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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 2 with Solutions
निर्देश समय : 3
घंटे पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश :
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-‘अ’ और ‘ब’। खंड ‘अ’ में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खंड ‘ब’ में वस्तुनिष्ठ/वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए है।
- प्रश्न-पत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
- खंड ‘अ’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 44 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- खंड ‘ब’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
खंड ‘अ’
(बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्न)
खंड ‘अ’ में अपठित गद्यांश-पद्यांश, व्यावहारिक व्याकरण व पाठ्य-पुस्तक से संबंधित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्न दिए गए हैं, जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
मानव सभ्यता पर औद्योगिक क्रांति की धमक अभी थमी भी नहीं कि एक नई तकनीकी क्रांति ने अपने आने की घोषणा कर दी है। ‘नैनो-तकनीक’ के समर्थक दावा करते हैं कि जब यह अपने पूरे वजूद से आएगी तो धरती का नामोनिशान मिट जाएगा और नैनो रोबोट की स्वनिर्मित फौज पूरी तरह क्षत-विक्षत शव को पलक झपकते ही चुस्त-दुरुस्त इंसान में तब्दील कर देगी।
दूसरी ओर नैनो-तकनीक की असीमित शक्ति से आशंकित इसके विरोधी इसे मिस्र के पिरामिडों में सोई ममियों से भी अधिक अभिशप्त समझते हैं। इन दोनों अतिवादी धारणाओं के बीच इतना अवश्य कहा जा सकता है कि हम तकनीकी क्रांति के एक सर्वथा नए मुहाने पर आ पहुँचे हैं, जिसके बाद उद्योग, चिकित्सा, दूरसंचार, परिवहन सहित हमारे जीवन में शामिल तमाम तकनीकी जटिलताएँ अपने पुराने अर्थ खो देंगी। इस अभूतपूर्व तकनीकी बदलाव के सामाजिक-सांस्कृतिक निहितार्थ क्या होंगे, यह देखना सचमुच दिलचस्प होगा। आदमी ने कभी सभ्यता की बुनियाद पत्थर के बेडौल हथियारों से डाली थी, अनगढ़ शिलाओं को छीलकर उन्हें कुल्हाड़ों और भालों की शक्ल में ढाला और इस उपलब्धि ने उत्पादकता की दृष्टि से उसे दूसरे जंतुओं की तुलना में लाभ की स्थिति में ला खड़ा किया। औज़ारों को बेहतर बनाने का यह सिलसिला आगे कई विस्मयकारी मसलों से गुजुरा और औद्योगिक
क्रांति ने तो मनुष्य को मानो प्रकृति के नियंत्रक की भूमिका सौंप दी। तकनीकी कौशल की हतप्रभ कर देने वाली इस यात्रा में एक बात ऐसी है, जो पाषाण युग के बेढब हथियारों से लेकर चमत्कारी माइक्रोचिप निर्माण तक एक जैसी बनी रही। हम अपने औजार, कच्चे माल को तराशकर बनाते हैं। यह सर्वविदित तथ्य है कि सारे पदार्थ परमाणुओं से मिलकर बने है, लेकिन पदार्थों के गुण इस बात पर निर्भर करते हैं कि उनमें परमाणुओं को किस तरह सजाया गया है। कार्बन के परमाणुओं की एक खास बनावट से कोयला तैयार होता है, तो दूसरी खास बनावट उन्हें हीरे का रूप दे देती है। परमाणु और अणुओं को इकाई मानकर मनचाहा उत्पाद तैयार करना ही ‘नैनो-तकनीक’ का सार है।
(क) निम्नलिखित कथन पढ़कर नीचे दिए सही विकल्प का चयन कीजिए ‘नैनो तकनीक’ तकनीकी जटिलताओं को बिल्कुल समाप्त कर देगी, क्योंकि’
1. इससे प्रकृति को कोई हानि नहीं होती है।
2. इसकी शक्तियाँ असीमित हैं।
3. इससे तकनीकी कुशलता में अत्यंत वृद्धि होगी।
4. यह स्वर्निर्मित फौज पूरी करती है।
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 1 और 2 सही हैं
(iii) 2 और 3 सही है
(iv) 3 और 4 सही है
उत्तर :
(iii) 2 और 3 सही हैं ‘नैनो तकनीक’ तकनीकी जटिलताओं को बिल्कुल समाप्त कर देगी, क्योंकि इसकी शक्तियाँ असीभित हैं तथा इससे तकनीकी कुशलता में अत्यंत वृद्धि होगी।
(ख) नैनो तकनीक के विरोधी द्वारा इसे मिक्र के पिरामिडों में सोई ममियों से भी अधिक अभिशप्त क्यों माना गया?
(i) यह तकनीक संपूर्ण मानव जाति के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकती है
(ii) यह तकनीक विकास के नए प्रतिमान स्थापित करेगी
(iii) यह तकनीक कौशल को बढ़ाने के बजाय घटा देगी
(iv) यह तकनीक नए युग में चार चाँद लगा देगी
उत्तर :
(i) यह तकनीक संपूर्ण मानव जाति के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकती है नैनो तकनीक के विरोधी द्वारा इसे मिय्य के पिरामिडों में सोई ममियों से भी अधिक अभिशप्त इसलिए माना गया, क्योंकि यह तकन्नीक संपूर्ण मानव जाति के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकती है।
(ग) नैनो तकनीक के वज्जूद में आने का क्या परिणाम होगा?
(i) बेरोजगारी को बढ़ावा मिलेगा
(ii) देश में समृद्धि आएगी
(iii) धरती का नामो-निशान मिट जाएगा
(iv) सुविधाओं में वृद्धि होगी
उत्तर :
(iii) धरती का नामो-निशान मिट जाएगा गद्यांश के अनुसार, मैनो तक्नीक के वजूद में आने के परिणामस्वरूप धरती का नामो-निशान मिट जाएगा अर्थात् धरती के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो जाएगा।
(घ) गद्यांश के अनुसार, ‘नैनो-तकनीक’ क्या है?
(i) छोटी-छोटी मशीनों का प्रयोग करके बड़ी चीज बनाना
(ii) परमाणु और अणुओं को मूलभूत इकाई मानकर इच्छानुसार उत्पाद तैयार करना
(iii) परमाणु और अणुओं में भेद न करते हुए इनका प्रयोग उत्पाद् बनाने में करना
(iv) तकनीक के क्षेत्र में मनुष्य को सर्वाधिक महत्त्व प्रदान करना
उत्तर :
(ii) परमाणु और अणुओं को मूलभूत इकाई मानकर इच्छानुसार उत्पाद तैयार करना प्रस्तुत गद्यांश में, नैनो तकनीक का अर्थ परमाणु और अणुओं को मूलभूत इकाई मानकर इच्छानुसार उत्पाद तैयार करना है।
(ङ) कथन (A) नैनो तकनीक मनुष्य की सोच की सीमा बढ़ा देगी। कारण (R) यह मनुष्य को केवल विनाश की ओर ले जाएगी।
(i) कथन A गलत है, किंतु कारण R सही है।
(ii) कथन A और कारण R दोनो गलत हैं।
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या करता है।
(iv) कथन A और कारण R दोनों सही हैं, किंतु कारण R कथन A की सही व्याख्या नहीं करता है।
उत्तर :
(iv) कथन A और कारण R दोनों सही हैं, परंतु कारण R कथन A की सही व्याख्या नहीं करता हैं गद्यांश के अनुसार, नैनो तकनीक के महत्च के बारे में यह कथन सही है कि यह ऐसी तकनीक है, जो मनुष्य की सोच की सीमा बढ़ा देगी, परंतु यह मनुष्य को केवल विनाश की ओर ले जाएगी, यह कथन सही नहीं है, क्योंकि नैनो तकनीक के सार्थक उपयोग से तकनीकी जटिलताएँ सरल हो जाएँगी।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांशों पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए।
वैराग्य छोड़ बाँहों की विभा सँभालो
चट्टानों की छाती से दूध निकालो।
है रुकी जहाँ भी धार शिलाएँ तोड़ो,
पीयूष चंद्रमाओं को पकड़ निचोड़ो
चढ़ तुंग शैल शिखरों पर सोम पियो रे।
योगियों नहीं, विजयी के सदृश जियो रे।
छोड़ो मत अपनी आन, सीस कट जाए,
मत झुको अनय पर, भले व्योम फट जाए
दो बार नहीं यमराज कंठ धरता है,
मरता है जो, एक ही बार मरता है।
तुम स्वयं मरण के मुख पर चरण धरो रे।
जीना हो तो मरने से नहीं डरो रे।
स्वातंत्य जाति की लगन व्यक्ति की धुन है,
बाहरी वस्तु यह नहीं, भीतरी गुण है।
नत हुए बिना जो अशनि-घात सहती है,
स्वाधीन जगत् में वही जाति रहती है।
वीरत्व छोड़ पर का मत चरण गहो रे।
(क) ‘युवकों को आदर्श जीवन जीना चाहिए’ प्रस्तुत कथन को पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए
1. युवकों के मन में जोश भरा होना चाहिए।
2. युवकों में देशभक्ति की भावना जागृत होनी चाहिए।
3. युवकों को अपनी युवावस्था का सदुपयोग करना चाहिए।
4. युवाओं को पराक्रमी वीर के समान होना चाहिए। कूट
(i) 1 और 2 सही है
(ii) 2 और 3 सही हैं
(iii) 2,3 और 4 सही हैं
(iv) 1,2,3 और 4 सही हैं
उत्तर :
(iv) कथन 1, 2, 3 और 4 सही हैं भारत के युवाओं को आदर्श जीवन जीने हेतु जोश से भरा होना चाहिए। उनमें देशभक्ति की भावना जागृत होनी चाहिए तथा युवावस्था का सदुपयोग करना चाहिए। युवाओं को एक पराक्रमी वीर के समान जीवन जीना चाहिए न की योगियों की तरह।
(ख) कवि के अनुसार कैसे लोग प्रत्येक संकट का सामना बहादुरी से करते हैं?
(i) जो प्रत्येक संकट का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं
(ii) जो संकट से ड्रा जाते हैं
(iii) जो आलसी होते हैं
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) जो प्रत्येक संकट का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं कवि के अनुसार, जो लोग प्रत्येक संकट का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं, वे हर संकट का सामना बहादुरी से करते हैं।
(ग) काव्यांश के आधार पर बताइए कि कैसी परिस्थितियों में मनुष्य को मृत्यु की चिता नहीं करनी चाहिए?
(i) जब अपनी आन दाँव पर लगी हो
(ii) जब युद्ध में भाग लेना हो
(iii) जब अचूक अस्त्रों से लड़ना पड़े
(iv) यदि शत्रु अधिक शक्तिशाली हो
उत्तर :
(i) जब अपनी आन दाँव पर लगी हो काव्यांश में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि जब अपनी आन अर्थात् अपना आत्मसम्मान दाँव पर लगा हो, तब मनुष्य को मृत्यु की भी चिंता नहीं करनी चाहिए।
(घ) कवि के अनुसार कौन-सी जाति स्वाधीनतापूर्वक जीवित रह पाती है?
(i) जो जाति झुकना जानती है
(ii) जो तलवारों की चोट का सामना करने पर भी हार नहीं मानती
(iii) जो तलवारों की चोट का सामना करने पर हार मान लेती है
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) जो तलवारों की चोट का सामना करने पर भी ह्वार नहीं मानती कवि के अनुसार, संसार में केयल वही जाति स्वाधीनतापूर्वक जीवित रह पाती है, जो तलवारों की चोट का सामना करने पर भी हार नहीं मानती अर्थात् झुकना नहीं जानती।
(ङ) कथन (A) भारत के युवकों को साहस भरा और सम्मानपूर्वक जीवन जीना चाहिए। कारण (R) युवाओं को प्रत्येक संकट का सामना करना चाहिए।
(i) कथन A गलत है, किंतु कारण R सही है।
(ii) कथन A और कारण R दोनों गलत हैं।
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या करता है।
(iv) कथन A और कारण R दोनों सही हैं, परंतु कारण R कथन A की सही व्याख्या नहीं करता है।
उत्तर :
(iv) कथन A और कारण R दोनों सही हैं, परंतु कारण R कथन A की सही व्याख्या नहीं करता है भारत के युवकों को साहस भरा और सम्मानपूर्वक जीवन जीना चाहिए। मनुष्य को कभी भी स्वाधीनता का जीवन नहीं जीना चाहिए, चाहे उसे कितनी ही विपत्तियों का सामना करना पड़ जाए। यहाँ कारण (R) के वल युवाओं को संकट का सामना करने के बारे में ही बात कर रहा है, परंतु यह स्पष्ट नहीं कर पा रहा है कि भारत के युवकों को साहस भरा व सम्मानपूर्वक जीवन क्यों जीना चाहिए।
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) ‘जैसे ही सूर्योदय हुआ, फूल खिल उठे।’ इस वाक्य को सरल वाक्य में बदलिए
(i) सूर्योदय होते ही फूल खिल उठे
(ii) जैसे ही सूयोदय हुआ वैसे ही फूल खिल उठे
(iii) जब सूरोंदय हुआ तब फूल खिल उठे
(iv) सूर्योद्य हुआ और फूल खिल उठे
उत्तर :
(i) सूर्योदय होते ही फूल खिल उठे
(ख) ‘चौकीदार आकर डंडा घुमाकर चला गया।’ इसका मिश्रित वाक्य होगा
(1)
(i) चौकीदार आकर डंडा घुमाकर चला गया
(ii) जैसे ही चौकीदार आया वैसे ही वह डंडा घुमाकर चला गया
(iii) चौकीदार ने आते ही डंडा घुमा दिया
(iv) चौकीदार आया और डंडा घुमाकर चला गया
उत्तर :
(ii) जैसे ही चौकीदार आया, वैसे ही वह डंडा घुमाकर चला गया
(ग) ‘वह परिश्रम करने के कारण सफल हो गया।’ संयुक्त वाक्य में लिखिए। (1)
(i) वह परिश्रम करने से सफल होगा
(ii) वह परिश्रम करेगा तब सफल होगा
(iii) जैसे ही उसने परिश्रम किया वैसे ही वह सफल होगा
(iv) उसने परिश्रम किया और सफल हो गया
उत्तर :
(iv) उसने परिश्रम किया और सफल हो गया
(घ) निम्नलिखित वाक्यों में मिश्र वाक्य पहचान कर नीचे दिए गए सही विकल्प को चुनिए।
1. रामू घर का सामान खरीदने बाजार चला गया
2. रामू इसलिए बाजार चला गया, क्योंक उसे घर का सामान खरीदना था
3. रामू बाजार चला गया और वहाँ से सामान खरीदा
4. यदि रामू को सामान खरीदना है, तो वह बाजार चला जाए कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 1 और 2 सही हैं
(iii) 2 और 3 सही है
(iv) 2 और 4 सही हैं
उत्तर :
(iv) 2 और 4 सही हैं
(ङ) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए। (1)
सूची I | सूची II |
A. जैसे ही वर्षा हुई वैसे ही मोर नाचने लगे। | 1. सरल वाक्य |
B. वर्षा होते ही मोर नाचने लगे। | 2. संयुक्त वाक्य |
C. वर्षा हुई और मोर नाचने लगे। | 3. मिश्र वाक्य |
कूट
A B C
(i) 3 2 1
(ii) 3 1 2
(iii) 1 3 2
(iv) 1 2 3
उत्तर :
(ii) A-3, B-1, C-2
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. श्याम से पानी नहीं पिया जा रहा है। | 1. कर्तृवाच्य |
B. श्याम के द्वारा पानी नहीं पिया गया। | 2. कर्मवाच्य |
C. श्याम पानी नहीं पी रहा है। | 3. भाववाच्य |
कूट
A B C
(i) 1 2 3
(ii) 2 3 1
(iii) 3 2 1
(iv) 3 1 2
उत्तर :
(iii) A-3, B-2, C-1
(ख) इनमें कर्मवाच्य का उदाहरण है
(i) किसानों ने खेतों में कीटनाशक द्वाई का छिड़काव किया।
(ii) किसान द्वारा खेतों में कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव किया जाता है।
(iii) किसान खेतों में कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करते हैं।
(iv) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर :
(ii) किसान द्वारा खेतों में कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव किया जाता है
(ग) इनमें भाववाच्य का उदाहरण है
(i) सोहन से चला नहीं जाता
(ii) सोहन अब घर नहीं जाएगा
(iii) सोहन दूर तक जाएगा
(iv) सोहन नहीं चलता है
उत्तर :
(i) सोहन से चला नहीं जाता
(घ) ‘राजा द्वारा प्रजा को कष्ट दिए गए।’ इस वाक्य का कर्तृवाच्य होगा
(i) राजा से प्रजा को कष्ट मिला
(ii) राजा ने प्रजा को कष्ट दिए
(iii) राजा द्वारा प्रजा को कष्ट दिए जाने लगे
(iv) राजा प्रजा को कष्ट देता है
उत्तर :
(ii) राजा ने प्रजा को कष्ट दिए
(ङ) निम्नलिखित वाक्यों में भाव वाच्य पहचानकर नीचे दिए गए सबसे सही विकल्प को चुनिए।
1. गर्मियों में लोगों से खूब नहाया जाता है।
2. किसान द्वारा खेत में खाद डाली जाती है।
3. मजदूरों ने सड़क बना दी है।
4. अब आपके द्वारा गाना गाया जाए।
कूट
(i) केवल कथन 1 सही है।
(ii) कथन 2 व 3 सही हैं।
(iii) कथन 3 व 4 सही है।
(iv) कथन 1,2,3 व 4 सही है।
उत्तर :
(i) केवल कथन 1 सही है।
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(क) हम देश पर सर्वस्व न्योछावर करने को तैयार हो जाते हैं। रेखांकित अंश का पद परिचय होगा
(i) सकर्मक क्रिया, पुल्लिग, बहुवचन, कर्तृवाच्य, सामान्य वर्तमान
(ii) द्विकर्मक क्रिया, पुल्लिग, एकवचन, कर्तृवाच्य, वर्तमान काल
(iii) अकर्मक क्रिया, पुल्लिग, बहुवचन, कर्मवाच्य, सामान्य भूतकाल
(iv) अकर्मक क्रिया, पुल्लिग, एकवचन, भाववाच्य, वर्तमान काल
उत्तर :
(i) हो जाते हैं सकर्मक क्रिया, पुल्लिग, बहुवचन, कर्तृवाच्य, सामान्य वर्तमान
(ख) वहाँ अत्यधिक लोग जमा हो गए थे। रेखांकित अंश का पद परिचय होगा
(i) गुणवाचक विशेषण, पुल्लिग, बहुवचन, विशेष्य ‘लोग’
(ii) परिमाणवाचक विशेषण, स्त्रीलिंग, बहुवचन, विशेष्य ‘जमा’
(iii) संख्यावाचक विशेषण, पुल्लिग, बहुवचन, विशेष्य ‘लोग’
(iv) सार्वनामिक विशेषण, पुल्लिग, एकवचन, विशेष्य ‘लोग’
उत्तर :
(iii) अत्यधिक संख्यावाचक विशेषण, पुल्सिग, बहुवचन, विशेष्य ‘लोग’
(ग) हिमालय विश्व का सबसे ऊँचा पर्वत है। रेखांकित अंश का पद परिचय होगा
(i) व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, बहुवचन, संबंधकारक
(ii) जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, संबंधकारक
(iii) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, संबंधकारक
(iv) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, बहुवचन, संबंधकारक
उत्तर :
(ii) पर्वत जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, संबंधकारक
(घ) जब हम रेलवे स्टेशन पहुँचे, गाड़ी छूट रही थी। रेखांकित अंश का पद परिचय होगा
(i) कालवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-छूट रही थी
(ii) स्थानवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-छूट रही थी
(iii) परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-छूट रही थी
(iv) रीतिवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-छूट रही थी
उत्तर :
(i) जब कालवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-छूट रही थी
(ङ) किसी ने मेरी किताब ले ली। यह फसल किसी जानवर ने खाई है। दोनों वाक्यों के रेखांकित पद का परिचय होगा
(i) पहलला किसी-निश्चयवाचक सर्वनाम, दूसरा किसी-परिमाणवाचक विशेषण
(ii) पहला किसी-पुरुषवाचक सर्वनाम, दूसरा किसी-गुणवाचक विशेषण
(iii) पहला किसी-संख्यावाचक विशेषण, दूसरा किसी-निश्चयवाचक सर्वनाम
(iv) पहला किसी-अनिश्चयवाचक सर्वनाम, दूसरा किसी-सार्वनामिक विशेषण
उत्तर :
(iv) पहला किसी-अनिश्चयवाचक सर्वनाम, दूसरा किसी-सार्वनामिक विशेषण
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) “स्वर्णशालियों की कलमें थीं
दूर-दूर तक फैल रहीं।
शरद-इंदिरा के मंदिर की
मानो कोई गैल रही।।
इन काव्य पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्र्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(ii) उत्त्रेक्षा इसमें धान की पकी हुई बालियों की कतार पर (उपमेय) शरत्कालीन लक्ष्मी (शोभा) के मंदिर में जाने वाली पगडडीी (उपमान) की संभावना की गई है।
(ख) ‘अर्जौ तर्यौना ही रह्यौ, श्रुति सेवत इक अंग।’ इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्र्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(i) श्लेष यहाँ ‘तर्यौना’ में श्लेष अलंकार है। एक पक्ष में ‘तर्यौना’ का अर्थ कान का आभूषण (कर्णफूल) है और दूसरे पक्ष में ‘तर्यौना’ का अर्थ-तरा नहीं अर्थात् निष्कृष्ट जीव है। दूसरा अर्थ ‘तर्यौ + ना’ खंड करने पर ही प्राप्त होता है।
(ग) जगी वनस्पतियाँ अलसाई मुह धोया शीतल जल से। इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iii) मानवीकरण वनस्पतियों के मुँह नहीं होता है। ये मुँह धोने वाली, अलसाने वाली आदि क्रियाएँ केवल मनुष्यों की होती हैं। ये क्रियाएँ वनस्पति द्वारा किया जाना असंभव है। अतः यह मानवीकरण अलंकार है।
(घ) ‘सिर फट गया उसका वहीं,
मानो अरुण रंग का घड़ा हो।’
इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(ii) उत्वेक्षा दी गई पंक्ति में सिर के लाल रंग का बड़ा होने की कल्पना हो रही है। इसमें सिर-उपमेय तथा लाल रंग का घड़ा-उपमान है। उपमेय में उपमान के होने की कल्पना की जा रही है, इसलिए यह उत्पेक्षा अलंकार है।
(ङ) ‘हाथों से उठा गिरि को, कंदुक भाँति उछाल निशिचर, हुँकार भरते हैं।’ इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्र्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iv) अतिशयोवित यहाँ राक्षसों द्वारा हार्थों से पहाड़ को उठाकर गेंद की तरह उछालने की बात की गई है। अतः बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहने से यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार है।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
हालदार साहब को आदत पड़ गई, हर बार कस्बे से गुजरते समय चौराहे पर रुकना, पान खाना और मूर्ति को ध्यान से देखना। एक बार जब कौतूहल दुर्दमनीय हो उठा तो पान वाले से ही पूछ लिया, “क्यों भई! क्या बात है? यह तुम्हारे नेताजी का चश्मा हर बार बदल कैसे जाता है?” पान वाले ने खुद के मुँह में पान टुँसा हुआ था। वह एक काला, मोटा और खुशमिजाज आदमी था। हालदार साहब का प्रश्न सुनकर वह आँखों-ही-आँखों में हैसा। उसकी तोंद थिरकी। पीछे घूमकर उसने दुकान के नीचे पान थूका और अपनी लाल-काली बत्तीसी दिखाकर बोला, “कैप्टन चश्मे वाला करता है।”
क्या करता है? हालदार साहब कुछ समझ नहीं पाए। चश्मा चेंज कर देता है। पान वाले ने समझाया। क्या मतलब क्या चेंज कर देता है? हालदार साहब अब भी नहीं समझ पाए। कोई गिराक आ गया समझो। उसे चौड़े चौखर चाहिए तो कैप्टन किधर से लाएगा? तो उसको मूर्ति वाला दे दिया। उधर दूसरा बिठा दिया।
(क) कैष्ट्न चश्मे वाला मूर्ति का चश्मा बार-बार क्यों बदल देता था?
(i) ग्राहक को मूर्ति पर लगा चश्मा पसंद आने पर चश्मे वाला उसे ग्राहक को देकर वहाँ दूसरा चश्मा लगा देता था
(ii) उसे मूर्ति पर चश्मा बदलना अच्छा लगता था
(iii) मूर्ति पर चश्मा गंदा होने पर वह उसे दूसरा चश्मा पहना देता था
(iv) मूर्ति से बच्चे चश्मा उतार लेते थे
उत्तर :
(i) ग्राहक को मूर्ति पर लगा चश्मा पसंद आने पर चश्मे वाला उसे ग्राहक को देकर वहाँ दूसरा चश्मा लगा देता था कैप्टन को नेताजी की बिना चश्मे वाली मूर्ति अच्छी नहीं लगती थी। इसलिए वह अपने पास रखे हुए कुछ फ्रेमों में से एक फ्रेम नेता जी की मूर्ति को पहना देता था, पंरतु जब किसी ग्राहक को वह फ्रेम पसंद आता, तो कैप्टन उस फ्रेम्म को निकालकर ग्राहक को दे देता था और मूर्ति को दूसरा फ्रेम्म पहना देता था।
(ख) हालदार साहब के सवाल पर पान वाला क्यों हैंसा?
(i) वह हालदार साहब को देखकर हँसा
(ii) उसका उद्देश्य कैप्टन चश्मे वाले का मजाक उड़ाना था
(iii) हालदार साहब का प्रश्न सुनकर पान वाले को हैसी आ गई
(iv) मूर्ति की दशा को देखकर हैसा
उत्तर :
(ii) उसका उद्देश्य कैप्टन चश्मे वाले का मजाक उड़ाना था हालदार साहब ने जब पान वाले से पूछा कि तुम्हारे नेताजी का चश्मा हर बार बदल कैसे जाता है, तो पान वाला उनकी इस बात पर आँखों ही आँखों हैंस पड़ा, क्योंकि उसका उद्देश्य कैप्टन चश्मे वाले का मजाक उड़ाना था। अतः उसने मजाक उड़ाने के अदाज में कहा कि नेता जी के चश्मे को बार-बार कैप्टन चश्मे वाला बदलता है।
(ग) पान वाला देखने में कैसा था?
(i) हैसमुख, मोटा व काले रंग का
(ii) चिड़चिड़ा व क्रोधी स्वभाव का
(iii) हँसमुख, पतला व गोरे रंग का
(iv) भावुक व साँवले रंग का
उत्तर :
(i) हैंसमुख, मोटा व काले रंग का पान वाला हमेशा हैसता रहता था उसके मुँह में अधिकतर पान ढुँसा रहता था। वह काला, मोटा और खुशमिजाज आदमी था। वह हर बात का जवाब हमेशा मजाक उड़ाने के अंदाज में हैंसते हुए देता था।
(घ) प्रस्तुत गद्यांश में ‘कैप्टन’ शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
(i) पान वाले के लिए
(ii) चश्मे वाले के लिए
(iii) हालदार साहब के लिए
(iv) नेताजी के लिए
उत्तर :
(ii) चश्मे वाले के लिए गद्यांश में ‘कैप्टन’ शब्द चश्मे वाले के लिए प्रयुक्त हुआ है, क्योंकि सभी लोग उसे इसी नाम से पुकारते थे। वह किसी फॉज़ का कैप्टन नहीं था और न ही वह नेताजी की फौज का सिपाही था। वह एक मरियल, दूढ़ा, लॉगड़ा व्यक्ति था, जो सिर पर गाँधी टोपी व आँखों पर काला चश्मा लगाकर रखता था। वह चश्मे बेचने का कार्य करता था।
(ङ) कैप्टन चश्मे वाला नेताजी की मूर्ति पर चश्मा लगाता था।” प्रस्तुत कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए।
1. केवल अपने चश्मे बेचने के लिए
2. अपने मनोरंजन के लिए
3. चश्मा लगाने पर नेताजी की मूर्ति वास्तविक रूप में सुंदर लगने लगती थी
4. मूर्तिकारों को चश्मा न बनाने का अहसास कराने के लिए कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 1 और 2 सही हैं
(iii) केवल 3 सही है
(iv) 3 और 4 सही हैं
उत्तर :
(iii) केवल 3 सही है गद्यांश के अनुसार, कैप्टन चश्मे वाला नेताजी की मूर्ति पर चश्मा इसलिए लगाता था, क्योंकि चश्मा लगाने पर नेता जी की मूर्ति वास्तविक रूप में सुंदर लगती थी तथा कैप्टन चश्मे वाले को नेताजी की मूर्ति पर चश्मा न होना अच्छा नहीं लगता था, क्योंकि चश्मा नेताजी की एक महत्त्चपूर्ण निशानी थी। इसलिए वह अपने बहुत-से चश्मों के फ्रेमों में से एक फ्रेम नेताजी की मूर्ति पर लगा देता था, जिसके बाद मूर्ति नेताजी के व्यक्तित्व को पूरा करते हुए उसे वास्तविकता का रूप दे देती थी।
प्रश्न 8.
क्षितिज के गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(क) ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ का उद्देश्य क्या है?
(i) देशभक्ति की भावना का संदेश देना
(ii) देश के निर्माण व विकास में प्रत्येक नागरिक को सहयोग देना चाहिए
(iii) देश की समृद्धि के लिए प्रयास करने वाला प्रत्येक व्यक्ति देशभक्त है
(iv) उपरोक्त सभी
उत्तर :
(iv) उपरोक्त समी ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के माध्यम से लेखक ने देशभक्ति की भावना का संदेश दिया है। लेखक का मानना है कि देश के निर्माण व विकास की प्रक्रिया में प्रत्येक नागरिक को अपने-अपने तरीके से सहयोग देना चाहिए। इसमें बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी सहयोग करना चाहिए। लेखक कहता है देश की सभी चीजों से प्यार करने वाला, देश की समृद्धि के लिए प्रयास करने वाला प्रत्येक नागरिक देशभक्त है।
(ख) ‘एक कहानी यह भी’ पाठ के अनुसार परंपरागत ‘पड़ोस कल्चर’ क्या है?
(i) इसमें किसी व्यक्ति के अपने पड़ोसी के साथ घनिष्ठ व उदार संबंध होते हैं
(ii) इसमें व्यक्ति को अपने पड़ोसी से कोई सरोकार नहीं होता
(iii) इसमें व्यक्ति किसी के भी साथ अच्छे संबंध बनाकर नहीं रखता
(iv) इसमें व्यक्ति परिवार के साथ घनिष्ठता से रहता है
उत्तर :
(i) इसमें किसी व्यक्ति के अपने पड़ोसी के साथ घनिष्ठ व उदार संबंघ होते हैं पाठ के अनुसार, परंपरागत ‘पड़ोस कल्वर’ से तात्पर्य यह है कि इसमें किसी ब्यक्ति की अपने पड़ोसी के साथ घनिष्ठता होती है तथा उससे उदार संबंध बने होते हैं।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए।
बादल, गरजो! घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ! (1 × 5 = 5)
ललित ललित, काले घुँघराले, बाल कल्पना के-से पाले,
विद्युत-छबि उर में, कवि, नवजीवन वाले!
वज्र छिपा, नूतन कविता
फिर भर दो-बादल गरजो!
(क) कवि बादलों को संबोधित करते हुए क्या कह रहा है?
(i) लोगों के मन को सुख्ब से भरने के लिए
(ii) संपूर्ण आकाश को घेर-घेर कर बरसने के लिए
(iii) आकाश को साफ करने के लिए
(iv) बिजली चमकाने के लिए
उत्तर :
(ii) सम्पूर्ण आकाश को घेर-घेर कर बरसने के लिए प्रस्तुत कविता में कवि बादलों को संबोधित करते हुए संपूर्ण आकाश को घेर-घेर कर बरसने के लिए कह रहा है।
(ख) कवि ने बादलों की व्याख्या किस प्रकार की है?
(i) हृदय की बिजली के समान, नवजीवन प्रदान करने वाला, इच्छा पूर्ति करने वाला
(ii) काले केश वाला, संसार में जोश भरने वाला
(iii) संपूर्ण आकाश को ढकने वाला, गरजकर शोर मचाने वाला
(iv) कल्पना के समान, बिजली गिराने वाला
उत्तर :
(i) हद्यय को बिजली के समान, नवजीवन प्रदान करने वाला, इच्छा पूर्ति करने वाला कवि बादलों की व्याख्या करते हुए कहते हैं कि तुम्हारे हुदय में बिजली की चमक है, जैसे बादल वर्षा करके सभी को नया जीवन प्रदान करते है, पीड़ित प्यासे जन की इच्छा पूरी करते हैं, उसी प्रकार तुम भी संसार को नया जीवन देने वाले हो।
(ग) निराला बादलों के माध्यम से कवि को क्या संदेश दे रहे हैं?
(i) हुदय में बिजली की चमक पैदा करने के लिए
(ii) अपनी इच्छा पूर्ति करने के लिए
(iii) नवीन सृष्टि का निर्माण और संसार में जोश भरने के लिए
(iv) पीड़ितजन की प्यास बुझाने के लिए
उत्तर :
(iii) नवीन सृष्टि का निर्माण और संसार में जोश भरने के लिए कविता में कवि निराला बादलों के माध्यम से यह संदेश दे रहे हैं कि हमें भावनाओं में वज्र छिपाकर नवीन सृष्टि का निर्माण और समस्त संसार में जोश को भरना है, जिससे संसार को नया जीबन मिल सके।
(घ) पद्यांश में बादल क्या संकेत कर रहे हैं?
(i) मनुष्य में उत्साह वृद्धि, संघर्ष के प्रति प्रेरित करने और जीवन में नवीनता व परिवर्तन लाने की ओर
(ii) मनुष्य को लड़ने, संघर्ष से भागने और जीवन में नवीनता व परिवर्तन लाने की ओर
(iii) मनुष्य को हतोत्साहित करने, संघर्ष के लिए उत्रेरित करने और जीवन में नवीनता लाने की ओर
(iv) मनुष्य को उत्साहित, संघर्ष से पीछे हटने और जीवन में परिवर्तन लाने की ओर
उत्तर :
(i) मनुष्य में उत्साह वृद्धि, संघर्ष के प्रति प्रेरित करने और जीवन में नवीनता व परिवर्तन लाने की ओर प्रस्तुत कविता में बादल मनुष्य में उत्साह वृद्धि, संघर्ष के प्रति प्रेरित करने और जीवन में नवीनता व परिवर्तन लाने की ओर संकेत कर रहे है।
(ङ) कवि के अनुसार, नूतन कविता कैसी होनी चाहिए?
(i) संपूर्ण संसार में जोश भर देने वाली
(ii) संपूर्ण संसार को नीरवता से भर देने वाली
(iii) संपूर्ण संसार का अंत कर देने वाली
(iv) संपूर्ण संसार में नवजीवन लाने वाली
उत्तर :
(i) संपूर्ण संसार में जोश भर देने वाली कवि के अनुसार, नूतन कविता संपूर्ण संसार में जोश भर देने दाली होनी चाहिए।
प्रश्न 10.
पाठ्यपुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(क) गोपियाँ व्यथित मन से उद्धव जी को क्या उलाहना देती हैं?
(i) श्रीकृष्ण द्वारा अपनी मयादाओं को छोड़ने का
(ii) श्रीकृष्ण के वापस न आने का
(iii) श्रीकृष्म द्वारा गोपियों को मधुरा बुलाने का
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) श्रीकृष्ण द्वारा अपनी मर्यादाओं को छोड़ने का श्रीकृष्ण अपने मित्र उद्धव के साथ गोपियों की आशा के विपरीत उन्हें योग का संदेश भेज देते हैं। अंत में गोपियाँ व्यथित मन से उद्धव को उलाहना देती हुई कहती हैं कि जिनके कारण हमने अपनी मर्यादाओं को छोड़ दिया था, उन्होंने अपनी मर्यादा का पालन नहीं किया। इस स्थिति में हम किस प्रकार धैर्य धारण करें।
(ख) ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ पाठ के आधार पर बताइए कि परशुराम जी ने लक्ष्मण जी की शिकायत विश्वामित्र से ही क्यों की?
(i) क्योंकि विश्वामित्र सभा में सबसे बड़े थे
(ii) क्योंकि विश्वामित्र ही केवल लक्ष्मण जी को शांत कर सकते थे
(iii) क्योंकि विश्वामित्र राम-लक्ष्मण के गुरु थे
(iv) क्योंकि लक्ष्मण जी विश्वामित्र से डरते थे
उत्तर :
(iii) क्योंकि विश्वामित्र राम-लक्ष्मण के गुरु थे लक्ष्मण जी द्वारा परशुराम जी पर व्यंग्य करने पर उन्हें बहुत क्रोध आ गया। अतः उन्होंने इस पर लक्ष्मण की शिकायत विश्वामित्र से की, क्योंकि विश्वामित्र ही राम-लक्ष्मण को राजा जनक की स्वयंवर सभा में अपने साथ लाए थे और साथ ही वे उनके गुरु भी थे। परशुराम जी का मानना था कि लक्ष्मण जी अपने गुरु की बात मानकर अवश्य चुप हो जाएँगे और उनके क्रोध से भी बच जाएँंगे।
खंड ‘ब’ (वर्णनात्मक प्रश्न)
खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
प्रश्न 11.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25 -30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) नवाब साहब की असुविधा और संकोच के क्या कारण रहे? ‘लखनवी अंदाज़’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर :
नवाब साहब की असुविधा और संकोच के निम्नलिखित कारण रहे
(i) नवाब साहब ने तौलिए पर दो खीरे रखे हुए थे। लेखक के वहाँ अचानक आने पर नवाब साहब संकोच कर रहे थे कि कहीं लेखक यह न सोचे कि वे खीरे जैसी अपदार्थ वस्तु का शौक रखते हैं।
(ii) नवाब साहब ने मितव्ययिता के विचार से द्वितीय क्लास का टिकट खरीद लिया था और अब वह यह नहीं चाहते थे कि शहर का कोई सफ़ेदपोश (सभ्य व्यक्ति) उन्हें मध्यम श्रेणी में यात्रा करते हुए देखे।
(ख) देशभक्ति की भावना भरी होने के कारण लोग चश्मे वाले को क्या कहते थे? ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
देशभक्ति की भावना कूट-कूटकर भरी होने के कारण चश्मे बेचने वाला स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने वाले सेनानियों का भरपूर सम्मान करता था। कस्बे के चौराहे पर नेताजी की बिना चश्मे वाली मूर्ति लगी थी। चश्मे बेचने वाला उस मूर्ति को चश्मा पहना दिया करता था, क्योकि उसे नेताजी की बिना चश्मे की मूर्ति आहत करती थी। उसकी देशमक्ति और नेताजी के प्रति सम्मान की भावना को देखकर लोग उसे कैप्टन कहते थे।
(ग) बालगोबिन भगत के मधुर गायन से सम्मोहित होकर लोग हर प्रकार की परेशानी को भूल जाते थे। ‘बालगोबिन भगत’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
बालगोबिन भगत प्रत्येक परिस्थिति और माँसम में कबीर के पदों को अपने मधुर स्वर से सजीव कर देते थे। यह उनके मधुर गायन का ही प्रभाव था कि उमस भरी शाम में भी स्त्री-पुरुष अपने घरों से निकलकर उन्हें घेरकर बैठ जाते तथा उनके मधुर स्वर का आनंद लेते थे। जिस समय वह गा रहे होते, उनके साथ ही श्रोताओं के तन और मन भी नृत्यशील हो उठते। उनके मधुर गायन से सम्मोहित होकर लोग हर प्रकार की परेशानी को भूल जाते थे।
(घ) मन्नू भंडारी ने अपनी माँ की तुलना धरती से क्यों की है? ‘एक कहानी यह भी’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
लेखिका मन्नू भंडारी ने अपनी मों की तुलना धरती से इसलिए की है, क्योकि धरती की तरह उनमें भी असीम धैर्य और सहनशक्ति थी। उन्होंने भी धरती की तरह केयल देना ही सीखा था, किसी से कुछ पाने की इच्छा नहीं रखी थी, इसलिए वह लेखिका के पिता द्वारा किए जाने वाले हर अत्याचार को अपना भाग्य तथा अपने बच्चों की उचित-अनुचित प्रत्येक मॉग व हठ को अपना कर्त्य समझकर अत्यंत सहजतापूर्ण र्यीकार कर लेती थी।
प्रश्न 12.
निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) लक्ष्मण के अनुसार वीर क्या नहीं किया करते? ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर :
लक्ष्मण ने परशुराम को वीरता का व्रत धारण करने वाले, घैर्यवान और अहंकार रहित बताते हुए कहा कि आप जैसे महान मुनि को अपशब्द बोलना शोभा नहीं देता। आप शूरवीर है। शूरवीर अपनी करनी युद्ध में दिखाते हैं, बातों से अपना वर्णन नहीं करते। शत्रु को युद्ध में उपस्थित पाकर अपने प्रताप की डींग मारने वाले कायर होते हैं।
(ख) कृष्ण के प्रति अपने अनन्य प्रेम को गोपियों ने किस प्रकार अभिव्यक्त किया है? ‘सूर के पद’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर :
कृष्ण के मति अपने अनन्य प्रेम को अभिव्यक्त करते हुए गोपियों ने कहा है
(i) वे श्रीकृष्ण के प्रेम में उसी प्रकार बँधी हुई हैं, जैसे चींटियाँ गुड़ पर चिपकी रहती हैं।
(ii) उनके लिए भीकृष्ज तो हारिल पक्षी की लकड़ी के समान हैं, जिस प्रकार हारिल पक्षी अपने पैरों में दबायी लकड़ी को नहीं छोड़ता है, ठीक उसी प्रकार उन्होंने मन, कर्म और वाणी से श्रीकृष्ण को अपने हृदय में बसाया हुआ है।
(iii) उन्हे श्रीकृष्ण के प्रेम के स्थान पर योग का नाम सुनकर ऐसा लगता है, जैसे उनके मुँह में कड़वी ककड़ी चली गई है।
(ग) ‘उत्साह’ कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि उन्मन और विकल कौन हैं और क्यों?
उत्तर :
‘उत्साह’ कविता के आधार पर उन्मन और विकल बादल है। सारा जगत भयंकर गर्मी से बेचैन और उदास है। जीव-जंतु आदि सभी बेचैन हो रहे हैं। प्राणी जगत की यह दयनीय दशा बादलों से देखी नहीं जा रही है। यही कारण है कि बादलों का मन कहीं नहीं टिक रहा है, इसलिए बादल को उन्मन और विकल कहा गया है।
(घ) ‘उत्साह’ कविता में कवि ने समाज में क्रांति लाने के लिए बादल को क्या करने को कहा और क्यों?
उत्तर :
कवि ने समाज में क्रांति लाने के लिए बादल से फुहार या रिमझिम बरसने के स्थान पर ‘गरजने’ के लिए कहा, क्योंकि समाज में क्रांति कोमल या मृदु भाव से नहीं आती, बल्कि उसके लिए कठोरता या विध्यस की आवश्यकता पड़ती है। कहने का तात्पर्य यह है कि ‘चत्साह’ कविता में कवि ने कोमल भावों के लिए रिमझिम बरसने अर्थात् फुहारों को तथा विध्यंस के लिए बादलों द्वारा गरजना प्रतीकों के रूप में प्रयोग किया है। कवि चाहता है कि बादल नव-सृष्टि के निर्माण के लिए जोर से गरजकर समाज में क्रांति का जोश भर दें।
प्रश्न 13.
पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए। (4 × 2 = 8)
(क) वर्तमान समय में विज्ञान का दुरुपयोग दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इसके कारण बहुत-सी समस्याओं ने जन्म ले लिया है। मैं क्यों लिखता हूँ’ पाठ के आधार पर इन समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
वर्तमान समय में विज्ञान का दुरुपयोग कई प्रकार से बढ़ रहा है। आज इसके द्वारा आतंकवादी संसार भर में बम-विस्फोट कर रहे हैं। उदाहरणस्वरूप अमेरिका की एक बहुमजिली इमारत को तहस-नहस करना तथा मुंबई में हुए बम-विस्कोट इत्यादि घटनाओं को लिया जा सकता है। आंतरिक रूप से एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र को आतंकित व भयभीत करने का प्रयास कर रहा है। विज्ञान के ही कारण दिन-प्रतिदिन प्रदूषण बढ़ रहा है। विज्ञान के दुरुपयोग से कन्या-भूण हत्याएँ हो रही हैं, जिससे जनसंख्या का संतुलन बिगड़ रहा है। किसान कीटनाशक और ज़हरीले रसायनों के माध्यम से फसलों का उत्पादन कर रहे हैं, जिससे लोगों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है। ए सी तथा फ्रिज जैसेउपकरणों के कारण वातावरण में क्लोरो-फ्लोरो कार्बन जैसी गैसो के उत्सर्जन से गर्मी बढ़ रही है, जिसके परिणामर्यरूप बर्फ़ पिघलने का ‘खतरा बढ़ रहा है। भयंकर दुर्घटनाएँ दैनिक जीवन का हिस्सा बन गई है। साइबर क्राइम भी बिज्ञान से जन्मी समस्या है।
(ख) लेखिका ने पहाड़ी श्रमिक महिलाओं के विषय में कहा है कि “कितना कम लेकर ये, समाज को कितना अधिक वापस लौटा देती है”, ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ के इस कथन के आधार पर राष्ट्र के विकास में मनुष्य की भूमिका का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
लेखिका ने यह कथन उन पहाड़ी श्रमिक महिलाओं के विषय में कहा है, जो पीठ पर बँची ‘डोको’ (बड़ी टोकरी) में अपने बच्चों को संभालते हुए कठोर श्रम करती हैं। उसे लगता है, ये सुंदरियां बेकार सामग्री का सदुपयोग कर कितना कम लेकर समाज को बहुत अधिक लौटा देती हैं। यह बात हमारे देश की सामान्य जनता पर भी लागू होती है, जो श्रमिक कठोर परिश्रम करके सड़कों, पुलों, रेलवे लाइनों का निर्माण करते है, खेतों में अथक परिश्रम करके अन्न उपजाते है, उनके बदले में उन्हें बहुत कम मज़ूरी मिलती है, परंतु उनका श्रम देश की प्रगति में बहुत सहायक होता है। वे कम प्रतिदान पाकर भी देश के विकास में अधिक योगदान देते है।
(ग) माता-पिता का अपने बच्चों के प्रति प्रेम कई प्रकार से अभिव्यक्त होता है। ‘माता का अँचल’ पाठ में ऐसे बहुत से मार्मिक प्रसंगों का वर्णन किया गया है। ऐसे ही कुछ मार्मिक प्रसंगों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
‘माता का अँचल’ पाठ में आए मार्मिक प्रसंग निर्नलिखित हैं
(i) पिताजी द्वारा अपनी नुकीली मूँछें भोलानाथ के कोमल गालों में चुभाने पर भोलानाथ द्वारा झुँझलाकर उनकी मूँछें नोचने लग जाना।
(ii) माँ द्वारा भोलानाथ को तोता, मैना, कबूतर, हंस, मोर आदि के बनावटी नाम से कौर बनाकर यह कहते हुए खिलाना कि जल्दी खा लो, नहीं तो ये उड़ जाएँगें।
(iii) चूहे के बिल में पानी डालने पर साँप का निकलना और माता-पिता का भोलानाथ के प्रति चिंतित होना।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए।
(क) स्वावलंबन
संकेत बिंदु
- भूमिका
- स्वावलंबन की महत्ता
- स्वयं पर विश्वास की महत्ता
उत्तर :
स्वावलंबन
मानवीय जीवन में सफलता के शिखर तक पहुँचने हेतु स्वावलंबन को आवश्यक तत्त्व माना जाता है। परावलंबी व्यक्ति उस लता के समान होता है, जो न केवल पेड़ के सहारे ऊपर बढ़ती है, बल्कि वह परजीवी भी होती है। स्वावलंबन के अभाव में व्यक्ति किसी बड़े उद्देश्य को तो प्राप्त कर ही नहीं पाता, साथ ही वह अपने व्यक्तित्य की चमक भी पूर्ण रूप से खो देता है। स्वावलंबन के दो पहलू हैं-अपना कार्य स्वयं करना और आत्मनिश्चयी बनना। विश्व में जितने भी महापुरुष हुए हैं, सभी ने अपना मार्ग स्वय निर्धारित कर सफलता प्राप्त की है। स्वामी विवेकानंद, ईश्वरचंद्र विद्यासागर, महात्मा गाँधी, बेंजामिन फ्रैंकलिन, नेपोलियन, अब्राहम लिंक्न, न्यूटन आदि अनगिनत नाम हैं, जिनके व्यक्तित्व की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता स्वावलंबन ही थी। जो व्यक्ति अपनी शक्ति पर विश्वास रखकर अपने कार्य में अग्रसर नहीं होता है, उसकी पराजय निश्चित होती है। एक प्रसिद्ध कहावत है कि ” पतन से भी बड़ा पतन यह है कि किसी को सबसे पहले स्वर्य पर ही विश्वास न हो। ” वास्तव में, स्वावलंबन ही जीवन है, जबकि परावलंबन मृत्यु के समान है। वास्तव में स्वावलंबन का अर्थ है- आत्मनिर्भरता। मनुष्य आत्मनिर्भर तभी हो सकता है जब उसमें आत्मविश्वास कूट-कूटकर भरा हुआ होगा। स्वावलंबी मनुष्य कभी भी किसी पर आश्रित नहीं रहता। ऐसा मनुष्य जीवन में आने वाले संकटों से कभी नहीं घबराता। वह अपने निर्णय स्वयं लेता है और अंततः एक दिन अपने लक्य को प्राप्त कर लेता है। स्वाबलंबी मनुष्य अपने कर्तव्य को भली-भाँति समझता है। वह कभी भी कर्त्तव्यविमुख नहीं होता। अतः स्वावलंबन मनुष्य के लिए एक महत्तपूर्ण गुण है, जिसे सभी को अपनाना चाहिए।
(ख) महानगरीय भीड़-भाड़ और मेट्रो
संकेत बिंदु
- भूमिका
- महानगरों में मेट्रो के लाभ
उत्तर :
महानगरीय भीड़-भाड़ और मेट्रो
भीड़-भाड़ किसी भी महानगर की पहघान होती है। इसी भीड़ के लिए आवागमन के अनेक साधन होते हैं। आवागमन के जो भी आधुनिक साधन आविष्कृत होते हैं, वे सबसे पहले महानगरों में ही प्रचलित होते हैं। आज के भीड़-भाड़ वाले युग में मेट्रो आवागमन के सुलभ और आधुनिक साथनों में सबसे प्रमुख साधन है। यह अनेक देशों में एक अत्यंत लोकप्रिय सार्वजनिक प्रणाली है। महानगर के कोलाहल वाले वातावरण और भाग-दौड़ भरी व्यस्त जीवन-शैली में मेट्रो में सुकून के दो पल मिल ही जाते हैं। महानगरीय जीवन में मेट्रो के अनेक लाभ हैं: जैसे-प्रदूषण के स्तर में कमी होना, सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आना, समय की बचत, ट्रैफिक जाम से बचाव, हर सूचना का स्क्रीन पर प्रदर्शित होना आदि ऐसे कई लाभ हैं, जो मेट्रो को आवागमन के लिए सुगम बनाते है। आज भारत प्रगति की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
यदि हम किसी भी महानगर को देखते हैं, तो हमें उसकी प्रगति देखकर जितनी खुशी होती है, उतनी ही निराशा उसकी बढ़ती जनसंख्या, वाहनों की अत्यधिक वृद्धि, प्रदूषण की अधिकता आदि देखकर होती है। आज हमारे देश के महानगरों में तेजी से बढ़ती जनसंख्या हमें विनाश की ओर ले जा रही है। भारतवर्ष के महानगर में सबसे बड़ी समस्या जो हर किसी को झेलनी पड़ती है, वह ट्रैफिक जाम की है। इसी समस्या से निजात पाने के लिए मेट्रो सर्वाधिक सुखद साथन है। इसके साथ-साथ कई ऐसी समस्याएँ हैं, जिन पर मेट्रो ने विजय प्राप्त कर हमारे जीवन को अत्थंत सुखद बना दिया है। दिल्ली की समस्याओं के संदर्भ में और दिल्ली मेट्रो रेल की संभावनाओं के परिप्रेक्ष्य में कहा जा सकता है कि नि संदेह इसने यहाँ के जीवन को काफी सहज कर दिया है। मेट्रो यहाँ की यातायात प्रणाली के लिए एक वरदान सिद्ध हुई है।
(ग) ग्लोबल वार्मिंग और जन-जीवन
संकेत बिंदु
- भूमिका
- बचाव
- आवागमन का सुलभ साधन
- महानगरीय जीवन हेतु सुखद साधन मेट्रो
- जन-जीवन पर प्रभाव
उत्तर :
ग्लोबल वार्मिंग और जन-जीवन
‘ग्लोबल वार्मिग’ शब्द का अर्थ है ‘संपूर्ण पृथ्वी के तापमान में वृद्धि होना ‘। वैश्विक तापमान अर्थात् ग्लोबल वार्मिंग जो आज विश्व की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। इससे न केवल मनुष्य, बल्कि पृथ्वी पर रहने वाला प्रत्येक प्राणी त्रस्त है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण जन-जीवन खतरे में पड़ गया है। न केवल जन-जीवन अपितु पृथ्वी पर रहने वाले प्राणी, जीव, पेड़-पौधे सभी खतरे में हैं। ग्लोबल वार्मिग के कारण तापमान में वृद्धि, अनिश्चित जलवायु की स्थिति और वायु तथा जल प्रदूषण में वृद्धि ने पृथ्वी पर जीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है। बार-बार आती बाद्, सूखे और चक्रवातों के परिणामस्वरूप लाखों लोग काल का ग्रास बन गए हैं तथा प्रदूषण के बढ़ते स्तर से कई स्वास्थ समस्याएँ उत्पन्न हो गई है। ग्लोबल वार्मिंग से जन-जीवन पर अत्यधिक बुरा प्रभाव पड़ रहा है। यदि समय रहते ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के उपाय नहीं किए गए, तो हमारी पृथ्वी पर समाप्त हो जाएगा।
ग्लोबल वार्मिंग चिंता का विषय बन चुका है। अब समय आ चुका है कि मानय जाति इस ओर ध्यान दे तथा इसे गभीरता से ले। इसे रोकने के लिए हमें प्रदूषण को कम करना होगा। कार्बन-डाइऑक्साइड सहित अन्य गैसों के उत्सर्जन में कमी करके वृक्षारोपण को बढ़ावा देना होगा, जिससे प्रकृति में पर्यावरण संबंधी संतुलन बना रहे। कार्बन उत्सर्जन में कमी से ग्लोबल वार्मिंग के परिणामों को कम किया जा सकता है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है, जिससे ग्लोबल वार्मिंग के दुष्परिणामों पर नियंत्रण किया जा सके।
प्रश्न 15.
किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।
आप साक्षी तँवर हैं। मेरठ में सड़क दुर्घटनाएँ प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। इस संदर्भ में दैनिक जागरण दिल्ली रोड के संपादक को सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुझाव देते हुए लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
अथवा
आप रौनक सिंह हैं। आप छात्रावास में रहते हैं। अपने छोटे भाई को व्यायाम के प्रति जागरूक करने के लिए व्यायाम का महत्त्व समझाते हुए लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
उत्तर :
परीक्षा भवन,
मेरठ।
दिनांक 20 अप्रैल, 20XX
सेवा में,
संपादक महोदय
दैनिक जागरण
दिल्ली रोड,
मेरठ।
विषय सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के संदर्भ में।
महोदय,
मैं आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से सरकार और समाज का ध्यान बढ़ती हुई सड़क दुर्घटनाओं की ओर आकर्षित करना चाहती हूँ आशा है कि आप इसे जनहित में अवश्य प्रकाशित करेंगे। इन दिनों मेरठ में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ गई है। वाहन चालक यातायात के नियमों का उल्लंघन करते है। उन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नहीं है। दुर्घटनाओं को रोकने के संबंध में में निम्नलिखित सुझाव देना चाहती हूँ
(i) प्रातः 8 से 12 बजे तक व सायं 5 से 8 बजे तक सभी व्यस्त चौराहों पर यातायात पुलिस के सिपाही उपस्थित रहें व नियम का उल्लंघन करने वालों का चालान करें।
(ii) चलते हुए वाहन में मोबाइल से बात करने वालों का तुरंत चालान कर देना चाहिए। ऐसा एक से अधिक बार होने पर चालक का ड्राइविंग लाइसेंस जब्त कर लिया जाना चाहिए।
(iii) जनता को निर्धारित गति सीमा में ही अपने वाहन चलाने चाहिए।
(iv) ऐसे वाहन चालकों को पुरस्कृत किया जाना चाहिए, जो अपने वाहन को निर्धारित गति सीमा में चलाते हों तथा किसी प्रकार के नियम का उल्लंघन न करते हों।
(v) जनता से ऐसे वाहन चालकों के वाहन नंबर नोट करके पुलिस को देने की अपील करनी चाहिए, जो सड़क पर बाहन चलाते समय नियमों का उल्लंघन करते हों।
आशा करती हूँ कि आप शीघ ही इस ओर ध्यान देंगे और हमें सड़क दुर्घटनाओं में कमी देखने को मिलेगी। धन्यवाद!
भवदीया
साक्षी तँवर
सचिव, युवा जागरण मंच
अथवा
परीक्षा भवन,
मेरठ।
दिनांक 25 मई, 20XX
प्रिय अनुज
स्नेह,
मैं यहां कुशलतापूर्वक हूँ। आशा करता हूँ कि तुम भी कुशल होंगे। तुम्हारी पढ़ाई भी ठीक चल रही होगी। मुझे तुम्हारे स्वास्थ्य की चिंता लगी रहती है। तुम दवाइयाँ तो बहुत खाते हो, किंतु व्यायाम की ओर थोड़ा भी ध्यान नहीं देते।
मेरे अनुसार व्यायाम का महत्त्व पढ़ाई से कम नहीं है। यदि तुम्हारा शरीर स्वस्थ रहेगा, तो तुम्हें अपनी पढ़ाई में और भी आनंद आएगा। अस्वस्थ व्यक्ति के जीवन में कोई रस नहीं रहता। यदि तुम पढ़ाई में शिखर पर रहना चाहते हो, तो इसके लिए व्यायाम तुम्हारी सहायता करेगा। यदि तुम मात्र दो सप्ताह व्यायाम कर लो, तो तुम्हें अपने स्वास्थ्य में अंतर स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगेगा।
आशा है कि तुम मेरे सुझाव को मानोगे तथा व्यायाम के महत्त्व पर ध्यान दोगे।
तुम्हारा भाई
रौनक सिंह
प्रश्न 16.
आप वैभवी शुक्ला हैं। आप एम.बी.बी.एस. कर चुकी हैं। आपको महिला चिकित्सालय में चिकित्सक के पद हेतु आवेदन करना है। इसके लिए आप अपना एक संक्षिप्त स्ववृत्त (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए। (5)
अथवा
आप मयंक शर्मा हैं। आपका लैंड लाइन फोन खराब हो गया है। भारत संचार निगम को खराब फोन की मरम्मत के लिए शिकायत करते हुए लगभग 80 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए।
उत्तर
शैक्षणिक योग्यताएँ
अन्य संबंधित योग्यताएँ
- फोर्टीज अस्पताल में रेजीडेंट के पद पर 3 वर्ष के लिए कार्यरत् (2018-2020), वर्तमान में एपेक्स अस्पताल में कार्यरत्
- स्वास्थ्य संबंधी कैंपों में प्रतिभागिता व ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधी मार्गदर्शन
- विझान प्रदर्शनी में सक्रिय भागीदारी
उपलब्धियाँ
- विझान क्विज विद्यालयी स्तर प्रथम पुरस्कार (2007)
- अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान प्रतियोगिता (क्लीवलैंड में आयोजित) द्वितीय पुरस्कार (2009)
कार्येत्तर गतिविधियाँ तथा अभिरुचियाँ
- स्वास्थ्य संबंधी पत्रिकाओं का नियमित पठन
- स्वास्थ्य संबंधी कैंपों का आयोजन व उनमें सक्रिय भागीदारी
- स्वास्थ्य संबंधी कार्यशालाओं में भाग लेकर जन-सामान्य का मार्गदर्शन
संदर्भित व्यक्तियों का विवरण
- डों, महावीर प्रसाद जैन, एसोसिएट, प्रोफेसर एस.एम.एस. मेडिकल कॉलेज, जयपुर।
- डॉ. सुशीला, वरिष्ठ डॉक्टर (प्रसूति विभाग)
- फोर्टीज होंस्पिटल, जयपुर।
तिथि 7.10.20XX
स्थान जयपुर
डों. वैभवी शुक्ला
हस्ताक्षर
अथवा
प्रश्न 17.
आप प्रियन श्रीवास्तव हैं। शहरों में प्रदूषण दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। आप पर्यावरण विभाग की ओर से स्थानीय समाचार-पत्र में विज्ञापन देना चाहते हैं। आप इसके लिए लगभग 40 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।
अथवा
आप चारू सैन हैं। आप हिंदी दिवस के अवसर पर शुभकामना देते हुए लगभग 40 शब्दों में शुभकामना संदेश लिखिए।
उत्तर :
अथवा
हिंदी दिवस की शुभकामना हेतु संदेश
“निज भाषा उन्नति है, सय उन्नति को मूल”
दिनांक 14 सितंबर, 20××
समय 9:00 बजे प्रातः
आप सभी देशवासियों को हिदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। हिंदी हमारी संस्कृति की पहचान है तथा राष्ट्रीय चेतना की भाषा है। हिदी भाषा के प्रति सम्मान को बनाए रखें तथा हिंदी भाषा का अधिक-से-अधिक प्रयोग करें, जिससे राष्ट्र का गौरव सदैव बना रहे। किसी भी राष्ट्र की पहचान उसकी भाषा होती है। हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है और हमें राष्ट्रभाषा का प्रयोग करने पर गर्व का अनुभव होना धाहिए। इसलिए हमें हिंदी का प्रयोग कर भारत की पहचान को बुलंदियों तक पहुँचाना चाहिए। चारू सैन
(हिंदी अघ्यक्ष)