभी उसे खुश होते देखा जाता है। उसके चेहरे पर एक विषाद स्थायी रूप से छाया रहता है।
(5) गधे की कौन-सी विशेषताएँ उसे अन्य पशुओं से अलग करती हैं ?
(क) सुख – दुःख, हानि-लाभ, किसी भी दशा में उसे बदलते नहीं देखा
(ख) विषम परिस्थितियों में भी उसके चेहरे पर असंतोष दिखाई नहीं देता
(ग) उसे कभी क्रोध नहीं आता
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(घ) उपरोक्त सभी
व्याख्या – गधे को कभी क्रोध नहीं आता । उसे चाहे मारो, चाहे कैसी भी खराब सड़ी हुई घास खाने को दो उसके चेहरे पर कभी असंतोष दिखाई नहीं देता ।
8. ‘क्षितिज भाग-I’ के गद्य पाठों पर आधारित निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
(1) लेखक भिखमंगे के भेष में क्यों यात्रा कर रहे थे ?
(क) डाकुओं के भय से
(ख) अपने धन की रक्षा करने के लिए
(ग) अपनी खराब आर्थिक स्थिति के कारण
(घ) घर से बहुत दूर होने के कारण
उत्तर:
(क) डाकुओं के भय से
व्याख्या – उस समय तिब्बत में हथियार का कानून न होने के कारण यात्रियों को अपनी जान का खतरा रहता था। डाकुओं के भय से लेखक और उनके मित्र ने भिखमंगों के भेष में यात्रा की थी ।
(2) सालिम अली की मृत्यु के पश्चात् भी लेखक को क्या महसूस होता है ?
(क) वे अब कभी लौटकर नहीं आएँगे
(ख) वे वन्य पशुओं की खोज में निकले हैं और शीघ्र ही अपने खोजपूर्ण नतीजों के साथ लौट आएँगे
(ग) वे पक्षियों की खोज में निकले हैं और शीघ्र ही अपने खोजपूर्ण नतीजों के साथ लौट आएँगे
(घ) वे पक्षी के रूप में पुनः जन्म लेंगे।
उत्तर:
(ग) वे पक्षियों की खोज में निकले हैं और शीघ्र ही अपने खोजपूर्ण नतीजों के साथ लौट आएँगे
व्याख्या-लेखक को प्रसिद्ध पक्षिविज्ञानी सालिम अली की मृत्यु के पश्चात् भी ऐसा महसूस होता था मानो वे आज भी गले दूरबीन लटकाए पक्षियों की खोज में ही निकले हैं और अपने खोजपूर्ण नतीजों के साथ शीघ्र लौट आएँगे ।
काव्य खण्ड (7 अंक)
9. निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 2 = 2)
मानुष हों तो वही रसखान बसौं ब्रज गोकुल गाँव के ग्वारन
पशु हों तो कहा बस मेरो चरों नित नंद की धेनु मँझारन
पाहन हों तो वही गिरि को जो धरयो कर छत्र पुरंदर धारन
जो खग हों तो बसेरो करौं नित कालिंदी कूल कदंब की डारन ।
(1) कवि एवं कविता का नाम लिखिए-
(क) ललद्यद – वाख
(ख) कबीर – सबद
(ग) रसखान – सवैये
(घ) पद -सूरदास
उत्तर:
(ग) रसखान – सवैये
व्याख्या – काव्यांश के रचयिता हैं – कवि रसखान तथा कविता का शीर्षक है- सवैये ।
(2) मनुष्य रूप में जन्म लेने पर कवि कहाँ बसना चाहता है ?
(क) ब्रज के गाँव में ग्वाल बालों के बीच
(ख) नंद बाबा और माता यशोदा के घर
(ग) ब्रज के गाँव में गोपियों के बीच
(घ) उपर्युक्त सभी कथन सही हैं
उत्तर:
(क) ब्रज के गाँव में ग्वाल बालों के बीच
(3) कवि किस पर्वत का पत्थर बनना चाहता है ?
(क) हिमालय पर्वत का
(ख) अरावली पर्वत का
(ग) सुमेरु पर्वत का
(घ) गोवर्धन पर्वत का
उत्तर:
(घ) गोवर्धन पर्वत का
व्याख्या-रसखान गोवर्धन का पत्थर बनना चाहते हैं क्योंकि उसे श्रीकृष्ण ने अपनी अँगुली पर धारण किया था।
(4) पक्षी रूप में कवि यमुना किनारे कदंब की डाल पर बसेरा क्यों बनाना चाहता है ?
(क) कदंब के पेड़ के नीचे श्रीकृष्ण रहा करते थे
(ख) क्योंकि वहाँ बहुत सारे पक्षी रहते हैं
(ग) उसके नीचे श्रीकृष्ण मुरली बजाकर गोपियों के संग रास रचाते थे
(घ) (ख) और (ग) दोनों कथन सही हैं
उत्तर:
(ग) उसके नीचे श्रीकृष्ण मुरली बजाकर गोपियों के संग रास रचाते थे
(5) निम्नलिखित में से अनुप्रास अलंकार का उदाहरण है-
(क) मानुष हौं तो वही रसखानि
(ख) कालिंदी कूल कदंब की डारन
(ग) पाहन हौं तो वही गिरि को
(घ) जो खग हौं तो बसेरो करौं
उत्तर:
(ख) कालिंदी कूल कदंब की डारन
व्याख्या – अनुप्रास अलंकार का उदाहरण है- ‘कालिंदी कूल कदंब की डारन’ क्योंकि यहाँ ‘क’ वर्ण की आवृत्ति हुई है ।
10. पाठ्यपुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 2 = 2)
(1) ‘वाख का शाब्दिक अर्थ क्या है ?
(क) वाख ईश्वर भक्त को कहते हैं
(ख) कश्मीर में कविता को ‘वाख’ कहते है
(ग) ‘वाख’ वाणी को कहते हैं
(घ) वाख एक पक्षी का नाम है
उत्तर:
(ग) ‘वाख’ वाणी को कहते हैं
(2) कवि ने गहना किसे कहा है?
(क) चूड़ियाँ
(ख) हथकड़ियाँ
(ग) कंगन
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) हथकड़ियाँ
व्याख्या-कवि को स्वतंत्रता के लिए त्याग करना, बलिदान करना गर्व का काम लगता है इसलिए वे हथकड़ियों को गहना मानते हैं।
खण्ड – ‘ब’ (40)
(वर्णनात्मक प्रश्न)
पाठ्य पुस्तक क्षितिज भाग-1 व पूरक पाठ्य पुस्तक कृतिका भाग-1 (20 अंक)
11. गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए – (2 × 3 = 6)
(1) प्रस्तुत यात्रा – वृत्तांत के आधार पर बताइए कि उस समय का तिब्बती समाज कैसा था ?
उत्तर:
(i) उस समय के तिब्बत में जात-पाँत, छुआछूत आदि का कोई विचार नहीं था ।
(ii) वहाँ की औरतें पर्दा नहीं करती थीं ।
(iii) अतिथि का स्वागत-सत्कार करती थीं ।
(iv) वहाँ के लोग धार्मिक स्वभाव के थे और बौद्ध धर्म को मानते थे ।
(2) लेखक मनुष्य के किस क्रियाकलाप को उसकी भूल बताता है ? ‘साँवले सपनों की याद’ पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर:
मनुष्य प्रकृति और उसके अन्य अंगों यथा-पक्षियों को भी प्रकृति की नज़र से नहीं देखते अपितु मनुष्य की नज़र से देखते हैं । ऐसे में मनुष्य पक्षियों के मधुर संगीत का अनुभव नहीं कर पाता। यही उसकी भूल है ।
(3) सालिम अली पक्षियों को मनुष्य के समरूप नहीं देखने की सलाह क्यों देते थे? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सालिम अली पक्षी प्रेमी थे, पक्षियों से उनका भावनात्मक प्रेम था। पक्षियों में उनकी विशेष रुचि थी तथा उनके प्रति वे विशेष संवेदनशील थे। वाणी रहित पक्षियों को वे मनुष्य के समरूप नहीं देखने की सलाह देते थे क्योंकि पक्षियों को मनुष्य के समरूप देखने से, उनके प्रति करुणा और प्रेम जाग्रत नहीं हो पाएगा।
(4) लेखक ने प्रेमचंद को ‘जनता के लेखक’ क्यों कहा ?
उत्तर:
प्रेमचंद जनता के प्रतिनिधि लेखक थे । उनकी लेखनी में जनता को स्वर मिला है। प्रेमचंद के व्यक्तित्व में आडंबर नहीं था । वे जैसा दिखते थे वैसा ही लिखते थे । वे ग्राम्यजीवन की सच्चाई का वर्णन करने में कुशल थे, यही कारण है कि उनके सभी पात्र गाँव के बीच से होते थे अतः लेखक द्वारा प्रेमचंद को ‘जनता के लेखक’ कहा जाना समीचीन है।
12. निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए- (2 × 3 = 6)
(1) एक लकुटी और कामरिया पर कवि सब कुछ न्योछावर करने को क्यों तैयार है ?
उत्तर:
श्रीकृष्ण की लाठी और कम्बल कवि के लिए साधारण लाठी और कम्बल नहीं हैं। रसखान के आराध्य देव श्रीकृष्ण उस लाठी और कम्बल को लेकर ग्वालबालों के साथ गाय चराने जाया करते थे । उन्हें प्राप्त करके जो सुख कवि को प्राप्त होगा उसके लिए वह तीनों लोकों का राज भी न्यौछावर करने को तैयार है।
(2) साहब को पहचानने का क्या साधन है ? कवयित्री ललद्यद किसे साहब मानती हैं और व्यक्ति को क्या निर्देश देती है ?
उत्तर:
‘साहब (परमात्मा) को पहचानने का साधन भक्ति मार्ग है योग का टेढ़ा मार्ग नहीं । कवयित्री ललद्यद, साहब कहती हैं- परमात्मा (ईश्वर) को । व्यक्ति को वे यही निर्देश देती हैं कि सीधी राह ( भक्ति मार्ग) से परमात्मा को प्राप्त करें, टेढ़ी राह (त्याग मार्ग) से वह प्राप्त नहीं होता ।
(3) कबीर के अनुसार ईश्वर के सच्चे स्वरूप को कौन लोग नहीं जान पाते ?
उत्तर:
कबीर के अनुसार मनुष्य ईश्वर को मंदिर-मस्ज़िद, काबा, काशी, योग- वैराग तथा धार्मिक कर्मकाण्डों, शास्त्रों के ज्ञान से तथा अंध-विश्वासों में लिप्त होकर जानना चाहता है और इससे वास्तविक भक्ति भ्रमित हो जाती है। ऐसे व्यक्ति ईश्वर के सच्चे स्वरूप को नहीं जान पाते हैं। भक्ति के निर्मल व सूक्ष्म भाव का अभाव ही ब्रह्म ज्ञान में बाधक बन जाता है।
(4) ‘क्यों हूक पड़ी वेदना बोझ वाली – सी’ पंक्ति का आशय स्पष्ट करते हुए बताइए कि कवि के द्वारा कोयल से ऐसे प्रश्न करना उसकी किस मानसिक स्थिति का द्योतक है ?
उत्तर:
कवि को कोयल की कूक भी त्रस्त व्यक्ति की वेदना ग्रस्त बोली जैसी लगती है। उसे वह अपनी दुःखी पुकार लग रही है। वह अंग्रेज़ी सरकार के अत्याचारों से पीड़ित है। उसे जेल में सिर्फ़ निराशा ही निराशा दिखती है। उसकी स्वतंत्रता भी छीन ली गई है। उसकी मानसिक स्थिति अत्यन्त दयनीय है। इसलिए स्वयं कवि भी बहुत दुःखी है ।
13. पूरक पाठ्यपुस्तक कृतिका भाग- I के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए- (4 × 2 = 8)
(1) रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद बात-बात पर ‘एक हमारा ज़माना था’ कहकर अपने समय की तुलना वर्तमान समय से करते हैं । इस प्रकार की तुलना करना कहाँ तक तर्कसंगत है ?
उत्तर:
रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद का अपने समय की तुलना वर्तमान समय से करना बिल्कुल तर्कसंगत नहीं है क्योंकि सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक या अन्य क्षेत्रों में आए बदलाव समय सापेक्ष ही होते हैं। ऐसे में “एक हमारा ज़माना था” कहकर अपने ज़माने को श्रेष्ठ साबित करना और वर्तमान को अनुचित कहना परोक्ष रूप से वर्तमान पीढ़ी को अपमानित करना है क्योंकि हर एक समय अपनी उस समय की परिस्थितियों के अनुसार सही होता है। इस प्रकार ऐसी तुलना अव्यावहारिक और अपरिपक्वता का परिचायक हैं।
(2) ‘रीढ़ की हड्डी’ का मुख्य पात्र आप किसे मानते हैं और क्यों ?
उत्तर:
‘रीढ़ की हड्डी’ पाठ में कई पात्र हैं लेकिन मुख्य पात्र जो उभर कर सामने जाता है, वह उमा का है । उमा इस पाठ में बहुत कम समय के लिए थी लेकिन उसके विचारों ने हमें अधिक प्रभावित किया है। उसकी उपस्थिति नारी को एक नई सोच और दिशा प्रदान करती है। वह समाज में नारी के महत्त्व को उजागर करती है ।
(3) लेखिका मृदुला गर्ग ने अपनी नानी को देखा नहीं था फिर भी उनके व्यक्तित्व से वे प्रभावित थीं तो क्यों और किस घटना के आधार पर ?
उत्तर:
नानी शब्द को सुनते ही मन में स्वतंत्र विचारों वाली महिला का चित्र उभर आता है और एक ऐसा व्यक्तित्व उभरकर आता है जो सामने न होते हुए भी हर समय मन में रहता है। लेखिका की नानी परम्परागत रूप से अनपढ़ तथा पर्दा करने वाली, आज़ादी के लिए जुनून रखने वाली ममतामयी माँ, आज़ाद ख्यालों वाली, स्पष्टवादी महिला थीं। उनकी बेटी का विवाह अंग्रेज़ी साहबों के आज्ञाकारी से न होकर, किसी आज़ादी के सिपाही के साथ हो, यह अभिलाषा थी । इसीलिए लेखिका अपनी नानी के व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित थीं ।
14. निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए- (6 × 1 = 6)
(1) हमारा शहर
[ संकेत बिंदु – कौन -सा, विशेषता, हमारा कर्त्तव्य]
उत्तर:
कौन-सा- मैं हिसार शहर में रहता हूँ। यह हरियाणा राज्य में है। हरियाणवी में हिसार शब्द का अर्थ किला या दुर्ग होता है। कहा जाता है कि किसी समय दिल्ली के राजा पृथ्वीराज का यही एक किला था । उसकी पराजय और मृत्यु के बाद राज्य के साथ किला भी मुसलमान राजाओं के हाथों में चला गया। 1356 में सम्राट फीरोज़शाह तुगलक ने इस किले को दुबारा बनवाकर हिसार नाम रखा।
विशेषता – यह शहर चारों तरफ़ से ऊँची-ऊँची दीवारों से घिरा है। शहर में आने-जाने के लिए चार मुख्य द्वार हैं। शहर के में पूरब एक नहर है। शहर की आबादी लगभग साठ हजार है। यहाँ के अधिकांश निवासी हिन्दू हैं । हमारे शहर में तीन हाईस्कूल हैं। तीनों ही स्कूलों की इमारतें बड़ी शानदार हैं। स्टेशन रोड पर मेमोरियल हॉल की शानदार इमारत हर गुज़रने वाले का ध्यान आकर्षित करती है। शहर में एक नगरपालिका, दीवानी व फ़ौजदारी अदालतें हैं तथा हिसार डिविजन का मुख्यालय भी यहीं है। शहर में नलों द्वारा पानी की व्यवस्था है तथा पूरे शहर में बिजली है।
शहर के आस – पास कई प्राचीन स्मारक हैं जिसमें 600 वर्ष पुराना ‘गुजरी’ महल प्रमुख है। यहाँ के गाय-बैल और सांड़ बड़े मशहूर हैं। यहाँ साल में दो बार बड़े पशु मेले लगते हैं, जो पूरे भारत में प्रसिद्ध हैं। राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके के निकट होने के कारण यहाँ गर्मियों में भीषण गर्मी व सर्दियों में तेज़ ठंड पड़ती है। धीरे-धीरे यहाँ लघु और कुटीर उद्योगों के स्थापित होने से विकास के मार्ग खुलने लगे हैं।
हमारा कर्त्तव्य – हरियाणा राज्य को हिसार पर गर्व है । हमारा कर्त्तव्य है कि हम एक आदर्श नागरिक बनकर शहर को साफ़-सुथरा रखें और इसके विकास में योगदान दें। ताकि हमारा शहर हिसार प्रदूषण मुक्त होकर लोगों के आकर्षण का केंद्र बने और अपनी पहचान बनाए रखे।
(2) फ्लैट सिस्टम
[ संकेत बिंदु – वर्तमान जीवन शैली, सुविधाएँ, हानियाँ]
उत्तर:
वर्तमान जीवन शैली – आज जहाँ भी देखो ऊँची-ऊँची बहुमंजिला इमारतें हैं । प्रत्येक मनुष्य का सपना है कि वह इन इमारतों में सुखपूर्वक रहे। इन इमारतों के कारण धीरे-धीरे मनुष्य के रहन-सहन व जीवन-शैली में बदलाव आया है। इनमें रहना आधुनिकता का सूचक है। फ्लैट सिस्टम के कारण पड़ोस कल्चर खत्म हो गया है। आज मनुष्य एकाकी जीवन जीने लगा है। छोटे-छोटे फ्लैटों के कारण संयुक्त परिवार की जगह एकल परिवार ने ले ली है। मानव अपने में ही सिमट गया है। लोग दूसरों के घर-परिवार में दखलंदाजी नहीं करते । सब अपने काम में ही व्यस्त रहते हैं ।
सुविधाएँ – ये फ्लैट सभी सुविधाओं से सम्पन्न होते हैं। ये जितने सुविधाजनक होते हैं उतने प्रतिष्ठा के सूचक भी। इन फ्लैटों में रहने वाले अमीर और इज़्जतदार माने जाते हैं। इसके साथ ही आज आवासीय ज़मीनों की कमी के कारण भी फ्लैट सिस्टम को बढ़ावा मिला है। फ्लैट आज के समय की ज़रूरत है ।
हानियाँ–बहुमंज़िला इमारतें सुविधाजनक होने के साथ हानिकारक भी हैं । ये इमारतें ग्लोबल वार्मिंग बढ़ाती हैं। इनमें होने वाली ऊर्जा की खपत पृथ्वी का खनन सब हानियाँ हैं। इसके साथ ही फ्लैट सिस्टम के कारण बच्चों को बुजुर्गों का प्यार व संस्कार भी नहीं मिल पाते हैं। परस्पर सहयोग व मिल-जुल कर रहने की भावना का विकास भी इस फ्लैट सिस्टम के कारण खत्म होता जा रहा है। असामाजिक गतिविधियों को भी फलने-फूलने का अवसर इस फ्लैट सिस्टम में आसानी से मिल जाता है।
(3) पल-पल परिवर्तित प्रकृति वेश
[ संकेत बिंदु – प्रकृति क्या है ?, इसके बदलते रूप और महत्व, हमारा कर्त्तव्य ।]
उत्तर:
प्रकृति क्या है? – हमारे आस-पास का वातावरण पेड़, पौधे, पर्वत, पहाड़, मैदान, नदियाँ आदि हमारी प्रकृति है । प्रकृति की गोद में वो सुख है जो हजारों लाखों की संपत्ति पाकर भी नहीं मिलता। इसके सानिध्य में रहकर मनुष्य जीने की प्रेरणा पाता है। प्रकृति की हरियाली में सुख और शांति है। जब प्रकृति के आकर्षण में व्यक्ति आनंदमग्न होता है तो उसका मन मुग्ध हो उठता है । प्रकृति का स्वभाव सरल – शांत और सुखकारी है। यहाँ शीतलता भी है, चंचलता भी है । विरल शांति भी है, मन को प्रसन्न करने वाले दृश्य भी हैं।
इसके बदलते रूप और महत्त्व – प्रकृति हर पल अपना रूप बदलती है। वर्षा ऋतु में पर्वतीय प्रदेशों में हर पल परिवर्तित हो रहे परिवेश को देखकर मन प्रफुल्लित हो जाता है। वर्षा ऋतु में कभी पर्वत फूल रूपी आँखों के माध्यम से नीचे तालाब में अपना रूप निहारते हैं, तो कभी झरने पर्वत का गौरवगान करते हैं। कभी पर्वत बादलों के पीछे छिप जाते हैं, तो कभी शाल के वृक्ष धरती में धँसे प्रतीत होते हैं । दृश्य तेज़ी से बदलते रहते हैं। वर्षा-ऋतु में प्रकृति के पर्वतीय प्रदेशों में बदलते बादलों के रूपों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है मानो इन्द्र देव ने इंद्रजाल फैला दिया हो । कभी मूसलाधार वर्षा, कभी धूप, कभी बादलों का छा जाना । धूप के निकलने पर आस-पास के वातावरण का सौन्दर्य स्पष्ट होना; बादलों के आने से चारों ओर अंधेरा छा जाना; झरनों का मोती की लड़ियों के समान सुशोभित होना, झरनों का झर-झर के स्वर से पर्वत का यशगान करना। इन्हें देखकर ऐसा लगता है कि प्रकृति सचमुच पल-पल अपना रूप बदलती है ।
हमारा कर्त्तव्य – आजकल बढ़ते प्रदूषण और बढ़ते औद्योगीकरण के कारण प्रकृति का स्वरूप बिगड़ने लगा है। ग्लेशियर पिघल रहे हैं। वर्षा निश्चित नहीं है अतः हमारा कर्त्तव्य है कि हमें वृक्षों को कम-से-कम काटना चाहिए तथा वृक्षारोपण करना चाहिए। कहीं पर भी तथा विशेषकर पर्वतीय पर्यटन स्थलों पर जाकर गंदगी नहीं फैलानी चाहिए। प्लास्टिक की बोतलों और पॉलिथिन का प्रयोग नहीं करना चाहिए ।
15. किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए- (5 × 1 = 5)
अपने क्षेत्र में पेयजल की समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए स्वास्थ्य अधिकारी को एक पत्र लिखिए ।
अथवा
अपने मित्र को कार दुर्घटना में उसके पिता की मृत्यु पर संवेदना – पत्र लिखिए ।
उत्तर:
क्षेत्र में पेयजल समस्या
सेवा में,
नगर स्वास्थ्य अधिकारी,
नगर महापालिका
फिरोजाबाद
दिनांक : ………..
विषय – विभव नगर क्षेत्र में पेयजल की समस्या
महोदय,
मैं विभव नगर सेक्टर-3 का निवासी हूँ । मई-जून की भीषण गर्मी में इस क्षेत्र के निवासियों को पेयजल के भयंकर संकट का सामना प्रतिवर्ष करना पड़ता है क्योंकि आस-पास लगे नलकूप या तो खराब हो चुके हैं या उनकी रि-बोरिंग आवश्यक है । ऊपर से जिस समय टंकी से पानी सप्लाई किया जाता है तभी बिजली चली जाती है अत: पानी ओवर हैड टैंकों में चढ़ नहीं पाता।
कृपया ट्यूबवैलों को तुरन्त सही कराएँ तथा उस समय बिजली कटौती न करने का अनुरोध बिजली विभाग से करें जब पेयजल की सप्लाई क्षेत्र में की जाती है।
भीषण गर्मी में जनता बूँद-बूँद जल को तरस रही है। यदि पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं की गई तो जनता का आक्रोश फूटते देर न लगेगी। आशा है आप त्वरित कार्यवाही करेंगे।
सधन्यवाद ।
भवदीय,
प्रेम प्रकाश कपूर
2/12 विभव नगर, फिरोज़ाबाद
अथवा
ए-26/15, शालीमार बाग
दिल्ली
दिनांक : 15-06-20XX
प्रिय मित्र अनिल,
तुम्हारे पूज्य पिताजी की एक कार दुर्घटना में आकस्मिक मृत्यु का समाचार सुनकर हृदय में असीम पीड़ा हुई । कुछ क्षणों के लिए इस समाचार पर विश्वास नहीं हुआ। पिछले सप्ताह ही तो मुझे उनसे मिलने का अवसर प्राप्त हुआ था । वे मुझे भी अपना ही पुत्र मानते थे । उनका वह मुस्कान से भरा मुखमण्डल आज भी मेरी आँखों के समक्ष विद्यमान है।
मित्र ! ईश्वर की लीला भी बहुत विचित्र है । इस संसार में कुछ भी स्थायी नहीं है। उसकी आज्ञा के सम्मुख हमें अपना सिर झुकाना ही पड़ता है । मृत्यु पर किसी का भी वश नहीं चलता, मैं जानता हूँ कि तुम्हारे ऊपर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है, पर धैर्य धारण करने के अतिरिक्त कोई अन्य उपाय भी तो नहीं है। तुम तो स्वयं बुद्धिमान एवं धैर्यशील हो । तुम्हें धैर्य धारण करने के साथ ही घर के अन्य सदस्यों को धैर्य बँधाना चाहिए। मैं ईश्वर से यही प्रार्थना हूँ कि वह तुम्हें और तुम्हारे परिवार को इस आकस्मिक आघात को सहन करने की शक्ति प्रदान करे ।
तुम्हारा मित्र,
अरुण
16. ‘साधु और बिच्छू’ पर अपने विचार व्यक्त करते हुए लगभग 100 शब्दों में लघुकथा लिखिए।
अथवा
अपने बैंक मैनेजर को अवकाश के लिए लगभग 100 शब्दों में ई-मेल लिखिए ।
उत्तर:
साधु और बिच्छू
एक बार एक साधु अपने शिष्यों के साथ नदी में स्नान कर रहे थे। तभी एक बिच्छू जल की धारा में बहता हुआ उधर आ गया और साधु ने उसे पानी से निकालने के लिए अपने हाथ पर लेने की कोशिश की । बिच्छू ने साधु के हाथ पर तेज़ डंक का प्रहार किया और बिच्छू साधु के हाथ से छूट कर दूर जा गिरा ।
साधु ने दोबारा उसे हाथ में लेकर बचाने का प्रयास किया पर बिच्छू ने एक बार फिर से साधु के हाथ पर डंक का प्रहार किया और साधु के हाथ से छिटककर पानी की धारा के साथ बहने लगा। साधु ने उसे बचाने के लिए फिर हाथ बढ़ाया और बिच्छू ने फिर से डंक मारा। यह क्रम कई बार चला। उनका एक शिष्य जो ये सब देख रहा था, बोला- ‘महाराज ! जब यह बिच्छू बार-बार आपको डंक मार रहा है तो फिर आप उसे क्यों बचाना चाहते हैं ? उसे बहने दें।
साधु बोला- बिच्छू का स्वभाव ही डंक मारना होता है और जिस प्रकार वह अपना स्वभाव नहीं छोड़ सकता; उसी प्रकार मैं भी अपना स्वभाव नहीं छोड़ सकता। कहने का भाव है कि बार-बार डंक खाने के बाद भी साधु ने बिच्छू की जान बचाई।
विपरीत परिस्थितियों में हमें अपना स्वभाव नहीं बदलना चाहिए ।
अथवा
दिनांक : 10-10-20XX
From : [email protected]
To : [email protected]
cc : [email protected]
BCC : ………..
विषय : अवकाश के सम्बन्ध में ।
प्रति
प्रबन्धक महोदय,
बैंक ऑफ इण्डिया,
फरिहा
महोदय,
उपरोक्त विषय के सन्दर्भ में विनम्र निवेदन है कि मेरा नाम मोहम्मद अनीस है। मैं बैंक में क्लर्क के पद पर कार्यरत् हूँ । आज सुबह मैं बैंक आने की तैयारी कर रहा था कि तभी अचानक पेट में तेज़ दर्द उठने लगा। घर के लोग तत्काल डॉक्टर के पास लेकर गए। डॉक्टर ने दवाएँ दी हैं और दो दिन आराम करने को कहा है।
अतः आपसे आग्रह है कि मुझे दो दिन का अवकाश देने की कृपा करें।
आपकी अति कृपा होगी ।
धन्यवाद
बैंक क्लर्क
मोहम्मद अनीस
बैंक ऑफ इण्डिया, फरिहा
17. ‘शिक्षक दिवस’ पर आयोजित कार्यक्रम को देखकर विद्यार्थी प्रसन्न होते हैं। ऐसे ही किन्हीं दो विद्यार्थियों के मध्य शिक्षक दिवस विषय पर हुए वार्तालाप को संवाद शैली में लगभग 80 शब्दों में लिखिए । (4 × 1 = 4)
अथवा
आप अपने विद्यालय की छात्र संस्था के सचिव हैं तथा विद्यालय में ‘चित्रकला प्रतियोगिता’ आयोजित करवाना चाहते हैं । इससे सम्बन्धित सूचना लगभग 80 शब्दों में लिखिए ।
उत्तर:
दो विद्यार्थियों के मध्य संवाद
कमल : अरे मित्र नमन! कहाँ थे कल तुम, जानते हो न शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में कल विद्यालय में कितने सुन्दर-सुन्दर कार्यक्रमों का आयोजन हुआ था ?
नमन : हाँ मित्र कमल! जानता हूँ, किन्तु देरी से आने के कारण मैं पीछे बैठा था और तुम आगे ।
कमल : अच्छा, मुझे लगा कि तुम नहीं आए। मित्र, मुझे तो उन कार्यक्रमों में सबसे अधिक अच्छा कक्षा आठ के छात्रों द्वारा प्रस्तु किया गया देशभक्ति के गीत पर नृत्य लगा ।
नमन : हाँ मित्र ! वह भी अच्छा था किन्तु मुझे तो कक्षा दस के विद्यार्थी मोहन द्वारा डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन पर दी गई जानकारी और लघु भाषण बहुत अच्छा लगा।
कमल : सही कहा, मित्र ! कल वास्तव में उन्होंने हमें शिक्षक दिवस मनाने का सही कारण बताया और हमें अपने शिक्षकों का सम्मान करने का संदेश भी दिया।
नमन : हाँ मित्र! मैं प्रण लेता हूँ कि मैं सदैव अपने गुरुओं की आज्ञा का पालन करूँगा और उनका सम्मान करूँगा ।
कमल : मैं भी ।
अथवा
क. ख.ग. विद्यालय
क. ख. ग. नगर, उ. प्र.
आवश्यक सूचना
‘चित्रकला प्रतियोगिता’ का आयोजन
तिथि-00.00.20
विदित हो कि दिनांक 00.00.20… (बुधवार) को सुबह 11 बजे विद्यालय के सभागृह में एक ‘चित्रकला प्रतियोगिता’ का आयोजन किया जाएगा। चित्रकला का मुख्य विषय पर्यावरण है। इसमें 9वीं से लेकर 11वीं कक्षा के छात्र ही भाग ले सकेंगे, इस प्रतियोगिता में अन्य विद्यालयों को भी चित्रकला प्रतियोगिता के लिए आमंत्रित किया गया है। अतः अपना नामांकन निम्नलिखित अधिकारी के पास उक्त तिथि से दो दिन पूर्व तक अवश्य करा दें। आपको ड्राइंग शीट तथा रंग यहीं उपलब्ध कराए जाएँगे । आप सभी समय से आइए तभी प्रतियोगिता का हिस्सा बन पाएँगे ।
निवेदक,
सचिव (छात्र संस्था)
क. ख. ग. विद्यालय, क. ख. ग नगर