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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 6 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-‘अ’ और ‘ब’। खंड ‘अ’ में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खंड ‘ब’ में वस्तुनिष्ठ/वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए है।
- प्रश्न-पत्न के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 हैं और सभी प्रश्न अनिवार्य है।
- यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
- खंड ‘अ’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 44 हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य हैं।
- खंड ‘ब’ में कुल 7 प्रश्न है, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्य भी दिए गए है। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
घ खंड ‘अ’
(बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्न)
खंड ‘अ’ में अपठित गद्यांश-पद्यांश, व्यावहारिक व्याकरण व पाठ्य-पुस्तक से संबंधित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्न दिए गए हैं, जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
पर्यावरण नैतिकता से अभिप्राय है वे विषय, सिद्धांत और दिशा-निर्देश, जो मनुष्य और पर्यावरण के बीच की क्रियाओं और प्रतिक्रियाओं को दर्शाते हैं। यह ठीक ही कहा गया है, “पर्यावरण संकट मन और आत्मा के संकट की बाहरी अभिव्यक्ति है।” यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि हम कैसे सोचते हैं और कैसे कार्य करते हैं। यदि हम सोचते हैं कि “मनुष्य इस पृथ्वी पर सर्वशक्तिमान और सवोच्च प्राणी है और मनुष्य प्रकृति का स्वामी है और अपनी इच्छा से उसका उपयोग कर सकता है, तो यह हमारी मानव केंद्रित विचारधारा को दर्शाता है।
दूसरी ओर, अगर हम सोचते हैं कि “प्रकृति ने हमें एक सुंदर जीवन जीने के लिए सभी संसाधन प्रदान किए हैं और वह एक माँ की तरह हमारा पोषण करती है, तो हमें उसका सम्मान करना चाहिए और उसका पालन-पोषण करना चाहिए। यह पृथ्वी केंद्रित विचारधारा है। इस प्रकार मानव केंद्रित विचारधारा के अनुसार, मनुष्य प्रकृति का स्वामी है और वह इसे मनचाहे रूप में प्रयोग कर सकता है। इसके विपरीत पृथ्वी और प्रकृति केंद्रित विचारधारा के अनुसार, पृथ्वी हमारी जननी है। अत: हमें पृथ्वी का आदर करना चाहिए। पहले मत के अनुसार, पृथ्वी केवल एक ग्रह है इसलिए हमें वैज्ञानिक तकनीक द्वारा प्रौद्योगिकी का निरंतर विकास करना होगा और पर्यावरण के अपघटन को रोकना होगा ताकि एक स्वच्छ एवं स्वस्थ पर्यावरण और बेहतर भविष्य की नींव रखी जा सके।
साम्राज्यवाद, उपनिवेशवाद, आधिपत्य के लिए संघर्ष, विश्वयुद्ध आदि ने अपने-अपने ढंग से पर्यावरण को संकट में डाला है। आज फिर आधुनिक प्रौद्योगिकी की सहायता से बड़े पैमाने पर औद्योगिक उत्पादन के लिए प्रकृति के शोषण ने संपूर्ण विश्व में पर्यावरणीय संकट पैदा कर दिया है, जो घातक सिद्ध हो सकता है। यह विवादास्पद है कि विकास आधारित प्रौद्योगिकी वरदान है या विनाश का कारण।
(क) निम्नलिखित कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए। मानव-केंद्रित विचारधारा में निहित है
1. पृथ्वी पर वैज्ञानिक तकनीक द्वारा प्रौद्योगिकी का निरंतर विकास करना
2. पर्यावरण के अपघटन को रोकना
3. बड़े पैमाने पर औद्योगिक उत्पादन करना
4. मनुष्य द्वारा पृथ्वी का मनचाहे रूप से प्रयोग करना
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 1 और 2 सही हैं
(iii) 2 और 3 सही है
(iv) 3 और 4 सही हैं
उत्तर :
(ii) 1 और 2 सही हैं गद्यांश के अनुसार, मानव-केंद्रित विचारधारा में निहित है-पृथ्यी पर वैज्ञानिक तकनीक द्वारा प्राद्योगिकी का निरंतर विकास करना तथा पर्यावरण के अपघटन को रोकना, जिससे पर्यावरण स्वस्थ व स्वछ्छ रहे।
(ख) पर्यावरण नैतिकता से क्या अभिप्राय है?
(i) वे विषय, सिद्धांत और दिशा-निर्देश, जो मनुष्य और पर्यावरण के बीच की केवल क्रियाओं को दर्शाते हैं।
(ii) वे विषय, सिद्धांत और दिशा-निर्देश, जो मनुष्य और पर्यावरण के बीच केवल प्रतिक्रियाओं को दर्शति हैं।
(iii) वे विषय, सिद्धांत और दिशा-निर्देश, जो मनुष्य और पर्यावरण के बीच की क्रियाओं और प्रतिक्रियाओं को दर्शाति हैं।
(iv) वे विषय, सिद्धांत और दिशा-निर्देश, जो मनुष्य और पर्यावरण के बीच तुलना को दर्शति हैं।
उत्तर :
(iii) वे विषय, सिद्धांत और दिशा-निर्देश, जो मनुष्य और पर्यावरण के बीच की क्रियाओं और प्रतिक्रियाओं को दर्शाते हैं प्रस्तुत गद्यांश में पर्यावरण नैतिकता से अभिमाय है उन विषयों, सिद्धांत और दिशा-निर्देश, जो मनुष्य और पर्यावरण के बीच की क्रियाओं और प्रतिक्रियाओं को दर्शाते हैं।
(ग) ‘पृथ्वी हमारी जननी है’ यह विचारधारा है
(i) मानव केंद्रित
(ii) पृथ्वी और प्रकृति केंद्रित
(iii) प्रौद्योगिकी केंद्रित
(iv) मानव और प्रौद्योगिकी केंद्रित
उत्तर :
(ii) पृथ्वी और प्रकृति केंद्रित प्रस्तुत गद्यांश में बताया गया है कि पृथ्यी और प्रकृति केंद्रित विचारधारा के अनुसार, पृथ्यी हमारी जननी है। हमें इसका आदर करना चाहिए।
(घ) मानव केंद्रित विचारधारा के अनुसार प्रकृति का स्वामी है
(i) मनुष्य
(ii) वैज्ञानिक
(iii) तकनीक
(iv) ये सभी
उत्तर :
(i) मनुष्य प्रस्तुत गद्यांश में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि मानव केंट्रित विचारधारा के अनुसार प्रकृति का स्वामी मनुष्य है और वह जैसे चाहे वैसे प्रकृति का प्रयोग कर सकता है।
(ङ) कथन (A) आधुनिक प्रौद्योगिकी ने प्रकृति पर संकट पैदा कर दिया है।
कारण (R) औद्योगिक उत्पादन के लिए प्रकृति का शोषण किया जा रहा है।
(i) कथन A गलत है, किंतु कारण R सही है।
(ii) कथन A और कारण R दोनों गलत हैं।
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या करता है।
(iv) कथन A और कारण R दोनों सही हैं, परंतु कारण R कथन A की सही व्याख्या नहीं करता है।
उत्तर :
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या करता है आज प्रौद्योगिकी की सहायता से बड़े पैमाने पर औद्योगिक उत्पादन के लिए प्रकृति के शोषण ने संपूर्ण विश्व तथा प्रकृति पर पर्यावरणीय संकट पैदा कर दिया है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांशों पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
‘फिर क्या होगा उसके बाद?’
उत्सुक होकर शिशु ने पूछा
‘माँ, क्या होगा उसके बाद?’
‘रवि से उज्ज्वल, शशि से सुंदर
नव किसलयदल से कोमलतर।
वधू तुम्हारी घर आएगी,
उस विवाह-उत्सव के बाद।’
पल भर मुख पर स्मित की रेखा
खेल गई, फिर माँ ने देखा
कर गंभीर मुखाकृति, शिशु ने
फिर पूछा, “माँ, उसके बाद?”
“फिर नभ के नक्षत्र मनोहर,
स्वर्ग-लोक से उतर-उत्तर कर,
तेरे शिशु बनने को मेरे
घर आएँगे उसके बाद।”
“मेरे नए खिलौने लेकर,
चले न जाएँ वे अपने घर।”
चितित हो कह उठा, किंतु फिर
पूछा शिशु ने, “उसके बाद?”
अब माँ का जी ऊब चुका था।
हर्ष श्रांति में डूब चुका था।
बोली, “फिर मैं बूढ़ी होकर,
मर जाऊँगी उसके बाद।”
(क) इस कविता के केंद्रीय भाव हेतु दिए गए कथनों को पढ़कर सबसे सही विकल्प चुनिए।
1. शिशु की संवेदनशीलता को स्पष्ट किया गया है।
2. मां-शिशु के परस्पर संबंध को दर्शाया गया है।
3. संसार क्षणिक होता है तथा अंतिम स्थिति मृत्यु है।
4. जीवन में सुख-दुख आते-जाते रहते है। कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 2 और 3 सही हैं
(iii) 3 और 4 सही हैं
(iv) केवल 2 सही है
उत्तर :
(iii) 3 और 4 सही हैं संसार क्षणिक होता है तथा अंतिम स्थिति मृत्यु ही है। जीवन में सुख-दुख आते-जाते रहते हैं, परंतु फिर भी मानव भावी योजनाओं के प्रति लगातार चिंतित रहता है।
(ख) शिशु माँ से बार-बार क्या प्रश्न कर रहा है कि ……..
(i) रवि से उज्ज्वल कौन है
(ii) फिर क्या होगा उसके बाद
(iii) शशि से सुंदर कौन है
(iv) मेरा विवाह कैसे होगा
उत्तर :
(ii) फिर क्या होगा उसके बाद प्रस्तुत काव्यांश में शिशु माँ से बार-बार उत्सुक होकर यही प्रश्न कर रहा है कि फिर क्या होगा उसके बाद, क्योंकि शिशु की बालसुलभ जिज्ञासा कभी शांत नहीं होती। वह बार-बार यही प्रश्न करता है कि इसके बाद क्या होगा?
(ग) बालक के चेहरे पर मुस्कान क्यों आ गई?
(i) विवाह के पश्चात् तुम्हारी वधू घर आएगी सुनकर
(ii) स्वयं को रवि से उज्ज्वल बताने पर
(iii) माँ की मुखाकृति को देखकर
(iv) माँ के उत्तर को सुनकर
उत्तर :
(i) विवाह के पश्चात् तुम्हारी वधू घर आएगी सुनकर प्रस्तुत पंक्ति में जब माँ ने बालक को उसके प्रश्न का उत्तर देते हुए समझाया कि जब वह बड़ा हो जाएगा तो उसका विवाह होगा और वधू घर आएगी, यह सुनकर बालक के चेहरे पर मुस्कान आ गई।
(घ) ‘फिर में बूढ़ी होकर, मर जाऊँगी उसके बाद’ काव्यांश में माँ ने ऐसा क्यों कहा है?
(i) एक दिन सबको मरना होता है इसलिए
(ii) शिशु को डराने के लिए
(iii) शिशु के प्रश्नों से ऊब कर
(iv) शिशु की जिज्ञासा को शांत करने के लिए
उत्तर :
(iii) शिशु के प्रश्नों से ऊब कर प्रस्तुत पंक्ति में ‘ फिर मैं बूढ़ी होकर, मर जाऊँगी उसके बाद’ मीं ने ऐसा शिशु के प्रश्नों से ऊब कर कहा।
(ङ) शिशु द्वारा बार-बार प्रश्न पूछना क्या दर्शाता है?
(i) शिशु की चितित प्रवृत्ति
(ii) शिशु की खेलने की प्रवृत्ति
(iii) शिशु की प्रश्न करने की प्रवृत्ति
(iv) शिशु की बालसुलभ जिज्ञासा प्रवृत्ति
उत्तर :
(iv) शिचु की बाल सुलम जिज्ञासा प्रवृत्ति शिशु द्वारा बार-बार प्रश्न करने से उसकी जिज्ञातु प्रवृत्ति प्रकट होती है, क्योंकि शिशु की बालसुलभ जिज्ञासा कभी शांत नहीं होती।
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) ‘जैसे ही वर्षा हुई वैसे ही मोर नाचने लगे।’ इसका संयुक्त वाक्य होगा
(i) जब वर्षा हुई तब मोर नाचे
(ii) जब वर्षा होती है तब मोर नाचते हैं
(iii) वर्षा होते ही मोर नाचते हैं
(iv) वर्षा हुई और मोर नाचने लगे
उत्तर :
(iv) वर्षा हुई और मोर नाचने लगे
(ख) ‘मूर्तिकार ने सुना और जवाब दिया’ इसका सरल वाक्य होगा
(i) मूर्तिकार ने सुनकर जवाब दिया
(ii) जैसे ही मूर्तिकार ने सुना, जवाब दिया
(iii) मूर्तिकार ने पहले तो सुना और फिर जवाब दिया
(iv) जब मूर्तिकार ने सुना, उसने जवाब दिया
उत्तर :
(i) मूर्तिकार ने सुनकर जवाब दिया
(ग) निम्नलिखित में से मिश्र वाक्य है
(i) तुम सच बोलते हो, इसलिए महान हो
(ii) वह जूते खरीदने के लिए बाजार गया
(iii) जो छात्र अच्छे होते हैं, वे गुरु की आज्ञा मानते हैं
(iv) उन्होंने मूति को देखा और रूक गए
उत्तर :
(iii) जो छात्र अच्छ होते हैं, वे गुरु की आज्ञा मानते हैं
(घ) निम्नलिखित वाक्यों में सरल वाक्य पहचानकर नीचे दिए गए सबसे सही विकल्प को चुनिए।
1. मूर्तिकार ने सुना और जवाब दिया
2. जब सभा समाप्त हुई, तो सब लोग चले गए
3. वे अकेले ही नदी की ओर चले गए
4. जब सुबह हुई, तो भौरे गुनगुनाने लगे
कूट
(i) केवल 2 सही है
(ii) केवल 3 सही है
(iii) 1,3 और 4 सही है
(iv) 1,2,3 और 4 सही है
उत्तर :
(ii) केवल 3 सही है
(ङ) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. जब अरुण घर में आया तो तरुण चला गया था। | 1. सरल वाक्य |
B. अरुण से मिलकर तरुण बहुत खुश हुआ। | 2. संयुक्त वाक्य |
C. अरुण घर आया, परंतु तरुण चला गया। | 3. मिश्रित वाक्य |
कूट
A B C
(i) 2 3 1
(ii) 1 2 3
(iii) 2 3 1
(iv) 3 2 1
उत्तर :
(i) A-3, B-1, C-2
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. रुचि द्वारा अपना कार्य नहीं किया गया। | 1. कर्तृवाच्य |
B. रुचि से चला नहीं जाता। | 2. भाववाच्य |
C. रुचि अपने घर जा रही है। | 3. कर्मवाच्य |
कूट
A B C
(i) 1 2 3
(ii) 2 3 1
(iii) 3 2 1
(iv) 1 3 2
उत्तर :
(iii) A-3, B-2, C-1
(ख) कर्मवाच्य का उदाहरण है
1. सीता से पढ़ा नहीं जाता है।
2. सीता द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है।
3. सीता पुस्तक पढ़ती है।
4. सीता ने पुस्तक पढ़ी।
कूट
(i) केवल 1
(ii) केवल 1
(iii) 1 और 2
(iv) 3 और 4
उत्तर :
(ii) सीता द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है।
(ग) कर्तृवाच्य का उदाहरण है
1. मैं अब चल नहीं सकता
2. मेरे द्वारा अब चला नहीं जाता
3. मैं अब चल नहीं पाऊँगा
4. मुझसे चला जाता है
(i) केवल 1
(ii) केवल 1
(iii) 1 और 2
(iv) 3 और 4
उत्तर :
(i) केवल 1
(घ) ‘लइकी खेल नहीं सकी’ का भाववाच्य होगा कूट
(i) लड़की खेल नहीं सकती
(ii) लडकी से खेला नहीं जा सका
(iii) लड़की खेल नहीं पा रही
(iv) लड़की द्वारा खेला नहीं गया
उत्तर :
(ii) लड़की से खेला नहीं जा सका
(ङ) ‘रामदयाल ने संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया’ प्रस्तुत वाक्य को कर्मवाच्य में बदलिए
(i) रामद्याल द्वारा संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया जाता है
(ii) रामद्याल से संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया जाता
(iii) रामदयाल संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाता है
(iv) रामदयाल के द्वारा संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया गया
उत्तर :
(iv) रामदयाल के द्वारा संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया गया
प्रश्न 5.
‘निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) राजा ने अपने शत्रु पर चढ़ाई कर दी। रेखांकित अंश का पद परिचय है
(i) जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिग, कर्मकारक
(ii) व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुर्लिग, कर्मकारक
(iii) जातिवाचक संज़ा, बहुवचन, पुर्लिग, कर्ताकारक
(iv) भाववाचक संज्ञा, एकवचन, स्रीलिंग, कर्मकारक
उत्तर :
(iv) चढ़ाई भाववाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग, कर्मकारक
(ख) वे स्त्रियाँ संस्कृत नहीं बोलतीं। रेखांकित अंश का पद परिचय है
(i) गुणवाचक विशेषण, स्त्रीलिंग, बहुवचन, संज्ञा (स्त्रियाँ) का विशेषण
(ii) संख्यावाचक विशेषण, स्त्रीलिंग, बहुवचन, संज़ा (स्त्रियां) का विशेषण
(iii) सार्वनामिक विशेषण, स्त्रीलिंग, बहुवचन, संज्ञा (स्त्रियाँ) का विशेषण
(iv) सार्वनामिक विशेषण, पुल्लिग, बहुवचन, क्रिया (बोलना) का विशेषण
उत्तर :
(iii) वे सार्वनामिक विशेषण, स्त्रीलिंग, बहुवचन, संज्ञा (स्त्रियाँ) का विशेषण
(ग) रंग-बिरंगे फूल देखकर मन प्रसन्न हो गया। रेखांकित अंश का पद परिचय है
(i) गुणवाचक विशेषण, बहुवचन, पुल्लिग
(ii) गुणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिग
(iii) गुणवाचक विशेषण, बहुवचन, स्त्रीलिंग
(iv) गुणवाचक विशेषण, एकवचन, स्त्रीलिंग
उत्तर :
(i) रंग-बिरंगे गुणवाचक विशेषण, बहुवथन, पुल्लिग
(घ) मंजू ऊपर आ रही है। रेखांकित अंश का पद परिचय है
(i) रीतिवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-आ रही है
(ii) परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-आ रही है
(iii) स्थानवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-आ रही है
(iv) कालवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-आ रही है
उत्तर :
(iii) ऊपर स्थानवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-आ रही है
(ङ) वह व्यक्ति बहुत परिश्रमी था। वह कल ही चला गया। दोनों वाक्यों के ‘वह’ का सामान्य पद परिचय होगा
(i) पहला वह-गुणवाचक विशेषण, दूसरा वह-अनिश्चयवाचक सर्वनाम
(ii) पहला वह-अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण, दूसरा वह-निश्चयवाचक सर्वनाम
(iii) पहला वह-सार्वनामिक विशेषण, दूसरा वह-पुरुषवाचक सर्वनाम
(iv) पहला वह-पुरुषवाचक सर्बनाम, दूसरा वह-सार्वनामिक विशेषण
उत्तर :
(iii) पहला वह-सार्वनामिक विशेषण, दूसरा वह-पुरुषवाचक सर्वनाम
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) ‘नित्य ही नहाता क्षीर-सिन्धु के कलाधर है।
सुंदर तवानन की समता की इच्छा से।।
इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्र्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(ii) उत्प्रक्षा इन पंक्तियों में कलाधर (चंद्रमा) के क्षीर निधि में नहाने का कारण उसकी उत्पत्ति हेतु क्षीर-निधि नहीं बताया गया बल्कि स्नान करने में इस अभिप्राय (फल) की सभावना की गई है कि वह नायिका के मुख की समानता प्राप्त करने के लिए क्षीर सागर में नहा रहा है। अतः उत्मेक्षा अलंकार है।
(ख) ‘जो चाहो चटक न घटे, मैलो होय न नित्त राज राजस न छुवाइये नेह चीकने चित्त।’ इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(i) श्लेष प्रस्तुत काव्य पंक्ति में रज शब्द से दो अर्थ निकलते हैं प्रथम अलंकार, दूसरा धूल। एक शब्द से दो अर्थ निकल रहे हैं पहला प्रेम तथा दूसरा तेल अतः यहाँ श्लेष अलंकार है।
(ग) बीती विभावरी जागरी
अंबर पनघट में डुबो रही, तारा घट उषा नागरी।
इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iii) मानवीकरण यहाँ उषा के नागरी होने तथा तारा घट को अंबर पनघट में डुयोने आदि मानवीय क्रियाओं का वर्णन किया गया है। अत: यहाँ मानवीकरण अलंकार है।
(घ) ‘यह हरा ठिगना चना, बाँधे मुरेठा शीश पर
छोटे गुलाबी फूल का सजकर खड़ा है।
इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iii) मानवीकरण यहाँ चने को हरा ठिगना बताकर उस पर मानवीय क्रिज्याओं का आरोप किया गया है। अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार है।
(ङ) ‘हनुमान की पूँछ में लगन न पाई आग, सगरी लंका जरि गई, गए निशाचर भाग। इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iv) अतिशयोक्ति यहाँ हनुमान की पूँछ में आग लगने से पहले ही सारी लंका का जलना, राक्षसों का भागना आदि का बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया गया है। अतः यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार है।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
खेती बारी करते, परिवार रखते भी, बालगोबिन भगत साधु थे-साधु की सब परिभाषाओं में खरे उतरने वाले। कबीर को ‘साहब’ मानते थे, उन्हीं के गीतों को गाते, उन्हीं के आदेशों पर चलते। कभी झूठ नहीं बोलते, खरा व्यवहार रखते। किसी से भी दो टूक बात करने में संकोच नहीं करते, न किसी से खामखा झगड़ा मोल लेते। किसी की चीज नहीं छूते, न बिना पूछे व्यवहार में लाते। इस नियम को कभी-कभी इतनी बारीकी तक ले जाते कि लोगों को कौतूहल होता। कभी वह दूसरे के खेत में शौच के लिए भी नहीं बैठते। वह गृहस्थ थे, लेकिन उनकी सब चीज ‘साहब’ की थी। जो कुछ खेत में पैदा होता, सिर पर लादकर पहले उसे साहब के दरबार में ले जाते-जो उनके घर से चार कोस दूरी पर था-एक कबीरपंथी मठ से मतलब! वह दरबार में ‘भेंट’ रूप रख लिया जाकर ‘प्रसाद’ रूप में जो उन्हें मिलता, उसे घर लाते और उसी से गुजर चलाते।
(क) लेखक के अनुसार बालगोबिन भगत साधु क्यों थे?
(i) क्योंकि वे साधु की तरह दिखते थे
(ii) क्योंकि वे मोह-माया से दूर थे
(iii) क्योंकि वे सच्चे साधुओं की तरह आचार-विचार रखते थे
(iv) क्योंक वे किसी से लड़ते नहीं थे
उत्तर :
(iii) क्योंकि वे सच्चे साधुओं की तरह आचार-विचार रखते थे प्रस्तुत गद्यांश में लेखक बताता है कि बालगोबिन भगत सच्चे साधुओं की तरह आचार-विचार रखते थे। वे साधु की सभी परिभाषाओं पर खरे उतरते थे। वे कभी झूठ नहीं बोलते थे तथा सबसे खरा व्यवहार रखते थे। इस कारण बालगोबिन भगत साधु थे।
(ख) बालगोबिन भगत का कौन-सा कार्य-व्यवहार लोगों के आश्चर्य का विषय था?
(i) जीवन के सिद्धांतों और आदर्शों का गहराई से आपने आचरण में पालन करना
(ii) गीत गाते रहना
(iii) किसी से झगड़ा न करना
(iv) अपना काम स्वयं करना
उत्तर :
(i) जीवन के सिद्धांतों और आदर्शों का गहराई से आपने आथरण में पालन करना, बालगोबिन भगत जीवन के सिद्धांतों व आदर्शों का गहराई से पालन करते थे। यही लोगों के आश्चर्य का विषय बन गया था।
(ग) बालगोबिन भगत के खेत में जो कुछ पैदा होता, उसे वे सर्वप्रथम किसे भेंट कर देते?
(i) गरीबों में
(ii) घर में
(iii) मंदिर में
(iv) कबीरपंथी मठ में
उत्तर :
(iv) कवीरपंथी मठ में बालगोबिन भगत के खेत में जो कुछ पैदा होता, उसे वे सर्वप्रथम कबीर पंथी मठ में भेंट करते थे।
(घ) ‘वह गृहस्थ थे, लेकिन उनकी सब चीज ‘साहब’ की थी।’ यहाँ ‘साहब’ से क्या आशय है?
(i) गुरु
(ii) मुखिया
(iii) कबीर
(iv) भगवान
उत्तर :
(iii) कबीर ‘साहब’ से आशय है-कबीर। बालगोबिन भगत गृहस्थ थे फिर भी उनकी सब चीज साहब अर्थात् कबीर की थी।
(ङ) कथन (A) बालगोबिन भगत कबीर के ही आदर्शों पर चलते थे। कारण (R) वे कबीर की विचारधारा से प्रभावित थे।
(i) कथन A गलत है, किंतु कारण R सही है।
(ii) कथन A और कारण R दोनों ही गलत हैं।
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या है।
(iv) कथन A और कारण R दोनों सही हैं, परंतु कारण R कथन A की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर :
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या है गद्यांश के अनुसार, बालगोबिन भगत कबीर के ही आदर्शों पर चलते थे, क्योंकि वे कबीर की विचारधारा से प्रभावित थे। वे कबीर को ‘साहब’ मानते थे तथा उन्हीं के आदेशों पर चलते थे।
प्रश्न 8.
क्षितिज के गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(क) बालगोबिन भगत की संगीत-साथना का उत्कर्ष किस दिन देखा गया?
(i) जिस दिन खेत में कुछ पैदा नहीं हुआ
(ii) जिस दिन उनके पुत्र की मृत्यु हो गई
(iii) पतोहूू के भाई के घर आने पर
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) जिस दिन उनके पुत्र की मृत्यु हो गई बालगोबिन भगत की संगीत-साधना का उत्कर्व उस दिन देखा गया था, जिस दिन उनके पुत्र की मृत्यु हो गई थी। उन्होंने अपने मृत बेटे को औगन में एक चटाई पर लिटाकर सफेद कपड़े से ढक दिया और सिरहाने एक चिराग जला दिया और उसके सामने ही एक आसन पर बैठकर गीत गाने लगे। साथ ही बहु से भी उत्सव मनाने को कहा।
(ख) खीरा न खाने पर भी नवाब साहब को इकार आ गई। इस पर लेखक ने क्या सोचा?
(i) बिना खाए भी आदमी का पेट कैसे भर सकता है
(ii) नवाब साहब ज्यादा थक गए थे
(iii) नवाब साहब का पेट पहले से ही भरा हुआ था
(iv) नवाब साहब को खीरे पसंद नहीं थे, इसलिए उन्होंने पानी पी लिया
उत्तर :
(i) बिना खाए भी आदमी का पेट कैसे भर सकता है खीरा न खाने पर भी नवाब साहब को डकार आ गई। इस पर लेखक ने सोचा कि बिना खाए भी आदमी का पेट कैसे भर सकता है।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
हमारैं हरि हारिल की लकरी।
मन क्रम बचन नंद-नंदन उर, यह दृढ़ करि पकरी।
जागत सोवत स्वप्न दिवस-निसि, कान्ह-कान्ह जकरी।
सुनत जोग लागत है ऐसौ, ज्यौं करूई ककरी।
सु तौ ब्याधि हमकौं लै आए, देखी सुनी न करी।
यह तौ ‘सूर’ तिनहिं लै सौपौ, जिनके मन चकरी।
(क) ‘हमारैं हरि हारिल की लकरी पंक्ति में ‘हारिल की लकरी’ किसे कहा गया है?
(i) गोपियों को
(ii) श्रीकृष्ण को
(iii) उद्धव को
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) श्रीकृष्ण को पस्तुत काव्यांश में श्रीकृष्ण को ‘हारिल की लकड़ी’ कहा गया है। इसका आशय यह है कि जिस प्रकार हारिल पक्षी अपने पैरों में लकड़ी को दबाए रहता है। उसी प्रकार हमने भी मन, कर्म और वाणी से भकृषण्ण को अपने हृदय में बसा लिया है।
(ख) ‘तिनहि लैं सौंपौ’ पंक्ति में किसकी ओर संकेत किया गया है?
(i) जिनका मन चकरी के समान चंचल है
(ii) जिनका मन स्थिर है
(iii) जो योग का संदेश देते हैं
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) जिनका मन चकरी के समान च’ → है ‘तिनहिं ले साँपौ’ पंक्ति में उनकी ओर संकेत किया गया है, जिनका मन चकरी के समान चंचल है।
(ग) गोपियाँ योग की शिक्षा क्यों नहीं लेना चाहती थीं?
(i) क्योंकि उनके पास पहले से ही योग की शिक्षा थी
(ii) क्योंकि वे अपने-अपने कार्य में बहुत व्यस्त थीं
(iii) क्योंकि वे योग की शिक्षा श्रीकृष्ण से लेना चाहती थीं
(iv) क्योंकि उनके हुदय में कृष्ग बसे हुए थे
उत्तर :
(iv) क्योंकि उनके इदय में कृष्ण बसे हुए थे प्रस्तुत काव्यांश में गोपियों ने योग की शिक्षा पर उद्धव को कहा कि हम योग की शिक्षा ग्रहण नहीं कर सकत्ती, क्योंकि हमने मन, वचन, कर्म से श्रीकृष्ण को अपने हृदय में बसा लिया है। अब हमारा मन श्रीकृष्ण में स्थिर हो गया है। अतः अब उसमें योग की शिक्षा नहीं ठहर पाएगी।
(घ) योग का नाम सुनते ही गोपियों को कैसा लगता है?
(i) जैसे श्रीकृष्ण उनके पास आ गए हों
(ii) जैसे पैरों में काँटा चुभ गया हो
(iii) जैसे उनके मुँह में कड़वी ककड़ी चली गई हो
(iv) जैसे कानों में मधुर रस घुल गया हो
उत्तर :
(iii) जैसे उनके मुँह में कड़वी ककड़ी चली गई हो प्रस्तुत काव्यांश में योग का नाम सुनते ही गोपियों को यह बीमारी के समान लगता है, जिसका नाम सुनते ही उन्हें ऐसा लगता है, जैसे मुँह में कड़वी ककड़ी चली गई हो, इसलिए वे उद्धव से कहत्ती हैं कि इस योग को तो आप श्रीकृष्ण को ही सौंप दो। उनका ही मन बहुत चंचल है।
(ङ) ‘देखी सुनी न करी’ पंक्ति में गोपियाँ क्या कहना चाहती हैं?
(i) गोपियों ने उद्धव के बारे में न तो कभी सुना है और न ही उसे देखा है
(ii) गोपियों ने योग के बारे में न तो कभी सुना है और न ही किया है
(iii) गोपियाँ श्रीकृष्ण के पास जाना चाहती थीं
(iv) गोपियों को उद्धव से योग की शिक्षा लेनी है
उत्तर :
(ii) गोपियों ने योग के बारे में न तो कभी सुना है और न ही किया है ‘ देखी सुनी न करी ‘ पंक्ति से गोपियों का यह तात्पर्य है कि इस योग की बीमारी को न तो हमने कभी पहले देखा है, न सुना है और न ही कभी व्यवहार करके देखा है। उनका कहना है कि इस योग को तो आप ही संभालों। हमारा मन तो बस श्रीकृष्ण के प्रेम में ही रम गया है।
प्रश्न 10.
पाठ्यपुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वधधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(क) ‘उत्साह’ कविता में कवि ने बादलों को किस दिशा से आने वाला कहकर पुकारा है?
(i) पूर्व दिशा से
(ii) पश्चिम दिशा से
(iii) अज्ञात दिशा से
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(iii) अझ्ञात दिशा से ‘उत्साह’ कविता में कवि ने बादलों को अझात दिशा से आने वाला कहकर पुकारा है। कवि बादलों से आग्रह कर रहा है कि वे अज्ञात दिशा से आकर लोगों की बेचैनी को दूर कर दें एवं दु:ख से पीड़ित धरती पर वर्षा कर सुख प्रदान करें।
(ख) कवि ने फसल को किसके स्पर्श की महिमा बताया है?
(i) पानी
(ii) सूरज
(iii) हाथ
(iv) मिट्टी
उत्तर :
(iii) हाथ कवि ने फसल को हाथ के स्पर्श की महिमा बताया है।
खंड ‘ब’
(वर्णनात्मक प्रश्न)
खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
प्रश्न 11.
गद्यापाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25 -30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 0)
(क) भगत जी की पतोहू अपने भाई के साथ वापिस क्यों नहीं जाना चाहती थी? उसकी क्या इच्छा थी? ‘बालगोबिन भगत’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘बालगोबिन भगत’ पाठ के आधार पर भगत जी की पतोहू अपने पति के ही घर रहकर अपने सतुर का ध्यान रखना एवं उनकी सेवा करना चाहती थी, इसलिए वह अपने भाई के साथ वापिस नहीं जाना चाहती थी। पति की मृत्यु के बाद उसे चिता थी कि उसके ससुर का ध्यान कौन रखेगा? अतः उसकी इच्छा थी कि वह अपने ससुर के साथ ही रहकर उनके भोजन आदि का प्रबंध एवं उनकी सेवा करे।
(ख) यदि हालदार साहब को कैप्टन की मृत्यु के पश्वात् मूर्ति पर चश्मा लगा नहीं मिलता, तो उनके मन में किस प्रकार का भाव आता? ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर :
‘नेताजी का वश्मा ‘ पाठ के अनुसार यदि हालदार साहब को कैप्टन की मृत्यु के बाद नेताजी की मूर्ति पर चश्मा लगा नहीं मिलता, तो उनका यह भाव विश्वास में बदल जाता कि वर्तमान समय में लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना नहीं रही। समाज में देशभक्ति तथा
(ग) लेखक को नवाब साहब नई कहानी के लेखक किस प्रकार लगे? ‘लखनवी अंदाज़’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर :
‘लखनवी अंदाज ‘ पाठ के आधार पर लेखक ने जब नवाब साहब को खीरे की उन सुस्वाद फाँकों (टुकड़ों) को बिना खाए ट्रेन की खिड़की के बाहर फेंकते हुए देखा, तो उसे लगा कि नवाब साहब ने खीरे को केवल सूँघने मात्र से ही अपना काम चला लिया है। इस प्रकार नई कहानी का लेखक भी बिना किसी विषय, घटना आदि के द्वारा ही कहानी की रचना कर लेता है। लेखक को इस अर्थ में नवाब साहब नई कहानी के लेखक लगे।
(घ) बिस्मिल्ला खाँ के जीवन में संगीत को समृद्ध करने वाले व्यक्तियों व घटनाओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
बिस्मिल्ला खों के जीवन में संगीत को अनेक लोगों ने समृद्ध किया। इनमें रसूलन बाई, बतूलन बाई, मामूजान अली बखाश खों, नाना, कुलसुम हलवाइन, अभिनेत्री सुलोचना इत्यादि प्रमुख हैं। रसूलन बाई और बतूलन बाई की ठुमरी, टप्पे और दादरा को सुनकर उनके मन में संगीत की ललक जागी। बाद में वे अपने नाना को मधुर स्वर में शहनाई बजाते देखते थे, तो वे उनकी शहनाई को खोजा करते थे। मामूजान जब शहनाई बजाते-बजाते सम पर आते, तो बिर्भिल्ला खां धड़ से एक पत्थर जमीन पर मारकर दाद देते थे। बिस्मिल्ला खां कुलसुम की कचौड़ी तलने की कला में भी संगीत का आरोह-अवरोह देखा करते थे।
प्रश्न 12.
निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25 – 30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) ‘उत्साह’ कविता के आधार पर बादलों का दूसरा पक्ष बताइए।
उत्तर :
बादलों का एक पक्ष यदि यह है कि वे वर्षा करके एक ओर लोगों को नया जीवन प्रदान करते हैं, तो दूसरा पक्ष उनका यह भी है कि इनके अंदर विध्वंस, विप्लव और विनाश छिपा हुआ है, जिससे नवीन सृष्टि का निर्माण हो सके, इस प्रकार कवि ने एक ओर बादलों को नया जीवन प्रदान करने वाला माना है तथा दूसरी ओर विनाशकारी भी कहा है।
(ख) ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ के आधार पर ‘मातु पितहि जनि सोचबस करसि महीस किसोर’ पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘राम-लक्षमण-परशुराम संवाद’ के आधार पर “मातु पितहि जनि सोचबस करसि महीस किसोर” पंक्ति का आशय है कि लक्ष्मण की व्यंग्यपूर्ण उक्तियों से परशुराम का क्रोध बढ़ने लगता है और वे लक्ष्मण को चेतावनी देते हुए कहते हैं कि अरे राजकुमार! तू अपने माता-पिता के विषय में सोचकर स्वर्य को वश में कर ले अर्थात् यदि मैंने क्रोधवश तेरा वध कर दिया, तो तेरे माता-पिता की दशा चितनीय हो जाएगी।
(ग) ‘संगतकार’ कविता के आधार पर ‘संगतकार’ किस प्रकार के व्यक्ति का प्रतीक है?
उत्तर :
‘संगतकार’ कविता के आधार पर संगतकार ऐसे व्यक्ति का प्रतीक है, जो स्वयं पृष्ठभूमि में रहकर संबद्ध व्यवस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है और उसके सर्वाधिक प्रभावी व्यक्ति की सफलता में हर सभव सहयोग करता है। उदाहरणार्थ-संगीत के कार्यक्रम की प्रस्तुति के दौरान संगतकार मुख्य गायक के स्वर में स्वर मिलाकर उसके गायन को प्रभावी व सफल बनाता है।
(घ) ‘सूरदास के पद’ के आधार पर कृष्ण भक्ति का महत्त्व बताने के लिए किन-किन प्रतीकों का प्रयोग किया गया है?
उत्तर :
‘सूरदास के पद’ के आधार पर गोपियों ने कृष्ण भक्ति का महत्त्व बताने के लिए प्रेम-नदी, गुड़, हारिल की लकड़ी आदि प्रतीकों का प्रयोग किया है, जिनके माध्यम से वे स्पष्ट करना चाहती हैं कि कृष्ण भक्ति ही इस सांसारिक भवबाधा से मुक्ति का एकमात्र साधन है।
प्रश्न 13.
पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित पर निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए। (4 × 2 = 8)
(क) मनुष्य अंधाधुंध वृक्षों की कटाई तथा नदियों के जल को दूषित कर रहा है। पहाड़ों को पर्यटन स्थल बनाकर प्रदूषण फैला रहा है, मनुष्य अपनी सुख सुविधाओं के लिए प्रकृति को अत्यधिक नुकसान पहुँचा रहा है। इसे रोकने में आपकी क्या भूमिका होनी चाहिए? ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ के आधार पर बताइए।
उत्तर :
आज की पीढ़ी स्वार्थपरक हो गई है। वह प्रकृति को अनेक प्रकार से हानि पहुँचा रही है। मनुष्य अपने लाभ के लिए वृक्षों की अंधाधुंध कटाई कर रहा है, जिससे वन समाप्त हो रहे हैं। मनुष्य द्वारा नदियों के जल को दूषित करने एवं जल का गलत प्रयोग करने से अनेक स्थानों पर पानी की कमी तथा जलीय जीवों की संख्या का हास हो रहा है। मनुष्य पहाड़ों को पर्यंटन स्थल बनाकर वहाँ पर प्रदूषण फैला रहा है, जिससे प्राकृतिक प्रक्रियाएँ; जैसे-बर्फ़ का गिरना कम होता जा रहा है। इन सभी कारणों से प्रदूषण में वृद्धि हुई है। इसे रोकने के लिए हमें उचित उपाय करने होंगे; जैसे-प्रत्येक व्यक्ति द्वारा पेड़ लगाए जाएँ, नदियों में कूड़ा-करकट न डालें, अधिक पर्यटक स्थल न बनाएँ तथा सतत विकास की अवधारणा का अनुपालन करते हुए प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करें।
(ख) सभी लोग मिल-जुलकर रहते हैं तथा प्रकृति के करीब हैं। बच्चे शारीरिक खेल खेलते हैं। अपने परिवार के साथ घुल-मिलकर रहते हैं।’माता का अँचल’ पाठ में ग्रामीण परिवेश के चित्रण को दर्शाते हुए पाठ के आधार पर शहरी और ग्रामीण जीवन के अंतर को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘माता का अँचल’ पाठ में लेखक ने ग्रामीण परिवेश का चित्रण करते हुए वहाँ की जीवन-शैली का उल्लेख किया है। जहाँ सामूहिक वातावरण है, लोगों के मध्य आत्मीयता की भावना है, लोग मकृति के करीब हैं। इसके विपरीत शहरों में लोग एकल जीवनयापन करने की प्रवृत्ति की ओर उन्मुख हो रहे हैं, लोगों के बीच आत्मीयता की कमी है, माता-पिता दोनो के द्वारा नौकरी करने के कारण वे अपने बच्चों पर उतना ध्यान नहीं दे पाते, जितना ग्रामीण माता-पिता देते हैं। इस प्रकार ग्रामीण व शहरी जीवन में अत्यधिक अंतर दिखाई देता है।
(ग) हिरोशिमा की घटनाओं के बारे में सुनकर तथा उनके कुप्रभावों को प्रत्यक्ष देखकर भी विस्फोट का भोक्ता नहीं बन पाया। ‘मैं क्यों लिखता हूँ’ पाठ के आधार पर लेखक ने अपने आप को हिरोशिमा के विस्फोट का भोक्ता कब और कैसे महसूस किया?
उत्तर :
‘में क्यों लिखता हू’ पाठ के आधार पर लेखक हिरोशिमा की घटनाओं के बारे में सुनकर तथा उनके कुप्रभावों को प्रत्यक्ष देखकर भी विस्फोट का भोक्ता (भोगने वाला) नहीं बन पाया। एक दिन वह जापान के हिरोशिमा नगर की एक सड़क पर घूम रहा था। अचानक उसकी नजर एक पत्थर पर पड़ी। उस पत्थर पर एक मानव की छया छपी हुई थी। वास्तय में, परमाणु विस्फोट के समय कोई मनुष्य उस पत्थर के पास खड़ा रहा होगा, रेडियोधर्मी किरणों ने उस आदमी को भाप की तरह उड़ाकर उसकी छाया पत्थर पर डाल दी थी। उसे देखकर लेखक के मन में पीड़ा से भरी अनुभूति जाग गई। उसके मन में विस्फोट का प्रत्यक्ष दृश्य साकार हो उठा। उस समय उसने स्वयं को बिस्फोट का भोक्ता महसूस किया।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए।
(क) हमारी सामाजिक समस्याएँ
संकेत बिंदु – भूमिका
- हमारी सामाजिक समस्याएँ
- कारण एवं निवारण
उत्तर :
हमारी सामाजिक चुनौतियाँ
किसी भी देश की प्रगति केवल भौगोलिक और आर्थिक स्थिति पर ही निर्भर नहीं होती, अपितु राष्ट्र की प्रगति और गतिशीलता व उसके समाज से भी प्रभावित होती है। एक स्वस्थ समाज ही स्वस्थ राष्ट्र का निर्माता होता है। भारत एक विशाल देश है। इसकी भौगोलिक तथा सामाजिक मिन्नता विश्वप्रसिद्ध है। हमारी सामाजिक समस्याएँ-धार्भिक कट्टरता, जाति-प्रथा, दहेज-मथा, अंधविश्वास, अशिक्षा, नारी शोषण, बेरोज़गारी, जनसंख्या वृद्धि, अ्रष्टाचार, गरीबी, आर्थिक आधार पर विभेदीकरण, बढ़ती आपराधिक प्रवृत्ति इत्यादि हैं। कुछ समस्याएँ हमारी धार्मिक असहिष्णुता से उत्पन्न हुई हैं, तो कुछ सदियों की गुलामी से। धीरे-धीरे ये समस्याएँ हमारे लिए चुनौती बनती जा रही हैं।
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है।
समाज उसके अस्तित्व का आधार है। वह समाज से अलग नहीं रह सकता। समाज में रहते हुए उसे समाज द्वारा बनाए गए नियमों का पालन भी अनिवार्य रूप से करना पड़ता है। यदि वह ऐसा नहीं करता, तो सामाजिक मूल्यों का ह्यास होता है, परिणामस्वरूप बहुत-सी iसामाजिक समस्याएँ उत्पन्न होने लगती हैं। ये सामाजिक समस्याएँ दीमक की भाति देश को भीतर से खोखला कर देती है और देश में अव्यवस्था का कारण बनती हैं। यदि हम अपने देश को विश्वशक्ति के रूप में देखना चाहते हैं, तो हमें सबसे पहले सामाजिक चुनौतियों से निपटना होगा। इन चुनौतियों का समाधान हो गया, तो शेष समस्याओं का समाधान स्वतः ही हो जाएगा। अतः हमें योजनाबद्ध तरीकों से इन पर विजय प्राप्त करनी होगी।
(ख) आत्मनिर्भर भारत
संकेत बिंदु – भूमिका
- आत्मनिर्भर भारत के लाभ
- सरकार के प्रयास
उत्तर :
आत्मनिर्भर भारत
आत्मनिर्भर का सही अर्थ होता है कि कोई भी व्यक्ति, गाँव या देश किसी दूसरे के सहारे या किसी दूसरे पर निर्भर न होकर स्वयं पर निर्भर रहे। आत्मनिर्भर होना स्वयं के लिए अपने गाँय, शहर, जिले और देश के लिए बहुत आवश्यक है। यदि हमारा शहर या देश आत्मनिर्भर रहेगा तो हमें किसी दूसरे देश पर निर्भर नहीं रहना होगा। कोई भी व्यक्ति यदि किसी दूसरे पर निर्भर है, हर काम या अपनी आवश्यकता के लिए दूसरे से सहायता की गुहार करता है, तो यह उसकी बहुत बड़ी कमी है। उसे स्वयं पर निर्भर होना चाहिए न कि किसी दूसरे पर। यदि व्यक्ति आत्मनिर्भर होगा तो किसी भी समय यह अपनी समस्या को स्वय ही सुलझा सकता है। उसे किसी दूसरे व्यक्ति से सहायता लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
यह बात किसी व्यक्ति के साथ-साथ राज्य और देश पर भी लागू होती है। यदि देश के पास संसाधन उपलब्ध नहीं हैं, तो उसे किसी दूसरे देश से उस संसाधन की कमी को पूरा करना पड़ेगा। यदि उस संसाधन को बनाने की सारी सामग्री उसके पास उपलब्ध है तो वह उसका प्रयोग कर संसाधन का निर्माण स्वय कर सकता है। इससे वह आत्मनिर्भर भी बनेगा और किसी दूसरे देश पर निर्भर रहने की आवश्यकता भी नहीं होगी। देश में उयोगों की बढ़ोतरी होगी और देश के हर युवा को रोजगार मिलेगा तथा देश आत्मनिर्भर बन जाएगा। देश में अधिक मात्रा में उद्योग लगाए जाएँ तो बेरोजगारी कम होगी और साथ ही देश में फैली गरीबी भी समाप्त होगी। साथ ही देश की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार होगा और अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत होगी, फिर हमारे देश को किसी दूसरे देश पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। अधिक सामज्री बनने से हम अपने देश की सामग्री को और भी देशों को निर्यात कर सकते हैं। इससे हमारे देश के आयात में कमी होगी और निर्यात में बहुत अधिक बढ़ोतरी होगी। आत्मनिर्भर भारत को लेकर अब सरकार भी बहुत अच्छे कदम उठा रही है, हमें भी सरकार का सहयोग करना चाहिए और देश को आत्मनिर्भर बनाने में सरकार की मदद करनी चाहिए।
(ग) मनोरंजन के हाई-टेक साथन
संकेत बिंदु – भूमिका
- टेलीविज़न
- रेडियो
- इंटरनेट
- सिनेमा
उत्तर :
मनोरंजन के हाई-टेक साधन
एक समय था जब मनोरंजन के लिए लोग शिकार खेला करते थे। सभ्यता के विकास के बाद अन्य खेल लोगों के मनोरंजन के साधन बने। आज भी खेल लोगों के मनोरंजन का प्रमुख साधन है, किंतु आजकल खेलों को प्रत्यक्ष रूप से देखने के अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से देखने वालों की संख्या बढ़ी है। इस समय टेलीविजन, रेडियो तथा इंटरनेट मनोरंजन के प्रमुख एवं हाई-टेक साधन हैं। टेलीविजन आजकल लोगों के मनोरंजन का एक प्रमुख साधन बन चुका है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि टेलीविजन पर प्रत्येक आयु वर्ग के लोगों के लिए कार्यक्रम उपलब्ध हैं।
आधुनिक काल में रेडियो मनोरंजन का एक प्रमुख साधन बनकर उभरा है। रेडियो पर गीत-संगीत के अतिरिक्त सजीव क्रिकेट कमेंटरी श्रोताओं को आनंदित करने के कार्य करती है तथा जब से एक.एम. चैनलों का पदार्पण भारत में हुआ है, रेडियो की उपयोगिता और बढ़ गई है। आज विश्व के कुल 6.8 अरब से अधिक लोगों में से लगभग 2.8 अरब लोग इंटरनेट से जुड़े हुए हैं। इंटरनेट ने सरकार, ब्यापार और शिक्षा को नए अवसर प्रदान किए हैं। बात मनोरंजन के आधुनिक साधनों की हो या पूर्व साधनों की, यह सिनेमा के बिना अधूरी है। सिनेमा पहले भी लोगों के मनोरंजन का एक शक्तिशाली माध्यम था और आज भी है। इस प्रकार संचार क्राति की इस दौड़ में मनोरंजन के हाई-टेक साधनों ने मनुष्य को आधुनिक बना दिया है। अतः इन समस्त उपकरणों का सदा सकारात्मक उपयोग करने की आवश्यकता है।
प्रश्न 15.
किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।
आप सौरभ श्रीवास्तव हैं। आप सेक्टर 35 में रहते हैं। आपके क्षेत्र में पुस्तकालय की कोई व्यवस्था नहीं है, उसके लिए दूर जाना पड़ता है। अतः आप अपने क्षेत्र में एक नया पुस्तकालय स्थापित करने हेतु सांसद महोदय को लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
अथवा
आप राहुल शर्मा हैं। आपके विद्यालय में वृक्षारोपण कार्यक्रम किया गया, जिसमें आपकी भी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही। अपने छोटे भाई को कार्यक्रम के प्रति अपना अनुभव बताते हुए लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
उत्तर :
परीक्षा भवन,
फरीदाबाद।
दिनांक 19 मार्थ, 20XX
सेवा में,
माननीय सासद महोदय
फरीदाबाद।
विषय क्षेत्र में नया पुस्तकालय खोलने हेतु।
महोदय,
निवेदन है कि मैं सेक्टर- 35 में रहता हूँ। सेक्टर- 20 से सेक्टर -65 तक बहुत आबादी बस चुकी है। यहाँ की जनसंख्या पिछले पाँच वर्षो की तुलना में तीन गुना हो धुकी है, किंतु इस क्षेत्र में पुस्तकालय की व्यवस्था नहीं है। पुस्तकालय से संबंधित किसी भी कार्य के लिए लोगों को यहों से बहुत दूर सेक्टर -14 में जाना पड़ता है, जिसमें बहुत परेशानी होती है। विशेषकर वृद्धों और महिलाओं को बहुत कष्ट उठाना पड़ता है। केवल विद्यार्थी ही इसका लाभ ले पाते हैं।
मेरा सांसद महोदय से विनम्र अनुरोध है कि इस क्षेत्र की आवश्यकता और परेशानी को देखते हुए इस क्षेत्र में शीघ्र ही एक पुस्तकालय खुलवाने की व्यवस्था करें, जिससे यहाँ के नागरिकों को पठन-पाठन की होने वाली परेशानियों से छुटकारा मिल सके।
धन्यवाद!
भवदीय
सौरभ श्रीवास्तव
अथया
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 12 अक्टूबर, 20XX
प्रिय अनुज,
सस्नेह।
आज हमारे विद्यालय में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में उपमुख्यमंत्री पधारे थे। उन्होंने वृक्षों की महत्ता बताते हुए पर्यावरण संबंधी महत्त्वपूर्ण तथ्यों से छात्रों को अवगत करवाया। उनके साथ कई अन्य अधिकारी भी आए थे। उपमुख्यमंत्री, अधिकारियों, प्रधानाध्यापक, अध्यापकों एवं कुछ छात्रों ने मिलकर वृक्ष लगाए। मुझे भी इस समारोह में वृक्ष लगाने का अवसर प्राप्त हुआ। वृक्षारोपण करके हमें बहुत प्रसन्नता हुई। इस अवसर पर छात्रों ने भिन्न-भिन्न कार्यक्रम; जैसे-नाटक, नृत्य आदि भी प्रस्तुत किए। इन कार्यक्रमों के माध्यम से पर्यावरण की रक्षा करने का संदेश दिया गया।
यह समारोह सभी के लिए विशिष्ट बन गया। यदि तुम्हें अवसर मिले तो तुम भी वृक्षारोपण करके पर्यावरण के प्रति अपने कर्त्तव्य एवं दायित्व का पालन करना, तुम्हें भी इस कार्य से अत्यधिक प्रसन्नता एवं गर्व का अनुभव होगा। शुभकामनाओं सहित!
तुम्हारा भाई
राहुल शर्मा
प्रश्न 16.
आप नेहा वर्मा हैं। आप ने दिल्ली से एम.बी.ए. किया है। आपको सी.एम.जी. कंपनी में मार्केटिंग में एक्जीक्यूटिव पद के लिए आवेदन करना है। इसके लिए आप अपना एक संक्षिप्त स्ववृत्त (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए।
अथवा
आप अजय प्रकाश हैं। आपके घर के आस-पास कल कारखानों एवं यातायात का दबाव बढ़ रहा है, जिससे ध्वनि प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हो रही है। अतः आप नगर योजना अधिकारी को ध्वनि प्रदूषण की समस्या से अवगत कराने के लिए लगभग 80 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए।
उत्तर :
स्ववृत्त
नाम : नेहा वर्मा
पिता का नाम : श्री महेंद्र वर्मा
माता का नाम : भ्रीमती किरण वर्मा
जन्म तिथि : 22 अप्रैल, 19XX
वर्तमान पता : मकान नंबर 402 , सेक्टर-14, पानीपत हरियाणा
स्थायी पता : उपर्युक्त
दूरभाष नंबर : 01802478XX
मोबाइल नंबर : 9236X0XXXXX
ई-मेल : [email protected]
शैक्षणिक योग्यताएँ
अन्य संबंधित योग्यताएँ
- अंग्रेजी भाषा का अच्छा ज्ञान
- कंव्यूटर का ज्ञान (इंटरनेट व एम.एस. ऑफिस)
उपलब्धियाँ
- आशुभाषण प्रतियोगिता (राज्य-स्तरीय) द्वितीय पुरस्कार वर्ष 2011
- अखिल भारतीय बाद-विवाद प्रतियोगिता (2013) में प्रथम पुरस्कार, विद्यालय में हैड गर्ल
कार्येत्तर गतिविधियों तथा अभिरुचियाँ
- समाचार-पत्र व व्यापारिक पत्रिकाओं का नियमित पठन
- देश भ्रमण का शौक
- इंटरनेट सर्फिंग
संदर्भित व्यक्तियों का विवरण
- डों. रमेश चंद्र शर्मा, प्रोफेसर, एम.डी.एस. विश्वविद्यालय, हरियाणा
- श्रीमती रशिम मिश्रा, प्रिंसिपल, ब्लू वेल्स स्कूल, पानीपत।
तिथि : 17.09.20X0
(नेहा वर्मा)
स्थान : गुरुग्राम
हस्ताक्षर
अथवा
प्रश्न 17.
आपके बडे भाई एक संस्कृति नंदनी ग्रुप चलाते हैं। वे उसके प्रचार-प्रसार के लिए स्थानीय समाचार-पत्र में सांस्कृतिक एकता प्रदर्शनी का विज्ञापन देना चाहते हैं। आप उनके लिए 40 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।
अथवा
आप स्वाति गर्ग हैं। आपके दादा जी की मृत्यु का समाचार देते हुए लगभग 40 शब्दों में एक शोक संदेश लिखिए।
उत्तर :
अथवा
शोक संदेश
दिनांक : 7 अगस्त, 20XX
समय : 1: 00 बजे दोपहर।
मान्यवर! अत्यंत दु:ख के साथ सूथित करना पड़ रहा है कि मेरे दादाजी मनोज तिवारी जी का स्वर्गवास दिनांक 1 अगस्त, 20XX रविवार को हो गया था। उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध का आयोज़न 13 अगस्त, 20XX शुक्रवार को सुनिश्चित किया गया है। अतः आपसे निवेद्न है कि आप इस अवसर पर आकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर हमें कृत्तार्थ करें।
शान्ति भोज स्थल-ग्राम रामदत्तपुर, पोस्ट नगर
जिला अयोध्या (फ्रजाबाद)
शोक संतृप्त
स्वाति गर्ग तथा समस्त परिवार
मो. 0123XXXX