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CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi Set 10 with Solutions

January 27, 2025 by Bhagya

Students must start practicing the questions from CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi with Solutions Set 10 are designed as per the revised syllabus.

CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi Set 10 with Solutions

समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश:

  • इस प्रश्न-पत्र में खंड ‘अ’ में वस्तुपरक तथा खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं।
  • खंड ‘अ’ में 40 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। सभी 40 प्रश्नों के उत्तर देने हैं।
  • खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। प्रश्नों के उचित आंतरिक विकल्प दिए गए हैं।
  • दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
  • यथासभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए।

खंड ‘क’
अपठित बोध (18 अंक)

खंड ‘क’ में अपठित बोध के अंतर्गत अपठित गद्यांश व पद्यांश से संबंधित बहुविकल्पीय, अतिलघूत्तरात्मक तथा लघूत्तरात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, जिनमें से बहुविकल्पीय तथा अतिलघूत्तरात्मक के प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक तथा लघूत्तरात्मक के लिए 2 अंक निर्धारित हैं।

प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर निर्देशानुसार लिखिए। (10)
भारत एक विशाल देश है, जिसमें भिन्न-भिन्न प्रकार की समस्याएँ व्याप्त हैं, जिनमें से एक है-जनसंख्या वृद्धि। जनसंख्या वृद्धि देश के विकास में बाधा का कार्य करती है, इसलिए हमारी सवोच्च प्राथमिकता जनसंख्या वृद्धि को रोकना है। इस क्षेत्र में हमारे सभी प्रयत्न निष्फल रहे हैं। ऐसा क्यों है? यह इसलिए भी हो सकता है, क्योंकि समस्या को देखने का हर एक का अलग दृष्टिकोण है। जनसंख्याशास्त्रियों के लिए यह आँकड़ों का अंबार है। अफसरशाही के लिए यह टारगेट तय करने की कार्यविधि है। राजनीतिज्ञ इसे वोट बैंक की दृष्टि से देखता है। ये सब अपने-अपने ढंग से समस्या को सुलझाने में लगे हैं। अत: पृथक्-पृथक् किसी के हाथ सफलता नहीं लगी।

परंतु यह स्पष्ट है कि परिवार के आकार पर आर्थिक विकास और शिक्षा का बहुत प्रभाव पड़ता है। यहाँ आर्थिक विकास का तात्पर्य पाश्चात्य मतानुसार भौतिकवाद नहीं जहाँ बच्चों को बोझ माना जाता है। हमारे लिए तो यह सम्मानपूर्वक जीने के स्तर से संबंधित है। यह मौजूदा संपत्ति के समतामूलक विवरण पर ही निर्भर नहीं है वरन ऐसी शैली अपनाने से संबंधित है, जिसमें अस्सी करोड़ लोगों की ऊर्जा का बेहतर उपयोग हो सके। इसी प्रकार स्त्री-शिक्षा भी है। यह समाज में एक नए प्रकार का चिंतन पैदा करेगी, जिससे सामाजिक और आर्थिक विकास के नए आयाम खुलेंगे और साथ ही बच्चों के विकास का नया रास्ता भी खुलेगा।

अत: जनसंख्या की समस्या सामाजिक है। इसे सरकार अकेले नहीं सुलझा सकती। केंद्रीकरण से हटकर इसे ग्राम-ग्राम, व्यक्ति-व्यक्ति तक पहुँचाना होगा। जब तक यह जन-आंदोलन नहीं बन जाता, तब तक सफलता मिलना संदिग्ध है।
(क) हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता को रोकना है। (1)
(i) जनसंख्या वृद्धि
(ii) प्रदूषण की वृद्धि
(iii) कृषि वृद्धि
(iv) सैनिक वृद्धि
उत्तर :
(i) जनसंख्या वृद्धि

CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi Set 10 with Solutions

(ख) ‘स्त्र-शिक्षा समाज में एक नए चिंतन को पैदा करेगी’ इस कथन से लेखक सिद्ध करना चाहते हैं कि (1)
(i) स्त्री-शिक्षा से लोगों की सोच में सुधार होगा
(ii) स्त्री-शिक्षा से लोगों की जीवन-शैली में परिवर्तन होगा
(iii) स्त्री-शिक्षा से सामाजिक व आर्थिक विकास के साथ-साथ बच्चों का भी विकास होगा
(iv) स्त्री-शिक्षा से सामाजिक समस्या उत्पन्न हो जाएगी
उत्तर :
(iii) स्त्री शिक्षा से सामाजिक व आर्थिक विकास के साथ-साथ बच्चों का भी विकास होगा

(ग) कथन (A) आर्थिक विकास की तरह शिक्षा भी महत्त्वपूर्ण है।
कारण (R) शिक्षा परिवार के आकार को निश्चित करती है। कूट
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(ii) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
उत्तर :
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।

(घ) जनसंख्या की समस्या को किस प्रकार की समस्या माना गया है? (1)
उत्तर :
जनसंख्या की समस्या को सामाजिक समस्या माना गया है। जब तक समाज पूर्ण रूप से शिक्षित नहीं होगा, तब तक यह.समस्या ज्यों-की-त्यों बनी रहेगी।

(ङ) सामाजिक और आर्थिक विकास के नए आयाम किसके माध्यम से खुलेंगे? (2)
उत्तर :
सामाजिक और आर्थिक विकास के नए आयाम स्त्री शिक्षा के माध्यम से खुलेंगे, क्योंकि देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में शिक्षित महिला का अमूल्य योगदान होता है। स्त्री शिक्षा के द्वारा समाज में एक नए चिंतन को पैदा किया जा सकता है। सभी के शिक्षित होने से समाज को नई दिशा मिलेगी तथा जनसंख्या में हो रही वृद्धि पर भी नियंत्रण पाया जा सकता है। इसके साथ ही शिक्षित स्त्री आर्थिक रूप से अपने परिवार को समृद्ध करके महत्तपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

(च) जनसंख्या वृद्धि की समस्या से सफलता मिलना संदिगध क्यों है? (2)
उत्तर :
जनसंख्या वृद्धि की समस्या से सफलता मिलना संदिग्ध इसलिए है कि हम सब यह मानते हैं कि यह सरकार की समस्या है। जनसंख्या में हो रही वृद्धि की समस्या सामाजिक है। इसे केबल सरकार के द्वारा नहीं सुलझाया जा सकता। यदि वास्तव में इस समस्या का समाधान पाना है, दो हमें इसके संदेश को ग्राम-प्राम, व्यक्ति-व्यक्ति तक पहुँचाना होगा। जब तक यह भुद्दा एक जन-आंदोलन का रूप धारण नहीं कर लेता, तब तक इसकी सफलता मिलना संदिग्ध है।

(छ) जनसंख्या वृद्धि को रोकने के हमारे प्रयास निष्षल क्यों रहे हैं? (2)
उत्तर :
जनसंख्या वृद्धि को रोकने के हमारे प्रयास इसलिए निष्फल रहे हैं, क्योंकि इस समस्या को देखने का प्रत्येक व्यक्ति का अपना अलग दृष्टिकोण है। जनसंख्या शास्त्रियों के लिए यह औंकड़ों का अंबार है। अफसरशाही के लिए यह लक्ष्य तय करने की कार्यविधि है। राजनीतिज्ञ का इस बारे में दृष्टिकोण स्वार्थपरता से परिपूर्ण है कि जनसंख्या में वृद्धि नहीं होगी तो वोट बैंक नहीं बढ़ेगा। अत: सभी अपने-अपने तरीके से इस समस्या को सुलझाने में लगे हैं। अलग-अलग सोच और विचारधारा होने के कारण जनसंख्या वृद्धि को रोकने में हम सफल नहीं हो पाए हैं।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर निर्देशानुसार लिखिए। (8)
तुंग हिमालय के कंधों पर
छोटी-बड़ी कई झीलें हैं,
उनके श्यामल नील सलिल में
समतल देशों से आ-आकर
पावस की ऊमस से आकुल
तिक्त-मधुर विष-तंतु खोजते
हंसों को तिरते देखा है।
बादल को घिरते देखा है।
ऋतु वसंत का सुप्रभात था
मंद-मंद था अनिल बह रहा
बालारुण की मृदु किरणें थीं
अगल-बगल स्वर्णाभ शिखर थे
एक-दूसरे से विरहित हो
अगल-बगल रहकर ही जिनको

सारी रात बितानी होगी,
निशाकाल से चिर-अभिशापित
बेबस उस चकवा-चकवी का
बंद हुआ क्रंदन, फिर उनमें
उस महान सरवर के तीरे
शैवालों की हरी दरी पर
प्रणय-कलह छिड़ते देखा है।
बादल को घिरते देखा है।
दुर्गम बर्फ़ानी घाटी में
शत-सहस्र फुट ऊँचाई पर
अलख नाभि से उठने वाले
निज के ही उन्मादक परिमल-
के पीछे धावित हो-होकर
तरल तरुण कस्तूरी मृग को
अपने पर चिढ़ते देखा है।

(क) प्रस्तुत पद्यांश में मृग स्वयं पर ही क्यों चिढ़ता है? (1)
(i) कस्तूरी की गंध को ढूँब-बूँढकर थक जाने के कारण
(ii) हिमालय पर्वत पर चढ़ न पाने के कारण
(iii) बादल को पकड न पाने के कारण
(iv) जीवन में निराशा व्याप्त होने के कारण
उत्तर :
(i) कस्तूरी की गंध को ढूँढ-ढूँढकर थक जाने के कारण

CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi Set 10 with Solutions

(ख) कवि को कौन-सा दृश्य अत्यंत आकर्षक लगता है? (1)
(i) हिमालय की ब्र्फीली चोटियों पर घिरते बादल का दृश्य
(ii) कस्तूरी मृग के चिढ़ने का दृश्य
(iii) मेघदूत का पता न चलने का दृश्य
(iv) कविता करने के लिए उपयुक्त स्थान का दृश्य
उत्तर :
(i) हिमालय की बर्फलीली चोटियों पर घिरते बादल का दृश्य

(ग) सुमेलित कीजिए (1)

I सूची सूची II
A. विष-तंतु 1. विलाप करना
B. अनिल 2. उगता सूरज
C. बालारुण 3. हवा
D. क्रंदन 4. कमल के फूल के रेशे

कूट
A B C D
(i) 4 1 2 3
(ii) 2 3 1 4
(iii) 4 3 2 1
(iv) 3 2 4 1
उत्तर :
(iii)

I सूची सूची II
A. विष-तंतु 4. कमल के फूल के रेशे
B. अनिल 3. हवा
C. बालारुण 2. उगता सूरज
D. क्रंदन 1. विलाप करना

(घ) चकवा-चकवी को क्या श्राप लगा है?
उत्तर :
चकवा-चकवी को यह श्राप लगा है कि वे रात होने पर अलग हो जाएँगे।

(ङ) मृग अपनी नाभि से उठने वाले परिमल की खोज में कहाँ व क्यों दौड़ता है? (2)
उत्तर :
कवि ने मृग के उदाहरण के माध्यम से बताया हैं कि कस्तूरी मृग की नाभि में कस्तूरी नामक पदार्थ होता है, जिसमें से परिमल (सुगं) आती है। उस परिमल की खोज में कस्तूरी मृग वन में इधर से उधर दौड़ता फिरता है, लेकिन उसे खोज नहीं पाता, क्योकि वह सुगंध उसी के साथ है, उससे अलग नहीं है जब वह उसको खोज नहीं पाता है, तो थककर वह अपने पर ही चिढ़ने लगता है।

CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi Set 10 with Solutions

(च) कवि ने हंसों को क्या खोजते हुए देखा है? (2)
उत्तर :
प्रस्तुत पद्यांश में कवि कहता है कि हिमालय के कंधो पर जो छोटी-छोटी झीले हैं, उन झीलों का पानी स्वच्छ है। वर्षा के मौसम में वर्षाँ की उमस से व्याकुल होकर पक्षियों के समूह हिमालय की ओर पलायन करते है, क्योंकि वहाँ का मौसम सुछावावना होता है। अत: वहाँ कवि ने हुसों को झीलों में खिले कमल की नाल के कडवे-मीठे तंतु खोजते हुए देखा है।

खंड ‘ख’
अभिव्यक्ति और माध्यम पाठ्यपुस्तक (22 अंक)

खंड ‘ख’ में अभिव्यक्ति और माध्यम से संबंधित वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित 3 विषयों में से किसी 1 विषय पर लगभग 120 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए। (6 × 1 = 6)
(क) बेटियों के लिए आवश्यक होती शिक्षा
उत्तर :
बेटियों के लिए आवश्यक होती शिक्षा
भारतीय समाज में बेटे और बेटियों के मध्य काफी समय से भेदभाव चलता आ रहा है। बेटों को घर का करिस और बेटियों को पराया धन मानकर उन्हें अनेक अवसरों से वंचित किया जाता रहाँ है। किसी ने सच ही कहा है कि जब आप एक महिला को शिक्षा देकर शिक्षित करते हैं, तो आप एक पूर्ण परिवार को शिक्षित करते हैं। समाज में जहाँ बेटियों को 20 वीं सदी के अंत तक शिक्षा से वंचित रखा गया है, वहीं अब बेटियों को शिक्षित करने के लिए विशेष अभियान और योजनाएँ आयोजित की जा रही हैं। बेटियों को शिक्षा प्रदान करने से वे न केवल अपना, बल्कि देश के विकास और समृद्धि में भी मदद करेंगी।

शिक्षा जीवन जीने का एक अनिवार्य हिस्सा होती है, जो एक व्यक्ति को निपुणता से नई चीजें सीखने और दुनिया के तथ्यों के बारे में जानने में मदद करती है। एक शिक्षित लड़की आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ दूसरों के द्वारा किए जा रहे अल्याचारों का भी स्वयं सामना कर सकती है और साथ ही अपने बच्चों का भी पालन-पोषण अच्छे तरीके से कर सकती है। शिक्षा के माध्यम से वह एक स्वस्थ और स्वच्छ जीवन शैली का नेतृत्व कर सकती है। यदि बेटियाँ शिक्षित होंगी, तो उन्हें गरिमा और सम्मान के साथ देखा जाने लगेगा। शिक्षित बेटियाँ विभिन्न व्यवसायों (कुक, इंजीनियर, डॉक्टर व राजनीति) में सफलता हासिल कर अन्य लड़कियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन सकती हैं।

(ख) वृक्ष मनुष्य के सच्चे हितैषी है
उत्तर :
वृक्ष मनुष्य के सच्चे हितैषी है
वृक्ष संपूर्ण विश्व के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। यदि इस धरती पर कोई वृक्ष नहीं होगा, तो मनुष्य का जीवन जीना भी असंभव होगा, क्योकि पेड़-पौँधे ही मनुष्य को ऑक्सीजन प्रदान करते हैं और कार्बन-डाइ-ऑक्साइड का अवशोषण करते हैं।
मनुष्य वृक्षों द्वारा शृद्ध हवा प्राप्त करते हैं। वृक्ष प्रकृति में एक सुंदर वातावरण का निर्माण करते हैं। मनुष्यों द्वारा वृक्षों का उपयोग कई कार्यों के लिए किया जाता है, जिसमें पेड़ों की लकड़ी से कागज़, गोंद और फर्नींचर आदि सामान बनाए जाते है। इसके अतिरिक्त वृक्षों से फल, फूल और भोजन भी प्राप्त होता है।

संसार में पेड़-पौधों से मिलने वाली अनेक महत्त्वपूर्ण चीजे हैं, जिनमें अनाज, दाल, फल, सब्जियाँ, औषधियाँ अदि सम्मिलित हैं, लेकिन पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण पारिस्थितिक प्रणाली डगमगा गई है, जिसके परिणामस्वरूप बाढ़, सूखा, भूकंय जैसी प्राकृतिक आपदाएँ बढ़ती जा रही हैं, लेकिन कुछ लोग अपनी स्वार्थी प्रवृत्ति के कारण इन आपदाओं से सीख नहीं लेते।

यदि यह सब इसी प्रकार चलता रहा, तो संपूर्ण पृथ्वी खतरे में पड़ जाएगी और तब हमें जीने के लिए न तो ऑक्सीजन मिलेगी और न ही भोजन। अतः प्रत्येक मनुष्य को अपने स्तर पर पर्यावरण की रक्षा के लिए, वृक्षों से लाभ प्राप्त करने के लिए अधिक-से-अधिक पेड़ लगाने चाहिए। साथ ही सरकारी और गैर-सरकारी स्तर पर वृक्षारोपण कार्यक्रमों पर बल देना चाहिए, क्योंकि वृक्ष ही मनुष्य के सच्चे हितिषी होते हैं।

CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi Set 10 with Solutions

(ग) स्वच्छता : आज की अनिवार्य आवश्यकता है
उत्तर :
स्वच्छता : आज की अनिवार्य आवश्यकता है
एक आदर्श जीवन वह होता है, जिसमे जीवन व्यर्वस्थित रहता है। स्वच्छता प्रत्येक व्यक्ति का प्राथमिक उत्तरदायित्व होना चाहिए। सभी को यह समझना चाहिए कि खाने और पानी की भाँति ही स्वच्छता भी बहुत आवश्यक है, बल्कि हमें स्वच्छता को खाने और पानी से भी अधिक प्राथमिकता देनी चाहिए। हम केवल तभी स्वस्थ रह सकते हैं जब हम सफाई औस स्वास्थ्यकर तरीके अपनाएँगे। बचपन सभी के जीबन का सबसे अच्छा समय होता है, इस समय हम स्वच्छता की आदत में कुशल हो सकते हैं; जैसे-रोज़ नहाना, स्वच्छ कपडे पहनना, अपने आस-पास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना, स्वच्छ भोजन करना अदि अभिभावक की नियमित निगरानी और सतर्कता में होना चाहिए, ताकि बचपन से ही अच्छी आदतों का विकास बच्चों में किया जा सके।

स्वच्छता जीवन की आधारशिला है। इसमें मानव की गरिमा, शालीनता और आस्तिकता के दर्शन होते हैं। मानसिक, शारीरिक, बौद्धिक और सामाजिक हर तरीके से स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छता बहुत जरूरी है। महात्मा गाँधी ने अपने आस-पास के लोगों को स्वच्छता बनाए रखने संबंधी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को एक उत्कृष्ट संदेश दिया था। उन्होंने ‘स्वच्छ भारत’ का सपना देखा था, जिसके लिए वे चाहते थे कि भारत के सभी नागरिक एक-साथ मिलकर देश को स्वच्छ बनाने के लिए कार्य करें।

महात्मा गाँधी के स्वच्छ भारत के स्वप्न को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर, 2014 को ‘स्वच्छ भारत अभियान’ प्रारंभ किया तथा सभी भारतीयों से इस अभियान से जुड़कर इसे सफल बनाने की अपील की। अतः स्वच्छता एक अवधारणा न होकर जीवन का एक महत्त्वपूर्ण पहलू है, जो एक स्वस्थ और स्वच्छ वातावरण को सुनिश्चित करता है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़िए और किन्हीं 4 प्रश्नों के उत्तर लगभग 40 शब्दों में लिखिए। (2 × 4 = 8)
(क) अप्रत्याशित लेखन का बुनियादी नियम सुसंबद्धता है, कैसे? स्पष्ट कीजिए। (2)
उत्तर :
अप्रत्याशित लेखन का बुनियादी नियम सुसंबद्धता है, क्योंकि इसका उद्देश्य भाषा के माध्यम से किसी विषय पर विचार करने और उस विचार को व्याकरणिक शुद्धता के साथ सुगठित रूप से अभिव्यक्त करना है। विवरण-विवेचन के सुसंबद्ध होने के साथ-साथ उसका सुसंगत होना भी अच्छे लेखन की विशेषता है।

(ख) “नाटक की कहानी भले ही भूतकाल या भविष्यकाल से संबंधित हो, परंतु उसे वर्तमान में घटित होना पड़ता है।” स्पष्ट कीजिए। (2)
उत्तर :
नाटक का विषय भूतकाल हो या भविष्यकाल, दोनों ही स्थितियों में यह वर्तमान काल में संयोजित होता है। यही कारण है कि नाटक के मंच निर्देश हमेशा वर्तमान काल में लिखे जाते हैं। चाहे काल कोई भी हो उसे एक समय में, एक स्थान विशेष पर वर्तमान काल में ही घटित होना होता है। समय को लेकर एक और तथ्य यह है कि साहित्य की अन्य विधाओं; जैसे-कहानी, उपन्यास, कविता को हम कभी भी पड़ते तथा सुनते हुए बीच में रोक सकते हैं और कुछ समय बाद फिर वहीं से पढ़ना या सुनना शुरु कर सकते हैं, परंतु नाटक के सीथ ऐसा संभव नहीं है। नाटक को एक बार आरंभ होने के बाद एक निश्चित समय सीमा के अंदर समाप्त होना होता है।

(ग) कहानी लेखन हेतु संवादों की भूमिका पर प्रकाश डालिए। (2)
उत्तर :
कहानी के पात्रों के द्वारा किए गए उनके विचारों की अभिव्यक्ति को संवाद या कथोपकथन कहते हैं। कहानी में संवाद का विशेष महत्त्व होता है। संवाद ही कहानी तथा पात्र को स्थापित एवं विकसित करते हैं, साथ ही कहानी को गति देकर आगे बढाते हैं। जो घटना या प्रतिक्रिया को कहानीकार घटित होती हुई नहीं दिखा सकता, उन्हें वह संवादों के माध्यम से प्रस्तुत करता है। इस प्रकार, कहानी में संबादों का अत्यंत महत्त्व है।

CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi Set 10 with Solutions

(घ) नए और अप्रत्याशित विषयों पर लेखन करते समय कौन-कौन सी बातें ध्यान में रखनी चाहिए? (2)
उत्तर :
नए और अप्रत्याशित विषयों पर लेखन के लिए अभी तक कोई निश्चित फॉर्मूला निर्धारित नहीं किया गया है। अत: ऐसे विषयों पर लेखन करते समय निम्नलिखित बाते ध्यान में रखनी आवश्यक हैं
(i) नए और अप्रत्याशित विषय के संबंध में व्यक्त वस्तुस्थिति की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।
(ii) नए और अप्रत्याशित विषय के संबंध में चिंतन करते समय हमारे मस्तिष्क में जो भी विचार आएँ, उन्हें हमें सार्थक और सुसंगत रूप में व्यक्त करना चहिए।
(iii) इस विषय की सबसे पहले एक रूपरेखा बनानी चाहिए।ं
(iv) नए और अप्रत्याशित विषय का स्वरूप जैसा भी हो, उस पर लिखते समय सुसंबद्धता और स्सुसंगति का ध्यान रखना चाहिए।
(v) नए और अप्रत्याशित विषयों पर व्यक्त विचारों में आत्मनिष्ठता और लेखनीय व्यक्तित्व की स्पष्ट छाप प्रतिबिंबित होनी चाहिए।

(ङ) अंशकालिक पत्रकार किसे कहते है? समझाकर लिखिए। (2)
उत्तर :
अंशकालिक पत्रकार समाचार संगठन के लिए एक निश्चित मानदेय के आधार पर काम करते है। चूँकि ये पूर्णकालिक पत्रकार नहीं होते। अतः ये एक से अधिक पत्रों के लिए भी काम करते हैं।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढिए और किन्हीं 2 प्रश्नों के उत्तर लगभग 80 शब्दों में लिखिए। (4 × 2 = 8)
(क) मुद्रित माध्यमों के लिए लिखते समय किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है? (4)
उत्तर :
मुद्रित माध्यमों के लिए लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक है
1. मुद्रित माध्यमों के लिए लेखन करते समय अपने पाठकों के भाषा-ज्ञान व उनकी रुचियों तथा ज्ञरूरतों का भी पूरा ध्यान रखना पडता है।
2. मुद्रित माध्यमों के लेख्रकों और पत्रकारों को प्रकाशन की समय-सीमा का पूरा ध्यान रखना पड़ता है।
3. मुद्रित माध्यमों में लेखक को शब्द-सीमा का भी पूरा ध्यान रखना पड़ता है; जैसे-किसी अखवार या पत्रिका के संपादक ने यदि आपको 250 शब्दों में रिपोर्टं या फीचर लिखने के लिए कहा है, तो आपको उस शब्द-सीमा का ध्यान रखना पड़ेगा।
4. मुद्रित माध्यम के लेखक या पत्रकार को इस बात का भी ध्यान रखना पङ़ता है कि मुद्रित होने से पहले आलेख में मौजूद सभी गलतियों और अशुद्धियों को दूर कर दिया जाए।

(ख) नए एवं अप्रत्याशित विषयों के लेखन से आप क्या समझते हैं? यह एक चुनौती कैसे है? (4)
उत्तर :
निबंध लेखन से संबंधित परंपरागत विषयों से हटकर नए विषयों पर मौलिक रूप से लिखना ही ‘नए एवं अप्रत्याशित विषयों पर लेखन’ कहलाता है। इस तरह का लेखन चुनौतीपूर्ण होता है, क्योकि इसके अंतर्गत विषयों की प्रकृति अलग-अलग होती है, जिस कारण विषयों की माँग भी अलग-अलग किस्म की होती है।
कोई विषय तार्किंक होता है, तो कोई विषय आपके सैद्धांतिक नज़िए को परखना चाहता है। इस कारण विभिन्न विषयो पर लिखा आपका लेख कभी निबंध, संस्मरण, यात्रा वृत्तांत तो कभी रेखाचित्र का स्वरूप लगेगा। इसलिए ऐसे लेखों का शीर्षक सामान्य होना चाहिए, जिससे वे किसी विधा विशेष के अंतर्गत न लगें। इस तरह के लेखों को लिखते समय विचार-प्रवाह पर नियंत्रण रखना पड़ता है। विचार सुसंगत रखने पड़ते हैं, ताकि लिखे गए वाक्य एक-दूसरे से संबद्ध व तालमेलपूर्ण लगें।

CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi Set 10 with Solutions

(ग) एक पत्रकार के लेखन की भाषा-शैली कैसी होनी चाहिए? स्पष्ट कीजिए। (4)
उत्तर :
भाषा का ज्ञान पत्रकार का सबसे बड़ा गुण होता है। पत्रकार की भाषा जितनी पैनी होगी, वह उतनी ही सफल और सक्षम होगी। किसी भी भाषा की रचना सामान्य परिस्थितियों में नहीं होती, बल्कि भाषा परिवर्तनों में जन्म लेती है और परिवर्तनों के साथ ही विकसित होती है। पत्र-पत्रिकाओं का सीधा संबंध सामान्य जनता से होता है। इसलिए एक पत्रकार की भाषा सीधी, सरल व सहज होनी चाहिए, जिससे लोगों को समझने में कोई परेशानी न आए। इसकी भाषा जनसाधारण के लिए सुबोध होनी चाहिए अर्थात् कम शब्दों में पूरी बात समझाने वाली होनी चाहिए।

खंड ‘ग’
पाठ्यपुस्तक आरोह भाग-2 एवं वितान भाग-2 (40 अंक)

खंड ‘ग’ में पाठ्यपुस्तक आरोह भाग-2 से गद्य व पद्य खंड से बहुविकल्पीय प्रश्न, अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न व लघूत्तरात्मक प्रश्न तथा वितान भाग-2 से लघूत्तरात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित पद्यांश के ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए (5 × 1 = 5)
प्रात: नभ था बहुत नीला शंख जैसे भोर का नभ
राख से लीपा हुआ चौका (अभी गीला पड़ा है)
बहुत काली सिल जरा से लाल केसर से
कि जैसे धुल गई हो
स्लेट पर या लाल खड़िया चाक
मल दी हो किसी ने
नील जल में या किसी की
गौर झिलमिल देह
जैसे हिल रही हो।
और ….
जादू टूटता है इस उषा का अब सूर्योदय हो रहा है।

(क) कवि ने प्रातःकालीन वातावरण की समानता नीले शंख से क्यों की है? (1)
(i) भोर के समय वातावरण का रंग नीले शंख जैसा बुझा होने के कारण
(ii) कवि को नीले शंख का रंग पसंद होने के कारण
(iii) भोर के समय वातावरण के अनेक रंग बदलने के कारण
(iv) नीले शंख के अतिरिक्त अन्य उपमा न मिलने के कारण
उत्तर :
(i) भोर के समय वातावरण का रंग नीले शंख जैसा बुझा होने के कारण

(ख) सुमेलित कीजिए (1)

सूची I सूची II
A. राख से लीपा चौका 1. रात्रि की समाप्ति
B. नीला शंख 2. सूर्योदय से पहले भोर का आगमन
C. काली सिल 3. नीला स्वच्छ आकाश
D. नील जल 4. भोर के नभ का सुरमई रंग

कूट
A B C D
(i) 1 2 4 3
(ii) 4 2 1 3
(iii) 4 3 2 1
(iv) 3 2 1 4
उत्तर :
(ii)

सूची I सूची II
A. राख से लीपा चौका 4. भोर के नभ का सुरमई रंग
B. नीला शंख 2. सूर्योदय से पहले भोर का आगमन
C. काली सिल 1. रात्रि की समाप्ति
D. नील जल 3. नीला स्वच्छ आकाश

CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi Set 10 with Solutions

(ग) कवि ने भोर के नभ को राख से लीपा हुआ गीला चौका कहा है। यहाँ चौके के गीला होने का क्या भावार्थ है? (1)
(i) नए जीवन का उदय
(ii) वातावरण में नमी
(iii) भोजन के लिए तैयार होना
(iv) वातावरण में शुष्कता
उत्तर :
(ii) वातावरण में नमी

(घ) कथन (A) सूर्य की किरणें हिलती हुई नायिका के समान लगती हैं। (1)
कारण (R) प्रातःकालीन नमी एवं मंद हवा चल रही है।
कूट
(i) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(ii) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नही करता है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही ब्याख्या करता है।
उत्तर :
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।

(ङ) किसका जादू टूटता है? (1)
(i) सूर्य का
(ii) चंद्रमा का
(iii) उबा का
(iv) तारों का
उत्तर :
(iii) उषा का

प्रश्न 7.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए 3 प्रश्नों में से किन्हीं 2 प्रश्नों के लगभग 60 शब्दों में उत्तर लिखिए। (3 × 2 = 6)
(क) “भ्रातृशोक में हुई राम की दशा को कवि ने प्रभु की नर-लीला की अपेक्षा सच्ची मानवीय अनुभूति के रूप में रचा है।” क्या आप इससे सहमत हैं? तर्कपूर्ण उत्तर दीजिए। (3)
उत्तर :
प्रस्तुत पंक्ति में श्रीराम की आंतरिक ख्यथा का मर्मस्पर्शी चित्रण हुआ है। ‘लक्ष्मण-मूच्छा और राम का विलाप’ कविता में लक्ष्मण के प्रति श्रीराम के प्रेम की हुदयस्पर्शीं अभिव्यक्ति हुई है। यहाँ श्रीराम का प्रभु की नर-लीला की अपेक्षा मानवीय रूप दृष्टिगत होता है। यह बिल्कुल सत्य है कि श्रीराम साधारण मानव की तरह अध्रीर होते हैं और कहते हैं कि उन्हें यदि ज्ञात होता कि वन में भाई का विछोह होगा, तो वे पिता को दिए गए वचन का पालन नहीं करते। वे कहते हैं कि संसार में पुत्र, स्त्री अदि तो एकाधिक बार मिल जाते हैं, परंतु सहोदर भाई पुन: नहीं मिलता। श्रीराम कहते हैं कि लक्ष्मण के बिना वे कौन-सा मुँह लेकर अयोध्या जाएँगे।

(ख) ‘पतंग’ कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि किशोर और युवावर्ग समाज का मार्गदर्शक है। युवावर्ग ही विश्व की एकता को स्थायित्व दे सकता है। (3)
उत्तर :
किशोर और युवा अवस्था ऐसी अवस्थाएँ होती हैं, जिसमें क्षमता और इच्छाशक्ति उच्च स्तर पर होती है। ये स्वयं अपना लक्ष्य निर्धारित करते हैं और उसे पाने की हर संभव कोशिश करते हैं। उनकी आँखों में जीवन की ऊँचाइयों को पाने के सपने होते हैं। किशोर तथा युवा वर्ग अपनी निश्छलता से विश्व की एकता को स्थायित्व दे सकते हैं।

(ग) “जग-जीवन का भार लिए फिरने” का आशय स्पष्ट कीजिए। (3)
उत्तर :
जग-जीवन का भार लिए फिरने का आशय यह है कि मैं संसार का भार अपने कंधों पर लिए फिरता हूँ, क्योंकि कवि चितनशील व्यक्ति होता है। वह अपने तक ही सीमित नहीं रहता। कवि तो स्वतंत्र-चेतना का व्यक्ति होता है। वह संसार के विषय में सोचता है। संसार में अभाव है, पीड़ा है, छल-कपट है, नित्य नूतन समस्याएँ हैं। कविगण उनके कारण एवं निदान के विषय में चितन करते रहते हैं। सब समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करना तो उनके वश में नहीं होता, लेकिन वे अपने साहित्य में कोई महत्वपूर्ण समस्या उठाते हैं और फिर उसके निराकरण के लिए संसार को एक रास्ता भी दिखाते हैं।

CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi Set 10 with Solutions

प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए 3 प्रश्नों में से किन्हीं 2 प्रश्नों के लगभग 40 शब्दों में उत्तर लिखिए। (2 × 2 = 4)
(क) ‘कविता के बहाने’ कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए। (2)
उत्तर :
‘कविता के बहाने’ कविता कुँवर नारायण के ‘इन दिनों’ काव्य-संग्रह से ली गई है। कवि आज के समय में कविता के वजूद को लेकर आशंकित है। उसे स्रंदेह है कि यांत्रिकता के दबाव में कविता का अस्तित्व क्षीण न हो जाए। ऐसे में यह कविता, कविता की अपार संभावनाओं को टटोलने का एक अवसर देती है। कविता के बहाने यह एक यात्रा है, जो चिड़िया और फूल से लेकर बच्चे तक जाती है।

एक ओर प्रकृति है, तो दूसरी ओर भविष्य की ओर कदम बढ़ाता बच्चा है। चिड़िया की उड्रान की सीमा है, लेकिन बच्चों के सपने असीम हैं। कविता भी शब्दों का खेल है और शब्दों के इस खेल में जड़, चेतन, अतीत, वर्तमान और भविष्य सभी उपकरण मात्र हैं। इसलिए जहाँ कहीं रचनात्मक ऊर्जा होती है, वहाँ सीमाओं के बंधन कमजोर पड़कर टूट जाते हैं। वह चाहे घर, भाषा या समय की ही सीमा क्यों न हो।

(ख) ‘कैमरे में बंद अपाहिज’ कविता को क्या संवेदनहीन कहा जा सकता है? तर्क सहित स्पष्ट कीजिए। (2)
उत्तर :
‘कैमरे में बंद अपाहिज’ कविता को संवेदनहीन कविता इसलिए कहा जा सकता है, क्योंकि यह कविता मीडिया द्वारा लोगों को पीड़ा को बेचने की स्थिति को दर्शाती है। तथाकथित संवेदनशील कार्यक्रमों का संचालन करने वाले स्वयं संवेदनहीन होते हैं। वे पीड़ित व्यक्ति से अर्थहीन एवं मूख्खतापूर्ण प्रश्न पूछ्छते हैं, क्योंक उनका उद्देश्य सिर्फ ऐसे प्रश्न करना है, जिससे पीड़ित की वेदना, आँसुओं के रास्ते छलक उठे और दर्शक उनके कार्यक्रम में रचि लें। किसी भी तरह उनकी टी आर पी बके और उन्हें इसका व्यावसायिक लाभ प्राप्त हो सके। उनका एकमात्र उद्देश्य अपाहिज या पीड़ायुक्त व्यक्ति की वेदना को दूरदर्शन के माध्यम से बेचना होता है। इसलिए इस कविता को संवेदनहीन की कविता कहा जा सकता है।

(ग) ‘बादल राग’ कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि समाज का धनी वर्ग प्रभुत्वशाली होते हुए भी परिवर्तन से भयभीत क्यों रहता है? (2)
उत्तर :
समाज का धनी वर्ग प्रभुत्वशाली होते हुए भी परिवर्तन से इसलिए भयभीत रहता है, क्योंकि इसे किसी भी प्रकार के सामाजिक परिवर्तन से भय लगता है। यह वर्ग शोषण की बुनियाद पर टिका होता है। कमज़ोर, वंचित तथा पिद्धड़े लोग इसके शिकार बनते हैं, लेकिन जब दबी-कुचली जनता अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने लगती है, तो शोषक वर्ग भयभीत हो जाता है।
विप्लव के बादल जब घोर गर्जना करते हैं, तो धनी वर्गा अपने विनाश, मृत्यु तथा लुटने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है। ऐसा धनी वर्ग अपने महल के शयनकक्ष में भी भयभीत दिखता है। उसे अपने अस्तित्व तथा शोषण की प्रक्रिया के अंत का बोध कापने के . लिए विवश कर देता है।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित गाद्यांश को ध्यानपूर्वक पढकर उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
एक-एक बार मुझे मालूम होता है कि यह शिरीष एक अद्भुत अवधूत है। दु:ख हो या सुख, वह हार नहीं मानता। न ऊधो का लेना, न माधो का देना। जब धरती और आसमान जलते रहते हैं, तब भी यह हजरत न जाने कहाँ से अपना रस खींचते रहते हैं। मौज में आठों याम मस्त रहते हैं। एक वनस्पतिशास्त्री ने मुझे बताया है कि यह उस श्रेणी का पेड़ है जो वायुमंडल से अपना रस खींचता है। जरूर खींचता होगा। नहीं तो भयंकर लू के समय इतने कोमल तंतुजाल और ऐसे सुकुमार केसर को कैसे उगा सकता था? अवधुतों के मुँह से ही संसार की सबसे सरस रचनाएँ निकली हैं। कबीर बहुत-कुछ इस शिरीष के समान ही थे, मस्त और बेपरवाह, पर सरस और मादक। कालिदास भी जरूर अनासक्त योगी रहे होंगे।

(क) अनासक्त योगी किसे कहा गया है? (1)
(i) कबीर को
(ii) कालिदास को
(iii) तुलसीदास को
(iv) वात्स्यायन को
उत्तर :
(ii) कालिदास को

(ख) सुमेलित कीजिए (1)

सूची I सूची II
A. अवधूत 1. संसार के विरत संन्यासी
B. न ऊथो का लेना न माधो का देना 2. जो भौतिक सुखों से आसक्त नहीं होता
C. अनासक्त योगी 3. किसी से कोई मतलब न रखना

कूट
A B C
(i) 3 1 2
(ii) 1 3 2
(iii) 1 2 3
(iv) 2 1 3
उत्तर :
(ii)

सूची I सूची II
A. अवधूत 1. संसार के विरत संन्यासी
B. न ऊथो का लेना न माधो का देना 3. किसी से कोई मतलब न रखना
C. अनासक्त योगी 2. जो भौतिक सुखों से आसक्त नहीं होता

CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi Set 10 with Solutions

(ग) लेखक शिरीष के माध्यम से क्या संकेत देना चाहता है? (1)
(i) हमें जीवन की कठिनाइयों का डटकर सामना करना चाहिए
(ii) हमें अपने भविष्य के प्रति सतर्क रहना चाहिए
(iii) हमें विवादों में नही पड़ना चाहिए
(iv) हमें इतिहास को बहुत अधिक महत्त्व नहीं देना चाहिए
उत्तर :
(i) हमें जीवन की कठिनाइयों का डटकर सामना करना चाहिए।

(घ) गद्यांश के अनुसार भयंकर लू में भी शिरीष सुकोमल केसर को कैसे उगा सकता होगा? (1)
(i) वायुमंडल से रस खींचने के कारण
(ii) ऊँचे हिमालय पर स्थित होने के कारण
(iii) स्वयं के लिए परिश्रम करने के कारण
(iv) ये सभी
उत्तर :
(i) वायुमंडल से रस खींचने के कारण

(ङ) कथन (A) शिरीष एक अद्भुत अवध्यूत है। (1)
कारण (R) वह हर तरह की परेशानी से लड़ने में सक्षम रहता है। कूट
(i) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(ii) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, किन्तु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर :
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।

प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए 3 प्रश्नों में से किन्हीं 2 प्रश्नों के लगभग 60 शब्दों में उत्तर लिखिए। (3 × 2 = 6)
(क) लोगों ने लइ़कों की टोली को मेंढक-मंडली का नाम किस आधार पर दिया? यह टोली स्वयं को इंदर सेना कहकर क्यों बुलाती थी? ‘काले मेघा पानी दे’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए। (3)
उत्तर :
गाँव के कुछ लोगों को लड़कों का नंग-धड़ंग होकर कीचड़ में लथपथ होना अच्छा नहीं लगता था। इस कारण वे उन लडकों की टोली को ‘मेढक-मंडली’ के नाम से पुकारते थे। लड़कों की टोली वर्षा के देवता (इंद्र) से वर्षा करने की प्रार्थना करती थी। वे लोक-विश्वास के आधार पर इंद्रदेव के दूत बनकर सबसे पानी इसलिए माँगते थे, जिससे इंद्रदेव भी उन्हें वर्षा का दान करें। इसलिए वे स्वयं को ‘इंदर सेना’ कहकर बुलाते थे।

(ख) ‘कालिदास अनासक्त योगी की तरह थे, इसलिए वे मेघदूत काव्य का निर्माण कर सके।’ लेखक के इस कथन का क्या अभिप्राय है? ‘शिरीष के फूल’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए। (3)
उत्तर :
शिरीष वृक्ष्र अद्भुत, अवधूत तथा अनासक्त है। वह मस्त व फक्कड जैसा है। कवि को हानि-लाभ, राग-द्वेष, यश-अपयश आदि की चिंता न करके अनासक्त रहना पड़ता है। सब कुछ अवधूत की तरह सहन करने तथा अनासक्त रहकर आगे बढ़ने से ही महान लक्ष्य मिलता है। अत: स्पष्ट है कि कालिदास अनासक्त योगी की तरह थे, इसलिए वे मेघद्त काव्य का निर्माण कर सके।

(ग) पहलवान लुट्टन सिंह को राजा साहब की कृपा दृष्टि कब प्राप्त हुई? (3)
उत्तर :
लुट्टन सिंह सुडौल शरीर वाला एक देहाती पहलवान था। उसने एक बार श्यामनगर के राजा की आज़ा लेकर पंजाब के पहलवान चाँद सिंह को ढोलक की ताल का अनुसरण कर चित्त कर दिया था। तब पहलवान लुद्टल सिंह को राजा साहब की कृपा दृष्टि प्राप्त हुई। राजा साहब ने खुश होकर उसे अपने दरबार में रख लिया था और उस दिन से राजा साहब के देहांत तक वह राज-पहलवान बना रहा।

प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए 3 प्रश्नों में से किन्हीं 2 प्रश्नों के लगभग 40 शब्दों में उत्तर लिखिए। (2 × 2 = 4)
(क) भक्तिन के आने से महादेवी अधिक देहाती कैसे हो गई? स्पष्ट कीजिए। (2)
उत्तर :
भक्तिन के आने से महादेवी अधिक देहाती इसलिए हो गई, क्योकि भक्तिन देहाती थी। शहर में लेखिका के पास सेविका के रूप में भक्तिन के आ जाने से महादेवी का रहन-सहन, खाना-पौना देहाती हो गया। भक्तिन ने देहाती खाने की विशेषताएँ बताकर उनके खाने की आदत बदल डाली। लेखिका को रात में मकई के दलिये के साथ मट्ठा पीना पड़ा, बाजरे के तिल मिलाकर बने पुए खाने पड़े और ज्वार के भुने हुए भुट्टे की खिचड़ी खानी पड़ी। उसकी बनाई हुईँ सफेद महुए की लपसी (पतला-सा हलवा) को संसार के श्रेष्ठ हलवे से अधिक स्वादिष्ट मानकर खाना पड़ा। भक्तिन ने लेखिका को देहाती भाषा और कहावतें भी सिखा दीं। इस प्रकार महादेवी देहाती बन गई।

CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi Set 10 with Solutions

(ख) बाज़ार के जादू का प्रभाव समाप्त हो जाने पर ग्राहक की दशा कैसी हो जाती है तथा उसे क्या बोध होता है? स्पष्ट कीजिए। (2)
उत्तर :
बाजार के जादू का प्रभाव समाप्त हो जाने पर ग्राहक को फैंसी चीजों की बहुतायत उसके आराम में मद्द नहीं करती, बल्कि खलल ही डालती है। उसे बोध होता है कि इससे थोड़ी देर गर्व जरूर महसूस होता है, परंतु अभिमान की ग्लानि को और ख्युराक ही मिलती है। इसके विपरीत बाज़ार का जादू चढ़ने पर व्यक्ति बाज़ार की चकाचौौध देखकर उसकी वस्तुओं को खरीदने के लिए उत्सुक होता है। जिस प्रकार चुंबक लोहे को अपनी ओर खींचती है, उसी प्रकार बाज़ार का जादू चढ़ने पर मनुष्य उसकी ओर आकर्षित होता है। उसे लगता है कि में यह सामान भी लूँ, वह भी लूँ। उसे सभी वस्तुएँ अनिवार्य तथा आराम बढ़ाने वाली मालूम होती हैं।

(ग) श्रम-विभाजन और जाति-प्रथा के संदर्भ में लेखक के अनुसार ‘दासता’ की व्यापक परिभाषा क्या है? (2)
उत्तर :
लेखक के अनुसार, ‘दासता’ केवल कानूनी पराधीनता को ही नहीं कहा जा सकता। दासता में वह स्थिति भी सम्मिलित है, जिससे कुछ व्यक्तियों को दूसरे लोगों के द्वारा निर्धारित व्यवहार एवं कर्त्तव्यों का पालन करने के लिए विवश होना पड़ता है। अपनी इच्छा के विरुद्ध व्यवसायों को अपनाना ‘दासता’ का सशक्त उदाहरण है। लेखक के अनुसार, जब तक समाज में समता, समानता स्थापित नहीं हो जाती, तब तक हम स्वतंत्र नहीं हो सकते। जब तक स्वतंत्रता कुछ ही लोगों तक सीमित रहेगी, तब तक दासता से मुक्ति पाना संभव नहीं हो सकता। इस तथ्य को देखकर लगता है कि विदेशी ताकतों को देश से भगाना अधूरी स्वतंत्रता की ही प्राप्ति है।

पूरक पाठ्यपुस्तक वितान भाग-2

प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए 3 प्रश्नों में से किन्हीं 2 प्रश्नों के लगभग 100 शब्दों में उत्तर लिखिए। (5 × 2 = 10)
(क) ‘सिंधु घाटी की सभ्यता पूर्ण विकसित मानव सभ्यता थी’ इस विचार से आप कहाँ तक सहमत हैं? (5)
उत्तर :
सिंधु घाटी की सभ्यता पूर्ण विकसित मानव सभ्यता थी, इस विचार से हम पूर्णरूप से सहमत है, क्योंकि यह सभ्यता धर्मतंत्र या राजतंत्र की ताकत का प्रदर्शन करने वाले महलों, उपासना स्थलों आदि का निर्माण नहीं करती, बल्कि यह सभ्यता समाज या मानव पोषित संस्था का समर्थन करती थी। इस सभ्यता में आडंबर को स्थान नहीं दिया गया था, अपितु चारों ओर सुंदरता ही दिखाई देती थी। सथ्यता के केंद्र में समाज को प्रथम स्थान दिया गया है। इन्हीं कारणों से सिंधु घाटी की सभ्यता पूर्ण विकसित मानव सभ्यता थी।

(ख) ‘जूझ’ के कथानायक का मन पाठशाला जाने के लिए क्यों तड़पता था? उसे खेती का काम अच्छा क्यों नहीं लगता था? तर्कपूर्ण उत्तर दीजिए। (5)
उत्तर :
‘जूझ़’ कहानी का कथानायक पढ़ना चाहता था, इसलिए उसका मन पाठशाला जाने के लिए तड़पता था, उसे खेती का काम अच्छा नहीं लगता था। वस्तुत: खेती द्वारा अल्यंत कठिनाई से जीवनयापन होता है, क्योकि खेती के कार्य में परिश्रम भी बहुत अधिक करना पड़ता है। कथानायक का पिता आलसी और कामचोर व्यक्ति था। वह स्वयं खेत में कार्य नहीं करता था। वह अपने पुत्र से ही खेती का कार्य करवाना चाहता था। इसके विपरीत, कथानायक सोचता था। वह पढ-लिखकर अच्छी नौकरी करेगा या कोई व्यकसाय, जिससे वह पर्याप्त धन अर्जित कर सकेगा। वह चाहता था कि धन कमाकर वह कोई अच्छा-सा व्यापार करे। इस प्रकार उसके मन में पाठशाला जाने की तीव्र इच्छा उमड़ती थी।

CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi Set 10 with Solutions

(ग) घर में पार्टी के दिन यशोधर बाबू द्वारा अपनी पूजा का समय बढ़ाना उनके किस द्वंद्व को दर्शाता है? (5)
उत्तर :
यशोधर बाबू अपनी शाम की पू जा का समय 15 मिनट से बढ़ाकर 25 मिनट तक इसलिए कर देते हैं, क्योंकि वे चाहते हैं कि उनकी पूजा के दौरान ही पार्टीं में आए लोग खा-पीकर चले जाएँ। यशोधर बाबू आधुनिकता के मानदंडों को स्वीकार नहीं कर पाते। उन्हे आज की जीवन-शैली में जीना ‘समहाक इंग्रॉपर’ लगता हैं; जैसे-बेटों द्वारा गैस का चूल्हा जुटाना, फ्रिज का घर में आना, सोफा, डबल बैड तथा सिंगार मेज आदि सभी दिखावा करने के प्रतीक लगते हैं। अपनी शादी की 25 वीं वर्षगाँठ मनाना भी उन्हें गलत ही लगता है। पश्चिमी सथ्यता के अनुसार केक काटना, मेहमानों से औपचारिकता निभाना, यशोधर बाबू को उनके सिद्धांतों के विरुद्ध लगता है। अपने इन्ही दृष्टिकोणों के फलस्वरूप वे नए व पुराने सिद्धांतों के द्वंद में फँसे हुए हैं। वे अपने मन में बसी हुई किशनदा वाली छवि से यह अपेक्षा रखते हैं कि उनके सिद्धांत आज भी उनका मार्गदर्शन कर सकेंगे और यह बता सकेंगे कि उनके बीवी-बच्चे जो कुछ भी कर रहे हैं, उसके विषय में क्या रवैया अपनाना चाहिए, परंतु उन्हे इसका कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिलता। उन्हें पार्टीं अपने सिद्धांतों के विपरीत लगती है, इसीलिए यशोधर बाबू अपनी पूजा का समय बढ़ा देते हैं।

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