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NCERT Solutions for Class 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 7 with Solutions

January 3, 2025 by Sastry CBSE

Students can access the CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions and marking scheme Term 2 Set 7 will help students in understanding the difficulty level of the exam.

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 7 with Solutions

समय: 3 घंटे
पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश

  1. इस प्रश्न- पत्र में कुल 15 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  2. इस प्रश्न-पत्र में कुल चार खंड हैं- क, ख, ग, घ
  3. खंड-क में कुल 2 प्रश्न हैं, जिनमें उप- प्रश्नों की संख्या 10 है।
  4. खंड-ख में कुल 4 प्रश्न हैं, जिनमें उप- प्रश्नों की संख्या 20 है । दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 16 उप- प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
  5. खंड-ग में कुल 5 प्रश्न हैं, जिनमें उप- प्रश्नों की संख्या 20 है।
  6. खंड-घ में कुल 4 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं।
  7. प्रश्नों के उत्तर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए लिखिए ।

खंड ‘क’ (अपठित बोध) (14 अंक)

इस खंड में अपठित गद्यांश व काव्यांश से संबंधित तीन बहुविकल्पीय (1 × 3 = 3) और दो अतिलघूत्तरात्मक व लघूत्तरात्मक (2 × 2 = 4) प्रश्न दिए गए हैं।

प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (7)

मनुष्य ने अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति का दोहन कर प्राकृतिक संतुलन ही नहीं, बल्कि स्त्रियों के साथ अन्याय कर, स्त्री-पुरुष के लिंगानुपात को घटाने का अमानवीय कार्य भी किया है। लिंगानुपात में आई भारी गिरावट का मुख्य कारण कन्या भ्रूण हत्या है। गर्भस्थ – शिशु के लिंग परीक्षण के पश्चात् कन्या भ्रूण होने की स्थिति में उसे माँ के गर्भ में ही मार दिया जाता है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि लड़कियाँ हमेशा उपभोक्ता होती हैं और लड़के उत्पादक होते हैं। अभिभावक समझते हैं कि लड़का उनके लिए जीवन भर कमाएगा और उनका ध्यान रखेगा, जबकि लड़की की शादी होगी और वह ससुराल चली जाएगी।

विदेशी आक्रमणों और समाज में पर्दा – प्रथा, सती-प्रथा जैसी कुप्रथाओं के कारण महिलाओं को शिक्षा से वंचित किया जाने लगा तथा धार्मिक और सामाजिक रूप से पुरुषों को अधिक महत्त्व दिया जाने लगा एवं महिलाओं को घर तक सीमित कर दिया गया है, जिससे संतान के रूप में नर शिशु की कामना करने की गलत परंपरा समाज में विकसित हो गई। इसका अन्य महत्त्वपूर्ण कारण दहेज प्रथा भी है। पहले के समय में माता-पिता अपनी पुत्रियों की शादी में जरूरी घरेलू चीजें दिया करते थे। कई परिवार कुछ सोना और चाँदी भी देते थे। यह उसके भविष्य को सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से किया जाता था, परंतु धीरे-धीरे यह एक रिवाज बन गया है। अब दूल्हे का परिवार जो माँगता है, उसे दुल्हन के परिवार को देना पड़ता है, चाहे उनको उसके लिए किसी से कर्जा लेना पड़ जाए या अपना घर गिरवी रखना पड़ जाए। लेकिन उन्हें लड़के वालों की माँग पूरी करनी पड़ती है।

किसी भी देश की प्रगति तब तक संभव नहीं है, जब तक वहाँ की महिलाओं को प्रगति के पर्याप्त अवसर न मिलें। जिस देश में महिलाओं का अभाव हो, उसके विकास की कल्पना कैसे की जा सकती है ? कन्या भ्रूण हत्या को समाप्त करने में महिलाओं की भूमिका सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण हो सकती है। अतः इसके लिए महिला शिक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा, क्योंकि शिक्षित महिला उस तरह का औजार है, जो भारतीय समाज पर और अपने परिवार पर अपने हुनर तथा ज्ञान से सकारात्मक प्रभाव डालती है।

(क) भारतीय समाज में लिंगानुपात में हुए परिवर्तन का कारण है
(i) विदेशी आक्रमण
(ii) कन्या भ्रूण हत्या
(iii) सामाजिक कुप्रथाएँ
(iv) ये सभी
उत्तर:
(ii) कन्या भ्रूण हत्या गद्यांश में स्पष्ट रूप से बताया 2 गया है कि भारतीय समाज में लिंगानुपात में हुए परिवर्तन का प्रमुख कारण कन्या भ्रूण हत्या है।

(ख) निम्नलिखित कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए ।
संतान के रूप में नर शिशु की कामना करने की गलत परंपरा के कारणों में निहित हैं / हैं
1. महिलाओं को घर तक सीमित रखना।
2. दहेज प्रथा का प्रचलन होना।
3. विदेशी आक्रमणों का होना।
4. प्रकृति का दोहन करना ।
कूट
(i) केवल 1 सही है।
(ii) 1 और 2 सही हैं।
(iii) 2 और 3 सही हैं।
(iv) 3 और 4 सही हैं।
उत्तर:
(ii) 1 और 2 सही हैं गद्यांश के अनुसार, समाज में संतान के रूप में नर शिशु की कामना करने की गलत परंपरा के कारणों में निहित हैं– महिलाओं को घर तक सीमित रखना तथा दहेज प्रथा का प्रचलन होना।

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 7 with Solutions

(ग) कथन (A) समाज में महिलाओं की दयनीय स्थिति हो गई ।
कारण (R) महिलाओं को मानवीय अधिकारों से वंचित कर दिया गया।
(i) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या है। समाज में महिलाओं की दयनीय स्थिति हो गई, क्योंकि उन्हें उनके मानवीय अधिकारों से वंचित कर दिया गया। इस प्रकार, अपने अधिकारों से वंचित हो जाने के कारण समाज में उनका स्तर गिरता गया ।

(घ) गद्यांश में देश की प्रगति का संबंध किससे बताया गया है?
उत्तर:
गद्यांश के अनुसार देश की प्रगति का संबंध महिलाओं को प्रगति के प्राप्त अवसर से है अर्थात् जिस देश में महिलाओं को सम्मान, अधिकार व उन्नति के अवसर मिलते हैं, वही देश प्रगति के पथ पर अग्रसर होता है।

(ङ) विदेशी आक्रमणों से महिलाओं की स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
विदेशी आक्रमणों से महिलाओं की स्थिति पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा। महिलाओं को शिक्षा से वंचित किया जाने लगा तथा उन्हें घर तक सीमित कर दिया गया। धार्मिक और सामाजिक रूप से पुरुषों को अधिक महत्त्व दिया जाने लगा।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।

नीलांबर परिधान हरित पट पर सुंदर है,
सूर्य चंद्र युग-मुकुट, मेखला रत्नाकर है,
नदियाँ प्रेम-प्रवाह, फूल तारे मंडल हैं,
बंदीजन खग-वृंद, शेषफन सिंहासन है
परमहंस सम बाल्यकाल में सब, सुख पाए,
जिसके कारण धूल भरे हीरे कहलाए,
हम खेले कूदे हर्षयुत, जिसकी प्यार गोद में
हे मातृभूमि ! तुझको निरख, मग्न क्यों न हो मोद में
निर्मल तेरा नीर अमृत के सम उत्तम है,
शीतल मंद सुगंध पवन हर लेता श्रम है,
षट्ऋतुओं का विविध दृश्य युत अद्भुत क्रम है,
हरियाली का फर्स नहीं मखमल से कम है,

करते अभिषेक पयोद हैं, बलिहारी इस वेश की
हे मातृभूमि! तू सत्य ही, सगुण मूर्ति सर्वेश की;
जिसकी रज में लोट- लोटकर बड़े हुए हैं,
घुटनों के बल सरक- सरककर खड़े हुए हैं,
शुचि – सुधा सींचता रात में तुझ पर चंद्रप्रकाश है
हे मातृभूमि ! दिन में तरणि करता तम का नाश है
जिस पृथ्वी में मिले हमारे पूर्वज प्यारे,
उससे हे भगवान! कभी हम रहें न न्यारे,
लोट- लोटकर वहीं हृदय को शांत करेंगे
उसमें मिलते समय मृत्यु से नहीं डरेंगे,
उस मातृभूमि की धूल में, जब पूरे सन जाएँगे
होकर भव-बंधन – मुक्त हम, आत्मरूप बन जाएँगे।

(क) कवि अपना मन किस प्रकार शांत करना चाहता है?
(i) जिस भूमि पर कवि का बचपन बीता था वहाँ रहकर
(ii) जिस भूमि पर कभी उसके पूर्वज रहते थे उसकी मिट्टी में लोटकर
(iii) हरे-भरे स्थानों पर कुछ दिन निवास कर
(iv) किसी एकांत स्थान पर निवास कर
उत्तर:
(ii) जिस भूमि पर कभी उसके पूर्वज रहते थे, उसकी मिट्टी में लोटकर प्रस्तुत काव्यांश के अनुसार, कवि अपना मन, जिस भूमि पर कभी उसके पूर्वज रहते थे, उसकी मिट्टी में लोटकर शांत करना चाहता है। वस्तुतः कवि को अपनी मातृभूमि से बहुत अधिक प्रेम है। वह उसकी मिट्टी को माँ की गोद के समान समझता है।

(ख) ‘नीलांबर परिधान हरित पट पर सुंदर है’ में हरित पट का अर्थ है
(i) चारों ओर फैले हरे-भरे पेड़-पौधे
(ii) हवा में लहराते हरे रंग के वस्त्र
(iii) चारों ओर फैली हरियाली से युक्त धरती
(iv) नीला वस्त्र पहने कोई सुंदर स्त्री
उत्तर:
(iii) चारों ओर फैली हरियाली से युक्त धरती प्रस्तुत पंक्ति में ‘हरित पट’ का अर्थ चारों ओर फैली हरियाली से युक्त धरती है । कवि के अनुसार, उसकी मातृभूमि नीले आसमान रूपी वस्त्र को पहने हुए चारों ओर फैली हरियाली से युक्त है।

(ग) निम्नलिखित कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए । कवि अपनी मातृभूमि पर बलिहारी होना चाहता है, क्योंकि
1. अपनी मातृभूमि के प्रति अतिशय प्रेम रखता है।
2. अपनी मातृभूमि पर फैली हरियाली को पसंद करता है।
3. अपनी मातृभूमि पर बहने वाली सुगंधित हवा से प्रफुल्लित रहता है।
4. अपनी मातृभूमि को प्रतिक्षण याद करता रहता है।
कूट
(i) केवल 1 सही है।
(ii) 2 और 3 सही हैं ।
(iii) 1 और 3 सही हैं।
(iv) 1, 2, 3 और 4 सही हैं।
उत्तर:
(i) केवल 1 सही है प्रस्तुत काव्यांश के अनुसार, कवि अपनी मातृभूमि पर बलिहारी होना चाहता है, क्योंकि वह अपनी मातृभूमि के प्रति अतिशय प्रेम रखता है। वह उसकी सुंदरता पर मुग्ध है, उसने अपना बचपन उसकी गोद में बिताया है तथा उसे अपनी मातृभूमि पर गर्व है।

(घ) प्रस्तुत काव्यांश का केंद्रीय भाव स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
प्रस्तुत काव्यांश का केंद्रीय भाव यह है कि हमें अपनी मातृभूमि के प्रति कृतज्ञता का भाव प्रकट करना चाहिए, क्योंकि हम उसी की गोद में पैदा हुए हैं, उसी की माटी में खेले हैं तथा उसी के संपन्न संसाधनों का हमने उपभोग किया है।

(ङ) ‘षट्ऋतुओं का विविध दृश्य युत अद्भुत क्रम है’ से क्या आशय है?
उत्तर:
प्रस्तुत पंक्ति से आशय है कि हमारे देश में छः ऋतुएँ क्रम से आती हैं- शरद ऋतु, हेमंत ऋतु, शीत ऋतु वसंत ऋतु, ग्रीष्म ऋतु तथा वर्षा ऋतु, जिनके दृश्य अपने समय के अनुसार बहुत ही सुहावने, अद्भुत व मनोरम प्रतीत होते हैं।

खंड ‘ख’ ( व्यावहारिक व्याकरण) (16 अंक)

व्याकरण के लिए निर्धारित विषयों पर अतिलघूत्तरात्मक व लघूत्तरात्मक 20 प्रश्न दिए गए हैं, जिनमें से केवल 16 प्रश्नों (1 × 16 = 16) के उत्तर देने हैं।

प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।

(क) ‘तुम घर गए और वह रोने लगी।’ इसे सरल वाक्य में परिवर्तित कीजिए ।
उत्तर:
तुम्हारे घर जाते ही वह रोने लगी।

(ख) ‘घंटी बजी, छात्र पुस्तकें लेकर कक्षा से बाहर निकले।’ इसे संयुक्त वाक्य में परिवर्तित कीजिए ।
उत्तर:
घंटी बजी और छात्र पुस्तकें लेकर कक्षा से बाहर निकले।

(ग) ‘राहुल के बाहर आने पर सभी घर की ओर चल दिए । ‘ इसे मिश्र वाक्य में परिवर्तित कीजिए ।
उत्तर:
जैसे ही राहुल बाहर आया, सभी घर की ओर चल दिए ।

(घ) ‘यद्यपि मिराज की गलती नहीं थी, फिर भी उसे दंड मिला।’ रंचना के आधार पर वाक्य भेद बताइए |
उत्तर:
प्रस्तुत वाक्य मिश्र वाक्य है।

(ङ) ‘सभ्यता साधन है जबकि संस्कृति साध्य है।’ रचना के आधार पर वाक्य भेद बताइए |
उत्तर:
प्रस्तुत वाक्य संयुक्त वाक्य है।

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 7 with Solutions

प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए । (1 × 4 = 4)

(क) ‘बिस्मिल्ला खाँ के संगीत जीवन को अनेक लोगों ने समृद्ध किया ।’ वाच्य का प्रकार बताइए ।
उत्तर:
प्रस्तुत वाक्य कर्तृवाच्य है।

(ख) ‘राधा द्वारा बाजार से आम खरीदे गए।’ इसे कर्तृवाच्य में परिवर्तित कीजिए ।
उत्तर:
राधा ने बाजार से आम खरीदे।

(ग) ‘यह लेख मेरी माँ ने लिखा है।’ इसे कर्मवाच्य में परिवर्तित कीजिए ।
उत्तर:
यह लेख मेरी माँ द्वारा लिखा गया है।

(घ) ‘दिलीप दौड़ा।’ भाववाच्य में परिवर्तित कीजिए |
उत्तर:
दिलीप से दौड़ा गया।

(ङ) ‘पतोहू ने आग दी’ इसे कर्मवाच्य में परिवर्तित कीजिए ।
उत्तर:
पतोहू द्वारा आग दी गई।

प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए । (1 × 4 = 4)
निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित पदों का पद – परिचय लिखिए ।

(क) मैं अपनी मातृभूमि पर मर मिदूँगी ।
उत्तर:
मर मिटूंगी अकर्मक क्रिया, स्त्रीलिंग, एकवचन, भविष्यत् काल

(ख) नेहा आज तक उससे उबर नहीं पाई है।
उत्तर:
नेहा व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक

(ग) अब हम क्या करें, मरते दम तक न यह शहनाई छूटेगी न काशी ।
उत्तर:
हम पुरुषवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, उत्तम पुरुष, कर्ता कारक

(घ) रीना ध्यानपूर्वक पढ़ रही है।
उत्तर:
ध्यानपूर्वक रीतिवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया- पढ़ रही है।

(ङ) कोई व्यक्ति दरवाजे पर खड़ा है। राधा से कोई कल मिला था।
उत्तर:
पहला कोई – सार्वनामिक विशेषण, दूसरा कोई-अनिश्चयवाचक सर्वनाम ।

प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)

(क) “प्रिय प्रवास की बात चलत ही सूखी गया तिय कोमल गात।” प्रस्तुत काव्य पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?
उत्तर:
प्रस्तुत काव्य पंक्तियों में बात का बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया गया है। अतः यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार है।

(ख) यह देखिये- अरविन्द से शिशु
वृन्द कैसे सो रहे ।
प्रस्तुत काव्य पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?
उत्तर:
उपमा अलंकार प्रस्तुत काव्य पंक्तियो में शिशु को फूल के समान बताया गया है। अतः यहाँ उपमा अलंकार है।

(ग) ‘लट-लटकनि मनु मत्त मधुपगन मादक मदहिं पिए । ‘ इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
उत्तर:
उत्प्रेक्षा प्रस्तुत काव्य पंक्ति में उपमेय ‘लट लटकनि’ में उपमान ‘मत्त मधुपगन’ की संभावना व्यक्त की गई। अतः यहाँ उत्प्रेक्षा
अलंकार है।

(घ) ‘सागर के उर पर नाच करती है, लहरें मधुर गान।’ इस काव्य – पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार कौन-सा है?
उत्तर:
मानवीकरण सागर की लहरें नाच गाना कर रही हैं, जबकि यह सर्वविदित है कि नाच-गाना करना तो मनुष्यों का काम है, लहरों का नहीं। अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार है।

(ङ) अवधेस के बालक चारि सदा, तुलसी मन-मंदिर में बिहरें ।
प्रस्तुत काव्य पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?
उत्तर:
रूपक अलंकार प्रस्तुत काव्य पंक्ति में उपमेय (मन) में उपमान (मंदिर) का निषेध रहित अभेद आरोप है, इसलिए यहाँ रूपक अलंकार है ।

खंड ‘ग’ (पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक) (30 अंक)

इस खंड में पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक से प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)

पूरी बात तो अब पता नहीं, लेकिन लगता है कि देश के अच्छे मूर्तिकारों की जानकारी नहीं होने और अच्छी मूर्ति की लागत अनुमान और उपलब्ध बजट से कहीं बहुत ज़्यादा होने के कारण काफी समय ऊहापोह और चिट्ठी-पत्री में बरबाद हुआ होगा और बोर्ड की शासनावधि समाप्त होने की घड़ियों में किसी स्थानीय कलाकार को ही अवसर देने का निर्णय किया होगा और अंत में कस्बे के इकलौते हाई स्कूल के इकलौते ड्राइंग मास्टर मान लीजिए, मोतीलाल जी को ही यह काम सौंप दिया गया होगा, जो महीने भर में मूर्ति बनाकर पटक देने’ का विश्वास दिला रहे थे।

(क) गद्यांश के आधार पर बताइए कि मूर्ति बनाने का अवसर किसे दिया गया?
(i) स्थानीय कलाकार को
(ii) लेखक के सहयोगी को
(iii) सरकारी कार्यालयों को
(iv) विदेशी कलाकारों को
उत्तर:
(i) स्थानीय कलाकार को प्रस्तुत गद्यांश में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि जल्दबाजी में किसी स्थानीय कलाकार को ही मूर्ति बनाने का अवसर दिया गया होगा।

(ख) मूर्ति बनाने के मार्ग में क्या-क्या परेशानियाँ आई होंगी?
(i) अच्छे मूर्तिकारों का अभाव
(ii) बजट उपलब्ध न होना
(iii) साधन की उपलब्धता
(iv) स्थानीय कलाकार का गुणी होना
उत्तर:
(i) अच्छे मूर्तिकारों का अभाव प्रस्तुत गद्यांश के आधार पर यह कहा जा सकता है कि मूर्ति बनाने के लिए एक तो अच्छे मूर्तिकारों का अभाव होगा तथा दूसरा जो बजट दिया गया होगा, वह अच्छी मूर्ति बनाने के लिए पर्याप्त नहीं होगा ।

(ग) कथन (A) मोतीलाल जी स्कूल में इकलौते ड्राइंग मास्टर थे।
कारण (R) ड्राइंग मास्टर ने एक महीने में मूर्ति बनाने का कार्य करने का विश्वास दिलाया।
(i) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(ii) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है ।
उत्तर:
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या है। गद्यांश के अनुसार, मोतीलाल जी स्कूल में इकलौते ड्राइंग मास्टर थे। उन्हें मूर्ति बनाने का कार्य पूरे एक माह का बताया और विश्वास दिलाया कि एक माह में मूर्ति पूर्ण रूप से तैयार हो जाएगी।

(घ) मूर्ति बनाने में काफी समय ऊहापोह तथा चिट्ठी-पत्री में क्यों बरबाद हुआ ? उचित विकल्प का चयन कीजिए ।
1. अच्छी मूर्ति की लागत अनुमान व उपलब्ध बजट से ज्यादा होने के कारण
2. स्थानीय कलाकारों की ज्यादा उपलब्धता होने के कारण
3. मुख्य मूर्तिकारों की ज्यादा उपलब्धता होने के कारण
4. विदेशों से बुलाए गए मूर्तिकार के कारण
कूट
(i) केवल कथन 1 सही है।
(ii) केवल कथन 2 सही है।
(iii) कथन 3 और 4 सही हैं।
(iv) कथन 1 और 2 सही हैं।
उत्तर:
(i) केवल कथन 1 सही है। अच्छी मूर्ति की लागत अनुमान और उपलब्ध बजट से बहुत ज्यादा होने के कारण काफी समय ऊहापोह और चिट्ठी-पत्री में बरबाद हुआ।

(ङ) स्थानीय कलाकार को मूर्ति बनाने का कार्य क्यों सौंपा गया?
कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए ।
1. देश के अच्छे मूर्तिकारों की जानकारी के अभाव में
2. नगरपालिका बोर्ड की शासनावधि समाप्त होने के कारण
3. अच्छी मूर्ति बनाने के लिए
4. विदेशों से बुलाए गए मूर्तिकारों के कारण
कूट
(i) केवल 1 सही है।
(iii) 1 और 2 सही हैं।
(ii) केवल 2 सही है।
(iv) 1, 2 और 3 सही हैं।
(ii) केवल कथन 2 सही है।
उत्तर:
(iii) 1 और 2 सही हैं। स्थानीय कलाकार को मूर्ति बनाने का कार्य इसलिए सौंपा गया, क्योंकि एक तो अधिकारियों को देश के अच्छे मूर्तिकारों की जानकारी का अभाव था और दूसरा नगरपालिका बोर्ड की शासनावधि समाप्त होने वाली थी।

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 7 with Solutions

प्रश्न 8.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)

(क) ‘एक कहानी यह भी ‘ पाठ के आधार पर लेखिका के पिताजी के सकारात्मक गुणों का वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
लेखिका के पिताजी अजमेर आने से पूर्व आर्थिक रूप से खुशहाल थे। वे ज़रूरतमंदों की आवश्यकता के अनुसार उनकी सहायता भी करते थे। वे एक दरियादिल इंसान थे। किसी के भी दुःख से द्रवित हो जाते थे। इस प्रकार उनमें संवेदनशीलता भी विद्यमान थी। अतः लेखिका के पिताजी में हृदय की कोमलता, संवेदनशीलता, दरियादिली जैसे सकारात्मक गुण विद्यमान थे।

(ख) ‘नौबतखाने में इबादत’ पाठ के आधार पर बताइए कि शहनाई को सुषिर वाद्यों में ‘शाह’ की उपाधि क्यों दी गई होगी?
उत्तर:
‘सुषिर वाद्य’ सुराख वाला वाद्य होता है, जिसे फूँक मारकर बजाया जाता है। अरब देश में फूँककर बजाए जाने वाले वाद्य, जिनमें नाड़ी (नरकट या रीड) होती है, को ‘नय’ बोलते हैं। शहनाई को इसकी मंगल ध्वनि के कारण ‘शाहेनय’ अर्थात् ‘सुषिर वाद्यों में शाह की उपाधि दी गई है।

(ग) ‘बालगोबिन भगत’ पाठ के आधार पर बताइए कि बालगोबिन भगत की दिनचर्या लोगों के आश्चर्य का विषय क्यों थी?
उत्तर:
‘बालगोबिन भगत’ सुबह उठकर स्नान करते और दोनों समय गीत गाते थे। वे हर वर्ष गंगा स्नान के लिए जाते और संत समागम में भाग लेते। वे कबीर को अपना ‘साहब’ मानते थे, उन्हीं के गीतों को गाते और उन्हीं के आदेशों का पालन करते । ईश्वर की आराधना में डूबे रहने के बाद भी वे अपनी गृहस्थी के कार्यों में लगे रहते थे। वे खेतीबाड़ी का कार्य भी देखते थे। इतनी आयु होने के बाद भी उनकी अनुशासित दिनचर्या लोगों के आश्चर्य का कारण थी।

(घ) ‘लखनवी अंदाज़’ पाठ के आधार पर बताइए कि नमक- – मिर्च छिड़ककर दिए गए खीरे की फाँकों को देखकर लेखक की क्या स्थिति थी?
उत्तर:
नमक मिर्च छिड़ककर दिए गए खीरे की फाँकों को देखकर लेखक उन्हें खाने के लिए लालायित हो रहे थे, किंतु वह पहले ही खीरा खाने से इंकार कर चुके थे। अतः उन्होंने उस समय आत्मसम्मान निभाना ही उचित समझा था।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए।

अट नहीं रही है हट नहीं रही है।
आभा फागुन की तन
पत्तों से लदी डाल
सट नहीं रही है।
कहीं हरी, कहीं लाल, कहीं साँस लेते हो,
कहीं पड़ी है उर में

घर – घर भर देते हो,
मंद-गंध- पुष्प-माल,
उड़ने को नभ में तुम
पाट-पाट शोभा – श्री
पर – पर कर देते हो,
पट नहीं रही है।
आँख हटाता हूँ तो

(क) कथन (A) फांगुन साँस लेता है।
कारण (R) फागुन के साँस लेने से संपूर्ण प्रकृति सुगंध से भर रही है।
(i) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(ii) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या है। फागुन के साँस लेने से संपूर्ण प्रकृति सुगंध से भर रही है।

(ख) ‘अट नहीं रही है’ पंक्ति से कवि का क्या आशय है?
(i) फागुन की सुंदरता बढ़ नहीं रही है
(ii) फागुन की सुंदरता कहीं भी समा नहीं रही है
(iii) चारों ओर फूल खिल नहीं पा रहे हैं
(iv) पेड़-पौधे वृद्धि नहीं कर पा रहे हैं
उत्तर:
(ii) फागुन की सुंदरता कहीं भी समा नहीं रही है ‘अट नहीं रही हैं’ से कवि का यह आशय है कि फागुन की सुंदरता कहीं भी समा नहीं रही है।

(ग) कवि ने बादलों को ‘कवि’ की संज्ञा क्यों दी है? सही विकल्प का चयन कीजिए
1. कल्पना के विस्तार के समान होने के कारण
2. बिजली को पैदा करने के कारण
3. वर्षा करने के कारण
4. नवीन कविता के समान नई चेतना का संचार करने के कारण
कूट
(i) कथन 1 और 2 सही हैं।
(ii) कथन 3 और 4 सही हैं।
(iii) केवल कथन 3 सही है।
(iv) केवल कथन 4 सही है।
उत्तर:
(iv) केवल कथन 4 सही है। कवि ने बादलों को ‘कवि’ की संज्ञा नवीन कविता के समान नई चेतना का संचार करने के कारण दी है।

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 7 with Solutions

(घ) ‘पाट-पाट शोभा श्री’ का अर्थ है
(i) वृक्षों पर फूल-पत्ते लदे पड़े हैं
(ii) स्थान-स्थान पर सौंदर्य बिखरा हुआ है।
(iii) मौसम सुहावना हो गया है
(iv) आसमान में सुंदर पक्षी उड़ रहे हैं
उत्तर:
(ii) स्थान-स्थान पर सौंदर्य बिखरा हुआ है ‘पाट-पाट शोभा ‘श्री’ से कवि का यह आशय है कि स्थान-स्थान पर फागुन का सौंदर्य बिखरा हुआ है।

(ङ) कवि किस ओर से आँखें नहीं हटाना चाहता ?
(i) काले-काले बादलों की ओर से
(ii) प्राकृतिक सुंदरता की ओर से
(iii) विशाल पर्वत श्रृंखला से
(iv) प्रियतमा की ओर से
उत्तर:
(ii) प्राकृतिक सुंदरता की ओर से कवि अपनी आँखें प्राकृतिक सुंदरता की ओर से नहीं हटाना चाहता ।

प्रश्न 10.
कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)

(क) जब परशुराम ने शिव धनुष के टूटने और इसे तोड़ने वाले के विषय में पूछा तो श्रीराम ने सीधा उत्तर न देकर यह क्यों कहा कि “हे नाथ! शिवजी के धनुष को तोड़ने वाला आपका ही कोई सेवक होगा?” ‘राम-लक्ष्मण- परशुराम संवाद’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
श्रीराम परशुराम के क्रोधित स्वभाव से परिचित थे। वे जानते थे कि परशुराम के क्रोध को केवल विनम्रता से ही शांत किया जा सकता है और ऋषि होने के कारण वे त्रुटियों के लिए क्षमा करना भी जानते हैं। इसी कारण श्रीराम ने उत्तर दिया कि “हे नाथ! शिवजी के धनुष को तोड़ने वाला आपका ही कोई सेवक होगा ।”

(ख) ‘उत्साह’ कविता में कवि ने बादल के किन रूपों की चर्चा की है? स्पष्ट करके लिखिए ।
उत्तर:
‘उत्साह’ कविता में कवि ने बादलों की ललित कल्पना और क्रांति चेतना जैसे भिन्न-भिन्न रूपों की चर्चा की है। एक ओर तो बादलों को पीड़ित – प्यासे लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने वाला बताया गया है तथा दूसरी ओर उन्हें विध्वंस (नष्ट), विप्लव (विद्रोह) और क्रांति चेतना के प्रतीक के रूप में बताया गया है। बादलों को ओज तथा जोश के साथ गरजने को कहा गया है, क्योंकि बादल क्रांति के सूचक हैं। बादलों के हृदय में वज्र के समान विनाश करने का उपकरण निहित है, जो नव सृष्टि के निर्माण में सहायक है।

(ग) सफलता के चरम शिखर पर पहुँचने पर यदि व्यक्ति लड़खड़ाता है, तब उसे सहयोगी किस प्रकार सँभालते हैं, ‘संगतकार ‘ कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
सफलता के चरम शिखर पर पहुँचने के दौरान यदि व्यक्ति लड़खड़ाता है, तो उसके सहयोगी उसके आत्मविश्वास को सँभालते हैं। वे विनम्रतापूर्वक उसकी गलतियों को बताकर उसमें सुधार लाने का सुझाव देते हैं, जिससे वह आगे बढ़ने लगता है। यदि वे चाहते तो इस अवसर का लाभ उठाकर स्वयं भी आगे बढ़ सकते हैं या दूसरों के मार्ग में व्यवधान उत्पन्न कर सकते हैं, किंतु वे सच्चे साथी और सहयोगी का धर्म निभाते हैं।

(घ) आत्मकथा न लिखने के लिए कवि ने क्या कारण बताए हैं? उनमें से किन्हीं दो कारणों का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर:
आत्मकथा न लिखने के लिए कवि ने निम्नलिखित दो कारणों का वर्णन किया है

  1. कवि आत्मकथा कहकर अपने साथ छल-कपट करने वालों का पर्दाफाश करना नहीं चाहता, क्योंकि न तो इससे कवि को लाभ है और न ही दूसरों को ।
  2. दुनिया में संवेदनहीन बहुत लोग हैं, जो दूसरों के दुःखों का मजाक उड़ाते हैं । कवि का जीवन भी अनेक दुःखों से भरा है और वह उनका मजाक बनाना नहीं चाहता ।

प्रश्न 11.
पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए । (4 × 2 = 8)

(क) जब पंगत बैठ जाती है तब बाबूजी भी धीरे-धीरे आकर जीमने के लिए बैठ जाते थे, उन्हें देखकर बच्चे बहुत हँसते थे। “लेखक के पिता का बच्चों के साथ खेलना उचित है।” ‘माता का अँचल’ पाठ के आधार पर इस कथन के पक्ष या विपक्ष में अपना मत प्रस्तुत कीजिए ।
उत्तर:
‘माता का अँचल’ पाठ के आधार पर लेखक के पिता का बच्चों के साथ खेलना पूर्णतः उचित है। लेखक अपने मित्रों के साथ अपनी रुचि और अपने ग्रामीण परिवेश के अनुसार खेल खेला करता था। लेखक के पिता अपने बेटे को बहुत प्यार करते थे। उसकी एक-एक गतिविधि को वे बड़े ध्यान से देखा करते थे। जब उनका खेल पूरा होने लगता, तब वे बीच में ही पहुँच जाते और खेल का अंग बन जाते। कुछ देर तक वे बच्चों के संग खेलते, उनके खेल की सराहना करते बच्चों की प्रशंसा करते और इस प्रकार वे अपना भी मनोरंजन करते थे। वास्तव में, वे उनका आत्मविश्वास बढ़ाने की कोशिश करते थे।

(ख) वर्तमान समय में शहरी जीवन की भाग-दौड़ और मनुष्य का अपनी भौतिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए निरंतर प्रयास करने की प्रक्रिया ने एकाकी बना दिया है और “यंत्रों की दुनिया ने मनुष्य को यांत्रिक व भाव शून्य बनाने का कार्य किया है, जबकि यात्राएँ मनुष्य को भाव शून्य होने से रोकती हैं।” ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ के आधार पर इस कथन के पक्ष या विपक्ष में अपना मत दीजिए |
उत्तर:
“यात्राएँ मनुष्य को भाव शून्य होने से रोकती हैं। ” मैं इस कथन से पूर्णतः सहमत हूँ। मनुष्य की नीरस होती जीवन-शैली से मुक्ति दिलाने में यात्राएँ बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ में लेखिका का प्राकृतिक सौंदर्य से अभिभूत होकर अर्थात् हिमालय पर गिरी बर्फ, सतत् प्रवाहमान झरने, अत्यंत वेग से गिरती तिस्ता नदी, प्रियुता व रूडोडेंड्रो के महकते फूल इत्यादि प्राकृतिक सौंदर्य से आसक्त होकर यह सोचना कि जीवन का आनंद इसी सौंदर्य में है, यह स्पष्ट करता है कि यात्राएँ मनुष्य के जीवन में परिवर्तन लाने में सक्षम हैं।

(ग) ‘मैं क्यों लिखता हूँ’ पाठ के आधार पर बताइए कि लेखक का हिरोशिमा के प्रभावित व्यक्तियों से साक्षात्कार कैसे हुआ ?
उत्तर:
लेखक को जब जापान जाने का अवसर मिला, तब वह हिरोशिमा भी गया और उस अस्पताल को देखा, जहाँ रेडियम पदार्थ से पीड़ित लोग वर्षों से कष्ट पा रहे थे। इस प्रकार उसे प्रत्यक्ष अनुभव हुआ, लेकिन अनुभूति अनुभव से गहरी चीज है। यही कारण है कि हिरोशिमा में सब देखकर भी उसने तत्काल कुछ नहीं लिखा। फिर एक दिन वहीं सड़क पर घूमते हुए उसने एक पत्थर पर मनुष्य की लंबी उजली छाया देखी। विज्ञान का विद्यार्थी होने के नाते उसने यह अनुमान लगाया कि विस्फोट के समय वहाँ कोई खड़ा रहा होगा और विस्फोट से बिखरे हुए रेडियम पदार्थ की किरणें उसमें रुद्ध हो गई होंगी । इससे वह व्यक्ति भाप बनकर उड़ गया होगा। उस छाया को देखकर उसे लगा जैसे समूची ट्रेजडी पत्थर पर लिखी गई हो। इस प्रकार उसका हिरोशिमा से प्रभावित व्यक्तियों से साक्षात्कार हुआ। यह सब देखकर उसे गहरी अनुभूति हुई और भारत लौटकर उसने हिरोशिमा पर एक कविता लिखी ।

खंड ‘घ’ (रचनात्मक लेखन) (20 अंक)

इस खंड में रचनात्मक लेखन पर आधारित प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।

प्रश्न 12.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए। (6)

(क) छात्र असंतोष
संकेत बिंदु

  • भूमिका
  • शिक्षा का महत्त्व
  • छात्र असंतोष का प्रभाव
  • राजनीति की शिक्षा से दूरी

उत्तर:
छात्र असंतोष
छात्र असंतोष का आशय है— विद्यार्थियों का वर्तमान शिक्षा एवं शिक्षा प्रणाली से असंतुष्ट होना । विद्यार्थियों की यह असंतुष्टि पाठ्यक्रम, शिक्षण प्रक्रिया अथवा परीक्षा के मापदंड या किसी भी विषय को लेकर हो सकती है। हम कई बार देखते हैं कि कुछ विद्यार्थियों को उनके पसंदीदा पाठ्यक्रमों अथवा स्थानों में प्रवेश नहीं मिल पाने के कारण भी उनमें असंतोष की भावना घर कर लेती है। असंतोष की यह स्थिति धीरे-धीरे एक बहुत बड़े विद्यार्थी समूह को अपनी गिरफ़्त में ले लेती है। यह अवस्था बड़ी विकट होती है। पारंपरिक शिक्षा प्राप्त कर उच्च उपाधि प्राप्त करने के पश्चात् भी अधिकतर विद्यार्थी किसी विशेष कार्य के योग्य नहीं होते। इसके कारण शिक्षित बेरोज़गारी की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। शिक्षा के निजीकरण के कारण उच्च शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षण संस्थानों की संख्या तो बढ़ गई, किंतु इन संस्थानों में विद्यार्थियों का अत्यधिक शोषण होता है। यहाँ शिक्षा के लिए पर्याप्त संसाधनों का भी अभाव होता है।

विद्यार्थियों द्वारा विरोध किए जाने पर उन्हें संस्थान से निकाले जाने की धमकी दी जाती है। वर्तमान समय में मानवीय विकास हेतु शिक्षा का विशेष महत्त्व है। समाज एवं देश में समय के अनुसार परिवर्तन होते रहते हैं, इसलिए शिक्षा के उद्देश्य में भी समय के अनुसार परिवर्तन होते हैं। उदाहरण के लिए, वैदिक काल में वेद मंत्रों की शिक्षा को पर्याप्त कहा जाता था, किंतु वर्तमान काल में मनुष्य के विकास के लिए व्यावसायिक शिक्षा पर बल दिया जाना चाहिए। छात्र असंतोष को दूर करने के लिए सबसे पहले देश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार कर इसे वर्तमान समय के अनुरूप करना होगा। इसके लिए व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षण संस्थानों की स्थापना पर्याप्त संख्या में करनी होगी। इसके अतिरिक्त राजनीति को शिक्षा से दूर रखना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि इन संस्थाओं में शिक्षक एवं कर्मचारी अपनी मनमानी कर विद्यार्थियों का भविष्य नष्ट न कर पाएँ ।

(ख) समाज में व्याप्त अंधविश्वास
संकेत बिंदु

  • भूमिका
  • अंधविश्वास पर भरोसा
  • अंधविश्वास की अवधारणा
  • अंधविश्वास के कारण

उत्तर:
समाज में व्याप्त अंधविश्वास
अंधविश्वास कोई तार्किक विचारधारा नहीं है। किसी भी कार्य के प्रति अतार्किक रूप से लोगों की रूढ़िबद्ध बातों पर विश्वास कर अपने मन में भ्रम उत्पन्न कर लेने का नाम ही अंधविश्वास है। अंधविश्वास एक ऐसी धारणा है, जिसमें लोग अपने ज्ञान व विवेक का प्रयोग नहीं करते, बल्कि अवैज्ञानिक बातों पर विश्वास करने लगते हैं। अंधविश्वास के उदाहरण आज हम अपने आस-पास अनेक रूपों में देख सकते हैं; जैसे बिल्ली के रास्ता काटे जाने पर यह सोचना कि आगे कोई दुर्घटना होने वाली है या फिर छत पर कौवे के बोलने पर मेहमान आने का पूर्वानुमान लगा लेना आदि अंधविश्वास संबंधी धारणाओं को ही दर्शाते हैं। भूत-प्रेत, टोना-टोटका, स्वर्ग की प्राप्ति आदि धारणाएँ आज समाज में व्याप्त हैं। अंधविश्वास पर भरोसा करके व्यक्ति रोज़ अपना राशिफल देखकर ही अपना कार्य प्रारंभ करते हैं।

यहाँ तक कि राहु-केतु काल, काल दोष आदि का भय दिखाकर लोगों से पूजा-पाठ करवाने वाले धर्म के ठेकेदारों का व्यापार दिन- दूना रात चौगुना फैलता जा रहा है। यद्यपि आज भी भारत में अनेक प्रकार के अंधविश्वास व्याप्त हैं। इसके अनेक कारण हैं। एक तो यहाँ शिक्षा का प्रसार उतना नहीं हो पाया है, जितना होना चाहिए था और कुछ ऐसे अंधविश्वास भी हैं, जो परंपरा का रूप ले चुके हैं, इसलिए समाज के डर से लोग इसका विरोध नहीं करना चाहते हैं। आज प्रत्येक समझदार एवं ज़िम्मेदार नागरिक का यह कर्त्तव्य है कि वह अंधविश्वासों की सच्चाई से लोगों को अवगत कराए तथा अंधविश्वास को दूर करके ही एक स्वस्थ एवं प्रगतिशील समाज की रचना करे।

(ग) मुसीबत में ही मित्र की परख होती है।
संकेत बिंदु

  • भूमिका
  • अच्छे मित्र के गुण
  • आदर्श मित्रों के उदाहरण
  • सच्चे मित्र का चुनाव

उत्तर:
मुसीबत में ही मित्र की परख होती है
सामाजिक प्राणी होने के नाते व्यक्ति समाज में विभिन्न सामाजिक संबंधों को स्थापित करता है और विभिन्न सामाजिक संबंधों की अपनी-अपनी मर्यादाएँ होती हैं, परंतु इन सभी मर्यादाओं से परे एक संबंध होता है मित्रता का, जहाँ किसी भी प्रकार की मर्यादा या सीमा संबंधी बंधन नहीं होता। सच्चा मित्र निःस्वार्थी होता है, जो अपने मित्र के कष्टों को देखकर अत्यधिक व्यग्र हो उठता है। सच्चा मित्र अपने मित्र को गलती एवं पाप करने से रोकता या बचाता है। उसके गुप्त रहस्यों को छिपाकर रखता है और गुणों को सबके समक्ष उजागर करता है ।

विपत्ति के समय भी उसके साथ बना रहता है और ऐसे समय में उसकी सहायता भी करता है तथा तन-मन-धन देने में भी कोई संकोच नहीं करता | सच्चे मित्र आलोचक की भूमिका भी अच्छी प्रकार निभाते हैं। सच्चे मित्र हमेशा सही मार्ग पर चलने की ही सलाह देते हैं। भारतीय इतिहास आदर्श मित्रों के उदाहरणों से भरा पड़ा है। कृष्ण-सुदामा, कृष्ण-अर्जुन, कर्ण दुर्योधन, राम सुग्रीव, राम- विभीषण, राम- निषादराज गुह आदि की मित्रता इतिहास में प्रसिद्ध है, परंतु आज के भौतिकवादी युग में सच्चे मित्र मिलना दुर्लभ है। यह सत्य है कि पूर्ण रूप से निर्दोष एवं सर्वगुण संपन्न व्यक्ति कोई भी नहीं होता । प्रत्येक व्यक्ति में कुछ-न-कुछ कमी अवश्य रहती है, इसलिए सोच-समझकर, जाँच-परख कर सच्चे मित्र का चुनाव करना चाहिए, जो विपत्ति में साथ दे वही सच्चा मित्र होता है।

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 7 with Solutions

प्रश्न 13.
आप संगीता कोठारी हैं। चुनाव के दिनों में राजनीतिक कार्यकर्ता घरों, विद्यालयों और मार्गदर्शक चित्रों आदि पर पोस्टर लगा देते हैं। इससे लोगों को होने वाली असुविधा पर अपने विचार व्यक्त करते हुए किसी प्रतिष्ठित दैनिक समाचार-पत्र के संपादक को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए ।
अथवा
आप चिन्मय सिन्हा हैं। आप दिल्ली में रहते हैं और आपका मित्र छोटे कस्बे में रहता है। आप अपने मित्र को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखकर बताइए कि महानगरीय जीवन किस प्रकार सुखद भी है और दुःखद भी ।
उत्तर:
परीक्षा भवन,
मेरठ।

दिनांक 20 मार्च, 20XX
सेवा में,
संपादक महोदय,
दैनिक जागरण |
दिल्ली।

विषय पोस्टर लगाने से होने वाली असुविधा हेतु ।

मान्यवर,

बाग की निवासी हूँ तथा आपके लोकप्रिय दैनिक समाचार-पत्र के माध्यम से राजनीतिक दलों, नगर निगम तथा चुनाव आयोग अधिकारियों का ध्यान चुनाव के दिनों में विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं द्वारा स्थान-स्थान पर लगाए जाने वाले होर्डिंग्स और कागज़ के पोस्टरों से उत्पन्न होने वाली समस्या की ओर ले जाना चाहती हूँ।

इस समय चुनाव का माहौल होने के कारण राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता दीवारों पर जगह-जगह पोस्टर चिपका देते हैं व नारे लिख देते हैं, जिसके कारण पता आदि ढूंढने में काफी परेशानी होती है। चुनाव के बाद भी कोई राजनीतिक दल या सरकारी संस्था इसकी खोज-खबर नहीं लेती है। इस बारे में चुनाव आयोग को आगे आकर इस संदर्भ में कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए। जिस राजनीतिक दल का पोस्टर दीवारों या दरवाजों पर लगा हो, उससे हर्जाना लिया जाना चाहिए।

मुझे आशा ही नहीं, बल्कि पूरा विश्वास है कि सामान्य जनता के हित में सभी राजनीतिक दल, चुनाव आयोग तथा नगर निगम अपने कर्तव्यों का सावधानीपूर्वक निर्वाह करेंगे तथा ऐसा कोई भी कार्य नहीं करेंगे, जो जनता के लिए असुविधापूर्ण हो ।

धन्यवाद।
भवदीया
संगीता कोठारी

अथवा

परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 19 अप्रैल, 20XX
प्रिय मित्र,
नमस्कार ।

बहुत दिनों से तुम्हारा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ। मैं काफ़ी दिनों से सोच रहा था कि तुम्हें पत्र लिखूँ, परंतु मैं रोज़ इतनी भागदौड़ भरी जिदंगी में इसके लिए समय नहीं निकाल पा रहा था। तुम्हें तो पता है कि दिल्ली भारत की राजधानी है। इसका अपना बहुत पुराना इतिहास है। यह शहर अनेक बार उजड़ा और अनेक बार बसा है। यहाँ भिन्न-भिन्न संस्कृतियों के लोग आए और गए। यहाँ की चौड़ी सड़कें, ऊँची-ऊँची इमारतें, ऐतिहासिक स्थल आदि मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करते हैं। यहाँ सभी प्रकार की सुविधाएँ और जीवन को बेहतर ढंग से जीने के लिए सभी संसाधन मौजूद हैं, परंतु साथ ही इसका दुःखद पहलू भी है। महानगर होने के कारण यहाँ घंटों जाम रहता है, जिससे समय का अत्यधिक अपव्यय होता है।

यहाँ आवास की भी बड़ी विकट समस्या है एवं पारस्परिक सद्भाव का अत्यधिक अभाव है। यहाँ का जीवन बहुत अधिक यांत्रिक है और निर्धन लोगों का जीवन बहुत दूभर है। आशा करता हूँ कि तुम्हें दिल्ली जैसे महानगरीय जीवन के सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों पक्षों का परिचय मिल गया होगा। शेष सब कुशल है । छोटों को प्यार एवं बड़ों को प्रणाम कहना |

तुम्हारा मित्र
चिन्मय सिन्हा

प्रश्न 14.
आप दीपक मौर्य हैं। आपने अर्थशास्त्र विषय में अधिस्नातक की डिग्री प्राप्त की है। आप जोधपुर में सांख्यिकी अधिकारी के पद के लिए आवेदन करना चाहते हैं। इसके लिए आप अपना एक संक्षिप्त स्ववृत्त (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए । (5)
अथवा
आप गांगुली क्रिकेट क्लब के प्रबंधक हैं। आपने प्रिया गेम्स एंड स्पोर्ट्स बी संत नगर रतलाम को बॉल और बैटस का ऑर्डर भेजा था। पंद्रह दिन बाद भी सामान न प्राप्त होने पर फर्म को लगभग 80 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए।
उत्तर:
स्ववृत्त

नाम : दीपक मौर्य
पिता का नाम : राजेंद्र मौर्य
माता का नाम : कविता मौर्य
जन्म तिथि : 10.08.19XX
वर्तमान पता : ए-A, भारत नगर, जयपुर
स्थायी पता : उपर्युक्त
दूरभाष नंबर : 014159234XX
मोबाइल नंबर : 9753XXXXXX
ई-मेल : [email protected]

शैक्षणिक योग्यताएँ
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 7 with Solutions 0.1

अन्य संबंधित योग्यताएँ

  • कंप्यूटर का विशेष ज्ञान और अभ्यास (एम.एस. ऑफिस, एक्सेल, इंटरनेट), अंग्रेज़ी भाषा का ज्ञान

उपलब्धियाँ

  • सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता (राज्य-स्तरीय वर्ष 2015) में प्रथम पुरस्कार ।
  • सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता (राष्ट्रीय स्तर पर्ष 2019) में प्रथम पुरस्कार |

कार्येत्तर गतिविधियाँ तथा अभिरुचियाँ

  • सांख्यिकी विभाग (राज्य सरकार) में तीन माह की जनगणना के आँकड़ों को एकत्र करने तथा उनका विश्लेषण करने से संबंधित प्रोजेक्ट किया।
  • सामान्य ज्ञान से संबंधित पत्रिकाओं का नियमित पठन किया।
  • सामान्य पत्र का नियमित पठन किया।

संदर्भित व्यक्तियों का विवरण

  • श्री पवन सिंघल प्रिंसिपल, राजकीय महाविद्यालय, गणपत नगर ।
  • श्रीमती रागिनी भंडारी प्रोफेसर, राजस्थान महाविद्यालय, जोधपुर ।

उद्घोषणा मैं यह पुष्टि करता हूँ कि मेरे द्वारा दी गई उपर्युक्त जानकारी पूर्ण रूप से सत्य है।

तिथी 5.10.20XX
स्थान जयपुर
दीपक मौर्य
हस्ताक्षर

अथवा

From : Ganguly [email protected]
To : Priya G&[email protected]
CC : [email protected]
BCC : [email protected]

विषय सामान प्राप्त न होने के संबंध में।

महोदय,

कृपया हमारे 20 फरवरी, 20XX के ऑर्डर-पत्र का अवलोकन करें। हमने आपको दस पैकेट बॉल तथा ग्यारह बैट्स का ऑर्डर भेजा था, जो हमें पंद्रह दिन बीत जाने के बावजूद भी अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। सामान के न आने से हमें बहुत परेशानी हो रही है। हम सामान के अभाव में अपने क्लब के सदस्यों की समय पर प्रैक्टिस नहीं करा पा रहे हैं। अगले कुछ महीनों में हमारे कुछ मैच भी हैं।

अत: आपसे विनम्र प्रार्थना है कि कृपया शीघ्रातिशीघ्र ऑर्डर की आपूर्ति की व्यवस्था करें।

धन्यवाद ।
प्रार्थी
गांगुली क्रिकेट क्लब

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 7 with Solutions

प्रश्न 15.
आपके चाचा जी एक विद्यालय शिशु विद्या निकेतन चलाते हैं। वे प्रचार-प्रसार के लिए समाचार-पत्र में विज्ञापन देना चाहते हैं। आप उसके लिए लगभग 40 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए । (4)
अथवा
नववर्ष की बधाई देते हुए चाचा जी को एक संदेश लिखिए |
उत्तर:
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 7 with Solutions 0.2

अथवा

नववर्ष की बधाई देते हुए संदेश

दिनांक 1 जनवरी, 20XX
समय प्रातः 8:00 बजे

आदरणीय चाचा जी,

आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ। आशा करती हूँ कि आप सब सकुशल होंगे और इस साल आप सभी का जीवन खुशियों से भरा हो
और आपके सभी सपने इस वर्ष साकार हों। मैं भगवान से यही प्रार्थना करती हूँ कि आप सभी की सारी इच्छाएँ पूरी हों। एक बार पुनः आप
सभी को नए साल की हार्दिक शुभकामनाएँ ।

आपकी भतीजी
क. ख.ग.

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