Students can access the CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions and marking scheme Term 2 Set 10 will help students in understanding the difficulty level of the exam.
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 10 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड है-‘अ’ और ‘ब’। खंड ‘अ’ में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खंड ‘ब’ में बस्तुनिष्ठ/वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
- प्रश्न-पत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 हैं और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
- खंड ‘अ’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 44 हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य हैं।
- खंड ‘ब’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
खंड ‘अ’
(बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्न)
खंड ‘अ’ में अपठित गद्यांश-पद्यांश, व्यावहारिक व्याकरण व पाठ्य-पुस्तक से संबंधित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्न दिए गए हैं, जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
भारतीय धर्म और दर्शन में योग का अत्यधिक महत्त्व है। आध्यात्मिक उन्नति या शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग की आवश्यकता व महत्त्व को प्राय: सभी दर्शनों व भारतीय धार्मिक संप्रदायों ने एकमत व मुक्तकंठ से स्वीकार किया है। आधुनिक युग में योग का महत्त्व बढ़ गया है। इसके बढ़ने का कारण व्यस्तता और मन की व्यग्रता है। यदि मनुष्य शारीरिक रूप से स्वस्थ है, तो वह संसार में रहकर जीवन का सुख भोग सकता है और अपने सभी कर्त्तव्यों एवं मनोकामनाओं को पूर्ण कर सकता है। शरीर ही वह माध्यम है, जिसके द्वारा हम अपने सभी कार्यो को संपन्न कर सकते हैं। इसलिए अपने शरीर को स्वस्थ रखना हमारा प्रथम कर्त्तव्य है, जिसे योग द्वारा स्वस्थ बनाया जा सकता है।
21 जून, 2015 को प्रथम बार संपूर्ण विश्व में ‘विश्व योग दिवस’ मनाया गया। इसके साथ ही यह घोषणा भी की गई कि प्रत्येक वर्ष 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जाएगा। योग प्राचीन समय से ही भारतीय संस्कृति का अंग रहा है। हमारे पूर्वजों ने बहुत समय पहले ही इसका आविष्कार कर लिया था और इसके महत्त्व को पहचान लिया था। इसलिए योग पद्धति सदियों बाद भी जीवित है। योग करने से न केवल तन की थकान दूर होती है, बल्कि मन की थकान भी दूर होती है। योग करने वाला व्यक्ति अपने अंग-प्रत्यंग में एक नए उत्साह एवं स्फूर्ति का अनुभव है, बल्क मन की थकान भोग दरन से शरीर के प्रत्येक अंग में रक्त का संचार सुचारु रूप से होता है तथा शरीर रोगमुक्त रहता है। अत: योग दिवस का उद्देश्य संपूर्ण विश्व में योग से प्राप्त होने वाले लाभों के प्रति लोगों को जागरूक करना है। मनुष्य को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में योग पूर्णतः सक्षम है।
(क) निम्नलिखित कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए। मनुष्य को शारीरिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए, क्योंकि
1. वह स्वस्थ रहकर ही जीवन के समस्त सुख भोग सकता है।
2. वह स्वस्थ रहकर ही अपनी मनोकामनाएँ पूर्ण कर सकता है।
3. वह स्वस्थ रहकर ही मृत्यु पर विजय प्राप्त कर सकता है।
4. वह स्वस्थ रहकर ही जीवन की व्यस्तताओं से बच सकता है।
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) केवल 2 सही है
(iii) 1 और 3 सही हैं
(iv) 3 और 4 सही हैं
उत्तर :
(i) केवल 1 सही है मनुष्य को शारीरिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए, क्योंकि स्वस्थ रहकर ही वह जीवन के समस्त सुखों को भोग सकता है।
(ख) गय्यांश के आधार पर बताइए कि योग का महत्त्व बढ़ने का क्या कारण है?
(i) व्यस्तता और मन की व्यग्रता
(ii) अकेलापन
(iii) चिंतनशील प्रवृत्ति
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) व्यस्तता और मन की व्यग्रता गद्यांश में बताया गया है कि योग का महत्व बढ़ने का कारण व्यस्तता और मन की व्यग्रता है।
(ग) गद्यांश के आधार पर बताइए कि हमारा प्रथम कर्त्तव्य क्या है?
(i) शरीर को स्वस्थ रखना
(ii) योग करना
(iii) मनोकामनाओं को पूर्ण करना
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) शरीर को स्वस्थ रखना गद्यांश में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि हमारा प्रथम कर्त्तव्य शरीर को स्वस्थ रखना है और शरीर को योग के माध्यम से स्वस्थ रख सकते हैं।
(घ) योग दिवस किस उद्देश्य से मनाया जाता है?
(i) संपूर्ण विश्व को योग से प्राप्त होने वाले लाभों के प्रति जागरूक करना
(ii) भारतीय संस्कृति के प्रति जागरूक करना
(iii) मानसिक रूप से स्वस्थ रखना
(iv) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर :
(i) संपूर्ण विश्व को योग से प्राप्त होने वाले लामों के प्रति जागरूक करना योग दिवस का उद्देश्य संपूर्ण विश्व में योग से प्राप्त होने वाले लाभों के प्रति लोगों को जागरूक करना है।
(ङ) कथन (A) योग का आविष्कार अर्वाचीन समय का ही है।
कारण (R) मनुष्य को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में योग पूर्णतः सक्षम नहीं है।
(i) कथन A गलत है, कितु कारण R सही है।
(ii) कथन A और कारण R दोनों गलत हैं।
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या है।
(iv) कथन A और कारण R दोनों सही हैं, परंतु कारण R कथन A की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर :
(ii) कथन A तथा कारण R दोनों गलत हैं योग का आविष्कार अर्वाचीन समय का ही है तथा मनुष्य को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में योग पूर्णतः सक्षम नहीं है। ये दोनों कथन गलत है, क्योंकि योग का आविष्कार प्राचीनतम है तथा योग में मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने की पूर्ण क्षमता है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांशों पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
पूर्व चलने के बटोही, बाट की पहचान कर ले।
पुस्तकों में है नहीं छापी गई इसकी कहानी,
ज्ञात होता है न इसका भेद् औरों की जबानी।
अनगिनत राही गए इस राह से, उनका पता क्या,
पर गए कुछ लोग इस पर छोड़ पैरों की निशानी,
यह निशानी मूक होकर भी बहुत कुछ बोलती है,
खोल इसका अर्थ पंथी, पंथ का अनुमान कर ले।
यह बुरा है या कि अच्छा व्यर्थ दिन इस पर बिताना,
जब असंभव, छोड़ यह पथ दूसरे पर पग बढ़ाना,
तू इसे अच्छा समझ यात्रा सरल इससे बनेगी,
सोच मत केवल तुझे ही यह पड़ा मन में बिठाना,
हर सफल पंथी यही विश्वास ले इस पर बढ़ा है,
तू इसी पर आज अपने चित्त का अवधान कर ले।
है अनिश्चित किस जगह पर सरित गिरि गह्नर मिलेंगे
है अनिश्चित किस जगह पर बाग वन सुंदर खिलेंगे,
किस जगह यात्रा खत्म हो जाएगी यह भी अनिश्चित,
है अनिश्चित, कब सुमन, कब कंटकों के शर मिलेंगे,
कौन सहसा छूट जाएँगे, मिलेंगे कौन सहसा,
आ पड़े कुछ भी, रुकेगा तू न, ऐसी आन कर ले।
(क) प्रस्तुत काव्यांश के केंद्रीय भाव हेतु दिए गए कथनों को पढ़कर सही विकल्प चुनिए
1. मनुष्य को अपने पथ की पहचान स्वयं करनी चाहिए।
2. मनुष्य को दूसरों के अनुभव के आधार पर मार्ग तय करना चाहिए।
3. मनुष्य को अन्य पथिकों का अनुसरण करना चाहिए।
4. मनुष्य को यात्रा सरल बनाने के लिए पथ पर विश्राम करना चाहिए।
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 2 और 3 सही हैं
(iii) 1,2 और 4 सही हैं
(iv) 1 और 2 सही हैं
उत्तर :
(i) केवल 1 सही है प्रस्तुत काव्यांश का केंद्रीय भाव यह है कि मनुष्य को किसी भी तरह के पथ पर चलने से पहले अपने पथ की पहचान स्वयं करनी चाहिए।
(ख) प्रस्तुत काव्यांश में ‘बाट की पहचान’ से क्या तात्पर्य है?
(i) लक्ष्य की पहचान
(ii) दिशा की पहचान
(iii) ज्ञान की पहचान
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) लक्ष्य की पहचान प्रस्तुत काव्यांश में बाट की पहचान से तात्पर्य लक्ष्य की पहचान करना है।
(ग) काव्यांश के आथार पर बताइए कि पुस्तकों में किसकी कहानी नहीं मिलती?
(i) जीवन रूपी मार्ग में क्या-क्या सुख आएंगे
(ii) क्या-क्या बाधाएँ आएँगी
(iii) कौन-सा लक्ष्य जीवन के लिए श्रेष्ठ होगा
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये सभी काव्यांश के आधार पर पुस्तकों में जीवन रूपी मार्ग में क्या-क्या सुख-दुख आएँगे, क्या बाधाएँ आएँगी और कौन-सा लक्ष्य जीवन के लिए श्रेष्ठ होगा इनकी कहानी नहीं मिलती।
(घ) ‘तू इसी पर आज अपने चित्त का अवधान कर ले’ पंक्ति में ‘तू’ शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
(i) मनुष्य के लिए
(ii) राही के लिए
(iii) चित्त के लिए
(iv) संघर्षों के लिए
उत्तर :
(i) मनुष्य के लिए ‘तू इसी पर आज अपने चित्त का अवधान कर ले’ पंक्ति में ‘तू’ शब्द मनुष्य के लिए प्रयुक्त हुआ है।
(ङ) निम्नलिखित कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए अपने लक्ष्य का भेद स्वयं ही खोजना पड़ता है, क्योंकि
1. इसके बारे में ज्ञान पुस्तकों से नहीं मिलता।
2. मार्ग कठिनाइयों से होकर गुजरता है।
3. लोग आपस में ईर्ष्या रखते हैं।
4. मार्ग में सुंदर जगह देखने को मिलती है।
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 2 और 3 सही हैं
(iii) 4 और 1 सही हैं
(iv) 2 और 4 सही हैं
उत्तर :
(i) केवल 1 सही है मनुष्य को अपने लक्ष्य का भेद स्वयं ही खोजना पड़ता है, क्योंकि इसके बारे में ज्ञान पुस्तकों में नहीं मिलता।
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) “मुझे देखकर तुम रुक गए थे।” संयुक्त वाक्य में परिवर्तित कीजिए।
(i) तुमने मुझे देखा और रूक गए।
(ii) जैसे ही तुमने मुझे देखा, तुम रूक गए।
(iii) जब तुमने मुझे देखा, तो तुम रुक गए थे।
(iv) मुझे देखते ही तुम रुक गए थे।
उत्तर :
(i) तुमने मुझे देखा और रुक गए
(ख) “उस महिला को बुलाओ जिसके पास छतरी है।” सरल वाक्य में परिवर्तित कीजिए।
(i) जिसके पास छतरी है, उस महिला को बुलाओ।
(ii) छतरी वाली महिला को बुलाओ।
(iii) जिस महिला ने छतरी ली है, उसे बुलाओ।
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) छतरी वाली महिला को बुलाओ
(ग) निम्नलिखित वाक्यों में से संयुक्त वाक्य छाँटिए।
(i) श्याम घर से निकला और वर्षा होने लगी।
(ii) जैसे ही श्याम घर से निकला वैसे ही वर्षा होने लगी।
(iii) श्याम के घर से निकलते ही वर्षा होने लगी।
(iv) जब श्याम घर से निकला, वर्षा होने लगी।
उत्तर :
(i) श्याम घर से निकला और वर्षा होने लगी
(घ) निम्नलिखित वाक्यों में मिश्र वाक्य पहचानकर नीचे दिए गए सही विकल्प को चुनिए।
1. रात को देर तक जागने से मेरे सिर में दर्द हो गया।
2. जब मैं रात को देर तक जागा, तो मेरे सिर में दर्द हो गया।
3. मेरे सिर में दर्द हो गया।
4. देर रात तक जागने से मेरे सिर में दर्द है।
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) केवल 2 सही है
(iii) 4 और 3 सही है
(iv) 1 और 4 सही है
उत्तर :
(ii) केवल 2 सही है
(ङ) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. मोनिका मिठाई खरीदने बाजार जा रही है। | 1. संयुक्त वाक्य |
B. मोनिका बाजार जा रही है और मिठाई खरीदेगी। | 2. मिश्रित वाक्य |
C. मोनिका इसलिए बाजार जा रही है, ताकि मिठाई खरीद सके। | 3. सरल वाक्य |
कूट
A B C
(i) 2 3 1
(ii) 1 2 3
(iii) 3 1 2
(iv) 2 1 3
उत्तर :
(iii) A-3, B-1, C-2
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. कैप्टन से चश्मा बदला जाता है। | 1. कर्तृवाच्य |
B. कैप्टन द्वारा चश्मा बदल दिया जाता है। | 2. भाववाच्य |
C. कैप्टन ने चश्मा बदल दिया। | 3. कर्मवाच्य |
कूट
A B C
(i) 1 3 2
(ii) 2 3 1
(iii) 3 2 1
(iv) 2 1 3
उत्तर :
(ii) A-2, B-3, C-1
(ख) इनमें कर्तृवाच्य का उदाहरण है
(i) कुत्ता भौंकता है।
(ii) कुत्ते के द्वारा भौका जाता है।
(iii) कुते से भौका गया।
(iv) कुत्ते द्वारा भौका गया।
उत्तर :
(i) कुत्ता भौंकता है
(ग) इनमें कर्मवाच्य का उदाहरण नहीं है
(i) कवि द्वारा एक कविता सुनाई गई।
(ii) पान कहीं आगे खाया जाए।
(iii) तुम्हारे द्वारा पढ़ा क्यों नहीं जाता।
(iv) दुकानदार ने उचित मूल्य लिया।
उत्तर :
(iv) दुकानदार ने उचित मूल्य लिया
(घ) “मैंने पत्र लिखा।” इसका कर्मवाच्य होगा
(i) मेरे द्वारा पत्र लिखा गया।
(ii) मुझसे पत्र लिखा गया।
(iii) मेरे से पत्र लिखा जाएगा।
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) मेरे द्वारा पत्र लिखा गया।
(ङ) “हिरण तेज भागा।” इसका भाववाच्य होगा
(i) हिरण तेज भाग गया।
(ii) हिरण तेज भाग सकता है।
(iii) हिरण तेज भागा जा रहा है।
(iv) हिरण से तेज भागा गया।
उत्तर :
(iv) हिरण से तेज भागा गया
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) अरे! आप तो यहाँ बैठे हैं? रेखांकित अंश का पद परिचय है
(i) विस्मयादिबोधक अव्यय, आश्चर्यसूचक
(ii) समुच्चयबोधक, हर्षसूचक
(iii) परिमाणवाचक विशेषण, संबंधबोधक
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) अरे विस्मयादिबोधक अव्यय, आश्चर्यसूचक
(ख) गणतंत्र दिवस पर जगह-जगह राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। रेखांकित अंश का पद परिचय है
(i) गुणवाचक विशेषण, एकवचन, स्त्रीलिंग, विशेष्य ‘दिवस’
(ii) गुणवाचक विशेषण, बहुवचन, स्त्रीलिंग, विशेष्य ‘दिवस’
(iii) गुणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिग, विशेष्य ‘दिवस’
(iv) गुणवाचक विशेषण, बहुवचन, पुल्लिग, विशेष्य ‘दिवस’
उत्तर :
(iii) गणतंत्र गुणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, विशेष्य ‘दिवस’
(ग) शहनाई की इसी मंगल ध्वनि के नायक बिस्मिल्ला खाँ थे। रेखांकित अंश का पद परिचय है
(i) सार्वनामिक विशेषण, स्त्रीलिंग, एकवचन, विशेष्य ‘मंगल ध्वनि’
(ii) गुणवाचक विशेषण, स्त्रीलिंग, एकवचन, विशेष्य ‘मंगल ध्वनि’
(iii) सार्वनामिक विशेषण, स्त्रीलिंग, बहुबचन, विशेष्य ‘मंगल ध्वनि’
(iv) सार्वनामिक विशेषण, स्त्रीलिंग, बहुवचन, विशेष्य ‘मंगल ध्वनि’
उत्तर :
(i) इसी सार्वनामिक विशेषण, स्त्रीलिंग, एकवचन, विशेष्य ‘मंगल ध्वनि’
(घ) बच्चे उधर खेल रहे हैं। रेखांकित अंश का पद परिचय है
(i) स्थानवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया ‘बेल रहे हैं’
(ii) रीतिवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया ‘ खेल रहे है”
(iii) परिमाणवाचक क्रिया, विशेष्य क्रिया ‘खेल रहे हैं’
(iv) कालवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया ‘खेल रहे हैं’
उत्तर :
(i) उधर स्थानवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया ‘खेल रहे हैं’
(ङ) अधिक लोग यहाँ नहीं आए। यहाँ पानी अधिक है। दोनों वाक्यों के ‘अधिक’ का सामान्य पद परिचय होगा
(i) पहला अधिक-निश्चयवाचक सर्वनाम, दूसरा अधिक-गुणवाचक विशेषण
(ii) पहला अधिक-अनिश्चयवाचक सर्बनाम, दूसरा अधिक-परिमाणवाचक विशेषण
(iii) पहला अधिक-अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण, दूसरा अधिक-परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण
(iv) पहला अधिक-निश्चितवाचक विशेषण, दूसरा अधिक-अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण
उत्तर :
(iii) पहला अधिक-अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण, दूसरा अधिक-परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) देखि सुदामा की दीन दशा करणणा करिके करुणा निधि रोए। पानी परात को हाथ छुयो नहि नैनन के जल सों पग धोए। पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iv) अतिशयोक्ति इस पंक्ति में कृष्ण का रोना और उनकी आँखों से इतने औँसू गिरना कि उससे सुदामा के पैर धोए गए। यहाँ बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया गया है। अतः यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार है।
(ख) ‘मंगन को देख पट देव बार-बार।’ इस काव्य-पंकित में कौन-सा अलंकार है?
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(i) श्लेष इस पंक्ति में ‘पट’ के दो अर्थ ‘कपड़े’ तथा ‘दरवाजा’ हैं। अत: यहाँ श्लेष अलंकार है।
(ग) उस काल मारे क्रोध के तनु काँपने उसका लगा। मानों हवा के वेग से सोता हुआ सागर जगा।। इन कव्य-पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवौकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(ii) उत्र्रेक्षा यहाँ उपमेय ‘क्रोध’ में उपमान ‘हवा के वेग’ की तथा उपमेय ‘तनु’ में उपमान ‘सागर’ की संभावना की गई है। अतः यहाँ उत्वेक्षा अलंकार है।
(घ) ‘उनके आने से घर में स्वर्ग उतर आया।’ इस काव्य-पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवौकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iv) अतिशयोक्ति यहौं किसी के आने से घर में स्वर्ग के उतर आने की बात की गई है। बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन करने के कारण यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार है।
(ङ) ‘मेघमय आसमान से उतर रही है संध्या सुंदरी परी सी धीरे-धीरे।’ इन काव्य-पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?
(i) मानवीकरण
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) श्लेष
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(i) मानवीकरण इस वाक्य में संध्या की तुलना एक सुंदर परी से की है अर्थात् एक निर्जीव की सजीव से। अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार है।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सवीधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
अब हालदार साहब को बात कुछ-कुछ समझ में आई। एक चश्मे वाला है, जिसका नाम कैप्टन है। उसे नेताजी की बगैर चश्मे वाली मूर्ति बुरी लगती है, बल्कि आहत करती है, मानो चश्मे के बगैर नेताजी को असुविधा हो रही हो। इसलिए वह अपनी छोटी-सी दुकान में उपलब्ध गिने-चुने फ्रेमों में से एक नेताजी की मूर्ति पर फिट कर देता है, लेकिन जब कोई ग्राहक आता है और उसे वैसे ही फ्रेम की दरकार होती है जैसा मूर्ति पर लगा है, तो कैप्टन चश्मे वाला मूर्ति पर लगा क्रेम संभवत: नेताजी से क्षमा माँगते हुए लाकर ग्राहक को दे देता है और बाद में नेताजी को दूसरा फ्रेम लौटा देता है। वाह! भई खूब! क्या आइडिया है। लेकिन भाई! एक बात अभी भी समझ में नहीं आई। हालदार साहब ने पान वाले से फिर पूछा, नेताजी का ओरिजिनल चश्मा कहाँ गया? पान वाला दूसरा पान मुँह में ढूँस चुका था। दोपहर का समय था, ‘दुकान’ पर भीड़-भाड़ अधिक नहीं थी। वह फिर आँखों-ही-आँखों में हँसा। उसकी तोंद थिरकी। कत्ये की डंडी फेंक, पीछे मुड़कर उसने नीचे पीक थूकी और मुसकराता हुआ बोला, मास्टर बनाना भूल गया।
(क) हालदार साहब को किस विषय पर बात कुछ-कुछ समझ में आई थी?
(i) कैप्टन नाम एक चश्मे वाले का है
(ii) कैप्टन नाम का चश्मे वाला मूतिं पर चश्मे लगाता है
(iii) मूर्ति नेताजी सुभाषचंद्र बोस की थी
(iv) पान वाला कैप्टन चश्मे वाले के बारे में जानता था
उत्तर :
(ii) कैप्टन नाम का चश्मे वाला मूर्ति पर चश्मे लगाता है हालदार साहब चौराहे से गुजरते हुए प्रतिदिन नेताजी की मूर्ति पर नया चश्मा लगा देखते थे। यह बात उनकी समझ में नहीं आई। अतः उन्होंने चौराहे पर ही एक पान की दुकान वाले से इस बारे में पूछा तो उसने बताया कि यह सब कैप्टन चश्मे वाला करता है।
(ख) कैप्टन को आहत करता/करती है
(i) नेताजी की बगैर चश्मे की मूर्ति
(ii) नेताजी की चश्मे वाली मूर्ति
(iii) मूति का रंग-रूप
(iv) मूर्ति का बदलता चश्मा
उत्तर :
(i) नेताजी की बगैर चश्मे की मूर्ति प्रस्तुत गद्यांश में एक चश्मे वाला जिसका नाम कैप्टन है, उसे नेताजी की बगेर चश्मे वाली मूर्ति आहत (दु:खी) करती है। उसे मूर्ति को बिना चश्मे के देखकर ऐसा लगता था कि मानो नेताजी को असुविधा हो रही हो।
(ग) कैप्टन चश्मे वाला मूर्ति से चश्मे कब बदलता था?
(i) जब ग्राहक को मूर्ति पर लगा चश्मा पसंद आ जाता था
(ii) जब मूर्ति पर लगा चश्मा टूट जाता था
(iii) जब वह चश्मा लगाना भूल जाता था
(iv) जब उसके पास चश्मे ज्यादा होते थे
उत्तर :
(i) जब ग्राहक को मूर्ति पर लगा चश्मा पसंद आ जाता था कैप्टन चश्मे वाले की दुकान में गिने-चुने ही चश्मे के फ्रेम थे, परंतु जब भी किसी ग्राहक को मूर्ति पर लगा चश्मा पसंद आ जाता, तो वह मूर्ति पर लगे चश्मे को ग्राहक को दे देता था तथा उस पर दूसरा चश्मा लगा देता था।
(घ) चश्मेवाला नेताजी से क्षमा क्यों माँगता था?
(i) दूसरा चश्मा पहनाते हुए
(ii) चश्मा बेचते हुए
(iii) उनके पास बैठते हुए
(iv) मूर्ति के पास से जाते हुए
उत्तर :
(i) दूसरा चश्मा पहनाते हुए ग्राहक द्वारा मूर्ति पर लगा चश्मा मीगने पर कैप्टन चश्मे वाला उसे मूर्ति पर लगा चश्मा देकर वहाँ (मूर्ति के चेहरे पर) दूसरा चश्मा पहना देता था। ऐसा करते हुए वह नेताजी से क्षमा मॉग लिया करता था, क्योंकि उसे लगता था कि नेताजी की मूर्ति से चश्मा उतारने पर तथा दूसरा चश्मा लगाने पर नेता जी को कष्ट होता होगा।
(ङ) कथन (A) कैप्टन चश्मे वाले की दुकान की विशेषता है।
कारण (R) कम सामान वाली छोटी-सी चश्मे की दुकान है।
(i) कथन A गलत है, किंतु कारण R सही है।
(ii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या है।
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं, परंतु कारण R कथन A की सही व्याख्या नहीं है।
(iv) कथन A और कारण R दोनों ही गलत हैं।
उत्तर :
(ii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R क्थन A की सही व्याख्या है कैप्टन चश्मे वाले की दुकान कस्बे के छोटे-से बाजार में थी तथा वह दुकान बहुत छोटी थी और उसमें सामान अर्थात् चश्मे के फ्रेम्म मी गिने चुने ही थे।
प्रश्न 8.
क्षितिज के गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(क) ‘नेता जी का चश्मा’ पाठ के आधार पर बताइए कि सेनानी न होते हुए भी चश्मे वाले को कैप्टन क्यों कहते थे?
(i) देशभक्ति की भावना के कारण
(ii) चश्मे बेचने के कारण
(iii) नेताजी की मूर्वि के कारण
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) देशभक्ति की मावना के कारण पाठ में बताया गया है कि सेनानी न होते हुए भी चश्मे वाले को ‘कैप्टन’ उसकी देशभक्ति की भावना के कारण कहते थे।
(ख) ‘बालगोबिन भगत’ पाठ के आधार पर बताइए कि भगत का कौन-सा निर्णय अटल था?
(i) पतोहू की दूसरी शादी कराने का
(ii) पतोहू को अपने ही घर में रखने का
(iii) पतोहू को उसके भाई के साथ भेजने का
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(iii) पतोहू को उसके भाई के साथ मेजने का पाठ में बताया गया है कि पतोहू को उसके भाई के साथ भेजने का भगत का निर्णय अटल था।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
तुम्ह तौ कालु हाँक जनु लावा। बार बार मोहि लागि बोलावा।।
सुनत लखन के बचन कठोरा। परसु सुधारि धरेउ कर घोरा।
अब जनि देइ दोसु मोहि लोगू। कटुबादी बालकु बधजोगू।।
बाल बिलोकि बहुत मैं बाँचा। अब बेहु मरनिहार भा साँचा।।
कौसिक कहा छमिअ अपराधू। बाल दोष गुन गनहिं न साधू।
खर कुठार मैं अकरुन कोही। आगे अपराधी गुरुद्रोही।।
उतर देत छोड़ौं बिनु मारे। केवल कौसिक सील तुम्हारे।।
न त येहि काटि कुठार कठोरे। गुरहि उरिन होतेउँ श्रम थोरे।।
(क) काव्यांश के आधार पर बताइए कि लक्ष्मण के किस कथन से उनकी निडरता का परिचय मिलता है?
(i) परशुराम से यह कहना कि बार-बार आवाज़ लगाकर काल को मेरे लिए बुला रहे हो
(ii) कड़वे कथन बोलने से
(iii) अपराध करने से
(iv) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर :
(i) परशुराम से यह कहना कि बार-बार आवाज़ लगाकर काल को मेरे लिए बुला रहे हो लक्ष्मण परशुराम से कहते हैं कि ऐसा लगता है कि आप बार-बार हाँक (आवाज) लगाकर काल (मृत्यु) को मेरे लिए बुला रहे हैं। इस कथन से लक्ष्मण की निडरता का परिचय मिलता है।
(ख) परशुराम ने क्रोध आने पर लक्ष्मण के बारे में क्या कहा?
(i) कटु बोलने वाला यह बालक मारे जाने योग्य है
(ii) मृु बोलने वाले इस बालक को मैं जीवित छोड़ दूंगा
(iii) अहंकारी वचन बोलने वाले इस बालक को मरना होगा
(iv) निर्भयी पुरुष की तरह बात करने वाला यह बालक कौन है?
उत्तर :
(i) कटु बोलने वाला यह बालक मारे जाने योग्य है परशुराम ने सभा में उपस्थित सभी लोगों से कहा कि इतना कटु बोलने वाला यह बालक अब निश्चय हीं मारे जाने योग्य है।
(ग) काव्यांश के आधार पर बताइए कि परशुराम के क्रोध को देखकर विश्वामित्र ने क्या कहा?
(i) लक्ष्मण अभी नादान है
(ii) अपराध क्षमा कीजिए
(iii) आप अधिक क्रोध न करें
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) अपराध क्षमा कीजिए काव्यांश में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि परशुराम के अधिक क्रोध को देखकर विश्वामित्र ने हाथ जोड़कर कहा-अपराध क्षमा कीजिए।
(घ) परशुराम लक्ष्मण पर क्यों क्रोधित हो गए?
(i) लक्ष्मण के कठोर वचन सुनकर
(ii) लक्ष्मण की व्यंग्य भरी बातें सुनकर
(iii) (i) और (ii) दोनों
(iv) शिव धनुष टूटने से
उत्तर :
(iii) (i) और (ii) दोनों लक्ष्मण के कठोर वचन तथा व्यंग्य भरी बातें सुनकर परशुराम उन पर क्रोधित हो गए।
(ङ) काव्यांश के आधार पर बताइए कि गुरु के ऋण से कौन और कैसे मुक्त होना चाहता है?
(i) लक्ष्मण जी परशुराम के साथ युद्ध कर
(ii) श्रीराम जी क्षमा माँगकर
(iii) परशुराम जी लक्ष्मण को मारकर
(iv) राजा जनक बीच सभा को छोड़कर
उत्तर :
(iii) परशुराम जी लक्ष्मण को मारकर परशुराम जी विश्वामित्र से कहते हैं कि तुम्हारे कारण में इसे छोड़ रहा हूँ अन्यथा मैं लक्ष्मण को मारकर गुरु के ऋण से मुक्त हो जाऊँंगा।
प्रश्न 10.
पाठ्ययुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(क) ‘उत्साह’ कविता के आधार पर बताइए कि नूतन कविता कैसी होनी चाहिए?
(i) वर्षा करने वाली
(ii) सृष्टि का निर्माण करने वाली
(iii) संपूर्ण संसार में जोश भर देने वाली
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(iii) संपूर्ण संसार में जोश भर देने वाली ‘उत्साह’ कविता में बताया गया है कि नूतन कविता ऐसी होनी चाहिए, जो संपूर्ण संसार में जोश भर दे। लोगों में क्राति व उत्साह का संचार कर दे।
(ख) ‘यह दंतुरित मुस्कान’ कविता के आधार पर बताइए कि बच्चा कवि को कैसे देख रहा है?
(i) तिरछी नजरों से
(ii) डर-डर कर
(iii) रोकर
(iv) हँस-हँस कर
उत्तर :
(i) तिरछी नज़रों से कविता के आधार पर कवि को बच्चा तिरछी नज़रों से देख रहा है।
खंड ‘ब’
(वर्णनात्मक प्रश्न)
खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
प्रश्न 11.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ में शासन तंत्र की कार्य प्रणाली पर व्यंग्य किया गया है। उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
‘नेताजी का चश्मा’ पाठ में लेखक ने नगरपालिका की कार्यपद्धति पर व्यंग्य किया है कि नगरपालिका का बहुत सारा समय असमंजस में तथा चिट्ठी-पत्री जैसी औपचारिकताओं में नष्ट हो जाता है, जिसके कारण कार्य होने में विलंब हो जाता है। अंत में जल्दबाज़ी में कार्य ठीक ढंग से भी नहीं किया जाता। तात्पर्य यह है कि नगरपालिका की कार्यपद्धति में औपचारिकता तथा दिखावे को ही अधिक महत्त्व दिया जाता है।
(ख) बालगोबिन भगत का अपने खेत की पैदावार को कबीरपंथी मठ पर जाकर चढ़ा देना क्या प्रकट करता है? पाठ ‘वालगोबिन भगत’ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर :
‘बालगोबिन भगत’ के खेतों में जो पैदावार होती थी, वह उसे कबीरपंथी मठ में भेंट के रूप में चढ़ा देते थे। वहीं से जो कुछ प्रसाद के रूप में मिलता था, उसी से अपने और अपने परिवार का गुजारा करते थे। इससे यह प्रकट होता है कि वह कबीर के भक्त थे और उन्हीं को अपना साहब मानते थे, उनका आदर करते थे तथा अपनी सभी वसतुओं पर उनका अधिकार समझते थे।
(ग) ‘एक कहानी यह भी’ पाठ के आधार पर लेखिका की माँ के स्वभाव को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
लेखिका की माँ का स्वभाव अपने पति जैसा नहीं था। वह एक अनपढ़ महिला थी। वह अपने पति के क्रोध को चुपचाप सहते हुए स्वयं को घर के कामों में व्यस्त किए रहती थी। अनपढ़ होने पर भी लेखिका की माँ धरती से भी अधिक घैर्य और सहनशीलता वाली थी। उन्होंने अपने पति के सभी अत्याचारों को भाग्य समझा। उन्होंने परिवार में किसी से कुछ न मांगा, बल्कि दिया ही दिया है।
(घ) ‘लखनवी अंदाज़’ पाठ के आधार पर बताइए कि नवाब साहब का व्यवहार किस वर्ग पर व्यंग्य करता है?
उत्तर :
‘लखनवी अंदाज’ के पात्र नवाब साहब का व्यवहार पतनशील सामंती वर्ग और उसकी बनावटी जीवन-शैली पर व्यंग्य करता है। नवाब बनावटी जीवन-शैली अपनाने में विश्वास करते हैं और इसी में अपना पूरा जीवन बिता देते है। उन्हें जीवन के यथार्थ और कड़वी सच्चाइयों से कोई सरोकार नहीं होता। नवाब साहब वास्तविकता से बेखबर कृत्रिम जीवन जीने में विश्वास करते हैं तथा सामान्य जीवन से कोसों दूर रहते हुए स्वयं को विशिष्ट श्रेणी का सदस्य मानते हैं।
प्रश्न 12.
निध्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) कविता का शीर्षक ‘उत्साह’ क्यों रखा गया है? उत्साह शीर्षक के द्वारा कवि ने किस महत्त्वपूर्ण तथ्य की ओर संकेत किया है?
उत्तर :
‘उत्साह’ एक आद्धान गीत है, जो बादलों को संबोधित करके लिखा गया है। कविता का शीर्षक ‘उत्साह’ इसलिए रखा गया होगा, क्योंकि i बादल वर्षा करके पीड़ित-प्यासे जन की आकाक्षा को पूरा करके उनके जीवन में आशा, उत्साह तथा नई चेतना का संचार करते है। बादलों के बरसने से संपूर्ण सृष्टि उत्साहित एवं आनंदित हो जाती है।
(ख) राम-लक्ष्मण परशुराम संवाद से हमें क्रोध से बचने की शिक्षा मिलती है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘राम-लक्षमण-परशुराम संवाद’ से हमें क्रोध से बचने की शिक्षा मिलती है। क्रोध सोचने की शक्ति को नष्ट कर देता है। क्रोधी व्यक्ति अच्छा-बुरा और उचित-अनुचित में भेद नहीं कर पाता। क्रोध से समस्याएँ सुलझने के बजाय और उलझ जाती है। एक ओर क्रोधी स्वभाव वाले परशुराम और लक्ष्मण के व्यवहार को सभा में उपस्थित सभी लोग अनुचित मानते हैं, वहीं दूसरी ओर शांत चित्त राम अपने विवेक और मृदु वाणी से सबका दिल जीतकर स्थिति को सामान्य कर लेते हैं। अतः हमें राम के आचरण का अनुसरण करना चाहिए।
(ग) आपके पाठ्यक्रम की किस कविता में कवि ने बादल से फुहार, रिमझिम बरसने के स्थान पर गरजने के लिए कहा है? इस आढान का क्या कारण है? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
‘उत्साह’ कविता में कवि ने बादल से फुहार, रिमझिम बरसने के स्थान पर गरजने के लिए कहा है। फुहार, रिमझिम बरसना कोमलता व मृदुल सोच के प्रतीक है। क्रांति बादलों की फुहार या रिमझिम बरसने अर्थात् कोमल या मृदु भावों से नहीं आती अपितु उसके लिए गरजने अर्थात् विध्वंस की आवश्यकता होती है। इसलिए कवि ने बादल से गरजकर नव सृष्टि लाने के लिए विध्वंस, विप्लव और क्रांति के साथ नूतन विद्रोह का आद्वान किया है।
(घ) ‘आत्मकथ्य’ कविता के आधार पर कवि की प्रिया के सौदर्य का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
कवि अपनी प्रिया के सौंदर्य का वर्णन करते हुए कहता है उसके लालिमायुक्त गालों को देखकर ऐसा लगता था, जैसे प्रेम बिखेरती उषा उदित हो रही हो। ऐसा लगता था, जैसे उषा भी अपनी लालिमा उसी से लिया करती थी। कवि उसकी यादों का सहारा लेकर ही अपने जीवन के रास्ते की थकान दूर करता था।
प्रश्न 13.
पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए। (4 × 2 = 8)
(क) लेखक के मन में हिरोशिमा पर गिरे अणु बम के कारण विज्ञान के इस दुरुपयोग के प्रति विद्रोह था। उसके मन में एक विवशता का जन्म हुआ। ‘मैं क्यों लिखता हूँ’ पाठ के आधार पर लेखक की इस भीतरी विवशता का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
लेखक की भीतरी विवशता का वर्णन करना बड़ा कठिन है। लेखक विज्ञान का विद्यार्थी रहा है और उसकी नियमित शिक्षा भी विज्ञान विषय में ही हुई है। अणु का सैद्धांतिक झान लेखक को पहले से ही था, परंतु जब हिरोशिमा में अणु बम गिरा, तब लेखक ने उससे संबंधित खबरें पढ़ीं, साथ ही उसके परवर्ती प्रभावों का विवरण भी पढ़ा। विज्ञान के इस दुरुपयोग के प्रति बुद्धि का विद्रोह स्वाभाविक था। लेखक ने इसके बारे में लेख आदि में कुछ लिखा भी, पर अनुभूति के स्तर पर जो विवशता होती है, वह बौद्धिक पकड़ से आगे की बात है।
(ख) पर्यावरण को संरक्षित करना मनुष्य का नैतिक कर्तव्य है। इसे संरक्षित करने में आपकी क्या भूमिका हो सकती है? ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ को दृष्टि में रखते हुए उत्तर लिखिए।
उत्तर :
पर्यावरण को संरक्षित करना हमारा नैतिक कर्त्तव्य है। हम इस कार्य में निम्न प्रकार से अपना योगदान दे सकते हैं
(i) हमें अपने शहर को हरा-भरा तथा प्रदूषण रहित बनाने के लिए अधिक-से-अधिक संख्या में पेड़ लगाने चाहिए। हमें सार्वजनिक स्थलों को स्वच्छ रखने में सरकार का सहयोग करना चाहिए।
(ii) सभी प्रकार के प्रदूषणों को रोकने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास करना चाहिए; जैसे-सार्वजनिक परिवहन प्रणाली का प्रयोग करना, नदियों में कूड़ा न फेंकना आदि।
(iii) समय-समय पर पर्यावरण संरक्षण के अभियान चलाकर अपने आस-पास के लोगों को जागरूक करना होगा।
(ग) बच्चे आपस में हुए झगड़े, रोना-धोना आदि को मन में अधिक देर तक नहीं रखते। ‘माता का अँचल’ पाठ के आधार पर इस कथन पर उदाहरण सहित अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘माता का अँचल’ पाठ में भोलानाथ और उसके मित्र बाग में बिच्छू को देखकर डर गए और भागकर आ रहे थे कि रास्ते में उन्हें मूसन तिवारी नामक एक व्यक्ति मिल गया। मोलानाथ का मित्र बैजू उन्हें चिढ़ाकर बोला-‘ बढढ़ा बेईमान लागे करैला का चोखा। उसकी मित्र मंडली ने भी उसका साथ दिया और उन्हें चिढ़ाने लगे। इस पर मूसन तिवारी ने उन्हें पकड़ने के लिए चार लड़कों को भेजा। बैजू तो वहाँ से भाग गया, किंतु भोलानाथ पकड़ा गया। पाठशाला के गुरुजी ने भोलानाथ को बहुत डाँटा। जब यह बात उसके पिता को पता चली तो वे उसे पाठशाला से लेने गए। पिता को देखकर भोलानाथ जोर-जोर से रोने लगा, परंतु रास्ते में घर जाते समय पुन: अपनी मित्र मंडली देखकर वह अपना रोना-थोना तथा पीड़ा को भूलकर उनमें जा मिला। इस घटना से स्पष्ट होता है कि बच्चे रोना-चोना, पीड़ा, आपसी झगड़े ज्यादा देर तक अपने साथ नहीं रख सकते हैं।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए।
(क) सिनेमा का समाज पर प्रभाव
संकेत बिंदु
- भूमिका
- सिनेमा एवं व्यवसाय के मध्य संबंध
उत्तर :
सिनेमा का समाज पर प्रभाद
सिनेमा आधुनिक युग में विज्ञान का मुख्य आविष्कार है। सिनेमा जनसंचार एवं मनोरंजन का एक लोकप्रिय माध्यम है। समाज के प्रत्येक आयु वर्ग में इसके प्रति उत्तुकता रहती है। विज्ञान के इस महत्वपूर्ण आविष्कार की पहुँच आज घर-घर में है। कम खर्च में मनोरंजन करने में समर्थ चलचित्र जीवन की आवश्यकता बन गया है। हालॉंकि पिछले कुछ दशकों से भारतीय समाज में राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक भ्रष्टाचार में वृद्धि हुई है। इसका प्रभाव इस समय निर्मित सिनेमा पर भी दिखाई पड़ा है।
युवा वर्ग को आकर्षित कर धन कमाने के उद्देश्य से सिनेमा में हिंसात्मक व अनुचित चित्रांकन पर बल दिया जाता है। इसका कुप्रभाव समाज पर भी पड़ता है। प्राय: फिल्मों में यही दिखाया जाता है कि बुरा करने वाले व्यक्ति का अंत में बुरा ही होता है एवं अध्छाई की जीत होती है। सिनेमा के माध्यम से समाज को ज्ञान, मनोरंजन जैसे साधन प्राप्त हुए, वहीं बोलने वाले सिनेमा ने अच्छे नायकों, शास्त्रीय संगीत वादकों को अपनी ओर आकृष्ट किया। इसके फलस्वरूप सुपसिद्ध गायक और वादक सिनेमा में कार्य करने लगे और सिनेमा की प्रतिष्ठा बढ़ने लगी। लोगों को अपने कला-कौशलों को दिखाने का अवसर मिला।
भारत की फिल्मों के बारे में यह भी कहा जाता है कि ये फिल्में प्रायः प्रेम-कहानियों पर आधारित होती हैं। यह सही है, परंतु पिछले कुछ वर्षों में आधुनिक भारतीय-फिल्मकारों ने नो बन किल्ड जेसिका, पीपली लाइव, आर्टिकल 15 ऐसी अनेक सार्थक फिल्मों का भी निर्माण किया है। ऐसी फिल्मों का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है एवं लोग सिनेमा से शिक्षा ग्रहण कर समाज सुधार के लिए कटिबद्ध होते हैं।
(ख) विद्यालयों की जिम्मेदारी-बेहतर नागरिक बोध संकेत बिंदु
- भूमिका
- राष्ट्र और समाज के प्रति उत्तरदायित्व
- आधुनिक समय में सिनेमा की भूमिका
- सार्थक फिल्मों की आवश्यकता
- व्यक्तित्व निर्माण में विद्यालय का स्थान
- नागरिक अधिकारों व कर्त्तव्यों का बोध
उत्तर :
विद्यालयों की जिम्मेदारी-वेहतर नागरिक वोध
विद्यालय, बालकों को घर तथा संसार से जोड़ने का कार्य करते हैं। व्यक्तित्व का सामंजस्यपूर्ण विकास करने में विद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान है। विद्यालय में समाज के आदर्शों, विचारधाराओं का प्रचार होता है तथा शिक्षित नागरिकों के निर्माण में योगदान देता है। बच्चे के व्यक्तित्व का निर्माण करने में विद्यालय का महत्त्वपूर्ण स्थान है। विद्यालय एक ऐसा स्थान है, जहां पर प्रत्येक समुदाय से बच्चे आते हैं और औपचारिक शिक्षा ग्रहण करते हैं, जिससे वो अपने समुदाय की संस्कृति और कार्य को सीखते हैं। इससे न केवल बच्चे सीखते हैं अपितु उनका व्यक्तित्व निर्माण भी भली-भाँति होता है। विद्यार्थी जीवन किसी भी व्यक्ति के जीवन का सबसे महत्त्वपूर्ण समय होता है।
इस समय में ग्रहण किए गए संस्कार या सीखी हुई बातें हमारा भविष्य निर्धारित करती हैं, इसलिए यह आवश्यक है कि बालक विद्यार्थी जीवन से ही देश के प्रति अपने कर्त्वव्य समझें। शुरू से ही राष्ट्र व समाज के प्रति उत्तरदायित्व का बोध कराने से छात्र का जीवन इस प्रकार ढल सकेगा कि राष्ट्र के प्रति उसके जो कर्तव्य हैं, वह उन्हे पूरा करने में सक्षम होगा। विद्यालयों का सबसे महत्व्वपूर्ण कार्य छात्रों में राष्ट्र व समाज के प्रति उत्तरदायित्व की भावना का विकास करना है। विद्यार्थियों में देश के प्रति शक्तिबोध तथा सौंदर्यबोध बदाना है। विद्यार्थियों को राष्ट्र व समाज का सदैव स्मरण करते रहने से ही उनमें नागरिक बोध की भावना का विकास कर सकते हैं।
विद्यार्थियों को अपनी दैनिक दिनचर्या का एक निश्चित समय देश की सेवा के लिए निर्धारित करना चाहिए। आज के विद्यार्थी कल के होने वाले नागरिक होते हैं, इसलिए उनके राष्ट्र के प्रति कुछ अधिकार और कर्त्त्य होते हैं। देश में रहने वाले प्रत्येक नागरिक को अपने अधिकारों व कर्तव्यों का बोध होना आवश्यक है। प्रत्येक विद्यार्थी को यह समझना चाहिए कि हमारा राष्ट्र भी हमारा परिवार है, एक बड़ा परिवार। किसी भी नागरिक का समाज और राष्ट्र से बंधन उसके अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों से मिलकर ही सशक्त बनता है। अधिकार और कर्त्त्य दोनों एक ही सिक्के के दो भाग हैं, जो साथ-साथ चलते हैं। अंततः कहा जा सकता है कि मनुष्य में देश व समाज के प्रति नागरिक बोध की भावना का विकास बचपन से ही किया जाना चाहिए और यह विद्यालयों के द्वारा ही संभव है
(ग) मीडिया का वर्चस्व
संकेत बिंदु
- भूमिका
- मीडिया के प्रशंसनीय कार्य
- मीडिया की उपयोगिता
- रोजगार के अवसर
उत्तर :
मीडिया का वर्चस्व
आज मास मीडिया विशेष रूप से सदृश्य मीडिया समाज के बीच जागरूकता का वातावरण बनाने में निर्णायक भूमिका निभा रही है। दृश्य मीडिया के झान व जानकारी से दर्शकों के मन पर तेज़ी से और लंबे समय तक प्रभाव पड़ता है। मीडिया के द्वारा सभी घटनाओं से दर्शकों को अवगत करवाया जाता है। मीडिया सूचनाओं को अति तीव्र गति से लोगों को सुलम कराने में सहायक है। मीडिया सामाजिक चेतना को जागरूक करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अ्रष्टाचार, महँगाई, आतंकवाद, नक्सलवाद, चोरी, डकैती, बलात्कार, बाढ़, सूखा, भूकंप इत्यादि समस्याओं को मीडिया ही जनता के समक्ष लाती है। मीडिया के कारण ही अन्ना का लोकपाल बिल सफल हुआ तथा मीडिया के द्वारा ही 2 -जी स्पेक्ट्रम जैसे मामलों में उच्च घरानों के व्यक्तियों के नाम सामने आए।
इस प्रकार मीडिया का उददेश्य सामाजिक चेतना को और अधिक जागरूक करना है। मीडिया बाद़, भूकंपग्रस्त आदि क्षेत्रों पर पहुँचकर वहाँ की जानकारी देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। मीडिया अंधविश्वास, अंधश्रद्धा को हमारे समक्ष लाती है तथा स्वयं को धर्म का ठेकेदार कहे जाने वाले व्यक्तियों के असली चेहरे को दिखाती है। मीडिया जीवन के प्रत्येक पहलू से लोगों को परिथित करवाती है, चाहे वह धार्मिक हो, सांस्कृतिक हो अथवा कोई मी क्षेत्र हो। मीडिया ने लोगों को उनके अधिकार दिलाने में बहुत अधिक सहायता की है। लोगों को न्याय दिलाने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। किसी भी व्यक्ति के साथ हो रहे अन्याय को समाज के समक्ष लाने में मीडिया ने प्रशंसनीय कार्य किए हैं। सोशल मीडिया साइबर-बुलिंग को बढ़ावा देता है। यह फेक्क न्यूज और हेट स्पीच फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सोशल मीडिया पर गोपनीयता की कमी होती है और निजी डाटा चोरी होने का खतरा रहता है। साइबर अपराधों; जैसे-हैकिंग और फिशिंग आदि का खतरा भी बढ़ जाता है। मीडिया से लोगों को रोज़गार के अवसर भी प्राप्त हुए हैं। कार्टून के माध्यम से समाचार दिखाकर मीडिया जनता का मनोरंजन करने के साथ-साथ ज्ञान में वृद्धि भी करती है। बस्तुतः मीडिया को समाज में जागरूकता उत्पन्न करने के एक साधन के रूप में देखा जा सकता है, जो लोगों को सही व गलत कार्य करने की दिशा में एक प्रेरक का कार्य करती है, इसलिए मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा गया है।
प्रश्न 15.
किसी एक विशय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।
आप श्वेता तिवारी हैं। आपके शहर में बढ़ते मद्यपान के आंदोलन की शुरुआत करने के लिए दैनिक जागरण अ ब स नगर के संपादक को एक समाचार प्रकाशित करने का अनुरोध करते हुए लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।
अथवा
आप गौरव सिह हैं। आपको विद्यालय की ओर से खेल प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए मुंबई भेजा गया। खेल प्रतियोगिता के अपने अनुभव को बताते हुए अपने मित्र को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।
उत्तर :
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 17 मार्च, 20XX
सेवा में,
प्रधान संपादक
हिंदुस्तान,
नई दिल्ली।
विषय मद्यपान के विरुद्ध आंदोलन शुरू करने हेतु।
महोदय.
मैं आपके समाचार-पत्र की नियमित पाठिका हूँ। मुझे भली-भांति पता है कि आपका समाचार-पत्र सामाजिक दायित्व का सफलतापूर्वक निर्वाह कर रहा है, इसलिए में आपसे आग्रह करती हूँ कि आप अपने प्रतिष्ठित एवं लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से मध्धपान के विरुद्ध आंदोलन की शुरुआत करें। इससे मद्यपान के विरुद्ध जनमत जागृत करने में अत्यधिक सहायता मिलेगी। इस सामाजिक समस्या के विरुद्ध वातावरण बनाने की आवश्यकता है, ताकि इसका उन्मूलन किया जा सके। आशा है कि आप मेरे विचारों से सहमत होंगे और इस दिशा में यथासंभव प्रयास करेंगे।
सधन्यवाद।
भवदीया
श्वेता तिवारी
अथवा
परीक्षा भवन,
दिल्ली!
दिनांक 16 मार्च, 20XX
प्रिय मित्र,
सपेम नमस्ते!
आशा है तुम कुशलपूर्वक होंगे। हम सब भी यहाँ पर कुशलतापूर्वक हैं। मैंने अपने विद्यालय की ओर से खेल प्रतियोगिता में भाग लिया था। इस खुशी और प्रतियोगिता के अनुभवों को तुम्हें बताना चाहता हूँ। हमारे विद्यालय की ओर से मेरे सहित पाँच विद्यार्थियों का चयन मुंबई में होने वाली बेसबोल राष्ट्रीय स्पर्द्धा के लिए किया गया। हम पाँचों खिलाड़ियों ने एक सप्ताह पहले मुंबई के लिए प्रस्थान किया। आयोजित स्थान पर अलग-अलग विद्यालयों के छात्र उपस्थित थे। हमारे साथ हमारे कोच भी थे। बेसबॉल की खेल प्रतियोगिता में हमने जी-जान लगाकर खेला और हम स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे। हम सभी खिलाड़ी बहुत खुश थे। खेल प्रतियोगिता के बाद हमने मुंबई के अनेक स्थानों का भ्रमण किया। यह सात दिन हमारे लिए बहुत सुखद थे। वहाँ खींचे गए फ़ोटो मैं तुम्हें मिलने पर अवश्य दिखाऊँगा।
तुम्हारा प्रिय मित्र
गौरव सिंह
प्रश्न 16.
आप सौरभ शर्मा हैं। आप बी. एड कर चुके हैं। आपको माँ केसर देवी पब्लिक स्कूल अ ब स नगर में अर्थशास्त्र अध्यापक/अध्यापिका पद के लिए आवेदन करना है। इसके लिए आप अपना एक संक्षिप्त स्ववृत्त (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए।
अथवा
आप’ रोहित कुमार हैं। आप अपना बैंक खाता दूसरी शाखा में ट्रांसफर कराना चाहते हैं, इस संदर्भ में बैंक प्रबंधक को 80 शब्दों का ई-मेल लिखिए।
उत्तर :
स्ववृत –
नाम सौरभ शर्मा
पिता का नाम : श्री प्रीतम शर्मा
माता का नाम : श्रीमती सुमन शर्मा
जन्म तिथि : 19 मार्च, 19XX
वर्तमान पता : की-31, साकेत्त (पिलर 21, मेट्रो स्टेशन के पास), दिल्ली।
स्थायी पता : उपर्युक्त
दूरभाष नंबर : 011-546BXX
मोबाइल नंबर : 78XXXXXXXX
ई-मेल [email protected]
शैक्षणिक योग्यताएँ
अन्य संबंधित योग्यताएँ
- कंप्यूटर का विशेष ज्ञान और अभ्यास (एम.एस. ऑंफिस, एक्सेल, इंटरनेट)
- अंग्रेजी भाषा का ज्ञान
उपलव्धियाँ
- सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता (राज्य-स्तरीय वर्ष 2015) में प्रथम पुरस्कार।
- सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता (राष्ट्रीय स्तर वर्ष 2016) प्रथम पुरस्कार।
कार्येत्तर गतिविचियाँ और अभिरुचियाँ
- सांखियकी विभाग (राज्य सरकार) में तीन माह की जनगणना के आँकड़ों को एकत्र करने तथा उनका विश्लेषण करने से संबंधित प्रोजेक्ट किया।
- सामान्य ज्ञान से संबंधित पत्रिकाओं का नियमित पाठन किया।
- सामान्य पत्र का नियमित पाठन किया।
संदर्भित व्यक्तियों का विवरण
- श्री हरिओम शर्मा, प्रिंसिपल, राजकीय विद्यालय, साकेत
- श्री मोहन गुप्ता, प्रोफेसर, एच.एस.सी. कॉलेज, दिल्ली
तिथि : 6 अक्टूबर, 20XX
स्थान : दिल्ली
हस्ताक्षर
सौररभ शर्मा
अथवा
प्रश्न 17.
आपके भाई ने एक कार ड्राइविंग सेंटर खोला है। वे प्रचार-प्रसार के लिए स्थानीय समाचार-पत्र में उसका विज्ञापन देना चाहते हैं। आप उनके लिए लगभग 40 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।
अथवा
आप शिल्पा जैन हैं और आपके शहर में दीपावली के अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद की सेल लगाई जा रही है, जिसके लिए अपने क्षेत्रवासियों को सूचित करने हेतु लगभग 40 शब्दों में एक संदेश लिखिए।
उत्तर :
अथवा
धमाका सेल संबंधी संदेश
अभिजीत इलेक्ट्रॉनिक शॉप
दिनांक : 18 नवंबर, 20XX
समय : 2:00 बजे दोपहर
आप सभी क्षेत्रवासियों को सूचित किया जाता है कि दीपावली के शुभ अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद मोबाइल, टी.वी., फ्रिज, वॉशिंग मशीन आदि की धमाका सेल (20 नवंबर से 23 नवंबर तक)। सभी उत्पाद विभिन्न रंगों व डिजाइनों में उपलब्ध हैं। फ्री होम डिलीवरी की सुविधा भी उपलब्ध है। इसके साथ ही HDFC Bank के क्रेडिट, डेबिट कार्ड पर $10 \%$ का इंस्टैंट डिस्काउण्ट भी दिया जा रहा है। जल्दी कीजिए ऑफर सीमित समय के लिए उपलब्ध है।
शिल्पा जैन