Students can find that CBSE Previous Year Question Papers Class 10 Hindi with Solutions and CBSE Class 10 Hindi Question Paper 2017 (Delhi) effectively boost their confidence.
CBSE Class 10 Hindi A Question Paper 2017 (Delhi) with Solutions
निर्धारित समय : 3 घण्टे
अधिकतम अंक : 80
सामान्य निर्देश :
- इस प्रश्न-पत्र के चार खंड हैं- क, ख, ग और घ ।
- चारों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव प्रत्येक खंड के उत्तर क्रमशः दीजिए।
खण्ड – क ( अपठित बोध)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए- [8]
देश की आज़ादी के उनहत्तर वर्ष हो चुके हैं और आज ज़रूरत है अपने भीतर के तर्कप्रिय भारतीयों को जगाने की, पहले नागरिक और फिर उपभोक्ता बनने की । हमारा लोकतंत्र इसलिए बचा है कि हम सवाल उठाते रहे हैं। लेकिन वह बेहतर इसलिए नहीं बन पाया क्योंकि एक नागरिक के रूप में हम अपनी ज़िम्मेदारियों से भागते रहे हैं। किसी भी लोकतांत्रिक प्रणाली की सफलता जनता की जागरूकता पर ही निर्भर करती है। एक बहुत बड़े संविधान विशेषज्ञ के अनुसार किसी मंत्री का सबसे प्राथमिक, सबसे पहला जो गुण होना चाहिए वह यह कि वह ईमानदार हो और उसे भ्रष्ट नहीं बनाया जा सके। इतना ही ज़रूरी नहीं बल्कि लोग देखें और समझें भी कि यह आदमी ईमानदार है। उन्हें उसकी ईमानदारी में विश्वास भी होना चाहिए । इसलिए कुल मिलाकर हमारे लोकतंत्र की समस्या मूलतः नैतिक समस्या है। संविधान, शासन प्रणाली, दल, निर्वाचन ये सब लोकतंत्र के अनिवार्य अंग हैं।
पर जब तब लोगों में नैतिकता की भावना न रहेगी, लोगों का आचार-विचार ठीक न रहेगा तब तक अच्छे से अच्छे संविधान और उत्तम राजनीतिक प्रणाली के बावजूद लोकतंत्र ठीक से काम नहीं कर सकता। स्पष्ट है कि लोकतंत्र की भावना को जगाने व संवर्द्धित करने के लिए आधार प्रस्तुत करने की ज़िम्मेदारी राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक है। आज़ादी और लोकतंत्र के साथ जुड़े सपनों को साकार करना है, तो सबसे पहले जनता को स्वयं जागृत होना होगा। जब तक स्वयं जनता का नेतृत्व पैदा नहीं होता, तब तक कोई भी लोकतंत्र सफलतापूर्वक नहीं चल सकता। दुनिया में एक भी देश का उदाहरण ऐसा नहीं मिलेगा जिसका उत्थान केवल राज्य की शक्ति द्वारा हुआ हो। कोई भी राज्य बिना लोगों की शक्ति के आगे नहीं बढ़ सकता।
(i) हमारा लोकतंत्र बेहतर क्यों नहीं बन पाया? [2]
(ii) किसी मंत्री का सबसे महत्त्वपूर्ण गुण क्या होना चाहिए? [2]
(iii) किस स्थिति में उत्तम राजनीतिक प्रणाली के बावजूद लोकतंत्र ठीक से काम नहीं कर सकता? [2]
(iv) लोकतंत्र की भावना को जगाना – बढ़ाना सामाजिक दायित्व है या संवैधानिक । [1]
(v) प्रस्तुत गद्यांश का शीर्षक लिखिए। [1]
उत्तर:
(i) हम लोग स्वतंत्रता के पश्चात् से ही अपनी ज़िम्मेदारियों का ठीक प्रकार से निर्वहन नहीं कर पाए। हम लोग अपने कर्त्तव्यों के प्रति जागरूक नहीं रहे। इसलिए हमारा लोकतंत्र बेहतर नहीं बन पाया।
(ii) किसी मंत्री का सबसे महत्त्वपूर्ण गुण ईमानदारी होता है। मंत्री को ईमानदार होना चाहिए तथा जनता को उसकी ईमानदारी पर पूर्ण विश्वास भी होना चाहिए ।
(iii) जब तक लोगों में नैतिकता की भावना नहीं होगी, उनका आचार-विचार ठीक नहीं रहेगा तब तक उत्तम राजनीतिक प्रणाली के बावजूद लोकतंत्र ठीक से काम नहीं कर सकता ।
(iv) लोकतंत्र की भावना को जगाना – बढ़ाना सामाजिक दायित्व है।
(v) प्रस्तुत गद्यांश का शीर्षक- ‘लोकतंत्र और समाज ‘ ।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए- [7]
सूख रहा है समय
इसके हिस्से की रेत
उड़ रही है आसमान में
सूख रहा है
आँगन में रखा पानी का गिलास
पँखुरी की साँस सूख रही है
जो सुंदर चोंच मीठे गीत सुनाती थी
उससे अब हाँफने की आवाज़ आती है
हर पौधा सूख रहा है
हर नदी इतिहास हो रही है
हर तालाब का सिमट रहा है कोना
यही एक मनुष्य का कंठ सूख रहा है
वह जेब से निकालता है पैसे और
खरीद रहा है बोतल बंद पानी
बाकी जीव क्या करेंगे अब
न उनके पास जेब है न बोतल बंद पानी ।
(i) ‘सूख रहा है समय’ कथन का आशय स्पष्ट कीजिए । [2]
(ii) हर नदी के इतिहास होने का भाव स्पष्ट कीजिए । [1]
(iii) ‘पँखुरी की साँस सूख रही है।
जो सुन्दर चोंच मीठे गीत सुनाती थी’ इस परिस्थिति का कारण स्पष्ट कीजिए । [2]
(iv) कवि की पीड़ा का क्या कारण है? [1]
(v) ‘बाकी जीव क्या करेंगे अब’ में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए । [1]
उत्तर:
(i) इस कथन का आशय है कि जीवन मूल्य समाप्त हो रहे हैं तथा रिश्तों की गरिमा खत्म होती जा रही है। इंसान स्वार्थ में होकर प्रकृति से ही खिलवाड़ कर रहा है। प्राकृतिक संसाधनों जैसे नदियों तथा वनों का पुराना स्वरूप नष्ट होता जा रहा है।
(ii) हर नदी के इतिहास होने का अर्थ यह है कि नदियों का अस्तित्व समाप्त होता जा रहा है।
(iii) पंक्तियों द्वारा यह बताया गया है कि नदियों तथा तालाबों का पानी सूखने पर पशु-पक्षियों का हाल बेहाल हो गया है। मनुष्य तो प्यास लगने पर पानी खरीदकर पी लेगा परंतु पशु-पक्षियों क्या करें और यह परिस्थिति इसलिए उत्पन्न हुई कि अब मानव प्रकृति की ओर कोई ध्यान नहीं देता ।
(iv) कवि की पीड़ा का कारण है कि प्रकृति पर संकट मंडरा रहा है।
(v) इस कथन के माध्यम से यह स्पष्ट किया गया है कि जीवों के बचने की कोई उम्मीद नहीं रहेगी।
खण्ड – ख ( व्यावहारिक व्याकरण )
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार उत्तर दीजिए- 1 × 3 = 3
(क) जीवन की कुछ चीजें हैं जिन्हें हम कोशिश करके पा सकते हैं। ( आश्रित उपवाक्य छाँटकर उसका भेद भी लिखिए )
(ख) मोहनदास और गोकुलदास सामान निकालकर बाहर रखते जाते थे। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
(ग) हमें स्वयं करना पड़ा और पसीने छूट गए। ( मिश्र वाक्य में बदलिए)
उत्तर:
(क) जिन्हें हम कोशिश करके पा सकते हैं – विशेषण उपवाक्य |
(ख) मोहनदास और गोकुलदास सामान निकालते थे तथा बाहर रखते जाते थे – संयुक्त वाक्य |
(ग) हमें स्वयं करना पड़ा जिससे पसीने छूट गए मिश्र वाक्य |
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तित कीजिए- 1 × 4 = 4
(क) कूजन कुंज में आसपास के पक्षी संगीत का अभ्यास करते हैं। ( कर्मवाच्य में )
(ख) श्यामा द्वारा सुबह – दोपहर के राग बखूबी गाए जाते हैं। ( कर्तृवाच्य में )
(ग) दर्द के कारण वह चल नहीं सकती। ( भाववाच्य में )
(घ) श्यामा के गीत की तुलना बुलबुल के सुगम संगीत से की जाती है। ( कर्तृवाच्य में )
उत्तर:
(क) कूजन कुंज में आसपास के पक्षियों द्वारा संगीत का अभ्यास किया जाता है।
(ख) श्यामा सुबह – दोपहर के राग बखूबी गाती है।
(ग) दर्द के कारण उससे चला नहीं जा सकता ।
(घ) श्यामा के गीत की तुलना बुलबुल के सुगम संगीत से की।
प्रश्न 5.
रेखांकित पदों का पद- परिचय दीजिए- 1 × 4 = 4
सुभाष पालेकर ने प्राकृतिक खेती की जानकारी अपनी पुस्तकों में दी है।
उत्तर:
सुभाष पालेकर – संज्ञा, व्यक्तिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग।
जानकारी – संज्ञा, भाववाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन ।
प्राकृतिक – विशेषण, गुणवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन ।
दी है – क्रिया, सकर्मक एकवचन ।
प्रश्न 6.
(क) काव्यांश का अलंकार पहचानकर उसका नाम लिखिए- 1 × 2 = 2
(i) खुले बाल खिले बाल, चंदन को टीको लाल ।
(ii) चंचला स्नान कर आये, चंद्रिका पर्व में जैसे ।
(ख) (i) मानवीकरण अलंकार का एक उदाहरण दीजिए ।
(ii) उत्प्रेक्षा अलंकार का एक उदाहरण दीजिए ।
उत्तर:
(i) श्लेष अलंकार
(i) ‘फूल हँसे कलियाँ मुसकाईं ।
(ii) अतिश्योक्ति अलंकार
(ii) ‘नेत्र मानो कमल हैं। ‘
खण्ड – ग ( पाठ्य-पुस्तक)
प्रश्न 7.
निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए: 2 + 2 + 1 = 5
बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी जवानी – ज़िंदगी सब कुछ होम देनेवालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढती है । दुःखी हो गए। पंद्रह दिन बाद फिर उसी कस्बे से गुज़रे । कस्बे में घुसने से पहले ही खयाल आया कि कस्बे की हृदयस्थली में सुभाष की प्रतिमा अवश्य ही प्रतिष्ठापित होगी, लेकिन सुभाष की आँखों पर चश्मा नहीं होगा । क्योंकि मास्टर बनाना भूल गया।
और कैप्टन मर गया। सोचा, आज वहाँ रुकेंगे नहीं, पान भी नहीं खाएँगे, मूर्ति की तरफ देखेंगे भी नहीं, सीधे निकल जाएँगे। ड्राइवर से कह दिया, चौराहे पर रुकना नहीं, आज बहुत काम है, पान आगे कहीं खा लेंगे।
(क) हालदार साहब के दुखी होने का क्या कारण था?
(ख) गद्यांश में युवा पीढ़ी के लिए निहित सन्देश स्पष्ट कीजिए ।
(ग) हालदार साहब ने ड्राइवर को क्या आदेश दिया था और क्यों?
उतर:
(क) जब हालदार साहब कस्बे से गुज़रे तो नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की बिना चश्मे की मूर्ति देखकर उनको दुख हुआ। साथ ही वह यह याद करके और भी दुखी हो गए कि नेताजी की मूर्ति पर चश्मा इसलिए नहीं है क्योंकि नेताजी की मूर्ति पर चश्मा लगाने वाला कैप्टन चश्मेवाला मर गया था।
(ख) गद्यांश में युवा पीढ़ी के लिए यह संदेश निहित है कि उन्हें देश की सेवा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए | देश में बलिदानियों का सम्मान करते हुए उनके पदचिन्हों पर चलने का प्रयास करना चाहिए। अपनी स्वार्थ पूर्ति को नहीं बल्कि देशसेवा को प्राथमिकता देनी चाहिए क्योंकि आज की युवा पीढ़ी ही देश का भविष्य बनेगी। (ग) हालदार साहब ने ड्राइवर को चौराहे पर गाड़ी न रोकने का आदेश दिया क्योंकि उन्हें पता चल गया था कि कैप्टन मर चुका है। अतः अब चौराहे पर लगी नेताजी की मूर्ति पर कोई चश्मा नहीं होगा ।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए। 2 × 4 = 8
(क) मन्नू भंडारी ने अपने पिताजी के बारे में इंदौर के दिनों की क्या जानकारी दी है?
(ख) उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ को बालाजी के मंदिर का कौन – सा रास्ता प्रिय था और क्यों?
(ग) न्यूटन को संस्कृत मानव कहने के पीछे कौन-से तर्क दिए गए हैं? न्यूटन द्वारा प्रतिपादित सिद्धान्तों एवं ज्ञान की कई दूसरी बारीकियों को जानने वाले लोग भी न्यूटन की तरह संस्कृत नहीं कहला सकते, क्यों?
(घ) भगत ने अपने बेटे की मृत्यु पर अपनी भावनाएँ किस प्रकार व्यक्त कीं ?
उत्तर:
(क) लेखिका के पिता की इन्दौर में बड़ी प्रतिष्ठा थी । राजनीतिक गलियारे में भी उनकी गहरी पैठ थी। वे कांग्रेस के कार्यकर्ता थे तथा समाज सुधार के कार्यों में बढ-चढ़कर भाग लेते थे। उनके घर में आए दिन राजनीतिक बैठकें होती रहती थीं। वे कई निर्धन विद्यार्थियों को अपने घर में आश्रय देकर पढ़ाते थे। वे कोमल और संवेदनशील व्यक्ति थे परन्तु उनमें क्रोध और अहंकार का भी अभाव नहीं था ।
(ख) उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ रसूलनबाई और बतूलनबाई के यहाँ से होकर जाने वाले रास्ते से बालाजी मन्दिर जाते थे । इस रास्ते उन्हें कभी ठुमरी, कभी टप्पे तथा कभी विभिन्न प्रकार के राग सुनने को मिल जाते थे। रसूलन और बतूलन की गायकी को सुनकर उन्हें खुशी मिलती थी अतः वे उसी रास्ते से मन्दिर जाते थे।
(ग) लेखक ने न्यूटन को संस्कृत मानव की संज्ञा दी है क्योंकि उन्होंने गुरुत्वाकर्षण बल का आविष्कार किया था । उनका आविष्कार मानव समाज के कल्याण के लिए था। न्यूटन जितना ज्ञान रखने वाले लोगों को लेखक न्यूटन की तरह संस्कृत नहीं मानता क्योंकि प्रत्येक उच्चशिक्षित व्यक्ति मानव जाति के हित के लिए नवीन आविष्कार करने में सक्षम नहीं होता ।
(घ) भगत बेटे के शव के पास बैठकर भजन गा रहे थे। वह अपनी पतोहू से कहते कि रोने के स्थान पर उसे उत्सव मनाना चाहिए। वह कह रहे थे कि आत्मा परमात्मा के पास चली गई। विरहिनी अपने प्रियतम से जा मिली है अतः उन्हें दुखी न होकर आनंदित होना चाहिए ।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित काव्यांश के आधार पर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए- [5]
वह अपनी गूँज मिलाता आया है प्राचीन काल से
गायक जब अंतरे की जटिल तानों के जंगल में
खो चुका होता है
या अपनी ही सरगम को लाँघकर
चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में
तब संगतकार ही स्थायी को सँभाले रहता है
जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान
जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन
जब वह नौसिखिया था।
(क) ‘वह अपनी गूँज मिलाता आया है प्राचीन काल से’ का भाव स्पष्ट कीजिए । [2]
(ख) मुख्य गायक के अंतरे की जटिल तान में खो जाने पर संगतकार क्या करता है? [2]
(ग) संगतकार, मुख्य गायक को क्या याद दिलाता है? [1]
उत्तर:
(क) संगतकार प्राचीन काल से ही मुख्य संगीतकार को गायन में सहयोग देता रहा है। अत्यन्त प्राचीन काल से ही यह परम्परा चलती आ रही है।
(ख) जब मुख्य गायक अंतरे की जटिल तानों में उलझ जाता है तो संगतकार का मूल स्वर उसे पुनः अपने मूल स्वर में ले आता है। संगतकार गायन के समय गान के ‘स्थायी’ को संभाले रहता है।
(ग) संगतकार मुख्य गायक को उसके बचपन की याद दिलाता है। मुख्य गायक को याद आता है कि वह भी कभी संगतकार की तरह अपरिपक्व था।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए । 2 × 4 = 8
(क) ‘मधुर चाँदनी रातों की उज्ज्वल गाथा’ से कवि का क्या तात्पर्य है?
(ख) ‘दुविधा – हत साहस है, दिखता है पंथ नहीं’ कथन में किस यथार्थ का चित्रण है?
(ग) लक्ष्मण ने शूरवीरों के क्या गुण बताए हैं?
(घ) बादलों के लिए ‘नवजीवन’ विशेषण का प्रयोग किस संदर्भ में किया गया है।
उत्तर:
(क) कवि को कुछ समय तक अपनी प्रेमिका का सान्निध्य मिला। उस समय चाँदनी रातों में प्रिया से मिले सुख को वह भूल नहीं पाता। इसे ही कवि ने चाँदनी रातों की उज्ज्वल गाथा कहा है।
(ख) व्यक्ति यदि अतीत की स्मृतियों में खोया रहेगा तो वह अनिश्चतता के गहन अंधकार में खोता चला जाएगा। सक्षम व्यक्ति भी इन परिस्थितियों में अपना साहस खो बैठता है तथा उसे जीवन की सही दिशा दृष्टिगत नहीं होती ।
(ग) लक्ष्मण के अनुसार शूरवीर युद्धभूमि में कर्म करके दिखाते हैं। उनके वीरतापूर्ण कार्य उनका परिचय देते हैं। वे स्वयं अपने मुख से अपने गुणों का बखान नहीं करते । शूरवीर धैर्यवान एवं क्षोभरहित रहते हैं। वीर योद्धा कभी अपशब्द नहीं बोलते। वे अपनी प्रशंसा के पुल नहीं बाँधते । शत्रु को अपने समक्ष देखकर शूरवीर केवल अपनी प्रशंसा नहीं करते वरन् उसको ललकार कर युद्ध के लिए तैयार रहने को कहते हैं। शूरवीरों की विजयगाथा समाज को प्रेरणा देती है। लोगों को केवल अपना क्रोध दिखाकर डराना शूरवीरों को शोभा नहीं देता ।
(घ) कवि ने बादलों के लिए ‘नवजीवन’ विशेषण का प्रयोग किया है। यहाँ बादल कवि का प्रतीक हैं तथा नवजीवन का भाव नवीन भाव और नवीन प्रेरणादायी विचारों से है।
प्रश्न 11.
‘जल-सरंक्षण’ से आप क्या समझते हैं? हमें जल संरक्षण को क्यों और किस प्रकार गंभीरता से लेना चाहिए? [4]
उत्तर:
‘जल – सरंक्षण’ से तात्पर्य जल को सुरक्षित रखने से है। भारी वर्षा के कारण भारत में अनेक नदियों में प्रतिवर्ष बाढ़ आती है परंतु हम जल-संरक्षण के प्रति जागरूक नहीं हैं इसलिए बहुत अधिक मात्रा में साफ जल नष्ट हो जाता है। इसके अतिरिक्त ग्रामीण अथवा शहरी क्षेत्रों में भी जल संरक्षण के तरीकों को नहीं अपनाया जाता परिणामस्वरूप यहाँ भी वर्षा का जल अत्यधिक मात्रा में व्यर्थ हो जाता है। हमें वर्षा के जल को सरंक्षित रखने का प्रयास करना चाहिए। जिस तेजी से भारत में भौम जल स्तर घटता जा रहा है उसके अनुसार यदि हमने जल – संरक्षण की ओर गंभीर प्रयास नहीं किए तो भावी पीढ़ियों को भारी जलसंकट का सामना करना पड़ेगा।
खण्ड – घ (लेखन)
प्रश्न 12.
दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर 200-250 शब्दों में निबंध लिखिए- [10]
(i) एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम : सजावट और उत्साह – कार्यक्रम का सुखद आनन्द – प्रेरणा ।
(ii) वन और पर्यावरण : वन- अमूल्य वरदान – मानव से संबंध – पर्यावरण के समाधान ।
(iii) मीडिया की भूमिका : मीडिया का प्रभाव – सकारात्मकता और नकारात्मकता – अपेक्षाएँ।
उत्तर:
(i) एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम
पिछले वर्ष मुझे कुछ लोगों के साथ छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़िले में जाने का अवसर मिला। बस्तर आदिवासी बहुल क्षेत्र है। हम लोग वहाँ आदिवासियों की समस्याएँ जानने और उन्हें चिकित्सा संबंधी सुविधाएँ उपलब्ध करवाने के लिए गए थे। वहाँ हमारे स्वागतार्थ नृत्य और संगीत का एक भव्य कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। आदिवासी नर्तक-नर्तकियों ने आकर्षक रंग-बिरंगे वस्त्र धारण किए हुए थे। वे लोग एक दूसरे की कमर में हाथ डाले हुए एक विशेष ताल के साथ कदम आगे बढ़ाते थे। सभी कलाकारों के चेहरे आनंद से दमक रहे थे। इसके पश्चात् नर्तकों ने लकड़ी के डण्डों का प्रयोग करते हुए एक अद्भुत नृत्य प्रस्तुत किया। बस्तर में पुरुष जब भैंसे का शिकार कर गाँव में वापस लौटते हैं तो स्त्रियाँ गीत गाकर उनका स्वागत करती हैं। दूसरा नृत्य इसी ‘थीम’ पर आधारित था। कलाकारों के शरीर गठे हुए थे। उनकी भाव-भंगिमाएँ अत्यन्त आकर्षक थीं। नृत्य के पश्चात् गायन कार्यक्रम आरम्भ हुआ। वहां कुछ गायिकाएँ छत्तीसगढ़ी भाषा में लोकगीत गा रही थीं। उनके गीतों के साथ वाद्ययन्त्रों का प्रयोग नहीं था फिर भी वे गीत कर्णप्रिय थे तथा हृदय – वीणा के तार झंकृत करने में समर्थ थे। उन गीतों में उल्लास के स्वर भी थे तथा कुछ गीतों में विरह की मार्मिक अभिव्यक्ति भी थी। हमने कलाकारों को पुरस्कृत किया तथा उन्हें दिल्ली आने का निमन्त्रण दिया। मैंने जीवन में नृत्य और संगीत के अनेक कार्यक्रम देखे हैं परन्तु यह कार्यक्रम वस्तुतः अद्भुत और अद्वितीय था ।
(ii) वन और पर्यावरण
मानव और प्रकृति का संबंध अनादि काल से है। मानव के चारों ओर दिखाई देने वाला प्रकृति की समूचा रूप पर्यावरण कहलाता है। मनुष्य का निर्माण प्रकृति के पाँच तत्त्वों – जल, तेज, पृथ्वी, वायु तथा आकाश से हुआ है। इन तत्त्वों से बने वातावरण को ही पर्यावरण कहा जाता है। मानव को जीवित रहने के लिए शुद्ध पर्यावरण की आवश्यकता होती है। पर्यावरण का अशुद्ध होना प्रदूषण कहलाता है।
वर्तमान युग में पर्यावरण की शुद्धता के संबंध में जन-समाज सजग हुआ है। पहले इस ओर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता था परंतु पिछले कुछ वर्षों से संपूर्ण विश्व का ध्यान इस महत्त्वपूर्ण समस्या पर केंद्रित हुआ है। पर्यावरण अथवा प्रकृति का वातावरण बिगड़ने से आजकल दुनिया भर के लोग परेशान हैं। हमारे जीवन में वायु एवं जल सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण हैं। वायु के बिना हम थोड़ी देर भी जीवित नहीं रह सकते तथा जल के अभाव में भी जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती। स्वस्थ जीवन के लिए शुद्ध वायु और शुद्ध जल उपलब्ध होना चाहिए। हवा, पानी, भूमि आदि का प्रदूषण वर्तमान जीवन के लिए एक भयंकर समस्या बन चुका है। पर्यावरण तथा वन-संपदा का संबंध अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। पिछले अनेक वर्षों से वन-संपदा का निरंतर विनाश हो रहा है तथा पर्यावरण में प्रदूषण की मात्रा बढ़ती जा रही है।
वनों के पेड़-पौधे कार्बन डाईऑक्साइड गैस पर्याप्त मात्रा में खींचते हैं तथा उसके बदले जीवनदायिनी ऑक्सीजन छोड़ते हैं। विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान समय में प्रतिवर्ष 500 करोड़ टन कार्बन डाईऑक्साइड धरती की वायु में घुल रही है। चालीस वर्ष पूर्व इसकी केवल एक-तिहाई मात्रा हवा में मिश्रित होती थी। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि आने वाले 40 वर्षों में यह प्रदूषण 5 से 11 गुना बढ़ जाएगा। पर्यावरण के विनाश का प्रमुख कारण वनों की अंधाधुंध कटाई है। वनों के विनाश से जैव-विविधता पर भी अत्यंत बुरा प्रभाव पड़ता है। वैज्ञानिकों के अनुसार वन विनाश की यदि वर्तमान गति जारी रहती है तो सन् 1990 से 2020 के बीच दुनिया की 5 से 15 प्रतिशत प्रजातियाँ धरती से लुप्त हो जाएँगी। आँकड़ों से ज्ञात होता है कि परिंदों तथा स्तनपोषी जीवों के लुप्त होने की वर्तमान दर उस अवस्था से 150 से एक हज़ार गुना अधिक है जो कि प्रकृति से छेड़छाड़ न करने की स्थिति में साधारणतया रहती है। वास्तव में 2600 पक्षी – प्रजातियाँ (संसार की कुल पक्षी – प्रजातियाँ का 30%) कटिबंधीय वनों पर ही निर्भर हैं। वनों का नदियों के साथ गहरा संबंध होता है। वनों के विनाश से नदियाँ भूमि को बहुत अधिक हानि पहुँचाती हैं। सरकार को वनों की अवैध कटाई करने वाले अपराधियों को कड़ा दंड देना चाहिए ।
(iii) मीडिया की भूमिका
वर्तमान युग में मीडिया का स्थान अत्यन्त महत्त्वपूर्ण हो गया है। मीडिया के प्रभाव से हमारे राजनीतिक तथा सामाजिक जीवन में एक अद्भुत परिवर्तन दिखाई देता है। मीडिया इतना शक्तिशाली हो चुका है कि पत्रकार स्टिंग ऑप्रेशन के माध्यम से राजनेताओं और उच्चाधिकारियों को बन्दीगृह की हवा भी खिला सकते हैं। समाज में बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए मीडिया का प्रशासन पर गहरा दबाव पड़ता है। कुछ समय पूर्व मीडिया के कारण ही केजरीवाल जैसे नेता को मौनव्रत रखने के लिए विवश होना पड़ा। पूर्व मन्त्री कपिल मिश्रा ने मीडिया में नित्य नए खुलासे किए जिसका उत्तर देने में आम आदमी पार्टी के नेताओं को पसीना आ गया। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी का आभामंडल चमकाने में मीडिया ने पर्याप्त योगदान दिया । सोशल मीडिया पर दी गई झूठी अफवाहें समाज पर बुरा प्रभाव डालती हैं। कुछ समय पूर्व प्रसिद्ध गायक सोनू निगम के एक ट्वीट ने खलबली मचा दी। वस्तुतः सोशल मीडिया का अनुचित और समाज के लिए घातक सिद्ध होने वाला प्रयोग नहीं होना चाहिए। मीडिया के द्वारा ही नेता लोग अनुचित कार्य करने से डरते हैं। मीडिया के कारण ही जनमत को शीघ्र बदला जा सकता है। मीडिया से ही जन सामान्य को ज्ञात हुआ कि किस प्रकार बिहार तथा उत्तर प्रदेश में नकल माफिया अपना कार्य करता है। इस प्रकार मीडिया की भूमिका पर प्रश्नचिन्ह नहीं लगाया जा सकता।
प्रश्न 13.
पी. वी. सिंधु को पत्र लिखकर रियो ओलंपिक में उसके शानदार खेल के लिए बधाई दीजिए और उनके खेल के बारे में अपनी राय लिखिए। [5]
उत्तर:
15 – ए, राजपुर रोड
दिल्ली 110054
माननीय पी०वी० सिंधु
नमस्कार !
रियो ओलपिंक में आपका शानदार खेल देखकर करोड़ों भारतीयों का सिर गर्व से ऊँचा हो गया। टेनिस में ऐसा प्रदर्शन देखना हमारे लिए अत्यन्त सौभाग्य की बात थी। आप इस समय हज़ारों खिलाड़ियों के लिए रोल मॉडल बन चुकी हैं। उम्मीद करता हूँ कि आज भविष्य में भी इसी प्रकार अपने उच्च कोटि के खेल द्वारा विश्व में भारत को गर्व करने का अवसर प्रदान करेंगी।
आपका शुभचिन्तक
आलोक वर्मा
अथवा, अपने क्षेत्र में जलभराव की समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए स्वास्थ्य अधिकारी को एक पत्र लिखिए।
उत्तर:
स्वास्थ्य अधिकारी
दिल्ली नगर निगम
सिविल लाइन्स, दिल्ली 110054
दिनांक : 15 जुलाई, 20xx
महोदय
हमारे क्षेत्र सिविल लाइन्स में जलभराव की समस्या के कारण स्थानीय निवासी अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करने के लिए विवश हैं। तीर्थराम अस्पताल के निकट वर्षा होते ही पानी भर जाता है। पिछले वर्ष भी इस क्षेत्र के अनेक लोगों को जलभराव के कारण मलेरिया, डेंगू तथा चिकनगुनिया जैसे रोगों से जूझना पड़ा था। इस वर्ष भी यही स्थिति दिखाई देती है। जलभराव के कारण सड़कों पर जाम लगना तो सामान्य बात है। आपसे अनुरोध है कि इस समस्या का शीघ्र समाधान करवाने की कृपा करें। धन्यवाद ।
संकल्प अरोड़ा
21, राजपुर रोड़, दिल्ली ।
प्रश्न 14.
‘सोनम क्रीम’ की बिक्री बढ़ाने के लिए एक विज्ञापन 25-50 शब्दों में प्रस्तुत कीजिए । [5]
उत्तर:
‘सोनम क्रीम’ |