Students must start practicing the questions from CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A with Solutions Set 2 are designed as per the revised syllabus.
CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A Set 2 with Solutions
निर्धारित समय: 3 घण्टे
पूर्णांक: 80
सामान्य निर्देशः
1. इस प्रश्नपत्र में दो खण्ड हैं- खण्ड ‘अ’ और ‘ब’ । खण्ड-अ में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खण्ड-ब में वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
2. प्रश्नपत्र के दोनों खण्डों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
3. यथासम्भव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए ।
4. खण्ड ‘अ’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 44 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
5. खण्ड ‘ब’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
खण्ड – ‘अ’ (बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्न)
अपठित गद्यांश व काव्यांश (10 अंक)
1. निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए । (1 × 5 = 5)
असफ़लता समझदार को भी तोड़ देती है । असफल इंसान इच्छाशक्ति, आत्मविश्वास, सही दिशा आदि सब खो बैठता है। लेकिन जो इन्हें कसकर पकड़े रहता है, वह हार को जीत में बदलने की सामर्थ्य रखता है। एक ग्रीक लेखक के अनुसार, जो हम अंदर से हासिल करते हैं, वह बाहर की असलियत को बदल देता है । अंधेरे-उजाले की तरह हार-जीत का दौर भी चलता रहता है । पर न अंधेरा चिरकालीन होता है और न उजाला । घड़ी का बराबर आगे बढ़ना हममें यह आशा भर देता है कि समय कितना भी उल्टा क्यों न हो, रुका नहीं रह सकता। किसी विद्वान का कथन है कि आदमी की सफलता उसके ऊँचाई तक चढ़ने में नहीं, अपितु इसमें है कि नीचे तक गिरने के बाद वह फिर से कितना उछल पाता है। असफ़लता से हमें यही प्रेरणा मिलती है जिससे हम लक्ष्य तक पहुँचने के नए रास्ते खोजते हैं। हममें कुछ करने की कामना जागती है। असफ़लता को नकारात्मक मानना भूल है, क्योंकि उसी में सफ़लता का मूल छिपा है। उसी से बाधाओं से जूझने की शक्ति मिलती है। दुर्भाग्य और हार छद्म वेश में वरदान ही होते हैं। असफ़लता प्रकृति की वह योजना है जिससे कि शक्ति मिलती है। असफ़लता प्रकृति की वह योजना है जिससे आदमी के दिल का कूड़ा-करकट जल जाता है और वह शुद्ध हो जाता है, तब वह उसे उड़ने के लिए नए पंख देती है।
(1) किसी विद्वान के अनुसार आदमी की सफलता किस में निहित है?
(क) कि वह नीचे गिरने के बाद कब उठता है ?
(ख) कि नीचे गिरने के बाद वह फिर से कितना उछल पाता है ?
(ग) कि वह कितना नीचे गिर सकता है ?
(घ) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर:
(ख) कि नीचे गिरने के बाद वह फिर से कितना उछल पाता है ?
(2) असफ़लता को नकारात्मक मानना भूल है, क्योंकि-
(क) वह समझदार को भी तोड़ देती है।
(ख) वह जीत को हार में बदल देती है।
(ग) उसी में सफ़लता का मूल छिपा होता है।
(घ) उपर्युक्त सभी कथन सही हैं।
उत्तर:
(ग) उसी में सफ़लता का मूल छिपा होता है।
व्याख्या-असफ़लता प्रकृति की वह योजना है जो बाधाओं से जूझने की शक्ति देती है तथा उसी में सफ़लता का मूल छिपा होता है।
(3) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उचित विकल्प चुनिए-
कथन (A) : अपनी हार को जीत में बदलने की सामर्थ्य व्यक्ति रखता है।
कारण (R) : व्यक्ति अपनी इच्छाशक्ति, आत्मविश्वास और दृढ़शक्ति के साथ सही दिशा को चुनता है।
(क) कथन (A) गलत है, किन्तु कारण (R) सही है ।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) सही है, किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
व्याख्या-असफ़ल इंसान इच्छाशक्ति, आत्मविश्वास, सही दिशा आदि सब खो बैठता है लेकिन जो व्यक्ति इन्हें कसकर पकड़े रहता है, वह हार को जीत में बदलने की सामर्थ्य रखता है।
(4) ‘असफ़लता के सकारात्मक पक्ष होते हैं ।’ – उपर्युक्त कथन के पक्ष में निम्नलिखित तर्कों पर विचार कीजिए-
1. इससे व्यक्ति को बाधाओं से जूझने की शक्ति मिलती है।
2. इससे आदमी के दिल का कूड़ा-करकट जल जाता है।
3. असफ़लता व्यक्ति को उड़ने के लिए नए पंख देती है ।
(क) 1 सही है ।
(ख) 2 सही है।
(ग) 3 सही है।
(घ) 1, 2 और 3 तीनों सही हैं।
उत्तर:
(घ) 1, 2 और 3 तीनों सही हैं।
(5) असफ़लता से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
(क) समय सदा एक-सा नहीं रहता ।
(ख) हम लक्ष्य तक पहुँचने के नए रास्ते खोजते हैं ।
(ग) हमारे मन में कुछ करने की कामना जागती है।
(घ) (ख) और (ग) दोनों कथन सही हैं।
उत्तर:
(घ) (ख) और (ग) दोनों कथन सही हैं।
2. निम्नलिखित काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए । (1 × 5 = 5)
हाँ, जानकर भी मैंने न भरत को जाना,
सब सुन लें, तुमने स्वयं अभी यह माना ।
यह सच है तो फिर लौट चलो घर भैया,
अपराधिन हूँ मैं तात तुम्हारी मैया ।
दुर्बलता का ही चिन्ह विशेष शपथ है,
पर, अबलाजन के लिए कौन-सा पथ है ?
यदि मैं उकसाई गई भरत से होऊँ,
तो पति – समान ही स्वयं पुत्र को भी खोऊँ
ठहरो, मत रोको मुझे, कहूँ सो सुन लो,
पाओ यदि उसमें सारा, उसे सब चुन लो ।
करके पहाड़-सा पाप मौन रह जाऊँ ?
राईभर भी अनुताप न करने पाऊँ ।
उल्का -सी रानी दिशा दीप्त करती थी,
सबमें भय, विस्मय और खेद भरती थी ।
“क्या कर सकती थी मरी मंथरा दासी,
मेरा मन ही रह सका ना निज विश्वासी
जल पंजर-गत अब अधीर, अभागे,
ये ज्वलित भाव थे
स्वयं तुझमें जागे।
(1) इस काव्यांश में कौन किस से घर लौटने के लिए कह रहा है ?
(क) माता कैकेयी भरत से
(ख) माता कैकेयी श्रीराम से
(ग) माता कौशल्या श्रीराम से
(घ) माता सुमित्रा लक्ष्मण से
उत्तर:
(ख) माता कैकेयी श्रीराम से
(2) कैकेयी अपने द्वारा शपथ खाने की बात को क्या मानती हैं?
(क) अपनी दुर्बलता का चिह्न
(ख) अपनी सत्यता का प्रमाण
(ग) अपनी कठोरता का चिह्न
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) अपनी दुर्बलता का चिह्न
(3) कैकेयी पति के समान पुत्र को भी खोने की बात किस परिस्थिति में कहती हैं?
(क) वे अपनी शपथ को सत्य सिद्ध करने के लिए ऐसा कहती हैं ।
(ख) उन्हें लगता है कि यदि राम नहीं लौटे तो वे भरत को भी खो देंगी।
(ग) वे श्री राम को विश्वास दिलाना चाहतीं हैं कि भरत निर्दोष हैं।
(घ) (क) और (ग) दोनों
उत्तर:
(घ) (क) और (ग) दोनों
(4) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उचित विकल्प चुनिए-
कथन (A): मंथरा कैकेयी की साधारण-सी दासी है।
कारण (R) : कैकेयी मंथरा को निर्दोष मानती है ।
(क) कथन (A) सही है, किन्तु कारण (R) गलत है।
(ख) कथन (A) गलत है, किन्तु कारण (R) सही है।
(ग) कथन (A) व कारण (R) दोनों सही हैं और कथन (A) कारण (R) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) व कारण (R) दोनों सही हैं, किन्तु कथन (A) कारण (R) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(घ) कथन (A) व कारण (R) दोनों सही हैं, किन्तु कथन (A) कारण (R) की सही व्याख्या नहीं है।
व्याख्या-कैकेयी मंथरा को निर्दोष बताते हुए कहती है कि मंथरा तो साधारण-सी दासी है। वह भला मेरे मन को कैसे बदल सकती है ? सच तो यह है कि स्वयं मेरा ही मन अविश्वासी हो गया था।
(5) अपने बेटे भरत के संदर्भ में कैकेई क्या स्वीकार करती हैं?
(क) माँ होकर भी मैंने अपने पुत्र के स्वभाव को नहीं पहचाना
(ख) भरत के बारे में सब कुछ जानने का
(ग) भरत अपने भाइयों से प्यार नहीं करते
(घ) भरत को अयोध्या के राज्य का लालच था ।
उत्तर:
(क) माँ होकर भी मैंने अपने पुत्र के स्वभाव को नहीं पहचाना
व्याकरण (16 अंक)
3. निर्देशानुसार ‘ उपसर्ग और प्रत्यय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए । (1 × 4 = 4)
(1) ‘स’ उपसर्ग से बना शब्द है-
(क) सम्यक्
(ख) समय
(ग) संन्यासी
(घ) साकार
उत्तर:
(घ) साकार
(2) ‘अध्यक्ष’ में उपसर्ग है-
(क) अ
(ख) अति
(ग) अधि
(घ) अध्
उत्तर:
(ग) अधि
(3) ‘प्यास’ में प्रत्यय है-
(क) स
(ख) यास
(ग) आस
(घ) अस
उत्तर:
(ग) आस
(4) ‘आनी’ प्रत्यय से बना शब्द नहीं है-
(क) जेठानी
(ख) बेइमानी
(ग) देवरानी
(घ) मेहतरानी
उत्तर:
(ख) बेइमानी
(5) ‘उल्लंघन’ में उपसर्ग है-
(क) उ
(ख) उल्
(ग) उत
(घ) उत्
उत्तर:
(घ) उत्
4. निर्देशानुसार ‘समास’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए । (1 × 4 = 4)
(1) ‘तिराहा’ शब्द का विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) तीन के लिए राह – तत्पुरुष समास
(ख) तीन और राह – द्वंद्व समास
(ग) तीन राहों का समाहार – द्विगु समास
(घ) तीन राहें हैं जिसकी – बहुव्रीहि समास
उत्तर:
(ग) तीन राहों का समाहार – द्विगु समास
व्याख्या-तिराहा समास पद में पहला पद संज्ञावाची विशेषण होने के कारण द्विगु समास है।
(2) ‘माता – पिता’ का विग्रह कर समास का भेद बताइए-
(क) माता और पिता – द्वंद्व समास
(ख) माता है जो पिता – कर्मधारय समास
(ग) माता के पिता – तत्पुरुष समास
(घ) माता पिता का समाहार – द्विगु समास
उत्तर:
(क) माता और पिता – द्वंद्व समास
(3) ‘श्वेतांबर’ का विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) श्वेत है जो अंबर – कर्मधारय समास
(ख) श्वेत और अंबर – द्वन्द्व समास
(ग) श्वेत रूपी अंबर – कर्मधारय समास
(घ) श्वेत के समान अंबर – तत्पुरुष समास
उत्तर:
(क) श्वेत है जो अंबर – कर्मधारय समास
(4) ‘नरसिंह’ का विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) नर और सिंह – द्वन्द्व समास
(ख) सिंह के समान है जो नर – कर्मधारय समास
(ग) सिंह के समान नर – तत्पुरुष समास
(घ) नर और सिंह – कर्मधारय समास
उत्तर:
(ख) सिंह के समान है जो नर – कर्मधारय समास
(5) ‘कन्यादान’ का विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) कन्या का दान – तत्पुरुष समास
(ख) कन्या है जो दान – कर्मधारय समास
(ग) कन्या और दान — द्वन्द्व समास
(घ) कन्या के लिए दान – तत्पुरुष समास
उत्तर:
(क) कन्या का दान – तत्पुरुष समास
व्याख्या-इसमें तत्पुरुष समास है क्योंकि इसमें पहला पद गौण और दूसरा पद प्रधान होता है। अतः समास का विग्रह करने पर कारक चिहन का प्रयोग किया गया है।
5. निर्देशानुसार ‘अर्थ के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(1) ‘लता तुम गाना सुनाओ।’ अर्थ के आधार पर वाक्य है-
(क) विधानवाचक वाक्य
(ख) इच्छावाचक वाक्य
(ग) आज्ञावाचक वाक्य
(घ) संकेतवाचक वाक्य
उत्तर:
(ग) आज्ञावाचक वाक्य
व्याख्या-इस वाक्य में लता को गाना सुनाने की आज्ञा दी गई है अतः यह आज्ञावाचक वाक्य है।
(2) ‘मनोरमा कविता बैठकर पढ़ती है। ‘ संदेहवाचक वाक्य में बदलिए-
(क) मनोरमा शायद कविता बैठकर पढ़ती है ।
(ख) मनोरमा कविता बैठकर शायद पढ़ती है।
(ग) मनोरमा कविता शायद बैठकर पढ़ती है ।
(घ) शायद मनोरमा कविता बैठकर पढ़ती है।
उत्तर:
(घ) शायद मनोरमा कविता बैठकर पढ़ती है।
(3) ‘हो सकता है आज वर्षा हो ।’ अर्थ के आधार पर वाक्य भेद बताइए –
(क) विधानवाचक वाक्य
(ख) आज्ञावाचक वाक्य
(ग) संदेहवाचक वाक्य
(घ) इच्छावाचक वाक्य
उत्तर:
(ग) संदेहवाचक वाक्य
(4) ‘आपको जीवन में सदा सफ़लता मिले।’ अर्थ के आधार पर वाक्य भेद बताइए-
(क) विधानवाचक वाक्य
(ख) आज्ञावाचक वाक्य
(ग) विस्मयवाचक वाक्य
(घ) इच्छावाचक वाक्य
उत्तर:
(घ) इच्छावाचक वाक्य
(5) ‘माला आज नहीं नाचेगी । ‘ वाक्य को विधानवाचक वाक्य में परिवर्तित कीजिए-
(क) क्या माला आज नाचेगी ?
(ख) माला आज नाचेगी।
(ग) माला आज नाचो ।
(घ) माला आज शायद नाचेगी।
उत्तर:
(ख) माला आज नाचेगी।
6. निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(1) ‘हाय ! फूल – सी कोमल बच्ची हुई राख की थी ढेरी’ में अलंकार है-
(क) उपमा अलंकार
(ख) रूपक अलंकार
(ग) उत्प्रेक्षा अलंकार
(घ) पुनरुक्ति अलंकार
उत्तर:
(क) उपमा अलंकार
(2) ‘कनक- कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय’ में अलंकार है-
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) यमक अलंकार
(ग) उपमा अलंकार
(घ) श्लेष अलंकार
उत्तर:
(ख) यमक अलंकार
(3) ‘बंदौ गुरुपद परम परागा’ में अलंकार है-
(क) उपमा अलंकार
(ख) रूपक अलंकार
(ग) उत्प्रेक्षा अलंकार
(घ) मानवीकरण अलंकार
उत्तर:
(ख) रूपक अलंकार
व्याख्या-‘ बंदौ गुरुपद परम परागा’ काव्य पंक्ति में गुरुपद में पद्म (कमल) का आरोप होने से रूपक अलंकार है।
(4) ‘नभ पर चमचम चपला चमकी’ में अलंकार है-
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) श्लेष अलंकार
(ग) उपमा अलंकार
(घ) उत्प्रेक्षा अलंकार
उत्तर:
(क) अनुप्रास अलंकार
व्याख्या-‘ च’ वर्ण की आवृत्ति के कारण यहाँ अनुप्रास अलंकार है।
(5) ‘खुले कोरे पृष्ठ जैसा वही उज्ज्वल वही पारस रूप’ में अलंकार है-
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) यमक अलंकार
(ग) उपमा अलंकार
(घ) उत्प्रेक्षा अलंकार
उत्तर:
(ग) उपमा अलंकार
पाठ्य पुस्तक क्षितिज भाग-1 (14 अंक)
गद्य खण्ड (7 अंक)
7. निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
संयोग की बात, झूरी ने एक बार गोईं को ससुराल भेज दिया। बैलों को क्या मालूम, वे क्यों भेजे जा रहे हैं। समझे, मालिक ने हमें बेच दिया। अपना यों बेचा जाना उन्हें अच्छा लगा या बुरा, कौन जाने, पर झूरी के साले गया को घर तक गोईं ले जाने में दाँतों पसीना आ गया। पीछे से हाँकता तो दोनों दाएँ-बाएँ भागते, पगहिया पकड़कर आगे से खींचता, तो दोनों पीछे को ज़ोर लगाते। मारता तो दोनों सींग नीचे करके हुँकारते। अगर ईश्वर ने उन्हें वाणी दी होती, तो झूरी से पूछते – “तुम हम गरीबों को क्यों निकाल रहे हो? हमने तो तुम्हारी सेवा में कोई कसर नहीं रखी।”
(1) झूरी ने दोनों को किसके साथ कहाँ भेज दिया ?
(क) अपने भाई के साथ अपने गाँव
(ख) अपने साले के साथ अपनी ससुराल
(ग) अपने पिता के साथ खेत में
(घ) सेठ के हाथों बाज़ार में
उत्तर:
(ख) अपने साले के साथ अपनी ससुराल
व्याख्या-एक बार झूरी ने अपने बैलों हीरा और मोती को अपने साले गया के साथ अपनी ससुराल भेज दिया।
(2) झूरी के द्वारा बैलों को भेजे जाने को उन्होंने क्या समझा ?
(क) मालिक ने हमें बेच दिया ।
(ख) मालिक हमसे नाराज़ हैं ।
(ग) मालिक हमारे काम से खुश नहीं है।
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी
व्याख्या-दोनों ने समझा कि हमारे मालिक हमारे काम से शायद खुश नहीं थे इसलिए नाराज़ होकर हमें बेच दिया है। उन्हें बुरा लगा।
(3) गद्यांश में आएं ‘दाँतों पसीना आना’ मुहावरे का क्या अर्थ है ?
(क) दाँत में पसीना आ जाना
(ख) दाँतों में दर्द होना
(ग) बहुत क्रोध करना
(घ) बहुत परिश्रम करना
उत्तर:
(घ) बहुत परिश्रम करना
व्याख्या-गद्यांश में आए इस मुहावरे का अर्थ है-बहुत परिश्रम करना। हीरा और मोती के उनकी इच्छा के विरुद्ध अपने घर तक ले जाने में गया को बहुत परिश्रम करना पड़ा।
(4) गया द्वारा मारे जाने पर दोनों बैलों की क्या प्रतिक्रिया होती थी ?
(क) दोनों सींग नीचे करके हुँकारते थे।
(ख) दोनों पीछे को ज़ोर लगाते थे ।
(ग) दोनों नीचे बैठ जाते थे ।
(घ) दोनों दाएँ-बाएँ भागने लगते थे ।
उत्तर:
(क) दोनों सींग नीचे करके हुँकारते थे।
(5) अपने बेचे जाने के भ्रम में बैलों को झूरी से क्या शिकायत थी ?
(क) उसने हमें पैसों के लिए क्यों बेच दिया ?
(ख) इतनी सेवा करने पर भी उन्हें उनके घर से क्यों निकाल दिया ?
(ग) बेचे जाने से पहले हमें बताया क्यों नहीं ?
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) इतनी सेवा करने पर भी उन्हें उनके घर से क्यों निकाल दिया ?
व्याख्या-अपना घर छोड़ने पर हीरा और मोती बहुत दु:खी थे। अगर ईश्वर ने उन्हें वाणी दी होती तो वह अपने मालिक से शायद यही पूछते कि इतनी सेवा करने के बाद भी तुम हम गरीबों को अपने घर से क्यों निकाल रहे हो ?
8. ‘क्षितिज भाग-I’ के गद्य पाठों पर आधारित निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 2 = 2)
(1) प्रेमचंद की व्यंग्य मुस्कान से लेखक के हौंसले पस्त होने का क्या कारण है?
(क) वे सीधे-साधे थे
(ख) लगता था मानों लेखक का ही मज़ाक उड़ा रहे हैं
(ग) वे गरीबों पर व्यंग्य करते थे
(घ) वे बाह्य आडंबर करते थे
उत्तर:
(ख) लगता था मानों लेखक का ही मज़ाक उड़ा रहे हैं
(2) सुमति ने अपनी नाराज़गी प्रकट करते हुए लेखक से क्या कहा ?
(क) मैंने दो टोकरी कंडे फूँक डाले ।
(ख) मुझे तुम्हारे न आने से डर लग रहा था।
(ग) मैंने तीन-तीन बार चाय को गरम किया ।
(घ) (क) और (ग) दोनों
उत्तर:
(घ) (क) और (ग) दोनों
व्याख्या-सुमति ने लेखक को गुस्से से बताया कि उनके इंतज़ार में उन्होंने ठंड से बचने के लिए दो टोकरी कंडे फूँक दिए और तीन बार चाय को गर्म किया।
काव्य खण्ड (7 अंक)
9. निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
थल-थल में बसता है शिव ही,
भेद न कर क्या हिंदू-मुसलमां ।
ज्ञानी है तो स्वयं को जान,
वही है साहिब से पहचान ।।
(1) कवयित्री के अनुसार ईश्वर कहाँ रहता है?
(क) ईश्वर सर्वत्र व्याप्त है
(ख) ईश्वर पूजा स्थलों में रहता है
(ग) ईश्वर तीर्थ स्थानों में व्याप्त है
(घ) ईश्वर आकाश में रहता है
उत्तर:
(क) ईश्वर सर्वत्र व्याप्त है
व्याख्या-कवयित्री के अनुसार ईश्वर थल-थल में अर्थात् सर्वत्र व्याप्त है।
(2) ईश्वर को किस प्रकार प्राप्त किया जा सकता है ?
(क) कठिन तपस्या के द्वारा
(ख) हठ योग साधना के द्वारा
(ग) आत्मज्ञानी बनकर
(घ) पूजा, व्रत और हवन द्वारा
उत्तर:
(ग) आत्मज्ञानी बनकर
(3) आत्मज्ञानी, ईश्वर को कैसे पा सकता है ?
(क) मनुष्य में निहित आत्मा के परमात्मा का ही अंश होने के ज्ञान – बोध द्वारा
(ख) अपने अच्छे-बुरे कर्मों के बारे में जानकर
(ग) दूसरों की अच्छाइयों के बारे में जानकर
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) मनुष्य में निहित आत्मा के परमात्मा का ही अंश होने के ज्ञान – बोध द्वारा
व्याख्या-मनुष्य में निहित आत्मा के परमात्मा का ही अंश होने के ज्ञान-बोध के पश्चात् आत्मज्ञानी अपनी आत्मा को शुद्ध बनाकर अर्थात् सद्गुणों का विकास करके ईश्वर को पा सकता है।
(4) सर्वव्यापी ईश्वर को मनुष्य क्यों नहीं खोज पाता है?
(क) प्रभु की सच्ची भक्ति करने के कारण
(ख) बाह्य आडंबरों द्वारा ईश्वर को पाने की कोशिश करने के कारण
(ग) धर्म के आधार पर एकता के कारण
(घ) (ख) और (ग) दोनों कथन सही है
उत्तर:
(ख) बाह्य आडंबरों द्वारा ईश्वर को पाने की कोशिश करने के कारण
(5) कवयित्री ने मनुष्य को क्या संदेश दिया है?
(क) धर्म के आधार पर भेदभाव न करके सबको एक समझने का
(ख) जाति के आधार पर भेदभाव करने का
(ग) सामाजिक आधार पर एक हो जाने का
(घ) क्षेत्र विशेष के आधार पर भेदभाव करने का
उत्तर:
(क) धर्म के आधार पर भेदभाव न करके सबको एक समझने का
10. पाठ्यपुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 2 = 2)
(1) रसखान ब्रज में ही क्यों बसना चाहते हैं?
(क) ब्रज श्री कृष्ण की लीला स्थली है।
(ख) ब्रज भारत का एक महत्त्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।
(ग) ब्रज उनका पैतृक निवास स्थान है।
(घ) उन्हें ब्रज का सौन्दर्य आकर्षित करता है ।
उत्तर:
(क) ब्रज श्री कृष्ण की लीला स्थली है।
व्याख्या-रसखान कवि कृष्ण के अनन्य उपासक थे और ब्रज श्री कृष्ण की लीला स्थली है थे।
(2) कवयित्री ने ‘माझी’ किसे कहा है?
(क) गुरु को
(ख) नाविक को
(ग) मध्य में रहने वाले को
(घ) परमात्मा को
उत्तर:
(घ) परमात्मा को
व्याख्या-कवयित्री ने परमात्मा को ‘माझी’ कहकर संबोधित किया है क्योंकि वही हमें भवसागर अर्थात् संसार रूपी सागर से पार उतारता है।
‘खण्ड – ‘ब’ (40)
(वर्णनात्मक प्रश्न)
पाठ्य पुस्तक क्षितिज भाग-1 व पूरक पाठ्य पुस्तक कृतिका भाग-1 (20 अंक)
11. गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए – (2 × 3 = 6)
(1) हीरा और मोती ने दूसरी बार गया के घर भेजे जाने का किस प्रकार विरोध किया ?
उत्तर:
सबसे पहले मोती ने बैलगाड़ी समेत गया को खाई में गिराना चाहा, परन्तु हीरा ने ऐसा करने से मोती को रोक दिया। जब उनके सामने सूखा चारा डाला गया तो उन्होंने भूसे की ओर देखा तक नहीं। जब गया ने हीरा की नाक पर डंडे बरसाए तब मोती ने उसके हल, जुआ, जोत आदि सब तोड़ डाले, अन्त में उन्होंने फिर से वहाँ से निकल भागने की योजना बनाई और वे इस योजना में कामयाब रहे।
(2) सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री के सामने पर्यावरण से सम्बन्धित किन खतरों को बताया ?
उत्तर:
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के सामने सालिम अली ने केरल की साइलेंट वैली में पर्यावरण से सम्बन्धित खतरों को उजागर किया है तथा उससे होने वाली क्षति से भी अवगत कराया है। उस समय केरल पर गर्म झोंकों का खतरा मंडरा रहा था जिससे वहाँ पर्यावरण दूषित हो रहा था।
(3) “सभी नदियाँ पहाड़ थोड़े ही फोड़ती हैं” पंक्ति में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
‘सभी नदियाँ पहाड़ को फोड़कर रास्ता नहीं बनातीं’ अपितु रास्ता बदलकर निकल जाती हैं।’
समाज की बुराइयों व रूढ़िवादी परम्पराओं को देखकर भी बहुत-से विचारवान लोग कुछ नहीं करते, चुप रहकर मूकदर्शक बने रहते हैं। प्रेमचंद जी ने ऐसे लोगों पर व्यंग्य किया है, यह उनका ठोकर मारना था। प्रेमचंद ने समाज की कुरीतियों से न जूझने की प्रवृत्ति पर व्यंग्य किया है। वह कहते हैं कि उनसे संघर्ष करने की अपेक्षा प्रेमचंद को अपना मार्ग ही बदल लेना चाहिए था, जिससे उन्हें कष्ट भी नहीं होता और राह भी आसान हो जाती ।
(4) छोटी बच्ची का बैलों के प्रति प्रेम क्यों उमड़ आया ? ‘दो बैलों की कथा’ पाठ के माध्यम से बताइए।
उत्तर:
छोटी बच्ची की माँ बचपन में ही मर गई थी। उसकी सौतेली माँ उसके साथ बहुत बुरा बर्ताव करती थी, बात-बात पर मारती थी और भरपेट खाना भी नहीं देती थी। बैलों के साथ भी वैसा ही व्यवहार होते देखकर उसके मन में बैलों के प्रति प्रेम उमड़ आया । अतः वह उन्हें चुपके-चुपके रोटी खिलाने लगी ।
12. निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए- (2 × 3 = 6)
(1) कोयल की कूक सुनकर कवि की क्या प्रतिक्रिया थी ?
उत्तर:
कवि को कोयल की कूक सुनकर ऐसा लगता है जैसे कोयल हमें कोई महत्त्वपूर्ण सन्देश देना चाहती है। उसकी कोई विवशता है, इसलिए कोयल ने सुबह होने का इन्तज़ार नहीं किया ।
(2) ‘कैदी और कोकिला’ कविता में वर्णित विषय-वस्तु में हमें किस संघर्ष की झलक मिलती है ? बताइए कि कवि माखनलाल चतुर्वेदी का उससे क्या सम्बन्ध रहा था ?
उत्तर:
कैदी और कोकिला कविता की विषयवस्तु हमें भारत के स्वतन्त्रता – संग्राम (संघर्ष) की याद दिलाती है । कवि माखनलाल चतुर्वेदी एक स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी थे । स्वतन्त्रता आन्दोलन के दौरान उन्हें कई वर्ष जेल में व्यतीत करने पड़े।
(3) मेघों के आने पर प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन हुए?
उत्तर:
मेघ रूपी मेहमान के आने पर हवा सनसनाती चलने लगी। हवा से दरवाज़े-खिड़कियाँ खुलने लगे। पेड़ झुकने लगे, पीपल जैसे बड़े-बड़े पेड़ भी डोलने लगे । बेलें हर्षित हुईं। तालाब में आशा की लहरें उठने लगीं। क्षितिज पर बादल गहराने लगे। बिजली चमकने लगी ।
(4) ब्रजभूमि के प्रति कवि का प्रेम किन-किन रूपों में अभिव्यक्त हुआ है ?
उत्तर:
ब्रजभूमि के प्रति कवि का प्रेम अनेक रूपों में अभिव्यक्त हुआ है-
(i) कवि मनुष्य के रूप में ब्रजभूमि में जन्म लेकर वहाँ के ग्वालों के साथ रहना चाहता है।
(ii) पशु (गाय) के रूप में ब्रजभूमि में जन्म लेकर कवि नन्द बाबा की गायों के बीच विचरण करना चाहता है।
(iii) कवि पक्षी के रूप में भी ब्रजभूमि में जन्म लेकर यमुना के किनारे कदंब के पेड़ पर निवास करना चाहता है।
(iv) कवि पत्थर के रूप में भी गोवर्धन पर्वत का पत्थर बनना चाहता है ।
13. पूरक पाठ्यपुस्तक कृतिका भाग- I के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए- (4 × 2 = 8)
(1) रामस्वरूप का अपनी बेटी को उच्च शिक्षा दिलवाना और विवाह के लिए छिपाना, यह विरोधाभास उनकी किस विवशता को उजागर करता है?
उत्तर:
रामस्वरूप का अपनी बेटी को उच्च शिक्षा दिलवाना और विवाह के लिए छिपाना, यह विरोधाभास है क्योंकि आधुनिक समाज में सभ्य नागरिक होने के बावजूद उन्हें अपनी बेटी के भविष्य की खातिर रूढ़िवादी लोगों के समक्ष झुकना पड़ रहा था । यह विवशता एक ओर अपनी बेटी को सक्षम बनाना चाहती है दूसरी ओर वह समाज के नियमों को मानने के लिए भी बाध्य हैं ।
(2) समाज में महिलाओं को उचित गरिमा दिलाने हेतु कौन-कौन से प्रयास किए जाने चाहिए ?
उत्तर:
समाज में महिलाओं को उचित गरिमा दिलाने हेतु हम निम्नलिखित प्रयास कर सकते हैं-
(i) हम स्वयं भी नारी का सम्मान करें एवं दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
(ii) स्त्री शिक्षा को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं।
(iii) हम नारी के अधिकारों का आदर करते हुए माँ, बहन तथा अन्य सभी स्त्रियों के प्रति अपने कर्त्तव्यों का समुचित पालन करें।
(iv) समाज की पुरुष – प्रधान सोच को बदलने हेतु प्रयास कर सकते हैं।
(v) दहेज एवं नारी – शोषण का विरोध कर उन्हें उचित गरिमा दिला सकते हैं।
(vi) नारी के प्रति हो रहे अत्याचार का मुखर विरोध कर संघर्ष में उनका साथ दे सकते हैं।
(3) लेखिका की दादी के घर के माहौल का शब्द – चित्र अंकित कीजिए ।
उत्तर:
लेखिका की दादी के घर का माहौल दूसरे घरों से अलग था । उनके घर में लड़की – लड़के में कोई भेद नहीं था । स्त्रियों का पूरा आदर-सम्मान किया जाता था । लेखिका की माँ का भी घर में बहुत मान-सम्मान किया जाता था । स्वयं दादी ने अपनी पतोहू के गर्भवती होने पर लड़की होने की कामना सभी के सामने कर दी थी। परिवार में साहित्यिक माहौल भी था । लेखिका की माँ पुस्तकें पढ़ने, साहित्य पढ़ने, संगीत सुनने, चर्चा करने में अपना अधिकतर समय व्यतीत करती थीं ।
लेखन (20 अंक)
14. निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए- (6 × 1 = 6)
(1) विद्यार्थियों के लिए इन्टरनेट की भूमिका
[ संकेत बिंदु – अद्भुत आविष्कार, उपयोगिता, दुरुपयोग, उचित प्रयोग आवश्यक ।]
उत्तर:
अद्भुत आविष्कार – आज दुनिया आपकी मुट्ठी में है। बस क्लिक कीजिए और सब कुछ आपकी आँखों के सामने हाज़िर। विज्ञान का एक अद्भुत आविष्कार है- कम्प्यूटर और उसमें इंटरनेट तो सोने पर सुहागा है। यह एक ऐसी व्यवस्था है, जो दुनिया के सभी लोगों को जोड़ने का काम करती है ।
उपयोगिता – इंटरनेट सुविधा ने ज्ञान के क्षेत्र में अद्भुत क्रान्ति ला दी है। समुद्र के भीतर उतरिए या आसमान की सैर कीजिए । अतीत को जानिए या भविष्य में झांकिए, दुनिया के किसी भी कोने से सम्बन्धित कोई भी जानकारी चाहिए तो वह यहाँ उपलब्ध है। ज्ञान-विज्ञान, खेल, शिक्षा, संगीत, फ़िल्म, देश-विदेश के समाचार, मौसम, कला हर क्षेत्र की जानकारी यहाँ मौजूद है। चाहे तो संगीत सुनिए या खेल खेलिए; ज्योतिष सम्बन्धी जानकारी प्राप्त कीजिए, विवाह करवाना है या नौकरी चाहिए, खरीदारी कीजिए या सामान बेचिए, होटल की बुकिंग करवाइए, रेल का टिकट लीजिए या बिल चुकाइए, इंटरनेट पर आपके लिए सभी सुविधाएँ हैं। अपने ज्ञान का विस्तार कीजिए या अपनी जानकारी दूसरों तक पहुँचाइए। ई-क्लब के सदस्य बनिए और अपनी मंडली के साथ अपनी कलाएँ, अपना ज्ञान बाँटिए । दूर बैठे लोगों से सम्पर्क स्थापित कीजिए, उनसे बातचीत कीजिए, उनकी फोटो देखिए । ‘वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग’ कीजिए। देश-विदेश में कहीं भी दाखिला लेना चाहते हैं तो यहीं से फार्म भेजिए, इलाज करवाना है तो घर बैठे अस्पतालों की जानकारी प्राप्त कीजिए और अब तो दूर बैठे-बैठे रोग का इलाज पाइए, डॉक्टर को ऑपरेशन थियेटर तक आने की ज़रूरत नहीं ।
दुरुपयोग – मनोरंजन और ज्ञान – विस्तार का इससे अच्छा साधन और क्या हो सकता है, पर इसका दुरुपयोग भी किया जाता है । जानकारियों को हासिल करना, अफवाहें, धमकियाँ देना, अश्लीलता का स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव, पुस्तकों से दूरी आदि, इसके दुष्परिणाम ही तो हैं। हमें विज्ञान की इस आधुनिक देन का आदर करते हुए इसके दुरुपयोग के दुष्परिणामों से बचने की चेष्टा करनी चाहिए।
उचित प्रयोग आवश्यक- – आज इंटरनेट घर-घर की ज़रूरत बन गया है। इसका प्रयोग करने वाले अपनी एक अलग दुनिया बना लेते हैं, जिससे धीरे-धीरे वह समाज से अलग-अलग रहने वाले एक भिन्न प्रकार के ‘फोबिया’ के शिकार हो जाते हैं। यदि इसका प्रयोग नियन्त्रित हो और समझदारी से किया जाए तो इसके लाभ हमें निश्चित ही समृद्ध करेंगे।
(2) स्वस्थ जीवन के लिए व्यायाम
[ संकेत बिंदु – शरीर और मन की स्वस्थता, व्यायाम, आसन, प्राणायाम, स्वस्थ व्यक्ति, स्वस्थ परिवार ।]
उत्तर:
स्वस्थ जीवन के लिए व्यायाम
शरीर और मन की स्वस्थता – एक प्रसिद्ध सूक्ति है – ‘स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास सम्भव है ।’ यदि शरीर स्वस्थ न हो तो संसार के सब वैभव, आस्वाद आनन्द प्रदान नहीं करते । शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए व्यायाम करना ज़रूरी है, व्यायाम उन शारीरिक चेष्टाओं को कहते हैं जो शरीर को स्वस्थ तथा मज़बूत बनाने के उद्देश्य से की जाती हैं।
व्यायाम, आसन, प्राणायाम – इस दृष्टि से खेलकूद भी मनोरंजक व्यायाम ही है। जिमनास्टिक, दौड़-कूद, ड्रिल, योग, आदि क्रियाएँ भी व्यायाम के अन्तर्गत आती हैं। व्यायाम का सबसे बड़ा लाभ यह है कि शरीर को विस्तार मिलता है। हमारी माँसपेशियाँ मज़बूत होती हैं, रक्त का प्रवाह तेज़ होता है, पाचन शक्ति तेज़ होती है, नसों का व्यायाम होता है। हड्डियाँ मज़बूत होती हैं, त्वचा साफ़ होती है, शरीर के विकार पसीने के द्वारा बाहर निकलते हैं, भूख बढ़ती है और शरीर में चुस्ती-फुर्ती आती है।
स्वस्थ व्यक्ति, स्वस्थ परिवार – स्वस्थ शरीर का अर्थ यह है कि हमारी देह उचित अनुपात में विकसित हो । छाती चौड़ी हो, गर्दन ऊँची तथा तनी हुई, शरीर में लचीलापन, पुट्ठों तथा डोलों में मज़बूती, पेट अंदर हो तथा आँखों में चमक हो । नियमित व्यायाम के द्वारा ही ऐसा सुन्दर शरीर बन सकता है। व्यायाम करने से मन भी शुद्ध और पवित्र होता है । स्वस्थ शरीर व्यसनों को अपने पास नहीं भटकने देता। बचपन का व्यायाम शरीर को बहुत लम्बे काल तक शक्ति देता रहता है इसलिए चाहे प्रात:कालीन सैर ही क्यों न हो, किन्तु कुछ-न-कुछ व्यायाम अवश्य होना चाहिए । स्वस्थ व्यक्ति ही संसार के सब आनन्दों का स्वाद ले सकता है।
(3) घर में शौचालय
[ संकेत बिंदु – शौचालय की ज़रूरत, अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक, शौचालय बनाने से लाभ । ]
उत्तर:
शौचालय की ज़रूरत – स्वच्छता एक अभियान नहीं बल्कि एक आदत है जो बचपन से ही हर माँ-बाप अपने बच्चे के अंदर डालने की कोशिश करते । टॉयलेट यानि शौचालय । जिस तरह जन्म लेते ही जन्म पत्रिका हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है । वैसे ही शौचालय हर घर में होना आवश्यक है। शौच करने परिवार के सभी लोग पहले घर के बाहर खुले मैदान में जाते थे। तब शौच के लिए अलग जगह बनाना कोई नहीं जानता था ।
अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक – शौचालय घर में होने से किसी को घर से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। बिना किसी शर्म के बहू-बेटियाँ घर में शौचालय का उपयोग कर सकती हैं। शौचालय घर में होने से मिट्टी प्रदूषित कम होगी। खुले में शौच करने से हर दिन की गंदगी की भयानक बदबू बच्चों को बीमार कर देती थी । इससे सुरक्षा मिलेगी ।
शौचालय बनाने से लाभ – शौचालय (टॉयलेट) का अर्थ उस जगह से है, जहाँ शरीर की गंदगी को बाहर निकाला जाता है यानि विसर्जन की जगह। घर की नालियों का निकास भी सही दिशा में होना चाहिए । इसलिए वास्तुशास्त्र के हिसाब से भी शौचालय को उचित स्थान पर बनाना चाहिए। शौचालय होने से आवश्यकता के समय तत्काल प्रयोग में लाया जा सकता है। खुले में शौच से होने वाली संक्रमित बीमारियों से छुटकारा पाने में शौचालय सहायक होता है। बच्चे, वृद्ध व बीमार व्यक्ति के लिए विशेष रूप से लाभकारी होता है।
15. किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए- (5 × 1 = 5)
आपके मोहल्ले में कुछ बदनाम लड़कों द्वारा गुंडागर्दी की जा रही है। उसकी रोकथाम के लिए थानाध्यक्ष को गश्त बढ़ाने हेतु पत्र लिखिए ।
अथवा
अपने जन्मदिन पर मित्र द्वारा भेजे गए उपहार के लिए धन्यवाद पत्र लिखिए ।
उत्तर:
सेवा में
थानाध्यक्ष,
थाना उत्तर,
कोतवाली
फिरोज़ाबाद
दिनांक : …………
विषय : मोहल्ले के लड़कों द्वारा गुण्डागर्दी के सम्बन्ध में ।
महोदय,
मैं 20 वर्षीय, गांधीनगर का निवासी हूँ । कल मैं गांधी पार्क में सायंकाल 4 बजे साथियों के साथ फुटबॉल खेल रहा था। आर्य नगर की कुछ लड़कियाँ अपने माता-पिता के साथ पार्क में टहलने आई थीं, तभी 8-10 लड़कों ने आकर उन लड़कियों को परेशान करना, सीटियाँ बजाना एवं छेड़ना शुरू कर दिया। जब हमारे साथियों ने इसका विरोध किया तो वे मारपीट एवं गुण्डागर्दी पर उतारू हो गए। खैर उस दिन तो हमने जैसे-तैसे उन लड़कों को भगा दिया परन्तु लोगों ने बताया कि ये लड़के रोज़ शाम को यहाँ आते हैं तथा महिलाओं एवं लड़कियों पर फब्तियाँ कसते हैं। रोकने पर गुण्डागर्दी पर उतारू हो जाते हैं।
अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि पार्क के आस-पास पुलिस की गश्त बढ़ाई जाए ताकि इन बदमाश लड़कों की गुण्डागर्दी रोकी जा सके।
धन्यवाद ।
निवेदक,
अब स
गांधी नगर
अथवा
25, हंटले हाउस
उच्च माध्यमिक कॉलेज छात्रावास
राजामण्डी, आगरा
दिनांक 20.8.20… प्रिय मित्र सर्वेश,
नमस्कार ।
तुम्हारा भेजा हुआ उपहार (क्रिकेट बैट) मुझे अपने जन्मदिन पर प्राप्त हुआ। इसके लिए अनेकशः धन्यवाद । मित्र वस्तुतः मित्रता उपहारों की भूखी नहीं होती किन्तु जन्मदिन पर मित्रों से उपहार पाकर प्रसन्नता होना स्वाभाविक ही है। यह बैट मुझे निरंतर तुम्हारी याद दिलान रहेगा और क्रिकेट खेलते समय मेरे लिए अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगा ।
मित्र एक बार पुन: इतने अच्छे जन्मदिन उपहार के लिए धन्यवाद ।
आशा है आपसे व्यक्तिगत भेंट तो तभी हो सकेगी जब मैं आपकी दीदी की शादी के अवसर पर घर आऊँगा । कृपया घर में सभी बड़ों से मेरा प्रणाम एवं छोटों को स्नेह देना ।
तुम्हारे पत्र की प्रतीक्षा करूँगा ।
आपका मित्र,
स्वदेश
16. ‘एकता में बल’ पर अपने विचार व्यक्त करते हुए लगभग 100 शब्दों में लघुकथा लिखिए । (1 × 5 = 5)
अथवा
अपनी टीम में एक नए कर्मचारी का परिचय कराने हेतु लगभग 100 शब्दों में ई-मेल लिखिए ।
उत्तर:
एकता में बल
एक बार एक शिकारी पक्षियों को पकड़ने के लिए जंगल में गया । वहाँ उसने अपना जाल फैलाया और उस पर दाना बिखेर दिया तथा स्वयं झाड़ियों के पीछे छिप गया। तभी कबूतरों का एक झुण्ड वहाँ से गुज़रा। जंगल में दाना बिखरा देख वे उसे चुगने के लिए बेचैन हो नीचे उतरने लगे। तभी उनमें से एक बुद्धिमान कबूतर को कुछ सन्देह हुआ। उसने सभी कबूतरों को सावधान किया कि अवश्य ही कुछ गड़बड़ है अन्यथा जंगल में इतना दाना कहाँ से आया, लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं मानी। वे सभी कबूतर दाना चुगने नीचे उतरे और शिकारी के जाल में फँस गए। अब वे उड़ नहीं पा रहे थे। उन्होंने बहुत प्रयास किया लेकिन सब बेकार। सब निराश हो गए। तब बुद्धिमान कबूतर ने उन्हें हिम्मत बँधाते हुए सुझाव दिया कि यदि हम सब एक साथ पूरी ताकत लगाकर उड़ने की कोशिश करें तो इस जाल को अपने साथ लेकर उड़ सकते हैं । तब सबने पूरी ताक़त के साथ उड़ने का दम लगाया और वास्तव में वे जाल सहित उड़ चले। यह देख झाड़ियों में छिपा शिकारी उनके पीछे दौड़ा लेकिन कबूतरों की एकता की शक्ति के कारण वह असफ़ल रहा।
गाँव में कबूतरों के मित्र मूषक रहते थे। वे जाल सहित मूषकों के पास पहुँचे । मूषकों ने अपने दाँतों से जाल काट दिया जिससे कबूतर फिर से आज़ाद होकर उड़ने लगे। इस तरह एकता की शक्ति से उन्हें शिकारी की कैद से मुक्ति मिली।
अथवा
Date : 22-04-20XX
From : [email protected]
To : [email protected]
CC : [email protected]
BCC: ………..
विषय : नए ग्राहक सेवा प्रतिनिधि का परिचय कराने हेतु ।
प्रिय टीम,
मुझे आपको अनीस अंसारी से परिचित कराते हुए बेहद खुशी हो रही है, जो आज हमारे ग्राहक सेवा प्रतिनिधि के रूप में जुड़ चुके हैं। वह हमारे उपयोगकर्ताओं को तकनीकी सहायता प्रदान करेंगे और यह भी सुनिश्चित करेंगे कि हमारे उत्पादों के साथ सर्वोत्त्म उपलब्धता कैसे लाई जाए। तकनीकी सहायता नए ग्राहकों के साथ-साथ हमारे लिए भी अत्यन्त लाभदायक है क्योंकि आजकल तकनीकी उपकरणों का अधिक उपयोग होने लगा है।
अतः बेझिझक अनीस अंसारी को व्यक्तिगत रूप से बधाई दें ।
साभार,
राकेश अग्रवाल
मैनेजर
17. वाद-विवाद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने वाली दो छात्राओं के मध्य परस्पर वार्ता (संवाद) को लगभग 80 शब्दों में लिखिए । (4 × 1 = 4)
अथवा
आप विद्यालय की छात्र कल्याण परिषद् के सचिव हैं। विद्यालय में होने वाले वार्षिक उत्सव में भाग लेने के इच्छुक छात्रों के नाम आमन्त्रित करने हेतु लगभग 80 शब्दों में सूचना लिखिए ।
उत्तर:
दो छात्राओं के मध्य संवाद
मनस्वी : कैसी हो? तुमने प्रतियोगिता में विषय के पक्ष में बहुत अच्छा बोला।
दिशा : तुमने भी विपक्ष में कितना अच्छा बोला था ।
मनस्वी : लगातार दो सप्ताह के कठोर परिश्रम व अध्यापिकाओं के निरंतर मिलते सहयोग का परिणाम है।
दिशा : निस्संदेह, अनुभवी व शिक्षित अध्यापिकाओं के कारण ही हम इस प्रतियोगिता में विजयी हुए ।
मनस्वी : हाँ, अंतिम समय में बताए गए नए व प्रमाणिक विचार भी हमारी इस प्रतियोगिता में जीत के कारण हैं।
दिशा : हाँ, सही कहा तुमने ! फिर भी तुम्हें बधाई देती हूँ।
मनस्वी : तुम्हें भी बहुत-बहुत बधाई !
अथवा
सूचना
अ.ब. स. विद्यालय
क. ख. ग. नगर
16 मार्च, 20XX
सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि विद्यालय ” वार्षिकोत्सव 2019″ मनाया जाएगा जिसकी जानकारी निम्नलिखित है- तिथि – 31 मार्च, 20XX
समय – प्रातः 8 बजे से सायं 6 बजे तक
स्थान – खेल मैदान, अ.ब. स. विद्यालय, क. ख. ग. नगर
वार्षिकोत्सव इन कार्यक्रमों में भाग लेने वाले प्रतिभागियों कई प्रकार के पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जाएगा। वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में नृत्य, संगीत, कला आदि कलाओं में भाग लेने हेतु इच्छुक छात्र अपना नाम खेल मैदान में सचिव को लिखवाएँ ।
निवेदक
सचिव
छात्र कल्याण परिषद, क.ख.ग. बस्ती, क.ख. ग. नगर