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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 12 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-‘अ’ और ‘ब’। खंड ‘अ’ में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खंड ‘ब’ में वस्तुनिष्ठ/वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
- प्रश्न-पत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
- खंड ‘अ’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 44 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- खंड ‘ब’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
खंड ‘अ’
(बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्न)
खंड ‘अ’ में अपठित गद्यांश-पद्यांश, व्यावहारिक व्याकरण व पाठ्य-पुस्तक से संबंधित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्न दिए गए हैं, जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
मानव बुद्धिशील प्राणी है। जिस विषय पर दूसरे प्राणी विचार नहीं कर सकते हैं, उन पर वह चिंतन करता है। इसी कारण वह संसार के समस्त जीवधारियों में श्रेष्ठ माना जाता है। जहाँ एक ओर उसमें विद्या, बुद्धि, प्रेम आदि श्रेष्ठ गुण विद्यमान हैं, वहीं दूसरी ओर वह राग, द्वेष, हिंसा आदि बुरी प्रवृत्तियों से भी ओत-प्रोत है। श्रेष्ठ तत्त्वों का अपने अंदर विकास करने के लिए मानव को स्वावलंबी बनना पड़ेगा। दूसरों का सहारा छोड़कर केवल अपने सहारे पर जीवन बिताना स्वावलंबन कहलाता है। अपने पैरों पर खड़ा होने वाला व्यक्ति न तो समाज में निरादर पाता है और न घृणा का पात्र ही होता है।
वह अपने बल पर पूर्ण विश्वास प्राप्त करता है। वास्तव में, स्वावलंबन गानव का वह गुण है, जो उसे आत्मविश्वासी बनाता है। जो व्यक्ति स्वयं कर्मठ एवं स्वावलंबी नहीं है, ऐसे व्यक्ति की कोई भी सहायता करता है और ऐसे व्यक्ति का जीवन पशु से भी हेय होता है। आज के युग में उसी का जीवन सार्थक है जो स्वावलंबी है, क्योंकि स्वावलंबन जीवन का मूलमंत्र है। जो लोग स्वावलंबन को एक ढकोसला तथा सिद्धांत मात्र मानते हैं, वे अपनी अल्पझता का परिचय देते हैं। जो व्यक्ति इस प्रकार का विपरीत तर्क करते हैं, वे कुंठाओं से आवृत्त होते हैं। ऐसे लोग तर्क के आधार पर स्वावलंबी जीवों को एकांत में खड़े होने वाले अरण्य का वृक्ष मानते हैं।
(क) निम्नलिखित कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए। जो व्यक्ति स्वावलंबन से रहित होता है,
1. उस व्यक्ति का जीवन पशु से भी निम्न होता है।
2. वह व्यक्ति आत्मविश्वासी होता है।
3. उसका जीवन सार्थक होता है।
4. वह केवल अपने सहारे जीवन बिताता है।
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 1 और 2 सही हैं
(iii) 2 और 3 सही हैं
(iv) 3 और 4 सही हैं
उत्तर :
(i) केवल 1 सही है स्वावलंबन रहित व्यक्ति का जीवन पशु से भी निम्न होता है। स्वावलंबन ही मनुष्य को आत्मविश्वासी बनाता है।
(ख) स्वावलंबन न रखने वाले व्यक्ति स्वावलंबन को क्या समझते हैं?
(i) पाखंड और सिद्धांत
(ii) सार्थक
(iii) घृणित
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) पाखंड और सिद्धांत स्वावलंबन न रखने वाले व्यक्ति स्वावलंबन को केवल पाखंड और सिद्धांत मात्र समझते हैं। वह स्वावलंबन के विषय में नकारात्मक तर्क करते हैं और इसके द्वारा वह अपनी कम जानकारी का परिचय देते हैं।
(ग) ‘वह अपने बल पर पूर्ण विश्वास प्राप्त करता है” वाक्य में ‘वह’ शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
(i) स्वावलंबी व्यक्ति के लिए
(ii) स्वावलंबन रहित व्यक्ति के लिए
(iii) संसार के लिए
(iv) पशु के लिए
उत्तर :
(i) स्वावलंबी व्यक्ति के लिए ‘ वह अपने बल पर पूर्ण विश्वास प्राप्त करता है’ वाक्य में ‘वह’ शब्द स्वावलंबी व्यक्ति के लिए प्रयुक्त हुआ है।
(घ) गद्यांश के आधार पर बताइए कि स्वावलंबन क्या है?
(i) दूसरों का सहारा छोइकर केवल अपने सहारे जीवन बिताना
(ii) दूसरों के सहारे जीवन बिताना
(iii) समाज के सहारे जीवन बिताना
(iv) ये सभी
उत्तर :
(i) दूसरों का सहारा छोड़कर केवल अपने सहारे जीवन बिताना दूसरों का सहारा छोड़कर केवल अपने सहारे जीवन बिताना स्वावलंबन कहलाता है। अपने पैरों पर खड़े होने के कारण स्वावलंबी व्यक्ति न तो समाज में निरादर पाता है और न ही वह घृणा का पात्र होता है।
(ङ) कथन (A) मानव को अन्य जीवों से श्रेष्ठ माना गया है।
कारण (R) मानव एक बुद्धिशील प्राणी है।
(i) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, कितु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर :
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है। मानव एक बुद्धिशील प्राणी है। जिस विषय पर दूसरे प्राणी विचार नहीं कर सकते हैं, उन विषयों पर वह चिंतन करता है। इसी कारण वह संसार के समस्त जीवधारियों में श्रेष्ठ माना जाता है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांशों पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
कोई खंडित, कोई कुंठित, कृश बाहु, पसलियाँ रेखांकित, टहनी-सी टाँगें, बढ़ा पेट, टेढ़े-मेढ़े, विकलांग घृणित! विज्ञान चिकित्सा से वंचित, ये नहीं धात्रियों से रक्षित, ज्यों स्वास्थ्य सेज हो, ये सुख से लोटते धूल में चिर परिचित!
पशुओं-सी भीत मूक चितवन, प्राकृतिक स्फूर्ति से प्रेरित मन, तृण तरुओं-से उग-बढ़, झर-गिर, ये ढोते जीवन क्रम के क्षण! कुल मान न करना इन्हें वहन, चेतना ज्ञान से नहीं गहन, जग जीवन धारा में बहते ये मूक, पंगु बालू के कण!
(क) इस कविता के केंद्रीय भाव हेतु दिए गए कथनों को पढ़कर सबसे सही विकल्प चुनिए।
1. गाँव के बच्चों की दयनीय दशा का वर्णन किया गया है।
2. गाँव के बच्चों में कुपोषण की समस्या का वर्णन किया गया है।
3. गाँव के बच्चों में चेतना ज्ञान के अभाव का वर्णन किया गया है।
4. गाँव में चिकित्सा सुविधाओं के अभाव का वर्णन किया गया है।
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 2 और 3 सही हैं
(iii) 3 और 4 सही हैं
(iv) 1 और 4 सही हैं
उत्तर :
(i) केवल 1 सही है प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने गाँव के बच्चों की दयनीय दशा का वर्णन किया है। सुविधाओं के अभाव में बच्चों की स्थिति शोचनीय हो गई है।
(ख) दूसरे पद में कवि कह रहा है कि
(i) गाँव में विज्ञान की शिक्षा नहीं दी जा रही है
(ii) गाँव में शिशु जन्म हेतु पर्याप्त दवाइयाँ नहीं हैं
(iii) गाँव में बच्चे स्वास्थ्य के प्रति सजग रहकर शारीरिक व्यायाम कर रहे है
(iv) गाँव में बच्चे अपने मित्रों के साथ धूल में कुश्ती जैसे खेल खेल रहे हैं
उत्तर :
(ii) गाँव में शिशु जन्म हेतु पर्याप्त दवाइयाँ नहीं हैं दूसरे पद में कवि ने स्पष्टत: कहा है कि गाँवों में न तो चिकित्सा सुविधाएँ हैं और न ही पर्याप्त दवाइयाँ हैं। परिणामतः बच्चों के जन्म के समय काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
(ग) प्रस्तुत पय्यांश में कवि का रवैया कैसा प्रतीत होता है?
(i) वे बच्चों की दशा के विषय में व्यंग्य कर मनोरंजन कराना चाह रहे है
(ii) वे बच्चों की दशा की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कराना चाहते हैं
(iii) वे तटस्थ रहकर बच्चों की शारीरिक व मानसिक दशा का वर्णन कर रहे है
(iv) वे बच्चों की शारीरिक व मानसिक दशा से संतुष्ट प्रतीत होते हैं
उत्तर :
(ii) वे बच्चों की दशा की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कराना चाहते हैं प्रस्तुत पद्यांश में कवि गावों के बच्चों की दयनीय दशा की ओर समाज का ध्यान आकर्षित कराना चाहते हैं, ताकि गाँवों के बच्चों को भी मूलभूत सुख-सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा सके और कोई भी बच्चा स्वास्थ्य व शैक्षिक सुविधाओं से वंचित न रहे।
(घ) तृण तरुओं-से उग-बढ़ …, इस पंक्ति का क्या अर्थ है?
(i) घास-फूस की तरह हल्के हैं, इसलिए तिनकों की तरह उड़ रहे हैं।
(ii) पौधों तथा घास की तरह बिना कुछ खाए-पिए बढ़ रहे है
(iii) घास तथा पौधों की तरह पैदा हो रहे हैं तथा मर रहे हैं
(iv) प्राकृतिक वातावरण में घास व पौधों की तरह फल-फूल रहे हैं
उत्तर :
(iii) घास तथा पौधों की तरह पैदा हो रहे हैं तथा मर रहे हैं प्रस्तुत पंक्ति का अर्थ यह है कि मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध न होने के कारण बच्चे घास तथा पौधों की भाँति पैदा होकर जीवन के क्षणों को पूरा करते हुए अंततः मृत्यु को प्राप्त हो रहे हैं। उन्हें अपने व्यक्तित्व के विकास हेतु पर्याप्त अवसर प्राप्त नहीं हो पाते।
(ङ) निम्नलिखित कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए। गाँवों में बच्चों की स्थिति है
1. कुपोषित, खिन्न तथा अशिक्षित।
2. क्षीणकाय, किंतु कुल के मान का ध्यान करने वाली।
3. प्राकृतिक वातावरण में रहते हुए स्कूर्ति से भरे हुए।
4. पशुओं की तरह बलिष्ठ परंतु असहाय व मूक।
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 1 और 2 सही हैं
(iii) 2 और 3 सही है
(iv) 3 और 4 सही है
उत्तर :
(i) केवल 1 सही है प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने गाँव के बच्चों की स्थिति का वर्णन करते हुए कहा है कि वे भोजन संबंधी चिकित्सा सुविधाएँ न होने के कारण विकलांग तथा शारीरिक रूप से अत्यंत कमजोर व अस्वस्थ हैं, जिसके कारण वे मानसिक रूप से उदास तथा चिंतित रहते हैं। साथ ही शैक्षिक संस्थानों की अनुपलब्यता के कारण वे अशिक्षित ही रह जाते हैं।
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) ‘लाभ वाला काम करो’ (मिश्र वाक्य में परिवर्तित कीजिए।)
(i) काम करो परंतु लाभ वाला।
(ii) काम ऐसा करो, जिसमें लाभ हो।
(iii) लाभ वाल काम करो।
(iv) लाभ के साथ-साथ काम करो।
उत्तर :
(i) ऐसा काम करो, जिसमें लाभ हो।
(ख) ‘आकाश में इसलिए तारों का मेला लग गया था, क्योंकि रात हो गई थी।’ इसका संयुक्त वाक्य होगा
(i) रात हुई और आकाश में तारों का मेला लग गया।
(ii) रात में आकाश में तारों का मेला लगता है।
(iii) जब रात होती है तब आकाश में मेला लगता है।
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) रात हुई और आकाश में तारों का मेला लग गया।
(ग) ‘वे मूर्ति देखकर रुक गए।’ इसका मिश्र वाक्य होगा
(i) उन्होंने मूर्ति को देखा ओर रुक गए।
(ii) वे मूर्ति को देखकर रुक गए।
(iii) जैसे ही उन्होंने मूर्ति को देखा वैसे ही वे रुक गए।
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(iii) जैसे ही उन्होंने मूर्ति को देखा वैसे ही वे रुक गए।
(घ) निम्नलिखित वाक्यों में से मिश्र वाक्य पहचानकर नीचे दिए गए सबसे सही विकल्प को चुनिए।
1. उसके अनुसार वह बहुत बद्धिमान है।
2. उसने कहा कि वह बहुत बुद्धिमान है।
3. वह अपने को बुद्धिमान मानता है।
4. वह मानता है कि वह बुद्धिमान है।
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 2 और 3 सही हैं
(iii) 2 और 4 सही हैं
(iv) 3 और 4 सही हैं
उत्तर :
(iii) 2 और 4 सही हैं
(ङ) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकत्प का चयन कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. यह वही पुस्तक है, जिसे मैं ढूँढ रहा था। | 1. सरल वाक्य |
B. मैं पुस्तक ढूँढ रहा था। | 2. संयुक्त वाक्य |
C. यह पुस्तक यहाँ थी और मैं उसे कमरे में ढँढ रहा था। | 3. मिश्र वाक्य |
कूट
A B C
(i) 1 2 3
(ii) 3 1 2
(iii) 3 2 1
(iv) 1 3 2
उत्तर :
(ii) A-3, B-1, C-2
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए (1 × 4 = 4)
(क) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. उद्धव द्वारा ज्ञान का उपदेश दिया गया। | 1. कर्तृवाच्य |
B. उद्धव ज्ञान का उपदेश देते हैं। | 2. कर्मवाच्य |
C. उद्धव से ज्ञान का उपदेश नहीं दिया जाता। | 3. भाववाच्य |
कूट
A B C
(i) 2 1 3
(ii) 3 1 2
(iii) 3 2 1
(iv) 1 3 2
उत्तर :
(i) A-2, B-1, C-3
(ख) निम्नलिखित वाक्यों में से भाववाच्य वाला वाक्य छाँटिए।
(i) मोहिनी क्षणभर को भी शांत नहीं रहती।
(ii) मोहिनी से क्षणभर के लिए भी शांत नहीं बैठा जा सकता।
(iii) मोहिनी के द्वारा शांत नहीं रहा जाता।
(iv) मोहिनी द्वारा क्षणभर भी शांत नहीं बैठा गया।
उत्तर :
(ii) मोहिनी से क्षणभर के लिए भी शांत नहीं बैठा जा सकता।
(ग) इनमें कर्मवाच्य का उदाहरण है
(i) मीना प्रतिदिन रामायण का पाठ करती है।
(ii) मीना द्वारा प्रतिदिन रामायण का पाठ किया जाता है।
(iii) मीना रामायण का पाठ करेगी।
(iv) मीना से रामायण का पाठ किया नहीं जाता है।
उत्तर :
(ii) मीना द्वारा प्रतिदिन रामायण का पाठ किया जाता है।
(घ) ‘आपके द्वारा उनके विषय में क्या सोचा जाता है?’ कर्तृवाच्य में बदलिए।
(i) आप उनके विषय में क्या सोचते है?
(ii) उस विषय में आप क्या सोचते है?
(iii) आपके द्वारा उस विषय में क्या सोचा जाता है?
(iv) उनके द्वारा आपके विषय में क्या सोचा जाता है?
उत्तर :
(i) आप उनके विषय में क्या सोचते हैं?
(ङ) ‘नेताजी कंबल बाँट रहे हैं।” कर्मवाच्य में बदलिए
(i) नेताजी द्वारा कंबल बाँटे गए।
(ii) नेताजी ने कंबल बाँटे।
(iii) नेताजी कंबल बाँटेंगे।
(iv) नेताजी से कंबल बाँटे जाते हैं।
उत्तर :
(i) नेताजी द्वारा कंबल बाँटे गए।
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए (1 × 4 = 4)
(क) वह घर में बैठा रहता है। रेखांकित अंश का पद-परिचय होगा
(i) पुरुषवाचक सर्वनाम, पुल्लिग, एकवचन, कर्ता कारक
(ii) निश्चयवाचक सर्वनाम, पुल्लिग, एकवचन, कर्ता कारक
(iii) निश्चयवाचक सर्वनाम, पुल्लिग, बहुवचन, कर्ता कारक
(iv) पुरुषवाचक सर्वनाम, पुल्लिग, बहुवचन, कर्ता कारक
उत्तर :
(i) पुरुषवाचक सर्वनाम, पुल्लिग, एकवचन, कर्सा कारक
(ख) समूचा गाँव खेतों में उत्तर पड़ा है। रेखांकित अंश का पद-परिचय होगा
(i) संख्यावाचक विशेषण, ‘गाँव’ विशेष्य, एकवचन, पुल्लिग
(ii) गुणवाचक विशेषण, ‘गाँव’ विशेष्य, एकवचन, पुल्लिग
(iii) गुणवाचक विशेषण, ‘गाँब’ विशेष्य, एकवचन, स्त्रीलिंग
(iv) गुणवाचक विशेषण, ‘गाँव’ विशेष्य, एकवचन, स्त्रीलि
उत्तर :
(i) संख्यावाचक विशेषण, ‘गाँव’ विशेष्य, एकवचन, पुल्लिग
(ग) मैं पुस्तके जरूर खरीदूँगी। रेखांकित अंश का पद-परिचय होगा
(i) सकर्मक क्रिया, एकवचन, स्त्रीलिंग, सामान्य भविष्यत्
(ii) अकर्मक क्रिया, बहुवचन, स्त्रीलिंग, सामान्य भविष्यत्
(iii) सकर्मक क्रिया, एकवचन, पुल्लिग, भविष्यत्
(iv) अकर्मक क्रिया, बहुवचन, पुल्लिग, सामान्य भविष्यत्
उत्तर :
(i) सकर्मक क्रिया, एकवचन, स्त्रीलिंग, सामान्य भविष्यत्
(घ) छात्र अध्यापक की बातें ध्यानपूर्वक सुनते हैं। रेखांकित अंश का पद-परिचय होगा
(i) स्थानवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया ‘सुनते हैं’
(ii) रीतिवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया ‘सुनते हैं’
(iii) कालवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया ‘सुनते है’
(iv) परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया ‘सुनते हैं’
उत्तर :
(ii) रीतिवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया ‘सुनते हैं’
(ङ) उसने मुझे बहुत धन दिया। वह लइकी बहुत सुंदर है।
दोनों वाक्यों के ‘बहुत’ का सामान्य पद-परिचय होगा
(i) पहला बहुत-प्रविशेषण, दूसरा बहुत-परिमाणवाचक विशेषण
(ii) पहला बहुत-परिमाणवाचक विशेषण, दूसरा बहुत-प्रविशेषण
(iii) पहला बहुत-परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण, दूसरा बहुत-गुणवाचक विशेषण
(iv) पहला बहुत-सार्वनामिक विशेषण, दूसरा बहुत-कालवाचक क्रिया-विशेषण
उत्तर :
(iii) पहला बहुत-परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण, दूसरा बहुत-गुणवाचक विशेषण
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए (1 × 4 = 4)
(क) “अपनी एक टाँग पर खड़ा है यह शहर
अपनी दूसरी टाँग बिल्कुल बेखबर।”
इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iii) मानवीकरण प्रस्तुत पंक्ति में शहर को मनुष्य के रूप में बताया गया है, जो अपनी एक टाँग पर खड़ा है। अतः यहाँ मानवीकरण अलकार है।
(ख) मेरी भव बाधा हरो राधा नागरि सोय।
जा तन की झँई परे श्याम हरित दुति होय।।
इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(i) श्लेष प्रस्तुत पंक्ति में कवि द्वारा हरित शब्द का प्रयोग दो अर्थ प्रकट करने के लिए किया गया है यहाँ हरित शब्द के अर्थ हैं-हर्षित (पसन्न होना) व हरे रंग का होना। अतः यहां श्लेष अलंकार है।
(ग) “सुबरन को दूँढत फिरत, कवि, व्यभिचारी चोर।” इस काव्य-पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(i) श्लेष में ‘सुबरन’ का प्रयोग किया गया है, जिसे कवि, व्यभिचारी एवं चोर तीनों ही खोज रहे हैं। यहाँ सुबरन के तीन अर्थ हैं- कवि अच्छे वर्ण को, व्यभियारी अच्छे रूप-रंग को तथा चोर स्वर्ण को बूँढ रहा है। अतः यहाँ श्लेष अलंकार है।
(घ) “दलन के दरानन ते कमठ करारे फूटे, करो के से पात बिहरानेफन सेष के।” इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्र्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iv) अतिशयोक्ति शिवाजी की सेना के चलने से कच्छपावतार की पीठ का तड़क जाना और शेषनाग के फनों का केले के पत्तों के समान फट जाना, दिखाया गया है। यहाँ वर्णन बहुत बढ़ा-चढ़ाकर किया गया है। अतः यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार है।
(ङ) गुलाब खिलकर बोला मैं आग का गोला नहीं प्रीत की कविता हूँ। इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iii) मानवीकरण गुलाब जैसे निर्जीव में भी बोलने का गुण विद्यमान है। अतः निर्जीव में मानवीय क्रियाओं के आरोप के कारण यहाँ मानवीकरण अन्नंकार है।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
बालगोबिन भगत की संगीत-साधना का चरम उत्कर्ष उस दिन देखा गया, जिस दिन उनका बेटा मरा। इकलौता बेटा था वह! कुछ सुस्त और बोदा-सा था, कितु इसी कारण बालगोबिन भगत उसे और भी मानते। उनकी समझ में ऐसे आदमियों पर ही ज़्यादा नज़र रखनी चाहिए या प्यार करना चाहिए, क्योंकि ये निगरानी और मोहब्बत के ज़्यादा हकदार होते हैं। बड़ी साध से उसकी शादी कराई थी, पतोहू बड़ी ही सुभग और सुशील मिली थी। घर की पूरी प्रबंधिका बनकर भगत को बहुत कुछ दुनियादारी से निवृत्त कर दिया था उसने। उनका बेटा बीमार है, इसकी खबर रखने की लोगों को कहाँ फ़ुरसत! किंतु मौत तो अपनी ओर सबका ध्यान खींचकर ही रहती है।
बेटे के क्रियाकर्म में तूल नहीं किया। पतोहू से ही आग दिलाई उसकी। किंतु ज्यों ही श्राद्ध की अवधि पूरी हो गई, पतोहू के भाई को बुलाकर उसके साथ कर दिया, यह आदेश देते हुए कि इसकी दूसरी शादी कर देना। इधर पतोहू रो-रोकर कहती-मैं चली जाऊँगी तो बुढ़ापे में कौन आपके लिए भोजन बनाएगा, बीमार पड़े, तो कौन एक चुल्लू पानी भी देगा? मैं पैर पड़ती हुँ, मुझे अपने चरणों से अलग गहीं कीजिए।
(क) गद्यांश के आधार पर बताइए कि बालगोबिन भगत की पतोहू कुशल प्रबंधिका किस प्रकार थी?
(i) वह सभी कार्यों में निपुण थी
(ii) उसने भगत को दुनियादारी से काफी हद तक निवृत्त कर दिया था
(iii) (i) और (ii) दोनों
(iv) सुस्त व आलसी प्रवृत्ति के कारण
उत्तर :
(iii) (i) और (ii) दोनों बालगोबिन भगत की पतोहू बड़ी ही भाग्यवान, सुशील तथा कुशल प्रबंधिका थी। वह सभी कार्यों में निपुण थी। उसने भगत को दुनियादारी से काफी हद तक निवृत्त कर दिया था। उसे हमेशा बालगोबिन भगत की चिंता रहती थी।
(ख) बालगोबिन भगत अपने बेटे से अधिक प्यार क्यों करते थे?
(i) क्योंकि उनका बेटा सुस्त और कम बुद्धि वाला था
(ii) बेटा बहुत चालाक था
(iii) बेटा बहुत अहंकारी था
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) क्योंकि उनका बेटा सुस्त और कम बुद्धि वाला था बालगोबिन भगत का बेटा सुस्त तथा कम बुद्धि वाला था। उनके अनुसार, ऐसे व्यक्तियों को ज्यादा प्यार करना चाहिए, क्योंकि ये निगरानी और मोहब्बत के ज्यादा हकदार होते हैं, इसलिए वे अपने बेटे से बहुत प्यार करते थे।
(ग) बालगोबिन भगत की संगीत-साधना का उत्कर्ष किस दिन देखा गया?
(i) जिस दिन उनके पुत्र की मृत्यु हो गई थी
(ii) जिस दिन उनका पुत्र बीमार था
(iii) जिस दिन पतोहू का विवाह था
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) जिस दिन उनके पुत्र की मृत्यु हो गई थी बालगोबिन भगत की संगीत-साधना का उत्कर्ष उस दिन देखा गया था, जिस दिन उनके पुत्र की मृत्यु हो गई थी।
(घ) गय्यांश के आधार पर बताइए कि श्राद्ध की अवधि पूरी होने पर बालगोबिन भगत ने पतोहू के साथ कैसा व्यवहार किया?
(i) घर से जाने को कहा
(ii) दूसरा विवाह करने का आदेश दिया
(iii) अपनी सेवा करने को कहा
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) दूसरा विवाह कराने का आदेश दिया श्राद्ध की अवधि पूरी होने पर बालगोबिन भगत ने अपनी पतोहू का दूसरा विवाह करने का आदेश दिया।
(ङ) बालगोबिन भगत की पतोहू ने भाई के साथ उनके घर से न जाने के लिए क्या प्रार्थना की थी?
(i) उनके साथ रहकर उनकी सेवा करने की
(ii) वहाँ से चले जाने की
(iii) दूसरा विवाह कराने की
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) उनके साथ रहकर उनकी सेवा करने की बालगोबिन भगत की पतोहू ने भाई के साथ उनके घर से न जाकर उनके साथ रहकर उनकी सेवा करने की प्रार्थना की थी।
प्रश्न 8.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए
(क) ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के आधार पर बताइए कि कैप्टन को नेताजी की मूर्ति में कौन-सी बात खटकती थी? (1 × 2 = 2)
(i) मूर्ति के चेहरे पर चश्मा नहीं था
(ii) मूर्ति पर टोपी नहीं थी
(iii) मूर्ति पर कपड़े नहीं थे
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) मूर्ति के चेहरे पर चश्मा नहीं था कैप्टन को नेताजी की मूर्ति में यह बात खटकती थी कि मूर्ति के चेहरे पर चश्मा नहीं था। कैप्टन ने इस गलती को सुधारने के लिए अपने पास रखे हुए बहुत-से चश्मों के फ्रेम में से एक फ्रेम को नेताजी की मूर्ति के चेहरे पर लगा दिया।
(ख) लेखक ने नवाब साहब के बारे में क्या कल्पना की?
(i) अकेले यात्रा करने के लिए सेकंड क्लास का टिकट खरीदा होगा
(ii) वे नहीं चाहते होंगे कि कोई अन्य उनके डिल्ये में चढ़े
(iii) किसी दूसरे के सामने खीरे कैसे खाएँ
(iv) उपरोक्त सभी
उत्तर :
(iv) उपरोक्त सभी लेखक ने नवाब साहब के बारे में कल्पना की कि उन्होंने अकेले यात्रा करने के लिए सेकंड क्लास का टिकट खरीदा होगा, वे नहीं चाहते होंगे कि कोई अन्य उनके डिब्बे में चढ़े तथा वे किसी दूसरे के सामने खीरे खाएँ।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
कहेउ लखन मुनि सीलु तुम्हारा। को नहि जान बिदित संसारा।
माता पितहि उरिन भये नीकें। गुररिनु रहा सोचु बड़ जी कें।।
सो जनु हमरेहि माथे काढ़ा। दिन चलि गए ब्याज बड़ बाढ़ा।।
अब आनिअ ब्यवहरिआ बोली। तुरत देउँ मैं थैली खोली।।
सुनि कटु बचन कुठार सुधारा। हाय हाय सब सभा पुकारा।
भृगुबर परसु देखाबहु मोही। बिप्र बिचारि बचौं नृपद्रोही।।
मिले न कबहूँ सुभट रन गाढ़े। द्विजदेवता घरहि के बाढ़े।।
अनुचित कहि सबु लोगु पुकारे। रघुपति सयनहि लखनु नेवारे।।
दोहा
लखन उतर आहुति सरिस भृगुबरकोपु कृसानु।
बढ़त देखि जल सम बचन बोले रघुकुलभानु।
(क) “कहेउ लखन मुनि सीलु तुम्हारा” इस पंक्ति में ‘तुम्हारा’ शब्द किसके लिए प्रयोग किया गया है?
(i) सभा के लिए
(ii) परशुराम के लिए
(iii) विश्वामित्र के लिए
(iv) लक्ष्मण के लिए
उत्तर :
(ii) परशुराम के लिए मस्तुत पंक्ति में ‘तुम्हारा’ शब्द परशुराम के लिए प्रयोग किया गया है।
(ख) लक्ष्मण के किन शब्दों से परशुराम पुनः क्रोधित हो गए?
(i) हे नृपद्रोही! मैं ब्राहण समझकर आपको बचा रहा हूँ
(ii) है ब्राहण देवता! लगता है रणधीर वीरों से आपका सामना कभी नहीं हुआ
(iii) (i) और (ii) दोनों
(iv) आप (परशुराम) ज्ञानी-महाज्ञानी हैं
उत्तर :
(iii) (i) और (i i) दोनों लक्ष्मण ने पुनः परशुराम के क्रोध को भड़काते हुए कहा कि हे नृपद्रोही! मैं ब्राह्मण समझकर आपको बचा रहा हुँ। हे ब्राहाण देवता! आप घर में ही बड़े हैं, लगता है रणधीर वीरों से आपका सामना कभी नहीं हुआ है। लक्ष्मण के ये कठोर वचन सुनकर परशुराम पुनः क्रोधित हो उठे।
(ग) काव्यांश के आधार पर बताइए कि सभी में हाय-हाय की पुकार क्यों मची?
(i) लक्ष्मण वध की संभावना से
(ii) परशुराम वध की संभावना से
(iii) सभा में युद्ध की संभावना से
(iv) ये सभी
उत्तर :
(i) लक्ष्मण वध की संभावना से जब परशुराम ने लक्ष्मण के कठोर वचन सुनकर उन्हें मारने के लिए अपना फरसा सैंभाला तो लक्ष्मण वध की संभावना से सभा में हाय-हाय की पुकार मच गई।
(घ) काव्यांश के आधार पर बताइए कि सभा में उपस्थित लोग ‘यह अनुचित है कहकर क्यों पुकारने लगे?
(i) परशुराम के लक्ष्मण के प्रति कडु वचन सुनकर
(ii) लक्ष्मण के परशुराम के प्रति कटु वचन सुनकर
(iii) विश्वामित्र के कटु बचन सुनकर
(iv) श्रीराम के परशुराम के प्रति कटु वचन सुनकर
उत्तर :
(ii) लक्ष्मण के परशुराम के प्रति कटु वचन सुनकर जब लक्ष्मण ने कहा कि हे भृगुश्रेष्ठ! आप मुझे फरसा दिखा रहे हैं, पर हे राजाओं के शन्तु! मैं ब्राहमण समझकर आपको बचा रहा हूँ। मुझे लगता है कि आपको कभी रणधीर, बलवान वीर नहीं मिले। हे ब्राह्मण देवता! आप घर में ही बड़े है। तब लक्ष्मण के ऐसे कटु वचन सुनकर सभा में उपस्थित सभी लोग ‘यह अनुचित है, यह अनुचित है’ कहकर पुकारने लगे।
(ङ) ‘लखन उत्तर आहुति सरिस भृगुबरकोपु कृसानु’ पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
(i) लक्ष्मण के उत्तर परशुराम की क्रोधाग्नि में आहुति के समान कार्य कर रहे थे
(ii) श्रीराम के उत्तर परशुराम की क्रोधार्नि में आहुति के समान कार्य कर रहे थे
(iii) परशुराम के वचन लक्ष्मण को क्रोधाग्नि में आहुति के समान लग रहे थे
(iv) विश्वामित्र के प्रश्न परशुराम की क्रोधाग्नि में आहुति के समान लग रहे थे
उत्तर :
(i) लक्ष्मण के उत्तर परशुराम की क्रोधाग्नि में आहुति के समान कार्य कर रहे थे ‘लखन उत्तर आहुति सरिस भृगुबरकोपु कृस्सुनु’ पंक्ति का भाव यह है कि लक्ष्मण के उत्तर परशुराम की क्रोधाग्नि में आहुति के समान कार्य कर रहे थे। इस क्रोधाग्नि को बढ़ते देख रघुर्वशी सूर्य राम-लक्ष्मण के वथनों के विपरीत जल के समान शांत करने वाले वचनों का प्रयोग करते हुए परशुराम जी से लक्ष्मण को क्षमा करने की विनती करने लगे।
प्रश्न 10.
पाठ्यपुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(क) सूरदास के ‘पद’ के आधार पर बताइए कि गोपियों ने उद्धव को दुर्भाग्यशाली क्यों कहा?
(i) वे श्रीकृष्ण के साथ रहते हुए भी उनसे प्रेम न कर सके
(ii) वे श्रीकृष्ण का कृपापात्र नहीं बन सके
(iii) वे श्रीकृष्ण को योग नहीं सिखा सके
(iv) वे श्रीकृष्ण को लेकर ब्रज नहीं आ सके
उत्तर :
(i) वे श्रीकृष्ण के साथ रहते हुए भी उनसे प्रेम न कर सके गोपियाँ उद्धव पर व्यंग्य कसते हुए कहती हैं कि तुम तो बहुत दुर्भाग्यशाली हो, जो श्रीकृष्ण के साथ रहते हुए भी अभी तक उनसे प्रेम न कर सके।
(ख) कवि बादलों से क्या करने के लिए कह रहा है?
(i) संपूर्ण आकाश को घेरकर बरसने के लिए
(ii) घिर-घिरकर आने के लिए
(iii) आकाश से चले जाने के लिए
(iv) आकाश में उड़ने के लिए
उत्तर :
(i) संपूर्ण आकाश को घेरकर बरसने के लिए कवि बादलों से संपूर्ण आकाश को घेरकर बरसने के लिए कह रहा है। वह कहता है कि तुम लोगों के मन को सुख से भर देने वाले हो। अतः तुम खूब गरजो व बरसो।
खंड ‘ब’
(वर्णनात्मक प्रश्न)
खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
प्रश्न 11.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) ‘नेताओी का चश्मा’ पाठ के आधार पर बताइए कि मूर्ति लगाने के कार्य को सफल और सराहनीय प्रयास क्यों कहा गया है?
उत्तर :
सीमित समय एवं सीमित बजट के बावजूद नेताजी की मूर्ति को स्थापित किया गया। इससे पता चलता है कि समाज में अभी भी नेताजी जैसे देशभक्तों के प्रति लोगों के मन में सम्मान एवं श्रद्धा की भावना जीवित है। इसी कारण नेताजी की मूर्ति लगाने का कार्य एक सफल एवं सराहनीय कार्य था। इससे आगे आने वाली पीढ़ियों भी देशभक्ति की भावना के साथ जुड़ी रहेंगी।
(ख) ‘बालगोबिन भगत’ पाठ के आधार पर बताइए कि बालगोबिन भगत ने आखिरी दलील क्या दी व क्यों?
उत्तर :
जब बालगोबिन भगत के इकलौते बेटे की मृत्यु हो गई तो उन्होंने श्रद्ध की अवधि पूरी हो जाने के बाद पतोहू के भाई को बुलाकर उसे, उसका (पतोहू) दूसरा विवाह कर देने का आदेश दिया। जब पतोहू उन्हें छोड़कर जाने के लिए तैयार नहीं हुई, तो उनकी आखिरी दलील यह थी कि तू जा, नहीं तो में ही इस घर को छोड़कर चल दूँगा। भगत ने यह दलील इसलिए दी, क्योंकि उनकी पतोहू की आयु अभी बहुत कम थी। इसलिए वे उसका पुनर्विवाह करवाना चाहते थे।
(ग) ‘लखनवी अंदाज’ पाठ के आधार पर बताइए कि लेखक ने मुँह में पानी आने पर भी खीरा खाने से इनकार क्यों किया?
उत्तर :
लेखक को अचानक से नवाब साहब का बदला हुआ व्यवहार अच्छा नहीं लगा। उन्होंने डिब्ये में चढ़ते समय लेखक के प्रति अरुचि प्रदर्शित। की थी। इसलिए लेखक ने खीरा खाने से इनकार कर दिया। नवाब साहब ने एक बार फिर लेखक से खीरा खाने के लिए कहा, परंतु लेख क ने अपना आत्मसम्मान बनाए रखने के लिए एक बार फिर मना कर दिया।
(घ) लेखक ने सभ्यता और संस्कृति को समझाने के लिए कौन-से उदाहरण दिए?
उत्तर :
लेखक ने सभ्यता और संस्कृति को समझाने के लिए अग्नि के आविष्कार का और सुई-थागे का उदाहरण दिया। जिस योग्यता, प्रवृत्ति अथवा प्रेरणा के बल पर आग व सुई-धागे का आविष्कार हुआ, वह व्यक्ति विशेष की संस्कृति है, जबकि उस संस्कृति द्वारा जो आविष्कार हुआ, उसे सभ्यता कहा जाता है।
प्रश्न 12.
पद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि ‘गाधिसूनु’ किसे कहा गया है तथा वे मुनि की किस बात पर मन-ही-मन मुस्कुरा रहे थे?
उत्तर :
‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ में त्रूषि विश्वामित्र को ‘गाधिसूनु’ अर्थात् गाधि के पुत्र कहकर संबोधित किया गया है। जब परशुराम ने विश्वामित्र से यह कहा कि मैं केवल आपके कारण ही लक्ष्मण का वध नहीं कर रहा हूँ, तो विश्वामित्र मन-ही-मन हँसने लगे, क्योंकि उनके अनुसार परशुराम श्रीराम और लक्ष्मण को साधारण क्षत्रिय ही समझ रहे थे, जबकि ये दोनों बालक लोहे की बनी हुई तलवारें हैं, गन्ने की नहीं, जो मुंह में लेते ही गल जाएँगी।
(ख) ‘उत्साह और अट नहीं रही है’ कविताओं के आधार पर निराला के प्रकृति चित्रण को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘उत्साह’ कविता में निराला एक जोशीले, गर्वीले एवं उत्ताही कवि के रूप में बादलों की तरह चारों ओर घूम-घूमकर लोगों के दु:खों एवं कष्टों को समाप्त करने के लिए बादलों से आह्ञान करते हैं। ‘अट नहीं रही है’ कविता में उन्होंने प्रकृति के मानवीकरण में अपनी सिद्धता साबित की है। इन दोनों कविताओं में प्रकृति की कोमलता, सुंदरता एवं मनोरम शोभा का अत्यंत सजीव चित्रण किया गया है।
(ग) ‘यह दंतुरित मुस्कान’ पाठ के आधार पर कवि ने बच्चे की मुस्कान को किस प्रकार व्यक्त किया है?
उत्तर :
कवि को बच्चे के नए-नए निकले दांतों की मनमोहक मुस्कान में जीवन का संदेश दिखाई देता है। यह दाँतों की मनमोहक मुस्कान मरे हुए व्यक्ति में भी प्राणों का संचार कर देती है। इस मुस्कान को देखकर जिंदगी से निराश और उदासीन लोगों के हृय भी प्रसन्नता से खिल उठते हैं।
(घ) ‘संगतकार’ पाठ के आधार पर लड़खड़ाते व्यक्ति को सहयोगी किस प्रकार सँभालते हैं?
उत्तर :
कई बार सफलता के चरम शिखर पर पहुँचकर व्यक्ति लड़खड़ाता है। यदि उसे कोई सहारा देने वाला मिल जाए तो वह सँभल जाता है। उसे सच्चा सहयोगी कहते हैं। वह विपरीत परिस्थितियों में साथी को ढॉढस बँधाता है, उसे अपनी क्षमता से अवगत कराता है एवं उसे निरंतर प्रोत्साहित करता रहता है।
प्रश्न 13.
पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधार निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए। (4 × 2 = 8)
(क) बच्चे बहुत-से खेल खेलते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पहले बच्चे एकसाथ बहुत-से खेल खेला करते थे। ‘माता का अँचल’ पाठ के आधार पर बच्चों द्वारा बरात निकालने के खेल को अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
बच्चे कनस्तर का तंबूरा बजाकर, शहनाई बजाकर व टूटी चूहेदानी की पालकी बनाकर बरात निकालते हैं। बच्चे स्वयं दुल्हा बनकर बकरे पर चढ़कर चबूतरे के एक कोने से दूसरे कोने तक जाते हैं। औँगन तक जाकर बारात फिर लौट आती थी। लौटते समय खटोली पर लाल कपड़ा डालकर उसमें दुल्हन को चढ़ा लिया जाता था। लौटते समय बाबू जी भी इस कार्यक्रम में शामिल होते थे, वह जैसे ही लाल कपड़ा एठाकर दुल्हन का मुख निहारने लगते, तब सभी बच्चे हैंसकर भाग जाते थे। बाबू जी का इस प्रकार छोटों के प्रति प्रेम उनके असीम वात्सल्य को दर्शाता है। वह भोले-भाले व स्नेही व्यक्ति थे, तभी वह बच्चों के नाटक में सम्मिलित हो जाते थे तो कभी प्रसन्न होकर बच्चों के खेल देखा करते थे।
(ख) ‘आज की पीढ़ी स्वार्थपरक हो गई है। वह प्रकृति के साथ अनेक प्रकार से खिलवाड़ कर रही है।’ ‘साना-साना हाथ जोड़’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
आज की पीढ़ी स्वार्थपरक हो गई है। वह प्रकृति के साथ अनेक प्रकार से खिलवाड़ कर रही है। मनुष्य अपने लाभ के लिए वृक्षों की अंधाधुंध कटाई कर रहा है, जिससे वन समाप्त हो रहे है। वनों की समाप्ति के कारण जीक-जंतु भी समाप्त हो रहे हैं। कुछ पशु-पक्षियों की प्रजातियाँ तो विलुप्त भी हो चुकी हैं। मनुष्य द्वारा नदियों के जल को दूषित एवं उसका गलत प्रयोग किए जाने से कई स्थानों पर पानी की कमी तथा जल जीवों की संख्या में ह्नास हो रहा है। दिनों-दिन पेयजल संकट भी गहराता जा रहा है।
मनुष्य पहाड़ों को पर्यटन स्थल बनाकर वहाँ पर प्रदूषण फैला रहा है, जिससे बर्फ़ का गिरना कम होता जा रहा है। स्थान-स्थान पर पहाड़ों के जल (झरनो) को एकत्रित करके पर्यटन स्थल बना दिए गए हैं। इन सभी कारणों से प्रदूषण में वृद्धि हुई है। इसे रोकने के लिए कुछ उपाय करने आवश्यक हैं; जैसे-प्रत्येक व्यक्ति पेड़ लगाए और बच्चे की तरह उसकी देखभाल करे। प्रकृति की रक्षा हेतु आवश्यक है कि हम नदियों में कूड़ा-करकट न डालें। अधिक पर्यटक स्थल न बनाएँ। सतत विकास की अवधारणा का अनुपालन करते हुए प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करें।
(ग) ‘कुछ लेखक इतने आलसी होते हैं कि बिना बाहरी दबाव के लिख नहीं पाते।’ ‘मैं क्यों लिखता हूँ’ पाठ के आधार पर बताइए कि एक लेखक के लिए स्वभाव और आत्मानुशासन का क्या महत्त्व है?
उत्तर :
लेखन में कृतिकार के स्वभाव और आत्मानुशासन का बहुत महत्त्व है। कुछ लेखक इतने आलसी होते हैं कि बिना बाहरी दबाव के लिख ही नहीं पाते हैं। यह दबाव भीतरी विवशता को प्रदर्शित करने के लिए होता है। इसका उदाहरण देते हुए लेखक कहता है कि जैसे प्रातःकाल नींद खुल जाने पर भी कोई बिछाने पर तब तक पड़ा रहता है, जब तक घड़ी का अलार्म न बज जाए। ऐसे में बाहरी दबाव लेखक के लिए सहायक यंत्र के रूप में कार्य करते हैं। अतः लेखक के अनुसार इस प्रकार के बाहरी दबाव अथवा सहारे की कोई आवश्यकता नहीं है।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में सारगर्भित अनुच्छेद लिखिए (6)
(क) विद्यार्थी जीवन में समय का महत्त्व
संकेत बिंदु
- भूमिका
- विद्यार्थी एवं समय नियोजन
- समय का महत्त्व
- समय का सदुपयोग
उत्तर :
विद्यार्थी जीवन में समय का महत्त्व
समय का हमारे जीवन में महत्वपपूर्ण स्थान है। खोया हुआ धन पुन: अर्जित किया जा सकता है, खोया वैभव पुनः प्राप्त किया जा सकता है, किंतु समय को एक बार खोने के बाद पुन: प्राप्त नहीं किया जा सकता। समय निरंतर गतिशील रहता है। समय का सदुपयोग कर जीवन को नई दिशा दी जा सकती है, जबकि दुरुपयोग कर सब कुछ नष्ट किया जा सकता है। विद्यार्थी जीवन में तो समय का महत्त्व और भी बढ़ जाता है। समय निरंतर बीतता रहता है, कभी किसी के लिए नहीं ठहरता। जो व्यक्ति समय के मोल को पहचानता है, वह अपने जीवन में सफलता प्राप्त करता है। समय बीत जाने पर किए गए कार्य का कोई फल प्राप्त नहीं होता और पश्चाताप के अतिरिक्त कुछ हाथ नहीं आता। जो विद्यार्थी सुबह समय पर उठता है, अपने दैनिक कार्य समय पर करता है तथा समय पर सोता है, वही आगे चलकर सफल व उन्नत व्यक्ति बन पाता है। जो व्यक्ति आलस में आकर समय गँवा देता है, उसका भविष्य अंधकारमय हो जाता है। संत कवि कबीरदास जी ने भी अपने दोहे में कहा है
काल करै सो आज कर, आज करै जो अब।
पल में परलै होएगी. बहुरी करेगा कब।।
यदि विद्यार्थी जीवन में समय का सही उपयोग किया जाए तो जीवन में सफलता अवश्य प्राप्त होती है। इसके विपरीत जो विद्यार्थी ‘कर लेंगे या पढ़ लेंगे ‘ का दृष्टिकोण रखते हैं, वे असफलता का मुँह देखते हैं। विद्यार्थियों को अपना प्रत्येक कार्य निर्धारित समय पर या उसके पूर्व ही समाप्त कर लेना चाहिए, जिससे बचे हुए समय में दूसरे कामों को करने की रूपरेखा बनाई जा सके विद्यार्थियों को अपने खाने-पीने, खेलने-कूदने, सोने-जागने और पढ़ने के लिए एक तालिका का निर्माण करना चाहिए। समय का एक-एक पल बहुत मूल्यवान है और बीता हुआ पल वापस लौटकर नहीं आता। इसलिए समय का महत्त्व पहचानकर प्रत्येक विद्यार्थी को नियमित रूप से अध्ययन करना चाहिए और अपने लक्ष्य की प्राप्ति करनी चाहिए।
(ख) विज्ञापन की अद्भुत खोज : मोबाइल फोन
संकेत बिंदु
- भूमिका
- सस्ता एवं सुलभ साधन
- संचार क्षेत्र में क्रांति
- लाभ और हानियाँ
उत्तर :
विज्ञान की अद्युत खोज : मोबाइल फोन
विज्ञान ने मानव जीवन को विविध रूपा में प्रभावित किया है। शायद ही आज कोई ऐसा क्षेत्र हो, जहाँ विज्ञान ने हस्तक्षेप न किया हो। समय-समय पर हुए आविष्कारों ने मानव जीवन को बदलकर रख दिया है। विज्ञान की इन्हीं अद्भुत खोजों में एक है-मोबाइल फोन। मोबाइल फोन से मनुष्य इतना प्रभावित हुआ है कि अब किशोर ही नहीं, अपितु हर आयु वर्ग के लोग इसका प्रयोग करते देखे जा सकते हैं। वास्तव में, मोबाइल फोन इतना उपयोगी और सुविधापूर्ण साधन है कि हर व्यक्ति इसे अपने पास रखना चाहता है और इसका विभिन्न रूपों में प्रयोग भी कर रहा है। संचार की दुनिया में फोन का आविष्कार एक क्रांति थी।
तारों के माध्यम से जुड़े फोन पर अपने प्रियजनों से बातें करना एक रोमांचक अनुभव था। शुरू में फोन महंगे तथा एक ही स्थान पर रखे जाने वाले थे। हमें बाते करने के लिए इनके पास जाना पड़ता था, परंतु मोबाइल फोन जेब में रखकर कहीं भी लाया और ले जाया जा सकता है। अब यह सर्वसुलभ भी बन गया है। वास्तव में, मोबाइल फोन का आविष्कार संचार के क्षेत्र में क्राति से कम नहीं है। आज मोबाइल फोन पर बाते करने के अतिरिक्त फोटो खींचना, गणनाएँ करना, फाइलें सुरक्षित रखना आदि बहुत-से काम किए जा रहे हैं। कुछ लोग इसका दुरुपयोग करने से भी नहीं चूकले हैं। असमय फोन करके दूसरों को परेशान करना, अवांछित फोटो खींचना आदि कार्य करके इसका दुरुपयोग करते हैं। अतः इसका आवश्यकतानुसार ही प्रयोग करना चाहिए।
(ग) जल संरक्षण : आज की आवश्यकता
संकेत बिंदु
- भूमिका
- जल संरक्षण कितना जरूरी?
- जल प्रदूषण के कारण
- जल संरक्षण के उपाय
उत्तर :
जल संरक्षण : आज की आवश्यकता
पृथ्वी पर प्राणियों के जीवन के लिए हवा के बाद सबसे आवश्यक वस्तु है-जला यद्यपि भोजन भी आवश्यक है, परंतु इस भोजन को तरल रूप में लाने और सुपाच्य बनाने के लिए जल की आवश्यकता होती है। मानव शरीर में लगभग 70 \% जल होता है। कहा भी गया है-पृथ्वी, जल, पावक, गगन, समीर पंचतत्त्व से बना शरीर। वनस्पतियों में तो 80 \% से ज्यादा जल पाया जाता है। इस जल के बिना जीवन की कल्पना करना कठिन है। पृथ्वी पर तीन-चौथाई भाग जल ही है, परंतु इसमें पीने योग्य जल की मात्रा बहुत कम है। पीने योग्य जल कुआं, तालाबों, नदियों और झीलों में पाया जाता है, जो मनुष्य की स्वार्थपूर्ण गतिविधियों के कारण दूषित होता जा रहा है। मनुष्य नदी, तालाबों में स्वयं नहाता है और जानवरों को नहलाता है। इतना ही नहीं वह फैक्ट्रियों और नालियों का दूषित पानी इसमें मिलाता है, जिससे जल प्रदूषित होता है। पेयजल की मात्रा में आती कमी और गिरते भू-जल स्तर के कारण जल संरक्षण अत्यावश्यक हो गया है। पृथ्वी पर जीवन बनाए और बचाए रखने के लिए जल बचाना अति आवश्यक है। जल संरक्षण का पहला उपाय है-उपलब्ध जल का दुरुपयोग न किया जाए और हर स्तर पर होने वाले दुरुपयोग को रोका जाए। टपकते नलों की मरम्मत की जाए। इसे बचाने का दूसरा उपाय है-वर्षा जल का संरक्षण करना और इसे व्यर्थ बहने से बथाना। ऐसा करके हम आने वाली पीढ़ी को जल का उपहार स्वतः दे जाएँगे।
प्रश्न 15.
आप मुकेश चौधरी हैं। अपने नगर में बिजली कटौती से उत्पन्न समस्याओं का उल्लेख करते हुए किसी लोकप्रिय दैनिक भास्कर समाचार-पत्र के संपादक को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए। (5)
अथवा
आप चिराग शर्मा हैं। अपने मित्र को महानगरीय जीवन की सुखद और दुःखद स्थिति का वर्णन करते हुए लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
उत्तर :
परीक्षा भवन,
कुंज बिहार कॉलोनी, जयपुर।
दिनांक 8 अक्टूबर, 20XX
सेवा में,
संपादक महोदय
दैनिक भास्कर,
जयपुर।
विषय बिजली कटौती से उत्पन्न समस्याओं के संबंध में।
महोदय,
में आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से नगर में बिजली की कटौती से उत्पन्न समस्याओं की ओर सरकार और विद्युत विभाग के अधिकारियों का ध्यान आकर्षित कराना चाहता हूँ। भीषण गर्मी के मौसम में बिजली की निरंतर हो रही कटौती से जनता अन्यंत त्रस्त है। बिजली जाते ही सारा जन-जीवन अस्त-व्यस्त सा हो जाता है। शिक्षा, व्यवसाय, पारिवारिक जीवन, बैंक तथा सरकारी कार्यालय बिजली के बिना पंगु से हो जाते हैं। बिजली कटौती का कोई निश्चित समय नहीं है। मेरा विद्युत प्रशासन से अनुरोध है कि बिजली कटौती यदि करना आवश्यक भी हो तो उसका समय निश्चित अवश्य किया जाना चाहिए। इसकी जानकारी पूर्व में समाधार-पत्रों आदि के माध्यम से उपभोक्ताओं को दी जानी चाहिए।
धन्यवाद।
भवदीय
मुकेश चौधरी
अथवा
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 19 अप्रैल, 20XX
विषय महानगरीय जीवन की सुखद और दुःखद स्थिति के विवरण हेतु।
प्रिय मित्र
नमस्कार।
बहुत दिनों से तुम्हारा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ। मैं काफ़ी दिनों से सोच रहा था कि तुम्हें पत्र लिखूँं, परंतु इतनी भागदौड भरी जिदंगी में में इसके लिए समय नहीं निकाल पा रहा था।
तुम्हें तो पता ही है कि दिल्ली भारत की राजधानी है। इसका अपना बहुत पुराना इतिहास है। यह शहर अनेक बार उजड़ा और अनेक बार बसा है। यहाँ भिन्नभिन्न संस्कृतियों के लोग आए और गए। यहाँ की चौड़ी सड़के, ऊँची-ऊँची इमारतें, ऐतिहासिक स्थल आदि मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करते हैं। यहीं सभी प्रकार की सुविधाएँ और जीवन को बेहतर ढंग से जीने के लिए सभी संसाधन मौजूद हैं, परंतु साथ ही इसका दु:खद पहलू भी है। महानगर होने के कारण यहों घंटों जाम रहता है, जिससे समय का अत्यधिक अपव्यय होता है।
यहाँ आवास की भी बड़ी विकट समस्या है एवं पारस्परिक सद्भाव का अत्यधिक अभाव है। जीवन बहुत अधिक यांत्रिक है और निर्धन लोगों का जीवन बहुत दूभर है। आशा करता हूँ कि तुम्हें दिल्ली जैसे महानगरीय जीवन के सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों पक्षों का परिचय मिल गया होगा। शेष सब कुशल है। छोटों को प्यार एवं बड़ों को प्रणाम कहना।
तुम्हारा मित्र
चिराग शर्मा
प्रश्न 16.
आप प्रवीण कुमार हैं। दिल्ली एयरफोर्स में पायलट की आवश्यकता है। टाइम्स ऑफ इंडिया में इस पद हेतु विज्ञापन प्रकाशित किया गया है। आप इस पद के लिए आवेदन करना चाहते हैं। इसके लिए आप अपना एक संक्षिप्त स्ववृत्त (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए। (5)
अथवा
आप जीवन गर्ग हैं। आपके लिए क. ख. ग. पोस्ट ऑफिस में मनीऑर्डर आया था, जो आपको अभी तक प्राप्त नहीं हुआ। अतः पोस्ट ऑफिस अधीक्षक को शिकायत करते हुए लगभग 80 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए।
उत्तर :
स्ववृत्त –
नाम : प्रवीण कुमार
‘पिता का नाम : श्री नरेश कुमार
माता का नाम : श्रीमती चंचला देवी
जन्म तिथि : 9 जनवरी, 19XX
वर्तमान पता : 65, कुंज विहार, दिल्ली
स्थायी पता : उपर्युक्त
दूरभाष नंबर : 0141-528XXXXX
मोबाइल नंबर : 982825XXXXX
ई-मेल : [email protected]
शैक्षणिक योग्यताएँ
अन्य संबंधित योग्यताऐँ
- हिंदी, अंग्रेजी, जर्मनी भाषा की जानकारी
- द्रव गतिविज्ञान में 6 माह का डिप्लोमा
उपलध्धियाँ
- कुल उड़ान समय : 3490 घंटे
- बहु इंजन भूमि : 2110 घंटे
कार्येत्तर गतिविधियाँ तथा अभिरुचियाँ
- उड़ान संधालन अनैलिसिस विमान जाँच व्यूरो
तिथि 8.11.20xX
स्थान दिल्ली
हस्ताक्षर
प्रवीण कुमार
अथवा
प्रश्न 17.
आप ‘रोशनी’ मोमबत्ती बनाने वाली कंपनी में कार्यरत हैं। अतः ‘रोशनी’ मोमबत्ती बनाने वाली कंपनी के प्रचार-प्रसार के लिए स्थानीय समाचार-पत्र में उसका विज्ञापन देना चाहते हैं। आप इसके लिए लगभग 40 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।
अथवा
आप रोहित पारिक छात्र संघ के अध्यक्ष हैं। आपके विद्यालय में योग प्रशिक्षण शिविर का आयोजन होने जा रह. r है। इसके संबंध में छात्रों को सूचित करते हुए लगभग 40 शब्दों में एक संदेश लिखिए।
उत्तर :
अथवा
सूचित करने हेतु संदेश
दिनांक : 8 दिसंबर, 20XX
समय : 6:00 बजे प्रात:
सभी छात्रों को सूचित किया जाता है कि हमारे विद्यालय के. डी.एस. पब्लिक स्कूल, पटना द्वारा योग प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य योग के महत्त्व से अधिक-से-अधिक छात्रों को परिचित कराना है। साथ ही छात्रों को योग से होने वाले लाभों के प्रति भी जागरूक करना है। अतः सभी छात्रों से अनुरोध है कि इस शिविर का हिस्सा बन योग को अपने जीवन में अपनाएँ।
धन्यवाद
छात्र संघ अध्यक्ष
रोहित पारिक