परीक्षा NCERT Class 6 Hindi Chapter 10 Extra Question Answer
Class 6 Hindi Chapter 10 Extra Questions परीक्षा अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
सुजानसिंह ने कितने वर्षों तक रियासत की सेवा की ?
उत्तर:
सुजानसिंह ने 40 वर्षों तक रियासत की सेवा की।
प्रश्न 2.
राजा ने किस शर्त पर दीवान का त्यागपत्र स्वीकार करना तय किया?
उत्तर:
राजा ने कहा दीवान जी आप एक ही शर्त पर पद से त्यागपत्र दे सकते हैं कि आप राज्य के लिए अपने जैसा होनहार दीवान खोज कर दें।
प्रश्न 3.
उम्मीदवारों ने कौन-सा खेल खेलने का प्रस्ताव रखा?
उत्तर:
उम्मीदवारों ने हॉकी खेलने का प्रस्ताव रखा।
प्रश्न 4.
उम्मीदवारों को पद के लिए किसका बंधन नहीं था ?
उत्तर:
उम्मीदवारों को पद के लिए सनद का बंधन नहीं था।
प्रश्न 5.
पढ़े-लिखे लोग प्रायः कौन-सा खेल खेलते थे?
उत्तर:
पढ़े-लिखे लोग शतरंज और ताश जैसे गंभीर खेल खेलते थे।
Class 6 Hindi Chapter 10 Extra Question Answer परीक्षा लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
दीवान जी ने किन्हें दीवान पद के लिए नामांकन करने से मना किया? और क्यों?
उत्तर:
दीवान जी ने मंदाग्नि अर्थात् कमजोर व्यक्ति को इस पद के लिए मना किया क्योंकि दीवान का पद बहुत ही महत्वपूर्ण पद था इसके लिए स्वस्थ व्यक्ति की आवश्यकता थी।
प्रश्न 2.
मिस्टर ‘अ’ किस तरह का उम्मीदवार था ?
उत्तर:
मिस्टर ‘अ’ एक चालाक उम्मीदवार था। वे अपने घर में नौ बजे तक सोया करता था। परंतु यहाँ दिखावे के लिए सूरज की पहली किरण के साथ उठने लगा था।
प्रश्न 3.
मिस्टर ‘ल’ को किससे घृणा थी?
उत्तर:
मिस्टर ‘ल’ को किताबों से घृणा थी परंतु यहाँ पर वो दिखावटी व्यवहार कर रहा था। वो अब बड़े-बड़े ग्रंथ देखने-पढ़ने में डूबा रहता था।
प्रश्न 4.
खेलने के बाद घर लौटते समय युवक ने क्या देखा?
उत्तर:
घर लौटते समय युवक ने देखा कि एक लाचार किसान अनाज से भरी बैलगाड़ी को नाले से निकालने का भरसक प्रयास कर रहा है परंतु वो नाकाम रहा।
प्रश्न 5.
खेल के बाद उम्मीदवारों की क्या हालत थी?
उत्तर:
खेल के बाद उम्मीदवार पसीने से तर हो गए थे। खून की गरमी आँख और चेहरे से झलक रही थी और वे हाँफते – हाँफते बेदम हो गए थे।
Class 6 Hindi Chapter 10 Extra Questions परीक्षा दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
जब दीवान पद के उचित उम्मीदवार की घोषणा होनी थी। उस समय राज दरबार का माहौल कैसा था ?
उत्तर:
संध्या समय राजा साहब का दरबार सजाया गया। शहर के रईस और धनाढ्य लोग, राज्य के कर्मचारी और दरबारी तथा दीवानी के उम्मीदवारों का समूह, सब रंग-बिरंगी सज-धज बनाए दरबार में आ विराजे ! उम्मीदवारों के कलेजे धड़क रहे थे।
प्रश्न 2.
सुजानसिंह ने पंडित जानकीनाथ को दीवान पद के चयन का क्या कारण बताया?
उत्तर:
सुजानसिंह ने बताया कि किस प्रकार पंडित जानकीनाथ ने घायल होने के बाद भी अपनी परवाह ना करके गरीब, लाचार किसान की मदद की और अपने पूरे बल से उसकी बैलगाड़ी नाले से बाहर निकाल दी। सुजानसिंह ने कहा कि ऐसा इंसान कभी गरीबों को नहीं सताएगा और हमेशा धर्म तथा दया के मार्ग पर चलेगा।
Class 6 Hindi Chapter 10 Extra Question Answer परीक्षा मूल्यपरक / व्यावहारिक प्रश्न
प्रश्न.
प्रस्तुत पाठ जीवन के कौन से शाश्वत मूल्यों को परिभाषित करता है? विचार सहित उत्तर दें।
उत्तर:
प्रस्तुत पाठ हमें जीवन के अनेक शाश्वत मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है जो इस प्रकार हैं-
- कर्म का जीवन में विशेष स्थान है जो इंसान कर्म करते हैं उनका भाग्य अपने आप ही बन जाता है।
- मनुष्य का अच्छा आचरण ही उसे संसार में श्रेष्ठ बनाता है।
- मनुष्य को सदैव परोपकार के मार्ग पर चलना चाहिए। ऐसा व्यक्ति न केवल दूसरों का भला करता है अपितु अपने गुणों का भी विकास करता है।
- दूसरों की मुसीबत में मदद करना ही मानवता का श्रेष्ठ धर्म है।
- निस्वार्थ भाव से की गई सेवा का फल आपका भाग्य बदल देता है।
- ईमानदारी के साथ कर्तव्य पथ पर बढ़ने से सफलता मिलती है।
Class 6 Hindi Chapter 10 Extra Questions अर्थग्रहण संबंधी एवं बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
[1]
दूसरे दिन देश के प्रसिद्ध पत्रों में यह विज्ञापन निकला कि देवगढ़ के लिए एक सुयोग्य दीवान की ज़रूरत है। जो सज्जन अपने को इस पद के योग्य समझें, वे वर्तमान सरकार सुजानसिंह की सेवा में उपस्थित हों। यह ज़रूरी नहीं है कि वे ग्रेजुएट हों, मगर हृष्ट-पुष्ट होना आवश्यक है, मंदाग्नि के मरीज को यहाँ तक कष्ट उठाने की कोई ज़रूरत नहीं। एक महीने तक उम्मीदवारों के रहन-सहन, आचार-विचार की देखभाल की जाएगी। विद्या का कम, परंतु कर्तव्य का अधिक विचार किया जायेगा। जो महाशय इस परीक्षा में पूरे उतरेंगे, वे इस उच्च पद पर सुशोभित होंगे। (पृष्ठ 106)
प्रश्न-
(क) देवगढ़ में किस बात के लिए विज्ञापन निकाला गया था?
उत्तर:
देवगढ़ में सुयोग्य दीवान के चयन के लिए विज्ञापन निकाला गया था।
(ख) उम्मीदवारों की किस बात पर विचार किया जाना था?
उत्तर:
उम्मीदवारों की विद्या कम, परंतु कर्तव्य पर अधिक विचार किया जाना था।
(ग) उम्मीदवारों के लिए क्या जरूरी नहीं और क्या जरूरी था?
उत्तर:
उम्मीदवारों के लिए ग्रेजुएट होना जरूरी नहीं था । परंतु हृष्ट-पुष्ट होना आवश्यक था।
(घ) ‘मंदाग्नि’ का अर्थ है?
(i) मंद अग्नि
(ii) मंद बुद्धि
(iii) कमजोर व्यक्ति
(iv) नशीला
उत्तर:
(iii) कमजोर व्यक्ति
(ङ) ‘उम्मीदवार का चयन किसने करना था ?
(i) राजा ने
(ii) पूर्व दीवान ने
(iii) अधिकारी ने
(iv) प्रजा ने
उत्तर:
(ii) पूर्व दीवान ने
[2]
इस विज्ञापन ने सारे मुल्क में तहलका मचा दिया । ऐसा ऊँचा पद और किसी प्रकार की कैद नहीं? केवल नसीब का खेल है। सैकड़ों आदमी अपना-अपना भाग्य परखने के लिए चल खड़े हुए। देवगढ़ में नए-नए और रंग-बिरंगे मनुष्य दिखाई देने लगे। प्रत्येक रेलगाड़ी से उम्मीदवारों का एक मेला सा उतरता। कोई पंजाब से चला आता था, कोई मद्रास से, कोई नए फैशन का प्रेमी, कोई पुरानी सादगी पर मिटा हुआ । रंगीन एमामे, चोगे और नाना प्रकार के अंगरखे और कंटोप देवगढ़ में अपनी सज-धज दिखाने लगे। लेकिन सबसे विशेष संख्या ग्रेजुएटों की थी, क्योंकि सनद की कैद न होने पर भी सनद से परदा तो ढका रहता है। (पृष्ठ 106)
प्रश्न-
(क) ‘सनद की कैद न होने पर भी सनद से परदा तो ढका रहता है।’- पंक्ति का क्या आशय है ?
उत्तर:
इस पंक्ति का आशय यह है कि शिक्षा का प्रमाण-पत्र एक ऐसी चीज़ है जो मनुष्य की अन्य कमियों को ढक देती है।
(ख) देवगढ़ में क्या दिखाई देने लगा था ?
उत्तर:
देवगढ़ में नए-नए और रंग-बिरंगे मनुष्य दिखाई देने लगे। प्रत्येक रेलगाड़ी से उम्मीदवारों का एक मेला – सा उतरता।
(ग) देवगढ़ में आए लोगों की वेशभूषा कैसी थी?
उत्तर:
कोई नए फैशन का प्रेमी, कोई पुरानी सादगी पर मिटा हुआ। रंगीन एमामे, चोगे और नाना प्रकार के अंगरखे तथा कंटोप पहने हुए लोग दिखाई दे रहे थे।
(घ) विज्ञापन के बाद मुल्क में कैसा माहौल था ?
(i) शांत
(ii) सामान्य
(iii) भयपूर्ण
(iv) हलचल वाला
उत्तर:
(iv) हलचल वाला
(ङ) ‘सनद’ शब्द का क्या अर्थ है?
(i) भोजन
(ii) प्रमाण
(iii) सनक
(iv) जेल
उत्तर:
(ii) प्रमाण
[3]
रियासत देवगढ़ में यह खेल बिल्कुल निराली बात थी। पढ़े-लिखे भलेमानुस लोग शतरंज और ताश जैसे गंभीर खेल खेलते थे। दौड़-कूद के खेल बच्चों के खेल समझे जाते थे।
खेल बड़े उत्साह से जारी था। धावे के लोग जब गेंद को लेकर तेज़ी से उड़ते तो ऐसा जान पड़ता था कि कोई लहर बढ़ती चली आती है। लेकिन दूसरी ओर के खिलाड़ी इस बढ़ती हुई लहर को इस तरह रोक लेते थे कि मानो लोहे की दीवार है।
संध्या तक यही धूमधाम रही। लोग पसीने से तर हो गए। खून की गरमी आँख और चेहरे से झलक रही थी। हाँफते – हाँफते बेदम हो गए, लेकिन हार-जीत का निर्णय न हो सका। (पृष्ठ 107-108)
प्रश्न-
(क) खेल में हार-जीत का निर्णय क्यों नहीं हो सका?
उत्तर:
खेल में दोनों टीमों के सदस्यों ने अच्छा. खेला संध्या होने तक भी कोई एक-दूसरे को हरा नहीं पाया; इसलिए हार-जीत का निर्णय नहीं हो पाया।
(ख) दूसरी टीम गेंद को किस प्रकार रोकती थी ?
उत्तर:
दूसरी टीम गेंद को लेकर बढ़ती हुई लोगों की लहर को ऐसे रोक लेती थी मानो लोहे की दीवार हो ।
(ग) पढ़े-लिखे लोग प्राय: कैसे खेल खेलते थे?
उत्तर:
पढ़े-लिखे लोग शतरंज और ताश जैसे गंभीर खेल खेलते थे।
(घ) गेंद को लेकर तेजी से भागते लोग किसकी तरह दिखते थे?
(i) लहर
(ii) भीड़
(iii) दीवार
(iv) हवा
उत्तर:
(i) लहर
(ङ) हाँफते – हाँफते बेदम होने का अर्थ है-
(i) हार जाना
(ii) बुरी तरह थकना
(iii) मर जाना
(iv) गिरना
उत्तर:
(ii) बुरी तरह थकना
[4]
किसान युवक के सामने हाथ जोड़कर खड़ा हो गया। बोला, “महाराज, आपने आज मुझे उबार लिया, नहीं तो सारी रात मुझे यहाँ बैठना पड़ता । “
युवक ने हँसकर कहा, “अब मुझे कुछ इनाम देते हो?” किसान ने गंभीर भाव से कहा, “नारायण चाहेंगे तो दीवानी आपको ही मिलेगी। “
युवक ने किसान की तरफ़ गौर से देखा। उसके मन में एक संदेह हुआ, क्या यह सुजानसिंह तो नहीं हैं? आवाज़ मिलती है, चेहरा-मोहरा भी वही। किसान ने भी उसकी ओर तीव्र दृष्टि से देखा । शायद उसके दिल के संदेह को भाँप गया। मुस्कराकर बोला, “गहरे पानी में पैठने से ही मोती मिलता है। ” (पृष्ठ 109 )
प्रश्न-
(क) युवक को किसान पर संदेह क्यों हुआ ?
उत्तर:
युवक को किसान की आवाज और चेहरा-मोहरा सुजानसिंह की तरह लगा ।
(ख) युवक के इनाम माँगने पर किसान ने क्या कहा?
उत्तर:
युवक के इनाम माँगने पर किसान ने कहा कि- ‘नारायण चाहेंगे तो दीवानी आपको ही मिलेगी।
(ग) किसान ने युवक का धन्यवाद करते हुए क्या कहा?
उत्तर:
किसान ने युवक का धन्यवाद करते हुए कहा – ‘महाराज, आपने आज मुझे उबार लिया, नहीं तो सारी रात मुझे यहाँ बैठना पड़ता ‘ ।
(घ) ‘गहरे पानी में पैठने से मोती मिलता है’-का आशय है-
(i) समुद्र की गहराई में मोती मिलता है।
(ii) गहरे पानी में जाना चाहिए।
(iii) मेहनत से सफलता मिलती है।
(iv) पानी का मोती कीमती होता है।
उत्तर:
(iii) मेहनत से सफलता मिलती है।
(ङ) युवक को किसान की आवाज किसकी तरह लगी?
(i) मित्र की तरह
(ii) सुजानसिंह की तरह
(iii) राजा की तरह
(iv) अपने पिता की तरह
उत्तर:
(ii) सुजानसिंह की तरह ।
[5]
जब सरदार सुजानसिंह ने खड़े होकर कहा, “मेरे दीवानी के उम्मीदवार महाशयो ! मैंने आप लोगों को जो कष्ट दिया है, उसके लिए मुझे क्षमा कीजिए। इस पद के लिए ऐसे पुरुष की आवश्यकता थी, जिसके हृदय में दया हो और साथ- साथ आत्मबल । हृदय वह जो उदार हो, आत्मबल वह जो आपत्ति का वीरता के साथ सामना करे और इस रियासत के सौभाग्य से हमें ऐसा पुरुष मिल गया । ऐसे गुणवाले संसार में कम हैं और जो हैं, वे कीर्ति और मान के शिखर पर बैठे हुए हैं, उन तक हमारी पहुँच नहीं । मैं रियासत के पंडित जानकीनाथ – सा को दीवानी पाने पर बधाई देता हूँ।”
प्रश्न-
(क) सुजानसिंह ने उम्मीदवार का नाम बताते हुए क्या कहा?
उत्तर:
सुजानसिंह ने उम्मीदवार का नाम बताते हुए कहा – ” मैं रियासत के पंडित जानकीनाथ – सा को दीवानी पाने पर बधाई देता हूँ।”
(ख) दीवान पद के लिए कैसे पुरुष की आवश्यकता थी?
उत्तर:
दीवान पद के लिए ऐसे पुरुष की आवश्यकता थी जो उदार हो, जिसके हृदय में दया हो और उसका आत्मबल मजबूत हो।
(ग) सुजानसिंह ने उम्मीदवारों से क्या कहा ?
उत्तर:
सुजानसिंह ने उम्मीदवारों से कहा- “मेरे दीवानी के उम्मीदवार महाशयो! मैंने आप लोगों को जो कष्ट दिया है, उसके लिए मुझे क्षमा कीजिए ।
(घ) गुणवान व्यक्ति कहाँ बैठते हैं?
(i) सिंहासन पर
(ii) मंदिरों में
(iii) जंगलों में
(iv) कीर्ति और मान के शिखर पर
उत्तर:
(iv) कीर्ति और मान के शिखर पर
(ङ) ‘कीर्ति’ का पर्यायवाची निम्न में से कौन-सा है ?
(i) यश
(ii) अपमान
(iii) सुंदर
(iv) ऊँचाई
उत्तर:
(i) यश
परीक्षोपयोगी अन्य आवश्यक प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
देवगढ़ रियासत के दीवान ने महाराज से क्या प्रार्थना की और क्यों?
उत्तरः
देवगढ़ रियासत के दीवान सरदार सुजानसिंह ने बूढ़े होने पर महाराज से यह प्रार्थना कि अब मुझे दीवानी के पद से मुक्त कर दिया जाए क्योंकि अब वे बूढ़े हो गए हैं और काम-काज संभालने में असमर्थ हो रहे हैं। बुढ़ापे में कहीं उनकी नेकनाम मिट्टी में न मिल जाए।
प्रश्न 2.
राजा साहब ने सुजानसिंह की बात सुनकर क्या कहा?
उत्तरः
राजा साहब ने सुजानसिंह की प्रार्थना सुुकर कहा कि हम तुम्हारी प्रार्थना तो स्वीकार कर लेंगे, पर रियासत का नया दीवान चुनकर देने की जिम्मेदारी आप पर ही डालते हैं।
प्रश्न 3.
सरदार सुजानसिंह ने नया दीवान चुनने के लिए क्या तरीका अपनाया?
उत्तरः
सरदार सुजानसिंह ने अखबारों में एक विज्ञापन छपवाया कि राज्य को एक नए दीवान की आवश्यकता है। उम्मीदवारों में जिन योग्यताओं का उल्लेख किया गया था वे थीं :
इस पद के लिए ऐसे पुरूष की आवश्यकता है जिसके हृदय में दया हो, साथ ही आत्मबल भी हो। उसका हृदय उदार होना चाहिए। तथा उसे आपत्ति के समय वीरता से सामना करने का गुण भी होना चाहिए। भले ही वह ग्रेजुएट न हो।
इसके प्रत्युत्तर में अनेक व्यक्ति आए। उनको देवगढ़ में आदर-सत्कार के साथ ठहराया गया तथा एक महीने तक उनके आचार-व्यवहार की बारीकी से जाँच की गई।
प्रश्न 4.
क्या सरदार सुजानसिंह अपने उद्देश्य में सफल हो सके? यदि हाँ तो कैसे?
उत्तर:
हाँ, सरदार सुजानसिंह रियासत के लिए उपयुक्त दीवान खोजने के अपने उद्देश्य में पूरी तरह से सफल हो सके। एक दिन हॉकी मैच का आयोजन हुआ। शाम के समय जब खेल बंद हुआ, तब सुजानसिंह एक किसान का रूप धारण करके मैच-स्थल के निकट एक गाड़ी लेकर आए। उन्होंने गाड़ी को नाले में फँसा दिया। खिलाड़ी एक-एक करके वहाँ से गुजर रहे थे।
अधिकांश खिलाड़ियों ने उस किसान की समस्या को अनदेखा किया, पर एक युवक ने कीचड़ में धँसकर भी किसान की मदद करके गाड़ी को नाले से बाहर निकलवा दिया। सुजानसिंह को दीवान पद के लिए एक ऐसा दयालु व्यक्ति मिल गया जो दयालु था। जिसने जख्मी होकर भी एक गरीब किसान की मदद करके अपने हृदय के साहस और आत्मबल का परिचय दे दिया था। यह युवक था-जानकीदास। इसे ही रियासत का नया दीवान घोधित किया गया।
प्रश्न 5.
क्या आप सुजानसिंह द्वारा चुने गए व्यक्ति को रियासत का उपयुक्त दीवान मानते हैं? यदि हाँ तो क्यों?
उत्तर:
‘हाँ’, हम सुजानसिंह द्वारा चुने गए व्यक्ति पं. जानकीनाथ को रियासत का उपयुक्त दीवान मानते हैं। इसका कारण यह है-पंडित जानकीनाथ कै हुदय में वे सभी गुण विद्यमान थे जो इस पद के लिए अपेक्षित थे। उनमें दया की भावना थी, उनमें गरीबों के प्रति हमदर्दी थी, उनमें साहस के साथ आत्मबल भी था। उनमें दिखावे की प्रवृत्ति बिल्कुल नहीं थी।
प्रश्न 6.
सुजानसिंह ने जानकीनाथ के समर्थन में क्या बात कही?
उत्तरः
सुजानसिंह ने पं. जानकीनाथ के समर्थन में यह कहा- “आप लोगों को यह स्वीकार करने में कोई आपत्ति न होगी कि जो पुरुष स्वयं जख्मी होकर भी एक गरीब कि सान की भरी हुई गाड़ी को दलदल से निकालकर नाले के ऊपर चढ़ा दे उसके हृद्य में साहस, आत्मबल और उदारता का वास है। ऐसा आदमी गरीबों को कभी न सतावेगा। उसका संकल्प दृढ़ है, जो उसके चित्त को स्थिर रखेगा। वह चाहे धोखा खा जाए, परंतु दया और धर्म से कभी न हटेगा।”
भाषा की बात
1. संज्ञा भेद बताइए-
- सुजानसिंह – …………………..
- महाराज – …………………..
- बुढ़ापा – …………………..
- किसान – …………………..
- गाड़ी – …………………..
- दीवान – …………………..
- उत्साह – …………………..
- चढ़ाई – …………………..
- अदमी – …………………..
- मोती – …………………..
2. वाक्य बनाइए-
- दाग लगना – …………………..
- तहलका मचना – …………………..
- उबार लेना – …………………..
3. अंग्रेजी के शब्द-
- फील्ड – …………………..
- अप्रेंटिस – …………………..
- हॉकी – …………………..
आप भी पाठ से उर्दू के शब्द छाँटकर लिखिए।
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………………………… ……………………………………. ………………………………
4. बताओ किसने कहा।
(i) हजूर, मैं आपसे कैसे कहूँ? – …………………..
(ii) अब मुझे क्या इनाम देते हो? – …………………..
(iii) पं. जानकीनाथ को दीवानी पाने पर बधाई देता हूँ। – …………………..
(iv) अब मेरी अवस्था भी ढ़ल गई है। – …………………..
(v) रियासत का नया दीवान आपको ही खोजना पड़ेगा। – …………………..
विज्ञापनों की दुनिया
कुछ करो
1. ‘दतचचमक’ टूथपेस्ट का सचित्र विज्ञापन तैयार कीजिए।
विशेषताएँ
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2. नीलम केशल तेल का विज्ञापन तैयार कीजिए।
विशेषताएँ
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चित्र वर्णन
उपर्युक्त चित्र में आपको जो कुछ दिखाई दे रहा है, उसका वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।