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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 8 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-‘अ’ और ‘ब’। खंड ‘अ’ में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खंड ‘ब’ में वस्तुनिष्ठ/वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
- प्रश्न-पत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 हैं और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- यथासभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
- खंड ‘अ’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्नश्नों की संख्या 44 हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य हैं।
- खंड ‘ब’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
खंड ‘अ’
(बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्न)
खंड ‘अ’ में अपठित गद्यांश-पद्यांश, व्यावहारिक व्याकरण व पाठ्य-पुस्तक से संबंधित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्न दिए गए हैं, जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
हर भाषा किसी-न-किसी समाज की एक मातृभाषा होती है। उसका अपना एक विशिष्ट साहित्य होता है। उस भाषा के साहित्य का अध्ययन करके हम उस भाषा-भाषी समाज के बारे में, उसकी सभ्यता और संस्कृति के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। विदेशी भाषा का अध्ययन बुरी बात नहीं है। इससे हमारी संवेदना व्यापक होती है, हमारे ज्ञान का विस्तार होता है, हमारी मानवीय दृष्टि में व्यापकता आती है और विचारों में उदारता का समावेश होता है। भाषा किसी जाति की सभ्यता और संस्कृति की वाहक होती है। यदि हमारे पास अपनी भाषा का ज्ञान नहीं होगा, तो हम अपनी पहचान खो देंगे। मातृभाषा हमें राष्ट्रीयता से जोड़ती है और देश प्रेम की भावना उत्रेरित भी करती है। मातृभाषा ही किसी भी व्यक्ति के शब्द और संप्रेषण कौशल की उद्यम होती है। एक कुशल संप्रेषक अपनी मातृभाषा के प्रति उतना ही संवेदनशील होगा जितना विषय-वस्तु के प्रति।
मातृभाषा व्यक्ति के संस्कारों की परिचायक है। मातृभाषा के प्रचार से सदाचार को किसी विचित्र तथा विलक्षण मानसिक प्रभाव के करण अत्यंत लाभ होता है। मातृभाषा के द्वारा हम जो सीखते हैं, वह संसार के अन्य किसी भाषा के द्वारा नहीं सीख सकते हैं। अपनी भाषा या मातृभाषा में हमारा हुदय बोलता है। हमारा राष्ट्र-हुदय उसमें धड़कता है, इसलिए विदेशी भाषा की अपेक्षा मातृभाषा का महत्त्व अधिक होता है। जब तक कोई राष्ट्र अपनी भाषा को नहीं अपनाता तब तक वह स्वावलंबी नहीं बन सकता और विकास नहीं कर सकता। मातृभाषा चिंतन और मनन की भाषा होती है। संपूर्ण समाज उसी के माध्यम से स्वयं को व्यक्त करता है। जरूरत इस बात की है कि हमारे साहित्य का माध्यम भारतीय भाषा या मातृभाषा हो, जिसमें राष्ट्र के हृदय मन-प्राण के सूक्ष्मतः और गंभीर संवेदना मुखरित हो। हमारा साहित्य विदेशी परंपरा से संबंधित न होकर हमारी अपनी सांस्कृतिक परंपराओं का प्रतिनिधित्व करे।
(क) निम्नलिखित कथन को पढ़कर सही विकत्प का चयन कीजिए। प्रत्येक समाज की मातृभाषा में निहित है
1. उस समाज का विशिष्ट साहित्य।
2. उसकी सभ्यता और संस्कृति का ज्ञान।
3. स्वावलंबी बनाने की शक्ति।
4. विस्तारित ज्ञान व व्यापक संवेदना। कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) केवल 2 सही है
(iii) 1,2 और 3 सही हैं
(iv) 3 और 4 सही है
उत्तर :
(iii) 1,2 और 3 सही हैं प्रत्येक समाज की मातृभाषा में उसका विशिष्ट साहित्य, सभ्यता और संस्कृति का ज्ञान तथा स्वावलंबी बनाने की शक्ति निहित होती है।
(ख) मनुष्य स्वावलंबी कब बन सकता है?
(i) जब मनुष्य को अपनी भाषा और साहित्य का ज्ञान होगा
(ii) जब अपनी सभ्यता व संस्कृति का ज्ञान होगा
(iii) विचारों में उदारता आने पर
(iv) जब मानवीय दृष्टि में व्यापकता हो
उत्तर :
(i) जब मनुष्य को अपनी भाषा और साहित्य का जान होगा मातृभाषा का हमारे जीवन में विशेष महत्त्य है। संपूर्ण समाज इसी के माध्यम से स्वयं को ब्यक्त करता है। अतः जब मनुष्य को अपनी भाषा और साहित्य का ज्ञान होगा, तभी वह स्वावलंबी बन सकता है।
(ग) विदेशी भाषा की अपेक्षा मातृभाषा का महत्त्व अधिक क्यों हैं?
(i) मातृभाषा में हम अपने भावों और विचारों को व्यक्त करते हैं
(ii) मातृभाषा में हमारा हुदय बोलता है
(iii) मातृभाषा में हमारा राष्ट्र-हुदय घड़कता है
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये सभी प्रत्येक भाषा का अपना एक विशिष्ट साहित्य होता है। मातृभाषा में हम अपने भावों और विचारों को कुशलता से व्यक्त कर सकते हैं, मातृभाषा में हमारा हृंदय बोलता है तथा राष्ट्र-ट्द्यग उसमें धड़कता है, इसलिए विदेशी भाषा की अपेक्षा मातृभाषा का महत्त्व अधिक है।
(घ) ‘उसका अपना एक विशिष्ट साहित्य होता है।’ वाक्य में ‘उसका’ शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
(i) विचारों के लिए
(ii) मातृभाषा के लिए
(iii) सभ्यता के लिए
(iv) संस्कृति के लिए
उत्तर :
(ii) मातृभाषा के लिए प्रस्तुत वाक्य में ‘उसका’ शब्द मातृभाषा के लिए प्रयुक्त हुआ है।
(ङ) कथन (A) मनुष्य को अपनी मातृभाषा को अधिक महत्त्व देना चाहिए। कारण (R) संपूर्ण समाज उसी के द्वारा स्वयं को व्यक्त करता है।
(i) कथन A गलत है, कितु कारण R सही है।
(ii) कथन A और कारण R दोनों गलत हैं।
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या करता है।
(iv) कथन A और कारण R दोनों सही हैं, परंतु कारण R कथन A की सही व्याख्या नहीं करता है।
उत्तर :
(iii) कथन (A) और कारण ( B) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है मनुष्य को अपनी मातृभाषा को अधिक महत्त्व देना चाहिए, क्योंकि संपूर्ण समाज उसी भाषा के माध्यम से स्वयं को व्यक्त करता है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
एक दिन तने ने भी कहा था,
जड़?
जड़ तो जड़ ही है,
जीवन से सदा डरी रही है,
और यही है उसका सारा इतिहास
कि ज़मीन में मुँह गड़ाए पड़ी रही है;
लेकिन मैं ज्ञमीन से ऊपर उठा,
बाहर निकला, बढ़ा हूँ.
इसी से तो तना हूँ.
एक दिन डालों ने भी कहा था
तना?
किस बात पर है तना?
जहाँ बिठाल दिया गया था वहीं पर है बना,
प्रगतिशील जगती में तिल भर नहीं डोला है,
खाया है, मोटाया है, सहलाया चोला है,
लेकिन हम तने से फूटीं,
दिशा-दिशा में गई
ऊपर उठीं, नीचे आईं,
हर हवा के लिए ढोल बनीं, लहराईं
इसी से तो डाल कहलाई
एक दिन पत्तियों ने भी कहा था,
डाल?
डाल में क्या है कमाल?
माना वह झूमी है, झुकी, डोली है
ध्वनि प्रधान दुनिया में
एक शब्द भी वह कभी बोली है?
लेकिन हम हर-हर स्वर करती हैं,
मर्मर स्वर मर्म भरा भरती हैं
नूतन हर वर्ष हुई,
पतझर में झर
बहार-फूट फिर छहरती हैं,
विथकित-चित्त पंथी का
शाप-ताप हरती हैं।
(क) इस कविता के केंदीय भाव हेतु दिए गए कथनों को पढ़कर सही विकल्प चुनिए
1. जड़ें सदैव जमीन के ऊपर रहती हैं।
2. मनुष्य सदैव अपनी ही उन्नति के मार्ग पर अग्रसर रहता है।
3. इस मार्ग में अनेक लोग आते हैं।
4. सफलता के लिए सहभागिता की आवश्यकता होती है।
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 1 और 2 सही हैं
(iii) 2, 3 और 4 सही हैं
(iv) 1, 2, 3 और 4 सही है
उत्तर :
(iii) 2,3 और 4 सही हैं काव्यांश में सहभागिता के महत्त्व को प्रतिपादित किया गया है अर्थात् मनुष्य अपने जीवन में उन्नति के मार्ग पर 1 सदैव अग्रसर रहता है और इस मार्ग में अनेक लोग आते हैं, जिनकी वह सहायता लेता है, क्योंकि सफलता के लिए सहभागिता की आवश्यकता होती है।
(ख) पत्तियाँ डाल की किस कमी की ओर संकेत करती हैं?
(i) डाल के दिशा-दिशा में घूमने की
(ii) डाल के प्रगतिशील होने की
(iii) डाल के बोल न पाने की
(iv) डाल का हवा के लिए ढोल बनने की
उत्तर :
(iii) डाल के बोल न पाने की पत्तियाँ डाल के बोल न पाने की कमी की ओर संकेत करती है। वे कहती हैं कि माना डाल झूमती हुई सभी दिशाओं में घूमती है, परतु ध्वनि प्रधान दुनिया में वह कभी एक शब्द भी नहीं बोलती है।
(ग) ‘लेकिन हम हर-हर स्वर करती हैं का अर्थ है कि
(i) हवा चलने पर पत्तियाँ हिलती है
(ii) हृवा से ध्वनि उत्पन्न होती है
(iii) पत्तियाँ हिलने से हर की ध्वनि उत्पन्न होती है
(iv) पत्तियाँ एक शब्द भी नहीं बोलतीं
उत्तर :
(iii) पत्तियाँ हिलने से हर की ध्वनि उत्पन्न होती है ‘लेकिन हम हर-हर स्वर करती हैं’ का आशय हवा चलने पर पत्तियों के हिलने से हर-हर की ध्वनि उत्पन्न होती है।
(घ) ‘डाल ने अपनी क्या सार्थकता बताई है?
(i) उस पर पत्ते हैं
(ii) डालियाँ संख्या में बहुत अधिक होती हैं
(iii) गतिशील होती हैं
(iv) पक्षी घर बना सकते हैं
उत्तर :
(iii) गतिशील होती हैं डाल अपनी सार्थकता बताते हुए कहती है कि में चारों दिशाओं में फैली हूँ अर्थात् गतिशील हूँ। तने की भाँति एक ही स्थान पर स्थिर नहीं रहती हूँ।
(ङ) कथन (A) और कारण (R) पर विचार करते हुए सही विकल्प चुनिए।
कथन (A) तने ने जड़ को निर्जीव कहा, क्योंकि वह सदैव जमीन के नीचे रहती है।
कारण (R) वह अंधेरे में रहती है और उसने बाहर निकलर विश्व को नहीं देखा है।
(i) कथन (A) सही है तथा कारण (R) गलत है।
(ii) कथन (A) गलत है तथा कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनो सही है तथा कथन (A) कारण (R) की सही व्याख्या करता है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही है, किंतु कथन (A) कारण (R) की सही व्याख्या नही करता है।
उत्तर :
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही है तथा कथन (A) कारण (R) की सही व्याख्या करता है। प्रस्तुत कविता के अनुसार, तने के जड़ को निर्जीव कहा है, क्योंकि वह सदेव जमीन में दबी रहती है उसने कभी बाहर की दुनिया नहीं देखी। वह हमेशा अँधेरे में अपना जीवन-यापन करती है तथा वह एक ही स्थान पर जीवनपर्यंत स्थिर होकर जर्मी रहती है।
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) ‘लाभ वाला काम करो।’ इसका मिश्र वाक्य होगा
(i) काम करो परंतु लाभ वाला
(ii) ऐसा काम करो, जिसमें लाभ हो
(iii) लाभ वाला काम करो
(iv) लाभ के साथ-साथ काम करो
उत्तर :
(ii) ऐसा काम करो, जिसमें लाभ हो
(ख) “मैने उसे बहुत समझाया पर वह न मानी।” इसका सरल वाक्य होगा
(i) मैने उसे बहुत समझाया परंतु वहु न मानी
(ii) मैंने उसे बहुत समझाया और वह न मानी
(iii) मेरे बहुत समझाने पर भी वह न मानी
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(iii) मेरे बहुत समझाने पर भी वह न मानी
(ग) ‘पत्थर की मूर्ति पर चश्मा असली था।’ इसका संयुक्त वाक्य होगा
(i) उसका चश्मा असली था, जो पत्यर की मूर्ति थी
(ii) पत्थर की मूर्ति थी, जिसका चश्मा असली था
(iii) मूर्ति पत्थर की थी, लेकिन उस पर चश्मा असली था
(iv) जो मूर्ति पत्थर की थी, उसका चश्मा असली था
उत्तर :
(iii) मूर्ति पत्थर की थी, लेकिन उस पर चश्मा असली था
(घ) निम्नलिखित वाक्यों में मिश्र वाक्य पहचानकर नीचे दिए गए सही विकल्प को चुनिए।
1. रामू घर का सामान खरीदने बाजार चला गया।
2. रामू इसलिए बाजार चला गया, क्योंकि उसे घर का सामान खरीदना था।
3. रामू बाजार चला गया और वहाँ से सामान खरीदा।
4. रामू ने बाजार जाते ही घर का सामान खरीदा। कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) केवल 2 सही है
(iii) 3 और 4 सही है
(iv) 1, 2, 3 और 4 सही हैं
उत्तर :
(ii) केवल 2 सही है
(ङ) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. कल्पना इसलिए बाजार जा रही है, ताकि मिठाई खरीद सके। | 1. सरल वाक्य |
B. कल्पना बाजार जा रही है और वह मिठाई खरीदेगी। | 2. संयुक्त वाक्य |
C. कल्पना मिठाई खरीदने बाजार जा रही है। | 3. मिश्र वाक्य |
कूट
A B C
(i) 1 3 2
(ii) 1 2 3
(iii) 3 2 1
(iv) 2 1 3
उत्तर :
(iii) A-3, B-2, C-1
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकत्प का चयन कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. बच्चों से चुप नहीं बैठा जाता | 1. कर्तृवाच्य |
B. बच्चों द्वारा बाग में फूल चुने जाते हैं | 2. कर्मवाच्य |
C. बच्चे बाग में फूल चुनते हैं। | 3. भाववाच्य |
कूट
A B C
(i) 2 1 3
(ii) 1 3 2
(iii) 2 3 1
(iv) 3 2 1
उत्तर :
(iv) A-3, B-2, C-1
(ख) इनमें कर्मवाच्य का उदाहरण है
(i) अध्यापक के द्वारा हमें आज नया पाठ पढ़ाया गया
(ii) अध्यापक ने हमें नया पाठ पढ़ाया
(iii) अध्यापक से हमें पढ़ाया जा सका
(iv) अध्यापक से पढ़ाया नहीं जाता
उत्तर :
(i) अध्यापक के द्वारा हमें आज नया पाठ पढ़ाया गया
(ग) इसमें कर्तृवाच्य का उदाहरण है
(i) पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया जा सकता है
(ii) पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया जाता है
(iii) पुलिस ने लाठीचार्ज किया
(iv) पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया
उत्तर :
(iii) पुलिस ने लाठीचार्ज किया
(घ) मोहन चल नहीं सकता। इसका भाववाच्य होगा
(i) मोहन द्वारा चला नहीं गया
(ii) मोहन से चला नहीं जाता
(iii) मोहन से नहीं चला गया
(iv) मोहन चल नहीं सका
उत्तर :
(ii) मोहन से चला नहीं जाता
(ङ) ‘माँ ने भिखारी को भोजन दिया’ इसका कर्मवाच्य होगा
(i) माँ द्वारा भिखारी को भोजन नहीं दिया जाता
(ii) माँ द्वारा भिखारी को भोजन दिया गया
(iii) माँ से भिखारी को भोजन मिला
(iv) माँ द्वारा भिखारी को भोजन दिया जाता है
उत्तर :
(ii) मों द्वारा भिखारी को भोजन दिया गया
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) हुसैन आज दिल्ली जाएगा। रेखांकित अंश का पद-परिचय है
(i) व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, कर्ताकारक
(ii) जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, कर्ताकारक
(iii) व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिग, एकवचन, कर्मकारक
(iv) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्मकारक
उत्तर :
(i) हुसैन व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, कर्ताकारक
(ख) राहुल प्रतिदिन व्यायाम करता है। रेखांकित अंश का पद-परिचय है
(i) रीतिवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-करता है
(ii) कालवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-करता है
(iii) स्थानवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-करता है
(iv) परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-करता है
उत्तर :
(ii) प्रतिदिन कालवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-करता है
(ग) शाबाश! तुमने बहुत अच्छा कार्य किया। रेखांकित अंश का पद-परिचय है
(i) सर्वनाम, एकवचन, मध्यम पुरुषवाचक, कर्ताकारक
(ii) व्यक्तिवाचक संज्ञा, उत्तम पुरुषवाचक, एकवचन, कर्ताकारक
(iii) सर्वनाम, एकवचन, मध्यम पुरुषवाचक, कर्ताकारक
(iv) सर्वनाम, एकवचन, उत्तम पुरुषवाचक, कर्मकारक
उत्तर :
(i) तुमने सर्वनाम, एकवचन, मध्यम पुरुषवाचक, कर्ताकारक
(घ) काशी में मरण भी मंगल माना गया है। रेखांकित अंश का पद-परिचय है
(i) सकर्मक क्रिया, कर्म-मंगल, सामान्य भूतकाल, कर्तृवाच्य
(ii) सकर्मक क्रिया, कर्म-मंगल, पूर्ण भूतकाल, कर्मवाच्य
(iii) अकर्मक क्रिया, सामान्य भूतकाल, कर्मवाच्य
(iv) अकर्मक क्रिया, पूर्ण भूतकाल, कर्तृवाच्य
उत्तर :
(ii) माना गया है। सकर्मक क्रिया, कर्म-मंगल, पूर्ण भूतकाल, कर्मवाच्य
(ङ) आप लोग घर चले जाओ। आप यहाँ कल आना। दोनों वाक्यों के ‘आप’ का सामान्य पद-परिचय है
(i) पह़ला आप-परिमाणवाचक विशेषण, दूसरा आप-निजवाचक सर्वनाम
(ii) पहला आप-सार्वनामिक विशेषण, दूसरा आप-मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम
(iii) पहला आप-मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम, दूसरा आप-निजवाचक सर्वनाम
(iv) पहला आप-सार्वनामिक विशेषण, दूसरा आप-निजवाचक सर्वनाम
उत्तर :
(ii) पहला आप-सार्वनामिक विशेषण, दूसरा आप-मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) पायी अपर्वू थिरता मृदु वायु न भी,
मानो अचचंल विमोहित हो बनी थी।
इस दोहे में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(ii) उत्प्रेक्षा उपर्युक्त काब्य पंक्तियों में वायु के अचंचल (स्थिर) होने के कारण ही संभायना की गई कि वह विमोहित हो गई है, परंतु निर्जीव वायु विमोहित हो ही नहीं सकती है। इस प्रकार हेतु (मोहित) न होने पर भी मोहित की संभावना की गई है। अतः यहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार है।
(ख) ‘बलिहारी नृप कूप की, गुन बिन बूँद न देइ।’ इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(i) श्लेष प्रस्तुत काव्य पंक्ति में ‘गुन’ शब्द में श्लेष अलंकार है। ‘गुन’ शब्द के यही दो अर्थ ग्रहण किए गए हैं। नृप (राजा) के पक्ष में ‘गुन’ का अर्थ है-गुण या विशिष्टता तथा कूप (कुएँ) के पक्ष में ‘गुन’ का अर्थ है-रस्सी।
(ग) ‘हैंसमुख हरियाली हिम आतप, सुख से अलसाए-से सोए’ प्रस्तुत काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iii) मानवीकरण प्रस्तुत पंक्ति में हैंसती हरियाली हिम और आतप (धूप) को अलसाया और सोया हुआ दिखाया गया है। अतः यहों मानवीकरण अलंकार है।
(घ) ‘चरन धरत चिता करत, चितवत चारिहुं ओर। सुबरन को ढूँढ़त फिरत, कवि, व्यभिचारी, चोर।।’ इस दोहे में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(i) श्लेष प्रस्तुत दोहे की दूसरी पंक्ति में ‘सुबरन’ का प्रयोग किया गया है, जिसे कवि व्यभिचारी एवं चोर तीनों ही खोज रहे हैं। यहा सुबरन के तीन अर्थ हैं-कवि अच्छे बर्ण को, व्यभिचारी अच्छे रूप-रंग को तथा चोर स्वर्ण को ढूँढ रहा है। अतः यही श्लेष अलंकार है।
(ङ) ‘अचल हिमगिरि के हुदय में आज चाहे कंप हो ले या प्रलय के औसुओं में मौन अलसित व्योम रो ले। इन काव्य-पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iii) मानवीकरण प्रस्तुत काव्य पंक्तियों में हिमगिरि निर्जीव वस्तु है पर उसके हृदय में कंपन होना मानवीय चेष्टा है। इसी प्रकार प्रलय एक निर्जीव वस्तु है, इसके आँसुओं में मौन होकर व्योम (आकाश) जो निर्जीव है, का मौन होना, अलसाना और रोना सभी मनुष्य संबंधित गुण है। इस प्रकार यहाँ हिमगिरि तथा व्योम पर (जो कि जड़ है) मानवीय क्रियाएँ आरोप किया गया।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
जो शब्द सबसे कम समझ में आते हैं और जिनका उपयोग होता है सबसे अधिक; ऐसे दो शब्द हैं सभ्यता और संस्कृति। इन दो शब्दों के साथ जब अनेक विशेषण लग जाते हैं, उदाहरण के लिए जैसे भौतिक-सभ्यता और आध्यात्मिक-सभ्यता, तब दोनों शब्दों का जो थोड़ा बहुत अर्थ समझ में आया रहता है, वह भी गलत-सलत हो जाता है। क्या यह एक ही चीज़ है अथवा दो वस्तुएँ? यदि दो हैं तो दोनों में क्या अंतर है? हम इसे अपने तरीके पर समझने की कोशिश करें। कल्पना कीजिए उस समय की जब मानव समाज का अग्नि देवता से साक्षात् नहीं हुआ था। आज तो घर-घर चूल्हा जलता है। जिस आदमी ने पहले पहल आग का आविष्कार किया होगा, वह कितना बड़ा आविष्कर्ता होगा! अथवा कल्पना कीजिए उस समय की जब मानव को सुई-धागे का परिचय न था, जिस मनुष्य के दिमाग में पहले-पहल बात आई होगी कि लोहे के एक टुकड़े को घिसकर उसके एक सिरे को छेदकर और छेद में धागा पिरोकर कपड़े के दो टुकड़े एक साथ जोड़े जा सकते हैं, वह भी कितना बड़ा आविष्कर्ता रहा होगा।
(क) जिनका उपयोग सबसे अधिक होता है ऐसे शब्द हैं
(i) सभ्यता
(ii) संस्कृति
(iii) (i) और (ii) दोनों
(iv) भौगोलिकता
उत्तर :
(iii) (i) और (ii) दोनों जिन शब्दों का प्रयोग सबसे अधिक होता है ऐसे शब्दों को सभ्यता और संस्कृति कहते है।
(ख) लेखक के अनुसार, मानव का किससे परिचय नहीं हुआ था?
(i) जल से
(ii) वायु से
(iii) अगिन से
(iv) ईश्वर से
उत्तर :
(iii) अग्नि से लेखक के अनुसार मानव का परिचय अग्नि से नहीं हुआ था।
(ग) लेखक के अनुसार, किसके टुकड़े को घिसकर उसके सिरे को छेदकर उसमे धागा पिरोया जाता है?
(i) लोहे के
(ii) लकड़ी के
(iii) सोने के
(iv) पीतल के
उत्तर :
(i) लोहे के लेखक के अनुसार लोहे के सिरे को घिसकर उसके सिरे को छेदकर उसमें धागा पिरोया जाता है।
(घ) लेखक ने गद्यांश में किसके आविष्कार का उदाहरण दिया है?
(i) पानी और मिट्टी
(ii) मोबाइल और टी.वी.
(iii) आग और सुई
(iv) कम्प्यूटर और रेडियो
उत्तर :
(iii) आग और सुई लेखक के द्वारा गच्यांश में आग और सुई का उदाहरण दिया गया है।
(ङ) भौतिक शब्द का अर्थ है
(i) संसारिक
(ii) मन की प्रवृत्ति
(iii) आध्यात्मिक
(iv) अधीनता
उत्तर :
(i) सांसारिक गय्यांश के अनुसार भौतिक शब्द का अर्थ सांसारिक है।
प्रश्न 8.
क्षितिज के गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(क) ‘एक कहानी यह भी’ पाठ लेखिका की आत्मकथा का हिस्सा नहीं है, क्योंकि
(i) इसमें लेखिका के परिवार के सभी व्यक्तियों का वर्णन किया गया है
(ii) इसमें लेखिका ने अपने से संबंधित किसी भी व्यक्ति का वर्णन नहीं किया है
(iii) इसमें उन्होंने उन व्यक्तियों या घटनाओं के बारे में लिखा है, जिनका संबंध उनकी रचनाओं से रहा है
(iv) इसमें लेखिका की निजी घटनाओं का वर्णन किया गया है
उत्तर :
(iii) इसमें उन्होंने उन व्यक्तियों या घटनाओं के बारे में लिखा है, जिनका संबंध उनकी रचनाओं से रहा है ‘एक कहानी यह भी’ पाठ लेखिका की आत्मकथा का हिस्सा नहीं है, क्योकि इसमें लेखिका ने केवल उन्हीं व्यक्तियों या घटनाओं का वर्णन किया है, जिनका संबंध उनके लेखकीय जीवन से रहा है।
(ख) वालगोबिन भगत’ के संगीत के जादू का प्रभाव किस-किस पर पड़ता है?
(i) किसानों व आस-पास खेलते हुए बच्चों पर
(ii) संत कबीर पर, हलवाहों के पैर ताल पर
(iii) कार्तिक पर, मेड पर खड़ी औरतों पर
(iv) किसानों, बच्चों, मेड़ पर खड़ी औरतों, हलवाहों तथा रोपण करने वालों की अँगुलियों पर
उत्तर :
(iv) किसानों व आस-पास खेलते हुए बच्चों मेड़ पर खड़ी औरतों, हलवाहों तथा रोपण करने वालों की अँगुलियों पर पाठ में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि भगत के संगीत का जादू किसानों व आस-पास खेलते हुए बच्चों मेड़ पर खड़ी औरतों, हलवाहों तथा रोपण करने वालों की अँगुलियों पर पड़ता है। बालगोबिन भगत का संगीत संपूर्ण वातावरण को मुग्ध कर देता है।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
हरि हैं राजनीति पदि आए।
समुझी बात कहत मधुकर के, समाचार सब पाए।
इक अति चतुर हुते पहिलैं ही, अब गुरु ग्रंथ पढ़ाए।
बढ़ी बुद्धि जानी जो उनकी, जोग-संदेस पठाए।
ऊधौ भले लोग आगे के, पर हित डोलत धाए।
अब अपनै मन फेर पाइ हैं, चलत जु हुते चुराए।
ते क्यौं अनीति करें आपुन, जे और अनीति छुड़ाए।
राज धरम तौ यहै ‘सूर’, जो प्रजा न जाहिं सताए।।
(क) ‘बढ़ी बुद्धि जानी जो उनकी’ इस पंक्ति में ‘उनकी’ शब्द किसके लिए प्रयोग किया गया है?
(i) श्रीकृष्ण के लिए
(ii) उद्धव के लिए
(iii) गोपियों के लिए
(iv) ब्रज़ के ग्वाल-बालों के लिए
उत्तर :
(i) श्रीकृष्ण के लिए प्रस्तुत पंक्ति में ‘उनकी’ शब्द श्रीकृष्ण के लिए प्रयोग किया गया है।
(ख) ‘ऊथौ भले लोग आगे के, पर हित डोलत धाए’ इस पंक्ति का क्या आशय है?
(i) पहले के लोग धूर्त थे, जो दूसरों की भलाई नहीं करते थे
(ii) दूसरों की भलाई न करने वाला, उन्हें योग संदेश से मतलब नहीं था
(iii) पहले के लोग भले थे, जो दूसरों की भलाई के लिए दौड़े चले आवे थे
(iv) पहले के लोगों को किसी से कष्ट नहीं था, वे समभाव थे
उत्तर :
(iii) पहले के लोग भले थे, जो दूसरों की भलाई के लिए दौड़े चले आते थे गोपियाँ उद्धव से कहती हैं कि पहले के लोग बहुत भले थे, जो दूसरों की भलाई करने के लिए दौड़े चले आते थे, परतु श्रीकृष्ग तो ब्रहम एवं योग का संदेश भेजकर उनके साथ अन्याय कर रहे हैं।
(ग) गोपियों ने श्रीकृष्ण को राजा के कौन-से कर्त्तव्य बताए हैं?
(i) राजा किसी भी स्थिति में प्रजा को परेशान नहीं करता
(ii) प्रजा को दु:खी नहीं करता
(iii) प्रजा के साथ अन्याय करता है
(iv) प्रजा के हितों का ध्यान रखना
उत्तर :
(i) राजा किसी भी स्थिति में प्रजा को परेशान नहीं करता गोपियां श्रीकृष्ण को राजा का कर्त्तव्य याद दिलाते हुए कहती हैं कि राजा को किसी भी स्थिति में अपनी प्रजा को परेशान एवं दु:खी नहीं करना चाहिए। राजा का यह कर्त्तव्य है कि बह अन्याय का विरोध करे और अपनी प्रजा को हर प्रकार के अन्याय से दूर रखे।
(घ) गोपियों के अनुसार, श्रीकृष्ण और अधिक बुद्धिमान कैसे हो गए हैं?
(i) मथुरा पहुँचकर राजनीतिशास्त्र पढ़ने के कारण
(ii) गोपियों का मन अपने साथ ले जाने के कारण
(iii) योग-शिक्षा लेने के कारण
(iv) उद्धव को ब्रज में भेजने के कारण
उत्तर :
(i) मथुरा पहुँचकर राजनीतिशास्त्र पढ़ने के कारण मथुरा पहुँथकर राजनीतिशास्त्र पढ़ने के कारण गोपियाँ व्यंग्यपूर्वक उद्धव से कहती हैं कि श्रीकृष्ण पहले से ही बडुत चालाक व चतुर थे। अब उन्होंने मथुरा पहुँचकर सभवतः राजनीतिशास्त्र भी पढ़ लिया है, जिससे वे और अधिक बुद्धिमान हो गए है। इसी कारण उन्होंने तुम्हारे (उद्धव) द्वारा योग संदेश भिजवाया है।
(ङ) श्रीकृष्ण ने योग संदेश क्यों भिजवाया होगा?
(i) क्योंकि गोपियों ने स्वयं श्रीकृष्ण को योग संदेश भेजने के लिए कहा था
(ii) वे जानते थे कि गोपियाँ योग-शिक्षा की बात सुनकर प्रसन्न हो जाएँगी
(iii) वे नहीं चाहते थे कि गोपियाँ उनके विरह में कष्ट भोगें
(iv) वे चाहते थे कि गोपियाँ योग साधना करें
उत्तर :
(iii) वे नहीं चाहते थे कि गोपियाँ उनके विरह में कष्ट भोगें भीकृष्ण ने उद्धव के माध्यम से गोपियों के लिए योग संदेश इसलिए भिजवाया होगा, क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि गोपियाँ रात-दिन उन्हें याद करें और विरह व्यथा को सहन करते हुए अपने शरीर को कष्ट दें। उनका मानना था कि निर्गुण ब्रहम की उपासना करके गोपियाँ उन्हें भूल जाएँगी।
प्रश्न 10.
पाठ्यपुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(क) परशुराम सहस्रबाहु को अपना शत्रु क्यों मानते थे?
(i) सहस्रबाहु ने शिव-धनुष को भंग कर दिया था
(ii) सहस्रबाहु ने उनके पिता जमदग्नि से कामधेनु गाय का अपहरण कर लिया था
(iii) परशुराम सहस्रबाहु से उसके क्षत्रिय होने के कारण ईष्ष्या करते थे
(iv) सहस्रबाहु ने परशुराम की तपस्या भंग की थी
उत्तर :
(ii) सहम्रबाहु ने उनके पिता जमदग्नि से कामधेनु गाय का अपहरण कर लिया था परशुराम सहसबाहु को अपना शत्रु इसलिए मानते थे, क्योंकि सहस्रबाहु ने उनके पिता जमदग्नि से कामधेनु गाय का अपहरण कर लिया था
(ख) ‘विद्युत-छबि उर में’ पंक्ति से कवि का आशय क्या है?
(i) बादलों के हदय में बिजली रूपी ऊर्जा की रेखा है
(ii) बिजली की परछाई धरती तक दिख रही है
(iii) बिजली बादलों के साथ ही चमकती है
(iv) बादलों की छाया धरती पर पड़ रही है
उत्तर :
(i) बादलों के द्रदय में बिजली रूपी ऊर्जा की रेखा है ‘ विद्युत-छबि उर में’ से कवि का आशय है कि बादलों के हृदय में बिजली रूपी ऊर्जा की रेखा है।
खंड ‘ब’
(वर्णनात्मक प्रश्न)
खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
प्रश्न 11.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25 -30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) आपकी दृष्टि में भगत की कबीर पर श्रद्धा के क्या कारण रहे होंगे? ‘बालगोबिन भगत’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर :
मेरी दृष्टि में बालगोबिन भगत की कबीर पर अगाध श्रद्धा के निम्नलिखित कारण रहे होंगे
(i) भगत को कबीरदास की सामाजिक कुरीतियों का विरोध करने वाली बातें बहुत पसंद आई होंगी।
(ii) भगत कबीरदास के जाति-पाँति का विरोध करने वाले विचारों से बहुत प्रभावित हुए होंगे।
(iii) भगत को कब्दीरदास के सत्य का आचरण, झूठ से घृणा, सादा जीवन, उच्च विचार और मितब्ययिता की बातों ने भी बहुत प्रभावित किया होगा, इसलिए उन्होंने स्वयं भी सादा जीवन अपनाया।
(ख) ‘एक कहानी यह भी’ पाठ के आधार पर लेखिका का जन्म और यादों का सिलसिला कहाँ से आरंभ होता है और किस रूप से अंकित है?
उत्तर :
‘एक कहानी यह भी’ की लेखिका का जन्म मध्य प्रदेश के भानपुर गाँव में हुआ था, किंतु उनकी यादों का सिलसिला अजमेर के ब्रहापुरी मोहल्ले में स्थित उस दो-मंजिला मकान से प्रारंभ होता है, जिसकी ऊपरी मंजिल के कक्ष में लेखिका के पिता अव्यवस्थित रूप से रखी पुस्तको-पत्रिकाओं व समाचार-पत्रों के मध्य पठन-पाठन करते रहते थे और नीचे अपनी माँ व भाई-बहनों के साथ लेखिका रहती थी।
(ग) बिस्मिल्ला खाँ भौतिक सुख के लिए धन-दौलत बटोर सकते थे, कितु उन्होंने ऐसा न करके संगीत की साथना के साथ-साथ सरल डंग से जीवन-यापन किया। कैसे?
उत्तर :
विश्व प्रसिद्ध शहनाई वादक बिस्मिल्ला खाँ अपनी कला के बल पर बेशुमार थन-दौलत बटोर सकते थे, किंतु उन्होंने ऐसा न करके सरल ढंग से जीवन व्यतीत किया। भारतरत्न से सम्मानित होने के बावजूद उन्ह फटी तहमद पहनने में तनिक भी संकोच नहीं होता था। वे ईश्वर से भी घन-दौलत न माँगकर सुर दान करने की प्रार्थना करते थे।
इसी प्रकार, उन्होंने कभी भी काशी छोड़कर कहीं और बसने का प्रयास नहीं किया। उनके लिए जीवन में काशी और शहनाई से बढ़कर कोई जन्नत नहीं थी। दुनिया उनकी कला की प्रशंसा करती थी, तो वह सारी तारीफ़ों को ईश्वर को अर्षित कर देते थे। उनमें यह सरलता अंतिम समय तक बनी रही।
(घ) पाठ ‘लखनवी अंदाज़’ में नवाब साहब द्वारा लेखक से खीरा खाने के लिए पूछे जाने पर भी उन्होंने खीरा खाने से इंकार क्यों किया?
उत्तर :
लेखक को अचानक से नवाब साहब का बदला हुआ व्यवहार अच्छा नहीं लगा। उन्होंने डिब्बे में चढ़ते समय लेखक के प्रति अरुचि प्रदर्शित की थी, इसलिए लेखक ने खीरा खाने से इंकार कर दिया। नवाब साहब ने एक बार फिर लेखक से खीरा खाने के लिए कहा, परंतु लेखक ने आत्मसम्मान को बचाए रखने के लिए एक बार फिर मना कर दिया।
प्रश्न 12.
निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) शिवजी का धनुष टूटने पर क्रोधित परशुराम को शांत करने के लिए लक्ष्मण ने क्या कहा? ‘राम लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
लक्ष्मण ने अपनी व्यंग्योक्ति (वह उक्ति जिसमें व्यंग्य का भाव हो) द्वारा परशुराम को विनम्नतापूर्वक कहा कि श्रीराम ने तो केवल शिव के पुराने धनुष को मात्र छुआ था, अब यदि वह छूने मात्र से टूट गया, तो इसमें उनका कोई दोब नहीं है। लक्ष्मण ने अपने इस कथन को सत्य ठहराने के लिए इसी प्रकार के अनेक व्यंग्य क्थनों का प्रयोग किया।
(ख) गोपियों ने श्रीकृष्ण को अपने हृदय में किस प्रकार बसाया हुआ है? ‘सूरदास के पद’ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
गोपियों ने श्रीकृष्ण को अपने हुदय में उसी प्रकार बसाया है, जिस प्रकार हारिल पक्षी अपने पैरों में दबाई लकड़ी को नहीं छोड़ता। उसी प्रकार मन, वचन और कर्म से गोपियों ने श्रीकृष्ण को अपने हृदय में बसाया हुआ है। उनका कहना है कि वे सोते-जागते, सपने में और दिन-रात श्रीकृष्ण के नाम को ही रटती रहती है।
(ग) कवि की ऑँख फागुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही है? ‘अट नहीं रही है’ कविता के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर :
चारों ओर फल्गुन का सौदर्य बिखरा हुआ है, जिसे देखकर प्रकृति प्रेमी कवि का मन प्रसन्न हो उठता है। इस समय डालियौ कहीं लाल तो कहीं हरे-हरे पत्तों से लदी दिखाई देती हैं तथा चारों ओर फूल खिले हैं। इसी कारण कवि की औँखें फालगुन की सुंदरता से नहीं हट रही है।
(घ) संगतकार मुख्य गायक का साथ देते समय अप्रत्यक्ष रूप से उसे क्या-क्या याद दिलाता है?
उत्तर :
कई बार जब मुख्य गायक स्थायी या टेक को छोड़कर अंतरे का चरण पकड़ता है और तानों के जंगल में खो जाता है या अपने सरगम को लाँघकर एक अनहद में भटक जाता है, तब संगतकार ही गाने के स्थायी को पकड़े रहता है, ऐसा लगता है जैसे वह उसे उसका बचपन याद दिला रहा हो, जब वह संगीत सीख रहा था और सरगम के स्वर से भटक जाया करता था।
प्रश्न 13.
पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए। (4 × 2 = 8)
(क) बैजू रास्ते में मूसन तिवारी को चिढ़ाते हुए बोला, बढुवा बेइमान माँगे करैला को चौखा। शेष बच्चों ने बैजू के सुर-में-सुर मिलाकर यही चिल्लाना शुरू कर दिया। अतः परिवेश एवं संगति किस प्रकार बच्चों के चारित्रिक विकास में बाधक एवं साधक है? ‘माता का अँचल’ पाठ के आधार पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर :
बालमन बहुत कच्चा तथा कोमल होता है। बच्चे जिस परिवेश में रहते हैं, उसी में ढल जाते हैं। सही परिवेश और सही संगति चरित्र को उज्ज्यल बनाते है। दूसरी ओर गलत परिवेश एवं गलत संगति अच्छे बालक को भी बुरा बना देते है। प्रस्तुत पाठ में भोलानाथ जैसा भोला-भाला तथा मासूम बच्चा भी अपने उद्दंड (जिसे दंड का भय न हो) मित्रों की संगत में कभी शिक्षकों को चिढ़ाता है, तो कभी जीव-जंतुओं को सताता है। इस प्रकार वह गलत संगति में पड़कर दुर्गुणों का शिकार हो जाता है। अतः परिवेश और संगति बच्च्वों के चारित्रिक विकास में बाधक भी हैं और साधक भी।
(ख) पर्वतीय क्षेत्रों पर होने वाली व्यावसायिक प्रगति और विकास का इन स्थलों तथा प्राकृतिक वातावरण पर क्या प्रभाव पड़ रहा है। ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ (मधु कंकरिया) लेखिका ने कटाओ क्षेत्र का उदाहरण देकर किस समस्या की ओर संकेत किया है? इसके समाधान में नवयुवकों की क्या भूमिका हो सकती है? ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
लेखिका ने कटाओ क्षेत्र का उदाहरण देकर पर्यटन स्थलों में फेली गंदगी की समस्या की ओर संकेत किया है। पर्यटन स्थलों पर लोगों की भीड़ जाकर वहाँ गंदगी और प्रदूषण फैलाती है, जिसके कारण वहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य नष्ट होने लगता है। इसके समाधान के लिए आज के नवयुकक विशेष अभियान चलाकर प्राकृतिक स्थानों को गंदगी-मुक्त करके अपना योगदान दे सकते है। वे दूसरों को जागरूक करने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
(ग) विझान का दुरुपयोग कहाँ-कहाँ तथा किस तरह से हो रहा है, मैं क्यों लिखता हूँ? पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
आजकल विश्ञान का दुरुपयोग कई स्तरों पर किया जा रहा है। आज इसके द्वारा आतंकवादी संसार पर बम-विस्फोट कर रहे हैं। उदाहरण स्वरूप अमेरिका की एक बहुमंजिली इमारत को तहस-नहस करना, मुंबई में हुए बम-बिस्फोट, आए दिन गाड़ियों में आग लगना इत्यादि घटनाओं को लिया जा सकता है। विज्ञान के दुरुपयोग से कन्या-सूण हत्याएँ हो रही हैं, जिससे जनसंख्या का संतुलन बिगड़ रहा है। किसान कीटनाशक और जहरीले रसायन के माध्यम से फसलों का उत्पादन कर रहे है, जिससे लोगों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है। विज्ञान के उपकरणों के कारण वातावरण में गर्मी बढ़ रही है, बर्फ पिघलने का खतरा बढ़ रहा है। भयंकर दुर्घटनाएँ दैनिक जीवन का हिस्सा बन गई है। साइबर क्राइम भी विज्ञान से जन्मी समस्या है।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए। (6 × 1 = 6)
(क) G20
संकेत बिंदु
- प्रस्तावना
- G20 के सदस्य
- G20 के कार्य
- G20 क्या है?
- G20 का उद्देश्य
- उपसंहार
उत्तर :
G20
ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (G20) अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है। यह सभी प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैश्विक संरचना और अधिशासन निर्धारित करने तथा उसे मजबूत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका गठन वर्ष 1999 में हुआ था। भारत भी 1 दिसंबर, 2022 से 30 नवंबर, 2023 तक G 20 की अध्यक्षता करेगा।
G20 यूरोपियन यूनियन एवं 20 देशों का एक अनौपचारिक समूह है। G20 के शिखर सम्मेलन में सभी सदस्य प्रत्येक वर्ष सम्मिलित होते हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को कैसे आगे बढ़ाया जाए इस विषय पर चर्चा करते हैं।
ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (G20) में 19 देश अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इण्डोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका तथा यूरोपीय देश शामिल हैं। सदस्य देशों में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद लगभग 85%, वैश्विक व्यापार का 75% से अधिक और विश्व की लगभग दो-तिहाई आबादी है। G20 के प्रमुख उद्देश्य ब्यापार, स्वास्थ्य, जलवायु और अन्य मुद्दों पर वैश्विक नीति के समन्वय के लिए नियमित रूप से शिखर सम्मेलन करना, चर्चा करना तथा अर्थव्यवस्था में सुधार करना या वैश्विक मुद्दों का निपटान करना है। पिछले शिखर सम्मेलनों में भी Covid-19 महामारी, 2008 के वित्तीय संकट, ईरानी परमाणु कार्यक्रम और सीरियाई गृह युद्ध जैसे मुद्दों को भी संबोधित किया गया है। G20 अपने सदस्यों के अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग और निर्णय करने हेतु एक प्रमुख मंच है। G20 के सदस्य वर्ष में एक बार बैठक अवश्य करते है। इसके अतिरिक्त देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में सुधार लाने, वित्तीय नियमन में सुधार लाने और प्रत्येक सदस्य देश में जरूरी प्रमुख आर्थिक सुधारों पर चर्चा करने के लिए नियमित रूप से बेठक करते हैं।
उपसंहार G20 दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का समूह है जो वैश्विक अर्थव्यवस्था की दिशा और दशा तय करता है। G20 शिखर सम्मेलन के दौरान एजेंडे तय किए जाते हैं। ये समूह मुख्य रूप से ग्लोबल इकोनॉमी, आर्थिक स्थिरता, जलवायु परिवर्तन के मुद्दे सतत विकास इत्यादि प्रक्रियाओं पर काम करता है।
(ख) लोकतंत्र और चुनाव
संकेत बिंदु
- भूमिका
- टिकट पाने की होड़
- लोकतंत्र में चुनाव की प्रक्रिया
- अमर्यादित रूप से चुनाव का प्रचार-प्रसार
उत्तर :
लोकतंत्र और चुनाव
अब्राहम लिंकन ने लोकतंत्र को परिभाषित करते हुए कहा था-‘ लोकतंत्र जनता के लिए, जनता द्वारा, जनता का शासन है।” लोकतंत्र सर्वोत्तम शासन प्रणाली है, जिसमें जनता की इच्छाओं को साकार करने के लिए जनता के प्रतिनिधि ही शासन संचालित करते है। भारतीय लोकतंत्र में जनता प्रत्येक चुनाव से अपने प्रतिनिधियों को प्रत्यक्ष मतदान द्वारा चुनती है। भारत में प्रत्येक 5 वर्ष के अंतराल पर चुनाव आयोजित किए जाते हैं। यह चुनाव का समय ही होता है, जब सभी नेता जनता से मिलने प्रत्यक्ष रूप से जाते हैं और उनसे हर काम को पूरा करने का वादा करते हैं। आजकल लोकतंत्र की वास्तविकता केवल सिद्धांतों तक सीमित रह गई है, उसका व्यावहारिक पक्ष अत्यंत घृणित एवं खराब हो गया है।
सभी अपने-अपने महत्त्व को दिखाने के लिए अपने नेता, अपने गुट एवं दल के सदस्य को चुनाव में खड़ा करते हैं। राष्ट्रीय दलों के प्रत्याशी के रूप में टिकट पाने के लिए अनेक लोगों के बीच प्रतिस्पर्धा शुरू हो जाती है। अंततः टिकट पाने में सफलता प्राप्त करने वाले प्रत्याशी का उत्साह सातवें आसमान पर चढ़ जाता है। चुनाव-प्रचार का अराजकता भरा वातावरण शुरू हो जाता है। संपूर्ण परिवेश रंगीन झंडों, बैनरों, नारों, पोस्टरों, चीखते लाउडस्पीकरों, प्रचार करती गाड़ियों आदि से सराबोर हो जाता है। आजकल चुनाव-प्रचार के समय राजनीतिक दलों द्वारा न्यूनतम मर्यादाओं का भी पालन नहीं किया जाता है। सस्ती लोकप्रियता प्राप्त करने के लिए नैतिकता समाप्त होती जा रही है। इसके कारण पूरा वातावरण अत्यंत दूषित हो जाता है। अनेक सुधारों के पश्चात् भी लोकतंत्र में चुनाव-प्रणाली की जितनी सार्थक भूमिका होनी चाहिए, वह अभी भी नहीं दिखती है। आज भी जाति एवं धर्म के आधार पर मतदान होता है, आज भी बाहुबली लोग जेलों में रहते हुए चुनाव जीत जाते हैं।
(ग) इंटरनेट की दुनिया
संकेत बिंदु
- भूमिका
- इंटरनेट के लाभ
- भारत एवं विश्व में इंटरनेट की स्थिति
- इंटरनेट के दुष्परिणाम
उत्तर :
इंटरनेट की दुनिया
विज्ञान के कारण पहले कंप्यूटर का जन्म हुआ और फिर कंप्यूटर से इंटरनेट का। इंटरनेट न केवल मानव के लिए अति उपयोगी सिद्ध हुआ है, बल्कि संचार में गति एवं विविधता के माध्यम से इसने दुनिया को बिलकुल बदलकर रख दिया है। इंटरनेट ने भौगोलिक सीमाओं को समेट दिया है। भारत में इंटरनेट सेवा की शुरुआत बी.एस.एन.एल. ने वर्ष 1995 में की थी। अब एयरटेल, जियो, वोडाफ़ोन जैसी दूरसंचार कंपनियाँ भी इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराती हैं। आज विश्व के कुल 6.8 अरब से अधिक लोगों में से लगभग 2 अरब लोग इंटरनेट से जुड़े हुए हैं। पूरे विश्व में इंटरनेट से जुड़ने वाले लोगों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि हो रही है। इंटरनेट ने विशेष लोगों से लेकर सामान्य लोगों तक सभी के जीवन को गति प्रदान की है।
इससे मानव को अनेक सुविधाएँ प्राप्त हुई हैं; जैसे-पुस्तक ऑर्डर करना, रेल हवाई जहाज की टिकट बुक कराना, मित्रों से ऑनलाइन चैटिंग करना आदि। इंटरनेट न केवल हमारे कार्यों को सरल बनाता है, अपितु शिक्षा में भी यह अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका ज्वलंत उदाहरण कोरोना महामारी के समय देखा गया था। यदि आज इंटरनेट की सुविधा न होती तो शायद शिक्षक-छात्र आदि कोरोना महामारी के जाने की प्रतीक्षा कर रहे होते, किंतु इंटरनेट ने घर बैठे छात्रों को शिक्षा ग्रहण करने व शिक्षकों द्वारा शिक्षा देने के काम को भी साकार कर दिया है। इंटरनेट के अनेक लाभ हैं, तो इसकी कुछ हानियाँ भी हैं। इसके माध्यम से अश्लील सामग्री की पहुँच बच्चों तक सरल हो गई है।
इंटरनेट से जुड़ते समय वायरसों द्वारा सुरक्षित फाइलों के नष्ट होने का खतरा भी बना रहता है। इन सबके अतिरिक्त बहुत-से लोग इस पर अनावश्यक और गलत आँकड़े एवं तथ्य भी प्रकाशित करते रहते हैं। इस प्रकार इंटरनेट यदि ज्ञान का सागर है, तो इसमें ‘कूड़-कचरे’ की भी कमी नहीं है। इसलिए हमें इसका प्रयोग सावधानीपूर्वक करना चाहिए। इसमें संदेह नहीं है कि इंटरनेट ने अनेक सुविधाएँ उपलब्ध करवाई हैं, परंतु यह आवश्यक है कि मनुष्य इसका सही ढंग से प्रयोग करे। साथ ही इसका विस्तार क्षेत्र पूरे देश में बढ़ाया जाना चाहिए।
प्रश्न 15.
किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए। (5)
आप मोनिका गोस्वामी हैं, दिल्ली में रहती हैं। दिल्ली में बढ़ती हुई अपराध-वृत्ति की ओर दिल्ली सरकार के अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट करना चाहती हैं। अतः समाचार-पत्र के संपादक को एक समाचार-पत्र प्रकाशित करने का अनुरोध करते हुए लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।
अथवा
आपका नाम अंकित त्यागी है। आप दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण अपने मित्र की बहन के विवाह में उपस्थित नहीं हो सके। इस संबंध में जानकारी देते हुए अपने मित्र को एक बधाई पत्र 100 शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 29 मार्च, 20XX
सेवा में,
श्रीमान संपादक महोदय
दैनिक हिंदुस्तान,
नई दिल्ली।
विषय दिल्ली में बढ़ती अपराध-वृत्ति के संदर्भ में।
महोदय,
मैं आपके प्रतिध्ठित समाचार-पत्र के माध्यम से दिल्ली सरकार के अधिकारियों का ध्यान दिल्ली में बढ़ती हुई अपराध-वृत्ति की ओर आकृष्ट कराना चाहती हूँ आशा है कि आप मेरे पत्र को अपने प्रतिष्ठित समाचार-पत्र में प्रकाशित करेंगे। मुझे अत्यंत खेद सहित लिखना पड़ रहा है कि दिल्ली में आजकल गुंडागर्दी, बलात्कार, हत्याएँ, लूटपाट, अपहरण जैसी आपराधिक घटनाएँ नियमित रूप से बढ़ रही हैं। देश की राजधानी दिल्ली ‘अमन चैन की राजधानी’ न रहकर असामाजिक तत्वों व अपराधियों द्वारा ‘भय व आतंक के वातावरण की राजधानी’ बनकर रह गई है। जहाँ दिन-दहाड़े दुकानदारों से लूट, घरों में चोरी, छोटे बच्चों का अपहरण, लड़कियों से छेड़छाड़ व बलात्कार तो जैसे सामान्य बात हो गई है। महोदय, दुःख तो इस बात का है कि अनेक राजनीतिक संगठन, गैर-सरकारी संस्थाओं तथा छात्र संगठनों के द्वारा अनेक बार इस ओर ध्यान दिलाए जाने के पश्चात् भी केंद्र सरकार चुपथाप बैठी है। वह संबधित पुलिस अधिकारियों को कठोर निर्देश जारी नहीं करती। मेरा केंद्र सरकार तथा पुलिस के अधिकारियों से अनुरोध है कि वे इस संबंध में कठोरतम कार्यवाही करें, जिससे अपराधियों के मन में भय उत्पन्न हो और वे अपराच करने से पहले दस बार सोचें।
धन्यवाद!
भवदीया
मोनिका गोस्वामी
अथवा
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 11 मार्च, 20xx
प्रिय मित्र
मधुर स्मृति। मुझे रजनी दीदी के विवाह का निमंत्रण पत्र समय पर मिल गया था। निमंत्रण पत्र पाकर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई थी कि मेरे ‘एक पंथ दो काज ‘ हो जाएँगे। में दीदी के विवाह में भी उपस्थित हो जाऊँगा और अपने अभिन्न मित्रों से भी मिल सकूँगा। मैंने इस विषय में सभी कार्यक्रम भी बना लिए थे, किंतु सड़क दुर्घटना में मेरे पैर में फ्रैक्वर हो गया। ऐसी विवशता आ गई कि चाहकर भी मैं विवाह में उपस्थित नहीं हो सका। इसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूँ। आशा है कि तुम मेरी विवशता समझ गए होंगे।
इस अवसर पर मेरी परम पिता परमेश्वर से यही प्रार्थना है कि वह रजनी दीदी तथा उसके पति के नय-विवाहित जीवन में सुख-समृद्धि लाए। उन्हें दुनिया की सभी खुशियाँ मिलें। उनका लंबा और सुखी वैवाहिक जीवन हो। घर पर सभी को मेरी ओर से बधाई देना। ईश्वर ने चाहा, तो आप लोगों से शीघ ही आकर मिलूँगा।
तुम्हारा मित्र
अंकित त्यागी
प्रश्न 16.
आप मीना सैनी हैं। आप बी. एड. कर चुकी हैं, आपको महावीर स्कूल मानसरोवर में हिंदी अध्यापिका पद के लिए आवेदन करना है। इसके लिए आप एक संक्षिप्त स्ववृत्त (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए। (5)
अथवा
आप पवन कुमार हैं। राजेंद्र नगर के निवासी हैं। आपके बिजली के बिल में अधिक राशि आई है, जो पिछले महीनों से बहुत अधिक है। इसके लिए कार्यपालक अभियंता को बिजली के बिल संबंधी शिकायत करने के लिए लगभग 80 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए।
उत्तर :
स्ववृत्त –
नाम : मीना सैनी
पिता का नाम : संतोष सैनी
माता का नाम : पार्वती सैनी
जन्म तिथि : 8 फरवरी, 19XX
वर्तमान पता : 5 / 22 गोदाम, औद्योगिक क्षेत्र, जयपुर।
स्थायी पता : उपर्युक्त
दूरभाष नंबर : +011592348
मोबाइल नंबर : 9753XXXXXXX
ई-मेल : [email protected]
शैक्षणिक योग्यताएँ
अन्य संबंधित योग्यताएँ
- कंप्यूटर का ज्ञान C C C व DOEACC में ‘O’ Level सर्टिफिकेट
- अनुभव सरस्वती सीनियर सैकेंडरी शिक्षण में पाँच वर्ष का अनुभव
उपलब्धियाँ
- वाद-विवाद राज्य-स्तरीय प्रतियोगिता, प्रथम पुरस्कार, 2013
- आशुभाषण प्रतियोगिता राष्ट्रीय स्तर पर (द्वितीय पुरस्कार) 2016
कार्येत्तर गतिविधियाँ तथा अभिरुचियाँ
- समाचार-पत्र का नियमित पठन
संदर्भित व्यक्तियों का विवरण
- श्री गणेश लाल चौधरी, सरपंच ग्राम तिलोनिया
- श्रीमती रीता मल्होत्रा, प्रिंसिपल डी. ए. वी. कॉलेज, जयपुर
तिथि 7.10.20XX
स्थान जयपुर
मीना सैनी
हस्ताक्षर
अथवा
प्रश्न 17.
आपके बड़े भाई ने एक फाइनेंस कंपनी खोली है। वे उसके प्रचार-प्रसार के लिए स्थानीय समाचार पत्र में उसका विज्ञापन देना चाहते हैं। आप फाइनेंस कंपनी की ओर से सस्ती दरों पर ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए लगभग 40 शब्दों में एक विज्ञापन तैयार कीजिए।
अथवा
आप कमल किशोर हैं। आपके मित्र का जन्मदिवस है। इस अवसर पर बधाई देने हेतु अपने मित्र को लगभग 40 शब्दों में शुभकामना संदेश लिखिए।
उत्तर :
अथवा
जन्मदिवस की बथाई हेतु शुभकामना संदेश
दिनांक 30 अगस्त, 20XX
समय 2:00 बजे दोपहर।
प्रिय मिन्न,
आपके जन्मदिवस पर आपको ढेर सारी शुभकामनाएँ। में ईश्वर से सदैब यही कामना करता हूं कि आप अच्छा स्वार्थय, लंबी आयु तथा खुशहाल जीवन के साथ उज्ज्चल भविष्य की ओर बढ़ो तथा जीवन में सुख समृद्धि प्राप्त करो तथा आपका जीवन फूलो-सा महकता रहे। तुम निरंतर प्रगति के मार्ग पर अग्रसर रहो और सफलता प्राप्त करो। तुम्हारा यह विशेष दिन तुम्हारे लिए यादगार बने। अपने इस विशेष दिन को पूरे आनंद से मनाओ। पुनः तुम्हारे जन्मदिन की शुभकामना देता हूँ।
तुम्हारा मित्र
कमल किशोर