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CBSE Class 10 Hindi B Question Paper 2023 (Series: Z1YXW/6) with Solutions
निर्धारित समय : 3 घंटे
अधिकतम अंक : 80
सामान्य निर्देश :
- इस प्रश्न-पत्र में कुल 18 प्रश्न हैं। सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य हैं।
- इस प्रश्न-पत्र में दो खण्ड हैं- खण्ड ‘अ’ और खण्ड ‘ब’।
- खण्ड ‘अ’ में उपप्रश्नों सहित 45 बहुविकल्पी / वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कुल 40 प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
- खण्ड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
- प्रश्नों के उत्तर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए लिखिए।
- यथासंभव दोनों खण्डों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए।
SET I Code No. 4/6/1
खण्ड-अ (बहुविकल्पी / वस्तुपरक प्रश्न )
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इस पर आधारित प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए : (5 × 1 = 5)
कभी-कभी सहज से तेज़ गति में परिवर्तित होते क्रोध को समय रहते नियंत्रित नहीं किया गया तो उसके परिणाम अत्यंत घातक और पश्चात्ताप के भाव जगाने वाले हो सकते हैं। कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी के मनोविश्लेषक टॉम जी० स्टीवेन्स ने अपनी किताब ‘ओवरकम एंगर एंड एग्रेशन में स्पष्ट किया है कि क्रोध – नियंत्रण का एक प्रमुख तरीका यह है कि स्थिति को अपने नहीं, दूसरों के नज़रिए से देखें। दूसरों को उन स्थितियों पर प्रकाश डालने के लिए लिए प्रोत्साहित करें, क्षमा करना सीखें, बीते को बिसारने की आदत विकसित करें और किसी को चोट पहुँचाने के बजाय प्रशंसा से उसका मूल्यांकन करें। याद रखें, क्रोध – नियंत्रण से आप स्वयं को शक्तिशाली बनाते हैं। इससे आपकी खुशहाली और स्मृतियों का विस्तार होता है। यूनिवर्सिटी ऑफ सिनसिनाटी के वैज्ञानिकों ने अपनी किताब ’50 साइंस ऑफ मेंटल इलनेस’ में इन कमजोरियों पर प्रकाश डालते हुए गुस्से को काबू में रखने के कारगर सूत्र दिए हैं। क्रोध – नियंत्रण से हम अपना ही नहीं, दूसरों के उजड़ते संसार को फिर से आबाद कर सकते हैं क्योंकि शांत मन सृजन में समर्थ होता है । हमारे सृजनात्मक होने से ही मानवता का हित सध सकता है। तो जब भी क्रोध आए, इन उपायों को आजमाएँ । जीवन में बिखरी हुई चीज़ों को सँवारने की ओर कदम खुद बढ़ चलेंगे।
(i) क्रोध – नियंत्रण से होने वाले लाभों के संबंध में अनुपयुक्त कथन है
(a) इससे व्यक्ति स्वयं को शक्तिशाली बनाता है।
(b) इससे व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आती है।
(c) इससे व्यक्ति की विस्मृतियों का विस्तार होता है।
(d) इससे व्यक्ति की रचनात्मकता में वृद्धि होती है।
उत्तर:
(a) इससे व्यक्ति स्वयं को शक्तिशाली बनाता है।
(ii) किस तरह का क्रोध अंततः पश्चात्ताप का कारण बनता है?
(a) अत्यंत आवेग में किया गया क्रोध
(b) सहज भाव से किया गया क्रोध
(c) प्रायश्चित भाव से किया गया क्रोध
(d) आत्मघात भाव से किया गया क्रोध
उत्तर:
(a) अत्यंत आवेग में किया गया क्रोध
(iii) मनोविश्लेषक स्टीवेन्स के अनुसार क्रोध पर काबू पाने पर सर्वोपयुक्त उपाय है
(a) परिस्थितियों पर दूसरों के नियंत्रण को स्वीकार करना ।
(b) परिस्थितियों पर पूरी तरह नियंत्रण स्थापित करना ।
(c) परिस्थितियों को अपने नज़रिए से और अच्छे से समझना ।
(d) परिस्थितियों को दूसरों के नज़रिए से जानने का प्रयास करना ।
उत्तर:
(d) परिस्थितियों को दूसरों के नज़रिए से जानने का प्रयास करना ।
(iv) क्रोध आने पर क्या करना चाहिए?
(a) उसकी असहज अभिव्यक्ति
(b) उसकी सहज अभिव्यक्ति
(c) संयमित रहने का प्रयत्न
(d) घातक परिणाम का स्मरण
उत्तर:
(d) घातक परिणाम का स्मरण
(v) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए :
कथन (A): क्रोध नवसृजन का संहारक है।
कारण (R): क्रोध अवस्था में क्षमाशीलता न्यून हो जाती है।
(a) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(b) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) गलत है।
(c) कथन (A) सही है तथा कारण (R) उसकी सही व्याख्या है।
(d) कथन (A) सही है, लेकिन कारण (R) उसकी सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(c) कथन (A) सही है तथा कारण (R) उसकी सही व्याख्या है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इस पर आधारित प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए : (5 × 1 = 5)
शोर से होने वाली बहरेपन की बीमारी एक गंभीर स्वास्थ्यगत समस्या है। तेज आवाज़ हमारी श्रवण कोशिकाओं पर बहुत दबाव डालती है, जिससे वे स्थायी रूप से चोटिल हो सकती हैं। यदि सुनने की क्षमता एक बार चली गई तो उसे पुनः पाना नामुमकिन है। विश्व स्वाथ्य संगठन की ‘वर्ल्ड हीयरिंग रिपोर्ट’ के मुताबिक विश्व की 1.5 अरब आबादी बहरेपन के साथ जी रही है। ध्वनि प्रदूषण दरअसल ऐसे अवांछित विद्युत चुंबकीय संकेत हैं, जो इंसान को कई रूपों में नुकसान पहुँचाते हैं। इसीलिए, शोर- प्रेरित बहरेपन पर फौरन ध्यान देने की ज़रूरत है। वैश्विक अध्ययन बताते हैं कि निर्माण कार्य, औद्योगिक कामकाज, जहाज़ बनाने या मरम्मत करने संबंधी काम, अग्निशमन, नागरिक उड्डयन आदि सेवाओं में लगे श्रमिकों में शोर- प्रेरित बहरेपन का ख़तरा अधिक होता है। आकलन है कि 15 फीसदी नौजवान संगीत कार्यक्रमों, खेल-आयोजनों और दैनिक कामकाज में होने वाले शोर से बहरेपन का शिकार होते हैं। शोर- प्रेरित बहरेपन की समस्या विकासशील देशों में ज़्यादा है, जहाँ तीव्र औद्योगीकरण, अनौपचारिक क्षेत्र के विस्तार और सुरक्षात्मक व शोर – नियंत्रण रोधी उपायों की कमी से लोग चौतरफा शोर-शराबे में दिन बिताने को अभिशप्त हैं। हमें यह समझना ही होगा कि श्रवण शक्ति का ह्रास न सिर्फ इंसान को प्रभावित करता है, बल्कि समाज पर भी नकारात्मक असर डालता है।
(i) शोर – प्रेरित बहरेपन का ख़तरा किस क्षेत्र से जुड़े लोगों को कम है?
(a) जहाज़ – निर्माण से जुड़े लोगों को
(b) स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों को
(c) खेल-आयोजनों से जुड़े लोगों को
(d) संगीत – कार्यक्रमों से जुड़े लोगों को ।
उत्तर:
(b) स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों को
(ii) गद्यांश के संदर्भ में अनुपयुक्त कथन है-
(a) विकासशील देशों में अनौपचारिक क्षेत्र विस्तार की समस्या नहीं है।
(b) विकासशील देशों में शोर – नियंत्रणरोधी उपायों पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता है।
(c) कुछ सेवाओं से जुड़े लोग अन्य की तुलना में बहरेपन के अधिक शिकार हैं।
(d) कुछ खास सेवाओं से जुड़े युवा भी आज बहरेपन का शिकार हो रहे हैं।
उत्तर:
(a) विकासशील देशों में अनौपचारिक क्षेत्र विस्तार की समस्या नहीं है।
(iii) विकासशील देशों के लोगों के जीवन को अभिशप्त क्यों कहा गया है?
(a) उनका जीवन अनेक सामाजिक संकटों से घिरा है।
(b) उनका जीवन अनेक आर्थिक संकटों से घिरा है।
(c) वे खराब सेहतवाली विवश जिंदगी बसर करते हैं।
(d) वे शोर-शराबे से भरी जिंदगी जीने को विवश हैं।
उत्तर:
(d) वे शोर-शराबे से भरी जिंदगी जीने को विवश हैं।
(iv) तीव्र आवाज़ का हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
(a) तंत्रिका कोशिकाएँ क्षतिग्रस्त
(b) श्रवण – कोशिकाएँ क्षतिग्रस्त
(c) रक्त कोशिकाएँ क्षतिग्रस्त
(d) हृदय – कोशिकाएँ क्षतिग्रस्त
उत्तर:
(b) श्रवण – कोशिकाएँ क्षतिग्रस्त
(v) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) कौ ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए:
कथन (A): वर्तमान में श्रवण शक्ति का ह्रास एक सार्वजनिक समस्या बन गई है।
कारण (R) : आर्थिक विकास की अनियमित होड़ इस समस्या के मूल कारणों में से एक है।
(a) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(b) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) गलत है।
(c) कथन (A) सही है तथा कारण (R) उसकी सही व्याख्या है।
(d) कथन (A) सही है, लेकिन कारण (R) उसकी सहीं व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(d) कथन (A) सही है, लेकिन कारण (R) उसकी सहीं व्याख्या नहीं है।
प्रश्न 3.
‘पदबंध’ पर आधारित निम्नलिखित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए : (4 × 1 = 4)
(i) “तोतों को उनकी दहकती-भूरी आँखों से भय न लगता था ।” इस वाक्य में रेखांकित पदबंध का भेद है-
(a) विशेषण पदबंध
(b) क्रिया – विशेषण पदबंध
(c) संज्ञा पदबंध
(d) सर्वनाम पदबंध
उत्तर:
(c) संज्ञा पदबंध
(ii) “मोनुमेंट के नीचे ठीक चार बजकर चौबीस मिनट पर झंडा फहराया जाएगा।” इस वाक्य में रेखांकित पदबंध का भेद है-
(a) संज्ञा पदबंध
(b) सर्वनाम पदबंध
(c) विशेषण पदबंध
(d) क्रिया – विशेषण पदबंध
उत्तर:
(d) क्रिया – विशेषण पदबंध
(iii) ” वे सिनेमा की चकाचौंध के बीच रहते हुए भी यश और धन-लिप्सा से कोसों दूर ही रहे।” इस वाक्य में क्रिया पदबंध है-
(a) के बीच रहते हुए
(b) सिनेमा की चकाचौंध
(c) धन – लिप्सा से कोसों
(d) दूर ही रहे
उत्तर:
(d) दूर ही रहे
(iv) “ क्षितीश चटर्जी का फटा हुआ सिर देखकर आँख मिच जाती थी।” इस वाक्य में रेखांकित पदबंध है-
(a) सर्वनाम पदबंध
(b) संज्ञा पदबंध
(c) विशेषण पदबंध
(d) क्रिया – विशेषण पदबंध
उत्तर:
(c) विशेषण पदबंध
(v) “अंग्रेजों की आँखों में धूल झौंकने वाला वह आजमगढ़ की तरफ़ भाग गया।” इस वाक्य में रेखांकित पदबंध का भेद है-
(a) संज्ञा पदबंध
(b) सर्वनाम पदबंध
(c) विशेषण पदबंध
(d) क्रिया – विशेषण पदबंध
उत्तर:
(b) सर्वनाम पदबंध
प्रश्न 4.
‘रचना की दृष्टि से वाक्य भेद’ पर आधारित निम्नलिखित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए : (4 × 1 = 4)
(i) ‘जब डॉक्टर साहब की ज़मानत जब्त हुई तब घर में ज़रा सन्नाटा हुआ।’ इस वाक्य का रचना के आधार पर वाक्य भेद बताइए :
(a) सरल वाक्य
(b) संयुक्त वाक्य
(c) मिश्र वाक्य
(d) विधानवाचक वाक्य
उत्तर:
(c) मिश्र वाक्य
(ii) ” सालाना इम्तिहान होने पर मैं उसमें अव्वल दरजे से पास हो गया ।” इस वाक्य का मिश्र वाक्य में रूपांतरित वाक्य है-
(a) जब सालाना इम्तिहान हुआ तब मैं उसमें अव्वल दरजे से पास हो गया ।
(b) सालाना इम्तिहान हुआ और मैं उसमें अव्वल दरजे से पास हो गया ।
(c) सालाना इम्तिहान होते ही मैं उसमें अव्वल दरजे से पास हो गया।
(d) सालाना इम्तिहान में मैं अव्वल दरजे से पास हो गया ।
उत्तर:
(a) जब सालाना इम्तिहान हुआ तब मैं उसमें अव्वल दरजे से पास हो गया ।
(iii) निम्नलिखित वाक्यों में उपयुक्त कथन है-
(a) सरल वाक्य में एक उद्देश्य और एक ही विधेय होता है।
(b) सरल वाक्य में एक से अधिक उद्देश्य और विधेय होते हैं।
(c) संयुक्त वाक्य में एक ही वाक्य संयोजक द्वारा जुड़े रहते हैं।
(d) संयुक्त वाक्य में संयोजक द्वारा जुड़े वाक्य परस्पर आश्रित होते हैं।
उत्तर:
(a) सरल वाक्य में एक उद्देश्य और एक ही विधेय होता है।
(iv) निम्नलिखित वाक्यों में सरल वाक्य नहीं है-
(a) इतने बादशाहों के नाम याद रखना आसान काम नहीं है।
(b) उनकी ऐसी हालत देखकर मुझे उन पर दया आती थी ।
(c) न जाने कैसे मैं अपने दरजे में अव्वल आ गया।
(d) हालाँकि मैं पास हो गया फिर भी मेरा तिरस्कार हुआ।
उत्तर:
(d) हालाँकि मैं पास हो गया फिर भी मेरा तिरस्कार हुआ।
(v) ‘मेरे बहुत प्रयत्न करने पर भी उस पहेली का हल मुझे नहीं मिला।’ रचना की दृष्टि से यह कैसा वाक्य है?
(a) मिश्र वाक्य
(b) सरल वाक्य
(c) संयुक्त वाक्य
(d) द्वंद्व समास
उत्तर:
(b) सरल वाक्य
प्रश्न 5.
‘समास’ पर आधारित निम्नलिखित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए : (4 × 1 = 4)
(i) ‘सुखदुख’ शब्द किस समास का उदाहरण है?
(a) द्वंद्व समास
(b) तत्पुरुष समास
(c) बहुव्रीहि समास
(d) अव्ययीभाव समास
उत्तर:
(a) द्वंद्व समास
(ii) ‘रक्तकमल’ शब्द में समास है
(a) अव्ययीभाव समास
(b) कर्मधार्य समास
(c) द्वंद्व समास
(d) बहुव्रीहि समास
उत्तर:
(b) कर्मधार्य समास
(iii) निम्नलिखित में ‘जलद यान’ का उपयुक्त समास विग्रह कौन-सा है ?
(a) जलद और यान
(b) जलद रूपी यान
(c) जलद सम यान
(d) जलद अथवा यान
उत्तर:
(b) जलद रूपी यान
(iv) निम्नलिखित शब्दों में बहुव्रीहि समास का सही उदाहरण कौन-सा है?
(a) पृष्ठभूमि
(b) दृगसुमन
(c) दशानन
(d) आत्मत्राण
उत्तर:
(c) दशानन
(v) ‘युगवाणी’ समस्त पद का सही समास विग्रह और भेद किस विकल्प में है?
(a) युग रूपी वाणी – कर्मधारय समास
(b) युग और वाणी – कर्मधारय समास
(c) युग की वाणी – तत्पुरुष समास
(d) युग समान वाणी – तत्पुरुष समास
उत्तर:
(c) युग की वाणी – तत्पुरुष समास
प्रश्न 6.
‘मुहावरों’ पर आधारित निम्नलिखित छह प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए : (4 × 1 = 4)
(i) ‘चक्कर खाना’ मुहावरे का उपयुक्त अर्थ है-
(a) बेहोश होना
(b) गोल घूमना
(c) भ्रमित होना
(d) भ्रमण करना
उत्तर:
(c) भ्रमित होना
(ii) निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए :
(I) सजग रहना – जागरूक होना
(II) रंग दिखाना – प्रभाव दिखाना
(III) दिमाग होना – बुद्धिमान होना
(IV) खून जलाना – तिरस्कार करना
(a) (I) और (II)
(b) (III) और (IV)
(c) (I) और (III)
(d) (II) और (IV)
उत्तर:
(c) (I) और (III)
(iii) ‘बहुत खुश होना’ अर्थ के लिए उपयुक्त मुहावरा कौन-सा है ?
(a) हाथ-पाँव फूल जाना
(b) फूलकर कुप्पा हो जाना
(c) सातवें आसमान पर होना
(d) फूटी आँख न सुहाना
उत्तर:
(b) फूलकर कुप्पा हो जाना
(iv) ‘बड़े भाई साहब ऐसी-ऐसी लगती बातें कहते कि मेरी …..जाती ।’ रिक्त स्थान की पूर्ति के लिए उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए।
(a) तूती बोलना
(b) खून खौलना
(c) हिम्मत टूटना
(d) दिल पसीजना
उत्तर:
(c) हिम्मत टूटना
(v) ‘दबदबा होना’ – अर्थ के लिए उपयुक्त मुहावरा लिखिए।
(a) हेकड़ी जताना
(b) खाल खींचना
(c) चमड़ी उधेड़ना
(d) तूती बोलना
उत्तर:
(d) तूती बोलना
(vi) ‘कक्षा में प्रथम स्थान पाने के लिए उसने …..दिया।’ रिक्त स्थान की पूर्ति निम्नलिखित में से उपयुक्त मुहावरे से कीजिए ।
(a) नाकों चने चबाना
(b) अपना रंग दिखाना
(c) ओखली में सिर देना
(d) रात-दिन एक करना
उत्तर:
(d) रात-दिन एक करना
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित काव्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए : (5 × 1 = 5)
साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई
फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया
कट गए सर हमारे तो कुछ ग़म नहीं
सर हिमालय का हमने न झुकने दिया
मरते-मरते रहा बाँकपन साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो
(i) ‘साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई’ पंक्ति के संदर्भ में सैनिक की विशेषता को दर्शाने वाला सही विकल्प है-
(a) दृढ़ता और कर्त्तव्य परायणता
(b) साहस और निडरता
(c) वीरता और निडरता
(d) उदारता और भावुकता
उत्तर:
(c) वीरता और निडरता
(ii) हिमालय किसका प्रतीक है?
(a) पर्वतों के राजा का
(b) पर्वत श्रृंखला का
(c) युद्ध के स्थल का
(d) देश के मान का
उत्तर:
(d) देश के मान का
(iii) ‘कट गए सर हमारे तो कुछ ग़म नहीं’ में ‘हमारे’ शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
(a) देश की रक्षा हेतु कुर्बान होते सैनिकों के लिए
(b) देश की रक्षा हेतु घायल होते सैनिकों के लिए
(c) देश की सीमाओं पर पहरा देते सैनिकों के लिए
(d) देश के पर्वतीय हिस्सों में तैनात सैनिकों के लिए
उत्तर:
(a) देश की रक्षा हेतु कुर्बान होते सैनिकों के लिए
(iv) निम्नलिखित कथनों को ध्यानपूर्वक पढ़िए :
(क) सैनिक घायल अवस्था में भी अपने कर्तव्य का निर्वाह करने से पीछे नहीं हटते।
(ख) सैनिक युद्ध के लिए जाते समय अपने सभी उत्तरदायित्व किसी और को सौंप जाते हैं।
(ग) सैनिक देश और देशवासियों की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की बाज़ी लगा देते हैं।
(घ) सभी सैनिक मानसिक और शारीरिक रूप से मज़बूत होने के कारण ही अहंकारी होते हैं।
उपर्युक्त कथनों के लिए काव्यांश से मेल खाते हुए उचित विकल्प चुनकर लिखिए :
(a) (क) और (ख)
(b) (क) और (ग)
(c) (क), (ख) और (ग)
(d) (क), (ग) और (घ)
उत्तर:
(b) (क) और (ग)
(v) काव्यांश में देशवासियों से क्या अपेक्षा की गई है?
(a) देश के विकास की
(b) देश के विस्तार की
(c) देश की रक्षा की
(d) देश की सम्पन्नता की
उत्तर:
(c) देश की रक्षा की
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प चुनकर लिखिए : (2 × 1 = 2)
(i) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) : तोप अत्याचारी सत्ता का प्रतीक है।
कारण (R) : तोप जैसी वस्तुओं को सजाकर रखना चाहिए।
(a) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(b) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं।
(c) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) गलत है।
(d) कथन (A) गलत है लेकिन कारण (R) सही है।
उत्तर:
(c) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) गलत है।
(ii) ‘आत्मत्राण’ कविता में कवि अपने व्यथित चित्त के लिए ईश्वर से क्या माँगता है?
(a) दुख का सामना करने हेतु सामर्थ्य
(b) दुख का सामना करने हेतु सांत्वना
(c) दुख का सामना करते हेतु करुणा
(d) दुख का सामना करने हेतु वंचना
उत्तर:
(a) दुख का सामना करने हेतु सामर्थ्य
प्रश्न 9.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प चुनकर लिखिए : (5 × 1 = 5)
सदियों पूर्व, जब लिटिल अंदमान और कार – निकोबार आपस में जुड़े हुए थे तब वहाँ एक सुन्दर सा गाँव था। पास में एक सुन्दर और शक्तिशाली युवक रहा करता था । उसका नाम था तताँरा । निकोबारी उससे बेहद प्रेम करते थे। तताँरा एक नेक और मददगार व्यक्ति था । सदैव दूसरों की सहायता करने को तत्पर रहता। अपने गाँववालों की ही नहीं, अपितु समूचे द्व पवासियों की सेवा करना अपना परम कर्त्तव्य समझता था। उसके इस त्याग की वजह से वह चर्चित था। सभी उसका आदर करते। वक्त मुसीबत में उसे स्मरण करते और वह भागा-भागा वहाँ पहुँच जाता। दूसरे गाँवों में भी पर्व-त्योहारों के समय उसे विशेष रूप से आमंत्रित किया जाता। उसका व्यक्तित्व तो आकर्षक था ही, साथ ही आत्मीय स्वभाव की वजह से लोग उसके करीब रहना चाहते। पारंपरिक पोशाक के साथ वह अपनी कमर में सदैव एक लकड़ी की तलवार बाँधे रहता। लोगों का मत था, बावजूद लकड़ी की होने पर, उस तलवार में अद्भुत दैवीय शक्ति थी । तताँरा अपनी तलवार को कभी अलग न होने देता। उसका दूसरों के सामने उपयोग भी न करता। किंतु उसके चर्चित साहसिक कारनामों के कारण लोग-बाग तलवार में अद्भुत शक्ति का होना मानते थे। तताँरा की तलवार एक विलक्षण रहस्य थी ।
(i) गाँव के लोग तताँरा को क्यों पसंद करते थे?
(a) वह सुन्दर और शक्तिशाली था ।
(b) वह नेक और मददगार व्यक्ति था ।
(c) वह बेहद शांत और सभ्य व्यक्ति था।
(d) वह सुन्दर, बलिष्ठ और भोला व्यक्ति था ।
उत्तर:
(b) वह नेक और मददगार व्यक्ति था ।
(ii) दूसरे गाँव के लोग भी पर्व-त्योहारों के समय तताँरा को क्यों आमंत्रित करते थे?
(a) उसके आकर्षक व्यक्तित्व के कारण
(b) उसके साहसिक कारनामों के कारण
(c) उसके त्याग और सेवा-भाव के कारण
(d) उसकी विलक्षणता के कारण
उत्तर:
(c) उसके त्याग और सेवा-भाव के कारण
(iii) तताँरा की तलवार लोगों के बीच एक विलक्षण रहस्य क्यों थी?
(a) क्योंकि तताँरा उसे कभी अपने से अलग नहीं करता था ।
(b) क्योंकि तताँरा की तलवार लकड़ी की बनी हुई थी।
(c) क्योंकि तताँरा उसका प्रयोग दूसरों के सामने नहीं करता था ।
(d) क्योंकि तताँरा अकेले ही अद्भुत साहसिक कारनामे किया करता था।
उत्तर:
(a)/(c)
(iv) पारंपरिक पोशाक से क्या अभिप्राय है?
(a) गाँव के सभी लोगों द्वारा पहने जाने वाली पोशाक ।
(b) गाँव के युवाओं द्वारा पहने जाने वाली पोशाक ।
(c) वो पोशाक जो किसी विशेष प्रदेश विशेष में सदियों से पहनी जाती हो ।
(d) वो पोशाक जो किसी विशेष अवसर पर पहनी जाती हो ।
उत्तर:
(c) वो पोशाक जो किसी विशेष प्रदेश विशेष में सदियों से पहनी जाती हो ।
(v) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए :
कथन (A): तताँरा समूचे द्वीपवासियों की सेवा करना अपनी परम कर्त्तव्य समझता था ।
कारण (R): वह एक सुन्दर और शक्तिशाली युवक था ।
(a) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(b) कथन (A) गलत है, लेकिन कारण (R) सही है ।
(c) कथन (A) सही है, लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
(d) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है ।
उत्तर:
(c) कथन (A) सही है, लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
प्रश्न 10.
पठित गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए: (2 × 1 = 2 )
(i) वर्तमान समाज में मौजूद शाश्वत मूल्य किसकी देन हैं? ( गिन्नी का सोना )
(a) व्यवहारवादी व्यक्तियों की
(b) आदर्शवादी व्यक्तियों की
(c) प्रैक्टिकल आइडियालिस्टों की
(d) स्वतंत्रता सेनानियों की
उत्तर:
(b) आदर्शवादी व्यक्तियों की
(ii) उत्कृष्ट होते हुए भी ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म सिनेमाघरों में क्यों नहीं चली?
(a) फिल्म की संवेदना का प्रचार न होने के कारण
(b) अच्छे गीतों के अभाव के कारण
(c) फ़िल्म की कमज़ोर अभिनय के कारण
(d) फ़िल्म की कमज़ोर पटकथा के कारण
उत्तर:
(a) फिल्म की संवेदना का प्रचार न होने के कारण
खण्ड – ब ( वर्णनात्मक प्रश्न )
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में लिखिए : (2 × 3 = 6 )
(क) बढ़ती हुई आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किए गए मानवीय क्रिया-कलापों ने प्रकृति को नकारात्मक रूप में प्रभावित कर उसे असंतुलित किया है। प्रकृति के इस असंतुलन का मानवीय जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा है ? ‘अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले’ पाठ के संदर्भ में लिखिए।
(ख) ‘तताँरा – वामीरो कथा’ के अनुसार गाँववाले तताँरा के सदाचारी व्यक्तित्व से परिचित और प्रभावित थे फिर भी वामीरो के मामले में उन्होंने उसका साथ क्यों नहीं दिया ?
(ग) ‘बड़े भाई साहब’ कहानी में आपने पढ़ा कि छोटा भाई कक्षा में अव्वल दरजे से पास हो रहा था और बड़े भाई साहब असफल, फिर भी वह बड़े भाई की नज़रों से बचकर अपने खेल – संबंधी शौक पूरे करता था। इसके पीछे क्या कारण रहे होंगे?
उत्तर:
(क) मनुष्य ने अपनी आवश्यकताओं को इस कदर बढ़ा लिया है कि उसने प्रकृति को निजी संपत्ति बना लिया है। उसके इस कदम से प्रकृति पर नकारात्मक असर पड़ा है। नतीजतन प्राकृतिक संपत्ति बुरी तरह बर्बाद हो गई है। जीवधारियों का अपने ठोर ठिकानों में रहना मुश्किल हो गया है। उन्हें फिर अपना कहीं और आशियाना बुनने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। व्यक्ति ने अपने हाथों प्रकृति का इतना अधिक नुकसान कर दिया है कि अब उसके स्वयं के लिए ही इस बर्बाद प्रकृति में रहना मुश्किल हो गया है। लिहाजा वह ग्लोबल वार्मिंग से प्रभावित हो रहा है और अपने लिए जीवन जीने के लिए प्रकृति से मिलने वाली सुविधाएँ भी खत्म कर रहा है।
(ख) तताँरा के लिए ग्रामवासियों के बीच अथाह प्रेम और विश्वास था। वे उसके सदाचारी व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित थे एवं उसकी वीरता से भी आकर्षित थे। तताँरा जिस युवती वामीरो से प्यार करता था, वह अलग गाँव की थी। दोनों परस्पर विवाह करना चाहते थे, मगर उनके गाँववाले इस विवाह संबंध के विरुद्ध थे क्योंकि उनके गाँव की परंपरा के अनुसार में दूसरे गाँव के युवक- युवती से विवाह – संबंध नहीं हो सकता था। जब गाँववालों को तताँरा के प्रेम-संबंध के बार में पता चला तो वे तताँरा के सारे गुण भूल गए और उसका तनिक भी साथ नहीं दिया। गाँववालों को अपनी परंपरा से इतना प्यार था कि उन्होंने तताँरा को कुर्बान होने दिया। लेकिन तताँरा और वामीरो के इस बलिदान ने गाँव की उक्त परंपरा को ध्वस्त कर दिया और इसके बाद से विभिन्न गाँवों में आपसी विवाह संबंध होने लगे।
(ग) ‘बड़े भाई साहब’ कहानी में छोटा भाई पढ़ाई में अव्वल आ रहा था और बड़ा भाई लगातार फेल हो रहा था। परंतु फिर भी छोटा भाई बड़े भाई से छुपकर अपने खेल संबंधी शौक पूरे करता था। इसका कारण यह था कि बड़ा भाई हमेशा छोटे भाई को पढ़ने के लिए बोलता था। उसके अनुसार खेलने में समय व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए। वह उसे ताना कसते थे कि वह मौजमस्ती में समय गंवाकर उनके पिता की मेहनत की कमाई को व्यर्थ उड़ा रहा है। वह स्वयं भी सारा दिन किताबों में सिर दिए रहते थे। परंतु इस सब के बावजूद भी छोटा भाई पढ़ाई में अव्वल रहता और बड़े भाई असफल । छोटा भाई यह नहीं चाहता था कि वह अपने बड़े के सामने खेलने अथवा मौजमस्ती के लिए जाए और उनको यह सब बुरा लगे। उसे लगता था कि यदि उसने वह उनके सामने ही बाहर खेलने गया तो उनको यह लगेगा कि वह उसका कहना नहीं मानता। वास्तव में वह अपने बड़े भाई से बहुत प्यार करता था और बड़े भाई की बहुत इज़्ज़त करता था इसलिए वह उसका हृदन नहीं दुखाना चाहता था।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए : (2 × 3 = 6)
(क) ‘मीराबाई’ रचित ‘द्वितीय पद’ के अनुसार अपने आराध्य को पाने के लिए मीरा क्या-क्या करना चाहती है और क्यों?
(ख) ‘मनुष्यता’ कविता में कवि ने कैसे जीवन को व्यर्थ बताया है, और क्यों?
(ग) पर्वत प्रदेश में पावस’ कविता के आधार पर लिखिए कि कवि को ऐसा क्यों लगता है कि जैसे अचानक पर्वत पंख लगाकर उड़ गया हो ?
उत्तर:
(क) मीरा अपने आराध्य को पाने के लिए उनका चाकर बनना चाहती है। चाकरी करने से उन्हें अपने आराध्य का दर्शन और स्मरण भी हो सकेगा। वह उनके लिए बाग-बगीचे लगाना चाहती ताकि नित्य सुबह उठकर वह उनके दर्शन कर सके। वह वृंदावन की गलियों में अपने आराध्य का गायन करना चाहती हैं क्योंकि इसी से वह भक्ति-भाव की अनंत निधि पा सकेगी। वह उनके लिए गगनचुंबी प्रासाद भी बनाना चाहती हैं जहाँ वह अपने आराध्य को प्रतिष्ठित होते हुए देखना चाहती हैं। वह कृष्ण को रिझाने के लिए कुसुंबी साड़ी पहनना चाहती हैं। वह अपने स्तुत्य के समक्ष यह अर्चना करती हैं कि वह उसे आधी रात को यमुना तट पर उसे दर्शन दें। उनका मानस अपने पूज्य को पाने के लिए अधीर है।
(ख) राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त ने ‘मनुष्यता’ कविता में ऐसे जीवन को व्यर्थ माना है जो व्यक्ति मात्र अपने लिए जीता है। गुप्त जी कहते हैं कि व्यक्ति का जीवन तभी सार्थक माना जाएगा जब दूसरों के लिए भी जिएगा। उसके मन में हित चिंतन से अधिक पर- चिंतन हो । व्यक्ति में ऐसे गुण हों जिनके होने पर व्यक्ति परलोक जाने पर भी चिरकाल तक इहलोक में स्मरण किया जाता रहे । वह गर्वरहित जीवन जिए, हर मुश्किल में अभीष्ट मार्ग न छोड़े, वह परहितकारी, दयालु एवं उदार हो और साथ ही मानवता का भी पक्षधर हो। जिस व्यक्ति में ये गुण नहीं है उसका जीवन अकारथ और व्यर्थ है।
(ग) पर्वत प्रदेश में पावस’ कविता में कविवर पंत यह कह रहे हैं कि पर्वत प्रदेश में वर्षा की ऋतु है। प्रकृति का स्वरूप क्षण-क्षण में बदल रहा है। पावस ऋतु में पहाड़ों पर अचानक बादल छाने से लगता है मानो पर्वत अचानक कहीं समुद्र के पार उड़ कर चले गए हैं। तालाबों के ऊपर उड़ते हुए बादल भी धुँए के समान प्रतीत हो रहे हैं। गहरे काले बादलों के कारण अचानक अंधकार छा गया और ऐसा प्रतीत हुआ मानो पर्वत पारे के समान धवल पंख लगा कर उड़ गया हो ।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए : (3 × 2 = 6 )
(क) ” हरिहर काका की कहानी पारिवारिक जीवन में घर कर चुकी स्वार्थपरता और हिंसा प्रवृत्ति को बेनकाब करती है। ” तर्कसंगत उत्तर दीजिए।
(ख) ” वर्तमान में विद्यालयों में बढ़ती हुई अनुशासनहीनता को देखते हुए मास्टर प्रीतमचंद जैसे अध्यापकों की आवश्यकता है ।” इस कथन से सहमति या असहमति के संबंध में अपने तर्कसम्मत विचार लिखिए।
(ग) टोपी शुक्ला अपनी दादी को नापसंद क्यों करता था ? पाठ के आधार पर लिखिए ।
उत्तर:
(क) मिथिलेश्वर रचित ‘हरिहर काका’ कहानी में में पारिवारिक स्वार्थ कूट-कूट कर भरा है। हरिहर काका का अपना कोई परिवार नहीं था परंतु उनको अपने भाइयों से बहुत प्रेम था इसलिए वह उनके साथ ही रहते थे। परंतु उनके भाइयों को उनके प्रेम से कोई सरोकार नहीं था वे तो केवल उनकी ज़मीन हथियाना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने अपनी पत्नियों को यह सीख दी हुई थी कि वो भी हरिहर काका के साथ अच्छा व्यवहार करें ताकि खुश होकर काका अपनी ज़मीन उनके नाम कर दें । परंतु भाइयों की पत्नियाँ उनसे अच्छा व्यवहार नहीं करती थीं और उनको खाने के नाम पर केवल बचा खुचा खाना ही देती थीं। बीमारी वाली हालत में भी उनको कोई पूछने वाला नहीं था । हरिहर काका भले वृद्ध और अकेले थे परंतु स्वाभिमानी भी थे। एक दिन उनके व्यवहार से तंग आकर वह उनसे अलग रहने चले गए । हरिहर काका की ज़मीन पर गांव की ठाकुरबारी के महंत की भी नज़र थी। महंत को पता था कि काका अपने परिवार से अलग हो चुके हैं और उनके बाद उनकी ज़मीन उनके भाइयों को मिल जाएगी इसलिए वह पहले ही ज़मीन ठाकुरबारी के नाम करवाना चाहता था। महंत के लोगों ने ठाकुरबारी में उनके साथ मार-पीट की और कागजों पर ज़बरदस्ती अंगूठे के निशान भी ले लिए। उनके भाइयों ने पुलिस की सहायता से उनको छुड़वाया और घर ले आए। पहले तो उन्होंने उनकी बहुत आवभगत की और फिर उनसे उनकी ज़मीन को अपने नाम पर करवाने के लिए ज़बरदस्ती करने लगे। जब वह नहीं माने तो उन्होंने भी उनके साथ मार-पीट की और जबरन घर में कैद करके उनके अंगूठे के निशान लेने लगे। किसी ने पुलिस को खबर की तो पुलिस ने आकर काका को छुड़ाया और पुलिस की सुरक्षा दी गई। उपरोक्त घटनाओं से पता चलता है कि इस कहानी में भाइयों ने ही ज़मीन हथियाने के लिए अपने सगे बड़े भाई के साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया। अपने मतलब के लिए उनको अपने साथ रखा और अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए सारी हदें पार कर दीं। कहानी पारिवारिक जीवन में घर कर चुकी स्वार्थपरता और हिंसक प्रवृत्ति को पूर्ण रूप से बयान करती है।
(ख) वर्तमान में विद्यालयों में अनुशासनहीनता का बोलबाला है। विद्यार्थियों में शिक्षकों का डर शनैः शनैः समाप्त होता जा रहा है। ‘सपनों के-से दिन’ कहानी में लेखक गुरदयाल सिंह ने बताया है कि स्कूल के सभी बच्चे उदंड थे। स्कूल के हैडमास्टर मदनमोहन शर्मा भले व्यक्ति थे। परंतु उनके पी०टी० मास्टर प्रीतमचंद गुस्सैल और सख़्त थे। स्कूल के बच्चे उनसे बहुत डरते थे। जैसे ही उन्हें किसी बच्चे की शरारत का पता चलता तो वह सीधे डंडे और ठुड्डे बरसाते थे। एक बार हैडमास्टर साहब ने उन्हें बच्चों से बुरी तरह मार-पीट करते देखा तो उन्होंने मास्टर प्रीतमचंद को निलंबित कर दिया। हमारे अनुसार जिस प्रकार आजकल स्कूलों में अनुशासनहीनता बढ़ती जा रही है उस पर नियंत्रण करने के लिए मास्टर प्रीतमचंद जैसे अनुशासित और स्वभाव से सख़्त शिक्षकों की नितांत आवश्यकता है परंतु जहाँ तक बच्चों से शारीरिक मार-पीट का सवाल है तो इससे हम बिल्कुल सहमत नहीं हैं। बच्चों को डाँट और सख़्ती से भी तो अनुशासन में लाया जा सकता है।
(ग) टोपी शुक्ला अपनी दादी को बिल्कुल पसंद नहीं करता था। उसे अपनी दादी की तुलना में अपने दोस्त इफ़्फ़न की दादी अच्छी लगती थी क्योंकि वह उसकी तरह पूरबी बोली बोलती थी। टोपी की दादी को लगता था कि पूरबी बोली गंवारों की बोली है। इस कारण टोपी को अपनी दादी से बहुत चिढ़ होती थी। टोपी की नफरत का दूसरा कारण यह था कि उसकी दादी बिना टोपी की सुने उस पर गुस्सा करती है और घर के लोगों को भी उसके विरुद्ध भड़काती है । उदाहरणस्वरूप एक दिन खाना खाते समय टोपी शुक्ला ने अपनी माँ को ‘अम्मी’ कह दिया, सुनकर सब स्तब्ध रह गए। उसकी माँ ने उससे सवाल किया कि उसने यह किससे सीखा? इस पर टोपी ने जवाब दिया उसने यह इफ़्फ़न से सीखा है। उसकी दादी बहुत नाराज़ हुई और उसकी माँ ने उसकी बहुत पिटाई की। टोपी की दादी हमेशा उसके बड़े भाई का पक्ष लेती हैं। टोपी के मन में अपनी दादी के प्रति इतनी नफरत है वह अपने दोस्त इफ़्फ़न से दादी बदलने की बात करता है। इतना ही नहीं, इफ़्फ़न की दादी के मरने पर वह इफ़्फ़न के समक्ष यह इच्छा प्रकट करता है कि काश इफ़्फ़न की दादी की जगह उसकी दादी की मृत्यु हो जाती तो कितना अच्छा होता।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर संकेत- बिन्दुओं के आधार पर 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए: ( 5 )
(क) स्वदेशी अपनाओ
संकेत बिंदु : क्या, आवश्यकता क्यों, देश की अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव, सुझाव
(ख) सोशल मीडिया का मायाजाल और युवा
संकेत बिंदु : सोशल मीडिया क्या? युवाओं पर प्रभाव, मायाजाल कैसे बचाव हेतु सुझाव
(ग) लड़का-लड़की एक समान
संकेत बिन्दुः इस सोच की आवश्यकता क्यों? लड़कियों को बढ़ावा कैसे? देश- समाज पर प्रभाव, सुझाव
उत्तर:
(क) स्वदेशी अपनाओ
स्वदेशी क्या – ‘स्व’ का अर्थ है ‘अपना’ और ‘देशी’ का अर्थ है ‘ देश में बनी हुई’। इस प्रकार स्वदेशी उस वस्तु को कहा जाता है जो अपने देश में बनी है। सच्चा देशभक्त भी वही कहलाता है जो अपने देश में बनी वस्तुओं से प्यार करता है और उनका उपयोग भी करता है।
आवश्यकता क्यों – अगर हम अपने देश को विश्व पटल पर मज़बूत देखना चाहते हैं तो हमें स्वदेशी उत्पाद अपनाने होंगे। महात्मा गांधी ने भी अंग्रेज़ों को देश से बाहर निकालने के लिए स्वदेशी अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया था। इतना ही नहीं विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए बाकायदा आन्दोलन चलाया था जिसका अनूकूल असर देखने को मिला था।
अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव – भारत जनसंख्या की दृष्टि से दुनिया के सबसे बड़े देशों में शामिल है। भारत में निर्मित कई स्वदेशी वस्तुओं को विदेशों में बहुत पसंद किया जाता है। यदि उनका निर्माण निर्यात की दृष्टि से किया जाए तो इससे विदेशी मुद्रा भण्डार में वृद्धि होगी और देश आर्थिक दृष्टि से सुदृढ़ होगा। विदेशों में हमारे देश का सम्मान बढ़ेगा। देश का प्रत्येक को काम, प्रत्येक को रोटी और प्रत्येक को मकान का सपना पूरा होगा ।
सुझाव- हमारा सुझाव यह है कि प्रत्येक भारतीय को अपनी दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विदेशी उत्पादों की ओर नहीं ताकना चाहिए बल्कि अपने देश में बनी वस्तुओं का ही अधिकाधिक प्रयोग करना चाहिए। इससे देश का पैसा देश में ही रहेगा। सरकार को भी चाहिए कि स्वदेशी कंपनियों को अधिक से अधिक प्रोत्साहन दे और और्थिक रूप से भारतीय उद्योग को स्वावलम्बी बनाने में योगदान दे। कहा भी गया है- ‘स्वदेशी अपनाओ और भारत को महान् बनाओ।
(ख) सोशल मीडिया का मायाजाल और युवा
सोशल मीडिया क्या सोशल मीडिया से अभिप्राय है एक ऐसा माध्यम जिसके द्वारा लोग एक-दूसरे से मिले और जाने बिना बातचीत कर सकें। सोशल मीडिया के कई प्रकार हैं- इंस्टाग्राम, ट्विटर, पिन्ट्रस्ट, स्नैपचैट, फेसबुक, लिंकेडन, माइक्रोब्लॉगिंग, इंटरनेट फोरम, सोशल बुकमार्किंग, सोशल नैटवर्किंग सर्विस, फोटोशेयरिंग आदि। सोशल मीडिया में बातचीत के जो ढंग अपनाए जाते हैं, वे सामान्य तरीकों से एकदम अलग होते हैं। इनमें आवृत्ति, प्रयोज्य, ताज़गी और स्थायित्व शामिल हैं। वर्तमान में आम लोगों तक पहुँचने के लिए सबसे अच्छा माध्यम इंटरनेट ही है। अब तो इसमें ज़बरदस्त क्रान्ति देखी जा रही है । फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट आदि पर लोगों की रुचि लिंग और आयु आदि को ध्यान में रखकर विज्ञापन दिखाए जाते हैं।
युवाओं पर प्रभाव – वैसे तो इंटरनेट से हर आयु वर्ग का उपभोक्ता प्रभावित हो रहा है पर इसका प्रभाव युवाओं पर सबसे अधिक पड़ रहा है। इन माध्यमों पर सकारात्मक विज्ञापन तो दिखाए जाते हैं परंतु इसके साथ नकारात्मक विज्ञापनों पर भी कोई नियंत्रण नहीं है। इस कारण सोशल मीडिया को आलोचना का भी खूब सामना करना पड़ रहा है। युवावर्ग सब कुछ छोड़कर घंटों सोशल मीडिया से चिपका रहता है । न उसे खाने की चिंता है और न ही सोने की।
मायाजाल – मोबाइल में जैसे ही किसी एक एप्लीकेशन को अनुमति देते हैं तो कई और फालतू साइट्स भी सक्रिय हो जाती हैं। अधिकतर मामलों में इन साइट्स के नुकसान ही अधिक होते हैं। ये साइट्स ऑनलाइन शोषण के अड्डे बनती जा रही हैं। ऐसे कई केस दर्ज किए गए हैं जिनमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की संलिप्तता पाई गई है। ऐसे कई उदाहरण हमें देखने को मिलते हैं कि गुमनाम रहते हुए भी सोशल मीडिया का प्रयोग अपने फायदे या आनंद के लिए किया जा सकता है। इस तरह सोशल मीडिया का मायाजाल कई लोगों को अपना शिकार बना चुका है।
सुझाव – कह सकते हैं कि सोशल मीडिया उपयोगी तो है ही परंतु इस पर सरकार के सख्त नियंत्रण की आवश्यकता है जिससे कोई इसका दुरुपयोग कर सामाजिक माहौल न बिगाड़ सके। साथ ही सरकार को यह भी चाहिए कि यदि किसी सोशल प्लेटफॉर्म का उपयोग देश-विरोधी कामों के लिए होता है तो उसको बिना समय व्यर्थ किए बैन कर दे ताकि अराजक तत्व या देश-विरोधी ताकतें इन प्लेटफॉर्म्स का प्रयोग अपने फायदे के लिए न कर सके ।
(ग) लड़का-लड़की एक समान
इस सोच की आवश्यकता क्यों ? – लड़का-लड़की एक समान, यह सोच वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अत्यंत आवश्यक है और आज की आवश्यकता भी है। जो लड़के और लड़की में भेद मानते हैं उनके लिए यह एक उपदेश वाक्य है। आज भी ऐसे घरों का अभाव नहीं है जहाँ एक ओर लड़के के जन्म पर खुशियाँ मनाई जाती हैं तो दूसरी ओर लड़की के जन्म पर मुँह लटका लिया जाता है। लड़के-लड़की में असमानता प्रकृतिजन्य है मगर उसकी अनदेखी मानवजन्य है। लड़के को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराना और लड़की को घर की चारदीवारी तक सीमित रखना यह छोटी सामाजिक सोच है और ऐसी सोच पर केवल तरस ही खाया जा सकता है।
लड़कियों को बढ़ावा – आज 21वीं सदी में भी अगर कोई ऐसी सोच रखता है तो उसे हर हालत में बदलना होगा। आज ऐसा कोई भी काम नहीं है जो लड़कियाँ नहीं कर सकतीं और जिसे केवल लड़कों की बपौती माना जाता है। आज लड़कियाँ हवाई जहाज़ उड़ाने से लेकर सीमा की सुरक्षा के लिए भी तैनात हो रही हैं। यही नहीं वे पुलिस के शीर्षस्थ पदों से लेकर देश-विदेश में भी उच्च पदों पर आसीन हैं। अब समाज को अपनी पारंपरिक पुरुष प्रधान सोच बदलनी होगी और लड़कियों को वो सभी अवसर देने होंगे जिन पर अब तक केवल लड़कों का ही हक समझा जाता था । लड़कियों को भी वही मान-सम्मान प्राप्त हो जो लड़कों को प्राप्त है। ऐसा कौन-सा क्षेत्र है जहाँ लड़कियों ने अपनी प्रतिभा का लोहा नहीं मनवाया।
सुझाव- अब इस दकियानूसी सोच से भी अपना पीछा छुड़ाना होगा कि लड़का ही कुलतारक होता है। समाज को ऐसे लोगों को बहिष्कृत करना होगा जो लड़का-लड़की में भेद करता हो । सरकार को ऐसे कानून बनाने होंगे जिसमें ऐसे लोगों के लिए सजा का प्रावधान हो । अतिरिक्त मानदेय देकर लड़कियों को देश की हर सेवा में महत्त्व देना होगा तभी लड़का-लड़की एक समान की सोच सक्रिय होगी। किसी ने ठीक ही कहा है- ‘लड़का-लड़की हैं एक समान, इसी भाव से बनेगा देश महान् ।
प्रश्न 15.
(क) आप अर्णव / अरनी हैं और क०ख०ग० नगर के निवासी हैं। आपके क्षेत्र के बाज़ारों में प्रतिबंधित होने के बावजूद प्लास्टिक थैलियों का उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है। इस समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए नगर निगम अधिकारी को लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए। (5)
अथवा
(ख) आप भुवन गुलेरिया / भावना गुलेरिया हैं और अ०ब०स नगर में रहते / रहती हैं। आपके क्षेत्र के पार्क को लोगों ने सार्वजनिक धरना-प्रदर्शन का केन्द्र बना दिया है जिससे वहाँ के निवासियों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या की ओर संबंधित अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करने के लिए ‘जागरूक’ समाचार-पत्र, मुंबई के संपादक को लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
उत्तर:
(क) प्रतिबंधित प्लास्टिक की थैलियों के उपयोग के विरुद्ध नगर निगम अधिकारी को पत्र :
क०ख०ग० नगर
दिनांक : 4 अप्रैल, 20xx
प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी दिल्ली नगर निगम
क० ख०ग० नगर
दिल्ली |
विषय : प्रतिबंध के बावजूद प्लास्टिक थैलियों का प्रयोग के संबंध में ।
महोदय
मैं आपका ध्यान क० ख०ग० नगर की ओर दिलाना चाहता हूँ। सरकार प्लास्टिक की थैलियों पर कड़ा प्रतिबंध लगा चुकी है। बावजूद इसके बाज़ार की प्रत्येक दुकान पर इनका धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। यह भी देखने में आया है कि जब कुछ निरीक्षक इन दुकानों पर छापा मारने आते हैं तो ये दुकानदार उन थैलियों को छुपा देते हैं परंतु उनके जाते फिर से उन्हीं थैलियों में सामान देना शुरू कर देते हैं। प्लास्टिक की खाली थैलियों को प्रयोग के बाद सड़कों और पार्कों में इधर-उधर फेंक दिया जाता है, नतीजा ये होता है या तो इनको गाय जैसे पशु निगल जाते हैं जिनके लिए ये जानलेवा सिद्ध होती हैं अथवा नालियाँ में जाने पर ये उनके ब्लॉक होने का कारण बनती हैं। अतः आपसे करबद्ध निवेदन है कि इस संबंध में तुरंत कार्यवाही की जाए।
भवदीय
अरनी
अथवा
(ख) पार्क को सार्वजनिक धरना-प्रदर्शन केन्द्र बनाने के विरोध में संपादक को पत्र :
अ०ब०स० नगर
दिनांक : 10 अप्रैल, 20xx
संपादक
‘जागरूक ‘
तृतीय तल, क० ख० कॉम्पलैक्स
लोअर परेल, मुंबई |
विषय : पार्क को सार्वजनिक धरना-प्रदर्शन स्थल बना देने के संदर्भ में। महोदय
मैं आपके द्वारा संपादित ‘जागरूक’ समाचार पत्र की नियमित एवं प्रबुद्ध पाठिका हूँ। मैं अपने आवास के निकट स्थित सरकारी पार्क की ओर आपका ध्यान आकर्षित कराना चाहती हूँ। यह हरा-भरा और फूल-पौधों से आच्छादित पार्क आजकल भ्रमणप्रिय लोगों के काम नहीं आ रहा है बल्कि यहाँ कुछ राजनीतिक दल अपनी राजनीति चमकाने में लगे हैं। हर दिन यहाँ शहर की किसी-न-किसी समस्या को लेकर राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता धरना-प्रदर्शन करते हैं। इस कारण घंटों पार्क कथित कार्यकर्ताओं से आबाद रहता है। यही नहीं, कार्यकर्ता अपने साथ लाए भोज्य पदार्थ खाकर जूठन, प्लास्टिक की थैलियाँ, थर्मोकोल वाले प्लेट – गिलास आदि यहीं फेंक जाते हैं। यहाँ बताने योग्य बात यह है कि नगर निगम कर्मचारी कुछ घंटे पहले ही इस पार्क को साफ़ करके जाते हैं किन्तु पार्क को प्रदर्शनकारियों को गंदा करने में देर नहीं लगती। धरना देने वाले तो एक-दो दिन तक इसी पार्क में जमे रहते हैं। इससे आसपास के निवासियों को भी भारी परेशानी का सामाना करना पड़ता है। एक तो पार्क में उनका घूमना बंद हो गया और दूसरा उनके उलटे-सीधे नारों के शोर से कालोनी में ध्वनि प्रदूषण भी फैल रहा है। आपसे निवेदन है कि कृपया इस समस्या को अपने समाचार पत्र में प्रमुखता से छापें ताकि सबका ध्यान आकर्षित हो और हम लोगों को इस समस्या से शीघ्रातिशीघ्र छुटकारा मिले।
भवदीया
भावना गुलेरिया
प्रश्न 16.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 80 शब्दों में सूचना लिखिए :
(क) आप मोहन चटर्जी / मोहिनी चटर्जी हैं और सर्व शिक्षा विद्यालय के विद्यार्थी परिषद् के /की अध्यक्ष/ अध्यक्षा हैं। अपने विद्यालय में आयोजित होने वाली साइबर सुरक्षा कार्यशाला संबंधी जानकारी विद्यार्थियों तक पहुँचाने के लिए एक सूचना तैयार कीजिए ।
अथवा
(ख) आप निवासी कल्याण संघ के / की सचिव अरुण पटनायक / अरुणा पटनायक हैं। आपकी सोसायटी में शास्त्रीय नृत्य-संगीत की कक्षाएँ शुरू होने वाली हैं। इन कक्षाओं में भाग लेने के लिए इच्छुक लोगों के लिए एक सूचना तैयार कीजिए। (4)
उत्तर:
(क) साइबर सुरक्षा कार्यशाला के लिए सूचना :
सूचना सभी विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि दिनांक 17 अप्रैल से 19 अप्रैल, 20xx तक ‘सर्वशिक्षा विद्यालय’ के ‘विवेकानंद भवन’ में प्रात: 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक साइबर सुरक्षा पर आधारित कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला में दिल्ली के सभी विद्यालयों के साइबर सुरक्षा से जुड़े प्रमुख विशेषज्ञ भाग लेंगे। मुख्य अतिथि भारत सरकार के गृहमंत्री श्री अमित शाह होंगे। कार्यशाला में उन बिन्दुओं को प्रायोगिक रूप से उठाया जाएगा, जिनसे साइबर अपराधों से बचा जा सकता है। कार्यशाला को दिल्ली साइबर सुरक्षा के प्रमुख पुलिस अधीक्षक श्री हितेन्द्र जायसवाल संबोधित करेंगे। आप सभी से अनुरोध है कि समय से आकर अपना-अपना स्थान ग्रहण कर लें। मोहन चटर्जी अध्यक्ष सर्वशिक्षा विद्यालय विद्यार्थी परिषद् |
अथवा
(ख) सोसायटी में शास्त्रीय संगीत, नृत्य एवं संगीत की कक्षाएँ शुरू होने की सूचना :
सूचना सर्वसाधारण को सूचना दी जाती है कि 1 मई से 15 जून 20xx तक कल्याण संघ की ओर से सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक और सायं 5 से 7 बजे तक शास्त्रीय संगीत, वादन और नृत्य की कक्षाएँ आरंभ होने जा रही हैं। नृत्य प्रशिक्षण देश की प्रमुख नृत्यांगना उमा शर्मा की ओर से दिया जाएगा। गायन का प्रशिक्षण पद्मश्री देवेन्द्र वर्मा और वादन का प्रशिक्षण सुप्रसिद्ध संतूर वादक मनोज शर्मा देंगे। प्रशिक्षण शुल्क ₹600 निश्चित किया गया है। प्रत्येक कक्षा में स्थान सीमित हैं। इन्हें ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर आवंटित किया जाएगा। प्रशिक्षण समाप्ति के बाद संस्था की ओर से प्रमाण-पत्र भी वितरित किए जाएँगे । इच्छुक शीघ्र संपर्क करें। अरुणा पटनायक, सचिव कल्याण संघ, 23, ईस्ट पटेल नगर दिल्ली मोबाइल : 98×××××××× |
प्रश्न 17.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 60 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए :
(क) डेंगू-मलेरिया के प्रकोप से बचाव हेतु लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए । (3)
अथवा
(ख) सोलर पंखे बनाने वाली संस्था सूर्य-शक्ति के प्रचार-प्रसार के लिए एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए ।
उत्तर:
(क) डेंगू-मलेरिया के प्रकोप से बचाव के लिए लोगों में जागरुकता बढ़ाने हेतु विज्ञापन :
सावधान! सावधान! सावधान! डेंगू-मलेरिया के बढ़ते प्रकोप से अपने-आप को बचाइए । घरों के आस-पास जमा पानी फौरन हटाइए । कूलर का पानी बदलते रहिए, बदलना संभव न हो तो कूलर के पानी में 1 ढक्कन केरोसीन ऑयल डालिए । पानी की हौदियों अथवा टंकियों को ढक कर रखिए। छतों पर रखे डिब्बों, टायरों इत्यादि में पानी जमा न होने दें। जनहित में ज़ारी दिल्ली नगर निगम विशेष – डेंगू के मच्छर साफ़ एवं रुके हुए पानी में फैलते हैं। विधु चौपड़ा सचिव स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार |
अथवा
(ख) सोलर पंखों के प्रचार हेतु विज्ञापन :
सम्पूर्ण भारत में लोकप्रियता पाने के बाद आ गए हैं अब आपके शहर में भी सूर्य- शक्ति सोलर पंखे ये देते हैं आपको अधिक ठंडी हवा और बिजली की अनावश्यक खपत से राहत क्योंकि इनमें है प्राकृतिक सौर ऊर्जा की असीमित शक्ति तो आज ही लाइए और जीवन को आरामदेह बनाइए । आपके शहर में हर इलेक्ट्रॉनिक दुकान पर उपलब्ध ‘सौर ऊर्जा अपनाइए और बिजली बचाइए’ सूर्य – शक्ति हाऊस, 2467, ओखला, नई दिल्ली ( फूल मंडी के सामने ) |
प्रश्न 18.
(क) ‘जहाँ चाह, वहाँ राह’ शीर्षक पर लगभग 100 शब्दों में एक लघुकथा लिखिए। (5)
अथवा
(ख) आप धनुष सांगवान / धनुश्री सांगवान हैं। आपने ऑनलाइन लैपटॉप खरीदा है परन्तु खरीदने के एक महीने के भीतर ही उसमें खराबी आ गई है। इस बात की जानकारी देते हुए तथा उत्पाद ( लैपटॉप) को बदलने का आग्रह करते हुए कंपनी के ई-मेल पते पर ई-मेल लिखिए।
उत्तर:
(क) लघु कथा :
जहाँ चाह वहाँ राह
मेरी बचपन से इच्छा थी कि मैं एक सैनिक बनूँ परंतु मेरी इस इच्छा की पूर्ति में सबसे बड़ी अड़चन मेरी माँ थीं। प्रत्येक माँ की तरह मेरी माँ भी मुझे बहुत प्यार करती थी। घर में सबसे छोटा और सबका लाडला था। जब भी मैं अपनी माँ से अपने सैनिक बनने की बात कहता तो वह मुझे डाँट देतीं। मेरे मामाजी भी फौज में थे जिस कारण वह वर्ष में एक बार ही अपने परिवार से मिलने आ पाते थे। माँ को यह बात हमेशा अखरती थी इसलिए वह मुझे अपनों से दूर नहीं होने देना चाहती थीं। माँ के हृदय की व्यथा समझकर मैं भी सैनिक बनने के अपने लक्ष्य के विषय में एक फिर सोचता परंतु हर बार माँ के प्यार पर देश का प्यार हावी हो जाता और मेरी इच्छा बलवती होती जाती । जब मैंने अपने पिताजी से इस विषय में बात की तो उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया और उन्होंने मुझे शाबाशी देते हुए कहा कि तुम पढ़ाई पूरी करो और साथ ही स्वयं को शारीरिक परीक्षा के लिए भी तैयार करो। जब भी सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए फॉर्म निकलेंगे तो मैं स्वयं तुम्हारी इस इच्छा की पूर्ति के लिए प्रयास करूँगा । पिताजी के इन शब्दों ने मेरे अंदर नवीन ऊर्जा भर दी।
मुझे यह अच्छी तरह पता था कि चाह जीवन के उत्कर्ष द्वार खोलती है, सुख-सौभाग्य की बारिश करती है और मंगलमय जीवन का अभयदान देती है। मेरे भी दिन-रात ‘जहाँ चाह वहाँ राह’ उक्ति के सार्थक होने की चाह में बीतने लगे और मैं कड़ी मेहनत करते हुए अपने लक्ष्य को पाने के लिए व्याकुल होता
जा रहा था।
एक दिन अचानक समाचार मिला कि मेरे मामाजी, जो कि कश्मीर में तैनात थे, सीमा की सुरक्षा करते हुए 7-8 आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए हैं। मैं भी अपने माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ उन्हें अन्तिम प्रणाम करने अपने ननिहाल पहुँचा। जब मेरे शहीद मामाजी का पार्थिव शरीर उनके निवास पर पहुँचा तो उनका शव देखकर मेरी माँ भावुक हो गईं। उन्होंने रोते हुए मेरा हाथ थाम लिया और मामाजी के मस्तक पर रखकर कहा, ‘भैया, तुम्हारी शहादत को बार-बार प्रणाम है। तुम्हारा बचा हुआ काम अब मेरा मोनू पूरा करेगा । मैं पूरे उत्साह से उसे सेना में भर्ती होने के लिए भेजूंगी। यह सुनकर मुझे तो जैसे मुँहमांगी मुराद मिल गई ।
मैं अपनी चाह लिए साल-दर-साल आगे बढ़ता रहा। जिस वर्ष मैंने अपनी स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की उसी वर्ष सेना में लेफ्टीनेंट पद के लिए भर्ती निकली। मैंने आवेदन किया और मेरा चुनाव सेना में हो गया। मेरे लिए अंततः ‘जहाँ चाह वहाँ राह’ वाली सूक्ति चरितार्थ हो गई ।
अथवा
(ख) खराब लैपटॉप को बदलने हेतु कम्पनी को ई-मेल :
From: [email protected]
To: [email protected]
cc/bcc: (आवश्यकतानुसार cc और bcc की लाइन को भरा जाता है) विषय : खराब लैपटॉप को बदलने के संदर्भ में।
मैंने बीते माह 7 मार्च, 20xx को आपके प्रतिष्ठान कुमार इलेक्ट्रॉनिक्स, 145 डीलैक्स कॉम्पलैक्स, पानीपत से ‘सेल’ कंपनी का एक लैपटॉप खरीदा था। क्रय रसीद क्रमांक – 1256 है। दस दिन बाद ही यह अपने आप ही बंद होकर रिस्टॉट होने लगा और कल तो यह एकदम बंद ही हो गया। मैंने ऑन करने की बहुत कोशिश की परंतु यह ऑन ही नहीं हुआ ।
खरीदने के एक महीने बाद ही लैपटॉप का खराब हो जाना आपकी सेवाओं पर प्रश्नचिह्न लगाता है। आपसे निवेदन है कि इसे तत्काल बदलने की कृपा करें। कृपया आप मुझे ई-मेल द्वारा यह सूचित कर दें कि किस दिन और किस समय मैं आपके प्रतिष्ठान पर लैपटॉप लेकर आ जाऊँ।
प्रार्थी
धनुश्री सांगवान
SET II Code No. 4/6/2
निम्न प्रश्नों के अतिरिक्त शेष सभी प्रश्न Set – I में पूछे गए हैं।
प्रश्न 4.
‘रचना की दृष्टि से वाक्य-भेद’ पर आधारित निम्नलिखित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकल्पों को चुनकर लिखिए: (4 × 1 = 4 )
(i) ‘जब उसका हाथ उठता ही रहा तो एक दिन रचना के आधार पर उपर्युक्त का वाक्य भेद बताइए ।
(a) सरल वाक्य
(b) संयुक्त वाक्य
(c) मिश्र वाक्य
(d) विधानवाचक वाक्य
उत्तर:
(c) मिश्र वाक्य
(ii) ‘चार बजकर चौबीस मिनट पर सुभाष बाबू जूलूस लेकर आए।’ इस वाक्य का मिश्र वाक्य में रूपांतरित वाक्य कौन-सा है ?
(a) चार बजकर चौबीस मिनट हुए और सुभाष बाबू जुलूस लेकर आ गए।
(b) चार बजकर चौबीस मिनट होते ही सुभाष बाबू जुलूस लेकर आए।
(c) चार बजकर चौबीस मिनट हुए तब सुभाष बाबू जुलूस लेकर आए ।
(d) चार बजकर चौबीस मिनट हो गए थे इसलिए सुभाष बाबू जुलूस लेकर आए।
उत्तर:
(c) चार बजकर चौबीस मिनट हुए तब सुभाष बाबू जुलूस लेकर आए ।
(iii) निम्नलिखित कथनों में सही कथन है-
(a) संयुक्त वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य के साथ आश्रित उपवाक्य होते हैं।
(b) संयुक्त वाक्यों में उसके प्रत्येक वाक्य का अपना स्वतंत्र अस्तित्व होता है।
(c) मिश्र वाक्यों में उसके प्रत्येक वाक्य का अपना स्वतंत्र अस्तित्व होता है।
(d) सरल वाक्यों में उसके प्रत्येक वाक्य का अपना स्वतंत्र अस्तित्व होता है।
उत्तर:
(b) संयुक्त वाक्यों में उसके प्रत्येक वाक्य का अपना स्वतंत्र अस्तित्व होता है।
(iv) निम्नलिखित वाक्यों में सरल वाक्य का उदाहरण नहीं है-
(a) तुमने तो अभी केवल एक दरजा पास किया है।
(b) बटेर केवल एक ही बार हाथ लग सकती है।
(c) घंटे दो घंटे बाद निराशा के बादल फट जाते।
(d) जैसा तजुरबा उन्हें है उसकी बराबरी नहीं हो सकती ।
उत्तर:
(d) जैसा तजुरबा उन्हें है उसकी बराबरी नहीं हो सकती ।
(v) ” हरिहर काका के प्रति मेरी आसक्ति के अनेक व्यावहारिक और वैचारिक कारण हैं। ”
रचना की दृष्टि से वाक्य का यह कौन -सा भेद है?
(a) मिश्र वाक्य
(b) सरल वाक्य
(c) संयुक्त वाक्य
(d) सामान्य वाक्य
उत्तर:
(b) सरल वाक्य
प्रश्न 5.
‘समास’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए। (4 × 1 = 4)
(i) ‘फलानुसार’ शब्द किस समास का उदाहरण है?
(a) द्वंद्व समास
(b) तत्पुरुष समास
(c) बहुव्रीहि समास
(d) अव्ययीभाव समास
उत्तर:
(b) तत्पुरुष समास
(ii) किस समास में पूर्व पद प्रधान होता है?
(a) अव्ययीभाव समास
(b) तत्पुरुष समास
(c) द्वंद्व समास
(d) कर्मधारय समास
उत्तर:
(a) अव्ययीभाव समास
(iii) ‘स्वर्णकिरण’ समस्त पद का सही समास विग्रह है
(a) स्वर्ण और किरण
(b) स्वर्ण या किरण
(c) सोने की किरण
(d) स्वर्ण सम किरण
उत्तर:
(a) स्वर्ण और किरण
(iv) निम्नलिखित में बहुव्रीहि समास का सही उदाहरण है-
(a) फलानुसार
(b) लंबोदर
(c) भाग्यहीन
(d) मदांध
उत्तर:
(b) लंबोदर
(v) नीचे लिखे युग्मों में ‘मनोबल’ का सही समास विग्रह और भेद किस युग्म में है ?
(a) मन के लिए बल – तत्पुरुष समास
(b) मन का बल – तत्पुरुष समास
(c) मन और बल – द्वंद्व समास
(d) मन ही बल – तत्पुरुष समास
उत्तर:
(b) मन का बल – तत्पुरुष समास
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में लिखिए : (2 × 3 = 6)
(क) ‘अब कहाँ दूसरों के दुख से दुखी होने वाले’ पाठ में अनेक लोगों का उल्लेख है, जो जीव-जन्तुओं के प्रति संवेदनशील थे। आपको उनमें से सबसे अच्छा कौन लगा? कारण सहित लिखिए।
(ख) तताँरा-वामीरो कथा के आधार पर लिखिए कि आप कैसे कह सकते हैं कि तताँरा की तलवार में अद्भुत शक्ति थी ? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए ।
(ग) ‘बड़े भाई साहब’ पाठ के संदर्भ में लिखिए कि तात्कालिक शिक्षा व्यवस्था में बड़े भाई साहब को क्या-क्या कमियाँ दिखाई देती थीं?
उत्तर:
(क) ‘अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने’ वाले पाठ में मशहूर शायर निदा फ़ाज़ली ने दूसरों के दुख में दुखी होने वाले अनेक लोगों का उल्लेख किया है। इनमें सुलेमान राजा, नूह नामक पैगम्बर, सिन्धी भाषा के कवि शेख अयाज़ और शायर की माँ का उल्लेख है । यद्यपि सभी लोग हमें इसलिए प्रभावित करते हैं कि उनमें जीव-जन्तुओं के प्रति प्रेम-भाव है और वे उनकी पीड़ा को भली-भाँति समझते हैं पर हमें लेखक की माँ का चरित्र विशेष प्रभावित करता है। उनके अनुसार सूरज ढलने के बाद न तो पेड़ों से पत्ते तोड़े जाएँ और न ही पक्षियों को परेशान किया जाए। हम उनके इस भाव से भी विशेष प्रभावित हैं जिसमें कबूतर के घोंसले से बिल्ली द्वारा अंडा तोड़ने से व्यथित होकर वह कबूतर के दूसरे अंडे को बचाने की कोशिश करती हैं लेकिन इस कोशिश में अंडा उनके हाथ से छूटकर टूट जाता है। माँ इस घटना से अत्यंत व्यथित होती हैं और स्वयं को गुनाहगार समझते हुए अपने इस गुनाह की माफ़ी के लिए पूरे दिन उपवास रखती हैं।
(ख) ‘तताँरा – वामीरो कथा’ में तताँरा अपने साथ हमेशा एक लकड़ी की तलवार रखता था। ग्रामीणों की दृष्टि में वह तलवार अद्भुत थी। गाँववालों का यह विश्वास था कि उसमें दैवीय शक्ति समाहित थीं। पशु-पर्व आयोजन के दिन तताँरा और वामीरो ने जब एक-दूसरे को देखा तो वामीरो दुखी होकर रोने लगी । वामीरो की माँ दोनों को साथ देखकर बहुत क्रोधित हुई और उसने तताँरा का बहुत अपमान किया। सबके सामने हुए इस अपमान के कारण क्रोध में आकर तताँरा ने अपनी तलवार निकालकर उसे पूरी ताकत से धरती के सीने में घौंप दिया। वह तलवार की एक लकीर खींचते हुए दूर तक चला गया। इससे धरती पर दरार पड़ने लगी। वामीरो दो टुकड़ों में बँटती हुई धरती के किनारे दौड़ रही थी। तताँरा द्वीप के अन्तिम सिरे तक तलवार से धरती को चीरता हुआ चला गया । द्वीप दो टुकड़ों में बँट चुका था। इस घटना के कारण हम कह सकते हैं कि तताँरा की तलवार में अद्भुत शक्ति थी ।
(ग) प्रेमचंद की कहानी ‘बड़े भाई साहब’ में बड़े भाई को तात्कालिक शिक्षा व्यवस्था में यह कमी लगती थी कि वह शिक्षा व्यावहारिक नहीं थी। शिक्षा व्यवहार से कोसों दूर केवल पुस्तकीय ज्ञान पर आधारित थी। बड़े भाई साहब जीवन के अनुभव को पुस्तकीय ज्ञान से बेहतर मानते थे। उनका मानना था कि केवल पुस्तकें पढ़ लेने और इम्तिहान पास कर लेने से जीवन की समझ नहीं आती। बड़ी उम्र के लोगों को अधिक समझ होती है। पुस्तकों से शिक्षा का ज्ञान भले हो जाए परंतु बहुत सी ऐसी बातें हैं जिनका ज्ञान केवल जिंदगी के अनुभवों द्वारा ही होता है । बड़े भाई छोटे भाई को अपनी बात तर्क के साथ समझाते हैं। एक स्थान पर वह कहते हैं, ” दैव न करे, कभी घर में कोई गंभीर बीमार पड़ जाए, तब क़िताबी ज्ञान कुछ काम में नहीं आएगा, तब जिंदगी का अनुभव ही काम आता है। क़िताबी ज्ञान से घर नहीं चलाया जा सकता।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए : (2 × 3 = 6)
(क) अपने किन हितों को पूरा करने के लिए मीरा कृष्ण की चाकरी करना चाहती थीं? ‘पद’ कविता के आधार पर लिखिए ।
(ख) मानव जीवन का सबसे बड़ा भय मृत्यु ही है, फिर भी ‘मनुष्यता’ कविता में कवि ने मृत्यु से भयभीत न होने की बात क्यों कही है?
(ग) ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ कविता के आधार पर पर्वतों द्वारा अपने रूप-सौन्दर्य को निहारने की कल्पना और कारण स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
(क) मीराबाई प्रतिपल अपने आराध्य श्रीकृष्ण का सामीप्य चाहती हैं। इसके लिए यदि उन्हें अपने स्तुत्य की चाकरी भी करनी पड़ेगी तो उनको इसमें कोई परेशानी नहीं है। वह अपने मुरलीधर की चाकरी इसलिए भी करना चाहती हैं कि चाकर बनकर वह नित्य ही अपने स्वामी श्रीकृष्ण के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त करेंगी। वह निरंतर उनका स्मरण करेंगी। ऐसा करने से उन्हें भक्ति की अपूर्व और अमूल्य जागीर प्राप्त हो सकेगी।
(ख) राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त कहते हैं कि प्रकृति के अन्य प्राणियों की तुलना में मनुष्य में चेतना शक्ति सबसे अधिक प्रबल है। मनुष्य को सबसे अधिक डर मृत्यु से लगता है। यदि मनुष्य जन्म लेता है तो उसकी मृत्यु भी निश्चित ही है। हमें मृत्यु से भयभीत नहीं होना चाहिए बल्कि परोपकार हेतु अपना सर्वस्व न्योछावर करने के लिए तत्पर रहना चाहिए । जब हम दूसरों के लिए जीते हैं तो लोग हमें मृत्यु के पश्चात् भी याद रखते हैं। जो मनुष्य पशु – प्रवृत्ति से बचकर रहता है, दूसरों के लिए त्याग करता है और कभी भी किसी की सहायता करने से पीछे नहीं हटता वह मनुष्य कभी मृत्यु से भयभीत नहीं होता । उसकी मृत्यु सुमृत्यु कहलाती है ।
(ग) प्रकृति के सुकुमार एवं सुकोमल कवि सुमित्रानंदन पंत ने ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ कविता के माध्यम से वर्षा ऋतु में पर्वत प्रदेश में क्षण-क्षण में हो रहे परिवर्तनों के सौन्दर्य का मोहक चित्रण किया है। पर्वत इतने मनोहर हैं कि वे अपने रूप-सौन्दर्य पर मंत्रमुग्ध हैं। पर्वतों पर खिले फूल जैसे फूल ना होकर उनके नेत्र जान पड़ते हैं मानो वे इन सैकड़ों नेत्रों से मनोहारिणी प्रकृति का रसपान कर रहे हैं। झरने भी पर्वतों का गुणगान कर रहे हैं। उनकी बूँदों का जैसे हार पहने हैं। पर्वतों पर आकांक्षाओं के समान हज़ारों वृक्ष हैं जो नीले आकाश को निहार रहे हैं। उन्हें देखकर ऐसा लगता है जैसे किसी घनघोर चिंता में निमग्न हों। चारों ओर छाई धुंध में पर्वत, सरोवर सब लुप्त हो जाते हैं। तब ऐसा लगता है कि मानो सरोवर में आग लग गई हो और उसी का धुआँ उठ रहा हो। वर्षा ऋतु में पर्वत अपने वृक्षों तथा उन पर लगे पूर्ण विकसित फूलों और वर्षा के बादलों के कारण अत्यंत मनोहर जान पड़ते हैं, अतः प्रसन्न होकर वे अपने रूप-सौंदर्य को झीलों के दर्पण में निहार रहे हैं।
प्रश्न 16.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 80 शब्दों में सूचना लिखिए :
(क) आप संगीत महिपाल / संगीता महिपाल हैं और राजकीय माध्यमिक विद्यालय के छात्र परिषद् के खेल सचिव हैं। अपने विद्यालय में आयोजित होने वाले ‘वार्षिक खेल महोत्सव’ के संबंध में विवरण सहित एक सूचना लिखिए । (4)
अथवा
(ख) आप निवासी कल्याण संघ के सचिव श्रेष्ठ सहाय/ श्रेष्ठा सहाय हैं। आपकी सोसायटी में निःशुल्क नेत्र जाँच शिविर का आयोजन होने वाला है। शिविर में भाग लेने के इच्छुक लोगों को आमंत्रण देते हुए एक सूचना तैयार कीजिए ।
उत्तर:
(क) विद्यालय में आयोजित होने वाले ‘वार्षिक खेल महोत्सव’ की सूचना :
सूचना आपको यह जानकर हर्ष होगा कि राजकीय महाविद्यालय, धीरपुर, दिल्ली, के क्रीड़ा प्रांगण में 15 सितम्बर से 25 सितम्बर तक सालाना खेल महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। महोत्सव में क्रिकेट, फुटबॉल, तीरंदाजी और बॉक्सिंग खेलों का आयोजन होगा। इसमें दिल्ली के सभी सरकारी और ग़ैर-सरकारी स्कूलों के छात्र हिस्सा ले सकते हैं। विभिन्न खेलों में भाग लेने के इच्छुक विद्यार्थी 7 सितम्बर तक अपने आवेदन अपने-अपने स्कूल में जमा करवा दें। इसके पश्चात् मिलने वाले आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा। खेल महोत्सव के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि मशहूर क्रिकेटर और विधायक श्री गौतम गंभीर होंगे। खेल महोत्सव का समय सुबह 9 बजे से सायं 5 बजे तक होगा। संगीत महिपाल सचिव छात्र खेल परिषद् राजकीय सीनियर सेकेण्डरी स्कूल धीरपुर, दिल्ली मोबाइल : 98xxxxxxxx |
अथवा
(ख) निःशुल्क नेत्र – जाँच शिविर के आयोजन की सूचना :
सूचना आप सभी को सूचित किया जाता है कि नागरिक कल्याण संघ की ओर से सोसायटी क्लब हाउस में रविवार 9 अप्रैल, 20xx को सुबह 10 बजे से सायं 5 बजे तक नेत्र – जाँच शिविर का आयोजन किया जा रहा है। शिविर में आधुनिक मशीनों से नेत्रों की जाँच की जाएगी और नेत्र – संबंधी विभिन्न बीमारियों के संबंध में परामर्श भी दिया जाएगा। नेत्र – जाँच के बाद ज़रूरतमंदों को निःशुल्क चश्मे देने की व्यवस्था की जाएगी। इच्छुक समय में आकर नेत्र – जाँच शिविर का लाभ उठाएँ। श्रेष्ठ सहाय सचिव अ०ब०स० सोसायटी नई दिल्ली मोबाइल : 98xxxxxxxx |
SET III Code No. 4/6/3
निम्न प्रश्नों के अतिरिक्त शेष सभी प्रश्न Set – I तथा Set-II में पूछे गए हैं।
प्रश्न 3.
‘रचना की दृष्टि से वाक्य भेद’ पर आधारित निम्नलिखित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए: (4 × 1 = 4)
(i) ” जब अगले वर्ष भी उसे नवें दर्जे में ही बैठना पड़ा तो वह बिलकुल हताश हो गया । ”
इस वाक्य का रचना के आधार पर वाक्य भेद बताइए ।
(a) सरल वाक्य
(b) संयुक्त वाक्य
(c) मिश्र वाक्य
(d) विधानवाचक वाक्य
उत्तर:
(c) मिश्र वाक्य
(ii) “हम सभी पंक्ति के पहले और आखिरी विद्यार्थी का ध्यान रखते हैं। ”
इस वाक्य का मिश्र वाक्य में रूपांतरित वाक्य होगा-
(a) जब हम सब पंक्ति में होते तो पहले और आखिरी विद्यार्थी का ध्यान रखते।
(b) हम सब कतार में होते और पहले और आखिरी विद्यार्थी का ध्यान रखते।
(c) हम सभी पंक्ति में रहते हुए पहले और आखिरी विद्यार्थी का ध्यान रखते ।
(d) पहले और आखिरी विद्यार्थी का ध्यान रखते हुए हम सभी पंक्ति में रहते ।
उत्तर:
(a) जब हम सब पंक्ति में होते तो पहले और आखिरी विद्यार्थी का ध्यान रखते।
(iii) निम्नलिखित कथनों में सही कथन नहीं है-
(a) वाक्य का रूप परिवर्तित करते समय उसका अर्थ परिवर्तित नहीं होना चाहिए।
(b) वाक्य का रूप परिवर्तित करते समय उसका अर्थ भी परिवर्तित होना चाहिए।
(c) सरल वाक्य में एक ही उद्देश्य और एक ही विधेय होता है ।
(d) संयुक्त वाक्यों में उसके प्रत्येक वाक्य का अपना स्वतंत्र अस्तित्व होता है।
उत्तर:
(b) वाक्य का रूप परिवर्तित करते समय उसका अर्थ भी परिवर्तित होना चाहिए।
(iv) नीचे लिखे वाक्यों में कौन-सा वाक्य सरल वाक्य नहीं है?
(a) फिर छुट्टियाँ बीतने लगतीं तो दिन गिनने लगते ।
(b) खेल – कूद और तालाब में नहाना भी भूलने लगता ।
(c) स्कूल की पिटाई का डर और बढ़ने लगता ।
(d) मुझे कापियों और किताबों से गंध आने लगती ।
उत्तर:
(a) फिर छुट्टियाँ बीतने लगतीं तो दिन गिनने लगते ।
(v) ” वे हज़ार रुपए पाते हैं और अच्छे से रहते हैं। ” – रचना की दृष्टि से यह वाक्य है :
(a) सरल वाक्य
(b) मिश्र वाक्य
(c) साधारण वाक्य
(d) संयुक्त वाक्य
उत्तर:
(d) संयुक्त वाक्य
प्रश्न 6.
‘समास’ पर आधारित निम्नलिखित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए : (4 × 1 = 4)
(i) किस समास में पूर्व पद प्रधान होता है?
(a) द्विगु समास
(b) द्वंद्व समास
(c) अव्ययीभाव समास
(d) कर्मधारय समास
उत्तर:
(c) अव्ययीभाव समास
(ii) ‘भाग्यहीन’ शब्द किस समास का उदाहरण है?
(a) द्वंद्व समास
(b) अव्ययीभाव समास
(c) बहुव्रीहि समास
(d) तत्पुरुष समास
उत्तर:
(d) तत्पुरुष समास
(iii) ‘प्रेमकथा’ का उपयुक्त समास विग्रह है
(a) प्रेम रूपी कथा
(b) प्रेम और कथा
(c) प्रेम से कथा
(d) प्रेम की कथा
उत्तर:
(d) प्रेम की कथा
(iv) नीचे लिखे शब्दों में बहुव्रीहि समास का सही उदाहरण है
(a) झंडोत्सव
(b) पुनरावृत्ति
(c) लाल बाज़ार
(d) त्रिलोकनाथ
उत्तर:
(d) त्रिलोकनाथ
(v) ‘भयाकुल’ का सही समास विग्रह और भेद होगा
(a ) भय के लिए आकुल – तत्पुरुष समास
(b) भय का आकुल – तत्पुरुष समास
(c) भय और आकुल – द्वंद्व समास
(d) भय से आकुल – तत्पुरुष समास
उत्तर:
(d) भय से आकुल – तत्पुरुष समास
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में लिखिए : (2 × 3 = 6)
(क) ‘अब कहाँ दूसरों के दुख से दुखी होने वाले’ पाठ के आधार पर लिखिए कि पहले और अब के संसार में जीवन शैली में क्या अंतर आ गया है?
(ख) पशु-पर्व में अपने क्रोध को शांत करने के लिए तताँरा ने क्या किया? उसकी प्रतिक्रिया के पक्ष या विपक्ष में तर्क सम्मत उत्तर दीजिए ।
(ग) छोटे भाई के कक्षा में अव्वल आने पर भी बड़े भाई साहब द्वारा उसके तिरस्कार के क्या कारण थे?
उत्तर:
(क) निदा फ़ाज़ली के लेख ‘अब कहाँ दूसरों के दुख से दुखी होने वाले’ में बताया है कि पहले लोगों को जीव-जन्तुओं से वास्तव में प्यार था। वे उन्हें किसी भी प्रकार से दुखी नहीं करना चाहते थे बल्कि उनके दुःख-दर्द को दूर करने का भरपुर प्रयत्न करते थे। राजा सुलेमान, सिन्धी भाषा के मशहूर कवि शेख अयाज़, पैगंबर नूह इस कथन की मिसाल हैं परंतु आज ज़माना स्वार्थी हो गया है। लोगों के जीवन जीने के तरीकों में बदलाव आ गया है। अब लोग केवल अपनी ही पहवाह करते हैं बाकी दुनिया से उसे कोई मतलब नहीं। यदि कोई इंसान सड़क पर घायल पड़ा है तो लोग उसकी सहायता नहीं करते बल्कि ऐसे ही तमाशा देखते रहते हैं । जहाँ इंसान की ये स्थिति है वहाँ जीव-जंतुओं के लिए दया कहाँ से आएगी। इस स्वार्थी सोच से समाज में यह अन्तर आया है कि अब इंसानियत मर गई है और यह किसी भी समाज के पतन का मुख्य कारण है।,
(ख) जब गाँववालों के सामने तताँरा को वामीरों की माँ ने अपमानित किया तो तताँरा को भी गुस्सा गया। अपना गुस्सा शांत करने के लिए उसने अपनी कथित अद्भुत तलवार धरती में गाढ़ दी और लकीर खींचते हुए बहुत दूर तक चला गया। परिणामस्वरूप धरती पर दरार पड़ गई और द्वीप दो हिस्सों में बंट गया। जहाँ तताँरा खड़ा था द्वीप का वह भाग डूबने लगा । द्वीप ने उसे अपने भीतर समा लिया। हमारे विचार में तताँरा और वामीरो को गाँववालों की उक्त परंपरा के विरुद्ध डटकर खड़ा होना चाहिए था । वे एक-दूसरे से सच्चा प्रेम करते थे, ये बात उनको अपने गाँववालों और वामीरो के परिवारवालों को समझानी चाहिए थी। गुस्से और क्षोभ में कारण अपना जीवन खत्म नहीं करना चाहिए था ।
(ग) ‘बड़े भाई साहब’ कहानी में छोटे भाई को कक्षा में अव्वल आने पर भी बड़े भाई के हाथों तिरस्कृत होना पड़ता था । इसका मुख्य कारण यह था कि बड़े भाई को छोटे भाई का खेलना और पतंगबाजी बिलकुल पसंद नहीं था और वह चाहते थे कि वह इन सबमें अपना कीमती समय व्यर्थ न जाने दे । वह यह भी चाहते थे कि छोटा भाई केवल पढ़ाई में अपना ध्यान लगाए और उनके पिता का मेहनत से कमाया धन न उड़ाए। मगर छोटा भाई बड़े भाई के इन सारे उपदेशों की अवहेलना करता था। इसलिए वे उसे तिरस्कृत करते रहते थे। तिरस्कृत करने की एक वजह यह भी थी कि बड़े भाई को लगता था कि छोटे को पढ़ाई में अव्वल आने पर अभिमान हो गया है।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए (2 × 3 = 6)
(क) प्रथम पद में मीरा अपने आराध्य से कैसे और क्या प्रार्थना करती हैं?
(ख) ‘मनुष्यता’ कविता में भाग्यहीन किसे और क्यों कहा गया है? अपने शब्दों में लिखिए ।
(ग) ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ कविता में पर्वतों की दृष्टि किसे कहा गया है? पर्वत अपना प्रतिबिंब कहाँ और क्यों निहार रहे हैं?
उत्तर:
(क) मीरा के आराध्य हैं नटनागर मुरधीधर श्रीकृष्ण । वह उनकी अनन्य दासी हैं। वह उनसे प्रार्थना करती हैं कि वह श्रीकृष्ण के वियोग में बहुत व्याकुल हैं और वह उनसे मिलन के लिए अधीर भी हैं। वह यह भी निवेदन करती हैं कि उन्होंने तो अनेक दुखी भक्तों का कष्ट दूर किया है। अतः जैसे उन्होंने दूसरों की पीड़ा हरी है वैसे उनकी भी पीड़ा हर लें। मीराबाई आगे उदाहरण देते हुए कहती हैं कि आपने द्रौपदी के चीरहरण के समय उनका वस्त्र इतना बढ़ा दिया कि दुशासन उन्हें भरी सभा में लज्जित नहीं कर पाया। भक्त प्रह्लाद को बचाने के लिए आपने नृसिंह रूप धारण किया और डूबते हाथी को मगरमच्छ से बचाने के लिए मगरमच्छ को मार गिराया। इस प्रकार जिस तरह तुमने इन सबकी पीड़ा का हरण कर लिया उसी तरह मेरी भी हर लो।
(ख) कवि ने ‘मनुष्यता’ कविता में भाग्यहीन ऐसे व्यक्ति को कहा है जो संसार में रहकर भी ईश्वर के प्रति श्रद्धा और विश्वास नहीं रखता। ऐसा व्यक्ति भाग्यहीन इस कारण है क्योंकि ऐसा व्यक्ति ईश्वर की कृपा की आंकाक्षा नहीं करता केवल संसार में रहकर सांसारिक सुखों की ही कामना रखता है। ऐसा व्यक्ति प्रभु में आस्था ना रख अधीर हो जाता है और जो ईश्वर की कृपा छोड़कर अधिक पाने के लिए अधीर रहता है वह सदा अशांत रहता है।
(ग) सुमित्रानंदन पंत की विख्यात कविता ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ में पर्वतों के सौन्दर्य का अद्वितीय वर्णन है। पर्वतों पर अनेक तरुवर सुशोभित हैं जिन पर असंख्य सुमन पूर्णत: विकसित हैं। कवि ने इन पुष्पों को पर्वतों की दृष्टि कहा है। वर्षा ऋतु में पर्वत अपने वृक्षों तथा झरनों के पानी के कारण अत्यंत मनोहर जान पड़ते हैं। झरनों का पानी उन पर पड़ता है तो मानो प्रतीत होता है कि मोतियों की लड़ियाँ पर्वतों पर बिखरी हैं। अतः प्रसन्न होकर वे अपने रूप-सौंदर्य को झीलों के दर्पण में निहार रहे हैं।
प्रश्न 17.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 80 शब्दों में सूचना लिखिए :
(क) आप अभय सिंह / अभया सिंह हैं और ‘समर्पण’ नामक गैर-सरकारी संगठन के अध्यक्ष/की अध्यक्षा हैं। आपका संगठन प्रौढ़ों के लिए निःशुल्क सायंकालीन कक्षाएँ प्रारंभ करने जा रहा है। इन कक्षाओं में भाग लेने के इच्छुक लोगों के लिए एक सूचना तैयार कीजिए ।
अथवा
(ख) आप हर्ष चतुर्वेदी / हर्षा चतुर्वेदी हैं और विकास माध्यमिक विद्यालय के छात्र परिषद की अध्यक्ष / अध्यक्षा हैं। विद्यालय में आयोजित होने वाली ‘कैरियर परामर्श कार्यशाला’ की जानकारी देते हुए एक सूचना तैयार कीजिए ।
उत्तर:
(क) प्रौढ़ों के लिए निःशुल्क सायंकालीन कक्षाएँ आरंभ करने की सूचना :
सूचना हर्ष के साथ सूचित किया जाता है कि गैरसरकारी संगठन ‘समर्पण’ की ओर से सरस्वती शिशु मन्दिर, जनकपुरी, दिल्ली में पहली 1 जून, 20xx से प्रौढ़ों ( महिलाओं और पुरुषों) के लिए निःशुल्क सायंकालीन कक्षाएँ आरंभ की जा रही हैं। महिलाओं और पुरुषों की कक्षाएँ अलग-अलग आयोजित की जाएँगी। महिलाओं का शिक्षण समय सायं 5 से 7 बजे तक होगा और पुरुषों का शिक्षण समय रात्रि 7 बजे से 9 बजे तक होगा। अध्ययन सामग्री भी ‘समर्पण’ की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी। इच्छुक अपना नाम 25 मई तक ‘समर्पण’ के जनकपुरी कार्यालय में लिखवा दें। अभयसिंह अध्यक्ष ‘समर्पण’ 167, समर्पण कार्यालय, जनकपुरी, दिल्ली मोबाइल : 98xxx××××× |
अथवा
(ख) विद्यालय में आयोजित होने वाली ‘कैरियर परामर्श कार्यशाला’ की सूचना :
सूचना आपको जानकर खुशी होगी कि दिनांक 6 जून, 20xx से 10 जून, 20xx तक विकास माध्यमिक विद्यालय, लोधी कालोनी के ‘भगतसिंह भवन’ में सेकेण्डरी और सीनियर सेकेण्डरी छात्रों के लिए ‘कैरियर परामर्श कार्यशाला’ का आयोजन कर रहा है। कार्यशाला सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक आयोजित की जाएगी। इसमें छात्र और छात्राएँ दोनों ही भाग ले सकेंगे। कार्यशाला में प्रदेश रोज़गार प्रशिक्षक डॉ. फूलचंद और सुश्री सुमित्रा सेन अपना मूल्यवान् परामर्श देंगे। विद्यार्थियों को यह बताया जाएगा कि वे अपनी योग्यता अनुसार रोज़गार के मौके किस प्रकार हासिल कर सकते हैं। साथ ही यह भी बताया जाएगा कि अपनी इच्छानुसार विषय चुनने में उनको किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। इच्छुक विद्यार्थी 1 जून तक अपने आवेदन विद्यालय कार्यालय में जमा करा दें। इसके बाद किसी भी प्रकार के आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। हर्षा अध्यक्ष विकास माध्यमिक विद्यालय छात्र परिषद् मोबाइल : 98xxx××××× |