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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 10 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड है-‘अ’ और ‘ब’। खंड ‘अ’ में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खंड ‘ब’ में बस्तुनिष्ठ/वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
- प्रश्न-पत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 हैं और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
- खंड ‘अ’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 44 हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य हैं।
- खंड ‘ब’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
खंड ‘अ’
(बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्न)
खंड ‘अ’ में अपठित गद्यांश-पद्यांश, व्यावहारिक व्याकरण व पाठ्य-पुस्तक से संबंधित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्न दिए गए हैं, जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
वर्तमान युग कंप्यूटर का युग है। यदि भारतवर्ष पर नज़र दौड़ाकर देखें तो हम पाएँगे कि जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों में कंप्यूटर का प्रवेश हो गया है। बैंक, रेलवे-स्टेशन, हवाई-अड्डे, डाकखाने, बड़े-बड़े उद्योग-कारखाने, व्यवसाय हिसाब-किताब तथा रुपये गिनने तक की मशीनें कंप्यूटरीकृत हो गई हैं। आज भी कंप्यूटर का प्रारंभिक प्रयोग है तथा आने वाला समय इसके विस्तृत फैलाव का संकेत दे रहा है। प्रश्न उठता है कि कंप्यूटर आज की ज़रूरत है? इसका उत्तर है-कंप्यूटर जीवन की मूलभूत अनिवार्य वस्तु तो नहीं है, कितु इसके बिना आज की दुनिया अधूरी जान पड़ती है।
सांसारिक गतिविधियों, परिवहन और संचार उपकरणों आदि का ऐसा विस्तार हो गया है कि उन्हें सुचारु रूप से चलाना अत्यंत कठिन होता जा रहा है। पहले मनुष्य जीवन-भर में यदि सौ लोगों के संपर्क में आता था, तो आज वह दो-हज़ार लोगों के संपर्क में आता है। पहले वह दिन में पाँच-दस लोगों से मिलता था, तो आज पचास-सौ लोगों से मिलता है। पहले वह दिन में काम करता था, तो आज रातें भी व्यस्त रहती हैं। आज व्यक्ति के संपर्क बढ़ रहे हैं, व्यापार बढ़ रहे हैं, गतिविधियाँ बढ़ रही हैं, आकांक्षाएँ बढ़ रही हैं तथा साधन बढ़ रहे हैं। इस अनियंत्रित गति को सुव्यवस्था देने की समस्या आज की प्रमुख समस्या है। कहते हैं आवश्यकता आविष्कार की जननी है। इस आवश्यकता ने अपने अनुसार निदान ढूँढ लिया है।
कंप्यूटर एक ऐसी स्वचालित प्रणाली है जो कैसी भी अव्यवस्था को व्यवस्था में बदल सकती है। हड़ड़ी में होने वाली मानवीय भूलों के लिए कंप्यूटर रामबाण औषधि है। क्रिकेट के मैदान में अंपायर की निर्णायक भूमिका हो या लाखों-करोड़ों की लंबी-लंबी गणनाएँ, कंप्यूटर पलक झपकते ही आपकी समस्या हल कर सकता है। पहले इन कामों को करने वाले कर्मचारी हड़बड़ाकर काम करते थे, एक भूल से घबराकर और अधिक गड़बड़ी करते थे। परिणामस्वरूप काम कम, तनाव अधिक होता था। अब कंप्यूटर की सहायता से काफी सुविधा हो गई है।
(क) ‘वर्तमान युग कंप्यूटर का युग है’ कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन करें।
1. क्योंकि कंप्यूटर के बिना जीवन की कल्पना असंभव सी हो गई है।
2. क्योंकि कंप्यूटर ने पूरे विश्व के लोगों को जोड़ दिया है।
3. क्योंकि कंप्यूटर जीवन की अनिवार्य मूलभूत वस्तु बन गया है।
4. क्योंकि कंप्यूटर मानव सभ्यता के सभी अंगों का अभिन्न अवयव बन चुका है।
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 1 और 2 सही हैं
(iii) 2 और 3 सही है
(iv) 3 और 4 सही हैं
उत्तर :
(i) केवल 1 सही है वर्तमान युग कंप्यूटर का युग है, क्योंकि क्यूव्यूटर के बिना जीवन की कल्पना करना असंभव-सा हो गया है। इसके बिना दुनिया अधूरी जान पड़ती है।
(ख) गद्यांश के अनुसार, कंप्यूटर के महत्त्व के विषय में कौन-सा विकल्प सही है?
(i) कंप्यूटर काम के तनाव को समाप्त करने का उपाय है
(ii) कंप्यूटर कई मानवीय भूलों को निर्णायक रूप से सुधार देता है
(iii) कंप्यूटर के आने से सारी हड़बड़ाहट दूर हो गई है
(iv) मानव की सारी समस्याओं का हल कंप्यूटर द्वारा ही संभव है
उत्तर :
(ii) कंप्यूटर कई मानवीय मूलों को निर्णायक रूप से सुधार देता है गद्यांश में स्पष्ट किया गया है कि जल्दी में होने वाली मानवीय भूलों के लिए कंप्यूटर रामबाण औषचि है। अतः कंप्यूटर के महत्त्व के विषय में यह कथन सही है कि कंप्यूटर कई मानवीय भूलों को निर्णायक रूप से सुधार देता है।
(ग) गद्यांश के अनुसार, किस आवश्यकता ने कंप्यूटर में अपना निदान दूँढ लिया है?
(i) अनियंत्रित कर्मचारियों को अनुशासित करने की
(ii) अनियंत्रित गति को सुव्यवस्था देने की
(iii) अधिक-से-अधिक लोगों से जुड़, जन-जागरण लाने की
(iv) अधिक-से-अधिक कार्य कभी भी व कहीं भी करने की
उत्तर :
(ii) अनियंत्रित गति को सुव्यवस्था देने की गद्यांश के अनुसार, अनियंत्रित गति को सुव्यवस्था देने की आवश्यकता ने कंप्यूटर में अपना निदान बूँढ लिया है।
(घ) कंप्यूटर के प्रयोग से पहले अधिक तनाव क्यों होता था?
(i) लंबी-लंबी गणनाएँ करनी पड़ती थी
(ii) गलतियाँ होने के डर से कर्मचारी घबराए हुए रहते थे
(iii) क्रिकेट मैचों में गलत निर्णय का खतरा रहता था
(iv) मानवीय भूलों के कारण बड़ी दुर्घटनाएँ होती थी
उत्तर :
(ii) गलतियाँ होने के डर से कर्मचारी घबराए हुए रहते थे कंप्यूटर के प्रयोग से पहले अधिक तनाव इसलिए होता था, क्योंकि पहले इन कामों को करने वाले कर्मचारी हड़बड़ाकर काम करते थे, एक भूल से घबराकर और अधिक गड़बड़ी करते थे। इसके परिणामस्वरूप काम कम और तनाव अधिक होता था।
(ङ) कथन (A) आज की दुनिया कंप्यूटर के बिना अधूरी है।
कारण (R) वर्तमान समय में सारी व्यवस्था, उपकरण और मशीनें कंप्यूटरीकृत हैं।
(i) कथन A गलत है, किंतु कारण R सही है।
(ii) कथन A और कारण R दोनों गलत हैं।
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या है।
(iv) कथन A और कारण R दोनों सही हैं, परंतु कारण R कथन A की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर :
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या है कंप्यूटर के बिना आज की दुनिया अधूरी है, क्योंकि वर्तमान समय में सारी व्यवस्था, उपकरण और मशीनें कंप्यूटरीकृत हो गई हैं।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
चमक रहा उत्तुंग हिमालय, यह नगराज हमारा ही है।
जोड़ नहीं धरती पर जिसका, वह नगराज हमारा ही है ।
नदी हमारी ही है गंगा, प्लावित करती मधुरस धारा,
बहती है क्या कहीं और भी, ऐसी पावन कल-कल धारा ?
सम्मानित जो सकल विश्व में, महिमा जिनकी बहुत रही है,
अमर ग्रंथ वे सभी हमारे, उपनिषदों का देश यही है।
गाएँगे यश हम सब इसका, यह है स्वर्णिम देश हमारा।
आगे कौन जगत में हमसे, यह है भारत देश हमारा।
विघ्नों का दल चढ आए तो, उन्हें देख भयभीत न होंगे,
अब न रहेंगे दलित दीन हम, कहीं किसी से हीन न होंगे,
क्षुद्र स्वार्थ की खातिर हम तो, कभी न ओछे कर्म करेंगे।
पुण्यभूमि यह भारतमाता, जग की हम तो भीख न लेंगे।
मिसरी- मधु-सेवा-फल सारे, देती हमको सदा यही है,
कदली, चावल, अन्न विविध अरू क्षीर सुधामय लुटा रही है।
आर्यभूमि उत्कर्षमयी यह, गूँजेगा यह गान हमारा।
कौन करेगा समता इसकी, महिमामय यह देश हमारा।
(1) लोगों द्वारा निंदित कर्म करने का कारण है- कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए । कथन
(i) छोटे-छोटे स्वार्थ के लिए
(ii) दूसरों को दुःख देकर खुद की खुशी पाने के लिए विकल्प
(iii) अपनी सम्पत्ति बढ़ाने के लिए
(iv) खुद का महत्व बढ़ाकर दूसरों को नीचा दिखाने के लिए
(क) कथन (iii) व (iv) सही हैं।
(ख) कथन (i) व (ii) सही हैं।
(ग) कथन (i) सही है।
(घ) कथन (ii) सही है ।
उत्तर:
(ग) कथन (i) सही है।
(2) ‘उपनिषद’ का देश है-
(क) श्रीलंका
(ख) भारत
(ग) म्यांमार
(घ) चीन
उत्तरः
(ख) भारत
(3) ‘ओछे कर्म’ का आशय है-
(क) ग्रहण करने योग्य कार्य
(ख) दूसरों के हित के लिए किए गए कार्य
(ग) अपने हित में किए गए कार्य
(घ) निकृष्ट कोटि के कार्य
उत्तर:
(घ) निकृष्ट कोटि के कार्य
(4) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए—
कथन (A) : यदि हमारी प्रगति के रास्ते में विघ्न आएँगे तो हम भयभीत नहीं होंगे।
कारण (R) : हम हमेशा हमारी दयालु मातृभूमि के आगे मदद की भीख माँगेंगे।
(क) कथन (A) सही है किंतु कारण (R) गलत हैं।
(ख) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(ग) कथन (A) व (R) सही है और कथन (A), (R) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) व (R) सही है, किंतु कथन (A), (R) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(घ) कथन (A) व (R) सही है, किंतु कथन (A), (R) की सही व्याख्या नहीं है।
(5) ‘मिसरी – मधु-मेवा’ पंक्ति में अलंकार है-
(क) यमक
(ख) अनुप्रास
(ग) उपमा
(घ) रूपक
उत्तर:
(ख) अनुप्रास
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) ‘घायल सैनिक ने उठकर शस्त्र उठा लिए।’ इसका संयुक्त वाक्य होगा
(i) घायल सैनिक उठा और उसने शस्त्र उठा लिए।
(ii) जैसे ही घायल सैनिक उठा उसने शस्त्र उठा लिए।
(iii) सैनिक घायल हुआ और शस्त्र उठा लिए।
(iv) घायल सैनिक ने उठते ही शस्त्र उठा लिए
उत्तर :
(i) घायल सैनिक उठा और उसने शस्त्र उठा लिए।
(ख) “मैंने एक दुबले-पतले व्यक्ति को देखा।” इसका मिश्रित वाक्य होगा
(i) मैने एक ऐसा व्यक्ति देखा, जो दुबला-पतला था।
(ii) एक दुबला-पतला व्यक्ति था, जिसे मैने देखा।
(iii) मेरे द्वारा एक दुबले-पतले व्यक्ति को देखा गया।
(iv) मैने एक व्यक्ति को देखा, वह दुबला-पतला था।
उत्तर :
(i) मैंने एक ऐसा व्यक्ति देखा, जो दुबला-पतला था।
(ग) “मेहुल ने खाना खाया और चला गया।” इसका सरल वाक्य होगा
(i) मेहुल खाना खाकर चला गया।
(ii) मेहुल खाकर चला गया।
(iii) मेहुल ने खाना खाया, इसलिए वह चला गया।
(iv) ज्यों ही मेहुल ने खाना खाया, वह चला गया।
उत्तर :
(i) मेहुल खाना खाकर चला गया।
(घ) निम्नलिखित वाक्यों में सरल वाक्य है
1. जो लोकप्रिय होता है, उसका सम्मान होता है।
2. लोकप्रिय लेखक का सम्मान सभी करते हैं।
3. लोकप्रिय होने पर सम्मान किया जाता है।
4 लोकप्रिय लेखक का सभी ने सम्मान किया।
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 2 और 3 सही हैं
(iii) 2 और 4 सही हैं
(iv) 2,3 और 4 सही हैं
उत्तर :
(iv) 2,3 और 4 सही हैं
(ङ) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. सोनाली पुस्तक पढ़ रही है। | 1. सरल वाक्य |
B. सोनाली ने कहा कि वह पुस्तक पढ़ रही है। | 2. संयुक्त वाक्य |
C. सोनाली की परीक्षा है इसलिए वह पुस्तक पढ़ रही है। | 3. मिश्र वाक्य |
कूट
A B C
(i) 1 3 2
(ii) 2 1 3
(iii) 3 2 1
(iv) 1 2 3
उत्तर :
(i) A-1, B-3, C-2
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) भगवान हमारी रक्षा करते हैं- वाच्य का भेद बताइए –
(क) कर्तृवाच्य
(ख) कर्मवाच्य
(ग) भाववाच्य
(घ) अन्य
उत्तरः
(क) कर्तृवाच्य
(2) लड़की आँगन में सो रही है – भाववाच्य में बदलिए-
(क) आँगन में लड़की सो रही है।
(ख) लड़की से आँगन में सोया जा रहा है
(ग) लड़की के द्वारा आँगन में सोया जाता है।
(घ) लड़की आँगन में सोती है।
उत्तर:
(ख) लड़की से आँगन में सोया जा रहा है।
(3) बच्चे से रोया जाता है – कर्तृवाच्य में बदलिए-
(क) बच्चे के द्वारा रोया जाता है।
(ख) बच्चा रो रहा है।
(ग) बच्चा रोता है।
(घ) बच्चे से रोया जा रहा है।
उत्तरः
(ग) बच्चा रोता है ।
(4) चुनावों की घोषणा की – कर्मवाच्य में बदलिए-
1. चुनाव घोषित हु
2. चुनाव के लिए घोषणा हुई
3. चुनावों की घोषणा की गई
4. चुनावों की घोषणा होती है
(क) केवल 3 सही है।
(ख) केवल 4 सही है।
(ग) 1 और 2 सही हैं ।
(घ) सभी गलत हैं।
उत्तरः
(क) केवल 3 सही है।
(5) कॉलम 1 को कॉलम 2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कॉलम 1 | कॉलम 2 |
(1) मुझसे झूठ बोला नहीं जाएगा | (i) कर्म वाच्य |
(2) लता मंगेशकर को स्वर कोकिला कहा जाता है | (ii) भाव वाच्य |
(3) भगत सिंह जी हँसते-हँसते फाँसी पर चढ़ गए | (iii) कर्तृवाच्य |
विकल्प
(क) 1-ii, 2-1, 3-iii
(ख) 1-iii, 2-1, 3-ii
(ग) 1-ii, 2-iii, 3-i
(घ) 1-i, 2-ii, 3-iii
उत्तरः
(क) 1-ii, 2-i, 3-iii
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) मुझे आम नहीं मिला। रेखांकित अंश का पद परिचय है
(i) सकर्मक क्रिया, पुल्लिग, एकवचन, कर्तुवाच्य
(ii) अकर्मक क्रिया, पुल्लिग, एकवचन, कर्तृवाच्य
(iii) अकर्मक क्रिया, पुल्लिग, बहुवचन, कर्तृवाच्य
(iv) सकर्मक क्रिया, पुल्लिग, बहुवचन, कर्तुवाच्य
उत्तर :
(i) मिला सकर्मक क्रिया, पुल्लिग, एकवचन, कर्तृवाच्य
(ख) सोहन इसी घर में रहता है। रेखांकित अंश का पद परिचय है
(i) व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, कर्ता कारक
(ii) व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, कर्म कारक
(iii) जातिवाचक संज्ञ, पुल्लिग, एकवचन, कर्ता कारक
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) सोहन व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, कर्ता कारक
(ग) घर में कौन रहता है? रेखांकित अंश का पद परिचय है
(i) व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, अधिकरण कारक
(ii) जातिवाचक संज्ञ, पुल्लिग, एकवचन, अधिकरण कारक
(iii) व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, संप्रदान कारक
(iv) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, अधिकरण कारक
उत्तर :
(ii) घर में जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, अधिकरण कारक
(घ) मुड़कर देखा तो अवाक् रह गए। रेखांकित अंश का पद परिचय है
(i) स्थानवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया ‘रह गए’
(ii) परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण, ‘होती है’ क्रिया के काल का बोधक
(iii) रीतिवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया ‘रह गए’
(iv) कालवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया ‘रह गए’
उत्तर :
(iii) अवाक् रीतिवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया ‘रह गए’
(ङ) वे लोग घर पर हैं। वे अभी बाजार में थे। दोनों वाक्यों के ‘वे’ का सामान्य पद परिच्य होगा
(i) पहला वे-निश्चयवाचक सर्वनाम, दूसरा वे-सार्बनामिक विशेषण
(ii) पहला वे-गुणवाचक विशेषण, दूसरा वे-संबंधवाचक सर्वनाम
(iii) पहला वे-सार्वनामिक विशेषण, दूसरा वे-निश्चयवाचक सर्वनाम
(iv) पहला वे-संख्यावाचक विशेषण, दूसरा वे-पुरुषवाचक सर्वनाम
उत्तर :
(iii) पहला वे-सार्वनामिक विशेषण, दूसरा वे–निश्चयवाचक सर्वनाम
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) ‘लता भवन ते प्रगट भे, तेहि अवसर दोउ भाई ।
निकसे जनु जुग विमल विधु जलद पटल विलगाई ॥
में कौन-सा अलंकार है । सही विकल्प चुनिए-
(क) श्लेष अलंकार
(ख) उत्प्रेक्षा अलंकार
(ग) उपमा अलंकार
(घ) अनुप्रास अलंकार
उत्तरः
(ख) उत्प्रेक्षा अलंकार
(2) निम्नलिखित में कौन- – सा अलंकार है ?
“रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून ।
पानी गए न ऊबरे, मोती मानस चून ॥
(कं) श्लेष
(ख) रूपक
(ग) अनुप्रास
(घ) उत्प्रेक्षा
उत्तरः
(क) श्लेष
(3) बोधक शब्द – मानो, मनु, मनहुँ, जानो, जनु, जनहुँ का प्रयोग किस अलंकार में होता है?
(क) उत्प्रेक्षा अलंकार
(ख) अनुप्रास
(ग) यमक अलंकार
(घ) उपमा अलंकार
उत्तर:
(क) उत्प्रेक्षा अलंकार
(4) अलंकार की विशेषता है-
(क) अलंकार काव्य की आत्मा है।
(ख) अलंकार काव्य की शोभा बढ़ाते हैं ।
(ग) अलंकार काव्य का अंतरंग तत्व है।
(घ) अलंकार के बिना काव्य असंभव है।
उत्तरः
(ख) अलंकार काव्य की शोभा बढ़ाते हैं ।
(5) “अब जीवन की कपि आस न कोय ।
कनगुरिया की मुदरी कँगना होय ॥”
पद में निहित अलंकार का नाम निम्नांकित विकल्पों में से लिखिए-
(क) श्लेष
(ख) उत्प्रेक्षा
(ग) उपमा
(घ) अतिशयोक्ति
उत्तर:
(घ) अतिशयोक्ति
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
कार्तिक आया नहीं कि बालगोबिन भगत की प्रभातियाँ शुरू हुई, जो फागुन तक चला करती। इन दिनों वह सवेरे ही उठते। न जाने किस वक्त जगकर वह नदी-स्नान को जाते-गाँव से दो मील दूर! वहाँ से नहा-धोकर लौटते और गाँव के बाहर ही, पोखरे के ऊँचे भिडे पर, अपनी खँजड़ी लेकर जा बैठते और अपने गाने टेरने लगते। मैं शुरू से ही देर तक सोने वाला हुं, कितु एक दिन, माघ की उस दाँत किटकिटाने वाली भोर में भी, उनका संगीत मुझे पोखरे पर ले गया था। अभी आसमान के तारों के दीपक बुझे नहीं थे। हाँ, पूरब में लोही लग गई थी, जिसकी लालिमा को शुक्र तारा और बढ़ा रहा था। खेत, बगीचा, घर-सब पर कुहासा छा रहा था। सारा वातावरण अजीब रहस्य से आवृत्त मालूम पड़ता था। उस रहस्यमय वातावरण में एक कुश की चटाई पर पूरब मुँह, काली कमली ओढ़े, बालगोबिन भगत अपनी खँंड़ी लिए बैठे थे। उनके मुँह से शब्दों का ताँता लगा था, उनकी अँगुलियाँ खँजड़ी पर लगातार चल रही थी। गाते-गाते इतने मस्त हो जाते, इतने सुरूर में आते, उत्तेजित हो उठते कि मालूम होता, अब खड़े हो जाएँगे। कमली तो बार-बार सिर से नीचे सरक जाती। मैं जाडे से कँपकाँपा रहा था, किंतु तारे की छाँव में भी उनके मस्तक के श्रमबिंदु, जब-तब, चमक ही पड़ते।
(क) गद्यांश के आधार पर बताइए कि बालगोबिन भगत की प्रभातियाँ कब आरंभ हो जाती थीं?
(i) फागुन महीने में
(ii) कार्तिक महीने में
(iii) चैत्र महीने में
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) कार्तिक महीने में कार्तिक का महीना प्रारंभ होते ही बालगोबिन भगत की प्रभातियाँ आरंभ हो जाती थीं।
(ख) गद्यांश के आधार पर बताइए कि रहस्यमयी वातावरण में बालगोबिन भगत क्या कर रहे थे?
(i) कुश की चटाई पर बैठे थे
(ii) काली कमली ओढ़ी थी
(iii) पूरब दिशा की ओर मुँह करके गा रहे थे
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये सनी रहस्यमयी वातावरण में बालगोबिन भगत एक कुश की चटाई पर काली कमली ओढ़कर पूरब दिशा की ओर मुंह करके गा रहे थे।
(ग) बालगोबिन भगत की प्रभाती कार्तिक मास से आरंभ होकर कब तक चलती थी?
(i) कार्तिक मास तक
(ii) फागुन मास तक
(iii) चैत्र मास तक
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) फागुन मास तक बालगोबिन भगत की प्रभाती कार्तिक मास से आरंभ होकर फागुन मास तक चलती थी।
(घ) ‘मैं जाड़े से कँपक्षँपा रहा था’ में ‘मैं’ शब्द किसके किए प्रयुक्त हुआ है?
(i) लेखक के लिए
(ii) बालगोबिन भगत के लिए
(iii) पतोहू के लिए
(iv) इनमें से कोई नही
उत्तर :
(i) लेखक के लिए ‘मैं जाड़े से कैँपक्षपा रहा था’ वाक्य में ‘मै’ शब्द लेखक के लिए प्रयुक्त हुआ है।
(ङ) कथन (A) प्रस्तुत गद्यांश में वातावरण को रहस्मयी कहा गया है।
कारण (R) क्योंकि जब कोहरा होता है तो आसमान स्पष्ट दिखाई नहीं देता।
(i) कथन A गलत है, किंतु कारण R सही है।
(ii) कथन A और कारण R दोनों गलत हैं।
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या है।
(iv) कथन A और कारण R दोनों सही हैं, परंतु कारण R कथन A की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर :
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या है प्रस्तुत गद्यांश में कोहरे की ओट में स्पष्ट दिखाई न देने के कारण वातावरण को रहस्यमयी कहा गया है, क्योंकि खेत-बगीचा, घर-सब पर कुहरा-सा छा रहा था। कुछ भी स्पष्ट दिखाई नहीं दे रहा था।
प्रश्न 8.
क्षितिज के गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
(1) बालगोबिन भगत की वेशभूषा कैसी थी ?
(क) शरीर पर एकमात्र लँगोटी तथा सिर पर कनफटी टोपी होती थी।
(ख) सर्दियों में काला कंबल ओढ़ लेते थे।
(ग) मस्तक पर रामानंदी तिलक और गले में तुलसी की माला होती थी ।
(घ) उपर्युक्त सभी सत्य हैं।
उत्तरः
(घ) उपर्युक्त सभी सत्य हैं।
(2) नवाब साहब ने खीरा काटा, नमक-मिर्च बुरका, अंततः सूँघकर ही खिड़की से बाहर फेंक दिया। उनका ऐसा करना उनके कैसे स्वभाव को इंगित करता है-
(क) संभवतः उन्हें खीरों में से दुर्गन्ध आ रही होगी।
(ख) उन्होंने सोचा होगा कि सार्वजनिक स्थानों पर कुछ खाना नहीं चाहिए ।
(ग) उनका ऐसा करना उनके दर्प- युक्त स्वभाव तथा दिखावटी जीवन शैली को इंगित करता है।
(घ) वे किसी अपरिचित के सामने खीरा नहीं खाना चाहते थे।
उत्तरः
(ग) उनका ऐसा करना उनके दर्प- युक्त स्वभाव तथा दिखावटी जीवन-शैली को इंगित करता है।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
मन की मन ही माँझ रही।
कहिए जाइ कौन पै ऊधौ, नाहीं परत कही।
अवधि अधार आस आवन की, तन मन बिथा सही।
अब इन जोग सँदेसनि सुनि-सुनि, बिरहिनि बिरह दही।
चाहति हुती गुहारि जितहिं तैं, उत तैं धार बही।
‘सूरदास’ अब धीर धरहिं क्यौं, मरजादा न लही।
(क) काव्यांश के आधार पर बताइए कि किनकी अभिलाषाएँ मन में ही रह गईं?
(i) गोपियों की
(ii) कृष्ण की
(iii) उद्धव की
(iv) कवि की
उत्तर :
(i) गोपियों की गोपियाँ उद्धव से कहती हैं कि हमारे मन की अभिलाषाएँ हमारे मन में ही रह गईं, क्योंकि हम श्रीकृष्ण से यह कह नहीं पाई कि हम उनसे प्रेम करती हैं।
(ख) गोपियों के जीने का आधार क्या था?
(i) कृष्ण के आने की आशा
(ii) कृष्ण का योग संदेश
(iii) मन की अभिलाषा
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) कृष्ण के आने की आशा काव्यांश में बताया गया है कि श्रीकृष्ण के आने की आशा ही गोपियों के जीने का आधार थी।
(ग) गोपियाँ विरह की ज्वाला में क्यों जल रही है?
(i) कृष्ण के योग के संदेश से
(ii) उद्धव के संदेश से
(iii) कृष्ण के चले जाने से
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) कृष्ण के योग के संदेश से कृष्ण के योग के संदेश को सुनकर गोपियाँ विरह की ज्वाला में जल रही हैं। वे कहती हैं कि हम जहाँ से भी भ्रीकृष्ण के विरह की ज्वाला से अपनी रक्षा करने के लिए सहारा लेना चाहती हैं, वहाँ से ही योग की धारा बहती चली आ रही है।
(घ) काव्यांश के आधार पर बताइए कि गोपियाँ उद्धव से श्रीकृष्ण के बारे में क्या कहती हैं?
(i) उन्होंने हमसे मिलने का वादा भुला दिया है
(ii) उन्होने सभी मयांदाओं का त्याग कर दिया है
(iii) उन्हें हमारे पास आना चाहिए था
(iv) हम उनसे मिलने मथुरा जाएँगी
उत्तर :
(ii) उन्होंने समी मर्यादाओं का त्याग कर दिया है काव्यांश में बताया गया है कि गोपियाँ उद्धव से कहती हैं कि श्रीकृष्ण ने सभी मर्यादाओं का त्याग कर दिया है।
(ङ) प्रस्तुत काव्यांश में सूरदास किसके माध्यम से अपनी बात कह रहे हैं?
(i) उद्धव के माध्यम से
(ii) गोपियों के माध्यम से
(iii) कृष्ण के माध्यम से
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) गोपियों के माध्यम से प्रस्तुत काव्यांश में सूरदास गोपियों के माध्यम से अपनी बात कह रहे हैं।
प्रश्न 10.
पाठ्यपुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
(1) ‘पिघल कर जल बन गया होगा कठिन पाषाण’ इस पंक्ति का क्या आशय है ?
(क) बच्चे के आगमन से पहाड़ पिघल गए।
(ख) बच्चे के आगमन से पत्थर पिघल गए।
(ग) बच्चे के आगमन से कवि का कठोर हृदय भी पिघल गया। (घ) बच्चे के आगमन से सबको हर्ष हुआ।
उत्तरः
(ग) बच्चे के आगमन से कवि का कठोर हृदय भी पिघल गया।
(2) ‘उत्साह’ नामक कविता के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है ?
(क़) बादलों को गरजने के लिए कहता है ।
(ख) मूसलाधार वर्षा करने के लिए कहता है।
(ग) क्रांति के माध्यम से समाज में परिवर्तन लाना चाहता है।
(घ) रिमझिम फुहार के रूप में बरसने के लिए कहता है।
उत्तर:
(ग) क्रांति के माध्यम से समाज में परिवर्तन लाना चाहता है।
खंड ‘ब’
(वर्णनात्मक प्रश्न)
खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
प्रश्न 11.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) हालदार साहब के द्वारा कैप्टन के बारे में पूछ्ने पर पानवाला अपनी आँखें क्यों पोंछे लगा? ‘नेता जी का चश्मा’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर :
पानवाला एक हैंसमुख एवं मज़ाकिया स्वभाव का व्यक्ति था, इसलिए वह सदैव कैप्टन का उपहास किया करता था। यद्यपि वह कैप्टन की देशभक्ति एवं उसके सरल व सहज व्यक्तित्व के कारण उसका सम्मान करता था। कैप्टन की मृत्यु हो जाने के कारण वह अत्यंत दु:खी था, इसलिए कैप्टन के बारे में पूछे जाने पर वह अपनी नम आँखों को पोंछने लगता है।
(ख) नवाब साहब द्वारा किए गए किस कार्य से लेखक को पात्र, घटना आदि की अनुपस्थिति में कहानी लिखने की प्रेरणा मिली?
उत्तर :
जब लेखक ने नवाब साहब को खीरे को सूँघने मात्र से ही पेट भर लेने और परम संतुष्टि पाने के बाद डकार लेते सुना, तो उसके ज्ञान-चक्षु यह सोचकर खुल गए कि यह तो बड़े आश्चर्य की बात है कि किसी प्रिय खाद्य वस्तु को बिना खाए भी परम संतुष्टि पाई जा सकती है और डकार भी ली जा सकती है। यदि ऐसा है तो फिर पात्र, घटना आदि की अनुपस्थिति में कहानी भी लिखी जा सकती है।
(ग) बालगोबिन भगत का गीत-संगीत आत्मा को परमात्मा से मिलाने का महत्त्वपूर्ण साधन था। पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
बालगोबिन भगत का गीत-संगीत केवल मनोरंजन या शांति पाने के लिए किया गया उपाय नहीं था। उनके लिए यह आत्मा को परमात्मा से मिलाने का एक महत्वपूर्ण साधन था। जब वह मस्त होकर गाते थे, तो संगीत के स्वर मानो उनकी आत्मा की गहराइयों से उठते थे और वे सुनने वालों को अभिभूत कर देते थे। इसलिए उनके गीत-संगीत को भक्ति-भावना के रस में डूबा हुआ संगीत कहा जा सकता है।
(घ) ‘संस्कृति’ पाठ के आधार पर सुसंस्कृत व्यक्ति किसे कहा जा सकता है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
सुसंस्कृत व्यक्ति उसे कहा गया है, जो अपनी बुद्धि और विवेक से किस्सी नयी वस्तु की खोज करे और दर्शन करे अर्थात् किसी नई वस्तु की खोज करने वाला व्यक्ति ही वास्तविक सुसंस्कृत व्यक्ति कहा जा सकता है। उदाहरण के लिए न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत का आविष्कार किया था, इसलिए न्यूटन को सुसंस्कृत व्यक्ति कहा जा सकता है।
प्रश्न 12.
निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए –
(क) “उज्ज्वल गाथा कैसे गाऊँ मधुर चाँदनी रातों की” – कथन के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है ?
उत्तर:
कवि इस कथन के माध्यम से यह कहना चाहता है कि अपनी पत्नी या प्रेयसी के साथ बिताए गए मधुर – मिलन के पल व्यक्तिगत होते हैं। उन्हें किसी के समक्ष व्यक्त नहीं किया जा सकता । दुःखों के जाल के बीच में सुखों के कुछ पल मेरे जीवन के आधार हैं। मैं आत्मकथा लिखकर अपने सुखद क्षणों को सार्वजनिक नहीं कर सकता ।
(ख) ‘उत्साह’ कविता के माध्यम से कवि ने ‘नवजीवन’ वाले कहकर किसे सम्बोधित किया है और क्यों ?
उत्तरः
‘उत्साह’ कविता के माध्यम से कवि ने ‘नवजीवन वाले’ कहकर, जीवन प्रदान करने वाले बादलों तथा नई रचना करने वाले कवियों को सम्बोधित किया है। उन्होंने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि बादल पानी बरसाकर प्यासे – पीड़ित, मुरझाए लोगों को जीवन प्रदान करते हैं । कवि अपनी उत्साहपूर्ण रचना के माध्यम से निराश – हताश लोगों के जीवन को आशा की किरण दिखाकर नई उम्मीदें पैदा कर देते हैं।
(ग) “साहस और शक्ति के साथ विनम्रता हो तो बेहतर है।” इस कथन पर अपने विचार लिखिए ।
उत्तर:
साहस और शक्ति एक-दूसरे के पूरक हैं। ये मनुष्य के श्रेष्ठ गुण हैं, यदि इनके साथ विनम्रता के गुण का समावेश हो जाए तो ‘सोने पर सुहागा’ का काम करता है । साहस- शक्ति तथा विनम्रता के मेल से मनुष्य महान बन जाता है। विनम्रता के अभाव में मनुष्य अहंकारी होकर अपनी शक्ति और साहस का दुरुपयोग करने लगता है। विनम्रता उस पर नैतिकता का अंकुश लगाती है। मनुष्य को सही राह पर चलना सिखाती है। अतः साहस एवं शक्ति के साथ विनम्रता का होना अत्यन्त आवश्यक है।
(घ) शिशु की निश्छल मुस्कराहट में पाषाण – हृदय को भी द्रवित करने की क्षमता समाहित है – सिद्ध कीजिए ।
उत्तरः
शिशु बहुत भोले – मासूम और नादान होते हैं। उनकी मुस्कराहट निश्छल, निस्वार्थ तथा निष्कपट होती है। वह सबके मन को हरती है। उनकी फूल के समान कोमल मुस्कराहट को देखकर पाषाण – हृदय भी पिघलकर द्रवित हो जाता है। वह मन्त्र-मुग्ध सा होकर शिशु को देखता रह जाता है।
प्रश्न 13.
पूरक पाठ्ययुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए। (4 × 2 = 8)
(क) भोलानाथ के अपने पिताजी के साथ घनिष्ठ संबंध थे। वे उसके साथ हर खेल में हिस्सा लेते थे। भोलानाथ की उसके पिता के साथ कुश्ती से किस प्रकार के संबंधों का पता चलता है? क्या इस प्रकार के संबंध आज भी विद्यमान हैं? ‘माता का अँचल’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
भोलानाथ की उसके पिता के साथ कुश्ती से पिता-पुत्र के बीच आत्मीय संबंधों का पता चलता है। आज समाज में अधिक थन कमाने की अंधी दौड़ में पिता-पुत्र के बीच इस प्रकार के संबंध लुप्त होते जा रहे हैं। निर्धन वर्ग में तो इस प्रकार के संबंध फिर भी देखे जा सकते हैं, i किंतु उच्च स्तर के समाज में पिता के लिए इस प्रकार के खेलों के लिए समय निकालना बहुत कठिन है। आधुनिक जीवन-शैली तथा आगे बढ़ने की दौड़ में उपर्युक्त वर्णित आत्मीय संबंध कमजोर पड़ते जा रहे हैं।
(ख) यूमथांग जाते हुए लेखिका ने अद्भुत प्राकृतिक सौदर्य का आनंद लिया। ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि लेखिका को यह अनुभव कब हुआ कि ‘जीवन का आनंद यही चलायमान सौदर्य है?’
उत्तर :
यूमथांग जाने के मार्ग में जब घुंध थोड़ी कम हो गई तो लेखिका ने देखा कि चारों ओर स्वर्ग जैसी सुंदरता विद्यमान है। जहां तक देखो, खूबसूरती-ही-खूबसूरती है। सतत प्रवाहमान झरने और नीचे अत्यंत वेग से गिरती तिस्ता नदी, सामने से उठती हुई धुंध तथा ऊपर की ओर मेंडराते हुए बादल, धीमी हवा में हिलोरे लेते हुए प्रियुता और रूडोडेंड्रो के फूल, ये सभी मन को मोह रहे थे। यह सब देखकर लेखिका को अनुभव हुआ कि जीवन का आनंद यही चलायमान सौंदर्य है।
(ग) हिरोशिमा में विस्फोट पीड़ित लोगों को देखकर लेखक का हुदय उनकी पीड़ा से व्यथित हो गया था। ‘मैं क्यों लिखता हूँ’ पाठ के आधार पर बताइए कि हिरोशिमा पर लिखी कविता अंतः व बाह्य दोनों दबाव का परिणाम है।
उत्तर :
‘मैं क्यों लिखता हूँ’ पाठ में लेखक जब जापान घूमने गया था तो हिरोशिमा में उस विस्फोट से पीड़ित लोगों को देखकर उसे थोड़ी पीड़ा हुई, परंतु उसका मन लिखने के लिए उसे प्रेरित नहीं कर पा रहा था। हिरोशिमा के पीड़ितों को देखकर लेखक को पहले ही अनुभव हो चुका था, परंतु जले पत्थर पर किसी व्यक्ति की उजली छाया को देखकर उसको हिरोशिमा में विस्फोट से प्रभावित लोगों के दर्द की अनुभूति हुई, जिसने लेखक को लिखने के लिए प्रेरित किया। इस तरह हिरोशिमा पर लिखी कविता अंत व बाह्य दोनों दबाव का परिणाम है।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए-
(क) समय का सदुपयोग / का वर्षा जब कृषि सुखाने ?
संकेत बिन्दु-
भूमिका
समय के सदुपयोग के लाभ
समय का महत्व
विद्यार्थी जीवन में समय पालन की उपयोगिता निष्कर्ष
उत्तरः
(क) समय का सदुपयोग / का वर्षा जब कृषि सुखाने ?
समय अमूल्य है। सृष्टि का निर्माता और विनाशक समय, सदैव गतिमान रहता है। किसी ने सत्य कहा है कि ‘समय और तूफान किसी की प्रतीक्षा नहीं करते। समय के महत्व को समझकर उसका सदुपयोग करने वाले व्यक्ति जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं। उनके जीवन में निश्चितता आ जाती है। ऐसे महापुरुषों का अनुसरण सम्पूर्ण विश्व करता है। विद्यार्थी जीवन में समय के सदुपयोग हेतु कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर, समय का बुद्धिमता से विभाजन कर उसका कड़ाई से पालन करना चाहिए। साथ ही विश्राम, खेलकूद एवं मनोरंजन के लिए भी समय निकालना चाहिए। समय का दुरुपयोग करने वाला व्यक्ति प्रगति की दौड़ में पिछड़ जाता है। समय बीत जाने पर कार्य करने का कोई लाभ नहीं होता, कहा भी गया है- ‘का वर्षा जब कृषि सुखाने, समय चूकि पुनि का पछताने । ‘
अतः जीवन के प्रत्येक क्षण का सदुपयोग करना चाहिए ।
(ख) प्लास्टिक: एक अनचाही जरूरत
संकेत बिन्दु-
प्लास्टिक की उपयोगिता
प्लास्टिक से नुकसान
प्लास्टिक प्रयोग के क्षेत्र
निष्कर्ष
उत्तरः
(ख) प्लास्टिक: एक अनचाही जरूरत
आज का युग विज्ञान का युग है। विज्ञान ने हमें चमत्कारी वस्तुएँ देकर हमारे जीवन को सरल, सुंदर तथा सुगम बना दिया है। प्लास्टिक से न केवल मानव जाति बल्कि पूरे उद्योग क्षेत्र में परिवर्तन आ गया है। आज खाद्य पदार्थ हों या अन्य वस्तुएँ, सभी प्लास्टिक की थैलियों में आती हैं। इसका उपयोग कृत्रिम वस्त्र बनाने, पानी की टंकियाँ बनाने, प्लास्टिक के दरवाजे, खिड़कियाँ, चादरें, चप्पल, जूते, अनेक उपकरण, पैकिंग मैटिरियल आदि अनगिनत चीजें बनाने में किया जा रहा है। एक तरफ जहाँ प्लास्टिक हमारे लिए उपयोगी है वहीं दूसरी ओर ये न केवल मानवीय जीवन, अपितु जीव-जंतुओं के लिए भी हानिकारक है । मनुष्य इसका इतना आदी हो गया है कि इसके उपयोग से होने वाली हानियों को नजरअंदाज कर रहा है। हमें प्लास्टिक का बहिष्कार करना होगा तभी पर्यावरण शुद्ध होगा ।
(ग) इंटरनेट: एक संचार क्रान्ति
संकेत बिन्दु-
परिभाषा एवं इतिहास
उपयोग के क्षेत्र और लाभ
अत्यधिक उपयोग से हानियाँ
निष्कर्ष
उत्तर:
(ग) इंटरनेट: एक संचार क्रान्ति
इंटरनेट (अंतरजाल) संचार माध्यमों के क्षेत्र में क्रान्ति के रूप में उभर कर आया है। वास्तव में यह तार रहित ग्लोबल कम्प्यूटर नेटवर्क है जो विश्व की कम्प्यूटर प्रणाली को आपस में जोड़कर विभिन्न सूचनाएँ और अन्य सुविधाएँ प्रदान करता है। भारत में सर्वप्रथम 15 अगस्त, 1995 को विदेश संचार निगम द्वारा इसका प्रारम्भ हुआ। इंटरनेट द्वारा सर्च इंजन की सहायता से हम जानकारी प्राप्त करने के साथ-साथ ऑनलाइन टिकट बुकिंग, बैंकिंग, पढ़ाई, मनोरंजन, मित्र बनाना, पत्र भेजना आदि कई कार्य कर सकते हैं । परंतु इंटरनेट के बढ़ते प्रयोग से विद्यार्थियों का बहुत समय बर्बाद होता है। इससे कम्प्यूटर में वायरस का खतरा भी बढ़ जाता है । कुछ लोग हमारी गोपनीय जानकारी प्राप्त करके हमें नुकसान पहुँचा सकते हैं। अत: हमें इस सुविधा का प्रयोग नियन्त्रित एवं सकारात्मक रूप से करना चाहिए।
प्रश्न 15.
किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए। (5)
आप अवनी कुमारी हैं। आपके क्षेत्र में चुनाव के दौरान राजनीतिक कार्यकर्ता घरों, विद्यालयों की दीवारों पर और मार्गदर्शक बोर्डों आदि पर अपने उम्मीदवार की प्रचार-प्रसार पोस्टर लगा देते हैं। इससे लोगों को होने वाली असुविधा तथा चुनाव पश्चात् दीवारों पर होने वाली गंदगी पर अपने विचार व्यक्त करते हुए किसी प्रतिष्ठित दैनिक समाचार के संपादक को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।
अथवा
आप प्रियंका गौतम हैं। आपके मित्र के माता-पिता का बस-दुर्घटना में निधन होने पर मित्र को लगभग 100 शब्दों में एक संवेदना पत्र लिखिए।
उत्तर :
परीक्षा भवन,
मेरण।
दिनांक 20 मार्च, 20XX
सेवा में,
संपादक महोदय,
दैनिक जागरण,
मेरण।
विषय पोस्टर लगाने से होने वाली असुविधा हेतु।
मान्यवर,
मैं बेगम बाग की निवासी हूँ तथा में आपका ध्यान लोकप्रिय दैनिक समाचार-पत्र के माध्यम से चुनाव के दिनों में विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं द्वारा क्षेत्र के घरों, विद्यालयों की दीवारों, सार्वजनिक स्थानों व मार्गदर्शक बोडों पर लगाए जाने वाले होर्डिंग्स और कागज़ के पोस्टरों से उत्पन्न होने वाली समस्या की ओर ले जाना चाहती हैं।
इस समय चुनाव का माहौल होने के कारण राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता दीवारों पर जगह-जगह पोस्टर चिपका देते हैं व नारे लिख देते हैं जिसके कारण पता आदि दूँडने में काफी परेशानी होती है। चुनाव के बाद भी कोई राजनीतिक दल या सरकारी संस्था इसकी खोज-खबर नहीं लेती है। इस बारे में चुनाव आयोग को आगे आकर इस संदर्म में कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए। जिस राजनीतिक दल का पोस्टर दीवारों या दरवाजों पर लगा हो उससे हर्जाना लिया जाना चाहिए। मुझे आशा ही नहीं, बल्कि पूरा विश्वास है कि सामान्य जनता के हित में सभी राजनीतिक दल, चुनाव आयोग तथा नगर निगम अपने कर्तव्यों का सावधानीपूर्वक निर्वाह करेंगे तथा ऐसा कोई भी कार्य नहीं करेंगे, जो जनता के लिए असुविधापूर्ण हो। धन्यवाद!
भवदीया
अवनी कुमारी
अथवा
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 27 मार्च, 20XX
मित्र गगन, सप्रेम नमस्कार!
आज मुझे तुम्हारे माता-पिता के एक बस दुर्घटना में निथन का समाचार मिला। यह समाधार सुनकर मेरे दिल को बहुत दुःख पहुंचा। पता नहीं क्यो, मुझे तो इस समाचार पर अब भी विश्वास नहीं हो रहा है। अभी कुछ ही दिन पहले तो मैं तुम्हारे पास आई थी और माताजी-पिताजी से घंटों बातें की थीं। तुम्हारे पिताजी ने तो मेरे घर आने का वायदा भी किया था, जिसे वह अब कभी नहीं निभा सकेंगे। तुम्हारी माताजी को देखकर तो मुझे अपनी स्वर्गीय मों की याद आती थी।
क्या करें, ईश्वर की लीला भी बड़ी विचित्र है। उसके आगे किसी की नहीं चलती। उसके आगे सभी को अपना सिर झुकाना पड़ता है। में इस बात को भली-भाँति जानती हूँ कि तुम्हारे ऊपर विपत्ति का भारी पहाड़ टूट पड़ा है, किंतु घैर्य धारण करने के अतिरिक्त और कोई उपाय भी नहीं है। मैं परमपिता परमेश्वर से यह प्रार्थना करती हूँ कि वह तुम्हारे माता-पिता की आत्मा को शांति प्रदान करें और परिवार के सदस्यों को इस असीम दुःख को सहन करने की शक्ति दें।
तुम्हारी शोकाकुल मित्र
प्रियंका गौतम
प्रश्न 16.
(क) कम्प्यूटर साइंस अध्यापक के रिक्त पद हेतु स्ववृत लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए ।
अथवा
(ख) आप नीतू / नितिन हैं। आप विद्यालय में योग शिक्षा का महत्व जानते हैं। अपने क्षेत्र के समाचार-पत्र के संपादक को लगभग 80 शब्दों में में ई-मेल करके बताइए कि योग छात्रों के लिए किस प्रकार लाभदायक है।
उत्तर :
(क) स्ववृत्त
नाम : नरेंद्र कुमार
पिता का नाम : सुरेश कुमार
माँ का नाम : गीता देवी
जन्म तिथि: 18 नवंबर, 1982
वर्तमान पता: डी 72, पाकेट चार, मयूर विहार (फेज एक) दिल्ली 110001
स्थायी पता : ”
टेलीफोन नं.: 011-22718296
मोबाइल: 9868234XXX
ई-मेल : [email protected]
शैक्षणिक योग्यताएँ:
परीक्षा | वर्ष | विद्यालय/बोर्ड/महाविद्यालय/ विश्वविद्यालय | विषय | श्रेणी | प्रतिशत |
1. दसवीं | 1997 | राजकीय विद्यालय, सीबीएसई | हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान | प्रथम | 93% |
2. बारहवीं | 1999 | राजकीय विद्यालय, सीबीएसई | अंग्रेजी, भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, प्रथम गणित | प्रथम | 95% |
3. बी. एस – सी (आनर्स) | 2002 | दिल्ली विश्वविद्यालय | कम्प्यूटर सांइस | प्रथम | 84% |
4 एम.बी.ए. | 2004 | आदर्श इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट | बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन | 85% |
अन्य योग्यताएँ:
- कम्प्यूटर का अच्छा ज्ञान और अभ्यास ( एम. एस. ऑफिस तथा इंटरनेट)
- फ्रांसीसी भाषा का कार्य योग्य ज्ञान
अथवा
(ख)
To: [email protected]
cc: [email protected]
Subject: योग-शिक्षा का महत्व बताने हेतु ।
महोदय,
जन-जन की आवाज, जन-जन तक पहुँचाने के लिए कटिबद्ध आपके समाचार पत्र के माध्यम से मैं विद्यालय में योग शिक्षा के महत्व को बताना चाहती हूँ । योग शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होंगे। योग शिक्षा उनके स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है। योग के माध्यम से वे अपने शरीर की नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकालकर सकारात्मक ऊर्जा को ग्रहण कर, स्वयं को ऊर्जावान महसूस कर सकते हैं। योग हमारे स्वास्थ्य के लिए जीवनदायिनी औषधि की भाँति है । आप अपने समाचार-पत्र के माध्यम से पाठकों को योग – शिक्षा ग्रहण करने के लिए आग्रह करें।
सधन्यवाद !
भवदीया
नीतू
आगरा।
प्रश्न 17.
आपके अंकल ने एक हेलमेट की दुकान खोली है। वे प्रचार-प्रसार के लिए स्थानीय समाचार-पत्र में उसका विज्ञापन देना चाहते हैं। आप उनके लिए लगभग 40 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।
अथवा
आप छात्र संघ के अध्यक्ष ललित कुमार हैं। आपके विद्यालय में नेहरू जी के जन्म दिवस पर बाल मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस उपलक्ष्य में प्रधानाचार्य की ओर से लगभग 40 शब्दों में एक संदेश लिखिए।
उत्तर :
अथवा
सूचना संदेश
दिनांक : 14 नवंबर, 20XX
समय : 1:00 बजे दोपहर
सभी छात्रों को सूचित किया जाता है कि जवाहरलाल नेहरू जी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में विद्यालय में बाल मेले का आयोजन 20 नवंबर को किया जा रहा है, जिसमें खाने के सामान की स्टॉल, अलग-अलग प्रकार की खेल प्रतियोगिताओं को भी शामिल किया जाएगा। इन कार्यक्रमों के लिए इच्छुक विद्यार्थी अपने कक्षा अध्यापक को अपना नाम लिखवा दें। धन्यवाद
प्रधानाचार्य