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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course B Set 1 with Solutions
कुल प्रश्न : 16
खंडों की संख्या : 4
निर्धारित समय : 3 घंटे
अधिकतम पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश
- इस प्रश्न-पत्र में चार खंड हैं- ‘क’, ‘ख’, ‘ग’ और ‘घ’ ।
- खंड ‘क’ में अपठित गद्यांश से प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके उत्तर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए दीजिए।
- खंड ‘ख’ में व्यावहारिक व्याकरण से प्रश्न पूछे गए हैं, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
- खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक पर आधारित है, निर्देशानुसार उत्तर दीजिए ।
- खंड ‘घ’ रचनात्मक लेखन पर आधारित है, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
- प्रश्न-पत्र में कुल 16 प्रश्न हैं, सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- यथासंभव सभी खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए।
खंड ‘क’ अपठित बोध (14 अंक)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए (7 × 1 = 7)
दुनिया में इस समय दिन दूनी रात चौगुनी गति से प्रगति हो रही है। कुछ समय पहले तक असंभव – सी लगने वाली चीजें आज प्रौद्योगिकी की सहायता से सरलता से परिणाम तक पहुँच रही हैं। एक समय संगणक के विकास ने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव किया था। अब कृत्रिम बौद्धिकता ने चिकित्सा से लेकर हथियारों के निर्माण तक हर क्षेत्र में कंप्यूटर और रोबोट के प्रयोग को नया आयाम दिया है। पारंपरिक कंप्यूटर की दुनिया में इस प्रगति के समानांतर एक और अनुसंधान चल रहा है, जिसका नाम ‘क्वांटम कंप्यूटिंग’ है अर्थात् अति सूक्ष्मता का विज्ञान ।
भारत ने भी अब इस क्षेत्र में गति लाने का ऐलान कर दिया है। भौतिकशास्त्र के क्वांटम सिद्धांत पर कार्य करने वाली इस कंप्यूटिंग में असीमित संभावनाएँ देखी जा रही हैं। शोध के अनुसार, यह विषय किसी के लिए भी रुचि का विषय हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार एक पूर्ण विकसित क्वांटम कंप्यूटर की क्षमता सुपर कंप्यूटर से भी ज्यादा आँकी जा रही है। इस क्वांटम कंप्यूटिंग या मेकैनिक्स की खास बात यह है कि
शुरुआत के बाद भारतीय और पश्चिमी वैज्ञानिक यह मान रहे हैं कि भारतीय भाववादी सिद्धांत को जाने बिना कण में चेतना का आकलन नहीं किया जा सकता। क्वांटम भौतिकी और कृत्रिम बौद्धिकता एक तरह से चेतना के भाववादी सिद्धांत को ही अस्तित्व में लाने के उपाय हैं।
(क) उपर्युक्त गद्यांश किस विषय-वस्तु पर आधारित है? (1)
(i) कृत्रिम बौद्धिकता पर
(ii) दुनिया के विकास पर
(iii) संगणक के प्रयोग पर
(iv) मानव अस्तित्व पर
उत्तर:
(ii) दुनिया के विकास पर उपर्युक्त गद्यांश ‘दुनिया के विकास पर’ पर आधारित है, क्योंकि इसमें प्रौद्योगिकी के तेज़ी से होते विकास और उसकी नई खोजों; जैसे- कृत्रिम बौद्धिकता और क्वांटम कंप्यूटिंग आदि के विषय में बताया गया है। विशेष रूप से क्वांटम कंप्यूटिंग के उभरते क्षेत्र में भारत की भूमिका और भविष्य की संभावनाओं का उल्लेख किया गया है।
(ख) ‘दिन दूनी रात चौगुनी गति से प्रगति हो रही है’ पंक्ति से आशय है
(i) बहुत ही तेजी से विकास
(ii) रात-दिन काम करना
(iii) चारों तरफ विकास होना
(iv) बहुत अधिक विकास होना
उत्तर:
(i) बहुत ही तेजी से विकास ‘दिन दूनी रात चौगुनी गति से प्रगति हो रही है’ पंक्ति का आशय यह है कि विकास अत्यंत तेजी से हो रहा है। गद्यांश के अनुसार ज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में लगातार और तीव्र गति से उन्नति हो रही है, जिससे समाज और देश नई ऊँचाइयाँ छू रहे हैं।
(ग) निम्नलिखित कथन और निष्कर्ष को ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्प से सही उत्तर चुनकर लिखिए (1)
कथन क्वांटम कंप्यूटर की क्षमता सुपर कंप्यूटर से भी अधिक है।
निष्कर्ष इससे विकास की गति को अधिक बल मिलेगा।
कूट
(i) कथन सही है, लेकिन निष्कर्ष गलत है।
(ii) कथन और निष्कर्ष दोनों सही हैं।
(iii) कथन गलत है, लेकिन निष्कर्ष सही है।
(iv) कथन और निष्कर्ष दोनों गलत हैं।
उत्तर:
(ii) कथन और निष्कर्ष दोनों सही हैं। गद्यांश के अनुसार क्वांटम कंप्यूटर की क्षमता सुपर कंप्यूटर से भी अधिक आँकी
गई है, जिससे यह स्पष्ट है कि यह तकनीक, विकास की गति को और अधिक तीव्रता से बढ़ावा देगी। इससे विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार और दक्षता में वृद्धि होगी।
(घ) जीवन को सरल बनाने में प्रौद्योगिकी की भूमिका को स्पष्ट कीजिए । (2)
उत्तर:
प्रौद्योगिकी ने जीवन को अत्यधिक सरल बना दिया है । संचार, स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और व्यापार में प्रौद्योगिकी का उपयोग समय और मेहनत की बचत करता है। कृत्रिम बौद्धिकता और रोबोट का प्रयोग जटिल कार्यों को आसान बनाता है, जिससे लोगों के जीवन में आराम और सुविधाओं की वृद्धि हुई है। इसके अतिरिक्त तकनीकी उपकरणों और प्रणालियों ने परिणाम तक पहुँचना और भी सरल और आसान बना दिया है।
(ङ) अति- सूक्ष्मता का विज्ञान क्या है? (2)
उत्तर:
अति सूक्ष्मता का विज्ञान क्वांटम कंप्यूटिंग को संदर्भित करता है, जो पदार्थ के सबसे सूक्ष्म कणों के व्यवहार का अध्ययन करता है। यह विज्ञान पारंपरिक कंप्यूटर से अलग है और अधिक जटिल समस्याओं को हल करने में सक्षम है। क्वांटम सिद्धांत पर आधारित यह तकनीक भविष्य में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए
सूरज हमारी ऊर्जा की सभी कमियों को पूरा कर सकता है। यह एक विशाल रिएक्टर जैसा है। वैज्ञानिकों का प्रयास है कि कृत्रिम सूरज को धरती पर बनाया जाए। इसके लिए ये फ्यूजन तकनीक पर काम कर रहे हैं। सूर्य की चमक इंसानों के लिए हजारों वर्षों से आश्चर्य की वजह रही है, लेकिन करीब सौ वर्ष पहले नई खोज द्वारा पता चला कि सूर्य की बेशुमार ऊर्जा का कारण न्यूक्लियर फ्यूजन है । फिर वैज्ञानिकों ने सोचा कि अगर धरती पर उसी तरह का फ्यूजन कराया जाए, जो सूर्य में हो रहा है, तो बहुत कुछ बदल जाएगा और लोगों को बेशुमार ऊर्जा मिल जाएगी। आज दुनिया के सबसे बड़े न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर में ईंधन परीक्षण को शुरू कर दिया गया है।
वैज्ञानिकों की एक टीम फ्रांस में फ्यूजन रिएक्टर को ताकत देने के लिए हाइड्रोजन के एक अत्यंत दुर्लभ रूप की क्षमता का परीक्षण कर रही है। अगर उनका यह परीक्षण सफल होता है, तो इससे दुनिया को क्लीन एनर्जी का एक बहुत बड़ा जरिया मिल जाएगा। इससे न केवल जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता घटेगी, बल्कि पर्यावरण को भी लाभ होगा। न्यूक्लियर फ्यूजन लंबे समय तक वातावरण में मौजूद रहने वाले रेडियोधर्मी अपशिष्ट उत्पन्न नहीं करता। यह अक्षय ऊर्जा से भी अधिक विश्वसनीय ऊर्जा स्रोत है। नाभिकीय संलयन द्वारा उत्पन्न ऊर्जा मानवजाति की लंबे समय से चली आ रही खोजों में सबसे महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि यह तुलनात्मक रूप से काफी स्वच्छ है अर्थात् यह कम कार्बन का उत्सर्जन करती है, साथ ही यह तकनीकी दक्षता के साथ सौ फीसदी स्वच्छ भी है।
(क) उपर्युक्त गद्यांश की विषय-वस्तु है (1)
(i) सौर ऊर्जा
(ii) स्वच्छ ऊर्जा
(iii) नाभिकीय ऊर्जा
(iv) रेडियोधर्मी ऊर्जा
उत्तर:
(i) सौर ऊर्जा उपर्युक्त गद्यांश की विषय-वस्तु ‘सौर ऊर्जा’ है। प्रस्तुत गद्यांश में बताया गया है कि सूर्य की ऊर्जा, जो न्यूक्यिर
फ्यूजन के कारण उत्पन्न होती है, मानव के लिए स्वच्छ और अत्यधिक ऊर्जा का स्रोत है। वैज्ञानिक धरती पर इसी तरह के फ्यूजन रिएक्टर बनाने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे स्वच्छ और स्थायी ऊर्जा प्राप्त की जा सके।
(ख) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए । दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिएट (1) कथन (A) न्यूक्लियर फ्यूजन सौर ऊर्जा से भी विश्वसनीय ऊर्जा स्रोत है। कारण (R) इससे दुनिया को स्वच्छ ऊर्जा प्राप्त होगी ।
कूट
(i) कथन (A) सही है, लेकिन कारण (R) गलत है।
(ii) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत है
(iii) कथन (A) सही है तथा कारण (R) उसकी सही व्याख्या करता है।
(iv) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है
उत्तर:
(iii) कथन (A) सही तथा कारण (R) उसकी सही व्याख्या है। न्यूक्लियर फ्यूजन सौर ऊर्जा से भी अधिक विश्वसनीय और स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है, क्योंकि इससे कार्बन उत्सर्जन कम होता है और पर्यावरण को लाभ मिलता है। अतः इससे दुनिया को स्वच्छ ऊर्जा प्राप्त होगी।
(ग) वैज्ञानिकों द्वारा कृत्रिम सूरज को धरती पर बनाने के पीछे कारण है
(i) ऊर्जा की कमी दूर करने के लिए
(ii) पर्यावरण के लाभ के लिए
(iii) प्राकृतिक ऊर्जा संग्रह के लिए
(iv) फ्यूजन तकनीक को सिद्ध करने के लिए
उत्तर:
(i) ऊर्जा की कमी दूर करने के लिए वैज्ञानिकों द्वारा कृत्रिम सूरज को धरती पर बनाने का मुख्य कारण ऊर्जा की कमी को दूर करना है। कृत्रिम सूरज का उद्देश्य सूर्य के नाभिकीय फ्यूजन प्रक्रिया को धरती पर लागू करना है, जिससे अत्यधिक मात्रा में स्वच्छ और स्थायी ऊर्जा उत्पन्न की जा सके। इस तकनीक के माध्यम से वैज्ञानिक न केवल ऊर्जा संकट को हल करने का प्रयास कर रहे हैं, बल्कि इससे पर्यावरणीय लाभ भी मिलेगा।
(घ) सूर्य को असीमित ऊर्जा का स्रोत क्यों माना जाता है ?
उत्तर:
सूर्य को असीमित ऊर्जा का स्रोत इसलिए माना जाता है, क्योंकि इसमें ऊर्जा की कमी को पूरा करने की क्षमता है। सूर्य अक्षय ऊर्जा का स्रोत है, जिसमें नाभिकीय फ्यूजन प्रक्रिया के द्वारा लगातार और विशाल मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है।
(ङ) नाभिकीय ऊर्जा जीवाश्म ईंधनों से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर:
नाभिकीय ऊर्जा जीवाश्म ईंधनों से भिन्न है, क्योंकि यह स्वच्छ ऊर्जा का स्रोत है। यह कार्बन का उत्सर्जन कम करती है, जो पर्यावरण की सुरक्षा के लिए लाभकारी है। यह जैविक ऊर्जा से अधिक विश्वसनीय है, क्योंकि यह दीर्घकालिक और स्थायी ऊर्जा प्रदान करती है। इसके विपरीत, जीवाश्म ईंधन जलने पर हानिकारक गैसें और प्रदूषण फैलाते हैं, जिससे पर्यावरण को नुकसान होता है।
खंड ‘ख’ व्यावहारिक व्याकरण ( 16 अंक)
प्रश्न 3.
‘पदबंध’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लिखिए (4 × 1 = 4)
(क) वज़ीर अली की जाँबाजी और साहसिक कारनामों से सभी परिचित थे । वाक्य में से विशेषण पदबंध चुनकर लिखिए । (1)
उत्तर:
दिए गए वाक्य में ‘जाँबाजी और साहसिक कारनामों में विशेषण पदबंध है।
(ख) किसी वाक्य में संज्ञा पदबंध की पहचान कैसे की जाती है, उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए । (1)
उत्तर:
वह वाक्य, जिसमें संज्ञा प्रमुख पद के रूप में प्रयुक्त होती है, संज्ञा पदबंध कहलाता है।
उदाहरण – सबसे तेज दौड़ने वाला घोड़ा रमेश का है।
(ग) सबकी सहायता करने वाले आप आज उदास क्यों हैं? वाक्य में रेखांकित पदबंध का भेद लिखिए। (1)
उत्तर:
रेखांकित वाक्य ‘सबकी सहायता करने वाले आप’ में सर्वनाम पदबंध है।
(घ) मैं खेलते-कूदते कक्षा पास कर लेता हूँ- वाक्य में पदबंध का भेद बताते हुए कारण भी स्पष्ट कीजिए । (1)
उत्तर:
वाक्य में ‘खेलते-कूदते’ में क्रिया विशेषण पदबन्ध है, क्योंकि यह पद क्रिया की विशेषता बता रहा है।
(ङ) क्रिया पदबंध का एक उदाहरण देकर वाक्य में प्रयोग कीजिए ।
उत्तर:
क्रिया पदबंध दिखाई दे रहे हैं।
वाक्य प्रयोग मुझे खिड़की से तारे दिखाई दे रहे हैं।
प्रश्न 4.
‘रचना के आधार पर वाक्य रूपांतरण’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लिखिए (4 × 1 = 4)
(क) ‘दादा को तार देने के सिवा तुम्हें और कुछ न सूझेगा’ – वाक्य का भेद लिखिए ।
उत्तर:
दादा को तार देने के सिवा तुम्हें और कुछ न सूझेगा’ वाक्य सरल वाक्य है।
(ख) भीड़ की अधिकता के कारण पुलिस जुलूस को रोक नहीं सकी संयुक्त वाक्य में रूपांतरित कीजिए ।
उत्तर:
भीड़ की अधिकता थी, इसलिए पुलिस जुलूस को रोक नहीं सकी।
(ग) उदाहरण द्वारा सरल एवं मिश्र वाक्य में अंतर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
सरल वाक्य जीवन में पहली बार मैं इस तरह विचलित हुआ हूँ। मिश्र वाक्य जीवन में पहली बार ऐसा हुआ कि मैं इस तरह विचलित हो गया।
(घ) संयुक्त वाक्य में समुच्चयबोधक अव्यय की भूमिका स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
दो स्वतंत्र वाक्यों को समुच्चयबोधक अव्यय द्वारा जोड़ने पर संयुक्त वाक्य बनता है। समुच्चयबोधक अव्यय वाक्यों को इसे तरह से जोड़ते हैं कि उनका अर्थ स्पष्ट और संतुलित रहे।
(ङ) गायन इतना प्रभावी था कि वह अपनी सुध-बुध खोने लगा वाक्य का भेद बताते हुए कारण स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
प्रस्तुत वाक्य मिश्र वाक्य है – इस वाक्य में ‘कि’ वाक्य में प्रयुक्त होने से पहले प्रधान उपवाक्य पर दूसरा आश्रित उपवाक्य आधारित है।
प्रश्न 5.
‘समास’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लिखिए (4 × 1 = 4)
(क) सामासिक पद अन्य व्याकरणिक पदों से किस प्रकार भिन्न होता है? (1)
उत्तर:
अन्य व्याकरणिक पदों के विग्रह करने पर विशेष अर्थ उत्पन्न नहीं होता है, जबकि सामासिक पद के विग्रह से विशेष अर्थ उत्पन्न होता है। इसलिए सामासिक पद अन्य व्याकरणिक पदों से भिन्न होता है।
(ख) तत्पुरुष समास में पूर्व पद और उत्तर पद की भूमिका स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
समस्त पद के पूर्व भाग को पूर्व पद और बाद वाले भाग को उत्तरपद कहते हैं। तत्पुरुष समास में उत्तर पद प्रमुख होता है तथा उत्तर पद से ही अर्थ का पता चलता है। जैसे- -राजा का पुत्र – राजपुत्र ।
(ग) ‘यथाशक्ति’ शब्द में अव्ययीभाव समास कैसे है? स्पष्ट कीजिए |
उत्तर:
अव्ययीभाव समास में प्रथम पद अव्यय और प्रमुख होता है। यहाँ ‘यथाशक्ति’ में प्रथम पद ‘यथा’ है, जो एक अव्यय पद है। इसका सामासिक विग्रह ‘शक्ति के अनुसार’ है। अतः ‘यथाशक्ति’ अव्ययीभाव समास है।
(घ) ‘त्रिलोकीनाथ’ सामासिक पद का विग्रह करते हुए भेद लिखिए।
उत्तर:
‘त्रिलोकीनाथ’ का समास विग्रह है- तीनों लोकों के नाथ हैं जो अर्थात् विष्णु। ‘त्रिलोकीनाथ’ में बहुव्रीहि समास है।
(ङ) द्विगु समास की विशेषता बताते हुए एक उदाहरण दीजिए ।
उत्तर:
द्विगु समास में प्रथम पद हमेशा संख्यावाची होता है। उदाहरण- त्रिभुवन, चौराहा ।
प्रश्न 6.
‘मुहावरे’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(क) भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित होने के करनी …. पड़ती लिए है । (उपयुक्त मुहावरे द्वारा रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए ।) (1)
उत्तर:
दिन-रात एक करनी
(ख) समुद्र किनारे शाम को तताँरा रोज वामीरो की ….. था। (उपयुक्त मुहावरे द्वारा रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए ।) (1)
उत्तर:
बाट जोहती
(ग) शैलेंद्र का मुरझाया हुआ चेहरा देखकर राज कपूर ने मुस्कुराते हुए कहा, “निकालो एक रुपया, पारिश्रमिक पूरा एडवांस पंक्ति से मुहावरा चुनकर वाक्य में प्रयोग कीजिए |
उत्तर:
मुहावरा चेहरा मुरझाना
वाक्य प्रयोग इतने प्रयास के बाद भी नौकरी नहीं मिलने के कारण सौरव का चेहरा मुरझा गया है।
(घ) ‘काम तमाम कर देना और धूल में मिला देना’ मुहावरे में अंतर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
‘काम तमाम कर देना’ का प्रयोग अधिकतर जीवन को समाप्त करने या किसी कार्य का अंत करने के लिए होता है।
‘धूल में मिला देना’ का प्रयोग किसी की प्रतिष्ठा या मान-सम्मान को नष्ट करने के लिए किया जाता है।
(ङ) ‘निराशा के बादल फटना’ मुहावरे का वाक्य बनाइए ।
उत्तर:
निराशा के बादल फटना – दुःख और निराशा से घिर जाना । वाक्य प्रयोग जब राम की नौकरी नहीं लगी, तो उसकी सारी उम्मीदें टूट गईं और मानो उसके जीवन में निराशा का बादल फट गया।
खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक ( 28 अंक)
प्रश्न 7.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उचित विकल्प से चुनकर लिखिए (5 × 1 = 5)
मदालसा भी पकड़ी गई थी। उससे मालूम हुआ कि उसको थाने में भी मारा गया था। सब मिलाकर 105 स्त्रियाँ पकड़ी गई थीं । बाद में रात को नौ बजे सबको छोड़ दिया गया। कलकत्ता में आज तक इतनी स्त्रियाँ एकसाथ गिरफ्तार नहीं की गई थीं। करीब आठ बजे खादी भंडार आए, तो कांग्रेस ऑफिस से फोन आया कि यहाँ बहुत आदमी चोट खाकर आए हैं और कई लोगों की हालत संगीन है, उनके लिए गाड़ी चाहिए। जानकी देवी के साथ वहाँ गए, बहुत लोगों को चोट लगी हुई थी। डॉ. दास गुप्ता उनकी देख-रेख तथा फोटो उतरवा रहे थे। उस समय तक 67 आदमी वहाँ आ चुके थे। बाद में तो 103 तक आ पहुँचे।
(क) मदालसा को थाने में भी मारा गया था – इस कथन से अंग्रेजी शासन की किस मानसिकता का पता चलता है?
(i) स्त्रियों पर हिंसा
(ii) दमनकारी नीति
(iii) बदले की भावना
(iv) अंग्रेजों की क्रूरता
उत्तर:
(i) स्त्रियों पर हिंसा ‘मदालसा को थाने में भी मारा गया था’ ‘ – इस कथन से यह स्पष्ट होता है कि अंग्रेजी शासन स्त्रियों पर भी हिंसा करने से नहीं हिचकिचाता था, जो उनकी दमनकारी मानसिकता और स्त्रियों के प्रति क्रूर व्यवहार को दर्शाता है।
(ख) ‘सब मिलाकर 105 स्त्रियाँ पकड़ी गई थीं ‘ कथन से निष्कर्ष निकलता है कि…….
(i) आंदोलन में पुरुषों की संख्या कम थी।
(ii) पुलिस स्त्रियों को अधिक गिरफ्तार कर रही थी।
(iii) मोनुमेंट पर स्त्रियाँ आगे की पंक्ति में थीं ।
(iv) आंदोलन में स्त्रियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था।
उत्तर:
(iv) आंदोलन में स्त्रियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था ‘सब मिलाकर 105 स्त्रियाँ पकड़ी गई थीं’ कथन से प्रमाणित होता है कि स्त्रियों ने आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी और वे पुरुषों के समान इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही थीं।
(ग) इस गद्यांश का सूत्रधार आप किसे मानते हैं?
(i) पूर्णोदास
(ii) मदालसा
(iii) सीताराम
(iv) जानकी देवी
उत्तर:
(iii) सीताराम इस गद्यांश के सूत्रधार सीताराम सेकसरिया हैं। प्रस्तुत गद्यांश ‘डायरी का एक पन्ना’ से लिया गया है।
(घ) यहाँ बहुत आदमी चोट खाकर आए हैं और कई की हालत संगीन है – पंक्ति में ‘संगीन’ का अर्थ है
(i) गंभीर
(ii) घायल
(iii) मूर्च्छित
(iv) नाजुक
उत्तर:
(i) गम्भीर पंक्ति में ‘संगीन’ का अर्थ गंभीर है, जिसका तात्पर्य यह है कि कुछ लोगों की स्थिति बहुत चिंताजनक और गंभीर थी।
(ङ) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यान से पढ़िए तथा सर्वाधिक उचित विकल्प को चुनकर लिखिए
कथन (A) डॉ. दास गुप्ता उनकी देख-रेख तथा फोटो उतरवा रहे थे।
कारण (R) वे आंदोलन के बारे में साक्ष्य एकत्रित कर रहे थे।
कूट
(i) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ii) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं।
(iii) कथन (A) गलत है, परंतु कारण (R) सही है।
(iv) कथन (A) सही है, लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
उत्तर:
(ii) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं। गद्यांश के अनुसार डॉ. दास गुप्ता घायल लोगों की देख-रेख कर रहे थे और फोटो उतरवा रहे थे, ताकि आंदोलन से जुड़े साक्ष्य एकत्रित कर सकें।
प्रश्न 8.
गद्य खंड पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए (3 × 2 = 6)
(क) ‘मेरे देखते तुम बेराह न चलने पाओगे’ – पंक्ति से बड़े भाई के कर्त्तव्य और अधिकार का पता कैसे चलता है ?
उत्तर:
‘मेरे देखते तुम बेराह न चलने पाओगे’ – पंक्ति से बड़े भाई के कर्त्तव्य और अधिकार का पता चलता है कि बड़े भाई का कर्त्तव्य है कि वह अपने छोटे भाई पर ध्यान रखें और उसे सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करें। यदि छोटा भाई अनुचित कार्य करता है, तो उसे सुधारने और डाँटने का अधिकार भी बड़े भाई को है। यह बड़े भाई की जिम्मेदारी और अधिकार दोनों को दर्शाता है।
(ख) ‘जीवन में पहली बार मैं इस तरह विचलित हुआ हूँ’ – तताँरा ने ऐसा क्यों कहा होगा?
उत्तर:
‘जीवन में पहली बार मैं इस तरह विचलित हुआ हूँ – तताँरा ने यह बात इसलिए कही होगी, क्योंकि वह उस द्वीप पर एक नेक और लोकप्रिय युवक था, जो पहले कभी किसी परिस्थिति में विचलित नहीं हुआ था, लेकिन वामीरो को पहली बार देखकर उसके मन में कोमल भावनाएँ जागृत हो गईं, जो उसके लिए नई और अनजानी थीं। वामीरो के प्रति इन भावनाओं के कारण ही वह असंयत और विचलित महसूस करने लगा।
(ग) शैलेंद्र ने राज कपूर की भावनाओं को शब्द दिए हैं, कैसे?
उत्तर:
शैलेंद्र ने राजकपूर की भावनाओं को शब्द दिए हैं क्योंकि इसमें राजकपूर का व्यक्तित्व एवं अभिनय के अनुकूल हीरामन का चरित्र लग रहा था। राज कपूर ने उस चरित्र में पूरी लग्न से अभिनय किया, जिससे वे हीरामन के साथ एकाकार हो गए। शैलेन्द्र ने जिस भावुकता के साथ फिल्म की कहानी और संवाद लिखे, राज कपूर ने उसी भावुकता को अपने अभिनय में उतारकर दर्शकों तक पहुँचाया, जिससे फिल्म और भी अधिक प्रभावशाली बन गई।
(घ) सआदत अली खाँ में देशप्रेम का अभाव था, स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
सआदत अली खाँ में देशप्रेम का अभाव था, क्योंकि उन्होंने अपने देश (अवध) और भाई आसिफउद्दौला के साथ गद्दारी की। उन्होंने सत्ता और सुख की लालसा में अंग्रेजों का साथ दिया, जिससे उनकी निष्ठा पर सवाल उठे। साथ ही, उनके भाई और भतीजे के प्रति दुर्भावना ने उनके देशप्रेम को कमजोर किया, जिससे वे व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए अपने कर्तव्यों से विमुख हो गए।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए (5 × 1 = 5)
चलो अभीष्ट मार्ग में सहर्ष खेलते हुए
विपत्ति, विघ्न जो पड़े उन्हें ढकेलते हुए
घटे न हेल-मेल हाँ बढ़े न भिन्नता कभी
अंतर्क एक पंथ के सतर्क पंथ हों सभी
तभी समर्थ भाव है कि तारता हुआ तरे
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे
(क) जीवन में निर्धारित लक्ष्य कैसे प्राप्त किया जा सकता है?
(i) संपर्क बढ़ाने से
(ii) साधन जुटाने से
(iii) सतत प्रयत्नशील रहने से
(iv) लक्ष्य का ध्यान करने से
उत्तर:
(iii) सतत प्रयत्नशील रहने से जीवन में निर्धारित लक्ष्य को सतत प्रयत्नशील रहने से प्राप्त किया जा सकता है। काव्यांश में विपत्ति और विघ्नों का सामना करते हुए, सहर्ष आगे बढ़ने की बात की गई है।
(ख) कवि को किस बात का डर है?
(i) दूरियाँ बढ़ने का
(ii) प्रेम कम होने का
(iii) सहयोग में कमी का
(iv) एकता की भावना का
उत्तर:
(i) दूरियाँ बढ़ने का कवि को दूरियाँ बढ़ने का डर है। प्रस्तुत काव्यांश में यह आशंका व्यक्त की गई है कि मेल-जोल घटने से और भिन्नता बढ़ने से दूरियाँ बढ़ सकती हैं, जिससे कवि को डर है कि कहीं आपसी दूरियाँ न बढ़ जाएँ। कवि ने एकता और सहयोग को महत्त्वपूर्ण माना है।
(ग) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्प में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए (1)
कथन (A) कवि मनुष्य के लिए मनुष्यता का होना अनिवार्य मानता है।
कारण (R) मनुष्यता के लिए संतोष का होना आवश्यक नहीं है।
कूट
(i) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है ।
(ii) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(iii) कथन (A) सही है तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(iv) कथन (A) सही है, लेकिन कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है ।
उत्तर:
(iv) कथन (A) सही है, लेकिन कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है। कवि के अनुसार मनुष्य के लिए मनुष्यता का होना आवश्यक है, क्योंकि मनुष्यता में दूसरों का उद्धार और जनकल्याण निहित है। मनुष्यता के लिए संतोष एक आवश्यक गुण है, क्योंकि संतोष से मनुष्य में आंतरिक शांति और सहिष्णुता का विकास होता है।
(घ) कवि समर्थ भाव किसे मानता है? (1)
(i) स्वार्थ भावना को सबल बनाना
(ii) कार्य में सफलता प्राप्त करना
(iii) कार्य के प्रति लगनशील रहना
(iv) स्वयं के साथ दूसरे को भी आगे बढ़ाना
उत्तर:
(iv) स्वयं के साथ दूसरे को भी आगे बढ़ाना प्रस्तुत काव्यांश में कवि ने समर्थ भाव को ऐसा भाव माना है, जिसमें व्यक्ति न केवल स्वयं को, बल्कि दूसरों को भी सफलता और उन्नति की दिशा में आगे बढ़ाने का प्रयास करता है। कवि के अनुसार, सच्चा मनुष्य वही है, जो दूसरों के उद्धार के लिए कार्य करता है और स्वयं भी सफल होता है।
(ङ) ‘अतर्क एक पंथ के सतर्क पंथ हों सभी पंक्ति का भाव है (1)
(i) तर्कहीनता
(ii) भावुकता
(iii) नकारात्मकता
(iv) सकारात्मकता
उत्तर:
(iv) सकारात्मकता ‘अतर्क एक पंथ के सतर्क पंथ हों सभी’ पंक्ति में कवि ने सभी मत-पंथ और संप्रदायों को एकता और सहयोग को बढ़ावा देने की बात की है। इसका उद्देश्य सभी को एक पंथ की तरह सतर्क और सहयोगी बनाना है। यह सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है, जहाँ सभी मिलकर एकता और सहयोग का भाव बनाए रखते हैं।
प्रश्न 10.
काव्य खंड पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए (3 × 2 = 6)
(क) प्रत्येक व्यक्ति की विशेषता उसके भीतर निहित होती है। कबीर की साखी से उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए । (2)
उत्तर:
प्रत्येक व्यक्ति की विशेषता उसके अंदर निहित होती है। कबीर की साखी में कस्तूरी मृग का उदाहरण देकर कवि कहते हैं कि जिस तरह कस्तूरी मृग की नाभि में होती है, लेकिन मृग को पता नहीं होता और उसे खोजने के लिए जंगल में भटकता है। उसी प्रकार, मनुष्य अपनी आंतरिक विशेषताओं को नहीं देखता और उसे बाहरी चीजों में खोजता है। मनुष्य को आत्मिक गुण और सच्चाई अपने अंदर खोजनी चाहिए, न कि बाहरी दुनिया में।
(ख) जीवन में सुख-दुःख धूप और बादल की तरह होते हैं। ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ कविता से कोई एक उदाहरण देकर सिद्ध कीजिए। (2)
उत्तर:
उड़ गया अचानक लो भूधर
फड़का अपर वारिद के पर
जैसे अचानक बादल आकर धूप को ढक लेते हैं, वैसे ही जीवन में सुख के क्षणों के ऊपर दुःख की छाया भी आ सकती है। अर्थात् सुख और दुःख जीवन के अविभाज्य हिस्से हैं। दुःखरूपी बादल कभी भी सुख रूपी धूप को ढक सकते हैं, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि सुख पूरी तरह समाप्त हो जाता है। यही जीवन का स्वभाव है, जिसमें सुख और दुःख का निरंतर आना-जाना लगा रहता है।
(ग) तोप जैसे लोगों का परिणाम भी तोप जैसा ही होता है, विचार व्यक्त कीजिए । (2)
उत्तर:
‘तोप’ कविता में कवि ने बताया है कि तोप की तरह अत्याचारी लोग भी स्थायी नहीं होते। जिस प्रकार एक समय में तोप युद्ध में विनाशकारी थी, लेकिन आज खिलौना बन गई है, उसी प्रकार अत्याचारी भी अन्ततः कमजोर और बेबस हो जाते हैं। उनका अत्याचार समय के साथ समाप्त हो जाता है और वे मजाक तथा उपहास का पात्र बन जाते हैं।
(घ) मनुष्य को अपने साहस और पुरुषार्थ पर भाग्य से अधिक भरोसा रखना चाहिए। ‘आत्मत्राण’ कविता के आधार पर सिद्ध कीजिए । (2)
उत्तर:
कवि ईश्वर से विपत्ति पर विजय की शक्ति चाहता है, लेकिन वह यह भी चाहता है कि उसकी अपनी ताकत और साहस कम न हो। कवि कठिनाइयों को साहस से पराजित करना चाहता है। कठिनाइयों का सामना साहस और पुरुषार्थ से करना ही असली आत्म-संरक्षण है। इस प्रकार, ‘आत्मत्राण’ कविता से यह सिद्ध होता है कि भाग्य पर निर्भर रहने की बजाय अपनी क्षमता और साहस पर भरोसा करना अधिक महत्त्वपूर्ण है।
प्रश्न 11.
पूरक पुस्तक ‘संचयन’ पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 40-50 शब्दों में लिखिए (2 × 3 = 6)
(क) भारत एक बहुधार्मिक समाज वाला देश है। सामाजिक सद्भाव के लिए ‘टोपी शुक्ला’ पाठ आपकी कैसे सहायता करता है? (3)
उत्तर:
‘टोपी शुक्ला’ पाठ भारत के बहुधार्मिक समाज में सामाजिक सद्भाव को प्रोत्साहित करने में सहायता करता है। इस पाठ में टोपी और इफ़्फ़न, जो अलग-अलग धर्मों को मानने वाले हैं, के बीच गहरा प्रेम और सम्मान दर्शाया गया है। वे एक-दूसरे के धार्मिक रीति-रिवाजों का सम्मान करते हैं और आपसी स्नेह बनाए रखते हैं। टोपी की इफ़्फ़न की दादी के प्रति सच्ची भावनाएँ और इफ़्फ़न की दादी का टोपी को अपनाना, यह दिखाता है कि धार्मिक भिन्नताओं के बावजूद व्यक्तिगत संबंध और समझ सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा दे सकते हैं। इस प्रकार, यह पाठ सामाजिक विविधता को समझने और अपनाने का एक सशक्त उदाहरण प्रस्तुत करता है ।
(ख) स्मृतियाँ सदैव सुखद होती हैं। ‘सपनों के-से दिन’ पाठ में लेखक ने अपनी स्मृतियों को साझा किया है। आप भी इस प्रकार की कोई स्मृति साझा करके बताइए कि वह आपको क्यों अच्छी लगती है? (3)
उत्तर:
स्मृतियाँ जीवन के वे क्षण होते हैं, जिन्हें हम बार-बार याद करते हैं और जो हमें हमेशा सुखद अनुभूति कराते हैं। ‘सपनों के से दिन’ पाठ में लेखक ने अपने स्मृतियों को साझा किया है, जो उनके जीवन के सुनहरे पल रहे हैं। मुझे भी मेरी एक खास स्मृति हमेशा सुखद लगती है। जब मैं छोटा था, गर्मियों की छुट्टियों में मैं अपने दादा-दादी के गाँव जाता था। गाँव का वह माहौल, हरी-भरी प्रकृति, नदियों में नहाना और दोस्तों के साथ खेलना मेरे लिए बेहद खास था। दादी के हाथ के बने पकवान, खेतों में दौड़ना और शाम को पेड़ के नीचे बैठकर कहानियाँ सुनना मुझे बहुत अच्छा लगता था। यह स्मृति मुझे इसलिए भी प्रिय है, क्योंकि यह मुझे उन दिनों की मासूमियत और नि:स्वार्थ खुशी की याद दिलाती है। शहर के व्यस्त जीवन और जिम्मेदारियों से दूर, गाँव का वह सादा जीवन मुझे हमेशा सुकून देता है, जब भी मैं इस स्मृति को याद करता हूँ मुझे अपने बचपन की उन खुशियों का अनुभव होता है, जो आज के व्यस्त जीवन में कहीं खो गई हैं।
(ग) आज शहरी एवं ग्रामीण जीवन में अकेलापन एक आम समस्या हो गई है। इससे कैसे मुक्त हुआ जा सकता है। ‘हरिहर काका’ पाठ के संदर्भ में युक्तियुक्त उत्तर दीजिए । (3)
उत्तर:
शहरी और ग्रामीण जीवन में अकेलापन एक सामान्य समस्या बन गई है, जो परिवार और समाज के सहयोग से दूर की जा सकती है । ‘हरिहर काका’ पाठ के संदर्भ में यह समस्या स्पष्ट रूप से देखने को मिलती है कि पारिवारिक समर्थन और स्नेह व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। ‘हरिहर काका’ की कहानी में दिखाया गया है कि परिवार का साथ न मिलने के कारण हरिहर काका को अकेलापन महसूस हुआ । हरिहर काका के परिवार ने जायदाद न मिलने से उन्हें उपेक्षित किया। इससे मुक्त होने के लिए, सामाजिक और पारिवारिक मूल्यों पर विश्वास और उन्हें अपनाना आवश्यक है। आत्मकेंद्रित भावना से मुक्त होकर दूसरों के साथ सामंजस्यपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहिए। इसके अतिरिक्त, अपने आस-पास के लोगों के प्रति जागरूक रहना और सामाजिक बदलाव के लिए पहल करना भी आवश्यक है। इस प्रकार, सामूहिक समर्थन और साझा जिम्मेदारी से अकेलेपन को कम किया जा सकता है।
खंड ‘घ’ रचनात्मक लेखन (22 अंक)
प्रश्न 12.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत- बिंदुओं के आधार पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद, लिखिए (5 × 1 = 5)
(i) चुनाव में मतदान का महत्त्व
- चुनाव क्या है ?
- चुनाव की आवश्यकता
- मतदान का महत्त्व
उत्तर:
चुनाव में मतदान का महत्त्व
चुनाव एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से जनता अपने प्रतिनिधियों को चुनती है, जो उन्हें विभिन्न मुद्दों पर निर्णय लेने के लिए सक्षम बनाते हैं। यह प्रक्रिया एक स्वस्थ लोकतंत्र की आधारशिला है और देश के भविष्य को आकार देती है।
चुनाव की आवश्यकता इसलिए होती है, ताकि लोग अपनी सरकार के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा सकें और अपने विचार और आवश्यकताओं को प्रतिनिधियों के माध्यम से सामने रख सकें। जब चुनाव होते हैं, तो जनता अपने मताधिकार का उपयोग करके यह तय करती है कि उनके लिए कौन- सा प्रतिनिधि सबसे उपयुक्त होगा। यह प्रतिनिधि समाज की विभिन्न समस्याओं, आवश्यकताओं और अपेक्षाओं को समझकर उन्हें सरकारी नीति में शामिल करने का कार्य करता है । इस प्रकार, चुनाव लोकतंत्र के आदर्शों को साकार करने का एक महत्त्वपूर्ण साधन है । मतदान, चुनाव प्रक्रिया का एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण भाग है। यह न केवल एक नागरिक कर्त्तव्य है, बल्कि एक अधिकार भी है। मतदान के माध्यम से नागरिक अपने विचारों और प्राथमिकताओं को चुनावी उम्मीदवारों और पार्टियों के सामने 1 रखते हैं। यह प्रक्रिया तब पूरी होती है, जब हर नागरिक अपनी राय व्यक्त करता है और यह सुनिश्चित करता है कि चुने हुए प्रतिनिधि समाज के हित में कार्य करें। मतदान के बिना, चुनाव की प्रक्रिया अधूरी रहती है और लोकतंत्र का आधार कमजोर हो
मतदान का महत्त्व इसलिए है कि यह नागरिकों को अपने समाज के निर्माण में सक्रिय रूप से शामिल होने का अवसर प्रदान करता है। जब लोग मतदान करते हैं, तो वे केवल अपने व्यक्तिगत लाभ की चिंता नहीं करते, बल्कि समाज के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेते हैं। यह प्रक्रिया समाज में एकसमानता और समान अवसरों की भावना को बढ़ावा देती है। चुनावी मतदान से नागरिक अपनी सरकार को जवाबदेह ठहराने में सक्षम होते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि उनके प्रतिनिधि उनके अधिकारों और अपेक्षाओं की रक्षा करें।
इस प्रकार, मतदान नागरिक का महत्त्वपूर्ण कर्त्तव्य है, जो लोकतंत्र को मजबूत करता है और समाज में बदलाव लाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लोकतांत्रिक व्यवस्था को सशक्त करने के लिए सभी नागरिकों को सक्रिय रूप से मतदान में भाग लेना चाहिए।
(ii) स्वच्छता में आम आदमी की भूमिका
- स्वच्छता क्यों आवश्यक ?
- स्वच्छता का स्वास्थ्य पर प्रभाव
- हमारी भूमिका
उत्तर:
स्वच्छता में आम आदमी की भूमिका
स्वच्छता किसी भी समाज के स्वस्थ और समृद्ध होने की आधारशिला है। यह न केवल हमारे व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, बल्कि पर्यावरण और समाज के समग्र विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है।
स्वच्छता का सीधा संबंध स्वास्थ्य, पर्यावरण, और जीवन की गुणवत्ता से है। गंदगी और कूड़ा-करकट कई प्रकार के संक्रमणों और बीमारियों का कारण बनते हैं। मलेरिया, डेंगू, हैजा जैसी बीमारियाँ अक्सर गंदगी और ठहरे हुए पानी के कारण फैलती हैं। स्वच्छ वातावरण लोगों की उत्पादकता और कार्यक्षमता को भी बढ़ाता है, क्योंकि एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण में रहकर व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से बेहतर महसूस करता है।
स्वच्छता का हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यदि आस-पास का वातावरण स्वच्छ है, तो बीमारियों का प्रसार कम होता है। स्वच्छ जल और स्वच्छ भोजन से पाचन तंत्र बेहतर कार्य करता है। दूसरी ओर, गंदगी और अशुद्ध पानी कई गंभीर रोगों का कारण बनते हैं। स्वच्छता का मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। साफ-सुथरा परिवेश व्यक्ति के मन में सकारात्मकता लाता है और मानसिक शांति प्रदान करता है। स्वच्छता को अपनाकर हम स्वयं को और अपने परिवार को सुरक्षित रखते हैं।
आम आदमी की भूमिका स्वच्छता बनाए रखने में बहुत महत्त्वपूर्ण है। सबसे पहले, हमें अपने आस-पास के क्षेत्र को साफ-सुथरा रखना चाहिए। घर के कूड़े को सही तरीके से निपटाना और सार्वजनिक स्थलों गंदगी न फैलाना हमारी जिम्मेदारी है। प्लास्टिक और अन्य हानिकारक कचरे को सही ढंग से अलग करके पुनः चक्रण (रीसाइक्लिंग) के लिए भेजना चाहिए।
इसके अतिरिक्त, हमें सरकार और अन्य संगठनों द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता अभियानों में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए। व्यक्तिगत स्वच्छता जैसे नियमित हाथ धोना, साफ पानी का उपयोग करना और साफ-सुथरा खाना खाना भी हमारी भूमिका का हिस्सा है। यदि प्रत्येक व्यक्ति अपनी भूमिका निभाएगा, तो हम एक स्वस्थ और स्वच्छ समाज का निर्माण कर सकते हैं।
(iii) यांत्रिक सुविधाओं का पर्यावरण पर प्रभाव
- यांत्रिक सुविधा से अभिप्राय
- यंत्रों की अधीनता
- पर्यावरण पर प्रभाव
उत्तर:
यांत्रिक सुविधाओं का पर्यावरण पर प्रभाव
यांत्रिक सुविधाओं से अभिप्राय उन तकनीकी और औद्योगिक यंत्रों एवं उपकरणों से है, जिनका उपयोग मानव-जीवन को सरल और सुविधाजनक बनाने के लिए किया जाता है। ये यंत्र उत्पादन प्रक्रिया को तीव्र बनाते हैं और श्रम की मात्रा को कम करते हैं। इसमें मशीनें, वाहन, कंप्यूटर और अन्य तकनीकी उपकरण शामिल हैं, जो हमें तेजी से और कम समय में कार्य करने की क्षमता प्रदान करते हैं।
हालाँकि, यंत्रों की अधीनता से अनेक समस्याएँ भी उत्पन्न होती है| यांत्रिक सुविधाओं का अत्यधिक उपयोग मनुष्यों को इन पर निर्भर बना देता है। इससे शारीरिक श्रम कम हो जाता है और मानव स्वाभाविक रूप से आलसी और कमजोर हो जाता है। इसके साथ ही, तकनीक पर अत्यधिक निर्भरता से पारंपरिक ज्ञान और कौशल की हानि होती है, जो मानव सभ्यता की एक महत्त्वपूर्ण धरोहर होती है।
यंत्रों का पर्यावरण पर गहरा प्रभाव पड़ता है। औद्योगिक यंत्रों और वाहनों से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और अन्य हानिकारक गैसें वायु प्रदूषण को बढ़ावा देती हैं, जिससे ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की समस्या उत्पन्न होती है। इसके अतिरिक्त, यंत्रों को बनाने और चलाने में ऊर्जा की अत्यधिक खपत होती है, जिसके लिए जीवाश्म ईंधनों का उपयोग किया जाता है। यह प्राकृतिक संसाधनों की कमी और प्रदूषण का प्रमुख कारण है।
यंत्रों के कारण जल, वायु और मृदा प्रदूषण की समस्या भी विकराल रूप ले रही है। इनके कारण जैव-विविधता को भी. नुकसान होता है, जिससे अनेक जीव-जंतु विलुप्त होने की कगार पर आ जाते हैं। इस प्रकार, यांत्रिक सुविधाएँ जहाँ मानव जीवन को सरल बनाती हैं, वहीं पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुँचाती हैं।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए (5 × 1 = 5)
आप श्याम / दीपशिखा हैं। विद्यालय में भाषा प्रयोगशाला खुलवाने के लिए प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए, जिससे विद्यार्थी भाषा की ध्वनियों को समझकर श्रवण एवं वाचन कौशल का विकास कर सकें।
अथवा
आप बी-43, आकाश विहार, दिल्ली निवासी राजन / रम्या हैं। प्रत्येक वर्ष होने वाली ‘परीक्षा पर चर्चा’ पर अपने विचार व्यक्त कर किसी प्रतिष्ठित समाचार-पत्र के संपादक को पत्र लिखिए।
उत्तर:
परीक्षा भवन,
दिल्ली |
दिनांक 5 सितंबर, 20XX सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय,
नीरजा मोदी पब्लिक स्कूल,
इंडिया गेट, दिल्ली |
विषय भाषा प्रयोगशाला की स्थापना के लिए अनुरोध ।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि हमारे विद्यालय में एक भाषा प्रयोगशाला की आवश्यकता है। इस प्रयोगशाला की स्थापना से विद्यार्थियों को भाषा की ध्वनियों को समझने और उनके श्रवण तथा वाचन कौशल को विकसित करने में सहायता मिलेगी। इससे छात्र भाषाई सक्षमता में सुधार कर सकेंगे और भाषाई जटिलताओं को बेहतर तरीके से समझ पाएँगे । अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि इस महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव पर विचार करें और जल्द-से-जल्द आवश्यक व्यवस्था करने की कृपा करें। यह हमारे विद्यार्थियों को उच्चतम स्तर की शिक्षा प्रदान करने में सहायक होगा।
धन्यवाद,
भवदीय / भवदीया
श्याम / दीपशिखा
कक्षा दसवीं ‘ब’
अथवा
निवासी बी-43,
आकाश विहार,
दिल्ली।
दिनांक 1 सितंबर, 20XX
सेवा में,
संपादक महोदय,
दैनिक भास्कर,
दिल्ली।
विषय ‘परीक्षा पर चर्चा’ के बारे में विचार साझा करने हेतु ।
मैं आपके प्रतिष्ठित समाचार पत्र के माध्यम से ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम पर अपने विचार व्यक्त करना चाहता/चाहती हूँ। यह वार्षिक कार्यक्रम छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के लिए एक महत्त्वपूर्ण मंच है। इसमें परीक्षा के तनाव को कम करने के उपाय और आत्म-संयम की तकनीकें साझा की जाती हैं, जो विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी हैं।
यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के मानसिक तनाव को कम करने और परीक्षा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में सहायक है। मार्गदर्शक द्वारा विद्यार्थियों से सीधा संवाद स्थापित करना न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि इससे छात्रों को परीक्षा की चुनौतियों का सामना करने की मानसिक शक्ति मिलती है।
इस चर्चा में दिए गए सुझाव, जैसे- समय प्रबंधन, आत्मविश्वास बनाए रखना और खेल-कूद के महत्त्व को उजागर करना, न केवल विद्यार्थियों बल्कि अभिभावकों के लिए भी लाभकारी हैं। मेरा मानना है कि इस प्रकार की पहल शिक्षा व्यवस्था में एक सकारात्मक बदलाव लाने में सक्षम है। आशा है कि यह कार्यक्रम प्रत्येक वर्ष इसी तरह छात्रों को प्रेरित करता रहेगा ।
धन्यवाद ।
भवदीय / भवदीया
राजन / रम्या |
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 60 शब्दों में सूचना लिखिए (4 × 1 = 4)
आप राहुल / रोशनी हैं। आप अपने स्कूल के विद्यार्थी परिषद् के सचिव हैं। आपके स्कूल में अंतर्विद्यालयी ‘ वाद-विवाद प्रतियोगिता’ का आयोजन किया जा रहा है। इस विषय में सभी विद्यार्थियों को जानकारी देने हेतु एक सूचना तैयार कीजिए ।
अथवा
आप वैशाली निवासी अमर / अवनि हैं। आप अपने क्षेत्र के ‘निवासी कल्याण संघ के सचिव हैं। अपने क्षेत्र में लगने वाले रक्तदान शिविर की जानकारी देते हुए एक सूचना लिखिए |
उत्तर:
नीरजा मोदी विद्यालय, जयपुर सूचना
दिनांक 6 सितंबर, 20XX
‘वाद-विवाद प्रतियोगिता’ का आयोजन
सभी विद्यार्थियों को यह सूचित किया जाता है कि हमारे विद्यालय में अंतर्विद्यालयी ‘वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन 15 सितंबर को किया जा रहा है। यह प्रतियोगिता सुबह 10 बजे से विद्यालय के मुख्य हॉल में होगी। इच्छुक विद्यार्थी अपनी नामांकन पत्रिका 10 सितंबर तक कक्षा शिक्षक के पास जमा करें। प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विजेताओं को प्रमाण-पत्र और पुरस्कार प्रदान किए जाएँगे। सभी विद्यार्थी इस अवसर का लाभ उठाएँ और अपनी प्रस्तुति के लिए तैयार रहें।
राहुल / रोशनी
सचिव, विद्यार्थी परिषद्
अथवा
निवासी कल्याण संघ, वैशाली सूचना
दिनांक 6 सितंबर, 20XX
रक्तदान शिविर का आयोजन
सभी निवासियों को सूचित किया जाता है कि हमारे क्षेत्र में एक रक्तदान शिविर का आयोजन 12 सितंबर को किया जा रहा है। यह शिविर सुबह 9 बजे से स्थानीय सामुदायिक केंद्र में शुरू होगा। रक्तदान से संबंधित सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध रहेंगी। | कृपया आप सभी इस कार्य में भाग लें और रक्तदान करके जीवन बचाने में योगदान दें। अधिक जानकारी के लिए आप संघ के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। आपका सहयोग महत्त्वपूर्ण है।
अमर / अवनि
सचिव निवासी कल्याण संघ
प्रश्न 15.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 40 शब्दों में विज्ञापन लिखिए (3 × 1 = 3)
आपने खेल सामग्री की एक नई दुकान खोली है। अपनी दुकान के बारे में जानकारी देते हुए एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए ।
अथवा
‘भ्रष्टाचार मुक्त भारत’ के विषय में लोगों को जागरूक करते हुए सरकार की ओर से एक विज्ञापन तैयार कीजिए ।
उत्तर:
प्रश्न 16.
एक शाम जब मैं घर में बैठी थी, तभी अचानक किसी ने ज़ोर से दरवाजा खटखटाया। मैं चौंक गई …… पंक्ति से लगभग 100 शब्दों में लघुकथा लिखिए।
अथवा
आप शक्ति / संयम हैं। आप लालटेन गंज में रहते हैं। आपके क्षेत्र में पिछले एक महीने से बिजली की गंभीर समस्या चल रही है। इसकी जानकारी देते हुए बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को लगभग 80 शब्दों में ई-मेल लिखिए |
उत्तर:
एक शाम जब मैं घर में बैठी थी तभी अचानक किसी ने ज़ोर से दरवाजा खटखटाया। मैं चौंक गई और दरवाजा खोला, तो देखा एक अजनबी महिला खड़ी थी। उसके चेहरे पर चिंता और थकावट की लकीरें थीं। उसने कहा- “मैं यहाँ घूमने आई थी, लेकिन अब मुझे सहायता की आवश्यकता है।” उसने बताया कि वह अपने पति और बच्चे के साथ सड़क पर भटक रही थी। उसके पति बीमार थे और वह दिल्ली से बाहर इलाज के लिए आई थी, लेकिन अचानक उसका सारा सामान चोरी हो गया। उसकी आँखों में आँसू थे और वह अपने परिवार की स्थिति को लेकर बेहद परेशान थी । मैंने उसकी कहानी सुनी और तुरंत स्थानीय चैरिटी से संपर्क किया। उन्होंने उसकी सहायता के लिए व्यवस्था की। इसी बीच, मैंने अपने परिवार के सदस्यों को भी सूचित किया। कुछ घंटे बाद, महिला को राहत मिली। वह भावुक होकर धन्यवाद कहने लगी और मैंने महसूस किया कि एक छोटे-से प्रयास से किसी की ज़िंदगी में बड़ा बदलाव आ सकता है। उस दिन मैंने समझा कि समाज में एक- – दूसरे की सहायता करना कितना महत्त्वपूर्ण है। छोटी-छोटी सहायता से हम दूसरों की ज़िंदगी में बड़े बदलाव ला सकते हैं।
अथवा
To : XYZgmail.com
CC : ……..
BCC : …….
विषय लालटेन गंज में बिजली की समस्या ।
आदरणीय अधिकारी महोदय,
मैं शक्ति/संयम, लालटेन गंज निवासी, आपके ध्यान में लाना चाहता हूँ कि पिछले एक महीने से हमारे क्षेत्र में बिजली की गंभीर समस्या चल रही है। लगातार बिजली की कटौती और बिजली की अनियमित सप्लाई से निवासियों को भारी असुविधा हो रही है। कृपया इस मामले की शीघ्र जाँच कर समस्या का समाधान सुनिश्चित करें ।
आपकी सहायता के लिए हम आभारी रहेंगे।
धन्यवाद,
शक्ति/ संयम