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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 7 with Solutions

January 10, 2025 by Sastry CBSE

Students can access the CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions and marking scheme Term 2 Set 7 will help students in understanding the difficulty level of the exam.

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course B Set 7 with Solutions

समय :3 घंटे
पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश

  1. इस प्रश्न-पत्र में चार खंड हैं – ‘क’, ‘ख’, ‘ग’ और ‘घ’ ।
  2. खंड ‘क’ में अपठित गद्यांश से प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके उत्तर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए दीजिए ।
  3. खंड ‘ख’ में व्यावहारिक व्याकरण से प्रश्न पूछे गए हैं, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
  4. खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक पर आधारित है, निर्देशानुसार उत्तर दीजिए ।
  5. खंड ‘घ’ रचनात्मक लेखन पर आधारित है, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
  6. प्रश्न पत्र में कुल 16 प्रश्न हैं, सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  7. यथासंभव सभी खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए ।

खंड ‘क’ (अपठित बोध) (14 अंक)

इस खंड में अपठित गद्यांश से संबंधित तीन बहुविकल्पीय (1 × 3 = 3) और दो अतिलघूत्तरात्मक व लघूत्तरात्मक (2 × 2 = 4) प्रश्न दिए गए हैं।

प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए । (7)

आज कुछ छात्र अपने पैरों पर स्वयं कुल्हाड़ी चला रहे हैं। अपने पैरों पर कुल्हाड़ी चलाने से तात्पर्य उन छात्रों से है, जो अपना समय, अपने माता-पिता का पैसा और ज्ञान प्राप्त करने का स्वर्णिम अवसर खो रहे हैं। ऐसे छात्र जो समय, धन और अवसर, तीनों चीज़ों से हाथ धो रहे हैं। वस्तुत: वे अपने जीवन में दु:खी रहने का ही प्रबंध कर रहे हैं, क्योंकि इन तीनों चीज़ों का सदुपयोग ही मनुष्य को सुख प्रदान करता है। आप जिस कार्य को पूरी ईमानदारी तथा लगन से करना प्रारंभ करते हैं, उसमें आपको छोटी या बड़ी सफलता अवश्य मिलती है और जब सफलता मिलनी प्रारंभ होती तो रुचि बढ़ने लगती है, लेकिन जब हम किसी कार्य को बिना मन के भाव से करते हैं, तो हमें असफलता का ही सामना करना पड़ता है, जिससे अरुचि उत्पन्न होती है।

किसी भी छात्र से यह उम्मीद की जाती है कि वह अपने तन, मन और बुद्धि को श्रेष्ठ बनाए और इसके लिए आवश्यक है कि उसकी अध्ययन तथा खेल दोनों में ही रुचि हो, लेकिन जिन विद्यार्थियों की अध्ययन तथा खेल दोनों में ही अरुचि है, वे अपने पैरों पर कुल्हाड़ी ही चला रहे हैं। खेल या अध्ययन किसी में भी रुचि न होना विद्यार्थी के उदासीन पक्ष को उजागर करता है। जीवन में इस प्रकार का व्यवहार रखकर आगे नहीं बढ़ा जा सकता, इसलिए विद्यार्थी को चाहिए कि वह अपनी रुचियों को विकसित करे और जीवन में आगे बढ़े।

(क) अपने पैरों पर कुल्हाड़ी चलाने से लेखक का आशय (1)
(i) उन छात्रों से है, जो अपना समय बर्बाद करते हैं।
(ii) उन छात्रों से है, जो अपने माता-पिता का पैसा बर्बाद करते हैं।
(iii) उन छात्रों से है, जो ज्ञान प्राप्त करने का स्वर्णिम अवसर खो रहे हैं।
(iv) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(iv) उपर्युक्त सभी प्रस्तुत गद्यांश के आधार पर अपने पैरों पर कुल्हाड़ी चलाने से लेखक का आशय उन छात्रों से है, जो अपना समय, अपने माता-पिता का पैसा और ज्ञान प्राप्त करने का स्वर्णिम अवसर खो रहे हैं। ऐसे छात्र जो समय, धन और अवसर इन तीनों उपयोगिताओं से हाथ धो रहे हैं।

(ख) कथन (A) प्रत्येक छात्र के लिए समय, धन और अवसर का सदुपयोग करना अनिवार्य है।
कारण (R) इसी से वह अपने जीवन में सुख व सफलता की प्राप्ति कर सकता है।
कूट
(i) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(iii) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है ।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।
उत्तर:
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है। प्रत्येक छात्र के लिए समय, धन और अवसर का सदुपयोग करना अनिवार्य है। इसी से वह अपने जीवन में सुख व सफलता की प्राप्ति कर सकता है। ऐसे छात्र जो समय, धन और अवसर तीनों चीजों से हाथ धो रहे हैं। वस्तुतः वे अपने जीवन में दुःखी रहने का ही प्रबंध कर रहे हैं, क्योंकि इन तीनों चीजों का सदुपयोग ही मनुष्य को सुख प्रदान करता है।

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 7 with Solutions

(ग) लेखक के अनुसार, किसी कार्य के प्रति हमारी रुचि का विकास कब होने लगता है? (1)
(i) जब कार्य करने के विषय में सोचते हैं
(ii) जब सफलता मिलनी प्रारंभ होती है
(iii) जब अन्य को असफलता मिलती है
(iv) जब असफलता हाथ लगती है।
उत्तर:
(ii) जब सफलता मिलनी प्रारंभ होती है लेखक के अनुसार, किसी कार्य के प्रति हमारी रुचि का विकास तब होता है, जब सफलता मिलनी प्रारंभ होती है जब आप किसी कार्य को पूरी ईमानदारी तथा लगन से करना प्रारंभ करते हैं, तो उसमें आपको छोटी या बड़ी सफलता अवश्य मिलती है और जब सफलता मिलनी प्रारंभ होती है, तो रुचि बढ़ने लगती है।

(घ) गद्यांश के आधार पर बताइए कि किसी भी छात्र से क्या अपेक्षा की जाती है? (2)
उत्तर:
गद्यांश के आधार पर किसी भी छात्र से अपेक्षा की जाती है कि वह अपने तन, मन और बुद्धि को श्रेष्ठ बनाए और इसके लिए आवश्यक है कि उसकी अध्ययन तथा खेल दोनों में ही रुचि हो ।

(ङ) विद्यार्थियों की अध्ययन तथा खेल दोनों में ही अरुचि का क्या परिणाम होता है? (2)
उत्तर:
विद्यार्थियों की अध्ययन तथा खेल दोनों में ही अरुचि होने से उनका उदासीन पक्ष उजागर होता है। जिन विद्यार्थियों की अध्ययन तथा खेल दोनों में ही अरुचि है, वे अपने पैरों पर कुल्हाड़ी ही चला रहे हैं।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए । (7)

इलेक्ट्रॉनिक क्रांति ने हमारे जीवन को सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण कर दिया है। विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक आविष्कारों के माध्यम से संचार-तंत्र को विस्तार एवं व्यावसायिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलने के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं। कंप्यूटर, रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर, सेलुलर फोन, वॉशिंग मशीन, कैमरा आदि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण ने मानव सभ्यता को नया आयाम दिया है, पर आज बड़ी संख्या में खराब होने वाली इन्हीं इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के अंबार ने ई-कचरे के रूप में एक नई पर्यावरणीय समस्या को जन्म दिया है।

ई-कचरे से तात्पर्य उन बेकार पड़े इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से है, जो अपने मूल उपयोग के उद्देश्य के लिए उपयुक्त नहीं रह जाते। ई-कचरे को ई-अपशिष्ट भी कहा जाता है। काफी मात्रा में भारी धातुएँ एवं अन्य प्रदूषित पदार्थों के विद्यमान रहने के कारण ई- अपशिष्ट के रूप में बेकार पड़े इलेक्ट्रॉनिक उपकरण अन्य व्यर्थ घरेलू उपकरणों की अपेक्षा मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के लिए कहीं अधिक नुकसानदेह होते हैं।

इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं में उपयोग आने वाले अधिकतर अवयवों में बायोडिग्रेडेबल होने की विशेषता नहीं पाई जाती है और न ही इनमें मिट्टी में घुल-मिल जाने का गुण होता है। भारत सहित अन्य एशियाई देशों में पश्चिमी देशों की तुलना में ई-कचरे के निस्तारण में काफी कम खर्च आता है। भारत में ई-कचरे का निपटान प्रायः अनौपचारिक पुनर्चक्रण केंद्रों में होता है, जहाँ पुन: उपयोग हेतु इन्हें अलग-अलग किया जाता है, फिर मूल्यवान धातुओं को चुनकर साफ करने के पश्चात् इन्हें अकुशल व विषाक्त उत्पाद व्यवस्था में नष्ट करने की प्रक्रिया से गुजारते हैं। ई-कचरे की समस्या को कम करने एवं इसके दुष्प्रभाव से बचने हेतु ग्रीन पीसी की अवधारणा पर बल दिया जाना चाहिए। ऐसे उत्पादित कंप्यूटरों में बिजली खपत कम होगी, साथ ही ये पर्यावरण को उतना नुकसान भी नहीं करते। देश में ई-कचरे को कम करने के लिए कानून बनाने की आवश्यकता है। यदि सरकार और जनता दोनों जागरूक हो जाएँ, तो भविष्य में ई-कचरे की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

(क) गद्यांश के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं में कौन-सा गुण नहीं होता है?
(i) मनोरंजन का
(ii) मिट्टी में घुल जाने का
(iii) सुख-सुविधाएँ प्रदान करने का
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ii) मिट्टी में घुल जाने का गद्यांश के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं में मिट्टी में घुल जाने का गुण नहीं होता है। इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं में उपयोग में आने वाले अधिकतर अवयवों में बायोडिग्रेडेबल होने की विशेषता नहीं पाई जाती है और न ही इसमें मिट्टी में घुल-मिल जाने का गुण होता है।

(ख) गद्यांश के आधार पर बताइए कि ‘ई-कचरे को कम करने के लिए क्या आवश्यक है ?
(i) इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की कम खपत
(ii) कानून निर्माण
(iii) जैविकीकरण
(iv) पुनर्चक्रण केंद्रों की संख्या बढ़ाना
उत्तर:
(iv) पुनर्चक्रण केंद्रों की संख्या बढ़ाना गद्यांश के आधार पर ‘ई कचरे’ को कम करने के लिए पुनर्चक्रण केंद्रों की संख्या बढ़ाना आवश्यक है। भारत में ई-कचरे का निपटान प्रायः अनौपचारिक पुनर्चक्रण केंद्रों में होता है, जहाँ पुन: उपयोग हेतु इन्हें अलग-अलग किया जाता है। देश में ई-कचरे को कम करने के लिए कानून बनाने की आवश्यकता है।

(ग) कथन ई-कचरे में भारी धातुएँ और अन्य प्रदूषित पदार्थ शामिल होते हैं।
निष्कर्ष ई-कचरा मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए बहुत हानिकारक होता है। (1)
(i) कथन सही है, लेकिन निष्कर्ष गलत है।
(ii) कथन और निष्कर्ष दोनों सही हैं।
(iii) कथन और निष्कर्ष दोनों गलत हैं।
(iv) कथन गलत है, लेकिन निष्कर्ष सही है।
उत्तर:
(ii) कथन और निष्कर्ष दोनों सही हैं गद्यांश के अनुसार ई-कचरे में भारी धातुएँ और अन्य प्रदूषित पदार्थ होते है, जो मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए हानिकारक होते हैं।

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 7 with Solutions

(घ) हमारे देश में ई-कचरे का निपटान कहाँ क्रिया जाता है?
उत्तर:
हमारे देश में ई-कचरे का निपटान अनौपचारिक पुनर्चक्रण केंद्रों में किया जाता है। जहाँ पुनः उपयोग हेतु इन्हें अलग-अलग किया जाता है, फिर मूल्यवान धातुओं को चुनकर साफ करने के पश्चात् इन्हें अकुशल व विषाक्त उत्पाद व्यवस्था में नष्ट करने की प्रक्रिया से गुजारते हैं।

(ङ) ‘ई-कचरे के दुष्प्रभाव से बचाव हेतु किसकी अवधारणा पर बल दिया जाना चाहिए?
उत्तर:
‘ई-कचरे’ की समस्या को कम करने एवं ई-कचरे के दुष्प्रभाव से बचाव हेतु ग्रीन पीसी की अवधारणा पर बल दिया जाना चाहिए। ऐसे उत्पादित कंप्यूटरों में बिजली खपत कम होगी, साथ ही ये पर्यावरण को नुकसान भी नहीं पहुँचाते।

खंड ‘ख’ (व्यावहारिक व्याकरण) (16 अंक)

व्याकरण के लिए निर्धारित विषयों पर अतिलघूत्तरात्मक एवं लघूत्तरात्मक 20 प्रश्न दिए गए हैं, जिनमें से केवल 16 प्रश्नों (1 × 16 = 16) के उत्तर देने हैं।

प्रश्न 3.
निर्देशानुसार पदबंध पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए । (1 × 4 = 4)

(क) ‘दुःशासन ने भरी सभा में द्रौपदी का चीर हरण करने का प्रयास किया था।’ रेखांकित पदबंध का भेद बताइए । (1)
उत्तर:
रेखांकित पदबंध ‘प्रयास किया था’ में क्रिया पदबंध है।

(ख) ‘माँ सरस्वती उदार मनुष्य का गुणगान करती है।’ इस वाक्य में विशेषण पदबंध कौन-सा है? (1)
उत्तर:
प्रस्तुत वाक्य में ‘उदार’ विशेषण पदबंध है।

(ग) ‘शिल्पकार शैलेंद्र ने तीसरी कसम फिल्म में अपने जीवन का सर्वश्रेष्ठ अभिनय किया था । ‘वाक्य में क्रिया-विशेषण पदबंध को रेखांकित कीजिए ।
उत्तर:
शिल्पकार शैलेंद्र ने तीसरी क़सम फिल्म में अपने जीवन का सर्वश्रेष्ठ अभिनय किया था।

(घ) ‘बड़े भाई साहब बहुत दुःखी थे । ‘रेखांकित पदबंध का भेद बताइए।
उत्तर:
रेखांकित पदबंध ‘बड़े भाई साहब’ में संज्ञा पदबंध है।

(ङ) वह लड़का अच्छा लिखता है। वाक्य में सर्वनाम पदबंध को रेखांकित कीजिए । (1)
उत्तर:
वह लड़का अच्छा लिखता है।

प्रश्न 4.
निर्देशानुसार वाक्य रूपांतरण पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए | (1 × 4 = 4)

(क) ‘बृजलाल गोयनका वंदे मातरम् बोलते हुए मोनुमेंट की ओर भागे।’ वाक्य को संयुक्त वाक्य में परिवर्तित कीजिए। (1)
उत्तर:
बृजलाल गोयनका ने वंदे मातरम् बोला और मोनुमेंट की ओर भागे।

(ख) जैसा आप लिखते हैं वैसा कोई ओर नहीं लिखता । प्रस्तुत वाक्य को सरल वाक्य में रूपांतरित कीजिए ।
उत्तर:
आपके जैसा कोई और नहीं लिखता ।

(ग) ‘जीवन में पहली बार मैं इस तरह विचलित हुआ हूँ ।’ प्रस्तुत वाक्य को मिश्रित वाक्य में रूपांतरित कीजिए ।
उत्तर:
जीवन में पहली बार ऐसा हुआ कि मैं इस तरह विचलित हुआ हूँ।

(घ) ‘राजकपूर एक अच्छे और सच्चे मित्र थे ।’ रचना के आधार पर प्रस्तुत वाक्य को संयुक्त वाक्य में रूपांतरित कीजिए।
उत्तर:
राजकपूर एक अच्छे मित्र थे और वे सच्चे मित्र थे।

(ङ) ‘वह घायल था फिर भी खेलता रहा। प्रस्तुत वाक्य को सरल वाक्य में रूपांतरित कीजिए ।
उत्तर:
वह घायल होने पर भी खेलता रहा ।

प्रश्न 5.
निर्देशानुसार समास पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए । (1 × 4 = 4)

(क) ‘मृगलोचन’ शब्द में कौन-सा समास है?
उत्तर:
‘मृगलोचन’ शब्द में कर्मधारय समास है ।

(ख) ‘जीवन साथी’ शब्द का सही समास विग्रह कीजिए तथा इसमें कौन-सा समास प्रयुक्त है ? बताइए ।
उत्तर:
‘जीवन साथी’ शब्द का सही समास विग्रह ‘जीवन का साथी’ है तथा इसमें तत्पुरुष समास प्रयुक्त है।

(ग) ‘जन्मांध’ शब्द का सही समास विग्रह कीजिए तथा प्रयुक्त समास बताइए ।
उत्तर:
जन्मांध शब्द का समास विग्रह ‘जन्म से अंधा है’ तथा इसमें तत्पुरुष समास प्रयुक्त है।

(घ) ‘सात दिनों का समाहार’ विग्रह वाक्य का समस्त पद क्या होगा?
उत्तर:
‘सात दिनों का समाहार’ विग्रह वाक्य का समस्त पद ‘सप्ताह’ होगा।

(ङ) ‘यथाविधि’ में कौन-सा समास प्रयुक्त है?
उत्तर:
‘यथाविधि’ में अव्ययीभाव समास प्रयुक्त है।

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 7 with Solutions

प्रश्न 6.
निर्देशानुसार मुहावरों पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए । (1 × 4 = 4)

(क) तुम या तो सी. ए की पढ़ाई कर लो या अकाउंटेंट की नौकरी कर लो, …….. “अच्छा/ नहीं हैं दोनों कार्यों में असफल हो जाओगे । (1)
(उपर्युक्त मुहावरे द्वारा रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए |)
उत्तर:
दो नावों पर सवार होना ।

(ख) रिक्त स्थान की पूर्ति के लिए सही मुहावरे का प्रयोग कीजिए । (1)
आई. ए. एस. की परीक्षा पास करना ……… के समान है।
उत्तर:
आई. ए. एस. की परीक्षा पास करना ‘लोहे के चने चबाने’ के समान है।

(ग) “उसने बिना सोचे-समझे ऐरा गैरा नत्थू खैरा की तरह काम किया, जिससे सबको परेशानी हुई। ” पंक्ति से मुहावरा चुनकर वाक्य में प्रयोग कीजिए ।
उत्तर:
‘ऐरा – गैरा नत्थू खैरा’
वाक्य प्रयोग विद्वानों की सभा में तुम जैसे ऐरे गैरे नत्थू खैरे का कोई काम नहीं है।

(घ) ‘धज्जियाँ उड़ाना’ मुहावरे का अर्थ बताकर उसका वाक्य में प्रयोग कीजिए ।
उत्तर:
‘धज्जियाँ उड़ाना’ मुहावरे का अर्थ ‘बुरी तरह परास्त करना’ है। वाक्य प्रयोग आज मुकुल ने अपने विरोधियों की धज्जियाँ उड़ा दीं।

(ङ) ‘प्राणों की परवाह नहीं करना’ के लिए उपयुक्त मुहावरा लिखिए ।
उत्तर:
‘प्राणों की परवाह नहीं करना’ के लिए उपयुक्त मुहावरा ‘जान हथेली पर रखना’ है।

खंड ‘ग’ (पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक) (28 अंक)

इस खंड में पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक से प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।.

प्रश्न 7.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए | (1 × 5 = 5)

इस तरह अंग्रेज़ी पढ़ोगे, तो जिंदगी-भर पढ़ते रहोगे और एक हर्फ़ न आएगा। अंग्रेज़ी पढ़ना कोई हँसी-खेल नहीं है कि जो चाहे, पढ़ ले, नहीं ऐरा – गैरा नत्थू खैरा सभी अंग्रेजी के विद्वान हो जाते। यहाँ रात-दिन आँखें फोड़नी पड़ती हैं और खून जलाना पड़ता है, तब कहीं यह विद्या आती है और आती क्या है, हाँ कहने को आ जाती है। बड़े-बड़े विद्वान भी शुद्ध अंग्रेज़ी नहीं लिख सकते, बोलना तो दूर रहा और मैं कहता हूँ, तुम कितने घोंघा हो कि मुझे देखकर भी सबक नहीं लेते।

मैं कितनी मेहनत करता हूँ, यह तुम अपनी आँखों से देखते हो, अगर नहीं देखते, तो यह तुम्हारी आँखों का कसूर है, तुम्हारी बुद्धि का कुसूर है। इतने मेले-तमाशे होते हैं, मुझे तुमने कभी देखने जाते देखा है? रोज ही क्रिकेट और हॉकी मैच होते हैं। मैं पास नहीं भटकता। हमेशा पढ़ता रहता हूँ। उस पर भी एक-एक दरजे में दो-दो, तीन-तीन साल पड़ा रहता हूँ, फिर भी तुम कैसे आशा करते हो कि तुम यों खेलकूद में वक्त गँवाकर पास हो जाओगे? मुझे तो दो-तीन साल ही लगते हैं, तुम उम्र भर इसी दरजे में पड़े सड़ते रहोगे ? अगर तुम्हें इस तरह उम्र गँवानी है, तो बेहतर है, घर चले जाओ और मजे से गुल्ली-डंडा खेलो। दादा की गाढ़ी कमाई के रुपये क्यों बर्बाद करते हो?”

(क) ‘तुम कितने घोंघा हो कि मुझे देखकर भी सबक नहीं लेते’ पंक्ति में ‘घोंघा’ से क्या अभिप्राय है? (1)
(i) मूर्ख
(ii) समुद्री जीव
(iii) जंगली जीव
(iv) सिद्धांतवादी
उत्तर:
(i) मूर्ख ‘तुम कितने घोंघा हो कि मुझे देखकर भी सबक नहीं लेते’ इस पंक्ति में घोंघा से अभिप्राय मूर्ख से है। बड़े भाई साहब ने लेखक को पूरी उम्र एक ही कक्षा में पड़े रहने का भय इसलिए दिखाया, क्योंकि वे अज्ञान और अयोग्यता के कारण स्वयं पढ़ाई से डरे हुए थे। उन्हें लगता था कि इतना पढ़ने के बाद भी जब मैं बार-बार फेल हो जाता हूँ, तो शायद छोटे भाई के लिए पढ़ाई करना तो और भी कठिन हो जाएगा।

(ख) कथन (A) अंग्रेजी पढ़ना व लिखना प्रत्येक विद्वान को नहीं आता है। (1)
कारण (R) इसे सीखने के लिए खून जलाना नहीं पड़ता है।
कूट
(i) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ii) कथन (A) सही है, लेकिन कारण (R) गलत है।
(iii) कंथन (A) गलत है, लेकिन कारण (R) सही है।
(iv) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं।
उत्तर:
(ii) कथन (A) सही है, लेकिन कारण (R) गलत है। बड़े भाईसाहब का मत था कि पढ़ाई-लिखाई आसान कार्य नहीं है, क्योंकि अंग्रेजी को तो वह सर्वाधिक कठिन विषय मानते थे। वह कहते थे कि अंग्रेजी सीखने के लिए खून जलाना पड़ता है अर्थात् कठिन परिश्रम करना पड़ता है। वह लेखक से कहते थे कि यदि वह इसी तरह खेलकूद में समय व्यतीत करता रहा, तो वह पूरी जिंदगी भी कभी उत्तीर्ण नहीं हो पाएगा।

(ग) “बड़े भाई साहब बहुत मेहनत करते हैं, हमेशा पढ़ते रहते हैं, कभी मेले-तमाशे देखने नहीं जाते हैं व कभी खेलते भी नहीं हैं।” कथन के माध्यम से ज्ञात होता है कि बड़े भाई साहब
(i) खेलकूद को व्यर्थ समझते हैं
(ii) पाठ को समझे बिना व अर्थ जाने बिना रटते रहते हैं
(iii) व्यावहारिक ज्ञान को महत्त्वपूर्ण नहीं समझते
(iv) ये सभी
उत्तर:
(iv) ये सभी प्रस्तुत कथन के माध्यम से ज्ञात होता है कि लेखक ने समूची शिक्षा के जिन तौर-तरीकों पर व्यंग्य किया है, उनमें सर्वाधिक प्रमुख है रटकर पढ़ाई करना। इसका साक्षात प्रमाण है बड़े भाई, जो दिन-रात पुस्तक के एक-एक शब्द को रटते रहते हैं और उनका अर्थ जानने की कोशिश नहीं करते। इसके अतिरिक्त खेलकूद को भी व्यर्थ समझते हैं तथा किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान को महत्त्वपूर्ण नहीं समझते हैं।

(घ) छोटे भाई को घर लौटने का परामर्श दिया जा रहा था, (1)
(i) क्योंकि वह पढ़ने की अपेक्षा खेलकूद में समय बर्बाद करता है।
(ii) क्योंकि उसे खेलना पसंद नहीं है।
(iii) क्योंकि वह मेहनत नहीं करता है ।
(iv) क्योंकि वह बड़े भाई जितना समझदार नहीं है ।
उत्तर:
(i) क्योंकि वह पढ़ने की अपेक्षा खेलकूद में समय बर्बाद करता है। बड़े भाई साहब छोटे भाई को घर लौटने की सलाह देते हुए कहते हैं कि उसे दिन-रात पढ़ना चाहिए और खेलकूद से दूर रहना चाहिए, क्योंकि इससे समय व्यर्थ में नष्ट होता है। यदि मेहनत नहीं करोगे तो उसी दरजे में पड़े रहोगे। ऐसा वह अपने छोटे भाई को सही रास्ते पर लाने के लिए कहते हैं।

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 7 with Solutions

(ङ) बड़े भाई को किस कारण लगता है कि छोटा भाई दादा की सारी कमाई बर्बाद कर रहा है? (1)
(i) खेलकूद में अधिक रुचि होने के कारण
(ii) बड़े भाई को सम्मान न देने के कारण
(iii) स्वयं को अधिक बुद्धिमान समझने के कारण
(iv) अध्यापकों का आदर न करने के कारण
उत्तर:
(i) खेलकूद में अधिक रुचि होने के कारण छोटे भाई की खेलकूद में अधिक रुचि होने के कारण बड़े भाई को लगता है कि छोटा भाई दादा की सारी कमाई बर्बाद कर रहा है।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में दीजिए।

(क) ‘डायरी का एक पन्ना’ पाठ के आधार पर बताइए कि कलकत्ता में मनाए जाने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह में देशभक्तों ने किस प्रकार अपना योगदान दिया? (2)
उत्तर:
‘डायरी का एक पन्ना पाठ में कलकत्ता में मनाए जाने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह में देशवासियों ने 26 जनवरी, 1931 के दिन स्वतंत्रता पाने के लिए आंदोलन किया, जिसमें बहुत से देशवासी पुलिस की लाठी खाकर घायल हुए, बहुतों को पुलिस’ लॉकअप में रखा गया और अनेक स्त्रियाँ जेल भी गईं। उस दिन लोग लाठियाँ खाकर धरती पर गिरते रहे, किंतु अपने लक्ष्य की ओर दृढ़ता से बढ़ते भी रहे। इससे कलकत्ता के नाम पर लगा वह कलंक कुछ हद तक कम हो गया, जिसमें यह कहा जा रहा था कि कलकत्तावासी स्वतंत्रता पाने के लिए कुछ भी कार्य नहीं कर रहे हैं।

(ख) तताँरा -वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से निकोबार में सुखमयी परिवर्तन के रूप में रूदि परंपरा का खंडन हुआ। कैसे? ‘तताँरा-वामीरों’ पाठ के आधार पर बताइए । (2)
उत्तर:
तताँरा और वामीरो की प्रेमकथा एक लोककथा पर आधारित प्रेम कहानी है। जिसमें यह संदेश दिया गया है कि प्रेम को किसी बंधन, सीमा अथवा रीति-रिवाज में नहीं बाँधा जा सकता। यदि कोई जाति, धर्म, क्षेत्र, प्रदेश आदि प्रेम की पवित्र भावना पर पहरे लगाएगा और उसे पनपने का अवसर नहीं देगा, तो इसका परिणाम सुखद नहीं होगा। जो मान्यता व रीति-रिवाज मनुष्य के जीवन को बोझ बना दें, उन्हें समाप्त करना ही मानवता के हित में होता है। सभी गाँव वाले तताँरा-वामीरो के विवाह के विरुद्ध थे, जिसके परिणामस्वरूप तताँरा वामीरो ने अपना जीवन समाप्त कर लिया। उनकी इस त्यागमयी मृत्यु से निकोबार में सुखमयी परिवर्तन के रूप में रूढ़ि परंपरा का खंडन हुआ। अतः कहा जा सकता है कि प्रेम को किसी बंधन, रूढ़ियों व सीमा में नहीं बाँधा जा सकता, बल्कि प्रेम वह साधन है, जिसके माध्यम से लोगों को आपस में जोड़ा जा सकता है।

(ग) ‘तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र पाठ के माध्यम से हमने जाना कि व्यथा आदमी को पराजित नहीं करती, उसे आगे बढ़ने का संदेश देती है। इस पाठ से प्राप्त सीख का वर्णन कीजिए। (2)
उत्तर:
‘तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र’ पाठ से हमें यह सीख मिलती है कि हमारी जिंदगी में दुःख तकलीफें तो आती ही रहती हैं, परंतु हमें उन दुःखों से हार नहीं माननी चाहिए। जीवन की कठिनाइयों का साहस के साथ सामना करके उन पर काबू पाना चाहिए। यदि व्यथा या करुणा को सकारात्मक ढंग से प्रस्तुत किया जाए, तो वह मनुष्य को परास्त या निराश नहीं करती। वह मनुष्य को आगे ही आगे कुछ कर गुजरने की प्रेरणा देती है। शैलेंद्र के गीतों से हमें यह सीख मिलती है कि हमें दुःख की घड़ी में भी निराशा का दामन छोड़कर आशावादी बनना चाहिए और निरंतर आगे बढ़ना चाहिए।

(घ) शुद्ध आदर्श की तुलना सोने से और व्यावहारिकता की तुलना ताँबे से क्यों की गई है ? ‘गिन्नी का सोना’ पाठ के आधार पर बताइए | (2)
उत्तर:
शुद्ध सोने का उपयोग आभूषण आदि बनाने में नहीं किया जाता है। गहनों के निर्माण के लिए सोने में थोड़ा ताँबा मिलाना पड़ता है । उसी प्रकार, शुद्ध आदर्श किसी काम का नहीं होता । आदर्श को क्रियान्वित करने के लिए व्यावहारिकता की आवश्यकता होती है। आदर्श के साथ थोड़ी व्यावहारिकता से ही ‘आदर्श’ की स्थापना संभव है।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए | (1 × 5 = 5)

अनंत अंतरिक्ष में अनंत देव हैं खड़े,
समक्ष ही स्वबाहु जो बढ़ा रहे बड़े-बड़े ।
परस्परावलंब से उठो तथा बढ़ो सभी,
अभी अमर्त्य -अंक में अपंक हो चढ़ो सभी ।
रहो न यों कि एक से न काम और का सरे,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे ||

(क) ‘परस्परावलंब’ से क्या अभिप्राय है?
(i) एक दूसरे का सहयोग लेना
(ii) एक-दूसरे से शत्रुता करना
(iii) एक-दूसरे से छल-कपट करना
(iv) दूसरे से स्वार्थ सिद्ध करना
उत्तर:
(i) एक-दूसरे का सहयोग लेना ‘परस्परावलंब’ से अभिप्राय एक-दूसरे के सहयोग से उन ऊँचाइयों को प्राप्त करना है, जहाँ देवता स्वयं तुम्हें अपनी पवित्र गोद में बैठाने के लिए उत्सुक हों।

(ख) अंतरिक्ष में खड़े देव अपनी बाहु को क्यों बढ़ा रहे हैं?
(i) समृद्धि के लिए
(ii) स्वस्थता के लिए
(iii) मार्गदर्शन के लिए
(iv) मदद के लिए
उत्तर:
(iii) मार्गदर्शन के लिए कवि के अनुसार, अंतरिक्ष में खड़े देव अपनी बाहु को मार्गदर्शन के लिए बढ़ा रहे हैं। इस अपरिमित आकाश में असंख्य देवगण विराजमान हैं, जो अपने हाथ बढ़ाकर उदार हृदय, दयालु तथा परोपकारी मनुष्यों के स्वागतार्थ खड़े हैं।

(ग) कवि मनुष्य को किस प्रकार रहने की सलाह देता है?
(i) हिंसा की भावना से
(ii) प्रतिशोध की भावना से
(iii) सहयोग की भावना से
(iv) पराधीनता की भावना से
उत्तर:
(iii) सहयोग की भावना से कवि मनुष्य को सहयोग की भावना से रहने की सलाह देता है। मनुष्य को परोपकारी होना चाहिए। उसको अपने या अपनों के हित चिंतन में संलग्न होना चाहिए। केवल अपने बारे में सोचना पशु-प्रवृत्ति है। मनुष्यों को एक-दूसरे के बारे में भी सोचना चाहिए, यही मनुष्यता है।

(घ) प्रस्तुत पद्यांश के माध्यम से कवि ने क्या संदेश देना चाहा है?
(i) जीवन की सार्थकता स्वार्थ सिद्धि में है
(ii) जीवन की सार्थकता देवों के व्यवहार में है
(iii) जीवन की सार्थकता कुटिल व्यवहार में है
(iv) जीवन की सार्थकता परोपकार में है

(iv) जीवन की सार्थकता परोपकार में है ‘मनुष्यता’ कविता कै माध्यम से कवि बंधुत्व को परिभाषित करते हुए हमें मनुष्यता से आवृत्त गुणों के मार्ग पर चलने की सलाह देते हैं । कवि के अनुसार, जीना या मरना उसी मनुष्य का सार्थक है, जो दूसरों के लिए जीता या मरता है। परोपकार, दयालुता तथा उदारता के गुण जीवन को सार्थक बनाने में सक्षम हैं।

(ङ) कथन (A) मनुष्य का जीवन तभी सार्थक है जब वह दूसरे मनुष्यों के काम आता है।
कारण (R) देवता परोपकारी और दयालु मनुष्यों का स्वागत करते हैं।
(i) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(iv) कथन (A) सही हैं, किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
उत्तर:
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है। कवि के अनुसार, मनुष्य का जीवन तभी सार्थक होता है, जब वह दूसरे मनुष्यों के काम आता है। इस संदर्भ में परस्पर सहयोग और एक दूसरे के कल्याण के लिए कार्य करना जीवन में उत्कृष्टता प्राप्त करने का मार्ग है।

प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में दीजिए । (2 × 3 = 6)

(क) ‘मेखलाकार’ शब्द का क्या अर्थ है ? कवि ने इस शब्द का प्रयोग क्यों किया है? ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ पाठ के आधार पर बताइए। (2)
उत्तर:
‘मेखलाकार’ शब्द का अर्थ मंडलाकार या गोलाकार करधनी के आकार के समान होता है। यह कमर में पहने जाने वाला अलंकार (गहना) है। अतः कवि के अनुसार पर्वत भी मेखलाकार के समान लग रहा था, जैसे इसने पूरी पृथ्वी को अपने घेरे में ले लिया है। कवि ने इस शब्द का प्रयोग पर्वत की विशालता और फैलाव को दर्शाने के लिए किया है।

(ख) ‘कर चले हम फिदा’ कविता के माध्यम से देशवासियों से क्या अपेक्षा की गई है? अपने शब्दों में उत्तर दीजिए । (2)
उत्तर:
‘कर चले हम फिदा’ कविता में सैनिकों ने देशवासियों से ये अपेक्षाएँ की हैं कि प्रत्येक देशवासी देश की सुरक्षा को अपना परम कर्त्तव्य समझे व अपना सर्वस्व न्योछावर कर देश की सेवा समझकर शत्रु देश के मान-सम्मान को क्षति पहुँचाने का प्रयास करे और वे शत्रु का विनाश कर दें। वस्तुतः सैनिक प्रत्येक देशवासी से यह अपेक्षा करता है कि सभी देशवासियों में देश के प्रति त्याग एवं बलिदान की भावना सर्वोपरि होनी चाहिए।

(ग) मीराबाई, श्रीकृष्ण के रूप सौंदर्य पर अत्यंत मोहित हैं। वह भक्ति में लीन होकर उनके रूप सौंदर्य का वर्णन करती हुई। गली-गली घूमती रहती हैं। मीरा के अनुसार श्रीकृष्ण के रूप सौंदर्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए । (2)
उत्तर:
मीराबाई, श्रीकृष्ण के रूप सौंदर्य पर अत्यंत मोहित हैं। मीराबाई ने श्रीकृष्ण के रूप सौंदर्य का अलौकिक वर्णन करते हुए बताया है कि उनके माथे पर मोर के पंखों से बना सुंदर मुकुट शोभायमान हो रहा है। उनके गले में वन फूलों से बनी हुई माला सुशोभित हो रही है। वे पीले वस्त्र पहनकर मुरली बजाते हुए वृंदावन में गाय चरा रहे हैं।

(घ) अपने स्वभाव को निर्मल रखने के लिए कबीर ने क्या उपाय बताया? ‘साखी’ पाठ के आधार पर बताइए । (2)
उत्तर:
अपने स्वभाव को निर्मल रखने के लिए कबीर ने निदंक को अपने पास या निकट रखने का सुझाव दिया है। कवि के अनुसार, निदंक ही हमारा सबसे बड़ा हितैषी है। निदंक व्यक्ति हमारी बुराइयों को दूरकर सद्गुणों को अपनाने में सहायता करता है। निदंक की आलोचना को सुनकर आत्मनिरीक्षण कर शुद्ध व निर्मल आचरण करने में सहायता मिलती है। अतः हमें निदंक को अपने निकट रखना चाहिए, क्योंकि झूठी प्रशंसा कर अपने स्वार्थ को सिद्ध करने वाले तो अनेक मिल जाएँगे, किंतु निंदा करने वाले बहुत कम मिलते हैं।

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प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 40-50 शब्दों में दीजिए । (3 × 2 = 6)

(क) “अगली कक्षा में जाने के विचार से बच्चे उत्साहित भी होते थे और उदास भी ।” इसमें निहित अर्थ को ‘सपनों के से दिन’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए । (3)
उत्तर:
‘सपनों के से दिन’ पाठ के आधार पर अगली कक्षा में जाने के विचार से बच्चे उत्साहित भी होते थे और उदास भी इसका कारण अगली कक्षा में जाने पर नई किताब- कॉपियों की प्राप्ति होती है। बच्चे नई किताब- कॉपियों से खुश हो जाते हैं। नई किताबों में उन्हें नवीन ताजगी का अहसास होता है। लेखक के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, जिस कारण नई पुस्तकों को खरीदना संभव नहीं था। लेखक को अगली कक्षा में जाने पर नई कॉपियों के साथ पुरानी किताबें भी मिलती थीं, जिस कारण लेखक का बालमन पुरानी किताबों की विशेष गंध से उदास हो जाता था।

(ख) हरिहर काका, जो एक वृद्ध व्यक्ति हैं, परिवार का प्यार और अपनापन पाने की चाह रखते हैं, जो उनको नहीं मिल पाता, क्योंकि परिवार के सभी सदस्य स्वार्थ के वशीभूत हो गए हैं। कोई भी निःस्वार्थ भाव से उनकी सेवा करना नहीं चाहता। ‘हरिहर काका’ पाठ के आधार पर बताइए कि वर्तमान में ग्रामीण जीवन में ही नहीं, बल्कि शहरी जीवन में भी यह स्थिति किस प्रकार घटित हो रही है? (3)
उत्तर:
‘हरिहर काका’ पाठ के आधार पर वर्तमान में ग्रामीण जीवन में ही नहीं, बल्कि शहरी जीवन में भी ‘हरिहर काका’ नामक कहानी घटित हो रही है। इस कहानी को लिखने का उद्देश्य सगे (अपने) व पराए लोगों के प्रति सावधानी बरतना है। लेखक ने इस कहानी के माध्यम से इस बात पर बल दिया है कि सभी प्रकार के संबंध, रिश्ते केवल स्वार्थ पर ही आधारित होते हैं। यही नहीं सगे-संबंधी तो दूर की बात है, साधु-संत भी इस बुराई से अछूते नहीं हैं और वे भी स्वार्थ की पूर्ति के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं।

ऐसे में व्यक्ति को स्वयं समझदारी दिखानी चाहिए और किसी भी रिश्ते की बजाए स्वयं पर विश्वास करना चाहिए। लोग अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए कुछ भी करने को तैयार होते हैं। उनके आपसी रिश्ते भी स्वार्थ पर आधारित हैं। यहाँ तक कि धार्मिक व सामाजिक संस्थाएँ भी, जो लोगों के कल्याण की बातें करती हैं। इस स्वार्थ से अछूती नहीं रही हैं। धन प्राप्त करने की चाहत लोगों के रिश्ते-नातों में कभी न भर पाने वाली दरार डाल देती है।

(ग) “टोपी और इफ़्फ़न की दादी अलग-अलग मजहब और जाति के थे, पर एक अनजान अटूट रिश्ते से बँधे थे तथा टोपी और इफ़्फ़न अपनी दादी के बदलने की बातें किया करते थे।” कथन के आलोक में अपने विचार लिखिए ।
उत्तर:
टोपी को इफ़्फ़न की दादी से अत्यधिक प्रेम मिला था। टोपी को उनके पास रहना अच्छा लगता था। दादी की भाषा, भोलापन उसे अच्छा लगता था। टोपी को अपनी दादी से नफरत थी। उसकी दादी अपने आपको अच्छे रूप में पेश करने के लिए टोपी की भाषा को गँवारों की बोली कहती तथा तमाम अवसरों पर टोपी की उपेक्षा करती रहती। टोपी ने दादी का असली रूप इफ़्फ़न की दादी में देखा था। इसलिए उसने इफ़्फ़न के सामने दादी बदलने की बात कही। यह बच्चों के भोलेपन का सुंदर नमूना है तथा प्रेम की चाहत का स्वाभाविक चित्रण भी ।

इससे बाल मन की विशेषता का पता चलता है कि बच्चों का मन अत्यंत भोला व निश्छल होता है। बालमन को केवल हृदय की सच्ची भावनाओं और प्यार के बंधनों से बाँधा जा सकता है। वह भाषा, जाति, धर्म एवं आयु के बंधन से परे होता है।

खंड ‘घ’ (रचनात्मक लेखन) (22 अंक)

इस खंड में रचनात्मक लेखन पर आधारित प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।

प्रश्न 12.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 120 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए।

(क) गया समय फिर हाथ नहीं आता (5)
संकेत बिंदु

  • समय ही जीवन है
  • समय का सदुपयोग
  • दुरुपयोग से हानि
  • उपसंहार

उत्तर:
गया समय फिर हाथ नहीं आता
महापुरुषों ने कहा है, “समय बहुत मूल्यवान है। एक बार निकल जाने पर यह कभी वापस नहीं आता।” वास्तव में, समय ही जीवन है। इसकी गति को रोकना असंभव है। संसार में अनेक उदाहरण हैं, जो समय की महत्ता को प्रमाणित करते हैं। जिसने समय के मूल्य को नहीं पहचाना, वह हमेशा पछताया है। इसके महत्त्व को पहचानकर इसका सदुपयोग करने वाले व्यक्तियों ने अपने जीवन में लगातार सफलता प्राप्त की। जो व्यक्ति समय मिलने पर भी अपने जीवन में कुछ नहीं कर पाते, वे जीवन में असफल रहते हैं।

जो विद्यार्थी पूरे वर्ष पढ़ाई नहीं करते, वे फेल होने पर पछताते हैं। तब यह उक्ति कि ‘अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत’ चरितार्थ होती है। विद्यार्थी को समय का मूल्य पहचानते हुए प्रत्येक पल का सदुपयोग करना चाहिए, क्योंकि जो समय को नष्ट करता है, एक दिन समय उसे नष्ट कर देता है। महान पुरुषों ने समय का सदुपयोग किया और अपने जीवन में सफल हुए। स्वामी दयानंद, महात्मा गाँधी, जवाहरलाल नेहरू, मदर टेरेसा आदि इसके ज्वलंत प्रमाण हैं। अतः हमें समय की महत्ता को समझते हुए इसका सदुपयोग करना चाहिए। समय की कीमत समझने के लिए हमें जीवन के प्रत्येक क्षण को महत्त्व देना चाहिए। हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए समय को सही तरीके से उपयोग करना चाहिए। व्यक्ति की सफलता उसके समय के प्रयोग पर निर्भर करती है। यदि हम अपनी और अपने समान राष्ट्र की उन्नति चाहते हैं, तो हमें समय के सदुपयोग की कला सीखनी चाहिए। विशेषकर छात्रों को तो समय का अधिक-से-अधिक सदुपयोग करके अपने जीवन को सफल बनाना चाहिए, क्योंकि गया समय फिर हाथ नहीं आता।

(ख) मेरे सपनों का भारत
संकेत बिंदु

  • भारत के बारे में मेरे विचार
  • सांप्रदायिकता आदि से मुक्त उन्नत भारत की चाह
  • सुखी समृद्ध भारत

उत्तर:
मेरे सपनों का भारत
भारत देश मुझे अपने प्राणों से भी अधिक प्रिय है। मुझे अपने भारतीय होने पर गर्व का अनुभव होता है। मेरा देश संसार के सभी देशों से निराला है और संसार के सब देशों से प्यारा है। मैं भारत को विश्व के शक्तिशाली देश के रूप में देखना चाहता हूँ। मैं ऐसे भारत का सपना देखता हूँ, जो भ्रष्टाचार, शोषण और हिंसा से मुक्त हो। मेरे सपनों का भारत ‘सुशिक्षित भारत’ है ।

उसमें अनपढ़ता, निरक्षरता और बेरोज़गारी का कोई स्थान नहीं है। मैं चाहता हूँ कि हमारे देश के नियोजक ऐसी शिक्षा लागू करें, जिसके बाद व्यवसाय या नौकरियाँ सुरक्षित हों। कोई भी व्यक्ति अशिक्षित न हो और कोई भी शिक्षित बेरोजगार न हो। मैं चाहता हूँ कि भारत सांप्रदायिक दंगों-झगड़ों से दूर रहे। सब में आपसी भाईचारा और प्रेम का संबंध हो । राष्ट्रीय एकता का संचार हो ।

जो सम्मान भारत का प्राचीनकाल में था वही सम्मान मैं पुनः उसे प्राप्त कराना चाहता हूँ। मैं फिर से रामराज्य की कल्पना करता हूँ, जिसमें सभी लोगों को जीने के समान अवसर प्राप्त हो सकें। भारत एक बार फिर ‘सोने की चिड़िया’ बन जाए। मेरे सपनों का भारत वह होगा, जो राजनीतिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और वैज्ञानिक आदि विभिन्न दृष्टियों से उन्मति के पथ पर अग्रसर होगा। भावी भारत के सपनों की पूर्णता के लिए आवश्यक है कि हमारे देश का प्रत्येक नागरिक देश की प्रत्येक कुरीति को समूल नष्ट करने का दृढ़ संकल्प करे।

मेरे सपनों का भारत समृद्धि और प्रगति का देश है, जहाँ हर व्यक्ति सम्मान और खुशी का जीवन जी सकता है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा आदि सभी के लिए सुलभ हों। सड़कें साफ-फ-सुथरी और सुरक्षित हों। पर्यावरण अच्छी तरह से संरक्षित और हर व्यक्ति बिना किसी भेदभाव के अपने सपनों को साकार करने के लिए स्वतंत्र हो । जहाँ प्रत्येक नागरिक अच्छा जीवन बिता सके, वही मेरे सपनों का भारत है।

(ग) ऑनलाइन शिक्षा : शिक्षा जगत में नवीन क्रांति
संकेत बिंदु

  • वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अनिवार्यता
  • सकारात्मक प्रभाव
  • कमियाँ
  • सुझाव

उत्तर:
ऑनलाइन शिक्षा शिक्षा जगत में नवीन क्रांति
ऑनलाइन शिक्षा एक ऐसा माध्यम है, जिसके द्वारा शिक्षक घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से देश के किसी भी कोने से विद्यार्थियों को पढ़ा सकते हैं। इसके अंतर्गत शिक्षक और विद्यार्थी उपयुक्त समय का चुनाव कर इंटरनेट के द्वारा एक-दूसरे से जुड़ जाते हैं।

कुछ समय पहले तक ऑनलाइन शिक्षा उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों तक ही सीमित थी, परंतु वर्तमान में कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन के अंतर्गत सभी विद्यालय, महाविद्यालय आदि शैक्षणिक संस्थान बंद होने पर प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थी भी ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से शिक्षा ग्रहण करने लगे। ऑनलाइन शिक्षा के अंतर्गत विभिन्न एप्स जैसे-जूम, गूगल आदि विभिन्न माध्यमों की सहायता से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके शिक्षक एक साथ कई विद्यार्थियों को घर बैठे शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। इसके माध्यम से विद्यार्थी विषय को भली-भाँति समझ रहे हैं और यदि किसी विषय से संबंधित उन्हें कोई समस्या होती है, तो शिक्षक तुरंत उस समस्या का समाधान कर देते हैं। साथ ही विभिन्न विषयों से संबंधित शैक्षिक सामग्री जैसे वर्कशीट, नोट्स आदि उपलब्ध कराकर विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं को शांत किया जा रहा है, जिससे विद्यार्थी अपनी शिक्षा को निरंतर जारी रख सकते हैं।

ऑनलाइन शिक्षा से समय की बचत होती है तथा विद्यार्थी की एकाग्रता क्षमता में वृद्धि होती है। अधिकांश लोग सीमित आय वाले हैं। उनके लिए महँगे स्मार्टफोन खरीदना आसान नहीं है। इसके साथ सभी जगह इंटरनेट की गुणवत्ता अच्छी न होने के कारण ऑनलाइन शिक्षा बाधित होती है।

शिक्षा ग्रहण करने हेतु विद्यार्थियों को अधिक समय तक फोन देखना पड़ता है, जिसके कारण आँखों में दर्द, माइग्रेन आदि शारीरिक समस्याएँ उत्पन्न होने का भय बना रहता है तथा मानसिक विकास भी अवरुद्ध होता है। ऑनलाइन शिक्षा के सीमित और संतुलित उपयोग पर बल देना आवश्यक है।

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प्रश्न 13.
डेंगू और मलेरिया के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए चिकित्सालयों में अपर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं की ओर ध्यान आकर्षित करने हेतु राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए ।
अथवा
दैनिक समाचार-पत्र के संपादक के नाम मिलावटी दूध की बिक्री के संबंध में लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए । (5)
उत्तर:
परीक्षा भवन,
दिल्ली |
दिनांक 10 मई, 20XX

सेवा में,

राज्य स्वास्थ्य मंत्री,
दरियांगज,

विषय चिकित्सालयों में अपर्याप्त चिकित्सा सुविधा की ओर ध्यान आकर्षित करने हेतु ।

महोदय,

सविनय निवेदन यह है कि मैं तुर्कमान गेट के क्षेत्र का निवासी हूँ। इस पत्र के माध्यम से मैं आपका ध्यान अपने क्षेत्र की स्वास्थ्य समस्या की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। हमारे क्षेत्र में डेंगू व मलेरिया के बढ़ते प्रकोप से मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिस कारण अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।

स्वास्थ्य सेवाओं की सख्त कमी है। उचित स्वास्थ्य सुविधाएँ, चिकित्सा व डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों की मृत्यु हो रही है। अतः आपसे निवेदन है कि क्षेत्र के अस्पतालों में उचित चिकित्सीय व्यवस्था की जाए। यदि आपने इस समस्या पर अपना ध्यान आकर्षित किया, तो मैं और मेरे क्षेत्र के निवासी आपके अत्यंत आभारी रहेंगे।

धन्यवाद ।
भवदीय
क. ख. ग.

अथवा

परीक्षा भवन,
दिल्ली|
दिनांक 11 मई, 20XX
सेवा में,
संपादक महोदय,
दैनिक समाचार-पत्र,
दिल्ली।

विषय मिलावटी दूध की बिक्री के संबंध में।

माननीय महोदय,

मैं आपके सामने एक गंभीर समस्या पर प्रकाश डालना चाहता हूँ। हमारे नगर में मिलावटी दूध की बिक्री की समस्या बढ़ती जा रही है। कल सुबह
मैं एक प्रतिष्ठित दुकान से दूध खरीदने गया, तो मैंने देखा कि पहले की तुलना में दूध अधिक पतला है। ऐसा करके दुकानदार ग्राहक के साथ बेइमानी करता है और उनसे उस दूध का उचित दाम भी लेता है। इस प्रकार लालची और निर्दयी दुकानदार को केवल अपना हित साधना होता है। अतः मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है कि दिन के व्यस्त समय में से कुछ समय निकालकर दूध की दुकानों पर जाकर निरीक्षण करें। हमारी समस्या की ओर ध्यान देने के लिए हम सब आपके अत्यंत आभारी रहेंगे।

सधन्यवाद ।
भवदीय
क. ख.ग.

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प्रश्न 14.
विद्यालय की वित्तीय योजनाओं को अंतिम रूप देने के लिए विद्यालय की वित्त समिति की एक बैठक आयोजित होनी है। इस संबंध में प्रधानाध्यापक की ओर से 60 शब्दों में एक सूचना लिखिए। (4)
अथवा
आज मेट्रो विशेष रूट पर नहीं चलेगी, इस विषय पर यात्रियों को सूचित करते हुए 60 शब्दों में सूचना लिखिए । (3)
उत्तर:
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक बाल विद्यालय, सीकर राजस्थान
सूचना

दिनांक 8 मई, 20XX

विद्यालय की वित्त समिति की बैठक का आयोजन

सभी वित्त समिति के कर्मठ कर्मचारियों को सूचित किया जाता है कि हमारे विद्यालय में 17 मई, 20XX को वित्तीय योजनाओं को अंतिम रूप देने के लिए प्रधानाध्यापक की ओर से एक बैठक का आयोजन किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत विद्यालय की वित्तीय योजनाओं को अंतिम रूप देने के लिए विद्यालय की वित्त समिति की बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें हम सभी वित्तीय योजनाओं के अंतिम लेखा-जोखा पर बातचीत करेंगे व जिसकी जो भी समस्या होगी, उस पर विचार-विमर्श करेंगे। अतः आपके ज्यादा से ज्यादा सहयोग की अपेक्षा है।

सौरभ तँवर
प्रधानाध्यापक

अथवा

दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन
सूचना

दिनांक 8 मई, 20XX

मेट्रो रेल सेवा बाधित होने के विषय में

सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि सुरक्षा संबंधी कारणों को देखते हुए 12 और 13 मई, 20XX को विधानसभा, सिविल लाइंस, तीस हजारी, कश्मीरी गेट, चाँदनी चौक, चावड़ी बाजार और केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन दोपहर 12:00 बजे से लेकर शाम 6:00 बजे तक बंद रहेंगे। यात्रियों की असुविधा के लिए खेद है।

विकास कुमार
मैनेजर,
दिल्ली मेट्रो

प्रश्न 15.
एक कोचिंग संस्थान की ओर से लगभग 40 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए । (3)
अथवा
पहाड़ी क्षेत्र में बनाए अपने होटल के लिए लगभग 40 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए ।
उत्तर:
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 7 with Solutions 0.1

अथवा

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 7 with Solutions 0.2

प्रश्न 16.
आप आलोक शर्मा/साक्षी शर्मा हैं। आपने किसी कंपनी से ऑनलाइन सामान मँगवाया था पर वह खराब निकला। कंपनी को सामान की जानकारी देते हुए सही सामान भेजने हेतु 80 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए | (5)
अथवा
‘आज की बचत कल का सुख’ पंक्ति को आधार बनाकर लगभग 100 शब्दों में एक लघुकथा लिखिए ।
उत्तर:
From : [email protected]
To : amazone/[email protected]
CC : [email protected]
BCC : [email protected]

विषय खराब सामान की शिकायत व सही सामान भेजने हेतु ।

महोदय,

निवेदन यह है कि मैं आपकी प्रतिष्ठित ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट की कई वर्षों से ग्राहक हूँ। पिछले कुछ दिनों पहले मैंने आपकी वेबसाइट से लिपस्टिक, लाइनर एवं आई किट मँगवाई थी। इसका भुगतान मैंने कैश ऑन डिलीवरी के तहत् किया था। जब मैंने अपने सामान को खोलकर देखा, तो उसमें खराब सामान था, आई किट टूटी हुई थी और लिपस्टिक पहले से ही इस्तेमाल की हुई थी, जिसे देखकर मैं हैरान हो गई ।
मैं आपकी शॉपिंग वेबसाइट से कई वर्षों से खरीदारी कर रही हूँ, लेकिन इस बार आपने बहुत खराब सामान भेजा है। अतः आपसे निवेदन करती हूँ कि इस सामान के बदले सही सामान भेजने की कृपा करें। इस संबंध में आपकी त्वरित कार्यवाही की अपेक्षा है।

सधन्यवाद।
भवदीया
साक्षी शर्मा

अथवा

उक्त का अर्थ ‘आज की बचत कल का सुख’ उक्ति से तात्पर्य है कि हम वर्तमान में समझदारी से धन का उपयोग करें एवं उसे बचाकर अपने पास जमा करें, तो भविष्य में वही धन हमारी सहायता करेगा।

लघुकथा किसी गाँव में एक किसान अपने परिवार के साथ रहता था। एक वर्ष सूखा पड़ने के कारण फसल न हो पाई थी । अनाज की कमी होने की वजह से वह सदैव चिंतित रहता था। घर में राशन केवल इतना ही था, जो केवल ग्यारह महीने चल सके। अगली फसल होने तक उसे बाकी एक महीने के राशन की चिंता बार-बार सता रहीं थी । किसान की पत्नी ने उसे इस तरह परेशान होते देखकर पूछा, “आप आजकल किसी बात को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। क्या बात है? ”

तब किसान ने अपनी चिंता का कारण अपनी पत्नी को बताया । किसान की बात सुनकर उसकी पत्नी ने उसे आश्वासन देते हुए कहा कि वह किसी बात की चिंता न करें। वह उस एक महीने के लिए भी राशन का इंतजाम कर लेगी।

जब पूरा वर्ष आराम से निकल गया और अगली फसल भी अच्छी हुई तब किसान ने एक दिन अपनी पत्नी से पूछा कि यह आखिर कैसे संभव हुआ? पत्नी ने कहा, जब से आपने राशन के बारे में बताया तभी से मैं जब भी रसोई के लिए राशन निकालती, तो उसी में से दो मुट्ठी अनाज हर बार कोठी में वापस डाल देती। बस उसी की वजह से बारहवें महीने के राशन का इंतजाम भी आराम से हो गया और पूरा वर्ष आराम से गुजर गया । शिक्षा – जीवन में बचत की आदत डालनी चाहिए तभी आज की बचत कल का सुख बन सकती है। जीवन में आज की हुई बचत, भविष्य में हमारे लिए बहुत बड़ा सुख बन सकती है, जो भविष्य में एक बड़ा बदलाव ला सकती है।

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