Students must start practicing the questions from CBSE Sample Papers for Class 11 Hindi with Solutions Set 3 are designed as per the revised syllabus.
CBSE Sample Papers for Class 11 Hindi Set 3 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्न-पत्र में खंड ‘अ’ में वस्तुपरक तथा खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं।
- खंड ‘अ’ में 40 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। सभी 40 प्रश्नों के उत्तर देने हैं।
- खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। प्रश्नों के उचित आंतरिक विकल्प दिए गए हैं।
- दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए।
खंड ‘अ’
(वस्तुपरक प्रश्न)
अपठित बोध (अंक 15) –
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- 10 × 1 = 10
विज्ञापन के बाजार ने हिंदी को एक क्रांतिकारी रूप दिया जिसमें रवानगी है, रोमांच है। इस तरह हिंदी भविष्य की भाषा, समय का तकाज़ा और रोज़गार की ज़रूरत बनती जा रही है। लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ पत्रकारिता है; सूचना-क्रांति ने विश्व को ग्राम बना दिया है। मीडिया की जागरुकता ने समाज में एक क्रांति ला दी है और इस क्रांति की भाषा हिंदी है। इतने सारे समाचार चैनल हैं और सभी चैनलों पर हिंदी अपने हर रूप में नए कलेवर, तेवर में निखरकर, सँचरकर, लहरकर, ‘बोल तो बिंदास’ बनकर छाई रहती है। तुलनात्मक अर्थों में आज अंग्रेज़ी-पत्रकारिता से हिंदी पत्रकारिता का मूल्य-बाज़ार उत्पादन, उपभोग और वितरण बहुत बड़ा है। प्रिंट मीडिया की स्थिति ज़्यादा बेहतर है, पत्र-पत्रिकाओं की लाखों प्रतियाँ रोज़ाना बिकती हैं। चीन के बाद सबसे अधिक अख़बार हमारे यहाँ पढ़े जाते हैं, हिंदी के सम्प्रेषण की यह मानवीय, रचनात्मक और सारगर्भित उपलब्धि है। पत्र-पत्रिकाएँ हिंदी की गुणवत्ता और प्रचार-प्रसार के लिए कृतसंकल्प हैं। यह भ्रम फैलाया गया है कि हिंदी रोज़गारोन्मुखी नहीं है। आज सरकारी, गैर सरकारी क्षेत्रों में करोड़ों हिंदी पढ़े-लिखे लोग आजीविका कमा रहे हैं। भविष्य में हिंदी की बाज़ार माँग और अधिक होगी।
पसीनों में, प्रार्थनाओं में, सिरहानों की सिसकियों में और हमारे सपनों में जब तक हिंदी रहेगी तब तक वह बिना किसी पीड़ा या रोग के सप्राण, सवाक् और सस्वर रहेगी।
1. किस ने हिंदी को क्रांतिकारी रूप दिया है?
(क) लोगों ने
(ख) विज्ञापन ने
(ग) विज्ञान ने
(घ) अख़बार ने
उत्तर :
(ख) विज्ञापन ने
व्याख्या-बाज़ार में हर वस्तु को विज्ञापनों द्वारा इतना आकर्षक बना दिया जाता है कि उसे लेने की होड़ मच जाती है और ये विज्ञापन हिन्दी भाषा में होते हैं, जिससे हर व्यक्ति आसानी से उसे समझ सके। इस कारण हिन्दी का महत्त्व आज भी चरम पर है।
2. किसे लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा गया है?
(क) अख़बार को
(ख) पत्रकारिता को
(ग) पत्रिका को
(घ) टी.वी. को
उत्तर :
(ख) पत्रकारिता को
3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
कथन (i): समाज में क्रांति आतंक के कारण आई है।
कथन (ii): समाज में क्रांति शांति के कारण आई है।
कथन (iii): समाज में क्रंति जागरूकता के कारण आई है।
कथन (iv): समाज में क्रांति मीडिया के कारण आई है।
गद्यांश के अनुसार कौन-सा/से कथन सही है / है?
(क) कथन (i) और (ii) सही हैं।
(ख) केवल कथन (ii) सही हैं।
(ग) केवल कथन (iii) सही हैं।
(घ) केवल कथन (iv) सही हैं।
उत्तर :
(घ) केवल कथन (iv) सही हैं।
4. चैनलों पर किस का रूप निखर कर आता है?
(क) हिंदी
(ख) अभिनेता
(ग) अभिनेत्री
(घ) समाचार वाचक
उत्तर :
(क) हिंदी
5. किस पत्रकारिता का वितरण क्षेत्र बहुत बड़ा है?
(क) अंग्रेज़ी पत्रकारिता का
(ख) हिंदी पत्रकारिता का
(ग) चीनी पत्रकारिता का
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर :
(ख) हिंदी पत्रकारिता का
6. सबसे अधिक अख़बार कहाँ पढ़े जाते हैं?
(क) चीन में
(ख) भारत में
(ग) इंग्लैंड में
(घ) अमेरिका में
उत्तर :
(ख) भारत में
व्याख्या-सबसे अधिक अख़बार-चीन में पढ़े जाते हैं। चीन के बाद सबसे अधिक अख़बार हमारे यहाँ (भारत में) पढ़े जाते हैं।
7. हिंदी के प्रचार के लिए कौन कृतसंकल्प है?
(क) पत्र-पत्रिकाएँ
(ख) शिक्षा विभाग
(ग) सरकार
(घ) सिनेमा
उत्तर :
(क) पत्र-पत्रिकाएँ
8. हिंदी को कैसी भाषा होने का आक्षेप लगाया जा रहा है?
(क) प्रेरणादायक न होने का
(ख) रोज़गारोन्मुखी न होने का
(ग) निरर्थक होने का
(घ) सार्थक होने का
उत्तर :
(ख) रोज़गारोन्मुखी न होने का
व्याख्या-सरकारी और गैर-सरकारी क्षेत्रों में आज भी हिन्दी का वर्चस्व है, जिसे न जानने वाले हिन्दी के रोज़गारोन्मुखी भाषा न होने का आक्षेप लगाया।
9. प्रस्तुत गद्यांश का अचित शीर्षक लिखिए-
(क) अंग्रेज़ी भाषा का महत्त्व
(ख) सरकार का महत्त्व
(ग) हिन्दी भाषा का महत्त्व
(घ) जनता का महत्त्व
उत्तर :
(ग) हिन्दी भाषा का महत्त्व
10. ‘तुलनात्मक’, में प्रत्यय होगा-
(क) नात्मक
(ख) आत्मक
(ग) त्मक
(घ) मक
उत्तर :
(ख) आत्मक
प्रश्न 2.
दिए गए पद्यांश पर आधारित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सर्वांधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- 5 × 1 = 5
थका हारा सोचता मन-सोचता मन।
उलझती ही जा रही है एक उलझन।
अंधेरे में अँधैरे से कब तलक लड़ते रहें
सामने जो दिख रहा है, वह सच्चाई भी कहें।
भीड़ अंधों की खड़ी खुश रेवड़ी खाती
औ अंधेरे के इशारों पर नाचती-गाती।
थका हारा सोचता मन-सोचता मन।
भूखी प्यासी कानाफूसी दे उठी दस्तक
अंध बन जो झुका दे तम-द्वार पर मस्तक।
रेवड़ी की बाँट में तू रेवड़ी बन जा
तिमिर के दरबार में दरबान-सा तन जा।
थका हारा, उठा गर्दन-जूझता मन
दूर उलझन ! दूर उलझन, दूर उलझन !
चल खड़ा हो पैर में यदि लग गई ठोकर
खड़ा हो संघर्ष में फिर रोशनी होकर
मृत्यु भी वरदान है संघर्ष में प्यारे
देखते ही देखते तम तोड़ता है दम
और सूरज की तरह हम ठोंकते हैं खम।
1. संघर्ष करते हुए मृत्यु होने पर वह किसके समान होती है?
(क) शोक के
(ख) पश्चाताप के
(ग) वरदान के
(घ) उलझन के
उत्तर :
(ग) वरदान के
व्याख्या-संघर्ष करते हुए मृत्यु होने पर मृत्यु वरदान के समान होती है।
2. ‘भीड़ अंधों की खुश रेवड़ी खाती’ पंक्तियों का भाव क्या है?
(क) लोग स्वार्थीं बनकर अवसर का लाभ उठाते हैं।
(ख) लोग परिश्रमी होते हैं।
(ग) लोग कामचोर होते हैं।
(घ) भीड़ में केल अंधे ही होते हैं।
उत्तर :
(क) लोग स्वार्थीं बनकर अवसर का लाभ उठाते हैं।
3. कवि का मन मनुष्य को किसकी तरह तनने की सलाह देता है?
(क) दरवाज़े की
(ख) पहरेदार की
(ग) दरबान की
(घ) नादान की
उत्तर :
(ग) दरबान की
4. संघर्ष में विजय किसे मिलती है?
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
कथन (i): सूर्य की रोशनी की तरह डट कर खड़ा हो जाता है।
कथन (ii): चाँदनी की रोशनी की तरह डट कर खड़ा हो जाता है।
कथन (iii): बल्ब की रोशेनी की तरह डट कर खड़ा हो जाता है।
कथन (iv): बाद्ल में कड़कती बिजली की तरह डट कर खडा हो जाता है।
निम्नलिखित विकल्पों पर विचार कीजिए तथा सही विकल्प चुनकर लिखिए-
(क) केवल कथन (i) सही है।
(ख) केवल कथन (ii) सही है।
(ग) केवल कथन (iii) सही है।
(घ) केवल कथन (iv) सही है।
उत्तर :
(क) केवल कथन (i) सही है।
व्याख्या-संधर्ष में विजय उसी की होती है जो सूर्य की रोशनी की तरह डटकर खड़ा हो जाता है। उस समय अंधेरा भी दम तोड़ देता है।
5. कॉलम 1 को कॉलम 2 से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कॉलम 1 | कॉलम 2 |
1. थका हारा | (i) सोचता मन |
2. उलझती ही जा रही है | (ii) एक उलझन |
3. अंध बन जो झुका दे | (iii) तन-द्वार पर मस्तक |
(क) 1 – (i), 2 – (iii), 3 – (ii)
(ख) 1 – (i), 2 – (ii), 3 – (iii)
(ग) 1 – (iii), 2 – (ii), 3 – (i)
(घ) 1 – (ii), 2-(iii), 3-(i)
उत्तर :
(ख) 1 – (i), 2 – (ii), 3 – (iii)
अभिव्यक्ति और माध्यम (अंक 5)
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपर्वक पत्रकर सर्वाधिक उपयक्त उत्तर वाले विकल्प को चनकर लिखिए- 5 × 1 = 5
1. जनसंचार के आधुनिक माध्यम प्राप्त हुए-
(क) पुर्तगालियों
(ख) फ्रांसिसियों
(ग) अंग्रेज़ों
(घ) डच
उत्तर :
(ग) अंग्रेज़ों
2. जनसंचार माध्यमों द्वारा किसके कामकाज़ पर निगरानी रखी जाती है?
(क) सरकार
(ख) ईश्वर
(ग) विकल्प (क) और (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर :
(क) सरकार
3. अख़बारी पत्रकारिता को अस्तित्व में आए कितने साल हो गए हैं?
(क) 300
(ख) 400
(ग) 500
(घ) 600
उत्तर :
(ख) 400
व्याख्या-अख्यबारी पत्रकारिता को अस्तित्व में आए 400 साल हो गए हैं।
4. ‘बंगाल गजट’ किस स्थान से निकला?
(क) कलकत्ता
(ख) मुम्बई
(ग) दिल्ली
(घ) राजस्थान।
उत्तर :
(क) कलकत्ता
5. हिन्दी का पहला साप्ताहिक पत्र कौन-सा है? बा
(क) बंगाल गजट
(ख) उदंत मातंड
(ग) विकल्प (क) और (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर :
(ख) उदंत मातंड
व्याख्या-हिन्दी का पहला साप्ताहिक पत्र उदत्त मार्तंड है।
पाठ्यपुस्तक आरोह भाग-1 (10 अंक)
प्रश्न 4.
निम्नलिखित काव्यांश के प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- 5 × 1 = 5
और माँ बिन-पढ़ी मेरी,
दु:ख में वह गढ़ी मेरी
माँ कि जिसकी गोद में सिर,
रख लिया तो दुःख नहीं फिर,
माँ की जिसकी स्नेह-धारा,
का यहाँ तक भी पसारा,
उसे लिखना नहीं आता,
जो कि उसका पत्र पाता।
1. इस पद्यांश में किस प्रेम का वर्णन हुआ है?
(क) मातृ
(ख) ईश्वरीय
(ग) भ्रातृ
(घ) सभी
उत्तर :
(क) मातृ
2. निम्नलिखित कथनों पर विचार करते हुए पद्यांश के अनुसार सही कथन को चयनित कर लिखिए-
(क) पसारा का अर्थ गोद है।
(ख) पसारा का अर्थ स्नेह है।
(ग) पसारा का अर्थ प्रसार है।
(घ) पसारा का अर्थ प्रेम है।
उत्तर :
(ग) पसारा का अर्थ प्रसार है।
3. भारत छोड़ो आन्दोलन कब हुआ ?
(क) 1941
(ख) 1942
(ग) 1943
(घ) 1945
उत्तर :
(ख) 1942
व्याख्या-कवि 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन के कारण जेल में बंद रहा है। यद्यपि उसकी माँ को इस बात का गर्व भी है।
4. निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A): कवि के परिवार में कुछ लोग पढ़े-लिखे नर्हीं हैं।
कारण (R): कवि के परिवार में माता अनपढ़ हैं।
(क) कथन (A) सही है, कारण (R) गलत है।
(ख) कथन (A) सही नहीं है, कारण (R) सही है।
(ग) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं।
(घ) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।
उत्तर :
(ग) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं।
व्याख्या-कवि के परिवार में उसकी माँ अनपढ़ थी लेकिन फिर भी वह पढ़ाई का महत्त्व समझती थी।
5. माँ की स्नेह धारा का फैलाव कहाँ तक है?
(क) घर तक
(ख) ख्रेतों तक
(ग) कारागृह तक
(घ) सभी
उत्तर :
(ग) कारागृह तक
प्रश्न 5.
निम्नलिखित गद्यांश के प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- 5 × 1 = 5
शूटिंग की शुरूआत में ही एक गड़बड़ हो गई। अपू और दुर्गा को लेकर हम कलकत्ता से सत्तर मील पर पालसिट नाम के एक गाँव गए। वहाँ रेल-लाइन के पास काशफूलों से भरा एक मैदान था। अपू और दुर्गा पहली बार रेलगाड़ी देखते हैं-इस सीन की शूटिंग हमें करनी थी। यह सीन बहुत ही बड़ा था। एक दिन में उसकी शूटिंग पूरी होना नामुमकिन था। कम-से-कम दो दिन लग सकते थे। पहले दिन जागद्धात्री पूजा का त्योहार था। दुर्गा के पीछे-पीछे दौड़ते हुए अपू काशफूलों के वन में पहुँचता है।
1. अपू और दुर्गा पहली बार किसको देखते हैं?
(क) बच्चों को
(ख) फिल्म को
(ग) रेलगाड़ी को
(घ) सभी को
उत्तर :
(ग) रेलगाड़ी को
2. रेल-लाइन के पास किससे भरा एक मैदान था?
(क) आम
(ख) सेब
(ग) अंगूर
(घ) काशफूल
उत्तर :
(घ) काशफूल
व्याख्या-रेल-लाइन के पास काशफूलों से भरा एक मैदान था।
3. निम्नलिखित कथनों पर विचार करते हुए गद्यांश के अनुसार सही कथन को चयनित कर लिखिए-
(क) अपू और दुर्गा को लेकर रालसिट गाँव में गए।
(ख) अपू और दुर्गा को लेकर पालसिट गाँव में गए।
(ग) अपू और दुर्गा को लेकर कालसिट गाँव में गए।
(घ) अपू और दुर्गा को लेकर किसी भी गाँव में नहीं गए।
उत्तर :
(ख) अपू और दुर्गा को लेकर पालसिट गाँव में गए।
व्याख्या-अपू और दुर्गा को लेकर लेखक कलकत्ता से सत्तर मील पर पालसिट नाम के एक गाँव में गया।
4. कॉलम 1 को कॉलम 2 से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चनकर लिखिए-
कॉलम 1 | कॉलम 2 |
1. त्योहार था | (i) जागद्वात्री पूजा का |
2. काशफूलों से भरा एक मैदान | (ii) रेल – लाइन के पास |
3. एक गड़बड़ हो गई | (iii) शुटिंग की शुरुआत में |
(क) 1 – (i), 2-(ii), 3-(iii)
(ख) 1 – (iii), 2 – (ii), 3 – (i)
(ग) 1 – (i), 2 – (iii), 3 – (ii)
(घ) 1 – (ii), 2 – (iii), 3 – (i)
उत्तर :
(क) 1 – (i), 2-(ii), 3-(iii)
5. दुर्गा के पीछे कौन दौड़ते हुए काशफूलों के वन में पहुँचा?
(क) लेखक
(ख) अपू
(ग) विकल्प (क) और (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ख) अपू
पूरक पाठ्य पुस्तक वितान भाग-1 (अंक 10)
प्रश्न 6.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए – 10 × 1 = 10
1. अनुपम मिश्र का जन्म 1948 में कहाँ हुआ ?-
(क) दिल्ली
(ख) आगरा
(ग) महाराष्ट्र
(घ) चेन्नई
उत्तर :
(ग) महाराष्ट्र
2. अनुपम जी गाँधी शॉति प्रतिष्ठान के पर्यावरण कक्ष में सम्बद्ध कब रहे?
(क) 1976
(ख) 1977
(ग) 1978
(घ) 1979
उत्तर :
(ख) 1977
3. अनुपम मिश्र ने किन मुद्दों पर कई पुस्तकें लिखी हैं?
(क) सामाजिक
(ख) राजनीतिक
(ग) पर्यावरण
(घ) धार्मिक
उत्तर :
(ग) पर्यावरण
4. निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A): कुछ पत्थर की पट्टी का उपयोग किया जाता है।
कारण (R): खड़िया पत्थर की पट्टी एक बड़े क्षेत्र से गुज़रती है।
(क) कथन (A) और कारण (R) दोनों सहीं हैं।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ग) कथन (A) सही नहीं है, कारण (R) सही है।
(घ) कथन (A) सही है, कारण (R) गलत है।
उत्तर :
(क) कथन (A) और कारण (R) दोनों सहीं हैं।
5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
कथन (i): छोटे व्यास की कुंई में पानी चार-पाँच हाथ की ऊँचाई ले लेता है।
कथन (ii): छोटे व्यास की कुई में पानी एक-दो हाथ की ऊँचाई ले लेता है।
कथन (iii): छोटे व्यास की कुंई में पानी दो-चार हाथ की ऊँचाई ले लेता है।
कथन (iv): छोटे व्यास की कुई में पानी दो-आठ हाथ की ऊँचाई ले लेता है।
सही कथन/कथनों वाले विकल्प को चयनित कर लिखिए-
विकल्प-
(क) कथन (i) सही है।
(ख) कथन (ii) सही है।
(ग) कथन (iii) सही है।
(घ) कथन (iv) सही है।
उत्तर :
(ग) कथन (iii) सही है।
6. लेखक के अनुसार शास्त्रीय संगीत व चित्रपट संगीत की तुलना करना कैसा है?
(क) सार्थक
(ख) निरर्थक
(ग) विकल्प (क) और (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ख) निरर्थक
व्याख्या-लेखक के अनुसा शास्त्रीय संगीत व चित्रपट संगीत की तुलना में बिल्कुल निरर्थक है।
7. शास्त्रीय संगीत का स्थायी भाव क्या है?
(क) गंभीरता
(ख) तेज़ लय
(ग) चपलता
(घ) ये सभी
उत्तर :
(क) गंभीरता
8. चित्रपट संगीत का स्थायी भाव क्या है?
(क) तेज़ लय
(ख) चपलता
(ग) विकल्प (क) और (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ग) विकल्प (क) और (ख)
व्याख्या-चित्रपट संगीत का स्थायी भाव तेज़ लय और चपलता होती है।
9. पति से परेशान होकर बेबी हालदार कहाँ चलीं गई?
(क) फरीदाबाद
(ख) आगरा
(ग) मुम्बई
(घ) मेरठ
उत्तर :
(क) फरीदाबाद
व्याख्या-पति से परेशान होकर बेबी हालदार ने पति का घर छोड़ दिया और फरीदाबाद चली गई।
10. आलो-आँधारि ‘मूल’ कब से किस भाषा में लिखी गई है?
(क) उड़िया
(ख) बांग्ला
(ग) संस्कृत
(घ) तेलुगु
उत्तर :
(ख) बांग्ला
खण्ड ‘ब’ :
वर्णनात्मक प्रश्न
सुजनात्मक लेखन और व्यावहारिक लेखन (अंक 17)
प्रश्न 7.
निम्नलिखित दिए गए तीन अप्रत्याशित विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए- 5 × 1 = 5
(i) ‘अक्ल बड़ी या भैंस’ विषय पर एक लेख लिखिए।
उत्तर :
महात्मा गाँधी जैसे महापुरुष ने स्वतंत्रता संग्राम बिना अस्त्र-शस्त्रों के लड़ा था। उनका हथियार तो केवल सत्य और अहिंसा थे। जिस कार्य को शारीरिक बल न कर सका, उसे बुद्धि बल ने कर दिखाया। इसी कारण यह कहावत है कि अक्ल बड़ी या भैंस ? केवल शारीरिक बल होने से कोई लाभ नहीं होता। महाभारत के युद्ध में भीम और उसके पुत्र घटोत्कच ने अपनी शारीरिक शक्ति को भी दिशा-निर्देश देने वाली श्री कृष्ण की ही बुद्धि से ही प्रेरणा प्राप्त की। नैपोलियन, लेनिन तथा मुसोलिनी जैसे, महान् व्यक्ति ने भी बुद्धि के बल पर ही सफ़लताएँ अर्जित की थी।
(ii) ‘जातिवाद का जहर’ विषय पर एक लेख लिखिए।
उत्तर :
ज़हर जीवित शरीर को मौत की नींद सुला देता है और अगर शरीर की प्रतिरोध क्षमता के कारण वह ऐसा न कर पाए, तब भी शरीर की व्यवस्था में भयंकर उथल-पुथल मचा कर उसे अशक्त और बीमार तो बना ही देता है। मानव-समाज के जीवित शरीर में जातिवाद ने ऐसे ही ज़हर का काम किया है। हमारे जिन पुरखों ने कर्म के आधार पर वर्ण तय किए थे, उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि कल को यह विचार जन्मना जाति व्यवस्था में परिणत हो जाएगा और इसके चलते गर्भ में शिशु के आते ही उसकी नियति तय हो जाया करेगी।
(iii) ‘हम घड़ी के साथ एक झीण तंतु से जुड़े हैं’ विषय पर एक लेख लिखिए।
उत्तर :
घड़ी अपनी जगह बिल्कुल स्थिर है, पता नहीं कब से, लेकिन चल रही है। उसके काँटों में एक अनवरत चक्रीय गति है। चक्र या वृत्त की न कोई शुरूआत होती है, न उसका अंत होता है। इस तरह इन काँटों की चक्रीय गति हमें बताती है कि समय अनादि अनंत है। घड़ी को दीवार के आसन पर बिठा कर मानो यही बताते रहने का ज़िम्मा सौंप दिया गया है कि समय लगातार बीत रहा है, पर खत्म होने के लिए नहीं। यह विरोधाभास-सा लगता है।
प्रश्न 8.
अपने क्षेत्र के पोस्टमास्टर साहब को इस आशय का पत्र लिखिए कि आपके क्षेत्र में डाक का वितरण ठीक नहीं हो रहा है। 5
अथवा
अपने नगर विकास प्राधिकरण के सचिव को अपनी कॉलोनी के पार्क के विकास के लिए पत्र लिखिए।
उत्तर :
सेवा में,
पोस्टमास्टर साहब
डाकघर
आगरा
विषय-डाक वितरण की अनियमितताओं पर प्रकाश डालने हेतु पत्र मैं कमला नगर की रहने वाली हूँ। इस पत्र के द्वारा अपने क्षेत्र की डाक वितरण की अनियमितताओं की ओर आपका ध्यान आकृष्ट कराना चाहती हूँ। मान्यवर! पिछले चार माह से इस क्षेत्र में डाक-वितरण का काम ठीक से नहीं हो रहा है। हमारे क्षेत्र के निवासियों की आम शिकायत है कि ये पोस्टमैन साहब त्योहारों के अवसर पर बख्शीश देने को वाध्य करते हैं तथा न देने वालों की डाक गड़बड़ी कर देते हैं। अतः आपसे प्रार्थना है कि आप इस विषय में जाँच-पड़ताल कर डाक वितरण ठीक करने की कृपा करें।
धन्यवाद
भवदीय
पूनम बघेल
आगरा
दिनांक: 16-3-20XX
अथवा
सेवा में,
सचिव
आगरा नगर विकास प्राधिकरण
आगरा
विषय – कॉलोनी के पार्क के विकास हेतु पत्र महोदय, मैं आपका ध्यान आगरा महानगर के शक्तिनगर क्षेत्र के पार्क की अव्यवस्था और उपेक्षा की ओर दिलाना चाहती हूँ। इस क्षेत्र में आगरा विकास प्राधिकरण की ओर से पार्क के लिए स्थान छोड़ गए हैं। दु:ख और चिंता की बात यह है कि पार्को के लिए इन छोड़ी हुई जगहों में कूड़ों के ढेर दिखाई देने लगे हैं। इससे बदबू आती है। आप हमारी कॉलोनी के समुचित स्थानों में पार्क की सुव्यवस्था शीघ्र करवा दें और हमें कृतार्थ करें। भवदीय
शक्तिनगर निवासी
पूनम बघेल
दिनांक: 18 अप्रैल, 20XX
प्रश्न 9.
निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 40 शब्दों में दीजिए- 2 × 2 = 4
(i) पटकथा का स्रोत कहाँ से मिलता है ?
उत्तर :
पटकथा का स्रोत कुछ भी हो सकता है। हमारे स्वयं के साथ घटी कोई घटना अथवा हमारे आस-पास घटी कोई घटना भी पटकथा का आधार बन सकती है। इसके अतिरिक्त अख़बार में छपा कोई समाचार, हमारी कल्पना से अपनी कोई कहानी, इतिहास में वर्णित कोई व्यक्तित्व, कोई सच्चा किस्सा अथवा साहित्य की किसी प्रसिद्ध रचना पर पटकथा लिखी जा सकती है।
(ii) पटकथा की संरचना कैसे होती है ?
उत्तर :
फिल्म तथा दूरदर्शन की पटकथा में पात्र-चरित्र, नायक, प्रतिनायक, घटनास्थल, दृश्य, कहानी का क्रमिक विकास आदि सभी कुछ होता है। इसमें छोटे-छोटे दृश्य, असीमित घटनास्थल होते हैं। इसकी कथा फ़्लेशबैक तकनीक से किसी भी प्रकार से प्रस्तुत की जाती है। फ्लेशबैक में अतीत में हो चुकी और फ़्लैश फॉरवर्ड से भविष्य में होने वाली घटनाओं को प्रस्तुत किया जाता है।
(iii) डायरी का क्या उपयोग है :
उत्तर :
डायरी के प्रत्येक पृष्ठ पर एक तिथि होती है तथा शेष पृष्ठ खाली होता है। इस खाली पृष्ठ का उपयोग तिथि विशेष से संबंधित सूचनाओं अथवा निजी बातों को लिखने के लिए किया जाता है। किसी विशेष तिथि पर यदि हमें कोई विशेष कार्य करना है अथवा कहीं जाना है तो उससे संबंधित सूचना पहले से ही उस तिथि वाले पृष्ठ पर लिख दी जाती है।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित दो प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 60 शब्दों में लिखिए- 3 × 1 = 3
(i) शब्दकोश में शब्द से हमारा क्या अभिप्राय है? शब्दों के भेदों के नाम बताइए।
उत्तर :
शिक्षा शब्दकोश में शब्द के अर्थ को इस प्रकार स्पष्ट किया है-“शब्द वाचिक अभिव्यक्ति की लघुत्तम इकाई है, जो अर्थ रखती है और विचार संप्रेषित करती है।” एक से अधिक ध्वनियों से शब्द बनता है। इस प्रकार शब्द से हमारा अभिप्राय उस ध्वनि समूह से है, जिसमें भाव बोधन एवं अर्थवहन की क्षमता हो। शब्द विभक्ति रहित होते हैं, जिन्हें प्रतिपादिक भी कहा गया है।
शब्दों के भेद-
शाब्दिक अर्थ की दृष्टि से –
1. सार्थक
2. निरर्थक
ध्वनि की दृष्टि से –
1. ध्वन्यात्मक शब्द
2. वर्णनात्मक शब्द
रचना की दृष्टि से –
1. रुद्र शब्द
2. यौगिक शब्द
3. योग रूढ़
रूपान्तर की दृष्ट से –
1. विकारी
2. अविकारी
उत्पत्ति की दृष्टि से –
1. तत्सम् शब्द
2. तद्भव शब्द
3. देशज शब्द
4. विदेशी शब्द
5. शंकर शब्द
व्याकरण की दृष्टि से –
1. संज्ञा
2. सर्वनाम
3. विशेषण
4. क्रिया
5. क्रिया विशेषण
6. सम्बन्ध बोध
7. समुच्चय बोधक
8. विस्मयादि बोधक शब्द।
अर्थक्षमता की दृष्टि से –
1. एकार्थक शब्द
2. समानार्थक शब्द
3. विलोम शब्द
(ii) शब्द कोश में दिए निम्नलिखित संकेतों के पूर्ण शब्द लिखिए
(+), (अ.), (अ. क्रि.), (अप्र.), अल्प. (आ.), (आयु.), (इ), (उ.), (उप. ), (उपनि.), (कवि.-कौ.), (का.), (कौ.), (ग.), ( गी.),(ग्रा.), ( चि.), (ज.), (जै.), (ज्या.)।
उत्तर :
(+) – स्थानिक
(अ.) – अव्यय
(अ. क्रि.) – अकर्मक क्रिया
(अप्र.) – अप्रचलित
अल्प. – अल्पसूचक (लघु सूचक)
(आ.) – आधुनिक
(आयु.) – आयुर्वेद
(इ.) – इत्यादि
(उ. – उदाहरण
(उप.) – उपसर्ग
(उपनि.) – उपनिषद्
(कवि,-कौ.) – कविता कौमुदी (रामनरेश त्रिपाठी)
(का.) – क़ानून
(कौ.) – कौटिल्य
(ग.) – गणित
(गी.) – गीता
(ग्रा.) – ग्राम्य
(चि.) – चित्रकारी
(ज.) – जरमन
(जै.) – जैन साहित्य
(ज्या.) – ज्यामिति
पाठ्यपुस्तक आरोह भाग-1 एवं वितान भाग-1 (अंक 23)
प्रश्न 11.
काव्य खण्ड पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर (लगभग 60 शब्दों में) दीजिए- 3 × 2 = 6
(i) मीरा के पदों की क्या विशेषताएँ हैं ?
उत्तर :
मीरा के पद कृष्ण-प्रेम में डूबे हुए हैं। उनके पदों में प्रेम की गम्भीर अभिव्यक्ति है। इसमें विरह की वेदना भी है और मिलन का उल्लास भी। मीरा के पद सादगी व सरलता का गुण लिए हुए हैं। अपने पदों में उन्होंने लोकलाज़ या फिर कुल की मर्यादा के नाम पर लगाए गए सामाजिक या वैचारिक बंधनों का विरोध किया है। उन्होंने पर्दा प्रथा को भी नहीं माना। सार्वजनिक रूप से उन्होंने मंदिर में नाचने-गाने में भी कोई हिचक महसूस नहीं की। उनके पदों में मूल रूप से दर्द व्याप्त है। उनकी भाषा मूल रूप से राजस्थानी है। उस पर ब्रजभाषा का भी प्रभाव है।
(ii) परमात्मा के स्वरूप के बारे में कबीर के विचार बताइए।
उत्तर :
कबीर के मतानुसार, परमात्मा एक है। जो लोग संसार और परमात्मा को भिन्न मानते हैं, वे अज्ञानी हैं। वे कहते हैं कि समस्त संसार में एक ही परमात्मा का निवास है। लोग बाह्य आडम्बरों में उलझकर उनके सहारे ईश्वर को मंदिर, मस्जिए आदि देवस्थानों पर ढूँढ़ते हैं, लेकिन सहज भाव से ईश्वर प्राप्ति का प्रयास नहीं करते।
सम्पूर्ण संसार का निर्माण उसी ने किया है, उसके द्वारा निर्मित जीवों का रूप तो अलग-अलग है, लेकिन उन सबकी आत्मा में परमात्मा का अंश अवश्य रहता है। कबीर की दृष्टि में परमात्मा मूल तत्व है। वह सारे जगत और अस्तित्व में उसी तरह निवास करता है, जिस प्रकार लकड़ी में अगिन निवास करती है। जिस प्रकार बढ़ई लकड़ी को काट सकता है, परन्तु उसमें निहित अग्नि को नष्ट नहीं कर सकता, उसी प्रकार मनुष्य का शरीर नश्वर है, किन्तु उसके भीतर निवास करने वाला परमात्मा अमर है। परमात्मा से साक्षात्कार करने वाला मनुष्य सभी दुर्गुणों व दोषों से मुक्त एवं निर्भय हो जाता है।
(iii) कवि सावन को कौन-सा झूठा संदेश भेजने को कहता है ? वह उससे क्या आग्रह करता है ?
उत्तर :
कवि जेल में रहते हुए अपने परिवार से दूर होने के कारण दुःखी था। उस समय तेज़ वर्षा भी हो रही थी जो उसके दुःख को और अधिक बढ़ा रही थी। कवि उस समय सावन को अपना दूत बनाकर उसे अपने माता-पिता के पास झूठा संदेश देने के लिए भेजता है। वह उनका दुःख कम करने के लिए सावन से निवेदन करता है कि उसके माता-पिता को जाकर कहे कि वह वहाँ पर (जेल में) बहुत खुश है और अपने काम में व्यस्त रहता है। वह बहुत सारा भोजन भी करता है। उसे वहाँ कोई कष्ट या दुःख नहीं है। कवि अपने माता-पिता को दुःखी होते हुए, व्यथित होते हुए नहीं देख सकता, इसलिए वह सावन को कहता है कि वह उसके माता-पिता को यह सच्चाई नहीं बताए कि वह निराश व दु:खी है, बस वह जाकर उसके परिवार को धैर्य बँधाए कि वे उसके जेल में होने का शोक न करें।
प्रश्न 12.
काव्य खण्ड पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर (लगभग 40 शब्दों में) दीजिए- 2 × 2 = 4
(i) कवि ने अपनी माँ के संबंध में क्या विचार व्यक्त किए हैं ?
उत्तर :
कवि अपनी माँ से बहुत प्रेम करता है। कवि की माँ पढ़ी-लिखी नहीं है अन्यथा वह उसे अवश्य पत्र लिखती क्योंकि माँ भी उससे बहुत प्रेम करती है। माँ अपने पुत्र के दूर होने से व्याकुल होगी। कवि माँ के साथ बिताए पलों को याद करता हुआ कहता है कि मेरी माँ ममता व स्नेह से भरी है। उसके पास पहुँचते ही वह मेरे सारे दुःखों को दूर करने हेतु तत्पर हो जाती है। उसकी ममता का स्पर्श मैं यहाँ भी अनुभव कर रहा हूँ।
(ii) संदेश ग्रहण करने और भेजने में असमर्थ होने पर एक अनपढ़ लड़की को किस वेदना और विपत्ति को भोगना पड़ता है, अपनी कल्पना से लिखिए।
उत्तर :
संदेश ग्रहण करने और भेजने में असमर्थ होने पर एक अनपढ़ लड़की को असहनीय वेदना से गुज़रना पड़ता है। उसे इन कार्यो के लिए किसी पढ़े-लिखे व्यक्ति को तलाशना पड़ता है। ऐसे व्यक्ति से भी पत्र लिखवाते समय वह लोकलाज़ व विश्वसनीयता के भंग होने के भय से सभी बातें नहीं लिखवा और पढ़वा पाती। वह असहाय बनी रहती है। उसके मन में स्वजनों के प्रति बेचैनी बनी रहती है तथा विरह की आग में जलती रहती है।
(iii) क्या अक्क महादेवी को कन्नड़ की मीरा कहा जा सकता है ?
उत्तर :
अक्क महादेवी को ‘कन्नड़ की मीरा’ कहा जा सकता है क्योंकि जिस प्रकार मीरा कृष्ण की उपासिका थीं और उन्होंने स्वयं को प्रभु के चरणों में समर्पित कर दिया था वैसे ही अक्क महादेवी शिव की उपासिका थीं और वे भी प्रभु भक्ति में लीन हो गई थीं। दोनों ही राजपरिवार से थीं और विवाहिता थीं। दोनों ने ही सामाजिक बन्धनों का खंडन किया। दोनों ने ही सहित्य के क्षेत्र में विशेष पहचान बनाई। दोनों में सांसारिक पदार्थो से विरक्ति का आभास मिलता है अतः इस आधार पर कहा जा सकता है कि दोनों में बहुत समानता थी।
प्रश्न 13.
गद्य खण्ड आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर (लगभग 60 शब्दों में) दीजिए- 3 × 2 = 6
(i) ‘नमक का नया विभाग बनने के पश्चात् समाज में क्या-क्या परिवर्तन हुए ?
उत्तर :
जब नमक का नया विभाग बना और ईश्वर-प्रदत्त वस्तु के व्यवहार करने का निषेध हो गया तो लोग चोरी-छिपे इसका व्यवहार करने लगे। अनेक प्रकार के छल-प्रपंचों का सूत्रपात हुआ, कोई घूस से काम निकालता था, कोई चालाकी से। पटवारीगीरी का सर्वसम्मानित पद छोड़- छोड़कर लोग इस विभाग की बरकंदाज़ी करते थे। इसके दरोगा पद के लिए तो वकीलों का भी जी ललचाता था।
(ii) मियाँ नसीरुद्दीन के ‘नानबाई का मसीहा’ बनने की यात्रा का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
मियाँ नसीरुद्दीन के वालिद (पिता) मियाँ बरकत शाही नानबाई गढ़ैयावाले के नाम से प्रसिद्ध थे। नसीरुद्दीन ने नानबाई का कार्य उन्हीं से सीखा। शुरुआत में वे अपने पिता के साथ कार्य करते हुए बर्तन धोते, भट्टी बनाते और भट्टी को आँच देते हुए धीरे-धीरे आटा गूँथना से लेकर रोटी बनाना सीखे। पिता की मृत्यु हो जाने के बाद वे स्वयं नानबाई का काम करने लगे। अनुभवी बनने में महारत हासिल कर पाये और इस तरह वे नानबाई के मसीहा कहलाये।
(iii) ‘जामुन का पेड़’ पाठ के आधार पर सरकारी कर्मचारियों की कार्यप्रणाली का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
‘जामुन का पेड़’ पाठ में सरकारी कर्मचारियों की टालू शैली के बारे में बताया गया है। सरकारी कर्मचारियों के सरकारी कार्यालयों में अफ़सरशाही और चमचागिरी तथा जी-हुज़ूरी इतनी अधिक है कि जिसके कारण छोटे-से-छोटे काम भी नहीं हो पाते। किसी भी कार्य को करने के लिए क्लर्कों को अफ़सर के आदेश की प्रतीक्षा करनी पड़ती है। कागज़ी कार्यवाही होती है। फाइल इधर से उधर घूमती रहती हैं परन्तु निपटती नहीं हैं।
प्रश्न 14.
गद्य खण्ड पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर (लगभग 40 शब्दों में) दीजिए- 2 × 2 = 4
(i) ‘नमक का दरोगा’ कहानी में पंडित अलोपीदीन के व्यक्तित्व के कौन-से दो पहलू (पक्ष) उभरकर आते हैं?
उत्तर :
‘नमक का दरोगा’ कहानी में पंडित अलोपीदीन, जो इलाके के सबसे प्रतिष्टित ज़मींदार थे, के व्यक्तित्व के दो पहलू उभरकर हमारे सामने आते हैंपहला, जब वे मुंशी वंशीधर के द्वारा गैर कानूनी रूप से नमक को ले जाने के कारण पकड़े जाते हैं, तब वे अपने धन के बल पर मुक्त हो जाते हैं।
दूसरा, मंशी वंशीधर की ईमानदारी व धर्मनिष्ठता से प्रभावित होकर अपनी पूरी ज़ायदाद का मैनेजर नियुक्त करने स्वयं उसके घर जाकर आग्रह करते हैं।
(ii) मियाँ नसीरुद्दीन को ‘नानबाइयों का मसीहा’ क्यों कहा गया है ?
उत्तर :
मियाँ नसीरुद्दीन साधारण नानबाई नहीं थे। वे खानदानी नानबाई थे। उनके पास छप्पन प्रकार की रोटियाँ बनाने का हुनर था। वे तुनकी और रूमाली जैसी महीन रोटियाँ बनाना जानते थे। वे रोटी बनाने को एक कला मानते थे तथा स्वयं को इस कला का उस्ताद कहते थे। उनकी बातचीत का ढंग भी महान कलाकारों जैसा था-आत्मविश्वास और फक्कड़पन से भरपूर इसलिए उन्हें ‘नानबाइयों का मसीहा’ ठीक ही कहा गया है।
(iii) ‘भूलो’ की जगह दूसरा कुत्ता क्यों लाया गया ? उसने फिल्म के किस दृश्य को पूरा किया ?
उत्तर :
लेखक को ‘भूलो’ के माध्यम से गमले में भात रखने वाला दृश्य चित्रित करना था, परन्तु उस समय तक सूर्य की रोशनी खत्म हो चुकी थी और लेखक के पास पैसे भी खत्म हो गये थे इसलिए इसके बाद का दृश्य छह महीने बाद दर्शाया गया। ‘भूलो’ की जगह दूसरा कुत्ता लाया गया, क्योंकि इस समय तक भूलो की मृत्यु हो गई थी। उस कुत्ते ने गमले में पड़े भात को खाया और दृश्य को पूरा किया।
प्रश्न 15.
वितान के पाठों पर आधारित निम्नलिखित दो प्रश्नों में सें किसी एक प्रश्न का उत्तर (लगभग 60 शब्दों में) दीजिए – 3 × 1 = 3
(i) ‘लता’ एक विलक्षण गायिका है। कैसे ?
उत्तर :
लेखक बताता है कि बरसों पहले वह बीमार था। तब एक दिन उसे रेडियो पर एक अद्वितीय स्वर सुनाई दिया। यह स्वर उसके अंतर्मन को छू गया। गाना समाप्त होने पर गायिका का नाम घोषित किया गया-लता मंगेशकर! नाम सुनकर वह हैरान रह गया। उसे लगा कि प्रसिद्ध गायक दीनानाथ मंगेशकर की अज़ब गायकी ही उनकी बेटी की आवाज़ में प्रकट हुई है। यह शायद बरसात फ़िल्म से पहले का गाना था। लता से पहले प्रसिद्ध गायिका नूरजहाँ का चित्रपट संगीत में अपना दबदबा था, परंतु लता उससे आगे निकल गई।
(ii) चित्रपट संगीत का महत्त्व बताइए।
उत्तर :
लेखक का मत है कि शास्त्रीय गायक आत्मसंतुष्ट प्राणी हैं। उन्होंने शास्त्र-शुद्धता को कर्मकांड की तरह तूल दे रखा है, जबकि चित्रपट संगीत ने अभिजात्य संगीत को लोगों तक पहुँचाया है। आज लोगों को शास्त्र-शुद्ध और नीरस गाना नहीं, बल्कि सुरीला और भावपूर्ण गाना चाहिए। चित्रपट संगीत की लचकदारी उसकी सबसे बड़ी शक्ति है। चित्रपट संगीत की मान्यताएँ, झंझटें और चुनौतियाँ अलग तरह की हैं। यहाँ नव-निर्माण की संभावनाएँ भी बहुत हैं। बड़े-बड़े संगीतकार शास्त्रीय रागदारी का, लोकगीतों की धुनों का भरपूर उपयोग कर रहे हैं। वे धूप की तरह कौतुक करने वाले पंजाबी लोकगीतों का, बादल की तरह घुमड़ते राजस्थानी लोकगीतों का, घाटियों में गूँजते पहाड़ी लोकगीतों का, ऋतु चक्रों का, खेती से संबंधित कृषि गीतों का भरपूर उपयोग कर रहे हैं। वास्तव में, चित्रपट संगीत का दायरा बहुत बड़ा है। उसमें अनेक अलक्षित प्रयोग करने की गुंजाइश बनी हुई है।