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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course B Set 4 with Solutions
समय :3 घंटे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश
- इस प्रश्न- पत्र में चार खंड हैं – ‘क’, ‘ख’, ‘ग’ और ‘घ’ ।
- खंड ‘क’ में अपठित गद्यांश से प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके उत्तर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए दीजिए ।
- खंड ‘ख’ में व्यावहारिक व्याकरण से प्रश्न पूछे गए हैं, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
- खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक पर आधारित है, निर्देशानुसार उत्तर दीजिए ।
- खंड ‘घ’ रचनात्मक लेखन पर आधारित है, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
- प्रश्न पत्र में कुल 16 प्रश्न हैं, सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- यथासंभव सभी खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए।
खंड ‘क’ (अपठित बोध) (14 अंक)
इस खंड में अपठित गद्यांश से संबंधित तीन बहुविकल्पीय (1 × 3 = 3) और दो अतिलघूत्तरात्मक व लघूत्तरात्मक (2 × 2 = 4) प्रश्न दिए गए हैं।
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए । (7)
विकास का उद्देश्य लोगों का आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक उत्थान है। विश्व में विकास के संबंध में अलग-अलग विचार हैं । विकास के पश्चिम अथवा यूरोप केंद्रित विचार में स्वतंत्रता को अत्यधिक महत्त्व दिया जाता है, जिसका संबंध आधुनिकीकरण, अवकाश, सुविधा व समृद्धि से जुड़ा है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में औद्योगीकरण, कंप्यूटरीकरण, उत्कृष्ट परिवहन व्यवस्था, स्वास्थ्य व शिक्षा की उपलब्धता, वैयक्तिक सुरक्षा इत्यादि को विकास का पर्याय माना जाता है, परंतु यह विकास का एकतरफ़ा प्रतीक है। मानव विकास एक व्यापक संकल्पना है, जिसमें मानव के लिए स्वस्थ भौतिक पर्यावरण की उपलब्धता के साथ आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक स्वतंत्रता भी समाहित है। इसका लक्ष्य लोगों के उपलब्ध विकल्पों में विस्तार करते हुए शिक्षा व स्वास्थ्य तक मानव की पहुँच सुनिश्चित करना है, ताकि सशक्तीकरण को सार्वभौमिक बनाया जा सके।
साक्षरता मानव के लिए अनिवार्य है, क्योंकि यह ज्ञान व मुक्ति का मार्ग है, परंतु इसके साथ समाज व पर्यावरण के बारे में भी व्यक्ति को ज्ञान होना चाहिए, क्योंकि ज्ञान ही मुक्ति का मूलाधार है। विकास ने मनुष्य के जीवन में कई परिवर्तन लाए हैं। मानव विकास का एक महत्त्वपूर्ण उद्देश्य सभी मनुष्यों तक विकास के समान लाभ का वितरण करना है, परंतु भेदभाव, मानवाधिकारों का हनन तथा विस्थापन की समस्याओं ने मानव को विकास के वास्तविक लाभ से दूर कर दिया
(क) पश्चिम अथवा यूरोप केंद्रित विचार में ‘विकास’ से तात्पर्य है (1)
(i) आधुनिकीकरण, अवकाश, सुविधा व समृद्धि से
(ii) सांस्कृतिक विकास, सुख-सुविधाएँ व वैयक्तिक सुरक्षा से
(iii) विचारों की आजादी, रोजगार और सिनेमा के उद्धार से
(iv) राष्ट्रीय सद्भाव, पर्यावरण सुरक्षा और नारी सशक्तीकरण से
उत्तर:
(i) आधुनिकीकरण, अवकाश, सुविधा व समृद्धि से गद्यांश के अनुसार, पश्चिम अथवा यूरोप केंद्रित विचार में ‘विकास’ से तात्पर्य आधुनिकीकरण, अवकाश, सुविधा व समृद्धि से है, क्योंकि विकास के पश्चिम अथवा यूरोप केंद्रित विचार में स्वतंत्रता को अधिक महत्त्व दिया जाता है।
(ख) गद्यांश हमें संदेश देता है
(i) विकास का उद्देश्य केवल लोगों का सांस्कृतिक उत्थान होना चाहिए
(ii) भारत में विकास के समान लाभ का वितरण हो रहा है।
(iii) मानव विकास ऐसा हो कि सभी मनुष्यों में विकास के लाभ का समान वितरण हो
(iv) मानव विकास एक संकुचित संकल्पना है
उत्तर:
(iii) मानव विकास ऐसा हो कि सभी मनुष्यों में विकास के लाभ का समान वितरण हो गद्यांश हमें संदेश देता है कि मानव विकास ऐसा हो कि सभी मनुष्यों में विकास के लाभ का समान वितरण हो और इसके लिए भेदभाव, मानवाधिकारों का हनन तथा विस्थापन जैसी समस्याओं के समाधान की आवश्यकता है।
(ग) कथन (A) साक्षरता मानव के लिए अनिवार्य है।
कारण (R) विकास नें मनुष्य के जीवन में कई परिवर्तन लाए हैं।
कूट
(i) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ii) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है ।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर:
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है । गद्यांश में बताया गया है कि साक्षरता मानव के लिए अनिवार्य है, क्योंकि यह ज्ञान और मुक्ति का मार्ग है।
(घ) सशक्तीकरण को सार्वभौमिक किस प्रकार बनाया जा सकता है ?
उत्तर:
मानव के लिए स्वस्थ भौतिक पर्यावरण की उपलब्धता के साथ आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक स्वतंत्रता भी समाहित है। इसका लक्ष्य लोगों को उपलब्ध विकल्पों में विस्तार करते हुए शिक्षा व स्वास्थ्य तक मानव की पहुँच सुनिश्चित करना है, जिससे सशक्तीकरण को सार्वभौमिक बनाया जा सके।
(ङ) मानव विकास का महत्त्वपूर्ण उद्देश्य किसे माना गया है?
उत्तर:
गद्यांश में स्पष्ट किया गया है कि मानव विकास का महत्त्वपूर्ण उद्देश्य सभी मनुष्यों तक विकास के समान लाभ का वितरण करना है। विकास का उद्देश्य लोगों का आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक उत्थान है। विश्व में विकास के संबंध में सभी के अलग-अलग मत हैं।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित गद्यांश, पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए । (7)
शिक्षा हम सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक बहुत ही आवश्यक साधन है। यदि हम समाज में सामाजिक परिवर्तन लाना चाहते हैं, तो शिक्षा उसका एक आवश्यक स्रोत है, क्योंकि इसके बिना किसी भी स्तर पर कोई सामाजिक परिवर्तन नहीं लाया जा सकता। सामाजिक क्षेत्रों में बहुत-से सुधार करने का प्रयत्न किया गया, परंतु लोगों में शिक्षा की कमी देखी गई है, जिसके परिणामस्वरूप व्यावहारिक रूप में सुधार प्रभावहीन रह जाते हैं। हमने बाल विवाह, बाल श्रम, दहेज प्रथा तथा अन्य सामाजिक बुराइयों के लिए बहुत-से कानून बनाए, परंतु विभिन्न क्षेत्रों में प्रचलित अशिक्षा ने इन सुधारात्मक कानूनी उपायों को लगभग नकार दिया है, इसलिए शिक्षा के द्वारा इन बुराइयों को मिटाने का प्रयत्न करना चाहिए, जिससे सामाजिक परिवर्तन को तीव्रता प्रदान की जा सके। देश में पिछड़ी तथा अनुसूचित जातियों का उत्थान, राष्ट्रीय तथा भावात्मक एकता, भाषा सुधार तथा लोकतांत्रिक प्रक्रिया आदि सभी का चलन बहुत धीमा है, इसलिए शिक्षा के द्वारा इनकी सफलता के लिए उचित उपाय प्रदान करने का प्रयास किया जाना चाहिए ।
परिवर्तन लाने का सबसे प्रभावी तरीका शिक्षा है। इसके द्वारा लोगों के दृष्टिकोण, व्यवहार रीतियों, जीवन नीतियों तथा मूल्यों में परिवर्तन लाने और उनमें प्रगति करने के लिए इच्छा जागृत की जा सकती है। शिक्षा आधुनिक ज्ञान में वृद्धि करने में भी सहायक हो सकती है।
(क) निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द गद्यांश में दिए गए ‘उत्थान’ शब्द के सही अर्थ को दर्शाता है?
(i) अभ्युदय
(ii) अवनति
(iii) अपक्षय
(iv) अवनयन
उत्तर:
(i) अभ्युदय गद्यांश में दिए गए ‘उत्थान’ शब्द के सही अर्थ को दर्शाने वाला शब्द है— ‘अभ्युदय’ ।
(ख) ‘इसके द्वारा लोगों के दृष्टिकोण, व्यवहार रीतियों, जीवन नीतियों तथा मूल्यों में परिवर्तन लाने और उनमें प्रगति करने के लिए इच्छा जागृत की जा सकती है। ‘ पंक्ति के माध्यम से लेखक लोगों को …….. प्रेरणा दे रहे हैं।
(i) झूठ नहीं बोलने की
(ii) आडंबरों का त्याग करने की
(iii) बाल विवाह जैसी बुराइयों को समाप्त करने की
(iv) शिक्षित करने की
उत्तर:
(iv) शिक्षित करने की प्रस्तुत पंक्ति के माध्यम से लेखक लोगों को शिक्षित करने की प्रेरणा दे रहे हैं, क्योंकि शिक्षा ही परिवर्तन लाने का सबसे प्रभावी तरीका है।
(ग) कथन सामाजिक बुराइयाँ अशिक्षा के कारण बनी रहती हैं।
निष्कर्ष शिक्षा के माध्यम से सामाजिक बुराइयों को समाप्त किया जा सकता है।
कूट
(i) कथन सही है, लेकिन निष्कर्ष गलत है।
(ii) कथन और निष्कर्ष दोनों सही हैं।
(iii) कथन गलत है, लेकिन निष्कर्ष सही है।
(iv) कथन और निष्कर्ष दोनों गलत हैं।
उत्तर:
(ii) कथन और निष्कर्ष दोनों सही हैं। गद्यांश के अनुसार, अशिक्षित समाज में सामाजिक बुराइयाँ व कुरीतियाँ बनी रहती हैं। तथा इन बुराइयों को समाप्त करने व समाज में परिवर्तन लाने का माध्यम शिक्षा है। शिक्षा लोगों के दृष्टिकोण, व्यवहार और मूल्यों को बदलकर सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने में सहायक होती है। अतः शिक्षा से बुराइयों का उन्मूलन संभव है।
(घ) गद्यांश के आधार पर बताइए कि किसका चलन बहुत धीमा है?
उत्तर:
गद्यांश में बताया गया है कि देश में पिछड़ी तथा अनुसूचित जातियों का उत्थान, राष्ट्रीय एवं भावात्मक एकता और भाषा . सुधार तथा लोकतांत्रिक प्रक्रिया का चलन बहुत ही धीमा है। अतः शिक्षा के द्वारा इनकी सफलता के लिए उचित उपाय प्रदान करने का प्रयास किया जाना चाहिए।
(ङ) उपर्युक्त गद्यांश से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर:
प्रस्तुत गद्यांश हमें यह सीख देता है कि शिक्षा सामाजिक बुराइयों को मिटाने का साधन है। किसी भी समाज में व्याप्त सामाजिक बुराइयों; जैसे— बाल विवाह, दहेज प्रथा, बाल श्रम आदि के कुप्रभावों के प्रति लोगों को जागरूक कर इन्हें मिटाने का सबसे प्रभावी साधन शिक्षा ही है। शिक्षा से मानव जाति का भविष्य उज्ज्वल हो सकता है।
खंड ‘ख’ (व्यावहारिक व्याकरण) (16 अंक)
व्याकरण के लिए निर्धारित विषयों पर अतिलघूत्तरात्मक एवं लघूत्तरात्मक 20 प्रश्न दिए गए हैं, जिनमें से केवल 16 प्रश्नों (1 × 16 = 16) के उत्तर देने हैं।
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार पदबंध पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए । (1 × 4 = 4)
(क) ‘मैंने इस विचार को दिल से बलपूर्वक निकाल डाला ।’ रेखांकित पदबंध का भेद बताइए । (1)
उत्तर:
रेखांकित पदबंध ‘दिल से बलपूर्वक’ में क्रिया-विशेषण पदबंध है।
(ख) ‘मैदान की वह सुखद हरियाली मुझे अज्ञात और अनिवार्य रूप से खींच ले जाती ।’ रेखांकित पदबंध का भेद क्या होगा? (1)
उत्तर:
रेखांकित पदबंध ‘मैदान की वह सुखद हरियाली’ में संज्ञा पदबंध है।
(ग) ‘इस भवन की बुनियाद खूब मजबूत डालना चाहते थे।’ वाक्य में विशेषण पदबंध को रेखांकित कीजिए । (1)
उत्तर:
इस भवन की बुनियाद खूब मजबूत डालना चाहते थे।
(घ) तुम्हें देखकर मेरी चेतना लुप्त हो गई थी । वाक्य में क्रिया पदबंध को छाँटिए । (1)
उत्तर:
‘तुम्हें देखकर मेरी चेतना लुप्त हो गई थी’ वाक्य में ‘लुप्त हो गई’ में क्रिया पदबंध है।
(ङ) ‘दरिया पर जाओ, तो उसे सलाम किया करो।’ इस वाक्य में सर्वनाम पदबंध बताइए । (1)
उत्तर:
‘दरिया पर जाओ, तो उसे सलाम किया करो।’ इस वाक्य में ‘दरिया पर जाओ, तो उसे’ में सर्वनाम पदबंध है।
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार रूपांतरण पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए । (1 × 4 = 4)
(क) ‘अधिक पढ़ने पर अधिक लाभ होगा।’ प्रस्तुत वाक्य को मिश्र वाक्य में रूपांतरित कीजिए | (1)
उत्तर:
यदि अधिक पढ़ोगे, तो अधिक लाभ होगा।
(ख) ‘अधिक बड़ा होने पर कम गुस्सा आता है।’ प्रस्तुत वाक्य को मिश्र वाक्य में रूपांतरित कीजिए। (1)
उत्तर:
जो जितना बड़ा होता है, उसे उतना ही कम गुस्सा आता है।
(ग) ‘वामीरो की प्रतीक्षा कर रहा था और एक-एक पल पहाड़ की तरह भारी था।’ प्रस्तुत वाक्य को सरल वाक्य में रूपांतरित कीजिए | (1)
उत्तर:
वामीरो की प्रतीक्षा में एक-एक पल पहाड़ की तरह भारी था।
(घ) ‘भाई साहब ने अपने दरजे की पढ़ाई का जो भयंकर चित्र खींचा था, उसने मुझे भयभीत कर दिया।’ इस वाक्य का संयुक्त वाक्य क्या होगा? (1)
उत्तर:
भाई साहब ने अपने दरजे की पढ़ाई का भयंकर चित्र खींचा और उसने मुझे भयभीत कर दिया।
(ङ) ‘बड़े भाई साहब उपदेश देने की कला में निपुण थे।’ प्रस्तुत वाक्य को संयुक्त वाक्य में रूपांतरित कीजिए । (1)
उत्तर:
वह उपदेश देने की कला में निपुण थे इसलिए बड़े भाई साहब ने उपदेश दिया।
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार समास पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(क) ‘प्राणप्रिय’ शब्द में कौन-सा समास है? (1)
उत्तर:
‘प्राणप्रिय’ शब्द में कर्मधारय समास है।
(ख) ‘भयभीत’ शब्द का समास विग्रह और समास बताइए । (1)
उत्तर:
‘भयभीत’ शब्द का समास – विग्रह ‘भय से भीत’ है तथा इसमें तत्पुरुष समास है।
(ग) ‘मनगढ़ंत ‘ समस्त पद का विग्रह क्या है? (1)
उत्तर:
‘मनगढ़त’ समस्त पद का विग्रह ‘मन से गढ़ा हुआ है।’
(घ) ‘कुसुमायुध’ शब्द का समास विग्रह क्या है तथा इसमें कौन-सा समास प्रयुक्त है ? (1)
उत्तर:
‘कुसुमायुध’ शब्द का समास – विग्रह ‘कुसुम है आयुध जिसका ‘ अर्थात् कामदेव है तथा इसमें बहुव्रीहि समास है ।
(ङ) सुख-दुःख में कौन-सा समास है?
उत्तर:
‘सुख-दुःख’ में द्वन्द्व समास है।
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार मुहावरे पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए । (1 × 4 = 4)
(क) ‘जश्न की सारी तैयारी बेहतरीन थी, लेकिन मेहमानों के बीच हुई बहस ने समारोह की शान में बट्टा लगा दिया।’ पंक्ति में से मुहावरा चुनकर वाक्य में प्रयोग कीजिए | (1)
उत्तर:
मुहावरा ‘शान में बट्टा लगना’
वाक्य प्रयोग साइकिल की सवारी करना आजकल के युवाओं के लिए शान में बट्टा लगना है।
(ख) ‘हथेली पर सरसों उगाना’ मुहावरे का अर्थ क्या है? (1)
उत्तर:
‘हथेली पर सरसों उगाना’ मुहावरे का अर्थ है – असंभव काम करना।
(ग) सही मुहावरे का प्रयोग करके निम्नलिखित वाक्य को पूरा कीजिए । (1)
पुलिस की आहट सुनते ही चोर ………. बन जाते हैं।
उत्तर:
पुलिस की आहट सुनते ही चोर भीगी बिल्ली बन जाते हैं।
(घ) ‘प्यार से स्वागत करना’ अर्थ के लिए उपयुक्त मुहावरा लिखिए। (1)
उत्तर:
‘प्यार से स्वागत करना’ के लिए उपयुक्त मुहावरा ‘आँखें बिछाना’ है।
(ङ) रेखांकित अंश के लिए कौन-सा मुहावरा प्रयुक्त होगा? (1)
मैं तुम्हारी व्यर्थ की धमकी से डरने वाला नहीं हूँ ।
उत्तर:
रेखांकित अंश ‘व्यर्थ की धमकी’ के लिए उचित मुहावरा गीदड़ भभकी है।
अतः पूर्ण वाक्य है – मैं तुम्हारी गीदड़ भभकी से डरने वाला नहीं हूँ।
खंड ‘ग’ (पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक) (28 अंक)
इस खंड में पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक से प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए। किस्सा क्या हुआ था उसको उसके पद से हटाने के बाद हमने वज़ीर अली को बनारस पहुँचा दिया और तीन लाख रुपया सालाना वजीफ़ा मुकर्रर कर दिया। कुछ महीने बाद गवर्नर जनरल ने उसे कलकत्ता (कोलकाता) तलब किया। वज़ीर अली कंपनी के वकील के पास गया, जो बनारस में रहता था और उससे शिकायत की कि गवर्नर जनरल उसे कलकत्ता में क्यूँ तलब करता है। वकील ने शिकायत की भी परवाह नहीं की उलटा उसे बुरा-भला सुना दिया । वज़ीर अली के तो दिल में यूँ भी अंग्रेजों के खिलाफ नफरत कूट-कूटकर भरी है, उसने खंजर से वकील का काम तमाम कर दिया । (1 × 5 = 5)
(क) वज़ीर अली कंपनी के वकील के पास गया, जो बनारस में रहता था और उससे शिकायत की कि गवर्नर जनरल उसे कलकत्ता में क्यूँ तलब करता है?” कथन के माध्यम से वजीर अली के व्यक्तित्व की कौन-सी विशेषता ज्ञात होती है ?
(i) वज़ीर अली एक लाचार व्यक्ति था ।
(ii) वज़ीर अली एक दार्शनिक व्यक्ति था।
(iii) वज़ीर अली एक स्वाभिमानी व्यक्ति था ।
(iv) वज़ीर अली एक देशभक्त व्यक्ति था ।
उत्तर:
(iii) वज़ीर अली एक स्वाभिमानी व्यक्ति था। प्रश्न में दिए गए कथन के माध्यम से ज्ञात होता है कि वजीर अली एक स्वाभिमानी व्यक्ति था। जब उसे अवध के नवाब के पद से हटा दिया गया, तो कंपनी के गवर्नर जनरल ने उसे कलकत्ता तलब किया, लेकिन वह वहाँ नहीं गया, क्योंकि यह उसके स्वाभिमान के विरुद्ध था।
(ख) “वज़ीर अली के तो दिल में यूँ भी अंग्रेजों के खिलाफ़ नफरत कूट-कूटकर भरी है।” यह दर्शाता है, वजीर अली का/की (1)
(i) अभिमान
(ii) अपनत्व
(iii) कर्त्तव्यबोध
(iv) देशभक्ति
उत्तर:
(iv) देशभक्ति प्रश्न में दिया गया कथन वजीर अली की देशभक्ति को दर्शाता है। वजीर अली देशभक्त है। वह हिंदुस्तान से अंग्रेजों को भगाने के प्रयास में जुट जाता है। उसे अंग्रेज़ों की गुलामी स्वीकार नहीं है, इसलिए उसके दिल में अंग्रेजों के खिलाफ़ नफरत कूट-कूटकर भरी है।
(ग) पद से हटाए जाने के बदले में वज़ीर अली को क्या दिया गया?
(i) एक महल और दो रानियाँ दी गई थीं
(ii) तीन लाख रुपये सालाना दिया गया था
(iii) सरकारी पद पर नौकरी दी गई थी
(iv) ये सभी
उत्तर:
(ii) तीन लाख रुपये सालाना दिया गया था अंग्रेज़ों ने वज़ीर अली के चाचा सआदत अली को अवध का नवाब बना दिया और वज़ीर अली को बनारस भेज दिया। पद से हटाए जाने के बदले में वज़ीर अली को तीन लाख रुपये सालाना वज़ीफा देना तय किया गया।
(घ) “उसे उसके पद से हटाने के बाद हमने वज़ीर अली को बनारस पहुँचा दिया” इस पंक्ति में ‘हमने ‘ शब्द का प्रयोग किसके लिए हुआ है?
(i) अंग्रेज़ो के लिए
(ii) वकील के लिए
(iii) वज़ीर अली के लिए
(iv) सआदत अली के लिए
उत्तर:
(iv) सआदत अली के लिए “उसे उसके पद से हटाने के बाद हमने वज़ीर अली को बनारस पहुँचा दिया” पंक्ति में ‘हमने ‘ शब्द का प्रयोग सआदत अली के लिए हुआ है। अंग्रेजों की मदद से सआदत अली ने वज़ीर अली से अवध की नवाबी छीन ली और उसे बनारस पहुँचा दिया।
(ङ) कंथन (A) वज़ीर अली ने कंपनी के वकील की हत्या कर दी।
कारण (R) वज़ीर अली अपनी शक्ति का प्रदर्शन करना चाहता था ।
कूट
(i) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ii) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है ।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर:
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है। वज़ीर अली ने कंपनी के वकील की हत्या कर दी, क्योंकि जब वज़ीर अली ने कंपनी के वकील से गवर्नर जनरल द्वारा कलकत्ता तलब किए जाने की शिकायत की, तो वकील ने शिकायत की परवाह किए बिना उसे ही बुरा-भला सुनाया था। वज़ीर अली अपनी शक्ति का प्रदर्शन नहीं करना चाहता था।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में दीजिए। (2 × 3 = 6)
(क) ‘बड़े भाई साहब’ पाठ के माध्यम से आपने शिक्षा पद्धति के उन दोषों के बारे में जाना, जो बच्चों को किताबी कीड़ा बनाते हैं और जीवन के व्यावहारिक ज्ञान से अलग रखते हैं । पाठ से प्राप्त प्रेरणा का वर्णन कीजिए । (2)
उत्तर:
‘बड़े भाई साहब’ कहानी हमें यह प्रेरणा देती है कि सफल होने के लिए केवल किताबी ज्ञान का होना ही महत्त्वपूर्ण नहीं होता है, अपितु पढ़ाई सहज रूप से व्यावहारिक होनी चाहिए, जिससे उसे जीवन में भी आत्मसात किया जा सके। प्रस्तुत कहानी में बड़े भाई साहब तोता रटंत विद्या के कारण बुद्धि का विकास नहीं कर सके। पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद भी जीवन में अहम है, जो पढ़ाई में भी सहायक होते हैं। बुद्धि के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक व व्यक्तित्व का विकास भी आवश्यक है।
(ख) ‘झेन की देन’ पाठ के आधार पर प्रस्तुत कथन ‘जो हमें अत्यधिक व्यस्त जीवनशैली और उसके दुष्परिणामों से अवगत कराता है और यह संदेश देता है कि अधिक तनाव मनुष्य को पागल बना देता है।’ स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
‘झेन की देन’ पाठ हमें अत्यधिक व्यस्त जीवनशैली और उसके दुष्परिणामों से अवगत कराता है। पाठ में जापानियों की व्यस्त दिनचर्या से उत्पन्न मनोरोग की चर्चा करते हुए वहाँ की ‘टी सेरेमनी’ के माध्यम से मानसिक तनाव से मुक्त होने का संकेत करते हुए यह संदेश दिया गया है कि अधिक तनाव मनुष्य को पागल बना देता है। इससे बचने का उपाय है— मन को शांत रखना और वर्तमान का भरपूर आनंद लेना। मन से चिंता, तनाव और अधिक काम की बोझिलता को हटाना ।
(ग) शेख अयाज के पिता ने ऐसा क्यों कहा कि “मैंने एक घरवाले को बेघर कर दिया है। उस बेघर को कुएँ पर उसके घर छोड़ने जा रहा हूँ।” ‘अब कहाँ दूसरे के दुःख से दुःखी होने वाले’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
शेख अयाज़ के पिता सभी प्राणियों को ईश्वर की संतान के रूप में देखते थे। एक दिन शेख अयाज़ के पिता कुएँ से नहाकर लौटे और खाना खाने बैठे, तभी उन्हें अपनी बाजू पर एक चींटा रेंगता हुआ दिखाई पड़ा। वह भोजन छोड़कर उठ गए। जब माँ ने बिना भोजन किए उठने का कारण पूछा, तो वे बोले, “मैंने एक घरवाले को बेघर कर दिया है, उस बेघर को कुएँ पर उसके घर छोड़ने जा रहा हूँ।” इससे प्रमाणित होता है कि शेख अयाज़ के पिता समदर्शी थे। उनकी भावनाएँ जीव-जंतुओं के लिए एकसमान करुणामयी थीं ।
(घ) ‘तीसरी कसम’ फिल्म को ‘सैल्यूलाइड पर लिखी कविता’ क्यों कहा गया है?
उत्तर:
‘तीसरी कसम’ को सैल्यूलाइड पर लिखी कविता इसलिए कहा गया है, क्योंकि तीसरी कसम वह फिल्म है, जिसने हिंदी साहित्य की एक अत्यंत मार्मिक कृति को सैल्यूलाइड पर पूरी सार्थकता से उतारा। तीसरी कसम फिल्म नहीं, बल्कि सैल्यूलाइड पर लिखी कविता थी ।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए | (1 × 5 = 5)
जिंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर
जान देने की रुत रोज आती नहीं
हुस्न और इश्क दोनों को रुस्वा करे
वो जवानी जो खूँ में नहाती नहीं
आज धरती बनी है दुलहन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
(क) प्रस्तुत पद्यांश में ‘दुल्हन’ …….. कहा गया है। (1)
(i) धरती को
(ii) आकाश को
(iii) देशभक्त को
(iv) दुश्मन सैनिक को
उत्तर:
(i) धरती को प्रस्तुत पद्यांश में ‘दुल्हन’ धरती को कहा गया है। पद्यांश में साथी-सैनिकों को आह्वान कर कहा गया है कि धरती की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देना चाहिए।
(ख) पद्यांश के अनुसार, किसके लिए जान देने की रुत रोज नहीं आती? (1)
(i) मित्र के लिए
(ii) धर्म के लिए
(iii) देश के लिए
(iv) प्रेम के लिए
उत्तर:
(iii) देश के लिए पद्यांश के अनुसार, देश के लिए जान देने का अवसर सदा प्राप्त नहीं होता है। यहाँ सैनिक स्पष्ट रूप से कहता है कि देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने के दिन हमेशा नहीं आते हैं, इसलिए देश की रक्षा करते समय अपने प्राणों की परवाह नहीं करनी चाहिए।
(ग) पद्यांश में कैसी जवानी को व्यर्थ माना गया है? (1)
(i) जो दूसरों को न सताए
(ii) जो जबरदस्ती किसी का धन न छीने
(iii) जो देश के लिए खून न बहाए
(iv) जो अपनी बहादुरी दूसरों को न दिखाए
उत्तर:
(iii) जो देश के लिए खून न बहाए पद्यांश में ऐसी जवानी को व्यर्थ माना गया है, जो देश के लिए खून न बहाए । कहने का अभिप्राय यह है कि देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान न देने वाली जवानी किसी काम की नहीं है ।
(घ) बलिदान न देने वाला यौवन किन्हें बदनाम करता है? (1)
(i) आलस और मेहनत को
(ii) दुष्टता और सज्जनता को
(iii) पुरुष और नारी को
(iv) सुंदरता और प्रेम को
उत्तर:
(iv) सुंदरता और प्रेम को बलिदान न देने वाला यौवन, सुंदरता और प्रेम दोनों को ही बदनाम करता है । यौवनावस्था में सुंदरता और प्रेम का विशेष महत्त्व होता है, किंतु यदि यही जवानी देश के काम न आए, तो वह सुंदरता और प्रेम को बदनाम करती है।
(ङ) कथन (A) वह जवानी व्यर्थ है, जो देश की रक्षा में काम न आए।
कारण (R) युवाओं का सौंदर्य और प्रेम तभी सार्थक है, जब वे देश के लिए खून बहाते हैं। कूट
(i) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है ।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत है।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या है। पद्यांश के अनुसार वह जवानी व्यर्थ है जो देश की रक्षा के काम न आए, क्योंकि युवाओं का सौंदर्य और प्रेम तभी सार्थक है, जब वे देश के लिए अपना बलिदान दें।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में दीजिए । (2 × 3 = 6)
(क) ‘पद’ कविता के पहले पद में मीरा ने हरि से अपनी पीड़ा हरने की विनती किस प्रकार की है?
उत्तर:
‘पद’ कविता में मीरा श्रीकृष्ण को संबोधित करते हुए कहती है कि हे कृष्ण ! आप तो सदैव अपने भक्तों की पीड़ा को दूर करते हैं। वह अनेक उदाहरणों के माध्यम से श्रीकृष्ण को अपनी पीड़ा हरने की बात कहती है; जैसे- भरी सभा में कौरवों द्वारा अपमानित होने पर जब द्रौपदी ने पुकारा, तो आपने उसके मान-सम्मान की रक्षा की, भक्त प्रह्लाद को बचाकर हिरण्यकश्यप को मारा, मुसीबत में पड़े ऐरावत हाथी को मगरमच्छ के मुँह से बचाया । मीरा इन सब उदाहरणों के माध्यम से अपनी पीड़ा हरने के साथ-साथ सांसारिक बंधनों से मुक्ति के लिए भी विनती करती है।
(ख) ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ कविता में पावस ऋतु में प्रकृति में होने वाले किन परिवर्तनों के बारे में बताया गया है? अपने शब्दों में, उत्तर दीजिए ।
उत्तर:
‘पर्वत प्रदेश में पावस’ कविता में वर्षा ऋतु में पर्वतीय प्रदेश में प्रकृति प्रतिपल नया वेश ग्रहण करती दिखाई देती है । इस ऋतु में प्रकृति निम्नलिखित परिवर्तन आते हैं
- विशाल आकार वाला पर्वत तालाब के स्वच्छ जलरूपी दर्पण में अपना प्रतिबिंब देखता है।
- पर्वत पर असंख्य फूल खिल जाते हैं।
- झरनों का पानी मोती की लड़ियों के समान सुशोभित होता है।
- ऊँचे वृक्ष आकाश की ओर एकटक देखते हैं।
- बादलों के छा जाने से पर्वत अदृश्य हो जाते हैं।
- ताल से उठते हुए धुएँ को देखकर लगता है, मानो आग लग गई हो।
- आकाश में तेजी से इधर-उधर घूमते हुए बादल अत्यंत आकर्षक लगते हैं।
(ग) ‘आत्मत्राण’ कविता में कवि को ईश्वर के अतिरिक्त अपनी बुद्धि और कौशल पर विश्वास है क्यों?
उत्तर:
‘आत्मत्राण’ कविता में कवि को ईश्वर के अतिरिक्त अपनी बुद्धि और कौशल पर विश्वास है, क्योंकि उन्हें अपनी शक्ति व कठिनाइयों का सामना करने के लिए बुद्धि के बल पर बनाई गई योजनाओं और कुशलता के बल पर उनका सामना करने की क्षमता पर विश्वास है । कवि का मानना है कि यदि मनुष्य चाहे तो अपना उद्धार स्वयं ही कर सकता है, अपनी कठिनाइयों से स्वयं छुटकारा पा सकता है।
(घ) ‘सब अँधियारा मिटि गया’ पंक्ति में किस अँधियारे की ओर संकेत किया गया है?
उत्तर:
‘सब अँधियारा मिटि गया’ पंक्ति पा माध्यम से मनुष्य के मन में व्याप्त अहंकार, अज्ञान, भय जैसे अँधियारे की ओर संकेत किया गया है, जिसके कारण मनुष्य सांसारिकता में डूबा रहता है तथा ईश्वर को नहीं पहचान पाता। जैसे ही मनुष्य ज्योतिस्वरूप ज्ञान रूपी दीपक को मन में देखता है, तो उसका अज्ञान रूपी अंधकार समाप्त हो जाता है अर्थात् यह अँधेरा उसी तरह मिट गया, जैसे दीपक जलाने से अँधेरा समाप्त हो जाता है।
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 40-50 शब्दों में दीजिए। (3 × 2 = 6)
(क) लेखक के अधिकांश मित्र राजस्थान, हरियाणा के मूल निवासी थे, जो व्यापार के उद्देश्य से परिवार के साथ यहाँ रहते थे। उनकी बोली कम समझ में आती थी। ‘सपनों के से दिन’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि जहाँ आत्मीयता या अपनेपन की भावना प्रबल होती है, वहाँ भिन्न भाषा जैसी समस्याएँ बाधक नहीं बन पातीं। (3)
उत्तर:
‘सपनों के से दिन’ पाठ में लेखक के आधे से अधिक साथियों के घरवाले राजस्थान या हरियाणा से मंडी में व्यापार या दुकानदारी करने आए थे। इन सबकी संस्कृति, भाषा, रहन-सहन, पहनावा, रीति-रिवाज़ आदि सब वहाँ के स्थानीय लोगों की तुलना में भिन्न थे। इन परिवारों के बच्चे जिस भाषा का प्रयोग करते, वह लेखक या अन्य स्थानीय लोगों को समझ में नहीं आती थी। इसके पश्चात् भी लेखक की इनमें से अनेक लड़कों के साथ अच्छी मित्रता हो गई थी। सहृदयता होने के कारण उनके बीच भाषा कभी भी दीवार बनकर खड़ी नहीं हुई।
(ख) ठाकुरबारी से घर वापस लौटने पर हरिहर काका के मन में महंत जी के प्रति आदर और श्रद्धा का भाव क्यों बढ़ गया ? हरिहर काका कहानी के आधार पर बताइए । (3)
उत्तर:
ठाकुरबारी से घर आने के पश्चात् हरिहर काका ने जो बदलाव देखा, उसने उन्हें सुखद आश्चर्य में डाल दिया। घर के छोटे-बड़े सब उन्हें सिर आँखों पर उठाने को तैयार थे। भाइयों की पत्नियों ने उनके पैर पर माथा रख अपनी गलती के लिए क्षमा याचना की और फिर उनकी आवभगत और खातिरदारी शुरू हुई। हरिहर काका की इच्छा के मुताबिक दोनों वक्त का खाना और नाश्ता तैयार किया जाने लगा। उन्हें जिस किसी वस्तु की इच्छा होती, आवाज़ लगाते ही उपस्थित हो जाती । हरिहर काका को उनकी इच्छा के अनुसार परिवार में मान-सम्मान मिल रहा था। वे समझने लगे थे कि यह सब महंत जी के चलते ही हो रहा है। इसलिए महंत जी के प्रति उनके मन में आदर और श्रद्धा भाव बढ़ गया था।
(ग) टोपी और इफ्फन की दादी अलग-अलग मजहब और जाति के थे पर एक अनजान अटूट रिश्ते से बँधे थे। ‘टोपी शुक्ला’ पाठ के आधार पर अपने विचार लिखिए। (3)
उत्तर:
‘टोपी शुक्ला’ पाठ में टोपी कट्टर हिंदू परिवार से था और इफ्फन की दादी मुसलमान थीं, किंतु फिर भी टोपी और इफ्फन की दादी में एक अटूट मानवीय रिश्ता था। दोनों आपस में स्नेह के बंधन में बँधे थे। टोपी को इफ़्फ़न के घर में अपनापन मिलता था। दादी के आँचल की छाँव में बैठकर वह स्नेह का अपार भंडार पाता था। उसके लिए रीति-रिवाज, सामाजिक हैसियत, खान-पान आदि कोई महत्त्व नहीं रखता था। इफ्फन की दादी भी घर में अकेली थीं, उनकी भावनाओं को समझने वाला भी कोई नहीं था। अतः दोनों का रिश्ता धर्म और जाति की सीमाएँ पार कर प्रेम के बंधन में बंध गया। अतः स्पष्ट है कि टोपी और इफ्फन की दादी अलग-अलग मजहब और जाति के होने पर भी आपस में प्रेम और स्नेह की अदृश्य डोर से बँधी हुई थी।
खंड ‘घ’ (रचनात्मक लेखन) (22 अंक)
इस खंड में रचनात्मक लेखन पर आधारित प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 120 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए। (5)
(क) दिल्ली मेट्रो रेल – एक वरदान
संकेत बिंदु
- मेट्रो रेल का उद्देश्य
- मेट्रो रेल में प्राप्त सुविधाएँ
- नागरिकों के कर्त्तव्य
उत्तर:
दिल्ली मेट्रो रेल एक वरदान
दिल्ली मेट्रो को एक वरदान के रूप में देखा जा सकता है, क्योंकि यह और उसके आस-पास के क्षेत्रों में यातायात की समस्यों को काफी हद तक हल करने में सफल रही है। तेजी से बढ़ती आबादी और गाड़ियों की संख्या के बीच, दिल्ली मेट्रो ने नागरिकों को एक सुरक्षित, तेज़ और पर्यावरण- संवेदनशील परिवहन विकल्प प्रदान किया है। मेट्रो ने सड़कों पर यातायात का दबाव कम किया है और प्रदूषण में भी कमी लाई है। मेट्रो सस्ता और सुविधाजनक साधन होने के कारण यह प्रत्येक वर्ग के लोगों के लिए लाभदायक सिद्ध हुई है।
दिल्ली मेट्रो का मुख्य उद्देश्य दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में यातायात की सुविधा को बेहतर बनाना है। इसका लक्ष्य यातायात की भीड़ को कम करना, सड़क दुर्घटनाओं की संख्या को घटाना, प्रदूषण को नियंत्रित करना तथा लोगों को एक सस्ता, सुरक्षित और तेज परिवहन माध्यम उपलब्ध कराना है।
दिल्ली मेट्रो अपने यात्रियों को कई आधुनिक सुविधाएँ प्रदान करती है। सभी कोच वातानुकूलित हैं, जिससे यात्रियों को गर्मी और ठंड से राहत मिलती है। प्रत्येक स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे, मेटल डिटेक्टर्स और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती होती है, जिससे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है। मेट्रो स्टेशनों और कोचों में साफ़-सफ़ाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। स्मार्ट कार्ड और टोकन की भी सुविधा उपलब्ध है, कई स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध है और मेट्रो में यात्रा के दौरान भी मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी बनी रहती है। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक स्टेशन पर लिफ्ट, रैंप और विशेष टिकट काउंटर होते हैं, जिससे विकलांग यात्रियों को कोई परेशानी न हो।
दिल्ली मेट्रो का उपयोग करते समय नागरिकों के कुछ कर्त्तव्य भी होते हैं। सबसे पहले, मेट्रो और उसके स्टेशनों पर साफ-सफाई बनाए रखना आवश्यक है, कचरा फैलाने से बचें और निर्धारित स्थानों पर ही कचरा डालें। मेट्रो में यात्रा के दौरान शांति बनाए रखें और अनावश्यक शोर न करें। सुरक्षा जाँच में सहयोग करें तथा मेट्रो के नियमों का पालन करें।
अत: स्पष्ट है कि दिल्ली मेट्रो ने न केवल दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में परिवहन को सुलभ और सुविधाजनक बनाया है, बल्कि यह नागरिकों के लिए एक वरदान भी साबित हुई है।
(ख) जीवन में खेलों का महत्त्व
संकेत बिंदु
- खेलों का महत्त्व
- खेलों से लाभ
- समग्र व्यक्तित्व के निर्माण में सहायक
उत्तर:
जीवन में खेलों का महत्त्व
खेलों का जीवन में महत्त्वपूर्ण स्थान है। ये न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक विकास में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। खेल व्यक्ति को अनुशासन, टीमवर्क और नेतृत्व जैसे महत्त्वपूर्ण गुण सिखाते हैं। ये समय प्रबंधन, धैर्य और सहनशीलता को भी बढ़ावा देते हैं। इसके अतिरिक्त, खेलों से जीवन में आनंद और उत्साह का संचार होता है, जो व्यक्ति को सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने में मदद करता है।
खेलों के माध्यम से व्यक्ति का शारीरिक विकास होता है, मांसपेशियाँ मजबूत बनती हैं और सहनशक्ति बढ़ती है। नियमित रूप से खेल खेलने से हृदय रोग, मोटापा और मधुमेह जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है। इसके अतिरिक्त, खेल मानसिक स्वास्थ्य को भी सुधारते हैं। खेल तनाव को कम करते हैं और मानसिक ताजगी प्रदान करते हैं।
समग्र व्यक्तित्व के निर्माण में खेलों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। खेल व्यक्ति को अनुशासन सिखाते हैं, जो उसके जीवन के प्रत्येक पहलू में उपयोगी होता है। टीम खेलों के माध्यम से व्यक्ति टीमवर्क और सहयोग की महत्ता समझता है। इसके अतिरिक्त, खेलों में जीत और हार दोनों का अनुभव होता है, जिससे व्यक्ति को जीवन की अनिश्चितताओं का सामना करने की क्षमता मिलती है।
खेलों के माध्यम से व्यक्ति में आत्मविश्वास और आत्मसम्मान का विकास होता है। जब वह सफलता प्राप्त करता है, तो उसका आत्मविश्वास बढ़ता है और जब वह असफल होता है, तो उसे अपनी कमजोरियों को पहचानने और उनमें सुधार करने की प्रेरणा मिलती है। खेल व्यक्ति को जीवन में धैर्य, समर्पण और निरंतर प्रयास की महत्ता भी सिखाते हैं।
अतः स्पष्ट है कि खेल जीवन का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास में सहायक होते हैं। ये व्यक्ति के समग्र व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं और उसे जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करते हैं। इसलिए, हमें अपने दैनिक जीवन में खेलों को शामिल करना चाहिए और इसके माध्यम से स्वस्थ, संतुलित और सफल जीवन जीने का प्रयास करना चाहिए।
(ग) कन्या भ्रूण हत्या एक अभिशाप
संकेत बिंदु
- कन्या भ्रूण हत्या का अर्थ
- कन्या भ्रूण हत्या के कारण
- कन्या भ्रूण हत्या एक अमानवीय कार्य
- कन्या भ्रूण हत्या रोकथाम के उपाय
उत्तर:
कन्या भ्रूण हत्या एक अभिशाप
कन्या भ्रूण हत्या का अर्थ है- जन्म से पहले ही गर्भ में कन्या भ्रूण को नष्ट कर देना। यह प्रथा न केवल महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि मानवता पर एक बड़ा धब्बा भी है।
कन्या भ्रूण हत्या के कई कारण हैं। कई स्थानों पर लड़कों को लड़कियों से अधिक महत्त्व दिया जाता है। लड़के को वंश का वारिस माना जाता है, वहीं लड़कियों को बोझ समझा जाता है। आर्थिक कारण भी एक बड़ा कारक है, जहाँ गरीब परिवार लड़कियों की परवरिश और उनकी शादी का खर्च उठाने में स्वयं को सक्षम नहीं समझते।
कन्या भ्रूण हत्या एक अमानवीय कार्य है। यह न केवल एक जीवन को समाप्त करता है, बल्कि समाज में लिंग अनुपात को भी असंतुलित करता है। यह प्रथा महिला सशक्तीकरण और उनके अधिकारों के खिलाफ एक बड़ा धक्का है।
कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए कई उपाय अपनाए जा सकते हैं। सबसे पहले, हमें समाज में शिक्षा और जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। लोगों को यह समझाना आवश्यक है कि लड़कियाँ बोझ नहीं, बल्कि वरदान हैं। सरकार को भी इस दिशा में कड़े कानून बनाने और उनका सख्ती से पालन करने की आवश्यकता है। गर्भ में लिंग जाँच पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए और इसका उल्लंघन करने वालों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए। इसके अतिरिक्त, महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा और उनके सशक्तीकरण के लिए विभिन्न योजनाएँ और कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए। दहेज प्रथा को समाप्त करने के लिए भी कड़े कदम उठाने चाहिए, जिससे लोग लड़कियों को बोझ न समझे ।
अतः स्पष्ट है कि कन्या भ्रूण हत्या एक गंभीर सामाजिक समस्या है, जिसे समाप्त करने के लिए हमें सामूहिक प्रयास करने होंगे । यह न केवल एक अमानवीय और गैर-कानूनी कार्य है, बल्कि समाज के संतुलन और विकास में भी बाधक है। हमें अपनी सोच और मानसिकता में बदलाव लाकर लड़कियों को समान अधिकार और सम्मान देना होगा। तभी हम एक स्वस्थ, संतुलित और न्यायपूर्ण समाज का निर्माण कर पाएँगे।
प्रश्न 13.
अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को एक पत्र लिखकर अपने एक सहपाठी के प्रशंसनीय और साहसिक व्यवहार के लिए उसे सम्मानित करने का अनुरोध कीजिए। (शब्द-सीमा लगभग 100 शब्द)
अथवा
आपके मोहल्ले में बच्चों के खेलने के लिए किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं है। नगर निगम के अध्यक्ष को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखकर बाल उद्यान (पार्क) बनवाने की प्रार्थना कीजिए |
उत्तर:
परीक्षा भवन,
हरियाणा |
दिनांक 22 मार्च, 20XX
सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय,
दिगंबर जैन पब्लिक स्कूल,
पलवल, हरियाणा |
विषय सहपाठी के प्रशंसनीय और साहसिक व्यवहार के लिए उसे सम्मानित करने के संदर्भ में।
मान्यवर,
सविनय निवेदन है कि मंगलवार को अवकाश के बाद हम चार छात्राएँ बस की प्रतीक्षा में खड़ी थीं, तभी अचानक ही लाल रंग की एक कार हमारी ओर तेज़ी से बढ़ने लगी। इससे पहले कि हम कुछ सोच पातीं, वह कार हमारे साथ खड़ी छात्रा से टकरा गई और वह छात्रा नीचे गिर पड़ी, उसके सिर से खून निकलने लगा । हमने पास से आते-जाते बहुत-से लोगों से सहायता के लिए विनती की, किंतु किसी ने हमारी सहायता नहीं की । ऐसे में साइकिल पर जाते हुए एक लड़के ने हमारी आवाज़ सुनी। वह दौड़कर हमारे पास आया और घायल छात्रा को कुछ लोगों की सहायता से पास के एक अस्पताल में ले गया। समय पर उपचार हो जाने पर उस छात्रा की जान बच गई, अन्यथा उसे कुछ भी हो सकता था। बाद में पता चला कि वह लड़का हमारे विद्यालय का ही एक छात्र अभय वर्मा है।
आपसे विनम्र निवेदन है कि हमारे विद्यालय के इस साहसी छात्र अभय वर्मा को ऐसे प्रशंसनीय कार्य के लिए सार्वजनिक रूप से सम्मानित – किया जाए।
धन्यवाद ।
आपकी आज्ञाकारिणी
कक्षा दसवीं ‘ब’
अथवा
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 15 मार्च, 20XX
सेवा में,
अध्यक्ष महोदय,
नगर निगम,
दिल्ली।
विषय बच्चों के खेलने के लिए पार्क की व्यवस्था करने हेतु ।
महोदय,
हम सब कमला नगर क्षेत्र के स्थायी निवासी हैं। हम आपका ध्यान ‘बच्चों के लिए पार्क न होने की समस्या की ओर आकर्षित करना चाहते हैं। हमारे क्षेत्र की जनसंख्या 10 हज़ार से अधिक है, इसके पश्चात् भी बच्चों के खेलने हेतु मोहल्ले में एक भी बाल उद्यान नहीं है, जिसके अभाव में बच्चे घर में ही रहते हैं। इस कारण उनका शारीरिक व मानसिक विकास अवरुद्ध होता है। इसके अतिरिक्त, पर्यावरण व अन्य नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए भी उद्यान की आवश्यकता अनुभव की जा रही है। बच्चे देश का भविष्य हैं, उनका खास ध्यान रखना चाहिए। उन्हें
के विकास के लिए पूर्ण अवसर प्रदान करना चाहिए। उन्हें खाली समय में मनोरंजन के लिए तथा खेलने के लिए स्थान मिलना चाहिए। इसलिए पार्क की बहुत आवश्यकता है। शहर के बीचों-बीच काफी खाली स्थान उपलब्ध है। यह इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के कब्जे में है। इसे आसानी से पार्क में तब्दील किया जा सकता है।
अतः हम सब निवासी आपसे विनम्र अनुरोध करते हैं कि इस समस्या का समाधान किया जाए तथा बाल उद्यान की व्यवस्था की जाए। हम सब हार्दिक रूप से आपके अत्यंत आभारी रहेंगे।
सधन्यवाद ।
भवदीय
समस्त निवासीगण
कमला नगर,
दिल्ली।
प्रश्न 14.
विद्यालय के प्रधानाचार्य की ओर से विद्यालय दिवस समारोह के आयोजन से संबंधित बैठक के लिए 60 शब्दों में एक सूचना तैयार कीजिए । (5)
अथवा
आप अपने विद्यालय’ की संगीत अकादमी के संचिव ‘अर्जुन श्रीवास्तव’ हैं। विद्यालय की ओर से होने वाली संगीत प्रतियोगिता की 60 शब्दों में एक सूचना तैयार कीजिए । (4)
उत्तर:
दिल्ली पब्लिक स्कूल, इंदिरापुरम
सूचना
दिनांक 17 मई, 20XX
विद्यालय दिवस समारोह के आयोजन संबंधी बैठक
विद्यालय के सभी शिक्षकों एवं स्कूल कैप्टन को सूचित किया जाता है कि 19 मई, 20XX को अपराह्न 3 बजे प्रधानाचार्य कक्ष में विद्यालय दिवस समारोह के आयोजन से संबंधित विषयों पर विचार-विमर्श करने हेतु एक बैठक आयोजित की जाएगी। आगामी विद्यालय दिवस समारोह में होने वाले विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों को ध्यान में रखते हुए आप सभी के सुझाव आमंत्रित हैं। सभी शिक्षक अपने साथ उन विद्यार्थियों के नामों की सूची अवश्य लाएँ, जो नृत्य, संगीत, चित्रकला या किसी अन्य कला में प्रवीण हैं। बैठक में सभी शिक्षकों और स्कूल कैप्टन की उपस्थिति अनिवार्य है। यदि कोई शिक्षक या स्कूल कैप्टन बैठक में अनुपस्थित रहने वाले हैं, तो उन्हें इसकी लिखित सूचना एक दिन पूर्व देनी होगी ।
सौरभ द्विवेदी
(प्रधानाचार्य)
अथवा
ज्ञान भारती विद्या मंदिर, केशवनगर
सूचना
दिनांक 3 जुलाई, 20XX
संगीत प्रतियोगिता के संदर्भ में
सभी विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि विद्यालय के स्थापना दिवस अर्थात् 20 जुलाई को विद्यालय की ओर से संगीत प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। प्रतियोगिता के विजेता विद्यार्थियों को प्रधानाचार्य महोदय द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। कक्षा दसवीं से बारहवीं तक के इच्छुक विद्यार्थी 15 जुलाई, 20XX तक अपने नाम संगीत अकादमी के उपसचिव के पास लिखवा दें, ताकि शीघ्र ही प्रतियोगिता की आरंभ प्रक्रिया पूर्ण की जा सके। नियत तिथि के पश्चात् किसी भी आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।
अर्जुन श्रीवास्तव
सचिव
(संगीत अकादमी)
प्रश्न 15.
किसी ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट कंपनी की ओर से 40 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए ।
अथवा
किसी नाट्य संस्था की ओर से आपके शहर में नाटक का मंचन होना है। इसका विज्ञापन लगभग 40 शब्दों में तैयार कीजिए ।
उत्तर:
अथवा
प्रश्न 16.
अपने नगर / क्षेत्र के स्वास्थ्य अधिकारी को एक ई-मेल लिखकर अपने क्षेत्र में ‘खाने की वस्तुओं में मिलावट’ की घटनाओं के प्रति उनका ध्यान आकृष्ट कीजिए। (शब्द – सीमा लगभग 100 शब्द) (5)
अथवा
‘एकता में बल होता है।’ विषय पर लघुकथा लगभग 100 शब्दों में लिखिए ।
उत्तर:
From : [email protected]
To : [email protected]
CC : [email protected]
BCC : –
विषय खाने की वस्तुओं में मिलावट हेतु ।
सेवा में,
महोदय,
सविनय निवेदन है कि आपका ध्यान अपने नगर लुधियाना में खाने-पीने की वस्तुओं में हो रही मिलावट की ओर आकृष्ट करना चाहता हूँ। पिछले कुछ महीनों से नगर में खाने-पीने की वस्तुओं में तरह-तरह के पदार्थ मिलाने से लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा है। दूध में पानी मिलाने की बात तो आम थी, परंतु इन दिनों कृत्रिम दूध बनाकर बेचा जा रहा है, जिसमें कई घातक और अस्वास्थ्यकर रासायनिक पदार्थ मिलाए जा रहे हैं। पनीर में अरारोट, मैदा आदि मिला होता है। शुद्ध घी में वनस्पति घी की भरपूर मिलावट होती है। इसी प्रकार मिठाइयों में भी तरह-तरह के रंग तथा अखाद्य पदार्थ मिलाए जा रहे हैं। प्रसिद्ध कंपनियों की नकल करके इन पदार्थों का स्थानीय निर्माण अँधाधुंध चल रहा है।
अत: मेरी आपसे प्रार्थना है कि आप अपने विभाग के कर्मचारियों को सतर्कता अपनाने का निर्देश देकर इस घातक व अस्वास्थ्यकर प्रवृत्ति को तुरंत रोकने का प्रयास करें।
सधन्यवाद।
प्रार्थी
नवीन सैनी
अथवा
उक्ति / कहावत का अर्थ ‘एकता में बल है’ उक्ति का अर्थ है कि जब हम एकसाथ रहेंगे, तो हम मजबूत बने रहेंगे और लगभग किसी भी समस्या का सामना करने में सक्षम हो सकेंगे। दूसरी ओर अगर हम लड़ते रहेंगे और अपने स्वार्थपन को दिखाते रहेंगे, तो हम परेशानी में फँस जाएँगे । लघुकथा एक समय की बात है, एक छोटा-सा गाँव था, रामगंज । उस गाँव में डाकुओं का एक दल प्रतिदिन रात को आता और डरा-धमकाकर किसी-न-किसी परिवार की संपत्ति को लूट ले जाता था। उस दल के आगे गाँव के लोग स्वयं को असहाय समझते थे। कोई भी उस दल का विरोध नहीं करता था, क्योंकि यदि कोई उनसे मुकाबला करने का प्रयास करता, तो वह मौत के घाट उतार दिया जाता था।
सभी गाँव वाले प्रतिदिन की इन घटनाओं से परेशान हो गए थे। एक दिन गाँव के मुखिया ने गाँव वालों से कहा कि हम सभी को एकजुट होकर डाकुओं के दल का सामना करना चाहिए अन्यथा इस गाँव में कोई भी जीवित नहीं बच पाएगा। हम सभी मिलकर उस दल का सामना कर सकते हैं। वह तो केवल सात-आठ व्यक्तियों का दल है और हम सब गाँव वाले उनकी संख्या में बहुत अधिक हैं। हम सभी को मिलकर साहस के साथ उनका सामना करना चाहिए, तभी इस डाकूदल का अंत किया जा सकता है। सभी गाँव वालों ने मुखिया की बात पर स्वीकृति जताई।
उस रात सभी गाँव वालों ने मिलकर गाँव को चारों ओर से घेर लिया और जैसे ही डाकू – दल ने गाँव के अंदर घुसने का प्रयास किया, सभी गाँव वालों ने मिलकर उन पर हमला बोल दिया। गाँव वालों के साहस और एकजुटता को देखकर डाकू – दल भयभीत हो उठा। गाँव के सभी लोगों ने मिलकर उस दल का अंत कर दिया। सभी लोग यह तथ्य भली-भाँति समझ चुके थे कि जब तक हम एकजुट हैं, कोई भी मुसीबत हमारे सामने नहीं टिक सकती। सीख इस कथा से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में एकजुट रहकर बड़ी से बड़ी विपत्ति का सामना कर उसे हराया जा सकता है।