Students must start practicing the questions from CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi with Solutions Set 1 are designed as per the revised syllabus.
CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi Set 1 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्न-पत्र में खंड ‘अ’ में वस्तुपरक तथा खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं।
- खंड ‘अ’ में 40 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। सभी 40 प्रश्नों के उत्तर देने हैं।
- खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। प्रश्नों के उचित आंतरिक विकल्प दिए गए हैं।
- दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए।
खंड ‘अ’
(वस्तुपरक प्रश्न)
खंड ‘अ’ में अपठित बोध, अभिव्यक्ति और माध्यम, पाठ्य-पुस्तक आरोह भाग-2 व पूरक पाठ्य पुस्तक वितान भाग-2 से संबंधित बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे गए हैं। जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
अपठित बोध –
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए। (1 × 10 = 10)
पश्चिमी सभ्यता मुख मोड़ रही है। वह एक नया आदर्श देख रही है। अब उसकी चाल बदलने लगी है। वह कलों की पूजा को छोड़कर मनुष्यों की पूजा को अपना आदर्श बना रही है। इस आदर्श को दर्शाने वाले देवता रस्किन और टालस्टॉय आदि हैं। पाश्चात्य देशों में नया प्रभात होने वाला है। वहाँ के गंभीर विचार वाले लोग इस प्रभात का स्वागत करने के लिए उठ खड़े हुए हैं। प्रभात होने के पूर्व ही उसका अनुभव कर लेने वाले पक्षियों की तरह इन महात्माओं को इस नए प्रभात का पूर्व ज्ञान हुआ है और हो भी क्यों न? इंजनों के पहिए के नीचे दबकर वहाँ वालों के भाई-बहन ही नहीं उनकी सारी जाति पिस गई, उनके जीवन के धुरे टूट गए, उनका समस्त धन घरों से निकलकर एक या दो स्थानों पर एकत्रित हो गया।
साधारण लोग मर रहे हैं, मजदूरों के हाथ-पाँव फट रहे हैं, लहू बह रहा है! सर्दी से ठिठुर रहे हैं। एक तरफ दरिद्रता का अखंड भी राज्य है, दूसरी तरफ अमीरी का चरम दृश्य। परंतु अमीरी भी मानसिक दुःखों से विमर्दित है। मशीनें बनाई तो गई थीं मनुष्यों का पेट भरने के लिए, मजदूरों को सुख देने के लिए, परंतु वे काली-काली मशीनें ही काली बनकर उन्हीं मनुष्यों का भक्षण कर जाने के लिए मुख खोल रही हैं। प्रभात होने पर ये काली-काली बलाएँ दूर होगी। मनुष्य के सौभाग्य का सूयोंदय होगा।
शोक का विषय यह है कि हमारे और अन्य पूर्वी देशों में लोगों को मजदूरी से तो लेशमात्र भी प्रेम नहीं है, पर वे तैयारी कर रहे हैं पूर्वोक्त काली मशीनों का आलिंगन करने की। पश्चिम वालों के तो ये गले पड़ी हुई बहती नदी की काली कमली हो रही हैं। वे छोड़ना चाहते हैं, परंतु काली कमली उन्हें नहीं छोड़ती। देखेंगे पूर्व वाले इस कमली को छाती से लगाकर कितना आनंद अनुभव करते हैं। यदि हममें से हर आदमी अपनी दस उँगलियों की सहायता से साहसपूर्वक अच्छी तरह काम करे, तो हम मशीनों की कृपा से बढ़े हुए परिश्रम वालों को वाणिज्य के जातीय संग्राम में सहज ही पछाड़ सकते हैं।
सूर्य तो सदा पूर्व से ही पश्चिम की ओर जाता है। पर आओ पश्चिम से आने वाली सभ्यता के नए प्रभात को हम पूर्व से भेजें। इंजनों की वह मजदूरी किस काम की, जो बच्चों, स्त्रियों और कारीगरों को ही भूखा नंगा रखती है और केवल सोने, चाँदी, लोहे आदि धातुओं का ही पालन करती है। पश्चिम को विदित हो चुका है कि इनसे मनुष्य का दु:ख दिन-पर-दिन बढता है।
(क) “पाश्चात्य देशों में नया प्रभात होने वाला है।” पंकित में रेखांकित पद का आशय हो सकता है
(i) नया प्रकाश
(ii) नया विचार
(iii) नया सवेरा
(iv) नया प्रभास
उत्तर :
(ii) नया विधार
(ख) संदर्भ के अनुसार गद्यांश में ‘विमर्दित’ शब्द का सटीक अर्थ क्या हो सकता है?
(i) ठगी हुई
(ii) ग्लानिपूर्ण
(iii) ईष्ष्यापूर्ण
(iv) पीडापूर्ण
उत्तर :
(iv) पीइापूर्ण
(ग) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
कथन (I) मानवीय दक्षता को महत्त्व देना चाहिए।
कथन (II) मनुष्य तथा मानवीयता से प्रेम करना चाहिए।
कथन (III) अपनी चाल को बदल लेना चाहिए।
कथन (IV) मानव जीवन को आदर्श मानना चाहिए।
गद्यांश के अनुसार कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(i) केवल कथन I सही है
(ii) केवल कथन II सही है
(iii) कथन II और III सही है
(iv) कथन I और IV सही हैं
उत्तर :
(i) केवल कथन I सही है।
(घ) गद्यांश के अनुसार पूर्वी देशों की समस्या क्या है?
(i) मजदूरों के लिए अधिकारों की कमी
(ii) मजदूरों का पूँजीपतियों द्वारा शोषण
(iii) मजदूरी को कम महत्त्व का आँकना
(iv) मजदूरी पर अमीरी का प्रभाव
उत्तर :
(iii) मजदूरी को कम महत्त्व का आँकना
(ङ) गद्यांश के अनुसार साधारण लोग क्यों मर रहे हैं?
(i) मानव श्रम से ज्यादा मशीनों को महत्त्व मिलने के कारण
(ii) हाथ-पाँव फटने, खन रिसने और सदी के कारण
(iii) कम मजदूरी मिलने के कारण हुई बीमारियों से
(iv) कार्य क्षेत्रों के विषैले पर्यावरण व खाने की कमी से
उत्तर :
(i) मानव अम से ज्यादा मशीनों को महत्त्व मिलने के कारण
(च) गद्यांश में मशीनों को ‘काली मशीनें’ कहना किस बात की ओर संकेत करता है?
(i) काला रंग शोक का प्रतीक होता है।
(ii) मशीनों द्वारा जनसाधारण में बेरोजगारी बढ़ाने के कारण
(iii) माँ दुर्गा के अवतार काली के जैसे भक्षण करने के कारण
(iv) मशीनों से अमीरों द्वारा काला धन अर्जन करने के कारण
उत्तर :
(ii) मशीनों द्वारा जनसाधारण में बेरोजगारी बढ़ाने के कारण
(छ) ‘इंजनों के पहिए के नीचे दबकर वहौँ वालों के
” इस प्रक्रिंया के क्या परिणाम हुए?
(i) आर्थिक संपदा का अनुचित वितरण
(ii) भाई-बहनों व अन्य रिश्तेदारों में दुराव
(iii) समस्त जाति द्वारा कठिन परिश्रम
(iv) मशीनों द्वारा मनुष्यों का संरक्षण
उत्तर :
(i) आर्थिक संपदा का अनुचित वितरण
(ज) रस्किन और टालस्टॉय का महत्व है, क्योंकि इन्होंने
(i) पूर्वी देशों में साप्राज्यवाद के विरुद्ध आवाज उठाई थी
(ii) मानवीयं संवेदनाओं एवं गुणों को महत्व दिया था
(iii) धार्मिक कट्टरता के प्रति चेतना जगाई थी
(iv) गाँधीजी इन दोनों के विचारों से अत्यधिक प्रभावित थे
उत्तर :
(ii) मानवीय संवेदनाओं एवं गुणों को महत्त्व दिया था
(झ) मनुष्य के सौभाग्य का सूर्योंद्य कब होगा?
(i) मजदूरों द्वारा क्रांति करने से
(ii) मशीनों के हट जाने से
(iii) सभी लोगों को काम मिलने से
(iv) मानवीय दक्षताओं को महत्त्व मिलने से
उत्तर :
(iv) मानवीय दक्षताओं को महत्त्व मिलने से
(ञ) मनुष्य के दुःख में निरंतर वृद्धि का क्या कारण बताया गया है?
(i) मशीनों पर अत्यधिक आश्रित हो जाना
(ii) मानवीय दक्षता की आलोचना
(iii) पूँजीपतियों द्वारा गरीबों का शोषण
(iv) काली मशीनों द्वारा मनुष्यों का भक्षण
उत्तर :
(i) मशीनों पर अत्यधिक आश्रित हो जाना
प्रश्न 2.
दिए गए पद्यांश पर आधारित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सर्वीधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए। (5 × 1 = 5)
कुश्ती कोई भी लडे
ढोल बजाता है सिमरू ही
जिसके सधे हाथ
भर देते हैं जोश पूरे दंगल में
उछलने लगती है मिट्टी पूरे अखाड़े की
ताक धिना-धिन … ताक धिना-धिन
झाँकने लगते हैं लोग
एक-दूसरे के कन्धों के ऊपर से
उचक-उचक कर
बहुत गहरा है रिश्ता
सिमरू और ढोल का
जैसे साँस और धड़कन का
ढोल खामोश है
तो खामोश है
अखाड़े की माटी
खामोश ढोल को
जगाएँगे हाथ सिमरू के
ढोल बजेगा
जागेगा अखाड़ा
जागेगी माटी अखाड़े की
माटी ही तो है
जो स्वीकारती है सभी को
अच्छे हों या बुरे
हर रूप में।
(क) ‘ढोल बजाता है सिमरू ही’ पंक्ति में ‘ही’ क्या इंगित करता है?
(i) आदत
(ii) महत्व
(iii) आडंबर
(iv) प्रेम
उत्तर :
(ii) महत्व
(ख) कुश्ती में जोश कब भर आता है?
(i) जब हारता हुआ पहलवान जीतने लगता है
(ii) जब दोनों पहलवान बराबर की टक्कर वाले होते हैं
(iii) जब फाइनल कुश्ती द्वारा राष्ट्रीय विजेता तय होता है
(iv) जब सिमरू द्वारा दोल बजाया जाता है
उत्तर :
(iv) जब सिमरू द्वारा वोल बजाया जाता है
(ग) माटी द्वारा अच्छे-बुरे को स्वीकारने का क्या तात्पर्य है?
(i) माटी सबको जीतने का समान अवसर देती है
(ii) माटी का न्याय सबको स्वीकार्य होता है
(iii) अंत में अच्छे-बुरे सभी माटी में मिल जाते हैं
(iv) माटी की गोद में अच्छे-बुरे सभी पलते हैं
उत्तर :
(iv) माटी की गोद में अच्छे-बुरे सभी पलते हैं
(घ) ढोल तथा अखाड़े की माटी में क्या समानता बताई गई है? निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए कथन (I) दोनों को उपयोग करने से पहले तैयार करना होता है।
कथन (II) दोनों में श्रम की आवश्यकता होती है।
कथन (III) दोनों का प्रयोग कर लोग अपनी कला सिद्ध करते हैं।
कथन (IV) दोनों की परिवर्तन में भूमिका होती है।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(i) केवल कथन III सही है
(ii) केवल कथन IV सही है
(iii) कथन II और III सही हैं
(iv) कथन I और IV सही हैं
उत्तर :
(ii) केवल कथन IV सही है।
(ङ) कॉलम I को कॉलम II से सुमेलित कीजिए
कॉलम I | कॉलम II |
A. सिमरू | 1. श्रमजीवी वर्ग |
B. ढोल | 2. सामाजिक भूमि |
C. अखाडा | 3. परिश्रम |
कूट
A B C
(i) 3 1 2
(ii) 1 3 2
(iii) 1 2 3
(iv) 2 1 3
उत्तर :
(ii) 132
अभिव्यक्ति और माध्यम –
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
(क) आलेख कुछ-कुछ फीचर जैसा होता है। फिर भी दोनों में पर्याप्त अंतर है। अतः आलेख का निम्नलिखित में से विषय नहीं हो सकता है (1)
(i) ब्रेकिंग न्यूज
(ii) राजनीति
(iii) खेलकूद
(iv) समसामयिकी
उत्तर :
(i) ब्रेकिंग न्यूज
(ख) ऐसा सुव्यवस्थित. सृजनात्मक और आत्मनिष्ठ लेखन, जिसके माध्यम से सूचनाओं के साथ-साथ मनोरंजन पर भी ध्यान दिया जाता है, उसे { ^{\cdots \cdots . . . कहते हैं।
(i) समीक्षा करना
(ii) फीचर लेखन
(iii) आलेख लेखन
(iv) रिपोर्ट बनाना
उत्तर :
(ii) फीचर लेखन
(ग) बीट कवर करने वाले रिपोर्टर को कहा जाता है
(i) लेखक
(ii) एंकर
(iii) संपादक
(iv) संवाददाता
उत्तर :
(iv) संवाददाता
(घ) रजत एक पत्रकार हैं। वे सामान्य समाचारों से आगे बढ़कर खेल से जुड़ी या इस विषय से जुड़ी घटनाओं, मुद्दों और समस्याओं का बारीकी से विश्लेषण करते हैं। उनकी रिपोटिंग को क्या कहा जा सकता है?
(i) बीट रिपोटिंग
(ii) फ्रीलांसिंग
(iii) विशेषीकृत रिपोर्टिंग
(iv) एंकरिंग
उत्तर :
(iii) विशेषीकृत रिपोर्टिंग
(ङ) भास्कर पत्रकार हैं। वे आर्थिक जगत की खबरें बड़ी दिलचस्पी और सक्रियता से कवर करते हैं। उनकी रुचि और रुझान के अनुसार वे क्या बन सकते हैं? (1)
(i) लेखक
(ii) पाठक
(iii) स्तंभ लेखक
(iv) विषय विशेषज्ञ
उत्तर :
(iv) विषय विशेषज्ञ
पाठ्य-पुस्तक आरोह भाग 2 –
प्रश्न 4.
निम्नलिखित पद्यांश के प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
मैं निज उर के उद्गार लिए फिरता हूँ
मैं निज उर के उपह्नार लिए फिरता हैं.
है यह अपूर्ण संसार न मुझको भाता
मैं स्वप्नों का संसार लिए फिरता हूँ।
मैं जला हुदय में अग्नि, दहा करता हैँ
सुख-दु:ख दोनों में मग्न रहा करता हूँ
जग भव-सागर तरने की नाव बनाए,
मैं भव-मौजों पर मस्त बहा करता हूँ।
(क) कवि के स्वप्नों का संसार है
(i) यथार्थ
(ii) आदर्श
(iii) स्वजिल
(iv) सुखी
उत्तर :
(ii) आदर्श
(ख) निम्नलिखित कथनों पर विचार करते हुए पद्यांश के अनुसार सही कथन को चयनित कर लिखिए (1)
(i) स्मृतियों की नाव में कवि एक यात्री है
(ii) कविता में अरिन परिवर्तन की इच्छा का प्रतीक है
(iii) यथार्थ संसार से कवि को कोई सरोकार नहीं है
(iv) सुख-दु:ख का असर कवि पर होता है
उत्तर :
(ii) कविता में अग्नि परिवर्तन की इच्छा का प्रतीक है।
(ग) काव्यांश में ‘उर’ से तात्पर्य है
(i) हदय
(ii) इच्छा
(iii) स्मृति
(iv) आवेश
उत्तर :
(i) हदय
(घ) निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए कथन (A) यथार्थ को स्वीकार नहीं करने से कवि के स्पप्न अधूरे रह गए हैं।
कारण (R) कल्पना और वास्तविकता में सामंजस्य की कमी होने से कवि को संसार अधूरा महसूस होता है। कूट
(i) कथन (A) सही है, परंतु कारण (R) गलत है
(ii) कथन (A) सही नहीं है, परंतु कारण (R) सही है
(iii) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं, किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है
(iv) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं, किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है
उत्तर :
(ii) कथ्थन (A) सही नहीं है, परन्तु कारण (R) सही है।
(ङ) ‘भव-मौजों पर मस्त बहने से तात्पर्य क्या है?
(i) संसारिक सुख रूपी लहरें
(ii) मौज-मस्ती करना
(iii) स्वप्न में उपजी सुख-दु:ख की लहरें
(iv) नाव जैसी लहने वाली भावुकता
उत्तर :
(i) सांसारिक सुख रूपी लहरें
प्रश्न 5.
निम्नलिखित गद्यांश के प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
मैंने मन में कहा, ठीक। बाजार आमंत्रित करता है कि आओ मुझे लूटो और लूटो। सब भूल जाओ, मुझे देखो। मेरा रूप और किसके लिए है? मैं तुम्हारे लिए हूँ। नहीं कुछ चाहते हो, तो भी देखने में क्या हरज है। अजी आओ भी। इस आमंत्रण में यह खूबी है कि आग्रह नहीं है, आग्रह तिरस्कार जगाता है, लेकिन ऊँचे बाजार का आमंत्रण मूक होता है और उससे चाह जगती है, चाह मतलब अभाव। चौक बाजार में खड़े होकर आदमी को लगने लगता है कि उसके अपने पास काफी नहीं है और चाहिए और चाहिए। मेरे यहाँ कितना परिमित है और यहाँ कितना अतुलित है, ओह! कोई अपने को न जाने तो बाजार का यह चौक उसे कामना से विकल बना छोड़े विकल क्यों, पागल। असंतोष, तृष्णा और ईष्या से घायल करके मनुष्य को सदा लिए यह बेकार बना डाल सकता है।
(क) गद्यांश में प्रयुक्त ‘अतुलित’ शब्द का समानार्थी शब्द हो सकता है
(i) अरिहंत
(ii) अथाह
(iii) अभाव
उत्तर :
(ii) अथाह
(ख) गद्यांश का केंद्रीय भाव है
(i) बाजार के प्रकार बताना
(ii) बाजार न जाने की सलाह
(iv) मनुष्य पर बाजार के जादू का असर
(iii) मनुष्य की तृष्णा को इंगित करना
उत्तर :
(iv) मनुष्य पर बाजार के जादू का असर
(ग) निम्नलिखित कथनों पर विचार करते हुए गद्यांश के अनुसार सही कथन को चयनित कर लिखिए
(i) जब मनुष्य बेचैन हो जाता है, तब वह बाजार की ओर उन्मुख हो जाता है।
(ii) जब मनुष्य तुलना करने लगता है, तब असंतोष, तृष्णा और ईष्या के भाव मनुष्य में उभरते हैं।
(iii) जब मनुष्य को बाजार आमंत्रित करता है, तब मनुष्य की व्याकुलता इसका कारण होती है।
(iv) जब मनुष्य बाजार का तिरस्कार करता है, तब वह इसका सही लाभ ले पाता है।
उत्तर :
(ii) जब मनुष्य तुलना करने लगता है, तब असतोष, तृष्णा और ईर्ष्या के भाव मनुष्य में उभरते हैं।
(घ) कॉलम I को कॉलम II से सुमेलित कीजिए
कॉलम I | कॉलम II |
A. आग्रह का तिरस्कार जागता | 1. मौन रहकर कार्य करना |
B. बड़े बाजार का जादू | 2. अपनी तृष्णा को रोकना |
C. बाजार के जादू से बचने का उपाय | 3. इच्छा पूर्ण न होना |
कूट
A B C
(i) 3 1 2
(ii) 1 3 2
(iii) 1 2 3
(iv) 2 1 3
उत्तर :
(i) 3 1 2
(ङ) बाजार का आमंत्रण कि, ‘आओ मुझे लूटो’ से क्या आशय है? (1)
(i) बाजार लुट जाना चाहता है
(ii) बाजार के पास वस्तुएँ बहुत अधिक हैं
(iii) बाजार केवल खुद का रूप दिखाना चाहता है
(iv) बाजार आकर्षित करना चाह रहा है
उत्तर :
(iv) बाजार आकर्षित करना चाह रहा है
पूरक पाठ्य-पुस्तक वितान भाग 2 –
प्रश्न 6.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए (1 × 10 = 10)
(क) यशोधर बाबू दफ्तर से घर जल्दी क्यों नहीं जाते थे?
(i) पत्नी और बच्चों से हर छोटी-बड़ी बात पर मतमेद होने के कारण
(ii) पीढ़ियों के अंतराल के कारण
(iii) ईश्वर में मन लग जाने के कारण
(iv) आधुनिकता के प्रति नकारात्मक भावना के कारण
उत्तर :
(i) पत्नी और बच्चों से हर छोटी-बड़ी बात पर मतभेद होने के कारण
(ख) संसार के प्राचीनतम दो नियोजित शहर किन्हें माना गया है?
(i) मेसोपोटामिया तथा सिंघु घाटी
(ii) मेसोपोटामिया तथा हड़्पा
(iii) हड़्पा तथा मुअनजो-दड़ो
(iv) मुअनजो-दड्रो तथा मेसोपोटामिया
उत्तर :
(iii) हड़प्पा तथा मुअनजो-दड़ो
(ग) मुअनजो-दड़ो की अनूठी मिसाल क्या है?
(i) नगर नियोजन
(ii) प्राचीन शहर
(iii) अन्न भंडार
(iv) मृतकों का टीला
उत्तर :
(i) नगर नियोजन
(घ) निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और सही विकल्प चुनकर लिखिए कथन (A) यशोधर बाबू के बच्चे धर्म, रिश्तेदार तथा समाज को पिछ्डा मानते हैं।
कारण (R) वे महत्त्वाकांक्षी और प्रगतिशील हैं। उनमें समय के साथ बदलाव आ गया है। कूट
(i) कथन (A) सही है, कारण (R) गलत है
(ii) कथन (A) सही नहीं है, कारण (R) सही है
(iii) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं, किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है
(iv) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है
उत्तर :
(i v) कथन (A) तथा कारण (R) दोरों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(ङ) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
कथन (I) सिंघु सभ्यता में नगर-नियोजन उन्नत नहीं था।
कथन (II) सिंधु घाटी सभ्यता की खूबी सौंदर्यबोध है।
कथन (III) मुअनजो-दड़ो छोटे-मोटे टीलों पर बसा था।
कथन (IV) सिंधु घाटी सभ्यता टीलों पर आबाद थी।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(i) (I) तथा (II) सही हैं
(ii) (I), (II) तथा (III) सही हैं
(iii) (II), (III) तथा (IV) सही हैं
(iv) (II) तथा (III) सही हैं
उत्तर :
(iv) क्थन (II) तथा (III) सही है।
(च) कहानी ‘सिल्वर वैडिंग’ में यह वाक्य ‘वह खुशहाली भी कैसी, जों अपनों में परायापन पैदा करे’ किसने कहा होगा?
(i) किशन दा
(ii) यशोधर बाबू.
(iii) भूषण
(iv) चड्बा
उत्तर :
(ii) यशोधर बाबू
(छ) ‘जूझ’ कहानी का लेखक पढ़ना क्यों चाहता था?
(i) ज्ञान के लिए
(ii) रोजगार के लिए
(iii) कवि बनने के लिए
(iv) आत्मविश्वास के लिए
उत्तर :
(ii) रोजगार के लिए
(ज) ‘जूझ’ कहानी में लेखक का मन पाठशाला जाने के लिए तड़पता था। लेखक के पाठशाला न जा पाने का कारण था
(i) दादा का कामचोर स्वभाव
(ii) कवि बनने का स्वप्न
(iii) खेती की मेहनत से बचना
(iv) घर का कर्ज
उत्तर :
(i) दादा का कामचोर स्वभाव
(झ) कहानी ‘सिल्वर वैंडिंग’ में यशोधर बाबू के बच्चों के लिए कहा गया है कि, ‘बच्चे आधुनिक युवा हो चले हैं।’ इस पंक्ति से लेखक का क्या आशय हो सकता है?
(i) जीवन के सभी सुख प्रिय है
(ii) पिता की दिनचर्या से नाराजगी
(iii) अच्छी पगार मिलना
(iv) आधुनिक जीवन-शैली की ओर रुझान
उत्तर :
(iv) आधुनिक जीवन-शैली की ओर रुझान
(ञ) ‘जूझ’ कहानी के शीर्षक का अर्थ क्या है?
(i) मेहनत
(ii) कठिनाई
(iii) संघर्ष
(iv) चालाकी
उत्तर :
(iii) संघर्ष
खंड ‘ब’
(वर्णनात्मक प्रश्न)
खंड ‘ब’ में जनसंचार और सृजनात्मक लेखन, पाठ्य-पुस्तक आरोह भाग-2 व पूरक पाठ्य-पुस्तक वितान भाग-2 से संबंधित वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
जनसंचार और सृजनात्मक लेखन –
प्रश्न 7.
निम्नलिखित दिए गए 3 विषयों में से किसी 1 विषय पर लगभग 120 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए। (6 × 1 = 6)
(क) डिजिटल युग और मैं
उत्तर :
डिजिटल युग 20 व्वी शताब्दी के उत्तरार्द्ध में डिजिटल कंप्यूटरों के अपनाने और प्रसार और सूचना के ङिजिटल भंडारण के साथ शुरू हुआ, जिसके परिणामस्वरूप अधिक उन्नत कंप्यूटर सिस्टम का विकास हुआ, जो डिजिटल रूप से दोहराने और पहले मैनुअल रूप से की गई गणितीय गणनाओं को स्वचालित करने में सक्षम था।
डिजिटल युग की विशेषता प्रौद्योगिकी है, जो अर्थव्यवस्था और समाज के भीतर ज्ञान के कारोबार की गति और चौड़ाई को बढ़ाती है। हम जिस प्रणाली में रहते हैं, उसकी व्याख्या के रूप में विकासवादी सिद्धांत कहता है कि स्थिरता ज्ञान के कारोबार पर निर्भर करती है।
प्रेरक साधनों के माध्यम से सीखी गई हर चीज दीर्घकालिक शिक्षा का उत्पादन करती है। इसलिए, डिजिटल युग न केवल छात्रों को अन्य माध्यमों का उपयोग करके सीखने की अनुमति देता है, बल्कि यह सहज तरीके से अधिक स्थायी, व्यावहारिक झान प्राप्त करने की सभावना भी प्रदान करता है।
शुरुआत में डिजिटल नाम से मुझे बहुत डर लगता था, क्योंकि मैं तकनीकी से काफी दूर था। लेकिन र्मार्ट, मोबाइल आने तथा UPI तकनीकी द्वारा प्रतिदिन पेमेंट करने से डिजिटल के प्रति मेरी रुचि बढ़ती गई। डिजिटल की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए मैंने इस ओर अब अधिक ध्यान देना शुरू कर दिया है। डिजिटल की उपयोगिता का ज्ञान सबसे अधिक मुझे कोरोना महामारी के i दौरान पता चला। जब शिक्षा व्यवस्था पूर्ण रूप से ठप्प हो गई तो ओंनलाइन कक्षाओं ने शिक्षा को सुचारु रूप से चलाने में बहुत सहायता की, जिससे अभिभावकों का बच्चों के भविष्य की चिंता को लेकर डर दूर हुआ।
आने वाला समय डिजिटल का ही है। अतः हमें सावधानी रखते हुए डिजिटल की उपयोगिता का भरभूर लाभ उठाना चाहिए।
(ख) परीक्षा तनाव के कारण व इसे रोकने के उपाय
उत्तर :
परीक्षा के समय अधिकतर छात्र चिंता और तनाव के दौर से गुजरने लगते हैं, परीक्षा को लेकर तनाव और घबराहट होना सामान्य बात है। प्रत्येक व्यक्ति की तनाव सहन करने की क्षमता अलग होती है और प्रत्येक व्यक्ति इसके लिए अलग तरह से प्रतिक्रिया करता है। हालाँकि कई बार किशोरों के लिए परीक्षा के इस तनाव को झेलना बहुत कठिन हो जाता है। परीक्षा में तनाव के कारण हैं-सहपाठी से प्रतिस्पर्द्धा, आध्यापकों तथा माता-पिता का व्यवहार आदि। कई बार परीक्षा तनाव के कारण स्टूर्डेंट्स का पेपर खराब हो जाता है, लेकिन तनाव को दूर किया जा सकता है। आहार में कुछ बदलाव करके भी इस तनाव को कम कर सकते हैं। इसके साथ ही आपको इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि ऐसा आहार न लें, जो तनाव को बढ़ाने का काम करे। छात्र अकसर पूरी शत बैठकर पढ़ते रहते हैं, इससे उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती और तनाव बढ़ता है। परीक्षा के दौरान मस्तिष्क को आराम देने के लिए 6-8 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है। एक्टिबिटी बढ़ाने से तनाव कम होता है और आप बेहतर महसूस करते हैं। इस दौरान आप सैर करना, दौड़ना, तैरना, डांस करना ज़ेसे व्यायाम कर सकते है।
ग्रुप में पढ़ने के अनेक लाभ होते हैं; जैसे-यदि आपके पास कठिन सवाल या समस्याएँ हैं तो आप एक-दूसरे के साथ इन्हें हल कर सकते हैं। अपने कमजोर अध्यायों पर ध्यान दें, नोट्स बनाकर एक-दूसरे के साथ शेयर करें। जब आप पढ़ने के लिए तैयार हों, तो टाइम टेबल बनाकर पद्ना शुरू करें। ध्यान रखें कि प्रत्येक विषय पर अलग तरह से ध्यान देने की जरूरत होती है।
आप निश्चित समय तक पढ़ सकते हैं, इसके बाद आपको ब्रेक लेने की जरूरत होती है, छोटे ब्रेक लें, इस समय में अपने दोस्तों के साथ बातचीत करें, कोफी पिएँ। इस समय में आप सीढ़ी चढ़ने-उतरने जैसा व्यायाम भी कर सकते हैं।
(ग) उच्च शिक्षा हेतु छात्रों का विदेशों को पलायन
उत्तर :
पिछले कुछ वर्षों में भारतीय छात्रों में विदेश जाकर पढ़ने की इच्छा काफी तेजी से बढ़ी है। प्रत्येक वर्ष लाखों विद्यार्थी विदेशी संस्थानों में दाखिला लेते और अरबों रुपये हर साल भारतीय मुद्रा के रूप में खर्च करते है। विदेशी संस्थानों में दाखिले की होड़ के पीछे कई कारण है, उनमें एक तो यह है कि भारत में अभी तक विश्वस्तरीय संस्थान नहीं बने हैं। दूसरा यह कि भारतीय संस्थानों में पढ़ाई के बाद रोजगार के अवसर बहुत सीमित हैं। विदेशों में रोजगार की सभावनाएँ अधिक हैं।
बीते कुछ दशकों में भारतीय छात्रों ने पदाई के लिए तेजी से गैर-मुल्कों का रुख किया है। भूमंडलीकरण ने भारतीय छात्रों के लिए विदेशी विश्वविद्यालयों के दरवाजे खोल दिए हैं। एसोचैम के मुताबिक देश की लगभग पंद्रह अरब मुद्रा परोक्ष रूप से हर साल विभिन्न माध्यमों से विदेशी खातों में जा रही है। इतने बड़े पैमाने पर पलायन स्वाभाविक रूप से भारतीय कॉलेजों की क्षमता और गुणवत्ता पर सवाल खड़े करता है। एक अनुमान के अनुसार आने वाले दशक में लगभग सौ करोड़ भारतीय छात्रों के पलायन की संभावना है। इस संकटग्रस्त स्थिति में सरकारों और शैक्षिक संस्थानों की गुणवत्ता पर सवाल उठता है।
शैक्षिक संस्थानों की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहाँ 70 \% से ज्यादा कॉलेज गुणवत्ता के मानकों पर खरे नहीं उतरते। इसी के चलते हाल के वर्षों में ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, क्नाडा, न्यूजीलैंड, ब्रिटेन भारतीय छात्रों के पसंदीदा केंद्र बन गए है। दूसरे क्रम में चीन और जर्मनी जैसे देश अपनी बढ़त बनाए हुए हैं। इस सूची में अमेरिका सबसे कपर है, जहाँ के विश्वविद्यालय और शैक्षिक संस्थानों में भारतीय छात्रों की अत्यधिक संख्या होती है।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर लगभग 40 शब्दों में निर्देशानुसार उत्तर दीजिए। (2 × 2 = 4)
(क) कहानी के नाट्य रूपांतरण में संवादों के महत्त्व पर टिप्पणी कीजिए। (2)
अथवा
‘नए और अप्रत्याशित विषयों पर लेखन के संदर्भ में ‘मैं’ शैली के प्रयोग के बारे में क्या मान्यता है?
उत्तर :
कहानी के पात्रों के द्वारा किए गए उनके विचारों की अभिव्यक्ति को संवाद या कथोपकथन कहते हैं। कहानी में संवाद का विशेष महत्त्व होता है। संवाद ही कहानी तथा पात्र को स्थापित एवं विकसित करके कहानी को गति देकर आगे बढ़ाते हैं। जो घटना या प्रतिक्रिन्या कहानीकार होती हुई नहीं दिखा सकता, उन्हें वह संवादों के माध्यम से सामने लाता है।
अथवा
नए तथा अप्रत्याशित विषयों के लेखन में आत्मपरक में’ शैली का प्रयोग किया जा सकता है। यद्यपि निबंधों और अन्य आलेखों में ‘में’ शैली का प्रयोग लगभग वर्जित होता है, किंतु नए विषय पर लेखन में ‘मैं’ शैली के प्रयोग से लेखक के विचारों और उसके व्यक्तित्य की झलक प्राप्त होती है।
(ख) नए और अप्रत्याशित विषयों के लेखन के संदर्भ में इस पंकित का आशय स्पष्ट करें “इस तरह का लेखन खुले मैदान की तरह होता है, जिसमें बेलाग दौड़ने, कूदने और कुलाँचे भरने की छूट होती है।” (2)
अथवा
टीवी की तुलना में रेडियो माध्यम की कोई दो सीमाएँ बताइए।
उत्तर :
इस पंक्ति से आशय है कि जिस प्रकार खुले मैदान में बेलाग दौड़ने, कूदने और कुलाँचे मरने की छूट होती है, उसी प्रकार नए और अप्रत्याशित लेखन में हम अपने विचारों को स्वतंत्र रूप से सुंदर एवं सुघड ढंग से अभिव्यक्त कर सकते हैं।
इसमें विषयों की संख्या असीमित होती है तथा किसी भी विषय पर लिखा जा सकता है; जैसे-बहुत आवश्यक है शिक्षा, दीवार घड़ी, धारावाहिकों में स्त्री, मेश प्रिय टाइम पास आदि।
अथवा
टीवी की तुलना में रेडियो माध्यम की सीमाएँ निम्नलिखित हैं
(i) रेडियो समाचार को कहीं भी व कमी भी नहीं सुना जा सकता।
(ii) रेडियो एक श्रव्य माध्यम है, जबकि टीवी दृश्य-श्रव्य माध्यम है।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए 3 प्रश्नों में से किन्हीं 2 प्रश्नों के लगभग 60 शब्दों में उत्तर दीजिए। (3 × 2 = 6)
(क) आपको श्रोताओं, दर्शकों या पाठकों को बॉँधकर रखने की दृष्टि से प्रिंट माध्यम, टीवी और रेडियो में से सबसे सशक्त माध्यम कौन-सा लगता है? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दें। (2)
उत्तर :
श्रोताओं या पाठकों को बाँधकर रखने की दृष्टि से टीवी सबसे सशक्त माध्यम है, क्योंकि टीवी पर समाचार सुनाई देने के अतिरिक्त दिखाई भी देते हैं। इससे साक्षर और निरक्षर दोनों ही तरह के दर्शक लाभान्चित होते हैं। सचित्र प्रसारण से समाचार अधिक तथ्यपरक और प्रामाणिक बन जाते हैं। कम समय में अधिक समाचार दिखाए जा सकते हैं। टेलीविजन जनसंचार का दृश्य-श्रव्य i माध्यम है। यह रेडियो की तरह एक रेखीय माध्यम है। इसमें दृश्य शब्दों के अनुरूप उनके सहयोगी के रूप में चलते हैं, इसमें कम-से-कम शब्दों में अधिक-से-अधिक खबर बताने की शैली का प्रयोग किया जाता है। अतः टेलीविजन में समाचार लेखन की प्रमुख शर्त दृश्य के साथ लेखन है।
(ख) डिजिटल मीडिया के उदय ने समाचार लेखन की उल्टी पिरामिड शैली के उपयोग को कैसे प्रभावित किया है? (2)
उत्तर :
डिजिटल मीडिया के उदय ने समाचार लेखन की उल्टी पिरामिड शैली के उपयोग को निम्नलिखित प्रकार से प्रभावित किया है उल्टी पिरामिड शैली का विशेषत: प्रयोग मुद्रित या प्रिंट माध्यम तथा रेडियो में होता है।
डिजिटल मीडिया अधिक तीव्र एवं विस्तृत होने के कारण केवल उल्टी पिरामिड शैली पर आश्रित नहीं होता। डिजिटल मीडिया दृश्य और श्रव्य की सुविधाओं से लैस होता है।
दृश्य और श्रव्य माध्यम; जैसे-टीवी, इंटरनेट इत्यादि में समाचार, सूचना का एक बड़ा भाग दृश्य देखकर ही समझ आ जाता है। अतः उल्टी पिरामिड शैली अब समाचार लेखन के अन्य तरीकों में से एक अन्य तरीका अथवा शैली ही है।
(ग) समाचार-पत्रों में विशेष लेखन से आप क्या समझते हैं? उदाहरण सहित उत्तर दें। (2)
उत्तर :
समाचार-पत्र सामान्य समाथारों के अतिरिक्त साहित्य, विज्ञान खेल आदि की पर्याप्त जानकारी देते हैं। इसी कार्य के अंतर्गत जब किसी विषय पर सामान्य लेखन से हटकर लेख लिखा जाता है, तो वह विशेष लेखन कहलाता है। अखबारों के लिए समाचार के अतिरिक्त खेल, राजनीति, फिल्म, आर्थिक, कृषि, व्यापार, कानून आदि विभिन्न क्षेत्रों और विषयों से संबंधित लेखन विशेष लेखन के अंतर्गत आते है। विशेष लेखन की भाषा और शेली सामान्य लेखन या समाचारों से मिन्न होती है। विशेष लेखन के लिए अलग डेस्क होता है। उस विशेष डेस्क पर काम करने वाले पत्रकारों का समूह भी अलग होता है, जिससे यह अपेक्षा की जाती है कि संबंधित विषय या क्षेत्र में उसकी विशेषज्ञता होगी।
पाठ्य-पुस्तक आरोह भाग 2 –
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए 3 प्रश्नों में से किन्हीं 2 प्रश्नों के लगभग 60 शब्दों में उत्तर दीजिए। (3 × 2 = 6)
(क) बारिश के बाद, भादो के पश्वात् प्रकृति में परिवर्तन का कवि ने किस प्रकार वर्णन किया है? ‘पतंग’ कविता के आधार पर अपने शब्दों में वर्णन करें। (3)
उत्तर :
बारिश के बाद, भादो के पश्चात् प्रकृति में परिवर्तन का कवि ने बहुत मनोरम वर्णन किया है। कवि के अनुसार, प्रकृति के निरंतर परिवर्तन के कारण वर्षा ऋत्तु अर्थात् भादो का महीना बीत गया है, तन-मन को भिगोने वाली बारिश की बाँछरें समाप्त हो गई हैं। खरगोश की लाल आँखों के समान, लाल सवेरा अपनी चमक के साथ उदित हो गया है। सर्दी की ऋतु धूप की तेज घमकती हुई साइकिल को तेजी से चलाते हुए पुलों को पार करते हुए आ गई है। शरद ऋतु अपनी चमकती साइकिल की घंटी बजाकर पतंग उड़ाने वाले बच्चों के समूह को चमकीले सुंदर इशारे कर-करके बुला रही है। अतः शरद ऋतु आते ही बच्चे अपनी पतंग लेकर उड़ाने दौड़ पड़ते हैं। शरद ऋतु ने अपने आगमन से आकाश को इतना कोमल और हल्का बना दिया है कि बच्यों की पतंग आसानी से ऊपर की ओर उड़ सके।
(ख) ‘छोटा मेरा खेत’ कविता में अंधड और बीज से कवि का क्या तात्पर्य है? (3)
उत्तर :
‘छोटा मेरा खेत’ कविता में कवि ‘अंधड़’ को वेगात्मक संवेदना मानता है। यह भाव का वह झोका है, जो काव्य-प्रेरणा के रूप में कविता के सृजन के लिए कवि को मजबूर कर देता है। ‘बीज’ रचना के संदर्भ में ‘शब्द’ है। मन में जगे किसी निश्चित विषय-वस्तु से संबंचित शब्द, जिनको कागज के पन्नों पर बिखेरकर कवि रचना की प्रक्रिया को आगे बढ़ाता है। वह बिंबों, प्रतीकों के माध्यम से संरचनात्मक दृश्य तैयार करता है, जिससे काव्य-सृजन संभव हो पाता है।
(ग) व्यक्ति पर प्रशंसा का क्या प्रभाव पड़ता है? ‘बात सीधी थी पर’ कविता के आधार पर बताइए। (3)
उत्तर :
‘बात सीधी थी पर’ कविता में कवि कहता है कि अपनी बात और विचारों को, अपनी भावना को सीधे-सीधे कहना अधिक सरल एवं प्रभावी होता है, परंतु कभी-कमी व्यक्ति प्रशंसा लेने के लोभ में उसकी भाषा अधिक कृत्रिम, पेथीदा, आउंबरपूर्ण हो जाती है, जिससे उसकी मूल भावना विकृत एवं प्रभावहीन हो जाती है। रचना कर्म में इसे एक दोष माना जाता है। अत: व्यक्ति जैसा सोचता व अनुभव करता है, उसे उसी रूप में सहजता से तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत करता है, जिसको भाषा से व्यक्त कर देना चाहिए।
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए 3 प्रश्नों में से किम्हीं 2 प्रश्नों के लगभग 40 शब्दों में उत्तर दीजिए। (2 × 2 = 4)
(क) ‘कैमरे में बंद अपाहिज’ कविता के आधार पर स्पष्ट करें कि दूरदर्शन वाले कैमरे के सामने कमजोर को ही क्यों लाते हैं? (2)
उत्तर :
‘कैमरे में बंद अपाहिज’ कविता में दूरदर्शन वालों के द्वारा कैमरे के सामने कमजोर व अपाहिज व्यक्ति का साक्षात्कार लेना वास्तव में मीडियाकर्मी के व्यावसायिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए दिखाया जाता है। दूरदर्शन पर एक अपाहिज कमजोर व्यक्ति को प्रदर्शन की वस्तु मानकर उसके मन की पीड़ा को कुरेदा जाता है। मीडियाकर्मी या साक्षात्कारकर्ता को उसके निजी सुख-दुःख से कुछ लेना-देना नहीं होता। वे पीड़ित व्यक्ति से अर्थहीन एवं मूर्खतापूर्ण प्रश्न पूछते है, क्योंकि उनका उद्देश्य ऐसे प्रश्न पूछना है, जिससे पीड़ित व्यक्ति की वेदना, औसुओं के रास्ते छलक उठे और दर्शक उनके कार्यक्रम में रुचि लें। उनका उद्देश्य किसी भी तरह अपनी टीआरपी बढ़ाना और इसका व्यावसायिक लाभ प्राप्त करना होता है।
(ख) ‘बादल राग’ कविता के आधार पर भाव स्पष्ट कीजिए “विप्लव-रव से छोटे ही हैं शोभा पाते।” (2)
उत्तर :
‘विप्लव-रव’ का तास्पर्य है-क्रांति। सामाजिक क्रांति परिवर्तन के लिए होती है। ऐसे परिवर्तन समाज के कमजोर, वंचित तथा शोषण के शिकार लोगों को नई दिशा देने में सक्षम होते हैं। इसी कारण अत्यधिक हरियाली से प्रसन्न होकर वे अपने पत्ते रूपी हाथों को बार-बार हिलाकर धरती की ओर आने के लिए आमत्रित करते हैं। क्रातिकारी भयकर ध्वनि करने से दलित वर्ग रूपी छोटे लता वृक्ष तो प्रसन्न होते ही हैं, वे सदा शोभा भी पाते हैं। दूसरे शब्दों में, क्रांति से निम्न व दलित वर्ग को अपने अधिकार प्राप्त होते हैं।
(ग) ‘उषा’ कविता में ‘भोर के नभ’ की तुलना किससे और क्यों की गई है? (2)
उत्तर :
‘उषा’ कविता में ‘भोर के नम’ की तुलना ‘राख से लीपे हुए चौके’, ‘नीले शंख’, ‘लाल केसर से युक्त काली सिल’, ‘लाल खड़िया चाक से लिप्त स्लेट’ जैसे उपमानों से की गई है, क्योंकि कवि ने इन उपमानों के माध्यम से अंधकार के समाप्त होने का तथा प्रकृति में प्रतिपल आ रहे परिवर्तनों का रेखांकन करने का प्रयास किया है।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए 3 प्रश्नों में से किन्हीं 2 प्रश्नों के लगभग 60 शब्दों में उत्तर दीजिए। (3 × 2 = 6)
(क) “भक्तिन अच्छी है, यह कहना कठिन होगा, क्योंकि उसमें दुर्गुणों का अभाव नहीं” लेखिका ने ऐसा क्यों कहा होगा? (3)
उत्तर :
भक्तिन अच्छी है, पर उसके दुर्गुणों को तीन तर्कों के आथार पर बताया गया है; जैसे-वह सत्यवादी हरिश्चंट्र नहीं है, वह रुपयों-पैसों को मटकी में रख देती है और पूछने पर बताती है कि उसने उन्हें सँमालकर रखा हुआ है। वह लेखिका को प्रसन्न रखने के लिए बात को इघर-उधर घुमाकर कहती है। प्रसंग एवं समय के अनुसार वह मूल तथ्यों में जोड़-घटाव कर देती है। इसे आप झूठ कह सकते हैं। भक्तिन सभी बातों और कामों को अपनी सुविधा के अनुसार ढालने में निपुण है, जो कई बार दूसरों को नापसंद होता है।
(ख) ‘काले मेघा पानी दे’ पाठ के आथार पर पानी और बारिश के अभाव में गाँव की दशा का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए। (3)
उत्तर :
गर्मी के दिनों में जब चारों और सूखे की स्थिति बन जाती है, तब शहरों की तुलना में गाँवों के हालात और अधिक खराब हो जाते हैं। जहाँ खेती की जुताई होनी चाहिए, वहाँ वर्षा के अभाव में खेती की मिट्टी सूखकर पपड़ी बन जाती है और जमीन फटने लगती है। बारिश न होने के कारण तालाब सूख जाते हैं, घरों के कुओं में भी पानी नहीं रहता। ऐसे में गाँक-गाँव में पानी के बिना कोहराम मच जाता है। बारिश न होने के कारण लोग इसकी प्रार्थना करते हुए पूजा-पाठ भी करते हैं। पशु-पक्षी प्यासे मरने लगते हैं और यदि इइतने पर भी वर्षा नहीं होती, तो इंदर सेना बादलों से पानी माँगने के लिए निकल पड़ती है। ऐसे में कवि कहता है कि जहाँ पानी की घर-घर में इतनी कमी हो तो महिलाऐं इंदर सेना पर पानी डालकर अपना अंधविश्वास ही प्रदर्शित करती हैं।
(ग) ‘शिरीष के फूल’ निबंध में अवधूत रूप में लेखक ने किस महात्मा को याद किया है और क्यों? (3)
उत्तर :
शिरीष के संदर्भ एवं गाँधीजी की कुछ विशेषताओं में समानता दिखने के कारण लेखक को अवधूत के रूप में गाँचीजी की याद आई। शिरीष के समान ही गाँधीजी में भी कठोरता के साथ-साथ कोमलता का गुण विद्यमान था। शिरीष की माँति ही गाँधीजी भी वायुमडल से, अपने परिवेश से रस खींचकर कोमल एवं कठोर बन गए।
जनसामान्य के साथ कोमलता का व्यवहार करने वाले गाँधीजी कमी-कभी देश एवं समाज के हित में अत्यधिक कठोर बन जाते थे। समय के अनुरूप, परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लेते हुए गाँधीजी को भी स्वतंत्रता आंदोलन को सही ढंग से आगे बढ़ाने के लिए अपने व्यवहार में कोमलता एवं कठोरता दोनों को अपनाना पड़ता था। गोंधीजी स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान होने वाली हिंसा, खून-खराबा, अग्निदाह आदि हिंसात्मक गतिविधियों के बीच अहिंसक होते हुए भी शिरीष के समान अटल या स्थिर बने रहते थे।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए 3 प्रश्नों में से किन्हीं 2 प्रश्नों के लगभग 40 शब्दों में उत्तर दीजिए। (2 × 2 = 4)
(क) हॉ. आंबेडकर ‘समता’ को कल्पना की वस्तु क्यों मानते हैं?
उत्तर :
‘समता’ के बारे में डों. आंबेडकर का कहना है कि यह काल्पनिक जगत की वस्तु है। प्रत्येक शक्ति शारीरिक क्षमता, वंश-परंपरा या जन्म से, सामाजिक उत्तराधिकार की परंपरा से तथा अपने प्रयत्नों के कारण दूसरों से भिन्न और असमान होती है। इस तरह समता पहले से ही स्वयं नही आती है। समता आदर्श समाज के निर्माण हेतु अपनाई जाती है। अतः समाज निर्माण में समता की सता काल्पनिक है।
(ख) कहानी ‘पहलवान की ढोलक’ व्यवस्था के बदलने के साथ लोक कला और इसके कलाकार के अप्रासंगिक हो जाने की कहानी है। पंक्ति को विस्तार दीजिए।
उत्तर :
‘पहलवान की ढोलक’ कहानी में व्यवस्थाओं के परिवर्तन के पश्वात् की समस्याओं को स्पष्ट किया गया है। बदलते समय में लोक कला और कलाकार अप्रासंगिक हो जाते हैं। उनका घटता महत्त्व सांस्कृतिक दृष्टि से चिताजनक है। कहानी में राजा साहब की जगह नए राजकुमार का आकर जम जाना सिर्फ व्यक्तिगत सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि जमीनी पुरानी व्यवस्था के पूरी तरह उलट जाने और उस पर सक्यता के नाम पर एकदम नई व्यवस्था के आरोपित हो जाने का प्रतीक है। यह ‘भारत’ पर ‘इंडिया’ के छा जाने की समस्या है। जो लुट्टन पहलवान को लोक कलाकार के आसन से उठाकर पेट भरने के लिए हाय-तौबा करने वाली कठोर भूमि पर पटक देती है।
(ग) जिन्हें अपनी जरुरत का पता नहीं होता, वे लोग बाजार का बाजारूपन कैसे बढ़ाते हैं?
उत्तर :
बाजार को सार्थकता वही व्यक्ति देता है, जो यह जानता है कि वह क्या चाहता है? उसे क्या खरीदना है। जिन लोगों को अपनी जरूरत का पता नहीं होता, वे केवल अपनी क्रय शक्ति के अभिमान में अपने पैसे से केवल बाजार को एक विनाशकारी शक्ति एवं शैतानी शक्ति तथा व्यंग्य शक्ति ही बाजार को देते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि वे लोग बाजार में बाजारूपन अर्थात् व्यवहार का हल्कापन बढ़ाते हैं। यह हल्कापन व्यवहार में कपट का बढ़ना, घोखा देना, कीमत से अधिक मूल्य लेना, घटिया सामान देना आदि हैं।
पूरक पाठ्य-पुस्तक वितान भाग 2 –
प्रश्न 14.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए 2 प्रश्नों में से किसी 1 प्रश्न का लगभग 60 शब्दों में उत्तर दीजिए। (4 × 1 = 4)
‘सिल्वर वैंडिग’ कहानी में यशोधर बाबू को अपने बच्चों की आकर्षक आय ‘समहाउ इंप्रोपर’ क्यों लगती है? आप यशोधर बाबू के स्थान पर होते तो ‘समहाउ इंप्रॉपर’ से कैसे सार्मंजस्य स्थापित करते?
अथवा
उस घटना का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए, जिससे पता चलता है कि लेखक की माँ उसके मन की पीड़ा समझ रही थी? ‘जूझ’ कहानी के आधार पर बताइए।
उत्तर :
यशोधर बाबू का वेतन बहुत धीरे-धीरे बद्ता था, उससे अधिक महँगाई बढ़ जाती थी, उनकी आय में हुई वृद्धि का असर उनके जीवन-स्तर को सुधार नहीं पाया। इसलिए उनके बच्चे जब किसी बड़ी विज्ञापन कंपनी में नौकरी पाकर रातों-रात अत्यधिक वेतन कमाने लगे तो उनको इतनी अत्यधिक तनख्वाह का रहस्य समझ, में नहीं आया। यशोधर बाबू समझते थे कि इतनी अत्यधिक तनखाह के पीछे कोई गलत काम अवश्य किया जा रहा है, क्योंकि उन्होंने अपना सारा जीवन कम वेतन में जैसेतैसे गुजारा था, इसलिए वे इतनी शान-शौकत को पचा नहीं पा रहे थे। यदि हम यशोधर बाबू के स्थान पर होते तो वास्तविकता जानने का तथा पीढ़ियों के बीच के अंतराल में सामंजस्य बैठाने का प्रयास करते।
अथवा
लेखक को पढ़ना बहुत पसंद था, लेकिन वह अपने पढ़ने की बात अपने दादा से नहीं कर पाता था, क्योंकि उसके दादा अच्छे आचरण वाले नहीं होने के साथ अत्यघिक गुस्से वाले मी थे। वे खेत का सारा काम लेखक से करवाते थे। दूसरी तरफ आनंदा की माँ चाहती थी कि उसका बेटा सातर्वी कक्षा तक अवश्य पढ़े, लेकिन दादा के आगे उसकी एक न चलती थी। आनंदा और उसकी माँ ने दत्ता जी राव के पास जाने की सोची, क्योंकि वे ही पाठशाला जाने के लिए दादा को समझाकर राजी कर सकते थे। अतः इस घटना से पता चलता है कि लेखक की माँ उसकी मन की पीड़ा को समझ रही थी तथा हमेशा उसकी सराहना करती थी।