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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course B Set 6 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
निर्देश
- इस म्रश्न-पत्र में दो खंड है-‘अ’ और ‘ब।
- खंड ‘अ’ में उपप्रश्नों सहित 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कुल 40 प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, आतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
- निर्देशों को बहुत सावधानी से पदिए और उनका पालन कीजिए।
- दोनों खडों के कुल 18 प्रश्न हैं। दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव दोनों खंडों के मशनों के उत्तर क्रमशः लिखिए।
खंड ‘अ’ (वस्तुपरक प्रश्न)
खंड ‘अ’ में अपठित गद्यांश, व्यावहारिक व्याकरण व पाठ्य-पुस्तक से संबंधित बहुविकल्पीय प्रश्न दिए गए हैं। जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
अपठित गद्यांश
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए। (1×5=5)
मुंशी प्रेमचंद का जीवन अनुशासित था। वे सवेरे ही उठ जाते थे और नित्यकर्म से निवृत्त होकर एक घंटे घूमने जाते थे। वे अकसर स्कूल के अहाते में ही घूम लेते थे। लौटकर वे घर के ज़रूरी काम निपटाते थे। वे अधिकांश काम स्वयं करते थे। नौकर से अधिक काम लेना उन्हें पसंद न था। अपना बिस्तर स्वयं उठाते, अपनी धोती स्वयं धोते। वे अपनी आदत नहीं बिगाड़ना चाहते थे। उन्हें वह समय सदा याद रहता था कि कभी वे स्वयं पाँच रुपये के नौकर थे।
उनका मानना था कि जिस आदमी के हाथ में काम करने के घट्टे न पड़े हों, उसे खाना खाने का अधिकार नहीं है। उन्हें काम करने में रत्ती भर भी शर्म महसूस नहीं होती थी। वे बकरी के सामने पत्ती तोड़कर डाल देते थे और गाय की सानी भी कर देते थे। कमरे-बरामदे में झाड़ लगा देना, पत्नी के बीमार होने पर चूल्हा जला देना, बच्चों को तैयार कर दूध पिला देना आदि काम वे प्राय: कर लेते थे। स्वयं हल्का-सा नाश्ता करके लिखने बैठ जाते थे। लिखने के लिए उन्हें प्रात:काल पसंद था।
स्कूल का समय होने तक वे लिखते रहते, फिर कपड़े बदलकर ठीक समय पर स्कूल जा पहुँचते। वे समय के बहुत पाबंद थे। वे छात्रों के सामने अच्छा उदाहरण रखना चाहते थे। समय बरबाद करना वे बहुत बड़ा गुनाह मानते थे। उनका विचार था कि समय की पाबंदी के बिना कोई जाति तरक्की नहीं कर सकती।
(क) प्रेमचंद को नौकर से काम लेना अधिक पसंद नहीं था
(i) क्योंकि नौकर अधिक पैसे लेता था
(ii) क्योंकि वे अपना काम स्वयं करना पसंद करते थे
(iii) क्योंकि वे अत्यंत गरीब थे
(iv) क्योंकि वे समय के पाबंद थे
उत्तर :
(ii) क्योंकि वे अपना काम स्वयं करना पसंद करते थे। प्रेमचंद को नौकर से काम लेना अधिक पसंद नहीं था। स्कूल से लौटते हुए वह घर के जरूरी काम निपटाते थे। वे अधिकांश काम स्वयं करते थे। नौकर से अधिक काम लेना उन्हें पसंद नहीं था।
(ख) प्रेमचंद द्वारा अपना काम स्वयं करना किस बात का द्योतक है?
(i) वे अपनी आदत नहीं बिगाड़ना चाहते थे
(ii) वे किसी का अहसान नहीं लेना चाहते थे
(iii) वे किसी से काम करवाने में शर्म महसूस करते थे
(iv) वे अत्यंत स्वाभिमानी थे
उत्तर :
(i) वे अपनी आदत नहीं बिगाड़ना चाहते थे प्रेमचन्द अपने काम; जैसे-अपना बिस्तर स्वयं उठाना, अपनी धोती स्वयं धोकर सुखाना आदि कार्य स्वयं करते थे। वे अपनी आदत नहीं बिगाड़ना चाहते थे। उन्हें वह समय सदा याद रहता था कि कभी वे स्वयं पाँच रुपये के नौकर थे।
(ग) गद्यांश के माध्यम से प्रेमचंद के व्यक्तित्व की किस विशेषता पर प्रकाश डाला गया है?
(i) आत्मनिर्भरता
(ii) समय का पाबंद
(iii) मेहनती
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये सभी गद्यांश के माध्यम से प्रेमचन्द के व्यक्तित्व की आत्मनिर्भरता, समय का पाबंद और मेहनती जैसी विशेषता पर बल डाला गया है।
(घ) गद्यांश के अनुसार प्रेमचंद सबसे बड़ा गुनाह किसे मानते थे?
(i) घर के काम करना
(ii) समय को नष्ट करना
(iii) किसी के सामने झुकना
(iv) नौकर से काम लेना
उत्तर :
(ii) समय को नष्ट करना गद्यांश के अनुसार प्रेमचंद सबसे बड़ा गुनाह समय को नष्ट करना मानते थे। वे समय के बहुत पाबंद थे। वे छात्रों के सामने अच्छा उदाहरण रखना चाहते थे। उनका विचार था कि समय की पाबंदी के बिना कोई जाति तरक्की नहीं कर सकती।
(ङ) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) मुंशी प्रेमचंद को नौकरों से अधिक काम लेना पसंद नहीं था।
कारण (R) उन्हें हर समय याद रहता था कि वे स्वयं भी कभी नौकर थे।
(i) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(iii) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(iv) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
उत्तर :
(ii) कथन (A) और कारण ( R ) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है मुंशी प्रेमचन्द को नौकरों से अधिक काम लेना पसंद नहीं था। वे अधिकांश काम स्वयं करते थे। वे अपनी आदत नहीं बिगाड़ना चाहते थे। उन्हें हर समय याद रहता था कि वे स्वयं पाँच रुपये के नौकर थे।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए। (1×5=5)
आज हम एक स्वतंत्र राष्ट्र की स्थिति प्राप्त कर चुके हैं, राष्ट्र की अनिवार्य विशेषताओं में दो हमारे पास हैं, भौगोलिक अखंडता और सांस्कृतिक एकता। परंतु अब तक हम उस वाणी को प्राप्त नहीं कर सके हैं, जिसमें एक स्वतंत्र राष्ट्र दूसरे राष्ट्रों को अपना परिचय देता है। बहुभाषा-भाषी देश तो और भी अनेक हैं, परंतु उनकी अविच्छिन्न स्वतंत्रता की तुलना में भारत विषम पराधीनता को झेलता रहा है। हमारी परतंत्रता भी आँधी-तूफान के समान नहीं आई।
वह तो रोग के कीटाणु लाने वाले मंद समीर के समान साँस में समाकर शरीर में व्याप्त हो गई है। हमें यह ऐतिहासिक सत्य भी विस्मृत हो गया कि कोई विजेता विजित देश पर राजनीतिक प्रभुत्व पाकर ही संतुष्ट नहीं होता, क्योंकि सांस्कृतिक प्रभुत्व के बिना राजनीतिक विजय न पूर्ण है, न स्थायी। घटनाएँ संस्कारों में चिर जीवन पाती हैं और संस्कार के अक्षय वाहक शिक्षा, साहित्य, कला आदि हैं। दीर्घकाल से विदेशी भाषा हमारे विचार-विनिमय और शिक्षा का माध्यम ही नहीं रही।
वह हमारे विद्वान और सुसंस्कृत होने का प्रमाण भी मानी जाती रही है। ऐसी स्थिति में यदि हममें से अनेक उसके अभाव में जीवित रहने की कल्पना से सिहर उठते हैं, तो आश्चर्य की बात नहीं। पर रोग की स्थिति को स्थायी मानकर तो चिकित्सा संभव नहीं होती। राष्ट्र-जीवन की पूर्णता के लिए उनके मनोजगत् को मुक्त करना होगा और यह कार्य विशेष प्रयत्नसाध्य है, क्योंकि शरीर को बाँधने वाली श्रृंखला से आत्मा को जकड़ने वाली श्रृंखला अधिक दृढ़ होती है।
(क) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. विदेशी शिक्षा हमारे विचार विनिमय का साधन रही है।
2. हमारे पास दूसरे राष्ट्रों को अपना परिचय देने की शक्ति है।
3. मनुष्य को संस्कार शिक्षा, कला, साहित्य आदि से प्राप्त होते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(i) केवल 1
(ii) 1 और 2
(iii) केवल 3
(iv) 1,2 और 3
उत्तर :
(iii) केवल 3 दिए गए कथनों में से सही कथन है-मनुष्य को संस्कार शिक्षा, कला, साहित्य आदि से प्राप्त होते हैं। घटनाएँ संस्कारों में चिर जीवन पाती हैं और संस्कार के अक्षय वाहक शिक्षा, साहित्य, कला आदि हैं। वह हमारे विद्वान और सुसंस्कृत होने का प्रमाण भी मानी जाती रही है।
(ख) सांस्कृतिक प्रभुत्व के बिना राजनीतिक विजय न पूर्ण है, न स्थायी। पंक्ति के माध्यम से लेखक एक राष्ट्र की को अनिवार्य तत्त्व बता रहे हैं।
(i) सांस्कृतिक एकता
(ii) राजनीतिक एकता
(iii) भौगोलिक अखंडता
(iv) सांस्कृतिक और राजनीतिक एकता
उत्तर :
(iv) सांस्कृतिक और राजनीतिक एकता सांस्कृतिक प्रभुत्व के बिना राजनीतिक विजय न पूर्ण है, न स्थायी। पंक्ति के माध्यम से लेखक एक राष्ट्र की सांस्कृतिक और राजनीतिक एकता को अनिवार्य तत्त्व बता रहे हैं। हमें यह ऐतिहासिक सत्य भी विस्मृत हो गया कि कोई विजेता विजित देश पर राजनीतिक प्रभुत्व जाकर ही संतुष्ट नहीं होता, क्योंकि सांस्कृतिक प्रभुत्व के बिना राजनीतिक विजय न पूर्ण है और न स्थायी है।
(ग) कोई राष्ट्र राजनीतिक प्रभुत्व पाकर भी संतुष्ट क्यों नहीं होता है?
(i) क्योंकि समाज में वह अधिक पाना चाहता है
(ii) क्योंकि सांस्कृतिक प्रभुत्व के बिना राजनीतिक विजय पूर्ण और स्थायी नहीं होती
(iii) क्योकि दीर्घकाल से गुलामी झेलकर राजनीति में पूर्ण विजय प्राप्त नहीं होती
(iv) क्योंकि केवल राजनीतिक सफलता से आर्थिक स्वतंत्रता नहीं मिलती
उत्तर :
(ii) क्योंकि सांस्कृतिक प्रभुत्व के बिना राजनीतिक विजय पूर्ण और स्थायी नहीं होती कोई राष्ट्र राजनीतिक प्रभुत्व पाकर भी संतुष्ट नहीं रहता, क्योंकि सांस्कृतिक प्रभुत्व के बिना राजनीतिक विजय न पूर्ण है और न ही स्थायी होती है।
(घ) हमारे राष्ट्र में राष्ट्रभाषा के प्रतिष्ठित न हो सकने का मुख्य कारण क्या था?
(i) दीर्षकालीन पराषीनता
(ii) अन्य भाषाओं को महत्त्व देना
(iii) भौगोलिक अखंडता को अधिक महृच देना
(iv) विषय की गंभीरता को न समझना
उत्तर :
(i) दीर्घकालीन पराधीनता हमारे राष्ट्र में राष्ट्रभाषा के प्रतिष्ठित न हो सकने का मुख्य कारण दीर्घकालीन पराधीनता था। दीर्घकाल से विदेशी भाषा हमारे विचार-विनिमय और शिक्षा का माध्यम ही नहीं रही। वह हमारे विद्वान और सुसंस्कृत होने का प्रमाण भी मानी जाती रही है।
(ङ) राष्ट्र जीवन की पूर्णता के लिए क्या आवश्यक है?
(i) विदेशी भाषा की मानसिकता से मुक्ति
(ii) मानसिक और आध्यात्मिकता भृंखला से मुक्ति
(iii) सास्कृतिक चेतना का पुनर्जींबन
(iv) विशिष्ट कार्यों में लोगों की नियुक्ति
उत्तर :
(i) विदेशी भाषा की मानसिकता से मुक्ति राष्ट्र जीवन की पूर्णता के लिए विदेशी भाषा की मानसिकता से मुक्ति आवश्यक है। आज हम एक स्वतन्त्र राष्ट्र की स्थिति प्राप्त कर चुके हैं। राष्ट्र की अनिवार्य विशेषताओं में दो हमारे पास हैं भौगोलिक अखण्डता और सांस्कृतिक एकता, परन्तु अब तक हम उस वाणी को प्राप्त नहीं कर सके हैं, जिसमें एक स्वतन्त्र राष्ट्र दूसरे राष्ट्रों को अपना परिचय देता है।
व्यावहारिक व्याकरण
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘पदबंध’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1×4=4)
(क) ‘शैलेंद्र गीतकार नहीं, अपितु कवि थे।’ रेखांकित पदबंध का भेद है
(i) संज्ञा पदब्बंध
(ii) सर्वनाम पदबंध
(iii) क्रिया-बिशेषण पदबंध
(iv) क्रिया पदबंध
उत्तर :
(i) संज्ञा पदब्बंध
(ख) ‘शुद्ध सोने में ताँबा मिलाने पर गिन्नी का सोना बनता है।’ इस वाक्य में विशेषण पदबंध है
(i) शुद्ध
(ii) ताँवा
(iii) गिन्नी का सोना
(iv) बनता है
उत्तर :
(i) शुद्ध
(ग) क्रिया पदबंध का उदाहरण छाँटिए
(i) वज्ञीर अली की गिरफ्तारी बहुत मुश्किक है।
(ii) वामीरो पर तबाँरा का प्रभाव जम चुका था।
(iii) बड़े भाई साहब अधिकांश समय पुत्ते रहते ये।
(iv) अब यह देश तुम्हारे हवाले है, तुम ही इसकी रक्षा करना।
उत्तर :
(iii) बड़े भाई साहब अधिकांश समय पुत्ते रहते ये।
(घ) ‘कबीर जी एक कवि होने के साथ-साथ समाज-सुधारक भी थे।’ रेखांकित पदबंध का भेद है
(i) संज्ञा पद्वंध
(ii) सर्बनाम पद्बंध
(iii) विशेषण पदबंध
(iv) क्रिया पदबंध
उत्तर :
(iii) विशेषण पदबंध
(ङ) ‘दादी ने टोपी की डंडे से खूल पिटाई की।’ रेखांकित पदबंध का भेद है
(i) क्रिया पदबंध
(ii) संज्ञा पद्बंध
(iii) सर्वनाम पद्बंध
(iv) क्रिया-विशेषण पद्बंध
उत्तर :
(iv) क्रिया-विशेषण पद्बंध
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1×4=4)
(क) ‘जब लेखक जत्दी-जल्दी कार्य करने की योजना बनाते, तब उन्हें ओमा की याद आती।’ इस वाक्य का सरल वाक्य होगा
(i) लेखक को जल्दी-जल्दी कार्य करने पर ओमा की याद आती।
(ii) लेखक उल्दी-जल्दी कार्य करता और औमा को याद करता।
(iii) जैसे ही लेखक जल्दी-जल्दी कार्य करता, वैसे ही उसको ओमा की बाद आती।
(iv) ओमा की बाद आते ही लेखक जल्दी-जल्दी कार्ब करता।
उत्तर :
(i) लेखक को जल्दी-जल्दी कार्य करने पर ओमा की याद आती।
(ख) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. काम पूरा कर डालो नहीं तो जुर्माना होगा | 1. सरल वाक्य |
B. आश्चर्य है कि वह हार गया | 2. संयुक्त वाक्य |
C. पैसा साध्य न होकर साधन है। | 3. मिश्र वाक्य |
A — B– C
(i) 2 — 3–1
(ii) 1 — 2– 3
(iii) 3 — 2 — 1
(iv) 2 — 1 –3
उत्तर :
(i) 2 — 3–1
(ग) ‘हरिहर काका निःसंतान होने के कारण कथावाचक को प्यार करते थे।’ दिए गए वाक्य का मिश्र वाक्य होगा
(i) हरिहर काका निःसंतान थे और कथावाचक को प्यार करते थे।
(ii) हरिहर कथावाचक को नि:संतान होने के कारण प्यार करते थे।
(iii) हरिहर काका नि:संतान थे, इसलिए कथावाचक को प्यार करते थे।
(iv) हरिहर काका नि:संतान होने के कारण कथावाचक से प्यार करते थे।
उत्तर :
(iii) हरिहर काका नि:संतान थे, इसलिए कथावाचक को प्यार करते थे।
(घ) निम्न में संयुक्त वाक्य है
(i) बच्चे बगीचे में खेल रहे हैं।
(ii) पितारी नहीं उठे, क्योंकि उनकी तबीयत खराब है।
(iii) परीक्षक ने प्रश्न-पत्र बाँटे और परीक्षार्थी उत्तर लिखने लगे।
(iv) पिताजी ने चुझ्रे पकाकर सेना में भर्ती कराया।
उत्तर :
(iii) परीक्षक ने प्रश्न-पत्र बाँटे और परीक्षार्थी उत्तर लिखने लगे।
(ङ) वीमारो कुछ सचेत होने पर घर की ओर दौड़ी। रचना के आधार पर वाक्य का भेद होगा
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) मिश्र वाक्य
(iv) सामान्य वाक्य
उत्तर :
(i) सरल वाक्य
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘समास’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1×4=4)
(क) ‘नेत्रहीन’ शब्द में कौन-सा समास है?
(i) बहुव्रीहि समास
(ii) तत्पुरुष समास
(iii) द्वाद्ध समास
(ii) द्विगु समास
उत्तर :
(ii) तत्पुरुष समास
(ख) ‘असत्य’ शब्द का समास विग्रहृ एवं भेद होगा
(i) अ और सत्व-दंद्व समास
(ii) जो सत्य नहीं-कर्मधारच समास
(iii) न सत्य-तत्पुरुष समास
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(iii) न सत्य-तत्पुरुष समास
(गं) ‘पूजास्थल’ शब्द के सही समास विग्रह का चयन कीजिए
(i) पूजा के लिए स्थल-ततपुरुष समास
(ii) पूला का स्थल-बहुक्रीहि समास
(iii) स्थल पर पूजा-द्विगु समास
(iv) पूजा और स्थल-द्वंद्ध समास
उत्तर :
(i) पूजा के लिए स्थल-ततपुरुष समास
(घ) ‘तिरंगा समस्त पद का विग्रह होगा
(i) तीन रंगों का समाहार
(ii) तीन हैं जो रंग
(iii) रंगों का समूह
(iv) रेगों में तीन
उत्तर :
(i) तीन रंगों का समाहार
(ङ) निम्नलिखित युग्मों पर वियार कीजिए
समस्त पद — समास
1. आत्मविश्वास — त्रुरुुष समास
2. शुभागमन –अव्ययीभाव समास
3. करकमल — तत्पुरुष समास
4. गिरिषर — बहुज्नीहि समास
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-से सही समुलित हैं?
(i) 1 और 2
(ii) 1 और 4
(iii) 1,2 और 4
(iv) 2 और 3
उत्तर :
(ii) 1 और 4
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘मुहावरे’ पर आधारित छः बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 x 4=4)
(क) वर्तमान व्यवस्था के विरोध में मीडिया में । उपयुक्त मुहावरे से रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
(i) आसमान सिर पर उठाने लगा है
(ii) आवाज़ उठने लगी है
(iii) उल्टी गंगा बहने लगी है
(iv) उन्नीस-बौस होने लया है
उत्तर :
(i) आसमान सिर पर उठाने लगा है
(ख) क्रांतिकारियों ने भारत को आज़ाद कराने के लिए लिया था। रिक्त स्थान की पूर्ति सटीक मुहावरे से कीजिए
(i) मन्न-जल ठठाना
(ii) गड़े मुदें उखाड़ना
(iii) बीड़ा उठाना
(iv) आसमान सिर पर उठाना
उत्तर :
(iii) बीड़ा उठाना
(ग) रिश्वत लेते पकड़े जाने पर अधिकारी की शान में गया। रिक्त स्थान की पूर्ति सटीक मुझ्ञावरे से कीजिए
(i) बट्टा लगना
(ii) पगड़ी रखना
(iii) दम भरना
(iv) दंग रह जाना
उत्तर :
(i) बट्टा लगना
(घ) मुहावरे और अर्थ के उचित मेल वाले विकर्य का चयन कीजिए
(i) होश उड़ जाना-खो जाना
(ii) यमपुर पहुँचाना-एक स्थान पर पहुँचाना
(iii) बाट जोहना-दंतजार करना
(iv) पापड्ड बेलना-कायँ करना
उत्तर :
(iii) बाट जोहना-दंतजार करना
(ङ) रेखांकित अंश के लिए कौन-सा मुहावरा प्रयुक्त करना उचित रहेगा ‘बड़े भाई साहब को आगे बढ़ने का कोई उपाय नहीं मिल रहा था।’
(i) राह न सूझना
(ii) सुराग न मिलना
(iii) हिम्मत टूटना
(iv) सिर फिरना
उत्तर :
(i) राह न सूझना
(च) ‘खरी-खोटी सुनाना’ के लिए उपयुक्त मुहावरा है
(i) आपा खोना
(ii) आड़े हाथों लेना
(iii) हावी होना
(iv) दो से चार बनाना
उत्तर :
(ii) आड़े हाथों लेना
पाठ्य-पुस्तक
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए। (1×5=5)
गिरि का गौरव गाकर छर-द्सर
मद में नस-नस उत्तेजित कर
मोती की लडियों-से सुंदर
झरते हैं झाग भरे निर्झर!
गिरिवर के उर से उठ-उठ कर
उच्चाकाँक्षाओं से तरुवर
हैं झाँक रहे नीरव नथ पर
अनिमेष, अटल, कुछ चितापर।
(क) झरने की आवाज सुनकर कवि की नस-नस में जोश भर जाता है। इससे ज्ञात होता है कि कवि ……….. है।
(i) उदासीन
(ii) उत्साही
(iii) उर्मंग से भरषूर
(iv) (ii) और (iii) दोनों
उत्तर :
(ii) और (iii) दोनों झरने की आवाज सुनकर कवि की नस-नस में जोश भर जाता है। इससे ज्ञात होता है कि कवि उत्साही और उमंग से भरपूर है।
(ख) पर्वतों से बहने वाले झ्ञरनों की आवाज सुनकर कवि को कैसा लगता है?
(i) मानो वे पर्वतों का गुणगान कर रहे हों
(ii) मानो वे अपनी सुंदरता का गुणगान कर रहे हों
(iii) मानो वे संसार में सबसे अधिक शक्तिशाली हों
(iv) मानो उनके समान कोई दूसरा न हो
उत्तर :
(i) मानों वे पर्वतों का गुणगान कर रहे हों पर्वतों से बहने वाले झरनों की आवाज को सुनकर कवि को ऐसा लगता है मानो वे पर्वतों का गुणगान कर रहे हो।
(ग) पद्यांश के अनुसार, झरनों की आवाज का कवि पर क्या प्रभाव पड़ता है?
(i) वे कवि को नीरस बनाते हैं
(ii) चे कवि में नया जोश भरते है
(iii) वे कवि का मार्ग अवरुद्ध करते है
(iv) वे कवि को निराशा प्रदान करते है
उत्तर :
(ii) वे कवि में नया जोश भरते हैं झरनों की आवाज को सुनकर कवि की नस-नस में जोश भर जाता है तथा मन उत्साह एवं उमंग से भर जाता है।
(घ) पेइ शांत आकाश को किस प्रकार निहार रहे हैं?
(i) ऊँचा उठकर
(ii) बिना फलक शपकाए
(iii) प्रसन्न भाव से
(iv) निराशापूर्ण भाव से
उत्तर :
(ii) बिना पलक झपकाए पेड़-पौधे शांत आकाश को बिना पलक झपकाए, अटल और कुछ चिंता में डूबे हुए से झाँक रहे हैं। इन्हें देखकर ऐसा लगता है जैसे वे आकश के रहस्यों को जानना चाहते हों।
(ङ) निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पदिए
1. विशाल वृक्ष आकाश का रहस्य जानना चाहते है।
2. शाल के विशाल वृक्ष भयभीत है।
3. झरने पर्वतों का गुणगान कर रहे हैं।
4. पर्वत पर अद्भुत दृश्य दिखाई दे रहे हैं।
पद्यांश से मेल खाते वाक्यों के लिए उचित विकल्व का चयन कीजिए
(i) 1 और 2
(ii) 1,2 और 3
(iii) 1 और 3
(iv) 2 और 4
उत्तर :
(iii) 1 और 3 पद्यांश से मेल खाते वाक्यों के लिए उचित विकल्प हैं-विशाल वृक्ष आकाश का रहस्य जानना चाहते हैं, ये शान्त आकाश को बिना पलक झपकाए, अटल और कुछ चिन्ता में डूबे हुए से झाँक रहे हैं और झरने पर्वतों का गुणगान कर रहे हैं।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए। (1x 2=2)
(क) ‘जब मैं था तब हरि नहीं’ पंकित का भाव है
(i) जब्ध मैं जीवित था तब भगवान नहीं थे
(ii) उब्ब मुझामें अहंकार भरा धा, तब ईस्वर मुझे नहीं मिल पा रहे थे
(iii) जब में होता हैं, तब भगवान नही होते
(iv) जब में मंदिर दर्शन करने गया, तो वहाँ भगवान नहीं थे
उत्तर :
(ii) जब मुझमें अहंकार भरा था, तब ईश्वर मुझे नहीं मिल पा रहे थे। ‘जब मैं था तब हरि नहीं’ इस पंक्ति द्वारा कबीर का कहना है कि जिस समय मेरे अन्दर ‘मैं’ अर्थात् अहंकार भरा हुआ था, उस समय मुझे ईश्वर नहीं मिल पा रहे थे। अब-जब मुझे ईश्वर के दर्शन हो गए हैं, तो मेरे भीतर का ‘मैं’ अर्थात् अहंकार समाप्त हो गया है।
(ख) राजा उशीनर ने अपने शरीर का मांस दान कर दिया, व्योंकि
(i) वे अपने वचन कौ रक्षा करना चाहते थे
(ii) बे एक पक्षी के प्राण बचाना चाहते थे
(iii) वे भूखे को भोजन खिलाना चाहते थे
(iv) वे देवताओं की जीत व रक्षा करना चाहते थे
उत्तर :
(ii) वे एक पक्षी के प्राण बचाना चाहते थे गाँधार देश के राजा उशीनर ने एक पक्षी के प्राण बचाने के लिए अपने शरीर का मांस दान कर दिया। उसी प्रकार कुंती पुत्र दानवीर कर्ण ने अपने वचन की रक्षा के लिए अपने शरीर के अंग कवच और कुंडल भी दान कर दिए थे।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का वयन कीजिए। (1×5=5)
अब भाई साहय बहुत कुछ नरम पड़ गए थे। कई बार मुझे डाँटने का अवसर पाकर भी उन्होंने धीरज से काम लिया। शायद वह खुद समझने लगे थे कि मुझे डाँटने का अधिकार उन्हें नहीं रहा, या रहा भी, तो बहुत कम। मेरी स्वच्छंदता भी बढ़ी। मैं उनकी सहिष्णुता का अनुचित लाभ उठाने लगा। मुझे कुछ ऐसी धारणा हुई कि मैं पास ही हो जाऊँगा, पड़ँ या न पढ़ँ, मेरी तकदीर बलवान है, इसलिए भाई साहब के डर से जो थोड़ा-बहुत पढ़ लिया करता था, वह भी बंद हुआ।
मुझे कनकौए उड़ाने का नया शौक पैदा हो गया था और सारा समय पतंगबाजी की ही भेंट होता था, फिर भी में भाई साहब का अदब करता था और उनकी नज्जर बचाकर कनकौए उड़ाता था। माँझा देना, कनने बाँधना, पतंग टूनामेंट की तैयारियाँ आदि समस्याएँ सब गुप्त रूप से हल की जाती थी। मैं भाई साहब को यह संदेह न करने देना चाहता था कि उनका सम्मान और लिहाज मेरी नजरों में कम हो गया है।
(क) बड़े भाई साहब के व्यवहार में लेखळ को नरमी कब दिखाई देने लगी?
(i) जब वे अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हो गए
(ii) जब वे परीक्षा में फेल हो गए
(iii) जब छोटे भाई ने उनसे बात करना बंद कर लिया
(iv) जब उन्हें लगा कि वे अरूरत से ज्वादा हाँटते है
उत्तर :
(ii) जब वे परीक्षा में फेल हो गए बड़े भाई साहब के व्यवहार में लेखक को नरमी तब दिखाई देने लगी जब वह परीक्षा में फेल हो गए थे। बड़े भाई साहब के जीवन से हमें शिक्षा मिलती है कि हमें पहले स्वयं के गुण-दोष देखने चाहिए और उसी के अनुसार हमें दूसरों को समझना चाहिए। अन्यथा हमारे अच्छे उपदेश भी प्रभावित हो जाते हैं।
(ख) मेरी स्वच्छंबता बढ़ी। मैं उनकी सहिष्णुता का अनुचित लाभ उठाने लगा और मुझे धारणा हुई कि मैं पढ़ें या ना पढूँ, पास हो ही जाऊँगा। पंक्ति के माध्यम से बताइए छोटा भाई क्रिस प्रकार बड़े भाई साहब की सहिष्युता का लाभ उठने लगा?
(i) वह सारे दिन पतंगबाजी करने लगा
(ii) उसने पदाई करना बिलकुल होड़ दिया
(iii) पतंग टूर्नामेंट की तैयारी करने लगा
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये सभी इन पंक्तियों के माध्यम से छोटा भाई बड़े भाई के नरम व्यवहार का फायदा उठाते हुए पढ़ाई-लिखाई छोड़कर अपनी मनमानी पर उतर आया। वह बड़े भाई से छिपकर दूसरे बच्चों के साथ पतंगबाजी में लग गया और पतंग टूर्नामेंट की तैयारी भी करने लगा। उसे विश्वास हो गया कि वह पढ़े न पढ़े पास हो जाएगा।
(ग) लेखक बड़े भाई के डर से क्या किया करता था?
(i) और अधिक खेलता था
(ii) मित्रों से नहीं मिलता था
(iii) घोड़ा-बहुत पद्रता था
(iv) नवीन योजना बनाता था
उत्तर :
(iii) थोड़ा-बहुत पढ़ता था लेखक बड़े भाई के डर से थोड़ा-बहुत पढ़ता था। अधिकांशतः वह बड़े भाई से छिपकर दूसरे बच्चों के साथ पतंगबाजी में लग जाता उसे विश्वास हो गया कि वह पढ़े या न पढ़े पास तो हो ही जाएगा।
(घ) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पदिए उसके बाद दिए गए विकत्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) दड़े भाई साहब का व्यवहार लेखक के प्रति कुछ नरम हो गया।
कारण (R) बड़े भाई साहब फिर से फेल हो गए और छोटे भाई से केवल एक कक्षा आगो रह गए।
(i) कथन (A) सही है, कितु कारण (R) गलत है।
(ii) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही है, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर :
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण ( R) कथन (A) की सही व्यख्या करता है बड़े भाई साहब का व्यवहार लेखक के प्रति कुछ नरम हो गया, क्योंकि बड़े भाई साहब फिर से फेल हो गए और छोटे भाई से केवल एक कक्षा आगे रह गए।
(ङ) लेखक बड़े भाई साहब को किस बात का संदेह नहीं होने देना चाहता है?
(i) अनुभव के कारण उनकी बात को जानने का
(ii) उनका सम्मान लेखक की नज़रों में कम हो गया है
(iii) उनकी पढ़ाई की पुस्तके उसने फाइ दी है
(iv) उनकी शिकायत दादा जी से कर दी है
उत्तर :
(ii) उनका सम्मान लेखक की नजरों में कम हो गया है लेखक बड़े भाई साहब को यह सन्देह नहीं होने देना चाहते थे कि उनका सम्मान लेखक की नजरों में कम हो गया है, लेकिन लेखक बड़े भाई साहब के सामने यह दिखाना नहीं चाहता था कि वह बड़े भाई का आदर व मान-सम्मान नहीं करता है।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का वयन कीजिए। (1x 2=2)
(क) निम्नलिखित में से कौन से तथ्य लिटिल अंडमान के विषय में सत्य हैं?
1. यह अंडमान द्वीपसमूह का अंतिम द्वीपसमूह है।
2. पहले बह निकोबार द्वीपसमूह से मिला हुआ था।
3. इसकी लंबाई सर्वाधिक है।
4. यह वर्तमान में समाप्त हो चुका है।
कृट
(i) केवल 1
(ii) 1,2 और 3
(iii) 1 और 2
(iv) 3 और 4
उत्तर :
(iii) 1 और 2 दिए गए विकल्पों में से लिटिल अण्डमान के विषय में सत्य तथ्य हैं कि यह अण्डमान द्वीपसमूह का अन्तिम द्वीपसमूह है। पहले यह निकोबार द्वीपसमूह से मिला हुआ था। निकोबार द्वीपसमूह के विभक्त होने के बारे में निकोबारियों का यह विश्वास है कि बहुत समय पहले लिटिल अण्डमान और कार निकोबार द्वीपसमूह आपस में मिले हुए थे।
(ख) तीसरी कसम फिल्म की सबसे महत्त्वपूर्ण और बड़ी खूबी थी
(i) इसमें दिखाया दु-ख स्वाभाविक धा, नाटकीय नहीं
(ii) इसमें सुख की परिभाषा अत्यंत सरल थी
(iii) इसका संगति अव्यंत मधुर धा
(iv) इसमें करणणा के साथ जूझने का संकेत था
उत्तर :
(i) इसमें दिखाया दुःख स्वाभाविक था, नाटकीय नहीं ‘तीसरी कसम’ फिल्म को ‘सैल्यूलाइड पर लिखी कविता’ इसलिए कहा गया है, क्योंकि यह एक भावपूर्ण फिल्म थी। यह मात्र एक कहानी न होकर फिल्मी रील पर लिखी हुई एक कविता थी, जो अत्यंत संवेदनशील और मानवीय गुणों से ओत-प्रोत थी।
खंड ‘ब’ (वर्णनात्मक प्रश्न)
खंड ‘ब’ में पाठ्य-पुस्तक एवं पूरक-पुस्तक तथा लेखन से संबंपित वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। जिनके निर्थारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
पाठ्य-पुस्तक एवं पूरक पुस्तक
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3×2=6)
(क) आज सब कुछ बदल गया है। पहले जहाँ समंदर था, दूर-दूर तक पने जंगल थे, वहाँ अध बस्तियाँ बन गई है। इन सब बस्तियों ने अनगिनत परिंदो के घर छीन लिए हैं। आपके अनुसार बढ़ती आबादी से पर्यावरण में क्या-क्या परिवर्तन आए है? इस विषय पर अपने विधार लिखिए।
उत्तर :
बढ़ती हुई आबादी से पर्यावरण असन्तुलित हो गया है। आवासीय स्थलों को बढ़ाने के लिए वन, जंगल यहाँ तक कि समुद्रस्थलों को भी छोटा किया जा रहा है। पशु-पक्षियों के लिए स्थान नहीं हैं। इन सब कारणों से प्राकृतिक का सन्तुलन बिगड़ गया है और प्राकृतिक आपदाएँ बढ़ती जा रही हैं। कहीं भूकम्प, कहीं बाढ़, कहीं तूफान, कभी गर्मी, कभी तेज वर्षा के कारण कई बीमारियाँ हो रही हैं। इस तरह पर्यावरण के असन्तुलन का जन जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
पृथ्वी एक मात्र ऐसा ग्रह है, जहाँ जीवन सम्भव है, लेकिन बढ़ती जनसंख्या ने पृथ्वी पर मौजूद पारिस्थितिकी तन्त्र को प्रभावित किया है। बढ़ती जनसंख्या आज सम्पूर्ण विश्व के सामने एक बड़ी चुनौती बनकर आ रही है। जनसंख्या वृद्धि एक महत्त्वपूर्ण कारण है, जो देश के विकास के सामने समस्या है। ऐसा माना जाता है यदि भारत ने अपनी जनसंख्या वृद्धि दर पर नियन्त्रण नहीं किया, तो वर्ष 2040 तक भारत विश्व की सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश बन जाएगा। जनसंख्या वृद्धि के कई कारण हैं-जलवायु, अशिक्षा, निर्धनता, रूढ़िवादिता, गलत अवधारणाएँ, लड़के की चाह आदि।
(ख) शाम को लेखक के मित्र उसे टी सेरेमनी में ले गए। चाय पीने की यह एक विधि है। इसे जापान में चा-नो-यू कहते हैं। ‘पतझर में टूटी पत्तियाँ’ पाठ के आधार पर बताइए कि यहु विधि क्या होती है तथा चाजीन ने किस प्रकार चाय तैयार की?
उत्तर :
‘टी-सेरेमनी’ जापान में चाय पीने की एक विधि है। जापानी में इसे चा-नो-यू कहते हैं। इस विधि में शान्ति को प्रमुखता दी जाती है इसलिए चाय पीने के स्थान पर एक साथ तीन लोगों से अधिक को प्रवेश नहीं दिया जाता है। एक बहुमंजिला इमारत की छत पर दफ्ती की दीवारों मानवीय गुणों से ओत-प्रोत थी। तथा चटाई जमीन वाली एक सुन्दर पर्णकुटी होती है। बाहर मिट्टी के बर्तन में पानी भरा होता है। हाथ-पैर धोकर और तौलिए से पोंछकर अंदर प्रवेश किया जाता है।चाजीन अँगीठी सुलगाकर चाय तैयार करता है। बर्तन तौलिए से साफ करके चाय को प्यालों में डालकर अतिथि के सामने लाता है प्याले में दो घूँट से ज्यादा चाय नहीं होती, वहाँ होठों से प्याला लगाकर बूँद-बूँद करके चाय पी जाती है। करीब डेढ़ घण्टे तक यह सिलसिला जारी रहता है।
(ग) सिपाही किससे तंग आ गए थे और क्यों? ‘कारतूस’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
सिपाही वजीर अली से तंग आ गए थे, क्योंकि वे कई हफ्तों से जंगल में डेरा डाले पड़े थे, परंतु वजीर अली फिर भी नहीं पकड़ा गया। अब सभी सिपाही जंगल की कष्ट भरी जिंदगी से तंग आ चुके थे। अवध के अपदस्थ नवाब वजीर अली ने विद्रोह कर दिया था तथा गोरखपुर के निकट जंगलों में वह सक्रिय था। ब्रिटिश कम्पनी उसे गिरफ्तार करना चाहती थी। इसलिए कर्नल कालिंज के नेतृत्व में सैनिकों की एक बटालियन जंगल में खेमा डाले पड़ी थी।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3×2=6)
(क) कवि ने लक्ष्मण रेखा को माध्यम बनाकर कौन-सी बात कही थी? ‘कर चले हम फ़िदा’ कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
कवि ने लक्ष्मण रेखा को माध्यम बनाकर ‘कर चले हम फिदा’ कविता के आधार पर स्पष्ट किया है कि हमारी मातृभूमि हमारी सीता माँ है, जिसे कोई रावणरूपी विदेशी आक्रमणकारी छू न पाए, उस पर कज्जा या नियन्त्रण न कर सके। वे भारत की भूमि पर नापाक इरादे से कदम न रख सके। हमें अपनी सीता रूपी मातृभूमि की ‘राम ‘ एवं ‘लक्ष्मण’ बनकर रक्षा करनी होगी।
(ख) कवि के अनुसार मनुष्य की मृत्यु गौरवशाली होनी चाहिए। मनुष्यता पाठ के आधार पर गौरवशाती मृत्यु किसे कहा गया है?
उत्तर :
कवि के अनुसार मृत्यु गौरवशाली होनी चाहिए। मनुष्य को मृत्यु से भयभीत न होने की बात इसलिए कही गई है, क्योंकि मानव जीवन क्षण भंगुर है, जब जन्म हुआ है, तो मृत्यु भी अवश्य होगी। जब मृत्यु ही अन्तिम सत्य है और इस सत्य को कोई झुठला नहीं सकता है अर्थात् उसे मृत्यु का वरण करना ही पड़ेगा, तो मनुष्य को मृत्यु से नहीं घबराना चाहिए। इसे ही गौरवशाली मृत्यु कहा गया है।
(ग) आपके पाठ्यद्रत्म में किस कविता में मीरा की विरह वेदना का वर्णन किया गया है? अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर :
मीराबाई के विरह वर्णन में स्पष्ट रूप से प्रेम में तड़पते हुए अपने प्रेमी की प्रतीक्षा करने का सजीव चित्रण है। वह श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए तड़पती रहती हैं। वह विरह में इतनी व्याकुल हैं कि अपने प्रेमी से मिलने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं।
वह अर्द्ध-रात्रि के समय श्रीकृष्ण से यमुना नदी के किनारे मिलने की विनती करती हैं। यहाँ तक कि वह उनकी सेविका बनने को भी तैयार हैं। मीरा श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए कुसुम्बी साड़ी पहनने को तैयार हैं। वे अपनी भाव-भक्ति को अपनी सबसे बड़ी जागीर मानकर कृष्ण-दर्शन की अभिलाषिणी हैं। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि मीरा के काव्य में विरह वेदना की अनुभूति अपनी चरम सीमा पर है।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3×2=6)
(क) दो साल लगातार फेल होने पर अद्दुल वहीद ने टोपी को ऐसी तीखी बात बोली कि टोपी ने इस वर्ष पास होने की कसम खा ली और हुआ भी यही। असफलता के परिणामस्वरूव मनुष्य में परिवर्तन आता है। अपने जीवन की किसी घटना का उल्लेख ‘टोपी शुकला’ पाठ के आधार पर कीजिए।
उत्तर :
यह कथन पूरी तरह सत्य है, कि असफलताएँ हमें जीवन में बहुत कुछ सीखने का अवसर प्रदान करती हैं। असफल होने के बाद व्यक्ति के अन्दर कुछ परिवर्तन आता है। यही कारण है कि असफल होने के बाद व्यक्ति सफलता प्राप्त करने के लिए दोगुना प्रयास करता है। असफलता की पीड़ा उसे सफलता प्राप्त करते रहने को प्रेरित करती है। मुझे याद है जब मैं आठवीं कक्षा मैं थी तो अपनी कक्षा में अनुत्तीर्ण हो गई थी, जिसके कारण मेरे सभी दोस्तों एवं पड़ोसियों ने मेरा काफी मजाक उड़ाया।
स्थिति इतनी बदतर लगने लगी थी कि मैंने घर से निकलना भी काफी कम कर दिया था। मैं अपने दोस्तों के साथ खेलने भी नहीं जाती थी। इसका परिणाम यह हुआ कि मैं अन्तर्मुखी बनने लगी। मुझे लोगों के बीच जाना अच्छा नहीं लगता था। एक दिन मेरी माँ ने मुझे बहुत समझाया और जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। मैंने इतनी मेहनत से पढ़ाई की कि अगले वर्ष की परीक्षा में मैं अपनी कक्षा में प्रथम आई।
(ख) लेखक के अनुसार, बचपन में सभी बच्चों का एक जैसा हाल होता है। मध्यमवर्गीय परिवार के बच्चे छोटी-छोटी गलियों में कूदते-फिरते तथा भागने-दौडने पर हाथ-पैर छिलने पर कोई परवाह नहीं करते, बल्कि परिवार वालो से हाँट ही पङती थी। ‘सपनों के से दिन’ पाठ के आधार पर बताइए कि वर्तमान समय में बख्यों के बचपन में तथा अभिभावकों के व्यदहार में क्या परिवर्तन आ गया है?
उत्तर :
वर्तमान समय में बच्चों के बचपन में तथा अभिभावकों के व्यवहार में परिवर्तन आया है। खेल-कूद से बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है। खेल-कूद विद्यार्थी को कठिन परिस्थितियों से बाहर निकलने की तरकीबें सिखाता है। खेल-कूद से बच्चों में अनुशासन की वृद्धि होती है। खेल-कूद के माध्यम से विद्यार्थी मानसिक एवं शारीरिक तौर पर स्वयं को स्वस्थ महसूस करता है। कहा भी जाता है, कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास सम्भव है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि प्रत्येक अभिभावक का अपने बच्चों के प्रति यह कर्त्तव्य होना चाहिए कि वे उन्हें पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ खेलने-कूदने के अवसर से वंचित न करें।
(ग) “हरिहर काका एक नए शोषित वर्ग के प्रतिनिधि के रूप में दिखाई देते है,.” इस कथन पर अपने तर्क प्रस्तुत करते हुए विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर :
हरिहर काका समाज के उस वृद्ध व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसे सम्पत्ति के लालच में परिवार के सदस्य तथा धर्माचारी व्यक्ति अपनी स्वार्थ वृत्ति को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक चले जाते हैं। वृद्ध व्यक्ति हमारे समाज के अत्यन्त सम्मानित एवं आवश्यक अंग हैं। इसलिए समाज का यह उत्तरदायित्व है कि वह वृद्धों को उचित मान दें तथा उनसे प्रेम भरा अपनापन युक्त व्यवहार करें। उम्र के अनुसार उनकी सभी जरूरतों को पूरा करना समाज का कर्त्तव्य है। वास्तव में, वे उस समाज की नींव या आधार रखने वाले ऐसे व्यक्ति हैं, जिस समाज में हम आवश्यक सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। हमारे समाज को बेहतर बनाने में उन लोगों ने अपना पर्याप्त योगदान दिया है। अतः उन्हें उचित सेवा, मान-सम्मान, प्रेम, अपनापन, अधिकार सब प्राप्त होना चाहिए। यह उनका अधिकार है।
लेखन
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए।
(क) हों. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम (5×1=5)
संकेत बिंदु
- पारिवारिक स्थिति
- शिक्षा
- उपलधियों
उत्तर :
डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
भारत भूमि त्रषियों-भुनियों और अनेक कर्मवीरों की भूमि है। यहाँ अनेक महापुरुष पैदा हुए हैं। इन्हीं में एक नाम है-डो.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम। देश उन्हें जनता के राष्ट्रपति के नाम से जानता है। डों. अब्दुल कलाम हमेशा अपनी सादगी और अनुशासन के लिए जाने जाते हैं। “डॉ. कलाम थे देश को अर्पण,
जीवन या उनका एक दर्शन।”
डॉ. कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम् नामक कस्बे में हुआ था। इनके पिता का नाम जनुलाब्दीन और माता का नाम अशियम्मा था। इनके पिता पढ़े-लिखे मध्यमवर्गीय व्यक्ति थे। इनकी माता आदर्श महिला थी। इनके पिता और रामेश्वर मन्दिर के पुजारी में गहरी मित्रता थी, जिसका असर कलाम के जीवन पर भी पड़ा। इनके पिता रामेश्वर से धनुषकोडि तक आने के लिए तीर्थयात्रियों के लिए नौकाएँ बनवाने का कार्य किया करते थे।
डॉ. कलाम की प्रारम्भिक शिक्षा तमिलनाडु में हुई। इसके बाद वे रामनाथपुरम् के स्कूल में गए। अब्दुल कलाम ने अपनी आरम्भिक शिक्षा जारी रखने के लिए अखबार वितरित करने का कार्य भी किया था। कलाम ने वर्ष 1950 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से अन्तरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है।
वर्ष 1972 में वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन से जुड़े। वहाँ इन्हें भारत का पहला स्वदेश उपग्रह (S.L.V. III) प्रक्षेपास्त्र बनाने का श्रेय हासिल हुआ। इन्होंने अग्नि एवं पृथ्वी जैसे प्रक्षेपास्त्रों को स्वदेशी तकनीक से बनाया था। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश भाग अनुसंधान को समर्पित कर दिया। परमाणु क्षेत्र में उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता है। उनके नेतृत्व में 1 मई, 1998 का प्रसिद्ध पोखरण परीक्षण किया गया। वह भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे। मिसाइल कार्यक्रम को नई ऊँचाई तक ले जाने के कारण उन्हें मिसाइल मैन कहा जाता है।
18 जुलाई, 2002 को कलाम को नब्बे प्रतिशत बहुमत द्वारा भारत का राष्ट्रपति चुना गया और इन्हें 25 जुलाई, 2002 को संसद भवन के अशोक कक्ष में राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई गई। इनका कार्यकाल 25 जुलाई, 2007 तक रहा। यद्यपि उनका सम्बन्ध राजनीति की दुनिया से कोसों दूर था फिर भी संयोग और भाग्य के मेल से उन्होंने भारत के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति के रूप में इस पद को सुशोभित किया। उन्होंने राष्ट्रपति पद पर रहते हुए निष्पक्षता और पूरी निष्ठा से कार्य किया।
डॉ. कलाम ने बड़े ही परिश्रम से परमाणु एवं अन्तरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊँचाई तक पहुँचाया। उसके लिए वर्ष 1997 में उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया। उन्हें वर्ष 1981 में पद्म विभूषण एवं वर्ष 1990 में ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया। ‘भारत रत्न’ से सम्मानित होने वाले वे देश के तीसरे वैज्ञानिक है। इसके साथ ही उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी नवाजा गया; जैसे-इंदिरा गाँधी अवांड, वीर सावरकर अवार्ड आदि।
(ख) परिश्रम का महत्त्व
संकेत बिंदु
- परिश्रम से ही सब कुछ संभव
- अथक प्रयास
- परिभम ही भाग्य
उत्तर :
परिश्रम का महत्त्व
परिश्रम सफलता की कुंजी है, जो व्यक्ति परिश्रमी है तथा जो समय का सदुपयोग करना जानता है, सफलता दासी बनकर उसके कदम चूमती है। भाग्यवादी और अकर्मण्य भाग्य के भरोसे बैठे रहते हैं, उन्हें बात-बात पर दूसरों का मुँह देखना पड़ता है। परिश्रमी व्यक्ति आसमान छू सकता है। वह चट्टानों से भी टकरा सकता है। वह चंद्रतल की यात्रा कर सकता है और अंतरिक्ष की सैर कर सकता है। वह पर्वतों और खाइयों के मध्य से रास्ता बना सकता है।
मानव जीवन तो संधर्षों के लिए है, जो प्राणी संघर्ष और परिश्रम से जी चुराता है, वह मूर्ख है। चींटी भी श्रम करके खाती है, शेर को भी शिकार करना पड़ता है। कर्मठ मनुष्य सदैव कार्य में जुटा रहता है। वह सर्दी-गर्मी, लू और ओले की परवाह नहीं करता है। परिश्रम के उपरांत जब सफलता प्राप्त होती है, तो मनुष्य का आत्मविश्वास बढ़ता है, उसे आत्मसंतुष्टि मिलती है।
कुछ लोग परिश्रम की अपेक्षा भाग्य को महत्त्व देते हैं। उनका कहना है कि भाग्य में जो है वह अवश्य मिलेगा, दौड़ धूप करना व्यर्थ है। यह तर्क निराधार है। यह ठीक है कि भाग्य का भी हमारे जीवन में महत्त्व है, लेकिन आलसी बनकर बैठे रहना और सफलता के लिए भाग्य को कोसना किसी प्रकार उचित नहीं। वेदवाणी में कहा गया है, बैठने वाले का भाग्य भी बैठ जाता है और खड़े होने वाले का भाग्य भी खड़ा हो जाता है। इसलिए स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था, ‘उठो जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक मत रुको’। परिश्रम के बल पर मनुष्य भाग्य की रेखाओं को भी बदल सकता है।
परिश्रमी व्यक्ति ईमानदार, सत्यवादी, चरित्रवान और सेवाभाव से युक्त होता है, जो व्यक्ति परिश्रम करता है, सफलता उसके चरण चूमने लगती है। इसके विपरीत परिश्रम न करने वाला व्यक्ति जीवनभर कष्ट उठाता रहता है, अतः हमें परिश्रम करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।
(ग) भषष्टाधार एक समस्या
संकेत बिंदु –
- भारत में भ्रष्टाचार की स्थिति
- घ्रष्टाचार के कारण
- भष्टाचार और मैतिक पतन
- भ्रष्टाचार निवारण संबंधी उपाय
उत्तर :
अषष्टाचार : एक समस्या
भ्रष्टाचार हमारे देश के लिए विकट समस्या है अखबार के पन्नों को पलटिए, विभिन्न चैनलों की खबरों को देखिए, भ्रष्टचार ही भ्रष्टाचार मिलता है।
शिष्टाचार के लिए विख्यात भारत आज घोटालों और भ्रष्टाचार का केन्द्र हो गया है। आज राजनेता से लेकर नौकरशाह तक और प्रधानमन्त्री से लेकर आम सन्तरी तक सब पर भ्रष्टाचार के छींटे पड़े मिलते हैं। कोई भी नैतिक जिम्मेदारी से समाज की सेवा करता नहीं दिखता है। सबकी आँखों पर पैसे की भूख और भ्रष्टाचार के काले दाग पड़े दिखते हैं।
“आज का भषष्टाचारी ही शिष्टाचार बन गया है” अ्रष्टाचार का अर्थ भ्रष्ट आचरण से है अर्थात् अपने आचार और नियमों के प्रति गिरा हुआ काम करना तथा दूसरों के अधिकारों का हनन करना ही भ्रष्टाचार कहलाता है, जो अनैतिक तथा सामाजिक नियमों के विरुद्ध होता है। भष्टाचार के
निम्नलिखित कारण हैं
- चुनाव प्रणाली का दोष युक्त होना
- उच्च जीवन स्तर की लालसा
- भ्रष्ट मंत्री एवं शासक
- शिक्षा का गिरता स्तर
अष्टाचार दूर करने के उपाय
1. उच्च शिक्षा का प्रसार यदि भ्रष्टाचार को दूर करना हो, तो हमें अपनी शिक्षा प्रणाली को उच्च करना होगा, जिससे कि सोचने-समझने की क्षमता में विस्तार हो सके।
2. प्रशासकीय सुधार यदि भ्रष्टाचार को समाप्त करना है, तो हमें प्रशासकीय सुधार करना आवश्यक है, क्योंकि जो लोग रिश्वत लेते हैं, उन्हें तुरन्त नौकरी से निकाल देना चाहिए।
3. दण्ड व्यवस्था में सुधार भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए दण्ड व्यवस्था में सुधार करना होगा, जो लोग भषष्टाचार फैलाते हैं, उन्हें कड़ी-से-कड़ी सजा हो।
4. समाज-कल्याण संस्थाओं की स्थापना अ्रष्टाचार को रोकने में समाज-कल्याण की संस्थाओं पर बल देना चाहिए। अतः भषष्टाचार एक बहुत ही गंभीर समस्या है इसे दूर करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है, जिसमें प्रशासन के साथ-साथ आम-जन की भागीदारी होनी चाहिए।
प्रश्न 15.
भारतीय स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक को निजी उच्च शिक्षण संस्थान में इंजीनियरिंग के अध्ययन हेतु शिक्षा ऋण प्राप्ति के लिए एक आवेदन-पत्र लगभग 100 शब्दों में लिखिए। (5×1=5)
अथवा
आपने बंगलुरु में रहने वाले अपने मित्र को जन्मदिन के उपहार का पार्सल स्पीड पोस्ट से भेजा, जो उसे नहीं मिला। इस संबंध में डाक अधीक्षक को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।
उत्तर :
परीक्षा भवन,
नई दिल्ली।
दिनांक 20 जुलाई, 2000
सेवा में,
श्रीमान शाखा पदंधक
स्टेट बैंक औक इंडिया
अजमेरी गेट, नई दिल्ली
विषय : उच्च शिक्षण संस्थान में इंजीनियरिंग के अध्ययन के लिए ऋण प्राप्ति हेतु।
महोदय,
सविनय निबेदन है कि मेरा नाम राघव है, मैं एक छात्र व आपकी बैक शाखा का खाताधारक हैं। मेरा बचत खाता संख्या 31xxx है।
मैंने इस वर्ष बारहवीं कक्षा में 95.5 के साथ उत्तीर्ण की है। में भदिष्य में दंजीनियर बनना चाहता हैं, जिसके लिए मुले अपनी पदाई को जारी रखने के लिए ऋण की आवश्यक्ता है।
वर्तमान समय में मुझे कौलेज की फीस देने के लिए 2 लाख रुपये की आवश्यकता है, जोकि में आपके बैंक से ऋण के रूप में माप्त करना चाहता हैं। में आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मेरा इंजीनियरिंग का अध्ययन पूरा होने के बाद में आपको ऋण अदा कर्षेगा।
अतः आपसे निवेदन है कि आप मुझे शीघ्र अति शीघ ऋण प्रदान कर्राने की कृपा करें, जिससे में निजी उच्य शिक्षण संस्थान में इंजीनियरिग के अध्ययन के लिए अपनी फीस जमा कर सकूँं। इसके लिए में सदेव आपका आभारी रहुंगा।
धन्यवाद।
पार्थी
शाधव
अथवा
परीक्षा भवन
नई दिल्ली।
दिनांक 10 मई, 20xx
सेथा में,
स्पीड पोस्ट अधीक्षक
जनरल पोस्ट ओंकिस
इंदरलोक, नई दिल्ली।
विषय : पार्सल न पहुँघने की शिकायत हेतु।
मान्यवर,
मैने विगत 20 दिन पहले स्पीड पोस्ट से अपने मित्र के लिए, जो कि बंगलुरू में रहता है, जन्मदिन के अवसर पर उपहार स्पीड्ड पोस्ट के द्वारा भेजा था, जिसका पंजीकरण संख्या EPOO12310 है। में आयको अवगत कराना चाहता हूँ कि यह पार्सल अभी तक उसे प्राप्त नहीं हुआ है। पता नहीं किसी कर्मधारी की लापरवाही डाक-विभाग के कारण ऐसा हुआ है।
अत: आपसे निवेदन है कि आप शीघ अति शीच हस विषय में संझान लें और मुझे सूचित करें जिससे में इसे दोबारा से भेज सकूँ। मुझे आशा है कि आप मेरी इस परेशानी का शीघ्र ही समाधान करेंगे।
धन्यवाद्
मकदीय
राकेश सैनी
इंदरलोक निवासी
प्रश्न 16.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 60 शब्दों में सूचना लिखिए। (4×1=4)
आप वित्त मंत्रालय, भारत सरकार में कार्यरत हैं। एक विभागीय समारोह के पश्चात् आपको वहाँ एक मोबाइल फ़ोन गिरा हुआ मिला। इससे संबंधित सूचना 60 शब्दों में लिखिए।
अथवा
रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित योग शिविर के बारे में एक सार्वजनिक सूचना 60 शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
वित्त मंत्रालय, भारत सरकार दिनांक : 19 फरवरी, 20XX मोबाइल फोन पाने के संबंध में सभी को सूचित किया जाता है कि 17 फरवरी, 20xxको विभागीय समारोह के पश्चात् मुझे किसी का एक मोबाइल फोन गिरा हुआ मिला। वह काले रंग का सैमसंग जे 7 प्राइम फोन है। यह जिस किसी का भी मोबाइल है वह वित्त मंत्रालय कार्यालय के कमरा नं. 16 से प्राप्त कर सकते हैं। धन्यवाद |
अथवा
रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन, नई दिल्ली दिनांक : 22 फरवरी, 20xx योग शिविर आयोजन सभी क्षेत्रवासियों को सूचित किया जाता है कि रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से आपके कमला नगर नेहरू पार्क में दिनांक 25 फरवरी, 20XX सुबह 6: 00 से 8: 00 बजे तक योग शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इच्छुक क्षेत्रवासी समय पर उपस्थित होकर योग का लाभ उठाइए। धन्यवाद |
प्रश्न 17.
शूज कंपनी के मालिक की ओर से शूज़ की सेल का विज्ञापन 40 शब्दों में लिखिए। (3×1=3)
अथवा
बाढ़ पीड़ितों की मदद हेतु एक निजी संस्था की ओर 40 शब्दों में विज्ञापन लिखिए।
उत्तर :
प्रश्न 18.
‘आगे कुआँ पीछे खाई’ उक्ति को आधार बनाकर लगभग 100 शब्दों में एक लघु कथा लिखिए। (5×1=5)
अथवा
आप कुलदीप वर्मा/सौम्या वर्मा हैं। बैंकिंग सेवा भर्ती बोर्ड, नई दिल्ली के सचिव को लिपिक पद के लिए अपनी योग्यताओं का विवरण देते हुए लगभग 100 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए।
उत्तर :