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CBSE Class 10 Hindi A Question Paper 2020 (Series: JBB/1) with Solutions
निर्धारित समय : 3 घण्टे
अधिकतम अंक : 80
सामान्य निर्देश :
- प्रश्न-पत्र चार खंडों में विभाजित किया है – क, ख, ग एवं घ। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- खंड-क में प्रश्न अपठित गद्याश पर आधारित हैं।
- खंड – ख में प्रश्न संख्या 2 से 5 तक प्रश्न व्याकरण के हैं ।
- खंड-ग में प्रश्न संख्या 6 से 10 तक प्रश्न पाठ्यपुस्तकों से हैं ।
- खंड – घ में प्रश्न संख्या 11 से 13 तक प्रश्न रचनात्मक लेखन के हैं।
- यथासंभव प्रत्येक खंड के प्रश्नों के उत्तर क्रम से लिखिए ।
- उत्तर संक्षिप्त तथा क्रमिक होने चाहिएं और साथ ही दी गई शब्द सीमा का यथासंभव अनुपालन कीजिए।
- प्रश्न-पत्र में समग्र पर कोई विकल्प नहीं है । तथापि एक-एक अंक वाले 1 प्रश्न में, दो-दो अंकों वाले 2 प्रश्नों में, तीन अंकों वाले 1 प्रश्न में, पाँच-पाँच अंकों वाले 2 प्रश्नों में और दस अंक वाले 1 प्रश्न में आंतरिक विकल्प दिए गए हैं। पूछे गए प्रश्न का उत्तर लिखने के लिए सही विकल्प का ध्यान रखिए ।
- इनके अतिरिक्त, आवश्यकतानुसार, प्रत्येक खंड और प्रश्न के साथ यथोचित निर्देश दिए गए हैं।
खण्ड ‘क’
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
मनुष्य का सबसे बड़ा गुण है, आत्मनिर्भरता तथा सबसे बड़ा अवगुण है, स्वावलंबन का अभाव । स्वावलंबन सबके लिए अनिवार्य है । जीवन के मार्ग में अनेक बाधाएँ आती हैं। यदि उनके कारण हम निराश हो जाएँ, संघर्ष से जी चुराएँ या मेहनत से दूर रहें तो भला हम जीवन में सफल कैसे होंगे ? अतः आवश्यक है कि हम स्वावलंबी बनें तथा अपने आत्मविश्वास को जाग्रत करके मजबूत बनें। यदि व्यक्ति स्वयं में आत्मविश्वास जाग्रत कर ले तो दुनिया में ऐसा कोई कार्य नहीं है जिसे वह न कर सके। स्वयं में विश्वास करने वाला व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में कामयाब होता जाता है । सफलता स्वावलंबी मनुष्य के पैर छूती है । आत्मविश्वास तथा आत्मनिर्भरता से आत्मबल मिलता है जिससे आत्मा का विकास होता है तथा मनुष्य श्रेष्ठ कार्यों की ओर प्रवृत्त होता है। स्वावलंबन मानव में गुणों की प्रतिष्ठा करता है । आत्मसम्मान, आत्मविश्वास, आत्मबल, आत्मरक्षा, साहस, संतोष, धैर्य आदि गुण स्वावलंबन के सहोदर हैं। स्वावलंबन व्यक्ति, राष्ट्र तथा मानव मात्र के जीवन में सर्वांगीण सफलता प्राप्ति का महामंत्र है ।
(क) जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए कौन-सा गुण आवश्यक है और क्यों ? [2]
(ख) आत्मविश्वास क्यों आवश्यक है और कैसे जाग्रत हो सकता है ? [2]
(ग) स्वावलंबन का सहोदर किसे कहा गया है और क्यों ? [2]
(घ) स्वावलंबन का अभाव मनुष्य का सबसे बड़ा अवगुण क्यों है ? [2]
(ङ) ‘आत्मबल’ के लिए क्या आवश्यक है ? [2]
(च) उपर्युक्त गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक लिखिए । [2]
उत्तर:
(क) जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए आत्मविश्वास का गुण होना आवश्यक है। स्वयं में विश्वास करने वाला व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में कामयाब होता है। सफलता स्वावलंबी मनुष्य के पैर छूती है । सबसे बड़ी बात यह
है कि आत्मविश्वास से व्यक्ति स्वावलंबी बनता है ।
(ख) आत्मविश्वास के बल पर हमें जीवन में सफलता मिलती है । इसलिए आत्मविश्वास आवश्यक है । स्वावलंबी होकर अपने आत्मविश्वास को हम जाग्रत कर सकते हैं ।
(ग) आत्मविश्वास, आत्मबल, आत्मरक्षा, साहस, संतोष, धैर्य आदि गुण स्वावलंबन के सहोदर हैं। जब व्यक्ति स्वावलंबी होता है, तब उपर्युक्त गुण खुद व्यक्ति में आ जाते हैं इसलिए ये सभी गुण स्वावलंबी के सहोदर हैं ।
(घ) स्वावलंबन का अभाव मनुष्य का सबसे बड़ा अवगुण इसलिए है क्योंकि इसके अभाव में हम अपने जीवन में आने वाली बाधाओं को पार नहीं कर सकते। जीवन में सफल होने के लिए स्वावलंबी होना आवश्यक है।
(ङ) आत्मविश्वास तथा आत्मनिर्भरता आत्मबल के लिए आवश्यक है।
(च) उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक है- सफलता और आत्मविश्वास ।
खण्ड ‘ख’
प्रश्न 2.
निर्देशानुसार उत्तर लिखिए: 1 × 4 = 4
(क) पत्थर की मूर्ति पर चश्मा असली था । (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
(ख) मूर्तिकार ने सुना और जवाब दिया । ( सरल वाक्य में बदलिए)
(ग) काशी में संगीत आयोजन की एक प्राचीन एवं अद्भुत परंपरा है । (मिश्र वाक्य में बदलिए)
(घ) एक चश्मेवाला है जिसका नाम कैप्टन है । (आश्रित उपवाक्य छाँटकर उसका भेद लिखिए )
उत्तर:
क) मूर्ति पत्थर की थी और उस पर लगा चश्मा असली था ।
(ख) मूर्तिकार ने सुनकर जवाब दिया ।
(ग) काशी में संगीत का आयोजन होता है, जो कि एक प्राचीन एवं अद्भुत परंपरा है ।
(घ) आश्रित उपवाक्य – जिसका नाम कैप्टन है। भेद-संज्ञा आश्रित उपवाक्य |
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तन कीजिए : 1 × 4 = 4
उत्तर:
(क) नेताजी ने देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया । (कर्मवाच्य में बदलिए)
(ख) दर्द के कारण वह खड़ा ही नहीं हुआ । (भाववाच्य में बदलिए)
(ग) परीक्षा के बारे में अध्यापक द्वारा क्या कहा गया ? ( कर्तृवाच्य में बदलिए)
(घ) नवाब साहब ने हमारी ओर देखकर कहा कि खीरा लज़ीज़ होता है। (कर्मवाच्य में बदलिए)
उत्तर:
(क) नेताजी द्वारा देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया गया।
(ख) दर्द के कारण उससे खड़ा ही नहीं हुआ गया ।
(ग) परीक्षा के बारे में अध्यापक ने क्या कहा ?
(घ) नवाब साहब द्वारा हमारी ओर देखकर कहा गया कि खीरा लज़ीज़ होता है।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित पदों का पद-परिचय लिखिए : 1 × 4 = 4
(क) आजकल प्रदूषण तेजी से फैल रहा है ।
(ख) वक्त काटने के लिए खीरे खरीदे होंगे ।
(ग) नवाब साहब थककर लेट गए ।
(घ) मेदा भी मेरा कमज़ोर है ।
उत्तर:
(क) प्रदूषण – जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, ‘फैल रहा है’ क्रिया का कर्त्ता ।
(ख) खरीदे होंगे – क्रिया, बहुवचन, कर्तृवाच्य, पुल्लिंग
(ग) थककर – पूर्वकालिक क्रिया, भूतकाल
(घ) मेरा – सर्वनाम, उत्तमपुरुषवाचक, पुल्लिंग
प्रश्न 5.
निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में अलंकार पहचान कर लिखिए- 1 × 4 = 4
(क) पी तुम्हारी मुख बास तरंग, आज बौरे भौरे, सहकार ।
(ख) बाँधा था विधु को किसने इन काली जंजीरों में।
मणिवाले फणियों का मुख क्यों भरा है हीरों से ।।
(ग) उत्प्रेक्षा अलंकार का एक उदाहरण लिखिए।
(घ) मानवीकरण अलंकार का एक उदाहरण लिखिए ।
उत्तर:
(क) श्लेष अलंकार
(ख) अतिश्योक्ति अलंकार
(ग) नील परिधान बीच सुकुमारी खुल रहा था मृदुल अधखुला अंग ।
खिला हो ज्यों बिजली का फूल मेघवन बीच गुलाबी रंग ।।
(घ) ‘प्रकृति के यौवन का शृंगार, करेंगे कभी न बासी फूल ।
खण्ड ‘ग’
प्रश्न 6.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए : 2 × 3 = 6
पानवाले के लिए यह एक मज़ेदार बात थी लेकिन हालदार साहब के लिए चकित और द्रवित करने वाली । यानी वह ठीक ही सोच रहे थे । मूर्ति के नीचे लिखा ‘मूर्तिकार मास्टर मोतीलाल’ वाकई कस्बे का अध्यापक था । बेचारे ने महीने – भर में मूर्ति बनाकर पटक देने का वादा कर दिया होगा । बना भी ली होगी लेकिन पत्थर में पारदर्शी चश्मा कैसे बनाया जाए— काँचवाला—यह तय नहीं कर पाया होगा । या कोशिश की होगी और असफल रहा होगा । या बनाते-बनाते ‘कुछ और बारीकी’ के चक्कर में चश्मा टूट गया होगा । या पत्थर का चश्मा अलग से बनाकर फिट किया होगा और वह निकल गया होगा । उफ…… !
(क) पानवाले के लिए क्या बात मज़ेदार थी और क्यों ?
(ख) हालदार साहब की दृष्टि में कस्बे का अध्यापक ‘बेचारा’ क्यों था ?
(ग) हालदार साहब ने नेताजी की प्रतिमा पर चश्मा न होने की क्या-क्या संभावनाएँ व्यक्त कीं ?
उत्तर:
(क) कस्बे के अध्यापक द्वारा नेताजी की मूर्ति पर चश्मा बनाना भूल जाने की बात पानवाले के लिए मज़ेदार थी क्योंकि पानवाले के मन में देश या देशभक्तों के प्रति कोई संवेदना नहीं थी ।
(ख) हालदार साहब की दृष्टि में कस्बे का अध्यापक बेचारा इसलिए था क्योंकि पेशे से मूर्तिकार न होते हुए भी उसने मूर्ति बनाई परंतु अपने अथक प्रयासों के बावजूद भी वह चश्मा बनाने में सफल न हो सका ।
(ग) हालदार साहब ने नेताजी की प्रतिमा पर चश्मा न होने की विभिन्न संभावनाएँ व्यक्त कीं :
(i) मूर्तिकार ने महीने भर में मूर्ति बनाकर पटक देने का वादा किया होगा ।
(ii) मूर्ति बना ली होगी, लेकिन पत्थर में पारदर्शी चश्मा कैसे बनाया जाए तय नहीं कर पाया होगा ।
(iii) बारीक करने के चक्कर में चश्मा टूट गया होगा ।
(iv) पत्थर का चश्मा अलग से फिट किया होगा और वह निकल गया होगा ।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लगभग 30-40 शब्दों में लिखिए: 2 × 4 = 8
(क) बालगोबिन भगत के गीतों का खेतों में काम करते और आते-जाते नर-नारियों पर क्या प्रभाव पड़ता था ?
(ख) ‘लखनवी अंदाज’ रचना में नवाब साहब की सनक को आप कहाँ तक उचित ठहराएँगे ? क्यों ?
(ग) पेट भरने और तन ढकने की इच्छा मनुष्य की संस्कृति की जननी क्यों नहीं है?
(घ) ‘एक कहानी यह भी’ पाठ के आधार पर लेखिका के पिता जी के सकारात्मक और नकारात्मक गुणों का उल्लेख कीजिए ।
(ङ) बिस्मिल्ला खां की तुलना कस्तूरी मृग से क्यों की गई है ?
उत्तर:
(क) बालगोबिन भगत जब मग्न होकर कबीरपंथी गीत गाते थे, तो खेतों में काम करते हुए और आते-जाते नर-नारी भाव-विभोर हो जाते थे । मेड़ पर खड़ी औरतें गीत गुनगुनाने लगती थीं । खेत में काम करने वाले हलवाहों के पैर ताल पर उठने से लगते थे। रोपनी करने वालों की अंगुलियाँ क्रम से चलने लगती थीं। बच्चे खेलते हुए झूम उठते थे। उनका यह संगीत संपूर्ण वातावरण तथा सभी लोगों पर जादू का – सा कार्य करता था ।
(ख) खीरे के संबंध में नवाब साहब के व्यवहार को उनकी सनक ही कहा जा सकता है। हम उनकी सनक को उचित इसलिए ठहराएँगे क्योंकि सनक का सकारात्मक रूप भी हो सकता है। सनक ही किसी काम को अनथक परिश्रम द्वारा पूरा करवा सकती हैं। इससे आत्मविश्वास भी बढ़ता है। सकारात्मक सनकें समाज और देश में अच्छे परिवर्तन लाती हैं।
(ग) पेट भरने और तन ढकने पर भी मनुष्य की इच्छाएँ शांत नहीं होतीं। वह निठल्ला न बैठकर कुछ न कुछ खोज करता रहता है।
(घ) ‘एक कहानी यह भी’ पाठ के आधार पर लेखिका के पिताजी के सकारात्मक गुण – वह शिक्षित थे, राजनीतिक गलियारों में उनकी पैठ थी और वह समाज सुधार का कार्य करते थे। इसके अतिरिक्त वह गरीब विद्यार्थियों को अपने घर में रखकर पढ़ाते थे। वह कोमल और संवेदनशील स्वभाव के व्यक्ति थे । नकारात्मक गुण – वह क्रोधी, अहंकारी और शक्की स्वभाव के थे। लेखिका के काले रंग के कारण वह उनको नापंसद करते थे।
(ङ) प्रसिद्ध शहनाई वादक बिस्मिल्ला खाँ अक्सर समारोहों एवं उत्सवों में शहनाई बजाते थे, इसी कारण लोग उन्हें मंगलध्वनि का नायक कहते हैं। अस्सी बरस उन्होंने अपना जीवन इसी सेवा में लगाया। उन्हें खाने-पीने, पहनने-ओढ़ने का कोई शौक नहीं था । बिस्मिल्ला खाँ को ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित किया गया है। दुनिया मानती थी बिस्मिल्ला खाँ शहनाई वादन में निपुण हैं लेकिन बिस्मिल्ला खाँ आजीवन यही सोचते रहे कि सातों सुरों को बरतने की तमीज़ उन्हें सलीके से अभी तक क्यों नहीं आई । जिस प्रकार हिरन अपनी ही महक से परेशान पूरे जंगल में उस वरदान को खोजता है जिसकी महक उसी में समाई है । यही बात बिस्मिल्ला खाँ पर भी लागू होती है, इसलिए उनकी तुलना कस्तूरी मृग से की गई है ।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए : 2 × 3 = 6
हरि हैं राजनीति पढ़ि आए ।
समुझी बात कहत मधुकर के, समाचार सब पाए ।
इक अति चतुर हुते पहिलैं ही, अब गुरु ग्रंथ पढ़ाए ।
बढ़ी बुद्धि जानी जो उनकी, जोग – सँदेस पठाए ।
ऊधौ भले लोग आगे के, पर हित डोलत धाए ।
अब अपनै मन फेर पाइहै, चलत जु हुते चुराए ।
ते क्यौं अनीति करै आपुन, जे और अनीति छुड़ाए |
राज धरम तौ यहै ‘सूर’, जो प्रजा न जाहिं सताए ।।
(क) ‘इक अति चतुर हुते पहिलैं ही, अब गुरु ग्रंथ पढ़ाए’ में निहित व्यंग्य को समझाइए ।
(ख) श्रीकृष्ण द्वारा चुराए गए मन को वापस माँगने में निहित गोपियों की मनोव्यथा को स्पष्ट कीजिए ।
(ग) गोपियों के अनुसार सच्चा राजधर्म क्या है ? उन्होंने ‘राजधर्म’ का उल्लेख क्यों किया है ?
उत्तर:
(क) गोपियाँ कृष्ण से प्रेम करती थीं। कृष्ण ही उनके आराध्य थे । उद्धव जब कृष्ण के कहने पर गोपियों को निर्गुण मार्ग का उपदेश देने पहुँचे तो गोपियाँ तिलमिला गई । वे कृष्ण के ऊपर व्यंग्य करते हुए उद्धव से कहने लगीं कि कृष्ण पहले ही चतुर हैं, अब मथुरा जाकर उन्होंने राजनीति भी सीख ली हैं, तभी तो यह चतुराई वाली बातें हमें सिखाने के लिए आपको भेजा है।
(ख) गोपियाँ श्रीकृष्ण से अनन्य प्रेम करती हैं । कृष्ण मथुरा चले गए लेकिन गोपियाँ दिन-रात कृष्ण के बारे में ही सोचती रहती हैं। अर्थात् उनका मन श्रीकृष्ण में ही रमा रहता है। इसलिए गोपियाँ श्रीकृष्ण से चुराए गए अपने मन को वापस माँग रही हैं ।
(ग) गोपियों के अनुसार सच्चा राजधर्म वह है जिसमें राजा की प्रजा को कोई कष्ट न पहुँचे। चूँकि श्रीकृष्ण उनके सखा ही नहीं बल्कि राजा भी हैं, इसलिए उन्होंने राजधर्म का उल्लेख किया है ।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लगभग 30-40 शब्दों में लिखिए 2 × 4 = 8
(क) ‘अट नहीं रही है’ कविता में ‘उड़ने को नभ में तुम पर पर कर देते हो’ के आलोक में बताइए कि फागुन लोगों के मन को किस तरह प्रभावित करता है ?
(ख) शिशु के धूलि – धूसरित शरीर को देखकर कवि नागार्जुन ने क्या कल्पना की ?
(ग) ‘छोटे से जीवन की बड़ी कथाएँ’ कवि के जीवन के किस तथ्य की ओर संकेत करती हैं?
(घ) ‘संगतकार’ कविता में कवि ने आम लोगों से क्या अपेक्षा की है ?
(ङ) परशुराम के प्रति लक्ष्मण के व्यवहार पर अपने विचार लिखिए ।
उत्तर:
(क) ‘अट नहीं रही है’ कविता में सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने फागुन महीने का मानवीकरण किया है। प्रस्तुत पंक्तियों में कवि कहता है कि कभी ऐसा लगता है कि बसंत आसमान में उड़ने के लिए पंख फड़फड़ाता है । कवि उस सौंदर्य से अपनी आँखें हटाना चाहता है लेकिन उसकी आँखें हट नहीं रही हैं।
(ख) धूल से सना शिशु का शरीर और उसकी निश्छल मुसकान से कवि नागार्जुन इतने प्रभावित होते हैं कि उन्हें लगता है, जैसे कोई कमल का फूल तालाब में न खिलकर उसकी झोपड़ी में ही खिल गया हो ।
(ग) कवि के जीवन में अनेक घटनाएँ घटित हुई हैं। छोटे-से जीवन में कवि को कठिन संघर्ष तथा कटु अनुभवों का सामना भी करना पड़ा। इसी तथ्य को इस पंक्ति द्वारा यहाँ व्यक्त किया गया है।
(घ) ‘संगतकार’ कविता में मुख्य गायक का साथ देने वाले संगतकार की भूमिका के महत्त्व को प्रतिपादित किया गया है। संगतकार देखने में बहुत साधारण कलाकार होता है, परंतु मुख्य गायक को सफलता दिलाने में उसका महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। संगतकार के बिना शीर्ष गायक इतना सफल नहीं हो सकता, इसलिए संगतकार उनकी सफलता में बराबर के सहयोगी हैं। उन्हें पूरा सम्मान मिलना चाहिए । इस प्रकार यह कविता हमें संदेश देती है कि प्रसिद्धि प्राप्त करने वाले लोगों की सफलता में अनेक दूसरे लोगों की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। हमें उनकी महत्ता के प्रति भी संवेदनशीलता का परिचय देना चाहिए।
(ङ) परशुराम एक वीर योद्धा थे लेकिन घमंड से सराबोर थे । लक्ष्मण ने उन्हीं की भाषा में उनको जवाब दिया था । लक्ष्मण का जवाब देना उचित था किंतु मेरे विचार से साहस और शक्ति ऐसे सद्गुण हैं जो मनुष्य के व्यक्तित्व को आकर्षक बनाते हैं । साहस और शक्ति के साथ-साथ यदि विनम्रता का गुण भी हो तो वह मनुष्य समाज में सर्वप्रिय हो जाता है । यह गुण श्रीराम में है, परंतु लक्ष्मण में नहीं ।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए : 3 × 2 = 6
(क) ‘बच्चे रोना-धोना, पीड़ा, आपसी झगड़े ज़्यादा देर तक अपने साथ नहीं रख सकते हैं।’ ‘माता का आँचल’ पाठ के आधार पर इस कथन को उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए ।
(ख) “हिरोशिमा पर लिखी कविता लेखक के अंतः व बाह्य दोनों दबाव का परिणाम है ” – यह आप कैसे कह सकते हैं?
(ग) यात्राएँ विभिन्न संस्कृतियों से परिचित होने का अच्छा माध्यम हैं। ‘साना-साना हाथ जोड़ि यात्रा वृत्तांत के आधार पर इस कथन की समीक्षा कीजिए ।
उत्तर:
(क) भोलानाथ को जब उसकी माँ ( उसकी इच्छा के विपरीत) उसके सिर पर सरसों का तेल लगाकर उसकी चोटी करती थी तो वह रोना शुरू कर देता था। पिता जल्दी से आकर उसे उठा ले जाते थे और पिता की गोद में सिसकते हुए जब वह बाहर आता था तो उसके पड़ोस के हमउम्र बच्चे खेलने के लिए उसकी प्रतीक्षा करते हुए मिलते। अपने साथियों को देखते ही भोलानाथ सिसकना भूल जाता और उनके साथ खेलने में व्यस्त हो जाता । प्रायः बच्चे चाहे कितना भी क्रोधित हों उनको अपनी उम्र के दोस्तों के साथ खेलने में अत्यधिक आनंद आता है और वह सब कुछ भूलकर खेलने में मग्न हो जाते हैं।
(ख) (i) लेखक विज्ञान का छात्र था, उसे अणु बमों का सैद्धांतिक ज्ञान तो था ही, परंतु उसने तब तक हिरोशिमा में हुए विस्फोट के बारे में कविता नहीं लिखी जब तक उसने स्वयं हिरोशिमा में जाकर आत्मानुभव नहीं किया।
(ii) उसने न केवल उन रोगियों के दुखों को अनुभव किया अपितु जले हुए पत्थर पर मानव छाया देखकर अनुभूति भी प्राप्त की कि किस प्रकार रेडियोधर्मी किरणों ने हिरोशिमा के लोगों का नाश किया।
अनुभूति व अनुभव के आधार पर व बाह्य सैद्धांतिक ज्ञान के आधार पर ही लेखक ने भारत आते समय रेलगाड़ी में हिरोशिमा पर कविता लिखी ।
(ग) दुनिया में विशेषकर अपने देश भारत में विभिन्न प्रकार की संस्कृतियाँ पाई जाती हैं । उत्तर भारत की संस्कृति दक्षिण भारत की संस्कृति से भिन्न है । उसी प्रकार पूर्वी भारत विशेषकर सेवन सिस्टर्स की संस्कृति निराली है । लेखिका मधु कांकरिया ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ में अपनी सिक्किम यात्रा का वर्णन करती है । वहाँ की बौद्ध संस्कृति, भाषाएँ, अंधविश्वास वहाँ के लोगों के जीवन का विस्तार सभी का लेखिका ने बहुत सुंदर वर्णन किया है। उन्होंने हिमालय की प्राकृतिक सुंदरता व घाटियों का भी व्याज्यान किया । उन्होंने यह भी बताया कि पर्यावरण के प्रति वहाँ के लोग कितने सजग हैं। उन्होंने ‘कटाओ’ नामक स्थान का भी वर्णन किया, जहाँ प्राकृतिक सुंदरता को बचाने के लिए वहाँ टूरिस्ट स्पॉट नहीं बनाया गया। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि यात्राएँ विभिन्न संस्कृतियों का परिचय कराने के लिए अच्छा माध्यम हैं ।
खण्ड ‘घ’
प्रश्न 11.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 200 से 250 शब्दों में निबंध लिखिए :
(क) महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने का उद्देश्य गाँधीजी का जीवन – आज़ादी के आंदोलन में – भूमिका – प्रासंगिकता
(ख) महानगरीय भीड़भाड़ और मेट्रो : यातायात और – भीड़-भाड़ प्रदूषण की समस्या – मेट्रो रेल की भूमिका – मेट्रो के लाभ
(ग) ग्लोबल वार्मिंग और जन-जीवन : ग्लोबल वार्मिंग का अभिप्राय – ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लोबल वार्मिंग से हानियाँ – बचाव के उपाय
उत्तर:
(क) महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती
प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनायी जाती है । गत वर्ष 2 अक्टूबर 2019 को उनकी 150वीं जयंती मनाई गई। 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में पैदा हुए मोहनदास करमचंद गांधी को पूरी दुनिया अहिंसा के पुजारी के रूप में पूजती है। भारत की आज़ादी में महात्मा गांधी के अतुल्य योगदान पर हर भारतीय को गर्व है। अपने सादा जीवन और उच्च विचारों के चलते महात्मा गांधी भारतीयों के बापू बन गए । महात्मा गांधी ने विश्व को सत्य की शक्ति से परिचय करवाया तथा उनके सिद्धांतों को पूरी दुनिया ने सराहा। उनका जीवन अपने आप में एक प्रेरणा है, इसलिए ही उनके जन्मदिन को संपूर्ण भारत में राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है । गांधी जी ने लंदन में कानून की डिग्री प्राप्त की । अंग्रेजों द्वारा भारतीयों पर किए जाने वाले अत्याचारों से दुखी होकर उन्होंने सत्याग्रह आंदोलन का आह्वान किया तथा बड़ी कुशलता से आंदोलन का संचालन किया। उन्हें कई बार जेल की यातनाएँ भी सहनी पड़ीं। अंततः कई देशभक्तों के बलिदान के परिणामस्वरूप हमें स्वतंत्रता प्राप्त हुई। महात्मा गाँधी ने सत्य और अहिंसा का जो पाठ पढ़ाया तथा सादा जीवन का जो उपदेश दिया, वह आज भी प्रासंगिक है ।
(ख) महानगरीय भीड़भाड़ और मेट्रो
भीड़भाड़ किसी भी महानगर की पहचान होती है । महानगर में भीड़भाड़ होती है, तभी वह महानगर कहलाता है । इसी भीड़भाड़ में आवागमन के अनेक साधन होते हैं और आवागमन के जो भी आधुनिक साधन आविष्कृत होते हैं, वह सबसे पहले महानगरों में ही प्रचलित होते हैं । महानगरों की भीड़ एवं यातायात के विभिन्न साधनों के परिणामस्वरूप वायु प्रदूषण व ध्वनि प्रदूषण की समस्या विकराल हो गई है। महानगर में मेट्रो रेल का परिचालन इसी समस्या को दूर करने की ओर उठाया गया एक कदम है। आज के युग में मेट्रो आवागमन के सबसे सुलभ और आधुनिक साधनों में से एक है। महानगर के कोलाहल और भागम-भाग वाली व्यस्त जीवन शैली में मेट्रो में सुकून के दो पल मिल जाते हैं । मेट्रो का अनुशासन, साफ-सफाई, तकनीकी कौशल, समय का बचाव और मेट्रो की आकर्षक साज-सज्जा व स्वचालित दरवाज़े ये सब बातें मन को मोह लेती हैं और इन सब कारणों से मेट्रो में सफर करना एक आनंददायक अनुभव बन जाता है ।
मेट्रो में यात्रा का अनुभव करके महसूस होता है जैसे हम किसी यूरोपीय देश में बैठे हैं। नशा करने वालों तथा अभद्र व्यवहार करने वालों पर जुर्माना व कठोर दंड का भी प्रावधान है। इसमें यात्रा करने पर एक सुसज्जित जीवन का अनुभव होता है।
(ग) ग्लोबल वार्मिंग और जन-जीवन
पृथ्वी के तापमान में वृद्धि और तापमान के बढ़ने के कारण मौसम में होने वाले परिवर्तन को ही ग्लोबल वार्मिंग कहते हैं । पृथ्वी के तापमान में लगातार वृद्धि होने का मुख्य कारण फैक्टरियों, वाहनों व अन्य स्रोतों द्वारा निकलने वाली खतरनाक गैसें जैसे – कार्बन डाईऑक्साइड, मीथेन, नाईट्रोजन ऑक्साइड आदि हैं। इन गैसों को ग्रीनहाउस गैसें भी कहते हैं । ग्लोबल वार्मिंग होने के कई कारण हैं जिनमें प्रदूषण सबसे मुख्य है । प्रदूषण के बढ़ने से हमारे वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ती है जो वातावरण के ऊपरी परत में इकट्ठा हो जाती है जिसमें सूर्य से आने वाली ऊष्मा अंदर तो आ जाती है लेकिन पृथ्वी की सतह से बाहर नहीं जा पाती है। जिससे पृथ्वी का तापमान बढ़ने लगता है ।
ग्लोबल वार्मिंग के कारण प्रकृति में तीव्रता से परिवर्तन हो रहे हैं । इस कारण कहीं भारी वर्षा हो रही है, तो कहीं बिल्कुल सूखा पड़ा है, कहीं लू चल रही है तो कहीं बेहद बर्फ पड़ रही है । कहीं बर्फ की चट्टानें टूट रही हैं तो कहीं जल-स्तर में बढ़ोतरी हो रही है । इस ग्लोबल वार्मिंग के चलते फसल चक्र भी अनियमित हो जाने की संभावना है । इससे मनुष्य के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर हो रहा है, पशु-पक्षियाँ व वनस्पतियों की कई प्रजातियां लुप्त होती जा रही हैं।
नागरिकों व सरकार के सयुंक्त प्रयासों द्वारा ही ग्लोबल वार्मिंग को कन्ट्रोल किया जा सकता है। ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए हमें पेड़ों की कटाई रोकनी होगी और वृक्षारोपण को एक आंदोलन के रूप में स्वीकार करना होगा । हम इको-फ्रेंडली वस्तुओं का प्रयोग, पुनः उपयोग को प्रोत्साहन व यातायात के सीमित साधन का उपयोग कर भी ग्लोबल वार्मिंग की समस्या को दूर कर सकते हैं ।
प्रश्न 12.
सार्वजनिक स्थलों पर बढ़ते हुए धूम्रपान तथा उसके कारण संभावित रोगों की ओर संकेत करते हुए किसी दैनिक समाचार-पत्र के संपादक को 80-100 शब्दों में पत्र लिखिए ।
उत्तर:
8 -बी, सेक्टर – 16, रोहिणी
5
दिल्ली ।
दिनांक : 20 मार्च, 20xx
सेवा में
मुख्य संपादक
पंजाब केसरी
वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र, दिल्ली
विषय : सार्वजनिक स्थलों पर बढ़ रहे धूम्रपान के खतरे से अवगत करवाने हेतु पत्र ।
महोदय
मैं शहर में सार्वजनिक स्थलों पर बढ़ रहे धूम्रपान तथा उसके कारण होने वाले संभावित रोगों की ओर आपके अखबार के माध्यम से लोगों का ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूँ । धूम्रपान से होने वाली घातक बीमारियों से हम सभी अवगत हैं । यह कैंसर सहित अन्य कई जानलेवा बीमारियों का कारण है । यह केवल उनके लिए घातक नहीं है, जो धूम्रपान करते हैं, बल्कि इसके धुएं के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों के लिए भी यह उतना ही घातक है । यही कारण है, सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने वालों के लिए सजा का प्रावधान है परंतु फिर भी कई लोग इसका पालन नहीं कर रहे हैं।
अतः आपसे अनुरोध है कि इस समस्या व इसके दुष्परिणामों की ओर लगातार संपादीय प्रकाशित किये जाएँ जिससे लोगों में जागरूकता आए ।
धन्यवाद! भवदीय
क० ख०ग०
अथवा
आपके छोटे भाई / बहन ने एक आवासीय विद्यालय में एक मास पूर्व ही प्रवेश लिया है। उसको मित्रों के चुनाव में सावधानी बरतने के लिए समझाते हुए एक पत्र 80-100 शब्दों में लिखिए ।
उत्तर:
10, मॉडल टाउन
दिल्ली
दिनांक : 23 मार्च, 20xx
प्रिय भाई रमेश
शुभाशीष !
आज ही पिता जी का पत्र प्राप्त हुआ। मुझे मालूम हुआ कि तुमने गंगेया आवासीय विद्यालय में प्रवेश लिया है। बड़ा भाई होने के नाते मैं तुम्हें मित्रों के चुनाव में सावधानी बरतने से संबंधित कुछ जानकारी दे रहा हूँ । इस कसौटी पर कसकर ही किसी से मित्रता करना । एक आदर्श मित्र हमारे परिवार जैसा ही है, जो परिवार की ही तरह हर मुसीबत के वक्त हमारे साथ खड़ा रहता है। एक आदर्श मित्र दिल और दिमाग दोनों से पवित्र होता है । वह कभी गलत रास्ता नहीं दिखाता तथा हमेशा हमको हमारी गलतियों से अवगत कराता है । तुम अधिक से अधिक परिश्रम करना तथा कुसंगति से दूर रहना । जिस प्रकार एक गंदी मछली संपूर्ण तालाब को दूषित कर देती है वैसे ही एक बुरा मित्र जीवन की दिशा बदल देता है। अत: कुसंगति से दूर रहना तथा अच्छी संगति वाले दोस्तों से दोस्ती करना ।
तुम्हारा बड़ा भाई
क० ख०ग०
प्रश्न 13.
नगर में आयोजित होने वाली भारत की सांस्कृतिक एकता प्रदर्शनी को देखने के लिए लोगों को आमंत्रित करते हुए 25-50 शब्दों में एक विज्ञापन तैयार कीजिए ।
उत्तर:
देखना न भूलें |
अथवा
प्रदूषण से बचने के लिए जनहित में जारी एक विज्ञापन पर्यावरण विभाग की ओर से 25-50 शब्दों में तैयार कीजिए ।
उत्तर:
प्रदूषण जानलेवा है प्रतिवर्ष लाखों व्यक्ति होते हैं मृत्यु का शिकार असंख्य होते हैं बीमार, आप कीजिए गहन विचार प्रदूषण से रहिए सावधान, इसी में है समाज का कल्याण । |