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NCERT Solutions for Class 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 6 with Solutions

October 15, 2025 by Sastry CBSE

Students can access the CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions and marking scheme Set 6 will help students in understanding the difficulty level of the exam.

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 6 with Solutions

समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश
निम्नलिखित निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका सख्ती से अनुपालन कीजिए।

  • इस प्रश्न पत्र में चार खंड हैं- क, ख, ग और घ
  • इस प्रश्न-पत्र में कुल 15 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • प्रश्न पत्र में आंतरिक विकल्प दिए गए हैं।
  • प्रश्नों के उत्तर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए लिखिए।

खंड ‘क’ (अपठित बोध) (14 अंक)

इस खंड में अपठित गद्यांश व काव्यांश से संबंधित तीन बहुविकल्पीय (1 × 3 = 3) और दो अतिलघूत्तरात्मक व लघूत्तरात्मक (2 × 2 = 4) प्रश्न दिए गए हैं।

प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर लिखिए। (7)
पर्यावरण नैतिकता से अभिप्राय है वे विषय, सिद्धांत और दिशा-निर्देश, जो मनुष्य और पर्यावरण के बीच की क्रियाओं और प्रतिक्रियाओं को दर्शाते हैं। यह ठीक ही कहा गया है, “पर्यावरण संकट मन और आत्मा के संकट की बाहरी अभिव्यक्ति है।” यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि हम कैसे सोचते हैं और कैसे कार्य करते हैं। यदि हम सोचते हैं कि “मनुष्य इस पृथ्वी पर सर्वशक्तिमान और सर्वोच्च प्राणी है और मनुष्य प्रकृति का स्वामी है और अपनी इच्छा से उसका उपयोग कर सकता है, तो यह हमारी मानव केंद्रित विचारधारा को दर्शाता है।

दूसरी ओर, अगर हम सोचते हैं कि “प्रकृति ने हमें एक सुंदर जीवन जीने के लिए सभी संसाधन प्रदान किए हैं और वह एक माँ की तरह हमारा पोषण करती है, तो हमें उसका सम्मान करना चाहिए और उसका पालन-पोषण करना चाहिए। यह पृथ्वी केंद्रित विचारधारा है। इस प्रकार मानव केंद्रित विचारधारा के अनुसार, मनुष्य प्रकृति का स्वामी है और वह इसे मनचाहे रूप में प्रयोग कर सकता है। इसके विपरीत पृथ्वी और प्रकृति केंद्रित विचारधारा के अनुसार, पृथ्वी हमारी जननी है। अतः हमें पृथ्वी का आदर करना चाहिए। पहले मत के अनुसार, पृथ्वी केवल एक ग्रह है, इसलिए हमें वैज्ञानिक तकनीक द्वारा प्रौद्योगिकी का निरंतर विकास करना होगा और पर्यावरण के अपघटन को रोकना होगा, ताकि एक स्वच्छ एवं स्वस्थ पर्यावरण और बेहतर भविष्य की नींव रखी जा सके।

साम्राज्यवाद, उपनिवेशवाद, आधिपत्य के लिए संघर्ष, विश्वयुद्ध आदि ने अपने-अपने ढंग से पर्यावरण को संकट में डाला है। आज फिर आधुनिक प्रौद्योगिकी की सहायता से बड़े पैमाने पर औद्योगिक उत्पादन के लिए प्रकृति के शोषण ने संपूर्ण विश्व में पर्यावरणीय संकट पैदा कर दिया है, जो घातक सिद्ध हो सकता है। यह विवादास्पद है कि विकास आधारित प्रौद्योगिकी वरदान है या विनाश का कारण।

(क) यह ठीक ही कहा गया है, “पर्यावरण संकट मन और आत्मा के संकट की बाहरी अभिव्यक्ति है।” इस कथन में ‘मन और आत्मा के संकट’ का आशय है (1)
(i) पर्यावरणीय नियमों की कमी
(ii) मानवीय सोच और आचरण में विकृति
(iii) वैज्ञानिक विकास का अभाव
(iv) सामाजिक अव्यवस्था
उत्तर:
(ii) मानवीय सोच और आचरण में विकृति
गद्यांश के अनुसार, जब हम प्रकृति को स्वार्थवश शोषण की वस्तु मानते हैं, तो यह हमारी मानसिक और नैतिक विकृति को दर्शाता है। इसलिए ‘मन और आत्मा का संकट’ से तात्पर्य हमारे सोचने और व्यवहार करने के गलत तरीकों से है।

(ख) निम्नलिखित कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए। (1)
गद्यांश के अनुसार कौन सी बात मानव-केंद्रित विचारधारा को दिखाती है?
(i) वैज्ञानिक तरीके से धरती का भला करना।
(ii) धरती को माता मानकर उसका आदर करना।
(iii) बड़े पैमाने पर औद्योगिक उत्पादन करना
(iv) मनुष्य द्वारा पृथ्वी का मनचाहे रूप से प्रयोग करना
उत्तर:
(iv) मनुष्य द्वारा पृथ्वी का मनचाहे रूप से प्रयोग करना।
मानव-केंद्रित सोच यह मानती है कि मनुष्य प्रकृति का मालिक है। और वह इसका उपयोग अपनी सुविधानुसार कर सकता है, चाहे इससे नुकसान ही क्यों न हो।

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 6 with Solutions

(ग) कथन (A): आधुनिक प्रौद्योगिकी ने प्रकृति पर संकट पैदा कर दिया है। (1)
कारण (R): औद्योगिक उत्पादन के लिए प्रकृति का शोषण किया जा रहा है।
कूट
(i) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
उत्तर:
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
आज प्रौद्योगिकी की सहायता से बड़े पैमाने पर औद्योगिक उत्पादन के लिए प्रकृति के शोषण ने संपूर्ण विश्व तथा प्रकृति पर पर्यावरणीय संकट पैदा कर दिया है।

(घ) प्रकृति के प्रति मनुष्य का दृष्टिकोण पर्यावरणीय संतुलन को कैसे प्रभावित करता है? गद्यांश के आधार पर किन्हीं दो बिंदुओं द्वारा स्पष्ट कीजिए। (2)
उत्तर:
प्रकृति के प्रति मनुष्य का दृष्टिकोण पर्यावरणीय संतुलन को सीधे प्रभावित करता है। जब मनुष्य स्वयं को प्रकृति का स्वामी मानता है, तो वह प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन करता हैं, जिससे पर्यावरण असंतुलित हो जाता है। यह मानव-केंद्रित दृष्टिकोण को दर्शाता है। वहीं पृथ्वी केंद्रित दृष्टिकोण के तहत यदि मनुष्य प्रकृति की माँ की तरह माने और उसका संरक्षण करे, तो पर्यावरण संतुलन बना रहता है और संकट कम होते हैं।

(ड) गद्यांश में पर्यावरण संकट के पीछे इतिहास की किन घटनाओं को जिम्मेदार ठहराया गया है और क्यों? (2)
उत्तर:
गद्यांश के अनुसार, साम्राज्यवाद, उपनिवेशवाद, आधिपत्य के लिए संघर्ष और विश्वयुद्ध जैसी ऐतिहासिक घटनाओं को पर्यावरण संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है, क्योंकि इन घटनाओं के दौरान मनुष्यों ने अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति का अत्यधिक दोहन और विनाश किया, जिससे पर्यावरण असंतुलन उत्पन्न हुआ।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर लिखिए।
‘फिर क्या होगा उसके बाद?”
उत्सुक होकर शिशु ने पूछा
‘माँ, क्या होगा उसके बाद?’
‘रवि से उज्ज्वल, शशि से सुंदर
नव किसलयदल से कोमलतर।
वधू तुम्हारी घर आएगी,
उस विवाह उत्सव के बाद।’
पल भर मुख पर स्मित की रेखा
खेल गई, फिर माँ ने देखा-
कर गंभीर मुखाकृति, शिशु ने
फिर पूछा, “माँ, उसके बाद?”
“फिर नभ के नक्षत्र मनोहर,
स्वर्ग-लोक से उतर-उतर कर,
तेरे शिशु बनने को मेरे
घर आएँगे उसके बाद।”
“मेरे नए खिलौने लेकर,
चले न जाएँ वे अपने घर।”
चिंतित हो कह उठा, किंतु फिर
पूछा शिशु ने, “उसके बाद?”
अब माँ का जी ऊब चुका था।
हर्ष श्रांति में डूब चुका था।
बोली, “फिर मैं बूढ़ी होकर,
मर जाऊँगी उसके बाद।”

(क) कथन (A): शिशु माँ से बार-बार प्रश्न कर रहा है।
कारण (R): फिर क्या होगा उसके बाद शिशु को जानने की उत्सुकता है।
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(iii) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(iv) कथन (A) गलत हैं, किंतु कारण (R) सही है।
उत्तर:
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
प्रस्तुत काव्यांश में शिशु माँ से बार-बार उत्सुक होकर यही प्रश्न कर रहा है कि फिर क्या होगा उसके बाद, क्योंकि शिशु की बालसुलभ जिज्ञासा कभी शांत नहीं होती। वह बार-बार यही प्रश्न करता है कि इसके बाद क्या होगा?

(ख) रवि से उज्ज्वल, शशि से सुंदर नव किसलयदल से कोमलतर’ से क्या अभिप्राय है?
(i) वधू तेजस्वी, सुंदर और कोमल होगी।
(ii) सूरज और चाँद धरती पर उतर आएँगे।
(iii) बच्चा सूरज चाँद जैसा बनेगा।
(iv) वधू स्वर्ग से आएगी।
उत्तर:
(i) वधू तेजस्वी, सुंदर और कोमल होगी।
इस पंक्ति में वधू की सुंदरता और कोमलता को सूर्य की उज्ज्वलता, चंद्रमा की शीतलता और कोमल कली से तुलना करते हुए दर्शाया गया है। यहाँ वधू की विशेषताओं का मानवीकरण रूप दिया गया है।

(ग) सुमेलित कीजिए।

कॉलम 1 कॉलम 2
A. विवाह के बाद 1. माँ की मृत्यु
B. शिशु का अगला प्रश्न 2. स्वर्ग से शिशुओं का आना
C. विवाह उत्सव पश्चात् 3. वधू का घर आना
D. अंतिम उत्तर 4. शिशु का चिंता करना

कूट

A B C D
(i) 3 4 2 1
(ii) 1 4 3 2
(iii) 3 1 2 4
(iv) 2 4 3 1

उत्तर:
(i) 3 4 2 1
प्रस्तुत पद्यांश के अनुसार, विवाह के बाद वधू का घर आना स्वाभाविक क्रम है। शिशु अगला प्रश्न पूछते हुए चिंता करता है कि उसके खिलौने न छिन जाएँ। विवाह उत्सव के बाद स्वर्ग से संतान आने की कल्पना की जाती है। अंततः माँ थककर जीवन का अंतिम सत्य मृत्यु बताती है।

(घ) ‘उसके बाद’ की पुनरावृत्ति कविता में किस भावना को दर्शाती है? किन्हीं दो बिन्दुओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
प्रस्तुत कविता में ‘उसके बाद’ की पुनरावृत्ति निम्नलिखित बिन्दुओं को दर्शाती हैं

  • जीवन के प्रति अनंत जिज्ञासा शिशु जानना चाहता है कि जीवन में आगे क्या होता है।
  • समय और चक्र की अनवरतता यह दर्शाती है कि जीवन निरंतर आगे बढ़ता है और प्रत्येक उत्तर के बाद एक नया प्रश्न जन्म लेता है।

(ड) प्रस्तुत कविता में माँ के व्यक्तित्व की कौन-सी दो विशेषताएँ उभरकर आती हैं?
उत्तर:
प्रस्तुत कविता में माँ के व्यक्तित्व की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • इस कविता में माँ का स्नेहिल और कल्पनाशील व्यक्तित्व स्पष्ट रूप से उभरकर आया है। वह शिशु की हर जिज्ञासा का उत्तर सुंदर कल्पनाओं के माध्यम से देती है।
  • इस कविता में माँ को धैर्यशील और संवेदनशील दिखाया गया है, क्योंकि बार-बार प्रश्न पूछने पर भी वह संयम बनाए रखती है तथा अंत में भावुक हो जाती है। ये विशेषताएँ माँ के कोमल और ममत्वपूर्ण स्वभाव को प्रकट करती हैं।

खंड ‘ख’ (व्यावहारिक व्याकरण) (16 अंक)

व्याकरण के लिए निर्धारित विषयों पर अतिलघूत्तरात्मक व लघूत्तरात्मक 20 प्रश्न दिए गए हैं, जिनमें से केवल 16 प्रश्नों के उत्तर देने हैं।

प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
(क) ‘जैसे ही वर्षा हुई वैसे ही मोर नाचने लगे।’ संयुक्त वाक्य में परिवर्तित कीजिए।
(ख) ‘मूर्तिकार ने सुना और जवाब दिया’ इसे सरल वाक्य में परिवर्तित कीजिए।
(ग) ‘जो बात मैंने सुनी थी, वह बिलकुल सही निकली।’ आश्रित उपवाक्य छाँटकर उसका भेद भी लिखिए।
(घ) ‘सुबह होते ही भौंरे गुनगुनाने लगे।’ मिश्र वाक्य में बदलिए।
(ड) ‘नवाब साहब के खीरे की फाँकों को देख और फाँकों को खिड़की से बाहर फेंक दिया।’ रचना के आधार पर वाक्य भेद बताइए।
उत्तर:
(क) वर्षा हुई और मोर नाचने लगे।
(ख) मूर्तिकार ने सुनकर जवाब दिया।
(ग) प्रस्तुत वाक्य में आश्रित उपवाक्य है, ‘जो बात मैंने सुनी थी’ वाक्य भेद-विशेषण उपवाक्य।
(घ) जैसी ही सुबह हुई, वैसे ही भौरे गुनगुनाने लगे।
(ङ) प्रस्तुत वाक्य संयुक्त वाक्य है।

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 6 with Solutions

प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
(क) वे कबीर के आदर्शों पर चलते थे। वाच्य पहचानकर वाच्य भेद का नाम लिखिए।
(ख) भाववाच्य और कर्तृवाच्य में क्या अंतर है?
(ग) ‘गर्मियों में लोगों से खूब नहाया जाता है।’ वाच्य का प्रकार बताइए।
(घ) ‘लड़की खेल नहीं सकी।’ इसे भाववाच्य में बदलिए।
(ड) ‘रामदयाल ने संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया’ प्रस्तुत वाक्य को कर्मवाच्य में बदलिए।
उत्तर:
(क) प्रस्तुत वाक्य कर्तृवाच्य है, क्योंकि इसमें कर्ता की प्रधानता है।
(ख) भाववाच्य में कर्ता और कर्म की प्रधानता न होकर, क्रिया का भाव मुख्य होता है तथा कर्तृवाच्य में कर्ता की प्रधानता होती है और क्रिया कतां के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार होती है।
(ग) प्रस्तुत वाक्य भाववाच्य है।
(घ) लड़की से खेला नहीं जा सका।
(ङ) रामदयाल के द्वारा संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया गया।

प्रश्न 5.
निर्देशानुसार पद परिचय’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित पदों का पद परिचय लिखिए।
(क) राजा ने अपने शत्रु पर चढ़ाई कर दी।
(ख) वे स्त्रियाँ संस्कृत नहीं बोलतीं।
(ग) रंग-बिरंगे फूल देखकर मन प्रसन्न हो गया।
(घ) मंजू ऊपर आ रही है।
(ड) हालदार साहब कुछ पल चुपचाप से सामने देखते रहे।
उत्तर:
(क) चढ़ाई भाववाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग
(ख) वे सार्वनामिक विशेषण, स्त्रीलिंग, बहुवचन, संज्ञा (स्त्रियाँ) का विशेषण
(ग) रंग-बिरंगे गुणवाचक विशेषण, बहुवचन, पुल्लिंग
(घ) ऊपर स्थानवाचक क्रियाविशेषण, विशेष्य क्रिया- ‘आ रही है’
(ङ) सामने क्रियाविशेषण (स्थानवाचक)

प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों की रेखांकित काव्य पंक्तियों में अलंकार पहचानकर लिखिए।
(क) ‘थकी सोई है मेरी मौन व्यथा।’
(ख) ‘नित्य ही नहाता क्षीर-सिन्धु के कलाधर है’
सुंदर तवानन की समता की इच्छा से।।’
(ग) शशि मुख पर घूँघट डाले, अंचल में दीप छिपाए।’
(घ) मुख बाल रवि सम लाल होकर ज्वाला-सा हुआ बोधित।
(ड) ‘हनुमान की पूँछ में लगन न पाई आग,
सागरी लंका जरि गई, गए निशाचर भाग।’
उत्तर:
(क) रेखांकित पंक्ति में ‘मौन व्यथा’ (शांत पीड़ा) को ‘थकी सोई’ के रूप में चित्रित किया गया है, जो मानवीय क्रियाएँ हैं। इसलिए यहाँ मानवीकरण अलंकार निहित है।
(ख) रेखांकित पंक्ति में कलाधर (चंद्रमा) के क्षीर निधि में नहाने का कारण उसकी उत्पत्ति हेतु क्षीर निधि नहीं बताया गया, बल्कि स्नान करने में इस अभिप्राय (फल) की संभावना की गई है कि वह नायिका के मुख की समानता प्राप्त करने के लिए क्षीर सागर में नहा रहा है। अतः उत्प्रेक्षा अलंकार है।
(ग) रेखांकित काव्य पंक्ति में मुख उपमेय पर चंद्रमा यानी शशि उपमान का आरोप होने से रूपक अलंकार है।
(घ) रेखांकित काव्य पंक्ति में मुख की लाली को सूर्य के समान बताया गया है, इसलिए यहाँ उपमा अलंकार है।
(ङ) रेखांकित पंक्ति अतिशयोक्ति अलंकार का एक उदाहरण है, क्योंकि इसमें हनुमान की पूँछ में आग लगने से पहले ही पूरी लंका के जलने और राक्षसों के भागने का बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया गया है।

खंड ‘ग’ (पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक) (30 अंक)

इस खंड में पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक से प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए।
खेती बारी करते, परिवार रखते भी, बालगोबिन भगत साधु थे-साधु की सब परिभाषाओं में खरे उतरने वाले। कबीर को ‘साहब’ मानते थे, उन्हीं के गीतों को गाते, उन्हीं के आदेशों पर चलते कभी झूठ नहीं बोलते, खरा व्यवहार रखते। किसी से भी दो टूक बात करने में संकोच नहीं करते, न किसी से खामखा झगड़ा मोल लेते। किसी की चीज नहीं छूते, न बिना पूछे व्यवहार में लाते। इस नियम को कभी-कभी इतनी बारीकी तक ले जाते कि लोगों को कौतूहल होता। कभी वह दूसरे के खेत में शौच के लिए भी नहीं बैठते। वह गृहस्थ थे, लेकिन उनकी सब चीज ‘साहब’ की थी। जो कुछ खेत में पैदा होता, सिर पर लादकर पहले उसे साहब के दरबार में ले जाते-जो उनके घर से चार कोस दूरी पर था-एक कबीरपंथी मठ से मतलब! वह दरबार में ‘भेंट’ रूप रख लिया जाकर ‘प्रसाद’ रूप में जो उन्हें मिलता, उसे घर लाते और उसी से गुजर चलाते।

(क) लेखक के अनुसार बालगोबिन भगत साधु क्यों थे?
(i) क्योंकि वे साधु की तरह दिखते थे
(ii) क्योंकि वे मोह-माया से दूर थे
(iii) क्योंकि वे सच्चे साधुओं की तरह आचार-विचार रखते थे
(iv) क्योंकि वे किसी से लड़ते नहीं थे
उत्तर:
(iii) क्योंकि वे सच्चे साधुओं की तरह आचार-विचार रखते थे।
प्रस्तुत गद्यांश में लेखक बताता है कि बालगोबिन भगत सच्चे साधुओं की तरह आचार-विचार रखते थे। वे कभी झूठ नहीं बोलते थे तथा सबसे निष्कपट व्यवहार रखते थे। इस कारण बालगोबिन भगत साधु थे।

(ख) बालगोबिन भगत का कौन-सा कार्य व्यवहार लोगों के आश्चर्य का विषय था?
(i) जीवन के सिद्धांतों और आदर्शों का गहराई से पालन करना
(ii) खेत में काम करने के बाद सीधे मठ जाना
(iii) हर किसी से विनम्रता से बात करना
(iv) अपना काम स्वयं करना
उत्तर:
(i) जीवन के सिद्धांतों और आदर्शों का गहराई से पालन करना।
बालगोबिन भगत जीवन के सिद्धांतों व आदर्शों का गहराई से पालन करते थे। यही लोगों के आश्चर्य का विषय बन गया था।

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 6 with Solutions

(ग) बालगोबिन भगत के खेत में जो कुछ पैदा होता, उसे वे सर्वप्रथम किसे भेंट कर देते?
(i) गरीबों में
(ii) घर में
(iii) मंदिर में
(iv) कबीरपंथी मठ में
उत्तर:
(iv) कबीरपंथी मठ में
बालगोबिन भगत के खेत में जो कुछ पैदा होता, उसे वे सर्वप्रथम कबीरपंथी मठ में भेंट करते थे।

(घ) “जो कुछ खेत में पैदा होता, सिर पर लादकर पहले उसे साहब के दरबार में ले जाते” – इस कथन का आशय नहीं है।
(i) वे अपनी खेती को भगवान की देन मानते थे।
(ii) वे धार्मिक रीति के अनुसार अपनी उपज पहले ईश्वर को अर्पित करते थे।
(iii) वे साहब के दरबार को व्यापार का केंद्र मानते थे।
(iv) वे पूरी श्रद्धा और समर्पण से ‘भेंट’ चढ़ाते थे।
उत्तर:
(iii) वे साहब के दरबार को व्यापार का केंद्र मानते थे
यह कथन भगत की भक्ति और समर्पण को दर्शाता है, न कि किसी व्यावसायिक दृष्टिकोण को वे उपज को ईश्वर की देन मानकर पहले साहब को अर्पित करते थे, इससे उनका उद्देश्य व्यापार करने का नहीं था।

(ड) कथन (A): बालगोबिन भगत कबीर के ही आदर्शों पर चलते थे।
कारण (R): वे कबीर की विचारधारा से प्रभावित थे।
कूट
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(iii) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(iv) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
उत्तर:
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
गद्यांश के अनुसार, बालगोबिन भगत कबीर के ही आदर्शों पर चलते थे, क्योंकि वे कबीर की विचारधारा से प्रभावित थे। वे कबीर को ‘साहब’ मानते थे तथा उन्हीं के आदेशों पर चलते थे।

प्रश्न 8.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए।
(क) “हम अकसर यह सुनते हैं कि हमारी संस्कृति और सभ्यता सकंट में है।” लेखक ने किन परिस्थितियों या प्रवृत्तियों को इस सकंट का कारण बताया है? ‘संस्कृति’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर:
हम अनेक बार संस्कृति और सभ्यता के खतरे में होने की बात सुनते हैं। लेखक के अनुसार वर्तमान समय में युवा पीढ़ी अपने पारंपरिक मूल्यों व रीति-रिवाजों से दूर होती जा रही है. जिससे हमारी सांस्कृतिक पहचान कमजोर हो रही है। आधुनिकता के नाम पर हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को भूलते जा रहे हैं। पारंपरिक भारतीय भोजन और पहनावे पर पश्चिमी भोजन व पहनावे की झलक मिलती है। आजकल अंग्रेजी व अन्य विदेशी भाषाओं का अधिकाधिक प्रयोग किया जा रहा है। अतः उपभोक्तावादी प्रवृत्ति, भौतिक सुख की अंधी दौड़ और मूल्यों से विचलन संस्कृति के वास्तविक खतरे हैं।

(ख) यदि हालदार साहब को कैप्टन की मृत्यु के पश्चात् मूर्ति पर चश्मा लगा नहीं मिलता, तो उनके मन में किस प्रकार का भाव आता? ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर:
‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के अनुसार यदि हालदार साहब को कैप्टन की मृत्यु के बाद नेताजी की मूर्ति पर चश्मा लगा नहीं मिलता, तो उनका यह भाव विश्वास में बदल जाता कि वर्तमान समय में लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना नहीं रही। समाज में देशभक्ति तथा देशभक्त दोनों का स्थान संकुचित होता जा रहा है। नई पीढ़ी में अपने देश के प्रति कोई सम्मान व देशभक्ति का भाव नहीं है।

(ग) “लेखक को नवाब साहब नई कहानी के लेखक क्यों लगे।” ‘लखनवी अंदाज’ पाठ के आधार पर इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
लेखक ने जब नवाब साहब को खीरे की उन सुस्वाद फाँकों (टुकड़ों) को बिना खाए ट्रेन की खिड़की के बाहर फेंकते हुए देखा, तो उसे लगा कि नवाब साहब ने खीरे को केवल सूँघने मात्र से ही अपना काम चला लिया है। इस प्रकार ‘नई कहानी’ का लेखक भी बिना किसी विषय घटना आदि के द्वारा ही कहानी की रचना कर लेता है। लेखक को इस अर्थ में नवाब साहब नई कहानी के लेखक लगे।

(घ) बिस्मिल्ला खाँ के जीवन में संगीत को ऊँचाइयाँ देने वाले कौन-से व्यक्तित्व और घटनाएँ महत्त्वपूर्ण रही? ‘नौबतखाने में इबादत’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
बिस्मिल्ला खाँ के जीवन में संगीत को अनेक लोगों ने समृद्ध किया। इनमें रसूलन बाई, बतूलन बाई, मामूजान अली बख्श खाँ, नाना, कुलसुम हलवाइन, अभिनेत्री सुलोचना इत्यादि प्रमुख हैं। रसूलन बाई और बतूलन बाई की ठुमरी, टप्पे और दादरा को सुनकर उनके मन में संगीत की ललक जागी। बाद में, वे अपने नाना को मधुर स्वर में शहनाई बजाते देखते थे, तो वे उनकी शहनाई को खोजा करते थे। मामूजान जब शहनाई बजाते बजाते सम पर आते, तो बिस्मिल्ला खाँ धड़ से एक पत्थर जमीन पर मारकर दाद देते थे। बिस्मिल्ला खाँ कुलसुम की कचौड़ी तलने की कला में भी संगीत का आरोह-अवरोह देखा करते थे।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए।
हमारैं हरि हारिल की लकरी।
मन क्रम बचन नंद-नंदन उर, यह दृढ़ करि पकरी।
जागत सोवत स्वप्न दिवस निसि, कान्ह कान्ह जकरी।
सुनत जोग लागत है ऐसी, ज्यौं करुई ककरी।
सु तौ ब्याधि हमकौं लै आए देखी सुनी न करी।
यह तौ ‘सूर’ तिनहिं लै सौंपी, जिनके मन चकरी।

(क) ‘हमारैं हरि हारिल की लकरी’ पंक्ति में ‘हारिल की लकरी’ किसे कहा गया है?
(i) गोपियों को
(ii) श्रीकृष्ण को
(iii) उद्धव को
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ii) श्रीकृष्ण को
प्रस्तुत काव्यांश में श्रीकृष्ण को ‘हारिल की लकरी’ कहा गया है। इसका आशय यह है कि जिस प्रकार हारिल पक्षी अपने पैरों में लकड़ी को दबाए रहता है उसी प्रकार हमने भी मन, कर्म और वाणी से श्रीकृष्ण को अपने हृदय में बसा लिया है।

(ख) ‘तिनहि लें सौंपो’ पंक्ति में किसकी ओर संकेत किया गया है?
(i) जिनका मन चकरी के समान चंचल है
(ii) जिनका मन स्थिर है
(iii) जो योग का संदेश देते हैं
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(i) जिनका मन चकरी के समान चंचल है
‘तिनहि ले सौंपी’ पंक्ति में उनकी ओर संकेत किया गया है, जिनका मन चकरी के समान चंचल है।

(ग) कथन (A): गोपियाँ योग की शिक्षा नहीं लेना चाहती।
कारण (R): गोपियों के हृदय में कृष्ण बसे हुए थे।
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(iii) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(iv) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
उत्तर:
(i) कथन (A) व कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
प्रस्तुत काव्यांश में गोपियों ने योग की शिक्षा पर उद्धव को कहा कि हम योग की शिक्षा ग्रहण नहीं कर सकतीं, क्योंकि हमने मन, वचन, कर्म से श्रीकृष्ण को अपने हृदय में बसा लिया है। अब हमारा मन श्रीकृष्ण में स्थिर हो गया है। अतः अब उसमें योग की शिक्षा नहीं ठहर पाएगी।

(घ) योग का नाम सुनते ही गोपियों को कैसा लगता है?
(i) जैसे श्रीकृष्ण उनके पास आ गए हों
(ii) जैसे पैरों में काँटा चुभ गया हो
(iii) जैसे उनके मुँह में कड़वी ककड़ी चली गई हो
(iv) जैसे कानों में मधुर रस घुल गया हो
उत्तर:
(iii) जैसे उनके मुँह में कड़वी ककड़ी चली गई हो
प्रस्तुत काव्यांश में योग का नाम सुनते ही गोपियों को यह बीमारी के समान लगता है, जिसका नाम सुनते ही उन्हें ऐसा लगता है, जैसे मुँह में कड़वी ककड़ी चली गई हो, इसलिए वे उद्धव से कहती हैं कि इस योग को तो आप श्रीकृष्ण को ही सौंप दो। उनका ही मन बहुत चंचल है।

(ङ) ‘करुई ककरी’ उपमान किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
(i) गोपियों के लिए
(ii) श्रीकृष्ण के लिए
(iii) उद्धव के लिए
(iv) योग साधना के लिए
उत्तर:
(iv) योग साधना के लिए
प्रस्तुत काव्यांश में करुई ककरी’ उपमान योग साधना के लिए प्रयुक्त हुआ है। गोपियाँ श्रीकृष्ण की भक्ति में पूर्णतः तल्लीन हैं। उनके लिए कृष्ण भक्ति ही मुक्ति प्राप्त करने का एक मात्र साधन है। अतः योग साधना उन्हें करुई ककरी अर्थात् कड़वी ककड़ी के समान प्रतीत होता है।

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 6 with Solutions

प्रश्न 10.
कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए।
(क) कवि को बादलों को क्यों कहना पड़ा “एक ओर नया जीवन प्रदान करने वाला, दूसरी ओर विनाशकारी।” ‘उत्साह’ कविता के आधार पर उत्तर लिखिए।
उत्तर:
बादलों का एक पक्ष यदि यह है कि वे वर्षा करके एक ओर लोगों को नया जीवन प्रदान करते हैं, तो दूसरा पक्ष उनका यह भी है कि इनके अंदर विध्वंस, विप्लव और विनाश छिपा हुआ है, जिससे नवीन सृष्टि का निर्माण हो सके, इस प्रकार कवि ने एक ओर बादलों को नया जीवन प्रदान करने वाला माना है तथा दूसरी ओर विनाशकारी भी कहा है।

(ख) ‘राम-लक्ष्मण परशुराम संवाद के आधार पर “मातु पितहि जनि सोचबस करसि महीस किसोर पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
‘राम-लक्ष्मण परशुराम संवाद’ के आधार पर “मातु पितहि जनि सोचबस करसि महीस किसोर” पंक्ति का आशय है कि लक्ष्मण की व्यंग्यपूर्ण उक्तियों से परशुराम का क्रोध बढ़ने लगता है और वे लक्ष्मण को चेतावनी देते हुए कहते हैं कि अरे राजकुमार! तू अपने माता-पिता के विषय में सोचकर स्वयं को वश में कर ले अर्थात् यदि मैंने क्रोधवश तेरा वध कर दिया, तो तेरे माता-पिता की दशा चिंतनीय हो जाएगी।

(ग) ‘संगतकार’ कविता एक ऐसे व्यक्ति की भूमिका को उजागर करती है, जो स्वयं पीछे रहकर दूसरों की सफलता का आधार बनता है। वर्तमान सामाजिक व्यवस्था में ऐसे सहयोगियों की क्या भूमिका हो सकती है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
‘संगतकार’ कविता के आधार पर संगतकार ऐसे व्यक्ति का प्रतीक है, जो स्वयं पृष्ठभूमि में रहकर संबद्ध व्यवस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है और उसके सर्वाधिक प्रभाव व्यक्ति की सफलता में हर संभव सहयोग करता है। वर्तमान समाज में शिक्षक, वैज्ञानिक, सहायक आदि ऐसे अनेक संगतकार हैं, जो बिना मंच पर आए व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाते हैं। इनका कार्य दूसरों को आगे बढ़ाने में सहायक होता है।

(घ) ‘आत्मकथ्य’ कविता के अंत में कवि किस निष्कर्ष पर पहुँचता है और उसे ऐसा अनुभव क्यों होता है? कविता के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
‘आत्मकथ्य’ कविता के अंत में कवि इस निष्कर्ष पर पहुँचता है कि उसके लिए यही अच्छा है कि वह दूसरों की कथाओं को सुनता रहे और अपने बारे में कुछ भी वर्णन न करें, चुप रहे, क्योंकि उसकी भोली-भाली आत्मकथा को सुनकर कोई भी सुख प्राप्त नहीं कर पाएगा। उसे ऐसा अनुभव इसलिए होता है कि उसे कभी सुख की प्राप्ति नहीं हुई, उसकी अभिलाषाएँ कभी पूरी नहीं हुई। वह दुनिया द्वारा मिले धोखों को किसी को नहीं बताना चाहता, क्योंकि लोग उन्हें सुनकर उसका माजक बनाएँगे।

प्रश्न 11.
पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए। (4 × 2 = 8)
(क) मनुष्य अंधाधुंध वृक्षों की कटाई तथा नदियों के जल को दूषित कर रहा है। पहाड़ों को पर्यटन स्थल बनाकर प्रदूषण फैला रहा है, मनुष्य अपनी सुख-सुविधाओं के लिए प्रकृति को अत्यधिक नुकसान पहुँचा रहा है। इसे रोकने में आपकी क्या भूमिका होनी चाहिए? ‘साना-साना हाथ जोड़ि पाठ के आधार पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
‘साना-साना हाथ जोड़ि पाठ में जितेन नागें लेखिका को सिक्किम की प्रकृति और भौगोलिक स्थिति के बारे में बताते हैं। हिमालय की गहनतम घाटियाँ, फूलों से भरी वादियाँ, बर्फीली चोटियाँ आदि स्थानों की सुन्दरता देखते ही बनती है, किंतु आज की पीढ़ी स्वार्थपरक हो गई है। वह प्रकृति को अनेक प्रकार से हानि पहुँचा रही है। मनुष्य अपने लाभ के लिए वृक्षों की अंधाधुंध कटाई कर रहा है, जिससे वन समाप्त हो रहे हैं। मनुष्य द्वारा नदियों के जल को दूषित करने एवं जल का गलत प्रयोग करने से अनेक स्थानों पर पानी की कमी तथा जलीय जीवों की संख्या का ह्रास हो रहा है। मनुष्य पहाड़ों को पर्यटन स्थल बनाकर वहाँ पर प्रदूषण फैला रहा है, जिससे प्राकृतिक प्रक्रियाएँ; जैसे- बर्फ़ का गिरना (स्नो-फॉल) कम होता जा रहा है। इन सभी कारणों से प्रदूषण में वृद्धि हुई है। इसे रोकने के लिए हमें उचित उपाय करने होंगे; जैसे- प्रत्येक व्यक्ति द्वारा पेड़ लगाए जाएँ, नदियों में कूड़ा-करकट न डालें, अधिक पर्यटक स्थल न बनाएँ तथा सतत विकास की अवधारणा का अनुपालन करते हुए प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करें।

(ख) सभी लोग मिल-जुलकर रहते हैं तथा प्रकृति के करीब हैं। बच्चे शारीरिक खेल खेलते हैं। अपने परिवार के साथ घुल-मिलकर रहते हैं। ‘माता अँचल’ पाठ में ग्रामीण परिवेश के चित्रण करते हुए पाठ के आधार पर शहरी और ग्रामीण जीवन के अंतर को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
‘माता का अंचल’ पाठ में लेखक ने ग्रामीण परिवेश का चित्रण करते हुए वहाँ की जीवन शैली का उल्लेख किया है। जहाँ सामूहिक वातावरण है, लोगों के मध्य आत्मीयता की भावना है, लोग प्रकृति के करीब हैं। बच्चे आधुनिक यंत्रों; जैसे – मोबाइल फोन, कंप्यूटर इत्यादि पर समय व्यतीत करने के बजाय शारीरिक खेल खेलते हैं। इसके विपरीत शहरों में लोग एकल जीवनयापन करने की प्रवृत्ति की ओर उन्मुख हो रहे हैं, लोगों के बीच आत्मीयता की कमी है, माता-पिता दोनों के द्वारा नौकरी करने के कारण वे अपने बच्चों पर उतना ध्यान नहीं दे पाते, जितना ग्रामीण माता-पिता देते हैं। शहरों के बच्चों का अधिकांश समय मोबाइल, कंप्यूटर आदि में ही व्यतीत होता है। इस प्रकार ग्रामीण व शहरी जीवन में अत्यधिक अंतर दिखाई देता है।

(ग) हिरोशिमा की घटनाओं के बारे में सुनकर तथा उनके कुप्रभावों को प्रत्यक्ष देखकर भी विस्फोट का भोक्ता नहीं बन पाया। ‘मैं क्यों लिखता हूँ?’ पाठ के आधार पर लेखक ने अपने आप को हिरोशिमा के विस्फोट का भोक्ता कब और कैसे महसूस किया? तर्कपूर्ण उत्तर दीजिए।
उत्तर:
‘मैं क्यों लिखता हूँ’ पाठ के आधार पर लेखक हिरोशिमा की घटनाओं के बारे में सुनकर तथा उनके कुप्रभावों को प्रत्यक्ष देखकर भी विस्फोट का भोक्ता (भोगने वाला) नहीं बन पाया, परंतु एक दिन वह जापान के हिरोशिमा नगर की एक सड़क पर घूम रहा था। अचानक उसकी नजर एक पत्थर पर पड़ी। उस पत्थर पर एक मानव की छाया छपी हुई थी। वास्तव में, परमाणु विस्फोट के समय कोई मनुष्य उस पत्थर के पास खड़ा रहा होगा, रेडियोधर्मी किरणों ने उस आदमी को भाप की तरह उड़ाकर उसकी छाया पत्थर पर डाल दी थी। उसे देखकर लेखक के मन में पीड़ा से भरी अनुभूति जाग गई। उसके मन में विस्फोट का प्रत्यक्ष दृश्य साकार हो उठा। उसी समय उसने स्वयं को विस्फोट का भोक्ता महसूस किया।

खंड ‘घ’ (रचनात्मक लेखन) (20 अंक)

इस खंड में रचनात्मक लेखन पर आधारित प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।

प्रश्न 12.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए।
(क) हमारी सामाजिक समस्याएँ
संकेत बिंदु

  • भूमिका
  • हमारी सामाजिक समस्याएँ
  • कारण एवं निवारण

उत्तर:
हमारी सामाजिक समस्याएँ
किसी भी देश की प्रगति केवल भौगोलिक और आर्थिक स्थिति पर ही निर्भर नहीं होती, अपितु राष्ट्र की प्रगति और गतिशीलता उसके समाज से भी प्रभावित होती है। एक स्वस्थ समाज ही स्वस्थ राष्ट्र का निर्माता होता है। भारत एक विशाल देश है। हमारी सामाजिक समस्याएँ- धार्मिक कट्टरता, जाति प्रथा, दहेज प्रथा, अंधविश्वास, अशिक्षा, नारी शोषण, बेरोज़गारी, जनसंख्या वृद्धि, भ्रष्टाचार, गरीबी, आर्थिक आधार पर विभेदीकरण, बढ़ती आपराधिक प्रवृत्ति इत्यादि हैं। कुछ समस्याएँ हमारी धार्मिक असहिष्णुता से उत्पन्न हुई हैं, तो कुछ सदियों की गुलामी से। धीरे-धीरे ये समस्याएँ हमारे लिए चुनौती बनती जा रही हैं।

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज उसके अस्तित्व का आधार है। वह समाज से अलग नहीं रह सकता। समाज में रहते हुए उसे समाज द्वारा बनाए गए नियमों का पालन भी अनिवार्य रूप से करना पड़ता है। यदि वह ऐसा नहीं करता, तो सामाजिक मूल्यों का ह्रास होता है, परिणामस्वरूप बहुत-सी सामाजिक समस्याएँ उत्पन्न होने लगती हैं। ये सामाजिक समस्याएँ दीमक की भाँति देश को भीतर से खोखला कर देती हैं और देश में अव्यवस्था का कारण बनती हैं। यदि हम अपने देश को विश्वशक्ति के रूप में देखना चाहते हैं, तो हमें सबसे पहले सामाजिक समस्याओं से निपटना होगा। इन समस्याओं का समाधान हो गया, तो शेष समस्याओं का समाधान स्वतः ही हो जाएगा। अतः हमें योजनाबद्ध तरीकों से कार्य करते हुए इन पर विजय प्राप्त करनी होगी।

(ख) आत्मनिर्भर भारत
संकेत बिंदु

  • भूमिका
  • आत्मनिर्भर भारत के लाभ
  • सरकार के प्रयास

उत्तर:
आत्मनिर्भर भारत
आत्मनिर्भर का सही अर्थ होता है कि कोई भी व्यक्ति, गाँव या देश किसी दूसरे के सहारे या किसी दूसरे पर निर्भर न होकर स्वयं पर निर्भर रहे। आत्मनिर्भर होना स्वयं के लिए, अपने गाँव, शहर, जिले और देश के लिए बहुत आवश्यक है। यदि हमारा शहर या देश आत्मनिर्भर रहेगा तो हमें किसी दूसरे देश पर निर्भर नहीं रहना होगा। यदि व्यक्ति आत्मनिर्भर होगा तो किसी भी समय वह अपनी समस्या को स्वयं ही सुलझा सकता है। उसे किसी दूसरे व्यक्ति से सहायता लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती।

यह बात किसी व्यक्ति के साथ-साथ राज्य और देश पर भी लागू होती है। यदि देश के पास संसाधन उपलब्ध नहीं हैं, तो उसे किसी दूसरे देश से उस संसाधन की कमी को पूरा करना पड़ेगा। यदि उस संसाधन को बनाने की सारी सामग्री उसके पास उपलब्ध है, तो वह उसका प्रयोग कर संसाधन का निर्माण स्वयं कर सकता है। इससे वह आत्मनिर्भर भी बनेगा और किसी दूसरे देश पर निर्भर रहने की आवश्यकता भी नहीं होगी। देश में उद्योगों की बढ़ोतरी होगी और देश के हर युवा को रोजगार मिलेगा तथा देश आत्मनिर्भर बन जाएगा।

देश में अधिक मात्रा में उद्योग लगाए जाएँ, तो बेरोजगारी कम होगी और साथ ही देश में फैली गरीबी भी समाप्त होगी। साथ ही देश की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार होगा और अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत होगी, फिर हमारे देश को किसी दूसरे देश पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। अधिक सामग्री बनने से हम अपने देश की सामग्री को और भी देशों को निर्यात कर सकते हैं। इससे हमारे देश के आयात में कमी होगी और निर्यात में बहुत अधिक बढ़ोतरी होगी। आत्मनिर्भर भारत को लेकर अब सरकार भी बहुत अच्छे कदम उठा रही है, हमें भी सरकार का सहयोग करना चाहिए और देश को आत्मनिर्भर बनाने में सरकार की मदद करनी चाहिए।

(ग) मनोरंजन के हाई-टेक साधन
संकेत बिंदु

  • भूमिका
  • टेलीविज़न
  • रेडियो
  • इंटरनेट
  • सिनेमा

उत्तर:
मनोरंजन के हाई-टेक साधन
एक समय था, जब मनोरंजन के लिए लोग शिकार खेला करते थे। सभ्यता के विकास के साथ-साथ अन्य खेल लोगों के मनोरंजन के साधन बने। आज भी खेल लोगों के मनोरंजन का प्रमुख साधन है, किंतु आजकल खेलों को प्रत्यक्ष रूप से देखने के अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से देखने वालों की संख्या बढ़ी है। इस समय टेलीविज़न, रेडियो तथा इंटरनेट मनोरंजन के प्रमुख साधन हैं। टेलीविज़न आजकल प्रत्येक आयु वर्ग के लोगों के मनोरंजन का एक प्रमुख साधन बन चुका है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि टेलीविज़न पर प्रत्येक आयु वर्ग के लोगों के लिए कार्यक्रम उपलब्ध हैं।

आधुनिक काल में रेडियो मनोरंजन का एक प्रमुख साधन बनकर उभरा है। रेडियो पर गीत संगीत के अतिरिक्त सजीव क्रिकेट कमेंटरी श्रोताओं को आनंदित करने के कार्य करती है तथा जब से एफ. एम. चैनलों का पदार्पण भारत में हुआ है, रेडियो की उपयोगिता और बढ़ गई है। इसके अतिरिक्त इंटरनेट भी मनोरंजन का प्रमुख साधन है। आज विश्व के कुल 6.8 अरब से अधिक लोगों में से लगभग 2.8 अरब लोग इंटरनेट से जुड़े हुए हैं। इंटरनेट ने सरकार, व्यापार और शिक्षा को नए अवसर प्रदान किए हैं। बात मनोरंजन के आधुनिक साधनों की हो या पूर्व साधनों की यह सिनेमा के बिना अधूरी है। सिनेमा पहले भी लोगों के मनोरंजन का एक शक्तिशाली माध्यम था और आज भी है। इस प्रकार संचार क्रांति की इस दौड़ में मनोरंजन के हाई-टेक साधनों ने मनुष्य को आधुनिक बना दिया है। परंतु इन समस्त उपकरणों का सदा सकारात्मक उपयोग करने की आवश्यकता है।

प्रश्न 13.
आप सौरभ श्रीवास्तव हैं। आप सेक्टर 35 में रहते हैं। आपके क्षेत्र में पुस्तकालय की कोई व्यवस्था नहीं है, उसके लिए दूर जाना पड़ता है। अतः आप अपने क्षेत्र में एक नया पुस्तकालय स्थापित करने हेतु सांसद महोदय को लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए। (5)
अथवा
आप राहुल शर्मा हैं। आपके विद्यालय में वृक्षारोपण कार्यक्रम किया गया, जिसमें आपकी भी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही। अपने छोटे भाई को कार्यक्रम के प्रति अपना अनुभव बताते हुए लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
उत्तर:
परीक्षा भवन,
दिल्ली।

दिनांक 19 मार्च, 20XX

सेवा में,
माननीय सांसद महोदय
रोहिणी,
दिल्ली।

विषय क्षेत्र में नया पुस्तकालय खोलने हेतु।

महोदय,
निवेदन है कि मैं सेक्टर-35 में रहता हूँ। सेक्टर-20 से सेक्टर-65 तक बहुत आबादी बस चुकी है। यहाँ की जनसंख्या पिछले पाँच वर्षों की तुलना में तीन गुना हो चुकी है, किंतु इस क्षेत्र में पुस्तकालय की कोई व्यवस्था नहीं है। पुस्तकालय से संबंधित किसी भी कार्य के लिए लोगों को यहाँ से बहुत दूर सेक्टर-14 में जाना पड़ता है, जिसमें बहुत परेशानी होती है। विशेषकर वृद्धों और महिलाओं को बहुत कष्ट उठाना पड़ता है। केवल विद्यार्थी ही इसका लाभ ले पाते हैं।

सांसद महोदय मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है कि इस क्षेत्र के निवासियों की आवश्यकता और परेशानी को देखते हुए इस क्षेत्र में शीघ्र ही एक पुस्तकालय खुलवाने की व्यवस्था करें, जिससे यहाँ के नागरिकों को पठन-पाठन में होने वाली परेशानियों से छुटकारा मिल सके।

धन्यवाद!

भवदीय
सौरभ श्रीवास्तव

अथवा

परीक्षा भवन,
दिल्ली।

दिनांक 12 अक्टूबर, 20XX

प्रिय अनुज,
सस्नेह।

आज हमारे विद्यालय में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में उपमुख्यमंत्री पधारे थे। उन्होंने वृक्षों की महत्ता बताते हुए पर्यावरण संबंधी महत्त्वपूर्ण तथ्यों से छात्रों को अवगत करवाया। उनके साथ कई अन्य अधिकारी भी आए थे। उपमुख्यमंत्री, अधिकारियों, प्रधानाध्यापक, अध्यापकों एवं कुछ छात्रों ने मिलकर वृक्ष लगाए। मुझे भी इस समारोह में वृक्ष लगाने का अवसर प्राप्त हुआ। वृक्षारोपण करके हमें बहुत प्रसन्नता हुई। इस अवसर पर छात्रों ने भिन्न-भिन्न कार्यक्रम; जैसे- नाटक, नृत्य आदि भी प्रस्तुत किए। इन कार्यक्रमों के माध्यम से पर्यावरण की रक्षा करने का संदेश दिया गया। यह समारोह सभी के लिए विशिष्ट बन गया। यदि तुम्हें अवसर मिले तो तुम भी वृक्षारोपण करके पर्यावरण के प्रति अपने कर्त्तव्य एवं दायित्व का पालन करना, तुम्हें भी इस कार्य से अत्यधिक प्रसन्नता एवं गर्व का अनुभव होगा।

शुभकामनाओं सहित!

तुम्हारा भाई
राहुल शर्मा

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 6 with Solutions

प्रश्न 14.
आप नेहा वर्मा हैं। आप ने दिल्ली से एम. बी. ए. किया है। आपको सी. एम. जी. कंपनी में मार्केटिंग में एक्जीक्यूटिव पद के लिए आवेदन करना है। इसके लिए आप अपना एक संक्षिप्त स्ववृत्त (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए। (5)
अथवा
आप अजय प्रकाश हैं। आपके घर के आस-पास कल कारखानों एवं यातायात का दबाव बढ़ रहा है, जिससे ध्वनि प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हो रही है। अतः आप नगर योजना अधिकारी को ध्वनि प्रदूषण की समस्या से अवगत कराने के लिए लगभग 80 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए।
उत्तर:
स्ववृत्त
नाम : नेहा वर्मा
पिता का नाम : श्री महेंद्र वर्मा
माता का नाम : श्रीमती किरण वर्मा
जन्म तिथि : 22 अप्रैल, 19XX
वर्तमान पता : मकान नंबर 402, सेक्टर-14, पानीपत हरियाणा
मोबाइल नंबर : 9236XXXXXX
ई-मेल : [email protected]
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 6 with Solutions Q14
अन्य संबंधित योग्यताएँ

  • अंग्रेजी भाषा का अच्छा ज्ञान
  • कंप्यूटर का ज्ञान (इंटरनेट व एम. एस. ऑफिस)

उपलब्धियाँ

  • आशुभाषण प्रतियोगिता (राज्य स्तरीय) द्वितीय पुरस्कार वर्ष 2011
  • अखिल भारतीय वाद-विवाद प्रतियोगिता (2012) में प्रथम पुरस्कार, विद्यालय में हैड गर्ल

कार्येत्तर गतिविधियाँ तथा अभिरुचियाँ

  • समाचार-पत्र व व्यापारिक पत्रिकाओं का नियमित पठन
  • देश भ्रमण का शौक
  • इंटरनेट सर्फिंग

संदर्भित व्यक्तियों का विवरण

  • डॉ. रमेश चंद्र शर्मा, प्रोफेसर, विश्वविद्यालय, हरियाणा
  • श्रीमती रश्मि मिश्रा, प्रिंसिपल, ब्लू वेल्स स्कूल, पानीपत।

उद्घोषणा मैं यह पुष्टि करती हूँ कि मेरे द्वारा दी गई उपर्युक्त जानकारी पूर्ण रूप से सत्य है।

तिथि: 17.09.20XX
स्थान: गुरुग्राम
(नेहा वर्मा)
हस्ताक्षर

अथवा

From: [email protected]
To: [email protected]
CC: [email protected]
BCC : –

विषय: ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम हेतु।

महोदय,
आजकल हमारे नगर में उद्योगों के बढ़ने के कारण जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। कल कारखानों एवं यातायात का दबाव भी यहाँ अधिक है। सारा दिन कारखानों की आवाजों, ट्रक के भोपुओं (हॉर्न) की आवाजों आदि के कारण अत्यंत असुविधा होती है, जिस कारण अत्यधिक ध्वनि प्रदूषण होता है इससे लोगों का यहाँ रहना दूभर हो गया है तथा इस ध्वनि प्रदूषण के चलते विद्यार्थी अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे हैं। आपसे प्रार्थना है कि कृपया हमारे क्षेत्र में बढ़ रहे ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण करने की व्यवस्था करें।

धन्यवाद।

प्रार्थी
अजय प्रकाश

प्रश्न 15.
आपके बड़े भाई एक संस्कृति नंदनी ग्रुप चलाते हैं। वे उसके प्रचार-प्रसार के लिए स्थानीय समाचार-पत्र में सांस्कृतिक एकता प्रदर्शनी का विज्ञापन देना चाहते हैं। आप उनके लिए 40 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए। (4)
अथवा
शिक्षक दिवस के अवसर पर विज्ञान शिक्षक को भावपूर्ण संदेश लगभग 40 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 6 with Solutions Q15
अथवा

शिक्षक दिवस पर विज्ञान शिक्षक को संदेश

दिनांक : 5 सितंबर 20XX
समय प्रातः 9:00 बजे

आदरणीय महोदय,
आज शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में आपको हार्दिक शुभकामनाएँ। महोदय, आपके द्वारा दी गई शिक्षा के कारण मैं आज एक अच्छे पद पर कार्यरत् हूँ। आपके द्वारा दी गई शिक्षाएँ मेरा सदैव मार्गदर्शन करती हैं। आपके मार्गदर्शन के बिना मेरे लिए इस मुकाम को प्राप्त कर पाना संभव नहीं था। मैं भगवान से यही प्रार्थना करता हूँ कि आप सदा स्वस्थ एवं दीर्घायु रहें।

आपका छात्र
क.ख.ग.

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