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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course B Set 7 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
निर्देश
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-‘अ’ और ‘ब’।
- खंड ‘अ’ में उपप्रश्नों सहित 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कुल 40 प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
- निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए।
- दोनों खंडों के कुल 18 प्रश्न हैं। दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमश: लिखिए।
खंड ‘अ’ (वस्तुपरक प्रश्न)
खंड ‘अ’ में अपठित गद्यांश, व्यावहारिक व्याकरण व पाठ्य-पुस्तक से संबंधित बहुविकल्पीय प्रश्न दिए गए हैं। जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
अपठित गद्यांश
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए। (1×5=5)
आज कुछ छात्र अपने पैरों पर स्वयं कुल्हाड़ी चला रहे हैं। अपने पैरों पर कुल्हाड़ी चलाने से तात्पर्य उन छात्रों से है, जो अपना समय, अपने माता-पिता का पैसा और ज्ञान प्राप्त करने का स्वर्णिम अवसर खो रहे हैं। ऐसे छात्र जो समय, धन और अवसर, तीनों चीज़ों से हाथ धो रहे हैं। वस्तुत: वे अपने जीवन में दु:खी रहने का ही प्रबंध कर रहे हैं, क्योंकि इन तीनों चीजों का सदुपयोग ही मनुष्य को सुख प्रदान करता है।
आप जिस कार्य को पूरी ईमानदारी तथा लगन से करना प्रारंभ करते हैं, उसमें आपको छोटी या बड़ी सफलता अवश्य मिलती है और जब सफलता मिलनी प्रारंभ होती है, तो रुचि बढ़ने लगती है, लेकिन जब हम किसी कार्य को बिना मन के भाव से करते हैं, तो हमें असफलता का ही सामना करना पड़ता है, जिससे अरुचि उत्पन्न होती है।
किसी भी छात्र से यह उम्मीद की जाती है कि वह अपने तन, मन और बुद्धि को श्रेष्ठ बनाए और इसके लिए आवश्यक है कि उसकी अध्ययन तथा खेल दोनों में ही रुचि हो, लेकिन जिन विद्यार्थियों की अध्ययन तथा खेल दोनों में ही अरुचि है, वे अपने पैरों पर कुल्हाड़ी ही चला रहे हैं। खेल या अध्ययन किसी में भी रुचि न होना विद्यार्थी के उदासीन पक्ष को उजागर करता है। जीवन में इस प्रकार का व्यवहार रखकर आगे नहीं बढ़ा जा सकता, इसलिए विद्यार्थी को चाहिए कि वह अपनी रुचियों को विकसित करे और जीवन में आगे बढ़े।
(क) अपने पैरों पर कुल्हाड़ी चलाने से लेखक का आशय
(i) उन छात्रों से है, जो अपना समय बर्बाद करते हैं
(ii) उन छात्रों से है, जो अपने माता-पिता का पैसा बर्बाद करते हैं
(iii) उन छात्रों से है, जो ज्ञान प्राप्त करने का स्वर्णिम अवसर खो रहे हैं
(iv) उपरोक्त सभी
उत्तर :
(iv) उपरोक्त सभी प्रस्तुत गद्यांश के आधार पर अपने पैरों पर कुल्हाड़ी चलाने से लेखक का आशय उन छात्रों से है, जो अपना समय, अपने माता-पिता का पैसा और ज्ञान प्राप्त करने का स्वर्णिम अवसर खो रहे हैं। ऐसे छात्र जो समय, धन और अवसर इन तीनों उपयोगिताओं से हाथ धो रहे हैं।
(ख) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पदिए उसके बाद दिए गए विकल्यों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) प्रत्येक छात्र के लिए समय, धन और अवसर का सदुपयोग करना अनिवार्य है।
कारण (R)इसी से वह अपने जीवन में सुख व सफलता की प्राप्ति कर सकता है।
(i) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही है, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(iii) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।
उत्तर :
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है प्रत्येक छात्र के लिए समय, धन और अवसर का सदुपयोग करना अनिवार्य है। इसी से वह अपने जीवन में सुख व सफलता की प्राप्ति कर सकता है। वस्तुतः वे अपने जीवन में दुःखी रहने का ही प्रबन्ध कर रहे हैं, क्योंकि इन तीनों चीजों का सदुपयोग ही मनुष्य को सुख प्रदान करता है।
(ग) लेखक के अनुसार, किसी कार्य के प्रति हमारी रुचि का विकास कब होने लगता है?
(i) जब कार्य करने के विषय में सोचते है
(ii) अब सफलता मिलनी प्रारंभ होती है
(iii) जब अन्य को असफलता मिलती है
(iv) जब असफलता हाथ लगती है
उत्तर :
(ii) जब सफलता मिलनी प्रारंभ होती है लेखक के अनुसार, किसी कार्य के प्रति हमारी रुचि का विकास तब होता है, जब सफलता मिलनी प्रारम्भ होती है। जब आप किसी कार्य को पूरी ईमानदारी तथा लगन से करना प्रारम्भ करते हैं, उसमें आपको छोटी या बड़ी सफलता अवश्य मिलती है और जब सफलता मिलनी प्रारम्भ होती है, तो रुचि बढ़ने लगती है।
(घ) गयांश के आधार पर बताइए कि किसी भी छात्र से क्या अपेक्षा की जाती है?
(i) वह परीक्षा उत्तीर्ण करे
(ii) वह समाज के लिए कार्य करे
(iii) वह अपने तन, मन और बुद्धि को श्रेष्ठ बनाए
(iv) वह अषने विहालय का नाम रोशन करे
उत्तर :
(iii) वह अपने तन, मन और बुद्धि को श्रेष्ठ बनाए गद्यांश के आधार पर किसी भी छात्र से अपेक्षा की जाती है कि वह अपने तन, मन और बुद्धि को श्रेष्ठ बनाए और इसके लिए आवश्यक है कि उसकी अध्ययन तथा खेल दोनों में ही रुचि हो ।
(ङ) विद्यार्थियों की अध्ययन तथा खेल दोनों मेंही अरुचि का क्या परिणाम होता है?
(i) उनका विकास अवरुद्ध हो जाता है
(ii) वे निराशापूर्ण जीवन जीते हैं
(iii) उनका उदासीन पक्ष उजागर होता है
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iii) उनका उदासीन पक्ष उजागर होता है विद्यार्थियों की अध्ययन तथा खेल दोनों में ही अरुचि होने से उनका उदासीन पक्ष उजागर होता है। जिन विद्यार्थियों की अध्ययन तथा खेल दोनों में ही अरुचि है, वे अपने पैरों पर कुल्हाड़ी ही चला रहे हैं।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सवाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए। (1×5=5)
इलेक्ट्रॉनिक क्रांति ने हमारे जीवन को सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण कर दिया है। विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक आविष्कारों के माध्यम से संचार-तंत्र को विस्तार एवं व्यावसायिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलने के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढे हैं। कंप्यूटर, रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर, सेलुलर फोन, वांशिग मशीन, कैमरा आदि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण ने मानव सभ्यता को नया आयाम दिया है, पर आज बड़ी संख्या में खराब होने वाली
इन्ही इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के अंबार ने ई-कचरे के रूप में एक नई पराँवरणीय समस्या को जन्म दिया है। ई-कचरे से तात्पर्य उन बेकार पड़े इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से है, जो अपने मूल उपयोग के उद्देश्य के लिए उपयुक्त नहीं रह जाते। ई-कचरे को ई-अपशिष्ट भी कहा जाता है। काफी मात्रा में भारी धातुएँ एवं अन्य प्रदूषित पदार्थों के विद्यमान रहने के कारण ई-अपशिष्ट के रूप में बेकार पडे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण अन्य व्यर्थ घरेलू उपकरणों की अपेक्षा मानव स्वास्थ्य एवं पर्यांवरण के लिए कहीं अधिक नुकसानदेह होते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं में उपयोग आने वाले अधिकतर अवयवों में बायोडिग्रेडेबल होने की विशेषता नहीं पाई जाती है और न ही इसमें मिद्टी में घुल-मिल जाने का गुण होता है। भारत सहित अन्य एशियाई देशों में पश्चिमी देशों की तुलना में ईं-कचरे के निस्तारण में काफी कम खर्च आता है। भारत में ईं-कचरे का निपटान प्राय: अनौपचारिक पुनर्चक्रण केंद्रों में होता है, जहाँ पुन: उपयोग हेतु इन्हें अलग-अलग किया जाता है, फिर मूल्यवान धातुओं को चुनकर साफ करने के पश्चात् इन्हें अकुशल व विषाक्त उत्पाद व्यवस्था में नष्ट करने की प्रक्रिया से गुजारते हैं।
ई-कचरे की समस्या को कम करने एवं इसके दुष्रभाव से बचने हेतु ग्रीन पीसी की अवधारणा पर बल दिया जाना चाहिए। ऐसे उत्पादित कंप्यूटरों में बिजली खपत कम होगी, साथ ही ये पर्यावरण को उतना नुकसान भी नहीं करते। देश में ई-कचरे को कम करने के लिए कानून बनाने की आवश्यकता है। यदि सरकार और जनता दोनों जागरूक हो जाएँ, तो भविष्य में ई-कचरे की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
(क) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. वर्तमान समय में इलेकट्रॉनिक साधनों ने मनुष्य के जीवन को सुखी बना दिया है।
2. इलेक्ट्रॉनिक साधन किसी मी रूप में पर्यावरण के लिए हानिकारक नहीं है।
3. भारत में ई-कचरे का निपटान प्राय: औपचारिक पुनचंक्रण केंद्रो में होता है।
4. ई-कचरे की समस्या से निपटने के लिए सरकार व जनता दोनों को जागरूक होना चाहिए।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(i) केवल 1
(ii) केबल 2
(iii) 1 और 4
(iv) 1 और 3
उत्तर :
(iii) 1 और 4 वर्तमान समय में इलेक्ट्रॉनिक साधनों ने मनुष्य के जीवन को सुखी बना दिया है और ई-कचरे की समस्या से निपटने के लिए सरकार व जनता दोनों को जागरूक होना चाहिए। कम्प्यूटर, रेफ्रिजरेटर, एयर कण्डीशनर, सेलुलर फोन, वॉशिंग मशीन, कैमरा आदि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण ने मानव सभ्यता को नया नाम दिया है, पर आज बड़ी संख्या में खराब होने वाली इन्हीं इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के अम्बार ने ई-कचरे के रूप में एक नई पर्यावरणीय समस्या को जन्म दिया है।
(ख) गद्यांश के अनुसार, इलेवट्टॉनिक वस्तुओं में कौन-सा गुण नहीं होता है?
(i) मनोरंजन का
(ii) मिट्टी में घुल जाने का
(iii) सुख-सुविधाएँ प्रदान करने का
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) मिट्टी में घुल जाने का गद्यांश के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं में मिट्टी में घुल जाने का गुण नहीं होता है। इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं में उपयोग आने वाले अधिकतर अवयवों में बायोडिग्रेडेबल होने की विशेषता नहीं पाई जाती है और न ही इसमें मिट्टी में घुल-मिल जाने का गुण होता है। भारत सहित अन्य एशियाई देशों की तुलना में ई-कचरे के निस्तारण में काफी कम खर्च आता है।
(ग) गद्यांश के आधार पर बताइए कि ‘ई-कचरे को कम करने के लिए क्या आवश्यक है?
(i) इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की कम खपत
(ii) कानून निर्माण
(iii) जैबिक्रीकरण
(iv) पुनर्घक्रण केंद्रों की संख्या बढ़ाना
उत्तर :
(iv) पुनर्चक्रण केन्द्रों की संख्या बढ़ाना गद्यांश के आधार पर ‘ई-कचरे’ को कम करने के लिए पुनर्चक्रण केन्द्रों की संख्या बढ़ाना आवश्यक है। भारत में ई-कचरे का निपटान प्रायः अनौपचारिक पुनर्चक्रण केन्द्रों में होता है। जहाँ पुनः उपयोग हेतु इन्हें अलग-अलग किया जाता है। देश में ई-कचरे को कम करने के लिए कानून बनाने की आवश्यकता है।
(घ) हमारे देश में हं-कचरे का निपटान कहाँ किया जाता है?
(i) पुनरावर्तन उद्योगों में
(ii) औपचरिक पुनचक्रण केंद्रों में
(iii) अनौपचारिक पुनर्चक्रण केंद्रों में
(iv) पुनरावर्तन क्षेत्रों में
उत्तर :
(iii) अनौपचारिक पुनर्चक्रण केन्द्रों में हमारे देश में ई-कचरे का निपटान अनौपचारिक पुनर्चक्रण केन्द्रों में किया जाता है। जहाँ पुन: उपयोग हेतु इन्हें अलग-अलग किया जाता है, फिर मूल्यवान धातुओं को चुनकर साफ करने के पश्चात् इन्हें अकुशल व विषाक्त उत्पाद व्यवस्था में नष्ट करने की प्रक्रिया से गुजारते हैं।
(ङ) ‘ई-कचरे’ के दुबभभाव से बचाव हेतु किसकी अवधारणा पर बल दिया जाना चाहिए?
(i) हरित कृषि की
(ii) सतल विकास की
(iii) प्रीन पौसी की
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iii) ग्रीन पीसी की ‘ई-कचरे की समस्या को कम करने एवं ई-कचरे के दुष्प्रभाव से बचाव हेतु ग्रीन पीसी की अवधारणा पर बल दिया जाना चाहिए। ऐसे उत्पादित कम्प्यूटरों में बिजली खपत कम होगी, साथ ही ये पर्यावरण को नुकसान भी नहीं पहुँचाते।
व्यावहारिक व्याकरण
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘पदबंध’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। $(1 \times 4=4)$ (क) ‘दुशशासन ने भरी सभा में दौपदी का चीर हरण करने का प्रयास किया था।’ रेखांकित पदबंध का भेद है
(i) संज्ञा पद्वंध
(ii) सर्वनाम पदबंध
(iii) क्रिया पदबंच
(iv) विशेषण पदबंध
उत्तर :
(iii) क्रिया पदबंच
(ख) ‘मौं सरस्वती उदार मनुष्य का गुणगान करती है।’ इस वाक्य में विशेषण पदबंध है
(i) माँ सरस्वती
(ii) उदार
(iii) गुणगान
(iv) मनुष्य
उत्तर :
(ii) उदार
(ग) क्रिया-विशेषण पदब्ध का उदाहरण छोंटिए
(i) शिल्पकार शैलेंद्र ने ‘तीसरी कसम’ फिल्म में अपने जीबन का सूवंश्षेष्ठ अभिनय किया था
(ii) जनरल सालव सुंदर डॉॉमी के साथ पछारे है
(iii) लाल बालों वाला एक सिपाही चला आ रहा था
(iv) धरती किसी एक की नहीं है
उत्तर :
(i) शिल्पकार शैलेंद्र ने ‘तीसरी कसम’ फिल्म में अपने जीबन का सूवंश्षेष्ठ अभिनय किया था
(घ) ‘बड़े भाई साहब बहुत दुःखी थे।’ रेखांकित पदबंध का भेद है
(i) संज्ञा पदवंध
(ii) सर्वनाम पद्बंध
(iii) विशेषण पद्बंध
(iv) क्रिया-विशेषण पदर्बंध
उत्तर :
(i) संज्ञा पदवंध
(ङ) कलकत्ता के हजारों लोगों द्वारा देश का दूसरा स्कतंत्रता दिवस मनाया गया। रेखांकित पदबंध का भेद है
(i) विशेषण घदबंध
(ii) संज़ा पदरंध
(iii) सर्वनाम पद्बंध
(iv) विशेषण पद्बंध
उत्तर :
(iii) सर्वनाम पद्बंध
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1×4=4)
(क) ‘बृजलाल गोयनका वंदे मातरम् बोलते हुए मोनुमेंट की ओर भागे।’ इस वाक्य का संयुक्त वाक्य होगा
(i) बृजलाल गोयनका ने वंदे मातरम् बोला, इसलिए वे मोनुमेंट की ओर भागे।
(ii) बृजलाल गोयनका ने वंदे मातरम् बोला और मोनुमेंट की ओर भागे।
(iii) जैसे ही बृजलाल गोयनका ने वंदे मातरम् बोला, वैसे ही वे भागे।
(iv) बृुलालगोयनका मोनुमेंट की ओर भागे, क्योंकि उन्होंने वंदे मातरम् बोला।
उत्तर :
(ii) बृजलाल गोयनका ने वंदे मातरम् बोला और मोनुमेंट की ओर भागे।
(ख) सूची I को सूवी II के साथ सुमेलित कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. जैसा बोओगे वैसा काटोगे | 1. सरल वाक्य |
B. सुरेश या तो स्वयं आएगा या तार भेजेगा। | 2. संयुक्त वाक्य |
C. राम और श्याम साथ ही रहते हैं। | 2. संयुक्त वाक्य |
A– B– C
(i) 1 — 2 –3
(ii) 2 — 3 –1
(iii) 3 –2 –1
(iv) 1 –3 –2
उत्तर :
(iii) 3 –2 –1
(ग) ‘जीवन में पहली वार में इस तरह विचलित हुआ हूँ।’ इस वाक्य का मिश्रित वाक्य होगा
(i) इस जीवन में मैं पहली बार विचलित हुआ हुं।
(ii) जीवन में मैं पहली बार इस तरह बिचलित हो रहा हैं।
(iii) जीवन में पहली बार ऐसा हुआ कि मैं इस तरह विचलित हो गया।
(iv) मैं इस प्रकार से बिचलित जीवन में पहली बार हुआ हैं।
उत्तर :
(iii) जीवन में पहली बार ऐसा हुआ कि मैं इस तरह विचलित हो गया।
(घ) निम्नलिखित वाक्यों में से संयुक्त वाक्य है
(i) राजकपूर एक अच्छे और सच्चे मित्र थे।
(ii) पहले जहाँ समंदर था, अब वहाँ बस्तियाँ बन गई हैं।
(iii) चाजीन ने सभी क्रियाएँ गरिमापूर्ण डंग से की।
(iv) जो बच्चा मेहनत करता है, वह अवश्य सफल होता है।
उत्तर :
(i) राजकपूर एक अच्छे और सच्चे मित्र थे।
(ङ) ‘वह घायल था फिर भी खेलता रहा’ वाक्य रचना की दृष्टि से है
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) मिश्र वाक्य
(iv) विस्मयादिबोधक वाक्य
उत्तर :
(iii) मिश्र वाक्य
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘समास’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। $(1 \times 4=4)$ (क) ‘मृगलोचन’ शब्द में कौन-सा समास है?
(i) कर्मधारय समास
(ii) अव्ययीभाव समास
(iii) त्वुरुष समास
(iv) बहुत्रीहि समास
उत्तर :
(i) कर्मधारय समास
(ख) ‘जीवन साथी’ शद्ध के लिए सही समास-विग्रह और समास का चयन कीजिए
(i) जीवन और साथी-दंद्र समास
(ii) जीवन के लिए साथी-कर्मध्धारय समास
(iii) जीवन का साथी-तत्पुरुष समास
(iv) जीवन में साथी-अव्ययीभाव समास
उत्तर :
(iii) जीवन का साथी-तत्पुरुष समास
(ग) ‘जन्मांध’ शब्द के सही समास-विग्रह और समास का चयन कीजिए
(i) जन्म से अंधा-ततुरुरुष समास
(ii) अंधा है जो जन्म से-कर्मधारय समास
(iii) जन्म और अंधा-दंद समास
(iv) जन्म के लिए अंधा-तत्तुरुप समास
उत्तर :
(i) जन्म से अंधा-ततुरुरुष समास
(घ) ‘सप्ताह’ समस्तपद का विग्रह है
(i) सात सप्ताह
(ii) सात दिनों का समाहार
(iii) सप्त है जो दिन
(iv) दिनों में सात
उत्तर :
(ii) सात दिनों का समाहार
(ङ) निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए
समस्तपद — समास
1. घंजाब — दियु समास
2. लाल बाजार — बढुलीटि समास
3. यथाबिधि — अब्ययोभाव समास
4. विद्धारी रचित — द्वंद समास
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से युम्म सुमेलित है/हैं?
(i) 1 और 2
(ii) 2 और 4
(iii) 1 और 3
(iv) केवल 4
उत्तर :
(iii) 1 और 3
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘मुहावरे’ पर आधारित छः बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1×4=4)
(क) मुहावरों और अर्थ के उचित मेल वाले विकल्य का चयन कीजिए
(i) नींद हराम होना – पराजित होना
(ii) दो नावों पर सवार होना – किषर का भी न रहना
(iii) हाय डालना – मिल जाना
(iv) लगती बात – व्यर्थ की बात
उत्तर :
(ii) दो नावों पर सवार होना – किषर का भी न रहना
(ख) आई.ए.एस. की परीक्षा पास करना के समान है। रिक्त स्थान की पूर्ति सटीक मुहावरे से कीजिए
(i) बाएँ हाथ का बेल
(ii) आठ-आठ आँसू रोना
(iii) लोहे के चने चबाना
(iv) आधी जान सूखना
उत्तर :
(iii) लोहे के चने चबाना
(ग) छोटे-मोटे काम तो भी कर लिया करते हैं। रिक्त स्थान की पूर्ति सटीक मुहावरे से कीजिए
(i) ऐरे-गैरे नत्थू-खैंरे
(ii) अक्ल के अंधे
(iii) आस्तौन का साँप
(iv) कूप मंडूक
उत्तर :
(i) ऐरे-गैरे नत्थू-खैंरे
(घ) सीता अपने बच्चों के लिए के समान है। उपयुक्त मुहावरे से रिकत स्थान की पूर्ति कीजिए
(i) अक्ल के अंधे
(ii) अंधे की लाठी
(iii) एक पंथ दो काज
(iv) उगते सूरज
उत्तर :
(ii) अंधे की लाठी
(ङ) ‘बुरी तरह परास्त करना’ के लिए उपयुक्त मुहावरा है
(i) धूल फॉकना
(ii) धाक जमाना
(iii) नाक काटना
(iv) धजिजयाँ उड़ाना
उत्तर :
(iv) धजिजयाँ उड़ाना
(च) स्वतंग्रता सेनानी देश की रक्षा के लिए प्राणों की परवाह नहीं करते। रेखांकित अंश के लिए उपयुक्त मुहावरा है
(i) जान हषेली पर रखना
(ii) प्राण काँपना
(iii) दम में दम आना
(iv) बलिदान देना
उत्तर :
(i) जान हषेली पर रखना
पाठ्य-पुस्तक
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पद्यांश को पदकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए। (1×5=5)
अनंत अंतरिक्ष में अनंत देव हैं खड़े, समक्ष ही स्वबाहु जो बढ़ा रहे बड़े-बड़े। परस्परावलंब से उठो तथा बढ़ो सभी, अभी अमर्त्य-अंक में अपंक हो चढ़ो सभी। रहो न यों कि एक से न काम और का संरे, वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।
(क) ‘परस्परावलंब’ से क्या अभिग्राय है?
(i) एक-दूसरे का सहबोग लेना
(ii) एक-दूसरे से शत्रुता करना
(iii) एक-दूसरे से छल-कपट करना
(ii) दूसरे से स्वार्थ सिद्ध करना
उत्तर :
(i) एक-दूसरे का सहयोग लेना ‘परस्परावलम्ब’ से अभिप्राय एक-दूसरे के सहयोग से उन ऊँचाइयों को प्राप्त करना है, जहाँ देवता स्वयं तुम्हें अपनी पवित्र गोद में बैठाने के लिए उत्सुक हों।
(ख) अंतरिक्ष में खडे देव अपनी दाहु को क्यों बढ़ा रहे है?
(i) समृद्धि के लिए
(ii) स्वस्थत्ता के लिए
(iii) मार्गदर्शन के लिए
(iv) मदद के लिए
उत्तर :
(iii) मार्गदर्शन के लिए कवि के अनुसार, अन्तरिक्ष में खड़े देव अपनी बाहु को मार्गदर्शन के लिए बढ़ा रहे हैं। इस अपरिमित आकाश में असंख्या देवगण विराजमान हैं। वे अपने हाथ बढ़ाकर उदार हृदय, दयालु तथा परोपकारी मनुष्यों के स्वागतार्थ खड़े हैं।
(ग) कवि मनुष्य को किस प्रकार रहने की सलाह देता है?
(i) हिसा की भावना से
(ii) प्रतिशोध की भावना से
(iii) सहयोग की भावना से
(iv) पराधीनता की भावना से
उत्तर :
(iii) सहयोग की भावना से कवि मनुष्य को सहयोग की भावना से रहने की सलाह देता है। मनुष्य को परोपकारी होना चाहिए। उसको अपने या अपनों के हित- चिन्तन में संलग्न होना चाहिए। केवल अपने बारे में सोचना पशु-प्रवृत्ति है। मनुष्यों को एक-दूसरे के बारे में भी सोचना चाहिए, यही मनुष्यता है।
(घ) प्रस्तुत पद्यांश के माध्यम से कवि ने क्या संदेश देना चाहा है?
(i) जीवन की सार्यकता स्वार्थ सिद्धि में है
(ii) जीवन की सार्थकता देवों के ख्यवहार में है
(iii) जीवन की सार्यकता कुटिल व्यवहार में है
(iv) जीवन की सार्थकता परोपकार में है
उत्तर :
(iv) जीवन की सार्थकता परोपकार में है ‘मनुष्यता’ कविता के माध्यम से कवि बन्धुत्व को परिभाषित करते हुए हमें मनुष्यता से आवृत्त गुणों के मार्ग पर चलने की सलाह देते हैं। कवि के अनुसार, जीना या मरना उसी मनुष्य का सार्थक है, जो दूसरों के लिए जीता या मरता है। परोपकार, दयालुता तथा उदारता के गुण जीवन को सार्थक बनाने में सक्षम हैं।
(ङ) निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पदिए
1. असंख्य देवता आकाश में परोपकारी मनुष्यों के स्वागतार्थ बड़े है।
2. हमें एक-दूसरे के कल्याणार्थ कर्मरत रहना चाहिए।
3. स्वयं का उद्धार करना ही हमारे जीवन का उद्देश्य है।
4. कवि यहाँ कलंकरहित जीने की प्रेरणा दे रहा है।
पद्यांश से मेल खाते वाक्यों के लिए उचित विकल्प चुनिए
(i) 1 और 2
(ii) 2,3 और 4
(iii) 1 और 4
(iv) केवल 1
उत्तर :
(ii) 1 और 2 दिए गए विकल्पों में से पद्यांश से मेल खाने वाले वाक्य हैं – असंख्य देवता आकाश में परोपकारी मनुष्यों के स्वागतार्थ खड़े हैं
और हमें एक-दूसरे के कल्याणार्थ कर्मरत् रहना चाहिए।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए। (1×2=2)
(क) ‘कर चले हम फिदा’ गीत में धरती को दुल्लन कहा गया है, क्योकि
(i) यह नववधू की तरह दिखती है
(ii) इसकी सुरक्षा का दायित्व देश के प्रत्येक नवयुखक पर है
(iii) धरती ने लाल रंग के वस्त्र धारण किए हैं
(ii) धरती माँ से सब प्रेम करते हैं
उत्तर :
(ii) इसकी सुरक्षा का दायित्व देश के प्रत्येक नवयुवक पर है ‘कर चले हम फिदा’ गीत में धरती को दुल्हन कहा गया है, क्योंकि जिस प्रकार नववधू की सुरक्षा का दायित्व नवयुवक पर होता है, वह उसकी रक्षा के लिए अपनी जान तक न्योछावर कर देता है ठीक उसी प्रकार आज भारत भूमि भी अनेक देशभक्तों के रक्त में स्नान कर लाल रंग के वस्त्रों में सजी दुल्हन के समान है, जिसकी सुरक्षा का दायित्व देश के प्रत्येक नवयुवक पर है।
(ख) ‘ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोई।’ पंक्ति का भाव है
(i) हमें अंकार त्यागकर मीठे चचन बोलने चाहिए
(ii) हमें अपनी वाणी से दूसरों को प्रसन्न करना चहिए
(iii) हमें मधुर व्यवहार करना चाहिए
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये सभी ‘ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोई’ प्रस्तुत पंक्ति में संत कबीरदास अहंकार और कटु वचन त्यागने का संदेश देते हुए कहते हैं कि लोगों को मीठे वचन बोलकर दूसरों को प्रसन्न करना चाहिए एवं हमें दूसरों के साथ मधुर व्यवहार करना चाहिए ।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित गध्यांश को पद़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए। (1×5=5)
“इस तरह अंग्रेज़ी पढोगे, तो जिंदगी-भर पढ़ते रहोगे और एक हर्फ़ न आएगा। अंग्रेजी पढ़ना कोई हँसी-बेल नहीं है कि जो चाहे, पढ़ ले, नहीं ऐरा-गैरा नत्थू-खैरा सभी अंग्रेजी के विद्वान हो जाते। यहाँ रात-दिन आँखें फोड़नी पड़ती हैं और खून जलाना पड़ता है, तब कहीं यह विद्या आती है और आती क्या है, हाँ कहने को आ जाती है।
बड़े-बड़े विद्यान भी शुद्ध अंग्रेत़ी नहीं लिख सकते, बोलना तो दूर रहा और मैं कहता हूँ, तुम कितने घोंघा हो कि मुझे देखकर भी सबक नहीं लेते। मैं कितनी मेहनत करता हूँ, यह तुम अपनी आँखों से देखते हो, अगर नहीं देखते, तो यह तुम्हारी आँखों का कसूर है, तुम्हारी युद्धि का कसूर है। इतने मेले-तमाशे होते हैं, मुझे तुमने कभी देखने जाते देखा है? रोज ही क्रिकेट और हॉकी मैच होते हैं। मैं पास नहीं भटकता।
हमेशा पळता रहता हूँ। उस पर भी एक-एक दरजे में दो–दो, तीन-तीन साल पड़ा रहता हैँ, फिर भी तुम कैसे आशा करते हो कि तुम यों खेलकूद में वक्त गँवाकर पास हो जाओगे? मुझे तो दो-तीन साल ही लगते हैं, तुम उम्न-भर इसी दरजे में पड़े सड़े रहोगे? अगर तुम्हे इस तरह उम्र गँवानी है, तो बेहतर है, घर चले जाओ और मजे से गुल्ली-ड़ा खेलो। दादा की गाढ़ी कमाई के रुपये क्यों बर्बाद करते हो?”
(क) ‘तुम कितने घोंघा हो कि मुझे देखकर भी सबक नहीं लेते’ पंक्ति में ‘घोधा’ से क्या अभिप्राय हैं?
(i) मूखा
(ii) समुद्री जीव
(iii) जंगली जीच
(iv) सिद्धांतवादी
उत्तर :
(i) मूर्ख ‘तुम कितने घोंघा हो कि मुझे देखकर भी सबक नहीं लेते’ इस पंक्ति में घोंघा से अभिप्राय मूर्ख से है। बड़े भाई साहब ने लेखक को पूरी उम्र एक ही कक्षा में पड़े रहने का भय इसलिए दिखाया, क्योंकि वे अज्ञान और अयोग्यता के कारण स्वयं पढ़ाई से डरे हुए थे। उन्हें लगता था कि इतना पढ़ने के बाद भी जब मैं बार-बार फेल हो जाता हूँ, तो शायद छोटे भाई के लिए पढ़ाई करना तो और भी कठिन हो जाएगा।
(ख) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प ‘चुनकर लिखिए।
कथन (A) अंग्रेजी पढ़ना व लिखना प्रत्येक विद्धान को नहीं आता है।
कारण (R) इसे सीखने के लिए खून जलाना पङ्कता है।
(i) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत है।
(ii) कथन (A) सही है, लेकिन कारण (R) गलत है।
(iii) कधन (A) गलत है, लेकिन कारण (R) सही है।
(iv) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही है।
उत्तर :
(ii) कथन (A) सही है, लेकिन कारण (R) गलत है। बड़े भाई का मत था कि पढ़ाई-लिखाई आसान कार्य नहीं है, क्योंकि अंग्रेजी को तो वह सर्वाधिक कठिन विषय मानते थे। वे कहते थे कि अंग्रेजी सीखने के लिए खून जलाना पड़ता है अर्थात् कठिन परिश्रम करना पड़ता है। वह लेखक से कहते थे कि यदि वह इसी तरह खेल-कूद में समय व्यतीत करता रहा, वह पूरी जिंदगी में भी कभी उत्तीर्ण नहीं हो पाएगा।
(ग) “बड़े भाई साहब बहुत मेहनत करते हैं, हमेशा पढ़ते रहते हैं, कभी मेले-तमाशे देखने नहीं जाते हैं व कभी खेलते भी नर्ही हैं।” कथ्यन के माध्यम से ज्ञात होता है कि बड़े भाई साहब
(i) खेलकूद को व्यर्घ समझते है
(ii) पाठ को समझे बिना व अर्थ जाने बिना रटते रहते हैं
(iii) व्यावहारिक ज्ञान को महत्तवपूर्ण नहीं समझते
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये सभी ” बड़े भाई साहब बहुत मेहनत करते हैं, हमेशा पढ़ते रहते हैं, कभी मेले – तमाशे देखने नहीं जाते हैं व कभी खेलते भी नहीं है। कथन के माध्यम से ज्ञात होता है कि लेखक ने समूची शिक्षा के जिन तौर-तरीकों पर व्यंग्य किया है, उनमें सर्वाधिक प्रमुख है रटकर पढ़ाई करना। इसका साक्षात् प्रमाण है बड़े भाई, जो दिन-रात पुस्तक के एक-एक शब्द को रटते रहते हैं और उनका अर्थ जानने की कोशिश नहीं करते। इसके अलावा खेलकूद को भी व्यर्थ समझते हैं तथा किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान को महत्त्वपूर्ण नहीं समझते हैं।
(घ) छोटे भाई को घर लौटने का परामर्श दिया जा रहा था
(i) क्योकि वह पढ़ने की अपेक्षा बेलकूद्ध में समय बर्बाद करता है
(ii) क्योंकि उसे ऐेलना पसंद नहीं है
(iii) क्योंकि वह मेहनत नहीं करता है
(iv) क्योकि वह बड़े भाई जितना समझदार नहीं है
उत्तर :
(i) क्योंकि वह पढ़ने की अपेक्षा खेलकूद में समय बर्बाद करता है बड़े भाई साहब छोटे भाई को घर लौटाने की सलाह देते हुए कहते हैं कि उसे दिन-रात पढ़ना चाहिए और खेलकूद से दूर रहना चाहिए, क्योंकि इससे समय व्यर्थ में नष्ट होता है। यदि मेहनत नहीं करोगे तो उसी दरजे में पड़े रहोगे। ऐसा वह अपने छोटे भाई को सही रास्ते पर लाने के लिए करते थे।
(ङ) बड़े भाई को किस कारण लगता है कि छोटा भाई दादा की सारी कमाई बर्बाद कर रहा है?
(i) खेलकूद में अधिक रुचि होने के कारण
(ii) बड्डे भाई को सम्मान न देने के कारण
(iii) स्वर्य को अधिक बुदिमान समझने के कारण
(iv) अध्यापकों का आदर न करने के कारण
उत्तर :
(i) खेलकूद में अधिक रुचि होने के कारण बड़े भाई को खेलकूद में अधिक रुचि होने के कारण लगता है कि छोटा भाई दादा की सारी कमाई बर्बाद कर रहा है।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए। (1 x2=2)
(क) ‘छयरी का एक पन्ना’ पाठ के अनुसार कलकत्ता के मैदान में आद्वियों की भीड़ क्यों होने लगी थी?
(i) सभा में भाग लेने हेतु
(ii) पुलिस के आदेश का पालन करने हैतु
(iii) मैदान में मेल देखने हेतु
(iv) मैदान में घूमने हेतु
उत्तर :
(i) सभा में भाग लेने हेतु ‘डायरी का एक पन्ना’ पाठ के अनुसार कलकत्ता के मैदान में आदमियों की भीड़ सभा में भाग लेने हेतु लगी हुई थी। कलकत्तावासियों ने संगठित होकर अपूर्व उत्साह, साहस एवं बलिदान का परिचय दिया। साथ ही अपने संकल्प को पूरा करने के लिए राष्ट्रध्वज फहराया।
(ख) निम्नलिखित में से कौन-सा/से वाक्व तीसरी कसम फिल्म की विशेषता से संबंधित है/हैं?
1. इसका निर्माण प्रसिद्ध कवि हैलेंद्र ने किया था।
2. इस फिल्म को मात्र एक पुरस्कार मिला था।
3. इस फिल्म के नायक राजकपूर व नायिका वहीदा रहमान थीं।
4. इस फिल्म को कोई खरीदार नहीं मिल रहा था। कूट
(i) 1 और 2
(ii) 1,3 और 4
(iii) केवल 4
(iv) 2,3 और 4
उत्तर :
(ii) 1, 3 और 4 ‘तीसरी कसम’ फिल्म की विशेषता है कि इस फिल्म के निर्माता प्रसिद्ध कवि शैलेंद्र थे। वे निर्माता होते हुए भी साहित्यिक बने रहे। वे फिल्मी चकाचौंध में रहते हुए भी यश और धन लिप्सा से दूर बने रहे। इस फिल्म को एक नहीं, बल्कि अनेक पुरस्कार मिले। इस फिल्म के नायक राजकपूर व नायिका वहीदा रहमान थीं। इस फिल्म में सबसे बड़ी समस्या यह थी कि इस फिल्म का कोई खरीददार नहीं मिल रहा था।
खंड ‘ब’ (वर्णनात्मक प्रश्न)
खंड ‘ब’ में पाठ्य-पुस्तक एवं पूरक-पुस्तक तथा लेखन से संबंधित वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
पाठ्य-पुस्तक एवं पूरक पुस्तक
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3×2=6)
(क) अपने देश की रक्षा करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होता है तथा प्रत्येक नागरिक को अपने देश व उसमें रहने वाले देशवासियों की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करना अपना अनिवार्य कर्त्तव्य मानना चाहिए।
‘डायरी का एक पन्ना’ पाठ के आधार पर बताइए कि कलकत्ता में मनाए जाने वाले स्वतंग्रता दिवस समारोह में देशभवत्तों ने किस प्रकार अपना योगदान दिया?
उत्तर :
डायरी का एक पन्ना’ पाठ के आधार पर कलकत्ता में मनाए जाने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह में देशवासियों ने 26 जनवरी, 1931 के दिन स्वतंत्रता पाने के लिए आन्दोलन किया, जिसमें बहुत से देशवासी पुलिस की लाठी खाकर घायल हुए, बहुतों को पुलिस लॉकअप में रखा गया और अनेक स्त्रियाँ जेल भी गईं। उस दिन लोग लाठियाँ खाकर धरती पर गिरते रहे, किंतु अपने लक्ष्य की ओर दृढ़ता से बढ़ते भी रहे। इससे कलकत्ता के नाम पर लगा वह कलंक कुछ हद तक कम हो गया, जिसमें यह कहा जा रहा था कि कलकत्तावासी स्वतंत्रता पाने के लिए कुछ भी कार्य नहीं कर रहे हैं।
(ख) वामीरो तताँरा के वियोग को सहन नहीं कर पा रही थी, उसने खाना-पीना छोड़ द्विया था और अपने परिवार से अलग हो चुकी थी तथा रोज तत्ताँरा को उसी स्थान पर बूँढती थी। तताँरा ब वामीरो की प्रेमकथा का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर :
तताँरा और वामीरो की प्रेमकथा एक लोककथा पर आधारित प्रेम कहानी है। यह कहानी पुरानी मान्यताओं व रीति-रिवाजों में समय के साथ परिवर्तन करते रहना चाहती है। जिसमें यह संदेश दिया गया है कि प्रेम को किसी बन्धन, सीमा अथवा रीति-रिवाज में नहीं बाँधा जा सकता। यदि कोई जाति धर्म, क्षेत्र, प्रदेश आदि प्रेम की पवित्र भावना पर पहरे लगाएगा और उसे पनपने का अवसर नहीं देगा, तो इसका परिणाम सुखद नहीं होगा। जो मान्यता व रीति-रिवाज मनुष्य के जीवन को बोझ बना दें, उन्हें समाप्त करना ही मानवता के हित में होता है।
सभी गाँव वाले तताँरा -वामीरो के विवाह के विरुद्ध थे, जिसके परिणामस्वरूप तताँरा -वामीरो ने अपना जीवन समाप्त कर लिया। उनकी इस त्यागमयी मृत्यु से निकोबार में सुखमयी परिवर्तन के रूप में रूढ़ि परंपरा का खंडन हुआ। अतः कहा जा सकता है कि प्रेम को किसी बंधन, रूढ़ियों व सीमा में नहीं बाँधा जा सकता, बल्कि प्रेम वह साधन है, जिसके माध्यम से लोगों को आपस में जोड़ा जा सकता है।
(ग) बड़े भाई साहब छोटे भाई के चुप होने का क्या अर्थ निकालते थे?
उत्तर :
बड़े भाई साहब छोटे भाई के चुप होने का यह अर्थ लगाते थे कि उसे अपना अपराध स्वीकार है। इस पर भाई साहब स्नेह और रोष से मिले-जुले शब्दों में उसका स्वागत करते थे। बड़े भाई साहब छोटे भाई से यह प्रश्न करते हैं कि कहाँ थे ? वह यह प्रश्न इतने क्रोधित होकर पूछते कि लेखक प्रतिक्रियास्वरूप चुप रहकर अपना अपराध स्वीकार कर लेता। इसके बाद वह छोटे भाई को पढ़ाई व भविष्य से सम्बन्धित उपदेश देना आरम्भ कर देता था। उनका कहना था कि पढ़ाई-लिखाई करना कार्य नहीं है, क्योंकि अंग्रेजी को वह बेहद कठिन विषय मानते थे। वह लेखक को कहते थे कि यदि वह इसी तरह खेल-कूद में समय व्यतीत करता रहा, तो वह पूरी जिंदगी में कभी उत्तीर्ण नहीं हो पाएगा।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3×2=6)
(क) ‘मनुष्यता’ पाठ में कवि ने किन-किन दानवीर राजाओं का वर्णन किया है? विस्तार से लिखिए।
उत्तर :
‘मनुष्यता’ पाठ में कवि ने परोपकार, दया तथा उदारता जैसे गुणों के संदर्भ में दधीचि, कर्ण आदि महान राजाओं का वर्णन किया है। दधीचि
ने देवताओं की रक्षा के लिए अपनी हड्डियों को दान कर दिया, जिनसे इंद्र के अस्त्र वज्र का निर्माण हुआ तथा असुरों की पराजय हुई | दधीचि का परोपकार मनुष्यता के इतिहास में प्रशासित है। दानवीर कर्ण ने अपने वचन को पूरा करने के लिए अपने शरीर चर्म के रूप में विद्यमान कवच-कुंडल का दान कर दिया। राजा शिवि ने पक्षी के प्राणों की रक्षा हेतु अपने शरीर का मांस काटकर दे दिया। रतिदेव ने भूखे अतिथियों के लिए अपने हिस्से का भोजन उन्हें ग्रहण करने हेतु दे दिया।
(ख) ‘कर चले हम फिदा’ कविता के माध्यम से देशवासियों से क्या अपेक्षा की गई है? अपने शब्दों में उत्तर दीजिए।
उत्तर :
कर चले हम फिदा’ कविता में सैनिकों ने देशवासियों से ये अपेक्षाएँ की हैं कि प्रत्येक देशवासी देश की सुरक्षा को अपना परम कर्त्तव्य समझे, व अपना सर्वस्व न्योछावर कर देश की सेवा समझकर शत्रु देश के मान-सम्मान को क्षति पहुँचाने का प्रयास करे और वे शत्रु का विनाश कर वस्तुतः सैनिक प्रत्येक देशवासी से यह अपेक्षा करता है कि सभी देशवासियों में देश के प्रति त्याग एवं बलिदान की भावना सर्वोपरि होनी चाहिए। दें
(ग) मीराबाई श्रीकृष्ण के रूप सौददर्य पर अत्यंत मोहित है। वह भक्ति में लीन होकर उनके रूप सौददर्य का वर्णन करती हुई गली-गली घूमती रहती है। मीरा के अनुसार श्रीकृष्ण के रूप सौदर्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर :
मीराबाई, श्रीकृष्ण के रूप सौन्दर्य पर अत्यन्त मोहित है। मीराबाई ने श्रीकृष्ण के रूप सौन्दर्य का अलौकिक वर्णन करते हुए बताया है कि उनके माथे पर मोर के पंखों से बना सुंदर मुकुट शोभायमान हो रहा है। उनके गले में वन-फूलों से बनी हुई माला सुशोभित हो रही है। वे पीले वस्त्र पहनकर मुरली बजाते हुए वृन्दावन में गाय चरा रहे हैं।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3×2=6)
(क) “अगली कक्षा में जाने के विचार से बत्ते उत्साहित भी होते थे और उदास भी।” इसमें निहित अर्थ को ‘सपनों के-से दिन’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘सपनों के से दिन’ पाठ के आधार पर अगली कक्षा में जाने के विचार से बच्चे उत्साहित भी होते थे और उदास भी। इसका कारण अगली कक्षा में जाने पर नई किताब – कॉपियों की प्राप्ति होती है। बच्चे नई किताब – कॉपियों से खुश हो जाते हैं। नई किताबों में उन्हें नवीन ताजगी का अहसास होता है। लेखक के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, जिस कारण नई पुस्तकों को खरीदना संभव नहीं था। लेखक को अगली कक्षा में जाने पर नई कॉपियों के साथ पुरानी किताबें भी मिलती थीं, जिस कारण लेखक का बालमन पुरानी किताबों की विशेष गन्ध से उदास हो जाता था।
(ख) हरिहर काका, जो एक वृद्ध व्यक्ति हैं, परिवार का प्यार और अपनापन पाने की चाह रखते हैं, जो उनको नहीं मिल पाता, क्योंकि परिवार के सभी सदस्य स्वार्थ के वशीभूत हो गए हैं। कोई भी निस्वार्थ भाव से उनकी सेवा करना नहीं चाहता। ‘हरिहर काका’ पाठ के आधार पर बताइए कि वर्तमान में ग्रामीण जीवन में ही नहीं, बत्कि शाहरी जीवन में भी यह किस प्रकार घटित हो रहा है?
उत्तर :
हरिहर काका’ पाठ के आधार पर वर्तमान में ग्रामीण जीवन में ही नहीं, बल्कि शहरी जीवन के प्रति ‘हरिहर काका’ नामक कहानी घटित हो रही है। इस कहानी को लिखने का उद्देश्य सगे (अपने) व पराए लोगों के प्रति सावधानी बरतना है। लेखक ने इस कहानी के माध्यम से इस बात पर बल दिया है कि सभी प्रकार के सम्बन्ध, रिश्ते केवल स्वार्थ पर ही आधारित होते हैं। यही नहीं सगे-सम्बन्धी तो दूर की बात है, साधु-सन्त भी इस बुराई से अछूते नहीं हैं और वे भी स्वार्थ की पूर्ति के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं।
ऐसे में व्यक्ति को स्वयं समझदारी दिखानी चाहिए और किसी भी रिश्ते की बजाए खुद पर भरोसा करना चाहिए। लोग अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए कुछ भी करने को तैयार होते हैं। उनके आपसी रिश्ते भी स्वार्थ पर आधारित हैं। यहाँ तक कि धार्मिक व सामाजिक संस्थाएँ भी, जो लोगों के कल्याण की बातें करती हैं। इस स्वार्थ से अछूती नहीं रही हैं। धन प्राप्त करने की चाहत लोगों के रिश्ते-नातों में कभी न भर पाने वाली दरार डाल देती है।
(ग) “टोपी और इप़फन की दादी अलग-अलग मजहब और जाति के थे, पर एक अनजान अटूट रिश्ले से दैधे थे तथा टोपी और इफ़फ़न अपनी दादी के बदलने की बाते किया करते थे।” कथन के आलोक में अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
टोपी को इफ्फन की दादी से अत्यधिक प्रेम मिला था। टोपी को उनके पास रहना अच्छा लगता था। दादी की भाषा, भोलापन उसे अच्छा लगता था। टोपी को अपनी दादी से नफरत थी। उसकी दादी अपने आपको अच्छे रूप में पेश करने के लिए टोपी की भाषा को गँवारों की बोली कहती तथा तमाम अवसरों पर टोपी की उपेक्षा करती रहती।
टोपी ने दादी का असली रूप इफ्फन की दादी में देखा था। इसलिए उसने इफ्फान के सामने दादी बदलने की बात कही। यह बच्चों के भोलेपन का सुन्दर नमूना है तथा प्रेम की चाहत का स्वाभाविक चित्रण भी। इससे बालमन की विशेषता का पता चलता है कि बच्चों का मन अत्यन्त भोला व निश्छल होता है। बालमन को केवल हृदय की सच्ची भावनाओं और प्यार के बन्धनों से बाँधा जा सकता है। वह भाषा, जाति, धर्म एवं आयु के बन्धन से परे होता है।
लेखन
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए। (5x 1=5)
(क) गया समय फिर हाथ नहीं आता
संकेत बिंदु –
- समय ही जीवन है
- दुरुपयोग से हानि
- समय कां सदुपयोग
- उपसंहार
उत्तर :
गया समय फिर हाथ नहीं आता
महापुरुषों ने कहा है, “समय बहुत मूल्यवान है। एक बार निकल जाने पर यह कभी वापस नहीं आता।” वास्तव में, समय ही जीवन है। इसकी गति को रोकना असंभव है। संसार में अनेक उदाहरण हैं, जो समय की महत्ता को प्रमाणित करते हैं। जिसने समय के मूल्य को नहीं पहचाना, वह हमेशा पछताया है। इसके महत्त्व को पहचानकर इसका सदुपयोग करने वाले व्यक्तियों ने अपने जीवन में लगातार सफलता प्राप्त की। जो व्यक्ति समय मिलने पर भी अपने जीवन में कुछ नहीं कर पाते, वे जीवन में असफल रहते हैं।
जो विद्यार्थी पूरे वर्ष पढ़ाई नहीं करते, वे फेल होने पर पछताते हैं। तब यह उक्ति कि ‘अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत’ चरितार्थ होती है। विद्यार्थी को समय का मूल्य पहचानते हुए हर पल का सदुपयोग करना चाहिए, क्योंकि जो समय को नष्ट करता है, एक दिन समय उसे नष्ट कर देता है। महान् पुरुषों ने समय का सदुपयोग किया और अपने जीवन में सफल हुए। स्वामी दयानंद, महात्मा गाँधी, जवाहरलाल नेहरू, मदर टेरेसा आदि इसके ज्वलंत प्रमाण हैं। अतः हमें समय की महत्ता को समझते हुए इसका सदुपयोग करना चाहिए।
(ख) मेरे सपनों का भारत
संकेत बिंदु
- भारत की प्राचीनतम संस्कृति
- गौरवशाली अतीत
- धार्मिक, सामाजिक व सांस्कृतिक एकता का भाव
- उपसंहार
उत्तर :
मेरे सपनों का भारत
भारत देश मुझे अपने प्राणों से भी अधिक प्रिय है। मुझे अपने भारतीय होने पर गर्व का अनुभव होता है। मेरा देश संसार के सभी देशों से निराला है और संसार के सब देशों से प्यारा है। मैं भारत को विश्व के शक्तिशाली देश के रूप में देखना चाहता हूँ। मैं ऐसे भारत का सपना देखता हूँ, जो भ्रष्टाचार, शोषण और हिंसा से मुक्त हो। मेरे सपनों का भारत ‘सुशिक्षित भारत’ है।
उसमें अनपढ़ता, निरक्षरता और बेरोज़गारी का कोई स्थान नहीं है। मैं चाहता हूँ कि हमारे देश के नियोजक ऐसी शिक्षा लागू करें, जिसके बाद व्यवसाय या नौकरियाँ सुरक्षित हों। कोई भी व्यक्ति अशिक्षित न हो और कोई भी शिक्षित बेरोज़गार न हो। मैं चाहता हूँ कि भारत सांप्रदायिक दंगों-झगड़ों से दूर रहे। सबमें आपसी भाईचारा और प्रेम का संबंध हो। राष्ट्रीय एकता का संचार हो। जो सम्मान भारत का प्राचीनकाल में था वही सम्मान मैं पुनः उसे प्राप्त कराना चाहता हूँ।
मैं फिर से रामराज्य की कल्पना करता हूँ, जिसमें सभी लोगों को जीने के समान अवसर प्राप्त हो सकें। भारत एक बार फिर ‘सोने की चिड़िया’ बन जाए। मेरे सपनों का भारत वह होगा, जो राजनीतिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और वैज्ञानिक आदि विभिन्न दृष्टियों से उन्नति के पथ पर अग्रसर होगा। भावी भारत के सपनों की पूर्णता के लिए आवश्यक है कि हमारे देश का प्रत्येक नागरिक देश की प्रत्येक कुरीति को समूल नष्ट करने का दृढ़ संकल्प करें।
(ग) शहरों में यातायात समस्या
संकेत बिंदु –
- यातायात के विभिन्न साधन
- थ्री-ह्बीलर द्वारा होने वाली असुविधाएँ
- बस सेवा और नागरिकों को होने वाली असुविधाएँ
- यातायात समस्या के निदान हेतु समाधान
उत्तर :
शहरों में यातायात समस्या
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। नए-नए संबंध स्थापित करना, देशाटन पर जाना, नवीनतम की खोज करना आदि की प्रवृत्ति उसमें सदैव से ही रही है। उसकी इन्हीं इच्छाओं व आकांक्षाओं ने विश्व में असंभव लगने वाले अनेक कार्यों को सम्भव कर दिखाया है। यातायात के नवीनतम साधन किसी आश्चर्य से कम नहीं हैं, जिनके माध्यम से आज मनुष्य महीनों तथा वर्षों में तय की जाने वाली दूरी को कुछ ही घंटों में या दिनों में पूरा कर लेता है।
हमारे देश में शहरों की आबादी बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है, लेकिन शहरों की आधारभूत संरचना का विकास उस अनुपात में नहीं हुआ है। जिसकी वजह से आज यातायात एक बड़ी समस्या बनकर उभरा है। वस्तुतः यातायात के साधनों की भीड़ के कारण ही आजकल दुर्घटनाएँ बढ़ती जा रही हैं।
आजकल शहरों से गाँव तक सड़कों पर जाल बिछा है। जिन पर वाहन दौड़ते रहते हैं। इन वाहनों की चपेट में आकर आए दिन बहुत से लोग मारे जाते हैं। आजकल भारत के सभी मध्यवर्गीय परिवारों में एक ही घर में कई-कई वाहनों का प्रयोग किया जाने लगा है। यदि हर परिवार के लोग एक ही स्थान पर जाने के लिए एक ही वाहन का प्रयोग करें, तो कई सड़कों पर यातायात का दबाव कम होगा तथा दुर्धटनाओं की संभावना कम हो जाएगी।
रिक्शा व साइकिल आदि साधन अनेक लोगों के लिए कम रोमांचकारी नहीं हैं। ये यातायात के सबसे सस्ते साधन हैं। इसके अतिरिक्त दुपहिया वाहनों में स्कूटर, मोटरसाइकिल आदि अत्यंत प्रचलित हैं, जो एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने में मनुष्य का कीमती समय व धन की बचत करते हैं। चार पहिए के साधनों में आज विभिन्न मॉडलों व रंगों की कारें उपलब्ध हैं, जिनमें आराम के साथ सुखद सामग्री उपलब्ध होती है।
प्रश्न 15.
डेंगू और मलेरिया के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए चिकित्सालयों में अपर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं की ओर ध्यान आकर्षित करने हेतु राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए। (5×1=5)
अथवा
दैनिक समाचार-पत्र के संपादक के नाम मिलावटी दूध की बिक्री के संबंध में लगभग 80-100 शब्दों में पत्र लिखिए।
उत्तर :
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 10 मई, 20xx
सेवा में,
राज्य स्वास्थ्य मंत्री
दरियांगज दिल्ली।
विषय चिकित्सालयों में अपर्याप्त चिकित्सा सुविधा की ओर ध्यान आकर्षित करने हेतु।
महोदय,
सविनय निवेदन इस प्रकार है कि मैं तुर्कमान गेट के क्षेत्र का निवासी हूँ। इस पत्र के माध्यम से मैं आपका ध्यान अपने क्षेत्र की स्वास्थ्य समस्या की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। हमारे क्षेत्र में डेंगू व मलेरिया के बढ़ते प्रकोप से मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिस कारण अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।
स्वास्थ्य सेवाओं की सख्त कमी है। उचित स्वास्थ्य सुविधाएँ, चिकित्सा व डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों की मृत्यु हो रही है। अतः आपसे निवेदन है कि क्षेत्र के अस्पतालों में उचित चिकित्सीय व्यवस्था की जाए। यदि आपने इस समस्या पर अपना ध्यान आकर्षित किया, तो मैं और मेरे क्षेत्र के निवासी आपके अत्यन्त आभारी रहेंगे।
धन्यवाद।
भवदीय
कादिर शाह
अथवा
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 11 मई, 20xx
सेवा में,
संपादक महोदय
दैनिक समाचार-पत्र
दिल्ली।
विषय मिलावटी दूध की बिक्री के संबंध में।
माननीय महोदय,
मैं आपके सामने एक गंभीर समस्या पर प्रकाश डालना चाहता हूँ। हमारे नगर में मिलावटी दूध की बिक्री की समस्या बढ़ती जा रही है। कल सुबह जब मैं एक प्रतिष्ठित दुकान से दूध खरीदने गई, तो मैंने देखा कि पहले की तुलना में दूध अधिक पतला है। ऐसा करके दुकानदार ग्राहक को पागल बनाता है और उनसे उस दूध का उचित दाम भी लेता है। यह लालची और निर्दयी दुकानकार को केवल अपना हित साधना होता है। मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है कि दिन के व्यस्त समय में कुछ समय निकालकर दूध की दुकानों पर जाकर निरीक्षण करें। इस अच्छे कृत्य के लिए हम सब आपके अत्यन्त आभारी रहेंगे। सधन्यवाद
भवदीय
क.ख.ग.
अजमेरी गेट, दिल्ली।
प्रश्न 16.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 60 शब्दों में सूचना लिखिए। (4×1=4)
विद्यालय की वित्तीय योजनाओं को अंतिम रूप देने के लिए विद्यालय की वित्त समिति की एक बैठक आयोजित होनी है। इस संबंध में प्रधानाध्यापक की ओर से 60 शब्दों में एक सूचना लिखिए।
अथवा
आज मेट्रो विशेष रूट पर नहीं चलेगी, इस विषय पर यात्रियों को सूचित करते हुए 60 शब्दों में सूचना लिखिए।
उत्तर :
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक बाल विद्यालय, सीकर राजस्थान दिनांक 8 मई, 20 xx विद्यालय की वित्त समिति की बैठक का आयोजन सभी वित्त समिति के कर्मठ कर्मचारियों को सूचित किया जाता है कि हमारे विद्यालय में 17 मई, 20xx को वित्तीय योजनाओं को अन्तिम रूप देने के लिए प्रधानाध्यापक की ओर से एक बैठक का आयोजन किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत विद्यालय की वित्तीय योजनाओं को अन्तिम रूप देने के लिए विद्यालय की वित्त समिति की बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें हम सभी वित्तीय योजनाओं के अन्तिम लेखा-जोखा पर बातचीत करेंगे व जिसकी जो भी समस्या होगी, उस पर विचार-विमर्श करेंगे। अतः आपके ज्यादा से ज्यादा सहयोग की अपेक्षा है। |
अथवा
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन दिनांक 8 मई, 20xx मेट्रो रेल सेवा बाधित होने के विषय में सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि सुरक्षा संबंधी कारणों को देखते हुए 12 और 13 मई, 20xx को विधानसभा, सिविल लाइंस, तीस हजारी, कश्मीरी गेट, चाँदनी चौक, चावड़ी बाजार और केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन दोपहर 12:00 बजे से लेकर शाम 6: 00 बजे तक बंद रहेंगे। यात्रियों की असुविधा के लिए खेद है। विकास कुमार |
प्रश्न 17.
एक कोचिंग संस्थान की ओर से लगभग 40 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए। (3×1=3)
अथवा
पहाड़ी क्षेत्र में बनाए अपने होटल के लिए लगभग 40 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर :
प्रश्न 18.
‘आज की बचत कल का सुख’ पंक्ति को आधार बनाकर लगभग 100 शब्दों में एक लघुकथा लिखिए। (5×1=5)
अथवा
आप आलोक शर्मा/साक्षी शर्मा हैं। आपने किसी कंपनी से ऑनलाइन सामान मँगवाया था पर वह खराब निकला। कंपनी को सामान की जानकारी देते हुए सही सामान भेजने हेतु एक ई-मेल लिखिए। (शब्द-सीमा लगभग 100 शब्द)।
उत्तर :