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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course B Set 10 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
निर्देश
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-‘अ’ और ‘ब’।
- खंड ‘अ’ में उपप्रश्नों सहित 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कुल 40 प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
- निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए।
- दोनों खंडों के कुल 18 प्रश्न हैं। दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमश: लिखिए।
खंड ‘अ’ (वस्तुपरक प्रश्न)
खंड ‘अ’ में अपठित गद्यांश, व्यावहारिक व्याकरण व पाठ्य-पुस्तक से संबंधित बहुविकल्पीय प्रश्न दिए गए हैं। जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
अपठित गद्यांश
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए। (1×5=5)
विकास का उद्देश्य लोगों का आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक उत्थान है। विश्व में विकास के संबंध में अलग-अलग विचार हैं। विकास के पश्चिम अथवा यूरोप केंद्रित विचार में स्वतंत्रता को अत्यधिक महत्त्व दिया जाता है, जिसका संबंध आधुनिकीकरण, अवकाश, सुविधा व समृद्धि से जुड़ा है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में औद्योगीकरण, कंप्यूटरीकरण, उत्कृष्ट परिवहन व्यवस्था, स्वास्थ्य व शिक्षा की उपलब्धता, वैयक्तिक सुरक्षा इत्यादि को विकास का पर्याय माना जाता है, परंतु यह विकास का एकतरफ़ा प्रतीक है।
मानव विकास एक व्यापक संकल्पना है, जिसमें मानव के लिए स्वस्थ भौतिक पर्यावरण की उपलब्धता के साथ आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक स्वतंत्रता भी समाहित है। इसका लक्ष्य लोगों के उपलब्ध विकल्पों में विस्तार करते हुए शिक्षा व स्वास्थ्य तक मानव की पहुँच सुनिश्चित करना है, ताकि सशक्तीकरण को सार्वभौमिक बनाया जा सके। साक्षरता मानव के लिए अनिवार्य है, क्योंकि यह ज्ञान व मुक्ति का मार्ग है, परंतु इसके साथ समाज व पर्यावरण के बारे में भी व्यक्ति को ज्ञान होना चाहिए, क्योंकि ज्ञान ही मुक्ति का मूलाधार है। विकास ने मनुष्य के जीवन में कई परिवर्तन लाए हैं। मानव
विकास का एक महत्त्वपूर्ण उद्देश्य सभी मनुष्यों तक विकास के समान लाभ का वितरण करना है, परंतु भेदभाव, मानवाधिकारों का हनन तथा विस्थापन की समस्याओं ने मानव को विकास के वास्तविक लाभ से दूर कर दिया है।
(क) पश्चिम अथवा यूरोप केंद्रित विचार में ‘विकास’ से तात्पर्य है
(i) आधुनिकीकरण, अवकाश, सुविधा व समृद्धि
(ii) सांस्कृतिक विकास, सुख-सुविधाएँ व वैयक्तिक सुरक्षा
(iii) विचारों की आजादी, रोजगार, सिनेमा का उद्धार
(iv) राष्ट्रीब सद्भाव, पर्यावरण सुरक्षा, नारी सशक्तीकरण
उत्तर :
(i) आघुनिकीकरज, अवकाश, सुविधा व समृद्धि गद्यांश के अनुसार, पश्चिम अथवा यूरोप केंद्रित विचार में ‘विकास’ से तात्पर्य आधुनिकीकरण, अवकारा, सुविधा व समृद्धि से है, क्योंकि विकास के पश्चिम अथवा यूरोप केंद्रित विधार में स्वतंत्रता को अधिक महत्व दिया जाता है।
(ख) गद्यांश हमें संदेश देता है
(i) विकास का उद्देश्य केवल लोगों का सांस्कृतिक उत्थान होना चाहिए
(ii) भारत में विकास के समान लाभ का वितरण हो रहा है
(iii) मानव विकास ऐसा हो कि सभी मनुष्यों में बिकास के लाभ का समान वित्तरण हो
(iv) मानव विकास एक संकुचित संकल्पना है
उत्तर :
(iii) मानब विकास ऐसा हो कि समी मनुष्यों में विकास के लाभ का समान वितरण हो गयांश हमें संदेश देता है कि मानव विकास ऐसा हो कि समी ननुष्यों में विकास के लाभ का समान वितरण हो और इसके लिए भेदभाव, मानवाधिकरों का हनन तथा विस्थाषन जैसी समस्याओं के समाधान की आवश्यकता है।
(ग) मानव के लिए साक्षरता क्यों अनिवार्य है?
(i) सार्वभौमिकता के लिए
(ii) ज्ञान और मुक्ति के लिए
(iii) विस्थापन के लिए
(iv) स्वतंत्रता के लिए
उत्तर :
(ii) ज्ञान और मुक्ति के लिए गद्यांश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि साक्षरता मानद के लिए अनिवार्य है, क्योंकि यह ज्ञान व मुक्ति का मार्ग है। इसके साथ समाज व पर्यावरण के बारे में भी व्यक्ति को ज्ञान होना चाहिए, क्योंकि ज्ञान ही मुक्ति का मूलाधार है।
(घ) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पदिए उसके बाद दिए गए विकर्यों में से कोई एक सही विकत्प्प चुनकर लिखिए। कथन (A) साक्षरता मानव के लिए अनिवार्य है।
कारण (R) विकास ने मनुष्य के जीवन में कई परिवर्तन लाए हैं।
(i) कथन (A) तथा कारण (B) दोनों गलत हैं।
(ii) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही है, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर :
(iii) क्यन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (A) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है। गद्यांश में बताया गया है कि साक्षरता मानव के लिए अनिवार्य है, क्योंकि यह ज्ञान और मुक्ति का मार्ग है।
(ङ) मानव विकास का महत्वपूर्ण उद्देश्य किसे माना गया है?
(i) शिक्षा का व्यापक प्रसार करना
(ii) सभी मनुष्यों तक खिकास के समान लाभ का वितरण करना
(iii) सामाजिक स्वतंत्रता प्रदान करना
(iv) अर्षिक रूप से मजबूत बनाना
उत्तर :
(ii) सनी मनुप्यों तक विकास के समान लाभ का वितरण करना गद्यांश में स्पष्ट किया गया हैं कि मानव विकास का महत्वपपूर्ण उद्देश्य समी मनुष्यों तक विकास के समान लाम का वितरण करना है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वधधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्य चुनकर लिखिए। शिक्षा हम सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक बहुत ही आवश्यक साधन है। यदि हम समाज में सामाजिक परिवर्तन लाना चाहते हैं; तो शिक्षा उसका एक आवश्यक स्रोत है, क्योकि इसके बिना किसी भी स्तर पर कोई सामाजिक परिवर्तन नहीं लाया जा सकता।
सामाजिक क्षेत्रों में बहुत से सुधार करने का प्रयत्न किया गया, परंतु लोगों में शिक्षा की कमी देखी गई है, जिसके परिणामस्वरूप व्यावहारिक रूप में सुधार प्रभावहीन रह जाते हैं। हमने बाल विवाह, बाल श्रम, दहेज प्रथा तथा अन्य सामाजिक बुराइयों के लिए बहुत से कानून बनाए, परंतु विभिन्न क्षेत्रों में प्रचलित अशिक्षा ने इन सुधारात्मक कानूनी उपायों को लगभग नकार दिया है, इसलिए शिक्षा के द्वारा इन बुराइयों को मिटाने का प्रयत्न करना चाहिए, जिससे सामाजिक परिवर्तन को तीव्रता प्रदान की जा सके।
देश में पिछड़ी तथा अनुसुचित जातियों का उत्थान, राष्ट्रीय तथा भावात्मक एकता, भाषा सुधार तथा लोकतांत्रिक प्रक्रिया आदि सभी का चलन बहुत धीमा है, इसलिए शिक्षा के द्वारा इनकी सफलता के लिए उचित उपाय प्रदान करने का प्रयास किया जाना चाहिए। परिवर्तन लाने का सबसे प्रभावी तरीका शिक्षा है। इसके द्वारा लोगों के दृष्टिकोण, व्यवहार रीतियों, जीवन नीतियों तथा मूल्यों में परिवर्तन लाने और उनमें प्रगति करने के लिए इच्छा जागृत की जा सकती है। शिक्षा आधुनिक ज्ञान में वृद्धि करने में भी सहायक हो सकत्ती है।
(क) निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द गद्यांश में दिए गए ‘उत्यान’ शब्द के सही अर्थ को दर्शाता है?
(i) अभ्युद्य
(ii) अवनति
(iii) अपक्षय
(iv) अवनयन
उत्तर :
(i) अन्युदय गधांश में दिए गए ‘उत्थान’ शब्द के सही अर्थ को दर्शाने वाला शब्द है-‘अभ्युदय।
(ख) इसके द्वारा लोगों के दृष्टिकोण, व्यवहार रीतियों, जीवन नीतियों तथा मूल्यों में परिवर्तन लाने और उनमें प्रगति करने के लिए इच्छा जागृत की जा सकती है।’ पंक्ति के माध्यम से लेखक लोगों को प्रेरणा दे रहे हैं।
(i) झूठ नहीं बोलने की
(ii) आडंबरों का त्याग करने की
(iii) वाल विबाह जैसी बुराइयों को समाप्त करने की
(iv) शिक्षित करने की
उत्तर :
(iv) शिक्षित करने की प्त्तुत पंक्ति के नाध्यम से लेखक लोगों को शिक्षित करने की प्रेरणा दे रहे हैं, क्योंकि शिक्षा ही परिवर्तन लाने का सबसे म्मादी तरीका है।
(ग) गद्यांश के आधार पर बताइए कि किसका चलन बहुत धीमा है?
(i) पिछड़ी तथा अनुसुचित जातियों के वस्थान का
(ii) राष्ट्रीय तथा भावाल्मक एकता का
(iii) भाषा सुधार तथा लोकतांत्रिक प्रक्रिया का
(iv) ये सभी
उत्तर :
(ii) ये सनी गध्यांश में बताया गया है कि देश में विछक्ती तधा अनुसूथित जात्वियों का उत्थान, राष्ट्रीय तथा भावात्मक एकता, भाषा सुभार तथा लोकतांत्रिक मक्रिया का चलन बहुत ही धीमा है।
(घ) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. शिक्षा हमारा भविष्य उज्चल बनाती है।
2. शिक्षा सामाजिक परिवर्तन लाने में सध्रम है।
3. शिक्षा केवल प्राचीन ज्ञान में वृद्धि करने में सहायक है। उपर्युक्त कथनों में से कौन-स//से सही है/है?
(i) केवल 1
(ii) 1 और 2
(iii) 1 और 3
(iv) 2 और 3
उत्तर :
(ii) 1 और 2 शिक्षा हमारा भविध्य उज्वल बनाती है। शिक्षा सामाजिक परिवर्तन लाने में सक्षम है। शिक्षा के बिना किसी भी स्तर पर कोई सामाजिक परिवर्तन नहीं लाया जा सकता है। शिक्षा प्राचीन झान में ही नहीं, अप्ति आघुनिक ज्ञान में भी वृद्धि करने में सहायक हो सक्ती है।
(ङ) निम्नलिखित में से किस कथ्थन को गद्यांश की सीख के आधार पर कहा जा सकता है?
(i) मन के हारे हार है, मन के जीते जौत
(ii) मेहनत से कल्पना साकार होती है
(iii) शिक्षा सामाजिक बुराइयों को मिटाने का साधन है
(iv) शिक्षा आस्तिक से नास्तिक बनने का माध्यम है
उत्तर :
(iii) शिक्षा सामाक्रिक दुराइयों को मिटाने का साधन है गधांश हमें यह सीख देता है कि शिक्षा सामाजिक बुराइयों को मिटाने का साथन है। किसी भी समाज में व्याप्त सामाजिक बुराइयो; जैसे-बाल विवाह, दहेज प्रथा, बाल अम आदि के कुप्रभावों के प्रति लोगों को जागरूक कर इन्हें मिटाने का सबसे प्रभावी साधन शिक्षा हीं है।
व्यावहारिक व्याकरण
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘पदबंध’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1x 4=4)
(क) ‘मैने इस विचार को दिल से बलपूर्वक निकाल डाला।’ रेखांकित पदबंध का भेद्द है
(i) संझा पद्बंध
(ii) सर्वनाम पदर्बंध
(iii) विशेषण पद्बंध
(iv) क्रिया विशेषण पदर्बंध
उत्तर :
(iv) क्रिध्या विशेषण पदबंध
(ख) ‘मैदान की वह सुखद हरियाली मुझे अज्ञात और अनिवार्य रूप से खींच ले जाती।’ रेखांकित पदबंध का भेद है
(i) संज्ञा पदबंध
(ii) सर्वनाम पद्बंध
(iii) विशेषण पदबंध
(iv) क्रिया पदर्बंध
उत्तर :
(i) संज्ञा पदरंध
(ग) ‘इस भवन की नुनियाद खूत्व मजबूत डालना चाहते थे।’ रेखांकित पदबंध का भेद है
(i) संज्ञा पदर्ध
(ii) सर्बनाम पदरंध
(iii) विशेषण पदबंध
(iv) क्रिया विशेषण पदबंध
उत्तर :
(iii) विशेषण पदबंध
(घ) क्रिया पदबंध का उदाहरण जाँटिए
(i) तुम्हें देखकर मेरी चेतना लुप्त हो गई थी
(ii) में यह लताइ सुनकर आँसू बहाने लगा
(iii) वक्त मुसीबत में उसे स्मरण करते और वह भागा-भागा वहाँ पहुँच जाता
(iv) कोई अजनबी युखक उसे निःशब्द ताके जा रहा था
उत्तर :
(i) तुम्हें देखकर मेशी चेतना तुप्त हो गई थी
(छ) ‘दरिया पर जाओ, तो उसे सलाम किया करो।’ इस वाक्य में सर्वनाम पदबंध है
(i) दरिखा पर
(ii) किया करो
(iii) दरिखा पर जाओ तो उसे
(iv) सलाम
उत्तर :
(iii) दरिया पर जाओ तो उसे
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1×4=4)
(क) ‘अधिक पढ़ने पर अधिक लाभ होगा।’ का मिश्र वाक्य बनेगा
(i) अधिक पढ़ोगे, तो अधिक लाभ होगा।
(ii) जो अधिक पढेगा उसे अधिक लाभ होगा।
(iii) अधिक पढ़ो, क्योकि इससे अधिक लाभ होगा।
(iv) अधिक पढ़ने से लाभ होता है।
उत्तर :
(i) अधिक पड़ोगे, तो अधिक लाभ होगा।
(ख) ‘जो जितना बड़ा होता है, उसे उतना ही कम गुस्सा आता है।’ रचना के आधार पर वाक्य भेद्द है
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) मिश्र वाक्य
(iv) विधानवाचक वाक्य
उत्तर :
(iii) मिश्र वाक्य
(ग) ‘वामीरो की प्रतीक्षा में एक-एक पल पहाइ की तरह भारी था।’ रचना के आधार पर वाक्य भेद है
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) मिश वाक्य
(iv) सामान्य वाक्य
उत्तर :
(i) सरल वाक्य
(घ) ‘भाई साहब ने अपने दरजे की पढ़ाई का जो भयंकर चित्र खींचा था, उसने मुले भयभीत कर दिया।’ इस वाक्य का संयुक्त वाक्य होगा
(i) जब भाई साहब ने अपने दरजे की पद़ाई का भयंकर चित्र खींचा, तो उसने मुझे भयभीत कर दिया।
(ii) भाई साहव अपने दरजे की पड़ाई का चित्र खींचकर मुद्रे भखभीत कर चुके थे।
(iii) भाई साहब ने अपने दरजे की पढ़ाई का भयंकर चित्र खींचा और उसने मुले भयभीत कर दिया।
(iv) भाई साहब ने अपने दरजे की पढ़ाई का चित्र खींचकर मुझे भयभीत कर दिया।
उत्तर :
(iii) भाई साहब ने अपने दरजे की पड़ाई का भयंकर चित्र खींचा और उसने मुझे भयभीत कर दिया।
(ङ) निम्नलिखित वाक्यों में से सरल वाक्य है
(i) इस तरह अंग्रेजी पढ्रोगे, तो जिदगी भर वक्ते रहोंगे।
(ii) अपराध तो मैने किया, लताड़ कौन सहे?
(iii) भाई साहब उपदेश देने की कला में निपुण थे।
(iv) अगर तुम्हे इस तरह उम्र गंवानी है, तो घर चले जाओ।
उत्तर :
(iii) भाई साहब उपदेश देने की कला में निपुण थे।
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘समास’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1×4=4)
(क) ‘प्राणंप्रिय’ शब्द में कौन-सा समास है?
(i) दंद्व समास
(ii) द्विगु समास
(iii) कर्मधारय समास
(iv) बहुव्रीहि समास
उत्तर :
(iii) कर्मधारय समास
(ख) ‘भयभीत’ शद्ध के सही समास-विग्रह और समास का चयन कीजिए
(i) भय के कारण भीत-बहुल्रीहि समास
(ii) भय और भीत-घंड समास
(iii) भय हेतु भीत-अव्ययीभाव समास
(iv) भय से भौत-तत्पुरुप्य समास
उत्तर :
(ii) भय और भीत-घंड समास
(ग) ‘मनगढंत’ समस्त पद का विरह है
(i) मन से गढ़ा तुआ
(ii) मन के द्वारा गढ़ा हुआ
(iii) मन और गढ़ंत
(ii) मन है जिसका गढ़ा हुआ
उत्तर :
(i) मन से गढ़ा हुआ
(घ) ‘कुसुमायुप’ शब्द के सही समास-विग्रह और समास का चयन कीजिए
(i) कुसुम और आयुध-द्दं समास
(ii) कुसुम है आयुध जिसका अर्थात् कामदेव-बहुव्रीहि समास
(iii) कुसुम के समान आयुध-कम्मधारय समास
(iv) कुसुम के लिए आयुध-तत्पुरुष समास
उत्तर :
(ii) कुसुम है आयुघ जिसका अर्थात् कमदेव-बहुव्रीहि समास
(ङ) निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए
समस्तपद — समास
1. स्व्रीरल — कर्मधारच समास
2. पुण्यदान — अव्ययीभाव समास
3. सुख-दु:ख — द्रंद्र समास
4. चक्रपाणि — द्विगु समास
उपर्युक्त युग्मों — में से कौन-से सही सुमेलित है?
(i) 1 और 2
(ii) 2 और 3
(iii) 1 और 9
(iv) 3 और 4
उत्तर :
(iii) 1 और 3
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘मुहावरे’ पर आधारित छः बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1×4=4)
(क) साइकिल की सवारी करना आजकल के युवाओं के लिए है। उपयुक्त मुहावरे से रिकत स्थान की पूर्ति कीजिए
(i) शान में बट्टा लगना
(ii) सिर द्युकाना
(iii) यम की यातना करना
(iv) मैदान मारना
उत्तर :
(i) रान में बट्टा लगना
(ख) मुहावरे और अर्थ के उचित मेल वाले विकल्प का चयन कीजिए
(i) सिर उठाना-बहुत तेज दौड़ना
(ii) हथेली पर सरसों उगाना-असंभव काम करना
(iii) दाल न गलना-बेइख्जली होना
(iv) चार चाँद लगाना-घमंड करना
उत्तर :
(ii) हथेली पर सरसों उगाना-असंभव काम करना
(ग) पुलिस की आहट सुनते ही योर
(i) भेड़िया धसान
(ii) भीगी बिल्ली
(iii) दल-बदल् बन जाते है। सटीक मुहावरे से रिकत स्थान की पूर्ति कीजिए
(iv) गोबर गणेश
उत्तर :
(ii) भौगी बिल्ली
(घ) ‘बहुत तंग करना’ अर्थ के लिए सही मुहावरा है
(i) टाँग अड़ाना
(ii) झंडा गाड़ना
(iii) नाकों चने चबवाना
(iv) धाक जमाना
उत्तर :
(iii) नाकों चने चबवाना
(ङ) ‘भयभीत हो जाना’ के लिए उपयुक्त महावरा है
(i) भीगी बिल्ली बन जाना
(ii) वाल-घाल बचना
(iii) कान का कच्चा होना
(iv) रफूचक्कर होना
उत्तर :
(i) भीगी बिल्ली बन जाना
(च) रेखांकित अंश के लिए कौन-सा मुहावरा प्रयुक्त करना उचित रहेगा?
तुम किसे हरा रहे हो? मैं तुम्हारी व्यर्थ की धमकी से डरकर भागने वाला नहीं हूँ।
(i) खून का प्यासा
(ii) गीदड भभकी
(iii) औधी खोपड्री
(iv) बेपेंदी का लोटा
उत्तर :
(ii) गीदड भभकी
पाठ्य-पुस्तक
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए। (1×5=5)
जिंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर
जान देने की रूत रोज आती नहीं
हुस्न और इएक दोनों को रूस्वा करे
वो जवानी जो खूँ में नहाती नहीं
आज धरती बनी है दुलहन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
(क) प्रस्तुत प्यांश में दुल्हन ……………. कहा गया है।
(i) धरती को
(ii) आकाश को
(iii) देशभक्त को
(iv) दुश्मन सैनिक को
उत्तर :
(i) धरती को प्रस्तुत पद्यांश में ‘दुल्हन’ धरती को कहा गया है। पद्यांश में साथी-सैनिकों का आह्वान कर कहा गया है कि धरती की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देना चाहिए।
(ख) पद्यांश के अनुसार, किसके लिए जान देने की रूत रोज नहीं आती?
(i) मित्र के लिए
(ii) धर्म के लिए
(iii) देश के लिए
(iv) प्रेम के लिए
उत्तर :
(iii) देश के लिए पद्यांश के अनुसार, देश के लिए जान देने का अवसर सदा प्राप्त नहीं होता है। यहाँ सैनिक स्पष्ट रूप से कहता है कि देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने के दिन हमेशा नहीं आते हैं, इसलिए देश की रक्षा करते समय अपने प्राणों की परवाह नहीं करनी चाहिए।
(ग) प्यांश में कैसी जवानी को व्यर्थ माना गया है?
(i) जो दूसरों को न सताए
(ii) जो जबरदस्ती किसी का धन न छीने
(iii) जो देश के लिए खून न बहाए
(iv) जो अपनी बहादुरी दूसरों को न दिखाए
उत्तर :
(iii) जो देश के लिए खून न बहाए पद्यांश में ऐसी जवानी को व्यर्थ माना गया है, जो देश के लिए खून न बहाए। कहने का अभिप्राय यह है कि देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान न देने वाली जवानी किसी काम की नहीं है।
(घ) बलिदान न देने वाला यौवन किन्हें बदनाम करता है?
(i) आलस और मेहनत को
(ii) दुष्टता और सज्जनता को
(iii) पुरुष और नारी को
(iv) सुदरता और प्रेम को
उत्तर :
(iv) सुंदरता और प्रेम को बलिदान न देने दाला यौवन, सुंदरता और प्रेम दोनों को ही बदनाम करता है। यौवनावस्था में सुंदरता और प्रेम का विशेष महत्त्व होता है, किंतु यदि यही जवानी देश के काम न आए तो वह सुंदरता और प्रेम को बदनाम करती है।
(ङ) निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पदिए
1. देश की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए।
2. देश के लिए बलिदान करने का अवसर कभी-कभी आता है।
3. यह धरती दुल्हन की तरह है, इसकी लाज रखना सैनिकों का कर्त्तव्य है।
4. हमें अपने जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
5. अपने दोषों को सुनकर व्यथित होने की अपेक्षा उन्हें दूर करने का प्रयास करना चाहिए। पद्यांश से मेल खाते वाक्यों के लिए उचित विकल्प चुनिए
(i) 1,2 और 3
(ii) 1,3 और 5
(iii) 2,3 और 5
(iv) 2,4 और 5
उत्तर :
(i) 1,2 और 3 पद्यांश के अनुसार, देश की रक्षा के लिए सदेव तत्पर रहना याहिए। मनुष्य को जिंदा रहने के तो बहुत से अवसर मिलते हैं. लेकिन देश के लिए बलिदान करने का अबसर कभी-कभी आता है। यह धरती दुल्कन की तरह है, इसकी लाज रखना और इसकी रक्षा करना सैनिकों का कर्ताव्य है।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उपयुक्त विकल्य का चयन कीजिए। (1×2=2)
(क) ‘निदक नेड़ा राखिए’ का भाव है
(i) निंदक को दूर रखना चाहिए
(ii) निंद्क को अपने निकट रखना चाहिए
(iii) निदक पर विश्वास नहीं करना चहिए
(iv) निदक से सतर्क रहना चाहिए
उत्तर :
(ii) निंदक को अपने निकट रखना चाहिए ‘निंदक नेड़ा राखिए’ का भाव है-निंदक को अपने निकट रखना चाहिए, क्योंकि निंदक अपने निंदा रूपी वधनों से हमारे दोबों व कमियों को सुधारने का नौका देता है।
(ख) तोप ने किन सूरमाओं के धज्जे उड़ा दिए थे?
(i) जो देश पर हमला करने आए थे
(ii) जो देश के शत्रु चे
(iii) जिन्होने अंप्रेजों के विरुदा स्वतंत्रता संघर्ष में भाग लिया था
(iv) इनमें से कोड़ नहीं
उत्तर :
(iii) जिन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध स्वरत्रता संधर्ष में बाग लिया था तोप ने अंग्रेजों के विरुद्ध स्वतंत्रता संघर्ष में भाग लेने वाले सूरमाओं के धज्जे उड्डा दिए थे। यह तोप उस समय के बीरों के बलिदान और अंग्रेजी शासकों के अत्याचारों की गाथा कल्लती है।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए। (1×5=5)
किस्सा क्या हुआ था उसको उसके पद से हटाने के बाद हमने वज़ीर अली को बनारस पहुँचा दिया और तीन लाख रुपया सालाना वजीफ़ा मुकर्रर कर दिया। कुछ महीने बाद गवर्नर जनरल ने उसे कलकत्ता (कोलकाता) तलब किया।
वज़ीर अली कंपनी के वकील के पास गया, जो बनारस में रहता था और उससे शिकायत की कि गवर्नर जनरल उसे कलकत्ता में क्यूँ तलब करता है। वकील ने शिकायत की भी परवाह नहीं की उलटा उसे बुरा-भला सुना दिया। वज़ीर अली के तो दिल में यूँ भी अंग्रेजों के खिलाफ नफरत कूट-कूटकर भरी है, उसने खंजर से वकील का काम तमाम कर दिया।
(क) “वज़ीर अली कंपनी के वकील के पास गया, जो बनारस में रहता था और उससे शिकायत की कि गवर्नर जनरल उसे कलकत्ता में क्यूँ तलब करता है?” कथन के माध्यम से वजीर अली के व्यक्तित्व की कौन-सी विशेषता ज्ञात होती है?
(i) बज़ीर अली एक लाचार व्यक्ति था।
(ii) वज़ीर अली एक दार्शंनिक व्यक्ति था।
(iii) वज़ीर अली एक स्वाभिमानी व्यक्ति था।
(iv) वज़ीर अली एक देशभक्त व्यक्ति था।
उत्तर :
(iii) वज़ीर अली एक स्वामिमानी व्यक्ति था। प्रश्न में दिए गए क्थन के माध्यम से ज्ञात होता है कि वजीर अली एक स्वानिमानी व्यक्ति था। जब उसे अवध के नवाब के पद से हटा दिया गया, तो कंपनी के गवर्नर जनरल गे उसे कलकत्ता तलब किया, लेकिन वह वहीं नहीं गया। बह उसके स्वाभिमान के विरुद्ध था।
(ख) “वज़ीर अली के तो दिल में यूँ भी अंप्रेजों के खिलाफ नफरत कूट-कूटकर भरी है।” यह दर्शाता है, वजीर अली का/की
(i) अभिमान
(ii) अपनत्व
(iii) कर्तव्यबोध
(iv) देशभक्ति
उत्तर :
(iv) देशमक्ति मश्न में दिचा गया क्यन वजीर अली की देशभक्ति दर्शाता है। वजीर अली देशभक्त है। वह हिंदुस्तान से अंग्रेजों को भगाने के प्रयास में जुट जाता है। उसे अंग्रेजों की गुतामी स्वीकार नहीं है, इसलिए उसके दिल में अंग्रेजों के खिलाफ नफरत कूट-कूटकर भरी है।
(ग) पद से हृटाए जाने के बदले में वज़ीर अली को क्या द्विया गया?
(i) एक महल और दो रानियाँ दी गई थीं
(ii) तीन लाख रुपये सालाना दिया गया था
(iii) सरकारी पद पर नौकरी दी गई थीं
(iv) ये सभी
उत्तर :
(ii) तीन लाख रुपये सालाना दिया गया था अं्रेजों ने वज़ीर अली के चाचा सआदत अली को अद्य का नवाब बना दिया और वज़ीर अली को बनारस मेज दिया। पद से हटाए जाने के बदले बज़ीर अली को तीन लाख रुपये सालाना वर्तीफा देना तय किया गया।
(घ) “उसे उसके पद से हटाने के बाद हमने वज़ीर अली को बनारस पहुँचा दिया” इस पंकित में ‘हमने शब्द का प्रयोग किसके लिए हुआ है?
(i) अंग्रेजों के लिए
(ii) वकील के लिए
(iii) वज्ञोर अली के लिए
(iv) सआदत अली के लिए
उत्तर :
(iv) सआदत अली के लिए “चसे उसके पद से हटाने के बाद हमने वज़ीर अली को बनारस पहुँचँचा दिया” पंकित में ‘हमने’ शब्द का पयोग सआदत अली के लिए हुआ है। अंग्रेजों की मदद से सआदत अली ने दज़ीर अली से अवध की नदाबी छीन ली और उसे बनारस पहुँचा दिया।
(ङ) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए उसके दाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए। कथन (A) वज़ीर अली ने कंपनी के वकील की हत्या कर दी।
कारण (R) वज़ीर अली अपनी शक्ति का प्रदर्शन करना चाहता था।
(i) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ii) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की गलत व्याख्या करता है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर :
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की गलत व्याख्या करता है वजीर अली ने कंपनी के वकील की हत्या कर दी, क्योंकि जब वजीर अली ने कंपनी के वकील से गवर्नर जनरल द्वारा कलकत्ता तलब किए जाने की शिकायत की, तो वकील ने शिकायत की परवाह किए बिना उसे ही बुरा-भला सुनाया था। वजीर अली अपनी शक्ति का प्रदर्शन नहीं करना चाहता था।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्य का चयन कीजिए।
(क) निम्नलिखित में से कौन-से वाक्य ‘अब कहाँ दूसरे के दुःख से दुःखी होने वाले’ पाठ से प्राप्त प्रेरणा को दर्शाते हैं? (1×2=2)
1. हमें प्रकृति के स्वरूप में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
2. हमें पशु-पक्षियों के सुख-दुःख की भी चिता करनी चाहिए।
3. अत्यधिक इच्छाएँ व्यक्ति के जीवन में वनाख बढ़ाती हैं।
4. राजनीति में दुश्मन के प्रति गहरी चालें भी सोच-समझकर चलनी चाहिए। कूट
(i) केवल 1
(ii) 1 और 2
(iii) 1,2 और 3
(iv) 2,3 और 4
उत्तर :
(ii) 1 और 2 ‘अब कहाँ दूसरे के दुःख से दुःखी होने वाले’ पाठ हमें प्रकृति के स्वरूप में हस्तक्षेप नहीं करने की प्रेरणा देता है। वहीं यह प्रेरणा भी देता है कि हमें पशु-पक्षियों के सुख-दुःख की भी चिंता करनी चाहिए, क्योंकि इस धरती पर उनका भी उतना ही अधिकार है, जितना हमारा है।
(ख) राजक्मूर की किस बात पर शैलैद्र का चेहरा मुरझा गया?
(i) जब उन्होंने पारिश्रमिक माँगा
(ii) जब उन्होंने गायन छोड़ दिया
(iii) जब उन्होने उनसे हट जाने को कहा
(iv) जब उन्होंने फिल्म करने से मना कर दिया
उत्तर :
(i) जब उन्होंने पारिश्रमिक माँगा जब शैलेंद्र ‘तीसरी कसम’ फिल्म की कहानी सुनाने राजकपूर के पास गए, तो उन्होंने फिल्म में काम करने के लिए अपना पारिश्रमिक एडवांस माँगा और यह सुनकर शैलेंद्र का चेहरा मुरझा गया।
खंड ‘ब’ (वर्णनात्मक प्रश्न)
खंड ‘ब’ में पाठ्य-पुस्तक एवं पूरक-पुस्तक तथा लेखन से संबंधित वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
पाठ्य-पुस्तक एवं पूरक पुस्तक
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3×2=6)
(क) ‘बड़े भाई साहब’ पाठ के माध्यम से आपने शिक्षा पद्धति के उन दोषों के बारे में जाना, जो बच्चों को किताबी कीड़ा बनाते हैं और जीवन के व्यावहारिक ज्ञान से अलग रखते हैं। इस पाठ से प्राप्त प्रेरणा का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
‘बड़े भाई साहब’ कहानी हमें यह प्रेरणा देती है कि सफल होने के लिए केवल किताबी ज्ञान होना ही महत्त्वपूर्ण नहीं होता। पढ़ाई सहज रूप से व्यावहारिक होनी चाहिए, ताकि उसे जीवन में भी आत्मसात् किया जा सके। कहानी में बड़े भाई साहब तोता रटंत विद्या के कारण बुद्धि का विकास नहीं कर सके। एक अच्छी शिक्षा पद्धति में पढ़ाई के साथ-साथ खेलों का भी महत्त्व होना चाहिए। खेलकूद भी जीवन में अहम है, जो पढ़ाई में भी सहायक होते हैं। बुद्धि के साथ-साथ व्यक्तित्व का विकास भी आवश्यक है।
(ख) इस वर्ष आपने पाठ्यक्रम में एक पाठ पढ़ा है, जो हमें अत्यधिक व्यस्त जीवनशैली और उसके दुष्परिणामों से अवगत कराता है और यह संदेश देता है कि अधिक तनाव मनुष्य को पागल बना देता है। कथन का मूल्यांकन करते हूए अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
‘झेन की देन’ पाठ हमें अत्यधिक व्यस्त जीवनशैली और उसके दुष्परिणामों से अवगत कराता है। पाठ में जापानियों की व्यस्त दिनचर्या से उत्पन्न मनोरोग की चर्चा करते हुए वहाँ की ‘टी-सेरेमनी’ के माध्यम से मानसिक तनाव से मुक्त होने का संकेत करते हुए यह संदेश दिया गया है कि अधिक तनाव मनुष्य को पागल बना देता है।
इससे बचने का उपाय है- मन को शांत रखना बीते दिनों और भविष्य की कल्पनाओं ; को भूलकर वर्तमान की वास्तविकता में जीना और वर्तमान का भरपूर आनंद लेना। मन से चिंता, तनाव और अधिक काम की बोझिलता हटाना आवश्यक है, जिससे शांति एवं चैन से जीवन व्यतीत हो सके।
(ग) शेख अयाज़ के पिता ने ऐसा क्यों कहा कि “मैने एक घरवाले को बेघर कर दिया है। उस बेधर को कुएँ पर उसके घर छोड़ने जा रहा हूँ।।’ ‘अब कहाँ दूसरे के दुःख से दुःखी होने वाले’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
शेख अयाज़ के पिता सभी प्राणियों को ईश्वर का रूप मानते थे तथा उन्हें ईश्वर की संतान के रूप में ही देखते थे। एक दिन शेख अयाज़ के पिता कुएँ से नहाकर लौटे और खाना खाने बैठे, तभी उन्हें अपनी बाजू पर एक चींटा रेंगता हुआ दिखाई पड़ा। वह भोजन छोड़कर उठ गए। जब माँ ने बिना भोजन किए उठने का कारण पूछा, तो वे बोले, ” मैंने एक घरवाले को बेघर कर दिया है, उस बेघर को कुएँ पर उसके घर छोड़ने जा रहा हूँ। इससे प्रमाणित होता है कि शेख अयाज के पिता समदर्शी थे। उनकी भावनाएँ जीव-जंतुओं के लिए एकसमान करुणामयी थीं।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3×2=6)
(क) आपके पाठ्यक्रम की कविता ‘पद’ के पहलेे पद में मीरा ने हरि से अपनी पीड़ा हरने की विनती किस प्रकार की है? लगभग 60 शब्दों में व्यक्त कीजिए।
उत्तर :
‘पद’ कविता में मीरा श्रीकृष्ण को संबोधित करते हुए कहती है कि हे कृष्ण! आप तो सदैव अपने भक्तों की पीड़ा को दूर करते हैं। वह अनेक उदाहरणों के माध्यम से श्रीकृष्ण को अपनी पीड़ा हरने की बात कहती है। जैसे-भरी सभा में कौरवों द्वारा अपमानित होने पर जब द्रौपदी ने रक्षा के लिए पुकारा, तो आपने वस्त्र बढ़ाकर उसके मान-सम्मान की रक्षा की। इसी प्रकार भक्त प्रह्नाद को बचाने के लिए नरसिह का रूप धारण कर हिरण्यकश्यप को मारा। मुसीबत में पड़े ऐरावत हाथी को मगरमच्छ के मुँह से बचाया। मीरा इन सब उदाहरणों के माध्यम से अपनी पीड़ा हरने के साथ-साथ सांसारिक बंधनों से मुक्ति के लिए भी विनती करती है।
(ख) आपके पाठ्यक्रम की किस कविता में पावस ऋतु में प्रकृति में होने वाले परिवर्तनों के बारे में बताया गया है? ये परिवर्तन कौन-कौन-से हैं? अपने शद्यों में उत्तर दीजिए।
उत्तर :
‘पर्वत प्रदेश में पावस’ कविता में वर्षा ऋतु में पर्वतीय प्रदेश में प्रकृति प्रतिपल नया वेश ग्रहण करती दिखाई देती है। इस ऋतु में प्रकृति में निम्नलिखित परिवर्तन आते हैं
- विशाल आकार वाला पर्वत तालाब के स्वच्छ जलरूपी दर्पण में अपना प्रतिबिंब देखता है।
- पर्वत पर असंख्य फूल खिल जाते हैं।
- झरनों का पानी मोती की लड़ियों के समान सुशोभित होता है।
- ऊँचे वृक्ष आकाश की ओर एकटक देखते हैं।
- बादलों के छा जाने से पर्वत अदृश्य हो जाता है।
- ताल से उठते हुए धुएँ को देखकर लगता है, मानो आग लग गई हो।
- आकाश में तेजी से इधर-उधर घूमते हुए बादल अत्यंत आकर्षक लगते हैं।
(ग) आपके पाठ्यक्म की किस कविता में कवि को ईश्वर के अतिरिक्त अपनी बुद्धि और कौशल पर विश्वास है और क्यों? अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर :
‘आत्मत्राण’ कविता में कवि को ईश्वर के अतिरिक्त अपनी बुद्धि और कौशल पर विश्वास है। उन्हें अपनी शक्ति व कठिनाइयों का सामना करने के लिए बुद्धि के बल पर बनाई गई योजनाओं और कुशलता के बल पर उनका सामना करने की क्षमता पर विश्वास है, क्योंकि कवि का मानना है कि मनुष्य अपना उद्धार स्वयं ही कर सकता है, अपनी कठिनाइयों से खुद छुटकारा प्राप्त कर सकता है। कोई और उसकी सहायता नहीं कर सकता। यदि मनुष्य स्वयं कर्म नहीं करेगा और केवल ईश्वर के भरोसे बैठा रहेगा, तो वह कभी भी कठिनाइयों का सामना नहीं कर पाएगा। इसके विपरीत यदि वह अपनी समस्त शक्तियों का उचित प्रयोग करेगा, तो कठिनाइयाँ निश्चय ही दूर होंगी।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3×2=6)
(क) लेखक के अधिकांश मित्र राजस्थान, हरियाणा के मूल निवासी थे, जो व्यापार के उद्देश्य से परिवार के साथ यहॉ रहते थे। उनकी बोली क्रम समझ में आती थी। ‘सपनों के से दिन’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि जहाँ आत्मीयता या अपनेपन की भावना प्रबल होती है, वहाँ भिन्न भाषा जैसी समस्याएँ द्वाधक नहीं बन पार्तीं।
उत्तर :
‘सपनों के-से दिन’ पाठ में लेखक के आधे से अधिक साथियों के घर वाले राजस्थान या हरियाणा से मंडी में व्यापार या दुकानदारी करने आए थे। इन सबकी संस्कृति, भाषा, रहन-सहन, पहनावा, रीति-रिवाज़ आदि सब वहाँ के स्थानीय लोगों की तुलना में भिन्न थे। इन परिवारों के बच्चे जिस भाषा का प्रयोग करते, वह लेखक या अन्य स्थानीय लोगों को समझ में नहीं आती थी। इसके पश्चात् भी लेखक की इनमें से अनेक लड़कों के साथ अच्छी मित्रता हो गई थी। सहृदयता होने के कारण उनके बीच भाषा कभी भी दीवार बनकर खड़ी नहीं हुई।
(ख) ठाकुरबारी से घर वापस तौटने पर हरिहर काका के मन में महंत जी के प्रति आदर और श्रद्धा का भाव क्यों बढ़ गया? ‘हरिहर काका’ कहानी के आधार पर बताइए।
उत्तर :
ठाकुरबारी से घर आने के पश्चात् हरिहर काका ने जो बदलाव देखा, उसने उन्हें सुखद आश्चर्य में डाल दिया। घर के छोटे-बड़े सब उन्हें सिर-आँखों पर उठाने को तैयार थे। भाईयों की पत्लियों ने उनके पैर पर माथा रख गलती के लिए क्षमा-याचना की। फिर उनकी आवभगत और खातिर शुरू हुई। हरिहर काका की इच्छा के मुताबिक दोनों वक्त खाना और नाश्ता तैयार किया जाने लगा। उन्हें जिस किसी वस्तु की इच्छा होती, आवाज़ लगाते ही उपस्थित हो जाती। हरिहर काका को उनकी इच्छा के अनुसार परिवार में मान-सम्मान मिल रहा था। वे समझने लगे थे कि यह सब महंत जी के चलते ही हो रहा है। इसलिए महंत जी के प्रति उनके मन में आदर और श्रद्धा भाव बढ़ गया था।
(ग) “टोपी और इफ़फल की दादी अलग-अलग मजहब और जाति के थे पर एक अनजान अदूट रिश्ते से बँचे थे।” ‘टोपी शुक्ता’ पाठ के आधार पर अपने विच्चार लिखिए।
उत्तर :
‘टोपी शुक्ला’ पाठ में टोपी कट्टर हिंदू परिवार से था और इफ़्फन की दादी मुसलमान थीं, किंतु फिर भी टोपी और इफ़्फन की दादी में एक अटूट मानवीय रिश्ता था। दोनों आपस में स्नेह के बंधन में बँधे थे। टोपी को इफ़्फन के घर में अपनापन मिलता था। दादी के आँचल की छाँव में बैठकर वह स्नेह का अपार भंडार पाता था। उसके लिए रीति-रिवाज, सामाजिक हैसियत, खान-पान आदि कोई महत्त्व नहीं रखता था।
इफ़्फन की दादी भी घर में अकेली थीं, उनकी भावनाओं को समझने वाला भी कोई नहीं था। अतः दोनों का रिश्ता धर्म और जाति की सीमाएँ पार कर प्रेम के बंधन में बँध गया। अतः स्पष्ट है कि टोपी और इफ़्फन की दादी अलग-अलग मजहब और जाति के होने पर भी वे दोनों आपस में प्रेम और स्नेह की अदृश्य डोर से बँधे हुए थे।
लेखन
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए। (5×1=5)
(क) प्रातःकाल की सैर
संकेत बिंदु –
- प्रातःकाल का दृश्य
- मातःकाल सैर करने के लाभ
- प्रातःकाल सैर न करने से हानि
उत्तर :
प्रातःकाल की सैर
प्रात:काल घूमते हुए उगते सूर्य की लालिमा के साथ-साथ, चिड़ियों की चहचहाहट और धीमी-धीमी बहती हवा शरीर को एक अद्भुत आनंद से भर देती है। उस समय चारों ओर का वातावरण शांत होता है। प्रकृति अपने सुंदरतम रूप में होती है। पशु-पक्षी उल्लास भरे वातावरण में इधर से उधर फुदकते एवं कुलाँचे (छलांग) भारते दिखाई देते हैं, जिसे देखकर बहुत खुशी होती है।
पेड़-पौधों के पत्तों पर पड़ी हुई ओस की बूँदें मन को मोह लेती हैं। जो लोग प्रातःकाल सैर करने जाते हैं, उनका पूरा दिन ताज़गी से भरा रहता है। सुबह-सुबह की ताज़ी हवा फेफड़ों में जाकर पूरे शरीर को ताजगी से भर देती है, जिसका प्रभाव पूरे दिन रहता है। सुबह-सुबह प्रकृति का मनोरम दृश्य देखकर मन प्रसन्न हो जाता है, जिससे पूरा दिन प्रसन्नता में व्यतीत होता है। घूमते समय व्यक्ति को सुंदर-सुंदर विचार आते हैं, जो निराशा को दूर करके आशा का संदेश देते हैं।
विद्यार्थियों का मन प्रसन्न होने के कारण उन्हें पढ़ाई करने की प्रेरणा मिलती है। जो लोग प्रातःकाल की सैर नहीं करते, उनका शरीर आलस्य से भरा रहता है। वे दिनभर उदास रहते हैं और काम करने में उनका मन नहीं लगता। वे बात-बात पर क्रोध करते हैं और समाज में लोकप्रिय नहीं हो पाते। उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता। वे डॉक्टरों के चक्कर काटते रहते हैं और दवाइयाँ उनकी मित्र बन जाती हैं। अतः हम कह सकते हैं कि प्रातःकालीन भ्रमण का हमारे जीवन में अत्यंत महत्त्व है, इससे हमें नई चेतना मिलती है।
(ख) धर्म और राजनीति
संकेत बिंदु –
- धर्म का अर्थ और महत्त्व
- धर्म के गुण
- धर्म और राजनीति
उत्तर :
धर्म और राजनीति
‘धर्म’ शब्द का अर्थ है-‘धारण करना।’ धर्म का विस्तृत अर्थ है-मानव मात्र में एकता की स्थापना करना। धर्म मानव मात्र में एकता, स्वतंत्रता, उदारता तथा समानता की भावना का विकास करने पर बल देता है। धर्म किसी का बुरा करने के विषय में नहीं सोचता। धर्म मानव को भलाई के कार्य सिखाता है। वह मनुष्य को मनुष्य से अलग करके देखने में विश्वास नहीं करता। उसे एक मनुष्य द्वारा दूसरे मनुष्य पर होने वाले अत्याचार उचित नहीं लगते। मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा या चर्च जाने से धर्म की प्राप्ति नहीं होती है। दुर्भाग्य से आज धर्म का यही बाह्य रूप स्वीकार किया जाने लगा है। धर्म की भाँति ही राजनीति का उद्देश्य भी समाज और मानव मात्र की निःस्वार्थ सेवा करना है।
राजनीति समाज का विकास करते हुए भ्रष्टाचार, कुरीतियों और सामाजिक बुराइयों से बचने का रास्ता बताती है। यदि राजनीति को धर्म के साथ जोड़कर देखा जाए, तो इससे राज्य और राजनीति दोनों का ही कल्याण होता है, क्योंकि धर्म कभी किसी का बुरा नहीं चाहता। राजनीति धर्म के रूप में और भी स्वच्छ हो जाती है, क्योंकि इससे धर्म आधारित राजनीतिक सिद्धांतों का बोलबाला होता है। चोरी, हत्या, अपहरण, लूटपाट आदि अनैतिक कार्यों को पूरी तरह से रोका जा सकता है, क्योंकि कोई भी धर्म इन कार्यों का समर्थन नहीं करता।
(ग) ईं-कचरा
संकेत बिंदु
- ई-कचरा से तारपर्य
- ई-कचरा बढने के कारण
- ईकचरा से उत्पन्न समस्याऐ
- निपटान के उपाय
उत्तर :
ई-कचरा
इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट अर्थात् ई-कचरा आधुनिक समय की एक गंभीर समस्या है। वर्तमान समय में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काफ़ी कार्य हो रहे हैं। इसके फलस्वरूप आज नित नए-नए उन्नत तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों का उत्पादन हो रहा है। जैसे ही बाज़ार में उन्नत तकनीक वाला उत्पाद आता है, वैसे ही पुराने यंत्र बेकार पड़ जाते हैं। इसी का परिणाम है कि आज कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल फ़ोन, टी.वी, रेडियो, प्रिंटर, आई-पैड्स आदि के रूप में ई-कचरा बढ़ता जा रहा है। यह अत्यंत चिंता का विषय है कि ई-कचरे का निपटान उस दर से नहीं हो पा रहा है, ज़ितनी तीव्रता से यह उत्पन्न हो रहा है।
इससे पर्यावरण के लिए गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों में आर्सेनिक, कोबाल्ट, मरकरी, बेरियम, लिथियम, कॉपर, क्रोम, लेड आदि हानिकारक अवयव होते हैं। इन्हें खुले में जलाना या मिट्टी में दबाना अत्यंत खतरनाक हो सकता है। इससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ गया है। अब समय आ गया है कि ई-कचरे के उचित निपटान और पुनःचक्रण पर ध्यान दिया जाए, अन्यथा पूरी दुनिया शीघ्र ही ई-कचरे का ढेर बन जाएगी। इसके लिए विकसित देशों को आगे आना होगा और विकासशील देशों के साथ अपनी तकनीकों को साझा करना होगा। इस समस्या से निपटने के लिए पूरी दुनिया को एक होना चाहिए।
प्रश्न 15.
अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को एक पत्र लिखकर अपने एक सहपाठी के प्रशंसनीय और साहसिक व्यवहार के लिए उसे सम्मानित करने का अनुरोथ कीजिए। (शब्द-सीमा लगभग 100 शब्द) (5×1=5)
अथवा
आपके मोहल्ले में बच्चों के खेलने के लिए किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं है। नगर निगम के अध्यक्ष को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखकर बाल उद्यान (पार्क) बनवाने की प्रार्थना कीजिए।
उत्तर :
परीक्षा भवन,
हरियाणा।
दिनांक 22 मार्च, 20xx
सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय,
दिगंबर जैन पब्लिक स्कूल,
पलवल, हरियाणा।
विषय सहपाठी के प्रशंसनीय और साहसिक व्यवहार के लिए उसे सम्मानित करने के संदर्भ में।
मान्यवर,
सविनय निवेदन है कि मंगलवार को अवकाश के बाद हम चार छात्राएँ बस की प्रतीक्षा में खड़ी थीं, तभी अचानक ही लाल रंग की एक कार हमारी ओर तेज़ी से बढ़ने लगी। इससे पहले कि हम कुछ सोच पातीं, वह कार हमारे साथ खड़ी छात्रा से टकरा गई और वह छात्रा नीचे गिर पड़ी, उसके सिर से खून निकलने लगा।
हमने पास से आते-जाते बहुत-से लोगों से सहायता के लिए विनती की, किंतु किसी ने हमारी सहायता नहीं की। ऐसे में साइकिल पर जाते हुए एक लड़के ने हमारी आवाज़ सुनी। वह दौड़कर हमारे पास आया और घायल छात्रा को कुछ लोगों की सहायता से पास के एक अस्पताल ले गया। समय पर उपचार हो जाने पर उस छात्रा की जान बच गई, अन्यथा उसे कुछ भी हो सकता था। बाद में पता चला कि वह लड़का हमारे विद्यालय का ही एक छात्र अभय वर्मा है। आपसे विनम्र निवेदन है कि हमारे विद्यालय के इस साहसी छात्र अभय वर्मा को ऐसे प्रशंसनीय कार्य के लिए सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया जाए।
धन्यवाद।
आपकी आज्ञाकारिणी
कक्षा दसवीं ‘ब’ की छात्राएँ
अथवा
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 15 मार्च, 20xx
सेवा में,
अध्यक्ष महोदय,
नगर निगम, दिल्ली।
विषय बच्चों के खेलने के लिए पार्क की व्यवस्था करने हेतु।
माननीय महोदय,
हम सब कमला नगर क्षेत्र के स्थायी निवासी हैं। हम आपका ध्यान ‘बच्चों के लिए पार्क न होने’ की समस्या की ओर आकर्षित करना चाहते हैं। हमारे क्षेत्र की जनसंख्या 10 हज़ार से अधिक है, इसके पश्चात् भी बच्चों के खेलने हेतु मोहल्ले में एक भी बाल-उद्यान नहीं है, जिसके अभाव में बच्चे घर में ही रहते हैं। इस कारण उनका शारीरिक व मानसिक विकास अवरुद्ध होता है।
इसके अतिरिक्त, पर्यावरण व अन्य नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए भी उद्यान की आवश्यकता अनुभव की जा रही है। बच्चे देश का भविष्य हैं, उनका खास ध्यान रखना चाहिए। उन्हें उनके विकास के लिए पूर्ण अवसर प्रदान करना चाहिए। उन्हें खाली समय में मनोरंजन के लिए तथा खेलने के लिए स्थान मिलना चाहिए। इसलिए पार्क की बहुत आवश्यकता है। शहर के बीचों-बीच काफी खाली स्थान उपलब्ध है। यह इम्पूरमेंट ट्रस्ट के कब्जे में है। इसे आसानी से पार्क में तब्दील किया जा सकता है। अतः हम सब निवासी आपसे विनम्र अनुरोध करते हैं कि इस समस्या का समाधान किया जाए तथा बाल उद्यान की व्यवस्था की जाए। हम सब हार्दिक रूप से आपके अत्यंत आभारी रहेंगे।
सधन्यवाद।
भवदीय
समस्त निवासीगण
कमला नगर, दिल्ली।
प्रश्न 16.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 60 शब्दों में सूचना लिखिए। (4×1=4)
विद्यालय के प्रधानाचार्य की ओर से विद्यालय दिवस समारोह के आयोजन से संबंधित बैठक के लिए एक सूचना तैयार कीजिए।
अथवा
आप अपने विद्यालय की संगीत अकादमी के सचिव ‘अर्जुन श्रीवास्तव’ हैं। वियालय की ओर से होने वाली संगीत प्रतियोगिता की सूचना तैयार कीजिए।
उत्तर :
दिल्ली पब्लिक स्कूल, इंदिरापुरम दिनांक 17 मई, 20xx विद्यालय दिवस समारोह के आयोजन संबंधी बैठक विद्यालय के सभी शिक्षकों एवं स्कूल कैप्टन को सूचित किया जाता है कि 19 मई, 20xx को अपराह्न 3 बजे प्रधानाचार्य कक्ष में विद्यालय दिवस समारोह के आयोजन से संबंधित विषयों पर विचार-विमर्श करने हेतु एक बैठक आयोजित की जाएगी। आगामी विद्यालय दिवस समारोह में होने वाले विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों को ध्यान में रखते हुए आप सभी के सुझाव आमंत्रित हैं। सभी शिक्षक अपने साथ उन विद्यार्थियों के नामों की सूची अवश्य लाएँ, जो नृत्य, संगीत, चित्रकला या किसी अन्य कला में प्रवीण हैं। बैठक में सभी शिक्षकों और स्कूल कैप्टन की उपस्थिति अनिवार्य है। यदि कोई शिक्षक या स्कूल कैप्टन बैठक में अनुपस्थित रहने वाले हैं, तो उन्हें इसकी लिखित सूचना एक दिन पूर्व देनी होगी। सौरभ द्विवेदी |
ज्ञान भारती विद्या मंदिर, केशवनगर दिनांक 3 जुलाई, 20xx संगीत प्रतियोगिता के संदर्भ में सभी विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि विद्यालय के स्थापना दिवस अर्थात् 20 जुलाई को विद्यालय की ओर से संगीत प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। प्रतियोगिता के विजेता विद्यार्थियों को प्रधानाचार्य महोदय द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। कक्षा दसवीं से बारहवीं तक के इच्छुक विद्यार्थी 15 जुलाई, 20xx तक अपने नाम संगीत अकादमी के उपसचिव के पास लिखवा दें, ताकि शीघ्र ही प्रतियोगिता की आरंभ प्रक्रिया पूर्ण की जा सके। नियत तिथि पश्चात् किसी भी आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। अर्जुन श्रीवास्तव |
प्रश्न 17.
किसी ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट कंपनी की ओर से एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए। (3×1=3)
अथवा
किसी नाट्य संस्था की ओर से आपके शहर में नाटक का मंचन होना है। इसका विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर :
अथवा
प्रश्न 18.
‘एकता में बल होता है।’ विषय पर लघुक्था लगभग 100 शब्दों में लिखिए। (5×1=5)
अथवा
अपने नगर/क्षेत्र के स्वास्थ्य अधिकारी को एक ई-मेल लिखकर अपने क्षेत्र में ‘खाने की वस्तुओं में मिलावट’ की घटनाओं के प्रति उनका ध्यान आकृष्ट कीजिए। (शब्द-सीमा लगभग 100 शब्द)
उत्तर :
एकता में बल होता है
कथा एक समय की बात है, एक छोटा-सा गाँव था रामगंज। उस गाँव में डाकू का एक दल प्रतिदिन रात को आता और डरा-धमकाकर किसी-न-किसी परिवार की संपत्ति को लूट ले जाता था। उस दल के आगे गाँव के लोग स्वयं को असहाय समझते थे। कोई भी उस दल का विरोध नहीं करता था, क्योंकि यदि कोई उनसे मुकाबला करने का प्रयास करता, तो वह मौत के घाट उतार दिया जाता था।
सभी गाँव वाले प्रतिदिन की इन घटनाओं से परेशान हो गए थे। एक दिन गाँव के मुखिया ने गाँव वालों से कहा कि हम सभी को एकजुट होकर डाकुओं के दल का सामना करना चाहिए अन्यथा इस गाँव में कोई भी जीवित नहीं बच पाएगा। हम सभी मिलकर उस दल का सामना कर सकते हैं। वह तो केवल सात-आठ व्यक्तियों का दल है और हम सब गाँव वाले उनकी संख्या में बहुत अधिक हैं। हम सभी को मिलकर साहस के साथ उनका सामना करना चाहिए, तभी इस डाकू-दल का अंत किया जा सकता है। सभी गाँव वालों ने मुखिया की बात पर स्वीकृति जताई।
उस रात सभी गाँव वालों ने मिलकर गाँव को चारों ओर से घेर लिया और जैसे ही डाकू-दल ने गाँव के अंदर घुसने का प्रयास किया, सभी गाँव वालों ने मिलकर उन पर हमला बोल दिया। गाँव वालों के साहस और एकजुटता को देखकर डाकू दल भयभीत हो उठा। गाँव के सभी लोगों ने मिलकर उस दल का अंत कर दिया। सभी लोग यह तथ्य भली-भाँति समझ चुके थे कि जब तक हम एकजुट हैं, कोई भी मुसीबत हमारे सामने नहीं टिक सकती। सीख इस कथा से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में एकजुट रहकर ही बड़ी-से-बड़ी विपत्ति का सामना कर उसे हराया जा सकता है।
अथवा