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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course B Set 9 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
निर्देश
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-‘अ’ और ‘ब’।
- खंड ‘अ’ में उपप्रश्नों सहित 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कुल 40 प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
- निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए।
- दोनों खंडों के कुल 18 प्रश्न हैं। दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमश: लिखिए।
खंड ‘अ’ (वस्तुपरक प्रश्न)
खंड ‘अ’ में अपठित गद्यांश, व्यावहारिक व्याकरण व पाठ्य-पुस्तक से संबंधित बहुविकल्पीय प्रश्न दिए गए हैं। जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
अपठित गद्यांश
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए। (1x 5=5)
आधुनिक युग में योग का महत्त्व बढ़ गया है। इसके बढ़ने का कारण व्यस्तता और मन की व्यग्रता है। यदि मनुष्य शारीरिक रूप से स्वस्थ है, तो वह संसार में रहकर जीवन का सुख भोग सकता है और अपने सभी कर्तव्यों एवं मनोकामनाओं को पूर्ण कर सकता है। शरीर ही वह माध्यम है, जिसके द्वारा हम अपने सभी कार्यों को संपन्न कर सकते हैं, इसलिए अपने शरीर को स्वस्थ रखना हमारा प्रथम कर्त्तव्य है और इसके लिए हम योग का सहारा ले सकते हैं।
योग प्राचीन समय से ही भारतीय संस्कृति का अंग रहा है। हमारे पूर्वजों ने बहुत समय पहले ही इसका आविष्कार कर इसके महत्त्व को पहचान लिया था, इसलिए योग पद्धति सदियों बाद भी जीवित है। योग करने से व्यक्ति का शरीर सुगठित और सुडौल बनता है। योग से न केवल तन की थकान दूर होती है, बल्कि मन की थकान भी दूर हो जाती है। योग करने वाला व्यक्ति अपने अंग-प्रत्यंग में एक नए उत्साह एवं स्फूर्ति का अनुभव करता है। योग करने से शरीर के प्रत्येक अंग में रक्त का संचार सुचारु रूप से होता है तथा शरीर रोगमुक्त रहता है। श
(क) गयांश के अनुसार मनुष्य का प्रथम कर्त्तव्य किसे माना गया है?
(i) मन को स्वस्थ रखना
(ii) योग करना
(iii) शरीर को स्वस्थ रखना
(iv) प्राचीन संस्कृति को अपनाना
उत्तर :
(iii) शरीर को स्वस्थ रखना गद्यांश के अनुसार, मनुष्य का प्रथम कर्त्तव्य शरीर को स्वस्थ रखना है, क्योंकि शरीर के माध्यम से ही हम अपने सभी कार्यों को संपन्न कर सकते हैं। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हम योग का सहारा ले सकते हैं।
(ख) योग करने से मनुष्य को व्या लाभ होता है?
(i) शरीर रोगमुक्त रहता है
(ii) नए उत्साह व स्फूर्ति का संचार होता है
(iii) मन की थकान दूर होती है
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये सभी योग करने से मनुष्य को कई लाभ होते हैं। इससे शरीर रोगमुक्त रहता है, मन की थकान दूर होती है तथा नए उत्साह व स्फूर्ति का संचार होता है।
(ग) ‘योग प्राचीनकाल से भारतीय संस्कृति का अंग रहा है’ इस कथन से क्या स्पष्ट होता है?
(i) पूर्वजों द्वारा बोग का आविष्कार किया गया
(ii) पूर्वजों ने योग के महृत्व को पह्हचान लिया
(iii) (i) और (ii) दोनों
(iv) पूर्बजों ने सिद्धांतों पर बल दिया
उत्तर :
(iii) (i) और (ii) दोनों ‘ योग प्राचीनकाल से भारतीय संस्कृति का अंग रहा है’ इस कथन से स्पष्ट होता है कि हमारे पूर्वजों द्वारा योग का आविष्कार किया गया तथा इसके महत्त्व को पहचान लिया गया, इसलिए सदियों बाद भी योग पद्धतियाँ जीवित हैं।
(घ) गद्यांश हमें संदेश देता है कि
(i) समय के साथ-साथ योग का महत्त्व घटता जा रहा है
(ii) शरीर को स्वस्ध रखने के लिए प्रतिदिन योग करना चाहिए
(iii) योग उसी व्यक्ति को करना चाहिए, जो जारीरिक रूप से कमजोर हो
(iv) योग ग्राचीन समय से भारतीय संस्कृति का अंग रहा है
उत्तर :
(ii) शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन योग करना चाहिए गद्यांश हमें संदेश देता है कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन योग करना चाहिए, क्योंकि योग करने से शरीर स्वस्थ रहता है। स्वस्थ मनुष्य ही संसार में जीवन का सुख भोग सकता है और अपने सभी कर्त्तव्यों एवं मनोकामनाओं को पूर्ण कर सकता है।
(ङ) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पद़िए उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) आधुनिक युग में योग का महत्त्व स्वीकार किया जाने लगा है।
कारण (R) आधुनिक युग में व्यस्तता और मन की व्याकुलता बढ़ने लगी है।
(i) कथन (A)तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ii) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A)और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A)की गलत व्याख्या करता है।
(iv) कथन (A)और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर :
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है गद्यांश में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि आधुनिक युग में योग का महत्त्व स्वीकार किया जाने लगा है, क्योंकि आधुनिक युग में व्यस्तता और मन की व्याकुलता बढ़ने लगी है। इससे बचने के लिए हम योग का सहारा ले सकते हैं। योग से न केवल शरीर की थकान दूर होती है, बल्कि मन की थकान भी दूर हो जाती है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सवीधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए। (1×5=5)
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज के अभाव में मनुष्य का सर्वांगीण विकास बिल्कुल संभव नहीं है। लेकिन इस बात को लोग भूलते जा रहे हैं। पड़ोस सामाजिक जीवन के ताने-बाने का महत्वपूर्ण आधार है। दरअसल पड्रोस जितना स्वाभाविक है, हमारी सामाजिक सुरक्षा के लिए तथा सामाजिक जीवन की समस्त आनंदपूर्ण गतिविधियों के लिए वह उतना ही आवश्यक भी है। यह सच हैं कि पड्रोसी का चुनाव हमारे हाथ में नहीं होता है, इसलिए पड़ोसी के साथ कुछ-न-कुछ सामंजस्य तो बिठाना ही पड़ता है।
हमारा पड़ोसी अमीर हो या गरीब, उसके साथ संबंध रखना सदैव हमारे हित में होता है। पड़ोसी से परहेज करना अथवा उससे कटे-कटे रहने में अपनी ही हानि है, क्योकि किसी भी आकस्मिक आपदा अथवा आवश्यकता के समय अपने रिश्वेदारों तथा परिवार वालों को बुलाने में समय लगता है। ऐसे में पड़ोसी ही सबसे अधिक विश्वस्त सहायक हो सकता है।
पड़ोसी चाहे कैसा भी हो, उससे अच्छे संबंध रखने चाहिए। जो अपने पड़ोसी से प्यार नहीं कर सकता, उससे सहानुभूति नहीं रख सकता, उसके साथ सुख-दु;ख का आदान-प्रदान नहीं कर सकता तथा उसके शोक और आनंद के क्षणों में शामिल नहीं हो सकता, वह भला अपने समाज अथवा देश के साथ भावनात्मक रूप से कैसे जुड़ेगा। विश्व-बंधुत्व की बात भी तभी मायने रखती है, जब हम अपने पड़ोसी से निभाना सीखें।
(क) निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द गद्यांश में दिए गए ‘सामंजस्य’ शद्ध के सही अर्थ को दर्शाता है?
(i) सर्वागीण
(ii) समायोजन
(iii) सौहार्द
(iv) स्वीकृति
उत्तर :
(ii) समायोजन गद्यांश में दिए गए ‘सामंजस्य’ शब्द के सही अर्थ को दर्शाने वाला शब्द है-समायोजन।
(ख) ‘विश्व-बंधुत्व की बात भी तभी मायने रखती है, जब हम अपने पड़ोसी से निभाना सीखें।’ पंक्ति के माध्यम से लेखक पड़ोसी से प्रेरणा दे रहे हैं।
(i) अंकांरी संबंध रखने की
(ii) ईव्य्या भाव रखने की
(iii) सौहार्दपूर्ण संबंध रखने की
(iv) द्वेण भाव रखने की
उत्तर :
(iii) सौहार्दपूर्ण संबंध रखने की प्रश्न में दी गई पंक्ति के माध्यम से लेखक पड़ोसी के साथ परस्पर सौहार्दपूर्ण संबंध रखने की प्रेरणा दे रहे हैं, क्योंकि यदि हम अपने पड़ोसी से प्रेम व सहानुभूति नहीं रख सकते, उनके सुख-दु:ख, शोक व आनंद के क्षणों में उनके साथ नहीं रह सकते, तो फिर हम अपने देश और समाज के साथ भी कैसे जुड़ सकते हैं। ऐसे में विश्व-बंधुत्व की बात तो अर्थहीन हो जाती है।
(ग) गद्यांश के आधार पर बताइए कि विश्वस्त सहायक’ से क्या अभिप्राय है?
(i) अविश्वासी व्यक्ति
(ii) विश्वास करने योग्य सहायक व्यक्ति
(iii) सहानुभूति वाला व्यक्ति
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) विश्वास करने योग्य सहायक व्यक्ति ‘विश्वस्त सहायक’ से अभिप्राय विश्वास करने योग्य सहायक व्यक्ति से है। गद्यांश में पड़ोसी के संदर्भ में इस शब्द का प्रयोग हुआ है।
(घ) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. पड़ोसी के साथ अच्छे संबंध हमारे हित में होते हैं।
2. आकस्मिक आपदा के समय पड़ोसी ही सबसे विश्वस्त सहायक हो सकता है।
3. मनुष्य सामाजिक ताने-बाने का महत्त्वपूर्ण आधार है।
उषयुक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(i) केवल 1
(ii) 1 और 2
(iii) 1 और 3
(iv) 2 और 3
उत्तर :
(ii) 1 और 2 गद्यांश के अनुसार, कथन 1 और 2 सही हैं। पड़ोसी के साथ अच्छे संबंध हमारे हित में होते हैं, क्योंकि आकस्मिक आपदा या आवश्यकता के समय पड़ोसी ही सबसे अधिक विश्वस्त सहायक हो सकता है। पड़ोस सामाजिक ताने-बाने का महत्त्वपूर्ण आधार होता है।
(ङ) निम्नलिखित में से किस कथन को गयांश की सीख के आधार पर कहा जा सकता है?
(i) अब पहताए होत क्या, जब चिड्रिया चुग गई खेत
(ii) विपदा के समय हमेशा पड़ोस याद आता है।
(iii) एकला में शक्ति होती है।
(iv) पड्रोसी के साथ अच्छे संबंध रखने चाहिए।
उत्तर :
(iv) पड़ोसी के साथ अच्छे संबंध रखने चाहिए। गद्यांश हमें यह सीख देता है कि पड़ोसी के साथ अच्छे संबंध रखने चाहिए। हमारा पड़ोसी गरीब हो या अमीर, उसके साथ अच्छे संबंध रखना सदैव हमारे हित में होता है।
व्यावहारिक व्याकरण
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘पदबंध’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(क) अव टुकड़ों में बँटकर एक-दूसरे से दूर हो चुका है। रेखांकित पदबंध का भेद है
(i) संज्ञा पदर्बंध
(ii) सर्वनाम पदर्वंध
(iii) विशेषण फदर्बंध
(iv) क्रिया-विशेषण पदबंध
उत्तर :
(iv) क्रिया-विशेषण पदबंध
(ख) ‘चैतन्य होते ही वह उधर बढने को विवश हो उठा।’ रेखांकित पदबंध का भेद है
(i) संज्ञा पदबंध
(ii) सर्वनाम पद्वंघ
(iii) विशेषण पदबंध
(iv) क्रिया पदवधध
उत्तर :
(ii) सर्वनाम पद्वंघ
(ग) ऐसी एक घटना का जिक सिंधी भाषा के महाकवि शेख अयाज ने अपनी आत्मकथा में किया है। रेखांकित पदबंध का भेद है
(i) संझा पद्बंध
(ii) सर्वनाम पदबंध
(iii) विशेषण पदबंध
(iv) क्रिया-विशेषण पद्बंध
उत्तर :
(i) संझा पद्बंध
(घ) क्रिया पद्बंध का उदाहरण हॉटिए
(i) भाई साहुब फेल हो गए, मै पास हो गया
(ii) उसके चरित्र से तुमने कौन-सा उपदेश लिखा
(iii) कोई अजनवी युवक उसे नि:शब्द ताके जा रहा है
(iv) वे फिर से चलने-फिरने के काधिल नहीं हो सके
उत्तर :
(iii) कोई अजनवी युवक उसे नि:शब्द ताके जा रहा है
(ङ) ‘विचारमगन ततौरा समुद्री बालू पर बैठकर सूरज की अंतिम रंग-बिरंगी किरणों को समुद्र पर निहारने लगा।’ इस वाक्य में विशेषण पदर्धध है
(i) अंतिम रंग-बिरंगी
(ii) विचारमग्न तताँरा
(iii) निहारने लगा
(iv) बालू पर बैठकर
उत्तर :
(i) अंतिम रंग-बिरंगी
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1×4=4)
(क) ‘ईमानदार व्यक्ति कभी भी किसी से नहीं डरते।’ इस वालय का मिश्र वाक्य होगा
(i) इंमानदार व्यक्ति को कभी भी किसी से नहीं डरना चाहिए।
(ii) जो व्यक्ति ईमानदार होते हैं, वे कभी भी किसी से नहीं ड़रते।
(iii) ईमानदार व्यक्तियों का स्वभाव होता है कि बे कभी भी किसी से नहीं उरते।
(ii) ईमानदार ब्यक्ति ही किसी से नहीं डरते।
उत्तर :
(ii) जो व्यक्ति ईमानदार होते हैं, वे कभी भी किसी से नहीं ड़रते।
(ख) ‘बड़े भाई साहब ने भी उसी उद्र में पढ़ना शुरू किया था, उब्ब मैने शुरू किया था।’ रचना के आधार पर वाक्य भेद है
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) मिश्रित वाक्य
(iv) विधानवाचक वाक्य
उत्तर :
(i) सरल वाक्य
(ग) ‘हमेशा यही सवाल इसी ध्वनि में पूषा जाता था और इसका जवाब मेरे पास केवल मौन था।’ रचना के आधार पर वाक्य भेद है (1)
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) मिश्रित वाक्य
(iv) सामान्व वाक्य
उत्तर :
(ii) संयुक्त वाक्य
(घ) ‘एकाएक एक ऊँची लहर उठी और उसे भिगो गई।’ इस वाक्य का सरल वावय होगा
(i) जैसे ही एकाएक ऊँची लहर उठी, उसे भिगो गई।
(ii) ऊँची लहर ने ठठकर उसे भिगो दिया।
(iii) एकाएक एक ऊँची लहर उठकर उसे भिगो गई।
(iv) एकाएक एक ऊँची लहर उठी तथा उसे भिगो गई।
उत्तर :
(iii) एकाएक एक ऊँची लहर उठकर उसे भिगो गई।
(ङ) निम्नलिखित वाक्यों में से मिश्र वाक्य है
(i) आखिर आदमी को कुछ तो अपनी पोजीशन का छ्याल रखना चाहिए।
(ii) मेरे और भाई साहब के बीच अब केवल एक दरजे का अंतर और रह गया।
(iii) मेरे रहते तुम बेराह न चलने पाओगे।
(iv) जब से माता जी ने प्रबंध अपने हाथ में ले लिया है, तब से घर में लक्षमी आ गई है।
उत्तर :
(iv) जब से माता जी ने प्रबंध अपने हाथ में ले लिया है, तब से घर में लक्षमी आ गई है।
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘समास’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1×4=4)
(क) ‘अकालपीडित’ शब्द के सही समास-विग्रह और समास का चयन कीजिए
(i) अकाल से पीड़ित-तत्युरुष समास
(ii) पीड़ित है जो अकाल-कर्मधारय समास
(iii) अकाल और घीड़ित-द्वाद् समास
(iv) पीड़ित किया है जिसे अकाल ने-बहुत्नीहि समास
उत्तर :
(i) अकाल से पीड़ित-तत्युरुष समास
(ख) ‘कालीमिर्च’ शब्द में कौन-सा समास है?
(i) कर्मधारय समास
(ii) तत्पुरुष समास
(iii) दिगु समास
(iv) अव्ययौभाव समास
उत्तर :
(i) कर्मधारय समास
(ग) निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए
समस्तपद — समास
1. सप्तदीप — द्वंद्व समास
2. गंगातट — तत्पुरुष समास
3. प्रतिक्षण — अख्ययीभाव समास
4. पापाणहदय — द्विगु समास
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-से सही सुमेलित हैं?
(i) 1 और 2
(ii) 2 और 3
(iii) 2 और 4
(iv) 3 और 4
उत्तर :
(ii) 2 और 3
(घ) ‘विद्याप्रवीण’ समस्तपद का विग्रह होगा
(i) विद्या से प्रवीण
(ii) विद्या में प्रवीण
(iii) विद्या के लिए प्रवीण
(iv) प्रवौण है जो विद्या
उत्तर :
(iii) विद्या के लिए प्रवीण
(ङ) ‘कुसुमायुध’ शब्द के सही समास-विग्रह और समास का चयन कीजिए
(i) कुसुम और आयुध-दंद समास
(ii) कुसुम है आयुथ ज्ञिसका अर्थात् कामदेव-बहुईवीहि समास
(iii) कुसुम के समान आयुघ-कर्मधारय समास
(iv) कुसुम के लिए आयुध-तत्पुरुष समास
उत्तर :
(ii) कुसुम है आयुथ ज्ञिसका अर्थात् कामदेव-बहुईवीहि समास
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘मुहावरे’ पर आधारित छः बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1×4=4)
(क) इंजीनियरिग की पढ़ाई करना ‘ है। उपयुक्त मुहावरे से रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
(i) नाको चने चखाना
(ii) नानी याद आना
(iii) धणिजयाँ उड़ाना
(iv) दिल भर आना
उत्तर :
(ii) नानी याद आना
(ख) मुहावरे और अर्थ के उचित मेल वाले विकल्प का चयन कीजिए
(i) हक्का बक्का रह जाना-आश्चर्यंचकित रह जाना
(ii) आँख का उजाला-स्वागत सम्मान करना
(iii) आकाश-पाताल एक करना-बहुत पश्चाताप करना
(iv) गाँठ बाँधना-बहुत अनुभव प्राप्त करना
उत्तर :
(i) हक्का बक्का रह जाना-आश्चर्यंचकित रह जाना
(ग) ‘चालाक होना’ अर्थ के लिए सही मुहावरा है
(i) धुड़ी-थुड़ी होना
(ii) पेट में दाह़ी होना
(iii) दमड़ी के तीन होना
(iv) दूध का धुला होना
उत्तर :
(ii) पेट में दाह़ी होना
(घ) चीन अव भारत की सीमाओं पर ………… है। उपयुक्त मुहावरे से रिकत स्थान की पूर्ति कीजिए
(i) औंख लगाए हुए,
(ii) कान लगाए हुए
(iii) मुँह लगाए हुए
(iv) नाक लगाए हुए
उत्तर :
(i) औंख लगाए हुए,
(छ) ‘बहुत खुश होना’ अर्थ के लिए उपयुक्त मुहावरा है
(i) छाती भर आना
(ii) जामे से बाहर होना
(iii) डेका बजाना
(iv) फूला न समाना
उत्तर :
(iv) फूला न समाना
(च) रेखांकित अंश के लिए कौन-सा मुहावरा प्रयुक्त करना उचित रहेगा? आज के युग में जिद्दी लोग पीछे रह जाते हैं।
(i) कुते की दुम
(ii) टेदी खीर
(iii) अडियल टद्द
(iv) अरण्य रोद्न
उत्तर :
(iii) अडियल टद्द
पाठ्य-पुस्तक
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्य का चयन कीजिए। (1×5=5)
राह कुर्बानियों की न वीरान हो तुम सजाते ही रहना नए काफिले
फतह का जश्न इस जश्न के बाद है
जिंद्गी मौत से मिल रही है गले
बाँध लो अपने सर से कफन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
(क) ‘नए काफिले’ से क्या तात्पर्य है?
(i) तीर्थयात्रियों की टोली
(ii) युद्ध के लिए तैयार सैनिकों की टोली
(iii) नए बलिदानी देशभक्तों की टोली
(iv) युद्ध का प्रशिक्षण पाए गए नए सैनिकों की टोली
उत्तर :
(क) (iii) नए बलिदानी देशभक्तों की टोली ‘नए काफिले’ से तात्पर्य नए बलिदानी देशभक्तों की टोली से है। शहादत के निकट खड़े वीर सैनिक अपने जाँबाज़ सैनिक साथियों व समस्त देशवासियों से यह अपेक्षा करते हैं कि वे देश के लिए कुर्बानियों की राह को नित नए काफिलों से सजाते रहें और उनके बलिदान को व्यर्थ न जाने दें।
(ख) सैनिक किसे सजाने की बात कर रहा है?
(i) भारत माता के मस्तक को
(ii) इश्न मनाने वालों को
(iii) देश की कुल्बानियों को
(iv) बलिदानी सैनिकों के जत्थों को
उत्तर :
(iv) बलिदानी सैनिकों के जत्थों को पद्यांश में सैनिक बलिदानी सैनिकों के जत्थों को सजाने की बात कर रहा है। वह कहता है कि देश के लिए मर-मिटने वाले सैनिकों के नए-नए जत्थे तैयार होते रहने चाहिए।
(ग) ‘राह कुव्दानियों की न बीरान हो’ पंक्ति का क्या आशय है?
(i) सैनिक देश के बारे में सोचते रहें
(ii) बलिदानी सैनिकों की परंपरा बनी रहे
(iii) सैनिक सोच-समझकर आगे बड़े
(iv) बलिदानी सैनिक आगे बढ़े की सोच में रहें
उत्तर :
(ii) बलिदानी सैनिकों की परंपरा बनी रहे ‘राह कुर्बानियों की न दीरान हों पंक्ति का आशय यह है कि बलिदानी सैनिकों की परंपरा बनी रहे। पद्यांश में सैनिक अन्य सैनिक साथियों से कहता है कि मेरे सैनिक साथियों, हमने देश के लिए जो बलिदान दिए है, उनकी राह कभी सूनी नहीं होनी चाहिए, इस परंपरा को तुम बनाए रखना।
(घ) ‘सिर पर ककन बॉधने का किस ओर संकेत है?
(i) जीवित रहने की ओर
(ii) सिर बचाने की ओर
(iii) देश पर बलिदान होने की ओर
(iv) सिर पर मुकुट बाँधने की ओर
उत्तर :
(iii) देश पर बलियान होने की ओर ‘सिर पर क्यन्न बाँचने’ का संकेत देश पर बलिदान होने की ओर है। सैनिक कहता है कि है मेरे साथियों। देश के लिए मर-भिटने का अवसर आया है, तुम अपने बलिदान के लिए तैयार हो जाओ।
(ङ) निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए
1. बाह् आडंबरों का विरोध करना चाहिए।
2. देश की रक्षा के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए।
3. बलिदानी देशभक्तों की कमी नहीं होनी चाहिए।
4. प्राकृतिक सौदर्य के लिए ईश्चर को धन्यवाद देना चाहिए।
5. पद्यांश की पृष्ठभूमि भारत-चीन युद्ध की ऐतिहासिक घटना है।
पद्यांश से मेल खाते वाक्यों के लिए उचित विकल्प चुनिए
(i) 1,2 और 3
(i) 1,3 और 5
(iii) 2,3 और 5
(iv) 2,4 और 5
उत्तर :
(iii) 2,3 और 5 पद्यांश की पृष्ठभूमि भारत-चीन युद्ध की ऐतिहासिक घटना है। इसमें शहादत के निकट खद्ध सैनिक अपने सैनिक साथियों और देशवासियों का आड्ञान करते हुए कहते है कि देश की सेया के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए और देश के लिए मर-मिटने को तैयार बलिदानी देशभकतों की कमी नहीं होनी चाहिए।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए। (1×2=2)
(क) कृषण की सेविका बनकर मीरा क्या करना चालती है?
(i) बाग सजाना, दर्शन करना, गीत गाना
(ii) प्रशंसा के गीत गाना और गोकुल में रहना
(iii) रोज उठफर उनके दर्शन करना और रोना
(iv) उनकी याद में रोना, दर्शन करना, गीत गाना
उत्तर :
(i) बाग सजाना, वर्शन करना, गीत गाना मीरा भीकृष्ण की सेखिका बनकर उनके लिए बाग-बगीये सजाना चाहती है। मीरा याहती है कि जब प्रथु प्रतिदिन सुबह वहाँ घूमा करें, तो वह उनके दर्शन कर्रें और गीत गाएँ।
(ख) कबीर जी के अनुसार, ईश्वर की साधना में सबसे बड़ा बाधक कौन है?
(i) लगे-संबंधी व परिवार वाले
(ii) मनुष्य के खुरे कर्म
(iii) विषय-विकार तथा सांसारिक मोह-माया रूपी घर
(iv) अज्ञानता के कायं
उत्तर :
(iii) विषय-विकार तथा सांसारिक मोह-माया रूपी घर कबीर जी के अनुसार, ईश्वर की साधना में सबसे बड़ा बाथक विषय-विकार तथा सांसारिक मोह-माया रूपी घर है। कबीर जी कहते है कि मनुष्य को उसकी विषय-वासनाओं के मति आसक्ति और संसार के प्रति मोह-माया ईश्वर की साधना से रोकते हैं।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए। (1×5=5)
तताँरा एक नेक और मददगार व्यक्ति था। सदैव दूसरों की सहायता के लिए तत्पर रहता। अपने गाँववालों को ही नहीं, अपितु समूचे द्वीपवासियों की सेवा करना अपना परम कर्त्तव्य समझता था। उसके इस त्याग की वजह से वह चर्चित था। सभी उसका आदर करते। लोग वक्त मुसीबत में उसे स्मरण करते और वह भागा-भागा वहाँ पहुँच जाता।
दूसरे गाँवों में भी पर्व-त्योहारों के समय उसे विशेष रूप से आमंत्रित किया जाता। उसका व्यक्तित्व तो आकर्षक था ही, साथ ही आत्मीय स्वभाव की वजह से लोग उसके करीब रहना चाहते। पारंपरिक पोशाक के साथ वह अपनी कमर में सदैब एक लकड़ी की तलवार बाँधे रहता। लोगों का मत्ता, बावजूद लकड़ी की होने पर, उस तलवार में अदुभुत दैवीय शक्ति थी। तताँरा अपनी तलवार को कभी अलग न होने देता। उसका दूसरों के सामने उपयोग भी न करता। कितु उसके चर्चित साहसिक कारनामों के कारण लोग-बाग तलवार में अद्भुत शक्ति का होना मानते थे। तताँरा की तलवार एक विलक्षण रहस्य थी।
(क) ‘अपने गाँववालों को ही नहीं, अपितु समूचे द्वीपवासियों की सेवा करना वह परम कर्त्तव्य समझता था। लोग कक्त मुसीबत में उसे स्मरण करते और वह भागा-भागा वहौँ पहूँच जाता।
कथन के माध्यम से ज्ञात होता है कि तताँरा था
(i) आत्मीय स्वभाव वाला, परोपकारी, कर्त्तव्यनिष्ठ
(ii) साहसी, परोपकारी, दृद्रनिश्चयी
(iii) विलक्षण प्रतिभा का धनी, समाज सुधारक, साहसी
(iv) कर्त्तव्यनिष्ठ, संकीणनहदय, आत्मीय स्वभाव
उत्तर :
(i) आत्मीय स्वभाव वाला, परोपकारी, कर्त्तव्यनिष्ठ गद्याश के अनुसार, लोग वक्त मुसीबत में ततौरा का स्मरण करते और बह भागा-भागा वहौं पहुँच जाता था। इससे पता चलता है कि ततोंरा आत्मीय स्वमाव वाला, परोपकारी और कर्त्यवनिष्ठ था। वह हमेशा दूसरों की सहायता करता था और दूसरों की सेवा करना अपना कर्त्तव्य समझता था।
(ख) तताँरा अपना परम कर्त्तव्य क्या समझ्कता था?
(i) दूसरों की सहायता करना
(ii) अपने गाँववालों की सेवा करना
(iii) समूचे द्वीपवासियों की सेवा करना
(ii) अपनी तलवार की रक्षा करना
उत्तर :
(iii) समूचे द्वीपवासियों की सेबा करना तताँरा एक नेक और मददगार युवक था, जो अपने गाँव की ही नहीं, बल्कि समूघे द्वीपवासियों की सेथा करना अपना परम कर्त्तव्य समझत्ता था।
(ग) दूसरे गाँवों में भी पर्व-त्योहारों के समय उसे विशेष रूप से आमंत्रित क्यिया जाता। यह दर्शाता है, तताँरा के प्रति गाँववालों का
(i) मैत्रीभाव
(ii) कर्तब्यबोध
(iii) आदर भाव
(iv) अवलोकन
उत्तर :
(iii) आदर भाव गद्याश में कताया गया है कि दूसरे गाँद में मी तताँरा को पर्य-त्योहारों के समय विशेष सूप से आमंत्रित किया जाता था। यह दूसरे गाँववालों का तताँरा के प्रति आदर भाव दर्शाता है। तताँरा केवल अपने गाँववालों की ही गहीं, अभितु समूचे द्वीपसमूह के लोगों की जरूरत पड़ने पर सहायता करता था और इसीलिए दूसरे गाँवों में भी ततार्रा का बहुत आदूर संकार होता था।
(घ) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) दूसरे गाँव के लोग तताँरा का सम्मान करते थे।
कारण (R) समूचे द्वीपसमूह में उसकी तलवार का आतंक था।
(i) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ii) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही है, लेकिन कारण (R) कथन (A) की गलत ब्याख्या करता है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही है लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर :
(iii) कथन (A)और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की गलत ब्याख्या करता है गद्यांश के अनुसार, दूसरे गॉँव के लोग ततौरा का सम्मान करते थे, क्योंकि मुसीबत के समय दह चनकी सहतयता करता था। समूचे द्वीपवासियों की सेदा करना वह अपना परम कर्तव्य समझता था। अपने इस त्याग की वजह से वह चर्चित था और सभी उसका आदर करते थे। समूये द्वीफसमूह में उसकी तलवार का कोई आतंक नहीं था, किंतु उसके चर्चित साहसिक कारनामों के कारण लोग उसकी तलवार में अदुभुत शक्ति का होना मानते थे।
(ङ) तताँरा के चर्चित व साहसिक कार्य का श्रेय गाँववाले किसे देते थे?
(i) तताँरा की तीव्र युद्धि को
(ii) तताँरा की माता को
(iii) तताँरा की तलवार को
(iv) तताँरा के स्वभाव को
उत्तर :
(iii) तताँरा की तलवार को लोगों का मानना था कि तताँरा की तलवार में अद्मुत दैवीय शक्ति है, जिससे वह सभी साहसिक कार्य करता है, इसीलिए गाँवदाले उसकी तलवार को उसके चर्चित साहसिक कार्यों का श्रेय देते थे।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का वयन कीजिए।
(क) निम्नलिखित में से कौन-से वाक्य ‘अब कहाँ दूसरों के दुःख से दुःखी होने वाले’ पाठ से प्राप्त प्रेरणा को दर्शाति हैं? (1×2=2)
1. यदि मकान की नींव कमजोर हो तो उस पर मंजिलें खड़ी नहीं हो सकतीं।
2. जो जितना बड़ा होता है, उसे उतना ही कम गुस्सा आता है।
3. प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने के लिए हमें वृक्षों को कटने से रोकना चाहिए।
4. हमें प्रत्येक जीव के प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए।
कूट
(i) 1 और 3
(ii) 1 और 4
(iii) 1,2 और 3
(iv) 2,3 और 4
उत्तर :
(iv) 2,3 और 4 ‘अब कहों दूसरों के दु:ख से दुखखी होने वाले’ पाठ से हमें प्रेरणा मिलती है कि जो जितना बड़ा होता है, उसे उतना ही कम गुस्सा आता है अर्थात् जो जितना बड़ा होता है, उसका हुदय भी उतना ही विशाल होता है। हमे माकृतिक संतुलन को बनाए रखने के लिए कृष्कों को कटने से रोकना चाहिए तथा हमें प्रत्येक जीव के प्रति सहानुमूति रखनी चाहिए।
(ख) चाय पीने की विधि में लेखक को मुख्य वात वया लगी?
(i) कम लोगों का प्रवेश
(ii) स्ताफ-सफाई का विशेष ध्यान
(iii) शाति की व्यखस्था
(iv) चाय परोसने का छंग
उत्तर :
(iii) शांति की व्यवस्था लेखक को याय पीने की विधि में मुख्य बात हाति की व्यवस्था लगी। शाति बनाए रखने के लिए वहाँ तीन से अधिक आदमियों को प्रवेश नहीं दिया जाता था।
खंड ‘ब’ (वर्णनात्मक प्रश्न)
खंड ‘ब’ में पाठ्य-पुस्तक एवं पूरक-पुस्तक तथा लेखन से संबंधित वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
पाठ्य-पुस्तक एवं पूरक पुस्तक
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3×2=6)
(क) ‘आपने मुझे कारतूस दिए. इसलिए आपकी जान बख़ी करता हूँ। (ये कहकर बाहर चला जाता है, टापो का शोर सुनाई देता है। कर्नल एक सन्नाटे में है। हकका-बकका खड़ा है,..) आपके द्वारा इस पाठ्यक्तम में पढ़े गए किस पाठ में वज्जीर अली ने अपने वीर व्यक्तित्व का प्रमाण दिया और कैसे? अपने वियार व्यक्त कीजिए।
उत्तर :
‘कारतूस’ पाठ में वजीर अली ने अपने वीर व्यक्तित्व का प्रमाण दिया। बह साहसी और दृद प्रतिज्ञ व्यक्ति था। उसे अपना लहय प्राष्त करने के लिए जान की बाजी लगानी आाती थी। जगलों में धूल उड़ाता हुआ घोड़े पर सवार बिना किसी सिपाही के अकेले ही उसने अंक्रेजी सेना के देरे में मचेश कर अपने बीर व्यक्तित्य का प्रमाण दिया। उसने कर्नल से आमने-सामने बातचीत की और उसे मूर्ख बनाकर चससे कुछ कारतूस भी ले लिए, पिर उतने यह भी बताया कि वह वजीर अली है, यह कहकर वह अंग्रेजी सेना के डेरे से साफ़ निकल आया। कर्नल उसे देखता रह गया और उसके साहस को देखकर हक्का-बक्का रह गया। इस प्रकार, वजीर अली ने अपने दीर व्यक्तित्य का प्रमाण दिया।
(ख) ‘बहुत से लोग घायल हुए, बहुतों को लॉकअप में डाला गया, स्त्रियौं जेल गईं, किर भी आज तो जो कुछ हुआ वह अपूर्व हुआ।’ आपके विचार से यह अपूर्व क्यों है? ‘डायरी का एक पन्ना पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर :
26 जनवरी, 1931 को जो कुछ हुआ वह अपूर्व था, क्योंकि बंगाल के नाम या कलकता के नाम पर कलेक था कि देश की स्वतंत्रता के लिए यहौँ से कोई विशेष सहयोग नहीं मिल या रहा है। वह आज बहुत अंश धुल गया और लोग सोचने लग गए कि यहाँ भी बहुत-सा काम हो सकता है। कलकतावासी अपने इस कलंक को मिटाने के लिए इस दिन को धूमधाम से मना रहे थे। स्वर्तंत्रता समारोह में स्त्री-पुरुष, लड़के-लड़कियौ सभी उत्साहपूर्वक भाग ले रहे थे।
कलकतावासियों को रोकने के लिए पुलिस लाठियाँ चला रही थी। लाठियाँ पड़ने पर भी लोग अपनी जगह से नहीं हट रहे थे। 160 आदमी घायल हुए, 105 स्त्रिवों को लॉकअण में उाल दिया गया। इतनी बड़ी संख्या में लोगों का स्यतंत्रता समारोह में भाग लेना और पुलिस का उटकर सामना करना, यह देखकर ही इस दिन जो कुछ हुआ उसे अपूर्व कहा गया है।
(ग) इस वर्ष आपने पाठ्यकूम में एक पाठ पद्ष है, जो हमें संवेदनशील और उदार बनने का संदेश देता है। कथन का मूल्यांकन करते हुए अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
‘अब क्रहीं दूसरों के दुखख से दु:बी होने वाले’ पाठ के माध्यम से लेखक ने सुलेमान, शेख अयाज़ के पिता, नूह एवं अपनी माँ के घार्मिक, भावुक, संवेदनशील व तदार स्वमाव का उल्लेख करते हुए यह बताने का प्रयास किया है कि पहले लोगो में ने केवल मानव जाति, बल्कि पशु-पक्षी, पेड़-पौदों आदि सबके प्रति उदारता का भाव था, जदकि आज लोहे-पत्धरों की बस्ती में रहते हुए मानव स्वयं पत्थर बन गया है और चसकी संवेदनशीलता बत्म होती जा रही है, जो मानवता के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं है। अतः यह् पात संबेदनशील और उदार बनने की सीख देता है तथा पर्यावरण के प्रति जागरुक इनने का भी आद्भान करता है।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3×2=6)
(क) सुमित्रानंदन पंत के काव्य की विशेष्ताओं पर प्रकाश दालिए। ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर :
पँत के काख्य की सर्वाधिक महत्चपूर्ण विशेषता शब्दों का सुंदर चयन है, जिससे भावों, मुद्राओं एवं वस्तुओं वा सजीव चित्र उपस्थित हो जाता है। उनकी कोमल मधुर भाषा में तत्सम एवं देशज शब्दो का भरपूर प्रयोग हुआ है। कविता को जीवंत एवं प्रासंगिक बनाने के लिए चन्होंने अपनी कविता में अंग्रेज़ी शब्दों के अतिरिक्त उर्दू एवं फ़ारसी शब्दों का मी प्रयोग किच्या है। हिंदी के सूकुमार कवि पंत ने अपने काय्य में रूपक, उपमा, पुनरक्तिभकाश, अनुमास, मानवीकरण आदि अरंकारों का र्वतंत्र रूप से प्रयोग किया है। इसके कारण सहज एवं सरत भाषा मी अत्यधिक प्रभावी दन गई है। उनके काब्य को पढ़ने से प्रकृति के साक्षात्कार की अनुभूति होती है। प्रसंगवरा माषा ओजपूर्ण होने पर उसकी कोमलता अक्षुण्ण बनी रहती है। वस्तुतः पंत के काल्य का भावपक्ष एवं शिल्पफक्ष दोनों ही अत्यविक समृद्ध है।
(ख) आपके पाठ्यक्रम में किस कविता में मनुष्य को परोपकारी जीवन जीने की प्रेरणा दी गई है? अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर :
‘मनुष्यता’ कविता में मनुष्य को परोपकारी जीवन जीने की प्रेरणा दी गई है। मैथिलीशरण गुप्त जी कहते हैं कि मनुष्य को परोपकारी जीवन व्यतीत करना चाहिए। उसे अपने या अपनों के हितनचितन से अधिक दूसरों के हित-चितन में संलग्न होना चाहिए। केवल अपने बारे में सोचना पशु-भवृति है अर्थात् जो मनुष्य केवल अपने बारे में सोचता है, वह पशु के समान जीवन जीता है। पशु जब चरागाह में होता है, तो केवल अपने चरने की घिता करता है। मनुष्यों को एक-दूसरे के बारे में सोचना चाहिए, यही मनुष्यता है। उदारता, सहानुमूति तथा बंदुत्व मानवता अर्थात् मनुष्यता के प्रमुख गुण हैं। परोपकारी तथा उदार मनुष्य को दुनिया सदेव याद् रखती है। वे व्यक्ति मरकर भी अमर हो जाते है, जो अपना संपूर्ण जीवन मानद हितार्थ समर्षित कर देते है।
(ग) आपके पाठ्ट्यक्म की कविता ‘आत्मत्राण’ में कवि की क्या कामनाएँ हैं? अपने शब्दों में संक्षेप में लिखिए।
उत्तर :
‘आत्मत्राण’ कविता में कवि ईश्वर से यह कामना करता है कि वह उसकी दैनिक जीवन की विपदाओ को दूर करने में मले ही मदद न करें, पर वह इतना अवश्व चाहत्ता है कि वह इन विभदाओं से घबराए नहीं और इन पर विज़य म्राप्त कर सके। वह अपने बल-पौरुष पर भरोसा करता है, वह प्रभु से अठ्ठे स्वास्थ्य की कामना करता है। प्रभु उसे इतना निर्भय बना दें कि वह जीवन में उत्तरदायित्वों के भार को आसानी के साथ वहन कर सके कवि कामना कर्रता है कि प्रभु के प्रति उसकी आस्था अडिग बनी रहे और किसी भी परिस्थिति में वह उन पर संदेह न करे।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3×2=6)
(क) “दरअसल, बहुत सारी बारें ऐसी होती हैं, जिनकी जानकारी बिना बताए ही लोगों को मिल जाती है।” क्या आप इस कथन से सहमत है? यदि हाँ तो क्यों? ‘हरिहर काका’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर :
“दरअसल, बहुत सारी बातें ऐसी होती हैं, जिनकी जानकारी बिना बताए ही लोगों को मिल जाती है।’ यह बात शत-भतिशत सही है, क्योंकि इसके संबच में दो कहापतें प्रयलित है। एक तो यह कि ‘दीवारों के भी कान होते हैं और दूसरी कहावत यह है कि ‘नेकी नौ कोस, बदी सी कोस’ अर्थात् हरिहर काका के पास पंद्रह बीधा जमीन होना, जिस पर दोनों ही पक्ष अर्थात् उनके भाई और महंत अपनी-अपनी गिद्ध दृष्टि जमाए हुए थे तथा अपने-अपने ढंग से हरिहर काका को लुभाकर उनकी जमीन अपने-अपने नाम कराना चाहते थे। इसलिए ठाकुरबारी के महंत की खातिर-तदाजों व भाइयों की खातिर-तवाजों की भनक गॉवदालों को मिल गई थी।
(ख) ‘वालमन ‘स्वार्थ’ से चलायमान न होकर ‘अपनेपन’ से चलायमान होता है। यही अपनापन मानव-मानव के मध्य सद्भाव का जनक माना जाता है। टोपी शुक्ला के इफफन की दादी एवं घर की नौकरानी सीता के साथ संबंधों के परिप्रेक्य में उपर्युक्त कथन की विवेचना कीजिए।
उत्तर :
‘बालमन ‘स्वार्थ’ से चलायमान न होकर ‘अपनेपन’ से चलायमान होता है। यही अपनापन मानव-मानव के मध्य सद्माव का जनक माना जाता है।” वालमन को जहाँ मी अपनत्व मिलता है, वह उसी की ओर खिंचा चला जाता है। यदि टोपी को यही अपनापन अपनी दादी से मिलता, तो वह उनसे भी उतना ही प्रेम करता, जितना वह इफ्फ़न की दादी से करता था।
इपकल की दादी के पास बैठते ही उसे ममता व दुलार की अनुभूति होने लगती थी। यहौँ दादी से उसे मरपूर दुलार मिल्ता था और उनका एक-एक शब्द उसे शक्कर का खिलौना, अमावट व तिल का लड्डू प्रतीत होता था। ऐसा ही ममत्य उसे घर की बूटी नौकरानी सीता से भी निलता था। जब भी उसे घर के उपेक्षापूर्ण वातावरण से ठेस लगती थी, तब सीता के औँचल में जाकर उसे अपनत्व का संबल मिल जाता था। यही कारण है कि वह इफ्फन की दादी और बूढ़ी नौकरानी सीता का छृद्य से सम्मान करता था।
(ग) ‘सपनों के से दिन’ पाठ में वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में स्वीकृत मान्यताओं और पाठ में वर्णित युक्तियों के संबंध में अपने विचार जीवन मूल्यों की दृष्टि से व्यक्त कीजिए।
उत्तर :
‘सपनों के से दिन’ पाठ में अनुशासन को बनाए रखने हेतु विद्यार्थियों को यदि दंड दिया गया है, तो अच्छे कार्यों के लिए उत्साहृवर्द्धन हेतु शाबाश्रियाँ मी दी गई हैं। हलाँकि वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में शिक्षकों को मारपीट जैसे दंड अर्थात् शारीरिक दंड देने का अधिकार नहीं दिया गया है। आजकल शिक्षकों को वह निर्देश है कि वे वियार्थियों के मनोविज्ञान को समझें, उनकी शरारतों के कारणों का अन्देषण करें तत्पश्चात् उन्हें गलतिर्यों का एहसास कराएँ। साथ ही उनके दुर्गुणों के कारणों को भी अभिमावकों के साथ मिलकर दूर करने की कोशिश करें। उनके साथ मित्रता व ममता का व्यवह्तार करें। मेरे बिचार से पाठ में वर्णित युक्तियों की अपेक्षा वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में स्वीकृत मान्यताएं बेहतर है।
लेखन
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए। (5×1=5)
(क) शिक्षक और छात्र का संबंध
संकेत बिंदु –
- शिक्षकों का समाज के लिए महत्व
- शिक्षकों के प्रति छात्रों की भावना
- शिक्षकों एवं छात्र के बीच मधुर संबंच की महता
- उपसंह्रार
उत्तर :
शिक्षक और छात्र का संबंच
किसी भी समाज में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षक समाज को एक उचित दिशा प्रदान करता है। शिक्षक केदल सदस्य मात्र न होकर समाज के लिए एक ऐसा महत्त्वपूर्ण वर्ग है, जो भविध्य का स्वरूप निर्धारित करता है। शिक्षक समाज के सदस्यों को सामाजिक रीतियों एवं मानवीय मूल्यों से परिचित करवाता है। वह समाज की नींव तैयार करता है। ऐसे में समाज के सभी सदस्यों का यह कर्ताख्य है कि वे शिक्षकों के प्रति आदर भाव रखें। शिक्षक का छात्रों के साथ प्रत्यक्ष संबब होता है।
कुछ छात्र तो अपने गुरु के प्रति आदर भाव रखते हैं, परंतु कुछ घात्र अपनी अबोधता के कारण शिक्षकों का अपमान करते है। छात्र और शिक्षकों के दीच मयुर संबंधों का होना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि असंतुष्ट शिक्षक कभी नी अपनी सर्वोतम क्षमता का पदर्शन नहीं कर सकता शिक्षक ही घात्रों का उचित मार्गदर्शन करके उनके मविष्य को उज्जवल बनाने में सहायता करते हैं। अतः छार्रों को सदैव शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि शिक्षक ही छात्रों के सुनहरे भविष्य का आधार है।
(ख) समाज निर्माण में नारी का योगदान
संकेत बिंदु –
- वर्तमान युग में नारी की स्थिति
- भारतीय नारी : शक्ति का पर्याय
- नारी की भूमिका
- उपसंहार
उत्तर :
समाज निर्माण में नारी का योगदान
दर्तमान युग में महिला-पुरुष समानता से संबंधित अनेक चर्चाऐं होती रहती है। वर्तमान युग में नारी की स्थिति पहले की तुलना में बहुत बेहतर हुई है। दे अपने अधिकारों एवं स्वतंत्रता के प्रति अत्यधिक जागरूक हो गई है। प्रत्येक क्षेत्र में महिलाएँ पुरुषों के समान भूमिकाएँ निभा रही है। आज की नारी ने अपनी बुन्दि व कॉशल से अनेक भूमिकाओं का एक्साथ निर्वाह कर अपनी क्षमता, आय व प्रतिभा को स्थापित किया है। समाज के निर्माण में नारी की वही भूमिका है, जो पुरुष की है।
समाज का कोई नी क्षेत्र ऐसा नहीं है, जहाँ नारी ने अपनी उपरिथति दर्ज नहीं कराई। अब व्यवसथापिका आदि के रूप में उसने अपनी उपलध्धियों का सशक्त ममाण दिया है। उसने अपने अदम्य बल, शक्ति व साधना से इस पुरुम मधान समाज में अपना महत्त्वपूर्ण स्थान बनाया है। नारी नवचेतना व नवजागृति की प्रतीक बन गई है। अतः आज जकरत है कि नारी जाति में व्याप्त अशिक्षा और आत्मविश्वास के अभाव को दूर किया जाए, जिससे वे अपनी क्षमताओं का उपयोग समाज निर्माण में कर सर्के।
(ग) मीठी वाणी बोलिए
संकेत बिंदु –
- वाणी की मयुरता का अर्थ
- मधुर वाणी की आवश्यकता
- साहित्यकार के कथन
- उपसंहार
उत्तर :
मीठी वाणी बोलिए
मधुर वाणी मनुष्य को ईश्वर द्वारा प्रदत्त सबसे बड़ा वरदान है। मधुर वबनों का प्रभाय ऐसा है कि हमसे घृणा करने वाला भी हमारे मृदु वच्नों से प्रभाबित होकर स्नेह प्रदर्शित करने लगता है। वाणी की मितास की महिमा का वर्णन हमारे कवियों एवं साहित्यकारों ने अनेक रुपों में किन्या है। क्वीर का क्यन है कि हमें ऐसी वाणी बोलनी चाहिए, जिससे मन मसन्न हो जाए, जो दूसरों को भी मसन्न करे तथा जिसके बोलने से मनुष्य के मन में स्ययं भी शीतलता आए। वाणी के संदर्भ में कोयत अपने स्वर की मिठास के कारण सभी को प्रिय तथा कौआ अपने स्वर की कर्कशता के कारण सभी को अभिय लगता है।
यही नहीं, मीटे बोलों की महत्ता इतिहास में प्रसिद्ध है। मधुर वाणी अभ्यास एवं साधना की देन होती है। मधुर वाणी की आवश्यकता सभी को पड़ती है, क्योंकि क्रोध सभी को आता है, लेकिन जो क्रोध को छोड़ संयम के साथ मधुर वधनों का सहारा लेता है, उसके असंभव लगते कार्य भी सरलता से सिद्ध हो जाते हैं। मनुष्य को मीठी वाणी का प्रयोग करना चाहिए, क्योंकि यह बिगड़ी बात को भी बनाने वाली है। अतः हम कह सकले है कि समाज में प्रतिष्ठा, गौरारव ख्याति प्राप्त करने तथा जीवन में उन्नत बनने के लिए मीठी वाणी बोलना आवश्यक है।
प्रश्न 15.
लाउडस्पीकरों का अनुचित प्रयोग रोकने के लिए पुलिस आयुक्त को एक पत्र लिखिए। (शब्द-सीमा लगभग 100 शब्द)
अथवा (5×1=5
आपने नया कंप्यूटर खरीदा है, कितु खरीदने के एक महीने बाद ही उसमें खराबी आ गई। आपकी शिकायत पर दुकानदार ने कोई ध्यान नहीं दिया। कंपनी के मुख्य मैनेजर को लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखकर घटना की जानकारी देते हुए अनुरोध कीजिए कि वे आपके साथ न्याय करें।
उत्तर :
परीक्षा भवन,
दिल्जी।
दिनांक 15 मार्च, 20xx
सेवा में,
सुलिस आयुक्त,
मात रोड, दिल्ली।
विषय लाउद्धस्वीकरों का अनुचित प्रयोग रेकने हेतु।
महोदय,
निदेदन यह है कि हमारे मोहल्ले में कुछ असामाजिक तच्च रोज रात को तेज आवाज में लान्डस्पीकरों पर गाने बजाते हैं। हमारी परीक्षाएँ समीच आ गई हैं और विद्यार्थियों के लिए अय्ययन हेतु यह अत्यत महत्चपूर्ण समय है, परंतु लाउडस्पीकरों की छतनी तोज आवाज़ मन को एकाग्र नहीं होने देती। सारी रात गाना-बजाना चलता रहता है, जिससे रोगियों व वृद्धों को मी अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ता है।
आपसे प्रार्थना है कि अत्पंत आवश्यक प्रयोजन हेतु तथा निश्चित समय के लिए ही लाउसस्पीकर के प्रयोग की अनुमति दी जाए तथा रात दस बजे के बाद इनके प्रयोग के लिए दंड की व्यवस्था सुनिशिचत की जाए, ताकि लोग इसके प्रयोग के प्रति अधिक सचेत रहें। इसके लिए हम आपके सदैव आभारी रहेंगे।
धन्यवाद।
प्रार्थी
क.ख.ग.
अथवा
परीक्षा भवन, नई दिल्ली।
दिनांक 20 अगस्त, 20xx
सेदा में,
मुख्य अंधंधक महोदय,
शिवम कंव्यूटर्स, गुरुग्रान।
विषय कंप्यूटर में खराची होने की सूचना देते हुए।
आदरणीय मह्रोदय,
मैं इस पत्र के माध्यम से आपके पास अपनी शिकायत दर्ज कराना चाहलता हैं। मेने ‘एकता कंप्यूटर’ से आपकी कंषनी का एक कंव्यूटर पिछले माह ही खरीदा था, परंतु आरेभ से ही मुझे अत्येत परेशानी हो रही है। इसका सीपीयू सही से कार्य नहीं कर रहा है और मॉनिटर स्क्रीन भी वुँघली-सी हो गई है। मैंने इसकी शिकायत स्थानीय दुकानदार से की, परंतु आज 10 दिन बीत जाने के दाद भी कंप्यूटर ठीक नहीं किया गया। पुनः शिकायत करने पर उनके कर्मचारी भी असभ्व भाषा का प्रयोग करते है। महोदय, इस प्रकार के व्यवहार से मुझे अत्यंत निराशा हुई है और यह घटना आपकी कंपनी की प्रतिष्ठा के लिए चिताजनक है। में विवशतापूर्वक आपको यह पत्र लिख रहा हैं और आशा क्रता हैं कि आप मेरी समस्या का समाधान करवाने में मेरा सहयोग करेंगे।
सधन्यदादा
भवदीय
क.ख.ग.
द-70 दरियागंज,
दिल्ली।
प्रश्न 16.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 50 शब्दों में सूचना लिखिए। (4×1=4)
विद्यालय के प्रधानाचार्य की ओर से विद्यार्थियों को विद्यालय परिसर में मोबाइल फोन न लाने संबंधी आदेश देते हुए लगभग 60 शब्दों में सूचना तैयार कीजिए।
अथवा
गुमशुदा बच्चे की तलाश हेतु समाचार-पत्र में प्रकाशित करने हेतु लगभग 60 शब्दों में सूचना तैयार कीजिए।
उत्तर :
सेंट्रल स्कूल, कड़कड़डूमा, दिल्ली दिनांक 28 नवंबर, 20xx मोबाइल फोन के प्रयोग के संदर्भ में आप सभी को सूचित किया जाता है कि किसी भी विद्यार्थी को विद्यालय परिसर में मोबाइल फोन लाने एवं उसका प्रयोग करने की अनुमति नहीं है। विद्यालय में विद्यार्थियों का मोबाइल फोन लाना उचित नहीं है। अतः यदि किसी छात्र या छात्रा के पास मोबाइल फोन पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी और उसे विद्यालय से निष्कासित भी किया जा सकता है। केवल किसी विशेष परिस्थिति में ही किसी छात्र या छात्रा को विद्यालय में मोबाइल फोन लाने की छूट दी जा सकती है, लेकिन उसके लिए प्रधानाचार्य की लिखित पूर्वानुमति अनिवार्य है। विमल चतुर्वेदी |
अथवा
नेशनल समाचार-पत्र दिनांक 8 मई, 20xx गुमशुदा बच्चे की तलाश सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि एक बच्चा, जिसका नाम शाहिद, पुत्र अमज़द खान, निवासी 4921 शास्त्री पार्क, दिल्ली, आयु तीन वर्ष, कद …………………. चेहरा गोल, रंग गोरा, आँखें काली, बाल काले, हरे रंग की कमीज और नीले रंग की पैंट तथा पैरों में काले रंग के जूते पहने है, जो दिनांक 2 मई, $20 X X$ से शास्त्री पार्क क्षेत्र से लापता है। उसके दोस्तों के अनुसार वह स्कूल से घर के लिए निकल गया था। इस गुमशुदा बच्चे की कोई सूचना मिलने पर निम्नलिखित ई-मेल पते पर सूचित करें। सूचना देने वाले को उचित पुरस्कार दिया जाएगा। ई मेल-SP@ x x x . com |
प्रश्न 17.
आई. टी. ए. प्रदर्शन कला परिसर की ओर से लगभग 40 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए। (3×1=3)$
अथवा
‘पर्यावरण संरक्षण’ विषय पर लगभग 40 शब्दों में एक आकर्षक विज़ापन तैयार कीजिए।
उत्तर :
प्रश्न 18.
‘भाग्य नहीं कर्म फलते हैं’ विषय पर लघु कथा लगभग 100 शब्दों में लिखिए। (5×1=5)
अथवा
आपके मोहल्ले के पार्क में कई अनधिकृत खोंमचे वालों ने डेरा जमा लिया है, उन्हें हटाने के लिए नगर-निगम के अधिकारी को एक ई-मेल लिखिए। (शब्द-सीमा लगभग 100 शब्द)
उत्तर :