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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 7 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-‘अ’ और ‘ब’। खंड ‘अ’ में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खंड ‘ब’ में वस्तुनिष्ठ/वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
- प्रश्न-पत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 हैं और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
- खंड ‘अ’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्नश्नों की संख्या 44 हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य हैं।
- खंड ‘ब’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
खंड ‘अ’
(बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्न)
खंड ‘अ’ में अपठित गद्यांश-पद्यांश, व्यावहारिक व्याकरण व पाठ्य-पुस्तक से संबंधित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्न दिए गए हैं, जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
मनुष्य ने अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति का दोहन कर प्राकृतिक संतुलन ही नहीं, बल्कि स्त्रियों के साथ अन्याय कर, स्त्री-पुरुष के लिंगानुपात को घटाने का अमानवीय कार्य भी किया है। लिंगानुपात में आई भारी गिरावट का मुख्य कारण कन्या भूरण हत्या है। गर्भस्थ शिशु के लिंग परीक्षण के पश्चात् कन्या भूरण होने की स्थिति में उसे माँ के गर्भ में ही मार दिया जाता है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि लड़कियाँ हमेशा उपभोक्ता होती हैं और लड़के उत्पादक होते हैं। अभिभावक समझते हैं कि लड़का उनके लिए जीवन भर कमाएगा और उनका ध्यान रखेगा, जबकि लड़की की शादी होगी और वह ससुराल चली जाएगी।
विदेशी आक्रमणों और समाज में पर्दा-प्रथा, सती-प्रथा जैसी कुप्रथाओं के कारण महिलाओं को शिक्षा से वंचित किया जाने लगा तथा धार्मिक और सामाजिक रूप से पुरुषों को अधिक महत्त्व दिया जाने लगा एवं महिलाओं को घर तक सीमित कर दिया गया है, जिससे संतान के रूप में नर शिशु की कामना करने की गलत परंपरा समाज में विकसित हो गई। इसका अन्य महत्त्वपूर्ण कारण दहेज प्रथा भी है। पहले के समय में माता-पिता अपनी पुत्रियों की शादी में जरूरी घरेलू चीजें दिया करते थे। कई परिवार कुछ सोना और चाँदी भी देते थे। यह उसके भविष्य को सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से किया जाता था, परंतु धीरे-धीरे यह एक रिवाज बन गया है। अब दूल्हे का परिवार जो माँगता है, उसे दुल्हन के परिवार को देना पड़ता है, चाहे उनको उसके लिए किसी से कर्जा लेना पड़ जाए या अपना घर गिरवी रखना पड़ जाए। लेकिन उन्हें लड़के वालों की माँग पूरी करनी पड़ती है।
किसी भी देश की प्रगति तब तक संभव नहीं है, जब तक वहाँ की महिलाओं को प्रगति के पर्याप्त अवसर न मिलें। जिस देश में महिलाओं का अभाव हो, उसके विकास की कल्पना कैसे की जा सकती है? कन्या भ्रूण हत्या को समाप्त करने में महिलाओं की भूमिका सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण हो सकती है। अतः इसके लिए महिला शिक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा, क्योंकि शिक्षित महिला उस तरह का औजार है, जो भारतीय समाज पर और अपने परिवार पर अपने हुनर तथा ज्ञान से सकारात्मक प्रभाव डालती है।
(क) निम्नलिखित कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए।
संतान के रूप में नर शिशु की कामना करने की गलत परंपरा के कारणों में निहित है/हैं
1. महिलाओं को घर तक सीमित रखना।
2. दहेज प्रथा का प्रचलन होना।
3. विदेशी आक्रमणों का होना।
4. प्रकृति का दोहन करना।
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 1 और 2 सही हैं
(iii) 2 और 3 सही है
(iv) 3 और 4 सही हैं
उत्तर :
(ii) 1 और 2 सही हैं गद्यांश के अनुसार, समाज में संतान के रूप में नर शिशु की कामना करने की गलत परंपरा के कारणों में निहित हैंमहिलाओं को घर तक सीमित रखना तथा दहेज प्रथा का प्रचलन होना।
(ख) भारतीय समाज में लिंगानुपात में हुए परिवर्तन का कारण है
(i) विदेशी आक्रमण
(ii) कन्या भूण हत्या
(iii) सामाजिक कुप्रथाएँ
(iv) ये सभी
उत्तर :
(ii) कन्या भूण हत्या गद्यांश में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि भारतीय समाज में लिंगानुपात में हुए परिवर्तन का प्रमुख कारण कन्या सूण हत्या है।
(ग) विदेशी आक्रमणों से महिलाओं की स्थिति पर व्या प्रभाव पझ़ा?
(i) महिलाओं को शिक्षा से वंचित किया जाने लगा
(ii) महिलाओं को अधिक महत्त्व दिया जाने लगा
(iii) देश में महिलाओं का अभाव होने लगा
(iv) महिलाओं को प्रगति के अवसर मिलने लगे
उत्तर :
(i) महिलाओं को शिक्षा से वंचित किया जाने लगा विदेशी आक्रमणों से महिलाओं की स्थिति पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा। महिलाओं को शिक्षा से वंचित किया जाने लगा तथा उन्हें घर तक सीमित कर दिया गया। धार्मिक और सामाजिक रूप से पुरुषों को अधिक महत्त्व दिया जाने लगा।
(घ) देश की प्रगति का संबंध किससे बताया गया है?
(i) मनुष्य की स्वार्थ पूर्ति से
(ii) कन्या भूण हत्या से
(iii) महिलाओं को प्रगति के प्राप्त अवसर से
(iv) महिलाओं को दहेज के लिए प्रताड़ित करने से
उत्तर :
(iii) महिलाओं को प्रगति के प्राप्त अवसर से देश की प्रगति का संबंध महिलाओं को प्रगति के प्राप्त अवसर से है अर्थात् जिस देश में महिलाओं को सम्मान, अधिकार व उन्नति के अवसर मिलते हैं, वही देश प्रगति के पथ पर अग्रसर होता है।
(ङ) कथन (A) समाज में महिलाओं की दयनीय स्थिति हो गई।
कारण (R) महिलाओं को मानवीय अधिकारों से वंचित कर दिया गया।
(i) कथन A गलत है, किंतु कारण R सही है।
(ii) कथन A और कारण R दोनों गलत हैं।
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या है।
(iv) कथन A और कारण R दोनों सही हैं, परंतु कारण R कथन A की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर :
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या है समाज में महिलाओं की दयनीय स्थिति हो गई, क्योंकि उन्हें उनके मानवीय अधिकारों से वंचित कर दिया गया। इस प्रकार, अपने अधिकारों से वंचित हो जाने के कारण समाज में उनका स्तर गिरता गया।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांशों पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
नीलांबर परिधान हरित पट पर सुंदर है,
सूर्य चंद्र युग-मुकुट, मेखला रत्नाकर है,
नदियाँ प्रेम-प्रवाह, फूल तारे मंडल हैं,
बंदीजन खग-वृंद, शेषफन सिंहासन है
परमहंस सम बाल्यकाल में सब, सुख पाए,
जिसके कारण धूल भरे हीरे कहलाए,
हम खेले कूदे हर्षयुत, जिसकी प्यार गोद में
हे मातृभूमि! तुझको निरख, मग्न क्यों न हो मोद में
निर्मल तेरा नीर अमृत के सम उत्तम है,
शीतल मंद सुगंध पवन हर लेता श्रम है,
षट्ऋतुओं का विविध दृश्य युत अद्भुत क्रम है,
हरियाली का फर्स नहीं मखमल से कम है,
करते अभिषेक पयोद हैं, बलिहारी इस वेश की
हे मातृभूमि! तू सत्य ही, सगुण मूर्ति सर्वेश की;
जिसकी रज में लोट-लोटकर बड़े हुए हैं,
घुटनों के बल सरक-सरक कर खड़े हुए हैं,
शुचि-सुधा सींचता रात में तुझ पर चंद्रप्रकाश है
हे मातृभूमि! दिन में तरणि, करता तम का नाश है
जिस पृथ्वी में मिले हमारे पूर्वज प्यारे,
उससे हे भगवान! कभी हम रहें न न्यारे,
लोट-लोट कर वहीं हुदय को शांत करेंगे
उसमें मिलते समय मृत्यु से नहीं डरेंगे,
उस मातृभूमि की धूल में, जब पूरे सन जाएँगे
होकर भव-बंधन-मुक्त हम, आत्मरूप बन जाएँगे।
(क) इस कविता का केंद्रीय भाव है कि
(i) हमें कभी भी मृत्यु से भय नहीं करना चाहिए।
(ii) हमें अपनी मातृभूमि के प्रति कृतजता प्रकट करनी चाहिए।
(iii) हमें अपने पूर्वजों की आज्ञा का पालन करना चाहिए।
(iv) हमें पृथ्वी पर पेड़-पौधे लगाने चाहिए।
उत्तर :
(i) हमें अपनी मातृभूमि के प्रति कृतज्ञता प्रकट करनी चाहिए प्रस्तुत कविता का केंद्रीय भाव यह है कि हमें अपनी मातृभूमि के प्रति कृतज्ञता प्रकट करनी चाहिए, क्योंकि हम उसी की गोद में पैदा हुए हैं, उसी की माटी में खेले हैं तथा उसी के संपन्न संसाधनों का हमने उपभोग किया है।
(ख) ‘षट्त्रतुओं का विविध दृश्य युत अद्भुत क्रम है’ से क्या आशय है?
(i) हमारे देश में केवल छ: ऋतुएँ आती हैं
(ii) हमारे देश में अनेक ऋतुओं का सौदर्य अद्भुत है
(iii) हमारे देश में सभी मौसम क्रमानुसार घटते है
(iv) हमारे देश में क्रम से होने वाली छ: ऋतुओं का दृश्य अद्भुत और उत्तम है
उत्तर :
(iv) हमारे देश में क्रम से होने वाली छः ऋतुओं का दृश्य अद्भुत और उत्तम है प्रस्तुत पंक्ति से आशय है कि हमारे देश में छ: ऋतुएँ क्रम से आती हैं-शरद ऋतु, हेमंत ऋतु, शीत ऋतु, वसंत ऋतु, श्रीष्म ऋतु तथा वर्षा ऋतु, जिनके दृश्य अपने समय के अनुसार बहुत ही सुहावने, अद्भुत व मनोरम प्रतीत होते हैं।
(ग) कवि अपना मन किस प्रकार शांत करना चाहता है?
(i) जिस भूमि पर कवि का बचपन बीता था वहाँ रहकर
(ii) जिस भूमि पर कभी उसके पूर्वज रहते थे उसकी मिट्टी में लोटकर
(iii) हरे-भरे स्थानों पर कुछ दिन निवास कर
(iv) किसी एकांत स्थान पर निवास कर
उत्तर :
(ii) जिस भूमि पर कभी उसके पूर्वज रहते थे, उसकी मिट्टी में लोटकर प्रस्तुत काव्यांश के अनुसार, कवि अपना मन, जिस भूमि पर कभी उसके पूर्वज रहते थे, उसकी मिट्टी में लोटकर शांत करना चाहता है। वस्तुतः कवि को अपनी मातृभूमि से बहुत ज्यादा प्रेम है। वह उसकी मिट्टी को मों की गोद के समान समझता है।
(घ) ‘नीलांबर परिधान हरित पट पर सुंदर है’ में हरित पट का अर्थ है
(i) चारों ओर फैले हरे-भरे पेड्ड-पौधे
(ii) हवा में लहराते हरे रंग के वस्त्र
(iii) चारों ओर फैली हरियाली से युक्त धरती
(iv) नीला वस्त्र पहने कोई सुंदर स्त्री
उत्तर :
(iii) चारों ओर फैली हरियाली से युक्त धरती प्रस्तुत पंक्ति में ‘हरित पट ‘ का अर्थ चारों ओर फैली हरियाली से युक्त धरती से है। कवि के अनुसार, उसकी मातृभूमि नीले आसमान रूपी वस्त्र को पहने हुए चारों ओर फैली हरियाली से युक्त है।
(ङ) निम्नलिखित कथन पद्कर सही विकल्प का चयन कीजिए। कवि अपनी मातृभूमि पर बलिहारी होना चाहता है, क्योंकि
1. अपनी मातृभूमि के प्रति अतिशय प्रेम रखता है।
2. अपनी मातृभूमि पर फैली हरियाली को पसंद करता है।
3. अपनी मातृभूमि पर बहने वाली सुगंधित हवा से प्रफुल्लित रहता है।
4. अपनी मातृभूमि को प्रतिक्षण याद करता रहता है। कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 2 और 3 सही हैं
(iii) 1 और 3 सही हैं
(iv) 1,2,3 और 4 सही हैं
उत्तर :
(i) केवल 1 सही है प्रस्तुत काव्यांश के अनुसार, कवि अपनी मातृभूमि पर बलिहारी होना चाहता है, क्योंकि वह अपनी मातृभूमि के प्रति अतिशय प्रेम रखता है। वह उसकी सुंदरता पर मुग्ध है। उसने अपना बचपन उसकी गोद में बिताया है तथा उसे अपनी मातृभूमि पर गर्व है।
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) “तुम घर गए और वह रोने लगी।” इसका सरल वाक्य होगा
(i) तुम घर गए तब वह रोने लगी
(ii) तुम घर पहुँचे और वह रोने लगी
(iii) तुम्हारे घर जाते ही वह रोने लगी
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(iii) तुम्हारे घर जाते ही वह रोने लगी
(ख) “घंटी बजी, छात्र पुस्तकें लेकर कक्षा से बाहर निकले।” इसका संयुक्त वाक्य होगा
(i) घंटी बजी और छात्र पुस्तकें लेकर कक्षा से बाहर निकल गए
(ii) घंटी बजी और छात्र पुस्तके लेकर कक्षा से बाहर निकले
(iii) घंटी बजते ही छात्र पुस्तकें लेकर बाहर चले गए
(iv) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) घंटी बजी और छात्र पुस्तके लेकर कक्षा से बाहर निकले
(ग) “राहुल के बाहर आने पर सभी घर की ओर चल दिए।” इसका मिश्र वाक्य होगा
(i) जैसे ही राहुल बाहर आया, सभी घर की ओर चल दिए
(ii) राहुल के बाहर आते ही सभी घर की ओर चल दिए
(iii) राहुल बाहर आया और सभी घर की ओर चल दिए
(iv) राहुल बाहर आया, इसलिए सभी घर की ओर चल दिए
उत्तर :
(i) जैसे ही राहुल बाहर आया, सभी घर की ओर चल दिए
(घ) निम्नलिखित में मिश्र वाक्य पहचानकर नीचे दिए गए सबसे सही विकल्प को चुनिए।
1. नीरजा बहुत प्रसन्न थी, क्योंकि उसे पुरस्कार मिला था
2. घर आते ही राजेश अपने मित्र से मिलने चला गया
3. यद्यपि मिराज की गलती नहीं थी, फिर भी उसे दंड मिला
4. अध्यापक ने चपरासी को बुलाया और फाइल उसे दे दी कूट
(i) केवल 2 सही है
(ii) केवल 3 सही है
(iii) 1,3 और 4 सही हैं
(iv) 1,2,3 और 4 सही हैं
उत्तर :
(ii) केवल 3 सही है
(ङ) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. खरगोश जंगल में गया और गाजर ले आया। | 1. सरल वाक्य |
B. गाजर मीठी होने के कारण खरगोश को अच्छी लगी। | 2. मिश्र वाक्य |
C. खरगोश ने खुश होकर कहा कि गाजर मीठी हैं। | 3. संयुक्त वाक्य |
कूट
A B C
(i) 1 3 2
(ii) 2 3 1
(iii) 1 2 3
(iv) 3 1 2
उत्तर :
(iv) A-3, B-1, C-2
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. मैंने हिमालय को सलामी देनी चाही। | 1. कर्तृवाच्य |
B. चिड़ियों से उड़ा नहीं जाता। | 2. कर्मवाच्य |
C. यह लेख मेरी बहन ने लिखा है। | 3. भाववाच्य |
कूट
A B C
(i) 1 2 3
(ii) 2 3 1
(iii) 1 2 3
(iv) 3 2 3
उत्तर :
(ii) A-2, B-3, C-1
(ख) कर्तृवाच्य का उदाहरण है
(i) राधा द्वारा बाजार से आम खरीदे गए।
(ii) राधा ने बाजार से आम खरीदे।
(iii) राधा से आम नहीं खरीदे जाते।
(iv) राथा द्वारा आम खरीदे नहीं गए।
उत्तर :
(ii) राधा ने बाजार से आम खरीदे।
(ग) निम्नलिखित में से कर्मवाच्य वाला वाक्य छाँटिए।
(i) यह लेख मेरी माँ ने लिखा है।
(ii) यह लेख मेरी माँ द्वारा लिखा गया है।
(iii) यह लेख मेरे पिता ने लिखा।
(iv) मुझसे लिखा नहीं जाता।
उत्तर :
(ii) यह लेख मेरी माँ द्वारा लिखा गया है।
(घ) दिलीप दौड़ा। (भाववाच्य में परिवर्तित कीजिए।)
(i) दिलीप दौड़कर गया
(ii) दिलीप दौड़ा और गया
(iii) दिलीप से दौड़ा गया
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(iii) दिलीप से दौड़ा गया
(ङ) ‘पतोहू ने आग दी’ इसका कर्मवाच्य होगा।
(i) पतोहू से आग दी जाती थी।
(ii) पतोहू आग देती है।
(iii) पतोहूू द्वारा आग दी जाती है।
(iv) पतोहू द्वारा आग दी गई।
उत्तर :
(iv) पतोहू द्वारा आग दी गई।
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) मै अपनी मातृभूमि पर मर मिटूँगी। रेखांकित अंश का पद परिचय है
(i) सकर्मक क्रिया, स्त्रीलिंग, एकवचन, वर्तमान काल
(ii) अकर्मक क्रिया, स्त्रीलिंग, एकवचन, भविष्यत् काल
(iii) अकर्मक क्रिया, पुल्लिग, बहुवचन, भविष्यत् काल
(iv) सकर्मक क्रिया, स्त्रीलिंग, एकवचन, भविष्यत् काल
उत्तर :
(iv) मर मिटूँगी सकर्मक क्रिया, स्त्रीलिंग, एकवचन, भविष्यत् काल
(ख) नेहा आज तक उससे उबर नहीं पाई है। रेखांकित अंश का पद परिचय है
(i) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक
(ii) व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक
(iii) व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक
(iv) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक
उत्तर :
(iii) नेहा व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक
(ग) अब हम क्या करें, मरते दम तक न यह शहनाई छूटेगी न काशी। रेखांकित अंश का पद परिचय है
(i) पुरुषवाचक सर्वनाम, पुल्लिग, उत्तम पुरुष, कर्ता कारक
(ii) संबंधाचक सर्वनाम, पुल्लिग, मध्यम पुरुष, कर्म कारक
(iii) पुरुषवाचक सर्वनाम, पुल्लिग, उत्तम पुरुष, कर्म कारक
(iv) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, उत्तम पुरुष, कत्ता कारक
उत्तर :
(i) हम पुरुषवाचक सर्वनाम, पुल्लिग, उत्तम पुरुष, कर्ता कारक
(घ) ‘रीना ध्यानपूर्वक पढ़ रही है। रेखांकित अंश का पद परिचय है
(i) स्थानवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-पद्र रही है
(ii) रीतिवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-पढ़ रही है
(iii) परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-पढ़ रही है
(iv) कालवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-पढ़ रही है
उत्तर :
(ii) ध्यानपूर्वक रीतियाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-पढ़ रही है
(ङ) कोई व्यक्ति दरवाजे पर खड़ा है। राथा से कोई कल मिला था। दोनों वाक्यों के ‘कोई’ का सामान्य पद परिचय है
(i) पहला कोई-अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण, दूसरा कोई-सार्वनामिक विशेषण
(ii) पहला कोई-अनिश्चयवाचक सर्वनाम, दूसरा कोई-अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण
(iii) पहला कोई-सार्वनामिक विशेषण, दूसरा कोई-अनिश्चयवाचक सर्वनाम
(iv) पहला कोई-अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण, दूसरा कोई-अनिश्चयवाचक सर्वनाम
उत्तर :
(iii) पहला कोई-सार्वनामिक विशेषण, दूसरा कोई-अनिश्चयवाचक सर्वनाम
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) ‘लट-लटकनि मनु मत्त मथुपगन मादक मदहि पिए। इस पंक्ति में अंकार बताइए।
(i) श्लेष
(ii) उत्र्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(ii) उत्पेक्षा प्रस्तुत काव्य पंक्ति में उपमेय ‘लट-लटकनि’ में उपमान ‘मत्त मधुपगन’ की सम्भावना व्यक्त की गई, अतः यहाँ उत्प्रेक्षा – अलंकार है।
(ख) ‘विमलांबरा रजनी वधू, अभिसारिका सी जा रही।’ इस काव्य-पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है।
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(i) श्लेष प्रस्तुत काव्य पंक्ति में ‘विमलांबरा’ शब्द के दो भिन्न-भिन्न अर्थ है। रजनी अर्थात् रात्रि के पक्ष में ‘विमलांबरा’ शब्द का अर्थ है-विमल (स्वच्छ) अम्बर (आकाश) वाली तथा अभिसारिका के पक्ष में ‘विमलांबरा’ का अर्थ है-स्वच्छ वस्त्रों वाली। अतः यहाँ श्लेष अलंकार है।
(ग) ‘दलन के दशनन ते कमठ करारे फूटे, केश के से पात बिहराने फन सेष के।’ इस काव्य-पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है।
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iv) अतिशयोक्ति शिवाजी की सेना के चलने से कछ्छपावतार की पीठ का तड़क जाना और शेषनाग के फनों का केले के पत्तों के समान फट जाना, दिखाया गया है। यह वर्णन बहुत बढ़ा-चढ़ाकर किया गया है। अतः यहीं अतिशयोक्ति अलंकार है।
(घ) ‘सागर के उर पर नाच करती है, लहरें मधुर गान।’ इस काव्य-पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है।
(i) श्लेष
(ii) उत्र्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iii) मानवीकरण सागर की लहरें नाच-गाना कर रही हैं जबकि यह सर्वविदित है कि नाच गाना करना तो मनुष्यों का काम है, लहरों का नहीं। अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार है।
(ङ) ‘चमचमात चंचल नयन, बिच घूँघट पठ छीन।
मानहु सुरसरिता विमल, जल उछरत जुग मीन।।
इन कवव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(ii) उत्पेक्षा यहाँ घूँघट में सुरसरिता के निर्मल जल की ओर चंचल नयनों में दो उछलती हुई मछलियों की अपूर्व संभावना की गई है। अत: यहाँ उत्पेक्षा अलंकार है।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए।
पूरी बात तो अब पता नहीं, लेकिन लगता है कि देश के अच्छे मूर्तिकारों की जानकारी नहीं होने और अच्छी मूर्ति की लागत अनुमान और उपलब्ध बजट से कहीं बहुत ज़्यादा होने के कारण काफी समय ऊहापोह और चिट्ठी-पत्री में बरबाद हुआ होगा और बोर्ड की शासनावधि समाप्त होने की घड़ियों में किसी स्थानीय कलाकार को ही अवसर देने का निर्णय किया होगा और अंत में कस्बे के इकलौते हाई स्कूल के इकलौते ड्राइंग मास्टर मान लीजिए, मोतीलाल जी को ही यह काम सौंप दिया गया होगा, जो महीने भर में मूर्ति बनाकर ‘पटक देने’ का विश्वास दिला रहे थे।
(क) गद्धांश के आधार पर बताइए कि मूर्ति बनाने का अवसर किसे दिया गया?
(i) स्थानीय कलाकार को
(ii) लेखक के सहयोगी को
(iii) सरकारी कार्यालयों को
(iv) विदेशी कलाकारों को
उत्तर :
(i) स्थानीय कलाकार को प्रस्तुत गद्यांश में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि जल्दबाजी में किसी स्थानीय कलाकार को ही मूर्ति बनाने का अवसर दिया गया होगा।
(ख) मूर्ति बनाने के मार्ग में क्या-क्या परेशानियाँ आई होंगी?
(i) अच्छे मूर्तिकारों का अभाव
(ii) बजट उपलब्ध होना
(iii) साधन की उपलब्यता
(iv) स्थानीय कलाकार का गुणी होना
उत्तर :
(i) अच्छे मूर्तिकारों का अभाव प्रस्तुत गद्यांश के आधार पर यह कहा जा सकत्ता है कि मूर्ति बनाने के लिए एक तो अच्छे मूर्तिकारों का अभाव होगा तथा दूसरा, जो बजट दिया गया होगा, वह अच्छी मूर्ति बनाने के लिए पर्याप्त नहीं होगा।
(ग) मोतीलाल जी ने मूर्ति बनाने का कार्य कब पूरा करने का विश्वास दिलाया?
(i) महीने भर में
(ii) हफ्ते भर में
(iii) सप्ताह भर में
(iv) साल भर में
उत्तर :
(i) महीने भर में प्रस्तुत गद्यांश में कहा गया है कि मोतीलाल जी ने मूर्ति बनाने का कार्यक्रम पूरे एक माह का बताया और विश्वास दिलाया कि एक माह में मूर्ति पूर्ण रूप से तैयार हो जाएगी।
(घ) मूर्ति बनाने में काफी समय ऊहापोह तथा चिट्ठी-पत्री में क्यों बरबाद हुआ?
(i) अच्छी मूर्ति की लागत अनुमान व उपलख्ध बजट से ज्यादा होने के कारण
(ii) स्थानीय कलाकारों की ज्यादा उपलब्यता होने के कारण
(iii) मुख्य मूर्तिकारों की ज्यादा उपलब्धता होने के कारण
(iv) विदेशों से बुलाए गए मूर्तिकार के कारण
उत्तर :
(i) अच्छी मूर्ति की लागत अनुमान व उपलब्ध बजट से ज्यादा होने के कारण अच्छी मूर्ति की लागत अनुमान और उपलब्ध बजट से बहुत ज्यादा होने के कारण काफी समय ऊहापोह और चिट्ठी पत्री में बरबाद हुआ।
(ङ) स्थानीय कलाकार को मूर्ति बनाने का कार्य क्यों सौंपा गया? कथन को पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए।
1. देश के अच्छे मूर्तिकारों की जानकारी के अभाव में
2. नगरपालिका बोर्ड की शासनावधि समाप्त होने के कारण
3. अच्छी मूर्ति बनाने के लिए
4. विदेशों से बुलाए गए मूर्तिकारों के कारण
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) केवल 2 सही है
(iii) 1,2 और 3 सही हैं
(iv) 1 और 2 सही हैं
उत्तर :
(iv) 1 और 2 सही हैं स्थानीय कलाकार को मूर्ति बनाने का कार्य इसलिए सौंपा गया, क्योंकि एक तो अधिकारियों को देश के अच्छे मूर्तिकारों की जानकारी का अभाव था और दूसरा नगरपालिका बोर्ड की शासनावधि समाप्त होने वाली थी।
प्रश्न 8.
क्षितिज के गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(क) ‘लखनवी अंदाज़’ पाठ के आधार पर बताइए कि खीरे को काटने से पहले नवाब साहब ने क्या किया?
(i) खीरों को धोया और तौलिए से पोंछा
(ii) खीरों को काटकर झाग निकाला
(iii) खीरों की फांके बनाकर तरीके से तौलिए पर सजाई
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये सभी ‘लखनवी अंदाज’ प्रस्तुत पाठ के आधार पर खीरों को काटने से पहले नवाब साहब ने खीरों को खिड़की से बाहर थोया और तौलिए से पोछा। इसके बाद उन्होंने खीरों को काटकर झाग निकाला और फिर उनकी फॉँके बनाकर तरीके से तौलिए पर सजाते गए।
(ख) भगत जी प्रतिवर्ष गंगा-स्नान के लिए क्यों जाते थे?
(i) गंगा के प्रति अपार श्रद्धा व्यक्त करने के लिए
(ii) पदयात्रा करने के शौक को पूरा करने के लिए
(iii) संत समागम के लिए
(iv) गंगा स्नान का पुण्य प्राप्त करने के लिए
उत्तर :
(iii) संत समागम के लिए बालगोबिन भगत जी प्रतिवर्ष गंगा स्नान पर संत समागम के लिए जाते थे।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
अट नहीं रही है हट नहीं रही है।
घर-घर भर देते हो,
आभा फागुन की तन
पत्तों से लदी डाल
मंद-गंध-पुष्प-माल,
सट नहीं रही है।
उड़ने को नभ में तुम
कही हरी, कहीं लाल,
पाट-पाट शोभा-श्री
कहीं साँस लेते हो,
पर-पर कर देते हो,
कहीं पड़ी है उर में
पट नहीं रही है।
आँख हटाता हूँ तो
(क) फागुन के साँस लेने से क्या हो रहा है?
(i) संपूर्ण प्रकृति सुगंध से भर रही है
(ii) पेड्र-पौधों को नव-जीवन मिल रहा है
(iii) चारों ओर पक्षी चहचहा रहे हैं
(iv) पेड़ों पर नई कोंपले विकसित हो रही हैं
उत्तर :
(i) संपूर्ण प्रकृति सुगंध से भर रही है फागुन के साँस लेने से संपूर्ण प्रकृति सुगंध से भर रही है।
(ख) ‘अट नहीं रही है’ से कवि का क्या आशय है?
(i) फागुन की सुंदरता बढ़ नहीं रही है
(ii) फागुन की सुंदरता कहीं भी समा नहीं रही है
(iii) चारों ओर फूल खिल नहीं पा रहे हैं
(iv) पेड़-पौधे वृद्धि नहीं कर पा रहे हैं
उत्तर :
(ii) फागुन की सुंदरता कहीं भी समा नहीं रही है ‘अट नहीं रही है’ से कवि का यह आशय है कि फागुन की सुंदरता कहीं भी समा नहीं रही है।
(ग) कवि ने बादलों को ‘कवि’ की संज्ञा क्यों दी है?
(i) कल्पना के विस्तार के समान होने के कारण
(ii) बिजली को पैदा करने के कारण
(iii) वर्षा करने के कारण.
(iv) नवीन कविता के समान नई चेतना का संचार करने के कारण
उत्तर :
(iv) नवीन कविता के समान नई कविता को संचार करने के कारण कवि ने बादलों को ‘कवि’ की संज्ञा नवीन कविता के समान नई चेतना का संचार करने के कारण दी है।
(घ) ‘पाट-पाट शोभा श्री’ का अर्थ है
(i) वृक्षों पर फूल-पत्ते लदे पड़े हैं
(ii) स्थान-स्थान पर सौंदर्य बिखरा हुआ है
(iii) मौसम सुहावना हो गया है
(iv) आसमान में सुंदर पक्षी उड्ड रहे हैं
उत्तर :
(ii) स्थान-स्थान पर सौददर्य बिखरा हुआ है ‘पाट-पाट शोभा श्री ‘ से कवि का यह आशय है कि स्थान-स्थान पर फागुन का सौददर्य बिखरा हुआ है।
(ङ) कवि किस ओर से आँखें नहीं हटाना चाहता?
(i) काले-काले बादलों की ओर से
(ii) प्राकृतिक सुंदरता की ओर से
(iii) विशाल पर्वत भृंखला से
(iv) त्रियतमा की ओर से
उत्तर :
(ii) प्राकृतिक सुंदरता की ओर से प्राकृतिक सुंदरता की ओर से कवि अपनी ऑखें नहीं हटाना चाहता।
प्रश्न 10.
पाठ्ययुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(क) ‘उत्साह’ कविता के आधार पर बताइए कि कवि ने बादलों की तुलना किससे की है?
(i) काले बालों वाली सुंदर युवती से
(ii) रूई से सफेद बालों से
(iii) सुंदर, घुँघराले काले बालों से
(iv) भयंकर दैत्य से
उत्तर :
(iii) सुंदर, घुँघराले काले वालों से ‘उत्साह’ के आधार पर कवि ने बादलों की तुलना सुंदर, काले व घुँघराले बालों से की है।
(ख) संगतकार मुख्य गायक के स्वर की तुलना में अपना स्वर थीमा क्यों रखता है?
(i) मुख्य गायक के प्रति आदर की भावना होने के कारण
(ii) संगीत का पूर्ण ज्ञान न होने के कारण
(iii) मधुर स्वर का अभाव होने के कारण
(iv) गयन प्रतिभा की कमी होने के कारण
उत्तर :
(i) मुख्य गायक के प्रति आदर की भावना होने के कारण संगतकार मुख्य गायक के स्वर की तुलना में अपना स्वर मुख्य गायक के प्रति आदर की भावना होने के कारण धीमा रखता है।
खंड ‘ब’
(वर्णनात्मक प्रश्न)
खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
प्रश्न 11.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25 – 30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) ‘एक कहानी यह भी’ पाठ के आधार पर लेखिका के पिताजी के सकारात्मक गुणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
लेखिका के पिताजी अजमेर आने से पूर्व आर्थिक रूप से खुशहाल थे। वे जरूरतमंदों की आवश्यकता के अनुसार सहायता भी करते थे। वे एक दरियादिल इंसान थे। किसी के भी दुःख से द्रवित हो जाते थे। इस प्रकार उनमें संवेदनशीलता भी विध्यमान थी। अतः लेखिका के पिताजी में हृद्य की कोमलता, संवेदनशीलता, दरियादिली जैसे सकारात्मक गुण थे।
(ख) कैप्टन चश्मे वाले की मृत्यु पर हालदार साहब की क्या स्थिति थी? ‘नेताजी का चशमा’ पाठ के आथार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
हालदार साहब कैप्टन चश्मे वाले की मृत्यु पर दुःखी और विचलित थे। हालदार साहब के अनुसार कत्ब्बे ने एक सच्ये देशभक्त को खो दिया था। वे सोच रहे थे कि कर्बे में पहले की भौति सुभाषचंद्र बोस की मूर्ति अवश्य होगी, परंतु कैष्टन की भौति मूर्ति को चश्मा पहनाने वाला कोई नहीं होगा और अब मूर्ति बिना चश्मे के ही देखने को मिलेगी।
(ग) ‘बालगोबिन भगत’ पाठ के आधार पर बताइए कि बालगोबिन भगत की दिनचर्या लोगों के आश्चर्य का विषय क्यों थी?
उत्तर :
‘बालगोबिन भगत’ सुबह उठकर स्नान करते और दोनों समय गीत गाते थे। वे हर वर्ष गंगा स्नान के लिए जाते और संत समागम में भाग लेते। वे कबीर को अपना ‘साहब’ मानते थे, उन्हीं के गीतों को गाते, उन्हीं के आदेशों का पालन करते। ईश्वर की आराधना में डूबे रहने के बाद भी वे अपनी गृहस्थी के कार्यो में लगे रहते थे। वे खेतीबाड़ी का कार्य भी देखते थे। इतनी आयु होने के बाद भी उनकी अनुशासित दिनचर्या लोगों के आश्चर्य का कारण थी।
(घ) ‘लखनवी अंदाज़’ पाठ के आधार पर बताइए कि नमक-मिर्च छिड़ककर दिए गए खीरे की फॉकों को देखकर लेखक की क्या स्थिति थी?
उत्तर :
नमक-मिर्च छिड़ककर दिए गए खीरे की फाँकों को देखकर लेखक उन्हें खाने के लिए लालायित हो रहे थे, किंतु वह पहले ही खीरा खाने से इंकार कर चुके थे। अतः उन्होंने उस समय आत्मसम्मान निभाना ही उचित समझा था।
प्रश्न 12.
निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) जब परशुराम ने शिव थनुष के टूटने और इसे तोड़ने वाले के विषय में पूछा तो श्रीराम ने सीधा उत्तर न देकर यह क्यों कहा कि “हे नाथ! शिवजी के धनुष को तोड़ने वाला आपका ही कोई सेवक होगा?” ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
श्रीराम परशुराम के क्रोधित स्वभाव से परिचित थे। वे जानते थे कि परशुराम के क्रोध को केवल विनम्रता से ही शांत किया जा सकता है और ऋषि होने के कारण वे त्रुटियों के लिए क्षमा करना भी जानते है। इसी कारण श्रीराम ने उत्तर दिया कि “हे नाथ! शिवजी के धनुष को तोड़ने वाला आपका ही कोई सेवक होगा।”
(ख) ‘उत्साह’ कविता में कवि ने बादल के किन रूपों की चर्चा की है? स्पष्ट करके लिखिए।
उत्तर :
‘उत्साह’ कविता में कवि ने बादलों की ललित कल्पना और क्रांति चेतना जैसे भिन्न-भिन्न रूपों में चर्चा की है। एक ओर तो बादलों को पीडित-प्यासे लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने वाला बताया गया है तथा दूसरी ओर उन्हें विध्वंस (नष्ट), विप्लव (विद्रोह) और क्रांति चेतना के प्रतीक के रूप में बताया गया है। बादलों को ओज तथा जोश के साथ गरजने को कहा गया है, क्योंकि बादल क्रांति के सूचक हैं। बादलों के हृदय में वज्र के समान विनाश करने का उपकरण निहित है, जो नव सृष्टि के निर्माण में सहायक है।
(ग) ‘अट नहीं रही है’ कविता में कवि ने किस ऋत्रतु का वर्णन किया है? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
‘अट नहीं रही है ‘ कदिता में कवि ने वसंत ऋतु का वर्णन किया है। वसंत ऋतु की शोभा का वर्णन करते हुए कवि कहता है कि वसंत ऋतु में प्रकृति की सुंदरता अत्यथिक बढ़ गई है तथा धारों ओर फागुन की शोभा समाई हुई है। इस समय चारों ओर फूल खिलते हैं, फूलों की खुशबू प्रकृति को सुगंधित कर देती है। डालियाँ कहीं लाल तो कहीं हरे फूलों से लदी दिखाई देती हैं।
(घ) आत्मकथा न लिखने के लिए कवि ने क्या कारण बताए हैं? उनमें से किन्हीं दो कारणों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
आत्मक्था न लिखने के लिए कवि ने निम्नलिखित दो कारणों का वर्णन किया है
1. कवि आत्मक्था कहकर अपने साथ छल-कपट करने वालों का पर्दाफाश करना नहीं चाहता, क्योंकि न तो इससे कवि को लाभ है और न दूसरों को।
2. दुनिया में संवेदनहीन बहुत लोग है, जो दूसरों के दुःखों का मजाक उड़ाते हैं। कवि का जीवन भी अनेक दु:खों से भरा है और वह उनका मजाक बनाना नहीं चाहता।
प्रश्न 13.
पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50 -60 शब्दों में लिखिए। (4 × 2 = 8)
(क) जब पंगत बैठ जाती है तब बाबूजी भी धीरे-धीरे आकर जीमने के लिए बैठ जाते थे, उन्हें देखकर बच्चे बहुत हैँसते थे। “लेखक के पिता का बच्चों के साथ खेलना उच्चित है। ‘ ‘माता का अँचल’ पाठ के आथार पर इस कथन के पक्ष या विपक्ष में अपना मत प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर :
‘माता का अँचल’ पाठ के आधार पर लेखक के पिता का बच्चों के साथ खेलना पूर्णतः उचित है। लेखक अपने मित्रों के साथ अपनी रुचि और अपने ग्रामीण परियेश के अनुसार खेल खेला करता था। लेखक के पिता अपने बेटे को बहुत प्यार करते थे। उसकी एक-एक गतिविधि को वे बड़े ध्यान से देखा करते थे। जब उनका खेल पूरा होने लगता, तब वे बीच में ही पहुँच जाते और खेल का अंग बन जाते। कुछ देर तक वे बच्चों के संग खेलते, उनके खेल की सराहना करते, बच्चों की प्रशंसा करते और इस प्रकार, अपना भी मनोरंजन करते थे। वास्तव में, वे उनका आत्मविश्वास बढ़ाने की कोशिश करते थे।
(ख) वर्तमान समय में शहरी जीवन की भाग-दौड़ और मनुष्य का अपनी भौतिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए निरंतर प्रयास करने की प्रक्रिया ने एकाकी बना दिया है और “यंत्रों की दुनिया ने मनुष्य को यांत्रिक व भाव शून्य बनाने का कार्य किया है, जबकि यात्राएँ मनुष्य को भाव शून्य होने से रोकती हैं।’ ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ के आथार पर इस कथन के पक्ष या विपक्ष में अपना मत दीजिए।
उत्तर :
“यात्राएँ मनुष्य को भाव शून्य होने से रोकती हैं।” में इस कथन से पूर्णतः सहमत हूँ। मनुष्य की नीरस होती जीवन-शैली से मुक्ति दिलाने में यात्राएँ बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ में लेखिका का प्राकृतिक सौंदर्य से अभिभूत होकर अर्थात् हिमालय पर गिरी बर्फ, सतत प्रवाहमान झरने, अत्यंत बेग से गिरती तिस्ता नदी, प्रियुता व रूडोडेंड्रो के महकते फूल इत्यादि प्राकृतिक सौंदर्य से आसक्त होकर यह सोचना कि जीवन का आनंद इसी सौदर्य में है, यह स्पष्ट करता है कि यात्राएँ मनुष्य के जीवन में परिवर्तन लाने में सक्षम है।
(ग) ‘माता का अँचल’ नामक पाठ में लेखक ने तत्कालीन समाज के पारिवारिक परिवेश का जो चित्रण किया है, उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
‘माता का अँचल’ पाठ में लेखक ने तत्कालीन समाज के पारिवारिक परिवेश का चित्रण किया है। तत्कालीन पारिवारिक परिवेश अत्यंत आत्मीय एवं प्रगाढ़ था। उस समय बच्चे अपने माता-पिता के अत्यंत निकट थे। माता-पिता भी उनकी प्रत्येक गतिविधि तथा खेल में सहमागी रहते थे। भोलानाथ भी अपने पिताजी के अत्यंत निकट था। अपने पिताजी के साथ गंगाघाट पर जाकर स्नान करना, पूजा-पाठ करना, भोजन करना आदि उसका नित्य प्रति का काम था। वहीं दूसरी ओर अपनी माताजी से उसका घनिष्ठ आत्मीय संबंध था। साँप के भय से भागकर पिताजी के बुलाने पर भी भोलानाथ मों की गोद में जाकर छिप जाता है। अधिकांशतः सभी बच्चे साथ मिलकर शारीरिक खेल खेलते थे। उस समय के सामाजिक परिवेश में बालक खेल-खेल में नैतिक मूल्यों; जैस-सहयोग, प्रेम, एकता आदि गुणों को सहज हीं अपना लेते थे। इस प्रकार, तत्कालीन समाज का पारिवारिक परिवेश स्वच्छंद और आनंदमय था।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए।
(क) छात्र असंतोष
संकेत बिंदु – भूमिका
- छात्र असंतोष का प्रभाय
- शिक्षा का महत्व
- राजनीति की शिक्षा से दूरी
उत्तर :
छात्र असंतोष
छात्र असंतोष का आशय है-विद्यार्थियों का वर्तमान शिक्षा एवं शिक्षा प्रणाली से असंतुष्ट होना। विद्यार्थियों की यह असंतुष्टि पाठ्यक्रम, शिक्षण प्रक्रिया अथवा परीक्षा के मापदंड या किसी भी विषय को लेकर हो सकती है। हम कई बार देखते हैं कि कुछ वियार्थियों को उनके पसंदीदा पाठ्यक्रमों अथवा स्थानों में प्रवेश नहीं मिल पाने के कारण भी उनमें असंतोष की भावना घर कर लेती है। असंतोष की यह स्थिति थीरे-धीरे एक बहुत बड़े विद्यार्थी-समूह को अपनी गिरफ़्त में ले लेती है। यह अवस्था बड़ी विकट होती है। पारंपरिक शिक्षा प्राप्त कर उच्च उपाधि प्राप्त करने के पश्चात् भी अधिकतर विच्यार्थी किसी विशेष कार्य के योग्य नहीं होते।
इसके कारण शिक्षित बेरोजगारी की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। शिक्षा के निजीकरण के कारण उच्च शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षण संस्थानों की संख्या तो बढ़ गई, किंतु इन संस्थानों में विद्यार्थियों का अत्यधिक शोषण होता है। यहाँ शिक्षा के लिए पर्याप्त संसाधनों का भी अभाव होता है। विद्यार्थियों द्वारा विरोध किए जाने पर उन्हें संस्थान से निकाले जाने की धमकी दी जाती है। वर्तमान समय में मानवीय विकास हेतु शिक्षा का विशेष महत्त्च है। समाज एवं देश में समय के अनुसार परिवर्तन होते रहते हैं, इसलिए शिक्षा के उद्देश्य में भी समय के अनुसार परिवर्तन होते हैं। उदाहरण के लिए; वैदिक काल में वेद मंत्रों की शिक्षा को पर्याप्त कहा जाता था, किंतु वर्तमान काल में मनुष्य के विकास के लिए व्यावसयिक शिक्षा पर बल दिया जाना चाहिए। छात्र असंतोष को दूर करने के लिए सबसे पहले देश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार कर इसे वर्तमान समय के अनुरूप करना होगा। इसके लिए व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षण संस्थानों की स्थापना पर्याप्त संख्या में करनी होगी। इसके अतिरिक्त राजनीति को शिक्षा से दूर रखना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि इन संस्थाओं में शिक्षक एवं कर्मचारी अपनी मनमानी कर विद्यार्थियों का भविष्य नष्ट न कर पाएँ।
(ख) समाज में व्याप्त अंधविश्वास
संकेत बिंदु – भूमिका
- अंधविश्वास की अवधारणा
- अंधविश्वास पर भरोसा
- अंधविश्वास के कारण
उत्तर :
समाज में व्याप्त अंघविश्वास
अंधविश्वास कोई तार्किक विचारधारा नहीं है। किसी भी कार्य के प्रति अतार्किक रूप से लोगों की रूढ़िबद्ध बातों पर विश्वास कर अपने मन में अ्रम उत्पन्न कर लेने का नाम ही अंधविश्वास है। अंधविश्वास एक ऐसी धारणा है, जिसमें लोग अपने ज्ञान व विवेक का प्रयोग नहीं करते, बल्कि अवैज्ञानिक बातों पर विश्वास करने लगते हैं। अंधविश्वास के उदाहरण आज हम अपने आस-पास अनेक रूपों में देख सकते है; जैसे-बिल्ली के रास्ता काटे जाने पर यह सोचना कि आगे कोई दुर्घटना होने वाली है या फिर छत पर काँवे के बोलने पर मेहमान आने का पूर्वानुमान लगा लेना आदि अंधविश्वास संबंदी धारणाओं को ही दर्शाते हैं। भूत-प्रेत, टोना-टोटका, स्वर्ग की प्राप्ति आदि धारणाएँ आज समाज में व्याप्त हैं। अंधविश्वास पर भरोसा करके व्यक्ति रोज़ अपना राशिफल देखकर ही अपना कार्य प्रार्रम करते है। यहाँ तक कि राहु-केतु काल, काल दोष आदि का भय दिखाकर लोगों से पूजा-पाठ करवाने वाले धर्म के ठेकेदारों का व्यापार दिन-दूना रात चौगुना फैलता जा रहा है। यद्यपि आज भी भारत में अनेक प्रकार के अंधविश्वास व्याप्त हैं। इसके अनेक कारण हैं। एक तो यहाँ शिक्षा का प्रसार उतना नहीं हो पाया है, जितना होना चाहिए था तथा कुछ ऐसे अंधविश्वास भी है, जो परंपरा का रूप ले चुके हैं, इसलिए समाज के डर से लोग इसका विरोध नहीं करना चाहते हैं। आज प्रत्येक समझदार एवं ज़िम्मेदार नागरिक का यह कर्त्तव्य है कि वह अंधविश्वासों की सच्चाई से लोगों को अवगत कराए तथा अंधविश्वास को दूर करके ही एक स्वस्थ एवं प्रगतिशील समाज की रचना करे।
(ग) मुसीबत में ही मित्र की परख होती है
संकेत बिंदु – भूमिका
- अच्छे मित्र के गुण
- आदर्श मित्रों के उदाहरण
- सच्चे मित्र का चुनाव
उत्तर :
मुसीबत में ही मित्र की परख होती है
सामाजिक प्राणी होने के नाते व्यक्ति समाज में विभिन्न सामाजिक संबंधों को स्थापित करता है और विभिन्न सामाजिक संबंधों की अपनी-अपनी मर्यादाएँ होती हैं, परंतु इन सभी मर्यादाओं से परे एक संबंध होता है मित्रता का, जहाँ किसी भी प्रकार की मर्यादा या सीमा संबंधी बंधन नहीं होता। सच्या मित्र नि:स्वार्थी होता है, जो अपने मित्र के कष्टों को देखकर अत्यधिक व्यग्र हो उठता है। सच्चा मित्र अपने मित्र को गलती एवं पा करने से रोकता या बचाता है। उसके गुप्त रहस्यों को छिपाकर रखता है और गुगों को सबके समक्ष उजागर करता है। विपत्ति के समय भी उसके साथ बना रहता है और ऐसे समय में उसकी सहायता भी करता है तथा तन-मन-धन देने में भी कोई संकोच नहीं करता।
सच्चे मित्र आलोचक की भूमिका भी अच्छी प्रकार से निभाते हैं। सच्चे मित्र हमेशा सही मार्ग पर चलने की ही सलाह देते हैं। भारतीय इतिहास आदर्श मित्रों के उदाहरणों से भरा पड़ा है। कृष्ण-सुदामा, कृष्ण-अर्जुन, कर्ण-दुर्योधन, एम-सुग्रीव, राम-विभीषण, राम-निषादराज गुह आदि की मित्रता इतिहास में प्रसिद्ध है, परंतु आज के मॉतिकवादी युग में सच्चे मिन्र मिलना दुलेभ है। यह सत्य है कि पूर्ण रूप से निर्दोष एवं सर्वगुण संपन्न व्यक्ति कोई भी नहीं होता। प्रत्येक व्यक्ति में कुछ-न-कुछ कमी अवश्य रहती है, इसलिए सोच-समझकर, जाँच-परख कर सच्चे मित्र का चुनाव करना चाहिए, जो विपति में साथ दे वही सच्चा मित्र होता है।
प्रश्न 15.
किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।
आप संगीता कोठारी हैं। चुनाव के दिनों में राजनीतिक कार्यकर्ता घरों, विद्यालयों और मार्गदर्शक चित्रों आदि पर पोस्टर लगा देते हैं। इससे लोगों को होने वाली असुविधा पर अपने विचार व्यक्त करते हुए किसी प्रतिष्ठित दैनिक समाचार-पत्र के संपादक को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।
अथवा
आप चिन्मय सिन्हा हैं। आप दिल्ली में रहते हैं और आपका मित्र छोटे कस्वे में रहता है। आप अपने मित्र को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखकर बताइए कि महानगरीय जीवन किस प्रकार सुखद भी है और दुःखद भी।
उत्तर :
परीक्षा भवन,
मेरठ।
दिनांक 20 मार्च, 20XX
सेवा में,
संपादक महोदय
दैनिक जागरण, मेरठ।
विषय पोस्टर लगाने से होने वाली असुविधा हेतु।
मान्यवर,
में बेगम बाग की निवासी हूं तथा आपके लोकप्रिय दैनिक समाथार-पत्र के माध्यम से रजनीतिक दलों, नगर निगम तथा चुनाव आयोग अधिकारियों का ध्यान चुनाव के दिनों में विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं द्वारा स्थान-स्थान पर लगाए जाने वाले होर्डिग्स और कागज़ के पोस्टरों से उत्पन्न होने वाली समस्या की ओर ले जाना चाहती हूँ।
इस समय चुनाव का माहौल होने के कारण राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता दीवारों पर जगह-जगह पोस्टर चिपका देते हैं व सरकारी संस्था इसकी खोज-खबर नहीं लेती है। इस बारे में चुनाव आयोग को आगे आकर इस संदर्भ में कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए। जिस राजनीतिक दल का पोस्टर दीवारों या दरवाजों पर लगा हो, उससे हर्जाना लिया जाना चाहिए।
मुझे आशा ही नहीं, बल्कि पूरा विश्वास है कि सामान्य जनता के हित में सभी राजनीतिक दल, चुनाव आयोग तथा नगर निगम अपने कर्त्तव्यों का सावधानीपूर्वक निर्वाह करेंगे तथा ऐसा कोई भी कार्य नहीं करेंगे, जो जनता के लिए असुविधापूर्ण हो। धन्यवाद!
भवदीया
संगीता कोठारी
अथवा
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 19 अप्रेज, 20XX
प्रिय मित्र
नमस्कार।
बहुत दिनों से तुम्हारा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ। में काफ़ी दिनों से सोच रहा था कि तुम्हें पत्र लिखूँ परंतु रोज़ इतनी भागदौड़ भरी जिदंगी में में इसके लिए समय नहीं निकाल पा रहा था।
तुम्हें तो पता है कि दिल्ली भारत की राजधानी है। इसका अपना बहुत पुराना इतिहास है। यह शहर अनेक बार उजड़ा और अनेक बार बसा है। यहाँ भिन्न-भिन्न संस्कृतियों के लोग आए और गए। यहाँ की चौड़ी सड़कें, ऊँची-ऊँची इमारतें, ऐतिहासिक स्थल आदि मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करते हैं। यहाँ सभी प्रकार की सुविधाएँ और जीवन को बेहतर ढंग से जीने के लिए सभी संसाधन मौजूद हैं, परंतु साथ ही इसका दु-खद पहलू भी है। महानगर होने के कारण यहाँ घंटों जाम रहता है, जिससे समय का अत्यधिक अपव्यय होता है।
यहाँ आवास की भी बड़ी विकट समस्या है एवं पारस्परिक सद्भाव का अत्यधिक अभाव है। यहाँ का जीवन बहुत अधिक यांत्रिक है और निर्थन लोगों का जीवन बहुत दूभर है। आशा करता हूँ कि तुम्हें दिल्ली जैसे महानगरीय जीवन के सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों पक्षों का परिचय मिल गया होगा। शेष सब कुशल है। छोटों को प्यार एवं बड़ों को प्रणाम कहना।
तुम्हारा मित्र
चिन्मय सिन्हा
प्रश्न 16.
आप दीपक मौर्य हैं। आपने अर्थशास्त्र विषय में अधिस्नातक की डिग्री प्राप्त की है। आप जोधपुर में सांख्यिकी अधिकारी के पद के लिए आवेदन करना चाहते हैं। इसके लिए आप अपना एक संक्षिप्त स्ववृत्त (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए।
अथवा
आप गांगुली क्रिकेट क्लब के प्रबंधक हैं। आपने प्रिया गेम्स एंड स्पोट्स बी संत नगर रतलाम को बॉल और बैट्स का ऑर्डर भेजा था। पंद्रह दिन बाद भी सामान न प्राप्त होने पर फर्म को लगभग 80 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए।
उत्तर :
स्ववृत्त
नाम : दीपक मौर्य
पिता का नाम : राजेंद्र मौर्य
माता का नाम : कविता मौर्य
ज़न्म तिथि : 10.08.19XX
वर्तमान पता : ए-A, भारत नगर, जयपुर
स्थायी पता : उपर्युक्त
दूरभाष नंबर : 014159234XX
मोबाइल नंबर : 9753 X0X000XX
मेल : [email protected]
शैक्षणिक योग्यताएँ
अन्य संयंधित योग्यताएँ
- कंप्यूटर का विशेष ज्ञान और अभ्यास (एम.एस, ऑफिस, एक्सेल, इंटरनेट), अंग्रेजी भाषा का ज्ञान उपलब्धियों
- सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता (राज्य-स्तरीय वर्ष 2015) में प्रथम पुरस्कार।
- सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता (राष्ट्रीय स्तर पर्ष 2019) में प्रथम पुरस्कार।
कार्येत्तर गतिविधियाँ तथा अभिरुचियाँ
- सांखियिकी विभाग (राज्य सरकार) में तीन माह की जनगणना के आँकड़ों को एकत्र करने तथा उनका विश्लेषण करने से संबंधित प्रोजेक्ट किया।
- सामान्य ज्ञान से संबंधित पत्रिकाओं का नियमित पाठन किया
- सामान्य पत्र का नियमित पाठन किय्या।
संदर्भित व्यक्तियों का विवरण
- भ्री पवन सिंघल प्रिंसिपल, राजकीय महाविच्यालय, गणपत नगर
- श्रीमती रागिनी भंडारी प्रोफेसर, राजस्थान महाविद्यालय, जोधपुर
तिथि 5.10.20XX
स्थान जयपुर
दीपक मौर्य
हस्ताक्षर
अथवा
प्रश्न 17.
आपके चाचा जी एक विद्यालय शिशु विद्या निकेतन चलाते हैं। वे प्रचार-प्रसार के लिए समाचार-पत्र में विज्ञापन देना चाहते हैं। आप उसके लिए लगभग 40 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।
अथवा
आप माही शर्मा हैं। आपके पिताजी की अनुपस्थिति में चाचा जी से प्राप्त संदेश को लगभग 40 शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
अथवा
पिताजी को संदेश
दिनांक 4 अगस्त, 20XX
समय 2:00 बजे दोपहर
आदरणीय पिताजी,
आपकी अनुपस्थिति में चाचाजी का फोन आया था। उन्होंने हम सबके के विषय में पूछा और फिर अपने विषय में बताया कि वहाँ सब कुशल मंगल है, परंतु किसी कारणवश वे आज शाम के कार्यक्रम में नहीं आ सकेंगे। इसके लिए उन्हें खेद है। वे मुझे अपने न आने का कारण नहीं बता सके, परंतु वे शीघ्र ही हम सबसे मिलने घर आएँगे और हमारे साथ रहेंगे।
अतः आप स्वयं उनसे बात करके पूछ लीजिए कि वे किस कारणवश नहीं आ रहे हैं।
आपकी पुत्री
माही शर्मा