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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course B Set 3 with Solutions
निर्देश
समय : 3 घंटे पूर्णांक : 80
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-‘अ’ और ‘ब’।
- खंड ‘अ’ में उपप्रश्नों सहित 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कुल 40 प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
- निर्देशों को बहुत सावधानी से पदिए और उनका पालन कीजिए।
- दोनों खंडों के कुल 18 प्रश्न हैं। दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए।
खंड ‘अ’ (वस्तुपरक प्रश्न)
खंड ‘अ’ में अपठित गद्यांश, व्यावहारिक व्याकरण व पाठ्य-पुस्तक से संबंधित बहुविकल्पीय प्रश्न दिए गए हैं। जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
अपठित गद्यांश
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए। अच्छी संगति से ही मनुष्य की वाणी अत्यधिक प्रभावित होती है। विधाता की ओर से मनुष्य को प्रदान की गई सबसे अनमोल निधि अ है उसकी वाणी। वाणी के कारण ही पंडित और मूर्ख, साधु और दुष्ट, सज्जन और दुर्जन की पहचान होती है। वाणी द्वारा हम न केवल अपने मन की अतल गहराइयों के विभिन्न भावों को व्यक्त करते हैं, बल्कि अपने परिवेश को संबोधित करके अपनी इच्छाओं को क्रियान्वित भी करते हैं।
संगति का प्रभाव व्यक्ति के मस्तिष्क एवं व्यवहार पर अधिक इसलिए पड़ता है, क्योंकि व्यक्ति की यह स्वाभाविक प्रवृत्ति है कि वह समाजीकरण की प्रक्रिया में सीखे गए व्यवहारों को ही संपादित करता है। अपने परिवेश एवं वातावरण से व्यक्ति की भावनाएँ, चिंतन, भाषा आदि इतनी अधिक प्रभावित होती हैं कि उसे सामाजिक प्राणी कहा जाता है। समाजीकृत होकर ही वह विवेकशील एवं चितनशील बन पाता है। यदि समाजीकरण का व्यक्ति के लिए इतना अधिक महत्व है, तो स्वाभाविक है कि उसके लिए वह परिवेश, जिसमें वह लोगों के साथ अंतःक्रिया करता है, भी महत्त्वपूर्ण होगा अर्थात् वह किन लोगों के बीच विभिन्न प्रकार की गतिविधियों को क्रियान्वित करता है, इसका व्यक्ति पर अत्यधिक प्रभाव पड़ता है।
(क) विधाता की ओर से मनुष्य को प्रदान की गई सबसे अनमोल निधि किसे माना गया है?
(i) परिवेश को
(ii) भावनाओं को
(iii) संगति को
(iv) वाणी को
उत्तर :
(iv) वाणी को अच्छी संगति से ही मनुष्य की वाणी अत्यधिक प्रभावित होती है। विधाता की ओर से मनुष्य को प्रदान की गई सबसे अनमोल निधि है, उसकी वाणी। वाणी के कारण ही पंडित और मूर्ख, साधु और दुष्ट, सज्जन और दुर्जन की पहचान होती है।
(ख) वाणी के द्वारा मनुष्य कौन-सा कार्य करता है?
(i) विभिन्न भावों को व्यक्त करता है
(ii) अपने परिवेश को संबोधित करता है
(iii) अपनी इच्छाओं को क्रियान्वित करता है
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये सभी वाणी द्वारा मनुष्य न केवल अपने मन की अतल गहराइयों के विभिन्न भावों को व्यक्त करते हैं, बल्कि अपने परिवेश को सम्बोधित करके अपनी इच्छाओं को क्रियान्वित भी करते हैं।
(ग) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) संगति का प्रभाव व्यक्ति के मन एवं व्यवहार पर बिलकुल नहीं पड़ता है।
कारण (R) संगति का मनुष्य के व्यवहार से कोई संबंध नहीं है।
(i) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ii) कथन (A) सही है, परंतु कारण (R) गलत है।
(iii) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर :
(i) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं। संगति का प्रभाव व्यक्ति के मस्तिक्क एवं व्यवहार पर अधिक पड़ता है, क्योंकि व्यक्ति की यह स्वाभाविक प्रवृत्ति है कि वह समाजीकरण की प्रक्रिया में सीखे गए व्यवहारों को ही सम्पादित करता है।
(घ) समाजीकरण मनुष्य के लिए महत्त्वपूर्ण क्यों है?
(i) क्योंक व्यक्ति इसके माध्यम से विवेकशील एवं चितनशील बनता है
(ii) क्योंकि इससे व्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन होता है
(iii) क्योंकि इससे व्यक्ति की इच्छाओं की समाप्ति होती है
(iv) क्योंकि इससे व्यक्ति अमानवीय कार्य करने लगता है
उत्तर :
(i) क्योंकि व्यक्ति इसके माध्यम से विवेकशील एवं चिंतनशील बनता है प्रस्तुत गद्यांश के आधार पर समाजीकरण मनुष्य के लिए महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि व्यक्ति इसके माध्यम से विवेकशील एवं चिंतनशील बनता है।
(ङ) मनुष्य अपनी इच्छाओं को किस प्रकार अभिव्यक्त कर सकता है?
(i) समाज द्वारा
(ii) भावों द्वारा
(iii) वाणी द्वारा
(iv) चितन द्वारा
उत्तर :
(iii) वाणी द्वारा मनुष्य अपनी इच्छाओं को वाणी द्वारा अभिव्यक्त कर सकता है। वाणी द्वारा हम न केवल अपने मन की अतल गहराइयों के विभिन्न भावों को व्यक्त करते हैं, बल्कि अपने परिवेश को सम्बोधित करके अपनी इच्छाओं को क्रियान्वित भी करते हैं।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए। (1 x 5=5)
तुलसी जैसा कवि काव्य की विशुद्ध, मनोमयी, कल्पना-प्रवण तथा श्रृंगारात्मक भावभूमियों के प्रति उत्साही नहीं हो सकता। उनका संत-हृदय परम कारुणिक राम के प्रति ही उन्मुख हो सकता है, जो जीवन के धर्ममय सौंदर्य, मर्यादापूर्ण, शील और आत्मिक शौर्य के प्रतीक हैं। विजय-रथ के रूपक में उन्होंने संत जीवन की रूपरेखा उभारी है और अपनी रामकथा को इसी संतत्व की चरितार्थता बना दिया है।
उनका काव्य भारतीय जीवन की सबसे बड़ी आकांक्षा मर्यादित जीवन-चर्या अथवा ‘संत-जीवन’ को वाणी देता है। धर्ममय जीवन की आकांक्षा भारतीय संस्कृति का वैशिष्टय है। तुलसी के काव्य में धर्म का अनाविल, अनावरण और अक्षुण्ण रूप ही प्रकट हुआ है। मध्य युग की आध्यात्मिकता का प्रतिनिधित्व करते हुए भी उनका काव्य भारतीय आत्मा के चिरंतन सौदर्य का प्रतिनिधि है, जो सत्य, तप, करुणा और मैत्री में ही आरोहण के देवधर्मी मूल्यों को अनावृत करता है।
उनके काव्य में हमें श्रेष्ठ कवित्व ही नहीं मिलता, उसके आधार पर हम संत-कवित्व की रूपरेखा भी निर्धारित कर सकते हैं। भक्ति उनके जीवन की आंतरिक भाव-साधना है। इस भाव-साधना की वाणी की अप्रतिम क्षमता देकर उन्होंने निष्कंप दीपशिखा की भाँति अपनी काव्य-कला को नि:संग और निवैंयक्तिक दीप्ति से भरा है।
(क) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. तुलसी मनोमयी, कल्पना-प्रवण तथा शृंगारात्मक कवियों में अग्रणी हैं।
2. तुलसी जी एक सच्चे संत हैं।
3. तुलसी जी का काव्य भारतीय आत्मा के चिरंतन सौददर्य का प्रतीक है।
4. तुलसी जी ने श्रीराम का मर्यादित रूप प्रस्तुत किया है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(i) 1 और 2
(ii) 2,3 और 4
(iii) 1 और 3
(iv) केवल 4
उत्तर :
(ii) 2,3 और 4 दिए गए कथनों में से सही कथन है-तुलसी जैसा कवि काव्य की विशुद्ध, मनोमयी, कल्पना-प्रवण तथा श्रृंगारात्मक भावभूमियों के प्रति उत्साही नहीं हो सकता। उनका सन्त-हृद्यय परम कारुणिक राम के प्रति ही उन्मुख हो सकता है, जो जीवन के धर्ममय सौंदर्य, मर्यादापूर्ण, शील और आत्मिक शौर्य के प्रतीक हैं।
(ख) गद्यांश के आधार पर बताइए कि कवि तुलसी में किसके प्रति उत्साह नहीं है?
(i) भक्ति-भाव को अभिव्यक्त करने के प्रति
(ii) धर्ममय जीवन जीने के प्रति
(iii) विशुद्ध एवं कल्पनामय काव्य प्रणयन के प्रति
(iv) संत कवि के प्रणयन के प्रति
उत्तर :
(iii) विशुद्ध एवं कल्पनामय काव्य प्रणयन के प्रति कवि तुलसी में काव्य की विशुद्ध, मनोमयी, कल्पना-प्रवण तथा श्रृंगारात्मक भावभूमियों के प्रति उत्साह नहीं है।
(ग) गद्यांश के अनुसार, तुलसी के राम किसके प्रतीक हैं?
(i) करुणा, शील और संतत्व
(ii) मर्यादा, भक्ति और सौदर्य
(iii) धर्म, करुणा और शील
(iv) शील, शौर्य और सौंदर्य
उत्तर :
(iv) शील, शौर्य और सौंदर्य प्रस्तुत गद्यांश के आधार पर तुलसी के राम जीवन के धर्ममय सौन्दर्य, मर्यादापूर्ण, शील और आत्मिक सौन्दर्य के प्रतीक हैं। विजय-रथ के रूपक में उन्होंने सन्त जीवन की रूपरेखा उभारी है और अपनी रामकथा को इसी संतत्व की चरितार्थता बना दिया है।
(घ) तुलसी के काव्य में भारतीय जीवन की कौन-सी सबसे बड़ी अभिलाषा व्यक्त हुई है?
(i) मर्यादित श्रृंगारिकता की
(ii) राम-रावण कथा की
(iii) संतों की-सी दिनचर्या की
(iv) राम के प्रति उन्मुखता की
उत्तर :
(iii) संतों की-सी दिनचर्या की तुलसी के काव्य में भारतीय जीवन की सबसे बड़ी आकांक्षा मर्यादित जीवन-चर्या अथवा ‘सन्त-जीवन’ को वाणी देना है। धर्ममय जीवन की आकांक्षा भारतीय संस्कृति का वैशिष्टय है।
(ङ) तुलसी के काव्य में धर्म का कैसा रूप प्रकट हुआ है?
(i) अनावरण
(ii) अक्षुण्ण
(iii) अनाविल
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये सभी तुलसी के काव्य में धर्म का अनाविल, अनावरण और अक्षुण्ण रूप प्रकट हुआ है। मध्य युग की आध्यात्मिकता का प्रतिनिधित्व करते हुए भी उनका काव्य भारतीय आत्मा के चिरंतन सौन्दर्य का प्रतिनिधि है, जो सत्य, तप, करुणा और मैत्री में ही आरोहण के देवधर्मी मूल्यों को अनावृत्त करता है।
व्यावहारिक व्याकरण
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘पदबंध’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 x 4=4)
(क) ‘टोपी ने उस दिन प्रण लिया कि वह अब ऐसे किसी लड़के से दोस्ती नहीं करेगा।’ रेखांकित पदबंध का भेद है
(i) संज्ञा पदबंध
(ii) सर्वनाम पदबंध
(iii) क्रिया पदबंध
(iv) विशेषण पदबंध
उत्तर:
(i) संज्ञा पदबंध
(ख) ‘स्काउटिंग का अभ्यास करने के लिए बच्चे हाथ में नीली-पीली झंडियाँ लाए थे।’ इस वाक्य में विशेषण पदबंध है
(i) स्काउटिंग का अभ्यास
(ii) नीली-पीली
(iii) बच्चे
(iv) झंडियाँ
उत्तर:
(ii) नीली-पीली
(ग) क्रिया-विशेषण पदबंध का उदाहरण छाँटिए।
(i) ताँरा एक नेक व मददगार व्यक्ति था
(ii) उनकी आवाज सुनकर नस-नस में जोश भर जाता है
(iii) वह तलवार को अपनी तरफ खींचते-खींचते दूर तक पहुँच गया
(iv) महात्मा बुद्ध का तत्कालीन समाज उनका विरोधी था
उत्तर:
(iii) वह तलवार को अपनी तरफ खींचते-खींचते दूर तक पहुँच गया
(घ) ‘विरासत में मिली चीजों को सँभालकर रखा जाता है।’ रेखांकित पदबंध का भेद है
(i) संज्ञा पदबंध
(ii) सर्वनाम पदबंध
(iii) विशेषण पदबंध
(iv) क्रिया पदबंध
उत्तर:
(iv) क्रिया पदबंध
(ङ) ‘युद्ध भूमि में जो सैनिक उपस्थित हैं, वह देश की रक्षा कर रहे हैं।’ रेखांकित पदबंध का भेद है
(i) सर्वनाम पदबंध
(ii) क्रिया पदबंध
(iii) विशेषण पदबंध
(iv) संज्ञा पदबंध
उत्तर:
(i) सर्वनाम पदबंध
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 x 4 =4)
(क) ‘रीति के अनुसार, दोनों को एक ही गाँव का होना आवश्यक था।’ इस वाक्य का मिश्र वाक्य होगा
(i) रीति के अनुसार, दोनों एक ही गाँव से थे।
(ii) रीति के अनुसार, यह आवश्यक था कि दोनों एक ही गाँव के हों।
(iii) यह रीति थी, इसलिए दोनों एक गाँव से थे।
(iv) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(ii) रीति के अनुसार, यह आवश्यक था कि दोनों एक ही गाँव के हों।
(ख) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी। | 1. मिश्र वाक्य |
B. यदि पानी न बरसा तो सूखा पड़ जाएगा। | 2. सरल वाक्य |
C. वह अमीर है फिर भी सुखी नहीं है। | 3. संयुक्त वाक्य |
कूट —
A — B — C
(i) 3–2–1
(ii) 1–2–3
(iii) 2–1–3
(iv) 2–3–1
उत्तर:
(iii) 2 — 1– 3
(ग) ‘वह युवती वामीरो थी, जो ‘लपाती’ गाँव की रहने वाली थी।’ दिए गए वाक्य का सरल वाक्य होगा
(i) वह युवती वामीरो थी और लपाती गाँव में रहती थी।
(ii) वह युवती वामीरो लपाती गाँव में रहती थी।
(iii) वह जो लपाती गाँव में रहती थी वह वामीरो थी।
(iv) वह वामीरो थी इसलिए वह लपाती गाँव में रहती थी।
उत्तर:
(ii) वह युवती वामीरो लपाती गाँव में रहती थी।
(घ) निम्न में से संयुक्त वाक्य है
(i) राजकपूर एक संवेदनशील कलाकार थे।
(ii) दरिया पर जाओ, तो उसे सलाम करो।
(iii) ये वजीर अली आदमी है या भूत।
(iv) वह घुड़सवार एक जाँबाज सिपाही था।
उत्तर:
(iii) ये वजीर अली आदमी है या भूत।
(ङ) ‘हरिहर काका जब घर छोड़कर गए तो, उनके भाइयों को पता नहीं चला।’ रचना के आधार पर वाक्य का भेद है
(i) विधानवाचक वाक्य
(ii) सरल वाक्य
(iii) संयुक्त वाक्य
(iv) मिश्र वाक्य
उत्तर:
(iv) मिश्र वाक्य
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘समास’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 x 4 = 4)
(क) ‘पंचामृत’ शब्द में कौन-सा समास है?
(i) द्वंद्व समास
(ii) कर्मधारय समास
(iii) द्विगु समास
(iv) तत्पुरुष समास
उत्तर:
(iii) द्विगु समास
(ख) निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए
समस्त पद — समास
1. मनगढ़ंत — तत्पुरुष समास
2. परमानंद — कर्मधारय समास
3. पंचानन — बहुत्रीहि समास
4. यथासमय — अव्ययीभाव समास
उपर्युक्त में से कौन-सा/से युग्म सही सुमेलित है/हैं?
(i) 1 और 2
(ii) केवल 3
(iii) 2 और 4
(iv) ये सभी
उत्तर:
(iv) ये सभी
(ग) ‘महाविद्यालय’ शब्द के सही समास-विग्रह का चयन कीजिए
(i) महान है जो विद्यालय-कर्मधारय समास
(ii) महान् और विद्यालय-द्वंद्व समास
(iii) विद्यालय में महान्-तत्पुरुष समास
(iv) बड़ा है, जो विद्यालय-कर्मधारय समास
उत्तर:
(i) महान है जो विद्यालय-कर्मधारय समास
(घ) ‘एकदंत’ समस्तपद का विग्रह होगा
(i) एक है दाँत, जिसका अर्थात् गणेश-बहुव्रीहि समास
(ii) दाँतों में एक है जो-अव्ययीभाव समास
(iii) एक दाँत का समाहार-द्विगु समास
(iv) एक दाँत ही है जो-कर्मधारय समास
उत्तर:
(i) एक है दाँत, जिसका अर्थात् गणेश-बहुव्रीहि समास
(ङ) ‘तिरंगा’ समस्तपद का विग्रह होगा
(i) तीन रंगों वाला
(ii) तीन है रंग जिसके
(iii) तीन रंगों का समाहार
(iv) तीन रंगों वाला है जो
उत्तर:
(iv) तीन रंगों वाला है जो
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘मुहावरे’ पर आधारित छः बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 x 4 = 4)
(क) परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने पर पिताजी उस पर उपयुक्त मुहावरे से रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए।
(i) बरस पड़े
(ii) जान के लाले पड़े
(iii) रो पड़े
(iv) टूट पड़े
उत्तर:
(i) बरस पड़े
(ख) निर्बल व्यक्ति शक्तिशाली आदमी की हर कड़वी बात को
जाता है। रिक्त स्थान की पूर्ति सटीक मुहावरे से कीजिए।
(i) तेली के बैल की तरह हो
(ii) जहर के घूँट की तरह पी
(iii) चूना लगाने की तरह
(iv) मधुर रस की तरह पी
उत्तर:
(ii) जहर के घूँट की तरह पी
(ग) आजकल पाकिस्तान की कोशिश कर रहा है, लेकिन भारत बड़े सब्र से काम ले रहा है। रिक्त स्थान की पूर्ति सटीक मुहावरे से कीजिए।
(i) चिराग तले अँधेरा
(ii) चूड़ियाँ पहनना
(iii) नाक में नकेल डालने
(iv) गड़े मुद्दे उखाड़ने
उत्तर:
(iv) गड़े मुर्दे उखाड़ने
(घ) मुहावरे और अर्थ के उचित मेल वाले विकल्प का चयन कीजिए।
(i) आँखें उठाना – गुस्सा करना
(ii) गिरह बाँधना – मन में बैठा लेना
(iii) दूध की मक्खी – खाने में मिलावट
(iv) शब्द चाटना – चापलूसी करना
उत्तर:
(ii) गिरह बाँधना-मन में बैठा लेना
(ङ) ‘अवसर का लाभ उठाना’ के लिए उपयुक्त मुहावरा है
(i) बहती गंगा में हाथ धोना
(ii) मुट्ठी गर्म करना
(iii) भांडा फोड़ना
(iv) पाँचों उँगलियाँ घी में होना
उत्तर:
(i) बहती गंगा में हाथ धोना
(च) रेखांकित अंश के लिए कौन-सा मुहावरा प्रयुक्त करना उचित रहेगा?
रमेश हमेशा जानबूझकर मुसीबत मोल लेता है।
(i) औंधे मुँह गिरना
(ii) ओखली में सिर देना
(iii) एड़ी-चोटी का जोर लगाना
(iv) जान हथेली पर रखना
उत्तर:
(ii) ओखली में सिर देना
पाठ्य-पुस्तक
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए। (1 x 5=5)
स्याम म्हाँने चाकर राखो जी, गिरधारी लाला म्हाँने चाकर राखो जी। चाकर रहस्यूँ बाग लगास्यूँ नित उठ दरसण पास्यूँ, बिंदरावन री कुंज गली में, गोविंद लीला गास्यूँ। चाकरी में दरसण पास्यूँ, सुमरण पास्यूँ खरची, भाव भगती जागीरी पास्यूँ, तीनूं बाताँ सरसी।
(क) मीरा श्रीकृष्ण की सेवा क्यों करना चाहती है?
(i) धन लाभ के लिए
(ii) दर्शन करने के लिए
(iii) यशस्वी बनने के लिए
(iv) अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए
उत्तर:
(ii) दर्शन करने के लिए मीरा श्रीकृष्ण की सेवा इसलिए करना चाहती है, क्योंकि वह प्रत्येक क्षण श्रीकृष्ण के सान्निध्य में रहकर उनके दर्शन करना चाहती है। दर्शन हेतु वह श्रीकृष्ण के लिए बाग-बगीचे लगाना चाहती है, जिसमें वे सुबह-शाम विचरण कर सकें और जब वे सुबह-शाम घूमने के लिए बाग में आएँ, तो मीरा उनके दर्शन प्राप्त कर सके।
(ख) प्रस्तुत पद्यांश में कवयित्री श्रीकृष्ण से क्या प्रार्थना कर रही है?
(i) मेरे कष्ट हर लो
(ii) मुझे अपनी दासी बना लो
(iii) मेरे जीवन को सुखों से भर दो
(iv) मेरा संसार में नाम कर दो
उत्तर:
(ii) मुझे अपनी दासी बना लो प्रस्तुत पद्यांश में कवयित्री श्रीकृष्ण से प्रार्थना करती है कि हे गिरिधर! तुम मुझे अपनी दासी बना लो, जिससे आपकी सेवा करते हुए मुझे आपके दर्शन का अवसर मिल जाएगा। आपके नाम स्मरण से मुझे जेब खर्च भी प्राप्त हो जाया करेगा। इस प्रकार मुझे आपके दर्शन, स्मरण और भक्तिरूपी जागीर तीनों आसानी से मिल जाएँगी, जिससे मेरा जीवन सफल हो जाएगा।
(ग) श्रीकृष्ण के नाम स्मरण से कवयित्री को कौन-सा लाभ प्राप्त होगा?
(i) यश प्राप्त करने का
(ii) श्रीकृष्ण के दर्शन करने का
(iii) (i) और (ii) दोनों
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(iii) (i) और (ii) दोनों श्रीकृष्ण के नाम का स्मरण करने से कवयित्री को यश प्राप्त करने का और श्रीकृष्ण के दर्शन करने का लाभ प्राप्त होगा। मीरा कहती है कि नाम स्मरण के रूप में मुझे जेब खर्च भी प्राप्त हो जाया करेगा।
(घ) प्रस्तुत पद्यांश के माध्यम से ज्ञात होता है कि मीरा श्रीकृष्ण की अनन्य थी।
(i) भक्त
(ii) सेविका
(iii) प्रेमिका
(iv) ये सभी
उत्तर:
(iv) ये सभी प्रस्तुत पद्यांश के माध्यम से ज्ञात होता है कि मीरा श्रीकृष्ण की अनन्य भक्त, सेविका, प्रेमिका अर्थात् ये सभी थी।
(ङ) निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए
1. मीरा श्रीकृष्ण के यहाँ सेविका बनकर रहना चाहती है।
2. श्रीकृष्ण के नाम स्मरण से मीरा को जेब खर्च प्राप्त हो जाएगा।
3. मीरा श्रीकृष्ण के नित्य-प्रति दर्शन करना चाहती है।
4. मीरा एक अत्यंत सुंदर सेविका है।
उपर्युक्त में से कौन-से कथन मीरा के भक्ति-भाव की विशेषता बताते हैं?
(i) 1 और 2
(ii) 3 और 4
(iii) 1,2 और 3
(iv) 2,3 और 4
उत्तर:
(iii) 1,2 और 3 दिए गए कथनों में से मीरा की भक्ति भाव की विशेषता है मीरा श्रीकृष्ण के यहाँ सेविका (चाकर) बनकर रहना चाहती है। श्रीकृष्ण के नाम स्मरण से उसे जेब खर्च प्राप्त हो जाया करेगा। जब श्रीकृष्ण बाग-बगीचे में रोज घूमने आया करेंगे, तो उनके नित्य प्रति दर्शन हो जाया करेंगे।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए। (1 x 2=2)
(क) कबीरदास जी के अनुसार निंदक व्यक्तियों को सदैव अपने पास रखना चाहिए, क्योंकि
(i) उनसे हमें प्रसन्नता मिलती है
(ii) वे हमारे मित्र होते हैं
(iii) वे हमारे स्वभाव को स्वच्छ एवं पवित्र बना देते हैं
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(iii) वे हमारे स्वभाव को स्वच्छ और पवित्र बना देते हैं कबीरदास जी के अनुसार निंदक व्यक्तियों को सदैव अपने पास रखना चाहिए, क्योंकि वे हमारे स्वभाव को स्वच्छ व पवित्र बना देते हैं। कबीर ने अपने दोहे में निंदक को समीप रखने की सलाह दी है, क्योंकि यदि कोई मनुष्य अपनी निन्दा को सहन कर उससे सीख ले, तो वह स्वयं में बहुत से सुधार लाकर सदाचारी और निर्मल बन सकता है।
(ख) ‘गिरिवर के डर से उठ-उठकर उच्चाकांक्षाओं से तरुवर।’ पंक्ति का भाव है
(i) पहाड़ों पर ऊँचे-ऊँचे पेड़ खड़े हैं
(ii) पहाड़ों के ऊँचे-ऊँचे पेड़ वर्षा की प्रतीक्षा कर रहे हैं
(iii) पहाड़ों पर उगे विशाल वृक्षों के मन में ऊँची-ऊँची आकांक्षाएँ छिपी हैं
(iv) ये आकाश के रहस्यों को जानना चाहते हैं
उत्तर:
(iii) पहाड़ों पर उगे विशाल वृक्षों के मन में ऊँची-ऊँची आकांक्षाएँ छिपी हैं प्रस्तुत पंक्ति में कवि पहाड़ों के सौंदर्य का वर्णन करते हुए कहता है कि वहाँ उगे हुए विशाल एवं ऊँचे पेड़ों के मन में ऊँची-ऊँची आकांक्षाएँ छिपी हुई हैं।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए। (1 x 5 = 5)
मेरे और भाई साहब के बीच में अब केवल एक दरजे का अंतर और रह गया। मेरे मन में एक कुटिल भावना उदय हुई कि कहीं भाई साहब एक साल और फेल हो जाएँ, तो मैं उनके बराबर हो जाऊँ, फिर वह किस आधार पर मेरी फजीहत कर सकेंगे, लेकिन मैंने इस विचार को दिल से बलपूर्वक निकाल डाला। आखिर वह मुझे मेरे हित के विचार से ही तो डाँटते हैं। मुझे इस वक्त अप्रिय लगता है अवश्य, मगर यह शायद उनके उपदेशों का सही असर है कि मैं दनादन पास हो जाता हूँ और इतने अच्छे नंबरों से।
(क) ‘कुटिल भावना’ से क्या अभिप्राय है?
(i) मन में कपट और द्वेष रखने का भाव
(ii) दूसरे की प्रशंसा का भाव
(iii) आदर और सम्मान की पृष्ठभूमि
(iv) अकारण दुः खी होने का भाव
उत्तर:
(i) मन में कपट और द्वेष रखने का भाव कुटिल भावना से अभिप्राय मन में कपट और द्वेष रखने के भाव से है। कक्षा में प्रथम आने पर छोटे भाई के स्वभाव में बहुत अन्तर आ गया था। उसे स्वयं पर थोड़ा अभिमान हुआ और आत्मसम्मान भी बढ़ा। उसे लगा था कि बड़े भाई साहब उसे उपदेश देते थे, परन्तु स्वयं फेल हो गए इसलिए अब वह खेल-कूद में निर्भीक होकर पहले से भी अधिक समय व्यतीत करने लगा।
(ख) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) अंत में लेखक को बड़े भाई साहब का डाँटना उचित प्रतीत होता है।
कारण (R) शायद बड़े भाई साहब के उपदेशों से ही लेखक पास होता है।
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(ii) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(iii) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की गलत व्याख्या है।
उत्तर:
(ii) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है लेखक को अन्त में बड़े भाई साहब का डाँटना उचित प्रतीत होता है, क्योंकि वह कैसे उसके भविष्य के कारण अपने बचपन का गला घोट रहे हैं। उनकी बातें सुनकर छोटे भाई की आँखें खुल गईं। उसे समझ में आ गया कि उसके अव्वल आने के पीछे बड़े भाई की प्रेरणा रही है। इससे उसके मन में बड़े भाई के प्रति श्रद्धा उत्पन्न हो गई।
(ग) ‘मेरे मन में एक कुटिल भावना उदय हुई कि कहीं भाई साहब एक साल और फेल हो जाएँ, तो मैं उनके बराबर हो जाऊँगा और फिर वह किस आधार पर मेरी फजीहत कर सकेंगे।’ पंक्ति में लेखक की कुटिल भावना क्या है?
(i) बड़े भाई की इज्जत न करने की
(ii) बड़े भाई की शिकायत करने की
(iii) बड़े भाई साहब के एक बार और फेल हो जाने की
(iv) ये सभी
उत्तर:
(iii) बड़े भाई साहब के एक बार और फेल हो जाने की ‘मेरे मन में एक कुटिल भावना उदय हुई कि कहीं भाई साहब एक साल और फेल हो जाएँ, तो में उनके बराबर हो जाऊँगा और फिर वह किस आधार पर मेरी फजीहत कर सकेंगे। इस पंक्ति में लेखक की कुटिल भावना बड़े भाई साहब के एक बार और फेल हो जाने की है।
(घ) छोटे भाई के मन में आए विचार को बलपूर्वक निकालने का क्या कारण था?
(i) बड़े भाई के प्रति प्रेम
(ii) बड़े भाई के प्रति सम्मान
(iii) बड़े भाई के प्रति आत्मीयता
(iv) ये सभी
उत्तर:
(iv) ये सभी छोटे भाई के मन में आए विचार को बलपूर्वक निकालने का कारण बड़े भाई के प्रति प्रेम, बड़े भाई के प्रति सम्मान और बड़े भाई के प्रति आत्मीयता है। छोटे भाई द्वारा बताया गया है कि अपने से बड़ों की बातों को ध्यानपूर्वक सुनना चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए। छोटा भाई उम्र में अपने से बड़े भाई का आदर करता है। वह पढ़ाई में कमजोर अपने बड़े भाई का कभी मजाक नहीं उड़ाता। वह उनकी डाँट-फटकार पर भी उन्हें कभी जवाब नहीं देता, क्योंकि वह मानता है कि उसके बड़े भाई सच्चे हितैषी हैं। वह बड़े भाई से छिपकर खेलने जाता है और कमरे में दबे पाँव वापस आता है।
(ङ) बड़े भाई के उपदेशों का असर छोटे भाई को किस रूप में दिखाई देता है?
(i) लगातार पास होने में
(ii) लगातार पढ़ने में
(iii) लगातार खेलने में
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(i) लगातार पास होने में बड़े भाई के उपदेशों का असर छोटा भाई को लगातार पास होने के रूप में दिखाई देता है।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए। (1 x 2=2)
(क) 26 जनवरी, 1931 के दिन कलकत्ता में झंडा फहराने की क्या तैयारी हो रही थी?
(i) मकान सजाए जा रहे थे
(ii) पुलिस पूरी ताकत से प्रदर्शन कर रही थी
(iii) प्रत्येक भाग में झंडे लगाए गए थे
(iv) ये सभी
उत्तर:
(क) (iv) ये सभी 26 जनवरी, 1931 के दिन कलकत्ता के बड़े बाजार की साज-सज्जा सबको उत्साहित कर रही थी। कई मकान तो इस प्रकार सजाए गए थे मानो स्वतन्त्रता मिल गई हो। कलकत्ता में हर जगह झण्डे लगाए गए थे, जिन्हें देखकर लोग उत्साहित हो रहे थे। वस्तुतः लोग जिस रास्ते से भी जाते उसी रास्ते पर नवीनता तथा उत्साह दिखाई पड़ता था और पुलिस पूरी ताकत के साथ अपना प्रदर्शन कर रही थी।
(ख) निम्नलिखित में से कौन-से कथन ‘तताँरा-वामीरो की कथा’ के प्रभाव को दर्शाते हैं?
1. तताँरा ने तलवार से जो कार-निकोबार के टुकड़े किए थे, उसका दूसरा हिस्सा लिटिल अंडमान है।
2. तताँरा-वामीरो के बलिदान के पश्चात् लोग दूसरे गाँवों में भी वैवाहिक संबंध बनाने लगे हैं।
3. वर्तमान में उनकी प्रेम-कथा घर-घर में सुनाई जाती है।
4. तताँरा से प्रभावित होकर लोग देशभक्ति करने लगे हैं। कूट
(i) 2 और 4
(ii) 1,2 और 3
(iii) 3 और 4
(iv) 1,3 और 4
उत्तर:
(ख) (ii) 1,2 और 3 दिए गए कथनों में से ‘तताँरा-वामीरो की कथा’ के प्रभाव को दर्शाने वाले कथन हैं-ताँतारा ने तलवार से जो कार-निकोबार के टुकड़े किए थे, उसका दूसरा हिस्सा लिटिल अण्डमान है। तताँरा-वामीरो के बलिदान के पश्चात् लोग दूसरे गाँवों में भी वैवाहिक सम्बन्ध बनाने लगे हैं। वर्तमान में उनकी प्रेम-कथा घर-घर में सुनाई जाती है।
खंड ‘ब’ (वर्णनात्मक प्रश्न)
खंड ‘ब’ में पाठ्य-पुस्तक एवं पूरक-पुस्तक तथा लेखन से संबंधित वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
पाठ्य-पुस्तक एवं पूरक पुस्तक
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3 x 2=6)
(क) ताँरा एक सुंदर व बलिष्ठ युवक था और मुसीबत में सबके काम आता था। सभी लोग उसे आदर व सम्मान की दृष्टि से वेखते थे और अपने पारिवारिक व सामाजिक कार्मों में बुलाया करते थे। ‘तताँरा-वामीरो’ पाठ के आधार पर बताइए कि तताँरा क्यों प्रसिद्ध था तथा सभी लोग उसे क्रयों बुलाया करते थे?
(ख) वजीर अली अंग्रेजो से नफरत करता है तथा उन्हें वह किसी भी कीमत पर देश से बाहर निकालना धाहता है और देश को उनसे आजादी दिलाना चाहता है। ‘कारतूस’ पाठ के आधार पर वजीर अली के संघर्ष को लिखिए।
(ग) पूरे संसार को एक परिवार के समान बताया गया है क्यों? ‘अव कहों दूसरों के दुःख से दुःखी होने वाले’ पाठ के आधार पर बताइए।
उत्तर:
(क) ‘तताररा-वामीरो’ पाठ के आधार पर तताँरा अपने प्रभावशाली व्यक्तित्व के कारण अत्यधिक प्रसिन्ध था। वह सरल स्वभाव का तथा सबकी सहायता करने वाला था। अपनी लकड़ी की तलवार की सहायता से वह अद्भुत, शौर्य और साहस का परिचय देता था। तताररा के आकर्यक व्यक्तित्व, समाज-सेवा और त्याग की भावना तथा आत्मीय स्वभाव से प्रभायित होकर लोग उसके करीब रहना पसन्द करते थे। अतः पर्व, त्योहार के समय उसे दूसरे गोंबों में भी विशेष रूप से आमन्त्रित किया जाता था।
(ख) ‘कारतूस’ पाठ का आधार वजीर अली की वीरता और साहस को सबके सामने लाना है। वजीर अली की वीरता का उद्देश्य है-अंग्रेजों से भारत की भूमि को मुक्त कराना। वस्तुतः जाँबाज वजीर अली समय के साथ-साच इस तथ्य से परिचित हो गया कि ब्रिटिश शासन किसी भी दृष्टि से भारत एवं भारतवासियों के लिए श्रेयस्कर नहीं है, लाभप्रद वहीं है। यह धारणा स्पष्ट होते ही उसने अंग्रेजों को भारत की भूमि से बाहर खदेड़ने की ठान ली। उसके जीवन का लक्ष्य ही अंग्रेजों को देश से बाहर करने का बन गया था।
(ग) ईश्वर ने यह घरती सभी के लिए एक समान बनाई है। पशु-पक्षी, मानव, नदी, पर्वत, समंदर सभी की बराबर की हिस्सेदारी है, परन्तु मनुष्य मे दुद्धि के बल पर बड़ी-बड़ी दीवारें खड़ी कर दी हैं। परिवार के समान दिखाई देने वाले संसार को टुकड़ों में विभाजित कर दिया है और विश्व को टुकड़ों में बाँटकर स्वय को विजयी समझ रहा है, जबकि यही उसकी सबसे बड़ी हार है, क्योंकि जुड़े होने पर सभी एक-दूसरे की परवाह करते हैं, परंतु अलग होने पर सभी अपने-अपने लिए सोचते है। यह सोच सबसे अचिक दु खदायी होती है। ऐसे में कोई दूसरा न किसी के दर्द को समझता है और न बॉटना चाहता है। संवेदनहीनता सीमा का अतिक्रमण कर चुकी है। प्रस्तुत पाठ इस तथ्य को स्पष्ट करता है कि आज के युग में ऐसे लोग बहुत कम हैं, जो दूसरे के दु:ख से दुःखी होते हैं।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3 x 2 = 6)
(क) विरुद्धवाद बुद्ध का दया प्रवाह में बहा। मनुष्यता पाठ की इस पंक्ति के आधार पर बताइए कि महात्मा बुद्ध ने समाज में अपना स्थान किस प्रकार बनाया?
(ख) वर्षा ऋतु में पर्वतों पर वहने वाले झसने पर्यटकों के आकर्वण का मुख्य केंद्र होते है। ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ पाठ के आधार पर पर्वत पर बहने वाले झरनों की सुंदरता का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
(ग) “मीरा की रचनाओं में पूर्ण समर्पित भक्ति-भावना निहित है।” अपने शब्दों में इस कथन की पुष्टि ‘मीरा के पद’ के आधार पर लगभग 60-70 शब्दों में कीजिए।
उत्तर:
(क) ‘विरुद्धवाद हुद्ध का दया प्रवाह में बत्त्प।’ मनुष्यता पाठ की इस पंक्ति के आधार पर महात्मा बुद्ध ने अपना स्थान गतत नीतियों का विरोध करने पर बनाया है। बुद्ध के विरुद्धवाद का अर्थ समाज में व्याप्त गलत नीतियों का विरोध करने से है। दुद्ध ने समाज में व्याप्त गलत धारणाओं का विरोध नहीं किया, परंतु जब बुद्ध की करुणा, दया का भाव सबके समक्ष प्रस्तुत हुआ, तो लोग बुद्ध के सामने नतमस्तक हो गए।
(ख) वर्गा ऋत्रु में पर्वतों पर बहने वाले झरने पर्यटकों के आकर्वण का मुख्य केंद्र होते है। पर्वतीय प्रदेश में वर्षा ऋतु के आने से पहले बादलों के कारण पर्वत छिप जाते हैं। अचानक बादल ऐसे उठे, मानों एक पूरा पर्वत विशाल पक्षी के समान अत्यथिक सफेद और चमकीले पंखों को फड्रफड़ाता हुआ ऊपर आकाश में उड़ रहा है। हसका परिणाम यह हुआ कि चारों और दादल-ही-बादल छा गए और कुछ मी दिखाई देना बंद हो गया। झरनों की केखल आवाज सुनाई दे रही है। अतः वह ओझल हो गए।
इसके पश्चात् हन बादलों से इतनी तेज वर्षा हुई जैसे आकाश-चरती पर टूट पड़ा हो और उसने वर्षारूपी बाणों से धरती पर आक्रमण कर दिया हो। वर्षा के देवता इन्द्र बादलरूपी बिनान में घूम-घूमकर अपने जादुई करतब दिखा रहे हैं। जिसके करण पर्वतों पर क्षण-क्षण में विचित्र और अद्भुत दृश्य दिखाई दे रहे है।
(ग) मीराबाई श्रीकृष्ण की अनन्य भक्त है। उन्होंने श्रीकृष्ण की भक्ति करते हुए अपना सारा जीवन बिता दिया। वह् उनकी भकित में इतनी दीवानी बन गई कि उन्हें लोकलाज, कुल वंश, सामाजिक मर्यादा आदि का मी ध्यान नहीं रहा। मीरा ने अपने आराध्य देव के गुणों का भरपूर बखान किया है। उनकी भक्ति में समर्पण की भावना है। उनके काष्य में अनुभूति की गहराई है।
वह श्रीकृष्ण को अपना आराध्य भी मानती हैं तथा प्रियतम भी। वह उनसे प्रिया की भौति भी मिलना चाहत्वी है तथा एक सच्चे भक्त की भोंति भी। वह उनकी सेया में समर्षित है, वह उनके दर्शन की तीव्र अभिलाषा रखती हैं। उनके अनुसार, प्रभु का दर्शन, स्मरण और भक्ति ये तीनों ही भक्तों की सच्यी जागीर होती है। उन्होंने भगवान भीकृष्ण को ही अपना सर्वस्व मानकर अपने आपको उनके चरणों में समर्घित कर दिया। उनकी रचनाओं में भक्ति भावना की प्रधानता स्पष्ट रूप से द्रष्टव्य है।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3 x 2 = 6)
(क) हरिहर काका को उनके घर के सदस्यों के चंगुल से किस प्रकार बढाया गया? ‘हरिहर काका’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
(ख) ‘सपनों के-से दिन’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि बच्चों की पढ़ाई को व्यर्थ समझने के पीछे अभिभावकों के क्या तर्क थे?
(ग) जिस दिन इपफन की दादी का निधन हुआ था, उस दिन वे दोनों दोस्त बहुत रोए थे। खासतौर से टोपी को अपना जीवन इफ्फन की दादी के बिना अकेला लगने लगा और वह बेचैन रहने लगा। ‘टोपी शुक्ला’ पाठ के आधार पर बताइए कि टोपी को अपनी दादी से लगाव न होकर इफ्फल की दादी से क्यों था?
उत्तर:
(क) ‘हरिहर काका’ पाठ के आधार पर महतत जी ने हरिहर काका को एकान्त कमरे में वेटाकर समझ्काया कि यहाँ कोई किस्सी का नहीं है। सब मोह माया का दन्धन है। तुम धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति हो। इस बन्धन में किस प्रकार फैस गए। ईश्वर की भक्ति में मन लगाओ, क्वोंकि उसके सिदाय तुम्हारा कोई और नहीं है। पत्ली, बेटा, भाई-बन्धु सब-के-सब स्वार्थ के साथी है।
जिस दिन उनको लगेगा कि तुमसे उनका स्यार्थ सधने वाला नहीं है, उस दिन वे तुर्में पूछेंगे तक नहीं। इसलिए ज्ञानी, सन्त, महात्मा व ईश्वर के सिवाय किसी से प्रेग नहीं करना चाहिए। तुम्हारे हिस्से में 15 बीधे जमीन है। जिस कारण से तुम्हारे भाई का परिवार तुम्हें पूछ्ता है। यदि किसी दिन तुम उनसे बोल दो कि तुमने अपनी जायदाद किसी के नाम कर दी, तो वै तुमसे बोलना बन्द कर देंगे। तुम्हारे बीच जो खून का रिश्ता है वह खत्म हो जाएगा। तुम्हारे भले के लिए में तुमसे यह बात पहले ही कहना चाहता था, परन्तु संकोचवश कह नहीं पाया।
(ख) ‘सपनों के से दिन’ पाठ के आधार पर अभिभावकों का बच्चों की पढ़ाई में रुचि न रखने का कारण सामाजिक वातावरण माना जा सकता है। लेखक के आधार पर पद्धोसी व्यवसाय करते थे। कोई परचून की दुकान चलाबा था तो कोई अपना छोटा-मोटा काम-घंधा करता था। वे अपने बच्चे को स्कूल भेजने की अपेक्षा व्यवसाय में लगाने पर अधिक बल देते थे। वे अपने बच्चों को अफसर, होंक्टर, वकील न बनाकर्र बही-खाता जाँचने और मुनीमी आदि का काम सिखाना चाहते थे। मेरे अनुमान से पारिवारिक पृष्ठमूमि का कम पद्षा-लिखा होना तथा गरीबी आदि कारण ही हो सकते है, जिससे अभिभाकक पढ़ाई को व्यर्थ समझते थे।
(ग) टोपी को इफ्फल की दादी से अत्यधिक प्रेम मिला था। टोपी को उनके पास रहना अच्चा लगता था। दादी की भाषा, उनका भोलापन उसे यह बच्चों के मोलेपन का सुन्दर नमूना है तथा प्रेम की चाहत का स्वाभाविक चित्रण मी है। इससे बालपन की इस विशेषता का पता चलता सकता है। वह भाषा, जाति, धर्म व आयु के बन्धन से परे होते हैं।
लेखन
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए। (5 x 1=5)
(क) स्वास्थ्य की रक्षा
संकेत बिंदु –
- स्वस्थ रहने की आवश्यकता
- पोषक भोजन
- लामकारी सुझ़ाव
- उपसंहार
उत्तर:
वर्तमान समय में प्रत्येक मनुष्य की जीवन-शैली द्वतनी भागदौड़ से भर गई है कि वे अपने त्वास्थ्य की रक्षा कर पाने में असमर्थ हो चुके हैं। जहाँ पहले के समय में व्यक्ति की औसत आयु 75 वर्ष थी, वह आज घटकर 60 वर्ष हो गई है। स्वार्थ्य की रक्षा बहुत ही आवश्यक है। खराब स्वास्य के साथ व्यक्ति कोई मी कार्य उचित तौर-तरीके से नहीं कर पाता है। प्रत्येक व्यक्ति को आधारभूत वस्तुओं का संथय करने आवश्यक है। स्वास्थ्य की रक्षा के लिए पोषक मोजन लेना अति आवश्यक है।
हरी सं्जियाँ, दूध, दही, फल आदि का सेवन हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ते हुए हमारे स्वास्थ्य की रक्षा करता है। आजकल जंकपूड्ड और फास्टफूड का प्रचलन अपने चरम पर है। इसकी चपेट में लाखों लोग आ चुके है और इसी कारण वे अपना स्वास्थ्य खराद कर चुके हैं। आजकल के बच्चों को मोटापा, सुस्ती व भिन्न-भिन्न प्रकार की बीनारियों ने जकड़ लिया है। हमें जंक्कूल एवं फास्टफूड से दूरी बनाते हुए पौष्टिक आहार लेने चाहिए, जिससे हम अपने स्वास्थ्य की रक्षा करते हुए, अपने और दूसरों के जीवन को खुशियों प्रदान कर सकें।
(ख) एकता की शक्ति
संकेल बिंदु –
- एकता का अर्थ
- एकता की शक्ति के उदाहरण
- उपसंहार
- एकता की शक्ति का महत्व
- एकता के अभाव के दुष्परिणाम
उत्तर:
विचारों के मेल-जोल को एकता कहते है। जहाँ बहुत-से लोग किसी एक विचार या उद्देश्य को ध्यान में रखकर एकमत होकर तन्मन से काम करते हैं, वहाँ एकता होती है। ‘एकता’ एक होने की भावना है। यह मनुष्य के विचारों को उसके निश्यय और मनोबल को मजबूत बनाती है। ऐसी अवस्था में कोई भी कार्य कठिन एवं असम्भव नहीं लगता है। मनुष्य समाज में रहता है। इसके लिए वह एकता की कल्पना कर्रता है, क्योकि वह संसार में या समाज में अकेला जीवन नहीं दिता सकता। यह उसकी स्याभाविक कमजोरी है। इस कमजोरी को दूर करने के लिए वह पहले अपने परिवार में, फिर पड़ोस में, फिर अपनी जाति या सम्पदाय में एकता की स्थापना करता है।
यह एकत्ता ही समाज का निर्माण करती है। सामाजिक जीवन बिताने के लिए एकता जरूरी है। इसके बिना मनुष्य, पशु होता है सभी अपने में स्वतन्न और स्वछंद होते हैं ऐसी अवसथा में नए-नए विचारों का जन्म नहीं होता और मनुष्य सामाजिक प्राणी नहीं रह जाता। अतः एकता मनुष्य जीवन के लिए अनिवार्य है। परिबार को सुखी बनाने के लिए लोगों में एकता होनी चाहिए। समाज को खुशहाल क्रने के लिए सभी जातियों, सम्मदायों और वर्गों में एक्ता चाहिए व देश को आजाद बनाए रखने के लिए देशायासियों में एकता चाहिए।
किसी संस्था में भमिकों की एकता बहुत महत्त्वपूर्ण होती है यदि वे एक साथ हों, तो संगठन किसी भी प्रकार की चुनौती का सामना कर सकता है। यदि उनमें मतमेद हो, तो समूचा संगतन भुगतता है। कोई सेना अपने दुश्मनो को तभी पराजित कर सकती है, जब उसके सभी सैनिक साथ लड़ते हैं। एक दल तभी मेच जीतता है, जब सभी खिलाड़ी अच्छा खेलते हैं। एक अकेला सैनिक व एक अकेला खिलाड़ी कुछ नहीं कर्र सकता। कहा भी गया है ‘एकता हमें खड़ा रखती है, अलगाव हमें गिराता है।’
अतः यह सत्य है कि एकता ही बल है। समी सदस्यों की एकता परिबार को शक्ति देती है मजदूत बनाती है, नागरिकों की एकता देश को, श्रमिकों की एकता संस्था को क्रियाहील रखती है, ब्विलाडियों की एकता दल को मजदूत बनाती है।
(ग) भारत में गणतंत्र दिवस
संकेत बिंदु —
- राष्ट्रीय पर्व ; 26 जनवरी
- गणतंत्र दिवस का महत्व
- समारोह का आयोजन
- उपर्संहार
उत्तर:
गणतन्न दिवस भारत में 26 जनवरी को मनाया जाता है और यह भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है। प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को प्रत्येक भारतीय के मन में देशभक्ति की लहर और मातृभूमि के प्रति अपार स्नेह मर उढता है। इस दिन भारतीय अधिनियम एक्ट को हटाकर भारतीय संविधान को लागू किया गया था द लोकतान्त्रिक प्रणाली के साथ भारतीय संविधान को जोड़ा गया था।
इस प्रकतर यह सरकार के संसदीय सूप के साथ एक सम्प्रभुत्वशाली समाजवादी लोकतान्त्रिक गणतन्त्र के रूप में भारत देश सामने आया। इस दिन भारत के राष्ट्रपति द्वारा ध्वजारोहण किया जाता है। स्कूल, कॉलेजों व सरकारी संस्थानों में भी तिरंगा फहराया जाता है। 26 जनवरी को भारत गणतन्त्र दिवस के रुप में भारी उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह आयोजन हमें देश के सभी शहीदों के नि:स्वार्थ बलिदान की याद दिलाता है, जिन्होंने आजादी के संघर्ष में अपने जीयन को बलिदान कर दिया और विदेशी आक़मणों के विरुद्ध अनेक लड़ाइयाँ जीतीं।
आजादी के बाद एक ड्राफ्टिंग कमेटी को 28 अगस्त, 1947 की मीटिंग में भारत के स्थायी संयिधान का प्रारूप तैयार करने को क्हा गया। देश की आजादी के बाद भारतीय संविधान सभा का गठन हुआ। संविधान सभा में कुल 379 सदस्य थे, जिसमें 15 महिलाएँ थी। संविधान की ड्राफ्टिंग समिति के अध्यक्ष डों. भीमराब अन्बेडकर थे। 4 नवम्बर, 1947 को डो. बी. आर अम्बेडकर की अध्यक्षता में भारतीय संविधान के प्रारूप को सदन में रखा गया। 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन में संविधान बनकर तैयार हुआ। अन्त में इन्तजार की घड़ी 26 जनवरी, 1950 को इसे लागू होने के साथ ही खत्म हुई। साथ ही पूर्ण स्वराज की प्रतिश्ञा का भी सम्मान हुआ।
भारत सरकार हर साल राष्ट्रीय राजधानी, नहं दिल्ली में एक कार्यक्रम आयोजित करती है, जिसमें द्वि्डिया गेट पर खास परेड का आयोजन होता है। इसमें तीनों सेनाएँ बिजय चौक से अपनी परेड को शुरू करती हैं, जिसमें तरह-तरह अस्त्र-शस्त्रों का भी प्रदर्शान किया जाता है। आर्मी बेण्ड, एन.सी.सी. कैडेट्स और पुलिस बल मी विभिन्न संघों के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन करते है। राज्यों में भी इस उत्सव को राज्यपाल की मौजूदरी में बेहद शानदार तरीके से मनाया जाता है।
भारत में गणतन्त्र दिवस का दिन राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है। इस महान दिन का उत्सव लोग अपने-अपने तरीके से मनाते हैं; जैसे-समाधार देखकर, स्कूल में भाषण के द्वारा या भारत की आजादी से सम्बन्धित किस्सी प्रतियोगिता में माग लेकर आदि। इस दिन सभी को ये वादा करना चाहिए कि वो अयने देश के संविधान की सुरक्षा करेंगे, देश की सम्भभुता और शान्ति को बनाए रखेंगे, साथ ही देश के बिकास में सहायोग करेंगे। 26 जनवरी, 2024 को भारत अपना 75 चां गणतन्त्र दिवस मनाएगा।
प्रश्न 15.
सांप्रदायिकता की समस्या पर अपने विचार प्रकट करते हुए ‘हिंदुस्तान’ समाचार-पत्र के संपादक को लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
अधवा
अपने घर में चोरी हो जाने की सूचना देते हुए पुलिस थाना अधिकारी को लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए। (5 x 1=5)
उत्तर:
सेवा में,
माननीय संपादक
हिंदुस्तान
राजधाट, नई दिल्ली।
विषय सांप्रदायिकता की समख्या के संबंध में।
महोदय,
सबिनय निवेदन है कि मैं आपके अखबार का नियमित पाठक हैं। आपके अखबार की लोकप्रियता को देखते हुए में आपका ध्यान देश में फेल रही सांभदायिकता की समस्या की ओर आकर्षित करना चाहता हूं। कुछ तथाकथित राजनेता सस्ती लोकम्रियता के लिए पक्षपात वाली बयानबाजी करते हैं जिससे अनेक समुदायों को ठेस पहुँचती है। इस प्रकार की राजनीति करने का उनका उद्देश्य देश में उन्माद और नफरत की भावना को उभारना होता है और इसमें ये सफल मी हो जाते है।
अतः में चाहता है कि आप अपने अखदार के माध्यम से इन तथाकधित नेताओं की असलियत को प्रकट करें जिससे दो समुदायों में उत्पन्न सांप्रदायिक तनाद कम हो सके। यह आपकी एक अति महत्त्वपूर्ण देश सेवा होगी। देश में फेले सांप्रदायिक उन्भाद को रोकने के लिए यदि आपने मेरे अनुरोध को स्वीकार कर लिया तो हम सभी आपके सदा आभारी होंगे।
धन्यवाद
प्रार्थी
मनमोहन राव
अथवा
सेदा में,
श्रीमान महोदय
पुलिस निरीक्षक अधिकारी
थाना विकास मार्ग
नई दिल्ली।
विषय चोरी की शिकायत हेतु।
महोदय,
निवेदन है कि गत 30 अप्रैल को रात दो बजे मेरे घर से लगभग 1 लाख पॉँच हजार रुपये तथा जेवरात की चोरी हो गई। कुत्तों के मौंकले पर जब तक हमारी और पड़ोसियों की नींद खुलती, तब तक चोर सब कुछ लेकर भाग चुके थे। इसलिए वे पहचाने तो नहीं जा सके, किंतु मुझे आस-पास के कुछ नए लोगों पर संदेह है, जिनका हाथ इस चोरी में हो सकता है, क्योकि इस इलाके में ऐसी घटना कर्ग बार हुई है। अतः महोदय आपसे अनुरोध है कि चधाशीघ छानबीन आरंभ कर चोरों को पकड़ा जाए जिसके मेरा चोरी तुआ रुपया व सामान मिल सके तथा चोरों को सजा मिल सके।
धन्यवाद
भवदीय
मोहन सिंह
विकास मार्ग
प्रश्न 16.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 60 शब्दों में सूचना लिखिए। (4 x 1=4)
आपके विद्यालय में गाँधी जयंती के अवसर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है। इस संबंध में स्कूल कैप्टन की ओर से विद्यार्थियों को 60 शब्दों में सूचना लिखिए।
अथवा
आपको पार्क में एक बैग मिला है, जिसमें कुछ रुपये तथा जरूरी कागजात हैं। इस संबंध में 60 शब्दों में एक सूचना लिखिए।
उत्तर:
गौतमबुद्ध सीनियर सेकेण्ड्री स्कूल दिनांक 23 मई, 20xx वृक्षारोपण कार्यक्रम के आयोजन के संबंध में सभी छात्रों को सूचित किया जाता है कि गाँधी जयंती के शुभ अवसर पर उनके सपनों को साकार करने के लिए विद्यालय के सामने वाली बस्ती में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य लोगों को वृक्षों के प्रति जागरूक करना है। यह कार्यक्रम प्रातः 9 बजे से अपराह्न 12 बजे तक चलेगा। इच्छुक छात्र-छात्राएँ अपना नामांकन अधोहस्ताक्षरी के पास 28 मई, 20xx तक अवश्य करा दें। सौरभ तँवर |
अथवा
कालिंदी कुंज, नई दिल्ली दिनांक 29 मई, 20xx खोया-पाया के संबंध में आप सभी को सूचित किया जाता है कि कालिंदी कुंज मार्ग के पास वाले पार्क की ओर से जब मैं गुजर रहा था तो वहाँ मुझे पार्क के मध्य भाग पर एक बैग मिला इस बैग में बहुत आवश्यक सामान पाया गया है। बैग में कुछ रुपये, मोबाइल फोन तथा अन्य कई महत्त्पपूर्ण दस्तावेज भी प्राप्त हुए हैं। जिस भी व्यक्ति का यह सामान है वह इस नंबर 93XXXXXXX पर संपर्क करके अपने बैग की निशानी बताकर अपना बैग ले जा सकता है। धन्यवाद |
प्रश्न 17.
‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान विषय पर 40 शब्दों में विज्ञापन लिखिए। (3 x 1=3)
अथवा
क्रिकेट खेल प्रतियोगिता हेतु 40 शब्दों में एक विज्ञापन लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 18.
“मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना” उक्ति को आधार बनाकर लगभग 100-120 शब्दों में एक लघुकथा लिखिए। (5 x1=5)
अथवा
आप रोहित शर्मा/साक्षी शर्मा हैं। आप अपने बैंक प्रबंधक को एक ई-मेल लिखकर अपने खाते को आधार कार्ड से लिंक करवाकर उसमें अपना आधार नंबर अपडेट करवाइए।
उत्तर:
“मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना”
एक गाँव में राम और रहीम नाम के दो बच्चे रहते थे। दोनों आपस में अच्छे दोस्त थे। वे दोनों एक ही मोहल्ले में रहते थे और एक साथ ही खेलते थे। एक दिन बहुत तेज बारिश हो रही थी जिसके कारण कोई खेलने न जा सका। राम ने माँ से कहा कि “माँ बारिश को रोको, इसके कारण में अपने दोस्त रहीम के साथ खेल नहीं पा रहा हूँ।” राम की बात सुनकर उसकी माँ को लगा कि उनके बेटे में यह शैतानी उस मुस्लिम लड़के रहीम की वजह से आ रही है। उन्हें रहीम बिल्कुल पसंद नहीं था। कुछ दिनों बाद बगल के गाँव में हिंदू व मुसलमानों में दंगा हो गया।
उसका प्रभाव इस गाँव पर भी पड़ा। दंगे के कारण स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि पुलिस ने लोगों को घरों से बाहर न निकलने की चेतावनी जारी कर दी। उस समय राम अपने मित्र रहीम के घर पढ़ने गया हुआ था। राम की माँ अपने बेटे को लेकर बहुत चिंतित हो रही थी। राम के पिताजी ने माँ को समझाया कि रहीम के माता-पिता बहुत भले लोग हैं। अतः चिंता मत करो। लेकिन माँ को रहीम के परिवार पर बिलकुल भरोसा नहीं था। वे उन्हें मुसलमान होने की वजह से शक की निगाह से देखती थीं, परंतु इस समय और कोई रास्ता भी नहीं था।
वह दंगा खत्म होने का इंतजार करने लगी। रात को दंगा खत्म होते ही रहीम के माता-पिता राम को सही सलामत उसके घर छोड़ने आए। उन्हें देख राम की माँ को स्वयं की गलत सोच पर पछतावा होने लगा। एकाएक ही उनके मुँह से निकला- “मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना।” सीख : धर्म के आधार पर भेदभाव करना गलत है। हमें सभी धर्मों का आदर करते हुए मिल-जुलकर रहना चाहिए।
अथवा