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CBSE Class 10 Hindi B Question Paper 2019 (Series: JMS/4) with Solutions
निर्धारित समय : 3 घण्टे
अधिकतम अंक : 80
सामान्य निर्देश :
- इस प्रश्न-पत्र में चार खंड हैं- क, ख, ग और घ ।
- चारों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव प्रत्येक खंड के उत्तर क्रमशः दीजिए।
SET I Code No. 4/4/1
खण्ड ‘क’
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
शिक्षा व्यक्ति और समाज दोनों के विकास के लिए अनिवार्य है। अज्ञान के अंधकार में जीना तो मृत्यु से भी अधिक कष्टकर है। ज्ञान के प्रकाश से ही जीवन के रहस्य खुलते हैं और हमें अपनी पहचान मिलती है। शिक्षा मनुष्य को मस्तिष्क और देह का उचित प्रयोग करना सिखाती है। वह शिक्षा जो मानव को पाठ्य-पुस्तकों के ज्ञान के अतिरिक्त कुछ गंभीर चिंतन न दे, व्यर्थ है। यदि हमारी शिक्षा सुसंस्कृत, सभ्य, सच्चरित्र एवं अच्छे नागरिक नहीं बना सकती, तो उससे क्या लाभ? सहृदय, सच्चा परंतु अनपढ़ मज़दूर उस स्नातक से कहीं अच्छा है जो निर्दय और चरित्रहीन है। संसार के सभी वैभव और सुख-साधन भी मनुष्य को तब तक सुखी नहीं बना सकते जब तक कि मनुष्य को आत्मिक ज्ञान न हो। हमारे कुछ अधिकार व उत्तरदायित्व भी हैं। शिक्षित व्यक्ति को अपने उत्तरदायित्वों और कर्त्तव्यों का उतना ही ध्यान रखना चाहिए जितना कि अधिकारों का क्योंकि
उत्तरदायित्व निभाने और कर्त्तव्यों का पालन करने के बाद ही हम अधिकार पाने के अधिकारी बनते हैं।
(क) अज्ञान में जीवित रहना मृत्यु से अधिक कष्टकर है, ऐसा क्यों कहा गया है ? [2]
(ख) शिक्षा के किन्हीं दो लाभों को समझाइए | [2]
(ग) अधिकारों और कर्तव्यों का पारस्परिक संबंध समझाइए । [2]
(घ) शिक्षा व्यक्ति और समाज दोनों के विकास के लिए क्यों आवश्यक है? [2]
(ङ) इस गद्यांश के लिए एक उपयुक्त शीर्षक दीजिए। [1]
उत्तर:
(क) अज्ञान में जीवित रहना मृत्यु से अधिक कष्टकर इसलिए है, क्योंकि ज्ञान के प्रकाश से ही जीवन के रहस्य खुलते हैं और हमें अपनी पहचान मिलती है।
(ख) शिक्षा के दो लाभ-
(i) शिक्षा मनुष्य को मस्तिष्क और देह का उचित प्रयोग करना सिखाती है।
(ii) शिक्षा हमें सुसंस्कृत, सभ्य, सच्चरित्र एवं अच्छा नागरिक बनाती है।
(ग) उत्तरदायित्व निभाने और कर्त्तव्य करने के बाद ही व्यक्ति अधिकार पाने के अधिकारी बनते हैं। अधिकारों और कर्त्तव्यों का आपस में बहुत गहरा संबंध है। प्रत्येक नागरिक को अपने अधिकारों और कर्त्तव्यों का ध्यान रखना चाहिए ।
(घ) शिक्षा व्यक्ति और समाज दोनों के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। यदि व्यक्ति शिक्षित होगा तो वह समाज की उन्नति के लिए कार्य करेगा और शिक्षा के द्वारा ही मानव और समाज को एक नई पहचान मिलेगी । शिक्षित व्यक्ति ही अपने अधिकारों और कर्त्तव्यों का सही प्रकार से उपयोग कर अपनी और देश की उन्नति कर सकता है।
(ङ) शीर्षक – शिक्षा का महत्त्व’।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए- [1 × 6 = 6]
पाटलिपुत्र पहुँचकर यूनानी दूत मेगास्थनीज़ आचार्य विष्णुगुप्त से भेंट करने के लिए नगर की सीमा से बाहर स्थित उनकी कुटिया पर जब पहुँचा, उस समय शाम ढलने ही वाली थी, अँधेरा छाने लगा था। मेगास्थनीज़ ने बाहर से ही देखा कि आचार्य अपने आसन पर बैठे कुछ काम करने में लगे हुए हैं। प्रकाश की व्यवस्था के लिए वहीं रखी एक तिपाई पर दीया जल रहा था । मेगास्थनीज़ के द्वार के निकट पहुँचने पर आचार्य ने उसे भीतर आकर स्थान ग्रहण करने का संकेत किया और स्वयं अपने कार्य में तल्लीन रहे। कुछ समय के उपरांत उन्होंने अपका कार्य समाप्त करके प्रकाशमान दीपक को बुझा दिया और पास ही रखा एक अन्य दीपक जला लिया। मेगास्थनीज़ सोचने लगा कि जब एक दीपक जल ही रहा था तो आचार्य ने उसे बुझाकर दूसरा दीपक क्यों जलाया? उससे रहा नहीं गया और उसने आचार्य से इसका कारण पूछ ही लिया । आचार्य ने सहजता से कहा, ‘तुम जब यहाँ आए, तब मैं जो काम कर रहा था, वह राज्य – व्यवस्था से संबंधित था और तब जो दीपक जल रहा था, उसका ख़र्च शासन- तंत्र उठाता है। लेकिन अब चूँकि वह कार्य समाप्त हो गया, इसलिए मैंने वह दीपक बुझा दिया। अभी जो दीपक मैंने जला रखा है उसके ख़र्च का वहन मैं अपनी आय से करता
हूँ। मैं अपने व्यक्तिगत कार्य के लिए राज्य के संसाधन का दुरुपयोग कैसे कर सकता हूँ?”
(i) आचार्य विष्णुगुप्त कहाँ रहते थे? [1]
(ii) मेगास्थनीज़ की सोच का क्या कारण था ? [1]
(iii) मेगास्थनीज़ ने आचार्य से क्या पूछा? [1]
(iv) दीपक की घटना किसकी संदेशवाहक है? [1]
(v) ‘दुरुपयोग’ शब्द में उपसर्ग क्या है? [1]
(vi) आचार्य ने विष्णुगुप्त को दीपक बुझाने का क्या कारण दिया? [1]
उत्तर:
(i) नगर की सीमा से बाहर कुटिया में।
(ii) एक दीपक बुझाकर अन्य दीपक जलाना ।
(iii) दूसरा दीपक जलाने का कारण ।
(iv) प्रशासक की नैतिक जवाबदेही की।
(v) दुर
(vi) आचार्य ने विष्णुगुप्त को अपने राज्य-व्यवस्था में उपयुक्त संसाधन व व्यक्तिगत कार्य में उपयुक्त संसाधन की भिन्नता को समझाते हुए दीपक बुझाने का कारण स्पष्ट किया ।
खण्ड ‘ख’
प्रश्न 3.
नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित शब्दों का पद-परिचय दीजिए :
(i) उसने उनके अनुकरणीय जीवन को नमन किया।
(ii) जैसा करोगे, वैसा भरोगे ।
(iii) प्रिया तुम सचमुच बहुत अच्छी हो ।
(iv) उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित की।
उत्तर:
(i) अनुकरणीय – गुणवाचक विशेज़ण, पुल्लिंग, एकवचन ।
(ii) जैसा – संबंधवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन।
(iii) प्रिया – व्यक्तिवाचक संज्ञा कर्त्ता, स्त्रीलिंग, एकवचन ।
(iv) श्रद्धांजलि – भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन ।
प्रश्न 4.
नीचे लिखे वाक्यों में से किन्हीं तीन वाक्यों का निर्देशानुसार रूपांतरण कीजिए:
(क) जब सूर्योदय हुआ तो चिड़ियाँ चहचहाने लगीं। ( सरल वाक्य में )
(ख) वामीरो से मिलने के बाद तताँरा के जीवन में परिवर्तन आया। (मिश्र वाक्य में )
(ग) हम परस्पर सहयोग से रहकर एक-दूसरे कार हित करें। ( संयुक्त वाक्य में )
(घ) नींव कच्ची होने पर मकान कमजोर रहता है। ( मिश्र वाक्य में )
उत्तर:
(क) सरल वाक्य-सूर्योदय होने पर चिड़ियाँ चहचहाने लगीं।
(ख) मिश्र वाक्य – जब तताँरा वामीरो से मिली, तब उसके जीवन में परिवर्तन आया।
(ग) संयुक्त वाक्य – हम परस्पर सहयोग से रहें और एक-दूसरे का हित करें।
(घ) मिश्र वाक्य – जब नींव कच्ची होती है, तब ही मकान कमजोर रहता है।
प्रश्न 5.
(क) निम्नलिखित में से किन्हीं दो पदों का समास विग्रह करके समास का नाम लिखिए: [2]
पुराणपुरुष, मदांध, परोपकार
उत्तर:
पुराणपुरुष – पुराण का पुरुष – तत्पुरुष समास ।
मदांध – मद से अंधा – करण तत्पुरुष समास ।
परोपकार – दूसरों का उपकार – तत्पुरुष समास ।
(ख) निम्नलिखित में से किन्हीं दो को समस्त पद में परिवर्तित करके समास का नाम लिखिए: [2]
(i) चार मुख हैं जिसके
(ii) कमल जैसे चरण
(iii) कन्या का दान
उत्तर:
(i) चार मुख हैं जिसके – चतुर्मुख – बहुव्रीहि समास ।
(ii) कमल जैसे चरण- चरणकमल – कर्मधार्य समास ।
(iii) कन्या का दान – कन्यादान – तत्पुरुष समास ।
प्रश्न 6.
निम्नलिखित वाक्यों में निहित भाव के अनुसार उपयुक्त मुहावरे लिखिए: [1 × 2 = 2]
(क) वीर देश की रक्षा के लिए अपना घर जलाने को भी तैयार रहते हैं।
(ख) सीता ने सारी बातें सच बोलकर मेरी लाज रख ली।
उत्तर:
(क) घर जलाना (स्वयं को बलिदान करना)
प्रश्न 7.
किन्हीं दो रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित मुहावरों के द्वारा कीजिए: [2]
(क) वे हर बात में …………. अड़ाते हैं।
(ख) भारतीय सैनिकों ने दुश्मन के ……….. छुड़ा दिए।
(ग) उसकी लॉटरी क्या खुल गई कि उसके ……….. पड़ रहे ।
उत्तर:
(क) वे हर बात में टाँग अड़ाते हैं।
(ख) भारतीय सैनिकों ने दुश्मन के छक्के छुड़ा दिए।
(ग) उसकी लॉटरी क्या खुल गई कि उसके पैर ज़मीन पर नहीं पड़ रहे ।
खण्ड ‘ग’
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(क) छोटे भाई को बड़े भाई की किन बातों से लघुता का अनुभव हुआ और क्यों ? [2]
(ख) सुभाष बाबू के जुलूस में स्त्री समाज ने क्या भूमिका निभाई और कैसे? [2]
(ग) अरब में लश्कर को नूह के नाम से क्यों याद किया जाता है? [1]
अथवा
(ग) भूत, भविष्य और वर्तमान में किसे सत्य माना गया है? ‘झेन की देन’ पाठ के आधार पर लिखिए। [1]
उत्तर:
(क) बड़े भाई ने छोटे भाई को घमंड न करने की नसीहत देते हुए कहा कि परीक्षा पास करना बड़ी बात नहीं, बुद्धि का विकास ज़रूरी है। उन्होंने उदाहरण देकर कहा कि रावण का विनाश हुआ, शैतान को स्वर्ग से धकेल दिया गया, शाहेरूम ने भी अहंकार किया और भीख माँग – माँगकर मर गया। घमंड तो बड़े-बड़ों का नहीं रह पाया। इन बातों को सुनकर छोटे भाई को बड़े भाई की लघुता का अनुभव हुआ ।
(ख) जुलूस में स्त्रियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया था। गुजरात सेविका संघ की ओर से निकाले गए जुलूस में अनेक लड़कियों को गिरफ्तार किया गया। सुभाष बाबू के गिरफ्तार होने के बाद स्त्रियों का जुलूस आगे बढ़ा। जुलूस के टूटने पर भी 50-60 स्त्रियाँ धर्मतल्ले के मोड़ पर बैठ गई, जिन्हें गिरफ़्तार किया गया। 105 स्त्रियों को जेल में बंद किया गया जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या थी ।
(ग) अरब में लशकर को नूह के नाम से लोग इसलिए याद करते हैं क्योंकि यह नूह शब्द एक विशेष लकब के लिए प्रयुक्त होता है । नूह एक पैगम्बर थे और उनका असली नाम लशकर था। अरबवासी उसे नूह के लकब के नाम से याद करते हैं। एक बार एक ज़ख्मी कुत्ता नूह के सामने से गुज़रा, नूह ने उसे कहा, “ दूर हो जा गंदे कुत्ते । ” कुत्ते ने उत्तर दिया कि वह अपनी मर्जी से कुत्ता, नहीं बना, और न ही वह अपनी पसंद से इन्सान बने हैं। बनाने वाला तो सभी का एक है। नूह इस बात पर मुद्दत तक रोते रहे। अरबी में नूह का अर्थ होता है ” रुदन करने वाला व्यक्ति “।
अथवा
(ग) भूत, भविष्य और वर्तमान में लेखक के अनुसार सत्य केवल वर्तमान है, उसी में जीना चाहिए। लेखक कहता है कि हम या तो भूतकाल की यादों में रहते हैं या भविष्यकाल के सपनों में। इसलिए जो चला गया और जो आया नहीं, उनके लिए कोशिश करना व्यर्थ है। हमारे सामने जो वर्तमान है वही सत्य है, क्योंकि हम उसी क्षण में जीते हैं और कर्म करते हैं। उसके सुख-दुख को हम अनुभव कर रहे हैं। इसलिए हमें वर्तमान में ही जीना चाहिए।
प्रश्न 9.
‘टी सेरेमनी’ क्या है? ‘झेन की देन’ पाठ के आधार पर विस्तार से लिखिए। [5]
उत्तर:
चाय पीने की विधि को ‘टी-सेरेमनी’ कहते हैं। जापानी में इसे ‘चा-नो-यू’ कहते हैं। यह झेन – परंपरा की देन है। जहाँ चाय पिलाई जाती है, वह स्थान पर्णकुटी जैसा सुसज्जित होता है। इस स्थान में एक समय में केवल तीन लोग बैठकर चाय पी सकते हैं। दौड़-धूप भरे जीवन से हटकर भूत और भविष्य की चिन्ता छोड़कर वर्तमान पल को शांति से बिताना ही ‘टी-सेरेमनी’ का उद्देश्य होता है। ‘टी-सेरेमनी’ में लोग एक-एक बूँद चाय पीते हैं। इस तरह चाय पीने से व्यक्ति अपने भूत और भविष्य से कुछ समय के लिए मुक्त हो जाता है। वह केवल वर्तमान में जीता है। अतः वहाँ दो घूँट चाय पीने में डेढ घंटा लग जाता है।
अथवा
व्यवहारवादी और आदर्शवादी लोगों में क्या अंतर है? समाज को शाश्वत मूल्य किसने दिए हैं? [5]
उत्तर:
व्यवहारवादी लोग वे होते हैं जो सदा जीवन में उन्नति, लाभ व लोभ को प्रमुखता देते हैं। कई बार ये सामाजिक स्तर को गिरा भी देते हैं। इस प्रकार के लोग तो हर काम लाभ-हानि को ध्यान में रखकर करते हैं। आदर्शवादी उन्हें कहा जाता है जो जीवन में आदर्शों को प्रमुखता देते हैं। सत्य, अहिंसा, न्याय, सभी के साथ समानता, मानवता आदि उनके आदर्श हैं। आदर्शवादी इन्हीं आदर्शों को अपनाते हैं। आदर्शवादी जब स्वयं सफलता पाते हैं तो अपने साथ दूसरों को भी ऊपर लेकर चलते हैं। आदर्शवादी लोगों ने समाज में शाश्वत मूल्यों की स्थापना की है तथा इनकी रक्षा की है। समाज के पास जो शाश्वत मूल्य हैं, वे आर्दशवादियों की ही देन हैं। इन शाश्वत मूल्यों की प्रासंगिकता हमेशा बनी रहेगी, क्योंकि इनके बिना समाज का स्वरूप नष्ट हो जाएगा।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) कबीर ने कैसी वाणी बोलने की सलाह दी है? उसके क्या-क्या लाभ बताए गए हैं? [2]
(ख) ‘मनुष्यता’ कविता में उदार व्यक्ति की क्या पहचान बताई गई है और उसके लिए क्या भाव व्यक्त किए गए हैं? [2]
(ग) ‘आत्मत्राण’ कविता में कवि सहायक के न मिलने पर क्या प्रार्थना करता है? [1]
अथवा
(ग) ” पर्वत प्रदेश में पावस” में शाल वृक्ष के भयभीत होकर धरती में धँसने की बात क्यों कही गई है? 1
उत्तर:
(क) कबीर ने मीठी वाणी बोलने की सलाह दी है। व्यक्ति जब मीठी वाणी बोलता है तो सुनने वाले व्य को सुख प्राप्त होता है। ऐसी स्थिति में स्वयं को भी शीतलता का अनुभव होता है। मधुर वाणी बोलने से जीवन में आत्मिक सुख व शांति प्राप्त होती है।
(ख) ‘मनुष्यता’ कविता में उदार व्यक्ति वह है जो दूसरों के लिए जीता है, इस संसार के साथ एकता और आत्मीयता का भाव रखता है और दूसरों की भलाई के लिए अपना सर्वस्व त्याग देता है । उदार मनुष्य का यश सदा के लिए गूँजता रहता है और उसी मनुष्य की सारा संसार पूजा करता है।
(ग) कवि ईश्वर से प्रार्थना करता है कि विपत्ति के समय में यदि उसे कोई सहायक न मिले तो उसका अपना आत्मबल खण्डित न हो और उसका अपनी शक्ति पर विश्वास बना रहे।
अथवा
(ग) “ पर्वत प्रदेश में पावस” में शाल वृक्ष के भयभीत होकर धरती में धँसने की बात इसलिए कही गई है क्योंकि वे बादलों के गर्जन और मूसलधार वर्षा के वेग से भयभीत हो गए हैं।
प्रश्न 11.
‘तोप’ कविता से तोप के बारे में मिलने वाली जानकारी का विवरण देते हुए बताइए कि कंपनी बाग में रखी तोप का अतीत और वर्तमान क्या है? [5]
उत्तर:
‘तोप’ कविता से तोप के बारे में यह जानकारी मिलती है कि इसने अपने समय में कई बेगुनाहों को उड़ा दिया था। वह बहुत ताकतवर थी क्योंकि तब अंग्रेज़ों का शासन था और इसी तोप द्वारा उन्होंने भारतीयों पर कई अत्याचार किये थे। अब तोप केवल प्रदर्शन की वस्तु रह गई है। बच्चे उस पर घुड़सवारी करते हैं। दिन भर उस पर चिड़ियाँ खेलती रहती हैं। इससे पता चलता है कि कोई कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो एक न एक दिन उसकी सत्ता का अंत होता ही है।
अथवा
‘कर चले हम फिदा’ कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए। [5]
उत्तर:
प्रस्तुत कविता के माध्यम से कवि ने यह स्पष्ट किया है कि वीर सैनिक देश के गौरव की रक्षा के लिए अपने प्राण भी न्योछावर कर देते हैं। देश की भावी पीढ़ी को भी शत्रुओं से देश की रक्षा के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए। देशवासी राम-लक्ष्मण के समान वीर हैं। यह देश तभी सुरक्षित रह सकता है जब हम देश के गौरव की रक्षा के लिए सर्वस्व बलिदान करने के लिए सदा उद्यत रहें। कवि देश के नवयुवकों से आशा करता है कि वे देश की सीमाओं की रक्षा के लिए शत्रुओं का सम्पूर्ण विनाश करेंगे। इस देश की रक्षा के लिए अनेक सैनिकों ने अपना रक्त बहाया है। हिमालय हमारे देश के मान-सम्मान का प्रतीक है। हमने किसी भी हालत में इसके सिर का झुकन नहीं देना है और मरते दम तक अपने देश की रक्षा करनी है।
प्रश्न 12.
‘टोपी शुक्ला’ पाठ के आधार पर पुष्टि कीजिए कि टोपी और इफ़्फ़न के संबंध धर्म से नहीं, मानवीय संबंधों से निर्धारित थे। [5]
उत्तर:
टोपी शुक्ला व इफ़्फ़न विपरीत धर्मों के होते हुए भी अटूट व अभिन्न मित्र थे। इफ़्फ़न टोपी का पहला दोस्त था। दोनों एक-दूसरे के बिना अधूरे थे। उनकी दोस्ती धर्म और जाति की दीवारों से परे थी। दोनों अपने सुख-दुख एक-दूसरे से बाँटते थे। टोपी अक्सर इफ़्फ़न के घर चला जाता था, वह इफ़्फ़न की दादी के पास बैठकर उनसे कहानी सुनता था । टोपी हिन्दू परिवार से संबंध रखता था और इफ़्फ़न मुस्लिम परिवार का था परंतु उनकी दोस्ती के बीच धर्म और जाति की कोई दीवार नहीं आई। टोपी अपनी दादी से अधिक प्रेम इफ़्फ़न की दादी से करता था। वह भी टोपी को बहुत दुलार करती थीं। जब टोपी इफ़्फ़न के घर जाता, तो उसकी दादी के पास ही बैठने की कोशिश करता। एक दिन इफ़्फ़न के पिता का तबादला हो गया । इफ़्फ़न के जाने के बाद टोपी शुक्ला इतना अकेला हो गया कि हमेशा उदास रहने लगा। अतः टोपी व इफ़्फ़न अलग-अलग मज़हब और जाति के होने पर भी दोनों आपस में प्रेम व स्नेह की अदृश्य डोर से बँधे हुए थे।
अथवा
समाज में रिश्तों का क्या महत्त्व है ? ‘हरिहर काका’ पाठ के आधार पर अपने विचार व्यक्त कीजिए ।
उत्तर:
समाज में रिश्तों की अहमियत समाप्त होती जा रही है। पहले धन की अपेक्षा रिश्तों को महत्त्वपूर्ण समझा जाता था परन्तु आजकल रिश्तों का आधार मात्र स्वार्थ ही रह गया है। समाज में किसी व्यक्ति का जब किसी से स्वार्थ पूरा नहीं होता तो वह उससे संबंध नहीं रखना चाहता । मैं परिवार में रिश्तों को महत्त्व देता हूँ परन्तु मैं यह पसन्द नहीं करता कि रिश्तों की आड़ में कोई मेरा शोषण करे और मुझे भावात्मक रूप से ब्लैकमेल करे। मैं अपने माता-पिता और अपने निकट सम्बन्धियों से रिश्ते बनाए रखना चाहता हूँ तथा उनके हितों की उपेक्षा भी नहीं करना चाहता। मैं स्वार्थ की अपेक्षा रिश्तों को महत्त्वपूर्ण मानता हूँ। इस कहानी में भी इन्सानियत और रिश्तों का खून तब स्पष्ट नज़र आता है जब महंत तथा काका के परिवार वालों को काका के लिए अफ़सोस नहीं बल्कि उनकी हत्या न कर पाने का दुःख होता है। यदि पुलिस समय पर नहीं पहुँचती तो परिवार वाले उनकी हत्या कर देते ।
खण्ड ‘घ’
प्रश्न 13.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर संकेत बिन्दुओं के आधार पर 80-100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए- [5]
(अ) पुस्तक की आत्मकथा
• मै हूँ
• मेरी विशेष बातें
• क्या सोचते हैं लोग मेरे बारे में
(ब) समय का सदुपयोग
• क्यों
• कैसे
• दुरुपयोग के खतरे
(स) प्यारा देश न्यारा देश
• देश के बारे में
• प्यारा क्यों ?
• न्यारा क्यों ?
उत्तर:
(अ) पुस्तक की आत्मकथा
मैं पुस्तक हूँ। मैं अपना परिचय कुछ इस प्रकार देना चाहूँगी मैं ज्ञान का भंडार हूँ, मुझमें ज्ञान का सागर उपस्थित है। मैं शिक्षा एवं मनोरंजन का उत्तम साधन मानी जाती हूँ। शिक्षा के क्षेत्र में मेरे बिना कल्पना कर पाना भी संभव नहीं है। मैं शिक्षक और शिष्य के बीच की डोरी हूँ। पुस्तकें मनुष्य की सबसे अच्छी मित्र मानी जाती हैं। मुझमें माँ सरस्वती का वास है। मुझे पढ़कर न जाने कितने ही अज्ञानी विद्वान बनते हैं। इस दुनिया में जितने भी विद्वान हैं, वह सभी मेरे द्वारा शिक्षा ग्रहण करके ही ऊँचाइयों पर पहुँचे हैं अर्थात् उन्होंने अपने जीवन में सफलता का परचम लहराया है। कागज़ों पर संबंधित विषय के बारे में लिखाई अथवा प्रिंटिंग की जाती है, जिसके उपरांत सादे कागज़ को पृष्ठ का रूप मिलता है।
इस प्रकार पृष्ठों को क्रमबद्ध तरीके से एक साथ सिल लिया जाता है और मैं बनकर तैयार हो जाती हूँ। मनुष्य से मेरा बहुत गहरा एवं पुराना संबंध है। कुछ लोग मुझे चाव से एवं अच्छे ढंग से पढ़ते और संभाल कर रखते हैं और कुछ लोग मुझमें बिल्कुल भी रुचि नहीं लेते। मुझे इससे कोई शिकायत नहीं; पर मुझे तब बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता है, जब मैं रद्दी में कौड़ी के भाव बेच दी जाती हूँ। इससे बेहतर तो यह होगा कि मैं किसी गरीब बच्चे को भेंट कर दी जाऊँ।
(ब) समय का सदुपयोग
काल्ह करे सौ आज कर, आज करे सो अब
पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब।
कबीर जी की लिखी उक्त पंक्तियों से यह अभिप्राय है कि हे मनुष्य ! जो काम कल करना है, उसे आज कर लेना चाहिए, जो आज करना है उसे अभी कर लेना चाहिए क्योंकि क्षण-क्षण करते ही समय व्यतीत हो जाएगा तो फिर तू कार्य कब करेगा। कहने का तात्पर्य यह है कि समय कभी किसी के लिए रुकता नहीं बल्कि हमें समय के साथ चलना पड़ता है। प्रकृति के समस्त कार्य नियत समय पर होते हैं। समय की गति बड़ी तीव्र होती है, जो उससे पिछड़ जाता है वह सदैव पछताता है। तुलसीदास जी ने ठीक ही कहा है-
‘समय चूकि पुनि का पछताने, का वर्षा जब कृषि सुखाने । ”
अतः आवश्यकता है समय के सदुपयोग की । समय वह धन है जिसका सदुपयोग न करने से वह व्यर्थ चला जाता है। जीवन में वही व्यक्ति सफल हो पाते हैं जो समय का पालन करते हैं। बेकार की बातों में समय नष्ट करना, मनोरंजन में अधिक समय बिताना, विद्यार्थियों का समय रहते परीक्षा की तैयारी न करना, आज के को कल पर टालना आदि समय के दुरुपयोग के ही कारण हैं। बहुत से व्यक्ति समय गँवाने में ही आनंद का अनुभव करते हैं। यह प्रवृत्ति हानिकारक है। समय को खोकर कोई व्यक्ति सुखी नहीं रह सकता । इतिहास भी कुछ ऐसी ही घटनाओं का गवाह है। जूलियस सीज़र सभा में पाँच मिनट देर से पहुँचा और अपने प्राणों से हाथ धो बैठा। अपनी सेना के कुछ मिनट देर से पहुँचने के कारण नेपोलियन को नेल्सन से पराजित होना पड़ा। समय किसी की राह नहीं देखता । हमें समय के प्रति सदैव सजग रहना चाहिए और यह याद रखना चाहिए जो व्यक्ति समय की परवाह करते हैं, वे जीवन में कभी असफल नहीं होते ।
(स) प्यारा देश न्यारा देश
प्यारा हमारा देश भारत एक महान् देश है जिसका एक गौरवशाली अतीत है तथा गौरवमयी संस्कृति व सभ्यता है । हमारा देश विश्व के समस्त देशों से अद्भुत व निराला है। मुझे अपने देश की संस्कृति व सभ्यता पर गर्व है । हमारे देश की संस्कृति व सभ्यता विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है। यह देश ऋषियों-मुनियों का देश रहा है। हमारे देश की संस्कृति त्याग, बलिदान, प्रेम, सद्भावना, भाईचारा, श्रद्धा आदि महान् नैतिक गुणों पर आधारित है। हमारे देश में विभिन्न भाषा, जाति, वेश-भूषा, धर्म तथा विभिन्न मतों के लोग परस्पर मेल-जोल से रहते हैं। इतने विभिन्न रंगों को एकीकृत रूप में पिरोना भारत जैसे महान् देश में ही संभव है। कला की दृष्टि से हमारा देश उत्कृष्ट है। हमारे देश का संविधान विश्व का सबसे विस्तृत संविधान है जिसमें सभी भारतीय नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त हैं। इतनी विशेषताओं के कारण भारत देश सबसे प्यारा और न्यारा है। सचमुच हमारा भारत अद्भुत है। इसकी महिमा तथा गरिमा अनूठी है। हम सभी को गर्व है कि हमें भारत जैसे महान् देश में जन्म लेने का सौभाग्य मिला है।
प्रश्न 14.
अपने क्षेत्र में बढ़ते अपराधों की रोक-थाम के लिए थानाध्यक्ष को पत्र लिखकर निवेदन कीजिए। [5]
उत्तर:
756/5 बी ब्लॉक, आनन्द पर्वत
नई दिल्ली – 110005
दिनांक : 30 मार्च, 20xx
सेवा में
थानाध्यक्ष महोदय
करोल बाग, नई दिल्ली – 5
विषय : क्षेत्र में बढ़ते अपराधों की रोकथाम हेतु पत्र ।
मान्यवर.
पिछले कुछ दिनों से हमारी कॉलोनी में अपराधों की संख्या बढ़ती जा रही है। मार-पिटाई तथा चाकूबाजी की कोई न कोई घटना रोज़ ही घट जाती है। ही सड़क असुरक्षित हो जाती है। यहाँ के लड़कियों – महिलाओं से छेड़छाड़ तो आम बात हो गई है। शाम होते सभी नागरिक भयभीत हैं।
आपसे निवेदन है कि यहाँ पुलिस की गश्त बढ़ाई जाए जिससे अपराधों की रोकथाम हो सके। आशा है आप इस प्रकार के अपराधों पर नियंत्रण लाकर यहाँ के निवासियों में सुरक्षा व विश्वास की भावना जागृत करेंगे। भवदीय
क. ख. ग.
(सचिव) आनन्द पर्वत वेलफेयर एसोसिएशन
अथवा
परिवहन विभाग के प्रबंधक को पत्र लिखकर बसों को निर्धारित समय पर चलाने का आग्रह कीजिए। [5]
उत्तर:
9 – बी, राजपुर रोड
नई दिल्ली- 110054
दिनांक : 30 मार्च, 20xx
सेवा में,
प्रबंधक विभाग
नई दिल्ली।
विषय : बसों को निर्धारित समय पर चलाने हेतु पत्र ।
महोदय,
सविनय निवेदन यह है कि मैं राजपुर रोड क्षेत्र का निवासी हूँ। हमारे क्षेत्र में बसें निर्धारित समय पर नहीं चलती हैं, जिसके कारण यहाँ रहने वाले निवासियों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बस चालक अपनी मनमर्जी करते हैं। जब उनका मन होता है, तब वे बस स्टैंड पर पहुँचते हैं और निर्धारित समय को न ध्यान में रखकर समय से पहले या बाद में बस चलाते हैं जिससे यात्रियों को बहुत समय तक इंतजार करना पड़ता है, और असुविधा का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही यात्री अपने निर्धारित स्थान पर समय से नही पहुँच पातें। आपसे विनम्र निवेदन है कि हमारे क्षेत्र में बसों को निर्धारित समय पर चलाने का प्रबंध किया जाए। इस क्षेत्र के निवासी आपके आभारी रहेंगे।
सधन्यवाद
क. ख. ग.
प्रश्न 15.
आप विद्यालय की छात्र कल्याण परिषद् के सचिव हैं। विद्यालय में होने वाले वार्षिक उत्सव में भाग लेने के इच्छुक छात्रों के नाम आमंत्रित करने के लिए 25-30 शब्दों में सूचना तैयार कीजिए । [5]
उत्तर:
बाल भारती विद्यालय, दिल्ली सूचना दिनांक: 29.3.20xx सभी विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि विद्यालय में 30 अप्रैल, 20xx को वार्षिक उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। उसमें भाग लेने के इच्छुक विद्यार्थी 5 अप्रैल तक अपने नाम अपनी कक्षा के अध्यापक को दे दें। इस उत्सव में बहुत सारे कार्यक्रम होंगे, अतः सभी विद्यार्थियों से अनुरोध है कि अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर वार्षिक उत्सव को सफल बनाएँ । सुमित गुप्ता सचिव (छात्र कल्याण परिषद् ) |
अथवा
अपने मोहल्ले की सुधार समिति के सचिव की ओर से ‘स्वच्छता पखवाड़ा’ कार्यक्रमों में भाग लेने के इच्छुक लोगों के लिए 25-30 शब्दों में एक सूचना तैयार कीजिए। [5]
उत्तर:
स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम दिनांक : 29.3.20xx आप सभी को सूचित किया जाता है कि हमारे मोहल्ले में ‘स्वच्छता पखवाड़ा’ कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम 20 अप्रैल, 20xx को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा। इस कार्यक्रम में भाग लेने के इच्छुक व्यक्ति मुझसे संपर्क कर सकते हैं। आप सभी से अनुरोध है कि अधिक से अधिक लोग इस कार्यक्रम में भाग लेकर स्वच्छता संबंधी अपने विचार व सुझाव देने में सहयोग दें। शांतनु श्रीवास्तव सचिव (सुधार समिति) संपर्क करें : 9819064281 |
प्रश्न 16.
‘प्रेम की भाषा का महत्त्व’ विषय पर एक लघुकथा लिखिए। [5]
उत्तर:
प्रेम की भाषा का महत्त्व
राजू कक्षा आठ में पढ़ता था । वह एक छात्रावास में रहता था। वह उदंड स्वभाव का था । अपनी शरारतों के कारण उसे कई बार स्कूल व छात्रावास में सजा भी मिली परंतु उसे किसी बात की परवाह नहीं थी। राजू कई बार रात में दीवार फाँदकर बाहर चला जाता था। सुबह होने से पहले ही वह लौट आता था। राजू सोचता था कि उसके रात में बाहर रहने की बात कोई नहीं जानता है लेकिन छात्रावास में रहने वाले एक शिक्षक को यह बात पता थी । एक रात राजू हमेशा की तरह सीढ़ी पर चढ़ा और दीवार फांदकर बाहर चला गया। संयोग की बात है उस दिन राजू के बाहर जाते ही शिक्षक की भी नींद खुल गई। उन्हें दीवार पर सीढ़ी लगी दिखाई दी।
कुछ घंटे के बाद जब राजू लौटा तो वह दीवार पर चढ़ने की कोशिश करने लगा शिक्षक उस वक्त सीढ़ी के पास ही खड़े थे। उन्होंने राजू को नीचे उतरने में मदद की और उसे प्रेमपूर्वक समझाया, ‘बेटे इस तरह रात में बाहर जाने से संकट में पड़ सकते हो । छात्रावास में कोई जानता कि तुम बाहर जाते हो इसलिए तुम्हारी सहायता के लिए भी कोई आ नहीं सकता। ऐसे में तुम क्या करोगे ?’ गुरुजी के प्रेमपूर्ण वचनों का राजू पर गहरा प्रभाव पड़ा। उसे अपनी गलती का अहसास हो गया। उसने अपनी गलती के लिए उनसे क्षमा माँगी और दोबारा ऐसी गलती नहीं करने का वचन दिया।
अथवा, वाहन खड़ा करने की भूमिगत व्यवस्था एवं लाभों से अवगत कराते हुए ‘नवभारत टाइम्स’ के संपादक को ई-मेल लिखिए ।
उत्तर:
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To: [email protected]
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विषय – वाहन खड़ा करने की भूमिगत व्यवस्था तथा उसके लाभों के वर्णन हेतु ।
महोदय,
हमारे क्षेत्र कमला नगर में वाहनों की पार्किंग की समस्या विकट रूप धारण कर चुकी है। सभी सड़कों तथा गलियों में वाहन खड़े रहते हैं जिससे यातायात की समस्या अत्यंत जटिल हो गई है। कमला नगर दिल्ली का एक प्रमुख व्यापारिक क्षेत्र है। यहाँ अधिकांश ग्राहक कारों में ही आते हैं, परंतु कार खड़ी करने का स्थान ढूँढ़ने में बहुत कठिनाई होती है। इस क्षेत्र में गाड़ियाँ पार्क करने के लिए भूमिगत पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए। दिल्ली में यदि भूमिगत मेट्रो स्टेशन सरलता से बनाए जा सकते हैं, तो बहुमंजिला भूमिगत पार्किंग भी आसानी से बनाई जा सकती है। इससे दिल्ली सरकार का राजस्व तो बढ़ेगा ही साथ ही यहाँ आने वाले लोगों को भी यातायात की समस्या से मुक्ति मिलेगी।
प्रश्न 17.
आपके पिता अपना पुराना मकान बेचना चाहते हैं। मकान का विवरण देते हुए लगभग 50 शब्दों में एक विज्ञापन तैयार कीजिए। [5]
उत्तर:
अथवा
आप अपने घर का पुराना सोफा सेट तथा अन्य फर्नीचर बेचना चाहते हैं । उसकी जानकारी देते हुए लगभग 50 शब्दों में एक विज्ञापन तैयार कीजिए । [5]
उत्तर:
बिक्री के लिए उपलब्ध • सोफा सेट • अलमारी • मेज •खाने की मेज तथा कुर्सियाँ यह सारा फर्नीचर बहुत ही कम दामों में बिक्री के लिए उपलब्ध है। फर्नीचर की दशा बिल्कुल नई जैसी है । सारा फर्नीचर सागवान की लकड़ी का बना हुआ है तथा टिकाऊ है। लेने के इच्छुक व्यक्ति संपर्क करें: 9816483418, 5624932181 |