Students can find that CBSE Previous Year Question Papers Class 10 Hindi with Solutions and CBSE Class 10 Hindi Question Paper 2023 (Series: Z1YXW/6) effectively boost their confidence.
CBSE Class 10 Hindi A Question Paper 2023 (Series: Z1YXW/6) with Solutions
निर्धारित समय : 3 घंटे
अधिकतम अंक : 80
सामान्य निर्देश :
- इस प्रश्न-पत्र में प्रश्नों की संख्या 17 है। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- इस प्रश्न- पत्र में दो खंड हैं- खंड ‘अ’ और ‘ब’ खंड ‘अ’ में बहुविकल्पी / वस्तुपरक और खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
- खंड ‘अ’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 49 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- खंड ‘ब’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- प्रश्नों के उत्तर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए लिखिए।
- यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए ।
SET I Code No. 3/6/1
खंड-अ (बहुविकल्पी / वस्तुपरक प्रश्न )
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उस पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए : (5 × 1 = 5)
कोलकाता भी दूसरे बड़े शहरों की तरह एक बड़ी नदी के किनारे बसा है। गंगा से निकली एक धारा ही है हुगली नदी । लेकिन दूसरे कई नगरों की तरह कोलकाता में नदी का बहाव एकतरफ़ा नहीं है। हुगली ज्वारी नदी है और बंगाल की खाड़ी से उसका मुहाना 140 किलोमीटर की दूरी पर ही है। हर रोज़ ज्वार के समय समुद्र नदी के पानी को वापस कोलकाता तक ठेलता है। ज्वार और भाटे के बीच जल स्तर एक ही दिन में कई फुट ऊपर-नीचे हो जाता है।
शहर के पश्चिम में बहने वाली हुगली नदी में कोलकाता अपना मैला पानी बहाकर उसे भुला नहीं सकता । नीचे बह जाने की बजाय क्या पता ज्वार के पानी के साथ अपशिष्ट पदार्थ वापस शहर लौट आएँ ? शहर के कुल मैले पानी का एक छोटा-सा हिस्सा ही हुगली में बहाया जाता है, वह भी चोरी-छिपे । इसका परिणाम यह है कि कोलकाता में हुगली अधिक दूषित नहीं है। लेकिन हर बड़े शहर को अपना मैला पानी फेंकने के लिए एक नदी चाहिए। तो फिर कोलकाता का मैला पानी कहाँ जाता है?
हुगली से उलटी दिशा में, शहर के पूरब में बहने वाली एक छोटी-सी नदी कुल्टीगंग है। पर नदी तक पहुँचने के पहले इस मैले पानी के बड़े हिस्से का उपचार होता है। कुल्टीगंग में गिरने वाला मैला पानी उतना दूषित नहीं होता है जितना वह शहर से निकलते समय होता है। यहाँ मैले पानी की सफाई का तरीका भी दूसरे शहरों से निराला है। कोई 30,000 एकड़ में फैले तालाब और खेत कोलकाता के कुल मैले पानी का दो-तिहाई हिस्सा साफ करते हैं। यही नहीं, इससे कई हज़ार लोगों को रोज़गार मिलता है मैले पानी से मछलियाँ, सब्ज़ियाँ और धान उगाकर ।
इसका एक कारण है यहाँ का अनूठा भूगोल, जौ बना है गंगा के मुहाने पर होने वाले मिट्टी और पानी के प्राकृतिक खेल से। पता नहीं कब से गंगा की बंड़ी धार यहाँ से बहकर बंगाल की खाड़ी में विसर्जित होती थी। पर यह संगम केवल गंगा और बंगाल की खाड़ी भर का नहीं रहा है। छोटी-बड़ी कई नदियों की कई धाराएँ हिमालय की मिट्टी गाद या साद के रूप में लाकर यहाँ जमा करती रही हैं। कह सकते हैं कि यहाँ हिमालय और समुद्र मिलते हैं।
(i) कोलकाता में बहने वाली किन-किन नदियों का उल्लेख अनुच्छेद में हुआ है?
(a) गंगा, कुल्टीगंग, यमुना
(c) गंगा, यमुना, हुगली
(b) गंगा, हुगली, उल्टीगंगा
(d) हुगली, गंगा, कुल्टीगंग
उत्तर:
(d) हुगली, गंगा, कुल्टीगंग
(ii) गद्यांश आधारित निम्नलिखित कथनों को पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए :
(क) हुगली नदी में जल स्तर ज्वार और भाटे के अनुरूप ऊपर-नीचे होता रहता है।
(ख) कुल्टीगंग कोलकाता के पूरब में बहती है।
(ग) कोलकाता की अधिकतर नदियाँ उलटी दिशा की ओर बहती है।
विकल्प :
(a) कथन (क) सही है।
(b) कथन (क) और (ख) सही हैं।
(c) कथन ( ख ) और (ग) सही हैं।
(d) कथन ( ग ) और (क) सही हैं।
उत्तर:
(b) कथन (क) और (ख) सही हैं।
(iii) कुल्टीगंग में गिरने वाला कोलकाता का मैला पानी उतना दूषित क्यों नहीं होता?
(a) क्योंकि वह पहले हुगली नदी में जाता है।
(b) कोलकाता के लोग पानी मैला नहीं करते ।
(c) नदी में गिरने से पूर्व खेतों और तालाबों में उपचारित होता है।
(d) क्योंकि कुल्टीगंग स्वयं ही गंदगी को उपचारित कर लेती है।
उत्तर:
(c) नदी में गिरने से पूर्व खेतों और तालाबों में उपचारित होता है।
(iv) निम्नलिखित कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए :
कथन (A) : कोलकाता के बगल में बंगाल की खाड़ी में हिमालय और समुद्र मिलते हैं।
कारण (R): यहाँ गंगा और अन्य नदियाँ मिट्टी गाद या साद इकट्ठा करती हैं।
(a) कथन (A) गलत है पर कारण (R) सही है।
(b) कथन (A) सही है पर कारण (R) गलत है।
(c) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं।
(d) कथन (A) और कारण ( (R) दोनों गलत हैं।
उत्तर:
(c) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं।
(v) कोलकाता हुगली नदी में अपना मैला पानी क्यों नहीं बहा सकता ?
(a) शहर में हुगली को पवित्र मानकर उसकी पूजा की जाती है।
(b) हुगली एक छोटी नदी है, मैला पानी बहाने लायक नहीं है।
(c) हुगली में समुद्र पानी वापस भेजता है, अपशिष्ट लौट सकता है।
(d) हुगली पश्चिम में बहती है, अपशिष्ट उस ओर लाना कठिन है।
उत्तर:
(c) हुगली में समुद्र पानी वापस भेजता है, अपशिष्ट लौट सकता है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित पद्याशों में से किसी एक पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए। (5 × 1 = 5)
पद्यांश-एक
सूरज के ताप में कहीं कोई कमी नहीं
न चन्द्रमा की ठंडक में
लेकिन हवा और पानी में ज़रूर कुछ ऐसा हुआ
कि दुनिया में
करुणा की कमी पड़ गई है
इतनी कम पड़ गई है कि करुणा कि बर्फ पिघल नहीं रही
नदियाँ बह नहीं रहीं झरने झर नहीं रहे
चिड़ियाँ गा नहीं रहीं गायें रँभा नहीं रहीं।
कहीं पानी का कोई ऐसा पारदर्शी टुकड़ा नहीं
कि आदमी उसमें अपना चेहरा देख सके
और उसमें तैरते बादल के टुकड़े से धो-पोंछ सके
दरअसल पानी से होकर देखो
तभी दुनिया पानीदार रहती है
उसमें पानी के गुण समा जाते हैं
वरना कोरी आँखों से कौन कितना देख पाता है पता नहीं
आने वाले लोगों को दुनिया कैसी चाहिए
कैसी हवा कैसा पानी चाहिए
पर इतना तो तय है
कि इस समय दुनिया को
ढेर सारी करुणा चाहिए।
(i) ‘दुनिया में करुणा की कमी पड़ गई है’ – पंक्ति का आशय है
(a) वातावरण में शीतलता नहीं है।
(b) जल की निर्मलता समाप्त हो गई है।
(c) लोगों में संवेदना समाप्त हो गई है।
(d) लोगों में क्रूरता बढ़ गई है।
उत्तर:
(c) लोगों में संवेदना समाप्त हो गई है।
(ii) ‘करुणा कि बर्फ पिघल नहीं रही’ – पंक्ति में ‘बर्फ पिघल नहीं रही’ का क्या आशय है?
(a) लोग स्वार्थ में आत्मकेन्द्रित हो गए हैं।
(b) लोग दूसरों के दुःखों से द्रवीभूत नहीं हो रहे हैं।
(c) लोगों के हृदय की पवित्रता समाप्त हो गई है।
(d) लोग एक-दूसरे से सहमत नहीं हो रहे हैं ।
उत्तर:
(b) लोग दूसरों के दुःखों से द्रवीभूत नहीं हो रहे हैं।
(iii) ‘दूसरों के दुःख-दर्द के प्रति सहानुभूति दिखाने वाले लोग नहीं हैं’ – इस भाव को व्यक्त करने वाली पंक्ति है :
(a) कहीं पानी का कोई ऐसा पारदर्शी टुकड़ा नहीं ।
(b) सूरज के ताप में कहीं कोई कमी नहीं ।
(c) लेकिन हवा और पानी में ज़रूर कुछ ऐसा हुआ है।
(d) वरना कोरी आँखों से कौन कितना देख पाता है।
उत्तर:
(a) कहीं पानी का कोई ऐसा पारदर्शी टुकड़ा नहीं ।
(iv) ‘सूरज के ताप में कहीं कोई कमी नहीं, न चंद्रमा की ठंडक में’ – पंक्ति के माध्यम से कवि कहना चाहते हैं :
(a) सूर्य की ऊर्जा में गर्मी की कमी नहीं है।
(b) चन्द्रमा की चाँदनी में कोई कमी नहीं है।
(c) सूर्य और चन्द्रमा के दैनिक क्रियाकलापों में कोई परिवर्तन नहीं है।
(d) प्राकृतिक उपादानों में सहज करुणा की भावना है।
उत्तर:
(d) प्राकृतिक उपादानों में सहज करुणा की भावना है।
(v) इस समस्त विश्व को आवश्यकता है :
(a) स्वच्छ हवा
(b) स्वच्छ पानी
(c) परोपकार
(d) करुणा
उत्तर:
(d) करुणा
अथवा
पेद्यांश-दो
दरवाज़े से बाहर जाने से पहले
अपने जूतों के तस्मे बाँधने के लिए मैं झुकता हूँ
रोटी का कौर तोड़ने और खाने के लिए
झुकता हूँ और अपनी थाली पर
जेब से अचानक गिर गई कलम या सिक्के को उठाने को झुकता हूँ
झुकता हूँ लेकिन उस तरह नहीं
जैसे एक चापलूस की आत्मा झुकती है
किसी शक्तिशाली के सामने
जैसे लज्जित या अपमानित होकर झुकती हैं आँखें
झुकता हूँ
जैसे शब्दों के पढ़ने के लिए आँखें झुकती हैं
ताकत और अधीनता की भाषा से बाहर भी होते हैं
शब्दों और क्रियाओं के कई अर्थ
झुकता हूँ
जैसे घुटना हमेशा पेट की तरफ ही मुड़ता है
यह कथन सिर्फ शरीर के नैसर्गिक गुणों
या अवगुणों को ही व्यक्त नहीं करता
कहावतें अर्थ से ज्यादा अभिप्राय में निवास करती हैं।
(i) किस तरह झुकना जीवन के सामान्य कार्य व्यवहार का हिस्सा नहीं है?
(a) जूते के फीते बाँधने के लिए झुकना ।
(b) खाने का कौर उठाने के लिए झुकना ।
(c) किसी ताकतवर के सामने सिर को झुकाना ।
(d) किसी गिरी वस्तु को उठाने के लिए झुकना ।
उत्तर:
(c) किसी ताकतवर के सामने सिर को झुकाना ।
(ii) ‘चापलूस की आत्मा’ के झुकने से आप क्या समझते हैं?
(a) किसी अधिकार संपन्न की खुशामद करने वाला व्यक्ति और उसकी आदतें ।
(b) अपने लाभ के लिए खुशामद करने वाले द्वारा आत्म-सम्मान को छोड़ दिया जाना ।
(c) एक सत्ता – संपन्न व्यक्ति द्वारा मज़बूर व्यक्तियों का लाभ उठाना।
(d) खुशामद पसंद व्यक्ति और उसके अनुयायियों का समूचा कार्य व्यवहार ।
उत्तर:
(b) अपने लाभ के लिए खुशामद करने वाले द्वारा आत्म-सम्मान को छोड़ दिया जाना ।
(iii) शब्दों को पढ़ने के लिए आँखों के झुकने में किस प्रकार का भाव है ?
(a) विनम्रता
(b) लज्जा
(c) अपमान
(d) आत्मालोचन
उत्तर:
(a) विनम्रता
(iv) ” ताकत और अधीनता की भाषा से बाहर भी होते हैं शब्दों और क्रियाओं के अर्थ ” पद्यांश के इस कथन का क्या आशय है? निम्नलिखित कथनों को पढ़कर उचित विकल्प का चयन कीजिए
(क) शब्दों और क्रियाओं के अर्थ समाज की सत्ता – संरचना द्वारा ही तय होते हैं।
(ख) शब्दों और क्रियाओं को बरतना मनुष्य की चेतना के अधीन है।
(ग) हम चाहें तो कोई भी हमें वैसा करने को बाध्य नहीं कर सकता जिससे लज्जित एवं अपमानित होना पड़े।
(a) सिर्फ (क)
(b) सिर्फ (ख)
(c) (क) और (ग)
(d) (ख) और (ग)
उत्तर:
(d) (ख) और (ग)
(v) इस कविता में प्रयुक्त ‘अर्थ’ एवं ‘अभिप्राय’ का तात्पर्य क्या है?
(a) अर्थ – मतलब ; अभिप्राय – नीयत
(b) अर्थ – नीयत; 1 अभिप्राय – मतलब
(c) अर्थ – आशय अभिप्राय – लक्ष्य
(d) अर्थ – तात्पर्य; अभिप्राय – मंसूबा
उत्तर:
(a) अर्थ – मतलब ; अभिप्राय – नीयत
प्रश्न 3.
‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित निम्नलिखित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर निर्देशानुसार दीजिए : (4 × 1 = 4)
(i) ” जैसा कि बताया जा चुका है, मूर्ति संगमरमर की थी । ” – वाक्य का सरल वाक्य में रूपांतरण होगा-
(a) मूर्ति संगमरमर की थी, इसके बारे में बताया जा चुका है।
(b) मूर्ति संगमरमर की थी, जिसके बारे में बताया जा चुका है।
(c) मूर्ति के संगमरमर के होने के विषय में बताया जा चुका
(d) बताया जा चुका है कि मूर्ति संगमरमर की थी।
उत्तर:
(c) मूर्ति के संगमरमर के होने के विषय में बताया जा चुका
(ii) ‘केवल एक चीज़ की कसर थी जो देखते ही खटकती थी । ‘ – वाक्य का संयुक्त वाक्य में रूपांतरण होगा-
(a) केवल एक चीज़ की कसर थी और वह देखते ही खटकती थी ।
(b) देखते ही खटकने वाली एक चीज़ की ही कसर थी।
(c) यूँ तो कसर कोई नहीं थी पर एक चीज़ देखते ही खटकने वाली भी थी।
(d) केवल एक चीज़ की कसर थी जिसे देखते ही खटका होता था ।
उत्तर:
(a) केवल एक चीज़ की कसर थी और वह देखते ही खटकती थी ।
(iii) ‘पिताजी थककर सोए हैं’ – इसका मिश्र वाक्य बनेगा-
(a) पिताजी थक गए हैं इसलिए सोए हैं।
(b) पिताजी सोए हैं और थके हुए हैं।
(c) क्योंकि पिताजी थक गए हैं इसलिए सोए हैं।
(d) पिताजी थकने पर सो गए हैं।
उत्तर:
(a) पिताजी थक गए हैं इसलिए सोए हैं।
(iv) निम्नलिखित वाक्यों में सरल वाक्य पहचानकर नीचे दिए गए सही विकल्प को चुनकर लिखिए :
(क) रास्ते और भी संकरे होते जा रहे थे।
(ख) हवा बह रही थी और पेड़-पौधे झूम रहे थे।
(ग) सिक्किमी नवयुवक ने मुझे बताया कि प्रदूषण के चलते स्नो फॉल कम होती जा रही है।
(घ) मीठी झिड़कियाँ देकर उसने गाय को भगा दिया।
विकल्प :
(a) कथन ( क ) और (घ) सही हैं।
(c) केवल कथन (घ) सही है।
(b) केवल कथन ( क ) सही है।
(d) कथन (क), (ग) और (घ) सही हैं।
उत्तर:
(a) कथन ( क ) और (घ) सही हैं।
(v) स्तंभ- I और स्तंभ – II को सुमेलित करके उचित विकल्प चुनकर लिखिए :
स्तंभ-I | स्तंभ-II |
(I) सरल वाक्य | (अ) या तो पढ़ाई कर लो या टीवी ही देख लो। |
(II) मिश्र वाक्य | (ब) नौकरी करने पर तनख्वाह तो लेगी ही। |
(III) संयुक्त वाक्य | ( स ) वह किताब खो गई जो आपने दी थी। |
उत्तर:
(b)
प्रश्न 4.
‘वाच्य’ पर आधारित निम्नलिखित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए : (4 × 1 = 4)
(i) निम्नलिखित में कर्मवाच्य का उदाहरण है-
(a) अब तो उससे रोया नहीं जाता।
(b) अब तो वह नहीं रोती ।
(c) माँ द्वारा खाना बनाया जाता है।
(d) माँ से सोया नहीं जाता।
उत्तर:
(c) माँ द्वारा खाना बनाया जाता है।
(ii) निम्नलिखित में से कर्तृवाच्य का उदाहरण
(a) चलो, चला जाए।
(b) चलो, कहीं चला जाए।
(c) चलो घूमने चलते हैं।
(d) नहीं, मुझसे नहीं चला जाएगा।
उत्तर:
(c) चलो घूमने चलते हैं।
(iii) निम्नलिखित वाक्यों में भाववाच्य का वाक्य है-
(a) बच्चा बैठता है।
(b) राम से आया नहीं जाता।
(c) रमेश आता है।
(d) आपसे पत्र लिखा नहीं गया।
उत्तर:
(b) राम से आया नहीं जाता।
(iv) “मैं यह भाषा नहीं पढ़ सकूँगा ” – वाक्य को कर्मवाच्य में बदलने पर होगा –
(a) मुझसे यह भाषा पढ़ी नहीं जा सकेगी।
(b) मैंने यह भाषा पहले नहीं पढ़ी है।
(c) मैं यह भाषा पढ़ने का प्रयास कर सकता हूँ।
(d) मेरे द्वारा यह भाषा पढ़ी जा सकेगी।
उत्तर:
(a) मुझसे यह भाषा पढ़ी नहीं जा सकेगी।
(v) स्तंभ- I और स्तंभ – II को सुमेलित करके सही विकल्प चुनकर लिखिए :
उत्तर:
(d)
प्रश्न 5.
‘पद-परिचय’ पर आधारित निम्नलिखित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों से किन्हीं चार के उत्तर चुनकर लिखिए : (4 × 1 = 4)
(i) ‘जल्दी से जाकर दुकान से दूध ले आओ।’ वाक्य में रेखांकित शब्द का पद परिचय है :
(a) जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, अपादान कारक
(b) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, करण कारक
(c) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, अपादान कारक
(d) जातिवाचक संज्ञा स्त्रीलिंग, बहुवचन, अपादान कारक
उत्तर:
(c) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, अपादान कारक
(ii) ‘शाम को हम चलेंगे।’ वाक्य में रेखांकित पद का परिचय होगा-
(a) अकर्मक क्रिया, भविष्यत काल, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्तृवाच्य
(b) सकर्मक क्रिया, भविष्यत काल, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्तृवाच्य
(c) अकर्मक क्रिया, भविष्यत काल, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्मवाच्य
(d) अकर्मक क्रिया, भूतकाल, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्तृवाच्य
उत्तर:
(a) अकर्मक क्रिया, भविष्यत काल, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्तृवाच्य
(iii) ‘किस व्यक्ति से मिलना है?’ वाक्य में रेखांकित पद का परिचय है-
(a) प्रश्नवाचक सर्वनाम स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्त्ताकारक
(b) सार्वनामिक विशेषण, स्त्रीलिंग, बहुवचन, व्यक्ति विशेष्य
(c) सार्वनामिक विशेषण, पुल्लिंग, बहुवचन, व्यक्ति विशेष्य
(d) सार्वनामिक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, व्यक्ति विशेष्य
उत्तर:
(d) सार्वनामिक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, व्यक्ति विशेष्य
(iv) ‘लड़की के साथ दो और लोग आने वाले हैं।’ वाक्य में रेखांकित पद का परिचय है-
(a) समुच्चयबोधक अव्यय, लड़की का संबंध बाकी वाक्य से जोड़ने वाला
(b) संबंधबोधक अव्यय, लड़की (संज्ञा) का संबंध वाक्य के दूसरे हिस्से से जोड़ने वाला
(c) क्रियाविशेषण, आना क्रिया की विशेषता
(d) संबंधबोधक अव्यय, लोगों का संबंध लड़की से बताने वाला |
उत्तर:
(b) संबंधबोधक अव्यय, लड़की (संज्ञा) का संबंध वाक्य के दूसरे हिस्से से जोड़ने वाला
(v) स्तंभ – I और स्तंभ- II को ठीक क्रम से सुमेलित कीजिए :
उत्तर:
(d)
प्रश्न 6.
‘अलंकार’ आधारित निम्नलिखित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार के लिए उचित विकल्प चुनकर लिखिए : (4 × 1 = 4)
(i) ‘आगे नदियाँ पड़ी अपार, घोड़ा कैसे उतरे पार ।
राणा ने सोचा इस पार, तब तक चेतक था उस पार ।’
उपरोक्त पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है.
(a) उत्प्रेक्षा अलंकार
(b) श्लेष अलंकार
(c) मानवीकरण अलंकार
(d) अतिशयोक्ति अलंकार
उत्तर:
(d) अतिशयोक्ति अलंकार
(ii) ‘को घटि ये वृषभानुजा वे हलधर के वीर’ – प्रस्तुत पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है-
(a) उत्प्रेक्षा अलंकार
(b) श्लेष अलंकार
(c) मानवीकरण अलंकार
(d) अतिशयोक्ति अलंकार
उत्तर:
(b) श्लेष अलंकार
(iii) निम्नलिखित में से किन पंक्तियों में उत्प्रेक्षा अलंकार है?
(a) कनक – कनक ते सौ गुनी, मादकता अधिकाय
वो खाए बौराए जग, या पाए बौराय ।
(b) नहिं पराग नहिं मधुर मधु, नहिं विकास इहिं काल
अली कली-ही सों बँध्यो, आगे कौन हवाल |
(c) चमचमात चंचल नयन, बिच घूँघट पट छीन
मनहु सुरसरिता विमल, जल उछरत जुग मीन ।
(d) कोटि कुलिस – सम-वचन तुम्हारा ।
व्यर्थ धरहु बान कुठारा।
उत्तर:
(c) चमचमात चंचल नयन, बिच घूँघट पट छीन
मनहु सुरसरिता विमल, जल उछरत जुग मीन ।
(iv) स्तंभ – I और स्तंभ – II को उचित विकल्प से सुमेलित कीजिए :
उत्तर:
(b)
(v) ‘माली आवत देख कर कलियाँ करैं पुकार :- प्रस्तुत पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है-
(a) उत्प्रेक्षा अलंकार
(b) अतिशयोक्ति अलकार
(c) मानवीकरण अलंकार
(d) श्लेष अलंकार
उत्तर:
(c) मानवीकरण अलंकार
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए : (5 × 1 = 5)
यों खेलने को हमने भाइयों के साथ गिल्ली-डंडा भी खेला और पतंग उड़ाने, काँच पीसकर माँजा सूतने का काम भी किया, लेकिन उनकी गतिविधियों का दायरा घर के बाहर ही अधिक रहता था और हमारी सीमा थी घर । हाँ, इतना ज़रूर था कि उस ज़माने में घर की दीवारें घर तक ही समाप्त नहीं हो जाती थीं बल्कि पूरे मोहल्ले तक फैली रहती थीं। इसलिए मोहल्ले के किसी भी घर में जाने पर कोई पाबंदी नहीं थी, बल्कि कुछ घर तो परिवार का हिस्सा ही थे। आज तो मुझे बड़ी शिद्दत के साथ यह महसूस होता है कि अपनी जिंदगी खुद जीने के इस आधुनिक दबाव ने महानगरों के फ़्लैट में रहने वालों को हमारे इस परंपरागत ‘पड़ोस कल्चर’ से विच्छिन्न करके हमें कितना संकुचित, असहाय और असुरक्षित बना दिया है। मेरी कम-से-कम एक दर्जन आरंभिक कहानियों के पात्र इसी मोहल्ले के हैं जहाँ मैंने अपनी किशोरावस्था गुज़ार अपनी युवावस्था का आरंभ किया था। एक-दो को छोड़कर उनमें से कोई भी पात्र मेरे परिवार का नहीं है। बस इनको देखते – सुनते, इनके बीच ही मैं बड़ी हुई थी लेकिन इनकी छाप मेरे मन पर कितनी गहरी थी, इस बात का अहसास तो मुझे कहानियाँ लिखते समय हुआ । इतने वर्षों के अंतराल ने भी उनकी भाव-भंगिमा, भाषा, किसी को भी धुँधला नहीं किया था और बिना किसी विशेष प्रयास के बड़े सहज भाव से वे उतरते चले गए थे।
(i) भाइयों की गतिविधियों का दायरा घर के बाहर रहने और बहनों की सीमा घर होने का क्या अभिप्राय है?
(a) लड़कियों और लड़कों में आत्मीयता और बंधुत्व नहीं था ।
(b) भाई बहन एक साथ ज़्यादा समय नहीं बिताते थे।
(c) लड़कों को पूरे संसार की आज़ादी थी पर लड़कियाँ घर के दायरे में सीमित ।
(d) लड़के अधिकतर मोहल्ले में भटकते थे जबकि लड़कियाँ घर में रहती थीं ।
उत्तर:
(c) लड़कों को पूरे संसार की आज़ादी थी पर लड़कियाँ घर के दायरे में सीमित ।
(ii) ‘घर की दीवारें घर तक ही समाप्त नहीं हो जातीं’, से आप क्या समझते हैं?
(a ) घर में आज की तरह दीवारें नहीं होती थीं।
(b) टोले – मोहल्ले को घर का हिस्सा माना जाता था।
(c) पुराने समय में घर बड़े होते थे, न कि माचिस की डिब्बियाँ।
(d) लोग खुले दिल के थे इसलिए अपने घर में अजनबियों को भी जगह देते थे।
उत्तर:
(b) टोले – मोहल्ले को घर का हिस्सा माना जाता था।
(iii) लेखिका ने अपने पात्रों के विषय में जो बताया है उसके अनुसार असत्य कथन है-
(a) उनकी आरंभिक कहानियों के पात्र बाद के जीवन से आए हैं।
(b) उनके एक-दो पात्रों को छोड़ दें तो कोई उनके परिवार से नहीं ।
(c) जिस मोहल्ले में उनकी किशोरावस्था बीती वहीं से लगभग दर्जन भर पात्र लिए ।
(d) आरंभिक कहानियों के पात्रों को देखते-सुनते उनके बीच ही लेखिका बड़ी हुई ।
उत्तर:
(a) उनकी आरंभिक कहानियों के पात्र बाद के जीवन से आए हैं।
(iv) ‘पड़ोस कल्चर’ से अलग होकर हम कैसे होते जा रहे हैं?
(a) संकुचित, असहाय और सुरक्षित
(b) संकुचित, शंकालु और असुरक्षित
(c) संकुचित, असहाय और संरक्षित
(d) संकुचित, असहाय और असुरक्षित
उत्तर:
(d) संकुचित, असहाय और असुरक्षित
(v) कहानियाँ लिखते हुए लेखिका को क्या अहसास हुआ?
(a) समय बीतने के कारण उनकी स्मृति अब क्षीण पड़ रही है।
(b) इतना समय बीतने के बाद भी उन्हें वे लोग अपने हावभाव के साथ याद थे।
(c) अपने परिचित व्यक्ति के बारे में लिखना आसान तो नहीं है।
(d) समय के अंतराल ने उनकी भाव-भंगिमा, भाषा आदि को धुँधला कर दिया था ।
उत्तर:
(b) इतना समय बीतने के बाद भी उन्हें वे लोग अपने हावभाव के साथ याद थे।
प्रश्न 8.
गद्य खंड के पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए: (2 × 1 = 2)
(i) पानवाले ने नेताजी की मूर्ति पर चश्मा न होने का कारण बताया- ‘मास्टर बनाना भूल गया’ – यह उसके लिए कैसी बात थी और हालदार साहब के लिए कैसी ?
(a) पानवाले के लिए – मज़ेदार, हालदार साहब के लिए – द्रवित करने वाली ।
(b) पानवाले के लिए – दुःखी करने वाली, हालदार साहब के लिए – द्रवित करने वाली ।
(c) पानवाले के लिए – मज़ेदार, हालदार साहब के लिए विचारणीय ।
(d) पानवाले के लिए – द्रवित करने वाली, हालदार साहब के लिए विचार करने वाली ।
उत्तर:
(a) पानवाले के लिए – मज़ेदार, हालदार साहब के लिए – द्रवित करने वाली ।
(ii) ‘भारत रत्न’ जैसे पुरस्कार से सम्मानित किए जाने का कारण बिस्मिल्ला खाँ की दृष्टि में था-
(a) शहनाई वादन के साथ-साथ पहनावा – ओढ़ावा ।
(b) शहनाई के कारण नहीं देश-विदेश में उनकी पहचान और प्रसिद्धि ।
(c) शहनाई वादन है न कि कपड़े और बाहरी दिखावा ।
(d) शहनाई वादन के साथ उनके आचार-विचार ।
उत्तर:
(c) शहनाई वादन है न कि कपड़े और बाहरी दिखावा ।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए : (5 × 1 = 5)
मुख्य गायक की गरज़ में
वह अपनी गूँज मिलाता आया है प्राचीन काल से
गायक जब अंतरे की जटिल तानों के जंगल में खो चुका होता है
या अपने ही सरगम को लाँघकर
चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में
तब संगतकार ही स्थायी को सँभाले रहता है।
जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान
जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन
जब वह नौसिखिया था
तार सप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला
प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ
आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ
तभी मुख्य गायक को ढाँढ़स बँधाता
कहीं से चला आता है संगतकार का स्वर
(i) ‘मुख्य गायक की गरज में संगतकार अपनी गूँज प्राचीन काल से मिला रहा है’ – कथन में प्राचीन काल का तात्पर्य है-
(a) पुराने युग से
(b) हमेशा से
(c) बचपन से
(d) गाने के आरंभ से
उत्तर:
(b) हमेशा से
(ii) मुख्य गायक अंतरे की जटिल तानों के जंगल में क्यों खो जाता है?
(a) कई बार सिद्धहस्त गायक भी किसी सुर-ताल में उलझ जाते हैं।
(b) गाना एक जंगल जैसा है जिसमें भटक जाना सहज ही हो जाता है।
(c) अपने ही गाने की लय में डूबकर भटक जाता है।
(d) महान् गायक भी कभी-कभी कमज़ोर पड़ जाते हैं।
उत्तर:
(c) अपने ही गाने की लय में डूबकर भटक जाता है।
(iii) संगतकार किस तरह के मुख्य गायक की सहायता करता है?
(a) मुख्य गायक के भटकने पर स्थायी को सँभाल कर ।
(b) मुख्य गायक को उसके बचपन की याद दिलाकर ।
(c) मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान समेट कर ।
(d) मुख्य गायक के साथ अंतरे को गाकर ।
उत्तर:
(a) मुख्य गायक के भटकने पर स्थायी को सँभाल कर ।
(iv) संगतकार मुख्य गायक को ढाँढ़स कब बँधाता है ? इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए निम्नलिखित कथनों को पढ़कर उचित विकल्प का चयन कीजिए-
कथन : (क) जब उसका गला बैठने लगता है।
(ख) जब वह निरुत्साहित होने लगता है।
(ग) जब उसकी आवाज़ मंद पड़ने लगती है।
विकल्प :
(a) केवल (क)
(b) केवल (ग)
(c) (क), ख और (ग)
(d) (क) और (ग)
उत्तर:
(d) (क) और (ग)
(v) ‘तारसप्तक’ में मुख्य गायक का गला क्यों बैठने लगता है ?
(a) वह गाते-गाते थक चुका होता है।
(b) इसमें स्वरों को ऊँचाई – निचाई पर चढ़ाना होता है।
(c) उसे बार-बार गाना पड़ता है।
(d) आवाज़ की गूँज अब नष्ट हो चुकी होती है।
उत्तर:
(b) इसमें स्वरों को ऊँचाई – निचाई पर चढ़ाना होता है।
प्रश्न 10.
पद्य खंड के पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए : (2 × 1 = 2)
(i) ‘राम-लक्ष्मण – परशुराम संवाद’ में परशुराम बार-बार विश्वामित्र से लक्ष्मण की शिकायत क्यों कर रहे हैं?
(a) विश्वामित्र सभी मुनियों में श्रेष्ठ थे।
(b) विश्वामित्र राम और लक्ष्मण के कुलगुरु थे।
(c) विश्वामित्र सीता स्वयंवर में जनक के पुरोहित थे।
(d) विश्वामित्र उस समय राम-लक्ष्मण के गुरु एवं अभिभावक थे।
उत्तर:
(d) विश्वामित्र उस समय राम-लक्ष्मण के गुरु एवं अभिभावक थे।
(ii) ‘दंतुरित मुस्कान’ का कवि स्वयं को चिर प्रवासी क्यों कह रहा है?
(a) वह पहली बार बच्चे से मिल रहा है।
(b) कवि सदा यात्रा पर रहने वाला व्यक्ति है।
(c) कवि लंबी यात्रा के बाद आया है।
(d) कवि का कोई घर नहीं है वह खानाबदोश है।
उत्तर:
(c) कवि लंबी यात्रा के बाद आया है।
खण्ड – ब ( वर्णनात्मक प्रश्न )
प्रश्न 11.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए : (3 × 2 = 6 )
(क) ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के आधार पर लिखिए कि हालदार साहब को कस्बे के नागरिकों का कौन – सा प्रयास सराहनीय लगा और क्यों?
(ख) नवाब साहब की झूठी शानो-शौकत और घमंड भरे व्यवहार को देखकर लेखक ने उनके साथ किस प्रकार का व्यवहार किया ? ‘लखनवी अंदाज़’ पाठ के आधार पर इसे साबित कीजिए ।
(ग) बालगोबिन भगत की ‘गर्मियों की संझा’ के दृश्य का चित्रण अपने शब्दों में कीजिए ।
(घ) बिस्मिल्ला खाँ ‘मालिक’ से कौन-सी दुआ माँगते थे? इससे उनके व्यक्तित्व का कौन-सा पहलू सामने उभरता है?
उत्तर:
(क) हालदार साहब को नेताजी की मूर्ति लगाने का कस्बे का यह प्रयास सराहनीय इसलिए लगा कि महत्त्व मूर्ति के रंग-रूप या कद का नहीं बल्कि भावना का है। वरना देशभक्ति भी आजकल मज़ाक की चीज़ होती जा रही है।
(ख) नवाब साहब की झूठी शानो-शौकत और घमंड भरे व्यवहार को देखकर लेखक ने खीरा खाने की इच्छा होने पर भी आत्मसम्मान निबाहना ही उचित समझा और खीरा खाने से इन्कार कर दिया। कहा – ‘ शुक्रिया, इस वक्त तलब महसूस नहीं हो रही, मेदा भी ज़रा कमज़ोर है, किबला शौक फरमाएँ।’
(ग) भगत जी गर्मियों की उमस भरी संध्या में अपने घर के आँगन में आसन जमा कर बैठ जाते थे। गाँव के कुछ प्रेमी लोग भी वहाँ आ जुटते। एक पंक्ति भगत जी गाते तथा प्रेमी मंडली उसे दोहराती । धीरे-धीरे स्वर ऊँचा होने लगता । भगत जी का गायन सुनकर प्रेमीजन अपनी सुध-बुध खो बैठते । कुछ देर में भगत जी खँजड़ी बजाते हुए भक्तों के बीच नाचने लगते और वातावरण में मस्ती छा जाती ।
(घ) बिस्मिल्ला खाँ जीवन भर ईश्वर से ‘सच्चा सुर’ माँगते रहे क्योंकि उनके लिए सुर ही सबसे बड़ी निधि थी। वे सच्चे कलाकार थे और सुर की साधना में ही उनका पूरा जीवन व्यतीत हुआ था। इससे उनकी इस विशेषता का पता चलता है कि वह विनम्र, ईश्वर के भक्त तथा संगीत के सच्चे साधक थे। उन्होंने अपने आपको कभी पूर्ण नहीं माना। वह तो अपने पर भी झल्ला उठते थे कि अब तक उन्हें सच्चा सुर लगाना नहीं आया।
प्रश्न 12.
पद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए : ( 3 × 2 = 6)
(क) ‘सूर के पद’ में गोपियों के माध्यम से सूरदास की भक्ति भावना सामने आती है। इस कथन के आलोक में सूरदास की भक्ति भावना पर टिप्प्णी कीजिए। ( किन्हीं दो बिन्दुओं को उत्तर में अवश्य शामिल करें। )
(ख) ‘राम-लक्ष्मण – परशुराम संवाद’ में लक्ष्मण ने अपनें कुल की किन विशेषताओं का उल्लेख किया है? किन्हीं दो विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
(ग) इस वर्ष पाठ्यक्रम में पढ़ी कौन-सी कविता आपको सबसे अधिक प्रभावित करती है और क्यों?
(घ) ‘आत्मकथ्य’ में कवि आत्मकथा न लिखने के लिए जिन तर्कों का सहारा ले रहा है, उनमें से किन्हीं दो का उल्लेख कीजिए |
उत्तर:
( क ) सूरदास की भक्ति का पहला बिन्दु – ( 1 ) सूरदास प्रेममार्गीय भक्ति के समर्थक हैं। उन्होंने बार-बार गोपियों को प्रेम में मग्न दिखाया है। (2) सूरदास की कृष्णभक्ति एकनिष्ठ है, उसी तरह की जैसे हारिल पक्षी की ।
(ख) लक्ष्मण के अनुसार शूरवीर युद्धभूमि में कर्म करके दिखाते हैं। उनके वीरतापूर्ण कार्य उनका परिचय देते हैं। वे स्वयं अपने मुख से अपने गुणों का बखान नहीं करते । शूरवीर धैर्यवान एवं क्षोभरहित होते हैं। वीर
योद्धा कभी अपशब्द नहीं बोलते। वे अपनी प्रशंसा के पुल नहीं बाँधते । शत्रु को अपने समक्ष देखकर शूरवीर केवल अपनी प्रशंसा नहीं करते वरन् उसको ललकार कर युद्ध के लिए तैयार रहने को कहते हैं शूरवीरों की विजयगाथा समाज को प्रेरणा देती है। लोगों को केवल अपना क्रोध दिखाकर डराना शूरवीरों को शोभा नहीं देता ।
(ग) कवि ऋतुराज की कविता ‘कन्यादान’ हमें विशेष प्रभावित करती है क्योंकि इसमें नयी बहू की सरलता का लाभ उठाकर उस पर अनुचित दबाव बनाने की आलोचना, घर-गृहस्थी के सब कार्य करते हुए अपनी सुरक्षा पर आँच न आने देने और अपने पर होने वाले अत्याचारों का कड़ा विरोध करने की सीख दी गई है।
(घ) महाकवि जयशंकर प्रसाद का ‘आत्मकथ्य’ में आत्मकथा न लिखने का पहला तर्क यह है कि अगर वह आत्मकथा लिखता है तो उसे अपनी भूलों व दुर्बलताओं का उल्लेख भी करना होगा और दूसरा तर्क यह है कि उसके द्वारा उसे धोखा देने वालों की पोल खोलनी पड़ेगी।
प्रश्न 13.
‘पूरक पाठ्य-पुस्तक’ के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए- (2 × 4 = 8)
(क) यह स्वाभाविक है कि बच्चा माता या पिता किसी एक से अधिक नज़दीकी का अनुभव करता हो – ‘ माता का अँचल’ के भोलानाथ के संदर्भ में इस कथन पर प्रकाश डालें। इसके साथ ही अपने जीवन के अनुभव से इसके पक्ष या विपक्ष में टिप्पणी कीजिए ।
(ख) कृतिकार की ईमानदारी से आप क्या समझते हैं? ‘मैं क्यों लिखता हूँ’ के लेखक ने इस ईमानदारी के समक्ष किस तरह की लेखकीय विवशताओं का उल्लेख किया है?
(ग) ‘ साना-साना हाथ जोड़ि ‘ – की लेखिका अपनी यात्रा में प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए चलती है। पाठ के किन्हीं दो प्रसंगों के उल्लेख के साथ लिखिए कि अगर आप उस स्थान पर होते तो क्या करते?
उत्तर:
(क) निश्चित रूप से यह स्वाभाविक है कि बच्चा माता अथवा पिता दोनों में से किसी एक के प्रति अधिक निकटता अनुभव करता है । भोलानाथ अपनी माता के बजाय पिता के प्रति अधिक स्नेह रखता था । पिता के साथ जल्दी उठना, साथ नहाना – पूजा करना, रामायण पढ़ते वक्त पिता की बगल में बैठना आदि। जब उसके पिता मछलियों को आटे की गोलियाँ खिलाने गंगा जाते तो वह उनके कंधे पर बैठकर जाता । वह अपने पिता के साथ ही भोजन करता। मैं भी बचपन में अपने पिताजी से ही अधिक प्यार करता था। उनके साथ ही सोता था और भोजन भी उनके साथ ही करता था। कभी-कभी माँ मुझे आग्रह से भोजन करा देती थी परंतु फिर भी मैं पिताजी के साथ खाने के लिए उनकी तब तक प्रतीक्षा करता, जब तक वह दफ़्तर से लौट नहीं आते थे। हालाँकि मेरा माँ से भी प्रगाढ़ प्रेम रहा है परंतु पिताजी जितना नहीं !
(ख) लेखक लिखकर अपने भीतर की विवशता पहचानता है। लिखने के बाद ही वह उससे मुक्त होता कभी-कभी प्रकाशकों और संपादकों के आग्रह या आर्थिक दबाव के कारण भी लिखना पड़ता है। किसी रचनाकार के प्रेरणा-स्रोत किसी अन्य को रचना के लिए उत्साहित कर सकते हैं क्योंकि दूसरों की अनुभूतियों से उत्पन्न प्रतिक्रियाएँ व संवेदनाएँ भी लेखन का आधार होती हैं। दूसरों के अनुभव पढ़कर भी साधारणीकरण की स्थिति रचना का आधार बनती है। इस प्रकार ईमानदारी से लेखक लेखन करना चाहता है पर लेखकीय विवशताएँ उसे ऐसा करने पर रोक देती हैं।
(ग) लेखिका सिक्किम की राजधानी तोक के प्राकृतिक सौंदर्य का तथा उससे आगे हिमालय यात्रा का वर्णन अत्यंत रोचक ढंग से करती है और साथ ही प्रकृति के प्रति कृतज्ञता भी व्यक्त करती चलती है।
पहला प्रकरण-गतोक उसे ऐसा लगता है मानो आसमान उलटा पड़ा हो और तारे बिखरकर टिमटिमा रहे हों। वहाँ की सुबह, शाम और रात सब कुछ अद्भुत एवं सुंदर हैं। लेखिका वहाँ की नेपाली युवती से सीखी हुई उनकी भाषा में यह कहती है कि मैं छोटे-छोटे हाथ जोड़कर यह प्रार्थना करती हूँ कि मेरा सारा जीवन अच्छाइयों को समर्पित हो ।
दूसरा प्रकरण-एक कुटिया के भीतर घूमते धर्मचक्र के बारे में यह जानकर कि इसे घुमाने से सारे पप धुल जाते हैं, वह सोचती है कि पहाड़ हों या मैदान, तमाम वैज्ञानिक प्रगतियों के बावजूद इस देश यानी भारत की आत्मा एक है। लोगों की आस्थाएँ, विश्वास, पाप-पुण्य की धारणाएँ एक जैसी हैं। गिरिराज हिमालय की विराटता को वह अपनी बाहों में भर लेना चाहती है। हिमालय का पल-पल बदलता स्वरूप उसके सामने अपनी पूरी भव्यता से उद्घाटित होता है। धुंध की चादर छंटते ही लेखिका ने देखा कि वहाँ पहाड़ नहीं, दो विपरीत दिशाओं में आते छाया-पहाड़ अपने श्रेष्ठतम रूप में उसके समक्ष थे, जिनक बीच जन्नत बिखरी पड़ी थी। उसे लगा कि वह ईश्वर के बहुत निकट है। उसके होठों पर वही प्रार्थना पुनः आने लगी, ‘साना साना हाथि जोड़ि ‘ । इस प्रकार लेखिका यात्रा में प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करती चलती है।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में सारगर्भित अनुच्छेद लिखिए: (6)
(क) आज़ाद देश के 75 साल और भविष्य की उम्मीदें
संकेत बिन्दु :
• भविष्य के लक्ष्य
• लक्ष्य पाने के रास्ते
• नागरिकों के दायित्व
(ख) जीवन संघर्ष का दूसरा नाम है
संकेत बिन्दु :
• जीवन और संघर्ष क्या है?
• संघर्ष – सफलता का मूलमंत्र
• असफलता से उत्पन्न निराशा और उत्कट जिजीविषा
• जीवन का मूलमंत्र
(ग) समय होत सबसे बलवान
संकेत बिन्दु :
• समय/काल का महत्त्व
सुख-दुःख का आवागमन
• समय की बारीकी को समझना और उसके अनुसार कार्य करना
• बुरे समय में भी हार न मानना
उत्तर:
(क) आज़ाद देश के 75 साल और भविष्य की उम्मीदें
भविष्य के लक्ष्य – हमारे देश ने आज़ादी के पचहत्तर साल में कम प्रगति नहीं की है, पर अभी ऐसी योजनाओं को उनके परिणाम तक पहुँचाना बाकी है जो देश को और वैज्ञानिक, तकनीकी, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक निरपेक्षता की दृष्टि से अधिक संपन्न करें। ऐसी व्यवस्था करनी होगी जो हर आदमी की निचले स्तर से ही रोज़ी-रोटी और मकान की समस्याओं को हल कर दे। लक्ष्य पाने के रास्ते – आज़ाद भारत को सुखी और संपन्न बनाने के लिए ऐसी योजनाएँ बनानी होंगी जिनसे हर व्यक्ति शिक्षित हो, हर हाथ को रोज़गार मिले और हर आदमी को आवास मिले, हर आदमी को न्याय मिले और हर आदमी सुरक्षित रह सके। सरकार का हर रास्ता ऐसा होना चाहिए जिससे बेरोज़गारी, अशिक्षा, भ्रष्टाचार, व्याभिचार और सामाजिक असमानता आदि समाप्त हों।
नागरिकों के दायित्व – भारत को अगर शक्तिसंपन्न बनाना है तो सरकार को ही नहीं, नागरिकों को भी अपने कर्त्तव्यों का पालन करना होगा। नागरिक जिस भी व्यवसाय में है उसे पूरी निष्ठा व कर्मठता से करना होगा। सरकारी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुँचाना होगा और अपने मूल्यवान वोट से ऐसी सरकार का चयन करना होगा जो आपकी आशाओं पर खरी उतर सके। नागरिक अपने कर्तव्यों और अधिकारों को समझते हुए भारत को विश्व में लोकप्रिय और शक्ति संपन्न बना सकते हैं। देश की निगाहें अपने नागरिकों पर ही हैं। देश का वर्तमान अब नौनिहालों के हाथ है और उसे कर्मठता से कार्य करते हुए, धर्मनिरपेक्षता पर विश्वास जताते हुए और अपनी सांस्कृतिक विरासत पहचानते हुए आगे बढ़ाना है ।
(ख) जीवन संघर्ष का दूसरा नाम है
जीवन और संघर्ष क्या है? – जीवन एक शैली है। यह व्यक्ति की गति है। यह स्वयं एक प्रवाह है जो गंतव्य की ओर अनवरत बढ़ रहा है। मानव ने इसे गति दी है। जब प्रश्न जीने का आता है तो उसके लिए संघर्ष करना पड़ता है। व्यक्ति जीना तो चाहता है मगर जीने की राह में अनेक सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक तथा धार्मिक बाधाएँ खड़ी हो जाती हैं। इन बाधाओं को दूर कर जो आगे बढ़ जाता है। वही सच्चा जीवन जीता है।
संघर्ष – सफलता का मूलमंत्र – बहुत ही साधारण लेकिन महत्त्वपूर्ण उक्ति है- जो व्यक्ति जीवन में संघर्ष करता है वही सफलता को प्राप्त करता है। उसे ही लक्ष्य प्राप्त होता है। जिस सुख की चाह में वह आज इधर-उधर भटक रहा है, वह आसानी से मिलने वाला नहीं है। उसे इसके लिए निरंतर कठिन संघर्ष करना पड़ेगा। जो ऊर्जा के साथ लक्ष्य की ओर बढ़ जाता है, उसके लिए कठिन संघर्ष करता है, वह निश्चित रूप से सफलता प्राप्त करता है। अतः संघर्ष सफलता का मूल मंत्र है।
असफलता से उत्पन्न निराशा और उत्कट जिजीविषा – व्यक्ति जब कठिन संघर्ष करने के उपरांत भी असफल होता है तब उसके मन में निराशा घर करने लगती है। जीवन संघर्ष में असफलता मिलना आम है पर यह हमेशा नहीं, एक न एक दिन वह व्यक्ति को अवश्य सफलता के सोपान पर आरूढ़ कराती है। बस, शर्त यह कि मन में जीवन की अदम्य उत्कट इच्छा होनी चाहिए।
जीवन का मूलमंत्र – अतएव जीवन का मूलमंत्र केवल अपना लक्ष्य पाने के लिए निरंतर संघर्ष है और असफल होने पर भी पुन: संघर्ष में रत रहना है। कई बार हारना भी जीतने के लिए ही होता है। ‘होगी सफलता क्यों नहीं, कर्त्तव्य पथ पर दृढ़ रहो।’ मानव का विकास मानव के हाथ में है। जीवन पथ पर उलझनों की पथरीली दीवारे हैं, चट्टाने हैं और उन पर विजय प्राप्त करने का एकमात्र पथ संघर्ष है।
(ग) समय होत सबसे बलवान
समय / काल का महत्त्व – समय बलवान है। यह निकल गया तो पुनः वापस नहीं आता। इसलिए इसका अतिशय महत्त्व है। जिस प्रकार मुँह से निकली बात, कमान से छूटा तीर, देह से निकली आत्मा, बीता हुआ बचपन, गुज़री हुई जवानी, नक्षत्र लोक से टूटे तारे, शाखा से टूटी टहनी, पेड़-पौधे से झड़े पत्ते, फल और फूल कभी नहीं लौटते, उसी प्रकार बीता हुआ समय कभी नहीं लौटता । सुख-दुख का आना- समय की शक्ति से जीवन में सुख-दुःख आते हैं। जीवन भर दुःख सहन करने वाला समय की अनुकंपा से सुखमय जीवन व्यतीत करने लगता है और बुरा समय आने पर अमीर दर-दर का भिखारी बन जाता है। इसलिए आदमी को चाहिए कि वह समय से डरकर रहे ।
समय की बारीकी को समझना और उसके अनुसार कार्य करना – समय बहुत कीमती है। इसका प्रत्येक क्षण मूल्यवान् है। समय पर, हर समय नज़र रखना’ आवश्यक है और समय के अनुसार ही कार्य पूरे करने हैं। अगर समय में कोताही बरत गए तो समझिए आप न केवल मूल्यवान् समय खो देंगे बल्कि दुखों से भर उठेंगे। इसलिए समय को समझो और उसके अनुसार कार्य करो।
बुरे समय में भी हार न मानना – अगर जीवन में कभी बुरा वक्त आ जाए तो घबराने की आवश्यकता नहीं है । साहस से मुकाबला करो। अच्छा या बुरा जैसा भी समय आए, उसके कैसे भी परिणाम क्यों न हों, उन्हें धैर्यपूर्वक सहो । हमेशा याद रहे, समय बलवान है और उसका महत्त्व निर्विवाद है।
प्रश्न 15.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए : (5)
(क) आपका नाम सना / सोहम है। आपके छोटे भाई / बहन को लगातार मोबाइल पर खेलते रहने की लत पड़ चुकी है । खाने, पढ़ने की जगह वह बस मोबाइल में लगा रहता / रहती है। इसके नुकसान समझाते हुए लगभग 100
शब्दों में एक पत्र लिखिए |
अथवा
(ख) आप अहमदाबाद के रहने वाले मनीष / मनीषा हैं। किसी कार्यवश रेल से मुंबई जा रहे थे और बीच में एक छोटे स्टेशन पर आपका सामान चोरी हो गया। मुंबई रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर को पूरी घटना की जानकारी देते हुए उचित शीघ्रातिशीघ्र कार्यवाही करने का अनुरोध करते हुए लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
उत्तर:
(क) मोबाइल के नुकसान बताने हेतु छोटे भाई / बहन को पत्र :
दिल्ली
दिनांक : 26 जुलाई, 20xx
प्रिय रमा
सदा खुश रहो !
कल पिताजी का पत्र मिला। उन्होंने तुम्हारी शिकायत की कि तुम दिन-रात मोबाइल से चिपकी रहती हो । चाहे दिन हो या रात, तुम्हारे हाथ से मोबाइल छूटता ही नहीं है। मुझे यह भी पता चला है कि मोबाइल गेम्स के चलते तुम्हें खाने-पीने की भी परवाह नहीं है। यदि तुम्हें घर का कोई काम बताया जाता है तो वह भी तुम टाल जाती हो ।
मोबाइल की आदत बहुत बुरी है। मोबाइल का अधिक प्रयोग तुम्हारी आँखों के लिए सही नहीं है। लगातार मोबाइल देखने से सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या भी हो सकती है। कानों में निरंतर इयरप्लग लगाए रखने से बहरे होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। मोबाइल से निकलने वाली तरंगें भी कई असाध्य रोगों का कारण बन सकती हैं।
वैसे भी इस साल तुम्हारी दसवीं कक्षा की परीक्षा है। तुम्हें तो अधिक-से-अधिक समय पढ़ाई-लिखाई में लगाना चाहिए। यदि तुम्हारा ध्यान मोबाइल से नहीं हटा तो तुम पढ़ाई में पिछड़ जाओगी और उसका दुष्परिणाम क्या होगा इससे तुम अनभिज्ञ नहीं हो। तुम स्वयं को अभी से मोबाइल से दूर कर लो, नहीं तो जीवन-भर पछताओगी। गया वक्त कभी वापस नहीं आता।
आशा करता हूँ कि तुम मेरी बातों को अच्छे से समझकर अपना ध्यान पढ़ाई में लगाओगी। तुम्हारा भाई
सोहम
अथवा
(ख) रेलवे स्टेशन से सामान चोरी होने के संबंध में स्टेशन मास्टर को पत्र :
अहमदाबाद
दिनांक : 2 जून, 20xx
सेवा में
स्टेशन मास्टर महोदय
सेंट्रल रेलवे स्टेशन
मुंबई |
विषय : स्टेशन से सामान चोरी के संबंध में।
मान्यवर
मैं दिनांक 29 मई, 2023 को मुंबई की एक कंपनी में साक्षात्कार के लिए अहमदाबाद से पुणे दूरन्तो से मुंबई आ रहा था। मैं मुंबई सेंट्रल प्लेटफॉर्म पर उतरा और एक टी-स्टॉल पर जलपान करने लगा, इस बीच मेरा बैग चोरी हो गया। बैग में मेरे विभिन्न सर्टिफिकेट, ₹7,000 नगद एवं एटीएम कार्ड सहित कुछ आवश्यक कागजात थे। मैंने बैग के बारे में स्टेशन पर काफी खोजबीन की। यही नहीं वहाँ पर तैनात रेलवे पुलिस के जवान ने भी बैग ढूंढने में मेरी सहायता की परंतु फिर भी कोई जानकारी नहीं मिल पाई। मैंने इस संबंध में सेंट्रल रेलवे पुलिस चौकी में भी रिपोर्ट दर्ज करवा दी है।
निवेदन है कि इस संदर्भ में शीघ्रातिशीघ्र समुचित कार्यवाही करें और मेरा बैग ढूंढने में मेरी सहायता करें |
भवदीय
मनीष
मोबाइल : 99xxx×××××
प्रश्न 16.
(क) आपने हाल ही में एम. एस. सी. ( गणित ) की परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की है और साथ ही साथ आप बी. एड. भी कर चुके हैं। गणित के पी.जी.टी. (परा – स्नातक अध्यापक) पद के लिए अपना स्ववृत्त (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए। आपका नाम नेहा / निखिल है। आपको केन्द्रीय विद्यालय, क.ख.ग. में गणित अध्यापक/अध्यापिका पद के लिए आवेदन करना है।
अथवा
(ख) आपके घर मेहमान आने वाले हैं तो आपने ‘तुरत-फुरत ‘ नामक वेबसाइट से कुछ खाने-पीने की वस्तुएँ मँगवाई हैं। बीस मिनट में सामान पहुँचाने वाली इस साइट से 50 मिनट में भी सामान नहीं आया है। इसकी शिकायत करते
हुए उपभोक्ता संपर्क विभाग के लगभग 80 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए। आपका नाम साधना / सोमेश है।
उत्तर:
(क) आपने हाल ही में एम. एस. सी. ( गणित ) की परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की है और साथ ही साथ आप बी. एड. भी कर चुके हैं। गणित के पी.जी.टी. (परा – स्नातक अध्यापक) पद के लिए अपना स्ववृत्त (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए। आपका नाम नेहा / निखिल है। आपको केन्द्रीय विद्यालय, क.ख.ग. में गणित अध्यापक/अध्यापिका पद के लिए आवेदन करना है। (5)
अथवा
(ख) आपके घर मेहमान आने वाले हैं तो आपने ‘तुरत-फुरत ‘ नामक वेबसाइट से कुछ खाने-पीने की वस्तुएँ मँगवाई हैं। बीस मिनट में सामान पहुँचाने वाली इस साइट से 50 मिनट में भी सामान नहीं आया है। इसकी शिकायत करते
हुए उपभोक्ता संपर्क विभाग के लगभग 80 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए। आपका नाम साधना / सोमेश है। 7017, (क) जल प्रदूषण की भयावहता के प्रति सब को सचेत करने वाला एक जनहितकारी विज्ञापन लगभग 60 शब्दों में बनाइए । (4)
अथवा
(ख) आप मोहिनी / महेन्द्र हैं। आपके बड़े भाई को विदेश जाकर पढ़ाई करने के लिए छात्रवृत्ति मिली है जिसके अन्तर्गत वे अमेरिका उच्च अध्ययन के लिए जाने वाले हैं। उन्हें बधाई एवं शुभकामना प्रेषित करता एक संदेश लगभग 60 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
( क ) गणित – अध्यापक के पद हेतु स्ववृत्त सहित आवेदन-पत्र :
दिल्ली
दिनांक : 10 अप्रैल, 20xx
सेवा में
प्रधानाचार्य
केन्द्रीय विद्यालय
क० ख०ग०
विषय : गणित अध्यापक पद हेतु ।
मुझे दैनिक हिन्दुस्तान टाइम्स से गत रविवार ज्ञात हुआ कि आपके विद्यालय में गणित के पी.जी.टी. (परा – स्नातक) की आवश्यकता है। मैं उक्त पद के लिए स्वयं को योग्य मानकर अपना स्ववृत्त भेज रहा हूँ।
नाम : निखिल
पिता का नाम : श्री सुधाकर राव
जन्मतिथि : 22 अगस्त, 2000
स्थायी पता : 1634, कीर्ति नगर, दिल्ली
शिक्षा : हाई स्कूल, इलाहाबाद बोर्ड ( उत्तर प्रदेश), प्रथम श्रेणी 79% अंक (2014)
इंटरमीडिएट, इलाहाबाद बोर्ड ( उत्तर प्रदेश), प्रथम श्रेणी 93% अंक (2016) बी. ए. ( आनर्स) (गणित), हिन्दू कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय), 87% अंक (2019 ) एम.ए. ( गणित ) हिन्दू कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय), 85% अंक (2021) बी. एड., मेरठ विश्वविद्यालय, 63% अंक
अनुभव : दसवीं से लेकर बारहवीं कक्षा के छात्रों को पिछले पाँच साल का निजी तौर पर पढ़ाने का अनुभव।
यदि मैं इस पद के लिए चुन लिया जाता हूँ तो विश्वास दिलाता हूँ कि मैं भली-भाँति अपने उत्तरदायित्व का निर्वाह करूँगा।
संलग्न : विभिन्न प्रमाणपत्रों की सत्यापित प्रतियाँ |
भवदीय
निखिल
मोबाइल : 99xx××××××
अथवा
(ख) उपभोक्ता संपर्क विभाग को निश्चित समय पर सामान न मिलने हेतु ई-मेल :
From: [email protected]
To: [email protected]
cc/bcc: (आवश्यकतानुसार cc और bcc की लाइन को भरा जाता है)
विषय : निश्चित समय पर सामान की डिलीवरी न होने के संदर्भ में।
मान्यवर
मैंने आज दिनांक 20 जून को गुप्ता खाद्यान्न सेवा प्रतिष्ठान नामक फूड डिलीवरी वेबसाइट से तीन मेहमानों के लिए भोजन का ऑर्डर दिया था और इसके लिए तय राशि भी पेटीएम कर दी थी। मुझे रात आठ बजे खाना मेरे आवास पर पहुँचाने का आश्वासन दिया गया था और उनके द्वारा यह सेवा 20 मिनट में पूरी होनी थी। परंतु मुझे मेरा ऑर्डर 2 घंटे बाद मिला । जब मैंने इसकी शिकायत वेबसाइट पर की तो मुझे कोई उत्तर नहीं मिला । अतः मैं इस वेबसाइट की शिकायत आपके विभाग में कर रहा हूँ । आपसे निवेदन है कि इस संदर्भ में शीघ्रातिशीघ्र आवश्यक कार्यवाही कर मुझे अनुग्रहीत करें।
प्रश्न 17.
(क) जल प्रदूषण की भयावहता के प्रति सब को सचेत करने वाला एक जनहितकारी विज्ञापन लगभग 60 शब्दों में बनाइए । (4)
अथवा
( ख ) आप मोहिनी / महेन्द्र हैं। आपके बड़े भाई को विदेश जाकर पढ़ाई करने के लिए छात्रवृत्ति मिली है जिसके अन्तर्गत वे अमेरिका उच्च अध्ययन के लिए जाने वाले हैं। उन्हें बधाई एवं शुभकामना प्रेषित करता एक संदेश लगभग 60 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
(क) जल प्रदूषण की भयावहता के प्रति सबको सचेत करने के लिए जनहितकारी विज्ञापन :
कई दिनों से लगातार बारिश होने तथा हरियाणा द्वारा अधिक पानी छोड़े जाने के कारण यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जिससे प्रदूषित जल का निचले इलाकों में फैलने का खतरा बढ़ गया है। यह पानी गली-मुहल्लों और घरों में भी प्रविष्ट हो सकता है जिस कारण प्रदूषित जल – जनित रोग होने का खतरा पैदा हो गया है। अतः आप सबको यह चेतावनी दी जाती है कि जब तक यह अपना प्रभाव दिखाए तब तक सरकार की ओर से निर्देशित गाइडलाइन पर अमल करें और किसी अन्य सुरक्षित स्थान पर चले जाएँ। निवेदक दिल्ली नगर निगम, दिल्ली |
(ख) बड़े भाई को विदेश जाकर पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति मिलने पर बधाई संदेश :
दिल्ली
दिनांक : 10 अप्रैल, 20xx
आदरणीय भाई साहब
सादर चरण स्पर्श ।
माताजी से आज शाम मोबाइल पर हुई बातचीत से ज्ञात हुआ कि आपको अमेरिका से डॉक्टरेट करने के लिए छात्रवृत्ति प्राप्त हुई है। इस सूचना से जहाँ पूरा परिवार आनंदमग्न है, वहीं मैं भी फूला नहीं समा रहा हूँ। यह आपकी चिरसाध थी जिसे ईश्वर ने पूरा कर दिया है। आपको मैं हृदय से शुभकामनाएँ प्रेषित करता हूँ। कृपया मुझे यह सूचना दें कि आप कब अमेरिका जा रहे हैं ताकि मैं आपके जाने से पूर्व आपके और पूरे परिवार के साथ कुछ समय बिता सकूँ। शेष आने पर । आपका छोटा भाई
महेन्द्र
SET II Code No. 3/6/2
निम्न प्रश्नों के अतिरिक्त शेष सभी प्रश्न Set – I में पूछे गए हैं।
प्रश्न 3.
‘रचना के आधार पर वाक्य भेद पर आधारित निम्नलिखित बहुविकल्पी प्रश्नों के उत्तर निर्देशानुसार दीजिए :
(i) ‘जो झूठ बोलते हैं, उनका कोई सम्मान नहीं करता ।
इसे सरल वाक्य में रूपांतरित करने पर वाक्य बनेगा- [1]
(a) वे झूठ बोलते हैं इसलिए उनका कोई सम्मान नहीं करता ।
(b) झूठ बोलने के कारण सम्मान नष्ट हो जाता है।
(c) झूठ बोलने वालों का कोई सम्मान नहीं करता ।
(d) जिसकी झूठ बोलने की आदत है उसका कोई सम्मान नहीं करता ।
उत्तर:
(c) झूठ बोलने वालों का कोई सम्मान नहीं करता ।
(ii) ‘ थैला उठाकर बच्चा विद्यालय की ओर निकल पड़ा।’ इसे संयुक्त वाक्य में बदलने पर होगा – [1]
(a) बच्चे ने थैला उठाया और विद्यालय की ओर निकल पड़ा।
(b) जब बच्चे ने थैला उठाया तब विद्यालय की ओर निकला।
(c) जैसे ही बच्चे ने थैला उठाया वैसे ही विद्यालय की ओर निकल पड़ा ।
(d) विद्यालय की ओर निकलने के लिए बच्चे ने थैला उठाया।
उत्तर:
(a) बच्चे ने थैला उठाया और विद्यालय की ओर निकल पड़ा।
प्रश्न 4.
‘वाच्य’ पर आधारित निम्नलिखित बहुविकल्पी प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए-
(i) निम्नलिखित में कर्मवाच्य का उदाहरण है- [1]
(a) रवि ने नाटक में भाग लिया।
(b) रवि नाटक से भाग गया।
(c) रवि द्वारा नाटक में भाग लिया गया।
(d) रवि नाटक में भाग लेना चाहता था ।
उत्तर:
(c) रवि द्वारा नाटक में भाग लिया गया।
(ii) ‘मोहम्मद रफी द्वारा यह गीत गाया गया’ – इसे कर्तृवाच्य में बदलने पर होगा- [1]
(a) मोहम्मद रफी से यह गीत गाया गया।
(b) मोहम्मद रफी ने यह गीत गाया।
(c) मोहम्मद रफी यह गीत गाने वाले हैं।
(d) मोहम्मद रफी द्वारा यह गीत गाया जाएगा।
उत्तर:
(b) मोहम्मद रफी ने यह गीत गाया।
(iii) निम्नलिखित वाक्यों में भाववाच्य का वाक्य है- [1]
(a) बच्चा बैठता है।
(b) राम से आया नहीं जाता।
(c) रमेश आता है।
(d) आपसे पत्र लिखा नहीं जाता।
उत्तर:
(b) राम से आया नहीं जाता।
प्रश्न 8.
गद्य खंड के पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए : (2 × 1 = 2)
(i) नवाब साहब ने खीरे का आनंद किस प्रकार उठाया?,
(a) खूब तैयारी से साफ किया, काटा, नमक मिर्च बुरक दिया और खा लिया।
(b) साबुत खीरा ही धोकर खाया ।
(c) खीरों को धोया, छीलकर काटा, जीरा मिला नमक मिर्च छिड़का, होंठों तक ले गए, सूँघकर फेंक दिया।
(d) खीरों को धोया, छीला, कड़वाहट निकाली, चखा, कड़वा होने के कारण फेंक दिया।
उत्तर:
(c) खीरों को धोया, छीलकर काटा, जीरा मिला नमक मिर्च छिड़का, होंठों तक ले गए, सूँघकर फेंक दिया।
(ii) शहनाई के विषय में ‘नौबतखाने में इबादत’ पाठ के आधार पर निम्नलिखित में कौन-सी बात असत्य है?
(a) वैदिक इतिहास में शहनाई का उल्लेख मिलता है।
(b) शहनाई सुषिर – वाद्यों में शामिल है।
(c) अवधी पारंपरिक लोकगीतों में शहनाई का उल्लेख है।
(d) शहनाई को मांगलिक विधि-विधानों में शामिल किया जाता है।
उत्तर:
(b) शहनाई सुषिर – वाद्यों में शामिल है।
प्रश्न 10.
पद्य खंड के पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए: (2 × 1 = 2)
(i) लक्ष्मण ने वीरों के क्या लक्षण बताए ?
(a) वीर युद्ध में पराक्रम दिखाते हैं न कि अपनी बड़ाई खुद बताते हैं । 1
(b) वीर कभी भी युद्ध के लिए प्रस्तुत रहते हैं और उनके बारे में बताना नहीं पड़ता ।
(c) वीर विनम्र होते हैं आवश्यकता अनुसार ही शस्त्र धारण करते हैं।
(d) वीर वाचाल होते हैं और उनके आने से पहल उनकी खबर पहुँच जाती है।
उत्तर:
(a) वीर युद्ध में पराक्रम दिखाते हैं न कि अपनी बड़ाई खुद बताते हैं । 1
(ii) ‘अट नहीं रही’ कविता के आधार पर लिखिए कि फागुन में प्रकृति में क्या-क्या बदलाव आते हैं?
(a) लाल – हरे नए पत्ते आते हैं, बारिश होती है, आँधी भी चलने लगती है।
(b) पेड़ों से पुराने पत्ते झड़ने लगते हैं, पक्षी नाचते हैं, सुवासित हवा चलती है।
(c) पेड़ों पर लाल-हरे नए पत्ते आते हैं, चारों तरफ फूल खिल जाते हैं, सुवासित हवा चलती है।
(d) पक्षी कलरव करते हैं, उनके पर हवा में उड़ते हैं और सुवासित हवा चलती है।
उत्तर:
(c) पेड़ों पर लाल-हरे नए पत्ते आते हैं, चारों तरफ फूल खिल जाते हैं, सुवासित हवा चलती है।
प्रश्न 11.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए : (3 × 2 = 6 )
(क) लोग संस्कृति और सभ्यता को ठीक-ठीक समझने में अभी भी भूल क्यों करते हैं?
(ख) बिस्मिल्ला खाँ को लेखक ‘मंगलध्वनि का नायक’ क्यों कहता है?
(ग) बालगोबिन भगत गृहस्थी के भीतर भी संन्यासी किस तरह थे?
(घ) हालदार साहब को नेताजी की मूर्ति में कौन-सी कमी नज़र आई और उन्होंने उसके कारण के विषय में क्या-क्या अनुमान लगाया?
उत्तर:
(क) लोग संस्कृति और सभ्यता को ठीक से समझने में भूल इसलिए करते हैं क्योंकि वे इन दोनों का प्रयोग मनमाने ढंग से करते हैं। यहाँ तक कि उनके साथ भौतिक और आध्यात्मिक जैसे विशेषण भी जोड़ देते हैं। इन विशेषताओं को जोड़ने के कारण इन शब्दों की समझ और अधिक गड़बड़ा जाती है।
(ख) मांगलिक विधि-विधान के अवसर पर शहनाई बजाई जाती है। बिस्मिल्ला खाँ भारत के सर्वश्रेष्ठ शहनाई वादक रहे हैं। इसी वाद्य में निपुणता के कारण वह ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित हुए। अतः उन्हें शहनाई की मंगलध्वनि का नायक कहा गया है।
(ग) बालगोबिन भगत गृहस्थ थे। उनकी खेती-बाड़ी थी, परिवार था, परंतु उनका रहन-सहन साधुओं वाला ही था। वह कबीर को ‘साहब’ मानते थे। उन्हीं के गीतों को गाते और उन्हीं के आदेशों पर चलते। एकदम खरा बोलते तथा किसी से बिना वजह झगड़ा नहीं करते। उनकी सब चीजें साहब की थीं। खेत में जो पैदा होता उसे पहले दरबार में ‘भेंट’ स्वरूप रखते और फिर प्रसाद रूप में जो वहाँ से मिलता उससे अपनी गुज़र चलाते ।
(घ) हालदार साहब ने देखा किं नेताजी की मूर्ति तो संगमरमर की थी परंतु उस पर संगमरमर का चश्मा नहीं था। उस पर एक सामान्य चौड़े फ्रेम वाला चश्मा लगा हुआ था । यह एक कमी थी जो हालदार साहब को खटकती थी। इस विषय में हालदार साहब ने कई अनुमान लगाए जैसे- किसी मूर्तिकार मास्टर मोतीलाल ने महीने – भर में मूर्ति बनाकर पटक देने का वादा किया होगा, बना भी ली होगी लेकिन पत्थर में पारदर्शी चश्मा कैसे बनाया जाए, यह तय नहीं कर पाया होगा, या कोशिश की होगी और असफल रहा होगा या बनाते-बनाते ‘कुछ और बारीकी के’ चक्कर में चश्मा टूट गया होगा या फिर पत्थर का अलग से बनाकर फिट किया होगा और वह निकल गया होगा आदि ।
प्रश्न 12.
पद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए : (3 × 2 = 6 )
(क) इस वर्ष पाठ्यक्रम में पढ़ी कौन-सी कविता है जिसमें आत्मकथा लेखन के विषय में कवि ने व्यक्त की है ? आत्मकथा के विषय में कवि के विचारों में से किन्हीं दो का उल्लेख कीजिए ।
(ख) ‘सूर के पद’ में प्रेम की मर्यादा का निर्वाह किसने और किस प्रकार नहीं किया?
(ग) ‘राम-लक्ष्मण – परशुराम संवाद’ के तीन मुख्य पात्रों में किससे आप सर्वाधिक प्रभावित होते हैं और क्यों ?
(घ) ‘उत्साह’ कविता क्रान्ति और बदलाव की कविता किस प्रकार है ? किन्हीं दो बिन्दुओं से स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
(क) इस वर्ष पाठ्यक्रम में पढ़ी आत्मकथा लेखन के विषय में महाकवि जयशंकर प्रसाद द्वारा प्रणीत ‘आत्मकथ्य’ कविता है । कवि का मानना है कि आत्मकथा वाचक अपनी कहानी सुनाकर जैसे स्वयं पर ही व्यंग्य करता है – ‘मेरे जीवन में भी दुर्बलताएँ ही दुर्बलताएँ हैं, ऐसे में आत्मकथा कैसे लिखूँ? इस जीवन की गगरी तो खाली है। ‘
(ख) प्रेम की मर्यादा का निर्वाह गोपियों के प्रेमी श्रीकृष्ण ने नहीं किया। प्रेम की मर्यादा तो यही है कि प्रेमी और प्रेमिका दोनों ही अपनी-अपनी मर्यादा का निर्वाह करें। गोपियों ने प्रेम की मर्यादा निभा ली पर श्रीकृष्ण ने नहीं। उन्होंने तो उनके लिए नीरस योग का संदेश भेज दिया। यह योग छलावा और भटकाव के सिवाय कुछ नहीं था। इसी छल को गोपियों ने प्रेम की मर्यादा का उल्लंघन कहा है।
( ग ) ‘राम लक्ष्मण – परशुराम संवाद’ में तीन प्रमुख पात्र हैं – राम, लक्ष्मण और परशुराम । इनमें हम राम से विशेषतः प्रभावित हैं क्योंकि वे विनय और वीरता की मूरत हैं और स्वभाव से कोमल हैं। उनके मन में बड़ों के प्रति आदर भाव है। गुरुजनों के सामने शीश झुकाना वह अपना धर्म मानते हैं। वह इतने नम्र हैं कि वह स्वयं को महाक्रोधी परशुराम जी का दास भी कहते हैं।
(घ) ‘उत्साह’ क्रान्ति और बदलाव की कविता है। यह क्रान्ति का आह्वान करती है। कवि को बादलों की गर्जन प्रिय है। वह ‘घेर- घेर घोर गगन’ कहकर बादलों को उग्रतापूर्वक घेराव की प्रेरणा देता है। हृदय में विद्युत की छवि का होना तथा वज्र का छिपाना भी क्रान्ति शक्ति का प्रतीक है। इसका मुख्य स्वर क्रान्ति है। यह बदलाव की कविता भी है। कवि चाहता है कि बादल अपने उत्साह से सारे गगन को घेर ले और संसार को उत्साहित कर दे।
प्रश्न 16.
(क) आपने समाजशास्त्र में उच्च अध्ययन किया है। एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) के मुख्य कार्यकारी प्रबंधक के लिए स्ववृत्त (बायोडाटा) 80 शब्दों में तैयार कीजिए। आपका नाम सीमा / सुरेश है। [5]
अथवा
(ख) आप बतौर अध्यापक कार्यरत हैं लेकिन आप किसी कारण से अब अपना व्यवसाय बदलना चाहते हैं। नौकरी से त्यागपत्र देते हुए विद्यालय प्रमुख को 80 शब्दों में ई-मेल लिखिए। आपका नाम प्रेरणा/प्रतीक है।
उत्तर:
(क) 16 / 3, साकेत
दिल्ली ।
दिनांक : 17 अगस्त, 20xx
सेवा में
प्रबंधक
‘उत्साह’ फाउंडेशन
278, हनुमान मंदिर मार्ग
राजीव चौक
नई दिल्ली – 100001
महोदय
दैनिक जागरण में 25 जून को प्रकाशित एक विज्ञापन से ज्ञात हुआ कि ‘उत्साह फाउंडेशन’ के लिए एक कार्यकारी प्रबंधक की आवश्यकता है। मैं इस पद के लिए स्ववृत्त प्रेषित कर रही हूँ।
नाम : सीमा कुकरेती
पिता का नाम : श्री विश्वनाथ कुकरेती
जन्म तिथि : 6 जनवरी, 1988
स्थायी पता : 1644, मोती बाग, दिल्ली
शिक्षा : सेकेण्डरी, दिल्ली पब्लिक स्कूल, आर. के. पुरम, नई दिल्ली, प्रथम श्रेणी, 86% अंक (2002)
सीनियर सेकेण्डरी (आर्टस ग्रुप), दिल्ली पब्लिक स्कूल, आर. के. पुरम, नई दिल्ली, प्रथम श्रेणी, 69% अंक (2004)
बी. ए. ऑनर्स ( समाजशास्त्र), दिल्ली विश्वविद्यालय (दिल्ली स्कूल ऑफ सोशल वर्क), प्रथम श्रेणी, 75% अंक (2007)
एम.ए. (समाजशास्त्र) दिल्ली
विश्वविद्यालय (दिल्ली स्कूल ऑफ सोशल वर्क),
प्रथम श्रेणी, 79% अंक (2009)
पी.एच.डी. (शिशु संरक्षण के विविध आयाम), मुंबई विश्वविद्यालय (2012)
प्रकाशित पुस्तकें : 1. शिशु संरक्षण के विविध आयाम, 2014
2. दलित महिलाओं की समस्याएँ और समाधान, 2021
अनुभव : मुंबई के ‘प्रेरणा’ एनजीओ में तीन वर्ष तक प्रबंधक पद पर कार्यरत । विभिन्न सामाजिक समस्याओं पर आधारित कई सफल नुक्कड़ नाटकों का निर्देशन |
मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि यदि मुझे आपके साथ काम करने का सुअवसर प्राप्त होता है तो मैं पूर्ण निष्ठा से प्रदत्त उत्तरदायित्व का निर्वहन करूँगी ।
संलग्न : सत्यापित प्रतियाँ ।
भवदीया
सीमा कुकरेती
अथवा
(ख) नौकरी से त्यागपत्र देने हेतु विद्यालय प्रमुख को ई-मेल :
From: [email protected]
To: [email protected]
cc/bcc: (आवश्यकतानुसार cc और bec की लाइन को भरा जाता है )
विषय : नौकरी से त्यागपत्र देने के संदर्भ में।
मान्यवर
विनम्र निवेदन है कि मैं आप द्वारा स्थापित एंग्लो सीनियर सेकेण्डरी स्कूल, दरियागंज में विज्ञान विषय की अध्यापिका हूँ और गत् 2009 से शिक्षण कर रही हूँ। मेरे पिताजी का फतेहपुरी, दिल्ली में ड्राईफ्रूट का व्यवसाय है। वह आरंभ से अपनो व्यवसाय अकेले ही चला रहे हैं परंतु अब अधिक आयु होने के कारण वह दुकान चलाने में असमर्थ हैं। मेरा छोटा भाई भी विदेश में रहता है। परिणामस्वरूप अब दुकान संभालने की ज़िम्मेदारी मुझे पर आ गई है। इस कारण मैं आपको अपना त्यागपत्र भेज रही हूँ। इसे स्वीकार कर मुझे कृतार्थ करें। मुझे इस संबंध में समस्त वैधानिक कार्यवाही स्वीकार होगी ।
भवदीया
प्रेरणा
SET III Code No. 3/6/3
निम्न प्रश्नों के अतिरिक्त शेष सभी प्रश्न Set – I तथा Set – II में पूछे गए हैं।
प्रश्न 3.
‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित निम्नलिखित बहुविकल्पी प्रश्नों के उत्तर निर्देशानुसार दीजिए :
(i) ‘बोलचाल की जो भाषा है वही कविता को प्रभावशाली बनाती है’ प्रस्तुत वाक्य को सरल वाक्य में रूपांतरित करने पर होगा – [1]
(a) कविता में बोलचाल की भाषा है और वह उसे प्रभावशाली बनाती है।
(b) बोलचाल की भाषा कविता को प्रभावशाली बनाती है।
(c) उस कविता में जो प्रभाव है, वह बोलचाल की भाषा का परिणाम है।
(d) जब बोलचाल की भाषा का प्रयोग करेंगे तो कोई भी कविता प्रभावशाली बन सकती है।
उत्तर:
(b) बोलचाल की भाषा कविता को प्रभावशाली बनाती है।
(ii) ‘परशुराम के आने पर सब डर गए।’ वाक्य का संयुक्त वाक्य बनेगा- [1]
(a) परशुराम आए और सब डर गए ।
(b) परशुराम आकर सबको डरा दिए ।
(c) परशुराम से सब डरते थे इसलिए आने पर भी डर गए ।
(d) क्योंकि परशुराम आए इसलिए सब डर गए ।
उत्तर:
(a) परशुराम आए और सब डर गए ।
प्रश्न 4.
‘वाच्य’ पर आधारित निम्नलिखित बहुविकल्पी प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए-
(i) निम्नलिखित में से कर्मवाच्य के उदाहरण में किसे नहीं माना जाएगा? [1]
(a) उसके द्वारा कहानी सुनाई गई।
(b) उससे कुछ भी कहा नहीं गया।
(c) बूढ़ी दादी से चला नहीं गया।
(d) माँ से अब खाना बनाया नहीं जाता।
उत्तर:
(d) माँ से अब खाना बनाया नहीं जाता।
(ii) निम्नलिखित में से कर्तृवाच्य का उदाहरण है-
(a) लड़के से तैरा जाता है।
(b) लड़के ने तैराकी सीखी।
(c) लड़के द्वारा तैराकी प्रतियोगिता में भाग लिया गया।
(d) लड़के से तैरा नहीं जाता है।
उत्तर:
(b) लड़के ने तैराकी सीखी।
प्रश्न 8.
गद्य खंड के पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए : (2 × 1 = 2 )
(i) नवाब साहब द्वारा बार-बार खीरा खाने का आग्रह किया जा रहा था, इसे लेखक ने कैसे टाला ? 1
(a) साफ-साफ मना करके
(b) उपेक्षापूर्वक दूसरी ओर देखकर
(c) पेट कमज़ोर होने का बहाना बनाकर
(d) पेट भरे होने का बहाना बनाकर
उत्तर:
(c) पेट कमज़ोर होने का बहाना बनाकर
(ii) निम्नलिखित में बालगोबिन भगत के विषय में कौन-सी बात सही है? [1]
(a) कार्तिक माह में अक्सर वे शाम को पद गाते थे।
(b) वे दूसरों के काम में दखल देते थे।
(c) बारिश की आधी रात में अकसर वे खेलों में चले जाते ।
(d) अपने खेत की पूरी फसल वे कबीर मठ में चढ़ाने ले जाते थे।
उत्तर:
(d) अपने खेत की पूरी फसल वे कबीर मठ में चढ़ाने ले जाते थे।
प्रश्न 10.
पद्य खंड के पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए : (2 × 1 = 2 )
(i) ‘गोपियाँ कृष्ण को हारिल की लकड़ी के समान पकड़े हैं’ – इसका आशय है-
(a) गोपियों ने कृष्ण को अपना सहारा बनाया है।
(b) गोपियाँ मन, वचन और कर्म से एकनिष्ठता में कृष्ण के प्रति समर्पित हैं।
(c) जिस तरह हारिल हाथ में लकड़ी लिए रहता है गोपियाँ कृष्ण की छोड़ी लकुटी लिए रहती हैं।
(d) वे कृष्ण से वैसा प्रेम नहीं करतीं जैसा हारिल लकड़ी से करता है।
उत्तर:
(b) गोपियाँ मन, वचन और कर्म से एकनिष्ठता में कृष्ण के प्रति समर्पित हैं।
(ii) विश्व के सभी जन गर्मी और अन्याय से किस मनोदशा में थे? ‘उत्साह’ कविता के आधार पर लिखिए ।
(a) बेचैन और अनमने
(b) बारिश के इंतज़ार में
(c) प्रतीक्षा और बेचैनी
(d) व्याकुल और आशावादी
उत्तर:
(a) बेचैन और अनमने
प्रश्न 11.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए : (3 × 2 = 6)
(क) कैप्टन नेताजी की मूर्ति पर लगा चश्मा अक्सर क्यों बदल देता था? उसकी इस हरकत से आपके मन में उसके प्रति कौन-से भाव आते हैं?
(ख) भगतजी की पुत्रवधू भी उनकी उतनी ही चिंता करती थी जितनी भगतजी उसकी करते थे- ‘बालगोबिन भगत ‘ पाठ से उदाहरण देते हुए इस कथन को स्पष्ट कीजिए ।
(ग) काशी में किस प्रकार के परिवर्तन हो रहे थे और उन परिवर्तनों पर बिस्मिल्ला खाँ क्या सोचते थे?
(घ) ‘संस्कृति’ पाठ के लेखक किन तर्कों के आधार पर न्यूटन को ‘संस्कृतमानव’ कहते हैं? क्या आप भी उनसे सहमत हैं?
उत्तर:
(क) कैप्टन अपने देश के साथ जुड़ा हुआ था। पैसा कमाने की ललक उसमें नहीं थी । वह बार-बार नेताजी की मूर्ति का चश्मा बदल देता था क्योंकि यदि किसी ग्राहक को मूर्ति पर लगा चश्मा पसंद आ जाता था तो कैप्टन नेताजी की मूर्ति से क्षमा याचना कर के वह चश्मा उतार कर ग्राहक को दे देता था । पर साथ ही वह अपने पास बचे हुए चश्मों में से कोई न कोई चश्मा नेताजी को पहना देता था ताकि नेताजी की मूर्ति बिना चश्मे के न रहने पाए। इस प्रकार कैप्टन मूर्ति का चश्मा बदलता रहता था।
(ख) भगतजी की पुत्रवधू सुभग और सुशील थी तथा वही उनके घर की प्रबंधिका थी। उसने भगतजी को दुनियादारी से निवृत्त कर दिया था। बेटे की मृत्यु पर उन्होंने पतोहू से ही क्रिया-कर्म करवाया और अपनी चिंता न करते हुए उसे उसके भाई को बुलवा कर, यह कहकर उसके साथ भेज दिया कि इसकी दूसरी शादी कर देना। वह बहुत रोई – गिड़गिड़ाई कि मुझे अपने चरणों से अलग न कीजिए पर उसकी एक नहीं चली। भगतजी ने यहाँ तक कह दिया कि तू जा, अन्यथा मैं यहाँ से चला जाऊँगा । इस प्रकार भगतजी की पतोहू जितनी उनकी चिंता करती थी उतनी ही भगतजी भी उसकी करते थे।
(ग) काशी पक्का महाल से जैसे मलाई – बरफ़ गया, संगीत, साहित्य और अदब की बहुत सारी परंपराएँ लुप्त हो गईं। एक सच्चे सुर साधक की भाँति बिस्मिल्ला खाँ साहब को इन सबकी कमी खलती । उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ सोचते थे कि जिस तरह मुहर्रम और ताज़िया, होली और अबीर गुलाल की गंगा-जमुनी संस्कृति एक-दूसरे की पूरक रहा करती थीं, अब बहुत कुछ इतिहास बन गया है और आगे भी बहुत कुछ इतिहास बन जाएगा।
(घ) न्यूटन को कौशल्यायन संस्कृत मानव कहते थे। भौतिक विज्ञान के विद्यार्थी उनके गुरुत्वाकर्षण से तो परिचित हैं लेकिन उसके साथ उन्हें और अनेक बातों का ज्ञान प्राप्त है जिनसे न्यूटन अपरिचित रहा । ऐसा होने पर भी हम आज भौतिक विज्ञान के विद्यार्थी को न्यूटन की अपेक्षा अधिक सभ्य और भले ही कह दें पर न्यूटन जितना संस्कृत नहीं कह सकते। हम लेखक की बात से पूरी तरह सहमत हैं। आविष्कार करने वाला ही संस्कृत व्यक्ति है, क्योंकि भौतिक विज्ञान के विद्यार्थी को यह अपने पूर्वजों से अनायास ही प्राप्त हुआ है, वह सभ्य भले ही हो सकता है पर संस्कृत मानव नहीं ।
प्रश्न 12.
पद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए: (3 × 2 = 6 )
(क) ‘राम-लक्ष्मण – परशुराम संवाद’ के अन्तर्गत लक्ष्मण वीरों और कायरों की कौन-सी विशेषताएँ बताते हैं और क्यों?
ख) पाठ्यक्रम में पढ़ी कौन-सी कविता पूरी तरह प्रकृति के सौन्दर्य पर केन्द्रित है? उसमें वर्णित प्राकृतिक सुन्दरता के किन्हीं दो बिन्दुओं का उल्लेख कीजिए ।
(ग) बच्चे की दंतुरित मुस्कान का किस-किस पर क्या- क्या प्रभाव पड़ता है ? ‘यह दंतुरित मुसकान’ कविता के आधार पर लिखिए।
(घ) ‘ कंथा के सीवन को उधेड़ने’ का अर्थ स्पष्ट करते हुए बताइए कि कवि के लिए आत्मकथा लिखना सीवन उधेड़ने जैसा क्यों है?
उत्तर:
(क) ‘राम-लक्ष्मण – परशुराम संवाद’ के अंतर्गत लक्ष्मण कहते हैं कि वीर वो होते हैं जो रणभूमि में वीरता दिखाते हैं। साहस और शक्ति के साथ विनम्रता का परिचय भी देते हैं। कायर वे हैं जो युद्धभूमि में न जाकर केवल अपना गुणगान करते हैं। गरज- गरज कर अपनी वीरता का गुणगान कायर करते हैं । तुलसीदास जी की ‘सूर समर करहिं कहि न जनावहिं आपु’ पंक्तियाँ इसको चरितार्थ करती हैं।
(ख) हमारे पाठ्यक्रम में ‘अट नहीं रही है’ कविता पूरी तरह प्रकृति के सौन्दर्य पर आधारित है। इसमें कवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ ने फागुन की शोभा का चित्रण किया है।
पहला बिन्दु – फागुन बहुत मतवाला, मस्त और शोभाशील है। इसका रूप-सौंदर्य रंग-बिरंगे फूलों, पत्तों और हवाओं में प्रकट हो रहा है। फागुन’ की सुंदरता सर्वव्यापक हो गई है। उसके सौंदर्य की मादकता ने जैसे जादू करके कवि की दृष्टि को ऐसे बाँध दिया है कि कवि की आँखें इस सुंदरता से हट नहीं पा रही हैं। दूसरा बिन्दु-पेड़ों की शाखाएँ कहीं तो लाल कोंपलों और कहीं हरे पत्तों से लद जाती हैं। कहीं भीनी-भीनी सुगंध से भरे हुए फूलों की मालाएँ डालियों के गले में पड़ी प्रतीत होती हैं। फागुन का मादक सौंदर्य चारों ओर अपनी छटा बिखेर रहा है।
(ग) बच्चे की दंतुरित मुसकान का असर इतना है कि यह मुर्दे में भी जान डाल देती है। उदास और बेजान व्यक्ति अगर शिशु की मुसकान देख ले तो प्रसन्नता से खिल उठता है। बच्चे के धूल से सने शरीर को देख मन कमल-सा खिल उठता है। उसे छूकर ये चट्टानें पिघल कर जलधारा बन जाती हैं। उसकी मुसकान के सामने बाँस हो या बबूल, शेफालिका के फूल बरसाने लगता है। उसकी मुस्कान देखकर कठोर से कठोर मानव भी सरस हो उठता है।
(घ) ‘सीवन को उधेड़कर देखना’ का अर्थ है- अगर लेखक अपनी सच्ची आत्मकथा लिखेगा तो लोगों को उसके जीवन का एक-एक रहस्य पता चल जाएगा। लोग उसके एक-एक दुःख और अभाव को देखकर उसके जीवन के चिथड़े कर डालेंगे। क्योंकि आत्मकथा लिखने पर उसके जीवन के सुख-दुख का पता सबको चल जाएगा। परंतु इससे लेखक को कोई फायदा नहीं होने वाला, इसलिए लेखक चाहता है कि वह आत्मकथा लिखे ही नहीं।
प्रश्न 16.
(क) आपका नाम मारिया / मोहनिश है। आपने बी. एस. सी. कम्प्यूटर साइंस में उत्तीर्ण की है। अ०ब०स० बैंक को कुछ कम्प्यूटर इंजीनियरों की आवश्यकता है। अपनी शैक्षणिक योग्यताओं, रुचि और अनुभव की जानकारी देते हुए लगभग 80 शब्दों में एक स्ववृत्त तैयार कीजिए । (5)
अथवा
(ख) आप कोल्हापुर, महाराष्ट्र के निवासी मिलिंद / भूवी हैं। आपके एक परिचित ने आपको दिल्ली में एक पार्सल भेजा जो 25 दिनों बाद भी नहीं मिला। आप कुरियर कंपनी को ई-मेल लिखकर शिकायत करते हुए उचित कार्यवाही करने की चेतावनी दीजिए।
उत्तर:
(क) कम्प्यूटर इंजीनियर के पद हेतु बैंक में आवेदन-पत्र
321, जी.टी.बी. नगर
दिल्ली।
दिनांक : 3 जुलाई, 20xx
महाप्रबंधक
अ०ब०स० बैंक
दिल्ली।
विषय : कम्प्यूटर इंजीनियर पद के लिए स्ववृत्त ।
महोदय
मुझे ‘रोज़गार साप्ताहिक’, दिल्ली में प्रकाशित विज्ञापन से ज्ञात हुआ कि आपके बैंक को कुछ कम्प्यूटर इंजीनियर्स की आवश्यकता है। इस पद हेतु मैं स्ववृत्त प्रेषित कर रहा हूँ।
नाम : मोहनिश
पिता का नाम : सलीम खान
जन्मतिथि : 1 फरवरी, 1995
पता : 321, जी. टी. बी. नगर, दिल्ली ।
शैक्षिक विवरण : सेकेण्डरी, सीनियर सेकेण्डरी स्कूल, रूपनगर, दिल्ली, प्रथम श्रेणी, 75% अंक (2012) सीनियर सेकेण्डरी (साईंस स्ट्रीम कम्प्यूटर सहित), सीनियर सेकेण्डरी स्कूल, रूपनगर दिल्ली, प्रथम श्रेणी 82% अंक (2014)
बी. टैक. कम्प्यूटर साइंस, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़, प्रथम श्रेणी 91% अंक ( 2018 ) एम. टैक. कम्प्यूटर साइंस, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़, प्रथम श्रेणी 86% अंक (2020)
अनुभव : एक वर्ष इंडियन बैंक में कम्प्यूटर इंजीनियर पद पर कार्य । वर्ष (2021)
मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि यदि आप इस पद के लिए मेरा चुनाव करते हैं तो मैं अपने उत्तरदायित्व का निष्ठापूर्वक निर्वहन करूँगा ।
संलग्न : सत्यापित प्रतिलिपियाँ ।
भवदीय
मोहनिश
मोबाइल : 99xxx×××××
अथवा
(ख) कुरियर कम्पनी को पार्सल न मिलने हेतु ई-मेल :
From: [email protected]
To: [email protected]
cc/bcc: (आवश्यकतानुसार cc और bcc की लाइन को भरा जाता है)
विषय : पार्सल न मिलने के संदर्भ में।
मान्यवर
मेरे मित्र शिवकुमार शर्मा, 12 – एफ, त्रिनगर, दिल्ली निवासी ने दिनांक 25 मई 20x x को मुझे, भूवी, 35 शिवाजी मार्केट, कोल्हापुर (महाराष्ट्र) को पीएचडी का शोधप्रबंध टंकन कराकर कुरियर द्वारा भेजा था। आपकी कुरियर सेवा के नियमानुसार यह मेरे पास 27 या 28 मई को पहुँच जाना चाहिए था परंतु 20-22 दिन बीत जाने पर भी पार्सल मुझ तक नहीं पहुँचा है। 5 जुलाई को मेरा पुणे विश्वविद्यालय में साक्षात्कार है। शोध के न पहुँचने पर मुझे कितनी हानि उठानी पड़ सकती है, आप अनुमान लगा सकते हैं। मेरा कुरियर 1 जुलाई तक हर हालत में पहुँच जाना चाहिए अन्यथा मुझे उपभोक्ता फोरम में जाकर आपके विरुद्ध कार्यवाही करनी पड़ेगी।
भवदीय
भूवी