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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course B Set 11 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
निर्देश
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-‘अ’ और ‘ब’।
- खंड ‘अ’ में उपप्रश्नों सहित 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कुल 40 प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
- निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए।
- दोनों खंडों के कुल 18 प्रश्न हैं। दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमश: लिखिए।
खंड ‘अ’ (वस्तुपरक प्रश्न)
खंड ‘अ’ में अपठित गद्यांश, व्यावहारिक व्याकरण व पाठ्य-पुस्तक से संबंधित बहुविकल्पीय प्रश्न दिए गए हैं। जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
अपठित गद्यांश
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए। (1×5=5)
इंटरनेट ने शिक्षा को इतना आसान बना दिया है कि कोई भी, किसी भी प्रकार की समस्या क्यों न हो, पल भर की प्रतीक्षा किए बिना ही उसका उत्तर हमें मिल जाता है। पुस्तकालयों में बैठकर घंटों माथापच्ची नहीं करनी पड़ती। विद्यालयों में स्मार्ट क्लासों का प्रचलन बढ़ रहा है, जिसमें नेट के माध्यम से छात्रों को अत्याधुनिक ज्ञान प्रदान किया जाता है। इतना ही नहीं विद्यार्थी अपने घरों में रहकर विदेशी विद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों से कम खर्च में पढ़ सकते हैं और किसी भी प्रकार की समस्या का हल निकाल सकते हैं।
परीक्षाओं एवं प्रतियोगिताओं की तैयारी में भी इंटरनेट का सहारा लेकर छात्र सफलता की नई ऊँचाइयाँ छू रहे हैं। आज भारतीय युवाओं की सफलता, शिक्षा और तकनीकी शिक्षण में इंटरनेट का बहुत बड़ा हाथ है। गाँव और छोटे शहरों में रहने वाले लोग इसके माध्यम से विश्वस्तरीय ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं और परिश्रम रूपी घोड़े की लगाम पकड़कर विकास की नई-नई ऊँचाइयों को छू रहे हैं। सच ही कहा है-शिक्षा में कमाल, इंटरनेट का धमाल।
इंटरनेट मानवजाति के भूत, भविष्य और वर्तमान की गाथा भी सुनाने में सक्षम है। आप इतिहास के पन्नों को पलट सकते हैं, भविष्य का अनुमान लगा सकते हैं और वर्तमान में क्या घट रहा है, यह भी देख और पढ़ सकते हैं। किसी भी रचनाकार की कृति को पढ़ सकते हैं, नई-नई खोजें कर सकते हैं, विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं, भौगोलिक परिवर्तनों से रू-ब-रू हो सकते हैं; प्राकृतिक आपदाओं के विषयों में भविष्यवाणी कर सकते हैं और यहाँ तक कि अपने आचरण को शिष्ट एवं अनुशासित रखने के लिए सामाजिक एवं नैतिक शिक्षा पा सकते हैं।
(क) गद्यांश के आधार पर बताइए कि इंटरनेट ने मानव जीवन को किस प्रकार प्रभावित किया है?
(i) मानव जीवन को अत्यंत सहज बना दिया है
(ii) मानव जौवन को अत्यंत उलझा दिया है
(iii) मानव का विकास अवरुद्ध किया है
(iv) संबंधों में बदलाव ला दिया है
उत्तर :
(i) मानव जीवन को अव्यंत सहज बना दिया है गद्यांश के अनुसार, इंटरनेट ने मानव जीवन को अत्यंत सहुज बना दिया है। आज मनुष्य घर वेठे दूरस्थ लोगों के साथ संपर्क कर सकता है और विचारों का आदान-भदान कर सकता है।
(ख) इंटरनेट के माध्यम से हम धर बैठे कौन-सी सुविधा प्राप्त कर सकते हैं?
(i) वर्तमान में घटित होने वाली घटना की जानकारी प्राप्त कर सकते है
(ii) इतिहास की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं
(iii) भबिष्य का अनुमान लगा सकते हैं
(iv) उपरोक्त सभी
उत्तर :
(iv) उपरोक्त सभी गद्याश के आधार पर कह सकते हैं कि इटरनेट के माथ्यम से हम घर बैठे अनेक सुविधाएँ प्राप्त कर सकते हैं। इसके द्वारा दर्तमान में घटित होने वाली घटनाओं, दतिहास की जानकारी तथा मविध्य का अनुमान लगाया जा सकता है।
(ग) विविध प्रकार की समस्याओं का समाधान किसके माध्यम से किया जा सकता है?
(i) नवीन सोच के माध्यम से
(ii) इंटरनेट के माध्यम से
(iii) इतिहास के माध्यम से
(iv) शिक्षा के माध्यम से
उत्तर :
(ii) इंटरनेट के माध्यम से गध्यांश के अनुसार, विविच प्रकार की समर्याओं का समाधान इंटरनेट के मध्यम से सरलता से किया जा सकता है। इसके द्वारा क्षणभर में बिना प्रतीक्षा किए समस्याओं का हल प्राप्त किया जा सकता है।
(घ) गद्यांश के अनुसार, आचरण को शिष्ट एवं अनुशासित रखने के लिए आवश्यकता है
(i) इंटरनेट की
(ii) सामाजिक एवं नैतिक शिक्षा की
(iii) तकनीकी शिक्षा की
(iv) मानवता की
उत्तर :
(ii) सामाजिक एवं नैतिक शिक्ष की गद्यांश के अनुसार, आदरण को शिष्ट एवं अनुशासित रखने के लिए सामाजिक एवं नैतिक शिक्षा की आवश्यकता होती है। सामाजिक एवं नैतिक शिक्षा आघरण को शिष्ट एवं अनुशासित रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
(ङ) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) वर्तमान में इंटरनेट के माध्यम से आप इतिहास के पन्नों को पलट सकते हैं तथा भविष्य का अनुमान लगा सकते हैं। कारण (R) इंटरनेट मानवज्जाति के भूत, भविष्य और वर्तमान की गाथा सुनाने में सक्षम है।
(i) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ii) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की गलत्व व्याख्या करता है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर :
(iv) कथन (A) और कारज (A) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (A) कथन (A) की सही ब्याख्या करता है वर्तमान में इंटरनेट के माध्यन से हम मनुष्य जाति के इतिहास के विषय में ज्ञान माप्त कर सकते हैं, वर्तमान का अध्ययन कर सकते हैं तथा भविष्य का अनुमान लगा सकते है, क्योंकि इंटरनेट मानवजाति के मूत, भविष्य तथा वर्तनान की गाथा सुनाने में सक्षम है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सवीधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्य चुनकर लिखिए। (1×5=5)
कहा जाता है कि हमारा लोकतंत्र यदि कहीं कमजोर है, तो उसकी एक बड़ी वजह हमारे राजनीतिक दल हैं। वे प्राय: अव्यवस्थित हैं, अमयादित हैं और अधिकाशत: निष्ठा और कर्मठता से संपन्न नहीं हैं।
हमारी राजनीति का स्तर प्रत्येक दृष्टि से गिरता जा रहा है। लगता है उसमें सुयोग्य और सचरित्र लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है। लोकतंत्र के मूल में लोकनिष्ठा होनी चहिए, लोकमंगल की भावना और लोकानुभूति होनी चाहिए और लोकसंपर्क होना चाहिए। हमारे लोकतंत्र में इन आधारभूत तत्त्वों की कमी होने लगी है, इसलिए लोक्तंत्र कमजोर दिखाइं पड़ता है। हम प्राय: सोचते हैं कि हमारा देश-प्रेम कहाँ चला गया, देश के लिए कुछ करने, मर-मिटने की भावना कहाँ चली गईं? त्याग और बलिदान के आदर्श कैसे, कहाँ लुप्त हो गए? आज हमारे लोकतंत्र को स्वार्थधता का घुन लग गया है।
क्या राजनीतिज, क्या अफसर, अधिकांश यही सोचते हैं कि वे किस तरह से स्थिति का लाभ उठाएँ, किस तरह एक-दूसरे का इस्तेमाल करें। आम आदमी स्वयं को लाचार पाता है और ऐसी स्थिति में उसकी लोकतात्रिक आस्थाएँ डगमगानेलगती हैं। लोकतंत्र की सफलता के लिए हमें समर्थ और सक्षम नेतृत्व चाहिए, एक नई दृष्टि, एक नई प्रेरणा, एक नई संवेदना, एक नया आत्मविश्वास, एक नया संकल्प और समर्पण आवश्यक है। लोकतंत्र की सफलता के लिए हम सब अपने आप से पूछें कि हम देश के लिए, लोकतंत्र के लिए क्या कर सकते हैं? और हम सिर्फ पूछकर ही न रह जाएँ, बल्कि संगठित होकर समझदारी, विवेक और संतुलन से लोकतंत्र को सफल और सार्थक बनाने में लग जाएँ।
(क) राजनीतिक दल लोकतंत्र की असफलता के कारण बताए जाते है, क्योंकि वे प्रायः
(i) धन और पद-लोलुप है
(ii) निष्ठाहींन और कर्तब्यबिमुख हैं
(iii) संप्रदायवादी और जातीयतावादी हैं
(iv) केवल सत्ता-लालसी है
उत्तर :
(ii) निष्ठाहीन और कर्ताव्यविमुख हैं राजनीतिक दल लोक्तंत्र की असफलता का कारण बताए जाते हैं, क्योंकि दे प्राय: देश की प्रति निष्ठाहीन और कर्त्वव्यविमुख होते है।
(ख) लोकतंत्र का मूल तत्व नहीं है
(i) लोक-मंगल के प्रति उपेक्षा
(ii) लोक-निष्ठा की अपेक्षा
(iii) लोक-संपर्क की इच्छा
(iv) लोक के सुख-दु;ख की अनुभूत्ति
उत्तर :
(i) लोक-भंगल के प्रति उपेक्षा लोकलत्र का मूल तत्त्व लोक-मंगल की उपेक्षा करना नहीं है, यदि ऐसा किया जाता है, तो लोकलंत्र कमजोर दिखाई पड़ने लगता है।
(ग) आम आदमी की लोकतांत्रिक आस्थाएँ इगमाती है
(i) लोकतंत्र की गिरती मयांदाओं के समझ विवशता देखकर
(ii) नेताओं और अफसरों का उपयोग होते देखकर
(iii) भाई-भतीजावाद और पक्षपात देखकर
(iv) केवल धनार्जन को ही जीवन का लक्ष्य पाकर
उत्तर :
(iii) भाई-भतीजावाद और पक्षपात देखकर लोकतंत्र में स्वार्थधता का घुन लग गया है, आम आदमी स्वयं को लाचार पाता है। भाई-भतीजापाद और पक्षपात देखकर आम आदमी की लोकतांत्रिक आस्थाएँ ङगमगाने लगती हैं।
(घ) हमारा लोकतंत्र यदि कहीं कमजोर है, तो उसकी एक दड़ी वजह हमारे राजनीतिक दल हैं। पंकित के माध्यम से लेखक राजनीतिक दलों की ……….. और इशारा कर रहे हैं।
(i) अव्यवस्थित
(ii) अमयांदित
(iii) अकर्मण्य
(ii) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये समी गयांश के अनुसार, हमारा लोक्तंत्न यदि कहीं कमजोर है, तो उसकी एक बड़ी बजह हमारे राजनीतिक दल हैं, क्योंकि वे अव्यवरिणन्न, अमर्यादित और अकर्मण्य हैं। उसमें सुयोग्य व सच्चरित्र लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है।
(ङ) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. लोकतंत्र की सफलता के लिए सफल व सक्षम नेतृत्व अनिवार्य है।
2. लोकतंत्र के मूल में स्वार्थपरता होनी चाहिए।
3. लोकतंत्र के मूल में लोकमंगल की भावना होनी चाहिए।
4. हमारे लोकतंत्र में आम आदमी स्वयं को लाचार पाता है। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/है?
(i) केवस 1
(ii) 1,2 और 3
(iii) 1,3 और 4
(iv) 1 और 2
उत्तर :
(iii) 1,3 और 4 लोकतंत्र की सफलता के लिए हमें समर्थ और सक्षम नेतृत्य चाहिए तथा लोकतंत्र के मूल में स्वार्थपरता नहीं, अपितु लोकनिष्ठा व लोकमंगल की भावना होनी चाहिए, जिसके अतर्गत कोई भी व्यक्ति स्वयं को लाचार न समझे।
व्यावहारिक व्याकरण
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘पदबंध’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1×4=4)
(क) ‘बाहर से आए मनुष्यों में कुछ शरारती तत्त्व भी हैं।’ वाक्य में रेखांकित पदबंध है
(i) विशेषण पद्बंध
(ii) क्रिया-विशेषण पदब्बंध
(iii) संज्ञा पदर्व
(iv) सर्वनाम पदबंध
उत्तर :
(iv) सर्वनाम पदबंध
(ख) तताँरा को मानो कुछ होश आया। वाक्वय में क्रिया पदबंध है
(i) तताँरा
(ii) होश आया
(iii) मानो
(iv) कुछ
उत्तर :
(ii) होश आया
(ग) ‘बड़ी देर से अपने को सँभालकर निखिल वोला।’ वाक्य में रेखांकित पदबंध है
(i) क्रिया-विशेषण पद्वंध
(ii) संज्ञा पदवंध
(iii) सर्वनाम पदर्बंध
(iv) विश्रेषण पद्वंघ
उत्तर :
(ii) संज्ञा पदब्ष
(घ) ‘वृजलाल गोयनका वंदे मातरम् बोलते हुए मोनुमेंट की ओर भागे।’ वाक्य में रेखांकित पदबंध है
(i) संज्ञा पद्बंध
(ii) सर्वनाम पदर्बंध
(iii) किया-विशेषण पद्बंध
(iv) क्रिया पदवंध
उत्तर :
(iii) क्रिया-विशेषण पदबंध
(ङ) संज्ञा पदबंध का उदाहरण छाँटिए
(i) बड़े भाई साइब लेखक की निडरता को भाप चुके थे
(ii) गीतकार गीत गा रहा है
(iii) वह सदैव दूसरों की सहायता के लिए तत्पर रहता था
(ii) उन्होने ‘तीसरी कसम’ का निर्माण किसा था
उत्तर :
(i) बड़े भाई साहब लेखक की निडरता को भाप चुके थे
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1×4=4)
(क) परिश्रमी मनुष्य के लिए इस संसार में कुए भी दुलभ नहीं है, का मिश्र वाक्य होगा
(i) इस संसार में परिश्रमी मनुष्य के लिए कुछ भी दुर्लभ नहीं है।
(ii) जो व्यक्ति परिश्रमी है, उसके लिए इस संसार में कुछ भी दुल्लभ नहीं है।
(iii) मनुष्य परिक्रमी है, इसलिए संसार में कुछ भी दुर्लभ नहीं।
(iv) संसार में कुछ भी दुलम नहीं, क्योंकि मनुष्य परिश्रमी है।
उत्तर :
(ii) जो व्यक्ति परिक्रमी है, उसके लिए इस संसार में कुछ भी दुर्लम नहीं है।
(ख) निम्नलिखित में संयुक्त वाक्य है
(i) शीला बीमार है, इसलिए विद्यालब नहीं जाएगी।
(ii) बीमार शीला विद्यालय नहीं जाएगी।
(iii) अब्न शीला बीमार हुई, तब वह विद्यालय नहीं गई।
(iv) बीमारी के कारण ही शीला विद्यालय नहीं गई।
उत्तर :
(i) शीला बीमार है, इसलिए विद्यालय नहीं जाएगी।
(ग) सूर्योदय होने पर कुहासा जाता रहा, का मिश्र वाक्त्य होगा
(i) कुलासा जाने का कारण सूयोदय होना था।
(ii) सूरोदय हुआ, क्योंक कुहासा जाना धा।
(iii) जैसे ही सूर्योदय हुआ, वैसे ही कुहासा जाता रहा।
(iv) कुलासा गया, इसलिए सूयोंदय हुआ।
उत्तर :
(iii) जैसे ही सूर्योदय हुआ, बैसे ही कुल्हासा जाता रहा।
(घ) ज्यों ही मैं वियालय के द्वार पर पहुँचा, त्यों ही द्वार बंद हो गया-वाक्य रचना की दृष्टि से है
(i) सरल वाक्य
(ii) मिश्र वाक्य
(iii) संयुक्त वाक्य
(iv) आज़ार्षक वाक्य
उत्तर :
(ii) मिश्र वाक्य
(ङ) ‘उसने मेहनत नहीं की, इसलिए वह रह गया।’ रचना के आधार पर वाव्य का भेद है?
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) सामान्य वाक्य
(iv) मिश्रित वाक्य
उत्तर :
(ii) संयुक्त वाक्य
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘समास’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1×4=4)
(क) ‘शास्त्रन’ शब्द के सही समास-विग्रह का चयन कीजिए
(i) झास्त्र के लिए वज-तत्तुरुष समास
(ii) शास्त्र का जाता है जो-कर्मधारख समास
(iii) शास्त्र और यज्ञ-दंद समास
(ii) शास्त्र में यड-तत्पुरुष समास्स
उत्तर :
(ii) शास्त्र का जाता है जो-कर्मधारख समास
(ख) ‘चंद्रमुख’ शब्द में कौन-सा समास है?
(i) कर्मधारय समास
(ii) तत्पुरुष समास
(iii) द्रिगु समास
(iv) अख्ययीधाव समास
उत्तर :
(i) कर्मधारय समास
(ग) विद्याथन’ समस्त पद का विग्रह है
(i) विद्या के लिए धन
(ii) धन के लिए विद्या
(iii) विद्यारुपी धन
(iv) धनरूपी विद्या
उत्तर :
(iii) विद्यारुपी धन
(छ) निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए
समस्त पद — समास
1. अनिच्छा — अव्ययीभाव
2. गृहागत — तत्पुरुष
3. देहलता — बहुत्रीहि
4. चार दीवार — द्विगु
उपयुक्त युग्मों में से कौन से सही सुमेलित हैं?
(i) केवल 1
(ii) 3 और 4
(iii) 2 और 4
(iv) 1 और 3
उत्तर :
(iii) 2 और 4
(ङ) ‘घनश्याम’ शब्द के लिए सही समास विग्रह और समास का चयन कीजिए।
(i) घन के समान र्याम – कर्मधारय समास
(ii) घन के लिए श्याम – तत्पुरुष समास
(iii) घ्रन और श्याम — द्वंद्व समास
(ii) घन है सो इ्याम- बहुव्रीं समास
उत्तर :
(i) घन के समान र्याम – कर्मधारय समास
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘मुहावरे’ पर आधारित छः बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1×4=4)
(क) तुलसीदास कृत ‘रामधरितमानस’ जनता के लिए के समान है। उपयुक्त मुहावरे द्वारा रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए।
(i) गद्ष जीतना
(ii) गले का हार होना
(iii) घास कीलना
(iv) चाँद पर धूकना
उत्तर :
(ii) गले का हार होना
(ख) कक्षा 10 की परीक्ष पास करना रोहन के लिए छोटी-मोटी बात है, रेखांकित अंश के लिए कौन-सा मुहावरा उचित रहेगा?
(i) सिर फिरना
(ii) हैसी-खेल होना
(iii) हावी होना
(iv) लगती वात
उत्तर :
(ii) हैसी-खेल होना
(ग) ‘बेकार की वस्तु अर्थ के लिए उपयुक्त मुहावरा है
(i) फूटी आँख न सुहाना
(ii) दूध की मक्षी
(iii) तराजू पर तोलना
(iv) बे-सिर पैर की बातें
उत्तर :
(ii) दूघ की मक्खी
(घ) परिश्रमी व्यक्ति का मेरे काम में ही मेरी सफलता का कारण है। रिक्त स्थान की पूर्ति उचित मुहावरे से कीजिए।
(i) टाँग अड़ाना
(ii) हाथ डालना
(iii) मुंह फुलाना
(iv) नाक सिकोड़ना
उत्तर :
(ii) हाथ डालना
(ङ) मुहावरे और अर्ध के उचित मेल वाले विकल्प का चयन कीजिए
(i) ठँगली पर नचाना — नाच नचाना
(ii) ओले पहुना — बारिश होना
(iii) राई का पहाइ बनाना — बड़ी बात होता
(iv) टका सा जवाब्ब देना — साफ इंकार कर देना
उत्तर :
(iv) टका सा जवाब देना-साफ इंकार कर देना
(च) ‘मकखी मारना’ मुहावरे का सही अर्थ है
(i) समय बचाना
(ii) व्यर्ष्ष में समय नष्ट करना
(iii) मक्षी मारने में रुचि
(iv) परेशान होना
उत्तर :
(ii) व्यर्थ में समय नष्ट करना
पाठ्य-पुस्तक
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए। (1×5=5)
उड़ गया, अचानक लो, भूधर रव-शेष रह गए हैं निर्दरा उठ रहा धुआँ, जल गया ताल! था इंद्र खेलता इंद्रजाल।
(क) निम्न वाक्यों को ध्यानपूर्वक पदिए फड़का अपार पारद के पर! है टूट पड़ा भू पर अंबर! -यों जलद-यान में विचर-विचर
1. पूरा पर्वत आकाश में उड़ रहा है।
2. वर्षा ऋतु का वर्णन है।
3. पर्वत पर अद्भुत दृश्य दिखाई दे रहे हैं।
पद्यांश से मेल खाते वाक्यों के लिए उचित बिकल्प है/हैं
(i) केवल 1
(ii) 1 और 2
(iii) 2 और 3
(iv) 1,2 और 3
उत्तर :
(iv) 1,2 और 3 प्रस्तुत वाक्यों के नाध्यम से कवि स्पष्ट करना चाह रहा है कि वर्षा इतु में पर्वत आकाश में उड़ता हुआ प्रतीत हो रहा है तथा ऐसा लग रहा है। अत्यधिक वर्षा के कारण पर्वत पर अद्भुत दृश्य दिखाई दे रहे हैं।
(ख) पर्वत, झरने, शाल के वृक्ष आदि के दिखाई न देने का क्या कारण है?
(i) मूसलाधार वर्षा का होना
(ii) घना अँधकार छा जाना
(iii) चारों ओर धुआँ ही धुआँ होना
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये सनी पद्यांश के अनुसार, पर्वत, झरने, शाल के वृक्ष आदि के न दिखाई देने का कारण मूसलाधार वर्षा का होना है। वर्षा इतनी तेज थी कि चारों ओर धुआँ ही घुआँ होने लगा और घना अँधकार छा गया।
(ग) कवि ने तालाब के जल से उठने वाले धुएँ को किसके समान बताया है?
(i) सफेद हँस के
(ii) अभिन के
(iii) (i) और (ii) दोनों
(iv) गहन अँषकार के
उत्तर :
(ii) अग्नि के कवि ने तालाब के जल से उठने वाले धुएँ को अग्नि के समान बताया है। कवि वर्णन करते हुए कहता है कि तालाब के जल से इस तरह धुआँ उठने लगा मानो उसमें आग लग गई हो।
(घ) ‘रब-शेष रह गए हैं निर्झर’ पंकित से क्या आशय है?
(i) अँघकार छा जाने के कारण कुछ नहीं दिखाई देता, केवल इरनों की आवाज ही सुनाई देती है
(ii) प्रकृति की सुंदरता का चित्रण झरनों के दृश्य के माध्यम से किया गया है
(iii) झरने बहुत सुंदर दिखाई दे रहे हैं
(iv) अंधकार में झरनों का दृश्य मनोरम दिखाई देता है
उत्तर :
(i) अँधकार छा जाने के कारण कुछ नहीं दिखाई देता, केवल झरनों की आवाज ही सुनाई देती है ‘रव-शेष रह गए हैं निईर’ पंक्ति का आशय यह है कि अत्यधिक तीव्र गति से वर्षा होने के कारण धरती पर अँधकार छा गया है, जिस कारण कुछ भी दिखाई नहीं देता, केवल झरनों की आवाज ही सुनाई देती है।
(ङ) प्रस्तुत पय्यांश में किस ऋतु की सुंदरता का वर्णन किया गया है?
(i) वर्षा ॠतु
(ii) और्मीष्म ऋतु
(iii) शरद अतु
(iv) बसंत खतु
उत्तर :
(i) वर्षा ऋतु प्रस्तुत पद्यांश में वर्षा ऋतु की सुंदरता का वर्णन करते हुए बताया गया है कि इसमें पर्वत उड़ता हुआ प्रतीत होता है वर्षा तेज होती है व तालाब से धुआँ उठता प्रतीत होता है।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए। (1×2=2)
(क) कबीर के अनुसार सच्चा भक्त है
(i) इंख्वर के प्रेम का अनुभव करने वाला
(ii) कर्तव्य का पालन करने वाला
(iii) (i) और (ii) दोनों
(iv) पूजा-पाठ करने वाला
उत्तर :
(iii) (i) और (ii) दोनों कबीर ने सच्चा भक्त उस व्यक्ति को कहा है, जिसने ईश्वर के प्रेम का अनुभव किया हो तथा जो अपना कर्त्तव्य पूरी निष्ठा के साथ पूर्ण करता हो।
(ख) मीरा श्रीकृष्ण के सान्निध्य में क्यों रहना चाहती है?
(i) हमेशा दर्शन होने के कारण
(ii) श्रीकृष्ण से प्रेम के कारण
(iii) भक्ति का साम्राज्य बड़ाने के कारण
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये सभी मीरा श्रीकृष्ण के सान्निध्य में रहना चाहती हैं, क्योंकि वह श्रीकृष्ण से अत्यंत प्रेम करती हैं। उन्हें अपना सर्वस्व मानती हैं, इसलिए वह हमेशा उनके दर्शन करके भक्ति का साम्राज्य बढ़ाना चाहती हैं।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए। (1×5=5)
राज कपूर ने एक अच्छे और सच्चे मित्र की हैसियत से शैलेंद्र को फिल्म की असफलता के खतरों से आगाह भी किया पर वह तो एक आदर्शवादी भावुक कवि था, जिसे अपार संपत्ति और यश की इतनी कामना नहीं थी जितनी आत्मसंतुष्टि के सुख की अभिलाषा थी।
‘तीसरी कसम’ कितनी ही महान फिल्म क्यों न रही हो, लेकिन यह एक दुःखद सत्य है कि इसे प्रदर्शित करने के लिए बमुश्किल वितरक मिले। बावजूद इसके कि ‘तीसरी कसम’ में राजकपूर और वहीदारहमान जैसे नामजद सितारे थे, शंकर-जयकिशन का संगीत था, जिनकी लोकप्रियता उन दिनों सातवें आसमान पर थी और इसके गीत भी फ़िल्म के प्रदर्शन के पूर्व ही बेहद लोकप्रिय हो चुके थे, लेकिन इस फ़िल्म को खरीदने वाला कोई नहीं था।
दरअसल इस फ़िल्म की संवेदना किसी दो से चार बनाने का गणित जानने वाले की समझ से परे थी। उसमें रची-बसी करुणा तराजू पर तौली जा सकने वाली चीज़ नहीं थी। इसीलिए बमुश्किल जब ‘तीसरी कसम’ रिलीज हुई तो इसका कोई प्रचार नहीं हुआ। फिल्म कब आई, कब चली गई, मालूम ही नहीं पड्रा।
(क) आर्धिक खतरों से आगाह किए जाने के बाद भी शौलेंद्र ने ‘तीसरी कसम’ बनाने का निर्णय क्यों लिया?
(i) आत्मसंतुष्टि के लिए
(ii) मित्र के लिए
(iii) जिज्ञासा शांत करने के लिए
(iv) यश प्राप्ति के लिए,
उत्तर :
(i) आत्मसंतुष्टि के लिए आर्थिक खतरों से आगाह किए जाने के बाद मी शूलेंद्र ने ‘तीसरी कसम’ बनाने का निर्णय आत्मसंतुष्टि के लिए लिया।
(ख) ‘तीसरी कसम’ के लिए दुःदद सर्य किसे कहा गया है?
(i) फ़िल्म में गौतों का अभाव
(ii) प्रदर्शित करने के लिए वितरक न मिलना
(iii) लोकप्रियता की कमी
(iv) जाने-माने क़िल्मी सितारों का न होना
उत्तर :
(ii) प्रदर्शित करने के लिए वितरक न मिलना ‘तीसरी कसम’ के लिए दु:बद सत्य प्रदर्शित करने के लिए वितरक न मिलना को कहा गया।
(ग) ‘दो से चार बनाने’ का क्या अर्थ है?
(i) अप्पषिक बनाबटी होना
(ii) अधिक-से-अधिक लाभ प्राप्त करना
(iii) सामान्ब से घहुत अधिक चाहना
(iv) बिना कारण बहस करना
उत्तर :
(ii) अधिक-से-अधिक लाभ प्राप्त करना ‘दो से धार दनाने’ का अर्थ अधिक-से-अधिक लाम पाप्त करना है।
(घ) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पझिए। उसके बाद दिए गए विकत्पों में से कोई एक सही विकल्प धुनकर लिखिए। (1) कथन (A) ‘तीसरी कसम’ फिल्म को खरीदने वाला कोई नहीं था।
कारण (R) ‘तीसरी कसम’ फिल्म में राजकपूर और वहीदा रहमान जैसे प्रसिद्ध सितारे तथा शंकर-जयकिशन का मधुर संगीत था।
(i) कष्न (A) और कारण (R) दोनों गलत है।
(ii) कथन (A) गलत है, लेकिन कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) सही है, कितु कारण (R) कथन (A) की गलत व्याख्या करता है।
(iv) कथन (A) और कारण (R)दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर :
(iii) कघन (A) सही है, कितु कारण (R) क्थन (A) की गलता व्याख्या करता है ‘तीसरी कसम’ फिल्म को खरीदने वाला कोई नहीं था। यह सत्य है, परंतु तीसरी क्सम फिल्म में राजक्यूर और वहीदा रहमान जैसे मसिद्ध सितारे तथा यह शंकर-जयकिशन की एक रोधक फिल्म थी, न की मधुर संगीत।
(ङ) ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म में तराजू पर तोली जा सकले वाली चीज़ क्या नहीं थी?
(i) उसका संगीत
(ii) उसमे रुची-बसी करुणा
(iii) उसके नायक-नाषिका
(iv) उसके संवाद्द एवं भाषा-शैली
उत्तर :
(iii) लोगों के एक-दूसरे से दूर होने के कारण जीयन घरों में सिमटने लगा है, क्योंकि अब लोग एक दूसरे से दूर जाने लगे हैं व एक दूसरे से अलग रहने लगे है तथा उनका जीवन बंद खिल्यों जैसे घरों में सिमटने लगा है।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए। (1×2=2)
(क) लेखक को बड़े भाई साहब से हाँट क्यों सुननी पड़ती है?
(i) पदाई लिखाई न करने के कारण
(ii) छोटा भाई होने के कारण
(iii) बड़े भाई साहब के खुद पदाई में कमजोर होने के कारण
(iv) बड़े भाई साहब के क्ठोर व्यवहार के कारण
उत्तर :
(i) पढाई लिखाई न करने के कारण लेखक को बड़े भाई साहब से डॉँट सुननी पड़ती थी, क्योंकि वह हमेशा खेल-कूद में समय व्यतीत करता था और बिल्कुल भी पढ़ाई लिखाई नहीं करता था।
(ख) जीवन घरों में कैसे सिमटने लगा है?
(i) छोटे घर होने के कारण
(ii) दूरी अधिक होने के कारण
(iii) लोगों के एक-दूसरे से दूर होने के कारण
(iv) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर :
(iii) लोगों के एक-दूसरे से दूर होने के कारण जीयन घरों में सिमटने लगा है, क्योंकि अब लोग एक दूसरे से दूर जाने लगे हैं व एक दूसरे से अलग रहने लगे है तथा उनका जीवन बंद खिल्यों जैसे घरों में सिमटने लगा है।
खंड ‘ब’ (वर्णनात्मक प्रश्न)
खंड ‘ब’ में पाठ्य-पुर्तक एवं पूरक-पुस्तक तथा लेखन से संबंधित वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
पाठ्य-पुस्तक एवं पूरक पुस्तक
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3×2=6)
(क) ‘डायरी का एक पन्ना’ पाठ के आधार पर वृजलाल गोयनका का संघर्ष अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
‘डायरी का एक पन्ना’ पाठ के अनुसार, वृजलाल गोयनका 26 जनवरी, 1931 को कलकत्ता में रवतंत्रता दिवस मनाने में जुटे थे, इसलिए जब वह वंदे मातरन् बोलवे हुए मोनुमेंट की ओर भागे, तब पुलिस ने उन्हें पकळकर कुछ दूर ले जाकर छोड़ दिया। इसके बाद वह स्त्रियों के जुलूस में घुस गया और वहीं से दो सौ लोगों का जुलूस लेकर लाल बाजार गया, जहाँ उसे गिरफ्तार कर लिया गया, यहीं पर मदालसा को भी पकड़ लिया गया और उससे मालूम हुआ कि उसे थाने में नी पीटा गया।
(ख) तताँरा खूब परिशम करने के बाद समुद्र के किनारे टहतने के लिए निकल पड़ा। वह समुदी बालू पर बैठकर सूरज की अंतिम रंग-बिरंगी किरणों को निहारता है व प्राकृतिक सौदर्य का आनंद लेता है। ‘तताँरा-वामीरो कथा’ पाठ के आधार पर समुद्र के किनारे के प्राकृतिक सौदर्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर :
‘तताँरा-वामीरो क्था’ पाठ के अनुसार, समुद्र के किलारे का वातावरण अत्यंत मनमोहक था। वहाँ पर ठड़ी बयारें आ रही थी् समुद्री बालू भी ठडी हो चुकी थी। पक्षियों की चहचहाट धीरे-धीरे कम हो रही थी। सूर्य की अंतिम रंग-बिरगी किरणें समुद्र के जल में पड़ती हुई बहुत सुंदर लग रही थी। इस प्रकार, सूर्य अस्त के समय समुद्र के आस-पास का वातावरण शांत और रंगीन हो गया था।
(ग) पहले जमीन के बड़े भाग में जंगल थे। पेड़-पौधों व पशु-पक्षियों से थरती हरी-भरी थी, परंतु धीरे-धीरे सब नष्ट होता जा रहा है। बढ़ती हुई आबादी से पर्यावरण में क्या परिवर्तन आए है? ‘अब कहाँ दूसरे के दुःख से दुःखी होने वाले पाठ के आयार पर लिखिए।
उत्तर :
बढती हुई आबादी से पर्यावरण में अत्यधिक परिवर्तन आए हैं। पहले जमीन के बड़े भाग पर जंगल थे, चारों ओर हरियाली व पक्षियों की चहचहाट थी, परंतु बढ़ती आबादी के कारण लोगों के स्थान विस्तारित करने हेतु जंगलों को काटा गया, इससे पेड़-पौधों तथा पक्षियों का पलायन हुआ, प्रकृति का संतुलन बिगड़ने लगा, जिससे प्रकृति ने कई विस्सतियों को जन्भ दिया; जैसे-अतिवृष्टि, अनावृष्टि, बाक, तूफान, सुनामी आदि।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3×2-6)
(क) ‘कवि मैचिलीशरण गुप्त ने मनुष्प को धन के उन्माद में अहंकारी न होने की प्रेरणा क्यों दी है?
उत्तर :
कवि ने धन के उन्माद में अहंकारी न होने की पेरणा इसलिए दी है, क्योंकि धन प्राप्ति कोई बहुत बही उपलचि नहीं हैं। यह मात्र एक तुच्छ उपलक्थि है। इस पर कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए, इसलिए थन के बत पर या सासारिक दृष्टि से स्वयं को सुरक्षित अनुमद करके अपने मन में अभिमान करना गलत है, व्योंकि संसार में सबके सिर पर त्रिलोकीनाथ का साया है। वह गरीबों का सहारा है, दयालु है। उसकी शक्ति बहुत अधिक है, वह सबको सुरक्षा और सहारा देता है, इसलिए हमें धन प्राप्ति पर धमंड नहीं करना चाहिए।
(ख) पर्वत प्रदेश में पावस’ कविता का मूलभाव अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
प्रस्तुत कविता में कवि ने पर्वतीय प्रदेश में वर्षा ऋतु वा दर्णन किया है। पर्वतीय म्रदेश में वर्षा त्रतु आने पर प्रकृति क्षाण-क्षण में अपना रूप बदलती रहती है। कवि ने ऐसी ही अपनी एक अनुभूति को कविता के रूप में अभिव्यक्त करते हुए तालाब व झरनों का सुदर वंग से घित्रण किया है। कवि ने मकृति का उत्कृष्ट मानवीकरण किया है तथा पहाड़ की चोटी पर सड़े दिशाल दृक्षों के माध्यम से मन की आकाक्षाओं को मूर्त रूप में व्यक्त किया है।
(ग) ‘तोप’ कविता में कवि ने किस तोप का वर्णन किया है? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
प्रस्तुत कविता में कवि ने 1857 ई. के प्रथम स्वतत्रता संग्राम में प्रयोग में लाई गई तोप का दर्णन किया है। यह तोप अंग्रेजों द्वारा किए गए अत्याचार की प्रतीक है। इस तोप को अब केणनी बाग में विरासत की भौति संमालकर रखा गया है। यह तोप आने-जाने वालों को बताती है कि उसने बढे-बड़े वीरों की धक्जियों उड़ा दी थीं, परंतु वर्तमान में इसकी स्थिति ददल गई है। अब यह रांत हो गई है और यह सीख देती है कि अत्याचार करने वाली प्रबल शक्तियों को मी एक दिन पराजय का मुँह देखना पड़ता है।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3×2=6)
(क) ‘हरिहर क्राका’ की अपने परिवार के सदस्वों से मोहभंग की शुरआआत किस प्रकार हुई? आप हरिहर काका के इस मोहभंग को उचित मानते हैं अथवा अनुचित? ‘हरिहर काका’ पाठ के आथार पर अपने विदार व्यक्त कीजिए।
उत्तर :
हरिहर काका का अपने परिवार के सदस्यों से मोहभंग तब हुआ, जब उनके भाइयों की पलियों, बहुओं और बच्चों द्वारा उन्हें उपेक्षित किया जाने लगा। बीमारी के समय में भी उन्हें अपनी आवश्यकताएँ पूरी करने के लिए स्वयं ही उठना पड़ता था, जिसके कारण हरिहर काका का उन लोगों से मोहभंग हो गया, जो सर्वथा उचित है, क्योंकि यदि उनके भाइयों के परिवार के सदस्य उनकी बीमारी में भी देखभाल नहीं कर सकते, तो फिर ऐसे परिवार का क्या लाभ।
(ख) ‘बाल शिक्षा’ विर्यार्थियों के जीवन में महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यह बाल केंदित होती है और इसमें अनुशासन लचीला होता है। कथन के आधार पर बताइए कि विद्यार्थियों में जीवन मूल्यों के विकास हेतु शिक्षा व्यवस्था में किस प्रकार के सुपार की आवश्यकता है। ‘सपनों के से दिन’ पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर :
प्रस्तुत पाठ में शिक्षा का परंपरावादी रूप दिखाई पड़ता है, किंतु आधुनिक समय में विद्यार्थियों में जीवन मूल्यों के विकास हेतु शिक्षा व्यवस्था को प्रयोगवादी बनाए जाने की आवश्यकता है। इसमें शिक्षा बाल केंद्रित होती है। इस पद्धति में अनुशासन बनाए रखने के लिए शारीरिक दंड का प्रयोग नहीं किया जाता तथा विद्यार्थियों को महान व्यक्तित्व वाले व्यक्ति से परिचित कराया जाता है, जिससे प्रेरित होकर वह र्वयं के व्यक्तित्व को विकसित करने का प्रयास करता है और शिक्षक उसके मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है। प्रस्तुत पाठ में हेडमास्टर शर्मा जी मार्गदर्शक के रूप में तो दिखाई पड़ते हैं, किंतु वहीं दूसरी ओर प्रीतमचंद सर का शारीरिक दंड के रूप में कठोर व्यवहार भी देखने को मिलता है। अतः आज परंपरावादी शिक्षा प्रणाली के स्थान पर प्रयोगवादी शिक्षा अपनाए जाने की आवश्यकता है।
(ग) ‘टोपी शुकला’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि “इफ़क्रन को अपनी दादी से विशेष लगाव था।”
उत्तर :
इफ़फ़ को अपनी दादी से बड़ा प्यार था। उसे अपने पिता, बहन, माता तथा छोटी बहन नुजहत से भी लगाय था, किंतु दादी में तो जैसे उसके प्राण बसते थे। घर के अन्य सदस्य उसे कभी-कभार डाँटते-डपटते या फिर पिटाई भी कर डालते। छोटी बहन भी उसकी कॉपियों के पन्नों से हवाई जहाज बनाने लगती। बस एक दादी थीं, जिन्होंने कभी इफ़्फ़ का दिल नहीं दुखाया।
वह रात को उसे ढेर सारी कहानियाँ सुनाया करती थीं। उसे दादी की ग्रामीण बोली बड़ी अच्छी लगती थी। इक़्फ़न भी अपनी दादी की तरह बोलना चाहता था, पर उसके अब्बू उसे नहीं बोलने देते थे। इफ़्फ़ अपनी दादी के प्रेम तथा उनकी सादगी से अत्यधिक प्रभावित था। दादी के प्रति उसका स्नेह पारिवारिक परिस्थितियों तथा उसकी भावुकता के कारण विकसित हुआ था।
लेखन
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर संकेत बिदुओं के आधार पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए। (5×1=5)
(क) दिल्ली मेट्रो
संकेत बिंदु –
- मेट्रो रेल : वरदान
- मेट्रो रेल में प्राप्त सुदिधाएँ
उत्तर :
दिल्ली मेट्रो
दिल्ली की मेट्रो रेल यातायात के लिए अत्याधुनिक सुविधा है, जो राजधानी के लाखों-करोड़ों लोगों के लिए वरदान सिद्ध हुई है। 24 दिसंबर, 2002 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दिल्ली की पहली मेट्रो रेल की परियोजना को आरंभ किया। इसका पहला चरण शाहदरा से तीसहजारी तक प्रारंभ किया गया था।
दिल्ली में मेट्रो रेल सेवा शुरू करने का मुख्य उद्देश्य राजधानीवासियों को अच्छी परिवहन सुविधा उपलथ्थ करवाने के साथ-साथ यातायात की स्थिति को सुधारना तथा लोगों के लिए यात्रा को सुविधाजनक बनाना था। मेट्रो रेल अत्याधुनिक संचार व नियंत्रण प्रणाली से सुसज्जित है। इसके कोच वातानुकूलित हैं। यह नियमित अंतराल पर पूरे नियमानुसार चलती है।
इस प्रकार मेट्रो रेल सभी प्रकार की सुविधाओं से संपन्न है। मेट्रो रेल की सभी सुविधाओं को देखते हुए नागरिकों का कर्त्तव्य है कि वह मेट्रो को स्वच्छ रखने में सहयोग करें, स्टेशन परिसर में खाने की वस्तुओं को न लाएँ, रेल की पटरियों पर न चलें। मेट्रो रेल के दरवाजों को खोलने के लिए जबरदस्ती न करें आदि।
(ख) जीवन में खेलों का महत्त्व
संकेत बिंदु —
- खोलो का महत्व
- समप्र व्यक्तित्व के निर्माण में सहायक
- मेट्रो रेल का चुद्देश्य
- नागरिकों के कर्त्तख्य
- खेलों से लाभ
- कन्या-ध्रूण हत्या : अमान्दीय कार्य
- कन्या-धूण हत्या रोक्थाम के उपाय
उत्तर :
जीवन में खेलों का महत्व
जीवन में खेलकूद का महत्त्वपूर्ण स्थान है। स्वस्थ तन और स्वस्थ मन प्रत्येक व्यक्ति के लिए अत्यंत आवश्यक है। हमें ये दोनों चीजें उपलब्य कराने में खेलों की विशेष भूमिका होती है। खेल, स्वास्थ्य और मनोरंजन, दोनों दृष्टि से महत्त्वपूर्ण होते हैं। ये जीवन की नीरसता को समाप्त करते हैं। खेल हमारे शरीर को सुगठित बनाते हैं तथा हमारी कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं।
ये हमारे अंदर ‘मिलकर कार्य करने की भावना’ का विकास करते हैं। इससे सामूहिकता के साथ कार्य करने की आदत विकसित होती है। इस प्रकार खेल हमारे अंदर संगठन और सहयोग, परस्पर विश्वास, अनुशासन और आझ्ञाकारिता, साहस, सहनशीलता आदि अनेक गुणों का विकास करते हैं। हारने वाला खिलाड़ी मुस्कराते हुए विजयी खिलाड़ी को बधाई देता है तथा आगे अच्छा खेलने का संकल्प लेता है। इस प्रकार, ‘खेल’ हमें विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य बनाए रखने की प्रेरणा देता हो जाता है, इसलिए मनुष्य को स्वस्थ जीवन जीने के लिए खेलों को अपने जीवन में शामिल करना चाहिए।
(ग) कन्या-शण हत्वा : एक अभिशाप
संकेत बिंदु –
- कन्या-सुण हत्या का अर्थ
- क्वास्मूण हत्या के कारण
उत्तर :
कन्या-भुण हत्या : एक अभिशाप
गर्भस्थ शिशु के लिंग की जाँच के पश्चात् मादा भूर होने की स्थिति में उसे माँ के गर्भ में ही समाप्त कर देना, कन्या-भूण हत्या कहलाता है। स्त्री-पुरुष लिंगानुपात में गिरावट का मुख्य कारण कन्या-भूरण हत्या है। आधुनिक युग में प्रौद्योगिकीय प्रगति के फलस्वरूप अब गर्भस्थ शिशु के लिंग की जाँच कराना आसान हो गया है। लोग अपनी संकुचित मानसिकता के कारण लड़कियों को बोझ समझते हैं, उनकी भूण के रूप में ही हत्या कर देते हैं, जो एक अमानवीय कार्य है।
भारत में कन्या-भूण हत्या के अनेक कारण हैं, जिनमें से एक बड़ा कारण दहेज-पथा भी है। लड़कियों को पराया धन समझना तथा वैज्ञानिक तकनीकों का दुरुपयोग भी इसके मुख्य कारण हैं। कन्या-भूण हत्या रोकने के लिए कठोर कानूनी नियमों का निर्माण होना आवश्यक है। सभी नागरिकों को इन नियमों का पालन करना चाहिए तथा इस क्रूरतम अपराध के लिए अपराधी व्यक्ति को निश्चित रूप से दंड मिलना चाहिए। कन्या-भूग हत्या एक सामाजिक अभिशाप है और इसे रोकने के लिए लोगों को जागरूक करना होगा। यह समस्या लोगों की भागीदारी द्वारा ही समाप्त की जा सकती है।
प्रश्न 15.
अपने क्षेत्र में पेयजल की समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए स्वास्थ्य अधिकारी को लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए। (5×1=5)
अथवा
आपकी कक्षा की अनुशासनहीनता एवं अभद्र व्यवहार के कारण आपके कक्षा अध्यापक आपकी कक्षा से बहुत नाराज़ हैं। आप पूरी कक्षा की ओर से किए गए दुर्व्यवहार की क्षमा माँगते हुए अध्यापक को लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
उत्तर :
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 27 फरवरी, 20xX
सेवा में,
स्वास्थ्य अधिकारी,
दिल्ली नगर निगम,
नई दिल्ली।
विषय पेयजल की समस्या के संबंध में।
महोदय,
इस पत्र के माध्यम से में आपका ध्यान पूर्वी दिल्ली में पेयजल की समस्या की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। पूर्वी दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में पेयजल का अभाव होने के कारण सार्वजनिक नलों तथा पेयजल वाहनों के निकट भारी भीड़ जमा हो रही है। इसका कारण सुबह के समय मात्र एक घंटे के लिए पानी का आना है। ऊपरी मंजिल पर पानी नहीं पहुँचने से समस्या और अधिक बढ़ गई है। सुबह के समय आने वाला पानी भी गंदा तथा अशुद्ध होता है। अतः आपसे अनुरोध है कि शीघ्र ही इस स्थिति का मूल्यांकन करें और पेयजल की समस्या से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाएँ। धन्यवाद।
भचदीय
क.ख.ग.
अथवा
परीक्षा भवन,
मेरठ।
दिनांक 11 फरवरी, 20XX
सेवा में,
कक्षा अध्यापक महोदय,
केंद्रीय विद्यालय, मेरठ।
विषय कक्षा में अनुशासनहीनता एवं अभद्र व्यवहार हेतु क्षमा याचना पत्र।
माननीय गुरुजी,
यह सत्य है कि कल विदालय में भोजनावकाश के तुरंत बाद वाली कक्षा में हमारी कक्षा ने अत्यंत शोर तथा दुर्व्यवहार से अनुशासनहीनता का परिचय दिया। कुछ विद्यार्थियों ने पंखे व खिड़की इत्यादि को क्षतिग्रस्त करने का प्रयास किया। में छात्रनायक (मॉनीटर) होने के नाते यह अपराध स्वीकार करता हूँ। हमारा विद्यालय अनुशासनप्रिय है, इसी कारण हमें अपने इस कृत्य पर अत्यंत खेद है। हमारे इस कृत्य के कारण प्रधानाचार्य तक को कष्ट पहुँचा, इसके लिए हम अत्यंत लज्जित हैं। हम आपको आश्वासन देते हैं कि भविष्य में इस प्रकार की शिकायत का अवसर पुन: नहीं देंगे। हम आपसे तथा प्रधानाचार्य से पुन: याचना करते हैं कि हमें क्षमा कर दिया जाए। हम सब आपकी इस कृपा दृष्टि के लिए अत्यंत आभारी रहेंगे।
सधन्यवाद।
प्रार्थी
क.ख.ग.
छात्रनायक, कक्षा X(क)
प्रश्न 16.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 60 शब्दों में सूचना लिखिए। (4×1=4)
आपका नाम रोहित खन्ना है और आप दसवीं कक्षा में पढते हैं। विद्यालय परिसर में आपकी अंग्रेज़ी की नोटबुक कहीं गिर गई है। इस संदर्भ में 60 शब्दों में एक सूचना लिखिए।
अथवा
आप राजकीय विद्यालय, दिल्ली के प्रधानाचार्य अभिज्ञान वर्मा हैं। विद्यालय की पुस्तक प्रदर्शनी में आने के लिए विद्यार्थियों को 60 शब्दों में एक सूचना लिखिए।
उत्तर :
डी. ए. वी. पब्लिक स्कूल, द्वारका दिनांक 14 सितंबर, $20 x x$ सभी को सूचित किया जाता है कि 13 सितंबर, 20XX को विद्यालय परिसर में मेरी अंग्रेज़ी की नोटबुक गलती से कहीं गिर गई है। जिस किसी को भी यह प्राप्त हुई हो, वे कृपया इसे मुझे लौटा दें या प्रधानाचार्य के कक्ष में जमा करा दें। नोटबुक पर ब्राउन रंग का कवर चढ़ा है तथा उस पर मेरा नाम भी लिखा है। नोटबुक में मेरा परीक्षा का पूरा पाठ्यक्रम है। रोहित खन्ना |
अथवा
राजकीय विद्यालय, दिल्ली सूचना पुस्तक प्रदर्शनी में आमंत्रण हेतु सभी विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि हमारे विद्यालय में नवीन संस्करणों की पुस्तकों की प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है। इसमें विद्यार्थियों के उपयोग की अनेक पुस्तकें हैं, जिन्हें पढ़कर अपने अध्ययन को आसान व रोचक बना सकते हैं। सभी पुस्तकों पर 35 की विशेष छूट भी मिलेगी। अतः विद्यार्थी अधिक-से-अधिक संख्या में आकर इस अवसर का लाभ उठाएँ। समय – प्रात: 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक |
प्रश्न 17.
किसी दूर एंड ट्रैवल्स कंपनी की ओर से गाड़ी की बुकिंग के लिए 40 शब्दों में विज्ञापन लिखिए। (3×1=3)
अथका
गर्मियों की छुट्टियों में किसी संस्थान द्वारा ‘कत्थक नृत्य’ सीखने हेतु 40 शब्दों में विज्ञापन लिखिए।
उत्तर :
प्रश्न 18.
‘सादा जीवन, उच्च विचार’ उवित को आधार बनाकर लगभग 100 शब्दों में एक लघु कथा लिखिए। (5×1=5)
अथवा
आप नेहा कुमारी/नमन कुमार है। आपके क्षेत्र में जल की पर्याप्त सप्लाई नहीं हो रही है। नगर योजना अधिकारी को इस समस्या से अवगत कराते हुए एक ई-मेल लिखिए।
उत्तर :
उक्ति का अर्थ ‘सादा जीवन उच्च विचार’ उक्ति का अर्थ सादगीपूर्ण जीवन शैली तथा उच्चतम अथवा श्रेष्ठ विचारों से है। यह उक्ति किसी भी प्रकार के दिखावे के बिना एक साधारण जीवन जीने के महत्त्व पर बल देती है, किंतु इसके साथ ही अपने जीवन तथा आस-पास के सकारात्मक बदलावों के बारे में भी सोचने के लिए प्रेरित करती है।
कथा एक राजा था, जो अपने सारे फैसले अपने मंत्री से पूछकर किया करता था। वह अपने मंत्री के विवेकपूर्ण निर्णयों से बहुत प्रसन्न था तथा उपहारस्वरूप उसे अनेक कीमती आभूषण, मोहरें इत्यादि देता रहता था, किंतु वह जब भी राजा की सभा में आता तो अत्यंत सादगीपूर्ण वस्त्रों में ही आता था। वह न तो कोई आभूषण धारण करता और न ही बाह्य वेशभूषा, साज-सज्जा पर अधिक ध्यान देता। वह प्रतिदिन साधारण-से धोती-कुर्ते में ही राज्यसभा में उपस्थित होता था।
एक दिन राजा की पत्नी ने राजा से कहा- मुझे लगता है कि यह मंत्री आपसे धन ऐंठने के लिए इतने सादे वस्त्र पहनता है, ताकि आप इसकी दशा देखकर इसे धन-दौलत देते रहें। राजा ने रानी की बातों का कोई जवाब न दिया। अगले दिन सुबह जब राजसभा आयोजित हुई, तो राजा ने मंत्री के निर्णय से प्रसन्न होकर पुनः उसे बहुत-सा धन, वस्त्र आदि दिए। जब मंत्री राजसभा से जाने लगा, तब राजा ने रानी से कहा, चलो, आज हम देखते हैं कि मंत्री इतने सारे धन का क्या करता है? राजा-रानी उसका पीछा करने लगे। उन्होंने देखा कि मंत्री ने सारा धन, वस्त्र इत्यादि गरीब बच्चों और जरूरतमंद लोगों में बाँट दिया।
राजा ने मंत्री से उसके इस कार्य का कारण पूछा, तो उसने कहा कि आपके द्वारा दिए गए उपहार में से मैं उतना धन ले लेता हूँ, जितना मेरे जीवन निर्वाह के लिए आवश्यक है। शेष बचा धन, वस्त्र आदि मैं इन गरीब और जरूरतमंद लोगों में बाँट देता हूँ, जिससे ये सभी अपना जीवनयापन उचित तरीके से कर सकें तथा अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें। राजा मंत्री के सादगीपूर्ण और मर्यादित जीवन तथा उत्तम विचारों से बहुत प्रसन्न हुआ और उसे गले लगा लिया तथा रानी अपने कुवचनों पर लज्जित होते हुए उससे क्षमा माँगने लगी। सीख इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन की सार्थकता और वास्तविक सुंदरता सादगी और शुद्ध आचरण में ही निहित है।
अथवा