Students can access the CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions and marking scheme Term 2 Set 1 will help students in understanding the difficulty level of the exam.
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 1 with Solutions
निर्देश
समय : 3 घंटे पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश :
- ‘इस प्रश्न-पत्र में दो खंड है- ‘अ’ और ‘ब’। खंड ‘अ’ में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खंड ‘ब’ में वस्तुनिष्ठ/वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
- प्रश्न-पत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
- खंड ‘अ’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 44 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- खंड ‘ब’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
खंड ‘अ’
(बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्न)
खंड ‘अ’ में अपठित गद्यांश-पद्यांश, व्यावहारिक व्याकरण व पाठ्य-पुस्तक से संबंधित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्न दिए गए हैं, जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
हमारे देश में हिंदी फिल्मों के गीत अपने आरंभ से ही आम दर्शक के सुख-दु:ख के साथी रहे हैं। वर्तमान समय में हिंदी फिल्मों के गीतों ने आम जन के हृदय में लोकगीतों-सी आत्मीय जगह बना ली है। जिस तरह से एक जमाने में लोकगीत जनमानस के सुख-दु:ख, आकांक्षा, उल्लास और उम्मीद को स्वर देते थे, आज फिल्मी गीत उसी भूमिका को निभा रहे है। इतना ही नहीं देश की विविधता को एकता के सूत्र में बाँधने में हिंदी फिल्मों का योगदान सभी स्वीकार करते हैं।
हिंदी भाषा की शब्द संपदा को समृद्ध करने का जो काम राजभाषा विभाग तत्सम शब्दों की सहायता से कर रहा है, वही कार्य फिल्मी गीत और डायलॉग लिखने वाले विविध क्षेत्रीय भाषाओं के मेल से करते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। यह गाने जन-जन के गीत इसी कारण बन सके, क्योंकि इनमें राजनीति के उतार-चढ़ाव की अनुगूंजों के साथ देहाती कस्बायी और नए बने शहरों का देशज जीवन दर्शन भी आत्मसात् किया जाता रहा है। भारत की जिस गंगा-जमुनी संस्कृति का महिमामंडन बहुधा होता है, उसकी गूंज भी इन गीतों में मिलती है। आजादी की लड़ाई के दौरान लिखे प्रदीप के गीत हों या स्वाधीनता प्राप्त के साथ ही होने वाले देश के विभाजन की विभीषिका, सभी को इन गीतों में बहुत संवेदनशील रूप से व्यक्त किया गया है।
हिंदी फिल्मी गीतों के इस संसार में हिंदी-उर्दू का ‘झगड़ा’ भी कभी पनप नहीं सका। प्रदीप, नीरज जैसे शानदार हिंदी कवियों, इंदीवर तथा शैलेंद्र जैसे श्रेष्ठ गीतकारों और साहिर, कैफी, मजरूह जैसे मशहूर शायरों को हिंदी सिनेमा में हमेशा एक ही बिरादरी का माना जाता रहा है। यह सिनेमा की इस दुनिया की ही खासियत है कि एक तरफ गीतकार साहिर ने ‘कहाँ हैं कहाँ हैं / मुहाफिज खुदी के / जिन्हें नाज है हिंद पर / वो कहाँ हैं लिखा तो दूसरी तरफ उन्होंने ही ‘संसार से भागे फिरते हो / भगवान को तुम क्या पाओगे ! ये भोग भी एक तपस्या है / तुम प्यार के मारे क्या जानोगे/अपमान रचयिता का होगा/रचना को अगर ठुकराओगे!’ जैसी पंक्तियाँ भी रची हैं। परवर्तियों में गुलजार ऐसे गीतकार हैं, जिन्होंने उर्दू, हिंदी, पंजाबी, राजस्थानी के साथ पुरबिया बोलियों में मन को मोह लेने वाले गीतों की रचना की है। बंदिनी के ‘मोरा गोरा अंग लइले, मोहे श्याम रंग दइदे’, ‘कजरारे-कजरारे तेरे कारे-कारे नयना!’, ‘यारा सिली-सिली रात का ढलना’ और ‘चप्पा-चप्पा चरखा चले’ जैसे गीतों को रचकर उन्होंने भारत की साझा संस्कृति को मूर्तिमान कर दिया है। वस्तुतः भारत में बनने वाली फिल्मों में आने वाले गीत उसे विश्व-सिनेमा में एक अलग पहचान देते हैं। ये गीत सही मायने में भारतीय संस्कृति की खूबसूरती को अभिव्यक्त करते हैं।
(क) हिंदी फिल्मी गीतों और लोकगीतों में क्या समानता है?
(i) ये लोगों के रीति-रिवाजों, उनकी लालसाओं, उनकी सोच और कल्पनाओं को स्वर देते है।
(ii) ये लोगों के जीवन के अनुभवों, आमोद-प्रमोद, विचारों और दर्शन को स्वर देते हैं।
(iii) ये लोगों के आनंद, उनके शोक, उनके हर्ष और उनकी आशाओं को स्वर देते हैं।
(iv) ये लोगों के जीवन के यथार्थ और कठोरताओं में जिंदा रहने की चाह को स्वर देते हैं
उत्तर :
(iii) हिंदी फिल्मी गीतों और लोकगीतों में यह समानता है कि ये लोगों के आनंद, उनके शोक, उनके हर्ष और उनकी आशाओं को स्वर देते हैं।
(ख) हिंदी भाषा की शब्द संपदा को समृद्ध करने का काम फिल्मी गीतों ने किस प्रकार किया?
(i) राजभाषा विभाग से प्रेरणा पाकर
(ii) विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं के मेल से
(iii) क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों को प्रोत्साहित करके
(iv) विदेशी भाषाओं की फिल्मों को हतोत्साहित करके
उत्तर :
(ii) हिंदी भाषा की शब्द संपदा को समृद्ध करने का काम फिल्मी गीतों ने विमिन्न क्षेत्रीय भाषाओं के मेल से किया।
(ग) कथन (A) और कारण (R) को पढकर उपयुक्त विकल्प चुनिए।
कथन (A) हिंदी फिल्मों के गाने जन-जन के गीत बन गए हैं।
कारण (R) इन गीतों में राजनीति की अनुगूंजों के साथ, देहाती,
कस्बायी और नए बने शहरों का जीवन दर्शन भी आत्मसात् किया जाता रहा है।
(i) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
(iii) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(iv) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
उत्तर :
(iii) प्रस्तुत गद्यांश के आधार पर विकल्प (iii) सही है। कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(घ) ‘हिंदी फिल्मी गीतों के इस संसार में हिंदी-उर्दू का ‘झगड़ा’ भी कभी पनप नहीं सका।’ प्रस्तुत कथन के पक्ष में निम्नलिखित तर्कों पर विचार कीजिए।
1. यहाँ सभी गीतकारों को एक ही बंधुत्व वर्ग का माना जाता है।
2. ये गीतकार सभी भाषाओं में समान रूप से गीत लिखते हैं।
3. इन गीतकारों में वैमनस्य व प्रतिस्पद्धा का भाव नहीं है।
कूट
(i) केवल 1 सही है।
(ii) केवल 2 सही है।
(iii) केवल 3 सही है।
(iv) केवल 1 और 2 सही है।
उत्तर :
(i) हिंदी फिल्मी गीतों के इस संसार में हिदी-उर्दू का ‘झगड़ा’ भी कभी पनप नहीं सका, व्योंकि यहों सभी गीतकारों को एक ही बंधुत्व वर्ग का माना जाता है।
(ङ) उपर्युक्त गद्यांश में हिंदी फिल्मी गीतों की किस विशेषता पर सर्वाधिक बल दिया गया है?
(i) ये गीत कलात्मक श्रेष्ठता व सर्वधर्म संभाव को अभिव्यक्त करते हैं।
(ii) ये गीत सांप्रदायिक सद्भाव को अभिव्यक्त करते हैं।
(iii) ये गीत पारस्परिक प्रेम व सद्भाव को अभिव्यक्त करते हैं।
(iv) ये गीत हमारी तहजीब की खूबसूरती को अभिव्यक्त करते हैं।
उत्तर :
(iv) प्रस्तुत गद्यांश में हिंदी फिल्मी गीत हमारी तहुजीब की खूकसूरती को अभिव्यक्त करते हैं। इस विशेषता पर सर्वाचिक बल दिया गया है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय/ वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वधधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
हम धरती के बेटे बड़े कमेरे हैं।
भरी थकान में सोते फिर भी –
उठते बड़े सवेरे हैं।
धरती की सेवा करते हैं
कभी न मेहनत से डरते हैं
लू हो चाहे ठण्ड सयानी
चाहे झर-झर बरसे पानी
ये तो मौसम हैं हमने
तूफानों के मुँह फेरे हैं।
खेत लगे हैं अपने घर से
हमको गरज नहीं दफ्तर से
दूर शहर से रहने वाले
सीधे-सादे, भोले-भाले
रखवाले अपने खेतों के
जिनमें बीज बिखेरे हैं।
हाथों में लेकर हल-हँसिया
गाते नई फसल के रसिया
धरती को साड़ी पहनाते
दूर-दूर तक भूख मिटाते
मुट्ठी पर दानों को रखकर
कहते हैं बहुतेरे हैं।
हम धरती के बेटे बड़े कमेरे हैं।
भरी थकान में सोते फिर भी-
उठते बड़े सवेरे हैं।।
(क) ‘हम धरती के बेटे बड़े कमेरे हैं!’ में ‘कमेरे’ से आशय है
(i) परिश्रमी
(ii) काम के
(iii) किसान
(iv) मजदूर
उत्तर :
(i) ‘हम धरती के बेटे बड़े कमेरे हैं’ में कमेरे से आशय परिश्रमी होने से है।
(ख) कवि ने किसानों को ‘फसलों का रसिया’ कहा है, क्योंकि वे
(i) फसलों को उगाते हैं
(ii) फसलों को काटते हैं
(iii) फसलों से प्रेम करते हैं
(iv) फसलों को बेचते हैं
उत्तर :
(iii) कवि ने किसानों को ‘फसलों का रसिया’ इसलिए कहा है, क्योंकि वे फसलों से प्रेम करते हैं।
(ग) किसान ‘धरती की सेवा करते है
(i) खेतों में फसल उगाकर
(ii) सर्दी, गर्मी, बरसात सहकर
(iii) बिना विश्राम परिश्रम कर
(iv) खेतों के पास घर बनाकर
उत्तर :
(i) किसान ‘धरती की सेवा खेतों में फसल उगाकर करते हैं।
(घ) कथन (A) और कारण (R) पर विचार करते हुए सही विकल्प चुनिए।
कथन (A) हमारे घर खेतों के पास स्थित होते हैं।
कारण (R) हमारे घर शहरों से दूर होते हैं।
(i) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(ii) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) और (R) दोनों सही हैं तथा कथन (A) कारण (A) की सही व्याख्या है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) सही हैं, परंतु कथन (A) कारण (R) की सही व्यख्या नहीं है।
उत्तर :
(iv) प्रस्तुत काव्यांश के आथार पर कथन (A) और कारण (B) सही हैं, परंतु कथन (A) कारण (R) की सही व्याख्या नहीं है।
(ङ) ‘हम किसानों ने धरती को फसलों के आवरण से ढक दिया है।’ निम्नलिखित में से किस पंक्ति का यह आशय है
(i) तूफानों के मुँह फेरे हैं
(ii) रखवाले अपने खेतों के
(iii) धरती को साड़ी पहनाते
(iv) दूर-दूर तक भूख मिटाते
उत्तर :
(ii) ‘हम किसानों ने धरती को फल्सों के आवरण से उक दिया है’ इस पंक्ति का आशय धरती को साड़ी पहनाने से है।
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार रचना के आधार पर वाक्य भेद पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) ‘रसूलन और बतूलन ने गाना गाया, क्योंकि इसी से अमीरुद्दीन को खुशी मिलती है।’ सरल वाक्य में लिखिए।
(i) रसूलन और बतूलन के गायन से अमीरुद्दीन को खुशी मिलती है।
(ii) रसूलन और बतूलन जैसे ही गाती हैं अमीरुद्दीन को खुशी मिलती है।
(iii) रसूलन और बतूलन गाती हैं और अमीरुद्दीन को खुशी मिलती है।
(iv) रसूलन और बतूलन के गीतों से अमीरुद्दीन को खुशी मिलती है।
उत्तर :
(i) रसूलन और बतूलन के गायन से अमीरुद्दीन को खुशी मिलती है।
(ख) ‘दूसरी बार, जब हालदार साहब उधर से गुजरे तो उन्हें मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया’ इस मिश्रित वाक्य को संयुक्त वाक्य में बदलिए।
(i) जैसे ही दूसरी बार हालदार साहब उधर से गुजरे, उन्हें मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया।
(ii) दूसरी बार उधर से गुजरते समय हालदार साहब को मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया।
(iii) दूसरी बार हालदार साहब उधर से गुजरे और उनको मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया।
(iv) जब भी हालदार साहब उधर से गुजरते हैं मूर्ति में अंतर दिखाई देता है।
उत्तर :
(iii) दूसरी बार हालदार साहब उथर से गुजरे और उनको मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया।
(ग) मिश्र वाक्य का उदाहरण है
(i) अजमेर से पहले पिता जी इंदौर में थे।
(ii) हुड़दंग तो इतना मचाया कि कॉलेज वालों को थर्ड इयर भी खोलना पड्रा।
(iii) हमने हुड़दंग मचाया और कोलेज वालों ने थर्ड इयर खोल दिया।
(iv) हमारे हुड़दंग मचाने के कारण कॉलेज वालों को थर्ड इयर भी खोलना पड़ा।
उत्तर :
(ii) हुड़र्दंग तो इतना मचाया कि कौलेज वालों को थर्ड इयर भी खोलना पड़ा।
(घ) निम्नलिखित वाक्यों में संयुक्त वाक्य पहचानकर नीचे दिए गए विकल्पों में से सर्वाधिक सही विकल्प चुनिए।
1. असफल होने पर शोक करना व्यर्थ है।
2. मैं एक दिन अमेरिका जाऊँगी तथा अपना शेष जीवन वहीं बिताऊँगी।
3. जैसे ही रमेश आया, वैसे ही मोहन चल दिया।
4. विद्यार्थी परिश्रमी है, तो अवश्य सफल होगा। कूट
(i) 1 और 2 सही हैं।
(ii) 2 और 3 सही हैं।
(iii) 1 और 4 सही हैं।
(iv) 2 और 4 सही हैं।
उत्तर :
(iv) 2 और 4 सही हैं।
(ङ) सूची 1 को सूची 2 से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए।
सूची 1 | सूची 2 |
A. सुरेश के आ जाने से सब प्रसन्न हो गए। | 1. मिश्र वाक्य |
B. मैं युवा थी और शीला अग्रवाल की जोशीली बातों ने रगों में बहते खून को लावे में बदल दिया था। | 2. सरल वाक्य |
C. कुछ लोग इसलिए दान करते हैं कि उनका नाम हो। | 3. संयुक्त वाक्य |
कूट
A B C
(i) 123
(ii) 2 3 1
(iii) 1 3 2
(iv) 2 1 3
उत्तर :
(ii) (A) -2 , (B) -3, (C) -1
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) बालगोबिन भगत कबीर को ‘साहब’ मानते थे। (कर्म वाच्य में बदलिए)
(i) बालगोबिन भगत द्वारा कबीर को ‘साहब’ माना जाता था।
(ii) बालगोबिन भगत द्वारा कबीर को ‘साहब’ माना जाता है।
(iii) बालगोबिन भगत कबीर को ‘साहब’ मानते हैं।
(iv) बालगोबिन भगत से कबीर को ‘साहब’ माना जाता है।
उत्तर :
(i) बालगोबिन भगत द्वारा कबीर को ‘साहब’ माना जाता था।
(ख) भोर में लोगों से बालगोबिन भगत का गीत नहीं सुना गया। वाक्य में वाच्य है
(i) कर्म वाच्य
(ii) भाव वाच्य
(iii) कर्तृ वाच्य
(iv) (i) और (iii) दोनों
उत्तर :
(ii) भाव वाच्य
(ग) ‘धान के पानी-भरे खेतों में बच्चे उछल रहे है।’ उदाहरण है
(i) भाव वाच्य
(ii) कर्तृ वाच्य
(iii) कर्म वाच्य
(iv) विचार वाच्य
उत्तर :
(iii) कर्तृ वाच्य
(घ) निम्नलिखित वाक्यों में भाव वाच्य का उदाहरण है
1. माता जी मिठाई बना सकती हैं।
2. मुझसे बेठा नहीं जाता।
3. भगवान द्वारा हमारी रक्षा की जाती है।
4. गर्मियों में छत पर सोया जाता है।
कूट
(i) 1 और 2 सही हैं।
(ii) 2 और 3 सही हैं।
(iii) 1 और 4 सही हैं।
(iv) 2 और 4 सही हैं।
उत्तर :
(iv) 2 और 4 सही हैं।
(ङ) सूची 1 को सूची 2 से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए।
सूची 1 | सूची 2 |
A. गर्मियों में लोग खूब नहाते हैं। | 1. भाव वाच्य |
B. गोपाल से पत्र लिखा जाता है। | 2. कर्त वाच्य |
C. धूप में चला नहीं जाता। | 3. कर्म वाच्य |
A B C
(i) 1 2 3
(ii) 2 3 1
(iii) 1 3 2
(iv) 2 1 3
उत्तर :
(iii) (A)-2, (B) -3, (C) -1
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) हम देहरादून घूमने गए। ….. रेखांकित पद का परिचय है?
(i) संज़ा, प्रथम पुरुष, पुल्लिग, बहुवचन, कर्ता
(ii) सर्वनाम, प्रथम पुरुष, पुल्लिग, बहुवचन, कर्ता
(iii) सर्वनाम, प्रथम पुरुष, पुल्लिग, एकवचन, कर्ता
(iv) सर्वनामिक विशेषण, प्रथम पुरुष, पुल्लिग, बहुबचन, कर्ता
उत्तर :
(ii) सर्वनाम, प्रथम पुरुष, पुल्लिग, बहुवचन, कर्ता
(ख) शशि दसर्वीं कक्षा में पढ़ती है। …, रेखांकित पद का परिचय है?
(i) विशेषण, संख्यावाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य
(ii) क्रियाविशेषण, परिमाणवाचक, ‘पढ़ना’ क्रिया
(iii) विशेषण, गुणवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य
(iv) विशेषण, संख्यावाचक, स्त्रीलिंग, बहुवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य
A B C
(ii) 2 3 1
(iv) 213
उत्तर :
(i) विशेषण, संख्यावाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘कबा’ विशेष्य
(ग) वह स्कूल से अभी-अभी आया है। … रेखांकित पद का परिचय है।
(i) संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन, पुल्लिग, करण कारक
(ii) संज्ञा, व्यक्तिवाचक, एकवचन, पुल्लिग, अपादान कारक
(iii) संज्ञा, जातिवाचक, बहुवचन, पुल्लिग, अपादान कारक
(iv) संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन, पुल्लिग, अपादान कारक
उत्तर :
(iv) संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन, पुल्लिग, अपादान कारक
(घ) वह मेरी बात पर बहुत हँसा।… रेखांकित पद का परिचय है।
(i) परिमाणवाचक क्रियाविशेषण, हैंसना क्रिया का विशेषण
(ii) विशेषण, संख्यावाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘हँसना’ विशेष्य
(iii) विशेषण, परिमाणवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘हँसना’ विशेष्य
(iv) विशेषण, परिमाण वाचक, पुल्लिग, एकवचन, ‘हँसना’ विशेष्य
उत्तर :
(i) परिमाणवाचक क्रियाविशेषण, हैंसना क्रिया का विशेषण
(ङ) योग्य पिता की संतान भी योग्य होती है।… रेखांकित पद का परिचय है।
(i) संज्ञा, जातिवाचक, त्रीलिंग, एकवचन
(ii) संज्ञा, व्यक्तिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन
(iii) संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिग, एकवचन
(iv) विशेषण, गुणवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘पिता’ विशेष्य
उत्तर :
(i) संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवयन
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) ‘सुनत जोग लागत है ऐसौ, ज्यौ करुई ककरी’ में अलंकार है
(i) उत्रेक्षा
(ii) श्लेष
(iii) यमक
(iv) अनुप्रास
उत्तर :
(i) उत्पेक्षा
(ख) ‘प्रीति-नदी में पाँड न बोरयो’ रेखांकित में अलंकार है
(i) उपमा
(ii) रूपक
(iii) यमक
(iv) अनुप्रास
उत्तर :
(iii) रूपक
(ग) ‘उस काल मारे क्रोथ के, तन काँपने उसका लगा। मानो हवा के जोर से, सोता हुआ सागर जगा।’ में अलंकार है
(i) उत्रेक्षा
(ii) रूपक
(iii) श्लेष
(iv) उपमा
उत्तर :
(i) उत्पेक्षा
(घ) निम्नलिखित में उपमा अलंकार है
(i) बादल, गरजो!
(ii) घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ!
(iii) ललित ललित, काले घुँघराले
(iv) बाल कल्पना के-से पाले
उत्तर :
(iv) बाल कल्पना के-से पाले
(ङ) ‘अवधि आधार आस आवन की’ में अलंकार है (1)
(i) उपमा
(ii) रूपक
(iii) यमक
(iv) अनुप्रास
उत्तर :
(iv) अनुप्रास
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
जीप कस्बा छोड़कर आगे बढ़ गई, तब भी हालदार साहब उस मूर्ति के बारे में ही सोचते रहे और अंत में इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि कुल मिलाकर कस्बे के नागरिकों का यह प्रयास सराहनीय ही कहा जाना चाहिए। महत्त्व मूर्ति के रंग-रूप या कद का नहीं, उस भावना का है वरना तो देशभक्ति भी आजकल मजाक की चीज होती जा रही है। दूसरी बार जब हालदार साहब उधर से गुजरे तो उन्हें मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया। ध्यान से देखा तो पाया कि चश्मा दूसरा है। पहले मोटे फ्रेमवाला चौकोर चश्मा था, अब तार के फ्रेमवाला गोल चश्मा है। हालदार साहब का कौतूहल और बढ़ा। वाह भई क्या आइडिया है। मूर्ति कपड़े नहीं बदल सकती, लेकिन चश्मा तो बदल ही सकती है।
(क) ‘जीप कस्बा छोड़कर आगे बढ़ गई’ अर्थात्
(i) जीप कस्बे में बिना रुके आगे बढ़ गई।
(ii) जीप कस्वे में रूक कर आगे बढ़ गई।
(iii) जीप कस्बे में रुक गई।
(iv) जीप कस्बे में नहीं गई।
उत्तर :
(i) ‘जीप कस्बा छोड़कर आगे बढ़ गई’ अर्थात् जीप कस्वे में बिना रुके ही आगे बढ़ गई।
(ख) हालदार साहब किसके विषय में सोचते रहे?
(i) नेताजी के विषय में
(ii) मूर्ति के विषय में
(iii) चौराहे के विषय में
(iv) कस्बे के विषय में
उत्तर :
(ii) हालदार साहब मूर्ति के विषय में ही सोचते रहते थें।
(ग) ‘वरना तो देशभव्ति भी आजकल मजाक की चीज होती जा रही है।’ से आशय है …..
(i) आजकल देशभक्त होना संभव नहीं है।
(ii) आजकल देशभक्त होना हास्यास्पद हो गया है।
(iii) आजकल सभी देशभक्त हो गए हैं।
(iv) आजकल देशभक्ति की प्रासंगिकता नहीं है।
उत्तर :
(ii) ‘वरना तो देशभक्ति भी आजकल मजाक की चीज होती जा रही है’ इस पंक्ति का आशय है कि आजकल देशभक्त होना हास्यास्पद हो गया है।
(घ) दूसरी बार जब हालदार साहब उधर से गुजरे, तो उन्हें मूर्ति में क्या अंतर दिखाई दिया?
(i) मूर्ति पर कोई चश्मा नहीं था।
(ii) मूर्ति पर पुराना चश्मा था।
(iii) मूर्ति पर एक नया चश्मा था।
(iv) मूर्ति क्षतिग्रस्त थी।
उत्तर :
(iii) दूसरी बार जब हालदार साहब उधर से गुजरे, तो उन्हें मूर्ति पर एक नया चश्मा दिखाई दिया।
(ङ) ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ
(i) देशभक्ति के भाव पर व्यंग्य करता है।
(ii) देशभक्ति की प्रासंगिकता पर सवाल उठाता है।
(iii) देशर्भक्ति के महत्त्व को स्थापित करता है।
(iv) देशभक्ति के प्रति उम्मीद जगाता है।
उत्तर :
(iv) ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ देशभक्ति के प्रति उम्मीद जगाता है।
प्रश्न 8.
क्षितिज के गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए।
(क) ‘बालगोबिन भगत के जीवन से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?”
(i) आडंबर से दूर रहकर ईश्वर भक्ति करने की
(ii) कृषि आधारित जीवन व्यतीत करने की
(iii) सामाजिक रूढ़ियों का समर्थन करने की
(iv) पूजा-पाठ और यज्ञ आदि करने की
उत्तर :
(i) बालगोबिन भगत के जीवन से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हमें आडंबर से दूर रहकर ईश्वर की भक्ति करनी चाहिए।
(ख) अमीरुद्दीन को रसूलनबाई और बतूलनबाई के घर वाला रास्ता क्यों पसंद था?
(i) संगीत के प्रति असीम रुचि के कारण।
(ii) संगीत के प्रति अरुचि के कार ग।
(iii) वह छोटा रास्ता था।
(iv) वह रास्ता साफ-सुथरा था।
उत्तर :
(i) संगीत के प्रति असीम रुचि के कारण अमीरुद्दीन को रसूलनबाई और बतूलनबाई के घरवाला रास्ता पसंद था।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए।
बिहसि लखन बोले मृदु बानी। अहो मुनीसु महाभट मानी।। पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारु। चहत उड़ावन फूँकि पहारू॥। इहाँ कुम्हड़बतिया कोड नाहीं। जे तरजनी देखि हरि नाहीं।। देखि कुठारु सरासन बाना। मैं कछु कहा सहित अभिमाना।। भृगुसुत समुझि जनेउ विलोकी। जो कछु कहहु सह रिस रोकी।। सुर महिसुर हरिजन अरु गाई। हमरे कुल इन्ह पर न सुराई।। बधे पापु अपकीरति हारें। मारतहूँ पा परिअ तुम्हारे।।
(क) परशुराम बार-बार अपना कुठार किसे और क्यों दिखा रहे हैं?
(i) राम को भयभीत करने के लिए
(ii) लक्ष्मण को भयभीत करने के लिए
(iii) विश्नामित्र को भयभीत करने के लिए
(iv) महाराज जनक को भयभीत करने के लिए
उत्तर :
(ii) परशुराम बार-दार अपना कुठार लक्ष्मण को मयभीत करने के लिए दिखा रहे हैं।
(ख) निम्नलिखित पंक्तियों में से किस पंक्ति से लक्ष्मण के शक्तिशाली होने का पता चलता है?
(i) बिहसि लखनु बोले मृदु बानी। अहो मुनीसु महाभट मानी।।
(ii) पुनि-पुनि मोहि देखाव कुठारु। चहत उड़ावन फूँकि पहारू॥।
(iii) देखि कुठाह सरासन बाना। मैं कुछ कहा सहित अभिमाना।।
(iv) इहाँ कुम्हड़बतिया कोठ नाहीं। ते तरजनी देखि मरि जाहीं।
उत्तर :
(iv) प्रस्तुत पद्यांश में “इइाँ कुम्हड़बतिया कोठ नाहीं। ते तरजनी देखि मरि जाहीं” पंक्ति से लक्ष्मण के शक्तिशाली होने का पता चलता है।
(ग) रघुकुल में किन-किन के प्रति अपनी वीरता का प्रदर्शन नहीं किया जाता है?
(i) देवता, ब्राह्यण, ईश्वर भक्त और गाय पर
(ii) स्त्रियों, बच्चों, ईश्वर भक्त और गाय पर
(iii) देवता, राजा, वीर योद्धा और स्त्रियों पर
(iv) स्त्रियों, बच्चों, राजा और गाय पर
उत्तर :
(i) रघुकुल में देवता, ब्रात्राण, ईश्वर भक्त और गाय के प्रति अपनी वीरता का प्रदर्शन नहीं किया जाता है।
(घ) ‘बिहसि लखन बोले मृदु बानी।’ अहो मुनीसु महाभट मानी’ यह कथन ………. का उदाहरण है।
(i) व्यंग्य का
(ii) हास्य का
(iii) क्रोध का
(iv) वैराग्य का
उत्तर :
(i) ‘बिहसि लखन बोले मृदु बानी।’ अहो मुनीसु महाभट मानी’ यह कथन ब्यंग्य का उदाहरण है।
(ङ) उपर्युक्त पद्यांश में लक्ष्मण के चरित्र की कौन-सी विशेषता उजागर होती है?
(i) वीरता
(ii) घैर्य
(iii) शिष्टता
(iv) विनम्रता
उत्तर :
(i) प्रस्तुत पद्यांश में लक्ष्मण के चरित्र की वीरता उजागर होती है।
प्रश्न 10.
पाठ्यपुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए।
(क) ‘दंतुरित मुस्कान’ कविता में कवि को शिशु का धूल-धूसरित शरीर कैसा प्रतीत होता है?
(i) स्नान करवाने योग्य।
(ii) वस्त्र-आभूषण से सजाने योग्य।
(iii) खिले हुए सुंदर कमल के समान।
(iv) मिट्टी से सने हुए पौधे के समान।
उत्तर :
(iii) ‘दंतुरित मुस्कान’ कविता में कवि को शिशु का धूल-धूसरित शरीर खिले हुए सुंदर कमल के समान प्रतीत होता है।
(ख) संगतकार पाठ के अनुसार, संगतकार की मुख्य विशेषता क्या होती है?
(i) उसकी मानवीयता
(ii) उसकी कलात्मक श्रेष्ठता
(iii) उसकी प्रतिभा-प्रदर्शन की आकांक्षा
(iv) उसकी आत्म मुग्धता
उत्तर :
(i) संगतकार पाठ के अनुसार, संगतकार की मुख्य विशेषता उसकी मानवीयता होती है।
खंड ‘ब’
(वर्णनात्मक प्रश्न)
खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
प्रश्न 11.
गध पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए।
(क) क्या आपको नवाब साहब का व्यवहार सामान्य लगा? क्यों? युक्तियुक्त उत्तर दीजिए।
उत्तर :
नहीं हमें नवाब साहब का व्यवहार सामान्य नहीं लगा, क्योंकि एक तरफ तो नवाब साहब खीरा छीलने, काटने, नमक-मिर्च बुरकने आदि की प्रक्रिया कर रहे थे और दूसरी तरफ लेखक की उपेक्षा कर रहे थे।
(ख) महानगरों की ‘फ्लैट-कल्चर’ और लेखिका मन्नू भंडारी के ‘पड़ोस-कल्चर में क्या अंतर दिखाई देता है? विचार करते हुए लिखिए।
उत्तर :
महानगरों की फ्लेट-कल्यर में अफेलापन, परस्पर अलगाव व कृत्रिम जीवन है, जबकि लेखिका मन्नू भंडारी के पड़ोस-कल्चर में पारस्परिक सद्भाव, पारिवारिक संबंध तथा सहज जीवन है।
(ग) ‘मंगल ध्वनि’ का क्या अभिप्राय है? बिस्मिल्लाह खान को ‘शहनाई की मंगल ध्वनि का नायक’ क्यों कहा गया है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘मंगल ध्चनि’ से अभिप्राय मांगलिक विधि-विधानों में प्रयुक्त होने वाले वाद्ध यंत्र से है। बिस्तिल्लाह खान को ‘शहनाई की मंगल ध्वनि का नायक’ इसीलिए कहा जाता है, क्योंकि वह सर्वश्रेष्ठ शहनाई वादक थे। उनकी बाबा विश्वनाथ के प्रति अटूट आस्था थी। वह निर्रतर शहनाई का रियाज करते रहते थे और बहुत सरल-सहज स्वभाव के थे। वे दिखावे तथा आडबर से दूर रहते थे।
(घ) सच्चे अर्थों में ‘संस्कृत व्यक्ति’ किसे कहा जाता है? संस्कृति पाठ के आधार पर तर्क सहित लिखिए।
उत्तर :
जो व्यक्ति अपनी नुद्धि और विवेक से समाज को किसी नए तथ्य से अवगत कराता है और अनुसंधान करता है, वह व्यक्ति ही वास्तविक अर्थों में संस्कृत व्यक्ति है। ऐसा व्यक्ति नए-नए आविष्कार करता है; जैसे – न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण का सिद्धात खोजा। वह वास्तविक अर्थों में संस्कृत य्यक्ति थे।
प्रश्न 12.
निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए।
(क) गोपियों ने श्री कृष्ण के प्रति अपने एकनिष्ठ प्रेम को किन उदाहरणों के द्वारा स्पष्ट किया है?
उत्तर :
(i) वे भीकृष्ण के प्रेम में उसी तरह बैधी हुई है, जैसे चींटियाँ गुड़ से चिपकी रहती हैं।
(ii) उनके लिए भीकृष्ण तो हरियल पक्षी की लकड़ी के समान हैं, जिन्हें उन्होंने मन, कर्म और वचन से अपने हृदय में बसाया हुआ है।
(iii) वे तो जागते-सोते, सपने में और दिन-रात कान्हु-कान्हा रटती रहती है।
(ख) ‘साहस और शक्ति के साथ विनम्रता हो तो बेहतर है।’ इस कथन पर ‘राम लक्ष्मण परशुराम संवाद’ पाठ के आधार पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर :
साहस और शक्ति एक योद्धा के अनिवार्य गुण हैं। यदि इन गुणों के साथ विनम्रता हो तो अकारण ही होगे वाला कोई विवाद या युद्ध नहीं हो पाता विनम्र व्यक्ति अपनी विनम्रता से शत्रु के क्रोध को शांत कर देता है। क्रोध क्षणिक होता है, एक जार शांत होने पर विवेक जाग्रत होता है और अनर्थ होने से बच जाता है।
परशुराम और लक्ष्मण दोनों के उदाहरण हमारे सामने हैं। परशुराम पराक्रमी हैं, किंतु स्वयं को महापराक्रमी, बाल ब्रहमारी, क्षत्रिय कुल घातक कहना उनके घमंड को दर्शाता है। लक्ष्मण का साहस हमें मला लगता है, किंतु वह भी अपनी सीमाएं तोड़ देते हैं। धीरे-घीरे वह बहुत उग्र, कठोर और असहज हो जाते है। इस कारण सभी सभाजन उनके विरुद्ध हो जाते हैं। दूसरी ओर रामचंद्र शक्ति और साहस के साथ विनम्रता का भी परिचय देते हैं, इसलिए वे परशुराम सहित सबका दिल जीत लेते हैं।
(ग) आत्मकथा सुनाने के संदर्भ में ‘अभी समय भी नहीं’ कवि ऐसा क्यों कहता है?
उत्तर :
आत्मकथा सुनाने के संदर्भ में ‘अभी समय भी नहीं कवि ने ऐसा इसलिए कहा है, क्योकि उसके जीवन में सुख के पल कभी नहीं आए। उसके इस छेट-से जीवन में अभावों से भरी बड़ी-बड़ी कथाएँ हैं, जिन्हें वह किसी से नहीं कहना चाहता है। कवि अपने जीवन की दुर्बलवाओं को नहीं कहना ; चाहता, क्योंकि उसे सुनकर किसी को भी सुख प्राप्त नहीं होगा, अपितु वह उनके मध्य हैसी का पात्र बनेगा।
(घ) फसल ‘हाथों के स्पर्श की गरिमा और महिमा’ किस प्रकार है? विचार कीजिए।
उत्तर :
कवि कहना चाहता है कि फसल केवल बीज, खाद, पानी, सूर्य और हवा के सहयोग से ही पैदा नहीं होती, अपितु इसमें किसान के परिवार के सभी सदस्यों का कठठर परिभ्रम शामिल होता है। उनके कठोर परिश्रम के बिना फसल का उगना तथा फलना-फूलना संभव नहीं है। इसलिए उसने हज़ारो-लाखों व्यक्तियों के परिश्रम को ‘हाथों के स्पर्श की गरिमा’ और ‘महिमा’ कहक्रू उन्हें विशेष महत्व दिया है।
प्रश्न 13.
पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर लगभग 50 -60 शब्दों में लिखिए।
(क) ‘माता का प्रेम, पिता के प्रेम की अपेक्षा अधिक गहन होता है।’ ‘माता के अंचल’ पाठ के आधार पर विचार कीजिए।
उत्तर :
माता का मेम, पिता के म्रेम की अपेक्षा अधिक गहन होता है, क्योंकि माता से बच्चे का ममत्व का रिश्ता होता है। माँ की गोद में जैसी ममता होती है, स्नेह होता है, वैसा उन्हैं किसी से प्राप्त नहीं होता। भोलानाथ का अपने पिता से अपार स्नेह था, परंतु विपदा आने पर वह अपनी मॉ की गोद में जाकर छिप जाता था, क्योंकि मों का प्यार, दुलार व स्नेह भोलानाथ को सुरक्षा प्रदान करता है। इसीलिए हम कह सकते हैं कि मों के औँचल में बच्चा स्वयं को सुरक्षित महसूस करता है।
(ख) ‘मैं क्यों लिखता हूँ’ प्रश्न के उत्तर में लेखक क्या कारण बताता है?
उत्तर :
एक सच्चा लेखक आंतरिक स्तर पर संवेदनशील होता है। उसके अंतर्मन की अनुभूतियाँ ही उसे लिखने के लिए प्रेरित करती है। लेखक लिखकर ही अपनी आंतर्चिक विवशता को स्वयं पहचानता है तथा दूसरों को दिखाता है।
लेखन एक कला है। कभी-कभी यह बाह्म म्रेरणा स्रोतों से प्रभावित भी होता है। अपनी ख्याति के लिए, संपादकों के आग्रह अथवा आर्थिक आवश्यकताओं के कारण भी रचनाकार लिखने को विवश होता है।
(ग) ‘मेहनतकश बादशाहों का शहर’ किस शहर को कहा गया है और क्यों?
उत्तर :
गतोक (गैंगटोंक) पर्वतीय स्थल है। पर्वतीय क्षेत्र होने के करण यहाँ की परिस्थितियी भी अत्त्यत कठिन है। अवनी आवश्यकताएँ पूरी करने के लिए यहाँ लोगों को कठोर मेहनत करनी पड़ती है। पहाड़ों को काटकर रास्ता बनाना पड़ता है। पत्थरों पर बेठकर औरतें कुदाल व हृथड़े से पत्थर तोड़ती है। कुछ औरतों की पीठ पर बँँधी टोकरी में उनके बच्चे बँंधे हुए होते हैं। उनकी मातृत्व भावना और भम-साधना साथ-साथ देखी जा सकती है।
औरतें रास्ता बनाती और लकड़ियों के भारी-भरक्म गट्ठर उठाती है। हरे-भरे बागानों में युवतियाँ ‘बोकु’ पहने चाय की पत्तियाँ तोड़ती हैं। बच्चे भी अपनी माँ के साथ काम करते हैं। यहाँ लोग अत्यंत कठिन परित्तिथियों में जीयन जीते हैं, इसीलिए लेखिका ने गंतोक को ‘मेहनतकश बादशाहों का शहर’ कहा है।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए। (6 × 1 = 6)
(क) स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव
संकेत बिंदु
अमृत महोत्सव का अर्थ
इस महोत्सव में होने वाले समारोह
इस महोत्सव का महत्त्व
उत्तर :
आजादी का अमृत महोत्सव
अमृत महोत्सव का अर्थ है – नए विचारों का अमृत, आत्मनिर्भरता का अमृता भारत देश 15 , अगस्त 1947 को आजाद हुआ था। उसके बाद वर्ष 1950 में यह पूर्ण गणतंत्र देश बन गया। भारत की आजादी को पूर्ण रूष से 75 वर्ष पूरे हो चुके हैं। इसी उपलक्ष्य में 75 हफ्तों का एक अनूठा प्रयास है, जो यहाँ के लोगों, संस्कृति और उपलधियों के गौरवशाली झतिहास को याद करने और जश्न मनाने के लिए भारत सरकार की ओर से की जाने वाली एक पहल है।
आजादी का अमृत महोत्सव भारत की सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक पहचान को प्रगति की ओर ले जाने वाली समी चीजों का एक मूर्त रूप है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मार्च, 2021 में अहमदाबाद के साबरमती आभ्रम में आजादी के अमृत महोत्सव का उद्धाटन किया था, क्योंकि इसी दिन महात्मा गाँधी ने ‘नमक सत्याग्रह’ की शुरूआत की थी। यह महोत्सव 15 अगस्त, 2023 तक चलेगा।
आजादी का यह महोत्सव भारत की जनता को समर्पित है, जिन्होंने न केवल भारत को उसकी विकास यात्रा में आगे लाने में महत्त्चपूर्ण भूमिका निभाई है, अपितु उनके मीतर प्रधानमंत्री मोदी के भारत 2.0 को सक्रिय करने के दृष्टिकोण को संभव बनाने की शक्ति और क्षमता भी है, जो आत्मनिर्भर भारत की भावना से प्रेरित है, जो उद्यम-शीलता का प्रतिबिंब है।
इस महोत्सय में देश की संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए, साथ ही आजादी के अमृत महोत्सव में चरखे द्वारा लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा दिया गया। हम भारतीय चाहें देश में रहे या फिर विदेश में, हमने अपनी मेहनत से खुद को साबित किया है। हमें गर्व है हमारे संविधान पर, हमें गर्व है हमारी लोकतांत्रिक परपराओं पर। लोकतंत्र की जननी मारत, आज भी लोकतंत्र को मजबूती देते हुए आगे बढ़ रहा है। ज्ञान-विज्ञान से समृद्ध भारत, आज मंगल से लेकर चंद्रमा तक अपनी छाप छोड़ रहा है।
अतः आजादी का अमृत महोत्सव का महत्व सहयोगात्मक अभियानों के माध्यम से इस जन आंदोलन को और प्रोत्साहित करके इसे भारत एवं विश्व के विभिन्न भागों तक पहुँचाना है। माननीय प्रधानमंत्री द्वारा घोषित ‘पंच प्राण’ के साथ पंक्तिबद्ध किए गए नौ महत्तपूर्ण विषयों के आधार पर अश्रलिखित अभियान हैं: जैसे- महिलाएँ एवं बच्चे, आदिवासी सशक्तीकरण, जल, सांस्कृतिक गौरव, पर्यावरण के लिए जीवन शैली (जीवन). स्वास्य और कल्याण, समावेशी विकास, आत्मनिर्भर भारत और एकता।
(ख) भाग्य और पुरुषार्थ
संकेत बिंदु
- आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है
- भाग्यवादी व्यक्ति उदासीन रहता है
- परिश्रमी व्यक्ति अपने भाग्य को बदल लेता है।
उत्तर :
भाग्य और पुरुथार्थ
आजकल हो रहे बदलावों के कारण मनुष्य की जीवन-शैली कुछ ऐसी बदलती जा रही है कि मनुष्य बहुत ही आलसी होता जा रहा है। आलस्य मनुष्य का परम शत्रु है शरीर को सजीव होते हुए भी निर्जीव के समान बना देता है।
भाग्य भी सथ है और यह नी सच है कि चरम पुरुषार्थ से नूतन भाग्य का निर्माण किया जा सकता है। भाग्य अर्थात् विगत कर्मों की परिणति, जिसे मोगने के लिए दिवश हुआ जाता है। पुरुषार्थ का तात्पर्य है ऐसा कर्म, जो मनधाहे भाग्य को गड़े और नाग्य की बनी लकीरों को मिटा देने का साहस रखे। पुरुषार्थ की चरम अवस्था ही तपश्यर्या है, जबकि इसके अभाव में व्यक्ति भाग्य की लहरों में हिचकोले खाता रहता है और सुख-दुख की धारा में हैंसता-रोता सूखी लकड़ी के समान अनचाहे- अनजाने बढ़ता रहता है। विगत कर्मो को झेलना तो पड़ता ही है, इसे कम या अधिक करने के लिए पुरुषार्थ करना आवश्यक है।
भाग्यवादी होना चरम जड़ता का प्रतीक एवं पर्याय है। भाग्यवादी का आशय है हमे कुछ भी नही करना है, फिर भी हमारे जीवन में सुख व ऐश्वर्य की छटा बिखरे और यह भी कि हमने विगत जन्मों में जो नुरे कर्म किए, उनका फल भी न भोगना पड़े। हम हाथ पर हाथ घरे बैठे रहें और कोई हमारे लिए सुख की सेज बिछा दे। धन, मान प्रतिष्ठा का अंबार लगा दे। ऐसा संभव है, जब विगत जन्म के पुण्य अति प्रबल हों तथा अनगिनत श्रेष्ठ कर्ग किए गए हों। जीवन तो अनंत की ओर बढ़ने का सतत प्रदाह है और जन्म इसकी एक कड़ी है। जन्मरूपी किसी कड़ी में किया गया परम पुरुषार्थ ही इस जन्म या अगले जन्म में भाग्य के रूप में उदय होता है। यदि अगले जन्म को सुखद एवं ऐश्वर्यपूर्ण या मनोनुकूल बनाना है तो इस जन्म में उसके अनुरूप कर्म में संलग्न होना पड़ेगा यही सुखद भविध्य का सूत्र है।
सच्चा पुरुषार्थ अपनी नियति को बदलता है और दूसरों की नियति को भी परिवर्तित करने की क्षमता रखता है। उसके पास तपश्चर्या की असीम और अपरिमित शक्ति होती है। इस शक्ति से वह किसी भी लोक की कोई भी अप्राप्य वस्तु की उपलध्धि प्राप्त कर सकता है।
परिश्रमी व्यक्ति अपने कर्म के द्वारा अपनी इथ्ठाओं की पूर्ति करते है, उन्हें जिस वस्तु की आंकाक्षा होती है उसे पाने के लिए रास्ता चुनते है। ऐसे ‘व्यक्ति संकटों के आने से भयभीत नहीं होते, अपितु उस संकट के निद्धान के लिए हल बूँक्ते हैं।
अतः हम सभी को परिश्रम के महत्च को स्वीकारना एवं समझना चहिए तथा परिश्रम का मार्ग अपनाते हुए स्वयं का ही नहीं अपितु अपने देश और समाज के नाम को भी ऊँचाई पर ले जाना चाहिए।
(ग) पर्वतीय स्थल की यात्रा
संकेत बिंदु
- प्राकृतिक सौंदर्य
- यात्रा वर्णन
- सांस्कृतिक महत्त्व
उत्तर :
पर्वतीय स्थल की यात्रा
मानव सौंदर्य से प्रेम करने वाला प्राणी है। इसीलिए वह प्रकृति की ओर आकर्षित होता है। गगनरुंबी बर्फ से ढके पहाड़, चीड़ और देवदार के वृक्षों की कतारें अनायास मन को मोह लेती हैं। पर्वतीय स्थानों पर एक ओर पहाड़, दूसरी ओर घाटी तथा बीच में घुमाबदार रास्ता होता है। रंग-बिरंगे फूल और मखमली बिछाने-सी हरी घास से ढ़की घाटियाँ अत्यंत सुंद्र लगती हैं। पर्यतों पर वायु अत्यंत शुद्ध तथा स्वार्थवर्द्धक होती है, इसलिए लोग पर्वतीय स्थानों पर भ्रमण करने जाते हैं। पर्वतीय प्रदेश फल-फूल तथा औषधियों के भंडार होते है।
गतवर्ष मुझे शिमला घूमने का सुअदसर मिला शिमला एक प्रसिद्ध पर्वतीय स्थल है जिसकी राजधानी हिमाचल प्रदेश है। नौगोलिक दृष्टि से देखें तो शिमला हिमालय पर्वत श्रृंखला के निचले भाग में स्थित है। पर्वत पर बसा हुआ है। पर्वतीय स्थल होने के कारण शिमला का मौसम सभी ऋधुओं में बहुत सुहावना होता है। यहाँ का कुफरी पर्वतीय स्थल काफी कँचाई में स्थित होने के कारण सैलानियों के लिए बहुत मनभावन होता है। यहाँ के पर्वतों पर पहुँच कर मुझे ऐसा लगा जैसे कि में प्रकृति की गोद में आ गया हूँ। शांत एवं मनमोहन वातावरण से मेरे अंदर एक स्फूर्ति-सी आ गई। शीत ऋतु होने के कारण मेरी यात्रा के दौरान शिमला बर्फ से ढका हुआ था।
तापमान बहुत कम था। ऐसे में अ्रमण करना बहुत रोमांचक था। कुछ छोटे तो कुछ ऊँचे पहाड़ों ने मन को मोह लिया।
शिमला के प्रसिद्ध स्थान रिज पर, जो कि बहुत ऊँचाई पर है शाम के समय सैलानियों का जमावड़ा लग जाता है। वहाँ एक हनुमान मंदिर भी है जिसमें एक बहुत ऊँची प्रतिमा स्रिथत है। शिमला के पर्वतों की यात्रा मेरे जीवन की सबसे यादगार यात्राओं में से एक थी, जिसमें मुझे प्रकृति और पर्वतों से जुड़ने का अवसर मिला।
प्रश्न 15.
किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए। (5 × 1 = 5)
आपका नाम दिशा/दक्ष है। आपकी आयु मतदान करने योग्य हो गई है। आपने मतदाता पहचान-पत्र बनवाने के लिए गरुण ऐप के द्रारा आवेदन कर दिया है, किंतु काफी समय के बाद भी आपका मतदाता पहचान-पत्र आपको नहीं मिला। मतदाता पहचान-पत्र के वितरण में देरी की शिकायत करते हुए अपने क्षेत्र के बी. एल. ओ. (ब्लॉक लेवल ऑफिसर) को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।
अथवा
आपका नाम दिशा/दक्ष है। आप अपने आसपास अनेक अशिक्षित प्रौढ़ों को देखते हैं और उन्हें साक्षर बनाने हेतु कुछ प्रयास करते हैं। इस विषय में जानकारी देते हुए लगभग 100 शब्दों में अपने मित्र मानव को पत्र लिखिए।
उत्तर :
परीक्षा भवन, दिल्ली।
दिनांक 28 फरवरी, 2022
सेवा में,
बी. एल. ओ. (ब्लॉक लेवल ऑफिसर)
दिल्ली।
विषय मतदाता पहृान-पत्र वितरण में देरी के संबंध में।
महोदय,
सविनय निवेदन यह है कि मेरी आयु मतदान करने योब्य हो गई है इसीलिए मैंने गरुण ऐप के द्वारा अपने मतदाता पहचान-पत्र के लिए आवेदन किया था। आवेदन किए हुए एक महीने से भी ऊपर हो गया है, परंतु अभी तक भी मेरा मतदाता पहचान-पत्र मुझे पाप्त नहीं हुआ है और अगले सप्ताह में एम.सी. डी. चुनाय भी हैं, जिनमें पहचान-पत्र न होने के कारण में मतदान नहीं कर पाक्कैगा।
इसीलिए मेरा आपसे विनम्र निवेदन है कि मुझे मेरा मतदाता पहचान-पत्र जल्द-से-जल्द उपलब्र कराने की कृपा करें जिससे में आने वाले चुनाव में मतदान कर सकूँा
घन्यवाद
भवदीय
क.ख.ग.
अथवा
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 22 मार्च, 20 X X
मिय मित्र मानव
नमस्कार,
आशा है कि तुम स्वस्थ होंगे और घर पर सभी लोग भी स्वस्थ होंगे। मे तुम्हें यह बताना चाहता हूँ कि मेरे घर के आस-पास अनेक अशिक्षित प्रौद व्यक्ति हैं। उनके पास न घर हैं न वस्त्र हैं। वह लोग सड़क पर ही अपना जीवन व्यतीत कर रहे है। मैं उनको जब भी देखता हैं मेरा मन भर आता है इसीलिए मेंने उन्हें सक्षर बनाने के लिए फ्री कक्षा शुरू की है। उन्हें किताबें तथा जानकारी की वस्तुएँ उपलब्य कराई हैं, जिससे की वह पढ़ाई करें और अपने लिए एक अच्छा मार्ग दूँढ सकें।
में तुमसे अनुरोध करता हूं कि भविष्य में यदि तुम्हें भी कही ऐसी सेवा करने का अवसर मिले तो अवश्य ही करना। इससे मन को बहुत शांति प्राप्त होती है।
तुक्हारा मित्र
दक्ष
प्रश्न 16.
आपका नाम सुनीता/सुरेश है। आप राजेंद्र नगर के निवासी हैं। दैनिक समाचार-पत्र से पता चला है कि स्थानीय राजकीय माध्यमिक विद्यालय में पुस्तकालय अध्यक्ष का पद रिक्त है। आप उक्त पद की योग्यता (बी. लिब. /पुस्तकालय विज्ञान में स्नातक) को धारण करते हैं। उक्त रिक्त पद हेतु राजकीय माध्यमिक विद्यालय के विद्यालय प्रमुख को भेजने हेतु लगभग 80 शब्दों में अपना एक संक्षिप्त स्ववृत्त लिखिए। (5 × 1 = 5)
अथवा
आपका नाम सुनीता/सुरेश है। आप राजेंद्र नगर के निवासी हैं। पिछले कुछ दिनों से आपके क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति अव्यवस्थित है। अपने क्षेत्र में अनियमित विद्युत आपूर्ति की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए राज्य विद्युत आपूर्ति निगम के महानिदेशक के नाम लगभग 80 शब्दों में एक शिकायती ई-मेल लिखिए।
उत्तर :
शैक्षिक योग्यताएँ
अन्य संबंधित योग्यताएँ
कंप्यूटर का ज्ञान
अंग्रेजी भाषा का ज्ञान
उपलब्धियाँ
विद्यालय कंप्यूटर परीक्षा में प्रथम स्थान कार्येत्तर गतिविधियाँ तथा अभिरुचियाँ नेशनल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया में 2 साल कार्यरत् समाचार-पत्र का नियमित पठन
संदर्भित व्यक्तियों का विवरण
श्री मोहित व्यास, पुस्तकालय अध्यक्ष
श्रीमती रमा पटेल, पुस्तकालय अध्यक्ष
तिथि 23 मार्च, 20X X
सुनीता
स्थान – दिल्ली।
हस्ताक्षर
अथवा
प्रश्न 17.
आप अपना पुराना स्मार्टफोन बेचना चाहते हैं, उससे संबंधित एक आकर्षक विज्ञापन लगभग 40 शब्दों में लिखिए। (4 × 1 = 4)
अथवा
आप वीणा/ विकास हैं। आपकी छोटी बहन ने विद्यालय की वार्षिक परीक्षा में पूरे विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उसे बधाई देते हुए 40 शब्दों में एक संदेश लिखिए।
उत्तर :
अथवा
बधाई संदेश
दिनांक 3 अप्रैल, 20XX
समय 2:00 बजे दोपहर
प्रिय बहन!
आज तुमने अपने विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया उसके लिए बहुत-बहुत बधाई।
तुम्हारे आत्मविश्वास और अथक परिश्रम के कारण ही यह संभव हुआ है। तुम्हारी यह उन्नति हमारे लिए प्रेरणादायी है। ईश्वर तुम्हें जीवन के प्रत्येक कदम पर सफलता प्रदान करें। आशा करती हूँ कि तुम भविष्य में भी इसी प्रकार से उन्नति करती रहो।
तुम्हारी बड़ी बहन
वीणा