Students must start practicing the questions from CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi with Solutions Set 10 are designed as per the revised syllabus.
CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi Set 10 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्न-पत्र में खंड ‘अ’ में वस्तुपरक तथा खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं।
- खंड ‘अ’ में 40 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। सभी 40 प्रश्नों के उत्तर देने हैं।
- खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। प्रश्नों के उचित आंतरिक विकल्प दिए गए हैं।
- दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए।
खंड ‘अ’
(वस्तुपरक प्रश्न)
खंड ‘अ’ में अपठित बोध, अभिव्यक्ति और माध्यम, पाठ्य-पुस्तक आरोह भाग-2 व पूरक पाठ्य पुस्तक वितान भाग-2 से संबंधित बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे गए हैं। जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
अपठित बोध –
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए। (1 × 10 = 10)
आजकल सबसे बड़ी समस्या पाश्चात्यीकरण को आधुनिकीकरण की प्रक्रिया समझने संबंधी भूल है। समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण से पाश्चात्यीकरण एवं आधुनिकीकरण की प्रक्रियाएँ सिद्धांतत: भिन्न हैं, लेकिन व्यावहारिक रूप में कुछ भिन्नता होने के बावजूद उनमें काफ़ी समानता है। सरल शब्दों में कहें तो भारत में आधुनिकीकरण की प्रक्रिया पश्चिमीकरण की प्रक्रिया द्वारा ही प्रारंभ होती है।
पश्चिमीकरण की प्रक्रिया में जहाँ पश्चिमी संस्कृति का अनुकरण किया जाता है, जिसमें आधुनिक मूल्यों के साथ-साथ कुछ रूढ़िवादी परंपराएँ भी शामिल रहती हैं, जबकि आधुनिकीकरण की प्रक्रिया एक मूल्य भारित अवधारणा है अर्थात् आधुनिक मूल्यों का अनुकरण करना एवं उनके अनुरूप व्यवहार करना आधुनिकीकरण है। इस तरह पश्चिमीकरण की प्रक्रिया के अंतर्गत आँखें मूँदकर पाश्चात्य देशों की संस्कृति का अनुकरण करना ही आधुनिकीकरण नहीं है। यही कारण है कि पश्चिमीकरण के अंतर्गत मौजूद आधुनिक मूल्यों का अनुकरण करना तो तार्किक एवं उपयुक्त लगता है, लेकिन पाश्चात्य संस्कृति के अन्य तत्त्वों का अंधानुकरण अनुचित।
पाश्चात्य संस्कृति का अनुकरण करने की होड़ में हम अपनी भाषा, संस्कृति, वेशभूषा, कला, रहन- सहन, साहित्य आदि सभी को भूल गए हैं। आधुनिकता की इस दौड़ में हमने आर्थिक के साथ-साथ सांस्कृतिक क्षेत्र में भी अत्यंत प्रगति की है। शिक्षा का प्रसार, संचार साधनों का विकास, भौतिकवादी संस्कृति का प्रचार आदि कारकों ने रूढ़िग्रस्त परंपरागत भारतीय आदर्शों में अनेक सकारात्मक परिवर्तन किए हैं। रूढ़िग्रस्त, आडंबरपूर्ण एवं अतार्किक धर्म के प्रति लोगों का लगाव कम होता जा रहा है। अधिकांश लोग अब भाग्य की अपेक्षा कर्म पर विश्वास करने लगे हैं। आधुनिकता आज समय की माँग है।
(क) प्रस्तुत गद्यांश किस विषय-वस्तु पर आधारित है?
(i) आधुनिकता का महत्त्व
(ii) पश्चिमीकरण का प्रभाव
(iii) भारत में आधुनिकता और पश्चिमीकरण का प्रभाव
(iv) पाश्चात्य संस्कृति की विशेषता
उत्तर :
(iii) भारत में आधुनिकता और पश्धिमीकरण का प्रभाव
(ख) पाश्चात्यीकरण एवं आधुनिकीकरण की प्रक्रिया सिद्धांततः किस दृष्टिकोण से भिन्न मानी गई है?
(i) सामाजिक दृष्टिकोण
(ii) राजनीतिक दृष्टिकोण
(iii) समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण
(iv) धार्मिक दृष्टिकोण
उत्तर :
(iii) समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण
(ग) भारत में आधुनिकीकरण की प्रक्रिया किसके कारण प्रारंभ होती है?
(i) सांस्कृतिक दृष्टिकोण के
(ii) पश्चिमीकरण की प्रक्रिया के
(iii) रूढ़िवादी परंपराओं के
(iv) प्रगतिवादी दृष्टिकोण के
उत्तर :
(ii) पश्चिमीकरण की प्रक्रिया के
(घ) पश्विमीकरण की प्रक्रिया में क्या शामिल रहता है?
(i) रूढ़िवादी परंपराएँ
(ii) आधुनिक मूल्य
(iii) (i) और (ii) दोनों
(iv) समतामूलक समाज
उत्तर :
(iii) (i) और (ii) दोनों
(ङ) आधुनिकीकरण की प्रक्रिया में किसे आधुनिकीकरण नहीं माना गया है?
(i) फैशन को अपनाना
(ii) नवीन मूल्यों को अपनाना
(iii) आँख मूँदकर अपने देश की संस्कृति का अनुकरण करना
(iv) पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण करना
उत्तर :
(iv) पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण करना
(च) पश्चिमीकरण के अंतर्गत क्या करना तार्किक एवं उपयुक्त लगता है?
(i) आधुनिक मूल्यों का अनुकरण करना
(ii) पश्चिमी संस्कृति का अनुकरण करना
(iii) रूब्रिवादी परंपरा का त्याग करना
(iv) पाश्चात्य संस्कृति के अन्य तत्त्वों का अंधानुकरण करना
उत्तर :
(i) आधुनिक मूल्यों का अनुकरण करना
(छ) पाश्वात्य संस्कृति का अनुकरण करने का क्या परिणाम सामने आया है?
(i) अपनी संस्कृति को भूल गए
(ii) अपने साहित्य को भूल गए
(iii) अपनी वेशभूषा को भूल गए
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये सभी
(ज) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. आधुनिकता की दौड़ में हमने आर्थिक क्षेत्र में प्रगति की है।
2. आधुनिकीकरण में पश्चिमी संस्कृति का अंधानुकरण किया जाता है।
3. आधुनिकता से प्रभावित होकर लोग भाग्य की अपेक्षा कर्म पर विश्वास करने लगे हैं। उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(i) केवल 1
(ii) केवल 3
(iii) 1 और 3
(iv) 2 और 3
उत्तर :
(iii) 1 और 3
(झ) ‘आधुनिकता आज समय की माँग है’ लेखक इससे सिद्ध करना चाहते हैं कि
(i) आधुनिकता के कारण शिक्षा का प्रसार हुआ है
(ii) आधुनिकता के कारण भौतिकवादी संस्कृति का प्रसार हुआ है
(iii) आधुनिकता के कारण संचार के साधनों का प्रसार हुआ है
(iv) आधुनिकता के कारण आज लोगों ने समयोचित प्रगतिवादी दृष्टिकोण अपनाया है
उत्तर :
(iv) आधुनिकता के कारण आज लोगों ने समयोधित प्रगतिवादी दृष्टिकोण अपनाया है
(ञ) निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) पाश्चात्यीकरण एवं आधुनिकीकरण की प्रक्रियाओं में काफी समानता है।
कारण (R) आधुनिकीकरण की प्रक्रिया पश्चिमीकरण की प्रक्रिया द्वारा ही आरंभ होती है। कूट
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है
(ii) कथन (A) गलत है, परंतु कारण (R) सही है
(iii) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है
उत्तर :
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
प्रश्न 2.
दिए गए पद्यांश पर आधारित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
हम जंग न होने देंगे!
विश्व-शांति के हम साधक हैं, जंग न होने देंगे!
कभी न खेतों में फिर खूनी खाद फलेगी,
खलिहानों में नहीं मौत की फसल खिलेगी
आसमान फिर कभी न अंगारे उगलेगा,
एटम में नागासाकी फिर नहीं जलेगी,
युद्धविहीन विश्व का सपना भंग न होने देंगे।
जंग न होने देंगे।
हथियारों के ढेरों पर जिनका है डेरा,
मुँह में शांति, बगल में बम, धोखे का फेरा
कफन बेचने वालों से कह दो चिल्लाकर
दुनिया जान गई है उनका असली चेहरा
कामयाब हो उनकी चालें, ढंग न होने देंगे।
जंग न होने देंगे।
हमें चाहिए शांति, जिंदगी हमको प्यारी
हमें चाहिए शांति, सृजन की है तैयारी
हमने छेड़ी जंग भूख से, बीमारी से
आगे आकर हाथ बटाए दुनिया सारी।
हरी-भरी धरती को खूनी रंग न लेने देंगे।
जंग न होने देंगे।
(क) कवि किस स्वप्न को दूटने नहीं देना चाहता है? (1)
(i) पारस्परिक श्रेष्ठता का स्वप्न
(ii) संसार की संपन्नता का स्वप्न
(iii) विश्वशांति का स्वप्न
(iv) युद्धरहित संसार का स्वप्न
उत्तर :
(iv) युद्धरहित संसार का स्वप्न
(ख) ‘खलिहानों में नहीं मौत की फसल खिलेगी’ पंक्ति का क्या तात्पर्य है?
(i) युद्ध के कारण फसल नष्ट नहीं होगी
(ii) खेतों में मृत व्यक्तियों के शव नही दिखाई देंगे
(iii) खेती करने वाला मौत का शिकार नहीं बनेगा
(iv) युद्ध अपार जनसंहार का कारण नहीं बनेगा
उत्तर :
(iv) युद्ध अपार जनसंहार का कारण नहीं बनेगा
(ग) इस पद्यांश से हमें क्या सीख मिलती है?
(i) यहाँ कवि चाहता है कि एटम बमों का प्रयोग किया जाए
(ii) यहाँ कवि चाहता है कि सारा विश्व मिलकर परस्पर युद्ध करें
(iii) यहाँ कवि चाहता है कि विश्व की हरी-भरी धरती सूखने न पाए
(iv) यहाँ कवि ने विश्व से युद्ध करने तथा शांति रखने की अपील की है
उत्तर :
(iv) यहाँ कवि ने विश्व से युद्ध करने तथा शांति रखने की अपील की है
(घ) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. कवि विश्व को सर्वनाश से बचाने के लिए युद्ध के पक्ष में है।
2. कवि नागासाकी का दोबारा विनाश नहीं चाहता है।
3. जंग हथियारों से नहीं अपितु भूख से, बीमारी से होनी चाहिए। उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(i) केवल 1
(ii) केवल 3
(iii) 1 और 2
(iv) 2 और 3
उत्तर :
(iv) 2 और 3
(ङ) कॉलम 1 को कॉलम 2 से सुमेलित कीजिए
कॉलम-1 | कॉलम-2 |
A. खूनी खाद नही फैलेगी | 1. एटम में |
B. जंग छेडी | 2. खेतों में |
C. नागासाकी फिर नहीं जलेगी | 3. भूख, बीमारी |
कूट
A B C
(i) 3 2 1
(iii) 2 1 3
(ii) 1 3 2
(iv) 2 3 1
उत्तर :
(iv) 2 3 1
अभिव्यक्ति और माध्यम –
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
(क) आजादी से पूर्व का प्रमुख समाचार-पत्र कौन-सा है?
(i) कर्मवीर
(ii) प्रताप
(iii) विशाल भारत
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये सभी
(ख) भारत में रंगीन दूरदर्शन का प्रारंभ कब हुआ?
(i) 15 अगस्त, 1965
(ii) 15 अगस्त, 1952
(iii) 15 अक्ट्बर, 1968
(iv) 15 नवंबर, 1970
उत्तर :
(iv) 15 नवम्बर, 1970
(ग) प्रसार भारती का गठन किस समिति की अनुशंसा पर किया गया था?
(i) गायडर समिति
(ii) वर्गीज समिति
(iii) मेहता समिति
उत्तर :
(ii) वर्गीज समिति
(घ) विशेष संवाददाता किसे कहते हैं?
(i) जो सामान्य रिपोटिंग करते हैं
(ii) जो विशेष प्रकार की रिपोटिंग करते हैं
(iii) जो आर्थिक क्षेत्र में रिपोटिंग करते हैं
(iv) जो खेल से संबंधित रिपोर्टिंग करते हैं
उत्तर :
(ii) जो विशेष प्रकार की रिपोटिंग करते हैं
(ङ) सूची I को सूची II से सुमेलित कीजिए
सूची I | सूची II |
A. कहानी का केंद्र बिंदु | 1. अभिनेता |
B. कहानी के पात्रों द्वारा विचारों की अभिव्यक्ति | 2. भाषा |
C. नाटक का मंच पर प्रस्तुतीकरण | 3. कथानक |
D. नाटक का प्राण तत्त्व | 4. क्थोपकथन |
कूट
A B C D
(i) 2 3 4 1
(ii) 3 4 1 2
(iii) 4 1 2 3
(iv) 1 2 3 4
उत्तर :
(ii) 3 4 1 2
पाठ्य-पुस्तक आरोह भाग 2 –
प्रश्न 4.
निम्नलिखित पद्यांश के प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
किसबी, किसान-कुल, बनिक, भिखारी, भाट,
चाकर, चपल नट, चोर, चार, चेटकी।
पेट को पढ़त, गुन गढ़त, चढ़त गिरि,
अटत गहन-गन अहन अखेटकी।।
ऊँचे-नीचे करम, धरम-अधरम करि,
पेट ही को पचत, बेचत बेटा-बेटकी।
‘तुलसी’ बुझाइ एक राम-घनस्याम ही तें,
आगि बड़वागितें बड़ी है आगि पेटकी।।
(क) प्रस्तुत पर्यांश में वर्णित भूख से उत्पन्न स्थितियों में सर्वाधिक मार्मिक स्थिति कौन-सी है?
(i) पेट भरने के लिए पर्वतों पर आजीविका खोजना
(ii) पेट भरने के लिए बेटा-बेटी को भी बेचना
(iii) पेट भरने के लिए दिनभर धूप में शिकार खोजना
(iv) पेट भरने के लिए नीच कर्म करना
उत्तर :
(ii) पेट भरने के लिए बेटा-बेटी को भी बेचना
(ख) पेट की आग को कैसे शांत किया जा सकता है?
(i) अनुचित कर्म करके
(ii) ईश्वर कृपा से
(iii) निम्न कार्य करके
(iv) कुछ भी कार्य न करके
उत्तर :
(ii) ईश्वर कृपा से
(ग) ‘पेट की आग’ मनुष्य को क्या करने पर मज़बूर कर देती है?
(i) धर्म-अधर्म करने पर
(ii) सुकर्म करने पर
(iii) नौकरी करने पर
(iv) भजन करने पर
उत्तर :
(i) धर्म-अधर्म करने पर
(घ) निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पदिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) जन-सामान्य कोई भी बुरा-से-बुरा काम करने के लिए विवश है।
कारण (R) लोगों की विषम आर्थिक परिस्थिति थीं। कूट
(a) कथन (A) सही है, परंतु कारण (R) गलत है
(b) कथन (A) गलत है, परंतु कारण (R) सही है
(c) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है
(d) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है
उत्तर :
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(ङ) इस पद्यांश में कवि ने समाज का कौन-सा वित्र प्रस्तुत किया है?
(i) मार्मिक
(ii) दयनीय
(iii) भयावह
(iv) घृणापूर्ण
उत्तर :
(i) मार्मिक
प्रश्न 5.
निम्नलिखित गद्यांश के प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़क उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
पैसे की व्यंग्य-शक्ति की सुनिए। वह दारुण है। मैं पैदल चल रहा हूँ कि पास ही धूल उड़ाती निकल गई मोटर। वह क्या निकली मेरे कलेजे को कौंधती एक कठिन व्यंग्य की लीक ही आर-से-पार हो गई। जैसे किसी ने आँखों में उँगली देकर दिखा दिया हो कि देखो; उसका नाम है मोटर और तुम उससे वंचित हो! यह मुझे अपनी ऐसी विडंबना मालूम होती है कि बस पूछिए नहीं। मैं सोचने को हो आता हूँ कि हाय, ये ही माँ-बाप रह गए थे, जिनके यहाँ मैं जन्म लेने को था! क्यों न मैं मोटरवालों के यहाँ हुआ! उस व्यंग्य में इतनी शक्ति है कि ज़रा में मुझे अपने सगों के प्रति कृतध्न कर सकती है। लेकिन क्या लोक-वैभव की यह व्यंग्य-शक्ति उस चूरन वाले अकिंचित्कर मनुष्य के आगे चूर-चूर होकर ही नहीं रह जाती? चूर-चूर क्यों, कहो पानी-पानी। तो वह क्या बल है, जो इस तीखे व्यंग्य के आगे अजेय ही नहीं रहता, बल्कि मानो उस व्यंग्य की क्रूरता को ही पिघला देता है?
(क) लेखक के अनुसार वह कौन-सी शक्ति है, जो अपने सगों के प्रति कृतध्न कर सकती है?
(i) बल की शक्ति
(ii) बौद्धिक शक्ति
(iii) पैसे की व्यंग्य-शक्ति
(iv) मोटर साझकिल की शक्ति
उत्तर :
(iii) पैसे की व्यंग्य-शक्ति
(ख) पैसे की व्यंग्य-शक्ति किस शक्ति के आगे चूर-चूर हो जाती है?
(i) नैतिक सबलता
(ii) धार्मिक विश्वास
(iii) आध्यात्मिकता
(iv) ये सभी
उत्तर :
(i) नैतिक सबलता
(ग) निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पदिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए। (1)
कथन (A) धूल उड़ाती मोटर को ऑँखों के सामने से निकलता हुआ देखकर लेखक को विडंबना महसूस होती है।
कारण (R) लेखक के पास सुंदर मोटर नहीं थी। कूट
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है
(ii) कथन (A) गलत है, परंतु कारण (R) सही है
(iii) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत है
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही है, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है
उत्तर :
(iv) क्थन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(घ) कॉलम 1 को कॉलम 2 से सुमेलित कीजिए
कॉलम-1 | कॉलम-2 |
A. पैसे की व्यंग्य शक्ति का | 1. विडंबना होती है |
B. मोटर साइकिल से वंचित होने से | 2. व्यक्ति स्वयं को श्रेष्ठ मानता है। |
C. पैसे की अधिकता में | 3. मनष्य की चेतना पर प्रभाव पड़ता है। |
कूट
A B C
(i) 1 2 3
(ii) 3 1 2
(iii) 2 3 1
(iv) 1 2 3
उत्तर :
(ii) 3 1 2
(ङ) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए (1)
1. लेखक अपने माँ-बाप के घर स्वयं का जन्म होने को धन्य मानता है।
2. लेखक मोटर साइकिल पर चल रहा था जब उसके सामने से मोटर निकली।
3. लोक-वैभव की व्यंग्य-शक्ति चूरन वाले के समक्ष अर्थहीन थी। उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(i) केवल 1
(ii) केवल 3
(iii) 1 और 2
(iv) 2 और 3
उत्तर :
(ii) केवल 3
पूरक पाठ्य-पुस्तक वितान भाग 2 –
प्रश्न 6.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए। (1 × 10 = 10)
(क) ‘सिल्वर वैडिंग’ पाठ के अनुसार, पश्चिमी सभ्यता के अंधानुकरण के कारण क्या समाप्त होता जा रहा है?
(i) मानवीय मूल्य
(ii) बड़े-बुजुर्गों के प्रति समान भाव
(iii) अपनों के प्रति आत्मीयता
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये सभी
(ख) यशोधर बाबू की सालगिरह के दिन आँख क्यों भर आई थी? ‘सिल्वर वैडिंग’ कहानी के आधार पर सही विकल्प चुनिए।
(i) क्योंकि उनके परिवार ने उन्हें पार्टी के संबंध में कुछ नहीं बताया था
(ii) क्योंकि उनके परिवार ने उनसे आत्मीय व्यवहार किया था
(iii) क्योकि उनके बेटे ने ऊनी गाउन देते हुए सुबह दूध लाने की जिम्मेदारी दे दी थी
(iv) क्योंकि उनके बेटे ने उन्हें यह नहीं कहा कि दूध मैं ला दिया करूँगा आप ठंड में बाहर नहीं जाइएगा
उत्तर :
(iv) क्योंकि उनके बेटे मे उन्हें यह नहीं कहा कि दूध मैं ला दिया करूँगा आप ठंड में बाहर नहीं जाइएगा।
(ग) यशोधर बाबू द्वारा विपरीत परिस्थितियों से सामंजस्य स्थापित करने के प्रयास का क्या परिणाम होता है?
(i) उनके मन में अंतद्वद्व चलता रहता है
(ii) उनका मन प्रसन्न रहता है
(iii) उनका किसी काम में मन नहीं लगता
(iv) वे उन परिस्थितियों को सहज स्वीकार कर लेते है
उत्तर :
(i) उनके मन में अंतर्द्वद्व चलता रहता है।
(घ) निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और सही विकत्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) आनंदा अपने पढ़ने की बात अपने दादा से नहीं कर पाता था।
कारण (R) लेखक के पिता अत्यधिक गुस्से वाले व्यक्ति थे। कूट
(i) कथन (A) सही है, परंतु कारण (R) गलत है
(ii) कथन (A) गलत है, परंतु कारण (R) सही है
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है
उत्तर :
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(ङ) ‘जूझ’ कहानी में आनंदा ने किस विषय पर कविता लिखना आरंभ किया?
(i) अपनी माँ और परिवार के विषय में
(ii) गाँव, खेती और आस-पास के दृश्य पर
(iii) अपने अध्यापक सौंदलगेकर के व्यक्तित्व पर
(iv) भैंस, गाय और उनके जीवन के संबंध में
उत्तर :
(ii) गाँव, खेती और आस-पास के दृश्य पर।
(च) ‘जूझ’ कहानी में आनंदा के उच्च स्तर के कवि तक का सफर किस बात का प्रमाण है?
(i) उसके परिश्रम व लगनशीलता की प्रवृत्ति का
(ii) उसके झुठ बोलकर पढ़ाई करने का
(iii) पिता की बात को महत्त्व न देने का
(iv) केवल अपने मन की करने का
उत्तर :
(i) उसके परिश्रम व लगनशीलता की प्रवृत्ति का।
(छ) सिंघु घाटी के नगर नियोजन, वास्तुकला, शिल्पकला, सइक निर्माण आदि से क्या ज्ञात होता है?
(i) ये केवल खंडहर ही थे
(ii) ये खंडहर के प्रमाण नहीं हैं
(iii) ये केवल बाह्म आडंबर थे
(iv) ये किसी समाज को व्याख्यायित नहीं करते हैं
उत्तर :
(ii) ये खंडहर के प्रमाण नहीं हैं।
(ज) यशोधर बाबू की पत्नी तथा उनके विचारों में समानता नहीं थी। इसका क्या कारण था?
(i) वह घर से बाहर निकलकर नौकरी करना चाहती थी
(ii) वह आधुनिक जीवन मूल्यों को अपनाना चाहती थी
(iii) उसकी सोच स्त्रियों के विषय में आधुनिक थी
(iv) उसका व्यक्तित्व अत्यंत संकुचित था
उत्तर :
(ii) वह आधुनिक जीवन मूल्यों को अपनाना चाहती थी।
(झ) सिंघु घाटी की सभ्यता के महाकुंड के संबंध में कौन-सा कथन सही नहीं है?
(i) यह पक्की इटों से बना हुआ था
(ii) यह सामूहिक स्नान व अनुष्ठान का एक अंग था
(iii) यह दस फीट चौड़ा तथा पच्चीस फीट गहरा था
(iv) यह वास्तुकला का एक श्रेष्ठ नमूना था
उत्तर :
(iii) यह दस फीट चौड़ा तथा पच्चीस फीट गहरा था।
(अ) निम्नलिखित कथनों पर विच्चार कीजिए
1. मोहनजोदड़ो की सभ्यता लो-प्रोफाइल सभ्यता थी।
2. सिंघु घाटी सभ्यता से प्राप्त चित्रलिपि से इस सभ्यता की जानकारी प्राप्त होती है।
3. सिंधु घाटी सभ्यता की खूबी उसका सॉदर्य बोध है।
4. सिंधु घाटी सभ्यता में पत्थर और ताँबे के औजार ही खेती में प्रयुक्त होते थे। उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(i) केवल 1
(ii) केवल 3
(iii) 1,2 और 3
(iv) 1,3 और 4
उत्तर :
(iv) 1, 3 और 4
खंड ‘ब’
(वर्णनात्मक प्रश्न)
खंड ‘ब’ में जनसंचार और सृजनात्मक लेखन, पाठ्य-पुस्तक आरोह भाग-2 व पूरक पाठ्य-पुस्तक वितान भाग-2 से संबंधित वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
जनसंचार और सृजनात्मक लेखन –
प्रश्न 7.
निम्नलिखित दिए गए 3 विषयों में से किसी 1 विषय पर लगभग 120 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए। (6 × 1 = 6)
(क) किसी पुस्तक का वर्णन-पुस्तक में आपको क्या अच्छा लगा?
उत्तर :
पुस्तकें मनुष्य की सबसे अच्छी मित्र होती हैं। वे हमें सही मार्ग दिखाती हैं और हमें चरित्रवान बनने में सहायता करती हैं। मैंने बहुत-सी पुस्तकें पढ़ी हैं, लेकिन रामचरितमानस मेरी प्रिय पुस्तक है। यह गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित है। इसमें मुख्य पात्र दशरथ पुत्र श्रीराम हैं, जिन्हें लोग भगवान् का अवतार मानते हैं। इस पुस्तक में श्रीराम के पूर्ण जीवन की व्याख्या की गई है। उनके बचपन से लेकर वनवास जाने तक और रो वरण का वघ कर अयोध्या लौट आने तक सभी बातों का संपूर्ण वर्णन किया गया है।
यह पुस्तक बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाती है और साथ ही हमें भीराम की भाँति आदर्श जीवन जीने की प्रेरणा देती है। यह हमें प्रेम से मिलकर रहने और एक-दूसरे की खुशी के लिए त्याग भावना रखना सिखाती है। एक ओर राम ने भरत के लिए वनवास लिया, वहीं दूसरी ओर भरत ने राम का दास बनकर राजकाज को सँमाला था। हनुमान जी के भक्तिभाव की बात ही निराली है। मुझे ‘रामधरितमानस’ को पढ़कर अत्यंत शांति मिलती है और इसलिए मैं इसे रोज पढ़ता हूँ। इसमें मनुष्य के जीवन से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान मिलता है और इसमें प्रयोग हुए दोहे और चौपाई इसके सींदर्य को बढ़ाते हैं।
(ख) कन्या भूण हत्या : एक अपराध
उत्तर :
अल्ट्रासाउंड स्कैन जैसी लिंग परीक्षण जाँच से मों के गर्भ से लड़की के भूरण को समाप्त करने के लिए गर्भपात की प्रक्रिया को कन्या भूर-हत्या कहते हैं। धूण का कोई मी लिंग परीक्षण भारत में गैर-कानूनी है। यह उन अभिभावकों के लिए शर्म की बात है, जो केवल बालक शिशु ही चाहते हैं, साथ ही उनके लिए भी, जो चिकित्सक गर्भपात कराने में सहायता करते हैं। कन्या भूण-हत्या भारत में शताब्दियों से चली आ रही है, विशेष रूप से उन परिवारों में, जो केषल पुत्र ही चाहते हैं। उसके पीछे विभिन्न धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक और भावनात्मक कारण भी हैं। सामान्यत: माता-पिता बालिका शिशु नहीं चाहते हैं, क्योंकि उन्हे लड़की की शादी में दहेज के रूप में एक बड़ी कीमत चुकानी होती है। लोगों की ऐती मान्यता है कि लड़कियों हमेशा उपभोक्ता होती हैं और लड़के उत्पादक होते हैं। अभिभावक समझते हैं कि लड़का उनके लिए जीवन भर कमाएगा और उनका ध्यान रखेगा, जबकि लड़की शादी के बाद दूसरे घर चली जाएगी। ऐसा मिथक है कि भविष्य में पुत्र ही परिवार का नाम आगे बढ़ाएगा, जबकि लड़कियाँ पति के घर के नाम को आगे बढ़ाती हैं। कन्या भ्रूण-हत्या को रोकने के लिए सरकार द्वारा अनेक कानून – बनाए गए हैं। इसके पश्यात् भी वर्तमान समय में कन्या भूण-हत्या भारतीय समाज में प्रथलित है। यह एक अपराघ है। यह एक सामाजिक कलंक है। इसे समाप्त करने के लिए सरकार को कठोर से कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।
(ग) फिल्मों की समाज में भूमिका
उत्तर :
आधुनिक समाज मे फिल्म मनोरंजन का मुख्य साधन है। समाज का एक बड़ा वर्ग इससे प्रभावित होता है। अधिकतर लोग कलाकारों की अभिनेयता को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करते हैं। अतः फिल्मों का सामाजिक उत्तरदायित्य और भी बढ़ जाता है। समाज की बुराइयों को दूर करने में फिल्में अहम भूमिका निभाती हैं। ये समाज में स्वस्थ वातावरण का निर्माण करने में सहायक हैं। इस संदर्भ में अनेक फिल्मों का उदाहरण दिया जा सकता है; जैसे-‘प्यासा’ और ‘प्रभात’ जैसी फिल्मों को देखकर अनेक नारियों ने वैश्यावृत्ति को त्यागकर स्वस्थ जीवन जीने की राह अपनाई। ‘पा’ जैसी फिल्म ने असमय वृद्ध होने वाले बच्चों की कठिनाइयों को प्रदर्शित किया।
वर्तमान समय में आधुनिक समाज श्रेष्ठ साहित्यिक कृतियों से दूर होता जा रहा है। इस दूरी को कम करने में फिल्मों की भूमिका महत्त्वपूर्ण है। ‘औँधी’ और ‘मौसम’ फिल्में कमलेश्वर की साहित्यिक कृतियों पर आधारित हैं। फिल्मों के गीत भी व्यक्ति के एकाकीपन, निराशा व दु:ख को कम करते हैं तथा मन में नई आशा का संचार करते हैं। यद्धपि फिल्मों के सकारात्मक रूप के साथ-साथ उनका एक नकारात्मक रूप भी है। आज के अनेक युवा फिल्मों को देखकर गुमराह हो जाते हैं, लेकिन यदि फिल्मों में समाज की समस्याओं को सकारात्मक ढंग से प्रस्तुत किया जाए तथा फिल्मों की व्यावसायिकता को नजर अंदाज कर दिया जाए, तो फिल्मे समाज को नई दिशा दिखा सकती हैं। ये समाज का नद-निर्माण कर सकती हैं।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर लगभग 40 शब्दों में निर्देशानुसार उत्तर दीजिए। (2 × 2 = 4)
(क) ‘नाटक साहित्य की सर्वोत्तम विधा है, जिसे पढ़ने, सुनने के साथ देखा भी जा सकता है।’ नाटक का अभिप्राय स्पष्ट करते हुए इसके अंगों पर प्रकाश डालिए। (2)
अथवा
कहानी का सबसे आवश्यक तत्त्व क्या है? वर्णन कीजिए।
उत्तर :
नाटक साहित्य की वह सर्वोत्तम विधा है, जिसे पढ़ने, सुनने के साथ देखा भी जा सकता है। नाटक शब्द की उत्पत्ति ‘नट्’ धातु से मानी जाती है। ‘नट्’ शब्द का अर्थ अभिनय है, जो अभिनेता से जुड़ा हुआ है। इसे ‘रूपक’ भी कहा जाता है। भारतीय परंपरा में नाटक को दृश्यकाव्य की संज्ञा दी गई है।
नाटक के मुख्य अंग निम्नलिखित है
1. समय का बंधन नाटक का प्रथम अंग समय का बंधन है। समय का यह बंधन नाटक की रचना पर अपना पूरा प्रभाव डालता है, इसलिए नाटक को शुरुआत से लेकर अंत तक एक निश्चित समय-सीमा के अंदर ही पूरा होना होता है।
2. शब्द नाटक का दूसरा महत्त्वपूर्ण अंग शब्द है। नाटक में शब्द अपनी एक नई, निजी और अलग अस्मिता ग्रहण करता है। शब्द को ‘नाटक का शरीर’ कहा ‘गया है।
अथवा
कथानक कथानक कहानी का आवश्यक तत्त्व एवं केंद्रीय बिंदु होता है, जिसमें प्रारंभ से अंत तक कहानी की सभी घटनाओं और पात्रों का उल्लेख होता है। सरल शब्दों में, कहानी की रचना को ‘कथानक’ कहा जाता है। प्रत्येक कहानी के लिए क्थावस्तु का होना अनिवार्य है, क्योंकि इसके अभाव में किसी कहानी की रचना की कल्पना भी नहीं की जा सकती। कथानक को कहानी का प्रारंभिक नक्शा भी माना जा सकता है। कहानी का कथानक कहानीकार के मन में किसी घटना, जानकारी, अनुभव या कल्पना के कारण आता है। कहानीकार एक कल्पना का विकास करते हुए परिवेश, पात्र और समस्या को आकार देता है। इस प्रकार, वह एक ऐसा काल्पनिक ढाँचा (बनावट) तैयार करता है, जो कोरी कल्पना न होकर संभावित हो तथा लेखक के उद्देश्य से मिलती हो।
(ख) आत्मनिर्भर होकर लेखन करना ही अप्रत्याशित लेखन की कुशलता का आधार है, कैसे? स्पष्ट कीजिए। (2)
अथवा
मुद्रित माध्यमों के लिए लिखते समय किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है?
उत्तर :
आत्मनिर्भर होकर लेखन करना ही अप्रत्याशित लेखन की कुशलता का आधार है, क्योंकि जो लोग आत्मनिर्भर होकर लिखित रूप में अभिव्यक्ति का अभ्यास नहीं करते उन्हें अपत्याशित विषयों कर लिखना एक चुनौती के समान लगता है। रटने की बुरी आदत हमें अभ्यास का अवसर नहीं देती और हम दूसरों द्वारा तैयार की गई सामत्री को ज्यों का त्यों प्रस्तुत कर देते हैं। यह निर्भरता हमारे मॉलिक अभ्यास को बाधित करती है और हमारी लिखित अभिव्यक्ति की क्षमता को विकसित नहीं होने देती। अतः आवश्यक है कि हमें निबंध के परंपरागत विषयों को छोड़कर नए प्रकार के दिषयों पर लिखने का अभ्यास करना चाहिए।
अथवा
मुद्रित माध्यमों के लिए लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक है
(i) मुद्रित माध्यमों के लिए लेखन करते समय अपने पाठकों के भाषा-श्ञान व उनकी रुचियों तथा जरूरतों का भी पूरा ध्यान रखना पड़ता है।
(ii) मुद्रित माध्यमों के लेखकों और पत्रकारों को प्रकाशन की समय-सीमा का पूरा ध्यान रखना पड़ता है।
(iii) मुद्रित माध्यमों में लेखक को स्पेस का भी पूरा ध्यान रखना पड़ता है, जैसे-किसी अखबार या पत्रिका के संपादक ने यदि आपको 250 शब्दों में रिपोर्ट या फीचर लिखने के लिए कहा है, तो आपको उस शब्द सीमा का ध्यान रखना पड़ेगा।
(iv) नुद्रित माध्यम के लेखक या पत्रकार को इस बात का भी ध्यान रखना पड़ता है कि छपने से पहले आलेख में मौजूद सभी गलतियों और अशुद्धियों को दूर कर दिया जाए।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए 3 प्रश्नों में से किन्हीं 2 प्रश्नों के लगभग 60 शब्दों में उत्तर दीजिए। (3 × 2 = 6)
(क) आपके क्षेत्र में आयोजित होने वाले रक्तदान शिविर पर एक फ़ीचर लिखिए। (3)
उत्तर :
रक्तदान महादान होता है, क्योंकि इसके द्वारा अनेक लोगों को नया जीवन प्राप्त होता है। हमारे क्षेत्र में भी नर्सिंग कोलेज द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 500 लोगों द्वारा रक्तदान किया गया, जिसमें हमारे क्षेत्र के विधायक द्वारा भी रक्तदान किया गया। विधायक ने कहा है कि किसी के जीवन को बचाने के लिए रक्तदान करना सबसे महत्त्वपूर्ण दान है। इसलिए जो लोग सक्षम हैं तथा स्वस्थ हैं, उन्हें रक्तदान अवश्य करना चाहिए। इन्होंने नसैंग कॉलेज की इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा की रक्तदान शिविरों के माध्यम से हम प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लोगों के जीवन को बचाने का कार्य करते हैं। रक्तदान के लाभ और मानवता के लिए इसकी आवश्यकता के विषय में अथिक-से-अधिक लोग जागरूक हों इसके लिए रक्तदान शिविरों के आयोजन होने चाहिए तथा इसके लिए लोगों को भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। साथ ही दूसरे लोगों को भी जागरूक करना चाहिए। कुछ लोगों के मन में रक्तदान को लेकर कुछ गलत आशंकाएँ होती हैं; जैसे-रक्तदान से खून की कमी हो जाती है, स्वास्थ्य खराब हो जाता है आदि। ऐसे लोगों को समझाना चाहिए तथा इसके बारे में पूर्व जानकारी देनी चाहिए, जिससे वह भी रक्तदान करके पुण्य कमा सके।
(ख) समाचार के लिए प्रभाव क्षेत्र की क्या भूमिका होती है? स्पष्ट कीजिए। (3)
उत्तर :
जिस घटना का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर सीधा पड़ता है, उस घटना के समाचार बनने की संभावना अथिक होती है। जो घटना अथवा समस्या पाठक, दर्शक, श्रोता के आस-पास के क्षेत्र एवं जीवन से संबंध रखती है तथा उसके जीदन पर सीधा प्रभाव डालती हो उससे संबंधित जानकारी को प्राप्त करने की उसकी स्वाभाविक इच्छा होती है। सरकार का कोई निर्णय यदि सीमित लोगों को प्रभावित एवं लाभान्वित करता है, तो यह बड़ा समाचार नहीं होगा।
(ग) रिपोर्ट किसी घटना, मुद्दे या समस्या के बारे में लिखी जाती है। रिपोर्ट लेखन के विभिन्न प्रकारों को स्पष्ट कीजिए। (3)
उत्तर :
अखबारों और पत्रिकाओं में किसी घटना, समस्या या मुददे की गहरी छानबीन, विश्लेषण और व्याख्या की जाती है, इसे ही विशेष रिपोर्ट कहा जाता है।
विशेष रिपोर्ट निम्नलिखित प्रकार की होती है
(i) खोजी (इन्चेस्टिगेटिव) रिपोर्ट इस रिपोर्ट में रिपोर्टर मौलिक शोध और छानबीन के माध्यम से ऐसी सूचनाएँ या तथ्य सामने लाता है, जो सार्वजनिक तौर पर पहले से उपलब्ध नहीं थीं। खोजी रिपोर्ट का प्रयोग प्राय: अष्टाचार, अनियमितताओं और गड़बड़ियों को उजागर करने के लिए किया जाता है।
(ii) इन्डेष्थ रिपोर्ट इस रिपोर्ट में सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध तथ्यों, सूचनाओं और औँकड़ों की गहरी छानबीन की जाती है तथा उसके आधार पर किती घटना, समस्या, मुद्दों से जुड़े महत्त्वपूर्ण पहलुओं को सामने लाया जाता है।
(iii) विश्लेषणात्मक रिपोर्ट इस रिपोर्ट में किंसी घटना या समस्या से तथ्यों का विश्लेषण या व्याख्या की जाती है।
(iv) विवरणात्मक रिपोर्ट इस रिपोर्ट में किसी घटना या समस्या के विवरण को सूक्ष्म या विस्तृत रूप से प्रस्तुत करने का प्रयास किया जाता है।
पाठ्य-पुस्तक आरोह भाग 2 –
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए 3 प्रश्नों में से किन्हीं 2 प्रश्नों के लगभग 60 शब्दों में उत्तर दीजिए।
(क) ‘कैमरे में बंद अपाहिज’ कविता में दूरदर्शन वाले कैमरे के सामने किसी दुर्बल को क्यों लाते हैं?
उत्तर :
दूरदर्शन वाले समर्थ और शक्तिशाली होते हैं। वे किसी दुर्बल या अपाहिज को इसलिए कैमरे के सामने लाते हैं, जिससे वह उनकी कर्रणा व दुर्बलता दिखाकर पैसा कमा सके, क्योंकि वे जानते हैं कि समाज में कमजोर व अशक्त लोगों के प्रति करुणा का भाच होता है। लोग दूसरे के दु:ख को जानने के इच्छुक होते हैं, जिससे उन्हें सहानुमूति मिलती हैं, साथ ही दूरदर्शन वालों की टी,आर.पी बढ़ती है। मीडिया वाले इसी भावना का लाभ उठाना चाहते हैं और अपने लाभ व स्वार्थ के लिए ऐसे कार्यक्रम बनाते हैं।
(ख) “पेट की आग का शमन ईश्वर (राम) भक्ति का मेघ ही कर सकता है” तुलसी का यह काव्य-सत्य क्या आधुनिक समय का भी सत्य है? तर्कसंगत उत्तर दीजिए।
उत्तर :
तुलसीदास ने ‘कवितावली’ के एक पद में माना है कि ‘पेट की आग’ रामभक्ति रूपी मेघ ही बुझा सकते हैं। कवि का मानना है कि कर्म-फल ईश्वर के अथीन है। ईश्वर को ‘पेट की आग’ का शमन करने वाला बताना सिर्फ़ आस्था का विषय है।
बिना कर्म के किसी फल की प्राप्ति संभव नहीं है। ईश्वर को पेट की आग बुझाने वाला मानना न तो तुलसी का युग-सत्य था और न ही आज का युग सत्य है। जो मनुष्य परिश्रम करता है, वह आगे बढ़ता है। वर्तमान आर्थिक युग में ईश्वर कृपा की जगह श्रम की महत्ता को स्थान दिया जाता है। ईश्वर के भरोसे रह जाने वाला जीवन, जगत में पीठे छूट जाता है।
(ग) रक्षाबंधन की तैयारी का वर्णन शायर द्वारा किस प्रकार किया गया है? ‘रुबाइयौं’ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
रक्षाबंधन के दिन सुबह-सुबह जब आकाश पर काले बादल छाए होते हैं, तो एक नन्ही-सी बच्ची अपने भाई की कलाई पर राखी बाँधने को तैयार होती है। वह नन्ही-सी बच्ची बड़े उत्साह में है। वह उमंग के साथ हाथ में राखी लेकर खड़ी है। राखी के लच्छे में बिजली-सी चमक है। ऐसी ही चमक उस बच्ची के चेहरे पर भी है।
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए 3 प्रश्नों में से किन्हीं 2 प्रश्नों के लगभग 40 शब्दों में उत्तर दीजिए। (2 × 2 = 4)
(क) ‘दिन जल्दी-जल्दी ढलता है’ में प्रेम की अभिव्यक्ति हुई है, सिद्ध कीजिए।
उत्तर :
‘दिन जल्दी-जल्दी ढलता है’ कविता में कवि ने समय बीत जाने के अहसास का वर्णन किया है। समय के साथ हमें लक्ष्य को प्राप्त कर लेना चाहिए। इसमें कवि ने प्रेम की अभिव्यक्ति करते हुए कहा है कि जब चिड़िया अपने बच्चों के लिए सुबह भोजन की तलाश में निकल जाती है, तब बच्चे घोंसले से बाहर झाँक-झाँककर अपनी माँ का इंतजार कर रहे होते हैं। बच्चे और माँ एक-दूसरे से प्रेम करते हैं। अतः यहाँ चिड़िया और उसके बच्चे के प्रेम को दर्शाया गया है।
(ख) बच्चों के झुंड में कवि को क्या सर्वाधिक आकर्षित करता है? ‘पतंग’ कविता के आधार पर बताइए।
उत्तर :
बच्चों के झुंड में बच्चों का बेसुध होकर लक्ष्य की ओर भागना, कवि को सर्वाधिक आकर्षित करता है। इसी आकर्वण के कारण उसने इसी बिंब का चुनाव किया है। बच्चे अपने लक्ष्य की ओर प्रयास करते हुए दौड़ पड़ते है। उन्हें छत की कठोरता और गिरने का भय भी याद नहीं रहता। अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वे किसी भी तरह प्रयासरत् रहते हैं।
(ग) विप्लव के बादल की घोर गर्जना सुनकर धनी वर्ग किस आशंका से ग्रस्त हो जाता है व क्यों? ‘बादल राग’ कविता के आधार पर बताइए।
उत्तर :
समाज का धनी वर्ग प्रभुत्वशाली है। यह वर्ग पूँजीवादी तथा सामंती है। इसे किसी भी प्रकार के सामाजिक परिवर्तन से भय होता है। यह वर्ग शोषण की बुनियाद पर टिका होता है। क्मजोर, वंचित तथा पिछड़े लोग इसके शिकार बनते हैं, लेकिन जब दबी-कुचली जनता अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने लगती है, तो शोषक वर्ग भयभीत हो जाता है।
विप्लव के बादल जब घोर गर्जना करते हैं, तो धनी वर्ग अपने विनाश, मृत्यु तथा लुटने की आशंका से श्रस्त हो जाता है। ऐसा धनी वर्ग अपने महल के शयनकक्ष में भी भयमीत दिखता है। उसे अपने अस्तित्व तथा शोषण की प्रक्रिया के अंत का बोध काँपने के लिए विवश कर देता है।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए 3 प्रश्नों में से किन्हीं 2 प्रश्नों के लगभग 60 शब्दों में उत्तर दीजिए। (3 × 2 = 6)
(क) भक्तिन के शास्त्रार्थ को स्वीकार करना किसी तर्क शिरोमणि के लिए भी संभव नहीं था। इस कथन के आलोक में भक्तिन की तर्कशक्ति की प्रखरता को सिद्ध कीजिए।
उत्तर :
भक्तिन की तर्कशक्ति बहुत अच्छी थी। वह जिस बात को मानती थी, उसे पूरी शक्ति से कहती थी। जब उससे पूछा गया कि वह घर में इधर-उधर रखे पैसों को मटकी में क्यों डालती है? यह तो चोरी है, तो इसका प्रत्युत्तर देते हुए भक्तिन ने कहा कि यह तो पैसा सँभालकर रखने का एक तरीका है और इसके लिए वह तर्क करने को भी तैयार थी। वह शास्त्रों के तर्कों द्वारा दूसरों को अपने मन के अनुकूल बना लेने में भी निपुण थी। इस प्रकार कहा जा सकता है कि भक्तिन के शास्त्रार्थ को स्वीकार करना किसी तर्क शिरोमणि के लिए भी संभव नहीं था।
(ख) सभी पर बाज़ार का जादू क्यों नहीं चल सकता है? भगत जी का उदाहरण देकर इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर :
लेखक के अनुसार, सभी लोगों पर बाजार का जादू नहीं चलता था अर्थात् जिन लोगों की क्रय-शक्ति होने पर भी मन भरा हुआ हो, उसमें किसी चीज को लेने का निश्चित लक्ष्य हो तथा अन्य किसी सामान की लालसा न हो, ऐसे लोगों पर बाजार का जादू नहीं चलता है। भगत जी भी उन्ही लोगों में से एक थे। इनका चूरन प्रसिद्ध था वे एक दिन में छः आने से अधिक नहीं क्माते थे और इतनी कमाई होती कि वह बाकी चूरन बच्चों में मुक्त बाँट देते थे। वे बाजार से काला नमक और जीरा खरीदने जाते, तो सीचे पंसारी के पास जाकर . बरीद लाते थे। उन पर चौक बाजार का न कोई आकर्षण रहता था और न कोई लालचा बाजार की चकाचौंध से मुक्त रहने से ही उन पर उसका जादू नहीं चलता था।
(ग) ‘काले मेघा पानी दे’ कहानी में इंदर सेना का अन्य नाम क्या था?
उत्तर :
‘काले मेघा पानी दे’ कहानी में इंदर सेना का अन्य नाम ‘मेंढक मंडली’ था। गॉँव के कुछ लोगों को लड़कों का नंग-धडंग होकर कीचड़ में लथपथ होना अच्छा नहीं लगता था। वे उनके अंधविश्वास एवं ढोंग से चिढ़ते थे। इस कारण वे उन लड़कों की टोली से चिढ़ने के कारण उन्हें ‘मेंढक मंडली’ नाम से पुकारते थे।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए 3 प्रश्नों में से किन्हीं 2 प्रश्नों के लगभग 40 शब्दों में उत्तर दीजिए। (2 × 2 = 4)
(क) ‘पहलवान की ढोलक’ पाठ में महामारी फैलने के बाद गाँव में सूर्योंदय और सूर्यास्त के दृश्य में क्या अंतर होता था?
उत्तर :
गाँव में फली बीमारी ने अब महामारी का रूप ले लिया था। इसने इस तरह गाँव में हाहाकार मया दिया था कि सभी के चेहरे पर रुदन के अलावा अन्य कोई भी चिह्न यदा-कदा ही दृष्टिगोचर होता था।
सूर्य निकलने के साथ ही लोग काँपते-कराहते घरों से निकलकर अपने आत्मीयजनों तथा मित्रों को समय बलवान होना समझाकर ढॉँढस बूँधाते थे और कहते थे कि समय परिवर्तित होता रहता है, बुरा समय भी जल्दी समाप्त हो जाएगा। लोग सूर्य के अस्त होने के साथ ही अपनी-अपनी झोंड़ियों में चले जाते और उनकी चूँ तक की आवाज भी नहीं आती। उनकी बोलने की शक्ति भी बिल्कुल समाप्त हो जाती। केवल रुगण गाँववासियों के रोने-कराहने और बच्चों की मों-मों करने की आवाजें ही आतीं।
(ख) शिरीष के माध्यम से लेखक ने कोलाहल तथा संघर्ष में अविचल रहकर जिजीवषु बने रहने की प्रेरणा दी है। कैसे? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘शिरीष के फूल’ द्विवेदी जी का उ़त्कृष्ट निबंध है। इसके माध्यम से लेखक यह बताना चाहता है कि जिस प्रकार शिरीष का फूल; लू, गर्मी, आँधी और शुष्क मौसम में भी खिलकर अपना सौंदर्य बिखेरता रहता है, उसी प्रकार हमें भी जीवन के संघर्षों का सामना करते हुए प्रसन्नतापूर्वक जीवन जीना चाहिए। हमारी जिजीविषा भी ऐसी होनी चाहिए कि जब हमें कहीं से भी पोषण और नमी न मिल सके, तब हम अपनी आत्मा से बल अर्थात् पोषण पा सकें, जिससे हम विकट समय में भी सुकोमल सौंदर्यमयी जीवन को बनाने में अपने आपको सक्षम पाएँ।
(ग) जाति-प्रथा आर्थिक विकास के लिए हानिकारक कैसे है? ‘जाति-प्रथा और श्रम विभाजन’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
जाति प्रथा के कारण अपना व्यवसाय करने में रचि, क्षमता और प्रशिक्षण आदि का कोई योगदान नहीं रहता है। व्यवसाय को मजबूरी में अपनाने से वह जीवन भर के लिए उससे बँच जाता है। जिससे उसकी कार्य कुशलता कमजोर पड़ जाती हैं और आर्थिक लाभ भी नहीं मिलता एवं न ही अपने व्यवसाय के प्रति ईमानदार रह पाता है। कभी-कभी वह इस प्रथा के कारण भूख से मरने की स्थिति में भी पहुँच जाता है जिस कारण समाज एवं व्यक्ति को आर्थिक हानि उठानी पड़ती है।
पूरक पाठ्य-पुस्तक वितान भाग 2 –
प्रश्न 14.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए 2 प्रश्नों में से किसी 1 प्रश्न का लगभग 60 शब्दों में उत्तर दीजिए। (4 × 1 = 4)
“सित्वर वैडिंग वर्तमान युग में बदलते जीवन-मूल्यों की कहानी है।” सोदाहरण सिद्ध कीजिए।
अथवा
“सिंधु सभ्यता की खूबी उसका सौदर्य है, जो राज-पोषित या धर्म-पोषित न होकर समाज-पोषित था” ऐसा क्यों कहा गया?
उत्तर :
‘सिल्वर वैडिंग’ यथार्थ में वर्तमान युग के बदलते जीवन्मूल्यों की कहानी है। कहानी के केंद्रीय चरित्र यशोधर बाबू पाश्वात्य सम्यता से विरक्ति रखते हैं। उनका व्यवहार अपनी पत्नी एवं बच्चों के प्रति उनके विरोध की भावना को दर्शाता है, क्योंकि वे पुराने विधारों का समर्थन करते हैं, जबकि उनका परिवार आधुनिक विचारों के पक्ष में रहता है।
वर्तमान समय पूरी तरह अर्थ पर आधारित हो गया है। आजकल परिवार में धन की अधिकता रहने पर ही पारिवारिक संबंध ठीक से निभ पाते हैं, अन्यथा परिवार को बिखरवे देर नहीं लगती। यशोधर बाबू को धन से विशेष लगाव नहीं है। इसलिए वे अधिक कमाने पर ध्यान नहीं देते। उनका बड़ा बेटा भूषण विज्ञापन कपनी में ₹ 1500 प्रतिमाह पर काम करता है और उसमें अमीर व्यक्ति बनने की आकाक्षा है। वह यशोधर बाबू के विदारों के विपरीत सामाणिक संब्धों की मर्यादा को नकारता है।
इसी कारण वह अपनी बुआ को पैसे नहीं मेजता। उसे न अपने माता-पिता की इच्छा की परवाह है और न रिश्वेदारी की। बदलते जीवन-मूल्य के साथ आज की पीढ़ी सामाजिक परंपराओं को दकियानूसी मानकर छोड़ रही है।
पुरानी पीढ़ी निस्तेज होकर हाशिए पर लाचार खड़ी नज़र आती है। नई और पुरानी पीढ़ी के बीच वैचारिक अंतर बहुत गहरा हो गया है। अतः कहा जा सकता है कि ‘सिल्वर बैडिंग’ वर्तमान युग में हो रहे पारिवारिक मूल्यों के विघटन का यथार्थ चित्रण है।
अथवा
मुअनजो-दड़ो की सभ्यता साधन संपन्न थी। यहाँ के लोगों की रुचि कला से जुड़ी होती थी। यहाँ पर पत्थर की मूर्तियां, मृदभांड, पशु-पक्षियों की छवियाँ, सुनिर्मित मुहरें, खिलौने, केश विन्यास, आभूषण इत्यादि सिंघु सम्यता को तकनीकी रूप से अधिक सिद्ध होने की अपेक्षा उसके कला प्रेम को अधिक दर्शाते हैं। यह सभ्यता धर्म तंत्र या राज तंत्र की ताकत का प्रदर्शन करने वाले महलों, उपासना स्थलों आदि का निर्माण नहीं करती थी। सिंधु सभ्यता समाज पोषित संस्था का समर्थन करती थी। सभ्यता में आउंबर को स्थान नहीं दिया गया था, अपितु चारों ओर से सुंदरता ही दिखाई देती थी। समाज में सौंदर्य बोध था, न कि कोई राजनीतिक या धार्मिक आउंबर। सभ्यता के केंद्र में समाज को प्रथम स्थान दिया गया है। इसमें न किसी राजा का प्रभाव था और न ही किसी धर्म विशेष का। इतना अवश्य है कि कोई-न-कोई राजा अवश्य रहा होगा, लेकिन यह सभ्यता राजा पर आभ्रित नहीं थी। इन्हीं बातों के आधार पर हम कह सकते हैं कि “सिंघु सम्यता राज-पोषित या धर्म-पोषित न होकर पूरी तरह से समाज-पोषित थी।”