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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 9 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-‘अ’ और ‘ब’। खंड ‘अ’ में वस्तुपरकाबहुविकल्पीय और खंड ‘ब’ में वस्तुनिष्ठ/वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
- प्रश्न-पत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 हैं और सभी प्रश्न अनिवर्य है।
- यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
- खंड ‘अ’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपमश्नों की संख्या 44 हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य हैं।
- खंड ‘ब’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए है। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
खंड ‘अ’
(बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्न)
खंड ‘अ’ में अपठित गद्यांश-पद्यांश, व्यावहारिक व्याकरण व पाठ्य-पुस्तक से संबंधित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्न दिए गए हैं, जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वधधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
लोगों का मानना है कि बाल-श्रम जैसी सामाजिक कुरीति को समाप्त करने का दायित्व सिर्फ सरकार का है। यदि सरकार चाहे तो कानून का पालन न करने वालों एबं कानून भंग करने वालों को सजा देकर बाल-श्रम को समाप्त कर सकती है, कितु वास्तव में ऐसा करना असंभव है। हमारे घरों में, ढाबों में, होटलों में अनेक बाल-श्रमिक मिल जाएँगे, जो कड़ाके की ठंड और तपती धूप की परवाह किए बगैर काम करते हैं। हमें सोचना होगा कि सभ्य समाज में यह अभिशाप अभी तक क्यों विद्यमान है? क्यों तथाकथित सभ्य एवं सुशिक्षित परिवारों में नौकरों के रूप में छोटे बच्चों को पसंद किया जाता है? क्यों आर्थिक रूप से सशक्त लोगों को घर के कामकाज हेतु गरीब एवं गाँव के बाल-श्रमिक ही पसंद आते हैं? आज आवश्यकता इस बात की है कि सरकारी स्तर से लेकर व्यक्तिगत स्तर तक सभी लोग इसके प्रति सजग रहें और बाल-श्रम के कारण बच्चों का बचपन न छिन जाए, इसके लिए कुछ सार्थक पहल करें।
हमें आज ही बालश्रम के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और जहाँ कोई बच्चा हमें बाल मजदूरी करते हुए मिले उसकी शिकायत हमें नजदीकी पुलिस स्टेशन में करनी चाहिए। बालश्रम को खत्म करना केवल सरकार का ही कर्त्त्य नहीं है, हमारा भी कर्त्तव्य है। बालश्रम एक बहुत बड़ी सामाजिक समस्या है। इस समस्या को सभी के द्वारा जल्द-से-जल्द खत्म करने की जरूरत है। अगर जल्दी ही इस समस्या पर कोई कदम नहीं उठाया गया तो यह पूरे देश को दीमक की तरह खोखला कर देगी। बच्चे ही हमारे देश का भविष्य है अगर उन्हीं का बचपन अँधेरे और बालश्रम में बीतेगा तो हम एक सुदृढ़ भारत की कल्पना कैसे कर सकते हैं। अगर हमें नए भारत का निर्माण करना है तो बाल मजदूरी को जड़ से उखाड़ फेंकना होगा। यह सिर्फ हमारे और सरकार के सहयोग से ही संभव है। इसलिए हम सबका दायित्व है कि इनकी दशा-परिवर्तन हेतु मनोयोगपूर्वक सार्थक प्रयास करें, जिससे राष्ट्र के भावी नागरिकों के बालपन की स्वाभाविकता बनी रहे।
(क) निम्नलिखित कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए। देश को सार्थक पहल करने की आवश्यकता है, जिससे
1. बाल-श्रम के कारण बच्चों की शिक्षा न छिन जाए।
2. बाल-श्रम के कारण बच्चों का बचपन न छिन जाए।
3. बाल-श्रम के कारण बच्चों को खुशियाँ मिल जाएँ।
4. बाल-श्रम के कारण बच्चे विकलांग न हो जाएँ। कूट
(i) केवल 2 सही है
(ii) 1 और 2 सही हैं
(iii) 3 और 4 सही हैं
(iv) 2 और 3 सही हैं
उत्तर :
(i) केवल 2 सही है बाल-भ्रम जैसी सामाजिक कुरीति के कारण बच्चों का बचपन न छिन जाए, इसलिए देश को सार्थक पहल करने की आवश्यकता है।
(ख) गद्यांश के आधार पर बताइए कि लोगों की विचारधारा कैसी है?
(i) बाल-श्रम को समाप्त करना केवल सरकार का दायित्व है
(ii) बाल-श्रम को समाप्त करना केवल लोगों का दायित्व है
(iii) बाल-श्रम को समाप्त करना केवल बाल-श्रमिकों का दायित्व है
(iv) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर :
(i) बाल-श्रम को समाप्त करना केवल सरकार का दायित्व है गचांश में बताया गया है कि समाज में लोगों की विचारधारा है कि बाल-श्रम को समाप्त करने का दायित्व केवल सरकार का है। सरकार द्वारा दोषियों को सजा दिए जाने से इस समस्या से निपटा जा सकता है।
(ग) सभ्य समाज में आज भी कौन-सा अभिशाप व्याप्त है?
(i) बाल-श्रम का
(ii) सामाजिक कुरीतियों का
(iii) सशक्तता का
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) बाल-श्रम का सभ्य समाज में आज भी बाल-श्रम जैसा सामाजिक अभिशाप व्याप्त है अर्थात् आज भी बड़ी संख्या में होटलों, ढाबों तथा सभ्य एवं सुशिक्षित परिवारों में नौकरी के रूप में छोटे बच्चे कार्य करते नज़र आते हैं।
(घ) ‘इनकी दशा-परिवर्तन हेतु मनोयोगपूर्वक सार्थक प्रयास करें’ वाक्य में ‘इनकी’ शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
(i) बाल-श्रमिकों के लिए
(ii) सभ्य लोगों के लिए
(iii) सुशिक्षित लोगों के लिए
(iv) पिछड़े लोगों के लिए
उत्तर :
(i) बाल-श्रमिकों के लिए ‘इनकी दशा-परिवर्तन हेतु मनोयोगपूर्वक सार्थक प्रयास करें’, वाक्य में ‘इनकी ‘ शब्द बाल-श्रमिकों के लिए प्रयुक्त हुआ है।
(ङ) कथन (A) छोटे बच्चों को सभ्य एवं सुशिक्षित परिवारों में नौकरों के रूप में पसंद किया जाता है।
कारण (R) बाल-श्रमिक आसानी से कम पैसों में मिल जाते हैं।
(i) कथन A गलत है, किंतु कारण R सही है।
(ii) कथन A और कारण R दोनों ही गलत हैं।
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या करता है।
(iv) कथन A और कारण R दोनों सही हैं, परंतु कारण R कथन A की सही व्याख्या नहीं करता है।
उत्तर :
(ii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या करता है छोटे बच्चों को सभ्य एवं सुशिक्षित परिवारों में नौकरों के रूप में पसंद किया जाता है, क्योंकि बाल-श्रमिक आसानी से कम पैसों में मिल जाते हैं।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांशों पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
चींटियाँ अंडे उठाकर जा रही हैं,
और चिड़ियाँ नीड़ को चारा दबाए,
धान पर बछड़ा रँभाने लग गया है,
टकटकी सूने विजन पथ पर लगाए,
थाम आँचल, थका बालक रो उठा है,
है खड़ी माँ शीश का गट्ठर गिराए,
बाँह दो चमकारती-सी बढ़ रही है,
साँझ से कह दो बुझे दीपक जलाए।
शोर डैनों में छिपाने के लिए अब,
शोर माँ की गोद जाने के लिए अब,
शोर घर-घर नींद रानी के लिए अब,
शोर परियों की कहानी के लिए अब,
एक मैं ही हूँ कि मेरी साँझ चुप है,
एक मेरे दीप में ही बल नहीं है,
एक मेरी खाट का विस्तार नभ-सा,
क्योंकि मेरे शीश पर आँचल नहीं है।
(क) कवि को सर्वधिक दुःख है कि
(i) उसकी माँ नहीं है।
(ii) चिड़ियों का घोंसला नहीं है।
(iii) चीटियाँ अंडे उठाकर जा रही हैं।
(iv) ये सभी
उत्तर :
(i) उसकी माँ नहीं है कवि को माँ के नहीं होने का सर्वाधिक दुःख है। वस्तुतः सभी प्राणियों के बच्चों को उनकी मीं के साथ देखकर कवि को अपनी मों याद आ रही है।
(ख) काव्यांश में किसके प्रति प्रेम अभिव्यक्त किया गया है?
(i) जानवरों के प्रति
(ii) प्रकृति के विभिन्न जीवों का अपनी संतानों के प्रति
(iii) चीटियों के प्रति
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) प्रकृति के विभिन्न जीवों का अपनी संतानों के प्रति काव्यांश में प्रकृति के विभिन्न जीवों का अपनी संतानों के प्रति प्रेम अभिव्यक्त किया गया है; जैसे-चींटियाँ अपने अंडों को उठाकर ले जा रही हैं।
(ग) काव्यांश के आधार पर बताइए कि थका हुआ बालक क्या कर रहा है?
(i) माँ की गोद के लिए रो रहा है
(ii) चीटियों के लिए रो रहा है
(iii) अंडों के लिए रो रहा है
(iv) खाना खाने के लिए रो रहा है
उत्तर :
(i) माँ की गोद के लिए रो रहा है काव्यांश में बताया गया है कि थका हुआ बालक अपनी माँ की गोद के लिए रो रहा है।
(घ) प्रस्तुत काव्यांश के आधार पर बताइए कि किसके बीच गहरा संबंध होता है?
(i) माँ एवं संतान के बीच
(ii) माँ एवं अंडों के बीच
(iii) माँ एवं चीटियों के बीच
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) माँ एवं संतान के बीच प्रस्तुत काब्यांश में बताया गया है कि माँ एवं संतान के बीच इतना गहरा संबंध होता है कि दोनों एक-दूसरे के अभाव में स्वर्य को अधूरा महसूस करते हैं।
(ङ) कथन (A) कवि को लगता है कि एक उसी की साँझ चुप है।
कारण (R) कवि के पास माँ नहीं है।
(i) कथन A गलत है, किंतु कारण R सही है।
(ii) कथन A और कारण R दोनों गलत हैं।
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या है।
(iv) कथन A और कारण R दोनों सही हैं, परंतु कारण R कथन A की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर :
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या है कवि के पास माँ नहीं है, उसी के कारण कवि को लगता है कि उसी की साँझ चुप है।
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) “वह लड़का, जो पेइ के पास खड़ा है, मेरा मित्र है।” इसका सरल वाक्य होगा
(i) पेड़ के पास खड़ा हुआ लड़का मेरा मित्र है।
(ii) जो पेड़ के पास खड़ा है मेरा मित्र है।
(iii) वे सभी जो पेड़ के पास खड़े हैं मेरे मित्र हैं।
(iv) वह लड़का मेरा मित्र है और वह पेड़ के पास खड़ा है।
उत्तर :
(i) पेड़ के पास खड़ा हुआ लड़का मेरा मित्र है।
(ख) “मैं बीमार हूँ, इसलिए आयोजन में नहीं जा सकता।” इसका मिश्रित वाक्य होगा
(i) मेरा आयोजन में न जाने का कारण बीमार होना है।
(ii) मैं आयोजन में इसलिए नहीं जा सकता, क्योकि मैं बीमार हूँ।
(iii) बीमार होना आयोजन में न जाने का कारण है।
(iv) बीमार होने के कारण में आयोजन में नहीं जा सकता।
उत्तर :
(ii) मैं आयोजन में इसलिए नहीं जा सकता, क्योंकि में बीमार हूं।
(ग) ‘राम खाना खाकर बाहर चला गया।’ इसका संयुक्त वाक्य होगा
(i) राम खाकर चला गया।
(ii) राम खाना खाकर चला गया।
(iii) ज्यों ही राम ने खाना खाया, वह चला गया।
(iv) राम ने खाना खाया और बाहर चला गया।
उत्तर :
(iv) राम ने खाना खाया और बाहर चला गया।
(घ) निम्नलिखित वाक्यों में संयुक्त वाक्य है
1. उसकी गाय काली है और वह खेत में चर रही है।
2. जो गाय काली है वही खेत में चर रही है।
3. खेत में चरने वाली गाय काली है।
4. यह काली गाय है पर वह खेतों में चर रही है।
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 2 और 3 सही हैं
(iii) 3 और 4 सही हैं
(iv) 1 और 4 सही हैं
उत्तर :
(iv) 1 और 4 सही हैं।
(ङ) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. उसने मेहनत की और वह सफल हुआ। | 1. सरल वाक्य |
B. जो मेहनत करता है वह सफल होता है। | 2. संयुक्त वाक्य |
C. मेहनती लोग सफल होते हैं। | 3. मिश्र वाक्य |
कूट
A B C
(i) 3 1 2
(ii) 2 3 1
(iii) 2 1 3
(iv) 1 2 3
उत्तर :
(ii) A-2, B-3, C-1
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. उसने मेहनत की और वह सफल हुआ। | 1. भाववाच्य |
B. जो मेहनत करता है वह सफल होता है। | 2. कर्तृवाच्य |
C. मेहनती लोग सफल होते हैं। | 3. कर्मवाच्य |
कूट
A B C
(i) 1 3 2
(ii) 2 1 3
(iii) 3 2 1
(iv) 3 1 2
उत्तर :
(iv) A-3, B-1, C-2
(ख) इनमें से भाववाच्य का उदाहरण है
(i) मेरे द्वारा गर्मी में सोया नहीं जाएगा।
(ii) मुझसे इस गर्मीं में सोया नहीं जा सकता।
(iii) मैं इस गर्मी में नहीं सोऊँगा।
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) मुझसे इस गर्मी में सोया नहीं जा सकता।
(ग) इनमें से कर्मवाच्य का उदाहरण है
(i) बालक ने खाना खाया।
(ii) बालक से खाया नहीं जाता।
(iii) बालक द्वारा खाना खाया गया।
(iv) बालक खाना खाता है।
उत्तर :
(iii) बालक द्वारा खाना खाया गया।
(घ) “माली ने पौधा लगाया।” इसका कर्मवाच्य होगा
(i) माली को पौधा लगाना था।
(ii) माली से पौधा लगवाया जा सकता था।
(iii) माली द्वारा पौधा लगाया गया।
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(iii) माली द्वारा पौधा लगाया गया।
(ङ) ‘नौकर द्वारा घर की सफाई की जाती है।’ इसका कर्तृवाच्य होगा
(i) नौकर घर की सफाई करता है।
(ii) नौकर से घर की सफाई कराई गई।
(iii) नौकर को घर की सफाई करनी चाहिए।
(iv) नौकर द्वारा घर की सफाई की गई।
उत्तर :
(i) नौकर घर की सफाई करता है।
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) परिश्रम ही सफलता का मूल मंत्र है। रेखांकित अंश का पद परिचय होगा
(i) जातिवाचक संज़ा, एकवचन, पुल्लिग, कर्म कारक
(ii) भाववाचक संज़ा, एकवचन, पुल्लिग, करण कारक
(iii) व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिग, करण कारक
(iv) व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिग, कर्म कारक
उत्तर :
(ii) परिश्रम भाववाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिग, करण कारक
(ख) पिजरे में बैठकर तोता गा रहा है। रेखांकित अंश का पद परिचय होगा
(i) पूर्वकालिक क्रिया, रीतिवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया ‘गा रहा है’
(ii) व्यक्तिवाचक संज्ञा, कर्ता कारक, एकवचन, स्त्रीलिंग, ‘गा रहा है’ क्रिया का कर्ता
(iii) जातिवाचक संज्ञा, कता कारक, एकवचन, पुल्लिग, ‘गा रहा है’ क्रिया का कता
(iv) व्यक्तिवाचक संज्ञा, कर्म कारक, एकवचन, पुल्लिग, ‘गा रहा है’ क्रिया का कताँ
उत्तर :
(i) बैठकर पूर्वकालिक क्रिया, रीतिवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया ‘गा रहा है’
(ग) मैने किसी से झगड़ा नहीं किया। रेखांकित अंश का पद परिचय होगा
(i) पुरुषवाचक सर्बनाम, एकवचन, कर्ता कारक, ‘किया’ क्रिया का कर्ता
(ii) निजवाचक सर्वनाम, एकवचन, कर्ता कारक, ‘किया’ क्रिया का कर्ता
(iii) निश्चयवाचक सर्वनाम, एकवचन, कर्ता कारक, ‘किया’ क्रिया का कर्ता
(iv) पुरुषवाचक सर्वनाम, बहुवचन, कर्ता कारक, ‘किया’ क्रिया का कर्ता
उत्तर :
(i) मैंने पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, कर्ता कारक, ‘किया’ क्रिया का कर्ता
(घ) पतोहू से ही आग दिलाई। रेखांकित अंश का पद परिचय होगा
(i) सकर्मक क्रिया, पुल्लिग, वर्तमान काल, कर्तृवाच्य
(ii) अकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, वर्तमान काल, कर्तृवाच्य
(iii) अकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, वर्तमान काल, कर्मवाच्य
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) दिलाई सकर्मक क्रिया, पुल्लिग, वर्तमान काल, कर्तृवाच्य
(ङ) जो बोएगा वही काटेगा। जो व्यक्ति यहाँ है, वही आए। दोनों वाव्यों में रेखांकित अंश का पद परिचय होगा
(i) पहला जो-अनिश्चयवाचक सर्वनाम, दूसरा जो-गुणवाचक विशेषण
(ii) पहला जो-निश्चयवाचक सर्वनाम, दूसरा जो-संख्यावाचक विशेषण
(iii) पहला जो-पुरुषवाचक सर्वनाम, दूसरा जो-परिमाणवाचक विशेषण
(iv) पहला जो-संबंधवाचक सर्वनाम, दूसरा जो-सार्वनामिक विशेषण
उत्तर :
(iv) पहला जो-संबधवाचक सर्वनाम, दूसरा जो-सार्वनामिक विशेषण
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) “डार दुम पलना बिछौना नव पल्लव के, सुमन झिगूला सोहै तन छवि भारी दे।” इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्त्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iii) मानवीकरण बसंत को कामदेव का पुत्र बताकर सुंदर अभिव्यंजना की गई है। प्रकृति पर मानवीय आरोप किया गया है। अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार है।
(ख) “दादुर थुनि चहुँ दिशा सुहाई, वेद पढ़हि जनु बटु समुदाई।” इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्त्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अविशयोक्ति
उत्तर :
(ii) उत्रेक्षा यहाँ मेंढकों की आवाज (उपमेय) में ब्रह्मचारी समुदाय द्वारा वेद पढ़ने की संभावना प्रकट की गई है। अतः यहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार है।
(ग) “जान पड़ता है नेत्र देख बड़े-बड़े हीरों में गोल नीलम है जड़ें।” इस काव्य-पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्र्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(ii) उत्रेक्षा इस काव्य-पंक्ति में बड़े-बड़े नेत्रों (उपमेय) में नीलम (उपमान) के होने की कल्पना की जा रही है। अतः यहाँ उत्मेक्षा अलंकार है।
(घ) “पी तुमहारी मुख बास तरंग आज बौरे भौरे सहकार।” इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्र्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(i) श्लेष प्रस्तुत पंक्ति में बौरे शब्द के दो अर्थ हैं पहला भौरे के लिए मस्त प्रतीत होना तथा दूसरा अर्थ है आम के प्रसंग में प्रतीत होना यहाँ आम के मंजरी निकलना बताया गया है। अतः यहाँ श्लेष अलंकार है।
(ङ) ‘बाँधा था विधु को किसने इन काली जंजीरों में, मणिवाले फणियों का मुख क्यों भरा हुआ है हीरों से।’ इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iv) अतिशयोक्ति इन काव्य-पंक्तियों में चॉद का मुख से, काली जंजीर का बालों से तथा मणिवाले फणियों से मोती भरी मोग का अतिशयोक्तिपूर्ण वर्णन किया गया है। अतः यहॉं अतिशयोक्ति अलंकार है।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
नमक-मिर्च छिड़क दिए जाने से ताजे खीरे की पनियाती फाँकें देखकर पानी मुँह में जरूर आ रहा था, लेकिन इनकार कर चुके थे। आत्मसम्मान निबाहना ही उचित समझा, उत्तर दिया, ‘शुक्रिया, इस वक्त तलब महसूस नहीं हो रही, मेदा भी ज़रा कमजोर है, किबला शौक फरमाएँ।’ नवाब साहब ने सतृष्ण आँखों से नमक-मिर्च के संयोग से चमकती खीरे की फाँकों की ओर देखा। खिड़की के बाहर देखकर दीर्घ नि:श्वास लिया। खीरे की एक फाँक उठाकर होंठों तक ले गए। फाँक को सूँघा। स्वाद के आनंद में पलके मूँद गईं। मुँह में भर आए पानी का घूँट गले से उतर गया, तब नवाब साहब ने फाँक को खिड़की से बाहर छोड़ दिया। नवाब साहब खीरे की फाँकों को नाक के पास ले जाकर, वासना से रसास्वादन कर खिड़ी के बाहर फेकते गए।
(क) गद्यांश के आधार पर बताइए कि लेखक ने क्या कहकर खीरा खाने से मना कर दिया?
(i) खीरा पसंद नहीं है
(ii) इस समय इसकी इच्छा महसूस नहीं हो रही है
(iii) मेरा मेदा भी जरा कमजोर है
(iv) (ii) और (iii) दोनों
उत्तर :
(iv) (ii) और (iii) दोनों लेखक ने यह कहकर खीरा खाने से मना कर दिया कि मुझे इस समय इसकी इच्छा महसूस नहीं हो रही है और मेरा मेदा भी जरा कमजोर है अर्थात् स्वास्थ्य भी सही नहीं है, कृपया आप ही इसका शौक फरमाएँ।
(ख) नवाब साहब ने खीरे की फाँकों को किस प्रकार देखा?
(i) सतृष्ण आँखों से
(ii) वितृष्ण आँखों से
(iii) तृष्ण से
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) सतृष्ण आँखों से नवाब साहब ने सतृष्ण आँखों से नमक-मिर्च के संयोग से चमकती खीरे की फांकों को देखा।
(ग) नमक-मिर्च छिड़कर दिए गए खीरे की फाँकों को देखकर लेखक की क्या स्थिति थी?
(i) लेखक उन्हे फेंकने को लालायित हो रहे थे
(ii) लेखक उन्हें खाने को लालायित हो रहे थे
(iii) लेखक उन्हें सूँघने को लालायित हो रहे थे
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) लेखक उन्हें खाने को लालायित हो रहे थे नमक-मिर्च छिड़ककर दिए गए ताजे खीरे की फॉकों को देखकर लेखक उन्हें खाने को लालायित हो रहे थे, परंतु लेखक ने उन खीरे की फॉकों को नहीं खाया।
(घ) नवाब साहब ने न चाहते हुए भी खीरे को खिइकी से बाहर क्यों फेंका?
(i) वे पहले ही खीरा खाने से इंकार कर चुके थे
(ii) वे पहले ही खीरा खाने को हाँ कर चुके थे
(iii) वे पहले ही खीरा फेंकने को तैयार हो चुके थे
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) वे पहले ही खीरा खाने से इंकार कर चुके थे नवाब साहब ने न चाहते हुए भी खीरे की फॉकों को खिड़की से बाहर इसलिए फेंका, क्योंकि वे पहले ही खीरा खाने से इंकार कर चुके थे। अतः उन्होंने उस समय आत्मसम्मान निभाना ही उथित समझा था।
(ङ) नवाब साहब ने खीरे की फाँकों का स्वाद किस प्रकार लिया?
1. केवल खीरों को देखकर
2. खीरों को खाकर
3. खीरों को होठों तक उठाकर
4. खीरों को सूँघकर
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) केवल 2 सही है
(iii) 1 और 3 सही है
(iv) 3 और 4 सही हैं
उत्तर :
(iv) 3 और 4 सही हैं गद्यांश में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि नवाब साहब ने खीरे की फाँको को होठों तक लाकर सूँघा और फिर एक-एक करके उनको खिड़की से बाहर फेंक दिया।
प्रश्न 8.
क्षितिज के गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(क) कैष्टन के चरित्र द्वारा लेखक ने किसे स्मरण करने का प्रयास किया है?
(i) देशहित के लिए कार्य करने वाले देशभक्तों को
(ii) चौराहे पर पान बेचने वाले को
(iii) चश्मे वाले और सैनिकों को
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) देशहित के लिए कार्य करने वाले देशमक्तों को कैष्टन के चरित्र द्वारा लेखक ने देशहित के लिए कार्य करने वाले देशभक्तों को स्मरण करने का प्रयास किया है।
(ख) ‘लखनवी अंदाज्र’ पाठ के आधार पर एब्ट्ट्रेव्ट कहा गया है
(i) नवाब साहब द्वारा खीरे के उपयोग करने के तरीके को
(ii) लेखक द्वारा खीरा खाने की इच्छा को
(iii) नवाब साहब द्वारा नवाबी दिखाने को
(iv) लेखक द्वारा आत्मसम्मान बनाए रखने को
उत्तर :
(i) नवाब साहब द्वारा खीरे के उपयोग करने के तरीके को ‘लखनवी अंदाज़’ पाठ के आधार पर नवाब साहब द्वारा खीरे के उपयोग करने के तरीके को एब्ट्रेक्ट कह्ता गया है।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
एक के नहीं, दो के नहीं,
देर सारी नदियों के पानी का जादू:
एक के नहीं, दो के नहीं,
लाख-लाख कोटि-कोटि हाथों के स्पर्श की गरिमा
एक की नहीं दो की नहीं,
हज़ार-हज़ार खेतों की मिट्टी का गुण धर्म
(क) फसल के उगने में किसका योगदान रहता है?
(i) अनेक व्यक्तियों के शारीरिक परिश्रम का
(ii) नदियों के जल का
(iii) खेतों की मिट्टी के गुणधर्म का
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये समी फसल के उगने में अनेक व्यक्ति के शारीरिक परिश्रम का, नदियों के जल का व खेतों की मिट्टी के गुणधर्म का योगदान रहता है।
(ख) ‘कोटि-कोटि हाथों के स्पर्श की गरिमा’ से क्या अभिप्राय है?
(i) किसानों के शारीरिक परिश्रम द्वारा फसल निर्माण से
(ii) हाथों द्वारा बीजों को मिट्टी में रोपित करने से
(iii) मशीनों के स्थान पर मानव श्रम को ही महत्त्व देने से
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) किसानों के शारीरिक परिश्रम द्वारा फसल निर्माण से काव्यांश के आधार पर ‘कोटि-कोटि हार्थों के स्पर्श की गरिमा’ से अभिम्माय किसानों के शारीरिक परिश्रम द्वारा फसल निर्माण से है।
(ग) ‘एक के नहीं, दो के नहीं’ पंक्ति की आवृत्ति क्यों की गई है?
(i) सामूहिकता के भाव को प्रकट करने के लिए
(ii) गणना करने के लिए
(iii) आलंकारिकता के लिए
(iv) आवृत्ति भाव उत्पन्न करने के लिए
उत्तर :
(i) सामूहिकता के भाव को प्रकट करने के लिए ‘एक के नहीं, दो के नहीं’ पंक्ति की आवृत्ति सामूहिकता के भाव को प्रकट करने के लिए की गई है।
(घ) ‘फसल’ कविता में कवि ने किस विषय में बताया है?
(i) फसल उत्पादन में मिट्टी की गुणवत्ता के सहयोग के विषय में
(ii) प्रकृति और मानव के परस्पर सहयोग के विषय में
(iii) किसानों के परिश्रम के विषय में
(iv) फसल उत्पादन में आवश्यक कारक तत्त्वों के विषय में
उत्तर :
(iv) फसल उत्पादन में आवश्यक कारक तत्त्वों के विषय में फसल कविता में कवि ने फसल के उत्पादन में आवश्यक कारक तत्त्वों के विषय में बताया है।
(ङ) फसल की पैदावार किसके जादू के कारण होती है?
(i) काली-संदली मिट्टी के मिश्रण द्वारा
(ii) रासायनिक खाद द्वारा
(iii) नदियों के पानी द्वारा
(iv) चाँद की किरणों द्वारा
उत्तर :
(iii) नदियों के पानी द्वारा फसल की पैदावार नदियों के पानी के जादू के कारण होती है।
प्रश्न 10.
पाठ्यपुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(क) ‘आत्मकथ्य’ पाठ के आधार पर बताइए कि ‘गागर रीति का अर्थ है
(i) खाली कटोरा
(ii) खाली घड़ा
(iii) खाली जमीन
(iv) खाली डब्या
उत्तर :
(ii) खाली घड़ा गागर रीति का अर्थ खाली घड़ा है।
(ख) ‘अट नहीं रही है’ कविता की प्रमुख विशेषता क्या है?
(i) इसमें कवि ने प्रकृति का मानवीकरण किया है
(ii) फागुन माह के अद्वितीय सौंदर्य का वर्णन किया है
(iii) प्रकृति की कोमलता व मनोहरता का जीवंत चित्रण किया है
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये सभी ‘अट नहीं रही है’ कविता की प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें कवि ने प्रकृति का मानवीकरण, फागुन माह के अद्वितीय सौंदर्य का वर्णन और प्रकृति की कोमलता व मनोहरता का जीवंत चित्रण किया है।
खंड ‘ब’
(वर्णनात्मक प्रश्न)
खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
प्रश्न 11.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) “उनका बेटा बीमार है, इसकी ख़बर रखने की लोगों को कहाँ फुरसत”-कथन द्वारा लेखक क्या कहना चाहता है? ‘बालगोबिन भगत’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर :
प्रस्तुत कथन द्वारा लेखक यह कहना चाहता है कि गॉव वाले भगत के बीमार बेटे का हाल-चाल जानने के लिए भगत के घर नहीं गए। सभी अपनी व्यस्त दिनचर्या में से थोड़ा समय भी नहीं निकाल पाए। शायद, उन्होंने भगत के बीमार बेटे का हाल-चाल पूछना आवश्यक नहीं समझा अथवा भगत की सामान्य दिनचर्या से उन्हें इसका पता ही नहीं चला।
(ख) ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के आधार पर बताइए कि कैष्टन कौन था? उसे कौन-सी बात आहत करती थी? इससे कैप्टन की कौन-सी विशेषता प्रकट होती है?
उत्तर :
कैष्टन चश्मे बेचने वाला एक सामान्य व्यक्ति था, जो फेरी लगाकर चश्मे बेचने का कार्य करता था। उसे इस बात से बहुत दु;ख होता था कि कस्बे के चौराहे पर लगी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मूर्ति बिना चश्मे की थी। चश्मा नेताजी की एक महत्त्वपूर्ण पहचान समझा जाता है, इसलिए उसे नेताजी की बिना चश्मे की मूर्ति आहत करती थी। इससे चश्मे वाले के द्धदय में देशभक्ति के भाव की विशेषता का पता चलता है।
(ग) ‘लखनवी अंदाज़’ पाठ के आधार पर बताइए कि लेखक को रेल का डिब्बा अनुमान के प्रतिकूल निर्जन क्यों नहीं लगा?
उत्तर :
जब लेखक रेलवे स्टेशन पहुँचा, तो उस समय गाड़ी छूट रही थी। लेखक सेकंड क्लास के एक डिबे को खाली समझकर दौड़कर उसमें चढ़ गया, क्योंकि सेकंड क्लास के डिब्ये में महँगे टिकट के कारण कम ही यात्री बैठते थे, किंतु वहाँ एक बर्थ पर लखनवी नवाबी अंदाज़ में एक सफ़ेदपोश सज्जन सुविधा से पालथी मारे बैठे हुए थे, इसलिए उसे डिब्या अनुमान के प्रतिकूल निर्जन नहीं लगा।
(घ) बिस्मिल्ला खाँ को संगीत से लगाव कब व किसके कारण हुआ तथा किसके गाने सुनकर उन्हें अत्यंत प्रसन्नता होती थी?
उत्तर :
बिस्मिल्ला खां को 14 वर्ष की आयु में नौबतखाने में रियाज के लिए जाना पड़ता था। वे रसूलन बाई और बतूलन बाई के यहाँ से होकर गुजरते थे, क्योंकि उनके गानों को सुनकर उन्हें अत्यंत प्रसन्नता होती थी। अपने साक्षात्कारों में बिस्मिल्ला खों ने इस बात को स्वीकार किया है कि उन्हें अपने जीवन के आरंभिक दिनों में संगीत से लगाव इन्हीं गायिका बहनों के कारण हुआ था।
प्रश्न 12.
निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 8 = 6)
(क) परशुराम के क्रोध करने पर राम की जो प्रतिक्रिया हुई. उसके आधार पर उनकी विशेषताएँ अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
परशुराम द्वारा क्रोध करने पर श्रीराम द्वारा की गई प्रतिक्रिया से उनके स्वभाव की जो विशेषताएँ उद्धटित होती हैं, वे निम्न हैं
(i) राम विनम्र और शांत स्वभाव के हैं।
(ii) राम ऋषि-भुनियों की आज्ञा का पालन करना जानते हैं। उनके मन में बड़ों के प्रति आदर और शद्धा का भाव है।
(ख) कवि ने बादलों को किस आकांक्षा को पूरा करने वाला बताया है? ‘उत्साह’ कविता के आधार पर लिखिए।
उत्तर :
कवि ने बादलों को गर्मी से पीड़ित-प्यासे जन की आकांक्षा को पूरा करने वाला तथा नई कल्पना और नए निर्माण के लिए क्रांति को संभव करने वाला बताया है। इस प्रकार बादल प्राणियों के जीवन में नई आशा और उत्साह का संचार करते हैं।
(ग) हर कार्य क्षेत्र में ऐसे सहायक मौजूद रहते हैं, जिन्हें कार्य की पूर्णता पर ही खुशी मिलती है। ‘संगतकार’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
हर कार्यक्षेत्र में ऐसे सहायक या संगतकार रहते हैं, जिन्हें कार्य की पूर्णता पर ही वुशी मिलती है। वे अपने लिए कुछ नहीं चाहते हैं। ‘संगतकार’ कविता मुख्य गायक के साथ गाने वाले, साथ देने वाले, शिष्य-परंपरा निभाने वाले उस छोटे गायक पर लिखी है, जो अपनी कमजोर, पतली व काँपती आवाज में मुख्य गायक का साथ देकर अपने धर्म का निर्वहन करता है। मनुष्यता और मानवीयता के मार्ग पर चलता है।
(घ) ‘फसल’ कविता के अनुसार फसल पैदा करने में किस-किस का सहयोग होता है और कैसे?
उत्तर :
लहलहाती फसल को पैदा करने में प्रकृति और मनुष्य दोनों का ही पारस्परिक सहयोग होता है। इसलिए कवि कहता है कि फसल को पैदा करने में केवल एक-दो नदियाँ ही नहीं, अपितु अनेक नदियाँ अपना जल देकर उसकी सिंचाई करती है। उसमें केवल एक-दो मनुष्यों का ही नहीं, अपितु लाखों-करोड़ों मनुष्यों का परिश्रम मिलता है और उसमें केयल एक-दो खेतों का ही नहीं, अपितु हज़ार-हज़ार खेतों की मिट्टी का गुण-धर्म मिलता है।
प्रश्न 13.
पूरक पाठ्य पुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए (4 × 2 = 8)
(क) भोलानाथ और उसके मित्र सामूहिक रूप से खेल खेलते थे। ‘माता का अँचल’ पाठ के आधार पर बताइए कि तत्कालीन व वर्तमान समय में बच्चों की खेल-सामग्रियों में क्या परिवर्तन आए हैं? बच्चों के खेलों में हुए परिवर्तनों का उनके मूल्यों पर कितना प्रभाव पड़ा है?
उत्तर :
भोलानाथ और उसके साथियों के द्वारा खेले जाने वाले खेल सामूहिक रूप से मिल-जुलकर खेले जाते थे। उनके खेलने की सामग्री अधिकतर मिट्टी के खिलौने, लकड़ी, मिट्टी के घड़े के टुकड़े, धूल, पानी, पत्ते और कागज आदि होते थे, जबकि आज प्लास्टिक के खिलौने व इलेक्ट्रोंनिक खिलौनों का प्रचलन है। खेल-सामग्रियों में आए उपरोक्त अंतर ने बच्चों के नैतिक मूल्यों को भी प्रभावित किया है। वर्तमान समय में बच्चों द्वारा जो खेल खेले जाते हैं, उन्होंने बच्चों को एकाकी बना दिया है। उनमें सहभागिता, सहयोग, सामाजिकता जैसे गुण धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे हैं।
(ख) यूमथांग में लेखिका सिक्फिम की एक चिप्स बेचने वाली महिला से मिलकर अधिक प्रसन्न हुई। ‘साना-साना हाथ जोड़’ पाठ के आधार पर बताइए कि लेखिका की प्रसन्नता का क्या कारण था?
उत्तर :
लेखिका को यूमथांग में सिक्किम की एक चिप्स बेचने वाली महिला से मिलकर प्रसन्नता हुई। शुरुआत में लेखिका ने जब उस चिप्स बेचने वाली युवती से पूछा-‘ क्या तुम सिक्किमी हो?” तब उसने उत्तर दिया “नहीं, मै इंडियन हूँ।” यह सुनकर लेखिका को अच्छा लगा। उसने अनुभव किया कि सिक्किम के लोग भारत में मिलकर बहुत प्रसन्न हैं। सिक्किम के लोगो ने पूरे मन से भारत को अपना देश मान लिया है। हर एक सिक्किमी ब्यक्ति भारतीयों में इस प्रकार मिल गया है कि लगता ही नहीं, कभी सिक्किम भारत में नहीं था। चिप्स बेचती युवती के माध्यम से राष्ट्रीय एकता के इस स्वरूप को अनुभव कर लेखिका को अत्यंत प्रसन्नता हुई।
(ग) हिरोशिमा के एक जले हुए पत्थर पर पड़ी छाया को देखकर लेखक ने क्या अनुमान लगाया? ‘मैं क्यों लिखता हूँ’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
लेखक ने हिरोशिमा की सड़क पर घूमते हुए एक पत्थर पर मानवाकार छाया देखी और अनुभव किया कि यह परमाणु बम की किरणों से झुलसा मानव था, तो लेखक के हृदय में भावनात्मक आकुलता का दबाव बना, उसे संवेदनात्मक प्रत्वक्ष अनुभूति हुई कि मानो वहाँ कोई व्यक्ति खड़ा रहा होगा, जो रेडियोधर्मी किरणों का शिकार हुआ। जिसने पत्थर तक को झुलसा दिया और उस व्यक्ति को भाप बनाकर उड़ा दिया और तब उसने सहसा ‘हिरोशिमा’ कविता लिखी।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए।
(क) शिक्षा का अधिकार
संकेत बिंदु
- भूमिका/शिक्षा की अवधारणा
- वर्तमान शिक्षा की श्रेणियाँ
- शिक्षा का अधिकार कानून
- माध्यमिक शिक्षा का महत्त्व
उत्तर :
शिक्षा का अधिकार
शिक्षा को मानव समाज में उच्च प्राथमिकता प्राप्त है, क्योंकि किसी भी देश की विकास प्रक्रिया का यह एक अभिन्न अंग है। शिक्षा के द्वारा ही हम अपना और समाज का विकास कर सकते हैं। वर्ष 2002 में संविधान के 86 वें संशोधन द्वारा अनुच्छेद 21 A के भाग 3 द्वारा 6-14 वर्ष तक के सभी बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान किया गया था। इसे प्रभावी बनाने के लिए 4 अगस्त, 2009 को लोकसभा में यह अधिनियम पारित कर दिया गया तथा 1 अप्रैल, 2010 से इसे लागू कर दिया गया। वर्तमान समय में शिक्षा मुख्यतः तीन श्रेणियों में संपन्न होती है-प्राथमिक, माध्यमिक तथा उथ्य एवं विश्वविद्यालयी शिक्षा। इनमें सबसे महत्त्वपूर्ण श्रेणी माध्यमिक शिक्षा की होती है, क्योंकि इस सीमा को पार करने के उपरांत ही कोई विश्वविद्यालयी शिक्षा की ओर बढ़ सकता है। अतः माध्यमिक शिक्षा किसी भी राष्ट्र की रीढ़ होती है। माध्यमिक शिक्षा के महत्त्व को देखते हुए ही हमारे देश में माध्यमिक स्तर की शिक्षा निःशुल्क प्रदान करके इसे लाभकारी बनाने का प्रयत्न किया गया है। शिक्षा पद्धति में राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक सुधार के लिए अनेक योजनाओं का क्रियान्ययन किया जा रहा है। समाज में शोषित वर्गो; जैसे-महिलाओं, पिछड़े पर्वतीय क्षेत्रों आदि में रहने वाले लोगों के लिए हमारी सरकार ने उच्च शिक्षा के विशेष कार्यक्रम, जानकारी और कुश्शता बढ़ाने के लिए सतत शिक्षा के कार्यक्रम आदि ‘इंदिरा गाँधी मुक्त विश्वविद्यालय’ के अंतर्गत प्रारंभ किए हैं। भारत के सुंदर भविष्य के लिए यह आवश्यक है कि शिक्षा का समुचित र्वस्थ वातावरण तैयार किज्या जाए, जहाँ शारीरिक, मानसिक एवं नैतिक रूप से स्वस्थ युवा अपनी क्षमताओं एवं योग्यताओं का विकास कर अपनी क्षमता का उपयोग देश के विकास में कर सकें।.
(ख) परउपदेश कुशल बहुतेरे
संकेत बिंदु
- भूमिका
- क्थनी से करनी श्रेष्ठ
- उपदेश देना मनुष्य की प्रवृत्ति
- व्यक्ति के आचरण का प्रभाव
उत्तर :
परउपदेश कुशल बहुतेरे
मनुष्य अपने स्वभाव के अधीन होता है। स्वभाव को परिवर्तित करना अत्यंत कठिन होता है और मनुष्य का स्वभाव है कि वह लोभ, ईर्ध्या, i द्वेष, क्रोध जैसी सामान्य वृत्तियों से स्वयं को मुक्त नहीं कर पाता। इन्हीं में से एक वृत्ति दूसरों को निईथक उपदेश देने की है। वह जिस आचरण का पालन स्वयं नहीं करता, वैसा आचरण करने के लिए दूसरों को सुझाव देता रहता है।
दूसरों को उपदेश देना बहुत सरल कार्य है। यह एक मनोवैज्ञानिक तथ्य है कि मनुष्य उपदेश देने की प्रवृत्ति में अत्यधिक रुचि रखता है। दूसरों को नसीहत देना कहीं-न-कहीं यह दर्शाता है कि नसीहत या उपदेश देने वाले व्यक्ति के मस्तिष्क में वे बातें गहरी बैठी हुई हैं। वह एक ज्ञानी के रूप में जिस आचरण का समर्थन करता है, उसी आचरण का अपने जीवन में पालन नहीं कर पाता, क्योंकि उसके ज्ञान पर उसकी कामुकता, लिप्ताएँ, सांसारिक सुख-सुविधाएँ आदि अत्यधिक हावी होती है। सामान्यतया अधिकांश व्यक्तियों की स्थिति ऐसी ही होती है। वास्तव में उपदेश देने का अधिकार उसी व्यक्ति को है, जो स्वयं भी उन उपदेशों का अपने जीवन में पालन करता हो। व्यक्ति जो बात बोल रहा है वह केवल दूसरों के लिए ही नहीं, बल्कि स्वय के ऊपर भी लागू होती है। उसी व्यक्ति का उपदेश प्रभावी होता है, जिसकी कथनी और करनी में अंतर नहीं होता। एक विचारक का कथन है-“सौ मन भाषण से एक कण आचरण श्रेष्ठ होता है। “जो व्यक्ति केवल बातें ही करते हैं, उपदेश ही देते हैं, आचरण नहीं करते उनकी बातों का लोगों पर कोई प्रभाव नहीं होता और जो ब्यक्ति अपने विचारों के अनुरूप आचरण करते हैं, उनसे सभी प्रभावित होते हैं। जो व्यक्ति आचरण को महत्त्व देता है, स्वयं भी अपने उपदेशों का पालन करता है, वह नैतिक रूप से साहसी होता है। नैतिक रूप से साहसी व्यक्ति ही अपने उपदेशों पर दृढ़ता से स्थिर रह सकता है।
(ग) मेरे जीवन का लक्ष्य
संकेत बिंदु
- भूमिका
- लक्ष्य चुनने का कारण
- मेरे जीवन का लक्ष्य
- अध्यापकों की भूमिका
उत्तर :
मेरे जीवन का लक्ष्य
यदि हमारे जीवन में जीने का कोई कारण नहीं होगा, कोई महत्त्वाकांक्षा नहीं होगी, कोई लक्ष्य नहीं होगा, तो हमारा जीवन भी व्यर्थ होगा। इसलिए सफलता के लिए हमारे जीवन का कोई-न-कोई लक्ष्य अवश्य होना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति की अपनी-अपनी रचि, अपनी-अपनी आकांक्षाएँ होती हैं। उन्हीं के अनुसार मनुष्य अपना जीवन-लक्ष्य निर्धारित करता है।
मेरे जीवन का भी एक निर्धारित लक्ष्य है। मैं एक आदर्श शिक्षक बनना चाहता हूँ। अध्यापक बनकर भावी भारत का भार उठाने तथा समर्थ नागरिकों का निर्माण ही मेरी महत्त्वाकांक्षा है। आज में ऐसे अनेक शिक्षकों को देखता हैं, जो शिक्षा का सच्या मूल्य नहीं समझते। वे मात्र धन कमाना ही अपने जीवन का उद्देश्य मान बेठे हैं। वे भूल गए हैं कि अध्यापक का कार्य बड़ा पवित्र और महान है। एक अच्छा शिक्षक ही अच्छे राष्ट्र की नींव रख सकता है। आध्यापक स्वय शिक्षा का केंद्र होता है। वह अपने शिष्यों को भी योग्य बनाकर उनके हृदय में ज्ञान की ज्योति प्रज्यलित कर सकता है। में शिक्षक बनकर ज्ञान के प्रकाश से जन-जन के मन में व्याप्त अंधकार को दूर करना चाहता हूँ। में भावी पीढ़ी में यह भाव भी जाग्रत करना चाहता हूं कि वे भगयान से यह प्रार्थना करें ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात् है प्रभु! मुझे अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो।
अध्यापक ही राष्ट्र की भावी पीढ़ी के जीवन को बनाते, सँवारते एवं सुधारते हैं। वे दुनिया से अज्ञान का अँधेरा दूर कर चारों ओर ज्ञान का प्रकाश फैलाते है। वे घन की कामना से दूर रहकर नि:स्वार्थ भाव से राष्ट्र की सेवा करते है। छात्रों में छिपी शक्ति को विकसित करना और उन्हें देश-सेवा के लिए तैयार करना कोई सामान्य बात नहीं है। मैं अध्यापक बनकर उन्हें स्वावलंबन, सेवा, सादगी, स्वाभिमान, अनुशासन और स्वच्छता का पाठ पढ़ाऊँगा। विवेकारंद बनने के लिए रामकृष्ण परमहंस जैसे गुरु की आवश्यकता होती है। भाव यह है कि चरित्रवान शिक्षक ही छात्रों में चरित्र बल का विकास कर सकता है। यदि मेरी यह इच्छा पूर्ण हुई, तो में अपना जीवन सार्थक समझूँगा।
प्रश्न 15.
किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए। (5)
आप राकेश अग्रवाल हैं। आपके क्षेत्र के स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही के कारण डेंगू फैलने पर उसकी रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग का ध्यान आकर्षित करने के लिए किसी प्रतिष्ठित समाचार-पत्र के संपादक को लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
अथवा
आप राहुल गर्ग हैं। आप छात्रावास में रहते हैं। आपको पिताजी से पता चला कि आपका छोटा भाई धूम्रपान करता है। इस व्यसन के दोषों का उल्लेख करते हुए तथा उसे इससे मुक्त होने की सलाह देते हुए लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
उत्तर :
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 25 जून, 20XX
सेवा में,
श्रीमान संपादक महोदय,
अमर उजाला, मेरठ (उत्तर प्रदेश)।
विषय स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण डेंगू का तीव्रता से फैलना।
महोदय,
में इस पत्र के माध्यम से आपका ध्यान स्वास्थ्य विभाग के लापरवाह व्यवहार की ओर दिलाना चाहती हूं। हमारे क्षेत्र में तैनात स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अपने कर्तव्य से विमुख हो गए हैं। वे कई-कई दिनों तक हमारे क्षेत्र में नहीं आते। यदि थोड़ी देर के लिए आ भी जाते हैं, तो अपना कार्य नहीं करते, बल्कि उसके स्थान पर किसी हलवाई या चाट-पकौड़ी वाले की दुकान पर बैठकर नाश्ता आदि करके वापस चले जाते हैं। हमारे क्षेत्र में डेंगू जैसा संक्रामक रोग फैला हुआ है, जिससे चारों ओर के लोग परेशान हो रहे हैं। उन्हें उचित समय पर स्वार्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रही है, जिस कारण कुछ लोगों को अपनी जान गँवानी पड़ रही है।
हमने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कई बार अपनी समस्याओं से अवगत भी कराया है, किंतु उन्होंने कोई उथित कार्यवाही नहीं की। उनकी लापरवाही कई जानें ले चुकी है। महोदय, आपसे बिनस्र निवेदन है कि आप स्वय अपने स्तर से इनकी जाँच कराने की कृपा करें, जिससे हमारी समस्याओं का निवारण किया जा सके।
धन्यवाद।
प्रार्थी
राकेश अग्रवाल
अथवा
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 15 अप्रैल, 20XX
प्रिय अनुज,
मधुर स्मृतियाँ! आशा है कि तुम सदा की तरह प्रसन्न होंगे। पिछली बार जब में घर गया था, तो पिताजी तुम्हारी धूम्रपान की आदत के कारण बहुत दुःखी दिखाई दे रहे थे। पहले तो मुझे भी इस बात पर विश्वास नहीं हुआ था, लेकिन जब उन्होंने मुझे यह बताया कि उन्होंने अपनी औँखों से तुम्हें धूम्रपान करते हुए देखा है, तो मुझे उनकी बात माननी पड़ी।
वैसे तो तुम समझदार हो, न जाने किस प्रकार इस व्यसन के शिकार हो गए। में तुम्हें बताना चाहता हूँ कि थूम्रपान से अस्थमा, टीबी तथा कैसर जैसी जानलेवा बीमारियाँ हो जाती हैं। धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों के पास लोग न तो बैठना पसंद करते हैं और न ही अपने घर बुलाना पसंद करते है। तुम जानते ही हो कि तुमसे दो छोटे भाई और भी हैं। तुम कल्पना भी नहीं कर सकते कि जब वे तुम्हें थूम्रपान करते हुए देखते होंगे, तो उन पर इसका कितना गलत प्रभाव पड़ता होगा। यदि कल वे भी इस बुरी आदत का शिकार हो गए, तो तुम किस मुहह से उन्हें रोक सकोगे।
मुझे आशा है कि मेरी बातों का बुरा न मानकर धीरे-धीरे इस बुरी आदत से छुटकारा पाने की कोशिश करोगे।
तुम्हारा अग्रज
राहुल गर्ग
प्रश्न 16.
आप माँगीलाल कुमार हैं। आप 12 वीं पास कर चुके हैं। आपको आदर्श विद्या मंदिर स्कूल अ ब स नगर में चपरासी पद के लिए आवेदन करना है। इसके लिए आप अपना एक संक्षिप्त स्वतृत्त (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए।
अथवा
आप मोहिनी दूबे हैं। आपका टेलीफोन नेटवर्क एक सप्ताह से सही काम नहीं कर रहा है। इससे संबंधित शिकायत करने हेतु भारत संचार निगम लिमिटेड को लगभग 80 शब्दों में ई-मेल लिखिए।
उत्तर :
स्ववृत्त –
नाम : माँगीलाल कुमार
पिता का नाम : आ रामसहाय कुमार
माता का नाम : श्रीमती पद्मा देवी
जन्म तिथि : 19 जुलाई, 19XX
वर्तमान पता : ए-22, सेक्टर-3, बज विहार आगरा 3000XX
स्थायी पता : उपर्युक्त
दूरभाष नंबर : 0115468XX
मोबाइल नंबर : 78XXXXXX
ई-मेल : [email protected]
शैक्षणिक योग्यताएँ
अन्य संबंधित योग्यताएँ
- बागवानी में योग्यता म्राप्त
- हिंदी भाषा का ज्ञान
संदर्भित व्यक्तियों का विवरण
- श्री सौरभ अग्रवाल, आर. के. विद्यालय के प्रधानाध्यापक
तिथि : 6.10.20XX
स्थान : आगरा
हस्ताक्षर
माँगीलाल कुमार
अथवा
प्रश्न 17.
आप स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं, पल्स-पोलियो के प्रचार-प्रसार के लिए स्थानीय समाचार-पत्र में उसका विज्ञापन देना चाहते हैं। आप उनके लिए लगभग 40 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।
अथवा
आप रितिका चौहान हैं। आपके विद्यालय में किसी प्रसिद्ध संगीतकार का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, इसके लिए लगभग 40 शब्दों में एक संदेश लिखिए।
उत्तर :
अथवा
संगीत कार्यक्रम के आयोजन संबंधी संदेश
दिनांक : 16 अगस्त, 20XX
समय : 2:00 बजे दोपहर
सभी विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि आगामी दिनांक 25 अगस्त, 20XX को विद्यालय के मुख्य होंल में प्रसिद्ध संगीतकार उस्ताद उस्मान खौं का शहनाई वादन कार्यक्रम सायं 5 बजे से प्रारंभ होगा। सभी विच्यार्थी, अध्यापक एवं कर्मचारी इसमें सादर आमंत्रित हैं। कार्यक्रम निश्चित समय पर शुरू होगा। समय से पूर्व उपसिथति प्रार्थनीय है। छात्र परिचय-पत्र लेकर आएँ।
धन्यवाद